Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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अगले दिन सुबह मालिनी चाय बनाकर राजीव को आवाज़ दी।राजीव बाहर आया । अब वो लूँगी बनियान में था। वो आकर टेबल पर रखी चाय पीने लगा। तभी मालिनी भी अपनी चाय लाकर साथ में बैठी और बोली: तो पापा आज पार्क में कितनी आँटियों को लाइन मारी?

राजीव: आज मैं और मेरे साथ कई आदमी एक औरत को ताड़ रहे थे वो एक तंग पजामी में थी । उसकी मोटी गाँड़ सबको बहुत आकर्षित कर रही थी। अगर तुम्हारी मम्मी को वो पजामी पहना दूँ तो उसकी गाँड़ भी ऐसी ही दिखेगी।

मालिनी हँसकर: आप भी ना मेरी मम्मी के पीछे ही पड़े रहते हो।

राजीव : वो चीज़ ही ऐसी है। वैसे बेटा कल के तुम्हारे शो ने मुझे पागल ही कर दिया। उफफफ तुम्हारी चूचियाँ कितनी सख़्त हैं अनार कि तरह।

मालिनी: आप कल उनको नंगी देख ही लिए।

राजीव: बेटा अब जब एक बार देख और दबा लिया हूँ तो आओ ना अभी अच्छे से दिखा दो और दबवा लो। वह अपना लंड लूँगी के ऊपर से दबाकर बोला।

मालिनी: अच्छा पापा आप एक बात बताओ । कल आपने देखा ना की शिवा मुझे कितना प्यार करते हैं और कितना मज़ा देते हैं । फिर आप ही बोलो किमैं कैसे और क्यों उनको धोका दूँ। आपको पता है परसों जब हम मेरे मायके जा रहे थे तो रास्ते में एक ढाबे में रुके थे। वहाँ एक लड़की शीला मिली थी जो अपने ससुर के साथ आयी थी। उसे मैंने अपने ससुर से चुदवाते हुए देखा।

राजीव की आँखें बड़ी बड़ी हो गयी। वो बोला: सच वाह क्या बात है।

मालिनी हँसकर : पर उसका केस अलग है। उसका पति उसे मज़ा नहीं दे पाता और बाहर भी रहता है। उसका हथियार भी कमज़ोर है। इसलिए वो अपनी ज़रूरत ससुर से पूरी करती है। पर मेरे साथ तो ये सब नहीं है ना। आपने कल देख ही लिया।

राजीव मुँह लटकानेवाली ऐक्टिंग करके: हाँ वो तो है। मेरा बेटा चुदाई में भी मुझपर ही गया है। तो फिर कोई स्कोप नहीं है मेरा।

मालिनी हँसकर उसके पास आकर खड़ी हुई और उसको चूमकर: पापा कोई ना कोई रास्ता निकलेगा। अब तो आप मुझे अच्छे लगने लगे हो।

राजीव ने भी उसके चूतरों को सहलाकर कहा: सच बेटा तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो। फिर उसकी चूचियों को दबाकर बोला: बेटा आज गैनकोलोजिस्ट के पास भी जाना है ना? १२ बजे का टाइम लिया है।

मालिनी अब भी खड़ी हुई अपनी चूचियों को दबवाती हुई बोली: आऽऽऽह पापा अब छोड़ो ना। शिवा को उठाती हूँ।

राजीव : बेटा एक बार बुर को चूम लेने दो ना प्लीज़।

मालिनी: पापा आप एक बार तो कभी चूमते ही नहीं हो। बीसियों बार चूम लेते हो। शिवा के जाने के बाद चूम लेना।

राजीव: अभी एक बार चूम लेने दो प्लीज़ । बाद में अच्छे से चूसूँगा।

मालिनी : आप कहाँ मानोगे। यह कहकर वह अपनी नायटी उठायी और राजीव के सामने उसकी बुर थी। राजीव सोफ़े पर बैठा था और वो उसके सामने खड़ी थी। गोल गोल जाँघों के बीच में उसकी फूली हुई बुर बहुत मस्त दिख रही थी। वो हाथ से जाँघों को सहलाया और फिर बुर के ऊपर भी हाथ फेरा। फिर मस्त होकर आगे को झुका और उसकी बुर को सूँघा। उफफफफ क्या मस्त गंध थी। साबुन और सेक्स की मिली जुली गंध थी। वो उसे कई बार चूमा और फिर जीभ से भी रगड़ा। उधर उसके हाथ उसके गोल गोल नंगे चूतरों को भी दबा रहे थे। मालिनी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पापा अब छोड़ो ना। आपने कई बार चूम ही लिया। आऽऽऽऽहहह । बस करो।

अब राजीव ने उसे घुमाया और उसके चूतरों को चूमने और काटने लगा। फिर उसने चूतरों को फैलाया और गाँड़ के छेद को भी चाटा और बोला: सुबह सुबह कितना साफ़ रखती हो?

मालिनी: जिस लड़की के घर में दो दो हॉर्नी आदमी हो वो अपने ससुर और पति के स्वास्थ्य का ध्यान तो रखेगी ही ना। मैं थोड़े चाहूँगी कि आप दोनों बीमार पड़ो। इसलिए मैं दोनों छेद साफ़ रखती हूँ। पता नहीं कौन क्या चूमने या चाटने लग जाए। हा हा ।

राजीव भी हँसकर उसकी नायटी नीचे करके बोला: जाओ शिवा को चाय दे दो।

मालिनी चाय लेकर शिवा को उठाई और फिर वह भी थोड़ी सी मस्ती किया और फिर तय्यार होकर दुकान चला गया।

मालिनी भी बाई से काम करवाने लगी। राजीव नहाने जाते हुए बोला: बेटा तय्यार हो जाना, डॉक्टर के पास जाना है।

मालिनी नहाकर तय्यार हुई और कमरे से बाहर आयी। उसने साड़ी और लो कट का स्लीव्लेस ब्लाउस पहना था। साड़ी भी नाभि दर्शना थी जो कि उसके चिकने सपाट पेट और गहरी नाभि का दर्शन करा रही थी। आज उसने पैंटी भी पहनी थी वरना चेक अप के दौरान डॉक्टर को पता चल जाता कि वो पैंटी पहनती ही नहीं है।

राजीव भी बाहर आया और उसे देखकर बोला: वाह क्या दिख रही हो बेटा। बहुत प्यारी लग रही हो। पर अभी तो चालीस मिनट है निकलने में।

मालिनी: पापा मुझे कुछ राशन लेना है। पहले समान ले लेंगे फिर डॉक्टर के पास चलेंगे। राजीव अब उसके साथ बाहर निकाला और कार निकालते हुए बोला: बेटा अब तुम्हारा पिछवाड़ा बहुत सेक्सी हो गया है। साड़ी में भी क़यामत नज़र आ रही हो।

मालिनी मुस्करायी और बोली: पापा आप बस मुझे छेड़ने के बहाने ढूँढते हो।

रास्ते भर वो उसकी जाँघ सहलाते हुए कार चला रहा था। दुकान पर आकर दोनों अंदर गए। राजीव : मैं यहीं खड़ा हूँ तुम ले आओ सामान ।

मालिनी जब ट्रॉली में सामान लेकर आयी तो उसने देखा कि राजीव एक आदमी से हँसकर बातें कर रहा था। राजीव ने उसका परिचय कराया : बेटा ये मुकेश जैन अंकल हैं । मेरे दोस्त हैं। और मुकेश ये मेरी बहु मालिनी है।

मुकेश उसको खा जाने वाली निगाहों से देखते हुए बोला: भाई आपकी बहू बहुत प्यारी है। मालिनी ने साफ़ साफ़ देखा कि वो उसकी छातियों को घूर रहा था और उसकी आँखों में वासना भरी हुई थी। तभी एक मालिनी की उम्र की एक लड़की वहाँ आइ और मुकेश से बोली: पापा ये सामान हो गया अब आप कार्ड दो पेमेंट करना है। वह सलवार कुर्ते में बहुत हसीन लग रही थी। और उसका सब कुछ बड़ा बड़ा सा था। राजीव ने देखा कि वो एक थोड़ी सी मोटी लड़की थी।

मुकेश: ये रुचि है मेरी बहु। और रुचि ये मेरे दोस्त राजीव और ये मालिनी उनकी बहु है।

मालिनी और रुचि ने हाथ मिलाया। फिर मुकेश बोला: चलो साथ में एक कोफ़्फ़ी शाप है कोफ़्फ़ी पीते है।

राजीव: यार फिर कभी । आज कुछ काम है। तबतक रुचि और मालिनी ने सेल नम्बर ले लिए थे एक दूसरे के।

फिर वो बाहर आकर कार में बैठे। मालिनी: पापा ये आपके दोस्त अच्छा आदमी नहीं है।

राजीव: अरे क्या हुआ बेटा?

मालिनी: पापा उनकी आँखें वासना से भरी हुई थीं।

राजीव: ओह ऐसा क्या। चलो छोड़ो । हो सकता है कि तुमको ग़लत फ़हमी हो गयी होगी।

मालिनी: पापा हम लड़कियों को सब समझ में आ जाता है कि आदमी कैसा है।

तभी हॉस्पिटल आ गया और दोनों अंदर पहुँचे। राजीव उसे लेकर डॉक्टर के चेंबर में ले गया। वह बाहर बैठे आदमी से बोला: डॉक्टर मैडम हैं ?

आदमी: वो तो आज नहीं आयीं हैं । उनकी तबियत रात को ख़राब हो गयी है।

राजीव: ओह तो कोई दूसरा डॉक्टर नहीं है?

आदमी : हाँ है ना वो सामने वाले चेम्बर में बैठे हैं।

राजीव अंदर गया और थोड़ी देर में बाहर आकर बोला: बहु दूसरा डॉक्टर तो है मगर वह बुज़ुर्ग आदमी है। उसे दिखाओगी क्या?

मालिनी: पापा आदमी को दिखाने में शर्म आएगी ना। प्लीज़ वापस चलो आज।

राजीव : बेटा डॉक्टर तो डॉक्टर होता है क्या आदमी और क्या औरत । मेरा ख़याल है इनको दिखा दो। उस मैडम से भी बड़े डॉक्टर है ।फिर मैं तो यही बाहर रहूँगा ही ना।

मालिनी: ठीक है पापा आप बोलते हो तो चली जाती हूँ।

वो अंदर गयी और अंदर डॉक्टर बैठा था जो कि क़रीब ६० साल का था। वो मालिनी को देखकर बोला: आओ बेटी। यहाँ बैठो। बताओ क्या नाम है? उम्र। वो उससे पूछ कर लिखता जा रहा था। फिर बोला: हाँ बोलो क्या तकलीफ़ है?

मालिनी: जी जी तकलीफ़ कोई नहीं है।

डॉक्टर: अरे तो फिर यहाँ क्यों आइ हो बेटी?

मालिनी: जी मेरा मतलब है कि मेरी शादी को ६ महीने हो गए हैं और मैं अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई हूँ।

डॉक्टर हंस कर: सिर्फ़ ६ महीने और प्रेगनेन्सी की बात। बेटी अभी तुमको मौज मस्ती करनी चाहिए। इतनी जल्दी क्या है माँ बनने की।

मालिनी: पर डॉक्टर हम दोनों रोज़ कई बार सेक्स करते है फिर भी मैं अभी तक क्यों प्रेगनेंट नहीं हुई? हम लोग कोई प्रटेक्शन भी नहीं उपयोग नहीं करते।

डॉक्टर: ओह तो क्या हुआ ।तुम लोग प्रयास करते रहो। सब कुछ ठीक हो जाएगा। वैसे अगर तुम चाहो तो मैं चेक अप कर लेता हूँ। चलो वहाँ लेट जाओ।फिर उसने फ़ोन पर एक नर्स बुलाया। क़रीब ४० साल की नर्स आकर मालिनी को बिस्तर पर लिटायी और तभी डॉक्टर आया। अब वो उसके पेट को चेक किया और फिर वहाँ दबाकर बोला: बेटी कहीं दर्द तो नहीं हो रहा है ?

मालिनी: जी नहीं ।

डॉक्टर: चलो नर्स साड़ी उठाओ। वह साड़ी और पेटिकोट उठायी। अब उसकी पैंटी साफ़ दिख रही थी। नर्स उसे कमर ऊपर करने को बोली। मालिनी ने शर्म से आँख बंद की और अपनी कमर उठाई। नर्स ने पैंटी उतारी और अब वो मालिनी की टांगों को घुटनों से मोड़ी और उनको फैला दी। अब डॉक्टर उसकी जाँघों के बीच आ गया और उसने अपने हाथ में ग्लव्ज़ लगाया। और टॉर्च से मालिनी की खुली बुर का निरीक्षण किया। फिर उसने अपनी दो उँगलियों का उपयोग करके उसकी बुर को खोला। अब वो उसके अंदर झाँका और जाँच किया। उसकी गुलाबी बुर की छबी देखकर डॉक्टर भी मस्त हो गया। अब उसने उसके अंदर दो उँगलियाँ डाल दी और अच्छी तरह से चेक अप किया। फिर वो मानो उसकी उँगलियों से चुदाई करने लगा। वो उँगलियाँ अंदर बाहर कर रहा था। नर्स उसे हैरानी से देखी तो वो शांत होकर उँगलियाँ बाहर निकाला। तभी नर्स की निगाह डॉक्टर के पैंट में बने तंबू पर पड़ी। वो हैरान हो गयी कि ये इस उम्र में भी इतना गरम इंसान है? वो नर्स अभी कुछ दिन पहले ही आयी थी इस नौकरी पर और डॉक्टर उसे पता चुका था। तभी मालिनी को नर्स ने उठने का इशारा किया। वो अपनी पैंटी पहनी और कपड़े ठीक की। तभी उसे भी डॉक्टर का उठा हुआ पैंट का हिस्सा दिखाई दिया। वो भी हैरान हो गयी।


डॉक्टर: बेटी तुम्हारी अंदर की जाँच से तो सब ठीक ही लगता है।वो जाकर अपनी कुर्सी में बैठ गया। नर्स उसके पास आकर फुसफुसाई: सर ये क्या हो गया आपको आज? ऐसा ये कभी भी खड़ा नहीं होता ? वो उसकी पैंट की ओर इशारा करके बोली। उधर पार्टिशन की दूसरी तरफ़ कपड़े ठीक करती हुई मालिनी को कुछ बातों की आवाज़ें आयी तो वो कान लगाकर ध्यान से सुनने लगी। उसने नर्स की बात सुन ली थी।

डॉक्टर: अरे ऐसी पुसी कई दिनों के बाद देखा है। उफफफ बहुत ही मस्त टाइट और गुलाबी सी है। बहुत प्यारी सी है। इसलिए मेरा खड़ा हो गया।

नर्स: अरे आपका कितना चूसती हूँ तभी खड़ा होता है। आज तो मस्त खड़ा है आपका।

डॉक्टर: बस ये जाए तो इसके बाद तुमको चोदूँगा। आऽऽह्ह्ह्ह्ह वह अपना लंड दबाने लगा।

तभी मालिनी चुप चाप बाहर आयी और बोली: तो डॉक्टर मैं जाऊँ?

डॉक्टर: हाँ हाँ जाओ। बस कोशिश करती रहो, तुममें कोई कमी नहीं है। वैसे मेरी सलाह है कि इतनी जल्दी क्या है माँ बनने की। जवान हो ख़ूबसूरत हो अभी ज़िन्दगी के मज़े लो। बच्चे पैदा करने के लिए टाइम ही टाइम है।

मालिनी उसकी बातों को अनसुना करके बोली; तो क्या मेरे पति में कोई कमी होगी?

डॉक्टर: बेटी बिना चेक अप के तो नहीं बता सकता। पर अगर वो स्वस्थ है तो जेनरली कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। मेरा सुझाव है कि अभी और कोशिशें करो, भगवान फल देगा।

मालिनी: ठीक है डॉक्टर ।कहकर बाहर आ गयी।

बाहर राजीव इंतज़ार कर रहा था । वो बोला: बेटा क्या रहा? सब ठीक है ना?

मालिनी: जी पापा सब ठीक है। आप पेमेंट करिए। मैं कार में बताऊँगी।

जब वो कार में जा रहे थे तो मालिनी ने डॉक्टर के साथ हुई बातें उसको बतायीं। राजीव ने उसकी जाँघों को सहलाया और बोला: बेटा मैं बोला था ना कि तुममें कोई कमी नहीं है।

मालिनी: अपना मतलब क्या है कि कमी शिवा में है?

राजीव: हाँ हो सकता है और हो नहीं भी सकता है। जब तक वो चेक अप नहीं कराएगा , कैसे कह सकते हैं।


मालिनी दृढ़ता से बोली: मैं उनका चेक अप नहीं करवाऊँगी। मुझे पता है कि उनमें कोई कमी नहीं है।
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राजीव ने सोचा कि इस पर अब कोई फ़ायदा नहीं बहस करने से । फिर मालिनी ने राजीव को डॉक्टर और नर्स के बीच में हुई बातों को भी बताया। तो राजीव हँसकर बोला: देखो वो डॉक्टर रोज़ दस बीस बुर देखता होगा। और उसने तुम्हारी बुर की इतनी तारीफ़ की है तो कोई तो बात है ना इसमे। वह साड़ी के ऊपर से ही उसकी बुर को दबाकर बोला।

दोनों घर पहुँचे तो मालिनी का फ़ोन बजा। उधर शीला थी : हाय मालिनी, कैसी हो?

मालिनी: ठीक हूँ तुम कहाँ हो?

शिला: अरे मैं तुम्हारे घर के पास ही आयी हूँ। तभी तुम्हारी याद आइ। अगर तुमको कोई परेशानी ना हो तो चाय पीने आ जाऊँ?

मालिनी: हाँ हाँ आओ ना। मैं अपना पता sms करती हूँ। बाई।

राजीव : ये कौन है? मैं तो तुमसे मज़े लेना चाहता था।

मालिनी: पापा ये वोहि रिज़ॉर्ट वाली लड़की है जो अपने ससुर से मज़ा ले रही थी।

राजीव: ओह हाँ हाँ तुमने बताया था। चलो ठीक है हम भी मिल लेंगे। वो आँख मारते हुए बोला।

मालिनी हँसकर : पापा आप भी ना छैला हो। यह कहकर वो उसके लंड को दबा दी और बोली: चेक कर रही हूँ कि खड़ा हो गया है क्या शीला का नाम सुनकर। फिर वो हँसने लगी।

तभी घंटी बजी और मालिनी शीला को अंदर लायी। राजीव अभी अपने कमरे में ही था। सोफ़े पर बैठ दोनों बातें करने लगी। एक दूसरे के परिवार को जानने के बाद बातें शीला के पति पर आ गयीं।

शीला रुआंसी होकर: मेरी तो कई बार इच्छा होती है कि आत्म हत्या कर लूँ। मेरे पति को मुझसे कोई मतलब नहीं है। महीनो बाहर ही रहते हैं। घर आते हैं तो भी मुझसे कोई सम्बन्ध नहीं रखते। कई बार तो मुझे लगता है कि वो गे है। अगर सास ससुर का ख़याल नहीं होता तो सच में मर चुकी होती अब तक।

मालिनी: अरे ऐसा क्यों कहती हो? परेशानी तो जीवन में आती रहती है ।हमको उसका मुक़ाबला करना होता है। कम से कम तुमको सास ससुर तो अच्छे मिले हैं ।

शीला: हाँ वो दोनों बहुत अच्छे हैं । मालिनी सोची कि ससुर कितने अच्छें है वो तो मैं देख चुकी हूँ। मज़े से चोद रहे थे इसे। वो बोली: तुम बैठो मैं चाय लाती हूँ।
शीला : चलो मैं भी किचन में ही चलती हूँ।

मालिनी और शीला किचन में थीं तभी राजीव बाहर आया और उसको किचन से बात करने की आवाज़ें आने लगी। वह जाकर चुपचाप किचन के साइड में खड़ा हो गया और उनकी बातें सुनने लगा।

मालिनी: तुम बोली ना कि तुम्हारा पति से कोई ख़ास शॉरीरिक सबँध नहीं बन पता। तो अपनी प्यास कैसे बुझाती हो?

राजीव के कान मालिनी का प्रश्न सुनकर खड़े हो गए।

शीला: वो वो अब क्या बताऊँ। बोलने में भी शर्म आती है। छोड़ो इन बातों को।

मालिनी: अरे बताओ ना। मन की बात कहने से मन हल्का हो जाता है।

शीला: ये मैं नहीं बता सकती।

मालिनी: चलो मैं ही बता देती हूँ। मैंने तुमको उस दिन कोट्टेज में अपने ससुर से करवाते देखा था।

शीला का चेहरा सफ़ेद पड़ गया। वो हकला कर बोली: आप आप मतलब याने कि ओह हे भगवान।

मालिनी: हाँ और तभी से मैं सोच रही हूँ कि ये सही है या ग़लत?

शीला रोने लगी। अब मालिनी ने उसको अपनी बाँहों में लेकर चुप कराया और बोली: अरे मैं तो बस वही बता रही हूँ जो मैंने देखा। अच्छा ये बताओ कि ससुर ज़बरदस्ती किए हैं क्या?

राजीव ने साँस रोकी कि देखो क्या जवाब देती है वो।

शीला आँसू पोंछकर : नहीं बिलकुल नहीं। जो भी हुआ मेरी रज़ामंदी से ही हुआ। ससुर जी बड़े भले आदमी हैं।

चाय बन चुकी थी सो मालिनी बोली: चलो बाहर बैठ कर पीते हैं। अब राजीव वहाँ से हटकर अपने कमरे में जाकर सुनने लगा।

मालिनी: तो ये सब कैसे शुरू हुआ?

शीला: असल में मैं बहुत उदास रहती थी।हमारी शादी को २ साल हो चुके थे। पति का ना ही साथ था और ना ही शारीरिक संतुष्टि। तब एक दिन पापा मेरी उदासी का कारण पूछे। मैं उनको बता दी कि उनका बेटा नकारा है। वो हतप्रभ रह गए। फिर धीरे धीरे वो मुझसे बातें करने लगे और मैं भी उनसे खुलने लगी। जल्दी ही हम अच्छे दोस्त बन गए। सास को भी मैंने इशारे में सब बता दिया क्योंकि वो मुझे बच्चे के लिए कहती रहती थी। एक दिन सास कीर्तन में गयी थी तब मेरे पति का फ़ोन आया। वो बोले कि मुझे तीन महीने और लगेंगे बाहर में। उनका फ़ोन रख कर मैं रोने लगी। तब पापा ने मुझे चुप कराया और तभी मैं उनके सीने में सर रखकर रोए जा रही थी।फिर सब कुछ अपने आप जैसे होता चला गया। और मैं उनके साथ बिस्तर पर थी और सब कुछ हो गया। बात ये थी किमैं तो प्यासी थी ही। ससुर भी प्यासे थे क्योंकि सासु माँ आजकल धर्म कर्म में बहुत विश्वास करती है। और कई कई दिन उनको छूने नहीं देती है। बस तब से हम छुप छुप कर मिलते रहते हैं।

मालिनी: ओह कभी सास को पता चल गया तो?

शीला: पापा बोलते हैं देखा जाएगा। वैसे पापा को शक है कि माँ को पता है या शक है हमारे रिश्ते का।

अचानक पता नहीं मालिनी को क्या सूझा कि उसके मुँह से निकल गया: एक बात बताओ कि अपने ससुर के अलावा भी किसी से मज़ा ली हो?

शीला: हाँ जब मायके जाती हूँ तो अपने रिश्ते के मामा से करवा लेती हूँ। क्या करूँ ऐसा निकम्मा पति मिला है।

मालिनी: ओह । मेरे घर में भी एक प्यासा मर्द है, उसको दोगी?

शीला चौक कर बोली: क्या? कौन है?

मालिनी: मेरे ससुर जी। वो भी बहुत प्यासे हैं। करवाओगी उनसे ? सासु माँ के जाने के बाद वो बहुत बेचैन रहते हैं।

राजीव चुपचाप उनकी बातें सुन रहा था। उसका लंड ठुमकने लगा। और उसे अपनी बहु पर बहुत प्यार आया।

शीला: मगर ये कैसे सम्भव है? मतलब तुम्हारे सामने?

मालिनी: मैं पापा को बोलती हूँ । अगर वो चाहेंगे तो सब हो जाएगा। तुम अपना बोलो की तुम करवाओगी क्या?

शीला हिचकते हुए : मैंने उनको आज तक देखा नहीं है। और आप बोलती हो कि मैं उनसे करवा लूँ। ये कैसे सम्भव है।

मालिनी: अरे तो मिल लो ना अभी। मैं उनको बुलाती हूँ।

वो राजीव के कमरे में जाकर आवाज़ दी: पापा बाहर आयिए ज़रा।

राजीव अपना लंड दबाकर बाहर आया और बोला: हाँ बहू बोलो क्या बात है?

मालिनी: पापा आओ ना इनसे मिलो ये शीला हैं । और शीला ये मेर ससुर जी हैं ।

शीला ने उसे नमस्ते की। राजीव उससे बातें करने लगा। एक दूसरे के परिवार के बारे में बातें किए।

अब मालिनी ने शीला को इशारे से पूछा कि पापा पसंद हैं ?

शीला शर्मा कर हाँ में इशारा की। राजीव ने सब देखा पर ना देखने का अभिनय किया।

अब मालिनी राजीव को बोली: पापा आपसे अकेले में बात करनी है। आओ ज़रा।

वो दोनो उसके कमरे में गए। वहाँ मालिनी बोली: आपको शीला कैसी लगी?

राजीव मन ही मन ख़ुश होकर: ठीक है, क्यों क्या हुआ?

मालिनी : पापा मैं उसे आपसे चुदवाने के लिए तय्यार की हूँ। बोलो क्या कहते हो?

राजीव ने ख़ुशी से उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठ चूमकर बोला: बेटी दिल ख़ुश कर दिया तुमने । सच में तुम बहुत प्यारी और समझदार लड़की हो। चलो उसको बता दो किमैं उसे अभी चोदना चाहता हूँ।

मालिनी हँसकर बाहर आयी और शीला को बोली: पापा बुला रहे हैं।

शीला शर्मा कर : बड़ा अजीब लग रहा है । पहली बार मिली हूँ और इतनी जल्दी ये सब। मैं कभी सोच भी नहीं सकती कि कोई बहु अपने ससुर के लिए लड़की जुगाड़ेगी। तुम बहुत स्पेशल हो।

मालिनी हँसकर: जाओ और मज़े लो।

शीला राजीव के कमरे में गयी तो वह वहाँ टहल रहा था । शीला ने देख किउसकी पैंट में एक बड़ा सा उभार था। वो शीला को देखकर बोला: आओ शीला बैठो।

शीला बिस्तर पर बैठ गयी और बोली: मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा है।

राजीव उसके साथ सट कर बैठा और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला: मुझे मालिनी ने बताया कि तुम अपने ससुर से चुदवाती हो। तुम उनको क्या बुलाती हो?

शीला: उनको पापा बुलाती हूँ।

राजीव: और वो तुमको?

शीला: बेटी बुलाते है।

राजीव: चुदाई के दौरान भी ?

शीला: जी उस समय भी।

राजीव अब उसको अपनी गोद में खींच कर बिठाया और बोला: तो मैं भी तुमको बेटी ही बुलाऊँगा। ठीक है बेटी?

शीला उसके सीने में मुँह छिपाकर: जी पापा ।


अब राजीव के होंठ उसकी होंठ की ओर और उसके हाथ उसके ब्लाउस की ओर बढ़े।
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WOW :congrats: FOR NEW ONE
 
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दोस्तों अब मैं अपनी नयी कहानी शुरू कर रहा हूँ, ससुर कमीना और बहू नगीना।
आशा है आपको पसंद आएगी।


राजीव माथुर अपने कमरे में उदास बैठा है, और TV के रिमोट से चैनल बदल बदल कर अपने दुखी मन को शांत करने की कोशिश कर रहा है। वह ५० साल का एक तंदूरूस्त हट्टा क़ट्टा सुदर्शन गोरा व्यक्ति है और उसकी इस २० लाख की आबादी वाले शहर में कपड़ों की बड़ी दुकान है।

उसने यह काम बड़े ही छोटे लेवल पर चालू किया था पर आज वह एक बहुत ही शानदार दुकान का मालिक था। पर पिछले एक महीने से वह दुकान पर नहीं गया था। दुकान पर उसका जवान बेटा शिवा ही बैठ रहा था जो कि २५ साल का हो चला था। उसकी एक २४ साल की बेटी भी है जिसकी शादी को तीन साल हो चुके हैं और वह एक दूसरे शहर में रहती है।

राजीव के दुःख का कारण यह है कि एक महीने पहले उसकी पत्नी का कैन्सर की बीमारी से देहांत हो गया। वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसे दुःख इस बात का है कि बिना किसी पूर्वाभास के वह बीमार हुई और क़रीब एक महीने में स्वर्गवासी भी हो गयी। सब रिश्तेदार आए थे और अब सब अपने घर वापस चले गए । आख़िर में जाने वाली उसकी बेटी थी । अब सबके जाने के बाद वह फिर अकेला महसूस कर रहा था। बेटे शिवा ने कहा भी कि काम में मन लगाइए ताकि दुःख कुछ कम हो जाए, पर वह अभी भी सामान्य नहीं हो पाया था।

अचानक TV का चैनल बदलते हुए एक फ़िल्म लग गयी जिसमें एक भरे बदन की हीरोईंन बारिश के पानी में भीग रही थी और उसके बहुत ही मादक अंग साड़ी से दिख ज़्यादा रहे थे और छुप कम रहे थे। ये देखकर अचानक उसके लंड ने झटका मारा और उसका हाथ अपने लंड पर चला गया और वह उसे दबाने लगा। उसे अभी अभी महसूस हुआ कि आज पूरे दो महीने के बाद उसके लंड में हरकत हुई है। वरना एक महीने की सविता की बीमारी और एक महीने का शोक - उसका तो लंड- जैसे खड़ा होना ही भूल गया था।

उसे बड़ा अच्छा लगा और वह लंड को सहलाता ही चला गया। फिर उसने उसे अपनी लूँगी और चड्डी से बाहर निकाल लिया और अपने बड़े बड़े बॉल्ज़ को सहलाते हुए उसने मूठ्ठ मारनी शुरू की। उसका क़रीब ८ इंचि मोटा लौड़ा उसकी मूठ्ठी में आधा भी समा नहीं रहा था। क़रीब १० मिनट उसे हिलाते हुए सविता के साथ बिताए हुए मादक लमहों को याद करते हुए वह झड़ने लगा। उसे लगा कि वह सविता के मुँह में झड़ रहा है। और वह पहले की तरह उसका गाढ़ा वीर्य स्वाद लेकर पीते जा रही है।

पर जब उसने आँख खोली तो अपने को अकेला पा कर उसने आह भरी और सविता को याद करके उसकी आँख भर आइ।

हालाँकि वह सविता को बहुत प्यार करता था पर अनेक सफल मर्दों की तरह वह भी कभी कभी यहाँ वहाँ मुँह मार लिया करता था उसकी कमज़ोरी भरे बदन की कम उम्र की लड़कियाँ थीं। उसने कई लड़कियों से मज़े लिए पर कभी भी किसी से रिश्ता नहीं बनाया। ज़्यादातर लड़कियाँ एक रात की ही मेहमान होती थीं। बस सिर्फ़ तीन लड़कियों से ही उसके सम्बंध अपेक्षाकृत लम्बे चले, यही कोई तीन चार महीने। इसके बारे में आगे कहानी में पता चलेगा, कि किन हालातों में उन तीन लड़कियों से उसका रिश्ता बना।

आज उसने अपना वीर्य साफ़ किया और बाद में सोफ़े पर आकर दुकान का हिसाब देखने की कोशिश किया। दिन के ११ बज गए थे। शिवा को दुकान गए १ घंटा हो चुका था। तभी कॉल बेल बजी। उसने दरवाज़ा खोला और सामने शीला खड़ी थी। वह घर की नौकरानी थी और सविता की बहुत चहेती थी। उसकी उम्र करींब ५० साल की थी और वह एक चूसे हुए आम की तरह थी। वह आकर किचन में चली गई। वह घर के सब काम करती थी और अब सविता के जाने के बाद खाना भी बना देती थी।

शिवा अपने काम में लग गया और तभी शीला वहाँ झाड़ू लगाने लगी। उसके सुखी हुई काया उसके सामने थी और दो महीने का प्यासा राजीव ये सोचने लगा कि क्या इसे ही चोद लूँ? पर जब साड़ी से उसकी नीचुड़ि हुई चूचियाँ देखा तो उसका लौड़ा शांत हो गया। उसने अपना ध्यान काम में लगाया।

तभी शीला का मोबाइल बज उठा और वह किचन में उसे लेकर बात करने लगी। थोड़ी देर बाद वह बाहर आयी और बोली: साहब, मुझे छुट्टी जाना होगा क्योंकि मेरी बहु को बच्चा होने वाला है। कम से कम तीन महीने लगेंगे।

राजीव: अरे तो हमारा क्या होगा? तुम किसी को काम पर लगा कर जाओ।

शीला: जी साहब, कल से मेरी भतीजी आएगी , उसका नाम रानी है वही काम करेगी, मेरी अभी उससे बात भी हो गई है।

राजीव: ओह उसको खाना बनाना आता है ना?

शीला: हाँ आता है वो कई साल एक परिवार में काम की है उसको सब आता है। आजकल ख़ाली है तो आपके यहाँ काम कर लेगी।

राजीव: क्या शादीशुदा है?

शीला: जी हाँ शादी को ७ साल हो गए हैं। मगर बेचारी को कोई बच्चा नहीं है। इसके कारण दुखी रहती है।

राजीव: ओह ऐसा क्या? अब ये तो भगवान की मर्ज़ी है ना ?

शीला फिर अपने काम में व्यस्त हो गई और राजीव भी अपने काम में लग गया। फिर उसने शिवा को फ़ोन लगाया: बेटा तुम्हारा कल का हिसाब ठीक है , अब तुम बढ़िया काम कर रहे हो। आज मुझे तुमसे एक ज़रूरी बात भी करनी है। रात को मिलते हैं।

रात को शिवा क़रीब ९ बजे घर पहुँचा और वो दोनों खाना खाए। बाद में राजीव बोला: बेटा, आज मैं तुमको एक बात कहना चाहता हूँ, मैं सविता के जाने के बाद बहुत अकेला हो गया हूँ, मैं सोच रहा था कि मैं दूसरी शादी कर लूँ। तुम्हारा क्या ख़याल है इस बारे में?

शिवा चौक कर बोला: क्या पापा, ये क्या बोल रहे हैं आप? कितना अजीब लगेगा प्लीज़ ऐसा मत करिए।

राजीव: अगर मैं नहीं कर सकता तो तुम कर लो। बेटा, घर में एक औरत होनी ही चाहिए। घर औरत के बिना अधूरा होता है।

शिवा: ठीक है पापा, अगर आप ऐसा चाहते हो तो यही सही।

राजीव: अब ये बताओ कि तुम्हारी कोई गर्ल फ़्रेंड है?

शिवा: पापा आप जानते ही हो कि मेरी किसी लड़की से दोस्ती नहीं है। मुझे तो दुकान से ही फ़ुर्सत नहीं मिलती।

राजीव: तो फिर मैं तेरे लिए लड़की देखनी शुरू करूँ?

शिवा: ठीक है पापा आप देखिए । काश मॉ होती तो ये काम वो करतीं? है ना?

राजीव: हाँ बेटा वो तुम्हारी शादी का बहुत अरमान रखती थी पर बेचारी के अरमान पूरे ही नहीं हो सके।

थोड़ी देर और बातें करके वह दोनों अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
ससुर कमीना और बहू नगीना। MAST TITLE MAST HOT UPDATE
 
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सुबह ५ बजे उठकर राजीव फ़्रेश होकर एक घंटे की सैर पर गया। वहाँ बग़ीचे में कई लड़कियाँ और औरतें भी ट्रैक सूट में अपने गोल गोल चूतरों को उभारे घूम रही थीं और राजीव का मन बड़ा बेचेंन हो रहा था। उनकी छातियाँ भी दौड़ने के दौरान ऊपर नीचे होकर उसकी ट्रैक सूट के अंदर उसके हथियार को कड़ा किए जा रहीं थीं। इसी हालत में वह वापस आया और कमरे में बैठ के पसीना सुखाने लगा। तभी काल बेल बजी और उसने दरवाज़ा खोला।
बाहर एक दुबली सी लड़की खड़ी थी। वह समझ गया कि यह रानी ही होगी। उसने पूछा: तुम रानी हो ना?

रानी: जी साहब मैं ही शीला चाची की भतीजी हूँ।

राजीव: आओ अंदर आओ ।फिर उसने उसे पूरा घर दिखाया और कहा : पहले चाय बना दो। किचन से बाहर आते हुए उसने रानी को भरपूर निगाहों से देखा। वह कोई २०/२१ से बड़ी नहीं दिख रही थी। दुबली पतली , छाती भी छोटी और चूतरों में भी कोई ख़ास उभार नहीं। वह उसकी टाइप की तो लड़की है ही नहीं। उसे तो भरी हुई लड़की अच्छी लगती है।

थोड़ी देर बाद वह चाय लायी । चाय लेते हुए वह बोला: तुम सच में शादी शूदा हो? बहुत छोटी सी दिखती हो ।

रानी: जी साहब मेरी शादी को सात साल हो गए हैं । वैसे मैं ऐसी ही पतली दुबली हूँ शुरू से ।

राजीव: क्या उम्र है तुम्हारी? दिखती तो २०/२२ की हो।

रानी: जी मैं २७ की हूँ। पतली होने के कारण शायद छोटी लगती हूँ। फिर वह अपने काम में व्यस्त हो गयी। राजीव सोचने कहा कि साली थोड़ी सी भरे हुए बदन की होती तो कुछ मज़ा ले भी लेता पर ये तो मरी हुई चुहिया जैसी है। क्या मज़ा आएगा इसके साथ।

थोड़ी देर बाद वह उसके कमरे में झाड़ू लगा रही थी तो उसकी क़ुरती ऊपर चढ़ गयी थी और उसके चूतर सलवार से दिख रहे थे। राजीव सोचने लगा कि इतनी भी बुरी नहीं है। मज़ा लिया जा सकता है। शिवा अभी भी सो रहा था, वह अक्सर ८ बजे से पहले नहीं उठता था।

राजीव ने बात चलायी: कौन कौन घर में है तुम्हारे?

रानी : मेरा पति और मेरी सास।

राजीव जानबुझ कर पूछा: और बच्चे?

रानी उदास होकर बोली: जी नहीं हैं।

राजीव: शादी को सात साल हो गए? डॉक्टर को दिखाया कि नहीं?

रानी: जी दिखाया है वो बोले कि मेरे में कोई कमी नहीं है। और मेरा मर्द तो डॉक्टर के पास जाने को राज़ी ही नहीं है। क्या कर सकती हूँ भला मैं!

राजीव: ओह तो कमी उसी में होगी । सास कुछ बोलती नहीं तुमको?

रानी: दिन भर ताने सुनाती है और बेटे की दूसरी शादी की भी धमकी देती है।

राजीव: ओह ये तो बड़ी समस्या है। वैसे एक बात बोलूँ , तुमको अपने शरीर का ख़याल रखना चाहिए। इतनी दुबली हो अगर गर्भ ठहर भी गया तो बच्चा भी तेरे जैसा दुबला ही होगा ।

रानी: साहब ग़रीब लोग हैं हम लोग। आपके जैसा खाने पीने को थोड़े मिलता है।

राजीव हँसते हुए बोला: चलो अब हमारे घर में रहोगी तो तुम वही खाओगी जो हम खाएँगे। और जल्दी ही तगड़ी हो जाओगी।

रानी उसको अजीब निगाहों से देख रही थी, शायद यह समझने की कोशिश कर रही थी कि यह बुज़ुर्ग उसमें इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहा है। वैसे उसे यह कुछ बुरा नहीं लगा। ये सच है कि उसे ज़्यादा अटेन्शन नहीं मिलता था। इसलिए साहब का उसमें दिलचस्पी लेना उसे अच्छा ही लग रहा था।

राजीव नहाने चला गया और उसे बग़ीचे की सेक्सी लड़कियाँ याद आ रही थीं और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। आऽऽह क्या मस्त दूध थे और क्या उभरी हुई गाँड़ थी। वह अपने लौड़े को दबाए जा रहा था। तभी उसके ध्यान में रानी का बदन और उसके सलवार में चिपके चूतर आये और वह मज़े से मुस्कुराया और सोचा कि शायद उसको चोदने में भी बड़ा मज़ा आएगा।

वह नहा कर बाहर आया और टी शर्ट और लोअर पहन कर तय्यार हुआ और किचन में जाकर रानी को बोला: दो ग्लास केसर बादाम डाल कर दूध बनाओ। साथ ही २ सेब केले और नाशपाती भी काट के लाओ। रानी ने हाँ में सिर हिलाया और काम में लग गयी।

थोड़ी देर में वह एक ट्रे में दूध का दो गिलास और फल काटकर लायी। और सामने टी टेबल पर रख दिया जो कि सोफ़े के सामने रखा था।

राजीव ने एक गिलास दूध उठाया और उसके हाथ में दे दिया। रानी ने प्रश्न सूचक नज़रों से देखा और बोली: छोटे सांब उठ गए क्या? उनको देना है?

राजीव: अरे वो तो ९ बजे उठेगा। यह तुमको पीना है। मैंने कहा था ना कि तुमको तगड़ी बनाना है। तो चलो पीओ अब।

वह हैरान होकर उसको देखी और राजीव ने दूसरा गिलास उठाया और पीने लगा। और फिर से उसे पीने का इशारा किया। वह धीरे से पीने लगी। साफ़ लग रहा था कि उसे बहुत अच्छा लग रहा था।

फिर राजीव ने फल की प्लेट उठायी और पास ही खड़ी रानी को बोला: लो फल भी खाओ।

वह झिझकते हुए बोली: साहब पेट भर गया।

राजीव ने उसके पेट की तरफ़ इशारा करके कहा: देखो इतना छोटा भी नहीं है तुम्हारा पेट कि इसमे फल की भी जगह नहीं हो। चलो खाओ। फिर उसका हाथ पकड़कर पास में बिठाया और उसके मुँह में सेब का एक टुकड़ा डाल दिया। वो थोड़ी सी परेशान दिख रही थी, पर खाने लगी।

राजीव: सुबह से कुछ खाया है? उसने नहीं में सिर हिलाया। तब उसने एक टुकड़ा और उसके मुँह में डाल दिया। अब राजीव भी खाने लगा और उसे। भी खिलाए जा रहा था। रानी को कभी इतना अटेन्शन नहीं मिला था सो वह भी इन पलों का आनंद लेने लगी। फल ख़त्म होने के बाद राजीव बोला: शाबाश, बहुत बढ़िया। फिर उसके हाथ को पकड़कर बोला: आधे घंटे के बाद मैं पराँठा और ओमलेट खाऊँगा, वो भी मेरे और अपने लिए भी बना लेना। साथ ही खाएँगे। ठीक है?

रानी: जी साहब । फिर वह खड़ी होने लगी तो राजीव ने उसका हाथ छोड़ दिया। वह किचन में चली गयी। राजीव भी पेपर पढ़ने लगा। शिवा अभी भी सो रहा था।
RANI KO SEDUSE KIYA JA RAHA HAI MAST HOT UPDATE
 
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आधे घंटे के बाद वह नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा दी। उसने राजीव के लिए एक प्लेट भी लगा दी थी।

राजीव: तुम्हारी प्लेट कहाँ है? मैंने कहा था ना कि जो मैं खाऊँगा वही तुमको भी खाना है। चलो प्लेट लाओ और बैठो यहाँ।

रानी: साहब मैं खा लूँगी, अभी आप खालो।

राजीव: पक्का बाद में खा लोगी?

रानी: पक्का खा लूँगी।

राजीव: अच्छा चलो एक कौर तो मेरे हाथ से खाओ। ये कहकर उसने उसके मुँह में एक कौर डाला और वो उसको खाते हुए किचन में चली गयी। उसने बड़े प्यार से गरम गरम पराँठे खिलाए और राजीव ने भी उसकी पाक कला की बहुत तारीफ़ की। वो शायद तारीफ़ की भी भूकी थी क्योंकि वह बहुत ख़ुश हो गयी थी। फिर राजीव ने दो कप चाय माँगी। जब वह चाय लायी तो उसने उसे ज़िद करके अपने बग़ल में बैठाया और चाय पीने को बोला। वह चुपचाप चाय पीने लगी।

राजीव: तुम्हारा पति तुम्हें प्यार तो करता है ना?

रानी की आँख गीली ही गयी और बोली: जैसे आज आपने इतने प्यार से खिलाया ऐसे भी आजतक उसने मुझे सात साल में कभी नहीं पूछा। वो औरत को बस एक काम के लिए ही समझता है।

राजीव ने भोलेपन से पूछा: किस काम के लिए?

रानी ने नज़रें झुका लीं और बोली: वही जो मर्द को चाहिए बिस्तर में औरत से।

राजीव: ओह अब समझा। सच में तुम्हारा मर्द ऐसा है? ये तो बड़ी अजीब बात है।

रानी: साहब हम ग़रीब औरतों का यही हाल है?

राजीव ने उसकी पतली कलाई पकड़ी और उसको सहलाने लगा और बोला: देखो तुम कितनी दुबली हो? मैं तो तुमको तगड़ी करके ही मानूँगा।

रानी हँसकर बोली: क्या आप मुझे तगड़ी बना कर पहलवानी करवाओगे? इस पर दोनों हँसने लगे।

फिर रानी अपने काम में लग गई, थोड़ी देर बाद शिवा भी उठकर आया और राजीव ने उसके लिए भी चाय मँगवाई। रानी चाय लाई और शिवा को नमस्ते की। राजीव ने बताया कि यह नई नौकरानी है। शिवा ने ओह कहकर चाय पी। फिर दोनों बाप बेटा दुकान की बात करने लगे। बाद में शिवा नहाने चला गया। राजीव ने रानी को उसके लिए नाश्ता और लंच के लिए डिब्बा भी बनाने को कहा।

शिवा तय्यार होकर नाश्ता करके लंच का डिब्बा लेकर १० बजे दुकान चला गया। अब घर में फिर से दोनों अकेले हो गए। थोड़ी देर बाद राजीव ने रानी को आवाज़ दी और बोला: मैं ज़रा बाज़ार जा रहा हूँ, तुम्हें कुछ चाहिए? फिर अचानक उसकी निगाहें उसकी बड़ी बड़ी आँख पर पड़ीं और उनमें एक सफ़ेदी सी देखकर वह उसका हाथ पकड़ा और उसकी उँगलियों के नाख़ून को चेक किया और बोला: अरे तुमको तो आयरन की कमी है , ऐसी ही कमी एक बार मेरी बीवी को भी हो गयी थी, तभी तुम इतनी कमज़ोर हो। मैं आज दवाई लाउँगा। ये कहकर उसने उसका हाथ छोड़ा और बाहर निकल गया।

वो पास के बाज़ार में एक दुकान में गया और वहाँ अपने दोस्त से मिला जिसने उसका बड़े तपाक से स्वागत किया। इधर उधर की बातों के बाद चाय पीकर राजीव बोला: यार, मैंने शिवा की शादी करने का फ़ैसला किया है, तेरी निगाह में कोई लड़की है उसके लायक तो बताना।

दोस्त: हाँ यार क्यों नहीं , थोड़ा सोच लेने दे जैसे ही ध्यान में आएगा बताऊँगा।

राजीव: ठीक है भाई फिर चलता हूँ।

वहाँ से निकल कर वह दवाई की दुकान से मल्टीविटामिन और आयरन टॉनिक ख़रीदा और कुछ ज़रूरी चीज़ें लेकर घर आया।

रानी को उसने पानी और चम्मच लाने को कहा। फिर उसने दो दो चम्मच दोनों दवाइयाँ उसको अपने हाथ से पिलायीं। रानी की आँखों में आँसू छलक आए। आज तक किसी ने भी उसकी इतनी फ़िक्र नहीं की थी। राजीव ने उसके आँसू पोंछें और झुक कर उसका माथा चूम लिया और बोला: अरे रो क्यों रही हो, अब तो जल्दी ही तुम तगड़ी हो जाओगी और फिर कुश्ती लड़ना। वह भावुक होकर बोली: आप बहुत अच्छे हैं साहब, मैं आपको बाऊजी बोल सकती हूँ क्या?

राजीव ने उसे खींचकर अपने से लिपटा लिया और बोला: क्यों नहीं ज़रूर बोलो। और उसके गालों पर चिमटी काट दी। वह हँसते हुए भाग गयी। अब जब भी मौक़ा मिलता राजीव उसके हाथ पकड़ लेता और कभी गाल भी सहला देता।

इस बीच राजीव ने अपने रिश्तेदारों को भी फ़ोन किया और शिवा के लिए लड़की ढूँढने को कहा।

इसी तरह पाँच दिन निकल गए और अब भी राजीव रानी को अपने हाथ से ही फल खिलाता और दवाई भी पिलाता। रानी की झिझक अब काफ़ी कम हो गयी थी। कई बार वह उसे अपने से चिपका लेता और प्यार से उसके गाल भी सहला देता। क़रीब पाँच दिनों में ही दोनों ने एक तरह का बोंड सा हो गया था। राजीव का अकेलापन दूर हो गया था और रानी भी अटेन्शन की भूकी थी जो उसे भरपूर मिल रहा था। वो सुबह आती फिर २ बजे अपने घर चली जाती और फिर ५ बजे से ८ बजे तक रात का खाना बना कर चली जाती। राजीव उसके तीनों टाइम के खाने का ध्यान रखता और उसे खिलाकर ही छोड़ता था। इस तरह के अच्छे खाने और ख़ुश रहने के कारण उसके चेहरे में एक चमक सी आने लगी थी और शरीर भी थोड़ा सा गदराने सा लगा था।

क़रीब एक हफ़्ते के बाद एक दिन सुबह जब उसने रानी के लिए दरवाज़ा खोला तो उसकी आँख के नीचे गाल में सूजन थी। वह चौंक कर बोला: रानी क्या हुआ ? ये चोट कैसी?

रानी अंदर आयी और ज़मीन पर बैठ गयी और फफक कर रोने लगी। राजीव थोड़ा सा परेशान हो कर उसको उठाया और सोफ़े पर बिठा कर उसके बग़ल में बैठ गया और उसको अपने से सटा कर उसकी पीठ पर हाथ फेरा और बोला: अरे क्या हुआ? बताएगी भी? क्या मर्द ने मारा?

रानी उसके कंधे पर सिर रखकर रोते हुए बोली: हाँ बहुत मारा। ये देखिए, कहते हुए उसने अपना गला भी दिखाया जहाँ लाल निशान थे । फिर उसने अपनी सलवार भी पैरों से उठाकर अपनी टांगो को दिखाया जहाँ लाल निशान थे । उसकी बाँह भी लाल हुई जा रही थी। राजीव उठकर दवाई लाया और उसकी सब जगह दवाई लगाया। वह फिर से रोने लगी और बोली: मैं मर जाऊँगी। मुझे नहीं जीना।

अब राजीव ने उसे खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और उसके गाल को चूमते हुए बोला: ऐसा नहीं बोलते। मैं हूँ ना अभी । अच्छा अब बताओ क्या हुआ था?

रानी: कल रात को वह देर से आया और उसने शराब पी हुई थी। वह बिस्तर पर आया और मेरी मैक्सी उठाने लगा। मैंने मना किया कि तुम बहुत बास मार रहे हो। वह ग़ुस्सा हो गया और चिल्लाया कि साली बच्चा भी नहीं पैदा कर सकती और मुझे करने भी नहीं देती, मादरचोद , आज तेरी लेकर ही रहूँगा। मैं बहुत चिल्लायी और रोई पर उसने एक नहीं मानी और मेरी मैक्सी उठाने लगा। मेरे विरोध करने पर उसने मुझे बहुत मारा और आख़िर में उसने अपनी मन की कर ही ली।

राजीव उसकी बाँह सहलाते हुए बोला: ओह तो वो तुमको ज़बरदस्ती चोद लिया? ये तो बलात्कार हुआ।

रानी एक मिनट के लिए राजीव की भाषा पर चौकी पर उसके घर में तो इस तरह की भाषा का उपयोग होते ही रहता था , सो उसने ध्यान नहीं दिया। रानी बोली: क्या करें बाऊजी हम औरतों का तो यही हाल होता है? साला ख़ुद नामर्द है और मुझे बाँझ कहता है। कमीना कहीं का। ये कहते हुए उसने राजीव की छाती पर अपना सिर रख दिया। वो अभी भी उसकी गोद में बैठी थी।
MAST HOT UPDATE RANI KI DUVIDHA RAJEEV KE MAJE
 
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अब राजीव ने उसे प्यार से देखते हुए उसकी बाँह को सहलाते हुए उसके गाल चूमने शुरू किए। फिर वह उसके सब लाल निशान को चूमने लगा। उसकी बाँह गाल और गरदन भी चूमा। फिर उसने अपने से जकड़ कर कहा: इस समस्या का एक ही हल है रानी।

रानी ने उसकी छाती से अपना सिर उठाया और बोली: क्या हल है बाऊजी?

राजीव उसकी आँखों में देखते हुए बोला: तुम्हें माँ बनना पड़ेगा। तभी उस कमीने का मुँह बंद होगा।

रानी: पर ये कैसे होगा?

राजीव झुका और उसके होंठ चूमकर बोला: मैं हूँ ना, इस काम के लिए।

रानी चौक कर बोली: आप ये क्या कह रहे हैं? मैं ऐसी औरत नहीं हूँ।

राजीव ने फिर से उसके होंठ चूमे और बोले: मुझे पता है तुम औरत हो ही नहीं। असल में तुम तो अभी छोटी सी लड़की हो जिसे कभी प्यार मिला ही नहीं। और वह प्यार मैं तुमको दूँगा बहुत बहुत प्यार , ढेर सारा प्यार। समझी? उसने अब उसे अपने बदन से भींच लिया और उसकी गरदन चूमने लगा।

रानी भी अब कमज़ोर पड़ने लगी थी। उसे भी अच्छा लगने लगा। वह भी समर्पण के मूड में आने लगी।

राजीव: एक बात बताओ कि तुम्हारा पति तुम्हें कितने दिन में चोदता है? और कितनी देर चोदता है?

रानी इतने खुले शब्दों से हकला सी गयी: वो वो तीन चार दिन में एक बार। क़रीब ५/६ मिनट ही चो-- मतलब करते हैं।

राजीव: ओह इतनी जल्दी झड़ जाता है? तो तुम तो प्यासी रह जाती होगी?

रानी ने सिर हाँ में हिलाया और शर्माकर उसकी छाती में छिपा लिया। राजीव ने उसके कान को चूमते हुए कहा: जानती हो मैं कितनी देर चोदता हूँ? कम से कम एक घंटा और आधा घंटा तो मैं धक्के ही मारता रहता हूँ।

रानी की आँख फैल गयी वो बोली: एक घंटा? ओह इतना ज़्यादा ?

राजीव: अरे एक बार चुदवा के तो देखो मज़े से मस्त हो जाओगी। और मेरा दावा है कि भगवान ने चाहा तो एक महीने में तुमको गर्भवती कर दूँगा। ठीक है मेरी रानी? ये कहकर वो अब उसके होंठ को चूसने लगा।

फिर होंठ छोड़कर बोला: चलो अब तुमको हल्दी वाला दूध पिलाएँ। इससे तुम्हारा दर्द भी कम होगा और चोट में भी आराम मिलेगा।

वह उसकी गोद से उठी और राजीव ने खड़े होकर उसको अपनी गोद में उठा लिया और किचन के प्लेटफ़ार्म पर बिठा दिया और उसके लिए दूध तय्यार किया और अपने हाथ से पिलाने लगा। रानी को लगा कि वो बहुत भाग्यशाली है जो बाऊजी उसका इतना ध्यान रखते हैं। फिर राजीव ने उसको गोद में लेकर उतारा और पूछा: अब कैसे लग रहा है?

रानी हँसकर बोली: मुझे क्या हुआ है? ऐसी पिटाई तो मेरे लिए आम बात है । चलिए आप बैठिए मैं आपको बढ़िया चाय पिलाती हूँ। राजीव उसके गाल चूमकर बाहर आ गया।

थोड़ी देर में वो चाय लायी तो राजीव ने उसे फिर से अपने पास खींच लिया और बोला: तो फिर माँ बनना हैं ना एक महीने में? अब उसके हाथ उसकी कमर पर था। जिसे सहलाते हुए वह पहली बार उसके चूतर पर ले गया और उसको भी हल्के से दबा दिया। रानी भी मस्ती से भरने लगी।

वह बोली: आऽऽह सच में में मॉ बनना चाहती हूँ। आप मुझे एक महीने में मुझे गर्भबती बना देंगे?

वह उसे अपने गोद में बैठाकर बोला: हाँ मेरी रानी पक्का एक महीने में ही तुम गर्भबती हो जाओगी। असल में मैं तुम्हारी जैसी तीन लड़कियों को पहले ही माँ बना चुका हूँ और वो भी एक महीने की चुदाई से ही। भगवान ने मुझे शायद तुम्हारी जैसी लड़कियों को माँ बनाने के लिए ही पैदा किया है। चलो अब शिवा के दुकान जाने के बाद हम तुमको माँ बनाने की कोशिश में लग जाएँगे। ठीक है ना?

यह कहते हुए उसने रानी के होंठ चूमे और पहली बार उसकी छाती पर हाथ रखा और हल्के से दबाया। आऽऽऽऽहहहह क्या ठस छाती थी एकदम कड़क। रानी भी उसके मर्दाने स्पर्श से मज़े से भर गयी। फिर उसकी गोद से उठते हुए बोली: बाऊजी, बहुत काम है छोड़िए ना।

राजीव उसे छोड़ते हुए बोला: तो फिर पक्का है ना माँ बनने का प्रोग्राम ?

रानी हँसते हुए धत्त कहकर भाग गयी। उसकी हँसी में हामी भरी हुई थी।
क़रीब १० बजे शिवा नाश्ता करके अपना टिफ़िन लेकर घर से चला गया। उसके जाने के बाद राजीव ने सोचा कि वो अपनी ओर से पहल नहीं करेगा, देखते हैं कि रानी को भी कितनी इच्छा है चुदवाने की। वह चुपचाप दुकान का हिसाब देखता रहा। आधा घंटा गुज़र गया और उसने एक बार भी रानी को नहीं पुकारा।

तभी रानी अपना पसीना अपनी चुन्नी से पोंछते हुए आयी और बोली: बाऊजी, चाय बनाऊँ?

राजीव ने कहा: नहीं रहने दो। फिर काम में लग गया। रानी थोड़ी देर उसको काम करते हुए देखी और बोली: आज बहुत ज़्यादा ही काम हो रहा है? क्या बात है?

राजीव समझ गया कि वह बात आगे बढ़ाना चाहती है , पर वह बनते हुए बोला: हाँ थोड़ा है तो?

रानी अपना मुँह उतार के बोली: ठीक है तो मैं किचन में जा रही हूँ, कुछ काम हो तो बुला लीजिएगा।

राजीव: एक काम के लिए तो बोला था पर शायद तुम उसके लिए राज़ी नहीं हो।

रानी: कौन सा काम?

राजीव: वही तुमको माँ बनाने वाला काम? तुमने तो हाँ कही ही नहीं?

रानी शर्माकर: ओह वो काम? मैंने नहीं भी तो नहीं कहा।

राजीव: देखो रानी मैं तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती नहीं करना चाहता हूँ, तुम्हारे पति की तरह। अगर सच में यह तुम चाहती हो तो चलो आओ और अभी मेरी गोद में बैठ जाओ वरना किचन में चली जाओ। यह कहते हुए उसने अपना काम बंद किया और अपनी टाँगें फैला दी जैसे कह रहा हो आओ रानी यहाँ बैठो।

रानी एक मिनट के लिए झिझकी और दूसरे ही पल जैसे कुछ निर्णय ले लिया हो वह आकर उसकी गोद में बैठ गयी, और अपना मुँह उसकी छाती में छिपा ली। उसके बदन से तेज़ पसीने की गंध आ रही थी जिससे वह मस्त होने लगा।

राजीव अपनी गोद में बैठी उस लड़की को जकड़ लिया और उसके गाल और होंठ चूम लिया। फिर उसने उसकी गरदन में भी चूमना शुरू किया।

रानी बोली: मुझे बहुत पसीना आया है , मैं मुँह धो लूँ क्या?

राजीव उसके पसीने को चाटते हुए बोला: आह्ह्ह्ह्ह्ह क्या स्वाद है तुम्हारा पसीना, चाटने में बहुत मज़ा आ रहा है।

रानी: छी इसमे क्या मज़ा आ रहा है?

राजीव ने उसकी चुन्नी हटा दी और कुर्ते के ऊपर से उसकी कसी हुई चूचियों को पकड़कर दबाते हुए कहा: आऽऽहहह तुम्हारी तो चूचियाँ किसी कमसिंन लौंडिया के जैसी हैं। मस्त सख़्त हैं। क्या गोल गोल हैं रानी। ज़रा इनको दिखाओ ना प्लीज़।

रानी को अपनी गाँड़ के नीचे उसका लौड़ा खड़ा होकर चुभता सा महसूस होने लगा था सो वह भी मस्ती से बोली: आऽऽऽंहहह उतार लीजिए ना क़ुरती हाऽऽऽऽऽय किसने मना किया है। राजीव के द्वारा किए जा रहे चूचि मर्दन से वह आऽऽऽहहह करे जा रही थी।

राजीव उसका कुर्ता उतारने लगा और रानी ने अपने हाथ ऊपर कर दिए। कुर्ता निकालने के बाद उसकी ठोस चूचियाँ एक सस्ती सी पुरानी ब्रा में मस्त लग रही थीं। वह उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही चूमने लगा।

रानी को अब उसका लौड़ा बुरी तरह से गड़ रहा था और उसने अपनी गाँड़ हिलायी ताकि उसकी चुभन कम हो जाए। अब राजीव ने ब्रा का हुक भी खोला और रानी ने हाथ उठाकर उसकी ब्रा निकालने में मदद की। राजीव की आँखों के सामने बड़े सेब की आकार की दो चूचियाँ आ गयीं जिनके काले लम्बे निपल बिलकुल तने हुए थे जो रानी की उत्तेजना को दिखा रहे थे। राजीव कुछ देर तक उनको एकटक देखा और फिर उनपर अपने दोनों पंजे रखा और उनकी सख़्ती और कोमलता को महसूस करने लगा। उसने आज तक इतनी ठोस चूचियाँ नहीं दबायीं थीं। वह उनको बहुत देर तक दबाते रहा। फिर उसने उसकी बाहों को उठाया और बालों से भरे बग़ल को देखकर कहा: यहाँ भी जंगल उगा रखा है। फिर अपनी नाक लगाके बालों से भरी बग़ल को सूँघा और फिर जीभ निकालके वहाँ चाटने लगा। फिर वह चूचिया दबाने लगा।

तब रानी बोली: आऽऽऽऽऽह बाऊजी , क्या उखाड़ ही डालोगे इनको?

राजीव : अरे नहीं, पर क्या करूँ, जी ही नहीं भर रहा है दबाने से । क्या मस्त चूचियाँ है। फिर वह झुककर एक चूचि मुँह में ले लिया और चूसने लगा। उसके बड़े मुँह में उसकी आधी से भी ज़्यादा चूचि चली गयी थी और उसकी जीभ निपल को सहलाए जा रही थी और रानी आऽऽऽऽझ्ह्ह्ह्ह्ह बाउजीइइइइइइइइइइ करके सिसकी भर रही थी। अब राजीव ने उसकी सलवार का नाड़ा खोला। उसने रानी को उठने का इशारा किया तो रानी खड़ी हुई और उसकी सलवार नीचे गिर गयी। अब उसकी पुरानी सी पैंटी में छुपी बुर का हिस्सा दिख रहा था और सब तरफ़ से घने बाल भी दिख रहे थे । उसने रानी की पैंटी भी एक झटके में उतार दी और उसके सामने काले बालों का एक झुंड था जिसमें से उसकी बुर बहुत थोड़ी सी ही दिख रही थी।
MAST HOT UPDATE राजीव ने फिर से उसके होंठ चूमे और बोले: मुझे पता है तुम औरत हो ही नहीं। असल में तुम तो अभी छोटी सी लड़की हो जिसे कभी प्यार मिला ही नहीं। और वह प्यार मैं तुमको दूँगा बहुत बहुत प्यार , ढेर सारा प्यार। समझी? उसने अब उसे अपने बदन से भींच लिया और उसकी गरदन चूमने लगा।
 
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अब रानी भी अपनी कमर हिलाके उसका साथ देने लगी। राजीव भी मज़े से धक्के लगाने लगा। कमरे में चुदाई का मानो तूफ़ान आया हुआ था। फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी। साथ ही रानी की सिसकारियाँ भी आऽऽऽहहह और चोओओओओओओओओओदो बाअअअअअअअअउउउउउजीइइइइइइइइइ । फ़ाड़ दोओओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइइइइ फुद्दीइइइइइइइइइ। राजीव उसके चूतरोंको दबाके उसकी ज़बरदस्त चुदाई कर रहा था और उसकी एक ऊँगली उसकी गाँड़ जे छेद में भी हलचल मचा रही थी।
अब रानी से नहीं रहा गया और वह ज़ोर से चिल्लाई: हाऽऽऽऽऽय्यय मैं गईइइइइइइइइइइइइ आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है और ज़ोर से चोदोओओओओओओओप्प बाऊजीइइइइइइइइइइइइ। उइइइइइइइइइ मैं गईइइइइइइइ। ये कहकर उसने अपनी जाँघों को दबाकर उसके लौंडे को जकड़ लिया और अपने ऑर्गैज़म के चरम आनंद में डूबने लगी। राजीव भी अब मज़े से उसकी बुर में अपना रस गिराने लगा। उसने पूरा लौड़ा दबाकर रस को अंदर तक छोड़ दिया । रानी को महसूस हुआ कि उसकी बच्चादानी के मुँह पर ही उसका वीर्य गिर रहा था।
वह आनंद से भर कर अपनी आँख बंद कर ली और चरम आनंद में डूब गई। अब राजीव भी बहुत मस्त होकर उसको चूमा और उसके साइड में लेट गया। अब दोनों नंगे अग़ल बग़ल लेटे हुए थे।
राजीव: मज़ा आया रानी?
रानी उससे लिपट कर बोली: सच बोलूँ ? मुझे तो आज ही पता चला कि असली चुदाई क्या होती है। आह सच में बहुत मज़ा आया बाऊजी । मैं आज बहुत ख़ुश हूँ।
फिर वह उसके लौड़े को पकड़कर प्यार से सहलाते हुए बोली: आज मुझे विश्वास हो गया है कि आप मुझे भी माँ बना ही देंगे जैसे अपने उन तीन लड़कियों को बनाया है। मुझे आप उन लड़कियों की कहानी कब सुनाएँगे?
राजीव उसके चूतरों को दबाकर बोला: ज़रूर बताऊँगा पर आज नहीं।
तभी उसका फ़ोन बजा उसने फ़ोन उठाया ।
राजीव: हेलो , अरे रमेश तुम? बोलो क्या बात है?
रमेश जो उसका दोस्त है: अरे तुमको अपने बेटे की शादी नहीं करनी है क्या?
राजीव: अरे करनी है ना , कोई है क्या तुम्हारी नज़र में?
रमेश : हाँ एक लड़की है मेरे एक दोस्त की ही बेटी है। अच्छी सुंदर और सुशील है और पढ़ी लिखी भी है।
राजीव: अरे तो फिर देर किस बात की है। बात आगे बढ़ाओ।
रमेश: ठीक है मैं फिर तुमको बताऊँगा उन लोगों से बात करके । ठीक है ना?
राजीव : बिलकुल ठीक है। मैं इंतज़ार करूँगा। बाई।
राजीव को ख़ुश देख कर रानी उसके बॉल्ज़ को सहला कर बोली: आप शिवा भय्या की शादी तय कर रहे हैं?
राजीव उसकी चूचि दबाके बोला: हाँ लड़की खोज रहा हूँ। देखो कब मिलती है?
फिर दोनों एक दूसरे से लिपट गए और राजीव उसको दूसरे राउंड की चुदाई के लिए तय्यार करने लगा।
रानी उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली: मुझे तो लगता है कि आपने इतना रस मेरे अंदर छोड़ा है मैं शायद आज ही गर्भ से हो गयी हों गई होऊँगी।
राजीव हँसते हुए: शायद नहीं ,पक्का गर्भ ठहर ही गया होगा। मेरे लौड़ा तुम्हारी बच्चे दानी के ऊपर ठोकरें मार रहा था। वैसे मुझे एक बार तुमको फिर से चोदना है। सच क्या टाइट बुर है तुम्हारी।
रानी उठकर बैठी और बोली: मुझे ज़रा बाथरूम जाना है।
राजीव : चलो मुझे भी जाना है।
दोनों बाथरूम में जाकर मूते और राजीव झुककर हैंड शॉवर से उसकी बुर को धोया और फिर रानी ने भी उसके लौड़े को धोया। फिर वो दोनों बाहर आकर बिस्तर पर लेटे और एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही दोनों गरम हो गए। राजीव उसके ऊपर ६९ की पोजीशन में आ गया और उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। उधर उसका लौड़ा रानी के मुँह के सामने था। उसने कभी लौड़ा नहीं चूसा था। मगर उसने कुछ फ़ोटो देखीं थीं उसके सहेलियों की मोबाइल में जिनमे अंग्रेज़ औरतें आदमियों का लौड़ा चूस रहीं थीं। उसकी कुछ सहेलियाँ भी उसको बतायी थी कि वो अपने पति के लौड़े चूसती हैं।
उसने भी हिम्मत की और उसके लौड़ेको सहलाते हुए अपने मुँह के पास लायी और उसके सुपाडे को सूँघा। उसका पूरा शरीर मस्ती से भरने लगा। उधर उसकी बुर पर राजीव की जीभ तांडव कर रही थी और वह बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी। तभी उसने सुपाडे को चूम लिया और फिर वह जीभ से उसे चाटने लगी। उधर राजीव ने भी उसके मुँह में लौड़े का दबाव बढ़ाया और रानी के मुँह में उसका लौड़ा जैसे घुसता चला गया। अब राजीव उसके मुँह की चुदाई करने लगा। साथ ही बुर की रगड़ाई भी जीभ से किए जा रहा था। अब रानी मस्ती से लौड़ा चूसे जा रही थी। फिर राजीव उठा और उसने रानी को पेट के बल लिटाया और फिर उसको चूतर उठाने को बोला। अब उसकी बुर और गाँड़ उसकी आँखों के सामने थे। उसने गाँड़ की सुराख़ पर ऊँगली फेरी और फिर मस्ती से उसकी बुर मसलने लगा और फिर अपने लौड़े को उसकी बुर में लगाकर उसके अंदर अपना लौड़ा ठेल दिया और फिर उसकी नीचे को लटकी हुईं चूचियाँ दबाकर उसकी मस्त चुदाई करने लगा।
वह भी मज़े से अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी। कमरा एक बार फिर से फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँजने लगा। जल्दी ही दोनों चिल्लाकर झड़ने लगे। राजीव ने उसकी बुर में अपना वीर्य अंदर तक छोड़ दिया।
फिर वो दोनों एक साथ लिपट कर सो गए।
अगले कुछ दिन ऐसे ही चला रोज़ शिवा के जाने के बाद वो चुदाई करते और राजीव उसको विश्वास दिला रहा था कि वह जल्दी ही गर्भ से हो जाएगी।
उस दिन भी वो दोनों चुदाई के बाद आराम कर रहे थे रानी उसके लौड़े को हल्के से सहला रही थी। तभी उसके दोस्त रमेश का फ़ोन आया और वह बोला: यार क्या तुम और शिवा कल यहाँ आ सकते हो? मैं चाहता हूँ कि कल तुम मेरे दोस्त श्याम की भतीजी को देख लो। बहुत प्यारी बच्ची है तुम लोगों को ज़रूर पसंद आएगी।
राजीव ने रानी की गाँड़ सहलाते हुए कहा: अच्छा ये तो बहुत अच्छी बात है। कौन कौन है उसके घर में?
रमेश: यार बेचारी के पिता का तो बचपन में ही देहांत हो गया था वह अपनी माँ के साथ मेरे दोस्त के यहाँ पली है जो कि उसका ताया है । यानी वह श्याम की भतीजी है। बी कॉम किया है और दिखने में भी बहुत सुंदर है।
राजीव: ओह चलो हम कल का प्लान बनाते हैं। तुमको ख़बर कर के कल शाम को आएँगे । तुम्हारा शहर सिर्फ़ दो घण्टे की ही दूर पर तो है। हम वहाँ पाँच बजे तक तो पहुँच ही जाएँगे।
फिर इधर उधर की बात करके उसने फ़ोन रख दिया। फिर राजीव ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी और रानी आऽऽंह कर उठी ।
राजीव: अरे एक ऊँगली नहीं ले पा रही है तो मेरा लौड़ा कैसे अंदर लेगी?
रानी: मुझे नहीं लेना आपका लौड़ा यहाँ। बुर को जितना चाहिए चोदिए। पर गाँड़ नहीं मरवाऊँगी।
राजीव: अरे जब तुम गर्भ से हो जाओगी तो गाँड़ से ही काम चलाउंगा ना। डॉक्टर बोल देगी तीन चार महीने बाद कि बुर को चोदना बंद करो।
रानी हँसते हुए बोली: तब की तब देखी जाएगी। अच्छा तो कल आप बहु देखने जा रहे हैं।
राजीव : हाँ हम जाएँगे। देखें क्या होता है वहाँ?

फिर वह किचन ने चली गयी और वह भी आराम करने लगा।
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रानी खाना बना कर चली गयी और शिवा दुकान बंद कर घर आया तो राजीव ने उसे अगले दिन लड़की देखने की बात बताई। शिवा ने ठीक है कहा और दोनों खाना खाते हुए दुकान की बात करने लगे। खाना खाकर थोड़ी देर TV देखकर वो सोने चले गए।
रात को सोते हुए राजीव सोचने लगा कि बहु के आने के बाद उसकी और रानी की चुदाई मुश्किल में पड़ जाएगी। उसे कोई रास्ता निकालना ही होगा ताकि वो रानी को बिना किसी अड़चन के चोद सके। वैसे भी उसकी आँखों में रानी की कुँवारी गाँड़ घूम रही थी और वह यह सोचकर गरम हो गया कि उसकी गाँड़ मारने में क्या मज़ा आएगा। फिर वह अपने खड़े लौड़े को दबाकर सो गया।
अगले दिन शिवा को जल्दी वापस आने के लिए बोल कर राजीव ख़ुद भी तय्यार होकर बाज़ार गया और वहाँ से मिठाई और फल ख़रीदे। बाज़ार से वापस आकर उसने रानी की एक राउंड चुदाई भी की और फिर शाम को शिवा और वह पास के शहर में रमेश से मिलने पहुँचे।
रमेश उनको लेकर अपने दोस्त श्याम के यहाँ पहुँचा । श्याम और उसकी पत्नी ने उनका बहुत स्वागत किया और फिर उनको सरला से मिलवाया,जो कि श्याम के स्वर्गीय भाई की पत्नी और मालिनी की माँ थी। मालिनी ही वह लड़की थी जिसे देखने वह दोनों आए थे।
राजीव ने फल और मिठाई सरला को दी। उसने देखा कि सरला बला की ख़ूबसूरत महिला थी। बहुत गोरी और अपने उम्र के हिसाब से थोड़ी भरी हुई भी थी। बड़े बड़े दूध और उभरे हुए चूतर बहुत ही मादक थे। बहुत दिन बाद राजीव के लौड़े ने एक नज़र देखकर ही एक औरत के लिए झटका मारा था। राजीव उसकी गाँड़ के उभार को देखकर मस्ती से भर गया। फिर उसने अपने आप को याद दिलाया कि वह उसकी समधन हो जाएगी अगर ये रिश्ता हो जाता है।
उसने अपने आप को क़ाबू में किया और बोला: भाभी जी आप जब इतनी सुंदर हो तो आपकी बेटी भी यक़ीनन बहुत प्यारी होगी।
सरला: अरे आपका बेटा भी तो बहुत प्यारा है। भाई सांब इन दोनों की जोड़ी बहुत जमेगी।
राजीव हँसते हुए बोला: भाभी जी आपकी बेटी देख तो लें फिर शायद आपको बात से हम भी सहमत हो जाएँगे।
तभी श्याम आकर सरला को बोला: सरला आओ मालिनी को ले आते हैं। वो दोनों अंदर चले गए। राजीव ने नोटिस किया कि श्याम अपनी बीवी की तरफ़ ज़्यादा ध्यान नहीं दे रहा था। वैसे उसकी बीवी काफ़ी दुबली पतली थी और बीमार सी दिखती थी।
राजीव ने एक नौकर से कहा: मुँझे बाथरूम जाना है।
वह उसके साथ बाथरूम की ओर चल पड़ा। नौकर उसको एक कमरे में बाथरूम दिखाकर वापस चला गया। वह बाथरूम जाकर जब बाहर आया तभी उसको कुछ आवाज़ सी आयी। वह कमरे से बाहर आते हुए रुक गया और दरवाज़े के पास आकर थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर झाँका।
वहाँ सामने कोई नहीं था। वह बाहर आया और तभी उसको दबे स्वर में हँसने की आवाज़ आयी और वह पता नहीं क्यों उस कमरे के सामने पहुँचकर चुपचाप बातें सुनने लगा। अंदर आदमी बोल रहा था: अब यह शादी हो जाए तो हम खुलकर मस्ती कर सकेंगे । फिर चुम्बन की आवाज़ आइ । अब धीरे से वह अंदर झाँका। वहाँ का दृश्य बड़े ही हैरान करने वाला था। श्याम अपने भाई की बीवी के साथ लिपटा हुआ था और उसे चूमे जा रहा था। वह भी उससे मज़े से चिपकी हुई थी। श्याम के हाथ उसके बड़े बड़े चूतरों को दबा रहे थे।
सरला: अच्छा अब छोड़िए। मालिनी तय्यार हो गयी होगी।
श्याम: हाँ यार जितनी जल्दी उसकी शादी हो जाए हम मज़े से चुदाई कर सकेंगे।
सरला: हाँ जी आपको भाभी तो मज़ा नहीं देती इसलिए मुझे ही रगड़ोगे आप तो। चलो अब जल्दी से वरना कोई देख लेगा। वो दोनों अलग हुए तो वह अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करते हुए बोली: देखिए पूरा ब्लाउस छाती के ऊपर कैसा मसल दिया है आपने ।कोई भी समझ लेगा कि क्या हुआ है मेरे साथ।
श्याम: अरे तुम्हारी चूचियाँ हैं इतनी मस्त कि साला हाथ अपने आप ही उन पर चला जाता है। वह यह कहते हुए अपने लौड़े को पैंट में अजस्ट करने लगा।
फिर दोनों बाहर आने लगे। राजीव जल्दी से वहाँ से हट कर छुप गया। उनके जाने के बाद वह वापस बाहर आ गया। शिवा वहीं बैठकर श्याम की बीवी से बातें कर रहा था।
थोड़ी देर बाद वो दोनों आए और साथ में मालिनी भी आयी। उसने साड़ी पहनी हुई थी। वह माँ जैसी ही गोरी चिट्टि और थोड़े भरे बदन की नाटे क़द की लड़की थी। शिवा तो उसे एकटक देखता ही रह गया। मालिनी ने भी भरपूर नज़र से शिवा को देखा और वह भी उसको बहुत पसंद आ गया।
राजीव ने भी मालिनी को देखा और वह सच में अपनी माँ का ही प्रतिरूप थी। भरे बदन के कारण वह बहुत सेक्सी भी दिख रही थी। साड़ी से उसकी चूचियों के उभार बहुत ही ग़ज़ब ढा रहे थे। और जब वह उसको नमस्ते करके उसकी बग़ल से आकर साइड के सोफ़े में बैठी तो उसके चूतरों का उभार उसको मस्त कर गया। तभी उसे याद आया कि वह उसकी होने वाली बहु है। उसे अपने आप पर बहुत शर्म आयी और उसने अपना सिर झटका जैसे वह गंदे ख़याल अपने दिमाग़ से बाहर निकाल रहा हो।
श्याम: ये है हमारी बिटिया रानी सरला। और सरला ये है शिवा और ये हैं इनके पिता।
सरला ने फिर से सबको नमस्ते किया। वह अपना सिर झुका कर बैठी थी। राजीव ने देखा कि शिवा उसे देखे ही जा रहा था। वह मन ही मन मुस्कुराया और बोला: शिवा मैं चाहता हूँ कि तुम और मालिनी अकेले में थोड़ी देर बातें कर लो और एक दूसरे को समझ लो। श्याम जी आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं?
श्याम: अरे नहीं हमें क्यों ऐतराज़ होगा अच्छा ही है वो दोनों एक दूसरे को समझ लें।
सरला उठी और मालिनी और शिवा को लेज़ाकर एक कमरे में बिठा आयी।
जब वो वापस आइ तो राजीव उसको भरपूर नज़रों से देखा, उसको उसकी और श्याम की मस्ती याद आ गयी।
सरला: भाई सांब लगता है दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं।
राजीव: हाँ बड़ी ही प्यारी बच्ची है , मुझे भी लगता है कि दोनों एक दूसरे को पसंद आ गए हैं।
उधर मालिनी और शिवा एक दूसरे से बातें किए जा रहे थे। शिवा उसको अपने बिज़नेस वग़ैरह के बारे ने बताया और मालिनी अपनी पढ़ाई और अपने खाना बनाने के शौक़ के बारे में बतायी। जल्दी ही उन दोनों को समझ में आ गया कि वह एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं।
थोड़ी देर बाद शिवा बोला: आप मुझे पसंद हो, अब आप बताओ कि मैं आपको पसंद हूँ या नहीं?
मालिनी ने सिर झुका कर कहा: आप भी मुझे पसंद हो।
फिर दोनों उठकर बाहर आए और राजीव ने पूछा: हाँ अब बताओ कि क्या इरादा है?
शिवा: पापा मेरी तो हाँ है।
श्याम: और बेटी तुम्हारी?
मालिनी ने शर्माकर अपना सिर हाँ में हिला दिया।
अब राजीव ख़ुशी से खड़ा हुआ और श्याम भी खड़े होकर उसके गले मिला। और उन्होंने एक दूसरे को बधाइयाँ दी। सरला ने भी राजीव को बधाई दी। फिर शिवा और मालिनी ने सबके पैर छुएँ। श्याम ने सबको मिठाई खिलाई।
अब राजीव भी कार से मिठाई और एक अँगूठी निकाल लाया। सरला भी एक अँगूठी लायी। अब शिवा और मालिनी ने एक दूसरे को अँगूठी पहनायी। सबने उनको बधाइयाँ दी।बहुत से फ़ोटो खिंचे गए। फिर सबने नाश्ता किया और बाद में शिवा और राजीव वापस अपने घर आ गए।
रास्ते में राजीव बोला: बेटा पहली बार में ही लड़की पसंद आ गई ?
शिवा: जी पापा वो बहुत ही समझदार लड़की है और अपनी ज़िम्मेदारी भी समझती है।
राजीव हँसते हुए बोला :और सुंदर भी है । है ना?
शिवा: जी पापा सुंदर तो है ही ।
राजीव: तुम दोनों की जोड़ी ख़ूब जँचेगी। मुझे ख़ुशी है कि पहली बार में ही इतना बढ़िया रिश्ता मिल गया।

रात को सोते हुए राजीव सरला के बारे में सोच कर गरम होने लगा। क्या दूध हैं उसके। फिर अचानक उसको मालिनी के भी साड़ी से उभरे हुए दूध याद आ गए और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। फिर उसे शर्म आइ और वह अपने आप को कोसा और सोने की कोशिश करने लगा।
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सुबह उसने रानी के लिए दरवाज़ा खोला और आकर सोफ़े पर बैठ गया। रानी भी आकर उसकी गोद में बैठ गयी और बोली: तो क्या हुआ कल ? बहू पसंद आयी या नहीं?
राजीव: बहुत पसंद आयी और हमने तो रोका भी कर दिया। अब सगाई की तारीख़ निकालेंगे।
रानी: कैसी है दिखने में?
राजीव: बहुत प्यारी और सुंदर। तुमको फ़ोटो दिखाता हूँ। यह कहकर उसने रानी को मोबाइल पर कल की फ़ोटो दिखाई।
रानी: हाँ बहुत सुंदर है। भय्या बहुत लकी है। वैसे भरी हुई है जैसी आपको अच्छी लगती हैं वैसे ही है।
राजीव: बिलकुल खाते पीते घर की है, तुम्हारे जैसी सूखी और सुक़ड़ी सी नहीं है। यह कहते हुए वह हँसा और उसको चूम लिया। फिर उसकी छाती पर हाथ फेरने लगा।
रानी हँसते हुए बोली: आपकी बहू की छाती तो इतनी बड़ी है कि मेरी दोनों छातियाँ उसकी एक के बराबर होंगी।
राजीव: अरे नहीं इतनी भी बड़ी नहीं हैं पर हाँ तुम्हारी छाती से काफ़ी बड़ी हैं।
रानी हँसते हुए: काफ़ी ध्यान से देखा है बहू की छातियों को? इरादा नेक है ना?
राजीव: अरे तुम भी क्या फ़ालतू बात कर रही हो। ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे इसकी माँ की चूचियाँ तुम्हारी से दुगुनी होंगी, ये देखो । ये कहकर उसने सरला की फ़ोटो में उसकी छाती को ज़ूम करके दिखाया।
रानी: हाँ सच में इनकी बहुत बड़ी हैं। ये आपकी होने वाली समधन हैं क्या?
राजीव: हाँ ये सरला है मस्त माल है। और चालू भी है। ये कहते हुए उसका लौड़ा अकड़ने लगा और रानी को गाँड़ में चुभने लगा।
रानी गाँड़ को उचका कर बोली: आह इसे क्यों खड़ा कर लिए? समधन का जादू है क्या? आपने उसे चालू क्यों बोला?
राजीव ने उसे श्याम और सरला की मस्ती के बारे में बताया कि कैसे वो एक दूसरे से लिपट कर मज़ा कर रहे थे और मालिनी की शादी का इंतज़ार कर रहे थे ताकि खुल कर मज़े ले सकें।
राजीव: मुझे लगता है कि मालिनी के कारण वो ज़्यादा मज़ा नहीं ले पाते होंगे। वैसे भी श्याम की बीवी तो बहुत बीमार दिख रही थी। वो क्या इनके मज़े में ख़लल डाल पाएगी?
रानी: तब तो मालिनी को भी इसका अंदाज़ा तो होगा ही कि उसकी माँ उसके ताया जी के साथ फँसी हुई है। और वो चुदाई के बारे में सब जानती होगी। वैसे भी उसका भरा हुआ बदन देखकर लगता है कि वो शायद चुदवा चुकी होगी।
राजीव: क्या फ़ालतू बात कर रही हो? वो एक बच्ची की तरह मासूम है। बहुत नादान है वो बिलकुल एक नगीना यानी कि हीरा है।
रानी हँसते हुए बोली: उस बिचारि नगीना को क्या पता कि उसका ससुर कितना कमीना है?
राजीव झूठा ग़ुस्सा दिखाकर बोला: मैंने क्या कमीनी हरकत की है?
रानी हँसते हुए बोली: अपनी बहू के दूध देखना और उसको मेरे दूध से तुलना करना क्या कमीनापन नहीं है? अच्छा ये बताइए उसकी गाँड़ कैसी है? आपको तो बड़े चूतर अच्छे लगते हैं ना? बहू के कैसे हैं? वैसे इस फ़ोटो में तो बड़े मस्त गोल गोल दिख रहे हैं। !
राजीव का लौड़ा अब पूरा खड़ा हो कर उसकी गाँड़ में ठोकर मार रहा था। वह बोला: साली कमिनी , ख़ुद मेरी बहू के बारे में गंदी बात कर रही है और मुझे कमीना बोल रही है। चल अभी तेरी गाँड़ मारता हूँ मादरचोद।
ये कहकर वह उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर पटका और उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी बुर में दो ऊँगली डाल दिया। इस अचानक हमले से रानी हाय्य्यय कर उठी पर वह उसकी बुर में उँगलियाँ अंदर बाहर करने लगा । जल्दी ही बुर गीली हो गई और उसने अपना लोअर और चड्डी उतारा और फनफना रहे लौड़े को उसकी बुर में एक झटके में पेल दिया। फिर उसके ऊपर आकर उसके ब्लाउस और ब्रा को ऊपर किया और चूचियाँ मसलते हुए उसकी बेरहमी से चुदाई करने लगा।
रानी भी आऽऽऽहहह हाय्य्य्य्य कहकर मस्ती से कमर उछालने लगी और बोली: सच में बोलो ना बहू भी अपनी माँ की तरह माल है ना?
राजीव: आऽऽहहह मादरचोओओओओओओओद फिर वही। कहा ना माँ साली रँडीइइइइइइइ है। बहू तो अभी बच्चीइइइइइइइइ है।
रानी: फिर भी उसके चूतर और चूची तो मस्त है ना? वैसी है जैसे आपको अच्छी लगती है । है नाआऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽह बोओओओओओओलो ना।
राजीव ज़ोर ज़ोर से धक्का मारते हुए बोला: आऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म हाँआऽऽऽऽ सालीइइइइइइ बहू भी मस्त माआऽऽऽऽऽऽऽल है। मालिनी की भी मस्त गोओओओओओओओल गाँड़ है आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह मैं गयाआऽऽऽऽऽऽ । साली क़ुतियाआऽऽऽऽऽऽ लेeeee मेराआऽऽऽऽ माआऽऽऽऽलल्ल अपनी बुर में। ह्म्म्म्म्म्न कहते हुए वह झड़ गया।
फिर जब वो सफ़ाई करके लेटे हुए थे, तब राजीव बोला: सच में मालिनी बहुत मासूम सी बच्ची है। मुझे उसके बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।
रानी: पर मुझे तो लगता है कि आप उसकी भी ले लोगे।
राजीव ग़ुस्से से : क्या बकवास कर रही हो? वो मेरे बेटे की बीवी होगी। उसके बारे में ऐसा कैसे कर सकता हूँ। हाँ उसकी माँ की बुर ज़रूर रगड़ूँगा। साली सिर्फ़ श्याम को क्यों मज़ा दे ? हम साले मर गए हैं क्या?
रानी उठती हुई बोली: एक बात बताइए कि हमारा मिलन कैसे होगा बहु के आने के बाद?
राजीव: ये चिंता तो मुझे भी है देखो कोई रास्ता निकालेंगे। ये कहकर वह फिर से उसको अपनी बाँहों में खींच लिया और बोला: तुम्हारा महवारी याने पिरीयड कब आता है?
रानी: अभी दस दिन हैं। क्यों पूछ रहे हैं आप?
राजीव: अरे इसीलिए कि इस बार नहीं आएगा। तुमको गर्भ से जो कर चुका हूँ।
रानी: आप इतने यक़ीन से कैसे कह सकते हैं?
राजीव: मैंने तुमको बताया था ना कि मैं पहले भी तीन लड़कियों को गर्भवती कर चुका हूँ और तीनों एक महीने की ही चुदाई में माँ बनने के रास्ते पर चल पड़ीं थीं।
रानी: मैं तो आपको कितनी ही बार पूछ चुकी हूँ पर आप अभी तक एक के बारे में भी नहीं बतायें हैं।
राजीव: चलो अभी चाय पिलाओ और बाद में शिवा के दुकान जाने के बाद मैं तुमको बताऊँगा कि कैसे मैंने जुली को गर्भवती किया। वही पहली लड़की थी जिसे मैंने करीब पाँच साल पहले चोद के माँ बनाया था।
रानी: ठीक है बताइएगा आज जुली के बारे में। ये कहकर वह किचन मे चली गयी।
बाद में शिवा उठकर आया और चाय पीते हुए बाप बेटा बातें करने लगे।
राजीव: फिर बरखुरदार, रात को नींद आयी या नहीं? कहीं रात भर शादी के सपने तो नहीं देखते रहे?
शिवा: क्या पापा आप भी ना ? छेड़ रहे हैं मुझे?
राजीव हँसते हुए बोला: अरे बहु का सेल नम्बर लिया था कि नहीं?
शिवा शर्माकर: कहाँ ले पाया? सब कुछ इतनी जल्दी में हो गया।
राजीव : अच्छा चल मैं ही जुगाड़ करता हूँ तेरे लिए। ये कहकर उसने श्याम को फ़ोन लगाया।
उधर से सरला ने फ़ोन उठाया और बोली: हेलो कौन बोल रहे हैं?
राजीव: मैं राजीव बोल रहा हूँ भाभीजी । आप कैसी हैं?
सरला: नमस्ते भाई सांब । मैं ठीक हूँ। आप लोग कल अच्छे से पहुँच गए थे ना?
राजीव: हाँ जी सब बढ़िया है। मैंने इसलिए फ़ोन किया कि मुझे मालिनी का नम्बर चाहिए ,शिवा माँग रहा है। वो दोनों बातें करेंगे तो एक दूसरे को समझेंगे ना।
सरला: जी बिलकुल ठीक कहा आपने। मैं अभी आपको sms करती हूँ। शिवा है क्या बात करवाइए ना?
शिवा ने फ़ोन लेकर कहा: नमस्ते मम्मी जी।
सरला: नमस्ते बेटा , कैसे हो? मालिनी को हम लोग बहुत छेड़ रहे हैं तुम्हारा नाम लेकर।
शिवा: मम्मी आप लोग भी ना बेचारी को क्यों तंग कर रहे हो?
सरला: लो अभी से उसकी तरफ़ से बोलने लगे? वाह जी वाह।
शिवा: मम्मी मेरी आप खिंचाई तो मत करो।

फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करके वह फ़ोन राजीव को दे दिया।
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