Romance तुम सामने सच में हो या कोई ख्वाब है।

कहानी किस शैली (GENRE) में लिखूँ ।

  • हास्य (Comedy)

  • नाटक (Drama)

  • एक्शन (Action)

  • विज्ञान-कथा (Sci-Fi)

  • रहस्य (Thriller)


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Some things are better forgotten.
Moderator
439
858
93
भाग-1

आज 3 साल पूरे हो गये तुम्हे मुझसे जुद़ा हुए, काश तुम बता देते कि ऐसी क्या मजबूरी थी तुम्हारी जो तुम मुझसे यूँ जुदा हुएँ। मैं तो ये भी नहीं जानता कि कहाँ हो, कैसे हो, क्या कर रहे हो। मेरा इन्तज़ार कर रहे हो या नहीं ये भी नहीं मालूम, बस इतना पता है कि इस कमबख्त दिल पर तुमने राज़ किया था या शायद ये कहना ज्यादा सही होगा कि अब भी करती हो। तुम मेरी जिन्दगी की किताब का वह पन्ना हो जिसे मैं पूरा करना तो चाहता हुँ पर अब तक कर नहीं पाया हुँ। ये 3 साल कैसे तेरी यादों के सहारे बिताये है बस मैं ही जानता हुँ -
रात हुई जब शाम के बाद, तेरी याद आई हर बात के बाद ।
हमने खामोश रह कर भी देखा, तेरी आवाज़ आई हर साँस के बाद ।।
ओये युग क्या य़ार पूरे दिन बैठके डायरी लिखते रहता है जा तुझे कर्नल साहब याद कर रहे है।
और क्या करें सर, यहाँ पर पहाड़ और हम जैसे पागलों के सिवा रहता ही कौन है जिससे बातें कि जाए, अब तो बस ये डायरी ही है जिसका सहारा है। अरे याद आया नमो सर बुला रहे थे आप भी ना सर बातों-बातों में भुला दिया था, जब देखो तब बातों में लगा देते हो, मैं अभी आया।


जय हिन्द सर,
जय हिन्द,


बहुत खूब दोस्त :good2:... अगले अपडेट का इंतजार रहेगा
 
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एक झलकि -

बड़ी देर बाद एक आवाज आती है - एक शेर अर्ज करता हुँ अभी-अभी तेरे हालात देखकर बनाया है, कि -
"बसंती हुदी पर आज उसकी सुहागरात नहीं,
पूरा हुश्न देख नहीं पाया वो हुई नग्न मादरजात नहीं,
और ज़ाम से ज़ाम टकरेगा JD का आज,
ज़ाम से ज़ाम टकरेगा JD का आज,
जाये अगर जाना है उसे, इसमें रोने की साला कोई बात नहीं।"
very nice
 
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भाग-1

आज 3 साल पूरे हो गये तुम्हे मुझसे जुद़ा हुए, काश तुम बता देते कि ऐसी क्या मजबूरी थी तुम्हारी जो तुम मुझसे यूँ जुदा हुएँ। मैं तो ये भी नहीं जानता कि कहाँ हो, कैसे हो, क्या कर रहे हो। मेरा इन्तज़ार कर रहे हो या नहीं ये भी नहीं मालूम, बस इतना पता है कि इस कमबख्त दिल पर तुमने राज़ किया था या शायद ये कहना ज्यादा सही होगा कि अब भी करती हो। तुम मेरी जिन्दगी की किताब का वह पन्ना हो जिसे मैं पूरा करना तो चाहता हुँ पर अब तक कर नहीं पाया हुँ। ये 3 साल कैसे तेरी यादों के सहारे बिताये है बस मैं ही जानता हुँ -
रात हुई जब शाम के बाद, तेरी याद आई हर बात के बाद ।
हमने खामोश रह कर भी देखा, तेरी आवाज़ आई हर साँस के बाद ।।
ओये युग क्या य़ार पूरे दिन बैठके डायरी लिखते रहता है जा तुझे कर्नल साहब याद कर रहे है।
और क्या करें सर, यहाँ पर पहाड़ और हम जैसे पागलों के सिवा रहता ही कौन है जिससे बातें कि जाए, अब तो बस ये डायरी ही है जिसका सहारा है। अरे याद आया नमो सर बुला रहे थे आप भी ना सर बातों-बातों में भुला दिया था, जब देखो तब बातों में लगा देते हो, मैं अभी आया।


जय हिन्द सर,
जय हिन्द,


very interesting update kahan hai wo kaisi hai wo kya sach me ki bewfai ya yunhi badaam hai wo
 
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भाग-1

आज 3 साल पूरे हो गये तुम्हे मुझसे जुद़ा हुए, काश तुम बता देते कि ऐसी क्या मजबूरी थी तुम्हारी जो तुम मुझसे यूँ जुदा हुएँ। मैं तो ये भी नहीं जानता कि कहाँ हो, कैसे हो, क्या कर रहे हो। मेरा इन्तज़ार कर रहे हो या नहीं ये भी नहीं मालूम, बस इतना पता है कि इस कमबख्त दिल पर तुमने राज़ किया था या शायद ये कहना ज्यादा सही होगा कि अब भी करती हो। तुम मेरी जिन्दगी की किताब का वह पन्ना हो जिसे मैं पूरा करना तो चाहता हुँ पर अब तक कर नहीं पाया हुँ। ये 3 साल कैसे तेरी यादों के सहारे बिताये है बस मैं ही जानता हुँ -
रात हुई जब शाम के बाद, तेरी याद आई हर बात के बाद ।
हमने खामोश रह कर भी देखा, तेरी आवाज़ आई हर साँस के बाद ।।
ओये युग क्या य़ार पूरे दिन बैठके डायरी लिखते रहता है जा तुझे कर्नल साहब याद कर रहे है।
और क्या करें सर, यहाँ पर पहाड़ और हम जैसे पागलों के सिवा रहता ही कौन है जिससे बातें कि जाए, अब तो बस ये डायरी ही है जिसका सहारा है। अरे याद आया नमो सर बुला रहे थे आप भी ना सर बातों-बातों में भुला दिया था, जब देखो तब बातों में लगा देते हो, मैं अभी आया।


जय हिन्द सर,
जय हिन्द,


chota sa badhiya update
 

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