Fantasy तेरी याद साथ है

Expert Member
8,339
11,930
143
मैं थोड़ी देर में बाथरूम से निकल पड़ा और पप्पू की तरफ देखकर आँखों ही आँखों में पूछा कि क्या हुआ।

उसने मायूस होकर मेरी तरफ देखा और यह बोलने की कोशिश की कि शायद मेरी मौजूदगी में आगे कुछ नहीं हो सकता।

मैं समझ गया और खुद ही मायूस हो गया।

मैं वापस अपने बिस्तर पर आ गया और इधर उधर की बातें होने लगी। तभी मैंने रिंकी की तरफ देखा और कहा,“रिंकी, अगर तुम्हें तकलीफ न हो तो क्या हमें चाय मिल सकती है?”

“क्यूँ नहीं, इसमें तकलीफ की क्या बात है। आप लोग बैठो, मैं अभी चाय बनाकर लती हूँ।”

इतना कहकर रिंकी ऊपर चली गई और चाय बनाने लगी।

जैसे ही रिंकी गई, मैंने उठ कर पप्पू को गले से लगाया और उसे बधाई देने लगा। पप्पू ने भी मुझे गले से लगाकर मुझे धन्यवाद दिया और फिर से मायूस सा चेहरा बना लिया।

“क्या हुआ साले, ऐसा मुँह क्यूँ बना लिया?”

“कुछ नहीं यार, बस खड़े लण्ड पर धोखा।” उसने कहा और हमने एक दूसरी की आँखों में देखा और हम दोनों के मुँह से हंसी छूट गई।

“अरे नासमझ, तू बिल्कुल बुद्धू ही रहेगा। मैंने तेरी तड़प देख ली थी इसीलिए तो रिंकी को ऊपर भेज दिया। आज घर में कोई नहीं है, तू जल्दी से ऊपर जा और मज़े ले ले।” मैंने आँख मारते हुए कहा।

मेरी बात सुनकर पप्पू की आँखें चमकने लगी और उसने मुझे एक बार और गले से लगा लिया।

मैंने उसे हिम्मत दी और उसे ऊपर भेज दिया। पप्पू दौड़ कर रिंकी की रसोई में पहुँच गया।

मेरी उत्तेजना पप्पू से कहीं ज्यादा बढ़ गई थी यह देखने के लिए कि दोनों क्या क्या करेंगे।

पप्पू के जाते ही मैं भी उनकी तरफ दौड़ा और जाकर ऊपर के हॉल में छिप गया। हमारे घर कि बनावट ऐसी थी कि हॉल के ठीक साथ रसोई बनी हुई थी। मैं हॉल में रखे सोफे के पीछे छुप कर बैठ गया। रिंकी उस वक्त रसोई में चाय बना रही थी और पप्पू धीरे धीरे उसके पीछे पहुँच गया। उसने पीछे से जाकर रिंकी को अपनी बाहों में भर लिया।

रिंकी इसके लिए तैयार नहीं थी और वो चौंक गई, उसने तुरंत मुड़कर पीछे देखा और पप्पू को देखकर हैरान रह गई,“ यह क्या कर रहे हो, जाओ यहाँ से वरना सोनू को हम पर शक हो जायेगा।”

यह कहते हुए रिंकी ने अपने आपको छुड़ाने की कोशिश की।

पप्पू ने उसकी बात को अनसुना करते हुए उसे और जोर से अपनी बाहों में भर लिया और उसके गर्दन पर चूमने लगा। रिंकी बार बार उसे मना करती रही और कहती रही कि सोनू आ जायेगा, सोनू आ जायेगा।

पप्पू ने धीरे से अपनी गर्दन उठाई और उसको बोला,” टेंशन मत लो मेरी जान, सोनू ने ही तो सब प्लान किया है। उसे हमारे बारे में सब पता है और उसने हम दोनों को मिलाने के लिए यह सब कुछ किया है।”
 
Expert Member
8,339
11,930
143
“क्या !?! सोनू सब जानता है। हे भगवान !!!” इतना कहकर उसके आँखें झुक गईं और मैंने देखा कि उसके होठों पर एक अजीब सी मुस्कान आ गई थी।

“जान, इन सब बातों में अपना वक्त मत बर्बाद करो, मैं तुम्हारे लिए पागल हो चुका हूँ। मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता।” यह बोलते बोलते पप्पू ने रिंकी को अपनी तरफ घुमाया और उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके रसीले होठों को अपने होठों में भर लिया।रिंकी ने भी निश्चिंत होकर उसके होठों का रसपान करना शुरू कर दिया। रिंकी के हाथ पप्पू के पीठ पर घूम रहे थे और वो पूरे जोश में उसे अपने बदन से चिपकाये जा रही थी।

पप्पू के हाथ अब धीरे धीरे रिंकी की चूचियों पर आ गए और उसने एक हल्का सा दबाव डाला। पप्पू की इस हरकत से रिंकी ने अचानक अपने होठों को छुडाया और एक मस्त सी सिसकारी भरी। शायद पहली बार किसी ने उसकी चूचियों को छुआ था, उसके माथे पर पसीने की बूँदें झलक आई।

पप्पू उसके बदन से थोड़ा अलग हुआ ताकि वो आराम से उसकी चूचियों का मज़ा ले सके। रिंकी ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर लिए और पप्पू के बालों में अपने उँगलियाँ फिरने लगी। पप्पू ने अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें प्यार से सहलाने लगा। रिंकी के मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थीं।

पप्पू ने धीरे धीरे उसके गले को चूमते हुए उसकी चूचियों की तरफ अपने होंठ बढ़ाये और रिंकी के टॉप के ऊपर से उसकी चूचियों पर चूमा। जैसे ही पप्पू ने अपने होंठ रखे, रिंकी ने उसके बालों को जोर से पकड़ कर खींचा। रिंकी का टॉप गोल गले का था जिसकी वजह से वो उसकी चूचियों की घाटी को देख नहीं पा रहा था। उसने अपना हाथ नीचे बढ़ाकर टॉप को धीरे धीरे ऊपर करना शुरू किया और साथ ही साथ उसे चूम भी रहा था। रिंकी अपनी धुन में मस्त थी और इस पल का पूरा पूरा मज़ा ले रही थी।

पप्पू ने अब उसका टॉप उसकी चूचियों के ऊपर कर दिया। रिंकी को शायद इसका एहसास नहीं था, उसे पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है, वो तो मानो जन्नत में सैर कर रही थी।

“हम्मम्मम…..उम्म्म्म्म्म….ओह पप्पू मत करो….मैं पागल हो जाऊँगी…”

पप्पू ने उसकी तरफ देखा और आँख मारी और अपने हाथ उसकी पीठ की तरफ बढ़ाकर रिंकी की काली ब्रा के हुक खोल दिए। रिंकी को इस बात का कोई पता नहीं था कि पप्पू ने उसके उभारों को नंगा करने का पूरा इन्तजाम कर लिया है। पप्पू ने अपने हाथों को सामने की तरफ किया और ब्रा के कप्स को ऊपर कर दिया जिससे रिंकी कि गोल मदहोश कर देने वाली बड़ी बड़ी बिल्कुल गोरी गोरी चूचियाँ बाहर आ गईं।

“हे भगवान !” मेरे मुँह से धीरे से निकल पड़ा।

सच कहता हूँ दोस्तो, इन्टरनेट पर तो बहुत सारी ब्लू फिल्में देखी थीं और कई रंडियों और आम लड़कियों की चूचियों का दीदार किया था लेकिन जो चीज़ अभी मेरे सामने थी उसकी बात ही कुछ और थी। हलाकि मैं थोड़ी दूर खड़ा था लेकिन मैं साफ साफ उन दो प्रेम कलशों को देख सकता था।

34 इंच की बिल्कुल गोरी और गोल चूचियाँ मेरी आँखों के सामने थी और उनका आकार ऐसा था मानो किसी ने किसी मशीन से उन्हें गोलाकार रूप दे दिया है। उन दोनों कलशों के ऊपर ठीक बीच में बिल्कुल गुलाबी रंग के किशमिश के जितना बड़ा दाने थे जो कि उनकी खूबसूरती में चार नहीं आठ आठ चांद लगा रहे थे।

मेरे लंड ने तो मुझे तड़पा दिया और कहने लगा कि पप्पू को हटा कर अभी तुरंत रिंकी को पटक कर चोद डालो।

मैंने अपने लंड को समझाया और आगे का खेल देखने लगा। रिंकी की चूचियों को आजाद करने के बाद पप्पू रिंकी से थोड़ा अलग होकर खड़ा हो गया ताकि वो उसकी चूचियों का ठीक से दीदार कर सके। अचानक अलग होने से रिंकी को होश आया और उसने जब अपनी हालत देखी तो उसके मुँह से चीख निकल गई,“ हे भगवान, यह तुमने क्या किया?”
 
Expert Member
8,339
11,930
143
और रिंकी ने अपने हाथों से अपनी चूचियाँ छिपा ली। पप्पू ने अपने हाथ जोड़ लिए और कहा, “जान, मुझे मत तड़पाओ, मैं इन्हें जी भर के देखना चाहता हूँ। अपने हाथ हटा लो ना !”

रिंकी ने अपना सर नीचे कर लिया था और अपने आँखें एक मस्त सी अदा के साथ उठा कर पप्पू को देखा और दौड़ कर उसके गले से लग गई। पप्पू ने उसे अलग किया और अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गया। नीचे बैठ कर पप्पू ने रिंकी के दोनों हाथ पकड़ कर ऊपर की तरफ रखने का इशारा किया।

रिंकी ने शरमाते हुए अपने हाथ ऊपर अपने गर्दन के पीछे रख लिए।

क्या बताऊँ यारो, उस वक्त रिंकी को देखकर ऐसा लग रहा था मानो कोई अप्सरा उतर आई हो ज़मीन पर।

मेरे होठ सूख गए थे उसे इस हालत में देखकर। मैंने अपने होटों पर अपनी जीभ फिराई और अपने आँखें फाड़ फाड़ कर उन दोनों को देखने लगा।

पप्पू ने नीचे बैठे बैठे अपने हाथ ऊपर किये और रिंकी की चूचियों के दो किसमिस के दानों को अपनी उँगलियों में पकड़ लिया। दानों को छेड़ते ही रिंकी के पाँव कांपने लगे और उसकी साँसें तेज हो गईं। आती–जाती साँसों की वजह से उसकी चूचियाँ ऊपर-नीचे हो रही थी।

पप्पू ने उसके दानों को जोर से मसल दिया और लाल कर दिया। रिंकी ने अपने होठों को गोल कर लिया और सिसकारियों की झड़ी लगा दी।

रिंकी ने नीचे एक स्कर्ट पहन रखी थी जो उसकी नाभि से बहुत नीचे थी।

पप्पू ने अब अपने हाथो की हथेली खोल ली और उसकी चूचियों को अपने पूरे हाथों में भर लिया और दबाने लगा।

रिंकी के हाथ अब भी ऊपर ही थे और वो मज़े ले रही थी। पप्पू ने अपना काम जारी रखा था और धीरे से अपनी नाक को रिंकी की नाभि के पास ले जाकर उसे गुदगुदी करने लगा।

अपने नाक से उसकी नाभि को छेदने के बाद पप्पू ने अपनी जीभ बहार निकाली और धीरे से नाभि के अंदर डाल दिया।

“उम्म्म्म……ओह पप्पू, मार ही डालोगे क्या?” रिंकी ने सिसकारी भरते हुए कहा और अपने हाथ नीचे करके पप्पू के बालों को पकड़ लिया।

पप्पू आराम से उसकी नाभि को अपने जीभ से चाटने लगा और धीरे धीरे नाभि के नीचे की तरफ बढ़ने लगा। रिंकी बड़े मज़े से इस एहसास का मज़ा ले रही थी और इधर मेरी हालत तो ऐसी हो रही थी मानो मैं अपनी आँखों के सामने कोई ब्लू फीम देख रहा हूँ।

मैं कब अपने लंड को बाहर निकाल लिया था, मुझे खुद पता नहीं चला। मेरे हाथ मेरे लंड की मालिश कर रहे थे।

सच कहूँ तो मेरा दिल कर रहा था कि अभी उनके सामने चला जाऊँ और पप्पू को हटा कर खुद रिंकी के बेमिसाल बदन का रस लूँ।
 
Expert Member
8,339
11,930
143
पर मैंने अपने आप को सम्भाला और अपनी आँखें उनके ऊपर जमा दी।

अब मैंने देखा कि पप्पू अपने दाँतों से रिंकी की स्कर्ट को नीचे खींचने की कोशिश कर रहा है और थोड़ा सा नीचे कर भी दिया था। ऐसा करने से रिंकी की पैंटी दिखने लगी थी। रिंकी को पता चल रहा था या शायद नहीं क्यूंकि उसके चेहरे पर हर पल भाव बदल रहे थे और एक अजीब सी चहक उसकी आँखों में नज़र आ रही थी।

अब पप्पू ने उसकी चूचियों को अपने हाथों से आजाद कर दिया था और अपने हाथों को नीचे लाकर स्कर्ट के अंदर से रिंकी की पिंडलियों को सहलाना शरू कर दिया। धीरे धीरे उसने उसके पैरों को सहलाते–सहलाते उसकी स्कर्ट को भी साथ ही साथ ऊपर करने लगा। रिंकी की गोरी–गोरी टाँगे अब सामने आ रही थीं।

कसम से यारो, उसके पैरों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कभी भी उनके ऊपर कोई बाल उगे ही नहीं होंगे। इतनी चिकनी टाँगे कि ट्यूब लाईट की रोशनी में वो चमक रही थीं।

धीरे धीरे पप्पू ने उसकी स्कर्ट को जांघों तक उठा दिया और बस यह देखते ही मानो पप्पू बावला हो गया और अपने होठों से पूरी जांघों को पागलों की तरह चूमने और चाटने लगा।

रिंकी की हालत अब भी खराब थी, वो बस अपनी आँखें बंद करके पप्पू के बालों को सहला रही थी और अपने कांपते हुए पैरों को सम्भालने की कोशिश कर रही थी।

पप्पू ने रिंकी की स्कर्ट को थोड़ा और ऊपर किया और अब हमारी आँखों के सामने वो था जिसकी कल्पना हर मर्द करता है। काली छोटी सी वी शेप की पैंटी जो कि रिंकी की चूत पर बिल्कुल फिट थी और ऐसा लग रहा था मानो उसने अपनी पैंटी को बिल्कुल अपनी त्वचा की तरह चढ़ा रखा हो।

पैंटी के आगे का भाग पूरी तरह से गीला था और हो भी क्यूँ ना, इतनी देर से पप्पू उसे मस्त कर रहा था।

इतने सब के बाद तो एक 80 साल की बुढ़िया की चूत भी पानी से भर जाये।

पप्पू ने अब वो किया जिसकी कल्पना शायद रिंकी ने कभी नहीं की थी, उसने रिंकी की रस से भरी चूत को पैंटी के ऊपर से चूम लिया।

“हाय…..मर गई..पप्पू, यह क्या कर रहे हो?”….रिंकी के मुँह से बस इतना ही निकल पाया।

पप्पू बिना कुछ सुने उसकी चूत को मज़े से चूमता रहा और इसी बीच उसने अपने होठों से रिंकी की पैंटी के एलास्टिक को पकड़ कर अपने दाँतों से खींचना शुरू किया। रिंकी बिल्कुल एक मजबूर लड़की की तरह खड़े खड़े अपनी पैंटी को नीचे खिसकते हुए महसूस कर रही थी।

पप्पू की इस हरकत की कल्पना मैंने भी नहीं की थी। “साला, पूरा उस्ताद है।” मेरे मुँह से निकला।

जैसे जैसे पैंटी नीचे आ रही थी, मेरी धड़कन बढ़ती जा रही थी, मुझे ऐसा महसूस हो रहा था मानो मेरा दिल उछल कर बाहर आ जायेगा।

मैंने सोचा कि जब अभी यह हाल है तो पता नहीं जब पूरी पैंटी उतर जाएगी और उसकी चूत सामने आएगी तो क्या होगा।
 

Top