में नासमझ सही पर वो तारा हूँ जो तेरी ख़वीशो के लिए सौ बार टूट जाऊ!!
R Rockstar Rocky Dec 29, 2021 #51 में नासमझ सही पर वो तारा हूँ जो तेरी ख़वीशो के लिए सौ बार टूट जाऊ!!
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #53 ढाया है खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर, तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क़ देकर।
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #54 कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं।
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #55 रोज इक ताज़ा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए, तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #56 तू जरा सी कम खूबसूरत होती तो भी बहुत खूबसूरत होती
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #57 तुझको देखा फिर उसको ना देखा चांद कहता रहा...मैं चांद हूं, मैं चांद हूं
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #58 उनकी एक मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा दिए हम होश में आ ही रहे थे की वो फिर मुस्कुरा दिए
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #59 उन के रुख पर हया की सुर्खी का, एक पैगाम आने वाला है, बस वो घबराये बस वो शरमाये, अब मेरा नाम आने वाला है।
उन के रुख पर हया की सुर्खी का, एक पैगाम आने वाला है, बस वो घबराये बस वो शरमाये, अब मेरा नाम आने वाला है।
rusty blade Well-known member VECTOR 2,152 8,506 175 Dec 30, 2021 #60 वो थका हुआ मेरी बाहों में जरा सो गया था तो क्या हुआ, अभी मैंने देखा है चाँद भी किसी शाख-ए-गुल पे झुका हुआ।
वो थका हुआ मेरी बाहों में जरा सो गया था तो क्या हुआ, अभी मैंने देखा है चाँद भी किसी शाख-ए-गुल पे झुका हुआ।