- 69
- 13
- 8
अब राजेश को पूरी तसल्ली हो चुकी थी की वो सब उसकी बॉटल में उतर चुकी है..
अब तो बस एक -1 करके उन्हे पेलना था उसे…
और इन सबमे किसका नंबर पहले लगाए वो यही सोच रहा था..
अपनी बीबी को तो वो बरसों से पेलता आ रहा था…
और पिछले कुछ दिनों में तो कुछ ज़्यादा ही मज़े दिए थे उसने…
पिंकी के साथ भी उसने अच्छी तरह से मज़े ले लिए थे…
अब उसके घर में ईशा बची थी…
जिसे वो ना जाने कब से चोदना चाह रहा था….
चूसम चुसाई भी लगभग हो चुकी थी, सिर्फ़ चोदना बाकी रह गया था..
और वहीं दूसरी तरफ उन माँ बेटी की जोड़ी पर भी उसकी काफ़ी दिनों से नज़र थी…
चाँदनी और राधिका..
आज चाँदनी को यहीं रोक लिया जाए तो उसे चोदा जा सकता है..
यही सोचकर उसने राधिका से कहा : “आज आप चाँदनी को यही रहने दीजिए…कल संडे है..आज बच्चे एक साथ रह लेंगे..पार्टी करेंगे…’’
उसने मुस्कुराते हुए चाँदनी को देखा जिसकी आँखों में पहले से ही चमक आ चुकी थी…
और हंसते हुए बोली : “आई डोंट हॅव एनी प्राब्लम….चाँदनी चाहती है तो वो रुक सकती है….बट …मुझे कार चलाने में थोड़ी दिक्कत है, चाँदनी मुझे लेकर आई है, तो मैं घर कैसे जाउंगी …’’
राजेश तपाक से बोला : “मैं छोड़ आऊंगा आपको घर…डोंट वरी…’’
जब राजेश ने ये कहा तो दोनो की नज़रें मिली और वो दोनो मुस्कुरा दिए…
जैसे चुदाई का वक़्त और जगह मिल गयी हो दोनो को…’’
रजनी भी समझ गयी की आज उसका पति राधिका को अच्छे से पेलेगा..
इसलिए वो भी उसकी तरफ देखकर उसे एक आँख मारकर मुस्कुरा दी.
चाय पीने के बाद राजेश अपने रूम में फ्रेश होने चला गया और नहा धोकर एक जीन्स और वाइट टी शर्ट पहन कर आ गया…
जिसमें वो काफ़ी स्मार्ट लग रहा था.
राधिका भी सबको बाइ बोलकर राजेश के साथ अपने घर की तरफ चल दी.
पूरे रास्ते दोनो इधर-उधर की बाते करते रहे ये जानते हुए की घर पहुँचकर क्या होने वाला है..
घर के सामने जब कार रुकी तो राजेश अंदर बैठा रहा और राधिका उतर गयी और थेंक्स बोलकर अपने घर की तरफ चल दी…
बेचारे राजेश का चेहरा देखने लायक था…
वो तो क्या -2 सोचकर बैठा था…
राधिका भी जान बूझकर उसे तड़पाने के लिए ऐसा कर रही थी…
पर वो जानती थी की खड़े लॅंड को ज़्यादा इंतजार नही करवाना चाहिए, उसे बैठने में देर नही लगती…
फिर उसे ही डबल मेहनत करनी पड़ेगी लॅंड उठाने में …
इसलिए वो बड़ी ही अदा के साथ पलटी और बोली : “आप प्लीज़ अंदर आइए ना…एक-2 ड्रिंक हो जाए, फिर चले जाना…’’
उफ़फ्फ़…..
एक तो ये खुद इतनी सैक्सी उपर से ड्रिंक पिलाने का ऑफर…
ऐसे डेड्ली ऑफर को वो कैसे मना कर सकता था भला…
और वैसे भी वो यहाँ आया ही इसी अभिलाषा में था...
ये दारू तो बहाना था बस राधिका के घर जाने का.
उसने जल्दी से कार पार्क की और राधिका के पीछे-2 अंदर आ गया.
उसका घर काफ़ी आलीशान था…
पहले भी वो 1-2 बार फॅमिली के साथ आ चुका था वहां …
पर आज की बात कुछ ओर थी.
वो अंदर आ गया और राधिका ने दरवाजा बंद करके कहा : “आप बैठिए राजेश जी, मैं फ्रेश होकर आती हूँ …तब तक आप प्लीज़ स्टार्ट कीजिए..’’
उसने सोफे के पीछे बनी बार की तरफ इशारा करते हुए कहा.
राजेश बार स्टूल पर बैठा और ब्लैक लेबल बॉटल के 2 हेवी पेग बनाए…और राधिका का इंतजार करने लगा.
और जब वो आई तो ऐसा लगा जैसे कयामत उसकी तरफ चलती हुई आ रही है…
उसने इतना सैक्सी सा गाउन पहना हुआ था जिसमें से उसके बिना ब्रा के मोटे मुम्मे थिरकते हुए सॉफ दिख रहे थे…
गाउन साइड से स्लिट था जिसकी वजह से उसकी जाँघो का दूधियापन सॉफ दिख रहा था..
कुल मिलाकर वो चुदाई के पूरे मूड में थी.
राधिका आई और साथ वाले स्टूल पर बैठते हुए अपनी ड्रेस की तरफ इशारा करके बोली : “वो क्या है ना की रात के टाइम मैं थोड़ा रिलॅक्स होकर रहती हूँ …इसलिए ये…’’
राजेश : “इट्स ओ ओके ….आई डोंट माइंड…इनफॅक्ट…आप इस ड्रेस में बहुत सैक्सी लग रहे हो….’’
ये बात राजेश ने इतने कॉन्फिडेंस से इसलिए कही थी क्योंकि उसे पता था की वो इस वक़्त नेक्क्लेस के प्रभाव में है, इसलिए वो उसे बुरा भला नही कहेगी…
राधिका भी उसकी बात सुनकर शरमाते हुए अपना पेग उठा कर पीने लगी…
राजेश ने भी सिप ली और ड्रिंक पीने लगा…
अब वो सोच रहा था की कैसे बात आगे बड़ाई जाए…
और तभी उसे ध्यान आया की वो भला इन बातो को क्यों सोच रहा है…
राधिका पर तो नेक्क्लेस का असर होगा ही…
ऐसे में वो खुद ही उसपर मेहरबान होकर उसे चुदाई करने देगी …
और उसकी किसी भी बात का बुरा नही मानेगी…
बस ये बात उसके अंदर कॉन्फिडेस लाने के लिए बहुत थी…
उसने अगले 2 घूंठ में ही पूरा पेग खाली कर दिया जिससे दारू एक ही बार में उसके सिर भी चढ़ गयी…
आँखे लाल हो गयी उसकी…
और उन सुर्ख आँखो से जब उसने राधिका के मोटे मुम्मो को देखा तो राधिका को भी अपने पूरे शरीर में एक सुरसुरी सी महसूस हुई….
ये वो एहसास था जिसे हर वो स्त्री महसूस करती है जब उसकी जाँघो के बीच की नमीं उसे एक ऐसे नशे की तरफ खींचती है जिसमे गिरने के बाद वो दुनिया को भूल जाती है …
राधिका भी उस नशे मे गिरने के लिए तैयार बैठी थी…
बाकी का काम राजेश ने कर दिया,
वो एक झटके से उठा और राधिका को बाहों में भरके उसकी गर्दन पर अपने गीले होंठ रख दिए..
ये सब इतनी जल्दी हुआ की राधिका को संभलने का मौका भी नही मिला…
पर उसके मुँह से एक लम्बी सिसकारी ज़रूर निकल गयी…
एक तो राजेश की जोरदार पकड़ ने उसके मोटे मुम्मों को उसकी छाती से रगड़कर पीस डाला था
और उपर से उसके होंठो ने उसके सबसे सेन्सिटिव पॉइंट यानी गर्दन पर हमला कर दिया था…
और वो अपने होंठो से इस वक़्त उसे ऐसे चूस रहा था जैसे ड्रॅक्यूला अपने शिकार का मज़ा लेता है.
‘’सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……………………. आआआआआआआआआअहह…………. ओह…….. राजेईईईश्ह’’
राजेश को तो पहले से ही विश्वास था की वो उसका विरोध नही करेगी…
क्योंकि उसके अनुसार वो इस वक़्त राधिका को नही बल्कि शेफाली को अपनी बाहों में भर रहा था…
पर उसके रसीले बदन को बाहों में भरकर वो बाकी की सारी बातें भूल गया…
और यही हाल इस वक़्त राधिका का था…
क्या प्लानिंग की थी , क्यों की थी , वो सब इस वक़्त उसे याद भी नही था…
याद था तो बस राजेश का लॅंड
जिसके सपने उसने ना जाने कब से देखे थे..
और वो इस वक़्त उसके अंदर जाने के लिए मचल रहा था…
मचल तो उसका हाथ भी रहा था लॅंड पकड़ने के लिए,
इसलिए उसने बिना कोई विलंब किए अपना हाथ नीचे किया और राजेश की पेंट पर बने तंबू को अपनी हथेली से ढक लिया..धक् क्या लिया उसे भींच दिया अपने हाथों से
बेचारा राजेश खड़े लॅंड पर हुए हमले से कराह सा उठा..
‘’आआआआआआआआआआहह………. एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…………..’’
राजेश के लॅंड पर हमला हो और वो चुपचाप बैठा रहे, इतना भी शरीफ नही था वो डॉक्टर…
उसने तुरंत अपने पंजे उसके दोनो मुम्मो पर जमाए और उन्हे जोरों से भींच डाला…
इस बार कराहने की बारी राधिका की थी….
‘’आआयययययययययययययययययययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई........अहह......ढीईईईईरईईईईईईईयययी’’
मुममे इतने मोटे थे की राजेश के हाथों मे नही समा रहे थे…
उसने उन्हे दबाते हुए अपना मुँह उपर किया और उसके तपते होंठो पर अपने होंठ रखकर उन्हे चूसने लगा..
राधिका के बिना ब्रा के मुम्मे इतने मुलायम थे की उन्हे अपने मुँह पर रगड़ना चाहता था राजेश…
इसलिए उसने उसका गाउन पकड़कर उतार डाला…
एक ही पल में वो सैक्स की मूरत उसके सामने नंगी खड़ी थी…
अब तो बस एक -1 करके उन्हे पेलना था उसे…
और इन सबमे किसका नंबर पहले लगाए वो यही सोच रहा था..
अपनी बीबी को तो वो बरसों से पेलता आ रहा था…
और पिछले कुछ दिनों में तो कुछ ज़्यादा ही मज़े दिए थे उसने…
पिंकी के साथ भी उसने अच्छी तरह से मज़े ले लिए थे…
अब उसके घर में ईशा बची थी…
जिसे वो ना जाने कब से चोदना चाह रहा था….
चूसम चुसाई भी लगभग हो चुकी थी, सिर्फ़ चोदना बाकी रह गया था..
और वहीं दूसरी तरफ उन माँ बेटी की जोड़ी पर भी उसकी काफ़ी दिनों से नज़र थी…
चाँदनी और राधिका..
आज चाँदनी को यहीं रोक लिया जाए तो उसे चोदा जा सकता है..
यही सोचकर उसने राधिका से कहा : “आज आप चाँदनी को यही रहने दीजिए…कल संडे है..आज बच्चे एक साथ रह लेंगे..पार्टी करेंगे…’’
उसने मुस्कुराते हुए चाँदनी को देखा जिसकी आँखों में पहले से ही चमक आ चुकी थी…
और हंसते हुए बोली : “आई डोंट हॅव एनी प्राब्लम….चाँदनी चाहती है तो वो रुक सकती है….बट …मुझे कार चलाने में थोड़ी दिक्कत है, चाँदनी मुझे लेकर आई है, तो मैं घर कैसे जाउंगी …’’
राजेश तपाक से बोला : “मैं छोड़ आऊंगा आपको घर…डोंट वरी…’’
जब राजेश ने ये कहा तो दोनो की नज़रें मिली और वो दोनो मुस्कुरा दिए…
जैसे चुदाई का वक़्त और जगह मिल गयी हो दोनो को…’’
रजनी भी समझ गयी की आज उसका पति राधिका को अच्छे से पेलेगा..
इसलिए वो भी उसकी तरफ देखकर उसे एक आँख मारकर मुस्कुरा दी.
चाय पीने के बाद राजेश अपने रूम में फ्रेश होने चला गया और नहा धोकर एक जीन्स और वाइट टी शर्ट पहन कर आ गया…
जिसमें वो काफ़ी स्मार्ट लग रहा था.
राधिका भी सबको बाइ बोलकर राजेश के साथ अपने घर की तरफ चल दी.
पूरे रास्ते दोनो इधर-उधर की बाते करते रहे ये जानते हुए की घर पहुँचकर क्या होने वाला है..
घर के सामने जब कार रुकी तो राजेश अंदर बैठा रहा और राधिका उतर गयी और थेंक्स बोलकर अपने घर की तरफ चल दी…
बेचारे राजेश का चेहरा देखने लायक था…
वो तो क्या -2 सोचकर बैठा था…
राधिका भी जान बूझकर उसे तड़पाने के लिए ऐसा कर रही थी…
पर वो जानती थी की खड़े लॅंड को ज़्यादा इंतजार नही करवाना चाहिए, उसे बैठने में देर नही लगती…
फिर उसे ही डबल मेहनत करनी पड़ेगी लॅंड उठाने में …
इसलिए वो बड़ी ही अदा के साथ पलटी और बोली : “आप प्लीज़ अंदर आइए ना…एक-2 ड्रिंक हो जाए, फिर चले जाना…’’
उफ़फ्फ़…..
एक तो ये खुद इतनी सैक्सी उपर से ड्रिंक पिलाने का ऑफर…
ऐसे डेड्ली ऑफर को वो कैसे मना कर सकता था भला…
और वैसे भी वो यहाँ आया ही इसी अभिलाषा में था...
ये दारू तो बहाना था बस राधिका के घर जाने का.
उसने जल्दी से कार पार्क की और राधिका के पीछे-2 अंदर आ गया.
उसका घर काफ़ी आलीशान था…
पहले भी वो 1-2 बार फॅमिली के साथ आ चुका था वहां …
पर आज की बात कुछ ओर थी.
वो अंदर आ गया और राधिका ने दरवाजा बंद करके कहा : “आप बैठिए राजेश जी, मैं फ्रेश होकर आती हूँ …तब तक आप प्लीज़ स्टार्ट कीजिए..’’
उसने सोफे के पीछे बनी बार की तरफ इशारा करते हुए कहा.
राजेश बार स्टूल पर बैठा और ब्लैक लेबल बॉटल के 2 हेवी पेग बनाए…और राधिका का इंतजार करने लगा.
और जब वो आई तो ऐसा लगा जैसे कयामत उसकी तरफ चलती हुई आ रही है…
उसने इतना सैक्सी सा गाउन पहना हुआ था जिसमें से उसके बिना ब्रा के मोटे मुम्मे थिरकते हुए सॉफ दिख रहे थे…
गाउन साइड से स्लिट था जिसकी वजह से उसकी जाँघो का दूधियापन सॉफ दिख रहा था..
कुल मिलाकर वो चुदाई के पूरे मूड में थी.
राधिका आई और साथ वाले स्टूल पर बैठते हुए अपनी ड्रेस की तरफ इशारा करके बोली : “वो क्या है ना की रात के टाइम मैं थोड़ा रिलॅक्स होकर रहती हूँ …इसलिए ये…’’
राजेश : “इट्स ओ ओके ….आई डोंट माइंड…इनफॅक्ट…आप इस ड्रेस में बहुत सैक्सी लग रहे हो….’’
ये बात राजेश ने इतने कॉन्फिडेंस से इसलिए कही थी क्योंकि उसे पता था की वो इस वक़्त नेक्क्लेस के प्रभाव में है, इसलिए वो उसे बुरा भला नही कहेगी…
राधिका भी उसकी बात सुनकर शरमाते हुए अपना पेग उठा कर पीने लगी…
राजेश ने भी सिप ली और ड्रिंक पीने लगा…
अब वो सोच रहा था की कैसे बात आगे बड़ाई जाए…
और तभी उसे ध्यान आया की वो भला इन बातो को क्यों सोच रहा है…
राधिका पर तो नेक्क्लेस का असर होगा ही…
ऐसे में वो खुद ही उसपर मेहरबान होकर उसे चुदाई करने देगी …
और उसकी किसी भी बात का बुरा नही मानेगी…
बस ये बात उसके अंदर कॉन्फिडेस लाने के लिए बहुत थी…
उसने अगले 2 घूंठ में ही पूरा पेग खाली कर दिया जिससे दारू एक ही बार में उसके सिर भी चढ़ गयी…
आँखे लाल हो गयी उसकी…
और उन सुर्ख आँखो से जब उसने राधिका के मोटे मुम्मो को देखा तो राधिका को भी अपने पूरे शरीर में एक सुरसुरी सी महसूस हुई….
ये वो एहसास था जिसे हर वो स्त्री महसूस करती है जब उसकी जाँघो के बीच की नमीं उसे एक ऐसे नशे की तरफ खींचती है जिसमे गिरने के बाद वो दुनिया को भूल जाती है …
राधिका भी उस नशे मे गिरने के लिए तैयार बैठी थी…
बाकी का काम राजेश ने कर दिया,
वो एक झटके से उठा और राधिका को बाहों में भरके उसकी गर्दन पर अपने गीले होंठ रख दिए..
ये सब इतनी जल्दी हुआ की राधिका को संभलने का मौका भी नही मिला…
पर उसके मुँह से एक लम्बी सिसकारी ज़रूर निकल गयी…
एक तो राजेश की जोरदार पकड़ ने उसके मोटे मुम्मों को उसकी छाती से रगड़कर पीस डाला था
और उपर से उसके होंठो ने उसके सबसे सेन्सिटिव पॉइंट यानी गर्दन पर हमला कर दिया था…
और वो अपने होंठो से इस वक़्त उसे ऐसे चूस रहा था जैसे ड्रॅक्यूला अपने शिकार का मज़ा लेता है.
‘’सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स……………………. आआआआआआआआआअहह…………. ओह…….. राजेईईईश्ह’’
राजेश को तो पहले से ही विश्वास था की वो उसका विरोध नही करेगी…
क्योंकि उसके अनुसार वो इस वक़्त राधिका को नही बल्कि शेफाली को अपनी बाहों में भर रहा था…
पर उसके रसीले बदन को बाहों में भरकर वो बाकी की सारी बातें भूल गया…
और यही हाल इस वक़्त राधिका का था…
क्या प्लानिंग की थी , क्यों की थी , वो सब इस वक़्त उसे याद भी नही था…
याद था तो बस राजेश का लॅंड
जिसके सपने उसने ना जाने कब से देखे थे..
और वो इस वक़्त उसके अंदर जाने के लिए मचल रहा था…
मचल तो उसका हाथ भी रहा था लॅंड पकड़ने के लिए,
इसलिए उसने बिना कोई विलंब किए अपना हाथ नीचे किया और राजेश की पेंट पर बने तंबू को अपनी हथेली से ढक लिया..धक् क्या लिया उसे भींच दिया अपने हाथों से
बेचारा राजेश खड़े लॅंड पर हुए हमले से कराह सा उठा..
‘’आआआआआआआआआआहह………. एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…………..’’
राजेश के लॅंड पर हमला हो और वो चुपचाप बैठा रहे, इतना भी शरीफ नही था वो डॉक्टर…
उसने तुरंत अपने पंजे उसके दोनो मुम्मो पर जमाए और उन्हे जोरों से भींच डाला…
इस बार कराहने की बारी राधिका की थी….
‘’आआयययययययययययययययययययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई........अहह......ढीईईईईरईईईईईईईयययी’’
मुममे इतने मोटे थे की राजेश के हाथों मे नही समा रहे थे…
उसने उन्हे दबाते हुए अपना मुँह उपर किया और उसके तपते होंठो पर अपने होंठ रखकर उन्हे चूसने लगा..
राधिका के बिना ब्रा के मुम्मे इतने मुलायम थे की उन्हे अपने मुँह पर रगड़ना चाहता था राजेश…
इसलिए उसने उसका गाउन पकड़कर उतार डाला…
एक ही पल में वो सैक्स की मूरत उसके सामने नंगी खड़ी थी…