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फिर जो बाते रजनी ने पिंकी को समझाई, उसे सुनकर पिंकी की आँखे फैलती चली गयी….
और वो सोचने लगी की एक पत्नी ऐसा कैसे कर सकती है और ये सब करके उसे क्या मिलेगा भला.
पर उसका तो फायदा ही था ….
साब का लंड जो मिल रहा था उसे और उपर से एक्सट्रा पैसे भी….
उसे तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई फिल्म बन रही है जिसकी वो हेरोयिन है, साब हीरो और मेमसाब डायरेक्टर.
पर बेचारी को ये बात नही पता थी की वो हेरोयिन तो बन रही है पर जो रोल उसे मिल रहा है वो शेफाली का है…
खैर, सबसे पहले तो रजनी को उसका हुलिया ठीक करना था…
और ऐसा करने के लिए वो उसे पहले अपने बाथरूम में ले गयी और शावर चला कर उसे खूब रगड़ -2 कर नहलाया….
बॉडी वॉश से उसके पूरे शरीर को सुगंधित किया….
एन फ्रेंच लगाकर उसकी चूत के साथ-2 उसकी टॅंगो और बाहों के बाल भी निकाल दिए.
पूरी तरह से नहा धोकर वो ऐसे चमक उठी जैसे सच में उसकी सुहागरात हो आज….
अब तो बस शाम का इंतजार था उन्हे….जब राजेश को घर आना था…
पिंकी के कपड़े तो पहले ही फाड़ चुकी थी रजनी , इसलिए उसे उसने खुद का एक ब्लाउज़ निकाल कर दिया जो उसे अब फिट नही आता था….
पर था वो बहुत ही सैक्सी..
आगे से गला थोड़ा गहरा था और पीछे से डोरियों से बाँधने वाला..
उसे पहन कर तो पिंकी रति की मूरत जैसी लग रही थी….
रजनी ने एक बार फिर से पिंकी को सारी बातें समझाई और राजेश के आने से पहले वो ईशा के रूम में जाकर उसके साथ सोने का नाटक करने लगी…
और उसे बोल दिया की साब पूछे तो बोल देना की मेमसाब आज काम करके थक गयी थी इसलिए वो ईशा के साथ सो रही है.
कुछ ही देर में राजेश आ गया….
उसने जब बेल बजाई तो पिंकी ने धड़कते दिल से जाकर दरवाजा खोला..
राजेश की नज़र जब उसपर पड़ी तो उसके लंड ने एक जोरदार अंगड़ाई ली….
‘उफ़फ्फ़……ये तो पक्का मरवाएगी मुझे आज….पूरे मूड में लग रही है….लगता है मेरा तीर निशाने पर बैठा है….’
उसे उपर से नीचे तक देखकर वो अंदर आ गया….
पिंकी ने दरवाजा बंद किया और किचन से उसके लिए पानी ले आई…
और जैसा रजनी ने समझाया था, उसे झुककर जब उसने पानी दिया तो उसका पल्लू नीचे खिसक गया और उसके मोटे तरबूज जैसे मुम्मे बाहर आने को आतुर हो उठे..
राजेश की नज़रें उसके मुम्मो को देखती ही रह गयी…
मन तो कर रहा था की उन्हे अभी के अभी दबोच कर मसल डाले और वो जानता था की वो कुछ कहेगी भी नही…
पर वो जल्दबाज़ी करके उनके खेल का मज़ा नही बिगाड़ना चाहता था…
पानी पीकर उसने पूछा : “पिंकी…मेमसाब कहाँ है….’’
पिंकी : “साब वो ईशा बैबी के रूम में सो रहीं है….आज काफ़ी थक गयी थी मेमसाब ….और बैबी भी दवाई लेकर गहरी नींद में है….’’
वो जैसे बता रही थी की आप कर लो जो करना है…रास्ता सॉफ है.
राजेश : “ ओ के ….तुम चाय बनाओ…मैं फ्रेश होकर आता हूँ ….’’
पिंकी किचन में चली गयी और राजेश अपने रूम में …
ईशा के रूम के दरवाजे के पीछे छुपी रजनी चोरी छुपे सब देख रही थी….
वो भी देखना चाहती थी अपने पति को अपनी नौकरानी के साथ मज़े लेते हुए.ईशा तो सच में सो रही थी, इसलिए उसका डर नहीं था .
राजेश रूम में गया और उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और जल्दी से शावर लेकर ढीले-ढाले से कपड़े पहन लिए…
अंदर उसने अंडरवीयर नही पहना।
फिर वो किचन में आया और पिंकी के बिल्कुल पीछे आकर खड़ा हो गया, उसकी गर्म साँसे पिंकी अपनी गर्दन पर महसूस कर पा रही थी..
उसके शरीर के सारे रोँये खड़े हो गये, राजेश का शरीर पीछे से उसे टच कर रहा था जिसे महसूस करके वो काँप रही थी…
पर जैसा की रजनी ने उसे समझाया था अब वो काम करने का वक़्त आ चुका था…
वो बोली : “साब….आपने जब से ये हार दिया है…तब से कुछ अजीब सा लग रहा है….’’
राजेश के होंठो पर मुस्कान आ गयी ये सुनते ही..
वो बोला : “अच्छा ….क्या महसूस हो रहा है…’’
पिंकी : “ऐसा जैसे मेरे अंदर कोई और है….जैसे….वो मुझसे कुछ ….कुछ कहना चाहती है….’’
राजेश समझ गया की बोल तो वो रही है ये सब पर शब्द रजनी के दिए हुए हैं…
पिंकी आगे बोली : “देखो ना साब….शरीर में हर जगह दर्द सा हो रहा है मीठा वाला…मन कर रहा है की कोई मेरे बदन को पकड़कर ज़ोर से दबा दे…मसल दे…रगड़ दे….’’
इतना कहते-2 वो राजेश की तरफ घूम गयी….
दोनो की आँखे मिली, राजेश को उसकी नज़रों में हवस की आग जलती हुई दिखाई दे रही थी..
राजेश : “अच्छा ….ये तो बहुत ख़तरनाक लक्षण है….चलो ज़रा मेरे कमरे में …मैं तुम्हारा चेकअप करता हूँ ….’’
डॉक्टर राजेश अपने असली रूप में आ चुका था…
राजेश आगे चल दिया और मुस्कुराती हुई पिंकी गैस बंद करके उसके पीछे-2 अपनी गांड मटकाती हुई चल दी…
किचन के साथ ही ईशा का रूम था, जिसके दरवाजे के पीछे छिपी रजनी ये सब सुन रही थी…
और जैसा उसने पिंकी को समझाया था वो ठीक वैसा ही कर रही थी…
सब उसके प्लान के हिसाब से ही चल रहा था…
वो खुश थी की राजेश को उसकी चाल का पता नही चला था…
पर बेचारी ये नही जानती थी की चाल वो नही बल्कि राजेश ने चली थी….
वो तो बस वही कर रही थी जो राजेश उसे करवाना चाहता था.
राजेश ने जान बूझकर कमरे का दरवाजा आधा खुला छोड़ दिया ताकि रजनी बाहर खड़ी होकर उनकी रासलीला देख सके..
कमरे में पहुँचकर राजेश ने उसे एक चेयर पर बिठाया और अपना स्टेथोस्कोप निकाल लाया….
और उसे कान में लगाकर दूसरा सिरा उसने पिंकी की छाती के उपर रख कर उसे साँस लेने को कहा….
उसने जब साँस ली तो उसकी छाती के गुब्बारे और भी ज़्यादा फूलकर उसके सामने आ गये…
ब्लाउज़ इतना टाइट था की पीछे बँधी डोरी उसके साँस लेने से अपने आप खुल गयी और ब्लाउज़ ढलक कर आगे की तरफ लटक सा गया…
राजेश ये देखकर मुस्कुराया पर कुछ बोला नही और उसका चेकअप करने का नाटक करने लगा…
उसके हाथ उसकी छाती के मुलायम हिस्से पर पड़कर वहां की नरमी को महसूस कर रहे थे…
और वो सोचने लगी की एक पत्नी ऐसा कैसे कर सकती है और ये सब करके उसे क्या मिलेगा भला.
पर उसका तो फायदा ही था ….
साब का लंड जो मिल रहा था उसे और उपर से एक्सट्रा पैसे भी….
उसे तो ऐसे लग रहा था जैसे कोई फिल्म बन रही है जिसकी वो हेरोयिन है, साब हीरो और मेमसाब डायरेक्टर.
पर बेचारी को ये बात नही पता थी की वो हेरोयिन तो बन रही है पर जो रोल उसे मिल रहा है वो शेफाली का है…
खैर, सबसे पहले तो रजनी को उसका हुलिया ठीक करना था…
और ऐसा करने के लिए वो उसे पहले अपने बाथरूम में ले गयी और शावर चला कर उसे खूब रगड़ -2 कर नहलाया….
बॉडी वॉश से उसके पूरे शरीर को सुगंधित किया….
एन फ्रेंच लगाकर उसकी चूत के साथ-2 उसकी टॅंगो और बाहों के बाल भी निकाल दिए.
पूरी तरह से नहा धोकर वो ऐसे चमक उठी जैसे सच में उसकी सुहागरात हो आज….
अब तो बस शाम का इंतजार था उन्हे….जब राजेश को घर आना था…
पिंकी के कपड़े तो पहले ही फाड़ चुकी थी रजनी , इसलिए उसे उसने खुद का एक ब्लाउज़ निकाल कर दिया जो उसे अब फिट नही आता था….
पर था वो बहुत ही सैक्सी..
आगे से गला थोड़ा गहरा था और पीछे से डोरियों से बाँधने वाला..
उसे पहन कर तो पिंकी रति की मूरत जैसी लग रही थी….
रजनी ने एक बार फिर से पिंकी को सारी बातें समझाई और राजेश के आने से पहले वो ईशा के रूम में जाकर उसके साथ सोने का नाटक करने लगी…
और उसे बोल दिया की साब पूछे तो बोल देना की मेमसाब आज काम करके थक गयी थी इसलिए वो ईशा के साथ सो रही है.
कुछ ही देर में राजेश आ गया….
उसने जब बेल बजाई तो पिंकी ने धड़कते दिल से जाकर दरवाजा खोला..
राजेश की नज़र जब उसपर पड़ी तो उसके लंड ने एक जोरदार अंगड़ाई ली….
‘उफ़फ्फ़……ये तो पक्का मरवाएगी मुझे आज….पूरे मूड में लग रही है….लगता है मेरा तीर निशाने पर बैठा है….’
उसे उपर से नीचे तक देखकर वो अंदर आ गया….
पिंकी ने दरवाजा बंद किया और किचन से उसके लिए पानी ले आई…
और जैसा रजनी ने समझाया था, उसे झुककर जब उसने पानी दिया तो उसका पल्लू नीचे खिसक गया और उसके मोटे तरबूज जैसे मुम्मे बाहर आने को आतुर हो उठे..
राजेश की नज़रें उसके मुम्मो को देखती ही रह गयी…
मन तो कर रहा था की उन्हे अभी के अभी दबोच कर मसल डाले और वो जानता था की वो कुछ कहेगी भी नही…
पर वो जल्दबाज़ी करके उनके खेल का मज़ा नही बिगाड़ना चाहता था…
पानी पीकर उसने पूछा : “पिंकी…मेमसाब कहाँ है….’’
पिंकी : “साब वो ईशा बैबी के रूम में सो रहीं है….आज काफ़ी थक गयी थी मेमसाब ….और बैबी भी दवाई लेकर गहरी नींद में है….’’
वो जैसे बता रही थी की आप कर लो जो करना है…रास्ता सॉफ है.
राजेश : “ ओ के ….तुम चाय बनाओ…मैं फ्रेश होकर आता हूँ ….’’
पिंकी किचन में चली गयी और राजेश अपने रूम में …
ईशा के रूम के दरवाजे के पीछे छुपी रजनी चोरी छुपे सब देख रही थी….
वो भी देखना चाहती थी अपने पति को अपनी नौकरानी के साथ मज़े लेते हुए.ईशा तो सच में सो रही थी, इसलिए उसका डर नहीं था .
राजेश रूम में गया और उसने अपने सारे कपड़े निकाल फेंके और जल्दी से शावर लेकर ढीले-ढाले से कपड़े पहन लिए…
अंदर उसने अंडरवीयर नही पहना।
फिर वो किचन में आया और पिंकी के बिल्कुल पीछे आकर खड़ा हो गया, उसकी गर्म साँसे पिंकी अपनी गर्दन पर महसूस कर पा रही थी..
उसके शरीर के सारे रोँये खड़े हो गये, राजेश का शरीर पीछे से उसे टच कर रहा था जिसे महसूस करके वो काँप रही थी…
पर जैसा की रजनी ने उसे समझाया था अब वो काम करने का वक़्त आ चुका था…
वो बोली : “साब….आपने जब से ये हार दिया है…तब से कुछ अजीब सा लग रहा है….’’
राजेश के होंठो पर मुस्कान आ गयी ये सुनते ही..
वो बोला : “अच्छा ….क्या महसूस हो रहा है…’’
पिंकी : “ऐसा जैसे मेरे अंदर कोई और है….जैसे….वो मुझसे कुछ ….कुछ कहना चाहती है….’’
राजेश समझ गया की बोल तो वो रही है ये सब पर शब्द रजनी के दिए हुए हैं…
पिंकी आगे बोली : “देखो ना साब….शरीर में हर जगह दर्द सा हो रहा है मीठा वाला…मन कर रहा है की कोई मेरे बदन को पकड़कर ज़ोर से दबा दे…मसल दे…रगड़ दे….’’
इतना कहते-2 वो राजेश की तरफ घूम गयी….
दोनो की आँखे मिली, राजेश को उसकी नज़रों में हवस की आग जलती हुई दिखाई दे रही थी..
राजेश : “अच्छा ….ये तो बहुत ख़तरनाक लक्षण है….चलो ज़रा मेरे कमरे में …मैं तुम्हारा चेकअप करता हूँ ….’’
डॉक्टर राजेश अपने असली रूप में आ चुका था…
राजेश आगे चल दिया और मुस्कुराती हुई पिंकी गैस बंद करके उसके पीछे-2 अपनी गांड मटकाती हुई चल दी…
किचन के साथ ही ईशा का रूम था, जिसके दरवाजे के पीछे छिपी रजनी ये सब सुन रही थी…
और जैसा उसने पिंकी को समझाया था वो ठीक वैसा ही कर रही थी…
सब उसके प्लान के हिसाब से ही चल रहा था…
वो खुश थी की राजेश को उसकी चाल का पता नही चला था…
पर बेचारी ये नही जानती थी की चाल वो नही बल्कि राजेश ने चली थी….
वो तो बस वही कर रही थी जो राजेश उसे करवाना चाहता था.
राजेश ने जान बूझकर कमरे का दरवाजा आधा खुला छोड़ दिया ताकि रजनी बाहर खड़ी होकर उनकी रासलीला देख सके..
कमरे में पहुँचकर राजेश ने उसे एक चेयर पर बिठाया और अपना स्टेथोस्कोप निकाल लाया….
और उसे कान में लगाकर दूसरा सिरा उसने पिंकी की छाती के उपर रख कर उसे साँस लेने को कहा….
उसने जब साँस ली तो उसकी छाती के गुब्बारे और भी ज़्यादा फूलकर उसके सामने आ गये…
ब्लाउज़ इतना टाइट था की पीछे बँधी डोरी उसके साँस लेने से अपने आप खुल गयी और ब्लाउज़ ढलक कर आगे की तरफ लटक सा गया…
राजेश ये देखकर मुस्कुराया पर कुछ बोला नही और उसका चेकअप करने का नाटक करने लगा…
उसके हाथ उसकी छाती के मुलायम हिस्से पर पड़कर वहां की नरमी को महसूस कर रहे थे…