- 17,462
- 29,411
- 173
सोनू का लण्ड बेला की चूत की दीवारों को बुरी तरह फ़ैलाता हुआ एक ही बार में पूरा अन्दर घुस गया।
बेला- ओह.. सोनू मार दिया रे हरामी.. सालेए.. उफफफ्फ़ फाड़ दी मेरी चूत… ओह्ह..
सोनू- तूने ही तो बोला था काकी.. कि कस-कस के चोदूँ।
बेला- हाँ बोला था.. हरामी साले.. पर तेरा ये मोटा लण्ड उफफफ्फ़.. अब रुक क्यों गया है?
सोनू ने मुस्कुराते हुए बेला के चूतड़ों को दबोच कर एक के बाद एक जोरदार धक्के लगाने चालू कर दिए, सोनू की जाँघें बार-बार बेला के चूतड़ों से टकरा कर आवाज़ कर रही थीं।
बेला इस कदर मस्त हो गई कि उससे ये भी ध्यान नहीं रहा कि उसकी उँची हो रही कामुक सिसकारियों को कोई भी सुन सकता है।
बेला- हाँ चोद बेटा.. ओह… चोद अपनी काकीईईईईई की फुद्दी फाड़ दे.. ओह्ह आह्ह.. ह आह ओह धीरे.. ज़ोर से.. ओह..
सोनू अपना लण्ड बेला की चूत में जड़ तक पेलते हुए- क्या काकी कभी कहती हो धीरे. और कभी कहती हो ज़ोर से फुद्दी मारूं.. एक बात बोलो..
बेला- आह्ह.. ह.. बेटा तुम मेरी बात मत सुनो.. ओह बस अपने इस मूसल छाप लण्ड से मेरीईई चूततत फाड़ देए ओह्ह..
सोनू की मस्ती का कोई ठिकाना नहीं था।
उसने आगे झुक कर बेला की चूचियों को अपने हाथों में दबोच लिया और उनको अपनी तरफ खींचते हुए ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा।
बेला की चूत एक बार फिर झड़ने के कगार पर थी।
उसने भी अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ उछालना शुरू कर दिया।
‘ओह बेटा बस थोड़ी देर और ओह… मेरा होने वाला है।’
सोनू अब होश खो बैठा था और अपने आँखें बंद किए हुए, तेज़ी से धक्के लगा रहा था।
‘काकी ओह.. मेरा भी होने वाला है…ओह्ह काकी।’
और फिर जैसे सोनू के लण्ड से वीर्य का सैलाब निकल कर बेला की चूत की दीवारों को भिगोने लगा।
सोनू के वीर्य को अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करते ही बेला ने भी अपनी गाण्ड को तेज़ी से सोनू के लण्ड पर पटकना चालू कर दिया।
बेला- रुक जाआअ बेटा.. बस तेरी ये काकी की फुद्दी भी रसधार बहाने वाली है… ओह आह आह आह्ह..
फिर बेला भी शांत पड़ गई और आगे के तरफ लुढ़क गई।
सोनू का लण्ड जो की बिल्कुल सना हुआ था.. बेला की चूत से बाहर आ गया।
बेला की चूत से कुछ वीर्य निकल कर बाहर बिस्तर पर गिर गया।
बेला पेट के बल लेट गई, उसकी आँखें मस्ती में बन्द थीं और होंठों पर मुस्कान फैली हुई थी।
बेला आँखें बंद किए हुए- तूने तो कमाल कर दिया छोरे… एक ही बार में दो बार मेरी चूत का पानी निकाल दिया.. तेरे इस लण्ड ने मेरी चूत को खोद-खोद कर झाड़ दिया।
सोनू- काकी आप कहो, तो एक बार और निकाल देता हूँ।
बेला- नहीं आज इतना बहुत है..बहुत देर रही है। अब सेठ के घर भी जाना है, चल जल्दी कर कपड़े पहन ले, कहीं बिंदया ना आ जाए।
बेला की बात सुन कर सोनू अपना पज़ामा पहनने लगा, बेला ने भी अपने कपड़े पहने और बिस्तर को ठीक करके रख दिया।
उसके बाद दोनों सेठ के घर आ गए।
अभी दोपहर के 12 बज रहे थे.. जब दोनों सेठ के घर पहुँचे तो पता चला कि सेठ चन्डीमल घर पर था।
वो उसकी नई पत्नी सीमा और दीपा तीनों कहीं जाने के लिए तैयार थे।
रजनी ने बेला को बताया कि चन्डीमल सीमा को लेकर एक-दो दिन के लिए उसके मायके जा रहा था और साथ में दीपा भी जा रही है।
रजनी इस बात से बहुत खुश थी।
अब घर पर सिर्फ़ बेला और सोनू ही उसके साथ थे।
बाहर तांगे वाला खड़ा था, तीनों उस पर सवार होकर शहर स्टेशन की ओर निकल लिए।
बेला को अब सिर्फ़ अपने सोनू और रजनी के लिए ही खाना बनाना था।
आज बेला के चेहरा खिला हुआ था।
जो बयान कर रहा था कि कुछ समय पहले उसकी ज़बरदस्त चुदाई हुई है, इस बात का अंदाज़ा रजनी मन ही मन लगा रही थी, क्योंकि दोनों काफ़ी देर से गायब थे।
खाना खाने के बाद सोनू अपने कमरे में चला गया।
अब उसे भी कोई काम नहीं था।
बिंदया भी खाना खा कर घर जा चुकी थी।
बेला ने बर्तन साफ़ किए और घर जाने के निकली, उसे आज बहुत मीठी-मीठी नींद आ रही थी, पर उसे रजनी ने आवाज़ लगा कर रोक लिया।
‘अए सुन तो बेला.. कहाँ थी इतनी देर.. उस छोरे के साथ?’
रजनी ने ज़रा कड़क आवाज़ में पूछा।
बेला ने हड़बड़ाते हुए कहा- वो मालिकन.. नहाने नदी पर गई थी।
रजनी- अच्छा.. आज-कल नदी पर बहुत जा रही हो तुम.. वैसे मुझे लगता है कि आज तुम कुछ और नहाई हो, देख कैसे बाल बिखरे हुए हैं तेरे…
बेला रजनी की बात सुन कर एकदम से सकपका गई- वो क्या था ना दीदी.. आज बहुत सर्दी थी, जिसकी वजह से नहीं नहाया।
रजनी- तो फिर तेरे को इतने देर कैसे लगी?
बेला- वो दीदी वो वहाँ कपड़े धोने के कारण देर हो गई।
रजनी को बेला की बातों से शक तो हो रहा था पर उससे पूरा यकीन नहीं था।
‘अच्छा चल ठीक है.. चल मेरे कमरे में आज बहुत खुजली हो रही है.. ज़रा मालिश तो कर दे।’
बेला- दीदी आज… पर दीदी मुझे घर पर बहुत काम है।
बेला का मन अब कुछ भी करने को नहीं था।
रजनी- चलती है कि नहीं.. कि दूँ.. दो कान के नीचे..!
बेला फिर चुपचाप रजनी के कमरे में आ गई।
बेला- ओह.. सोनू मार दिया रे हरामी.. सालेए.. उफफफ्फ़ फाड़ दी मेरी चूत… ओह्ह..
सोनू- तूने ही तो बोला था काकी.. कि कस-कस के चोदूँ।
बेला- हाँ बोला था.. हरामी साले.. पर तेरा ये मोटा लण्ड उफफफ्फ़.. अब रुक क्यों गया है?
सोनू ने मुस्कुराते हुए बेला के चूतड़ों को दबोच कर एक के बाद एक जोरदार धक्के लगाने चालू कर दिए, सोनू की जाँघें बार-बार बेला के चूतड़ों से टकरा कर आवाज़ कर रही थीं।
बेला इस कदर मस्त हो गई कि उससे ये भी ध्यान नहीं रहा कि उसकी उँची हो रही कामुक सिसकारियों को कोई भी सुन सकता है।
बेला- हाँ चोद बेटा.. ओह… चोद अपनी काकीईईईईई की फुद्दी फाड़ दे.. ओह्ह आह्ह.. ह आह ओह धीरे.. ज़ोर से.. ओह..
सोनू अपना लण्ड बेला की चूत में जड़ तक पेलते हुए- क्या काकी कभी कहती हो धीरे. और कभी कहती हो ज़ोर से फुद्दी मारूं.. एक बात बोलो..
बेला- आह्ह.. ह.. बेटा तुम मेरी बात मत सुनो.. ओह बस अपने इस मूसल छाप लण्ड से मेरीईई चूततत फाड़ देए ओह्ह..
सोनू की मस्ती का कोई ठिकाना नहीं था।
उसने आगे झुक कर बेला की चूचियों को अपने हाथों में दबोच लिया और उनको अपनी तरफ खींचते हुए ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा।
बेला की चूत एक बार फिर झड़ने के कगार पर थी।
उसने भी अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ उछालना शुरू कर दिया।
‘ओह बेटा बस थोड़ी देर और ओह… मेरा होने वाला है।’
सोनू अब होश खो बैठा था और अपने आँखें बंद किए हुए, तेज़ी से धक्के लगा रहा था।
‘काकी ओह.. मेरा भी होने वाला है…ओह्ह काकी।’
और फिर जैसे सोनू के लण्ड से वीर्य का सैलाब निकल कर बेला की चूत की दीवारों को भिगोने लगा।
सोनू के वीर्य को अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करते ही बेला ने भी अपनी गाण्ड को तेज़ी से सोनू के लण्ड पर पटकना चालू कर दिया।
बेला- रुक जाआअ बेटा.. बस तेरी ये काकी की फुद्दी भी रसधार बहाने वाली है… ओह आह आह आह्ह..
फिर बेला भी शांत पड़ गई और आगे के तरफ लुढ़क गई।
सोनू का लण्ड जो की बिल्कुल सना हुआ था.. बेला की चूत से बाहर आ गया।
बेला की चूत से कुछ वीर्य निकल कर बाहर बिस्तर पर गिर गया।
बेला पेट के बल लेट गई, उसकी आँखें मस्ती में बन्द थीं और होंठों पर मुस्कान फैली हुई थी।
बेला आँखें बंद किए हुए- तूने तो कमाल कर दिया छोरे… एक ही बार में दो बार मेरी चूत का पानी निकाल दिया.. तेरे इस लण्ड ने मेरी चूत को खोद-खोद कर झाड़ दिया।
सोनू- काकी आप कहो, तो एक बार और निकाल देता हूँ।
बेला- नहीं आज इतना बहुत है..बहुत देर रही है। अब सेठ के घर भी जाना है, चल जल्दी कर कपड़े पहन ले, कहीं बिंदया ना आ जाए।
बेला की बात सुन कर सोनू अपना पज़ामा पहनने लगा, बेला ने भी अपने कपड़े पहने और बिस्तर को ठीक करके रख दिया।
उसके बाद दोनों सेठ के घर आ गए।
अभी दोपहर के 12 बज रहे थे.. जब दोनों सेठ के घर पहुँचे तो पता चला कि सेठ चन्डीमल घर पर था।
वो उसकी नई पत्नी सीमा और दीपा तीनों कहीं जाने के लिए तैयार थे।
रजनी ने बेला को बताया कि चन्डीमल सीमा को लेकर एक-दो दिन के लिए उसके मायके जा रहा था और साथ में दीपा भी जा रही है।
रजनी इस बात से बहुत खुश थी।
अब घर पर सिर्फ़ बेला और सोनू ही उसके साथ थे।
बाहर तांगे वाला खड़ा था, तीनों उस पर सवार होकर शहर स्टेशन की ओर निकल लिए।
बेला को अब सिर्फ़ अपने सोनू और रजनी के लिए ही खाना बनाना था।
आज बेला के चेहरा खिला हुआ था।
जो बयान कर रहा था कि कुछ समय पहले उसकी ज़बरदस्त चुदाई हुई है, इस बात का अंदाज़ा रजनी मन ही मन लगा रही थी, क्योंकि दोनों काफ़ी देर से गायब थे।
खाना खाने के बाद सोनू अपने कमरे में चला गया।
अब उसे भी कोई काम नहीं था।
बिंदया भी खाना खा कर घर जा चुकी थी।
बेला ने बर्तन साफ़ किए और घर जाने के निकली, उसे आज बहुत मीठी-मीठी नींद आ रही थी, पर उसे रजनी ने आवाज़ लगा कर रोक लिया।
‘अए सुन तो बेला.. कहाँ थी इतनी देर.. उस छोरे के साथ?’
रजनी ने ज़रा कड़क आवाज़ में पूछा।
बेला ने हड़बड़ाते हुए कहा- वो मालिकन.. नहाने नदी पर गई थी।
रजनी- अच्छा.. आज-कल नदी पर बहुत जा रही हो तुम.. वैसे मुझे लगता है कि आज तुम कुछ और नहाई हो, देख कैसे बाल बिखरे हुए हैं तेरे…
बेला रजनी की बात सुन कर एकदम से सकपका गई- वो क्या था ना दीदी.. आज बहुत सर्दी थी, जिसकी वजह से नहीं नहाया।
रजनी- तो फिर तेरे को इतने देर कैसे लगी?
बेला- वो दीदी वो वहाँ कपड़े धोने के कारण देर हो गई।
रजनी को बेला की बातों से शक तो हो रहा था पर उससे पूरा यकीन नहीं था।
‘अच्छा चल ठीक है.. चल मेरे कमरे में आज बहुत खुजली हो रही है.. ज़रा मालिश तो कर दे।’
बेला- दीदी आज… पर दीदी मुझे घर पर बहुत काम है।
बेला का मन अब कुछ भी करने को नहीं था।
रजनी- चलती है कि नहीं.. कि दूँ.. दो कान के नीचे..!
बेला फिर चुपचाप रजनी के कमरे में आ गई।