Romance Ajnabi hamsafar rishton ka gatbandhan

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raghu ke chacha ravan laakh chaahe kitna bhi kamina kyun na ho lekin kuch mamlo mein dusro ke phate mein taang nahi aadate....
Ab bhi usme sochne samajhne ki itni kaabiliyat to hai ki damini ke mamle zyada tul nahi dena chaahiye aur agar damini ya uski beti nahi maan rahi hai to jor jabardasti nahi karni chahiye....kyunki wo bhali bhaanti jaanta hai ki agar damini ki beti se raghu ki shaadi ho bhi gayi to koi faida nahi hoga....coz uski planning successful hone ke liye ek chaalbaaz bahu ki jarurat hai na ki koi aadarshvadi bahu ki....
yaha ek aur baat saamne aayi hai... wo ye ki dalal apne naam ki tarah dalal nikla.... waqt aane par apne matlab ke liye kisiko bhi na bakse ...
Dosti ke aad mein wo puri jaaydaad hadapne ki firak mein tha aur ravan ko ilm tak nahi is baat ki...
Dusri taraf apshyu abhi tak bacha hua hai sankat ke hatho se.... kyun, ye to ab sankat hi jaane...
sankat kya bas tab se bas planning kiye hi jaa raha hai...
isse achha to kamla hai... on the spot apne dushmano ko dhul chata di...

waise jab bahu banke aayegi to iski aur sukanya ke bich bahot badi ladayi ho sakti hai.... I think jab kamla jab bahu banke aayegi tab sukanya ushe sari baatein bata deni chahiye...

Well sabhi pehlu mein sabhi arthpoorn baaton, kirdaaro bich huye vaartalaap ko aur gatividhiyo ko ek sathik gati ke sath samete huye hai update ke jariye writer sahab ne shabdon mein khoob roopantaran kiya hai. .

Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Itni shandar aur motivated revo diya iske liye bahut bahut shukriya 🙏

Suknya aur kamla ke bich kya hoga ye to aane wala Update batayega par jo bhi hoga acha hi hoga.
 
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Actually mein Kamla kaafi tez mizaaj ke sath sath tez tarrar wali ladki bhi hai ....sath hi jab bhi uski ichhaaon ke viruddh koi kuch kare to wo apna apa kho deti hai... aur jab uska ye angry mode on hota hai to samajh lena chahiye saamne wale pe aafat aane wali hai...
Aur yahan to kalu aur bablu Kayi bari uske hatho se peet chukne baad bhi chhichhori harkte karne se baaz nehi aa rahe the... isliye shayad isbar kamla ka angry mode kuch zyada hi high ho gaya...Aur phir kya tha....jamkar dhulai kar di dono ki....itna mara ki next time sakal dikhane ke layak bhi na rahe...
Lekin bich mein raghu aa gaya....
Waise aage se aise raghu rokne gaya to shayad iske liye usko harjaana bhi bharna pad sakta hai..

Itna shandaar aur motivated revo diya iske liye bahut bahut shukriya 🙏

Kamla bhi kya kare vichari se pitne ke baad bhi kalu aur bablu nehi shudhre to ek aor dhamekedar dhulai kar diya.
 
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Niyam to badiya hai ki din ki shuruat mai sabhi pariwar ke sadisye ek saty baith kar breakfast karey but ye pair chone ka mamla jo hai ye out of respect hi Ana chahiye na ki koi niyam ki tarah
Sunkanya bechari ko In niyamo ke chalte subah jaldi uthna pad raha hai jisse usey jald se jald azadi bhi chahiye
Yaha surbhi to bholi bhali bechara bina apasyu ke asli vichar Jane hi usey kamyab hone ki dua de rahi hai
Yaha ravan apni biwi aur beta ke sath milakar bohut hi badiya game khel raha hai wo sab kuch hatayina chahta hai but jis tarah ke planning ke sath wo chal raha hai shayad usko kamyabi jald hi mil jayegi kyunki insan ko surf uske khud ke pariwar ke log hi andar tak tod sakte hai uske vishwas ka gala ghoy kar jo ravan karna chahraha hai apne bade bhai ke sath
Kamla to antique piece hai aur uski apne Maa Baap ka sath hi isliye to itni shaitaniya karne ke bawajood wo usey daat bhi nahi rahe hai aur na hi gussa kar rahe hai
Jaha first half ek family ke planning and plotting par tha ki kaise khud ki family ke logon ko barbad karey
Wahi second half ek family ke pyaar aur mazedar kisse par tha.
Overall Awesome update
Bahut bahut shukriya🙏🙏 aise hi sath bane rahiyega.

Privar me anban ka ek aham karan hi yehi hai ki ek dusre ko girane ki sochte hai par vahi girane ke jagah saath me chale to duniya ki koyi bhi shakti unhe hila nehi sakta. Ravan chhal kar raha uska chal kitna kamiyab hoga aane wale Update me pata chal jayega.
 
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Bahut bahut shukriya🙏🙏 aise hi sath bane rahiyega.

Privar me anban ka ek aham karan hi yehi hai ki ek dusre ko girane ki sochte hai par vahi girane ke jagah saath me chale to duniya ki koyi bhi shakti unhe hila nehi sakta. Ravan chhal kar raha uska chal kitna kamiyab hoga aane wale Update me pata chal jayega.
Contest pe story likhenge ki nahi destiny ji :?:
 
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Update - 19

रघु के बार बार कहने पर भी कमला गुस्से को शांत नही कर पा रही थी। उसका गुस्सा पल प्रतिपल बढ़ता ही जा रहा था। आंखे लाल और लाल होती जा रही थी। खूबसूरत बेदाग चेहरा ओर ज्यादा तमतमाता जा रहा था। रघु पहली बार किसी को इतने गुस्से में देख रहा था। जो पल प्रतिपल उसके हृदय गति बढ़ता जा रहा था। क्या करे क्या न करे कुछ समझ नहीं आ रहा था। अब तो डर भी लगने लग गया कही गुस्से में कमला खुद को नुकसान न पूछा बैठे ये बात दिमाग में आते ही रघु बोल...कमला शांत हो जाओ इतना गुस्सा करना सही नहीं हैं। तुम्हें इतना गुस्से में देख मेरा दिल बैठा जा रहा हैं।

कमला…कैसे शांत हों जाऊ आप'के कारण वो दोनों भाग गए। आप कहीं से भी उन दोनों को ढूंढ कर लाओ जब तक मै उन्हें मन भर कर कूट न लू मेरा गुस्सा शांत नही होने वाली हैं।

रघु…वो तो भाग गए अब कहा से लाऊं, सुनो तुम ज्यादा गुस्सा न करों इतना गुस्सा करना ठीक नहीं है शान्त हो जाओ। मेरा कहना मन लो।

कमला...मै नही जानती आप कहीं से भी पकड़ कर लाओ लेकिन लाओ।

रघु...ये किया बच्चो जैसी जिद्द हैं। तुम मेरे साथ चलो।

रघु हाथ पकड़ कमला को कार की ओर ले जानें लग गया। कमला जाना तो नही चाहती थी लेकिन रघु जबरदस्ती खीच कर ले जानें लगा। जाते हुए कमला बोली…आप'को जिद्द लग रहा हैं। उन लड़कों ने मेरे साथ जो किया वैसा ही आप'के बहन के साथ करते तो आप भी उन्हे मरने की जिद्द करते। सिर्फ जिद्द ही नहीं करते बल्कि उन्हें मर ही डालते।

कमला के साथ जो हुआ उस घटना को खुद के बहन के साथ जोड़कर बोलने से रघु कुछ कुछ समझ गया कि हुआ किया फिर भी जानने के लिए रघु बोला…क्या किया था उन लड़कों ने जो तुम गुस्से में उन्हें इस तरह पीट रहीं थीं। इतना गुस्सा आया की शान्त होने का नाम नहीं ले रहीं हों।

कमला...क्या किया? उन दोनों ने आप'की होने वाली बीबी को गंदी गंदी बातें कहीं बिना मेरे मर्जी के मेरे जिस्म को छुआ। आप ही बताइए ऐसे में किसको गुस्सा ना आएं।

कमला की बाते सुनकर रघु को भी गुस्सा आने लग गया लेकिन अब गुस्सा करके कोई फायदा नहीं था वो लड़के तो भाग गए। इसलिए रघु गुस्से को काबू में रखते हुए मन में बोला…साले हरामियों मेरी होने वाली बीबी को छेड़ने और छूने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई। अभी सामने होते तो गोली मार देता।

दोनों कार के पास पहुंच गए रघु कमला को कार में बैठने को कह रह था लेकिन कमला बैठ ही नही रही थी। बार बार बैठने को कहने पर भी जब कमल नहीं बैठी तो रघु ने कह...कमला क्या हुआ कार मे क्यू नही बैठ रही हो। चलो कार में बैठो घर चलते हैं। तुम मुझे उनका पाता बता देना मैं कैसे भी करके उन्हें पकड़ कर लाऊंगा फ़िर पहले मैं जी भार के कूट लुंगा जान बची तो तुम भी जी भार के मर लेना।

कमला बिना सुने थोडा आगे बड़ गई। वहा पत्थर पड़ा हुआ था। पत्थर उठाया और दे मारा कार के पिछे लगी शीशे पर फिर घूमकर सामने आई और सामने के शीशे पर भी पत्थर दे मारा, पत्थर पड़ते ही शीशा टूटकर बिखर गया। शीशा टूटते ही रघु सर पकड़ कर बैठ गया फिर बोला…कमला ये क्या था?

रघु जिस तरह बैठा था उसे देखकर लग रहा था सूट बूट में कोई बिखरी रोड पर बैठा हैं। इसलिए कमला गुस्सा भुल खिल खिला कर हस दिया। कमला को हंसते देख रघु बोला…क्या लड़की हैं अभी अभी गुस्से में तिलमिला रही थी अब देखो कैसे हंस रही है। कोई कह नही सकता अभी अभी गुस्से में थी।

कमला...मेरा गुस्सा ऐसे ही शान्त होता हैं जब तक तोड़ फोड़ न कर लू मेरा गुस्सा शान्त ही नहीं होता।

रघु सिर पर हाथ मरते हुए बोला... हे मा क्या लड़की है। पहले मिल नही रही थी अब मिली हैं वो भी गुस्से और तोडू फोड़ू वाली।

कमला...क्या बोला फिर से बोलिए जरा ठीक से सुन नही पाई।

रघु हकलाते हुए...क क क कहा कु कु कु कुछ बो बो बो बोला, मैंने तो कुछ कहा ही नही।

कमला...नही अपने अभी कुछ तो बोला, जरा फिर से बोलिए सूनू तो, आप तारीफ कर रहें थे या बुराई।

रघु उठकर कार का दरवाजा खोलते हुए बोला.. छोड़ो उन बातों को चलो कहीं चलते हैं मुझे तुम'से कुछ बाते करना हैं।

कमला...जायेंगे कैसे कार के अंदर कांच बिखरे पड़े हैं। इसमें गए तो चोट लग सकती हैं।

रघु...मैं अभी साफ कर देता हूं तुम थोड़ा दूर हटो।

कमला...मैं क्यों दूर जाऊं आप हटो मैं साफ कर देती हूं आप को चोट लग जायेगा।

रघु...मुझे चोट लग जायेगा तो किया तुम्हें चोट नही लगेगा। तुम हटो साफ तो मै ही करूंगा।

कमला...आप सुने क्यों नहीं रहें मैने कहा न मैं साफ कर देती हूं फिर जिद्द क्यों कर रहें।

रघु…जिद्द मैं नहीं, जिद्द तुम कर रहीं हों। जिद्द करना छोड़ो ओर मैं जो कर रहा हूं करने दो।

दोनों में मैं मैं की जंग छिड़ गया। रघु कहे मैं साफ करूंगा कमला कहे मैं साफ करूंगी। दोनो में से कोई मानने को तैयार नही हो रहे थे। अंत में फैसला ये लिया गया दोनो मिलकर कांच साफ करेंगे फिर दोनो ने सावधानी से कांच साफ किए और चल दिया।

इधर बबलू जब भागा था। तब वो बहुत डरा हुआ था। गिरते पड़ते एक खाली जगह जाकर बैठ गया। उसके नाक से अब भी खून बह रहा था। बहते खून को पोछा फिर गाल को सहलाते हुए बोला…aaaaa maaaa कितना मारा हैं? नादान बालक को कोई इतना मरता हैं। खुखर डायन कही की।

कमीज उतरा फिर चेक करने लग गया। बदन में जहां जहां चप्पल पड़ा था वहां वहां लाल लाल निशान पड़ गया। उन निशानों पर हाथ रखते ही ahaaaa ahaaaa कर बबलू चीख उठा फिर बोला… aaiiii maaa लेडी डॉन ने कितना मारा है पूरे बॉडी का नक्शा ही बदल दिया।

कुछ देर बाद कालू भी गिरते पड़ते वहां पहुंच गया। बबलू को नंग धडंग बैठा देख बोला...कैसा दोस्त है तू मुझे अकेले मार खाते हुए छोड़ आया भला हो उस भले मानुष का जिसने कमला को रोक लिया नहीं तो आज कमला जान लेने का पूरा विचार बना चुकी थी।

बबलू...aiiii maaaa आ गया तू, कमला जिस तरह मार रही थी मैंने तो सोचा था आज तू पैरो पर नही चार कंधो पर चलकर आएगा।

बबलू के पास जाकर दो रख कर दिया फिर बोला...साले तू तो चाहता यही है मै मार जाऊ और तू अकेले अकेले कमला के साथ मजे ले।

बबलू...तू ऐसा सोच भी कैसे सकता हैं। तू अपना लंगोटिया यार है कमला के साथ जो भी करेंगे साथ में करेंगे। वैसे यार उसके कोमल कोमल बदन को छू'कर मजा आ गया।

कालू...याद मत दिला पूरा बॉडी झनझना रहा हैं aahaaaa मजा आ गया लेकिन सजा भी तो मिला।

बबलू...सजा मिला तो किया हुआ उसके बॉडी को छूने का अहसास भी तो निराला था aahaaaa…

तभी वहां एक शख्स आ टपका दोनो का बूरा गत देखकर बोला….अरे मेरे बिना पुछ के लंगूरों कहा मुंह मार कर आ रहें हों। जिससे तुम्हारे हुलिया का नक्शा बिगड़ा हुआ हैं।

दोनों..तू कौन है वे ?

शख्स…मै कौन हूं ये जानना जरूरी नहीं है ये बताओ तुम दोनों का हुलिया किसने बिगाड़ दिया।

बबलू...पुछ मत यार पूरी की पूरी तीखी मिर्ची है। हाथ लगाओ तो हाथ जले मुंह लगाओ तो मुंह जाले लेकिन है बड़ी कमाल की लड़की उसकी जैसी आस पास के कई इलाकों में कोई नही है।

कालू...हां यार उसको देखते ही तन बदन में ज्वाला हिलोरे मरने लग जाता है। अंग अंग में अंगारे जलने लग जाता हैं।

शख्स…कहीं तुम बैनर्जी साहब की लड़की कमला की बात तो नहीं कर रहें हों।

दोनों...हां यार वोही तो एक लड़की कमाल की हैं। लेकिन कमाल के साथ धमाल वाली भी हैं क्या चप्पल बजती हैं धागे खोल देती हैं।

शख्स…हा है तो कमाल की लेकिन सुना है उसकी शादी फिक्स हों गई है।

दोनों…नहीं यार ऐसा नही हो सकता नही तो हम दोनो भरी जवानी में विधवा हो जायेंगे।

शख्स...विधवा! तुम दोनो विधवा कैसे हो सकते हों। विधवा तो शादी के बाद पति के मरने पर लड़कियां हो जाती हैं।

दोनों…साले तू हमें ज्ञान दे रहा हैं रुक तुझे अभी बताता हूं

दोनों जाकर शख्स पर टूट पड़ा। बस aiii maa uii maaa की आवाजे आता रहा। दोनो अभी अभी कमला से जितना पीटकर आया था उसकी सारी खुमारी अनजान शख्स पर उतर दिया। इतना मारा कपड़े फट गया आंखे सूझ गई शायद एक आध हड्डी भी टूट गया होगा। मार मार कर जब दोनो थक गए तब छोड़ दिया। शख्स उठकर जाने लगा तो दोनो ने पिछे से एक एक लात ओर मार दिया फिर वह शख्स अड़े तिरछे लहराते हुए चले गए फ़िर बबलू बोला….अरे यार कमला की शादी हों गई तो हमारा किया होगा।

कालू…ऐसा नही होने दे सकते कुछ तो करना पड़ेगा।

बबलू…हां यार कुछ तो करना पड़ेगा नहीं तो हमारे लाईफ की सुख चैन छीन जायेगा। मौहले की रौनक चली जायेगी हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा हो जाएगा।

कालू...हा यार कह तो सही रहा है लेकिन एक बात समझ नहीं आया हमने अभी अभी पीटा किसे इसे तो कभी देखा नहीं न ही हमारे मोहले का हैं न ही आस पास के इलाके का है।

बबलू...जो भी हो मजा बहुत आया दिल को बहुत तसल्ली मिला।

कालू...हां यार चल अब घर चलते हैं।

बबलू…घर नहीं पहले डॉक्टर के पास चलते है ऐसे हल में घर गए तो ओर ज्यादा कुटाई होगा।

दोनों अपना अपना इलाज कराने डाक्टर के पास चल दिया। इधर कमला को साथ ले'कर रघु एक काफी शॉप में गया। कोने के एक टेबल पर बैठ गया फ़िर रघु बोला...कमला जो तुम्हें पसन्द हों ऑर्डर कर दो।

कमला...आप ही कर दीजिए आज आप के पसन्द का खाता हूं बाद में जीवन भार आप'को मेरे पसन्द का खाना पड़ेगा।

रघु...achaaa ओर आगर मैने माना कर दिया फिर!

कमला...फिर मुझे गुस्सा आ जाएगा। गुस्सा आने पर मैं क्या कर सकती हूं इसका नमूना आप देख चुके हों।

रघु...कमला ये क्या बात हुई। मुझे गुस्सा न दिलाना ये कह तुम सीधे सीधे मुझे वार्निंग दे रहीं हों कि शादी के बाद मैं जो कहूंगी करना पड़ेगा मेरे पसंद के मुताबिक चलना पड़ेगा।

कमला…मैंने कब ऐसा कहा मैं तो बस इतना ही कहा आगे आप'को मेरे पसन्द का खाना पड़ेगा। मैने ऐसा तो नहीं कहा मेरे पसन्द के मुताबिक आप'को चलना पड़ेगा।

रघु...तुम तो बड़े शातिर हों बातों को घुमा फिरा कर कह रही हों। ऐसे तो मैं तुम्हारे बातों में उलझकर फंस जाऊंगा।

कमला...आप'को फासने की जरूरत ही नहीं हैं आप तो पहले से ही फसी फसाई हों।

रघु बस मुस्कुरा दिया ओर बातों को टालते हुए बोला... अच्छा अच्छा ठीक हैं पहले कुछ ऑर्डर कर दो फिर बात करते हैं।

कमला बिना न नूकर के ऑर्डर कर दिया कुछ देर में ऑर्डर आ गया फिर खाते हुए रघु बोला…अब बोलो हम कहा थे।

कमला...कहा थे से क्या मतलब हम तो यहां से कहीं गए ही नहीं।

रघु...हे भगवान तुम क्या चीज हों जैसी दिखती हों वैसी हों नहीं!

कमला...आप'को मैं चीज दिखती हूं बोलो चीज दिखती हूं।

रघु...मेरे कहने का मतलब वो नहीं था। अच्छा छोड़ो इन बातों को, कमला मुझे माफ़ कर देना।

कमला...माफी किस बात की ऐसा कुछ हुआ ही नहीं तो फिर आप माफ़ी क्यों मांग रही हों।

रघु…मुझ'से गलती तो हुआ हैं। उन लड़कों ने तुम्हें छेड़ा इसलिए तुम उन्हें पीट रहीं थीं ओर मैं पिटने के जगह तुम्हें रोक रहा था।

कमला...उनको तो मैं पहले भी कहीं बार पीट चुकी हूं ओर शायद आगे भी किसी न किसी से पीटते रहेंगे। वो इतने ढीट हैं कितना भी पीटो सुधरने वाले नहीं हैं। आप पहले नज़र में समझ नहीं पाए इसमें आप'की गलती नहीं हैं। तो माफी न मांगे।

रघु... फिर भी...।

कमला...क्या आप भी किन बातों को ले'कर बैठ गए। कुछ ओर बात करें।

रघु... ठीक हैं कैसा तुम कहो।

कमला...हां बिल्कुल ऐसे ही आगे भी मेरी बाते मानती रहना।

रघु बस मुस्कुरा दिया फिर शूरू हुआ एक दूसरे को जानने का सिलसिला, दोनों ने एक दूसरे से बहुत सी बातें शेयर किया जो कुछ खास लोग ही जानते थे। अंत में दोनो बाहर निकले फिर कमला को घर छोड़कर रघु घर को चल दिया। रघु कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रहा था। होता भी क्यों न एक गुस्सैल और खूबसूरत लड़की को हमसफर बनाने चला था।

लेकिन बातों के दौरान जाना कमला कितनी सुलझी हुई और बातों में उलझा देने वाली लड़की हैं। रघु को लगा उसने बचे हुये जीवन की सफर को तय करने के लिए जिसे अपना हमसफर चुना वो उसके लिए प्रफेक्ट हैं। बस थोड़ी गुस्से वाली हैं। वो भी तब गुस्सा करती है जब गुस्सा दिलाने वाली कोई काम किया जाएं। खैर रघु जब घर पहुंचा तब सुरभि और पुष्पा कही जानें के लिए निकली थीं। कार का शीशा टूटा हुआ देखकर रघु के पास आया और सुरभि बोली…रघु कार का शीशा कैसे टूटा दिखा तुझे कहीं चोट तो नहीं लगी।

पुष्प...भाई आप कार ठीक से नही चला पाते हो तो चलते क्यू हों। दिखाओ आप को कहीं चोट तो नही लगी।

दोनो रघु को घुमा घुमा कर देखने लग गए। उन्हे कही भी चोट के निशान या खून का धब्बा नही दिखा। तब सुरभि बोली…चोट के निशान तो कही दिख नही रहा तुझे कही दर्द तो नहीं हो रहा।

पुष्पा….लगता है भईया को अंदरूनी चोट लगा है। चलो भईया डॉक्टर के पास चलते हैं।

सुरभि...हा बेटा चल डॉक्टर के पास चलते हैं। पुष्पा जा दूसरी कार की चाबी लेकर आ, न जाने तेरे पापा कहा चले गए जब देखो यह वहा घुमते रहेंगे।

पुष्पा चाबी लेने अंदर जाने लगी तब रघु बोला…पुष्पा कही जाने की जरूरत नही मैं ठीक हूं मुझे कही चोट नहीं लगा हैं।

सुरभि...जा बेटी तू लेकर आ ये हमसे छुपाने के लिए झूठ बोल रहा हैं। रघु तू अब झूठ भी बोलने लग गया।

रघु...मां मुझे कही चोट नहीं लगा न ही मैं झूठ बोल रहा हूं। आप अंदर चलो फिर बताता हूं।

रघु उन्हें अंदर जाने को कह रहा था लेकिन सुरभि और पुष्पा डॉक्टर के पास जाने की जिद्द करने लग गए। तब रघु बोला…मां कार का शीशा एक्सीडेंट से नही आप'के होने वाली बहु के पत्थर मरने से टूटा हैं।

दोनों...kyaaaa

रघु...हां अब अंदर चलो फिर बताता हूं।

रघु दोनों को अंदर ले'कर गया तब पुष्पा बोली...भईया भाभी से मिलने पहले दिन गए ओर उन्हें गुस्सा दिला दिया, इतना गुस्सा दिलाया की भाभी ने कार का शीशा तोड़ दिया। सुनो भईया साफ साफ कह देती हूं अगर भाभी ने रिश्ता तोड़ा तो अपकी खैर नहीं!

सुरभी…इस लड़के का मै किया करू अकाल से पैदल न जानें किया कर आया। सुन रघु ये रिश्ता टूटा तो हम कोई दूसरी लड़की नही ढूंढने वाले कह देती हूं।

रघु…आप दोनों भी न पहले सुन तो लो हुआ किया था। मां मैं जब कमला से मिलने जा रहा था। तब मुझे रास्ते में कमला गुस्से में एक लड़के को गिरा गिरा के चप्पल से पिट रही थीं…. इसके बाद क्या क्या हुआ रघु ने सब बता दिया।


आज के लिया इतना ही आगे की कहानी next update से जानेंगे। यह तक साथ बने रहने के लिए आप सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद।

🙏🙏🙏🙏
 
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कमला बिना सुने थोडा आगे बड़ गई। वहा पत्थर पड़ा हुआ था। पत्थर उठाया और दे मारा कार के पिछे लगी शीशे पर फिर घूमकर सामने आई और सामने के शीशे पर भी पत्थर दे मारा, पत्थर पड़ते ही शीशा टूटकर बिखर गया। शीशा टूटते ही रघु सर पकड़ कर बैठ गया फिर बोला…कमला ये क्या था?
:roflol:
Ab jaake raghu ko pata chalega ki uski shaadi kisse tay huyi hai.... :D
 
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aaj kal agar insaan dominate type ke nahi huye to saamne wala hi dominate karne lag jaaye.....
kamla bilkul thik kar rahi thi us bablu aur kalu ko pitkar...
raha sawal raghu ka to usko samajhna chahiye ki yunhi bich raste uski hone wali biwi kisi anjan ladke ko chappale nahi maar rahi hogi... Jarur koi thos wajah hogi...
Par wo hai ki usko shaant hone ko keh raha tha.... ab kamla ke ichha ke viruddh kuch ho to uska para high ho jana tha... upar se raghu baat ki gehraai ko samajhne ki bajaye ulta ushe hi samajha raha tha.. isliye aadat anushar usne tod fod suru kar di... Kalu aur bablu na sahi car ke sishe hi sahi...
Sukar hai ki raghu ko fodne ki koshish nahi ki usne..
Waise baad mein cafeteria mein baith ke dono ki bich jab baatcheet suru huyi to dono hi ek duje ko aur zyada gehrayi se samajhne lage...
well.... raghu ehsaas ho gaya ki agar koi ladki as life partner uske liye perfect hai to, wo sirf kamla hi hai...
wohi dusri taraf raghu ghar aane par uski haalat aur kamla ki baat aane par maa bahan dono hi naraz ho gayi thi...
Khair... raghu ne baat ko bigadne se pehle hi sambhal liya aur saari sacchai bata di.... Btw kamla ke gusse aur tevar ke bare mein jaan ke aur bhi aur pushpa kaafi hairaan huye honge..

Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
 

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