Romance Ajnabi hamsafar rishton ka gatbandhan

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aaj kal agar insaan dominate type ke nahi huye to saamne wala hi dominate karne lag jaaye.....
kamla bilkul thik kar rahi thi us bablu aur kalu ko pitkar...
raha sawal raghu ka to usko samajhna chahiye ki yunhi bich raste uski hone wali biwi kisi anjan ladke ko chappale nahi maar rahi hogi... Jarur koi thos wajah hogi...
Par wo hai ki usko shaant hone ko keh raha tha.... ab kamla ke ichha ke viruddh kuch ho to uska para high ho jana tha... upar se raghu baat ki gehraai ko samajhne ki bajaye ulta ushe hi samajha raha tha.. isliye aadat anushar usne tod fod suru kar di... Kalu aur bablu na sahi car ke sishe hi sahi...
Sukar hai ki raghu ko fodne ki koshish nahi ki usne..
Waise baad mein cafeteria mein baith ke dono ki bich jab baatcheet suru huyi to dono hi ek duje ko aur zyada gehrayi se samajhne lage...
well.... raghu ehsaas ho gaya ki agar koi ladki as life partner uske liye perfect hai to, wo sirf kamla hi hai...
wohi dusri taraf raghu ghar aane par uski haalat aur kamla ki baat aane par maa bahan dono hi naraz ho gayi thi...
Khair... raghu ne baat ko bigadne se pehle hi sambhal liya aur saari sacchai bata di.... Btw kamla ke gusse aur tevar ke bare mein jaan ke aur bhi aur pushpa kaafi hairaan huye honge..

Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:

Itna shandaar aur motivated revo diya iske liye bahut bahut shukriya 🙏🙏

Sahi hai jamne ke tal se tal milakar na chalo to jamna dhutkar deti hai vaise hi thoda dominated parvrti na apnao to log chad baithte hai aur davane ki koshish karte hai.

Raghu ko samjhna chahiye tha par jab use is tarh ka ghatna pahli bar dikha aur janne ki iccha man me jaga isliye roka.

Raghu ne sbhal to liya lekin abhi pura sachahi nehi bataya jab batayega vo manjar dekhne layak hoga vaas next update ka wait kijiye.
 
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Yaar roast karne ke liye koi clue nahi mil rahi hai :verysad: are kuch Galti kare ye story characters taaki main in logo ki aisi ki taisi kar saku
Story carecter ki galti aapke pakad me nehi aa rahi ye asambhab hai. Aisa ho hi nehi sakta.
 
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Update - 20


रघु एक एक किस्सा मुस्कुराते हुए मजे ले लेकर सुना रहा था। जैसे जैसे रघु सुनता जा रहा था। वैसे वैसे मां और बहन के हाव भाव बदलने लग गया। दोनों के चहरे पर गुस्से की लकीरें साफ दिखाई देने लग गया। रघु के चुप होते ही पुष्पा बरस पड़ी…भाभी ने सही किया, कार के शीशा तोड़ने के जगह आप'का सिर फोड़ देता तो अच्छा होता। उन लड़कों को पीटने के जगह आप भाभी को रोक रहे थे।

सुरभि...रघु उन लड़कों ने बहु को छेड़ा ओर तू उन्हें पीटने के जगह बहु को रोक रहा था। बिना दांए बांए देखे तुझे उन लड़कों को पीटना चाहिए था फिर पुलिस के हवाले कर देना चाहिए था।

रघु...मां मुझे थोड़ी पता था उन लड़कों ने कमला को छेड़ा था। मै तो बस…..

सुरभि…कैसे नहीं पता जब बहु उन लड़कों को गिरा गिरा के पीट रहीं थी, देखकर ही तुझे समझ जानना चाहिए था उन लड़कों ने कुछ ऐसा वैसा किया होगा तभी बहु उन्हे पीट रही थीं।

पुष्पा…भईया कोई भी लड़की ऐसा तब करती हैं जब बात हद से ज्यादा बड़ जाए। आम तौर पर लड़कियां एक हद तक ऐसे लड़कों को ज्यादा तुल नहीं देती हैं लेकिन जब हद पार हो जाए तब ही लड़कियां ऐसा करती हैं। आप'ने क्या किया उन लड़कों को भाग जाने दिया मैं होती तो भाभी के साथ मिलकर पहले पीटती फिर पूछती हुए किया था।

सुरभि…तू इतना समझदार होते हुए भी इतनी बड़ी नादानी कैसे कर आया। बहु उन लड़कों को पीट रहीं थी ओर तू रोक रहा था। कल को कोई लड़का ऐसे ही मुझे या तेरी बहन को छेड़ेगा, हमारे पीटने पर तू भी हमे रोकेगा।

रघु…रोकूंगा नहीं मैं उन लड़कों को गोली मार दूंगा।

सुरभि...अच्छा तो फिर उन लड़कों को क्यों भागने दिया? भले ही कमला से तेरा शादी नहीं हुआ हैं। आज नहीं तो कल वो भी हमारे परिवार की एक सदस्य बनने वाली हैं। तुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।

रघु…मां हों गई गलती अब माफ भी कर दो मेरी अच्छी मां।

सुरभि...सही हैं गलती करो और माफी मांग लो है न।

सुरभि और पुष्पा मुंह फेर कर बैठ गई। रघु उठकर पुष्पा के पास गया पुष्पा के चेहरे को अपनी ओर घुमाया फिर हाथ जोड़कर बोला.. मेरी प्यारी बहन गुस्सा थूक कर माफ कर दे।

पुष्पा...हटो आप मुझे आप'से बात नही करना हैं न ही माफ करना हैं।

पुष्पा के बदले तेवर ने रघु को सोचने पर मजबूर कर दिया उससे बहुत बड़ी गलती हों गया। अब उसे कैसे भी करके दोनों को मनाना हैं। लेकिन पुष्पा ने न मानने का मन बना लिया। इसलिए रघु पहले मां को मानने का सोचा फिर सुरभि के पास जा'कर नीचे बैठ गया ओर हाथ जोड़कर बोला…मां हो गईं गलती माफ भी कर दो न वादा करता हू आगे फिर कभी ऐसा गलती नहीं करूंगा।

सुरभि...अपना वादा अपने पास रख तुझे कोई माफी नहीं मिलने वाला आने दे तेरे बाप को उन्हे सब बताऊंगी फिर उनसे ही माफी मांगते रहना ।

रघु…मां पापा को कुछ भी मत बताना बहुत डाटेंगे।

सुरभि...क्यों न बताऊं मैं तो बताऊंगी डांट पड़ेगी तभी तुझे अकाल आएगा।

इनके माफीनामा का स्वांग चाल ही रहा था। उसी वक्त राजेंद्र घर पधारे अंदर एंट्री करते ही पहला दृश्य उन्हे दिखा रघु घुटनों के बल हाथ जोड़े बैठा था।पुष्पा मुंह फुलाए बैठी थी ओर सुरभि डांटने के अंदाज में रघु को कुछ कह रही थीं। जो भी सुरभि ने कहा राजेंद्र ने सुन लिया फिर बोला…सुरभि क्या बताने वाली हों बताओ मै सुनने आ गया। रघु तू घुटनों पर क्यों बैठा हैं। तुझे सोफे पर जगह नहीं दिखा, जा जा'कर सोफे पर बैठ जा।

रघु उठने लगा तभी सुरभि बोली...तू कहा जा रहा हैं। जैसे बैठा है वैसे ही बैठा रह। आप इधर तो आयो फिर सुनती हूं इस नादान की नादानियां।

मां की डांट पड़ते ही रघु जैसे था वैसे ही दुबारा बैठ गया ओर सिर को झुका लिया। जरा सी भी साहस रघु जुटा नही पा रहा था कि सिर उठाकर देखे ओर नजरे मिलाकर पिता से या मां से बात कर सकें। राजेंद्र समझ गया माजरा कुछ संगीन हैं तभी तो सुरभि इतनी गुस्से में हैं। इसलिए जल्दी से सुरभि के पास जा'कर बैठ गया फ़िर बोल...बात किया हैं तुम आज इतने गुस्से में क्यों हों। जहां तक मुझे पता हैं तुम रघु पर कभी भी गुस्सा नहीं करते हों।

सुरभि…गुस्सा न होऊं तो ओर किया करू इसने कारनामे ही ऐसा किया हैं। आप सुनेंगे तो आप को भी गुस्सा आ जायेगा।

राजेंद्र…ऐसा क्या किया? जो तुम इतने गुस्से में हों। तुम ही तो कहती रहती हो रघु कुछ गलत नही कर सकता फिर आज क्या किया जो तुम आगबबूला हों गई हों।

सुरभि…रघु अपने कारनामे अपने मुंह से सुना तेरा बाप भी तो सुने तू आज किया गुल खिला आया।

रघु अजीब सी धर्मसंकट में फस गया करे तो करे क्या? उसकी छोटी सी भुल इतना तुल पकड़ लेगा उसे इल्म ना था। सोचा था किसी तरह मां और बहन को मना लेगा ओर बात आई गई हो जायेगा लेकिन अब तो मुद्दा High court तक पहुंच गया। High court का जज उसका बाप था जो उसे काला पानी की सजा भी दे सकता हैं। रघु को पश्तवा होने लगा वो उस वक्त वहां पहुंचा ही क्यों था। पहुंचा तो पहुंचा लड़के को पीटा क्यों नहीं, नहीं पीटना था न सही कमला को रोका क्यों, कमला को रोकना ही नहीं चाहिए था।

जो वो कर रहीं थीं उसे करने देना चाहिए था। रघु के दिमाग में ये बात भी चलने लग गया। टूटा हुआ शीशे के साथ कार को घर नहीं लाना चाहिए था। कार को किसी मैकेनिक के पास छोड़कर आता ओर कार खराब हों गई हैं घर पर झूठ बोल देता या बोल देता छोटा सा accident हों गया था। कार में कुछ खराबी आ जाने के कारण रिपेयर करने दे आया हूं। नाना प्रकार की बाते उसके दिमाग में चलने लग गया। बाप के आगे उसके जुबान को ताला लग जाता था। जितना जरूरी होता था उतना ही बोला करता था। लेकिन इस वक्त माजरा कुछ ओर हैं। उसे अपनी गलती बताना हैं। जिसे कभी नहीं बताने वाला इसलिए रघु चुप चाप सिर झुकाए बैठा रहा। रघु के न बोलने पर सुरभि बोली...रघु किया हुआ तुझे कुछ बोला गया था। तूने ठीक से सुना नहीं या न सुनने का ढोंग कर रहा हैं।

राजेंद्र...अहा सुरभि रघु नहीं बोल रहा हैं तो तुम ही बोल दो उसका जुबान वैसे भी मेरे सामने लड़खड़ा जाता हैं।

सुरभि…जुबान लड़खड़ाए या कुछ भी हो, बोलना तो उसे ही हैं। रघु जल्दी बता तू क्या कर आया मुझे और गुस्सा न दिला।

चल रही बातो से राजेंद्र इतना तो समझ गया रघु बड़ा कुछ संगीन कर आया था। जिससे सुरभि इतने गुस्से में हैं। इतने गुस्से में उसने कभी सुरभि को नहीं देखा, देखा भी होगा लेकिन रघु के प्रति कभी नहीं, उसके लिया यहां जानना जरूरी हो गया रघु कर किया आया। उसने अगर दहाड़ कर या डांट कर पूछना चाहा तो रघु मरना पसंद करेगा लेकिन खुद से कभी नहीं बताएगा। इसलिये रघु के पास गया। उसे उठाया फिर आप'ने पास बैठाकर प्यार से पूछा…रघु बेटा बताओ ऐसा किया हुआ जो तुम्हारी मां इतने गुस्से में हैं। बता दो मै तुम'पे गुस्सा नहीं करुंगा।

पहली बार में रघु कुछ नहीं बोला राजेंद्र ने एक बार ओर पूछा फ़िर भी रघु ने कुछ नहीं बोला तीसरी बार पुछने पर रघु को कोई ओर चारा न दिखा इसलिए बताना ही बेहतर समझा फिर एक एक क़िस्सा जैसे जैसे घटा था वैसे वैसे सुना दिया। सुनते ही राजेंद्र को भी गुस्सा आया। लेकिन उसने सोचा इससे पहले जब भी वो रघु की गलती पर गुस्सा हो'कर रघु को डांटा, तब सुरभि रघु के पक्ष में रह कर रघु को समझा बुझा कर दिलासा दिया करता था। लेकिन आज का माजरा दूसरा हैं। सुरभी पहले से ही बहुत गुस्से में थी। इसलिए उसका गुस्सा करना ठीक नहीं हैं। जवान बेटा हैं कही ऊंच नीच कुछ कर बैठ तो क्या होगा। ऐसे ही अनेकों विचार करने के बाद नर्म लहजे और समझाने के अंदाज में बोला...रघु बेटा गलती तो तुम'से हुआ हैं। मन तो कर रहा हैं तुम्हे कस के एक चाटा मारू लेकिन मार नही सकता। कहते है बेटा जब कंधे को छूने लग जाए तब उससे दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए एक दोस्त की तरह उसे समझाना चाहिए। आज तुम'से जो हुआ हैं वो कोई साधारण बात नहीं हैं। एक लड़के के लिए साधारण बात हो सकता है लेकिन एक लड़की के लिए बहुत बड़ी बात हैं। राह चलते लड़के उसे परेशान करे उसे छेड़े उस पर छिटकसी करे इतना करे की उसे मजबूर हो'कर पीटना पड़े इससे दुर्भाग्य की बात और किया हो सकता हैं। तुम्हे जब दिखा कमला बेटी किसी लड़के को बहुत बुरी तरह पीट रही थी तो तुम्हे समझ जाना चाहिए था लड़के ने जरूर संगीन कुछ किया होगा तभी उसे इतनी बुरी तरह पीटा जा रहा था। तुम्हें उस पर हाथ नहीं उठाना था न सही तुम पुलिस को बुला लेते या फिर कमला बेटी को न रोककर जो वो कर रही थीं करने देते।

बिना दहड़े बिना चीखे चिलाए प्यार से बात करते देख सुरभि खुद से बोली...आज तो इनका एक अलग ही रूप देखने को मिल रहा हैं। रघु की छोटी सी गलती या बिना किसी गलती के इतनी ऊंची आवाज़ में बात करते थे कि रघु थार थार कांपने लग जाता था ओर आज देखो कैसे समझा रहे हैं। Oooo समझा आज मैं गुस्से में हूं तो मेरी जगह इन्होंने ले ली वाहा जी वाहा!

सोचकर ही सुरभी मंद मंद मुस्कुरा दिया। रघु भी अचम्बे में था जहां मां इतने गुस्से में थी वही बाप प्यार से बात कर रहा हैं । ये तो चमत्कार हों गया। इतने प्यार से बोलने पर रघु को थोडा बल मिला और धीरे से बोला…पापा माफ कर दो आगे से ऐसा नहीं होगा।

रघु इतना धीरे बोला पास बैठा बाप भी ठीक से सुन नहीं पाया इसलिए राजेंद्र बोला….क्या बोला तोड़ा तेज बोल मैं सुन नहीं पाया।

रघु हकलाते हुए बोला…. व व व वो पा पा पा पापा मा मा मा माफ कर दो आगे से ऐसा नहीं होगा।

राजेंद्र...माफ़ी मांगने में भी इतना डर रहे हों चलो माफ किए। लेकिन एक बात हमेशा ध्यान रखना लड़की आपने परिवार की हो या दूसरे परिवार की उसकी अपनी मान सम्मान होता हैं इसलिए कभी कुछ भी ऐसा न करना जिससे उसके मन सम्मान में तुम्हारे करण दाग लगे और कभी ऐसा नजारा देखने को मिले और समझ न आए तुम्हें करना किया चाहिए तो तब तक बीच में न घुसो जब तक मजरा समझ न आए। जब माजरा समझ आ जाएं तब बेधड़क घुस जाओ और खुद भी हाथ के मैल साफ कर लो।

रघु…जी पाप।

राजेंद्र..जी पापा के बच्चे हमारे होने वाली बहु को मनाया की नहीं बहुत गुस्से में थी कार का शीशा भी तोड़ दिया। कही रिश्ता तोड़ दिया तो क्या होगा। न जाने कितने रिश्ते टूटे तब जा'कर बड़ी मुस्किल से ये रिश्ता जुड़ा हैं टूट गया न तो शादी करने के सपने देखना छोड़ देना।

राजेंद्र जी ने पाल भर में गंभीर माहोल में परिवर्तन ला दिया। रघु जो अभी तक सहमा सहमा सा था मुस्कुरा दिया। सुरभी और पुष्पा भी मुस्कुरा दिये फिर सुरभि बोली…पुष्पा जा बहु से बात कर देख वो ज्यादा गुस्से में तो नहीं हैं। पता चला घर जा'कर मां बाप को बोल दिया मुझे इस डरपोक लड़के से शादी नही करनी है।

पुष्पा मुस्कुराते हुए चली गई फिर रघु बोल...मां मैं डरपोक नहीं हूं और न ही कमला नाराज है इस घटना के बाद हम दोनों ने बहुत देर तक बाते किया उस वक्त कमला ने ऐसा कुछ भी नहीं कह।

राजेंद्र…नाराज नही है ये तो बहुत अच्छी खबर हैं नहीं तो हमें दूसरी लड़की ढूंढना पड़ता। जिसे हम ढूंढते न जाने वो कैसी होती कमला जैसी समझदार होती भी की नहीं।

सुरभि…समझदार तो हैं लेकिन बहुत गुस्से वाली हैं। शादी के बाद संभालकर रहना कही गुस्से में तुझे ही न लपेट ले।

दोनों कुछ वक्त तक रघु के साथ मस्करी करते रहें। फिर रघु रूम में चला गया। पुष्प ने आ'कर बता दिया कमला नाराज नहीं हैं। जो दोनो को पहले ही रघु ने बता दिया था। इधर डिंपल अनुराग को कुछ जरुरी बात करने की बात कहकर एक कॉफी शॉप पर बुलाया। अनुराग समय से पहूंच गया पर डिंपल अभी तक नहीं पहुंचा था। कुछ वक्त अनुराग को wait करना पड़ा फ़िर डिंपल आ गईं। डिंपल के आते ही अनुराग ने कॉफ़ी का ऑर्डर दिया। कुछ क्षण बाद वेटर कॉफी दे गया। कॉफ़ी की सिप लेते हुए अनुराग बोला…बोलों भाभी इतना क्या जरूरी बात करना था जो मिलने बुला लिया।

डिंपल...अनुराग तुम मुझे मजाक मजाक में भाभी बोलते हो आगर ऐसा हों जाएं कि मैं तुम्हारा परमानेंट भाभी बन जाऊ तो तुम्हें कैसा लगेगा। जबकि तुम मेरे बारे मे बहुत कुछ जानते हों।

अनुराग...ummm थोड़ा अजीब तो लगेगा लेकिन मैनेज कर लुंगा क्योंकि बहुत से लड़कियों का शादी से पहले कई अफेयर होता हैं लेकिन शादी के बाद बीती जिंदगी भुलाकर नए सिरे से शुरू करती हैं। तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। क्या तुम अपश्यु से शादी करना चाहती हों?

डिंपल...मैं समझ नहीं पा रही हूं क्या करूं या क्या कहूं? तुम्हारे कहने पर मैंने अपश्यु का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया। पर अपश्यु एक बूरा लड़का हैं। जानते हुए भी मेरी फीलिंग उसके लिए बदलता जा रहा हैं। I think मुझे अपश्यु से प्यार होने लग गया हैं।

अनुराग...तुम्हें एक बात बता दूं अपश्यु हमेशा से बूरा नहीं था मैं बचपन से उसके साथ रहा हूं। बस पिछले कुछ वर्षो से उसमें बदलाव आना शुरु हुआ हैं। शायद बुरी संगत के करण रस्ता भटक गया होगा। इसलिए तो मैं उसे सही रस्ते पर लाने की कोशिश कर रहा हूं।

डिंपल...क्या तुम सच कह रहे हों?

अनुराग...हां सच कह रहा हूं। पर कोई भी स्टेप लेने से पहले मैं चाहूंगा की तुम अपश्यु के मान की बातों को जान लो कहीं ऐसा ना हों तुम उसके प्यार में पड़ जाओ ओर तुम्हारे साथ अपश्यु सिर्फ और सिर्फ टाईम पास करना चाहता हूं।

डिंपल...तुम उसकी चिंता ना करों पहले मैं अपश्यु के मान की बातों को जानूंगा फ़िर मेरा फीलिंग उसे बताऊंगा। वैसे मैं कुछ कुछ तो जान गई हूं। अपश्यु के मन में मेरे लिया कैसा फीलिंग हैं।

अनुराग...क्या जाना मुझे नहीं बताओगे भाभी जी!

डिंपल...अभी नहीं बाद में बताऊंगा बस तुम दुआ मांगना। हम जिस काम में लगे हैं वो सफल हों और मेरे प्रति अपश्यु की फीलिंग पुरी तरह बदल जाएं।

अनुराग...हम सिर्फ कोशिशें कर सकतें हैं। क्या होगा इसका फैसला तो कोई और करेगा?

डिंपल...हां ये तो हैं। अभी कोशिश करते हैं बाकी बाद में देखेंगे। अच्छा मैं चलती हूं तुम कॉफी का बिल पे कर देना।

अनुराग...ये किया बात हुई मिलने तुम'ने बुलाया ओर बिल मैं पे करू।

डिंपल...देवर के होते हुए भाभी को बिल पे करना पड़े। ऐसा ना चलेगा जाओ जा'कर बिल पे करों मैं चाली।

इतना कह डिंपल चल दिया ओर अनुराग बिल पे कर अपने रस्ते चला गया। ऐसे ही बातो बातो में पल गिनते गिनते दिन कब बीत गया पता ही नहीं चला शाम को राजेंद्र ने फोन पर महेश से बात कर अगले दिन महेश के घर आ'कर शादी की दिन तारिक और बाकी की बात करने की बात कही तो महेश भी आने को कहा दिया। ये बात राजेंद्र ने सुरभि को बता दिया जिसे सुनकर सुरभी भी प्रसन्न हो गईं। होती भी क्यू ना जल्दी ही उसके घर में एक नया सदस्य आने वाली हैं जो उसके एक मात्र बेटे की एक मात्र बीबी होने वाली हैं।

आज के लिए इतना ही अगले अपडेट में जानेंगे रघु और कमला की शुभ विवाह का शुभ मूहर्त कब का है और दोनो समधी में किया किया बाते होती है। यहा तक साथ बने रहने के लिए सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद।

🙏🙏🙏🙏
 
Eaten Alive
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update 20

Jo andaza laga rahi thi aakhir wohi hua.... saari baatein aur ghatanaayen sunne ke baad dono maa beti had se zyada naraz ho gayi raghu pe... aur kyun na ho ... raghu ne bewakoofi wali harkat hi aisi ki hai.. upar se usne jo bhi kya tha,ek tarah uski irresponsibility ko hi to darshaye... after all kamla koi gair na thi, hone wali biwi thi uski, us ghar ki hone wali... Ab gussa to aana hi tha...

Khair.... dono ne hi ushe maaf na karne faisla kar liya tha par baad mein rajendr jab aaya to mamle ko sambhal liya aur pyar se raghu ko samjha bhi diya ki wo kaha pe galat tha...
I think... surbhi aur pushpa ke gusse hone ek kaaran ye tha ki kahi kamla rista na tod de...actually kamla Dono ki hi favorite ban chuki thi ... aur wo dono kisi bhi haal mein kamla ko khona nahi chaahte the.... Ab raghu jo murkhta karke aaya tha kahi iske wajah se kamla is shaadi se inkar na kar de, isi dar ke chalte itni gusse mein thi dono ma beti...

Waise ghar ke mukhiya aur ek pita hone ke naate rajendra ne bilkul sahi tarike se, naap tol ke aur behad hi pyar se raghu ko samjha diya sath hi hidayat ke sath sath salah bhi di ki aage se aisi galti karne se bache...
Btw unko ek ye dar bhi sataya ki kahi sabhi ghar wale yun gussa hoke raghu ko dhuthkaarne lage to kahi raghu koi ulti sidhi harkat na kar le...
Haalanki raghu itna kamjor nahi hai... Lekin phir bhi kiske mann ka kya pata..

Khair ant mein sab sahi ho gaya sabhi ko pata chal gaya ki kamla naraz nahi hai...
to yahin kahani ne thodi gati pakdi, aur ye lijiye shaadi ki dat fix karne ki baat ho rahi hai dono pariwaro ke bich...
lekin kya ravan ab bhi is baat se anjaan hai ki raghu ka rishta tay ho chuka hai ...
Dusri taraf anuraag ne jaise apshyu ko sahi raah pe laane ki jimmedaari utha li hai... sath de rahi hai dimple bhi.. Lekin kismat ka khel to dekho...
Dimple khud apshyu ke pyar jaa giri... waise anuraag ke activities se ek shaq sa ho uspe...
Kahi anuraag koi ristedaar ya cousin to nahi apshyu ka...

Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
 
Well-known member
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Dear readers lusty web par post hone wala yah mera pahla kahani hai. Mai koyi lekhak nehi hu bas kuch jane mane lekhako ki kahani ko padkar jo shavd mere mastishk me panpa unko rachna ka roop de kar aap sabhi readers ke samne pesh kar raha hu. Mere kahani me koyi bhi sex scen nehi hoga. Yah kahani parivarik gathnao par adharit hai. Jisme apko parivarik man mitao, apsi ranjish, perm ka mila jula bhav darshya jayega. Atah mai ummid karta hu aap sabhi readers dusre writers ko jitna support karte hai utna hi mera bhi support karenge pahla sham tak post kar dunga
Aik romantic / love story sab ko achhee lagatee he padhana… kyun ke har vyakti life mein puberty aane ke baad opposite gender mein attraction feel karta he… aur phir iss "prem" ke adhbut anubhaav se guzarta he… who payaar karta to kabhee to who saphal rehata he aur kabhee who payar zindagee bhar ka rog ban jata he…

Mein khud 25 saal ka ho chukaa hun… aur payaar ke saare hee roop dekh chukka hun… dost soch rahe honge ke kayaa paya ke bhee roop hote hein… haan dosto payaar ke bhee roop hote hein… parents ka apne bachon se payar… bhai behan ka payaar… doston ka iak doosre ke liye payaar… doosre rishton ka payaar… jitney bhee payaar ke roop hein un sab kee koi na koi seema hotee… magr aik ladkee aur ladke ke payaar kee koi seema nahee hotee… yeh payar jitna gehra aur shakeesaalee hota he utanaa he naram aur naazuk…

Ab dekhna yeh he ke hamare dost priy Destiny kee rachnaa kesi he… :loveboat:
 
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Jo andaza laga rahi thi aakhir wohi hua.... saari baatein aur ghatanaayen sunne ke baad dono maa beti had se zyada naraz ho gayi raghu pe... aur kyun na ho ... raghu ne bewakoofi wali harkat hi aisi ki hai.. upar se usne jo bhi kya tha,ek tarah uski irresponsibility ko hi to darshaye... after all kamla koi gair na thi, hone wali biwi thi uski, us ghar ki hone wali... Ab gussa to aana hi tha...

Khair.... dono ne hi ushe maaf na karne faisla kar liya tha par baad mein rajendr jab aaya to mamle ko sambhal liya aur pyar se raghu ko samjha bhi diya ki wo kaha pe galat tha...
I think... surbhi aur pushpa ke gusse hone ek kaaran ye tha ki kahi kamla rista na tod de...actually kamla Dono ki hi favorite ban chuki thi ... aur wo dono kisi bhi haal mein kamla ko khona nahi chaahte the.... Ab raghu jo murkhta karke aaya tha kahi iske wajah se kamla is shaadi se inkar na kar de, isi dar ke chalte itni gusse mein thi dono ma beti...

Waise ghar ke mukhiya aur ek pita hone ke naate rajendra ne bilkul sahi tarike se, naap tol ke aur behad hi pyar se raghu ko samjha diya sath hi hidayat ke sath sath salah bhi di ki aage se aisi galti karne se bache...
Btw unko ek ye dar bhi sataya ki kahi sabhi ghar wale yun gussa hoke raghu ko dhuthkaarne lage to kahi raghu koi ulti sidhi harkat na kar le...
Haalanki raghu itna kamjor nahi hai... Lekin phir bhi kiske mann ka kya pata..

Khair ant mein sab sahi ho gaya sabhi ko pata chal gaya ki kamla naraz nahi hai...
to yahin kahani ne thodi gati pakdi, aur ye lijiye shaadi ki dat fix karne ki baat ho rahi hai dono pariwaro ke bich...
lekin kya ravan ab bhi is baat se anjaan hai ki raghu ka rishta tay ho chuka hai ...
Dusri taraf anuraag ne jaise apshyu ko sahi raah pe laane ki jimmedaari utha li hai... sath de rahi hai dimple bhi.. Lekin kismat ka khel to dekho...
Dimple khud apshyu ke pyar jaa giri... waise anuraag ke activities se ek shaq sa ho uspe...
Kahi anuraag koi ristedaar ya cousin to nahi apshyu ka...

Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...
Let's see what happens next
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Itna shandaar aur motivated revo diya iske liye bahut bahut shukriya 🙏🙏

Kahi na kahi rajendra ne mahul ko sahi se samjha raghu se galti hua tha par jo raghu ke bachav me hamesh khadi rahti thi vohi raghu se naraj ho gayi aise me rajendr bhi gussa ho kar nehi kah sakta tha.

Ravan ko abhi raghu ke shadi ki koyi jankaari nehi raghu ki shadi fix kalkatta me hua aor abhi yaha se koyi suchna rajendr ne nehi diya.

Pyaar to kisi se bhi ho sakta hai chahe vo bhura ho ya acha to dimpal bhi dheere dheere apashyu ke pyaar me girftar ho raha hai.

Anurag sirf aur sirf apashyu ka dost hai aur dono bachpan se sath raha hai to vo apashyu ke svbhav se parichit hai.
 

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