Incest anjane mein kya kar diya maine

Expert Member
8,315
11,902
143
निदा झट से बोली- "ना बाबा, मैं नहीं देने वाली। बाजी से ही बोलो वो ही देंगी।

वैसे अब तो मुझे पता चला है की अम्मी भी दे देती हैं तुम्हें नाश्ता...'







निदा की बात से मैं समझ गया कि बाजी ने निदा को ये भी बता दिया है कि अब अम्मी का भी मेरे साथ कुछ चल रहा है, तो मैंने कहा- "यार जब तुम्हें पता है कि बाजी की तरह अम्मी भी मुझे नाश्ता देती हैं, तो तुम्हें । क्या ऐतराज है? तुम भी दे दो। कसम से बड़े प्यार से करूंगा मैं..."



मेरी बात खतम होते ही मुझे फरी बाजी की आवाज सुनाई दी जो कह रही थी-

"क्या करना है तुमने निदा के साथ, वो भी प्यार से?"



मैं थोड़ा हड़बड़ा गया और सामने देखा तो बाजी मेरे सामने ही खड़ी हुई थी।

बाजी को देखकर मैं हँस दिया और बोला-

"कुछ नहीं बाजी। निदा से नाश्ते के लिए बोल रहा था कि कभी-कभी वो भी दे ही दिया करे।

कब तक आप और अम्मी मुझे देती रहोगी नाश्ता..." और हल्का सा हँस दिया।



बाजी भी हँस दी और बोली- "क्या अब हमारे नाश्ते से मन भर गया है तुम्हारा, जो निदा से बोल रहे हो?"



मैंने कहा- "अरे नहीं बाजी, आप भी क्या बोलती हो। भला ऐसा हो सकता है क्या?"

अभी हम ये बातें कर ही रहे थे कि अम्मी घर वापिस आ गई और सीधा किचेन में चली गई।

तो बाजी भी अम्मी के पीछे ही किचेन की तरफ लपक के गई और नाश्ता तैयार करने में अम्मी का हाथ बटाने लगी।

नाश्ता करने के बाद अम्मी ने फरी से कहा-

"क्या तुम अब ठीक हो चलने में, कोई मसला तो नहीं है?"

फरी बाजी ने कहा- "नहीं अम्मी, अब मैं फिट हैं और कोई खास मसला भी नहीं होता है चलने में..."

अम्मी ने कहा- "तो फिर चलो बाजार से कुछ समान लाना है घर के लिए?"
 
Expert Member
8,315
11,902
143
अम्मी और फरी बाजी बाजार के लिए निकल गई तो मैं समझ गया कि अम्मी फरी बाजी से जरा खुले माहौल में बात करना चाह रही हैं,

क्योंकी अब अम्मी अकेली तो नहीं थी जो जहाँ मर्जी आई मजा कर लेती थी।

अब उनकी बड़ी बेटी भी उनकी तरह ही चुदक्कड़ निकली थी,

इसीलिए अम्मी चाह रही थी कि क्यों ना फरी से इस बारे में बात कर ही ली जाए,

ताकी बाद में कोई परेशानी ना रहे।

खैर, अम्मी और बाजी के जाने के बाद निदा जो कि बर्तन उठाकर किचेन में ले गई थी और अब बर्तन धो रही।

थी और उस वक़्त घर में क्योंकी मेरे इलावा निदा ही थी तो मैंने सोचा क्यों ना आज निदा पे भी ट्राई मारी जाए कि वो क्या चाहती है?

ये सोचते हुये मैं उठा और किचेन में चला गया,

जहाँ निदा बर्तन धो रही थी और बर्तन धोते हुये हिल भी रही थी।

निदा के इस तरह हिलने से उसकी गाण्ड बड़ा ही प्यारा नजारा दे रही थी।

इसलिए मैं वहीं रुक गया और अपनी छोटी बहन की गाण्ड को बड़े प्यार से देखकर निहारने लगा।

तभी निदा को भी एहसास हुआ कि कोई किचेन में आया है,

इसी एहसास के साथ जब उसने मुड़कर देखा तो मुझे अपनी गाण्ड की तरफ घूरता पाकर एकदम से मेरी तरफ घूम गई और बोली-

भाई क्या चल रहा है?मैं- कऽकुछ नहीं यार वो...

वो बस घर में कोई भी नहीं है ना तो सोचा कि क्यों ना तुमसे ही गप्प-शप लगा हूँ बस ये सोचकर ही यहाँ आया हूँ।

निदा शरारती स्टाइल में-

वो तो ठीक है लेकिन ये तुम कब से यहाँ खड़े हो?

और मुझे पीछे से घूर क्यों रहे थे?मैं- अरे अभी आया हूँ और क्या मैं अपनी छोटी प्यारी सी बहन को देख भी नहीं सकता हूँ?

निदा- मुझे पता है आप किन चक्करों में हो?

लेकिन मैं बता रही हूँ आपको अभी से ही कि यहाँ तुम्हारी दाल गलने वाली नहीं है।
 
Expert Member
8,315
11,902
143
फरी बाजी के साथ अब अम्मी भी हैं उन्हें देखा करो ऐसे।मैं-

अच्छा जी भला कैसे देखता हूँ मैं अम्मी को और फरी बाजी को?

निदा- भाई अभी आप जाओ यहाँ से,

मुझे काम करने दो।

बाद में बात कर लेना जब मैं फ्री होऊँगी।मैं-

"अच्छा बाबा मैं ही चला जाता हैं।

क्योंकी अगर मैं कुछ देर और रुका तो तुम कुछ और इल्ज़ाम भी लगा दोगी मुझे पे..."

और हँसता हुआ किचेन से रूम में आ गया।

थोड़ी देर के बाद निदा भी रूम में आ गई और बोली-

"जी भाई अब बोलो क्या बात करनी थी आपने?"

मैं- यार कुछ खास नहीं, बस दिल चाह रहा था कि किसी चुडैल से बात करूं तो तुम्हारा खयाल आ गया।

निदा- चलो भाई मैं चुडैल ही भली।

इसीलिए आपसे अब तक बची हुई हूँ,

वरना तुम्हारा क्या पता कि कब से आँख रखे हुये हो।

मैं- आअहह... निदा बेबी कितनी खुशफहमी है ना तुम्हें कि मैं तुमपे भी लाइन मारता हूँ।

तो सारी ऐसा बिल्कुल नहीं है।

निदा- क्यों भाई क्या फरी बाजी मुझसे ज्यादा खूबसूरात हैं या अम्मी?

मैं निदा की बात से चौंक गया और उसके चेहरा की तरफ देखा तो जाना के निदा की आँखों में मेरी बात से ।

हल्के आँसू आ गये थे।

निदा की हालत देखकर मैंने फौरन कहा-

"बात ये है ना बेबी कि तुम जितनी प्यारी हो।

उतनी ही नाजुक भी।

इसीलिए मैं नहीं चाहता कि मैं तुम्हारे साथ कुछ ऐसा वैसा करूं जो तुम्हें नापसंद हो अब समझी तुम?"

निदा मेरी बात सुनकर हल्का सा मुश्कुरा उठी और बोली-

"अच्छा जी, तुम तो कह रहे थे कि मुझ पे नजर नहीं रखते,

लेकिन अब कुछ और बोल रहे हो..."मैं- हाँ बाबा नहीं रखता नजर, जाओ जो करना है कर लो।

निदा- भाई एक बात पूछू आपसे?

मैं- हाँ पूछो क्या पूछना है?
 
Expert Member
8,315
11,902
143
निदा- भाई आपने कभी सोचा है कि बाजी को इस तरह इस्तेमाल करने के बाद उनका भविष्य क्या होगा?

क्या उनकी शादी हो पाएगी कभी?

मैं- "मेरी जान सब होगा और फरी बाजी की शादी भी होगी और उन्हें कोई परेशानी भी नहीं होगी।

क्योंकी बाजी की शादी मैं अपने दोस्त काशी से करवा दूंगा।

एक तो ये कि काशी ही वो पहला इंसान है,

जिसने बाजी के साथ किया था पहली बार, और दूसरा वो भी अपनी बहन के साथ करता है,

इसलिए वो मुझे मना नहीं करेगा और ना ही बाजी के साथ कोई पंगा करेगानिदा-

अच्छा जी तो क्या आपने भी उसकी बहन के साथ किया है

मैं- क्यों बाजी ने तुम्हें नहीं बताया?

निदा- बाजी ने तो और भी बहुत कुछ बताया है।

लेकिन आप ये जो आजकल मेरे पीछे पड़े हुये हो उसका क्या?

मैं- सोच रहा हूँ लेकिन सोचने से भला क्या होता है?

जब तक सामने से कोई रेस्पोन्स ना मिले।

निदा- "मिलेगा भी नहीं मुँह धो रखो अपना..."

और हेहेहेहे करती उठकर भाग गई।

निदा के जाने के बाद में सोच में पड़ गया कि अब इसका करूं भी तो क्या करूं?

क्योंकी निदा की बातों से साफ लग रहा था कि वो तैयार है,

लेकिन इस बात से डरती है कि बाद में शादी के वक़्त अगर उसके शौहर ने उसे कुँवारी ना पाकर तलाक दे दी तो वो कहीं मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहेगी।

अम्मी और फरी बाजी भी आ गये तो मैंने अंकल को काल की और बोला-

क्या प्रोग्राम है अंकल जी आज का?

अंकल ने कहा- "यार अभी आ जाओ मैंने कौन सा मना करना है?"

मैं भी हँस दिया और बोला- "अंकल ये तो बताओ कि इरम कब आ रही है?"

अंकल ने कहा- "हाँ यार, ये अच्छा किया तुमने याद दिला दिया।
 
Expert Member
8,315
11,902
143
अभी इरम भी आ रही एक घंटे तक उसे भी लेने जाना है..."

मैंने कहा- "चलो ये भी अच्छा ही है।

वैसे अब इम के आने के बाद क्या प्रोग्राम है?"

अंकल ने कहा- "यार अभी तुम उसे जानते नहीं हो। बस आते ही उसने बोलना है कि पापा जल्दी से घुसा दो।

फिर सुनूंगी.."मैंने कहा- "तो फिर आज का प्रोग्राम क्या होगा?"

अंकल ने कहा- "यार जब इरम को लेकर आऊँगा तो तुम्हें बता दूंगा, तुम आ जाना 15 मिनट रुक के।

और फिर जब आओगे तो दरवाजा खुला मिलेगा। उसे लाक करके मेरे रूम में आ जाना।

बाकी मैं देख लूंगा, और हाँ अपनी अम्मी को मना कर देना आज के लिए...

"मैंने ओके कहा और काल कट कर दी,

और खुश हो गया।

क्योंकी आज एक और फुद्दी मिलने वाली थी,

वो भी अंकल की जवान बेटी की।

मैंने अम्मी को रूम में बुलाया और अंकल के साथ हुई बात बताई तो अम्मी ने मेरे गाल पे चुटकी काटते हुये कहा-

"चल ठीक है, आज अपने अंकल सफदर के साथ मिलकर उसकी बेटी का मजा भी ले लो,

बड़ी गरम लड़की है।

जरा खयाल से कहीं मेरा बेटा ही ना छीन ले मुझसे..."

मैं अम्मी की बात सुनकर मुश्कुरा दिया और बोला-

"नहीं अम्मी, ऐसा कुछ नहीं होगा।

आपका बेटा जहाँ मर्जी मुँह मारता रहे,

आएगा तो आपके पास ही ना... कब तक बाहर मुँह मारूंगा?

आखिरकार, घर का खाना खींच ही लाता है...

अम्मी भी हँस दी और बोली- "हाँ जानती हूँ कि तू मेरे लिए आए या ना आए?

अपनी बड़ी बहन फरी के लिए तो जरूर आएगा।

वैसे सन्नी बेटा एक बात पूछू तुमसे, बुरा तो नहीं मानोगे मेरी बात का?"
 
Expert Member
8,315
11,902
143
मैं- क्यों अम्मीजान ऐसी भला कौन सी बात अब रह गई है कि आप मुझसे पूछो और मैं बुरा मान जाऊँ?

अम्मी- बेटा वो मैं ये पूछना चाह रही थी कि जब निदा को तुम और फरी सब बता ही चुके हो तो क्या कभी तुम्हारे दिल में खयाल नहीं आया कि अपनी अम्मी या बड़ी बहन की तरह उसके साथ भी करो?

मैं- अम्मी सच्ची बात तो ये है कि मेरा दिल तो बहत करता है।

लेकिन मैं कुछ भी उसकी मर्जी के बिना नहीं करना चाहता कि जिससे निदा का मेरे ऊपर बना विस्वास खतम हो जाए।

अम्मी- अच्छा जी, तो मेरा शेर अब घर में बची हुई आखिरी कली को भी फूल बना लेना चाहता है?

मैं- अम्मी अगर आपको अच्छा नहीं लगा तो बता दो?

मैं कभी निदा की तरफ ऐसी निगाह से देखूगा भी नहीं।

लेकिन साथ ही आपको ये गुरंटी भी देना होगी कि निदा घर में ये सब कुछ होता देखकर कहीं बाहर जाकर अपनी आग नहीं बुझाएगी तो मेरा भी आप से वादा है कि मैं उसकी तरफ कभी बुरी नजर से देखना तो बाद की बात है सोचूंगा भी नहीं।

अम्मी- नहीं बेटा, असल बात ये है कि मैं चाहती हूँ कि जब निदा सब देख रही है लेकिन नाराज होने की बजाये हमें खुली इजाजत दे रही है कि हम जो चाहें कर सकते हैं,

तो क्यों ना उसे भी कली से फूल बना दिया जाए?

बेचारी कब तक अपनी आग में जलती रहेगी?

वैसे भी इस तरह हमारा सारा डर जो कि निदा की तरफ से बना हुआ है,

खतम हो जाएगा।

अभी मैंने अम्मी को कोई जवाब भी नहीं दिया था कि मेरे मोबाइल की एस.एम.एस. टोन बज उठी।

मैंने देखा तो सफदर अंकल का एस.एम.एस. था जो कि मुझे 5 मिनट तक आने को बोल रहे थे।

मैंने अम्मी को एस.एम.एस. दिखाया।

तो अम्मी हँसते हुये बोली- "चल जा मजे कर।

लेकिन जो मैंने कहा है सोचना जरूर?"

मैंने ओके कहा और घर से निकलकर सफदर अंकल के घर की तरफ चल दिया।

अंकल ने वादे के मुताबिक बाहर का दरवाजा लाक नहीं किया था,
 

Top