मुझे रूम में इन होता देखकर सफदर अंकल ने कहा-
"क्या बात है सन्नी बेटा, किसी ने कुछ कहा था तुमसे जो ऐसे नाराज होकर घर से निकल गये थे?"
मैं हँस दिया और बोला- "आपसे किसने बोल दिया अंकल कि मैं किसी से नाराज होकर गया था कहीं?
बस जरा दिल चाह रहा था घूमने को तो निकल गया।
बस मोबाइल घर भूल गया था जाते हुये.मेरी बात सुनकर अम्मी ने जरा गुस्से से मुझे देखा और बोली-
"तुम्हें कुछ पता भी है कि यहाँ हमारा क्या हाल हो रहा था तुम्हारी इस हरकत से? कुछ शर्म होनी चाहिए खुद को ही..."
मैं आगे बढ़ा और अम्मी के पैरों में बैठकर अपना सिर उनकी गोदी में रख दिया और बोला-
"सोरी अम्मी, मैंने जान के ऐसा कुछ नहीं किया था।
बस अंजाने में हो गया।
आइन्दा से खयाल रखूगा कि ऐसा कुछ ना हो..."
अम्मी ने मुझे नीचे से उठाकर अपने साथ बिठा लिया और अपनी तरफ झुकाकर मेरा माथा चूम लिया और बोली-
"सन्नी एक तुम ही तो हम माँ बेटियों का सहारा हो, मत तंग किया करो ऐसे..."
अम्मी की आँखों में आँसू आ चुके थे जिन्हें मैंने साफ किया और अम्मी को अपने साथ लिपटा के फिर से माफी माँगी और उसके बाद अंकल और मैं अम्मी को हँसाने में लग गये।
इस तरह हम रात 10:00 बजे तक हँसी मजाक करते रहे,
और 10:00 बजे अंकल ने अम्मी से कहा-
"जाओ देखकर आओ जरा, दोनों सो गई हैं क्या?
अम्मी धीरे से उठी और बाथरूम की तरफ से मेरी बहनों के रूम में झाँकने चली गई।
मैंने अंकल से कहा- अंकल एक बात तो बताओ?अंकल ने मेरी तरफ देखकर कहा-
हाँ पूछो क्या बात है?मैंने कहा- अंकल क्या अम्मी ने कभी एक साथ दो का मजा लिया है?
तो अंकल हँस दिए और बोले-
"सन्नी तुम्हारी अम्मी तीन का एक साथ मजा ले चुकी है और वो भी कई बार।
घबराओ नहीं फरी की तरह रोएगी नहीं सलमा बेगम..."
"क्या बात है सन्नी बेटा, किसी ने कुछ कहा था तुमसे जो ऐसे नाराज होकर घर से निकल गये थे?"
मैं हँस दिया और बोला- "आपसे किसने बोल दिया अंकल कि मैं किसी से नाराज होकर गया था कहीं?
बस जरा दिल चाह रहा था घूमने को तो निकल गया।
बस मोबाइल घर भूल गया था जाते हुये.मेरी बात सुनकर अम्मी ने जरा गुस्से से मुझे देखा और बोली-
"तुम्हें कुछ पता भी है कि यहाँ हमारा क्या हाल हो रहा था तुम्हारी इस हरकत से? कुछ शर्म होनी चाहिए खुद को ही..."
मैं आगे बढ़ा और अम्मी के पैरों में बैठकर अपना सिर उनकी गोदी में रख दिया और बोला-
"सोरी अम्मी, मैंने जान के ऐसा कुछ नहीं किया था।
बस अंजाने में हो गया।
आइन्दा से खयाल रखूगा कि ऐसा कुछ ना हो..."
अम्मी ने मुझे नीचे से उठाकर अपने साथ बिठा लिया और अपनी तरफ झुकाकर मेरा माथा चूम लिया और बोली-
"सन्नी एक तुम ही तो हम माँ बेटियों का सहारा हो, मत तंग किया करो ऐसे..."
अम्मी की आँखों में आँसू आ चुके थे जिन्हें मैंने साफ किया और अम्मी को अपने साथ लिपटा के फिर से माफी माँगी और उसके बाद अंकल और मैं अम्मी को हँसाने में लग गये।
इस तरह हम रात 10:00 बजे तक हँसी मजाक करते रहे,
और 10:00 बजे अंकल ने अम्मी से कहा-
"जाओ देखकर आओ जरा, दोनों सो गई हैं क्या?
अम्मी धीरे से उठी और बाथरूम की तरफ से मेरी बहनों के रूम में झाँकने चली गई।
मैंने अंकल से कहा- अंकल एक बात तो बताओ?अंकल ने मेरी तरफ देखकर कहा-
हाँ पूछो क्या बात है?मैंने कहा- अंकल क्या अम्मी ने कभी एक साथ दो का मजा लिया है?
तो अंकल हँस दिए और बोले-
"सन्नी तुम्हारी अम्मी तीन का एक साथ मजा ले चुकी है और वो भी कई बार।
घबराओ नहीं फरी की तरह रोएगी नहीं सलमा बेगम..."