Incest anjane mein kya kar diya maine

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तो अम्मी साइड से एक कपड़ा उठाकर अपनी फुद्दी को साफ करके उठी और अपने कपड़े लेकर बाथरूम की तरफ चल दी।

अंकल ने कहा- "क्या हुआ सलमा बेगम, कहाँ चल दी?"

तो अम्मी ने कहा- "बाथरूम जा रही हूँ जरा साफ सफाई भी तो करनी है ना?"

अम्मी की बात सुनकर अंकल ने कहा-

"क्यों यार क्या और इरादा नहीं है तुम्हारा?"अम्मी ने कहा-

"नहीं जनाब अब जो भी करना है कल दिन में करेंगे,

वो भी तुम्हारे मकान पे यहाँ नहीं..

"अंकल- यार सलमा, क्यों मजा खराब कर रही हो?

तुम्हें पता है ना मुझे कितनी उलझन होती है इस तरह?

अम्मी- जी पता है, लेकिन आप शायद भूल रहे हैं कि साथ वाले रूम में फरी और निदा भी सो रही हैंअम्मी की बात सुनकर अंकल ने कहा-

तो क्या हुआ यार? उनको क्या पता यहाँ क्या चल रहा है?

और फिर सन्नी भी तो है ना यहाँ और फरी भी सब जानती है तो क्यों हम बेचारों को सूली पे लटका रही हो तुम?

अम्मी- देखो सफदर, माना कि फरी को सब पता है।

लेकिन निदा तो अभी बच्ची है,

वो ये सब नहीं जानती और मैं नहीं चाहूंगी कि उसे कुछ पता चले।

समझे आप? इसलिए अब जो करना होगा तुम दोनों कल कर लेना।

मैं अंकल का हाथ दबाते हुये अम्मी से बोला-

"ठीक है अम्मी कोई बात नहीं, आप जाओ और चेंज करो बाकी कल देखा जाएगा..."

अम्मी के जाने के बाद मैंने अंकल से कहा-

"क्या आप मेरी अम्मी से शादी करोगे?"तो अंकल ने हैरानी से कहा-

"क्या मतलब है तुम्हारा? जरा खुल के बताओ?"

मैंने अंकल को अपना सारा प्लान बता दिया जो कि मैं दिन भर सोचता रहा था।
 
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तो अंकल मेरा प्लान सुनकर बोले- "यार हो तो तुम भी पक्के हरामी,

लेकिन तुम्हारी अम्मी किस तरह मानेगी शादी के लिए..."

मैंने कहा- "अंकल ये आप का सिरदर्द है। लेकिन अगर मेरी जरूरत पड़ी तो मैं और बाजी फरी भी आप का पूरा साथ दें..."

तब अंकल ने हाँ में सिर हिला दिया और सोच में गुम हो गये।

तभी अम्मी भी बाथरूम में से आ गई और आते ही बेड पे सोने को लेट गई।

मैं और सफदर अंकल अम्मी के दोनों तरफ नंगे ही लेटे अपनी-अपनी सोचों में गुम थे कि पता ही नहीं चला कि कब नींद आई और मैं सो गया।

मेरी आँख खुली तो अम्मी मुझे जगा रही थी।

मैं झट से उठा और अम्मी की तरफ देखकर बोला-

"जी अम्मी क्या बात है?"अम्मी ने कहा- "7:00 बज चुके हैं और निदा नहाकर किचेन में चली गई है।

कहीं वो यहाँ इस रूम में हमें उठाने ना आ जाए,

इसलिए जल्दी से उठो और कपड़े पहनो नहाकर।

कब तक नंगे ही पड़े रहोगे?"

मैं झट से उठा और देखा तो अंकल कहीं नजर नहीं आए।

तो अम्मी ने कहा सफदर चला गया है अपने मकान पे।

तुम नहा लो।अब तो मैं झट से कपड़े लेकर बाथरूम में चला गया और नहाकर फरी बाजी वाले रूम में घुस गया जहाँ बाजी अपने ऊपर कम्बल लिए सो रही थी।

मैं आगे बढ़ा और बाजी के ऊपर से हल्का सा कम्बल पकड़कर नीचे को।

सरकाया तो बाजी की आँख खुल गई।

लेकिन मेरी ये देखकर आँखें खुली की खुली रह गईं कि बाजी की चूचियां बिल्कुल नंगी थीं।

बाजी ने मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुश्कुरा के अपनी आँखें बंद कर ली।

कुछ देर तक मैं ऐसे ही खड़ा रहा और बाजी को देखता रहा और फिर एक झटके से बाजी का कम्बल उतार दिया तो मुझे भी झटका लगा,

क्योंकी बाजी कम्बल के नीचे बिल्कुल नंगी नजर आ रही थी।
 
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मैंने एक हाथ से बाजी की रानों को जरा सा खोला तो बाजी बुरी तरह शर्मा गई और अपना चेहरा मेरी तरफ से घुमा लिया और अपना एक हाथ चेहरे पे रखकर मुझसे मुँह छुपाने लगी।

अभी मैं बाजी को इस हाल में देख ही रहा था और अपने खड़े हो जाने वाले लण्ड को सहला ही रहा था कि रूम का दरवाजा खुला और अम्मी रूम में आ गई और बाजी को इस हाल में देखकर और मुझे बाजी के पास खड़े।

अपना लण्ड सहलाता देखकर अम्मी को थोड़ा गुस्सा सा आ गया और वो जरा गुस्से से बोली-

"कुछ शर्म लिहाज भी है तुम लोगों को या नहीं?

"दरवाजा खुलने और अम्मी को इस तरह अंदर आते देखकर बाजी ने एक झटके से कम्बल को फिर से अपने ऊपर खींच लिया सिर से ऊपर तक।

तब अम्मी बोली- "चलो अब ये ड्रामा बंद करो शर्माने का, और जल्दी से नहाकर कपड़े पहन लो..."

अम्मी इतना बोलकर रूम से निकल गई।

बाजी ने सिर से कम्बल हटाकर देखा और फिर उठते हये बोली-

"भाई देख तो लेते कि दरवाजा भी बंद है या नहीं?" और बाथरूम की तरफ चल दी।

बाथरूम में बाजी के जाते ही मैं भी पीछे ही गया और बोला- "बाजी क्या खयाल है एक साथ ही न नहा लें?"

बाजी ने कहा- पागल, चल निकल यहाँ से अम्मी पहले ही गुस्सा हैं।



मैंने बाजी के पास जाकर उन्हें एक किस किया और बाथरूम में से निकल आया और बेड पे लेट गया,

जहाँ अब से कुछ देर पहले बाजी नंगी सोई हुई थी।

ये खयाल आते ही मुझे अचानक खयाल आया कि कहीं बाजी और।

निदा दोनों ही तो रात को कुछ करती नहीं रही हैं?

ये खयाल आते ही मेरा लण्ड फिर से हाई होने लगा कि हो सकता है रात बाजी ने निदा के साथ मस्ती की हो।



कुछ देर मैं अपने इस खयाल में मगन रहा और लण्ड हिला-हिला के मजा लेता रहा,

और फिर उठकर बाथरूम की तरफ चल दिया,

जहाँ से अब पानी गिरने की आवाज बंद हो चुकी थी।

जैसे ही मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला तो बाजी उस वक़्त नहा चुकी थी और ब्रा पहन चुकी थी।
 
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मुझे फिर से दरवाजा पे खड़ा देखकर बाजी ने कहा-

"क्यों कामीने, अब क्या और बेइज्जती करवानी है मेरी तुमने अम्मी से?"

और इतना बोलते हुये कमीज पहनकर बोली-

"भाई अभी अम्मी पूरी तरह दिल से हमारा साथ देने को तैयार नहीं हुई हैं, जरा सबर से काम लो समझे?"



बाजी को इस तरह भीगे बदन गीले बालों में कपड़े पहने मेरे सामने देखना कोई आसान काम नहीं था।

दिल तो चाह रहा था कि बाजी को फिर से नंगा करके लण्ड घुसा दूं लेकिन मैं ऐसा कर नहीं सकता था इसीलिए ठंडी 'आअह भरकर रह गया।



मैं वहाँ से पलटा और बाहर आकर बैठ गया और जोर से अम्मी को आवाज दी और बोला-

"अम्मी नाश्ता कितनी देर में मिलेगा?



तब अम्मी की जगह निदा बोली-

"भाई पहले आप बाजी से इजाजत तो ले लो कि वो आपको नाश्ता देना भी चाहती हैं या नहीं?"

और साथ ही हेहेहेहे करने लगी।





मैं थोड़ा हैरान हुआ कि अम्मी की मौजोदगी में ये किस तरह शोख हो रही है? और बोला- निदा अम्मी कहाँ हैं?



निदा ने कहा- "वो जरा करीब की दुकान तक गई हैं अंडे खतम हो गये थे..."



ये जानते ही की अम्मी घर पे नहीं हैं,

मैं झट से बोला- "वैसे यार निदा, बाजी की छोड़ो वो तो मुझ गरीब को नाश्ता दे ही देती हैं।

लेकिन तुम बताओ कि दोगी या नहीं?"
 

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