Incest anjane mein kya kar diya maine

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और साथ ही पूरी जान से अपने लण्ड को मेरी बड़ी बहन की फुद्दी में घुसा दिया।

लण्ड घुसते ही बाजी की आँखें बंद हो गईं और उनके मुँह से-

"आअहह... अंकल मुझे अपनी रंडी बनाकर चोदो ऊओह...

मेरी जान्न् पूरा घुसा डालो मेरे अंदर प्लीज़...

अंकल जरा भी रहम नहीं करना मुझ पे आअह्ह...

फाड़ डालो आज मेरी फुद्दी को उम्म्मह..."

की आवाज करने लगी।

बाजी के मुँह से निकलने वाली आवाजें सुनकर अंकल भी जोश में आ गये और अपना लण्ड पूरा बाहर निकाल कर अपने पूरे जिश्म की ताकत से बाजी की फुद्दी में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगे और साथ ही-

"हाँन् । साली कुतिया, आज मैं तेरी फुद्दी को फाड़ डालूंगा...

साली तेरी माँ भी इतनी ही बड़ी गश्ती है ऊऊह्ह...

सन्नी मैं तेरी बहन को कुतिया बना डालूंगा साली को आआहह... ऊऊहह..."

की आवाज के साथ चुदाई करने लगे।

अंकल के इन झटकों ने मेरी बहन को भी पागल बना दिया था और वो भी नीचे से अपनी गाण्ड अंकल के हर झटके के साथ उछालकर उनका साथ देती और साथ ही उसके मुँह से गालियों का तूफान उमड़ रहा था और वो आआहह... हरामी फाड़ डाल मेरी फुद्दी को हरामजादे,

कंजरम मुझे भी कंजरी बनाकर चोद ऊऊहह बेटीचोद भड़वे मुझे भी मेरी माँ की तरह ठंडा कर हाँन्...

और तेज और तेज करो.."

की तेज आवाज के साथ अंकल से चिपकी जा रही थी।

कुछ देर की चुदाई के बाद फरी के जिश्म ने एक जोर का झटका लिया और वो बड़ी निढाल सी हो गई तो अंकल ने भी अपना लण्ड मेरी बहन की फुद्दी से निकाल लिया और खुद बेड पे लेट गये और फरी को अपने ।

लण्ड पे बिठा लिया।

फिर मेरी तरफ देखकर बोले-

"चल मेरे शेर, आ जा तू भी अपनी बहन की गाण्ड में घुसा दे अपना ये लण्ड..."

अंकल की बात सुनकर फरी तड़प उठी और बोली-
 
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"नहीं प्लीज़... ये नहीं करना..."अंकल ने कहा- "मेरी जान रंडी बनने चली हो और गाण्ड मरवाने से डरती हो?"

बाजी ने कहा- "नहीं अंकल, ये मैंने कभी किया नहीं है..."

अंकल ने कहा- "चलो कोई बात नहीं, आज कर लो। बस हल्का सा दर्द होगा और फिर मजा ही मजा है..."

और मेरी तरफ देखकर बोले-

"चलो सन्नी वो सामने से तेल ले आओ, और बड़े आराम से करना..."

मैं झट से उठा और साइड टेबल से तेल ले आया और अपनी बहन के पीछे आकर बाजी को अंकल के ऊपर लिटा दिया और बाजी की गाण्ड पे अच्छी तरह तेल लगाकर और अपना लण्ड भी तेल से भरकर बाजी की गाण्ड पे अपना लण्ड सेट किया,

तब अंकल बाजी को अच्छी तरह हग कर लिया और मुझे इशारा किया कि एक ही झटके से घुसा दो,

और खुद बाजी को किस करने लगे।

अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुये अपने हाथों से बाजी की गाण्ड को पकड़कर अपना लण्ड सेट किया और तेज झटका मारा,

जिससे मेरा आधा लण्ड अपनी बड़ी बहन की गाण्ड में जा घुसा।

झटका लगते ही बाजी का जिस्म जोर से हिला।

लेकिन अंकल ने पकड़े रखा और बाजी को हिलने नहीं दिया।

बाजी के होंठ जो कि अंकल के हाथों से बंद थे जिससे कुछ ज्यादा आवाज भी नहीं निकली।

बस 'गॅन्-गॅन्-हँन्' की आवाज ही निकल रही थी।

मैंने अपना लण्ड हल्का सा निकालकर फिर से पूरी जान का झटका लगाया तो मेरा पूरा लण्ड अपनी बड़ी बहन की गाण्ड में जड़ तक जा घुसा,

जिससे बाजी का जिम बड़े जोर से तड़पा।

लेकिन अंकल पहले ही से तैयार थे उन्होंने बाजी को जरा भी ना हिलने दिया।

मैं भी अपने लण्ड को ऐसे ही बाजी की गरम गाण्ड में घुसाए उनके ऊपर लेट गया और पीछे से उनकी गर्दन पे अपनी जुबान घुमाने लगा,

और बाजी की चूचियों के निपलों को भी साइड से निकालकर मसलने लगा।

अंकल ने थोड़ी ही देर में बाजी के होंठों को आजाद छोड़ दिया तो उनकी रोती हुई आवाज निकली-
 
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"प्लीज़... सन्नी मेरे भाई बाहर निकालोओ ऊऊहह... मेरी माँ.. मैं मर गई सन्नी प्लीज़...

बाहर निकालो मेरी गाण्ड फट गई है,

बहुत दर्द हो रहा है...

"मैं बाजी की बात समझ रहा था कि बाजी को सच में कितनी दर्द हो रही होगी,

क्योंकी एक तो बाजी का फर्स्ट टाइम था गाण्ड में और ऊपर से बाजी की फुद्दी में भी अंकल का लण्ड घुसा हुआ था। मैं बाजी के ऊपर ऐसे ही खामोशी से लेटा रहा और गर्दन पे जुबान घुमाता रहा और चूचियों को मसलता रहा,

तो 3 मिनट बाद बाजी का रोना और मिन्नतें करना बंद हो गया।

तब मैंने भी अपने लण्ड को धीरे से पीछे खींचा और फिर से पुश किया।

तब बाजी के मुँह से-

"आअह्ह... मादरचोद हरामी क्या करता है?

दर्द हो रहा है आग लगी हुई है मेरी गाण्ड में..."

बाजी की गाण्ड बहुत ज्यादा टाइट और गरम थी,

जिसकी वजह से मुझे इतना मजा आ रहा था कि बस बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

मैं कुछ देर तक बाजी को आराम-आराम से गाण्ड में चोदता रहा,

तो बाजी की गलियां भी धीरेधीरे थम गईं।

तब नीचे से अंकल ने भी अपना लण्ड हिलाना शुरू कर दिया,

जिससे मुझे इतना ज्यादा मजा आना शुरू हो गया कि बयान से बाहर था।

क्योंकी एक तो बाजी की गाण्ड टाइट थी, ऊपर से बाजी की फुद्दी में भी जब अंकल का लण्ड मूव करता तो दुहरा मजा आता,

क्योंकी हमारे लण्ड ऐसा लगता था कि आपस में रगड़ खा रहे हों।

हमारी इस हरकत से बाजी रोने लगी और साथ ही बोली-

"भाईई प्लीज़... बाहर निकल लो बहुत दर्द हो रहा है। साथ में जलन भी हो रही है...

अंकल प्लीज़...

भाई को मना करोऽs आआह्ह...
 
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अम्मी जीई बचा लोओ ऊऊह्ह...

भाई मैं मर जाऊँगी हाईई भाईई मत करो प्लीज़..

आआईईई हरामियों मैं मर जाऊँगी..."

की आवाज करने लगी और रोने लगी।

लेकिन बाजी के इस तरह रोने और गिड़गिड़ाने से मुझे और भी मजा आ रहा था।

लगभग इस तरह मैंने और अंकल ने मेरी बहन को कोई 15 मिनट तक चोदा होगा कि अंकल के लण्ड ने पानी निकाल दिया जिससे अंकलका लण्ड नरम होकर बाहर निकल गया।

तब मेरा लण्ड जरा आसानी और आराम से फरी बाजी की गाण्ड में अंदर-बाहर होने लगा,

तो बाजी के मुँह से भी-

"आआईयईई सन्नी प्लीज़्ज़..

अब फुद्दी में डाल लो, बहुत जलन हो रही है ऊऊहह...

मेरा भाई प्लीज़... अब बस करो..."

और इसके साथ ही जैसे ही मेरा लण्ड फरी की गाण्ड में घुसता,

फरी अपनी गाण्ड को थोड़ा टाइट कर लेती और ज्यों ही बाहर को खींचता तो ढीली कर देती।

जिससे मैं पागल हो गया और तेज झटके मारने लगा।

फरी फिर से रोने लगी,

लेकिन अब मैं कुछ नहीं सुन रहा था बस लगातार दो-तीन मिनट तक झटका मारने के बाद बाजी की ही गाण्ड में फारिघ हो गया,

और फिर अपना लण्ड निकालकर देखा तो बाजी की गाण्ड पे बाजी की पोटी और खून भी लगा हुआ था,

जिसे मैंने कपड़े से साफ किया और साइड में लेट गया।

थोड़ी देर तक हम तीनों ऐसे ही पड़े रहे।

फिर अंकल उठे और नंगे ही बाथरूम में जा घुसे।

उनके जाते ही बाजी फरी ने मेरी तरफ गुस्सा भरी नजरों से देखा और बोली-

"भाई ये क्या हो गया था तुम्हें?

आज पागल तो नहीं हो गये थे तुम?

अगर मुझे कुछ हो जाता तो?"

बाजी की बात खतम होते ही मैंने बाजी के होंठों को चूमा और बोला-

"अरे नहीं बाजी मैं जानता हूँ कि आप मेरी बड़ी बहन हो और आपको इतनी जल्दी कुछ नहीं हो सकता,

और बाकी आज का दिन गुजर जाने दें फिर बताना के इसमें मजा आया है या नहीं?
 
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क्योंकी अभी तो आपको दर्द होगा...

"मेरी बात ने बाजी को और भी गुस्सा दिला दिया,

जिससे उनका चेहरा लाल हो गया और वो मुझे खा जाने वाली नजरों से घूरने लगी,

लेकिन बोली कुछ नहीं।

मैं भी खामोश पड़ा रहा और अंकल के बाथरूम से निकलने का इंतेजार करता रहा,

और जैसे ही अंकल बाहर निकले मैंने बाजी से कहा-

"आप पहले बाथरूम हो आओ..."बाजी ने कहा- "कमीने इंसान, क्या तुम अब भी समझते हो कि में खुद से बाथरूम जा पाऊँगी?"

अंकल बाजी की बात सुनकर हँस दिए और बोले-

"यार सन्नी, कुछ तो दिमाग से भी काम लिया करो।

जो कुछ तुमने किया है अपनी इस बेचारी बहन के साथ,

अब इसे सहारा देकर बाथरूम खुद ले जाओ इससे अकेले नहीं जाया जाएगा...

"अंकल की बात से मुझे एहसास हुआ कि मैंने सच में बाजी के साथ कुछ ज्यादा ही ज्यादती कर डाली है।

ये सोच आते ही मैं उठा और फरी बाजी को सहारा देकर बेड से उतारा और अपने साथ बाथरूम की तरफ ले गया। लेकिन बाजी से ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था।

बाजी को मैं बड़ी मुश्किल से बाथरूम में ले गया,

जहाँ बाजी को मैंने पेशाब करवाया,

उसके बाद शावर के नीचे खड़ा कर दिया और खुद ही अच्छी तरह साबुन लगाकर बाजी का पूरा जिम साफ किया और उसके बाद खुद को भी साफ करके बाजी को रूम में वापिस ले आया।

हमारे रूम में वापिस आने तक अंकल ने बेडशीट चेंज कर डाली थी और खुद भी एक पाजामा पहन लिया था।

मैंने बाजी को बेड पे बिठा दिया लेकिन उन्हें गाण्ड में काफी जलन हो रही थी,

तो वो लेट गई।

मैंने बाजी के कपड़े उठाकर उनके पास ले आया और बोला-

"चलो बाजी कपड़े पहन लो..."बाजी ने कहा- "नहीं भाई, अभी मुझमें इतनी हिम्मत नहीं है।

अभी रहने दे बाद में पहन लँगी...
 
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" तो मैंने भी जिद नहीं की क्योंकी अब हमारे बीच बचा ही क्या था छुपाने लायक?

बाजी के कपड़े वहीं बेड पे रखकर मैंने अपनी पैंट उठाकर पहन ली और वहीं करीब एक चेयर पे बैठ गया।

बाजी को कोई दो घंटे आराम के बाद थोड़ा आराम मिला, तो बाजी ने उठकर कपड़े पहन लिए और तैयार हो गई।

मैं भी तैयार होकर अंकल से बोला-

"ठीक है अंकल, अब हम चलते हैं..."

और उनके घर से निकल आए।

लेकिन बाजी से अब भी ठीक से नहीं चला जा रहा था।

हम दोनों जब घर पहुँचे तो देखा कि अम्मी और निदा आ चुकी हैं और बैठी टीवी देख रही हैं।

अम्मी ने हमें घर में आते हुये बड़े ही गौर से देखा,

लेकिन बोली कुछ नहीं।

मैं फरी बाजी को जल्दी से उनके रूम में ले गया और बेड पे लिटा दिया।

तभी अम्मी भी हमारे पीछे ही रूम में आ गई और बोली-

"सन्नी जरा मेरे रूम में आओ..."

और इतना बोलते हुये अम्मी रूम से निकल गई।

अम्मी की इस बात से मैं थोड़ा परेशान हो गया था,

क्योंकी अम्मी की आवाज में गुस्सा साफ महसोस हो रहा था।

अम्मी के जाते ही मैंने बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने मुझे आँख के इशारे से ही पुरसकून रहने की हिदायत की और जाने को कहा,

तो मैं अम्मी के रूम की तरफ चल दिया।

मैं रूम में से निकला और अम्मी के रूम के बाहर खड़ा हो गया,

क्योंकी अंदर से मुझे निदा की आवाज सुनाई दे रही थी,

जिसपे मुझे थोड़ी परेशानी भी हुई कि आखिर ऐसी क्या बात है जो निदा की मौजूदगी में तो अम्मी कर सकती हैं, लेकिन फरी बाजी के सामने उनसे बात नहीं हो पा रही?

खैर में रूम में इन हुआ तो अम्मी ने मुझे देखकर निदा से कहा-

"तुम अपनी बड़ी बहन के पास जाओ मैंने सन्नी से कुछ बात करना है..."

निदा खामोशी से उठी और रूम से निकल गई।

तब अम्मी ने कहा- "दरवाजा बंद करके यहाँ आ जाओ..."मैंने ऐसे ही किया और अम्मी के पास चला गया।
 
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अम्मी उस वक़्त बेड के करीब ही खड़ी थीं और मैं भी उनके पास ही जाकर खड़ा हो गया,

तो अम्मी कुछ देर तक मुझे घूरती रही तो मैंने भी बिना डरे अम्मी की आँखों में झाँकना शुरू कर दिया,

जिससे अम्मी को गुस्साआ गया और अम्मी ने अचानक ही मुझे जोर का थप्पड़ जड़ दिया।

मुझे अम्मी की तरफ से कोई इस तरह के रिएक्सन की उम्मीद नहीं थी क्योंकी मुझे अभी पता भी नहीं था कि अम्मी आखिर किस बात पे गुस्सा हैं,

और ऊपर से ये थप्पड़?

मेरी तो गाण्ड ही फट गई थी कि तभी अम्मी।

धीरे आवाज में गुर्राते हुये बोली-

"सन्नी मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी..."मैं हकलाते हुये बोला-

"लेकिन हुआ क्या अम्मी? बात क्या है? आखिर मैंने ऐसा क्या कर दिया है?"

मैं हकलाते हुये बोला- "लेकिन हुआ क्या अम्मी? बात क्या है? आखिर मैंने ऐसा क्या कर दिया है?"

अम्मी- "अभी तुम सफदर के घर पे फरी को क्यों लेकर गये थे, बता सकते हो मुझे? तुम्हें शर्म नहीं आई?

बहन है वो तुम्हारी और तुम उसी के साथ ये सब करते हो।

कब से चल रहा है ये सब?"

अम्मी की बात सुनकर मैं समझ गया कि सफदर अंकल अम्मी को सब कुछ बता चुके हैं,

और अभी अम्मी जो गुस्से में आग उगल रही हैं उसकी वजह ही ये है, तो मैं सोच में पड़ गया कि अब क्या करूं?

किस तरह अम्मी का गुस्सा ठंडा करूं?

तभी अंकल की एक बात मुझे याद आ गई और मैं अम्मी की तरफ देखकर बोला-

"अम्मी प्लीज़... आप गुस्सा ना हों, और आराम से बैठ जाओ।

मैं आपको सब कुछ बताता हूँ.."

और अपने हाथ अम्मीके कंधों पे रखकर उन्हें बिठा दिया।

अम्मी को बेड पे बिठाकर मैं खुद उनके पैरों में बैठ गया और अम्मी की आँखों में देखते हुये बोला-

"अम्मी ये सब आपके लिए कोई नया तो नहीं, है ना?

क्या आप अंकल सफदर और उनकी बेटी इरम के साथ मिलकर सेक्स नहीं करती रही हो?

और अगर मैंने अपनी बहन के साथ सेक्स कर लिया है तो कौन सी ऐसी कयामत आ गई है दुनियां में?

और अम्मी मैं आपको अपने दोस्त से भी मिलवा सकता हूँ जो अपनी बहनों के साथ सेक्स करता है,

और भी कई होंगे दुनियां में?"अम्मी मेरी बात सुनकर बोली-
 

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