Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी(Completed)

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अब रवि ने झुक कर अपने दोनों हाथों से रिया की गांड को चौड़ी कर दिया और उसकी गांड और चूत में अपना मुंह देकर चाटने लगा. रिया ने भी अपनी टांगें पूरी फैला दीं ताकि रवि का मुंह उसकी गांड और चूत तक अच्छी तरह पहुंच सके.

रिया मजे लेकर अपने बाप का लंड चूस रही थी. रमेश भी रिया का सर अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को रिया के गले तक उतार रहा था.
उधर रवि भी रिया की चूत और गाँड चाटने में लगा हुआ था.

पूरे रूम में सेक्स की कामुक सिसकारियां गूंजने लगीं- आह्ह … उम्म … होहह … आहा … आए … याह … आह्ह ओहह् … चूत … आह्ह क्या गांड है… आह्ह सेक्सी रंडी … आह्ह चूस ले साली रंडी … उम्म आह्ह।

रवि- यार बहुत टेस्टी रंडी है ये तो। एक बार इसकी चूत और गांड का रस चख कर तो देख, मजा आ जायेगा.
रमेश- हां होगी क्यों नहीं!
रवि- हां पता है, तू तो यही बोलेगा कि नाम तेरी बेटी वाला ही है. टेस्टी तो होगी ही.

रिया- चख लो सेठ, ऐसा मौका फिर मिले ना मिले।
रमेश- रंडी तू बहुत ही बड़ी रांड है। रवि तू हट वहां से, जरा मैं भी चखूँ इसका स्वाद।

रमेश रिया की गाँड के पास आ गया और रवि ने आगे आकर रिया के मुंह में अपना लंड ठूंस दिया. रमेश ने अपने हाथों से रिया की गांड को पकड़ कर खोल दिया और गौर से उसकी चूत और गांड को देखने लगा और बोला- सच में… आह्ह … क्या चूत और गांड है इसकी! बिल्कुल मक्खन लग रही है.

फिर रमेश ने झुक कर रिया की गांड और चूत में मुंह लगा दिया और मस्ती में चूसने लगा- सपड़ .. चपड़ आह .. म्मम… मस्त … चपचप… सुपड़.. सुपड़ करके वो उसकी चूत और गांड को चाट चाट कर उसका रस पीने लगा.

चाटने के बाद वो उठा और उसने ढेर सारा थूक रिया की गांड पर गिरा दिया जो उसकी गांड से बहता हुआ उसकी चूत तक जाने लगा. फिर रमेश ने रिया की गांड को उंगली से सहलाना शुरू किया. एक झटके में उसने अपनी बीच वाली उंगली रिया की गांड में पेल दी.

रिया की चीख निकल गयी- आआहह … सेठ क्या किया तुमने?
इतने में ही रवि ने रिया के बाल पकड़ कर उसके मुंह में फिर से अपना लंड ठूंस दिया.

अब रिया फिर से रवि का लंड चूसने लगी. रमेश अपनी उंगली से रिया की गांड चोदने लगा. फिर रमेश अपने घुटनों पर आ गया और उसने अपने लंड पर थूक लगा कर रिया की चूत पर अपना लंड सेट कर दिया.

रिया रवि का लंड अपने मुंह से निकाल कर पीछे देखने लगी. मुस्कराते हुए रमेश से बोली- घुसा दो सेठ, इसे अपना ही माल समझो.
ये कह कर उसने रमेश को आंख मार दी.
रमेश भी मुस्कराते हुए बोला- ह … ह … ह … साली … रंडी! बहुत पहुंची हुई चीज हो गयी है तू.

अब रिया वापस आगे मुंह करके रवि का लंड चूसने लगी. रमेश ने रिया की कमर को पकड़ लिया और एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लंड रिया की चूत में घुसा दिया.रिया के मुंह में रवि का लंड घुसा हुआ था इसलिए उसके मुंह सही तरीके से चीख भी न निकल पाई और वो ऊंहह … करके रह गयी. रवि भी रिया के सिर को पकड़ कर प्रेशर के साथ उसके मुंह में अपना लंड घुसाए हुए था. रमेश ने रिया की चूत में लंड के धक्के लगाने शुरू कर दिये थे.

अब रवि ने रिया के सिर से पकड़ ढीली कर दी और रिया सिसकारियां लेते हुए रवि का लंड चूसने लगी और चुदाई मजा लेने लगी.
थोड़ी देर चोदने के बाद रमेश ने अपना लंड रिया की चूत से निकाल लिया और रवि भी बेड पर आकर लेट गया.

रिया ने रवि के लंड पर चूत को सेट किया और बैठते हुए उसका लंड अपनी चूत में उतार लिया. उधर रमेश ने अपना लंड रिया के मुंह के आगे कर दिया. रिया ने रमेश के लंड को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया और साथ ही वो रवि के लंड पर कूदने भी लगी.

चुदते हुए गच-गच की आवाज होने लगी और उसके बाप का लंड उसके मुंह में घुसा होने की वजह से उसके मुंह से गूं-गूं के सिवा कुछ और नहीं निकल रहा था. लगातार ऐसे ही अपना लंड चुसवाने के बाद रमेश रिया के पीछे पहुंच गया.

उसने रिया को रवि के ऊपर थोड़ा और नीचे झुका दिया और अपना लंड रिया की गांड पर सेट कर दिया. रिया अब भी रवि के लंड को गांड हिलाते हुए अपनी चूत में गपागप ले रही थी.

फिर वो रुक गयी और रमेश का लंड उसकी गांड में उतरने लगा. अपने बाप का लंड पूरा उसने अपनी गांड में उतरवा लिया. रमेश ने आहिस्ता से अपना लंड रिया की गांड में चलाना शुरू कर दिया.

दम मारते हुए रिया बोली- आह्ह सेठ … तुम्हारा तो बहुत मोटा है. मेरी गांड तो फट ही जायेगी.

अब रवि और रमेश दोनों ही रिया की गांड और चूत में धक्के देने लगे.

दोनों छेद में लंड जाने की वजह से रिया भी चीख चीख कर सिसकारने लगी- आआआ … आहहहा … ओह्ह … ऊह्हह ओह यस … आहहा कमॉन… आहह सेठ … चोदो और जोर से आहह फाड़ दो मेरी चूत और गांड का छेद।

थोड़ी देर ऐसे ही जबरदस्त तरीके से चोदने के बाद दोनों ही मर्दों ने अपना लंड रिया के दोनों छेदों से निकाल लिया.
रमेश बोला- चल रवि, अब इसकी रंडी की गांड भी चोद ले तू, इसकी गांड में घुसा घुसा कर चोद साली को।

रवि ने अपना लंड रिया की गांड में पेल कर चोदना शुरू कर दिया. रमेश कुछ और ही करना चाह रहा था. उसने मौका देख कर रवि के लंड के साथ ही अपना लंड सटा लिया और रिया की गांड को पकड़ कर रवि के साथ ही अपना लंड रिया की गांड में घुसाने लगा.

रिया का दम निकलने लगा. उसने अंदाजा नहीं था कि उसकी गांड में दो दो लंड ठूंस दिये जायेंगे. वो जोर जोर से चीखने लगी लेकिन रमेश ने अब तक आधा लंड उसकी गांड में घुसाना शुरू कर दिया था.

उसकी चीखें बढ़ती देख रवि ने उसके होंठों को अपने होंठों में भींच लिया और दोनों उसकी गांड को फाड़ने लगे. थोड़ी देर तो वो छटपटाई मगर फिर रिया को भी मजा आने लगा. वह भी मस्ती में चुदने लगीकुछ देर तक उन्होंने ऐसे ही रिया रंडी की गांड चोदी और फिर दोनों बेड पर खड़े हो गये. रिया भी अपने घुटनों पर बैठ गयी. उसने अपने एक एक हाथ में रवि और रमेश का लंड ले लिया और बारी बारी से दोनों के लंड को चूसने लगी.

कुछ देर चुसवाने के बाद रमेश नीचे उतर गया और उसने रिया का हाथ पकड़ कर रिया को भी नीचे खींच लिया. उसने रिया के होंठों से अपने होंठों को जोड़ दिया और उसकी गांड को भींच भींच कर उसके होंठों को पीने लगा.

उधर रवि भी पीछे से रिया की गांड में अपना लंड रगड़ने लगा. रमेश ने ऐसे ही चूसते हुए रिया को अपनी गोद में उठा लिया और रिया भी दोनों पैरों को रमेश की कमर पर कसते हुए उसके ऊपर बंदरिया के जैसे लटक गयी.
 
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रिया की चूत अब ठीक रमेश के लंड के निशाने पर थी. रमेश ने रिया की गांड को थामे हुए अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और रिया को अपने लंड पर उछालने लगा.

उधर रवि ने भी अपना लंड रिया की गांड पर लगा कर प्रेशर बनाया और रिया की गांड में लंड को घुसा दिया. इस तरह से दोनों दोस्त मिल कर रिया की चुदाई करने लगे. रिया दोनों बुड्ढों के बीच में सैंडविच बन कर चुदने लगी.

रिया चुदाई के नशे में मदहोश होकर जोर जोर से सिसकार रही थी- आह्ह सेठ … चोदो मुझे … आह्ह मेरे दोनों छेद … आह्ह चोद दो … म्मा … अम्म … आह्ह चोदो … यस्स … आह्ह सेठ और जोर से… चोद दो.. फाड़ दो मुझे.

अचानक रवि ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और बोला- आह्ह रंडी, नीचे आ … मैं झड़ने वाला हूं. जल्दी से अपना मुंह खोल!
रवि की बात सुनकर रमेश ने रिया को उतार दिया और रिया ने घुटनों के बल बैठ कर रवि के लंड के सामने अपना मुंह खोल लिया.

रमेश ने भी रवि के पास जाकर अपना लंड रिया के मुंह की ओर कर दिया. अब दोनों मर्द अपने हाथों से अपने लंड की मुठ मारने लगे और जोर जोर से लौड़ों को रगड़ने लगे.
इतने में ही रवि चीखा- आह्हह … ओह्हह … हाहह … माय गोड … आह्हह … रंडी … चूस जा … मेरा… लौ..लौड़ा।
कहते हुए रवि ने रिया के मुंह को पिचकारियां मारते हुए अपने वीर्य से सान दिया.

रिया एक रांड की तरह सारे वीर्य को जीभ निकाल निकाल कर चाट गयी और जहां जीभ नहीं पहुंची वहां उंगली पर वीर्य पोंछ पोंछ कर चाट गयी. इतने में ही रमेश भी झड़ने लगा.

रमेश ने रिया का मुंह पकड़ा और अपना लंड उसके मुंह में जोर से घुसा दिया. लंड घुसते ही रमेश के लंड से वीर्य की धार फूट पड़ी और उसने अपनी बेटी का मुंह अपने वीर्य से भर दिया. रिया ने अपने बाप का वीर्य गटक लिया.

फिर रमेश ने रिया का मुंह अपने हाथों से भींच कर खोला और ढेर सारा थूक इकट्ठा करके उसके मुंह में थूक दिया. रिया उसका थूक भी गटक गयी और मुस्करा कर बोली- आह्ह थैंक्यू सेठ. तुम दोनों का माल बहुत टेस्टी था.

रमेश- रंडी, तू भी कुछ कम नहीं है. लगता है कि अपनी मां से भी ज्यादा मजेदार माल है तू. मजा आ गया तुझे चोद कर।
रवि- हां साली … सच में तू कड़क माल है।

रिया- मगर सेठ तुम्हारी भी बातें सच निकलीं. मुझे तुम दोनों ने चोद कर सच में मुझे मेरी माँ याद दिला दी. बहुत अच्छा लगा अपने बाप जैसे दो मर्दों से एक साथ चुद कर।

ये कहते हुए रिया ने रमेश को आंख मार दी. रमेश भी उसकी ओर देख कर मुस्करा दिया.
फिर तीनों बेड पर साथ में लेटकर एक दूसरे के अंगों के साथ खेलते हुए फिर से चुदाई में लग गए।रात के तीन बजे तक दोनों ने रिया को रंडी की तरह चोदते रहे फिर थक हारकर तीनो सो गए।सुबह जब रमेश की आंखें खुलीं तो उसने पाया कि रिया रवि के ऊपर अपनी एक टांग चढ़ा कर सो रही थी. रमेश एकटक अपनी बेटी के नंगे जिस्म को देखता रहा, फिर पास पड़े टेबल से सिगरेट उठा कर जलायी और कश लगाने लगा.

तभी रवि की भी नींद टूट गयी. उसका ध्यान भी रिया के नंगे बदन पर गया. वह रिया की गांड को सहलाने लगा.
फिर उससे अलग होकर किनारे बैठ गया और रमेश से बोला- गुड मॉर्निंग यार, तू कब से उठा हुआ है?

रमेश- बस तभी से जब तू इस रंडी के जिस्म से लिपट कर सोया हुआ था।
रवि रिया की गांड को सहलाते हुए बोला- लिपटूं क्यों ना … साली चीज़ ही ऐसी है … क्या माल है ये! मगर देखने से यह किसी ख़ानदानी परिवार की लगती है।

रवि की बात पर रमेश मुस्करा दिया.
रवि- मगर जो भी हो, रांड तो नम्बर 1 है ये। देख जरा इसकी गांड … कितनी मस्त है! जी करता है अपने दाँत गड़ा दूं इसमें।

रमेश रिया की नंगी गांड को देख कर एक हंसी के साथ बोला- तो गड़ा दे ना… रोका किसने है? पैसे किस बात के दिए हैं तूने?
रवि- हां, सही बोलता है यार!

रवि ने झुक कर रिया की गांड में अपने दाँत गड़ा दिये. रवि के दांत चूतड़ों पर लगते ही रिया चीखते हुए उठ बैठी और बोली- सेठ क्या कर रहे हो तुम?

रमेश जोर-जोर से हंसने लगा.
रवि- कुछ नहीं रांड, बस तुझे जगा रहा था।
रिया- कोई ऐसे गांड में दाँत गड़ा कर किसी को जगाता है क्या?

रिया बेड से उतर कर आगे बढ़ने लगी तो रवि ने उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया और उसे अपने लंड पर बैठा लिया. लंड पर उसकी गांड को रखवा कर वो उसकी चूत में आगे से उंगली करने लगा.

इतने में ही रवि का लंड तनाव में आ गया और उसने रिया को ऊपर उकसाते हुए उसकी चूत में लंड रगड़ना शुरू कर दिया. रिया को भी अच्छा लगने लगा. मगर वो उठ कर आगे होने लगी.

रवि ने उसको पकड़ कर फिर से पीछे खींचा और उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा. उसकी चूचियों के निप्पलों को कचोटने लगा.
 
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अब रवि ने झुक कर अपने दोनों हाथों से रिया की गांड को चौड़ी कर दिया और उसकी गांड और चूत में अपना मुंह देकर चाटने लगा. रिया ने भी अपनी टांगें पूरी फैला दीं ताकि रवि का मुंह उसकी गांड और चूत तक अच्छी तरह पहुंच सके.

रिया मजे लेकर अपने बाप का लंड चूस रही थी. रमेश भी रिया का सर अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को रिया के गले तक उतार रहा था.
उधर रवि भी रिया की चूत और गाँड चाटने में लगा हुआ था.

पूरे रूम में सेक्स की कामुक सिसकारियां गूंजने लगीं- आह्ह … उम्म … होहह … आहा … आए … याह … आह्ह ओहह् … चूत … आह्ह क्या गांड है… आह्ह सेक्सी रंडी … आह्ह चूस ले साली रंडी … उम्म आह्ह।

रवि- यार बहुत टेस्टी रंडी है ये तो। एक बार इसकी चूत और गांड का रस चख कर तो देख, मजा आ जायेगा.
रमेश- हां होगी क्यों नहीं!
रवि- हां पता है, तू तो यही बोलेगा कि नाम तेरी बेटी वाला ही है. टेस्टी तो होगी ही.

रिया- चख लो सेठ, ऐसा मौका फिर मिले ना मिले।
रमेश- रंडी तू बहुत ही बड़ी रांड है। रवि तू हट वहां से, जरा मैं भी चखूँ इसका स्वाद।

रमेश रिया की गाँड के पास आ गया और रवि ने आगे आकर रिया के मुंह में अपना लंड ठूंस दिया. रमेश ने अपने हाथों से रिया की गांड को पकड़ कर खोल दिया और गौर से उसकी चूत और गांड को देखने लगा और बोला- सच में… आह्ह … क्या चूत और गांड है इसकी! बिल्कुल मक्खन लग रही है.

फिर रमेश ने झुक कर रिया की गांड और चूत में मुंह लगा दिया और मस्ती में चूसने लगा- सपड़ .. चपड़ आह .. म्मम… मस्त … चपचप… सुपड़.. सुपड़ करके वो उसकी चूत और गांड को चाट चाट कर उसका रस पीने लगा.

चाटने के बाद वो उठा और उसने ढेर सारा थूक रिया की गांड पर गिरा दिया जो उसकी गांड से बहता हुआ उसकी चूत तक जाने लगा. फिर रमेश ने रिया की गांड को उंगली से सहलाना शुरू किया. एक झटके में उसने अपनी बीच वाली उंगली रिया की गांड में पेल दी.

रिया की चीख निकल गयी- आआहह … सेठ क्या किया तुमने?
इतने में ही रवि ने रिया के बाल पकड़ कर उसके मुंह में फिर से अपना लंड ठूंस दिया.

अब रिया फिर से रवि का लंड चूसने लगी. रमेश अपनी उंगली से रिया की गांड चोदने लगा. फिर रमेश अपने घुटनों पर आ गया और उसने अपने लंड पर थूक लगा कर रिया की चूत पर अपना लंड सेट कर दिया.

रिया रवि का लंड अपने मुंह से निकाल कर पीछे देखने लगी. मुस्कराते हुए रमेश से बोली- घुसा दो सेठ, इसे अपना ही माल समझो.
ये कह कर उसने रमेश को आंख मार दी.
रमेश भी मुस्कराते हुए बोला- ह … ह … ह … साली … रंडी! बहुत पहुंची हुई चीज हो गयी है तू.

अब रिया वापस आगे मुंह करके रवि का लंड चूसने लगी. रमेश ने रिया की कमर को पकड़ लिया और एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लंड रिया की चूत में घुसा दिया.रिया के मुंह में रवि का लंड घुसा हुआ था इसलिए उसके मुंह सही तरीके से चीख भी न निकल पाई और वो ऊंहह … करके रह गयी. रवि भी रिया के सिर को पकड़ कर प्रेशर के साथ उसके मुंह में अपना लंड घुसाए हुए था. रमेश ने रिया की चूत में लंड के धक्के लगाने शुरू कर दिये थे.

अब रवि ने रिया के सिर से पकड़ ढीली कर दी और रिया सिसकारियां लेते हुए रवि का लंड चूसने लगी और चुदाई मजा लेने लगी.
थोड़ी देर चोदने के बाद रमेश ने अपना लंड रिया की चूत से निकाल लिया और रवि भी बेड पर आकर लेट गया.

रिया ने रवि के लंड पर चूत को सेट किया और बैठते हुए उसका लंड अपनी चूत में उतार लिया. उधर रमेश ने अपना लंड रिया के मुंह के आगे कर दिया. रिया ने रमेश के लंड को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया और साथ ही वो रवि के लंड पर कूदने भी लगी.

चुदते हुए गच-गच की आवाज होने लगी और उसके बाप का लंड उसके मुंह में घुसा होने की वजह से उसके मुंह से गूं-गूं के सिवा कुछ और नहीं निकल रहा था. लगातार ऐसे ही अपना लंड चुसवाने के बाद रमेश रिया के पीछे पहुंच गया.

उसने रिया को रवि के ऊपर थोड़ा और नीचे झुका दिया और अपना लंड रिया की गांड पर सेट कर दिया. रिया अब भी रवि के लंड को गांड हिलाते हुए अपनी चूत में गपागप ले रही थी.

फिर वो रुक गयी और रमेश का लंड उसकी गांड में उतरने लगा. अपने बाप का लंड पूरा उसने अपनी गांड में उतरवा लिया. रमेश ने आहिस्ता से अपना लंड रिया की गांड में चलाना शुरू कर दिया.

दम मारते हुए रिया बोली- आह्ह सेठ … तुम्हारा तो बहुत मोटा है. मेरी गांड तो फट ही जायेगी.

अब रवि और रमेश दोनों ही रिया की गांड और चूत में धक्के देने लगे.

दोनों छेद में लंड जाने की वजह से रिया भी चीख चीख कर सिसकारने लगी- आआआ … आहहहा … ओह्ह … ऊह्हह ओह यस … आहहा कमॉन… आहह सेठ … चोदो और जोर से आहह फाड़ दो मेरी चूत और गांड का छेद।

थोड़ी देर ऐसे ही जबरदस्त तरीके से चोदने के बाद दोनों ही मर्दों ने अपना लंड रिया के दोनों छेदों से निकाल लिया.
रमेश बोला- चल रवि, अब इसकी रंडी की गांड भी चोद ले तू, इसकी गांड में घुसा घुसा कर चोद साली को।

रवि ने अपना लंड रिया की गांड में पेल कर चोदना शुरू कर दिया. रमेश कुछ और ही करना चाह रहा था. उसने मौका देख कर रवि के लंड के साथ ही अपना लंड सटा लिया और रिया की गांड को पकड़ कर रवि के साथ ही अपना लंड रिया की गांड में घुसाने लगा.

रिया का दम निकलने लगा. उसने अंदाजा नहीं था कि उसकी गांड में दो दो लंड ठूंस दिये जायेंगे. वो जोर जोर से चीखने लगी लेकिन रमेश ने अब तक आधा लंड उसकी गांड में घुसाना शुरू कर दिया था.उसकी चीखें बढ़ती देख रवि ने उसके होंठों को अपने होंठों में भींच लिया और दोनों उसकी गांड को फाड़ने लगे. थोड़ी देर तो वो छटपटाई मगर फिर रिया को भी मजा आने लगा. वह भी मस्ती में चुदने लगी.

कुछ देर तक उन्होंने ऐसे ही रिया रंडी की गांड चोदी और फिर दोनों बेड पर खड़े हो गये. रिया भी अपने घुटनों पर बैठ गयी. उसने अपने एक एक हाथ में रवि और रमेश का लंड ले लिया और बारी बारी से दोनों के लंड को चूसने लगी.

कुछ देर चुसवाने के बाद रमेश नीचे उतर गया और उसने रिया का हाथ पकड़ कर रिया को भी नीचे खींच लिया. उसने रिया के होंठों से अपने होंठों को जोड़ दिया और उसकी गांड को भींच भींच कर उसके होंठों को पीने लगा.

उधर रवि भी पीछे से रिया की गांड में अपना लंड रगड़ने लगा. रमेश ने ऐसे ही चूसते हुए रिया को अपनी गोद में उठा लिया और रिया भी दोनों पैरों को रमेश की कमर पर कसते हुए उसके ऊपर बंदरिया के जैसे लटक गयी.रिया की चूत अब ठीक रमेश के लंड के निशाने पर थी. रमेश ने रिया की गांड को थामे हुए अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और रिया को अपने लंड पर उछालने लगा.

उधर रवि ने भी अपना लंड रिया की गांड पर लगा कर प्रेशर बनाया और रिया की गांड में लंड को घुसा दिया. इस तरह से दोनों दोस्त मिल कर रिया की चुदाई करने लगे. रिया दोनों बुड्ढों के बीच में सैंडविच बन कर चुदने लगी.

रिया चुदाई के नशे में मदहोश होकर जोर जोर से सिसकार रही थी- आह्ह सेठ … चोदो मुझे … आह्ह मेरे दोनों छेद … आह्ह चोद दो … म्मा … अम्म … आह्ह चोदो … यस्स … आह्ह सेठ और जोर से… चोद दो.. फाड़ दो मुझे.

अचानक रवि ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और बोला- आह्ह रंडी, नीचे आ … मैं झड़ने वाला हूं. जल्दी से अपना मुंह खोल!
रवि की बात सुनकर रमेश ने रिया को उतार दिया और रिया ने घुटनों के बल बैठ कर रवि के लंड के सामने अपना मुंह खोल लिया.

रमेश ने भी रवि के पास जाकर अपना लंड रिया के मुंह की ओर कर दिया. अब दोनों मर्द अपने हाथों से अपने लंड की मुठ मारने लगे और जोर जोर से लौड़ों को रगड़ने लगे.
इतने में ही रवि चीखा- आह्हह … ओह्हह … हाहह … माय गोड … आह्हह … रंडी … चूस जा … मेरा… लौ..लौड़ा।
कहते हुए रवि ने रिया के मुंह को पिचकारियां मारते हुए अपने वीर्य से सान दिया.

रिया एक रांड की तरह सारे वीर्य को जीभ निकाल निकाल कर चाट गयी और जहां जीभ नहीं पहुंची वहां उंगली पर वीर्य पोंछ पोंछ कर चाट गयी. इतने में ही रमेश भी झड़ने लगा.

रमेश ने रिया का मुंह पकड़ा और अपना लंड उसके मुंह में जोर से घुसा दिया. लंड घुसते ही रमेश के लंड से वीर्य की धार फूट पड़ी और उसने अपनी बेटी का मुंह अपने वीर्य से भर दिया. रिया ने अपने बाप का वीर्य गटक लिया.

फिर रमेश ने रिया का मुंह अपने हाथों से भींच कर खोला और ढेर सारा थूक इकट्ठा करके उसके मुंह में थूक दिया. रिया उसका थूक भी गटक गयी और मुस्करा कर बोली- आह्ह थैंक्यू सेठ. तुम दोनों का माल बहुत टेस्टी था.

रमेश- रंडी, तू भी कुछ कम नहीं है. लगता है कि अपनी मां से भी ज्यादा मजेदार माल है तू. मजा आ गया तुझे चोद कर।
रवि- हां साली … सच में तू कड़क माल है।

रिया- मगर सेठ तुम्हारी भी बातें सच निकलीं. मुझे तुम दोनों ने चोद कर सच में मुझे मेरी माँ याद दिला दी. बहुत अच्छा लगा अपने बाप जैसे दो मर्दों से एक साथ चुद कर।

ये कहते हुए रिया ने रमेश को आंख मार दी. रमेश भी उसकी ओर देख कर मुस्करा दिया.
फिर तीनों बेड पर साथ में लेटकर एक दूसरे के अंगों के साथ खेलते हुए फिर से चुदाई में लग गए।रात के तीन बजे तक दोनों ने रिया को रंडी की तरह चोदते रहे फिर थक हारकर तीनो सो गए।सुबह जब रमेश की आंखें खुलीं तो उसने पाया कि रिया रवि के ऊपर अपनी एक टांग चढ़ा कर सो रही थी. रमेश एकटक अपनी बेटी के नंगे जिस्म को देखता रहा, फिर पास पड़े टेबल से सिगरेट उठा कर जलायी और कश लगाने लगा.

तभी रवि की भी नींद टूट गयी. उसका ध्यान भी रिया के नंगे बदन पर गया. वह रिया की गांड को सहलाने लगा.
फिर उससे अलग होकर किनारे बैठ गया और रमेश से बोला- गुड मॉर्निंग यार, तू कब से उठा हुआ है?

रमेश- बस तभी से जब तू इस रंडी के जिस्म से लिपट कर सोया हुआ था।
रवि रिया की गांड को सहलाते हुए बोला- लिपटूं क्यों ना … साली चीज़ ही ऐसी है … क्या माल है ये! मगर देखने से यह किसी ख़ानदानी परिवार की लगती है।

रवि की बात पर रमेश मुस्करा दिया.
रवि- मगर जो भी हो, रांड तो नम्बर 1 है ये। देख जरा इसकी गांड … कितनी मस्त है! जी करता है अपने दाँत गड़ा दूं इसमें।

रमेश रिया की नंगी गांड को देख कर एक हंसी के साथ बोला- तो गड़ा दे ना… रोका किसने है? पैसे किस बात के दिए हैं तूने?
रवि- हां, सही बोलता है यार!

रवि ने झुक कर रिया की गांड में अपने दाँत गड़ा दिये. रवि के दांत चूतड़ों पर लगते ही रिया चीखते हुए उठ बैठी और बोली- सेठ क्या कर रहे हो तुम?

रमेश जोर-जोर से हंसने लगा.
रवि- कुछ नहीं रांड, बस तुझे जगा रहा था।
रिया- कोई ऐसे गांड में दाँत गड़ा कर किसी को जगाता है क्या?

रिया बेड से उतर कर आगे बढ़ने लगी तो रवि ने उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया और उसे अपने लंड पर बैठा लिया. लंड पर उसकी गांड को रखवा कर वो उसकी चूत में आगे से उंगली करने लगा.

इतने में ही रवि का लंड तनाव में आ गया और उसने रिया को ऊपर उकसाते हुए उसकी चूत में लंड रगड़ना शुरू कर दिया. रिया को भी अच्छा लगने लगा. मगर वो उठ कर आगे होने लगी.

रवि ने उसको पकड़ कर फिर से पीछे खींचा और उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा. उसकी चूचियों के निप्पलों को कचोटने लगा.
 
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रिया परेशान हो गयी. वो बोली- छोड़ो सेठ, दाम जो लिया था तो वो रात भर के लिए ही था. सुबह के लिए नहीं.
रमेश- अरे करने दे … तेरी चूत घिस थोड़ी न जाएगी?

रिया को अपने बाप की ऐसी बातें सुन कर अजीब लगा.
रवि के चंगुल से खुद को छुड़ाते हुए वो बोली- सेठ, रंडियों के भी कुछ उसूल होते हैं.

रवि- अरे तुझे पैसे ही चाहिएं न? मिल जाएंगे, मगर आ तो सही मेरे पास।
रिया- सेठ अपना एक और उसूल है. मैं दिन में धन्धा नहीं करती. मैं सिर्फ रात की रानी हूँ. दिन में मैं भी एक शरीफ लड़की हूं।
रवि- तुझे पैसों का ऑफर दिया है, आगे तेरी मर्जी।

रिया ने रवि की तरफ देखा और मुस्करा कर बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी. थोड़ी देर बाद रिया नंगी ही बाथरूम से निकली और आइने के सामने बैठ कर बाल संवारने लगी। उसकी गोरी और गुदाज गांड स्टूल से काफी बाहर निकली हुई थी.

रमेश और रवि दोनों बैठ कर उसका बेशर्मी भरा रंडीपना देखने लगे. रिया उठी और फिर अपनी ब्रा और पैंटी पहनने लगी. जैसे ही उसने हाथ उठाये तो रवि ने उसे रोक लिया और बोला- रुको! तुम यह ब्रा और पैंटी अब नहीं पहन सकती।

रिया ने आश्चर्य से पूछा- क्यूं नहीं पहन सकती?
रवि- क्योंकि ये ब्रा और पैंटी अब मेरे दोस्त रमेश की हो गयी हैं.
रिया- अच्छा, कैसे भला?
रवि- क्योंकि रमेश को रंडियों की ब्रा और पैंटी कलेक्ट करने का शौक है. यह जब भी किसी को चोदता है तब उसकी ब्रा और पैंटी को अपने पास रख लेता है.

रवि की बात पर चौंकते हुए रिया रमेश के चेहरे की ओर देखने लगी. मगर रमेश उसको देख कर मुस्करा दिया.
फिर रवि बोला- तुम चाहो तो इसके ऐक्सट्रा पैसे ले लो. लेकिन अब यह ब्रा और पैंटी रमेश की ही है.

रिया रमेश को देख कर मुस्कुरायी और अपने हाथों में अपनी ब्रा और पेंटी लिए रमेश के पास आकर बोली- पैसे देने की कोई जरूरत नहीं सेठ. यह रख लो तुम। मेरी तरफ से फ्री. तुम भी क्या याद रखोगे कि किस दिलदार रंडी से पाला पड़ा था।

ये बोल कर रिया ने ब्रा और पेंटी को रमेश के हाथ में थमा दिया.
रमेश ने रिया की ब्रा और पेंटी को लेकर उसकी खुशबू को सूंघा और रिया रमेश की हरकत को देख कर खिलखिलाकर हंस दी.

फिर रिया ने अपनी जीन्स और टॉप को बिना ब्रा और पैंटी के ही पहन लिया. कपड़े पहन कर वो मटकती हुई दरवाजे की ओर जाने लगी.

दरवाजे के पास पहुंच कर वो बोली- सेठ … दोबारा कभी मेरी याद आये तो रत्न लाल को बोल देना. जितना रेट मैंने आपके लिए फिक्स किया है उससे एक पैसा ज्यादा मत देना उस हरामखोर रत्नलाल को।

तभी रवि ने रिया को रोकते हुए कहा- अरे सुन, तू ही अपना नम्बर दे दे. हम डायरेक्ट तुझसे ही बात कर लेंगे.
रिया- रंडी हूं, बेईमानी नहीं करूंगी सेठ. आज रत्न की वजह से ही इतनी बड़ी रांड बन पायी हूं. मैं उसे धोखा नहीं दे सकती. अगर तुम दोनों को मेरी चूत और गांड चुदाई आगे भी करनी है तो रत्न से ही बात करनी होगी. वरना बाय-बाय।
 
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ये कह कर रिया कमरे से बाहर निकल गयी.
तभी रवि बोला- क्या रंडी थी यार, उसके बारे में सोच कर मेरा लंड अभी भी खड़ा है!
रमेश- हाँ यार, कुछ बात तो है इसमें!

रवि- मेरा तो जी नहीं भरा. मैं तो इसे और चोदना चाहता हूँ। तू क्या बोलता है?
रमेश- नहीं यार, तू ही मज़े कर. मुझे छोड़ दे।
रवि- लगता है तू सच में बूढ़ा हो गया है।
रमेश- तू चाहे जो समझ, मगर मुझे माफ़ कर।
रवि- जैसी तेरी मर्जी।

फिर थोड़ी देर बाद उन दोनों ने नाश्ता किया. उसके बाद रमेश भी अपने कपड़े पहन कर घर के लिये निकल गया. रमेश घर पहुंचा और उसने डोरबेल बजाई. दो मिनट के बाद दरवाजे पर आहट हुई.

दरवाजा खुला तो सामने रिया खड़ी हुई थी. रमेश रिया को देख कर खुश हो गया और मुस्करा दिया. रिया भी रमेश को देख कर मुस्करा दी. बाप बेटी के बीच में आज एक अलग ही रिश्ता पैदा हो गया था.

तभी आवाज देते हुए रति भी वहां आ पहुंची.
रति- बेटी कौन है?
तभी रति की नजर अपने पति रमेश पर पड़ी.
रति- अरे आप आ गये!

रमेश अंदर आया और उसने रिया को कस कर गले से लगा लिया. रात भर वो रिया के साथ था. मगर रति के सामने वो नाटक करते हुए बोला- आ गयी मेरी बिजनेस वूमेन बेटी।
रिया- जी डैड।
रमेश- बेटी कैसा रहा तेरा इवेंट?

रिया ने रमेश के छिछोरे सवाल पर उसे देखा और मुस्कराती हुई बोली- बहुत बढ़िया डैड, बहुत मजा आया।
रमेश- गुड, कल के इवेंट में किधर से ज्यादा मजा आया? आगे से या पीछे से?

रमेश के सवाल का मतलब रिया अच्छी तरह जानती थी.
वो बोली- डैड कल रात दोनों ही पार्टी जबरदस्त थीं. दोनों ही तरफ से मजा आया।

तभी रति ने दोनों को टोकते हुए कहा- बस हो गयी दोनों बाप-बेटी की बिज़नेस की बातें शुरु? अब जाओ और जा कर फ्रेश हो जाओ. मैं नाश्ता लगाती हूँ।

रमेश- अरे नहीं, तुम लोग नाश्ता करो, मैंने तो कर लिया है.
रिया- डैड, हमने पहले ही नाश्ता कर लिया है।
रमेश- ठीक है. मैं नहा कर फ्रेश हो जाता हूँ।

ये कह कर रमेश अपने कमरे में चला गया. उधर रति और रिया भी अपने अपने काम में लग गयीं. थोड़ी देर के बाद रमेश अपने कमरे से फ्रेश हो कर निकला और रिया को ढूँढता हुआ सीधे किचन में गया.

वो किचन में पहुंचा तो उसे वहां रति मिली. रमेश ने रति को अपनी बांहों में भर लिया. अपनी बीवी के बूब्स को साड़ी के ऊपर से ही दबाते हुए वो बोला- क्या कर रही हो जानू?
रति- आप भी ना! कभी-कभी आप बिल्कुल बुद्धू जैसी बातें करते हैं, देख नहीं रहें हैं कि मैं अपना काम कर रही हूँ?

रमेश- चलो ना डार्लिंग, एक बार हो जाए।
रति- छी: जब देखो तब शुरू हो जाते हो. आज ऑफिस नहीं जाना क्या?
रमेश अब सीधे अपने मतलब पर आते हुए बोला- हाँ जाऊँगा, मगर थोड़ी देर से जाऊँगा. अच्छा, मेरी वो बिजनेस वूमेन किधर है?
रति- वह अपने कमरे में है।रति को वहीं किचन में छोड़ कर रमेश किचन से निकलते हुए बोला- मैं जरा उससे मिलकर आ रहा हूँ।
रमेश सीधे रिया के कमरे में घुस गया.

रिया की नज़र रमेश पर पड़ी और रमेश ने आगे बढ़ कर रिया को अपनी बांहों में कस लिया.
उसकी गांड को अपने हाथों से दबाते हुए बोला- जानेमन, क्या हो रहा है?

रमेश का लंड रिया की चूत से सट गया था. रमेश अपने लंड को अपनी बेटी की चूत पर कपड़ों के ऊपर से रगड़ने की कोशिश कर रहा था.

एक बार तो रमेश का लंड अपनी चूत पर लगता हुआ पाकर रिया भी बहकने सी लगी. मगर जल्दी ही वो संभल गयी.
वो बोली- डैड छोड़ो मुझे.

रमेश- क्यूं मेरी जान, रात में मेरा लंड लेकर मजा नहीं आया क्या?
रिया- रात की बात अलग थी.
रमेश- अलग कैसे थी, रात को भी तुम और मैं ही थे. अब भी तुम और मैं ही हूं.

रिया- डैड छोड़ो मुझे. रात को आप दोनों मेरे क्लाइंट थे.
रमेश- और अब?
रिया- अब मैं आपकी बेटी हूं.
रमेश- अच्छा, दिन में भैया और रात में सैंया? वाह रे रंडी, खूब हैं तेरे उसूल।

रमेश से छुड़ाकर अलग होते हुए रिया बोली- डैड, कर क्या रहे हो आप? मैं आपकी बेटी हूँ।
रमेश- अच्छा, रंडी … नाटक करना बंद कर और बता … आज रात चलेगी क्या?

रिया- कहाँ?
रमेश- जहाँ कल चुदी थी।
रिया मन ही मन सोचने लगी कि बाप के लंड चुदाई करवाने का ये पाप वो दोबारा नहीं कर सकती. किसी न किसी तरह से उसे डैड से पीछा छुड़ाना होगा. उसे कुछ तो करना पड़ेगा डैड को रोकने के लिए।

सोच कर वो बोली- सेठ, मेरी चूत की कीमत ही सिर्फ दस हज़ार है. मुझे इतने पैसे दे दो और चोद लो।
रमेश- क्या तू मुझसे भी चुदने के पैसे लेगी?

रिया- सेठ, यह चूत खैरात की नहीं है कि जब चाहो तब अपना लंड इसमें घुसा दो! वैसे भी तुम तो इतने मालदार सेठ हो. तुमसे चुदने के तो मैं 50 लूंगी.

रमेश- क्या? 50 हजार!
तभी रिया का फोन बजने लगा. उसने फोन उठा कर स्पीकर ऑन कर दिया और बोली- हां बोल रत्न!
रत्न- क्या बात है रंडी? क्या जादू कर दिया तुमने रात वाले बुड्ढे पर?

रिया हंसते हुए बोली- क्यों, क्या हुआ?
रत्न- साला आज रात फिर वह तेरी चूत चुदाई की डिमांड कर बैठा है.
रिया ने रमेश की ओर देख कर कहा- तो उसको बोल कि 30 हजार तैयार रखे.रत्न- तीस नहीं, बीस हज़ार. आज सिर्फ एक ही बुड्ढा है।
रिया- ओके, कितने बजे पहुंचना है?
रत्न- उसी टाइम पर।

रिया- ठीक है पहुँच जाऊंगी, उसको तैयार रहने को बोलना।
रत्न- अरे उसकी बात सुन कर तैयार तो मैं भी बैठा हूँ. मेरा भी लंड तेरा इंतज़ार कर रहा है।
रिया- अरे तेरे लिए तो मैं फ्री हूँ. जब चाहो चोद लेना मगर पहले कस्टमर को तो देख लूँ।

रत्न- हाँ भाई, अब इतनी बड़ी रंडी जो बन गयी है। तो चल ठीक है, टाइम पर पहुँच जाना, रखता हूँ मैं।
उसने फोन काट दिया.

उन दोनों की बातें सुन कर रमेश तिलमिला सा गया और कमरे से बाहर निकलते हुए बड़बड़ाते हुए बोला- साली रंडी, तुझे और रवि को तो मैं देख लूंगा.

रिया अपने काम में लग गयी.

थोड़ी देर के बाद रमेश अपने ऑफिस के लिए चला गया. मगर रमेश का मन उसके ऑफिस में जरा सा भी नहीं लगा. वो बार बार रिया और रवि के बारे में ही सोच रहा था.

रमेश को खोया खोया और परेशान सा देख कर रीता ने भी उसको रिझाने की कोशिश की. उसके सामने अपनी चूचियों को हिलाया और दबाया. उसके हाथ को पकड़ कर अपने चूचों पर रखवाया. मगर रमेश उसको भाव नहीं दे रहा था.

काफी देर तक रीता की छिछोरी हरकतों को वो बर्दाश्त करता रहा मगर फिर उसने रीता को भी झड़क दिया. उसकी आंखों के सामने रवि के चेहरे पर रिया को देख कर नाचती वो हवस बार बार सामने आ रही थी कि कैसे रवि उसकी बेटी की चूत और गांड को चोद रहा था।
 
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दिन बीत गया.
रात में रिया और रति दोनों बैठ कर टीवी देख रही थीं कि अचानक से डोरबेल बजी.

रिया ने दरवाजा खोला तो सामने रमेश था.
रमेश- तेरी मां कहाँ है?
रिया- डैड, आज मॉम बहुत गुस्से में है, जरा बच के!
रमेश अंदर आया और रति के बगल में आकर बैठ गया.

रमेश- क्या बात है, नाराज़ हो मुझसे?
रति ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया.
रमेश- सॉरी डार्लिंग, मुझे संडे को तो जाना ही पड़ेगा. मगर आज मैंने अपना वादा निभा दिया. देखो तुम्हारे पास बैठा हूँ।

रति उठ कर जाने को हुई तो रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया. रति ने अपना हाथ झटक कर छुड़ा लिया और बोली- जाकर मुंह हाथ धो लो. मैं खाना लगा देती हूं.

थोड़ी देर में उसने खाना खा लिया मगर रति का गुस्सा अभी भी वैसा ही था. वो खाने के बर्तन समेटने लगी तो रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया.
रमेश- रति… रति क्या हुआ? तुम ग़ुस्सा क्यों हो?

रति- जाओ, जाकर अपना बिजनेस देखो. जब देखो तुम्हें बिजनेस की पड़ी रहती है या फिर अपने दोस्तों की। पत्नी घर में अकेली पड़ी रहे उससे तुम्हें क्या!
रमेश- सॉरी जानू … आज तो तुम्हारे पास हूँ. कम से कम आज तो ग़ुस्सा मत हो?

उसकी बात का रति ने कुछ जवाब नहीं दिया.
रमेश- चलो ना डार्लिंग, आज बहुत मूड हो रहा है।
रति फिर भी कुछ नहीं बोली।
रमेश- तुम ऐसे नहीं मानोगी, लगता है तुम्हें मनाने का मेरा पुराना आईडिया ही लगाना पडे़गा।

रमेश ने उठ कर झट से रति को अपनी गोद में उठा लिया.
रति का गुस्सा फुर्र हो गया और बोली- क्या कर रहे हो! उतारो मुझे. बेटी देख रही है. क्या समझेगी वो?
रमेश- समझना क्या है, यही कि आज भी उसके मां और डैड में कितना प्यार है।

इस बात पर रिया हँस दी और रति ने शरमा कर अपना सिर रमेश के सीने में छुपा लिया. रमेश रति को लेकर रूम में चला गया और रिया मन ही मन में सोचने लगी- सचमुच, आज भी मॉम और डैड में कितना प्यार है!

अंदर जाकर रमेश ने अपनी बीवी को बेड पर उतारा.
रति- क्या बात है? आज बड़ा प्यार आ रहा है?
रमेश- जिसकी बीवी इतनी सुन्दर हो, उस पति को अपनी बीवी पर प्यार तो आना ही है।

रति- अच्छा अब क्या रखा है इस उम्र में मुझ में?
रमेश- हाय ज़ालिम, ऐसा ना बोलो. तुममें तो आज भी वह बात है जो किसी और में नहीं।

रमेश ने रति का चेहरा अपने हाथ में लिया और उसके होंठों से अपने होंठों को मिलाते हुए उसे किस करने लगा. दोनों एक दूसरे का साथ देने लगे. रमेश उसके होंठों को चूमता हुआ लेटता गया और रति को भी अपने साथ गिरा लिया.

अब वो रति की गर्दन पर टूट पड़ा और उसको बेतहाशा चूमने लगा. उसने अपनी बीवी की साड़ी के पल्लू को उसके बूब्स पर से हटा दिया और उसके सीने में मुंह देकर चूमने लगा.फिर रमेश ने रति के ब्लाउज और उसकी ब्रा को भी खोल दिया. रति के बड़े बड़े बूब्स आजाद हो गये. रमेश ने अपनी बीवी की मोटी मोटी चूचियों को हाथ में भर लिया और उनको बारी बारी से चूसने लगा- चप्प … चपपह … हम्म … आह्ह … चत … ऊंम्म … आह्हह … चप … हह करते हुए वो उसकी चूचियों को पीता रहा.

रति भी गर्म होकर रमेश के सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी.
फिर रमेश धीरे-धीरे रति के बूब्स से होता हुआ उसके पेट को चूमते हुए उसकी नाभि को चूमने लगा.

फिर रमेश ने रति को बेड से नीचे खड़ी कर दिया. उसकी साड़ी को खोल कर उसके पेटीकोट समेत सब नीचे करते हुए उसने रति को नंगी कर दिया. फिर उसे बेड पर चढ़ा कर कुतिया बना दिया.

रमेश ने झुक कर अपनी बीवी की चूत से लेकर उसकी गांड तक को नीचे से ऊपर चाटना शुरू कर दिया.
रति- छीः कितनी बार कहा है, गाँड मत चाटिये. वह गन्दी जगह है।

मगर रमेश ने रति की बात पर ध्यान नहीं दिया और उसकी गाँड को मज़े से चाटता रहा.
रति को भी अपनी गाँड चटवाने में मजा आने लगा था और वो गर्म गर्म आवाजें करने लगी थी.

रमेश अब खड़ा हो गया और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगा हो गया. उसने अपने तने हुए लंड को रति के मुंह के सामने कर दिया.

रति ने पहले रमेश के लंड को देखा और फिर मुस्कराते हुए बोली- मानना पड़ेगा, इस उम्र में भी आपका जोश देखने लायक है. आज भी कितना तना हुआ है आपका लंड!

रमेश हंसते हुए बोला- डार्लिंग तुम्हारी चूत भी तो कम नहीं है. आज भी वही टेस्ट है इसमें।
अब रति ने रमेश का लंड अपने हाथों में ले लिया और धीरे-धीरे करके उसे अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया.

और लंड चूसने की आवाजें बाहर आने लगीं- उम्म … चप … चप … आह्ह … ऊंम्म … अह्ह … मच … मच … करते हुए वो लंड को पूरे से मजे से चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसवाने का मजा लेकर रमेश ने रति को अलग किया और बेड पर लिटा दिया. रति की दोनों टांगें फैला कर वो उनके बीच में बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट कर दिया.

रमेश ने हल्का धक्का लगाया और आधा लंड उसकी बीवी की चूत के अंदर घुस गया. फिर एक जोरदार धक्के के साथ रमेश ने पूरा लंड अपनी बीवी की चूत में घुसा दिया.

उसके बाद रमेश ने रति की दोनों टांगों को हवा में उठा दिया और चूत को चोदने लगा. रति के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- आआ आआ … जानू जोर से चोदो मुझे … बहुत दिनों के बाद चुद रही हूं तुम्हारे लंड से मेरे राजा, मेरी चूत का बाजा बजा दो … फाड़ दो मेरी चूत को … आह्ह।

रमेश धक्के पर धक्के लगाये जा रहा था. कुछ देर इसी जोश के साथ चोदने के बाद उसने लंड को रति की चूत से बाहर निकाल लिया. रति झट से उठ कर कुतिया बन गयी और उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी.
Kahani yahan tak ek regular adultery story type ki thi lekin dhyan de to ye pata chale ki writer sahab ek alag hi twist laane wale hai kahahi ke is mod pe ...

The story is turning according to the need, due to which the story is becoming more interesting & erotic ..
In truth, story is becoming even more interesting with the increasing updates...


well let's see what happens next
Brilliant update update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 
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Bilkul gajab ka mod de hi diya writer sahab ne aakhir kar ....riya aur ramesh ke bich jo sambandh bane ab shayad un dono ke bich koi parda hi na rahe.... Waise abhi tak rati ko pata nahi ye baat ki riya kis cheejvke liye tol mil karti hai yun phone pe baatein karte waqt
Waise...
Aap jis tarah likhte hai... .
Update ka har ek shabd jaise pehli barish ki bunde ki tarah hai..... padhte waqt lage ki kirdaar jaise ankhon ke samne bhumika nibha rahe ho.... Sach mein jis tarah se erotic roop mein bhumika nibha rahe hai kirdaar, readers ko majboor kar de unke sath judne ke liye... yahin to aapki lekhni ka jaadu hai.... aise hi likhte rahiye aur apni manoram lekhni se hum readers ka manoranjan karte rahiye...
naye post kiye sabhi Update bahot hi dilchasp aur dilkash the...
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills ...
 
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Bilkul gajab ka mod de hi diya writer sahab ne aakhir kar ....riya aur ramesh ke bich jo sambandh bane ab shayad un dono ke bich koi parda hi na rahe.... Waise abhi tak rati ko pata nahi ye baat ki riya kis cheejvke liye tol mil karti hai yun phone pe baatein karte waqt
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Brilliant update with awesome writing skills ...
Thanks for compliment
Aise hi saath Bane rahiye kahani aor majedar hogi
 
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उस रात रिया एक बार फिर से होटल जा पहुंची.
रवि ने दरवाजा खोला और बोला- आ गयी रंडी!
रिया- सेठ बुलाये और रंडी न आये, ऐसा कैसे हो सकता है?

वो दोनों अंदर गये और साथ में बैठ गये.
रवि- बता क्या पीयेगी?
रिया- वही कल वाला।
रवि- क्या? लंड का जूस?

हंसते हुए रिया बोली- वो तो मैं पीऊंगी ही, मगर उसके अलावा एक बीयर ही पिला दो.
रवि ने दो गिलास में बीयर डाल ली. एक रिया को दिया और दूसरा खुद ले लिया.

रिया बोली- क्यों सेठ, आज अकेले ही, वो दूसरे वाला सेठ नहीं आया?
रवि- हाँ पता नहीं, उसे बोला तो बहुत था मगर वह माना ही नहीं।
रिया- जाने दो सेठ, आज हम दोनों ही मस्ती करेंगे।

उठ कर रिया ने अपना टॉप उतार दिया और जीन्स खोलते हुए बोली- आज मैंने नयी ब्रा और पैंटी पहनी है. कहीं तुम्हें भी ब्रा और पैंटी इकट्ठा करने का शौक तो नहीं है?
रवि- नहीं, ये शौक केवल रमेश का ही है. मैं तो सिर्फ रंडियां कलेक्ट करता हूं.
दोनों हंसने लगे।

रिया ने अपना जीन्स और टॉप खोल लिया और उधर रवि भी अपने सारे कपड़े खोल कर नंगा हो गया।
तभी रवि रिया के पास गया और उसके बालों से उसे आगे को खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिये.

दोनों एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे. अम्म … मच … पुच … अम्म … आह्ह. करके दोनों एक दूसरे के होंठों को खाने लगे.

थोड़ी देर चूमने के बाद रवि ने रिया को अलग किया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. उसकी चूचियों को नंगी करके वो उसके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा.

उसकी चूचियों को पीते हुए रवि ने रिया की पैंटी को खींच दिया और उसे बेड पर झुका लिया. रिया ने अपने दोनों हाथों से अपनी गांड को चौड़ी करके अपनी गांड के छेद को रवि के सामने कर दिया और रवि कुत्ते की तरह उसकी गांड को चाटने लगा.

वो कभी उसकी गांड को चाट रहा था तो कभी उसकी चूत को चाट रहा था.

रिया भी मजे में सिसकारियां लेने लगी- आह्ह … सेठ … आह्ह … आआ … आउम्म … आह्हा..स्स.. आह्ह।
कुछ देर ऐसे ही चाटने के बाद रवि उठा और अपने लंड पर थूक लगाने लगा. उसने लंड को चिकना किया और थोड़ा थूक रिया की गांड पर भी लगा दिया.

उसने लंड को सेट किया और एक धक्के से रिया की गांड में लंड फंसा दिया.
रिया दर्द से कराह उठी और बोली- आह्ह.. आईई… सेठ, सीधे गांड में ही घुसा दिया? बताया भी नहीं।

रवि- साली बोलना क्या है? तुझे तो इसकी आदत हैरवि उसकी गांड को पेलने लगा और कुछ देर तक उसकी गांड को चोदने के बाद उसने लंड को बाहर निकाल लिया. रिया उठी और रवि की तरफ घूम कर उसने उसके लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी.

दो मिनट तक लंड का स्वाद रिया को देने के बाद रवि ने उसे बेड पर खींच लिया और खुद भी नीचे लेट गया. रिया ने अपनी गांड के छेद को रवि के लंड पर सेट किया और धीरे धीरे पूरा लंड अपनी गांड में समा लिया.

रिया ने पूरा लंड लेकर उसके लंड पर उछलना शुरू कर दिया और सिसकारियां लेते हुए अपनी गांड चुदाई करवाने लगी- आह्ह … ओअह … अआआ … हह … उम्म … मजा आ रहा है … सेठ. क्या लंड है तेरा सेठ … पूरा अंदर तक ठंडक कर रहा है..आह्ह … चोदते रहो.

रवि भी नीचे से धक्के लगाते हुए सिसकार रहा था- हां साली रंडी … तेरी गांड को चोद कर मेरा लंड बहुत खुश हो रहा है. आह्ह तेरी गांड इतनी मस्त है कि इसको चोदता ही रहूं. आह्ह … फक यू … आह्ह चुद साली रंडी … फाड़ दूंगा तेरी गांड के छेद को मैं. आह्हह और चुद साली… आह्ह चुदती रह!

ऐसे ही चोदते रहने के बाद रवि झड़ने के करीब पहुंच गया. वो एकदम से उठा और उसने रिया को नीचे लिटा कर उसके मुंह में लंड दे दिया और धक्के लगाने लगा.
दो पल बाद ही उसके लंड से वीर्य निकल कर रिया के मुंह में भर गया. जिसे रिया पी गयी.

रिया- क्या से ठ… बहुत ही टेस्टी है तेरा वीर्य।
रवि- तुझे पसंद आया?
रिया- अरे ऐसा माल किसे पसंद नहीं आएगा? क्या तेरी बीवी को पसंद नहीं है?

रवि- अरे उसे तो बहुत पसंद है, साली बार-बार माँगती है।
रिया- सेठ तो बोल, तेरी बेटी जैसी इस रिया को चोद कर कैसा लगा?
रवि- अरे यह भी कोई पूछने वाली बात है?

रिया- तो सेठ जब भी यहाँ आना तो मुझे जरूर याद करना।
रवि- तुझे भूल पाउँगा तब ना … तुझे तो मैं हमेशा ही याद रखूंगा.

उस रात रवि ने चार बार रिया की चूत और गांड मारी. उसके बाद दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गये.

सुबह रिया घर पहुंची और उसने डोरबेल बजाई.
दरवाजा खुला तो सामने रमेश खड़ा हुआ था और रिया को देख कर बोला- आ गयी रंडी, अपनी गांड चुदवा कर!

रिया मचलते हुए बोली- डैड, बड़ा ही ज़ालिम दोस्त है आपका. सारी रात रगड़ रगड़ कर गांड मारी है मेरी. अभी भी दुख रही है. तुम देखोगे?
रमेश- साली रंडी।
रिया हँसते हुए अंदर आई और अपनी गांड हिलाते हुए अपने रूम में चली गयी.

झल्लाकर रमेश ने कहा- साली रंडी, अगर तुझे अपनी पर्सनल रांड नहीं बनाया तो मैं तेरा बाप नहीं।
रमेश ने उसी वक्त रवि को फ़ोन लगाया.रवि- बोल दोस्त, सुबह-सुबह कैसे याद किया?
रमेश- साले, आखिर तूने उसे दोबारा चोद ही लिया!
रवि- क्या करूं यार … माल ही इतनी कड़क है कि रहा ही नहीं गया. तूने तो मना कर दिया था लेकिन लगता है तुझे अब पछतावा हो रहा है।

रमेश- मुझे क्या पछतावा होगा. वो साली है ही इसी लायक. उसे तो भरे बाजार में नंगी करके गांड मारनी चाहिये।
रवि- हाहा … मगर तुझे कैसे पता मैंने उसे रात में बुलाया था?
रमेश- कमीने तूने ही तो मुझे भी ऑफर किया था. भूल गया?

रवि- हाँ वह तो ठीक है. मगर इतनी सुबह मेरी और उसकी चुदाई की कहानी सुनने के लिए फ़ोन किया है या फिर कुछ और बात है?
रमेश- यार, अपने उस दल्ले रत्न लाल से बोल कर मेरे लिए आज रात के लिए कुछ नया इन्तज़ाम करवा।
रवि- क्यों वह रिया नहीं चलेगी?

रमेश- नहीं, कुछ अलग बोल उससे।
रवि- ठीक है. मैं फ़ोन करके तुझे बताता हूँ और हाँ, तू आज जरा थोड़ी देर में आकर मुझसे मिल ले. मैं आज ही निकलने वाला हूँ।
रमेश- ठीक है मैं आता हूँ. तब तक तू रत्न को फ़ोन कर दे। बाय।
रवि- बाय।

रिया चुपके से रमेश की सारी बातें सुन रही थी. वो नहीं चाहती थी कि उसके डैडी ऐसे किसी और रांड के साथ मुंह मारे. वो उनको रोकने का प्लान करने लगी.
इधर रमेश रवि से मिलने गया. रवि ने रात के लिए रमेश के बारे में बात कर ली थी.

फिर रवि वहां से निकल गया. रात में फिर रमेश अपने पुराने अड्डे होटल मूनलाइट में पहुंचा. वो अपने रूम में बैठ कर शराब पी रहा था कि कुछ देर के बाद दरवाजा नॉक हुआ.

उसने उठ कर दरवाजा खोला और चौंक गया. सामने खड़ी लड़की भी रमेश को देख कर चौंक गयी.
रमेश- रेहाना तुम?
रेहाना रिया की सहेली है.
रेहाना- अंकल आप?

वो वापस मुड़ते हुए बोली- सॉरी अंकल, मैं चलती हूं.
वो बाहर निकलती इससे पहले रमेश ने उसे कमरे के अंदर खींच लिया और बोला- तो तुम धंधा करने लगी हो?

रेहाना- नहीं अंकल… वो वो … वो!
रमेश- क्या वो-वो कर रही है, बता?
रेहाना- सॉरी अंकल मुझे माफ़ कर दीजिये. मुझसे गलती हो गयी।

रमेश- ग़लती हो गयी! क्या तुम्हारे बाप रहमान को यह पता है?
रेहाना- नहीं अंकल. अब्बू को कुछ पता नहीं. उन्हें बताइयेगा भी नहीं. प्लीज … प्लीज … अंकल।
रमेश- और रिया को पता है?

रेहाना- नहीं अंकल, रिया को भी कुछ पता नहीं।
रमेश रेहाना का झूठ समझ गया और नाटक करते हुए बोला- कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम झूठ बोल रही हो और रिया भी इस गलत रास्ते पर चल पड़ी हो?
रेहाना- नहीं अंकल, रिया एक बहुत ही शरीफ लड़की है. उसे इन सब चीज़ों के बारे में कुछ भी पता नहीं। कसम से!रमेश मन ही मन सोचता है ‘रन्डी तुझे झूठी कसम खाने की कोई जरूरत नहीं, मैं तुम दोनों सहेलियों के रन्डीपन को जान गया हूँ।’

तभी रेहाना बोली- अंकल मुझे माफ़ कीजिये. मैं जा रही हूँ. यह बात आप किसी को नहीं बताइयेगा।

रेहाना का हाथ पकड़ कर खींचते हुए रमेश बोला- अरे कहाँ चली, जिस काम के लिए पैसे लिये हैं उसे पूरा तो करती जा?
रेहाना- नहीं अंकल, यह गलत है. मैं आपके पैसे लौटा दूंगी।

रमेश- तुम पैसे तो लौटा दोगी, मगर मेरा मूड जो अभी किसी को चोदने का कर रहा है उसका क्या?
रेहाना- अंकल मैं आपकी बेटी की सहेली हूँ, बिल्कुल आपकी बेटी की ही तरह!

हंसते हुए रमेश बोला- हां, मगर करती तो तू भी धंधा ही है ना!
रेहाना- अंकल, मैं आपके साथ कैसे … नहीं … अंकल।
रमेश- कैसे मतलब? मैं यहाँ तुम्हारा कस्टमर हूँ. तुम मेरे साथ भी वैसा ही रेस्पोन्स दो।
रेहाना- मगर अंकल?

रमेश ने रेहाना के होंठों पर अपनी उँगली रखते हुए कहा- श्श्शस् स… सोचो मत रेहाना. यह तुम्हारा काम है और एक अच्छी रंडी को किसी के बारे में ज्यादा सोचने की कोई जरूरत नहीं होती।
रेहाना- मगर अंकल!

रमेश- अगर मगर कुछ नहीं. अब मान भी जाओ ना डार्लिंग।
रेहाना- ठीक है अंकल जैसी आपकी मर्ज़ी. मैं अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करूंगी. ऊपर वाला मुझे माफ करे।

रमेश- अरे इतना अच्छा काम करती हो, ऊपर वाला नाराज़ होगा भी क्यों? वह तो तुम्हें माफ़ करेंगे ही।
रमेश की बात पर रेहाना जोर-जोर से हंसने लगी.

रमेश- हां … हंसी तो फँसी।
रेहाना- आप जैसा तजुरबे वाला आदमी हो तो कोई भी लड़की पट जाए. फिर मैं कैसे ना फंसती?

रेहाना को अपनी ओर खींचते हुए रमेश बोला- आ जा आज तेरी इस चूत और गांड का स्वाद भी चख लूँ।
रेहाना- एक बार चख कर तो देख लो अंकल, कसम से बार-बार इस लड़की को याद करोगे।

रमेश- अच्छा तो यह बात है।
रमेश ने रेहाना की कुर्ती को उपर उठा कर उसके बदन से निकाल दिया और सीधे उसकी ब्रा में कसे बूब्स को अपने हाथ में ले कर दबाने लगा।

फिर रमेश अपना हाथ रेहाना के आगे ले गया और उसके ब्रा के हुक को खोल दिया. रेहाना के बूब्स आजाद हो गये. रमेश ने उसे सोफे पर पटक दिया.

रेहाना सोफे पर बैठ गयी. रमेश ने उसके होंठों को अपने होंठों से लॉक कर दिया और उसके बूब्स को सहलाते दबाते हुए उसको चूसने लगा. दोनों एक दूसरे में खो गये.

कुछ देर होंठों को चूसने के बाद रमेश नीचे खिसक गया और उसके चूचों को मुंह में लेकर चूसने लगा- उम्म … पुच … पुच … आह्ह … ऊंह … हम्म … आह्ह … क्या बूब्स हैं तेरे रेहाना. बहुत मस्त चूची हैं यार।

रमेश के हाथ रेहाना की सलवार को खोल कर उसकी पैंटी को खींचने लगे. रेहाना ने गाडं उठा कर पैंटी निकालने में मदद की. रेहाना नंगी हो गयी. रमेश ने उसे उठाया और सोफे पर झुका लिया.रेहाना की गांड रमेश के सामने थी. रमेश ने अब रेहाना की गांड पर अपना मुंह लगा दिया और उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमा कर चाटता हुआ उसकी रसीली बूर को भी चाटने लगा.

चूसने चाटने की आवाजें होने लगीं- ऊम्म … हम्म … ऊउहह … याल्ला … चाटो अंकल, आह्ह मजा आ रहा है. हाह … और चाटो अंकल … आई लव यू अंकल … मेरी चूत आह्ह … चूस लो इसे.

रेहाना बेकाबू हो चली थी. फिर रमेश उठा और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
रमेश के लंड को देख कर रेहाना हैरानी से बोली- बाप रे! इतना बड़ा और मोटा! इस उम्र में भी इतना टाइट खड़ा है?

रमेश- रंडी तू भी पड़ गयी न हैरत में? अरे मैं तो अभी भी तेरी जैसी रंडियों को पानी पिला दूं।
रेहाना- क्यों और कौन हैरत में पड़ गयी आपके करारे लंड को देख कर?
रमेश- थी एक तेरी ही जैसी रंडी … साली कुतिया। चल यह सब छोड़ और इसे चूसना शुरू कर!

रेहाना रमेश को देख कर मुस्कराई और सोफे से नीचे आकर अपने घुटनों पर बैठ गयी. रमेश का लंड हाथ में लेकर उसने मुंह में भर लिया और उसको जोर जोर से चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद रमेश ने उसे गोद में उठाया और बेड पर ले जाकर पटक दिया. उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ कर उसने अपने लंड को रेहाना की सेक्सी बूर पर लगा दिया और धीरे धीरे घुसाते हुए पूरा लंड उसकी चूत उतार कर धक्के मारने लगा.

रेहाना मजे में सिसकारियां लेने लगी- आह्ह अंकल … ऊउउ … आह्ह … हम्म … फक मी … आह्ह … चोद दो अंकल।
कई मिनट तक वो रेहाना की चूत में धक्के लगाता रहा और फिर उसने लंड निकाल लिया. लंड को उसने रेहाना के मुंह के सामने कर दिया और रेहाना उसको मुंह में लेकर चूसने लगी.

फिर रमेश ने रेहाना को लिटा कर उसके दोनों पैरों को हवा में उठा कर उसके सिर के ऊपर मोड़ दिया और रेहाना की गांड अपने आप हवा में उठ गयी. अब रमेश खड़ा हो गया और अपना लंड रेहाना की गांड के छेद पर लगा कर पूरा उसकी गांड में उतार दिया. वो बिना देर किये धक्के मारने लगा.

रेहाना अब मजे से रमेश के लंड से अपनी गांड चुदाई का मजा लेने लगी. रमेश रगड़ रगड़ कर रेहाना की गांड मारता रहा और रेहाना चिल्ला चिल्ला कर मजा लेती रही.

वो इतनी चुदासी हो गयी कि उसने रमेश को नीचे पटक लिया और खुद ही उसके लंड के ऊपर बैठ कर उसके लंड पर कूद कूद कर चुदने लगी- आह्ह … ओह्ह यस बेबी … आह्ह फक मी … आह्ह उम्म … आह्ह … मर जाऊंगी मैं … हह उसका ऐसा रूप देख कर रमेश भी अपने वीर्य वेग को नहीं रोक सका और उसने पांच मिनट में ही अपना सारा वीर्य रेहाना की गांड में खाली कर दिया. रेहाना अपनी उंगली से रमेश के वीर्य को गांड से निकाल निकाल कर चाटने लगी.

रेहाना- उम्म … बहुत टेस्टी है अंकल.
रमेश- और पीना चाहोगी?
रेहाना- बेशक।
रमेश- उसके लिए तुम्हें मुझसे दोबारा चुदने के लिए आना होगा।

वो बोली- अंकल मैं तो आपकी दीवानी बन गयी हूँ. जब बुलाओगे चली आऊँगी।
रमेश- अच्छा इतना पसंद आया मेरा लंड तुम्हें?
रेहाना- बिल्कुल।

उस रात रमेश ने रेहाना को किसी गली की कुतिया की तरह रात 3 बजे तक चोदा और अलग अलग पोजीशन में उसकी गांड मारी. उसके बाद वो दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गये.सुबह ही दोनों की आंख खुली. रेहाना बाथरूम से फ्रेश होकर आयी और अपने कपड़े पहनने लगी.
रमेश- अपनी ब्रा और पैंटी रहने देना यहीं पर।
रेहाना- मतलब?

रमेश- मुझे चुदाई के बाद तुम जैसी रंडियों की ब्रा और पेंटी कलेक्ट करने की आदत है. एक बार मेरे सामने अगर किसी औरत की ब्रा और पैंटी खुल गयी तो खुल गयी। फिर वो मेरी हो जाती है.

रेहाना- अच्छा तो यह बात है, मगर मैं घर कैसे जाऊँगी?
रमेश- घर क्या तुम ब्रा और पेंटी में जाओगी? चुपचाप अपने ऊपर के कपड़े पहनो और चली जाओ।

वो मुस्करा कर उसके पास आई और उसका फोन उठा कर नम्बर लगाने लगी.

रमेश- किसको फोन लगा रही हो?
रेहाना केवल मुस्करा दी.

तभी रेहाना के फोन पर रिंग बजी और रमेश से बोली- यह मेरा नम्बर है. जब भी आप मुझे बुलाना चाहो, मुझे डायरेक्ट फोन कॉल कर देना. मैं चली आऊंगी.

रमेश भी मुस्करा दिया.
फिर रेहाना ने रमेश को उसका फोन वापस किया और कपड़े पहन कर जाने लगी और जाते हुए बोली- ये बात किसी को बताना नहीं.
फिर वो रूम से निकल गयी.

फिर रमेश भी कपड़े पहन कर वहां से निकल गया और घर पहुंचा.
दरवाजा रिया ने ही खोला.

रमेश ने रिया को देख कर एक शैतानी मुस्कान दी और उसके गले लगाते हुए बोला- गुड मॉर्निंग डार्लिंग!
रिया- गुड मॉर्निंग।

रमेश- पता है आज मैं बहुत खुश हूँ. मुझे कुछ नया मिला है।
रिया रमेश की बात सुनकर उलझन में पड़ गयी और बोली- क्या?
रमेश- यह तो सरप्राइज है. मैं आकर बताऊंगा. तब तक इंतज़ार करो।
रमेश मुस्कराते हुए अपने कमरे में चला गया.

रिया रमेश की बातें सुन कर सोच में पड़ गयी.

तभी उसका फ़ोन बजा.
रिया- हाँ बोल रेहाना, इतनी सुबह-सुबह कैसे याद किया?
रेहाना- मुझे तुझसे मिलना है।
रिया- ठीक है 1 घंटे में आती हूँ तेरे घर पर!

रेहाना- मुझे तुझसे अभी मिलना है।
रिया- अभी?
रेहाना- हाँ अभी, बहुत ही अर्जेंट काम है।
रिया- अब इतना भी अर्जेंट क्या है, तू मुझे फ़ोन पर ही बता दे।
रेहाना- अरे यार, यह फ़ोन पर बताने वाली बात नहीं है।

रिया- ऐसा भी क्या है जो तू मुझे फ़ोन पर नहीं बता सकती. जब हम फ़ोन पर अपने बिज़नेस की बातें कर सकते हैं तो फिर उससे बड़ी और क्या बात हो सकती है?
रेहाना- उससे भी बड़ी बात है।
रिया- अच्छा तब तो मुझे अभी जानना है कि ऐसा क्या है?

रेहाना- नहीं, तू मुझसे मिल पहले, तभी बताऊंगी।
रिया- नहीं, तू अभी बता।
रेहाना- नहीं, तू मिल तो सही।
रिया- रेहाना, तुझे तेरी बिज़नेस की कसम तू अभी बता।

खीझकर रेहाना बोली- साली तू बहुत ज़िद्दी है. ऐसे नहीं मानेगी. ठीक है अभी तू कहाँ है?
रिया- घर में।
रेहाना- पहले तू घर से कहीं बाहर निकल तब बताऊँगी।
रिया- ओहो! यार क्या ड्रामा है ये, लोचा क्या है बताएगी मुझे? चल ठीक है आती हूं. रुक।रति को आवाज देते हुए रिया बोली- मां, मैं गार्डन में हूं.
रति- ठीक है बेटा।
रिया गार्डन में गयी और फिर से रेहाना से बात करने लगी.
रिया- हां अब बोल, क्या बात है?
 
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रेहाना- पहले तू प्रोमिस कर मेरी बात का बुरा नहीं मानेगी.
रिया- नहीं मानूंगी. अब बतायेगी भी कि क्या बात है?
रेहाना- वह तो तुझे पता है ना कि कल रात रत्न लाल ने मुझे किसी कस्टमर के पास भेजा था।

रिया- हाँ तो क्या?
रेहाना- रिया वह कस्टमर कोई और नहीं, तेरे डैड रमेश अंकल ही थे।
रिया यह सुन कर चौंक गयी और नाटक करते हुए बोली- रेहाना, तू होश में है ना?

रेहाना- मैं सच बोल रही हूँ, कसम से!
रिया- रेहाना, कहीं तू डैड से चुदी तो नहीं?
रेहाना- सॉरी यार, रमेश अंकल की बातों में आकर मैं उनसे चुद गयी।

रिया- रेहाना, यह तू क्या बोल रही है?
रेहाना- हाँ रिया, उन्होंने मुझे जमकर चोदा और तो और सुबह मेरी ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनने दी और मेरी ब्रा और पैंटी उन्होंने खुद ही रख ली।
रिया-क्या? अच्छा, ऐसा क्या?

रेहाना- वह तेरे बारे में भी पूछ रहे थे।
रिया- क्या? तो फिर तूने उन्हें कुछ बताया तो नहीं?
रेहाना- नहीं रिया, मगर अब तू ज़रा संभल कर रहना और कहीं भी जाने से पहले अपने कस्टमर के बारे में जान लेना।

रिया- हे भगवान! यह तूने क्या कर दिया?
रेहाना- अब जो होना था सो हो चुका. मगर एक बात तो है. अंकल बूढ़े जरूर हो गए हैं लेकिन उनके लंड में आज भी इतनी ताक़त है कि जवान लड़कियों को भी पानी पिला दें। हाय कितना मोटा था उनका लंड!

रेहाना की बात पर रिया खुश हो गयी और नाटक करते हुए बोली- तू पागल हो गयी है क्या?
रेहाना- हाय … अगर ऐसा लंड तुझे भी मिलता ना, तो तू भी पागल हो जाती।
रिया- चुप साली रंडी!

रेहाना- अब जो भी बोल ले तू, मुझे तो बहुत मजा आया. मैंने तो उन्हें अपना नम्बर भी दे दिया. जब चाहे बुला लें।
रिया- छी …

रेहाना- चल मेरा काम था तुझे बताना सो मैंने बता दिया. तू ज़रा ध्यान देना. बाय. अब रखती हूँ।
रिया- बाय!
इतना कह कर रेहाना ने फोन रख दियारिया गार्डन की बेन्च पर बैठ कर सोच में पड़ी गयी- हे भगवान, डैड रेहाना तक भी पहुँच गए। यह तो बहुत बुरा हुआ। रेहाना जैसी मिडिल क्लास रंडियों पर डैड कहीं अपनी सारी दौलत ही ना लुटा दें। हे भगवान अब मैं क्या करूं, कैसे डैड को रोकूँ?

उधर रमेश अपने कमरे से फ्रेश होकर निकला. वो सीधे किचन में जा कर रति से बोला- जानू, रिया बेटी किधर है?
रति- वह गार्डन में है।
रमेश- गार्डन में! जरा मैं भी गार्डन की फ्रेश हवा लेकर आता हूँ।

रमेश गार्डन में जा पहुँचा. रिया की नज़र अचानक रमेश पर गयी.
रमेश रिया के पास जाकर बोला- क्यों री रंडी? सुबह-सुबह गार्डन की हवा खा रही है।

रिया सीधे मुद्दे पर आते हुए बोली- पापा तुमने रेहाना से भी Xxx कर लिया?
रमेश हँसता हुआ बोला- ओह … तो उस रंडी ने तुझे सब पहले ही बता दिया?
रिया- हाँ डैड, मगर आप ऐसा क्यों कर रहे हो? वह अच्छी लड़की नहीं है।

रमेश- तो क्या तू है अच्छी लड़की?
रिया- वह बात नहीं है डैड, वह एक मिडल क्लास लड़की है. वह आपसे आपके पैसे पाना चाहती है।

रमेश- मेरे पैसे हैं. मैं चाहूं जिस पर उन्हें लुटाऊँ, तुझे उससे क्या? हां, अगर तुझे मेरी दौलत पानी है तो तू हाँ बोल दे और चुद जा मुझसे. बोल पापा Xxx करेगी?
रिया- नहीं।

रमेश- ठीक है मैं तुझे मालामाल कर दूंगा. मुंह मांगी रकम दूंगा, मगर 10 दिन तक तुझे दिन रात चोदूंगा, बोल चुदेगी?
रिया- नहीं।
रमेश- 10 लाख दूंगा। चुदेगी?

इस बार रिया सोच में पड़ गयी- क्या करूं? हां कर दूं? नहीं नहीं … एक ना एक दिन यह सारी दौलत मेरे ही नाम होने वाली है। मगर कहीं डैड ने सारी दौलत रेहाना जैसी रंडियों के आगे लुटा दी तो? नहीं नहीं … वे ऐसा नहीं कर सकते।

रमेश- बोल, चुप क्यों हो गयी?
अचानक ही रिया के मुंह से निकला- हां, मैं तैयार हूं.
रमेश खुश हो गया और बोला- ठीक है, मगर मेरी एक शर्त भी होगी.
रिया- कैसी शर्त?

वो बोला- तुझे पूरे समय घर पर नंगी ही रहना होगा. तू कभी भी, किसी भी समय बिना मेरी मर्जी के एक भी कपड़ा नहीं पहन सकती और तुझे मेरा एक काम भी करना होगा।

जिस दिन मेरा काम पूरा कर देगी उसी दिन तेरा 10 लाख वाला चेक पास हो जाएगा और तू इस ड्यूटी से भी आज़ाद हो जाएगी।
रिया- मुझे क्या करना होगा?

रमेश- तू एक रंडी है तो तुझे रंडी वाला ही काम करना होगा। तुझे एक लड़की को रंडी बनाना होगा और तुझे आज के बाद सिर्फ मेरी रंडी बन के रहना पड़ेगा। तेरे सारे खर्च मैं दूँगा।
रिया- क्या?
रमेश- हां, ठीक सुना तूने। तुझे एक लड़की को रंडी बनाना होगा।रिया- लेकिन आपकी उस लड़की से क्या दुश्मनी है? इससे आपको क्या फायदा होगा?
रमेश- मेरी उससे कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन अगर हम लोगों को इस शहर में रहना है तो तुझे ये काम करना ही पड़ेगा. नहीं तो हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ जाएंगी।

वो बोली- ठीक है, लेकिन आप ठीक से बताओ. आपकी बात मेरी समझ में नहीं आ रही?
रमेश- ठीक है। देखो मेरे दोस्त से तुम मिल ही चुकी हो, लेकिन उसे पता नहीं है कि तू मेरी बेटी है. जिस दिन उसे पता चल गया और उसने किसी को बता दिया तो हमारा इस शहर में रहना मुश्किल हो जाएगा।

आगे बताते हुए रमेश बोला- उसकी एक ही बेटी है रश्मि। बस तुझे अपनी साथी रंडियों और दलालों से मिलकर रश्मि को एक रंडी बनाना है और मेरे लिए बुक करना है। जिस दिन ये लड़की मेरी बांहों में होगी उस दिन तू फ्री हो जाएगी।

रिया- ठीक है. मुझे मंज़ूर है।
रमेश- आज से ही शुरू करते हैं। चल रूम में चल साली रंडी और नंगी हो जा।

रिया- नहीं यह नहीं हो सकता।
रमेश- तो फिर 10 लाख भूल जा।

रमेश को समझाते हुए वो बोली- मगर मैं घर में नंगी कैसे रह सकती हूं? मां भी तो है!
रमेश- तू उसकी फिक्र मत कर. मैं संभाल लूंगा।

रिया फिर बहाना बनाते हुए बोली- मगर मेरे पीरियड्स के टाइम?
समस्या देख कर रमेश बोला- हम्म … उस समय तू सिर्फ एक छोटी सी पैंटी पहन लेना और उन दिनों की भरपाई तू अगले कुछ दिनों में कर देना। वैसे भी तेरे पास तेरा मुंह और गांड भी तो है, मैं उससे भी काम चला लूंगा.

रिया- अगले कुछ दिनों में से क्या मतलब है आपका? मतलब टाइम से ज़्यादा?
रमेश- हाँ बस तीन चार दिन।
रिया- नहीं, उसके अलग से चार्ज लगेंगे।

रमेश- देख रंडी, यह पीरियड्स तेरी प्रॉब्लम है. तू ही इसे समझ. मैं तुझे पूरे दिनों के पैसे दे रहा हूँ. अगर सिर्फ तीन चार दिनों के लिए तू 10 लाख ठुकरा रही है तो तेरी मर्जी।

रिया डर गयी और बोली- ठीक है, ठीक है, मुझे मंजूर है. मगर मां का क्या?
हंसते हुए रमेश ने कहा- मैंने बोला ना … तू फिक्र मत कर।

फिर रमेश ने अपने फोन में एक नम्बर डायल किया.
रिया सोचने लगी कि कहीं डैड मेरी मां का मर्डर तो नहीं करवाना चाहते! नही-नहीं ऐसा नहीं हो सकता. मेरे डैड इतने जालिम नहीं हो सकते.

तभी दूसरी ओर से किसी ने फोन उठा लिया.
रमेश- हैलो डॉक्टर राकेश।
राकेश- हाँ रमेश, बोल।
रमेश- अरे यार तुझसे कुछ काम है।
राकेश- हाँ बोल यार।

रमेश- यार मैं चाहता था कि रति दिन भर काम करती रहती है. मेरे कितना भी कहने पर वह कोई नौकर भी नहीं रखती। अकेले बहुत थक जाती है यार मुझसे यह देखा नहीं जाता।
राकेश- तो अब क्या मैं तुम्हारे लिए नौकर ढूंढ दूं?
रमेश- अरे नहीं यार, पहले पूरी बात तो सुन।

राकेश- हाँ तो बोल।
रमेश- मैं चाहता हूँ कि वह कुछ दिनों के लिए अपने भाई के पास रानीखेत घूम आये. उसका भी जरा मन बहल जाएगा और आराम भी हो जाएगा।
राकेश- ग्रेट आईडिया … तो भेज देरमेश- मगर वह मानेगी नहीं। यार मेरे दिमाग में एक आईडिया है उसमें मुझे तेरी हेल्प चहिये।
राकेश- हाँ बोल।
रमेश- मैं सोच रहा था क्यों न मैं उसकी चाय में नींद की गोली मिला दूं और जब वह बेहोश हो जाए तो तुझे बुला कर उसका झूठा चेकअप करवा दूं।

राकेश- उससे क्या होगा?
रमेश- अरे यार, तू उसे किसी हिल स्टेशन जाने की सलाह दे डालना और मेरा काम बन जाएगा.
राकेश हँसते हुए बोला- साला तू बहुत बड़ा कमीना है. कहीं तू रति भाभी को बाहर भेज कर खुद के मज़े की तो नहीं सोच रहा?

रमेश- यार, बात तो कुछ वैसी ही है।
राकेश- ठीक है, मैं तेरा काम कर दूंगा मगर बदले में मुझे तेरी सेक्रेटरी रीता चाहिए। बहुत दिन हो गए साली को चोदे हुए।
रमेश- डन! तो कल सुबह?
राकेश- ओके डन! बाय।
रमेश- बाय।

रिया मुस्करा कर बोली- वाह क्या आइडिया है!
रमेश- चल रंडी बेटी पहले अपनी मां को नींद की गोली तो दे दे।
रिया- डैड, मगर डॉक्टर अंकल तो कल आयेंगे ना?
रमेश- मेरी रांड बिटिया, पहले माहौल तो बनाना पड़ेगा ना?

रमेश अपने कमरे से नींद की गोली ले आया और बाप-बेटी दोनों ड्राइंग रूम में आकर बैठ गये.
रमेश ने रति को आवाज लगा कर कहा- जानू, चाय ले आना.
रति- जी अभी लायी।

थोड़ी देर के बाद रति दो कप चाय ले कर आई और रमेश और रिया को दे दी.
रमेश- अरे तुम अपने लिए नहीं लायी?
रति- आप लोग पीजिये. मैं बाद में पी लूंग़ी।
रमेश- नहीं, जाओ और अपने लिए भी ले कर आओ।

रमेश के बार-बार ज़िद करने पर रति अपने लिए भी चाय ले आई और बैठ गयी. तभी रिया ने रति को अपनी बातों में उलझा कर उसका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. रमेश ने चुपके से दो गोली रति की चाय में डाल दीं.

फिर चाय पीते हुए तीनों बातें करने लगे. रमेश और रिया दोनों ही रति की ओर देख रहे थे कि क्या रिएक्शन होने वाला है.
रति बोली- मुझे बहुत काम है. मैं जा रही हूं.
वो उठ कर जाने लगी.

रमेश और रिया हैरान हो रहे थे कि प्लान तो कामयाब होता नहीं दिख रहा. तभी किचन की ओर जाते जाते रति बेहोश होकर नीचे गिर गयी.
थोड़ी देर बाद रति को होश आया और उसने देखा कि वह अपने रूम में अपने बेड पर लेटी है.

रमेश- तुम ठीक तो हो ना? मैं अभी डॉ. राकेश को फ़ोन लगाता हूँ।
रमेश फोन लगाने ही वाला था कि रति ने उसका हाथ पकड़ कर कहा- नहीं, डॉक्टर की जरूरत नहीं है, मैं ठीक हूं.
रमेश- नहीं, मैं तुम्हारी कोई बात नहीं सुनूंगा. आखिर तुम बेहोश कैसे हो गयी?

रति- अरे कुछ नहीं हुआ मुझे. मैं बिल्कुल ठीक हूँ. जाने दो।
रमेश- जाने कैसे दूं?
रति- जानू प्लीज … तुम्हें मेरी कसम।

रमेश रुक गया.
रिया रमेश की ओर देखने लगी.
दोनों ही मंद मंद मुस्करा रहे थे.वो दिन ऐसे ही गुजर गया लेकिन अगले दिन भी यही वाकया हुआ. आज रिया खुद चाय बना कर लाई. उसने खुद ही गोली चाय में डाल दीं. रति फिर से बेहोश हो गयी.

जब उसकी नींद खुली तो उसने खुद को बेड पर पाया मगर इस बार डॉ. राकेश भी वहां मौजूद थे.
रमेश रति से बोला- तुम ठीक तो हो ना?
रति- हाँ मै ठीक हूँ लेकिन पता नहीं मुझे क्या हो जा रहा है कल से!

डॉ राकेश- भाभी जी, मैं तो राय दूँगा कि आप 10-15 दिन किसी हिल स्टेशन पर जाकर रेस्ट कर लीजिए। आपको आराम की जरूरत है।

रमेश- अगर ऐसा है तो फिर ठीक है. मैं कॉल कर देता हूं. तुम्हारे भाई आकर तुम्हें ले जाएंगे क्योंकि उनका घर रानीखेत में है इसलिए तुम्हारी छुट्टी भी हो जाएगी और तुम्हें रेस्ट भी मिल जाएगा. फिर 10 दिनों के बाद मैं तुम्हें बुला लूंगा।

डॉक्टर राकेश अपने घर चला गया और रमेश ने रति के भाई को कॉल कर दिया. रिया के मामा आये और अपनी बहन रति का हालचाल पूछने लगे. सारी बता पता चलने पर वो रति को रानीखेत ले गये.

अब घर पर रिया और रमेश ही रह गये.

रमेश रिया से बोला- देख ले, अब से तू सिर्फ एक रंडी है और तेरा काम मेरी सेवा करना है. इन 10 दिनों में मैं जो कहूंगा वह तुझे करना होगा क्योंकि मैंने तुझे 10 लाख रुपये दिए हैं. जब 10 दिन तू मुझे खुश कर देगी तभी तेरा 10 लाख का चेक पास होगा.

यह कहते हुए उसने चेक रिया को दे दिया और एक एग्रीमेंट भी साइन करवा दिया जिसमें बहुत सारी शर्तें लिखी हुई थीं. रिया ने एग्रीमेंट पेपर पढ़ा जिसमें बहुत सारी गंदी गंदी शर्तें भी लिखी हुई थी.

उसे देख कर रिया ने रमेश से कहा- इसमें तो बहुत सारी गंदी गंदी शर्तें लिखी हुई हैं।
रमेश- देख साली रंडी, तू एक रांड है. तुझे मेरी सारी गंदी गंदी फेंटेसी पूरी करनी पड़ेंगी। मैं फ्री में तुझे 10 लाख नहीं दे रहा. इसके लिए तुझे दुनिया की सबसे बड़ी रंडी भी बनना पड़ सकता है। तुझे ऐसे ऐसे काम भी करने पड़ेंगे जो रंडी भी नहीं कर सकती है। मैं तुझे बताऊंगा कि रंडी की औकात क्या होती है, तुझे रंडी बनने का बहुत शौक है ना? मैं तुझे ऐसी रंडी बनाऊंगा जैसी आज तक किसी ने नहीं बनाई होगी।

रिया- मुझे मंजूर है। मैं आपकी सभी फैंटेसी पूरा करूँगी लेकिन मुझे टाइम चाहिए।
रमेश- ठीक है। अब से तेरा काम शुरू हो जाता है. तुझे धीरे धीरे एक-एक करके अपने कपड़े उतारने हैं और मैं तेरा वीडियो बनाऊंगा. मेरा जब मन करेगा, जैसे मन करेगा वैसे तुझे चोदूंगा और उसका वीडियो भी बना सकता हूं. मैं तुझसे जो बोलूंगा वह तुझे करना पड़ेगा।

रमेश- चल अपने कपड़े उतार और कुतिया बन जा. फिर कुतिया की तरह चलकर इधर आ।
रिया कुतिया की तरह चलकर रमेश के पास आ गयी. रमेश ने अपने दोनों पैर जूते समेत रिया की पीठ पर रख दिये. कुछ देर रेस्ट करने के बाद रमेश ने अपने सारे कपड़े निकाल दिये और रिया को अपना लंड चूसने का इशारा किया.
 

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