Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी(Completed)

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रमेश ने रश्मि का हाथ अपने लंड पर रखवा दिया और उसकी चूचियों को भींचने लगा.
वो सिहर उठी- आह्ह … आराम से अंकल … दर्द हो रहा है. आपका ये भी बहुत बड़ा है.

वो उसकी चूचियों के निप्पलों को खींचते हुए बोला- क्या बड़ा है मेरा?
रश्मि- आपका ये हथियार काफी बड़ा है.
रमेश- इसको नाम लेकर बुलाओ ना एक बार!
रश्मि ने शरमाते हुए कहा- आपका ये … ये लंड बहुत बडा़ है अंकल।

रमेश- हां बेशक … जब ये तुम्हारी चूत में जायेगा तो ये तुम्हें परम सुख देगा. मगर उससे पहले तुम्हें इसको अपनी चूत चुदाई के लिए उकसाना होगा. आओ मैं तुम्हें इसको उकसाने का तरीका बताता हूं.
अपने कदम बढ़ा कर रमेश बेड के एक छोर पर बैठ गया और उसने अपनी जांघें फैला लीं.

बेड पर बैठ कर रमेश ने कहा- आओ रश्मि, तुम्हारा परिचय अपने लंड से करवाता हूं. तुम्हें लंड को चूसना सिखाता हूं. एक बार तू सीख गयी तो तेरे ग्राहक तेरे आगे पीछे घूमा करेंगे. हमेशा तुझसे खुश रहेंगे. लड़की के मुंह का कमाल मर्द को बहुत पसंद आता है.

रमेश के कहने पर रश्मि शरमाती हुए उसके सामने अपने घुटनों पर बैठने लगी।
रमेश- पैंटी उतार कर बैठ बेटी!

न जाने रमेश के मुंह से कैसे ये ‘बेटी’ शब्द निकल गया. शायद अपने दोस्त रवि की बेटी में उसको अपनी बेटी रिया ही नजर आ रही थी.
मगर उसने तुरंत बात को बदलते हुए कहा- मेरा मतलब है पैंटी उतार कर बैठो रश्मि।

बात पलट कर रमेश ने खुद उसकी पैंटी को नीचे खिसका दिया और बोला- हां अब बैठ जा और जैसा मैं कहूं करना। शुरुआत में थोड़ा गंदा लगेगा मगर तू सही ढंग से कोशिश करेगी तो कामयाब हो जाएगी.

रमेश की बात सुन कर वो वापस अपने घुटनों पर बैठ गयी. अपने सिर को नीचे झुकाते हुए उसने लंड की एक्सट्रा लेंग्थ पर गौर किया. जिसे देख कर रश्मि के मन में एक ही बात आई- अद्भुत!

रश्मि- अंकल पहले क्या करूं?
उसने अपने होंठ लंड के सुपारे पर टिकाते हुए पूछा।
रमेश- पहली बात तो ये कि तू मुझे अंकल बोलना छोड़ दे. और इस तपते हुए लौड़े को मुंह खोल कर अपने मुंह में भर ले. स्सस … इतनी देर से अपने होंठ मेरे लंड के टोपे पर छुआ कर बैठी है, जान निकालेगी क्या? फटाफट चूस इसे.

बार-बार अंकल शब्द सुन कर रमेश खीजने लगा था. उसे रश्मि के बचपने पर भी गुस्सा आया कि साली यहां पर रंडी बन कर चुदने आई है और इसे लंड चूसना भी नहीं आता. या तो ये लड़की बहुत ही शातिर है या फिर मुझे ही चूतिया बना रही है.अपनी जीभ बाहर निकाल कर रश्मि लंड के टोपे पर गोल-गोल घुमाने लगी. वैसे थी तो वो भी चालू लेकिन रमेश की बातों में खो कर उसे बचपना सूझ रहा था।

कुछ देर टोपे पर अपनी जीभ का खुरदरा अहसास दे कर वो लंड की टिप से चाटती हुई टट्टों की तरफ बढ़ने लगी. एकदम स्लो मोशन से उसने रमेश की गांड का छेद सिकुड़वा दिया. टट्टों पर उगे बालों को दाँत में भींच कर उसने टट्टों में गुदगुदी पैदा की और बारी बारी दोनों बॉल्स को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया.

रमेश सिसकार उठा- आह्हह … साली रांड … तू तो सब जानती है, मेरे सामने नाटक कर रही थी? नौटंकी कहीं की! आह्ह .. चुसाई की असली शुरूआत तो जड़ से ही शुरू होती है.
रमेश की बात का मतलब साफ था कि रश्मि लंड चूसने में एक्सपर्ट थी.

सूजे सुपारे को होंठों में जकड़ कर रश्मि ने तेज़ी से उसे चूसना चालू कर दिया. लंड की जड़ उसके हाथ में थी जिसे ऊपर नीचे हिला-हिला कर वो सुपाडे़ की खाल को बंद-खोल रही थी.

रमेश को देख कर वो मुस्कराती हुई अपने घुटनों पर बैठी हुई उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी और फिर एकदम से पूरा का पूरा लंड मुंह में भर कर चूसने लगी- आउमम … म्म … हम्म … उम्म मच … पुच … आह्ह … म्मम … आ … करते हुए वो मस्ती में उसके लौड़े को चूसने लगी.

मस्ती में आकर वो उसके लंड पूरा मुंह में भर रही थी. उसका लंड अब बेहद टाइट होकर एकदम से रॉड बन गया था. फिर रमेश ने रश्मि को अपनी गोद में उठा लिया. फिर उसे ले जाकर बेड पर पटक दिया.

फिर रमेश ने उसकी दोनों टाँगों के बीच में बैठ कर अपने लंड को रश्मि की चूत पर लगा दिया और धीरे-धीरे दबाव देने लगा. रश्मि के चेहरे पर मादकता बिखर रही थी. लंड की छुअन चूत पर पाकर वो अपना सब कुछ रमेश को सौंप देने के लिए उतारू हो रही थी.

रमेश ने उसके चेहरे को देखा और एकदम से धक्का लगाते हुए लंड को झटके के साथ उसकी चूत में घुसा दिया. ऐसे प्रहार से रश्मि का सारा मजा खराब हो गया क्योंकि इतना मोटा और लम्बा लंड चूत में देने के लिए एक टेकनीक की जरूरत होती है.

रश्मि की चूत दर्द से बिलबिला उठी जिसके भाव रश्मि के चेहरे पर साफ साफ दिख रहे थे. रश्मि की आंखों में पानी आ गया और वो रोने लगी. माना कि वो एक बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स कर चुकी थी मगर उसकी चूत की झिल्ली फटते ही उसने लौड़े को बाहर निकलवा दिया था.उसके बाद से लेकर और आज तक रश्मि ने फिर कभी अपनी चूत में लंड नहीं लिया था. वो केवल अपने बॉयफ्रेंड के लंड की चुसाई करके ही उसको खुश करती आ रही थी.

रमेश ने रश्मि की चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये थे. वो उस पर रहम नहीं कर रहा था और रश्मि के मुंह से दर्द भरी चीखें निकल रही थीं- आह्ह आईई … अंकल … नो … प्लीज … स्टॉप … आईई मां … आह्ह निकाल लो प्लीज।

मगर रमेश उसकी नहीं सुन रहा था और लगातार उसकी चूत में धक्के लगाये जा रहा था. चुदाई ऐसे ही 10 मिनट तक चलती रही और इन दस मिनटों में रश्मि की चूत को रमेश के लंड ने खोल कर रख दिया.

अब जो धक्के उसकी चूत में लग रहे थे उनमें अब दर्द की जगह कामुक सिसकारियां उतर आई थीं- आह्ह अंकल … य्सस … हम्म … वाहह … ओह्ह … अंकल … आह्ह अंकल … गुड … आह्ह … फास्ट।

रमेश ऐसे ही चोदता रहा और फिर उसने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह के सामने कर दिया. रश्मि ने उठ कर उसके लंड को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी.

कुछ देर लौड़ा चुसवाने के बाद रमेश उठा और उसने रश्मि को लिटा कर उसके दोनों पैरों को हवा में उठा कर उसके सर के उपर मोड़ दिया. इससे रश्मि की गांड अपने आप ही हवा में उठ गयी.

अब रमेश रश्मि की गांड के छेद को उंगली से फैलाते हुए चाटने लगा।
वो सिसकारते हुए बोली- उफ्फ … यह क्या कर रहे हो? रतनलाल ने कहा था कि आप गांड नहीं मारोगे?

रमेश- चुप कर साली रंडी … पूरे पचास हज़ार दिए हैं मैंने तुझे. तेरी गांड नहीं लूँगा तो क्या तेरी माँ की गांड मारूंगा बहन की लौड़ी?
रश्मि रमेश की डांट से थोड़ा सहम गई और उसने टांगें खोल दीं और दर्द सहने के लिए खुद को तैयार करने लगी।

मस्त कुँवारी गांड देख रमेश का लंड फड़फड़ा उठा. करीब 9 इंच का लोहे के सरिया के जैसा था.
रश्मि- अंकल … यह तो बहुत बड़ा और मोटा है. ये मेरी गांड में नहीं जा पाएगा.
रमेश- रश्मि तू फिक्र मत कर. मैं आराम से करूँगा. तुझे कुछ नहीं होने दूँगा।

उसने अपना लंड रश्मि की छोटी सी गांड की तरफ बढ़ाया लेकिन पहली बार में जरा सा भी अंदर नहीं जा पाया.
तभी रमेश बोला- रश्मि … थोड़ा चूसकर और गिला कर न इसे?

रश्मि ने अपने हाथों से रमेश के लंड को मुँह में लिया और उसके आंड सहलाने लगी।
रमेश- आह्ह्ह ,.. साली दिल कर रहा है कि तुझे पट्टा डालकर अपने पास ही पालतू कुतिया बनाकर रखूँ. आह्ह्ह … सेक्स की गुड़िया है रे तू … मेरी रानी।

उसके बाद रमेश ने रश्मि को आराम से बेड पर लिटा दिया। रश्मि सोच रही थी कि जो हालत पिछली बार चूत की हुई थी, फिर से वही हालत अब मेरी गांड की होने वाली है। रश्मि अपने बाप की उम्र के अंकल से गांड मरवाने जा रही थी।रमेश के लंड के टच करते ही रश्मि की गांड में सिरहन होने लगी। रश्मि बुरी तरह तड़प रही थी। रमेश दो मिनट तक रश्मि की गांड को अपने लंड से सहलाता रहा. फिर उसने रश्मि की गांड पर थूक लगा कर हल्का सा ज़ोर लगाया.

रश्मि- आहह्ह्ह … मम्मी … उफ्फ्फ … अंकल … प्लीज़ … धीरे धीरे!
उसकी चीख निकल गई.

रमेश का लंड अन्दर नहीं जा रहा था। उसने कहा- शुरू में थोड़ा दर्द होगा लेकिन फिर ठीक हो जाएगा।
रश्मि- ओके. लेकिन अंकल प्लीज़ आराम से करना।

रमेश ने ज़ोर से अन्दर डाला तो उसका आधा लंड रश्मि के अन्दर जैसे कुछ चीरते हुए अन्दर घुसता चला गया.
रश्मि की आँखों में आँसू आ गए- आह … मैं मर जाऊँगी अंकल … प्लीज़ निकालो … बहुत दर्द हो रहा है … उम्म्ह … अहह… हह … याह … ओफ्फ.. मम्माआ.. आहह … मम्मी … आइई.. सीईईई।

दर्द में कराहते हुए रश्मि गिड़गिड़ाने लगी मगर रमेश नहीं माना. उसने रश्मि के मम्मों पर अपने होंठ लगा दिये और धक्के मारने लग गया. रश्मि छटपटाते हुए रोने लगी.

वो दर्द में कराहते हुए बोल रही थी- आआआ अंकल … बहुत मोटा है आपका लं. लंड.. आआ … ओह्ह … मेरी तो गां.. गांड फट ही जायेगी … आईई मां … फट गयी … ऊह्हह आह्ह … ईईस्सस … स्सस।

रमेश रगड़ रगड़ कर रश्मि की गांड मारता रहा. रश्मि उसका लंड अपनी गांड में लेते हुए चिल्लाती रही. कुछ देर की गांड चुदाई के बाद रश्मि को भी अच्छा लगने लगा.

अब रश्मि भी मस्ती में आकर अपनी गांड को उठा उठा कर चुदवाना शुरू कर चुकी थी. रमेश को भी अब उसका साथ मिलने के बाद उसकी गांड चुदाई करने में और ज्यादा मजा आ रहा था.

कुछ देर तक उसकी गांड को चोदने के बाद रमेश ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया. उसने लंड को निकाल कर रश्मि के मुंह में ठूंस दिया. रश्मि ने आनंद लेते हुए उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया.

उसके बाद रमेश सीधा होकर बेड पर लेट गया और रश्मि ने उठ कर अपनी गांड का छेद रमेश के तने हुए लौड़े के टोपे पर अच्छी तरह से रख कर सेट कर लिया.

धीरे धीरे वो अपना भार उसके लंड पर बढ़ाने लगी और सरक सरक कर रमेश का लंड रश्मि की गांड को चौड़ी फाड़ता हुआ अंदर घुसने लगा. रश्मि ने बैठते हुए पूरा लंड अपनी गांड में समा लिया.अब वो खुद ही रमेश के लंड पर कूदते हुए चुदने लगी. अपनी चूचियों को मसलते हुए वो सिसकारने लगी- आह्ह … यस्सस … आह्ह … ओह्ह … याहह … आह्ह … वाऊ … अम्म … ओहह … करते हुए वो चुदने लगी.

कुछ ही देर के बाद अब रमेश का वीर्य निकलने को हो गया.
रमेश सिसकारते हुए बड़बड़ाया- आह्ह साली कुतिया … ओह्ह … यस्स … आह्ह और चुद … पूरी चुद जा साली रंडी … आह्ह … आ रहा हूं मैं।

इतनी ही देर में रमेश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकलने लगी. उसके पूरे जिस्म में झटके लगने लगे और उसने कई पिचकारी अपने वीर्य की छोड़ते हुए रश्मि की गांड को अपने वीर्य से भर दिया.

रश्मि अपने हाथ को अपनी गांड पर ले गयी और उंगली से रमेश का वीर्य निकाल कर चाटने लगी.
वो बोली- हम्म … टेस्टी है. बहुत टेस्टी है आपका माल तो अंकल।

रमेश- हम्म … लौड़े को माल भी तो खिलाता हूं मैं. फिर इसका माल कैसे टेस्टी नहीं होगा! तेरे जैसी चूत पाकर तो ये पूरा बेकाबू हो जाता है और ऐसा ही गाढ़ा गाढ़ा मजेदार माल फेंकता है. बोल रंडी.. और पीना चाहेगी क्या इसका माल?
रश्मि- बेशक़।

वो बोला- तो फिर ठीक है. तुम्हें दोबारा से मेरे पास चूत और गांड चुदवाने के लिए आना होगा.
रश्मि- अंकल मैं तो आपकी दीवानी बन गयी हूँ. जब बुलाओगे मैं चली आऊंगी.
रमेश- अच्छा इतना पसंद आया मेरा लंड तुम्हें?
रश्मि- बिल्कुल अंकल।

उस रात रमेश ने रश्मि को किसी गली की कुतिया की तरह रात 3 बजे तक अलग अलग पोजीशन में चोदा. उसकी चूत और गांड का बाजा बजा दिया. फिर दोनों एक दूसरे के साथ लिपट कर सो गये.

सुबह ही दोनों की आंख खुली. रश्मि फ्रेश होने गयी और कुछ देर के बाद बाहर आयी. वो अपने कपड़े पहनने लगी.
रमेश- अपनी ये ब्रा-पैंटी यहीं पर छोड़ देना.
रश्मि- क्यों? आप क्या करोगे मेरी ब्रा-पैंटी का?

रमेश- मुझे चुदाई के बाद तुम जैसी रंडियों की ब्रा और पेंटी कलेक्ट करने की आदत है. एक बार मेरे सामने अगर किसी औरत की ब्रा और पैंटी उतर जाती है तो फिर उस पर मेरा अधिकार हो जाता है.
 
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उसके इस अजीब से शौक पर रश्मि को हंसी आ गयी.
वो रमेश के पास आयी और उसके लंड को हाथ में लेकर एक बार सहलाया तो रमेश के मुंह से आह्ह करके एक सिसकारी निकल गयी.

फिर अचानक से रश्मि ने उसके सोये हुए लंड को जोर से पकड़ कर खींच दिया और जोर जोर से हंसने लगी.
रमेश बोला- पागल हो गयी है क्या?
रश्मि- आपको ब्रा पैंटी कलेक्ट करने का शौक है और मुझे आपके लंड के साथ मस्ती करने का शौक लग गया है.

वो बोला- तो फिर जल्दी से दोबारा चुदने का प्लान कर ले. अपना नम्बर मुझे देती जा.
रश्मि ने अपना नम्बर रमेश के फोन में डायल कर दिया और अपने फोन पर कॉल कर ली. दोनों के नम्बर एक्सचेंज हो गये.

फिर रश्मि ने अपनी ब्रा और पैंटी को रमेश के हाथों में गिफ्ट की तरह सौंप दिया. फिर अपने कपड़े पहनने लगी. उसकी गोल गोल गांड को देख कर रमेश का लौड़ा फिर से सलामी देने लगा.

रश्मि ने देखा तो मुस्कराई. फिर पास जाकर उसके सलामी दे रहे लौड़े को रश्मि ने प्यार से देखा और अपने होंठ खोल कर उसके सुपारे पर प्यारा सा किस कर दिया. रमेश तो जैसे तड़प गया.
फिर वो बोली- जल्दी ही इसकी तड़प को फिर से शांत करने आऊंगी.

उसके बाद वो तैयार होकर रूम से निकल गयी.
फिर अगले कुछ दिनों तक रश्मि ने कई ग्राहकों को खुश किया. जल्दी ही वह एक पेशेवर कॉल गर्ल बन गयी. अब रश्मि भी रिया और रेहाना की तरह होटलों में जाकर ग्राहकों को खुश करने लगी.

उसके तीनों छेद अब मर्दों के लौड़ों को खुश करना सीख गये थे. कभी वो एक ग्राहक के साथ रात बिताती तो कभी एक साथ दो दो को ले जाती और दोनों को ही झेलते हुए खुद भी चुदाई का मजा लेती और उनको भी अच्छी तरह खुश कर देती.जब रतनलाल और रेहाना ने रिया को बताया कि अब रश्मि पूरी तरह से रंडी बन चुकी है तब रिया ने उसे रात को दो लोगों के लिए बुक कर लिया.

रिया ने ये बात अपने डैड को बताई तो रमेश ने रवि को कॉल करके कह दिया- आज रात होटल में आ जाना. मैंने एक मिस इंडिया टाइप की लड़की बुक कर रखी है जिसको देख कर ही तेरे मुंह में पानी आ जायेगा.

रवि तैयार हो गया और इधर रिया खुशी से झूम उठी. फिर उसके डैडी ने उसका चेक पास कर दिया.
रात को रश्मि होटल में पहुंच गयी. रमेश वहां पर पहले से ही मौजूद था.

रूम में पहुंची तो रमेश ने दरवाजा खोला.
रमेश- हाय रश्मि। आ जाओ, मैं कब से तुम्हारा वेट कर रहा हूं।

रश्मि रूम के अंदर चली गयी.
उसकी खूबसूरती देखकर रमेश का लंड खड़ा हो गया.

रश्मि- क्या सर … आप इस तरह से क्यों देख रहे हैं जैसे पहली बार देख रहे हों।
रमेश- क्या करूँ … तुम चीज ही ऐसी हो। उस दिन कितना शरमा रही थी तुम और आज पहले से भी ज्यादा सेक्सी लग रही हो।
रश्मि- आप भी मस्त लग रहे हो। आपका दोस्त कहाँ है?

रमेश- वह आता ही होगा। जल्दी से अब कपड़े उतारो। मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. जब तुम्हारे जैसी मस्त लड़की मेरी बांहों में है तो मैं इंतजार नहीं कर सकता हूं। हम लोग जल्दी जल्दी एक राउंड कर लेते हैं क्योंकि कुछ ही देर में मेरा दोस्त आने वाला है. उसके आने के बाद तो तुम्हारी हालत खराब हो जाएगी क्योंकि वह बहुत ही ठरकी टाइप का है।

रमेश ने रश्मि को पूरी तरह से नंगी कर दिया और खुद भी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया. उसने रश्मि को घुटनों के बल बैठा दिया और उसको लंड चूसने के लिए कहा.

रश्मि धीरे-धीरे उसके लंड को चूसने लगी. रमेश का लंड पूरी तरह से रश्मि के मुँह में अंदर बाहर होने लगा. तभी रूम में रवि भी आ गया. रवि अपनी बेटी रश्मि को रमेश का लंड चूसते देखकर पूरी तरह से शॉक हो गया.

रश्मि और रवि दोनों एक दूसरे को हैरत से देखते रह गये.
रमेश- क्या हुआ होश उड़ गए ना? मेरा हाल भी ऐसे ही हुआ था इसको देख कर। रतन ने सच ही कहा था बहुत ही कड़क माल है.

रवि कुछ बोल नहीं पा रहा था.
रमेश- रवि? रवि कुछ बोलता क्यों नहीं तू?
रवि को कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि वह क्या बोले.
मगर रश्मि फिर से रमेश का लंड चूसने में लग गयी. रमेश के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.

अपनी बेटी को रंडियों की तरह अपने दोस्त रमेश का लंड चूसते देख कर रवि को गुस्सा आ गया और उसने रश्मि की सारी गर्मी निकाल देने की ठान ली.मन ही मन वो बोला- अगर यह रंडी बन ही गयी है तो मैं भी आज इसे अपनी मर्दानगी दिखा ही देता हूं. पता तो चलेगा कि बाप की इज्जत कैसे उछाली जाती है!

रवि- क्या ये रंडी हम दोनों के लंड ले सकेगी? आज तो मैं इसकी चूत और गाँड का भोसड़ा बना दूंगा।
रवि की बात सुन कर रमेश खुश हो गया और रश्मि बिल्कुल सरप्राइज रह गयी.

बाप का ताव देख कर रश्मि को भी जोश आ गया. उसने भी ठान लिया कि वो अपने बाप के सामने अपना असली रूप आज दिखा ही देगी. वो रांड बन कर दोनों के लंड से चुदेगी.

रमेश- ठीक है, अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. जल्दी से आजा रवि. मैं इस सेक्सी रंडी की चूत मारने के लिए मरा जा रहा हूं.
फिर वो रश्मि से बोला- ऐ रंडी … मेरे दोस्त को अपना नाम तो बता दे?

रश्मि ने रवि की ओर देखा और बोली- रश्मि … नाम है मेरा।
रमेश हंसने लगा और बोला- रवि तू उस दिन कह रहा था न कि उस दिन वाली लड़की वो रिया रंडी हमारी बेटी की उम्र की है और उसका नाम भी मेरी बेटी का नाम था। ये ले … आज देख ले। इसका नाम भी तेरी बेटी वाला ही है. रवि अब इसे तू अपनी बेटी ही समझ कर चोद।

रवि मन ही मन बोला- सोचना क्या है साले, ये तो असल में ही मेरी बेटी है.
फिर रवि बोला- उस दिन तेरी बेटी को हम दोनों ने चोदा था। ले आज यहाँ तो मेरी ही बेटी आ गयी (मतलब नाम वाली लड़की). चल ठीक है आज दोनों मिलकर निकाल देते हैं इस रंडी की हेकड़ी।

इतना कह कर रवि अपनी शर्ट उतारने लगा. फिर उसने अपनी पैंट भी खोल दी. अब वो अंडरवियर में था. उसका लौड़ा अब सेक्स की बातें होने के बाद धीरे धीरे तनाव में आ रहा था. उसने अपना अंडरवियर अपनी बेटी को दिखाते हुए उतार दिया और उसका अधसोया लंड रश्मि की आंखों के सामने लटकने लगा.

रश्मि हैरत से अपने बाप के लंड को देखने लगी. उसका लंड काफी मोटा और लम्बा था. रमेश और रवि के लंड का साइज लगभग एक जैसा ही था. रश्मि की चूत में आज दो दो मोटे और लम्बे खीरे जैसे लंड जाने वाले थे जिसके बारे में सोच कर ही उसके बदन में पसीना आने लगा था.

तभी रवि आगे बढ़ा और रश्मि को पकड़ कर उसकी ब्रा को खोल दिया. रश्मि भी एक्शन में आ गयी और उसने अपनी पैंटी खोल दी. बेड पर लेट कर उसने अपनी टांगों को ऊपर करके अपनी पैंटी निकाल दी और उसकी गांड में हवा में ऊपर आ गयी.इतने में ही रवि उत्सुकतावश रश्मि के पास आ गया और उसकी चूत और गांड के छेद को ध्याने से देखने लगा. रश्मि की गांड का छेद बहुत छोटा सा था जो एकदम से सिकुड़ कर चिपका हुआ था.

रश्मि की चूत बहुत ही प्यारी थी. रवि उसकी चूत पर ऐसे नजरें गड़ाए हुए था जैसे कि उसकी चूत के अंदर घुसने का रास्ता ढूंढ रहा हो. जो बेटी उसकी नजरों के सामने बड़ी हुई थी वो आज उसके सामने रंडी बन कर नंगी लेटी हुई थी.

तभी रश्मि बोली- क्या देख रहे हो सेठ? कभी लड़की के छेद नहीं देखे क्या?
रवि- देखे हैं, मगर ऐसे रसीले छेद नहीं देखे हैं.
रश्मि- इन छेदों को कम न समझना सेठ. तुम दोनों के लौड़े आराम से अंदर ले सकते हैं ये छेद।

तभी रमेश ने रश्मि की गांड पर एक जोरदार चाँटा मारते हुए कहा- रंडी, तूने भी हमें अभी देखा ही कहाँ है? आज तेरी ऐसी चुदाई करेंगे कि तुझे तेरी रंडी माँ याद आ जाएगी।

तब तक रवि बेड पर चढ़ गया और रश्मि उसे देख कर मुस्कुरा दी. उसने झट से कुतिया बन कर रवि के लंड को पकड़ लिया. लंड को उसने एक दो बार सहलाया और फिर अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.

रमेश ने झुक कर अपने दोनों हाथों से रश्मि की गांड को फाड़ कर देखा और फिर उसकी चूत पर मुंह लगा दिया. ऊपर से नीचे जाते हुए वो उसकी चूत और गांड दोनों का रस चाटने लगा.

इतने में ही रवि ने रश्मि का सिर अपने लंड पर दबा दिया और अपनी कमर आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को रश्मि के गले तक उतारने लगा. रश्मि के मुंह में रवि का लंड बुरी तरह से फंस गया. वो गूं-गूं.. करने लगी और उसे उबकाई होने लगी. मगर रवि ने लौड़ा घुसाए रखा.

फिर उसने एकदम से अपनी पकड़ ढीली कर दी और रश्मि ने लंड को बाहर फेंक दिया। वो जोर जोर से खांसने लगी और उसका चेहरा लाल हो गया. वो तेजी से सांस लेते हुए हाँफ रही थी.

रमेश लगातार रश्मि की चूत और गांड में कुत्ते की तरह चाटने में लगा हुआ था.
रमेश- रवि, एक बार अपनी बेटी की चूत और गांड … मेरा मतलब इस रश्मि रंडी की चूत और गांड को चाट कर तो देख. इसकी चूत और गांड का स्वाद तो बहुत गजब है.

रवि- अच्छा, ठीक है, तो फिर तू हट, मुझे चाटने दे.
अब रवि ने अपनी बेटी की चूत और गांड को ऐसे ही चाटना शुरू कर दिया.

रश्मि सिसकारने लगी- आह्ह डैडी… आह्ह… चूसो … चाटो… आह्ह!
रमेश- ये ले रवि, इसने तो सच में तुझे अपना बाप बना लिया!
 
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रश्मि- रमेश सेठ, जब तू अपनी बेटी समान लड़की की चूत चोद कर मजा ले सकता है तो फिर ये अपनी बेटी समान रंडी की चूत नहीं चोद सकते क्या?
रवि- बात तो सही कह रही है रमेश ये।

रमेश- हां बहुत ही चुदक्कड़ लग रही है. लगता है कि ये शायद अपने बाप का लंड भी जरूर लेती होगी घर में।
रमेश ने अब रश्मि के मुंह के सामने अपना लंड कर दिया और रश्मि ने मुंह खोल कर रमेश के लंड को पूरा अंदर ले लिया और चूसने लगी. पीछे से रवि ने उसकी चूत और गांड में मुंह देकर उसको चाटना शुरू कर दिया.

रवि- आह्ह … उम्म … म्मच … पुच्चच … आह्ह … अम्मम … इतनी टेस्टी गांड … आह्ह … और इसकी चूत के रस की तो बात ही क्या. पता नहीं इसकी मां ने कौन सा शहद खाकर इसको पैदा किया था. साली इतनी मीठी चीज पैदा की है.

रश्मि मस्ती में रमेश का लंड चूस रही थी. इतने में ही उत्तेजना में आकर रवि ने अपनी बेटी की गांड में उंगली दे दी और वो एकदम से बिदक गयी. इसी दौरान उसके दांत रमेश के लंड पर गड़ गये और लंड पर काटे जाने से रमेश उछल कर एक तरफ जा पड़ा.

रवि हंसने लगा और ठहाका मारते हुए बोला- क्या हुआ बे? लंड को खा गयी क्या ये लंडखोर?
रमेश अपने लंड पर लगे दांत के दर्द को सहला सहला कर कम कर रहा था.

फिर उसे गुस्सा आया और वो उठ कर रश्मि के पास आया. उसने उसके बालों को पकड़ लिया और अपना लंड उसके मुंह में घुसा कर जोर जोर से पेलने लगा. रश्मि गूं-गूं की आवाज करते हुए छटपटाने लगी. मगर रमेश अंधाधुन उसके मुंह में धक्के लगाता रहा.

अपनी बेटी के मुंह में अपने दोस्त का लंड इस तरह से जाता देख कर रवि को भी मजा आ रहा था. रवि ने एक बार फिर से रश्मि की गांड में उंगली दे दी और उसकी गांड को उंगली से चोदने लगा.

रश्मि का मुंह लाल हो गया था. रमेश अभी भी लंड की पिलाई उसके मुंह में कर रहा था. कुछ देर ऐेसे ही जोर जोर से अपना लंड उसके मुंह में पेलने के बाद रमेश के लंड से वीर्य निकल गया और उसने सारा वीर्य रश्मि के मुंह में भर दिया.

जब तक रश्मि उसके माल को अंदर न गटक गयी तब तक उसने लंड को मुंह से बाहर नहीं निकाला. जब लंड बाहर निकला तो रश्मि मुस्करा रही थी.
रमेश देख कर हैरान था कि इतने बुरे तरीके से मुंह चोदने के बाद भी ये मुस्करा रही थी. वो सच में बड़ी रांड बन गयी थी.अब रवि ने अपनी बेटी की चूत में थूक दिया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट कर दिया. उसने उसकी गांड को थामा और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.

उसकी गांड को पकड़े हुए वो उसकी चूत चुदाई करने लगा. रश्मि की चूचियां आगे पीछे होने लगीं. रवि ने रश्मि के बालों को पकड़ लिया और दोगुनी ताकत से अपनी बेटी की चूत चोदने लगा. ऐसा लग रहा था कि वो उसके रंडीपने की सजा उसको दे रहा था.

रमेश भी ये देख कर खुश हो रहा था कि कैसे रवि अपनी ही बेटी की चूत को फाड़ने में लगा हुआ है. थोड़ी देर चोदने के बाद रवि ने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया.

अब रमेश बेड पर आकर लेट गया. उसका लंड अभी सोया हुआ था. रश्मि ने बिना कहे ही रमेश के लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी. पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद रमेश का लंड एक बार फिर से टाइट होने लगा.

जब पूरा लंड तन गया तो रश्मि ने उसके लंड को हाथ में पकड़ा और उसकी सख्ती को जांच कर अपनी टांगों को उसकी जांघों के ऊपर फैलाती हुई चूत को उसके लंड पर सेट करके बैठने लगी.

बैठते हुए रश्मि ने रमेश के लंड को अपनी चूत में उतार लिया और उसके लंड पर कूदने लगी. इधर रवि ने अब फिर से अपनी बेटी के मुंह में लंड पेल दिया. रश्मि रमेश के लंड से चुदते हुए रवि के लंड को चूसने लगी.

दोनों मर्दों के मुंह से निकलने वाली सिसकारियों से होटल का रूम गूंज उठा. कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई और चुसाई चलती रही. उसके बाद रश्मि उठ गयी.

अब वो बेड पर करवट लेकर लेट गयी. रमेश भी उसकी ओर घूम गया. रमेश का लंड रश्मि की चूत की ओर था. रश्मि ने रमेश के होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उसकी लार को खींचते हुए उसके होंठों का रसपान करने लगी.

ये नजारा देख कर रवि भी रश्मि के पीछे आ गया. वो रश्मि की पीठ की ओर अपना मुंह करके लेट गया. उसने अपने लंड को उसकी नर्म नर्म गोरी गांड की दरार में घुसा लिया और उसकी चूचियों को भींचते हुए उसकी गर्दन पर किस करने लगा.

रश्मि दोनों के बीच में आ गयी थी. आगे से रमेश का लंड उसकी चूत में टकरा रहा था और पीछे से उसके बाप रवि का लंड उसकी गांड में घुसने के लिए मुंह मार रहा था.

जब रमेश और रवि से रुका न गया तो रमेश ने आगे से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया. फिर रवि ने भी पीछे से रश्मि की गांड में लौड़ा पेल दिया. दोनों धक्के लगाने लगे और रश्मि मदहोश होने लगी.

वो कभी रमेश के होंठों को तो कभी उसकी गर्दन को और कभी उसकी छाती को चूमती. फिर कभी पीछे मुड़कर रवि के होंठों को चूस कर फिर से रमेश के होंठों को चूसने लगती.दो दो लंड लेते हुए रश्मि पांच मिनट से ज्यादा नहीं टिक पायी और उसकी चूत के गर्म गर्म पानी ने रमेश के लंड को भिगो दिया. अब रमेश का लंड पच-पच करता हुआ उसकी चूत में चोदने लगा.

रवि भी इस आवाज से और ज्यादा जोश में आ गया. वो रश्मि की गांड को फाड़ने लगा. कुछ ही देर में वो दोनों झड़ने के कगार पर पहुंच गये. रवि जोर जोर से उसकी चूचियों को मसलने लगा और उसके निप्पलों को काटने लगा.

इधर रमेश ने उसकी गांड को भींचना शुरू कर दिया. उसके हाथ पर कभी कभी रवि का लंड भी लग जाता था. दोनों रेल के इंजन की तरह आगे और पीछे से रश्मि की चूत और गांड को पेल रहे थे.

फिर दोनों जोर जोर से चीखते हुए झड़ने लगे- आह्हह … ओहह … हाहाहह … आहह्ह्ह … याह्हह … हम्म … हुह … करते हुए दोनों ने ही रश्मि के दोनों छेदों को आगे और पीछे से भर दिया.

उसके बाद तीनों थक कर लेट गये. किसी को होश नहीं रहा. आधे घंटे तक वो पड़े रहे.

उसके बाद रमेश ने फिर से रश्मि की चूत को उंगली से कुरेदना शुरू कर दिया. अब रवि भी शरारत करते हुए अपनी बेटी की गांड के छेद पर उंगली फिराने लगा.

रश्मि की गांड दुख रही थी. फिर भी वो बाप की उंगली का मजा गांड में ले रही थी. थोड़ी देर तीनों एक दूसरे के जिस्मों को सहलाते चाटते रहे और तीनों ही फिर से गर्म हो गये.

रवि उठा और उसने रश्मि के हाथ को खींच कर रश्मि को अपने साथ उठा लिया. उसने रश्मि को दीवार के सहारे लगा लिया और अपना लंड उसके हाथ में दिया. हाथ में लंड आते ही रश्मि उसकी मुठ मारने लगी. रवि उसके होंठों को पीने लगा.

ये देख कर रमेश से रहा न गया. वो उठ कर उन दोनों के पास गया. तब तक रवि ने आगे से रश्मि की चूत में अपना लंड दे दिया था. वो उसकी चूत को चोदने लगा. अब रमेश को जगह नहीं मिल रही थी.

फिर उसने रश्मि को आगे की ओर लाते हुए रमेश को दीवार की तरफ कर दिया. अब रवि की पीठ दीवार से सट गयी और रश्मि का मुंह रवि की तरफ हो गया. पीछे से रमेश ने रश्मि की गांड पर लंड लगा दिया और उसको अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा.

रमेश ने रश्मि को गांड थोड़ी ऊपर उठाने के लिए कहा. रश्मि ने वैसा ही किया और उसकी गांड अब रमेश के लंड के निशाने पर आ गयी. रमेश ने झटके से उसकी गांड में लंड घुसा दिया और उससे चिपक गया.अब रवि के लंड के धक्कों के साथ रिदम बनाते हुए रमेश ने रश्मि की गांड की चुदाई शुरू कर दी. आगे से रश्मि रवि के लंड से अपनी चूत चुदवा रही थी और पीछे से रिया के बाप रमेश से अपनी गांड पिलवा रही थी.

दो दो लंड की मस्ती में आकर रश्मि ने खुद ही अपनी एक टांग ऊपर उठा ली. ऐसा करने से अब उसके दोनों ही छेदों में दो मर्दों के लंड ज्यादा अंदर तक जाने लगे. दीवार से लगे हुए रवि का लंड उसकी चूत में घुस कर उसको मजा दे रहा था और पीछे से रमेश का लंड उसकी गांड में मजा दे रहा था.

माहौल इतना कामुक हो गया कि तीनों के मुंह से जोर जोर की सिसकारियां निकलने लगीं.
रवि- आह्ह … फक यू … आह्ह … फाड़ दूंगा तेरी चूत को … ये ले साली रांड … और ले … आह्ह … ऐसे ही चुदती रह मेरे लंड से … तेरी चूत का भोसड़ा कर दूंगा आज मैं … आह्ह ले … और ले साली … रंडी बनने का शौक पूरा कर तू।

रमेश- हाय … रंडी … आह्ह … तेरी गांड … आह्ह् क्या गांड है साली … ऐसी गांड को तो मैं दिन रात चोदता रहूं … आह्हह ले ले पूरा लंड … अपनी गांड में साली … आह्ह चुद मेरे लंड से…. आहह्ह और चुद … लंडखोर रंडी … आह्ह ले चुद … और चुद।

रश्मि- आईई … अहाह … आहह … फक मी … और तेज डैडी. आह्हह रमेश अंकल मेरी गांड … आह्ह मेरी गांड … फाड़ दो मेरी गांड … ये आपका लंड खाना चाहती है … आह्ह … और जोर से चोदो … आह्ह और जोर से। चोद चोद कर फाड़ दो मुझे … मेरे चिथड़े कर दो … आहह्ह मुझे रंडी बना कर चोदो दोनों।

इतने गर्म माहौल में रश्मि ज्यादा देर टिक नहीं पाई और एक बार फिर से उसकी चूत से पानी का फव्वारा निकल पड़ा जिसने रवि के लंड को पूरा सराबोर कर दिया उसकी चूत के रस में।

अब रवि और रमेश भी दोनों झड़ने वाले थे.
रमेश- आआह … रंडी. मैं झड़ने वाला हूँ. नीचे बैठ कर जल्दी अपना मुंह खोल साली कुतिया।

अब रश्मि अपने घुटनों पर बैठ गयी और मुंह खोल कर रश्मि ने अपने होंठों को उन दोनों के लौड़ों के सामने कर दिया.
दोनों मर्द अपने हाथों से अपना-अपना लंड हिलाने लगे
 
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कुछ पल के बाद ही रमेश झड़ने लगा- आह्ह … आ गया … आह्ह आया … आह्हह ये ले … रंडी आह्हह … हाह्हह … ओह्ह … करते हुए रमेश ने अपना माल रश्मि के मुंह पर गिराना शुरू कर दिया. रश्मि ने सारा वीर्य अपने मुंह में ले लिया.

अब रवि भी झड़ने लगा और उसने एकदम से अपना लंड रश्मि के मुंह में दे दिया. उसके बालों से उसके सिर को खींच कर अपने लौड़े पर दबा दिया. तभी उसके बदन में झटके लगने लगे.

रवि के वीर्य की पिचकारी रश्मि के गले को भिगोते हुए उसके पेट तक जाने लगी. रश्मि ने अपने बाप का सारा वीर्य अंदर पेट में गटक लिया.
रमेश- साली सच में तू कड़क माल है।
रवि- हां, रिया से भी ज्यादा कड़क.

फिर तीनों आराम करने लगे. कुछ देर आराम करने के बाद रमेश और रवि फिर से रश्मि की चुदाई करने लगे.

इस बार रमेश जानबूझ कर रश्मि को जलील करते हुए पेलने लगा. वो जानता था कि रश्मि रवि की बेटी है और यही उसका मकसद था कि वो रवि की बेटी को रंडी बना कर उसके बाप के सामने ही पेले.

रात के 3 बजे तक दोनों ने पेल पेलकर रश्मि की चूत और गांड फैला दी.

अगले दिन रिया रश्मि से मिली और पूछने लगी- अपने डैड से चुदवा कर कैसा लगा?
रश्मि- क्या बोल रही है? मैं अपने डैड से क्यों चुदवाऊंगी?
रिया- मुझे मालूम है कि कल तुमको मेरे डैड और तुम्हारे डैड ने जी भर कर चोदा है. रतनलाल ने बताया था मुझे। चिंता मत करो। मैं किसी को नही बताऊंगी क्योंकि वो दोनों मुझे भी एक साथ चोद चुके हैं।

रश्मि- क्या मेरे डैड को मालूम है कि तुम उनके दोस्त रमेश की बेटी हो। रिया- नहीं। तुम्हारे डैड को मालूम नहीं लेकिन मेरे डैड को मालूम है कि तुम उनके दोस्त रवि की बेटी हो।

फिर दोनों मिलकर प्लान बनाती हैं कि आज दोनों दोस्तों को भी शर्मिंदा करना चाहिए।
रिया- रश्मि तुम अपने डैड को लेकर ज़ी-मॉल में चलो। मैं भी अपने डैड को लेकर आती हूँ। आज दोनों को सरप्राइज़ कर देते हैं।

कुछ देर बाद रिया अपने डैड को लेकर जी मॉल गयी और एक मोड़ पर रवि और रश्मि मिल गये.
रिया- रश्मि … इनसे मिलो। ये मेरे डैड रमेश हैं।
रश्मि- और रिया … ये मेरे डैड रवि।

रमेश और रवि बुरी तरह चौंक गये और दोनों ने अपनी गर्दन झुका ली. उसके बाद रिया और रश्मि दोनों ही पक्की दोस्त बन गयीं. रिया का चेक भी पास हो गया था. उसने वादे के मुताबिक रेहाना और रतनलाल को उनका इनाम दे दिया.

मगर उस दिन के बाद रश्मि और रिया ने मन बना लिया कि वो अब ये गंदा धंधा नहीं करेंगी और साफ सुथरी जिन्दगी का मजा लेंगी.

दोस्तो, कालगर्ल चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, अपने कमेंट्स के द्वारा जरूर बतायें. आप सभी पाठकों की प्रतिक्रियाओं को बेसब्री से इंतजार रहेगा.



समाप्त
 

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