Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी(Completed)

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रिया कुतिया बने हुए ही अपने बाप का मोटा लंड अपने मुँह में भरकर चूसने लगी.
रमेश- आह साली रंडी … चूस साली कुतिया. आह्ह कितना गर्म मुंह है तेरा … चूस साली रांड.. कितना मस्त लंड चूसती है तू … आह्ह चूस जा पूरा.
रिया- आह डैड … तुम्हारा लंड कितना मस्त है! बहुत मजा आता है मुझे इसे चूसने में … आह्ह … उम्म … मच … मच … अम्म … आह्ह।

रमेश रिया के पास गया और उसके बालों को आगे से खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिये और उनको किस करने लगा. थोड़ी देर चूमने के बाद रमेश ने रिया को अलग किया और आगे से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा. फिर झुक कर उसके बूब्स चूसने लगा.

फिर रमेश ने सीधे रिया को बेड पर झुका दिया. रिया ने झुक कर अपनी गांड को रमेश के सामने कर दिया और गांड का छेद खोल कर रमेश को दिखाने लगी. रमेश रिया की गांड को चाटने लगा. फिर अपनी जीभ निकाल कर रिया की गांड और चूत को चाटने लगा.

अपनी गांड और चूत चटवाते हुए रिया भी मज़े में सिसकारी लेने लगी- आह्हम … आआ … डैड … ओह्ह … माय गॉड … आआऊ … अम्म … ओह्ह जोर से।

कुछ देर ऐसे ही चाटने के बाद रमेश खड़ा हुआ और अपने लंड पर थूक लगा कर उसने रिया की गांड में लंड को लगा दिया और एक धक्के के साथ अपना लंड रिया की गांड में पेल दिया.

अचानक लगे धक्के से रिया दर्द से चीख पड़ी और कराहने लगी- आईई या … मर गयी … ऊईई मां … आह्ह डैड आराम से करना था. एक ही बार में पूरा घुसा दिया.

रमेश- साली ज्यादा नाटक मत कर. तेरी ये गाडं पूरे लंड के लंड खा जाती है. चुपचाप चुद मेरे लंड से। मैं तुझे फ्री में नहीं पेल रहा हूं. तुझे पूरी कीमत दे रहा हूं. इसलिए अपनी गांड को थोड़ी ढीली रख.

वो जोर जोर से धक्के लगाते हुए रिया की गांड को चोदने लगा. रिया भी अब मजे से सिसकारियां लेते हुए चुद रही थी. कुछ देर ऐसे ही अपनी बेटी की गांड चुदाई करने के बाद उसने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके मुंह में लंड दे दिया. रिया अपने घुटनों पर होकर उसके लंड को जोर जोर से चूसने लगी.

रमेश ने रिया के बाल पकड़ कर उसको ऊपर उठाया और फिर उसे धकेल कर नीचे फर्श पर गिरा दिया. फिर वो खुद भी नीचे लेट गया. रिया अब उसके तोप की तरह खड़े लंड पर बैठ गयी और उसने अपनी गांड में उसका लंड पूरा का पूरा अंदर ले लिया.

बाप का लंड गांड में लेकर वो उस पर जोर जोर से उछलने लगी और मस्त सिसकारियां लेने लगी- आह्ह यसस्स डैडी … उफ्फ तुम्हारा लंड डैडी, मुझे चुदने में बहुत मजा आ रहा है … आह्ह ओहह् याहहह … हम्म … वाह्हह … फक मी हार्ड डैडी।

रमेश- हां साली कुतिया … क्या मस्त गांड है तेरी … आह्ह चोद चोद कर गुफा कर दूंगा इसकी … आह्ह चुद साली रांड।
रिया लगातार रमेश के लंड पर उछलती रही और ऐसे ही 15 मिनट तक ये चुदाई चली.अब रमेश झड़ने के करीब पहुंच गया. उसने लंड को निकाला और रिया को नीचे पटक कर उसके मुंह के पास लंड को लाकर जोर जोर से मुठ मारने लगा- आह्ह साली कुतिया … आह्ह ये ले रंडी … आह्ह सस्स … आह स्स्स … करके वो तेज तेज मुठ मारने लगा.

कुछ पल बाद रमेश के लंड से वीर्य छूटने को हुआ तो उसने रिया के मुंह में लंड दे दिया और सारा माल उसके मुंह में भर दिया जिसे रिया गटक गयी. रमेश रिया के बदन पर ही ढेर हो गया.

रिया- डैड, बहुत ही टेस्टी है आपका वीर्य।
रमेश- तुझे पसंद आया?
रिया- अरे ऐसे कैसे पसंद नहीं आएगा? क्या मॉम को पसंद नहीं है?

रमेश- अरे उसे तो बहुत पसंद है मेरा वीर्य. पूरा पी जाती है. मगर साली गांड नहीं मारने देती है.
रिया- कोई बात नहीं डैड … आपकी बेटी है न? जितना मन करे उतना मेरी गांड मारो। माँ की कमी मैं पूरी करूँगी।

रिया- डैड, अपनी बेटी रिया को चोद कर कैसा लगा?
रमेश- यह भी कोई पूछने वाली बात है? तेरे जैसी बेटी भगवान सबको दे।
उस रोज रमेश ने चार बार रिया को अपने मनचाहे पोज में चोदा. रिया की चूत और गांड को चोद चोद कर उसने सुजा दिया.

फिर दोनों थक कर एक दूसरे से लिपट कर सो गये.सुबह के वक्त रमेश और रिया उठे. नाश्ते के बाद वो दोनों फिर से तैयार थे। रमेश ने रिया को पूरा नंगी कर दिया और खुद भी सिर्फ अंडरवियर में था।

रमेश रिया को पीछे से जकड़े हुए अपना लौड़ा अंडरवियर से बाहर निकाल कर रिया की गांड पर रगड़ने लगा। रिया को अपनी गांड पर अपने पिता का चुभता लौड़ा बहुत मस्त लग रहा था। उसका एक हाथ रमेश के लौड़े को अंडरवियर के ऊपर से ही महसूस करने लगा।

फिर रमेश ने रिया को झटके से अपनी ओर घुमा लिया। रिया की गांड की दरार में उसने उंगली घुसा दी. ऊपर से वो रिया के अंगूर समान निप्पल को मुंह में रखकर चूसने लगा।

रिया को अपनी चूचियों को चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था। वो अपनी चूची को उठा उठाकर अपने डैड के मुंह में देने लगी।
रमेश उसकी चूचियों को पूरे आनंद से चूस रहा था।

रिया सिसकारने लगी- आआआ … आआहह … डैड … चूस … स्सो.. ऊफ़्फ़ … आआहह … खूब चूसो। बहुत … अच्छा लग रहा है।
रमेश ने उसके आनंद को बनाये रखा और खूब चूसा।

रिया की बुर से पानी लगातार बह रहा था। रमेश ने उसकी दोनों चूचियों को खूब चूसा। रिया रमेश के लण्ड को सहला रही थी।

उसके बाद रमेश ने अपना अंडरवियर उतारना चाहा तो रिया ने उसे रोक दिया। वो खुद ही सिंक के पास फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी। रमेश के लण्ड को अंडरवियर के ऊपर से ही चाटने लगी। वो उसके लण्ड की खुशबू सूंघ रही थी।

रमेश का अंडरवियर रिया ने अपने थूक से गीला कर दिया। फिर उसने रमेश के लण्ड को अंडरवियर से बाहर निकाला। रमेश ने अंडरवियर को फिर निकाल ही दिया।

रिया ने अपने डैड के लण्ड को अपने चेहरे पर लगा कर उसके साइज को नापा. लगभग पूरा चेहरा लंड की लंबाई से कवर हो गया। रिया हंस रही थी.
वो बोली- डैड हमारे चेहरे के बराबर है आपका लण्ड।
रमेश- इसी ने कल रात तुम्हारी चुदाई की थी. अब खूब चुदोगी इससे!

रमेश के लण्ड को रिया ने अपने मुंह में भर लिया। रमेश को लण्ड चुसवाने का बहुत अनुभव था। रिया ने बिल्कुल वैसे ही चूसना शुरू किया जैसे ब्लू फिल्मों में करते हैं।

रिया ने उसके लण्ड को पूरा थूक से नहला दिया। उसका थूक रमेश के लण्ड से धागों की तरह लटकता हुआ टपक टपक कर नीचे गिर रहा था. वो पूरा मन लगा लगा कर अपने पापा के लण्ड को चाट रही थी।

कभी लण्ड के सुपारे को जीभ से रगड़ती और चूसने लगती। लण्ड के छेद को जीभ से छेड़ती। फिर लण्ड पर थूक कर अपने हाथों से मलती और फिर लण्ड को मुंह में भरकर चूसने लगती।
 
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रिया चूसते हुए बोली- डैड तुम्हारा लण्ड बहुत मस्त है। एकदम कड़क है. आह्ह … अम्म … ओम्म … आह्ह … चप … चप …
करते हुए वो लंड को चूसती रही.
रमेश कुछ नहीं बोल पा रहा था. उसके मुंह से केवल आनंद के सीत्कार निकल रहे थे- आह्ह … हाय … अम्म … आह्ह … आह्हा …कमाल की चुसक्कड़ हो बेटी।

रिया ने फिर रमेश के लण्ड को पूरा मुंह में घुसा लिया और रमेश को देखती रही। मुंह में लण्ड होने की वजह से उसके गाल फूल गए थे। वो तिरछी नज़रों से रमेश को देख रही थी। कुछ देर वैसे ही रुकने के बाद उसको उबकाई आयी और पूरा लण्ड बाहर आ गया।

लौड़ा पूरा थूक से सन चुका था। रिया की आंखों में इस वजह से आंसू थे और हांफ रही थी।
रिया ने रमेश को देखा और कहा- इसे गैगिंग कहते हैं डैड। मैंने ऐसा खीरे के साथ कई बार किया हुआ है और अब लंड के साथ कर रही हूं.

रमेश ने जोश में कहा- हाँ, पता है मुझे. मैं भी इस क्रिया का बहुत फैन हूं. तुम बहुत मस्त कर रही हो. बिल्कुल ब्लू फिल्म की रंडियों की तरह।
रिया- डैड चुदाई का मज़ा तो गालियों के साथ ही आता है। मुझे गालियों से कोई ऐतराज नहीं है. आपका मन करे तो गाली भी दो.
ऐसा कह कर रिया ने फिर से रमेश के लंड को मुंह में भर लिया.

रमेश- क्या बात है साली रंडी! मेरे मुंह की बात छीन ली, आज से तू मेरी रंडी है साली। अब तू बेटी से रंडी बन गयी है।

रिया लण्ड चूस रही थी. तब रमेश ने उसके बालों का गुच्छा बनाकर कसकर पकड़ लिया जिससे उसके बाल हल्के खिंच रहे थे।

तब उसने लण्ड को बाहर निकाल लिया. रिया का मुंह अभी भी खुला था. रमेश ने उसके खुले मुंह में थूक की गेंद बनाकर फेंक दी.
रिया ने उसे अपने डैड को दिखाते हुए पी लिया और बोली- और थूको डैड। प्लीज और दो।
उसने मुंह खोल दिया।

रमेश ने फिर वैसे ही किया। इस बार भी रिया ने वही किया। वो सारे थूक को मस्ती से चाट कर अंदर पी गयी.
रमेश- रिया तुम कितनी बड़ी रंडी हो, मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरी बेटी के अंदर इतनी बड़ी रंडी रहती है।

रमेश अपना लण्ड रिया के मुंह पर रगड़ने लगा। उसके पूरे चेहरे को अपने लण्ड पर लगे थूक से भिगो दिया। रिया को ये बहुत ही उत्तेजक लग रहा था।

कुछ देर उसके चेहरे पर ऐसा करने के बाद उसने रिया को बालों से पकड़कर किचन की दीवार से लगा दिया, जिससे वो पीछे पूरी तरह से चिपक गयी. अब वो और पीछे नहीं जा सकती थी।

रमेश ने रिया के मुंह में लौड़ा डाल दिया। रिया का मुंह पूरा उसके लौड़े से भर गया।

रिया के मुंह को रमेश बेरहमी से चोदने लगा। रमेश ठोकर मारता तो उसके आंड रिया की ठुड्ढी और होंठों से टकरा जाते थे। रिया की आंखें बिना पलक झपकाए रमेश की आंखों को निहार रही थीं।गर्मी की वजह से दोनों पसीना पसीना हो चुके थे। मगर दोनों में से कोई भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था। रमेश लौड़ा निकालता और उस पर लगा थूक रिया के चेहरे पर मल देता। रिया के मुंह से थूक के धागे बन बनकर फर्श पर गिर रहे थे।

रमेश- क्यों रंडी बेटी? मज़ा आ रहा है चुदाई में?
रिया सिर्फ हल्का सिर हिलाकर- गूँ-गूँ … गूँ-गूँ … गूँ-गूँ.. गूँ … गों गों करके जवाब दे रही थी।

फिर रमेश ने रिया को बालों से पकड़े हुए ही उठाया और उसे पकड़ कर किचन से बाहर ले आया।
रमेश कामुकता से बोला- क्या मस्त रंडी छुपी थी इस घर में और मैं ब्लू फिल्में देखता था। सच में लड़की में त्रियाचरित्र के गुण होते ही हैं। साली ऊपर से ढोंग रचती है पवित्र होने का और अंदर से उतनी बड़ी रांड के गुण छुपाये रहती है।

फिर रमेश रिया को अपने कमरे में ले गया और उसको बिस्तर पर धकेल दिया।

रिया- अब क्या करोगे डैड?
वो मुस्कुराते हुए कामुकता से बोली।
रमेश- तुम्हारी चूत का स्वाद चखना है। चल अपना पैर फैलाकर चूत को खोल साली कुतिया।
रिया- वाह डैड, तुम मेरी चूत को चूसोगे, आ जाओ। इस चूत को और गर्म कर दो. अभी तक कितनों ने चूसा है इसको, आज आप भी स्पेशल चुसाई कर डालो मेरी गर्म गर्म तपती हुई चूत की। आह्ह चूस लो डैडी।

रमेश ने रिया की टांगों के बीच में जगह बनाई और बैठ गया। उसने रिया के करीब आकर उसकी चूत को पहले सूँघा। सूंघने से उसमें चूत की सौंधी सी खुशबू आ रही थी।

रिया की चूत गीली हो चुकी थी। उसमें से लसलसा पदार्थ बह रहा था जो कि चूत को चिकना कर रहा था. चूत की दोनों फाँकों को रिया ने अलग कर रखा था। अंदर सब गुलाबी गुलाबी था।

फैलाने से चूत का छेद हल्का हल्का दिखाई दे रहा था. उसने चूत के ऊपर थूक दिया और उस पर खूब मल दिया। उसने करीब 5 – 6 बार थूका। फिर चूत की चुसाई में लग गया।

उसने जीभ से चूत की लंबी चिराई को सहलाना शुरू किया और अपने दायें हाथ की मध्य उंगली उसकी चूत में घुसा दी।
रिया चिहुंक उठी- ऊफ़्फ़ … आआहह.. ऊईईईई … आआहह … आऊऊ डैड बहुत अच्छा लग रहा है।

उसके हाथ रमेश के सर के पीछे थे जो रमेश को चूत की तरफ लगातार धकेल रहे थे।
रमेश तो रिया की रसीली चूत चूसने में तल्लीन था। रमेश के मुंह से केवल लप लप लप लप लप … लुप-लुप … सुनाई दे रहा था।

रिया कामुकता से लबरेज़ अब बकते जा रही थी- डैड और चूसो … खूब चूसो … आआहह ऐसे ही … ऊफ़्फ़ … ऊउईईई मर गयी … आह्ह डैडी … चूसते रहो … आह्ह मा … आह्ह ओह्ह।

रमेश की उंगलियां उसकी चूत की गहराई में उतर रही थी। रमेश कभी उसकी चूत के दाने को चूसता, कभी दांतों से हल्का काट लेता। ऐसा करके वो रिया को चरम सुख की ओर ले जा रहा था।

तभी रिया ने उसके सर को अपनी जांघों के बीच में जकड़ लिया और दोनों हाथों से उसके सर को चूत पर धकेलने लगी।
एक चीख उसके मुंह से फूटी- आहहह आईईई … आह्हह …हाहह … गईईई …
करके वो जोर से चिल्लाई और फिर निढाल हो गयी.
 
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रिया ने अपने बाप को अपनी बांहों में भर लिया।
रमेश बोला- बिना लण्ड लिए ही झड़ गयी साली रंडी?
रिया ने अपने डैड के सर को पकड़ लिया और चूमने लगी। अब रमेश रिया के ऊपर लेटा था।

एक हाथ से रिया ने रमेश के लण्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगी। रमेश ने रिया की आंखों में देखा. वो मदहोश हो चुकी थी।

रमेश ने रिया को खड़ी होने के लिए कहा और खुद उठकर बैठ गया। उसने रिया की नाभि को चूमा और उसमें जीभ घुसाकर चाटने लगा। रिया खड़ी खड़ी आहें भर रही थी।

वो अपने दोनों हाथ रमेश के कंधों पर रखे हुए थी। उसकी आंखें बंद थीं और भवें कामुकता से तनी हुई थीं। रमेश ने रिया की चूत में उंगली घुसा रखी थी. वो रिया की चूत में तेजी से उंगली चला रहा था.

रिया इतनी गर्म हो गयी कि उसकी सिसकारियां कमरे की दीवारों को जैसे तोड़ने पर उतारू हो गयीं.
रमेश- बेटी इस समय क्या मस्त लग रही हो तुम। मन कर रहा है, तुमको हमेशा ऐसे ही देखूं, रुको कैमरा लाता हूं.

रमेश को रोकते हुए रिया बोली- नहीं डैड अभी नहीं, प्लीज बाद में … इस वक़्त तो मुझे तुम्हारा लौड़ा चाहिए। मैं बहुत चुदासी हो गई हूं. उफ़्फ़ … कितना अच्छा लग रहा है. लौड़ा डालोगे तो और मज़ा आएगा। हाय … डैडी मेरी चूत को चोद दो ना प्लीज.. आपकी रंडी बेटी की रिक्वेस्ट है.. डैडी प्लीज चोद दो मुझे।

रमेश- तेरा यही एक्सप्रेशन तो चाहिए साली रंडी। बस तुरंत आ जाऊंगा और जितना चाहेगी उतना पेलूँगा तुमको। रमेश ने उसकी चूत से उंगली निकाली और चाट गया।

रिया इतनी चुदासी थी कि वो अपने अंग अंग को खुद ही सहला रही थी। रमेश फौरन अपने कमरे में गया और अलमारी से कैमरा ले आया। रिया खड़ी खड़ी अपनी चूत को सहला रही थी। रमेश ने उसको बिना बताए कुछ फ़ोटो ली उसी अवस्था में। फिर उसने रिया को सोफे पर लेट कर छत की ओर देखने को कहा.

वो सोफे पर लेट गयी. रमेश ने उसे सर को सोफे के हैंडल पर रखने को बोला. उसके बाल समेटकर बाहर लटका दिए। फिर रिया ने एक हाथ से अपनी चूत को फैला दिया और दूसरे हाथ की पहली उंगली मुंह में दबा ली.

पोज देख कर रमेश बोला- परफेक्ट!
रिया- डैड जल्दी से मुझे लंड दे दो. ये फोटो बाद में भी ले सकते हैं. मैं लंड लिये बिना नहीं रह सकती हूं. जैसा तुम कहोगे वैसा करूंगी. बस मुझे एक बार चोद दो डैडी।

रमेश- साली रंडी … तेरे चेहरे पर अभी जो चुदने की प्राकृतिक लालसा है, जितनी चुदासी तू हो रही है लण्ड लेने के लिए, जो तुम्हारे मन की प्यास है, ये बहुमूल्य भाव तुम्हारे चेहरे पर किसी गहने की तरह तुम्हारी अंदर की रांड को निखार रहे हैं।

कहते हुए रमेश ने 4-5 तस्वीरें क्लिक कीं। रिया अपनी बुर को रगड़ते हुए भिन्न भिन्न मुद्राओं में तस्वीर खिंचवा रही थी। रमेश उसकी नग्नता को तस्वीरों में कैद कर रहा था।उसने रिया को करवट लेकर लिटाया जिससे उसकी गांड रमेश के सामने आ गई। रिया ने रमेश का इशारा पाकर चूतड़ों को फैलाया। उसने कुछ और तस्वीरें ली।

फिर रिया फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और दोनों हाथों से अपनी चूचियों को पकड़ कर उसने जीभ बाहर निकाल ली। रमेश खुश होकर फोटो लेता रहा।

रमेश ने फिर बोला- बेटी अपने बालों को हाथों से पकड़ कर ऊपर उठा लो और कैमरे की तरफ देखो. हाँ … थोड़ा सर को झुकाओ। हाँ और चुदासी लाओ चेहरे पर … हहम्म … सही एकदम।
रिया ने वैसे करके पूछा- ठीक है ये?

अब रमेश ने रिया को फर्श पर कुतिया की तरह दोनों हाथों और घुटनों पर आने को कहा.
रमेश- हहम्म वाह … क्या लग रही हो। अपनी पीठ झुकाओ और पीछे चूतड़ को और उठाओ।

अब रिया ने वैसा ही किया. इन सब के दौरान दोनों बहुत उत्तेजना में आ चुके थे। रिया करीब 15 मिनट तक रमेश जैसे बताता गया वैसे पोज़ देती रही। फिर रिया को ये बर्दाश्त के बाहर होने लगा।

रिया ने रमेश से कहा- प्लीज अब ना तड़पाओ, देखो चूत से कितना पानी चू रहा है. अपनी रंडी बेटी को आपने कितनी चुदासी कर दिया है. लंड की प्यास बढ़ती जा रही है डैडी. अगर आपने अब लंड नहीं डाला तो मैं खुद ही उठ कर आपके लौड़े पर बैठ जाऊंगी.

रमेश- अच्छा, आ जा साली कुतिया आ। ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है। तुम्हारी और तस्वीरें लेनी है मगर बाद में लेंगे इससे भी मज़ेदार तरीके से। अभी प्यास बुझा ले अपनी चूत में लंड लेकर मेरा।

रिया कुतिया की हालत में थी. उसने रमेश की ओर घूम कर अपने चूतड़ों पर एक कसकर थप्पड़ मारा और बोली- दे दो अपना लौड़ा मेरी चूत में डैडी।

रमेश भी घुटनों पर आकर रिया के चूतड़ों के पीछे आ गया जिससे उसका लण्ड रिया की चूत से टकरा रहा था। रमेश ने अपने लण्ड पर थूका और पूरा मल दिया। फिर उसने रिया की चूत पर थूका, जिसकी जरूरत ही नहीं थी क्योंकि रिया की चूत पहले से ही काफी चिकनी हो चुकी थी।

रिया की चूत का रंग उसके शरीर से गहरा सांवला था. उसकी चूत पर हल्के बाल होने की वजह से वो और भी मस्त लग रही थी. उसकी चूत चमचमा रही थी। रमेश ने उसकी चूत की फांकों को अलग किया तो अंदर से गुलाबी दिखने लगा।

रमेश ने रिया की चूत पर अपने लौड़े का शिश्न छुआ दिया। रिया की सिसकारी निकल गयी। रमेश ने फिर उसे हटा लिया और आगे करके फिर से छुवाया।

रिया पीछे मुड़कर बोली- हटा क्यों लिया?
रमेश हँसकर बोला- दो ही दिन में मेरे लण्ड की आदत लग गयी है, क्या बात है?
रिया- शैतान कहीं के! बेटी को तड़पा रहे हो। अरे पेलो ना डैड!

रमेश- जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, डार्लिंग।
लण्ड को धीरे से रमेश अब रिया की चूत में घुसाने लगा. रिया को अपनी चूत में जाता हुआ लंड बड़ा ही आनंददायक अहसास देने लगा. उसके मुंह से लम्बी सी आह्ह निकल गयी- आहहहहहह … डैडी … आपका लण्ड … आह्ह।

लण्ड को रमेश ने अभी आधा ही घुसाया था. उसे अपनी बेटी की चूत में लण्ड घुसाने में स्वर्ग सा आनंद लग रहा था। चूत अंदर से गर्म थी जैसे लण्ड के स्वागत के लिए चूत ने तैयारी कर रखी हो।चूत को लण्ड का पूरा पूरा अहसास हो रहा था. रमेश ने जैसे ही लण्ड को पूरा उतारा तो रिया उन्माद में भर कर सिसकारी- उफ्फ … कितना भरा भरा महसूस हो रहा है आपका लंड डैडी। ये लंड आज थोड़ा बड़ा लग रहा है … आह्ह … लंड का मजा कितना सुखदायी होता है डैडी।

रमेश- लण्ड तो वही है साली रंडी, पर आज जो तुमने मॉडल की तरह जो फोटोज़ खिंचवाई है ना, उससे और कड़क हो गया है ये।
रिया- पता नहीं डैड, जो भी हो लण्ड से मेरी चूत पूरी भर चुकी है.

अब रमेश ने रिया के बालों को गुच्छा बना कर कस कर पकड़ लिया और उसकी चूत में धक्के मारने लगा. रिया भी अपनी कमर से पीछे धक्के लगा रही थी।

रमेश रिया को अभी प्यार से धक्के लगा रहा था। रमेश की नज़र रिया की गांड के छेद पर गयी। उसने रिया से बिना बताए अपनी एक उंगली को उसकी गांड में घुसा दिया।

रमेश- ऊफ़्फ़ … ये गांड कितनी टाइट है!
रिया की आवाज़ में धक्कों की वजह से कंपन थी- मुझे पता था कि तुम फिर से इसकी डिमांड करोगे. आजकल मर्द औरतों की चूत के साथ गांड जरूर चोदते हैं. चुदाई का ये नया स्वरूप आ गया है. चूत के साथ सबको गांड कॉम्पलीमेंट्री चाहिए. तुम भी चोद लेना मगर पहले चूत मारो मेरी।

रिया के कहने पर रमेश अपनी स्पीड बढ़ाता जा रहा था। रिया मस्ती में चुदवा रही थी। इस तरह रमेश रिया की गांड में भी उंगली तेज़ी से कर रहा था। दोनों एक दूसरे को खुश करने में लगे थे।

रमेश ने रिया की गांड से उंगली निकाली और अपनी उंगली को सूंघने लगा। रमेश ने जैसे ही उसे सूँघा मानो पागल हो उठा और खूब ज़ोरों से धक्के मारने लगा। रिया की गांड की खुशबू ने उसको दीवाना कर दिया था.

अब रिया भी बहुत ज्यादा कामुक हो उठी थी क्योंकि बढ़ते धक्के उसकी चूत में और ज्यादा आनंद दे रहे थे. उसकी चूत पर उसका कंट्रोल नहीं रह गया था. उसकी चूत धीरे धीरे रिया को परम सुख की ओर ले जा रही थी.

रमेश के धक्कों से चूत के अंदर का लावा फूटने लगा और रिया चीखते हुए झड़ गयी। रमेश ने महसूस किया कि रिया की चूत जैसे उसके लण्ड को निचोड़ रही हो। उसके लण्ड पर चूत का सारा रस निकल गया, पर रमेश ने किसी तरह लण्ड को झड़ने से रोक ही लिया।

रिया फर्श पर ढेर हो गयी, जैसे उसके शरीर में कुछ बाकी ही ना रहा हो।
 
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रमेश भी रिया के ऊपर लेट कर थोड़ी देर शांत होकर लेट गया। वो जानता था कि रिया की गांड मारने में जल्दी करेगा तो ज्यादा देर तक नहीं मार पायेगा।

रिया मुस्कराते हुए लेटी हुई थी। रमेश उसके बालों को सहला रहा था।

कुछ देर तक ऐसे ही लेटने के बाद रमेश उठा और फर्श पर ही बैठ गया। रिया में उठने की हिम्मत ही नहीं थी। रमेश ने उसे उठाया और अपने सीने से लगा लिया। रिया ने आंखें आधी खोलीं और रमेश को देख कर हल्का मुस्कराई।

उसके चेहरे को देख कर रमेश बोला- क्या बात है साली रंडी। थक गई क्या? क्यों साली रंडी की बच्ची … अभी इतनी ही चुदाई में तेरी गांड फट रही है? अभी तो मुझे तेरी गांड की ऐसी चुदाई करनी है कि साली तू जमीन से उठ भी नहीं पायेगी. तेरी गांड में मैं अपना लंड पूरा पेल के रहूंगा और तुझे बताऊंगा कि एक रंडी का क्या काम होता है.

यह कह कर रमेश ने रिया की गांड पर एक लात मारी और रिया गिर गयी.

मगर रमेश ने फिर से रिया को उठाया और उसकी गांड पर दो-तीन थप्पड़ लगाये और बोला- अभी ठीक से अपनी गांड को मेरे लंड के सामने रख दे क्योंकि तेरी गांड मुझे बहुत पसंद है।

रमेश- फ्री के पैसे नहीं दिए मैंने. तेरी गांड मारने के लिए ही पैसे दिए हैं. तुझे जितनी ज्यादा तकलीफ होगी मुझे उतना ही ज्यादा मज़ा आएगा।
ये कह कर रमेश ने रिया की गांड में थूक दिया और अपनी दो उंगलियों से रिया की गांड के छेद को ढीला करने लगा.

जब रिया की गांड कुछ खुल गई तो तब रमेश ने अपने मोटे लंड को रिया की गांड में एकदम से पेल दिया. रिया एकदम से जोर से चिल्लाई और नीचे गिर गयी. मगर रमेश को कोई फर्क नहीं पड़ा.

उसने दो-तीन थप्पड़ रिया की गांड पर लगाये जिससे रिया फिर उठ गयी. फिर रमेश ने दोबारा से उसकी गांड चुदाई शुरू कर दी. वो इतनी बेदर्दी से उसकी गांड को चोदने लगा जैसे कि वो उसकी बेटी ना होकर कोई सचमुच की रंडी हो.

रिया को समझ में नहीं आया कि उसका बाप इतना जालिम कैसे हो सकता है? वह दर्द को बर्दाश्त करने लगी.

कुछ ही देर की चुदाई के बाद रिया को थोड़ा मजा आने लगा. वह गांड को पीछे धकेल धकेल कर अपनी गांड मरवाने लगी. रिया को गर्म देखकर रमेश ने रिया की गांड पर थप्पड़ों की बरसात कर दी.

लगातार थप्पड़ लगने से रिया की गांड पूरी लाल हो गयी. रमेश पूरे जोर जोर से रिया को चोदने में लगा हुआ था. 1 घंटे तक रिया की गांड मारने के बाद रमेश ने अपना पूरा माल रिया की गांड में गिरा दिया.

रमेश ने रिया को कुतिया ही बने रहने के लिए बोला. इससे रिया की गांड से रमेश के लंड का वीर्य धीरे धीरे बहता हुआ नीचे आने लगा और बाहर गिरने लगा. रमेश ने रिया को नीचे गिरा हुआ वीर्य चाटने के लिए कहा.

रिया ने वीर्य को चाटने से मना कर दिया लेकिन रमेश ने फिर उसे दो थप्पड़ लगा दिये. रिया फिर अपनी जीभ लगा कर अपनी ही गांड से निकले वीर्य को चाटने लगी.

इस सीन को देख कर रमेश उसकी वीडियो बनाने लगा.
वो बोला- वाह … साली। तेरी जैसी दो टके की रंडी कहीं नहीं मिलेगी जो अपनी ही गांड से निकले हुए वीर्य को फर्श पर से चाट ले. मुझे पूरा विश्वास है कि देश में तेरे जितनी बड़ी रंडी शायद कोई नहीं होगी. चल अब मेरे लंड पर लगे हुए माल को भी चाट जा। चल … चाट साली कुतिया।

रिया ने कुतिया बनकर अपने डैड के लंड पर लगे माल को किसी पालतू जानवर की तरह अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर दिया. रमेश उठकर कुतिया बनी रिया की गांड देखने लगा.

रमेश- वाह … साली रंडी। तेरी गांड कितनी खूबसूरत लग रही है। चुदकर पूरी खुल गयी है। अंदर का गुलाबी हिस्सा अब बाहर से भी दिख रहा है। दस मिनट में ही मेरे लण्ड ने इसकी खूब खबर ले ली।
उसने उसकी गांड में उंगली घुसाते हुए कहा।

रिया- मेरी इस चुदी हुई गांड की एक फोटो ले लो डैडी, अच्छा रहेगा.
रमेश- हां. सही कहा.
रमेश ने फौरन कैमरे से रिया की गांड की तस्वीर ले ली। उसने रिया को गांड फैलाने के लिए कहा.

रिया गांड फैला कर लेट गयी. रमेश ने कभी करवट लेते हुए उसकी फोटो निकाली तो कभी पेट के बल लेटा कर उसकी नंगी गांड को कैमरे में कैद किया.
काफी फोटो लेने के बाद वो बोला- चल मेरी रंडी बेटी, अब मेरे लिये खाना लगा दे.

वो उठी और डैड का हुक्म मानते हुए तैयारी करने लगी.गांड चुदाई के लम्बे दौर के बाद रमेश और रिया दोनों थक कर लेट गये थे.
रमेश- खाना खाकर कुछ देर रेस्ट कर लेते हैं. फिर तेरी गांड मारूँगा साली रंडी।

दो घंटे रेस्ट करने के बाद रमेश फिर से रिया के पास आ गया जो बेड पर थक कर सो रही थी।
कुछ देर उसकी रसीली गांड और चूत का स्वाद लेने के बाद रमेश का लण्ड पत्थर की तरह कड़क हो चला था जिसे अब रिया की गांड ही अपने अंदर लेकर मोम सा पिघला सकती थी।

रमेश ने रिया के चूतड़ों पर एक तमाचा मारा और बोला- उठ साली रंडी की बच्ची! छिनाल कुतिया, चल घोड़ी बन जा।
रिया- हां-हां जरूर डैड … उफ़्फ़फ़ … ये एक नया ही अहसास था। क्या मस्त मज़ा मिला आज। आज इस लण्ड को मैं अपनी गांड की पूरी गहराई का अहसास कराऊंगी.

वो बोला- पहले कुतिया बनकर चूस इसे। अपने थूक से नहला दे इसे साली कुतिया। तेरी गांड तो पहले से ही गीली है।
रिया झुककर कुतिया बन गयी और अपने बाल संवारते हुए लण्ड को अपने प्यासे मुंह में गले तक ले गयी।

वो लण्ड चूसने की उस्ताद थी। पापा का लंड उसे वाकई बहुत कड़क लग रहा था। उसने अपनी जुबान का भरपूर उपयोग किया। रमेश के आण्डों को सहलाते हुए वो उसका लंड मस्ती में चूसने में पूरी मग्न थी.

रमेश ने अपने एक पैर को रिया की पीठ पर रखा हुआ था और रिया के बाल सहलाते हुए उसको खूब गालियाँ दे रहा था- मादरचोद, मां की लौड़ी, भोसड़ीवाली, चुदक्कड़ रांड …
और भी कई अलंकारों से रमेश ने उसको नवाज़ा।

रिया गालियां सुनकर और ज्यादा जोश में आ रही थी और लंड चूसने की उसकी गति बढ़ती जा रही थी.

थोड़ी देर के बाद रमेश ने रिया के मुंह से लण्ड निकाल लिया।

फिर रिया उसी तरह घोड़ी बनी हुई थी. वो रमेश की ओर बेसब्री और कामुक अंदाज़ से उसको पीछे आते देख रही थी।
वो बोली- डैड, इस रंडी की गांड मारने के लिए तेल लगा लो! नहीं तो दुखेगा।

रमेश- तेरी गांड पहले से ही खुली हुई है साली रंडी. तेरी गांड को गीला करने के लिए थूक ही काफी है.
उसने काफी सारा थूक रिया की गांड पर लगा दिया. रिया भी थूक को अपनी गांड पर फैलाने लगी.

फिर रमेश ने रिया की गांड के छेद पर लण्ड टिकाया और पहले खूब रगड़ा लण्ड को उसके भूरे सिकुड़े हुए गांड के छेद पर। रिया को ये अहसास हुआ और उसे पता लग गया कि उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा लण्ड फिर से उसकी गांड में घुसने वाला है।

वो वासना से ओत प्रोत थी। रमेश ने रिया के बालों को कसकर पकड़ा और लण्ड को दूसरे हाथ से गांड में घुसाने लगा। लण्ड धीरे से गाँड की छेद की परिमिति को बढ़ाते हुए गाँड में प्रवेश करने लगा।रमेश धीरे से लण्ड घुसा रहा था मगर रिया की चीख अभी एक तिहाई सुपारा घुसने के समय ही निकलने लगी। रमेश डर गया और रुक गया. तब रिया पीछे मुडी और हंसते हुए बोली- अरे, डैड मजाक किया था, डालो ना।

इस पर रमेश ने उसके बालों को कसकर खींचा और बोला- साली देख अब तू, कैसे तेरी गाँड का गड्ढा बनाता हूं मैं. इतना चोदूंगा कि अपनी माँ को याद करोगी।

उसने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लण्ड एक साथ रिया की कसी हुई गाँड में उतर गया।

रिया ने हालांकि गाँड बहुत मरवाई थी, मगर इतना मोटा तगड़ा लौड़ा ले रही थी इसलिए उसकी चीख निकल गयी। वो लगभग रोते हुए बोली- डैड आराम से तो पेलते, कहीं गांड फट जाती तो?

रमेश- तुमको अब पता चला ना कि कैसा लगता है गाँड में लण्ड घुसता है तो। अब तो घुस गया. थोड़ी देर में गाँड उसको जगह दे देगी और तुमको मज़ा आएगा।

रिया- अरे डैड, मैं अपना सब तुमको दे चुकी हूं और साथ में मज़ा लूटना है ना! आआहह … थोड़ी देर बस लण्ड को गाँड में स्थिर रखो फिर खूब चोदना। तुमने तो लंड ऐसे घुसाया कि लंड को गांड से डाल कर मुंह से निकाल दोगे!

रमेश- ठीक है साली रंडी, मगर तूने ही मुझे उकसाया था. तेरे मस्त चूतड़ और तेरी गांड के उभरे हुए छेद को देख कर मुझसे रहा नहीं गया.
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद रिया ने कहा- हाँ अब लगता है कि गाँड अभ्यस्त हो गयी है। अब चोदो अपनी रंडी बेटी की गाँड को जितना जी चाहे। अब मज़ा आएगा डैडी।

ये सुन कर रमेश ने रिया की गाँड के छेद, जिसमें उसका लण्ड ऐसे फंसा था जैसे गूँथे हुए आटे में किसी ने लकड़ी गाड़ दी हो, पर थूक दिया। गाँड के छेद के किनारे गहरे भूरे रंग के थे।

रमेश ने अपनी उंगली से थूक को छेद के चारों ओर पोत दिया। फिर उसने लण्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया. लण्ड को वो बमुश्किल आधा इंच ही अंदर बाहर कर रहा था।

धीरे धीरे उसने अपनी रफ्तार बढ़ानी शुरू की। उसे अपने लण्ड पर गाँड का कसाव मूंग के हलवे की तरह लग रहा था। लण्ड का अहसास रिया को भी बहुत आनन्ददायक लग रहा था।

गाँड के अंदर जो नर्व एन्डिंग्स होती हैं वहां पर रिया को लंड का घर्षण बहुत मजा दे रहा था. इसलिए गाँड की चुदाई का मज़ा डबल हो रहा था। रमेश गाँड मारने में मस्त था तो रिया गाँड मरवाने में मस्त थी।

धीरे धीरे उनकी मस्ती अब आक्रामक कामुक जोश में बदलने लगी। रमेश अब आधे से भी ज़्यादा लण्ड अंदर बाहर कर रहा था। रिया भी अपनी गाँड पीछे करके लण्ड लेने में कोई कोताही नहीं बरत रही थी। रमेश एक हाथ से रिया के बाल खींच रहा था और दूसरे हाथ से उसके चर्बीदार चूतड़ों को मसल रहा था।

अब पूरी तेज़ी से गाँड की चुदाई चल रही थी। रिया की गाँड से कुछ ग्रीज़ की तरह तरल पदार्थ रिसने लगा और रमेश के लण्ड पर चिपकने लगा। रमेश ने ये देखा तो उसने सोचा कि क्यों न रिया की गांड के इस लसलसे पदार्थ को रिया से ही चटवाया जाये!
 
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रमेश ने ये सोचकर कमर की हरकत रोक दी। फिर दोनों चूतड़ों को फैलाकर अपने लण्ड को धीरे धीरे बाहर निकाला। रिया की गांड का छेद रमेश के लंड की गोलाई के जितना चौड़ा हो गया था. लंड पर पूरा चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था.

रिया की गांड का अंदर का गुलाबी हिस्सा साफ साफ दिख रहा था. लंड बाहर निकला तो रिया की सांसों के साथ ही उसकी गांड के अंदर का हिस्सा भी ऊपर नीचे हो रहा था. रमेश ने गांड के अंदर ही थूक दिया। वो ये दृश्य देखकर जैसे मदहोश हो रहा था.

तभी रिया ने टोका- क्या हुआ डैड? क्यों निकाल लिया लण्ड बाहर?
रमेश ने उसकी ओर मुस्कुरा कर देखा और बोला- इधर आ साली कुतिया और चूस इस लण्ड पर लगे अपनी गांड के रस को.

रिया पीछे घूम गयी और उसने लण्ड को जड़ से पकड़ लिया. फिर रमेश की आंखों में देखते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली और लण्ड के निचले हिस्से को चाटने लगी। फिर सुपारे पर चूसने लगी और फिर लंड के दायें बायें और फिर ऊपरी हिस्से पर अपनी जुबान फिराने लगी.

रमेश उसके बालों को संवारते हुए उसकी ओर प्यार से देख रहा था। रिया ने उसकी ओर देखा और कहा- मेरी गांड तो बहुत मीठी है डैड.
रमेश- क्यों ना होगी? तुम हो ही स्वीट, अब पता चला कि हम मर्द लोग गांड को क्यों चाटते हैं?

रिया के मुंह मे लण्ड था, मगर फिर भी उसकी हंसी रुक नहीं पाई।
वो बोली- अब रोज़ चटवाऊंगी और चाटूंगी लंड से चुदवाने के बाद। डैड, ये एक नई चीज पता चली मुझे आज।

फिर रमेश ने लण्ड को छुड़ा लिया और बोला- अभी पहले तुम्हारी गांड की चुदाई अधूरी है। तुम अपनी चूत को मसलती रहना, तब तुमको और मज़ा आएगा।

रमेश ने रिया को पीठ के बल अपने सामने लिटा दिया। उसके बाल बिखरे हुए थे। होंठों पर लण्ड चूसने के बाद चमक थी। आंखों में कामुकता की प्यास थी। चूचियां तनकर पहाड़ सी लग रही थीं। रमेश ने उसकी गांड़ के नीचे तकिया लगा दिया और फिर उसकी गांड में लण्ड घुसा दिया।

रिया अपनी चूत मसलने लगी और रमेश ने उसकी दोनों चूचियों को अपने पंजों की गिरफ्त में ले लिया। अब फिर से घमासान चुदाई शुरू होने वाली थी।
रमेश ने अब रिया की गांड फिर से मारनी शुरू कर दी।

अब रिया की गाँड भी ढीली हो चुकी थी। अब लण्ड के आवागमन में कोई दिक्कत नहीं थी। वो गांड मरवाते हुए अपनी चूत के दाने को छेड़ रही थी। रमेश ने उसकी चूत पर थूक दिया तो रिया उसे पूरी चूत पर मलने लगी।

रिया- आआहह डैड … ऐसे ही! आआहह … उफ़्फ़फ़ … चोदो इस्स! लण्ड चाहे चूत में घुसे या गाँड में, लण्ड को पाने के बाद लड़की मस्त हो ही जाती है।

रमेश- बेटी, देखो ना तुम्हारी गाँड कैसे लण्ड को अपने अंदर समा रही है। जैसे यह मेरे लण्ड का स्वागत कर रही है और कह रही है कि आओ और मुझे जरा और ज्यादा फैला दो।रिया- लड़कियों की गाँड चुदने के लिए ही बनी है डैड, ये बात समझ लो। तो फिर क्यों ना स्वागत करे वो। उस पर इतना मस्त लौड़ा … आआहह हह्ह। चोदो अपनी रंडी बेटी की गाँड को और अपने लण्ड की मोहर लगा दो. उफ़्फ़फ़ … मुझे पेशाब भी लग रहा है।

रमेश- तुम फिक्र मत करो बेटी. थोड़ी देर रुक जाओ. तुम्हारी तबियत से गांड मरवाई होगी. कोई कमी नहीं रहने दूंगा। अपनी रंडी की हर ख्वाइश पूरी करेंगे। तेरी गाँड ने पहले से ही लण्ड को जकड़ रखा है, जैसे उसे अंदर खींच रही है. उफ़्फ़फ़ … आह … ओह्ह … साली रांड।

रिया- मुठ गिरने वाला है क्या डैड?
रमेश- हाँ, पियोगी? आह्हह …
रिया- अंदर ही गिरा दो डैड! मेरा भी होने वाला है।
रमेश- ठीक है, ये ले रंडी।

करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद रमेश ने मुठ अपनी रंडी बेटी की गाँड में निकाल दिया। करीब 5-7 पिचकारी मारते हुए रमेश चीखता हुआ रिया की चूचियों पर सर रखकर लेट गया।

उधर चूत के मसलने और गाँड में मुठ की धाराओं को महसूस करके रिया भी झड़ गयी और दोनों उसी तरह लेटे रहे। थोड़ी देर बाद रमेश का लण्ड धीरे से निकलने लगा तो रिया ने अपनी गाँड में पास पड़ी अपनी पैंटी घुसा ली और फिर अपने डैड को गले से चिपका लिया।

रमेश जैसे बेहोश था। दोनों गांड मरवाई से थक चुके थे।

कुछ देर बाद:

रमेश- अब तेरा सूसू नहीं आ रहा क्या साली रंडी? गाण्ड मारने के वक्त तो बहुत चिल्ला रही थी तू?
रिया- डैड उस वक्त आया था. अब नहीं आ रहा है।

रमेश- जा अब कर ले. नहीं तो फिर से लौड़ा चूत के अन्दर जाएगा तो दोबारा बोलोगी. तब तक मैं थोड़ा रेस्ट कर लूँ।
रिया- हाँ डैड, सही कहा आपने. चुदाई के वक्त फिर से आ गया तो हमारा मज़ा खराब हो जाएगा।

रिया जब उठी तो उसको गाण्ड में दर्द महसूस हुआ. वो जब चलने लगी तो दर्द की वजह से उसकी चाल बदल गई. वो कूल्हे उठा कर चल रही थी। रिया गाण्ड को मटकाती हुई सीधी बाथरूम की तरफ़ चली गई।

रमेश आराम से लेटा हुआ था.
तभी उसके दिमाग़ में कोई बात आई और वो उठकर सीधा बाथरूम की तरफ़ भागा तो देखा रिया पेशाब करने बैठी ही थी.
रमेश को देख कर खड़ी हो गई और चौंकती हुई बोली- ओह्ह … डैड ये क्या है! मैं तो डर गई. आप ऐसे अचानक आ गए?

वो बोला- अच्छा हुआ साली रंडी तूने सूसू नहीं किया. मेरा भी सूसू आया है. चल दोनों साथ में करेंगे. मज़ा आएगा.
रिया- हा हा हा … कुछ भी बोलते हो डैड। सूसू साथ में करने में क्या मज़ा?

रमेश- तू देख तो सही रंडी कि मैं क्या करता हूँ? मज़ा ना आए तो कहना!
रिया- जो करना है जल्दी करो डैड. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा. बड़ी ज़ोर का सूसू आया है।

फिर रमेश नीचे बैठ गया और रिया को करीब खींच कर अपनी जाँघों पर बिठा कर उसके मम्मों को चूसने लगा। उसका लौड़ा एकदम कड़क हो गया. उसने रिया की चूत पर लौड़ा टिका दिया और हल्का सा अन्दर पेल दिया।
 
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रिया सिसकारते हुए बोली- आह्ह … डैड क्या कर रहे हो … पहले सूसू तो करने दो … आप बाद में आराम से चोद लेना।
रमेश- मेरी जान … मैं चोद नहीं रहा हूँ. अब तू ज़ोर लगा के सूसू कर. देख कितना मज़ा आता है!

रमेश की बात को रिया समझ गई. वो मुस्कराने लगी और अपने डैड के गले में हाथ डालकर उसने एक किस कर दिया।
रमेश- अब सूसू करो. मैं धीरे-धीरे तुम्हारी चूत में लौड़ा डालूँगा. बहुत मज़ा आएगा।

रिया ने सूसू करना शुरू कर दिया. उसकी चूत से सीटी की आवाज़ निकलने लगी. उसकी गर्म-गर्म सूसू रमेश की जाँघों पर लगी तो उसको बहुत मज़ा आया और उसी पल रमेश ने भी सूसू की धार रिया की चूत में मार दी।

इससे रिया एकदम से चिहुँक सी गई. उसको चूत में अजीब सा अहसास होने लगा। कुछ देर तक दोनों सूसू करते रहे। कितना आनंद आ रहा था। जब दोनों सूसू कर चुके तो एक-दूसरे को देख कर हँसने लगे।

रिया- हा हा हा डैड, आपकी सूसू कितनी गर्म थी. मेरी चूत की सिकाई हो गई. थोड़ा सा गाण्ड में भी कर देते तो मज़ा आ जाता।
रमेश- तेरी चूत से कौन सी कोल्ड ड्रिंक बाहर आई है साली कुतिया? वो भी गर्म ही थी और तेरी गाण्ड में सूसू करने वाली इच्छा भी दोबारा मैं पूरी कर दूँगा।

वो बोली- डैड आपकी पूरी जाँघें और पेट सूसू से सन गया है. पहले नहा लेते हैं. उसके बाद बेडरूम में जाएँगे, नहीं तो पूरा बिस्तर खराब हो जाएगा और बदबू भी आएगी.

रमेश- ठीक है मेरी जान. लेकिन ऐसा मत कहो कि बदबू आएगी. ये तो अमृत है. मेरा तो दिल करता है कि तेरी चूत से निकला इसका एक-एक कतरा पी जाऊँ।

रिया- छी: छी: कितने गंदे हो डैड. सूसू पीने की बात कर रहे हो!
रमेश- अरे मजाक कर रहा हूँ साली रंडी।
फिर दोनों फ्रेश होकर बाहर आ गए।अगले दिन सुबह दोनों फ्रेश हो गए. तब रमेश ने रिया को पूरी तरह से नंगी होकर डांस करने को कहा।
रमेश ने म्यूजिक ऑन किया और एक बेहद सेक्सी गाना
एक तो कम ज़िन्दगानी
कमरे में बजने लगा।

रिया उस गाने की बीट पकड़ कर नाचने लगी। रिया को अपनी माँ से नाचने की कला विरासत में मिली थी। अब तो रमेश का बुरा हाल होने लगा।

इस गाने पर नाचते हुए रिया बेहद कामुक मूव्स कर रही थी जो कि उस भद्दे गाने की बोल से मिल रहे थे- जैसे अपने चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से हिलाना। चूचियों को उठा उठा कर हिलाना। होंठों को रगड़ना, आंखे मारना, अपनी चूत को वो इस सब के दौरान छुपाए हुए थी।

रमेश खुश भी था और हैरान भी अपनी रंडी बेटी का ये रूप देखकर।

थोड़ी देर बाद गाना बंद हो गया और रमेश ने ताली बजाई। रिया ने हंसकर हाथ के इशारे से धन्यवाद किया।

फिर रमेश उसके पास आ गया और दूसरा गाना लगाया
भीगे होंठ तेरे … प्यासा दिल मेरा
इमरान हाशमी और मल्लिका वाला।

दोनों ही उस धुन पर नंगे होकर नाचने लगे। इस दौरान रमेश और रिया ने एक दूसरे को कितनी बार चूमा, सहलाया उसका कोई हिसाब नहीं था। दोनों बिल्कुल एक दूसरे में मग्न हो गए थे।

जब गाना खत्म हुआ तो रिया रमेश की कमर के आसपास कैंची बनाकर उसकी गोद में चढ़ी हुई थी। रिया को ऐसे ही उठाकर रमेश अब कमरे की ओर बढ़ चला। दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराते हुए हांफ रहे थे।

रमेश रिया को कमरे में ले आया तो रिया ने रमेश से कहा- डैड आज का दिन यादगार बनाना होगा। तुम्हारे लण्ड की कसम, आज पूरा दिन चुदवाऊंगी. इसलिए आज हम तुम दोनों ही सेक्स की दवा खा लेते हैं।

रमेश- कहाँ रखे हुए हो जान सेक्स की दवा?
रिया- वहां रैक पर रखी है। आज के दिन की तैयारी है।
पहले उसने रिया को बिस्तर पर रखा. फिर वियाग्रा लाया. दोनों ने एक एक गोली खा ली.

फिर रमेश को देख रिया बोली- ये देखो डैड, तुमको ये देखकर अच्छा लगेगा।
रमेश- क्या?
रिया ने अपनी चूत फैला कर दिखा दी.

रमेश- साली रंडी, आज दिनभर तुमको खूब चोदूंगा. तू टेंशन मत ले।
रिया- जैसे मन करे वैसे चोदो डैड। मैं तुम्हारी दासी हूं.
रमेश- ठीक है, बेड से उतर और कुतिया बन जा फिर।

रिया ने वैसे ही किया। वो कुतिया की तरह चौपाया हो गयी। फिर रमेश उसके बालों को पकड़कर उसको अपने कमरे में ले गया और रिया के गले में कुतिया वाला पट्टा पहना दिया जिसमें चेन भी लगी हुई थी ।

फिर वह रिया को किसी कुतिया की तरह खींचते हुए उसके कमरे में ले गया।
उसने पूछा- लिपस्टिक कहां है तुम्हारी?
रिया- वो वहां दराज़ में है।

इतना कहना था कि रमेश ने एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और बोला- कुतिया बोलती नहीं सिर्फ भौंकती है. जीभ बाहर लटकाती है। इशारों से बात कर हरामज़ादी कुत्ती कमीनी, तेरी मां को चोदूं भोसड़ीवाली, कुतिया की पिल्ली।

रिया का चेहरा लाल हो उठा। मगर उसे समझ आ गया था कि रमेश शायद आज कोई नरमी नहीं बरतेगा। कहीं ना कहीं वो भी रमेश के हाथों जलील होना पसंद करती थी।

रिया- भौं-भौं … भौं-भौं … ठीक है?
रमेश- हां ये हुई ना बात, कुतिया साली।
रमेश ने लिपस्टिक निकाला और रिया के माथे पर हिंदी में लिखा- रंडी।रमेश ने उसके सामने फर्श पर थूका और रिया से बोला- चाट ले इसे। रिया एक पालतू कुतिया की तरह लपलपाती जीभ से बिना एक पल हिचके थूक चाट गयी।
रमेश- और चाटेगी?

रिया- भौं-भौं वुफ.. (जरूर जरूर, हां)।
रमेश ने उसके खुले मुंह में थूक दिया।
रिया उसे अमृत समझ कर निगल गयी।

रमेश- रिया माई बिच, हमारा फोन ले आओ।

आदेश पर रिया सुरेश का फोन अपने मुँह में उठा लाई. रिया की गांड को सहलाते हुए रमेश ने उससे फोन ले लिया. फिर रमेश ने रिया की कुछ तस्वीरें निकाली. रिया बिल्कुल कुतिया बनी हुई थी।
रमेश- तुम अब वापिस उठ सकती हो।

रिया उठकर रमेश के पास बैठ गयी।
फिर रमेश ने उससे पूछा- कैसा लगा रंडी बेटी ?
रिया- डैड आप बुरा तो नहीं मानोगे ना, या मुझे गलत तो नहीं समझोगे? मुझे गलत मत समझना। जो तुमने अभी किया उसमें मुझे बहुत मज़ा आया। आज तक मैंने ऐसे केवल ब्लू फिल्मों में देखा था.

रमेश- मैं बुरा क्यों मानूंगा? पगला गयी हो क्या? तुझे अगर मज़ा आया तो मुझे डबल मज़ा आया ये करने में।
रिया- मेरा हमेशा से इसी तरह चुदने का मन है। खूब गंदी चुदाई, गाली गलौच से भरी हुई चुदाई। आप मुझे एकदम घटिया सस्ती रंडी बनाकर चोदो। ऐसे चोदो कि कल सुबह मैं अपनी नज़रों से गिर जाऊं।

रिया- आप तो बहुत प्यार से चोदते हो। ना तो भद्दी भद्दी गालियां देते हो, ना मुझे जलील करते हो। मुझे अहसास दिलाओ कि मैं केवल चुदने के लिए ही बनी हूं. तुमने मुझे खरीद लिया है. अब मैं केवल तुम्हारे भोगने की चीज़ हूं. मेरे अंदर अपनी बेटी को नहीं एक कोठे की रंडी को देखो. आपको खुश …

बीच में टोकते हुए रमेश बोला- एक मिनट … एक मिनट … तुम ये सब जो बोल रही हो, सच में बोल रही हो ना? तुम सच में हमारी बेटी हो ना? मुझे नहीं पता था कि तुझे ऐसे चुदवाने का शौक है। अब तो बस तुम देखोगी कि मैं तुझे जलील करते हुए सस्ती रंडी बना कर चोदता हूं.

रिया- मुझे हमेशा से ऐसे ही चुदने का मन है। मगर शर्म से बोल नहीं पाती थी।
रमेश- अरे रंडी की बच्ची, चल अब शर्म को हमेशा के लिए टाटा बोल दो क्योंकि अब जो तुम्हारे साथ होगा उसमें तो शर्म को भी शर्म आ जायेगी। जा अपनी गंदी कच्छी ले आ और किचन से गिलास और खीर ले आओ।

गांड मटकाते हुए रिया चली गयी। रमेश अपने लण्ड को देखकर सोच रहा था कि क्या किस्मत है उसकी। रिया थोड़ी देर बाद वापस आ गयी। उसके हाथ में गंदी मैरून रंग की पैंटी थी। दूसरे हाथ में कटोरी में खीर और गिलास था।

रमेश- छिनाल सुन इधर सामने आ और अपनी बुर को फैला।
उसने रिया की गंदी पैंटी को उसकी चूत में घुसा दिया। उसके बाद उसने रिया को पीछे घोड़ी बनने को बोला।

रिया तुरंत घोड़ी बन गयी और पीछे मुड़कर बोली- क्या करने वाले हो?”
रमेश- चल अपनी गांड को फैला. तुम्हारी गांड में ये सारी खीर जायेगी.
रिया उत्साहित होकर- क्या??

रमेश- हाँ, सही सुना तुमने। चलो फैलाओ।
रिया ने वैसा ही करते हुए कहा- ये लो।
रमेश ने धीरे धीरे एक एक चम्मच करके सारी खीर रिया की गांड में ठूंस दी.रिया हंसते-मुस्कराते हुए सब देख रही थी और मज़े ले रही थी। तब रमेश ने रिया के बाल पकड़कर अपनी तरफ घुमा लिया और उसके हाथों में वो कटोरी पकड़ा दी।
रमेश- कैसा लग रहा है तुझे बुरचोदी साली रंडी?
रिया- सारी खीर तो तुमने गांड में डाल दी. अब क्या करोगे?

रमेश- वो अभी रहने दो। पहले अब लण्ड चूसो। जब तुम चुसोगी तो तुम अपना थूक इस कटोरे में चुआओगी। मेरे लण्ड से जो तुम्हारा थूक चूएगा वो भी इस कटोरे में और मैं जो थूकूंगा वो भी इसी में। इसे फेंकना मत हराम की पिल्ली।
रिया- ओह वाओ … ठीक है।

वो रमेश का लण्ड चूसने लगी। रमेश आराम से बेड पर बैठा था और रिया अपने मुंह का जादू दिखा रही थी। रमेश रिया के चूतड़ों को सहलाते हुए उस पर थप्पड़ भी मार रहा था। रिया धीरे धीरे रमेश के लण्ड को कसके चूसने लगी।

रमेश ने रिया को भद्दी भद्दी गालियां देने शुरू कर दिया- क्या बात है माँ की लौड़ी, भोसड़ी वाली, साली तुझे तो पोर्नस्टार होना चाहिए। कहां से तू यहां हमारे घर में पैदा हो गयी? तुझे तो अमेरिका में पैदा होना चाहिए था. वो भी किसी पोर्नस्टार के घर या रंडी के घर। तुझ पर शराफत जंचेगी ही नहीं। अच्छा हुआ अपना असली रूप तूने खुलकर बता दिया, अपने अंदर ऐसी खतरनाक जंगली बिल्ली छुपा कर रखी थी तूने मादरचोद!

रिया मुस्कुराते हुए लण्ड चूस रही थी।

तभी रमेश ने लण्ड का दबाव रिया के हलक तक पहुंचा दिया। रिया हटना चाहती थी मगर रमेश ने उसपर जोर बनाये रखा। उसके होंठ रमेश के लण्ड की जड़ में टकरा रहे थे। रिया गूं … गूं … करते हुए उबकाई के साथ स्वतः छूट गई।

लण्ड उसके मुंह से बाहर निकल आया जो कि पूरा का पूरा थूक से सना हुआ था. लण्ड से थूक चूने लगा तो रिया ने कटोरी लण्ड के नीचे लगा दी और अपने मुंह से चूते हुई लार को हाथों में इकट्ठा कर उस कटोरी में डाल दिया।

रमेश ने उसी वक़्त रिया से कहा- अरे बड़े घर की छिनाल लड़की, इतने से काम नहीं चलेगा। तुमको टाइम बढ़ाना होगा।
रिया ने हाँ में सर हिलाया। फिर दोबारा से रमेश के लण्ड को मुंह मे घुसा लिया उसने।

सिसकारते हुए रमेश बोला- हाँ.. आआहह … आ … आ … बहुत अच्छे मेरी जान … अच्छा कर रही हो। ये लो इनाम।
ये कह कर रमेश ने उस कटोरी में थूक का बड़ा लौंदा गिरा दिया।

रिया ने कटोरी बढाकर उसमें थूक ले लिया। रिया फिर कटोरी को अपने मुंह के ठीक नीचे, जहां लण्ड उसके मुंह मे घुसा था, लगा दिया। उसके मुंह से लगातार थूक और लार अब चूने लगे थे।

रमेश को ये बेहद कामुक लग रहा था। रिया धीरे धीरे अपनी स्पीड भी बढ़ा रही थी। उसने रमेश के लण्ड को और अंदर लेना शुरू किया। रमेश उसके गालों पर हल्की थपकियां मार रहा था।

रिया ने धीरे से पूरा लण्ड अपने मुंह मे समा लिया और रमेश के लण्ड के अंतिम छोर तक जा पहुंची।
रमेश ने उसका उत्साह बढ़ाया- हां, साली रंडी कुतिया ऐसे ही, बहुत अच्छे। अभी मुंह में लिए रह, देखूं तो सही मैं कि तू कितनी देर तक रुक सकती है।
 
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रिया आँखें बड़ी करके अपने डैड की आंखों में देख रही थी और रमेश के प्रोत्साहन से सांसें थाम कोई 15 सेकण्ड्स तक टिकी रही। फिर गैग रिफ्लेक्स की वजह से स्वतः अलग हो गयी और हांफते हुए हंसने लगी.

रमेश भी हंसने लगा.
रिया- ठीक कर रही हूं ना डैडी मैं?
रमेश- हम्म ….मगर मुझे लगता है कि तुम इससे और अच्छा कर सकती हो. ट्राय करो.

ये कह कर रमेश ने रिया के चेहरे को वापस भीगे लण्ड पर झुका दिया। रिया फिर लण्ड चूसने की प्रक्रिया में लीन हो गयी। रिया इस बार खुद को ही हराने के चक्कर में थी। इस बार उसने पूरे 30 सेकंड तक पूरे लण्ड को अपने हलक में छुपाए रखा।

रमेश को इतनी देर तक रिया के टिके रहने की उम्मीद नहीं थी। रमेश के आंड रिया की ठुड्ढी पर लटक रहे थे। रिया के चेहरे का निचला हिस्सा पूरी तरह गीला हो चुका था।

उसके हाथों में रखी कटोरी आधी भर चुकी थी। आखिरकार रिया ने मुंह से लण्ड को निकाला। रमेश ने उसके लिए ताली बजाई। रिया करीब 10 मिनट तक लण्ड चूसती रही।
रमेश- चल अब मैं तेरी गांड को चोदने का मजा लूंगा और तुझे भी बहुत मजा आयेगा.

रिया- मगर गांड में तो आपने खीर भर रखी है डैडी।
रमेश- लण्ड अपनी जगह बना लेगा साली रंडी। तू कुतिया बन जा।
रिया फिर चौपाया हो गयी और रमेश के सामने अपनी भूरी छेद वाली गाँड परोस दी।

रमेश ने उसके भारी भरकम चूतड़ों पर पहले थूका और तीन चार करारे थप्पड़ मारे। रिया थप्पड़ से उठे दर्द से ज्यादा आनंद महसूस कर रही थी। उसने खुद ही अपने चूतड़ पर तमाचे मारे- सटाक … सटाक … और मारो.. मेरी गांड पर। लाल कर दो डैडी.

वो ऐसा करते हुए अपनी गांड को जोर जोर से हिला रही थी. रमेश ने कई और थप्पड़ जोर से मारे.
रमेश ने फिर अपना लण्ड रिया की गांड पर रखा और पूछा- क्यों रे रंडी की बच्ची, लण्ड चाहिए?

रिया- हहम्म, हां चाहिए मुझे डैडी.
रमेश- क्या चाहिए कुत्ती खुलकर बोल? रमेश उसके बाल खींचते हुए बोला।
रिया- लण्ड … आपका लण्ड मुझे मेरी गांड में चाहिए डैडी। मुझे अपने लंड का ईनाम दे दो डैडी।

रमेश- भीख मांग लण्ड के लिए।
रिया- प्लीज डैडी, मैं आपके लंड की भीख मांग रही हूं. प्लीज ये मस्त लंड मेरी गांड में डाल दो. मेरी गांड चोद दो डैडी. प्लीज डैडी … मेरी गांड की चुदाई कर दो।

तभी रमेश ने अचानक से लंड के आगे का हिस्सा रिया की गांड में घुसा दिया. रिया के मुंह से चीख निकली मगर रमेश को कोई फर्क नहीं पड़ा। रिया के बाल पकड़े हुए उसने लण्ड को घुसाना चालू रखा। रिया एक हाथ से अपने बाएं चूतड़ को पकड़े हुए थी।

उसकी गांड के अंदर मौजूद खीर लण्ड के दबाव की वजह से और अंदर तक घुस रही थी. रमेश के लण्ड पर खीर का दबाव एक गद्दे की तरह लग रहा था। थोड़ी देर में रिया की गांड रमेश के घुसपैठिये लण्ड से अभ्यस्त हो चुकी थी।

रमेश रिया की गांड में लंड को रखे हुए उसकी गांड का पूरा पूरा अंदाजा लगा पा रहा था. एक तो रिया की गांड में नैचुरल मक्खन जैसा टेक्सचर था और अब खीर उसमें क़यामत ढहा रही थी।

वो बोला- पता है तुम्हारी गांड लाखों में एक है. बहुत ही मस्त शेप है तुम्हारे चूतड़ों की.
ये बोल कर उसने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये. रिया के मुंह से सीत्कारें उठने लगीं.

रमेश उसकी गांड पर बने टैटू को छूते हुए कस कर उसकी गांड मारने लगा. रिया के पास चीखें मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। रमेश को उसमें बेहद आनंद आ रहा था।

अब रिया की गांड चुदाई जोर से होने के कारण उसकी गांड से खीर भी बाहर गिरने लगी थी. रमेश ने कुछ नहीं कहा. अब रिया भी गांड में लंड के दिये दर्द से निकल कर आनंद की चौखट को चूम रही थी.

रिया पीछे मुड़ते हुए बड़बड़ायी- आह्हह डैडी, बहुत मजा आ रहा है … आह्ह चोदते रहो डैडी, मेरे प्यारे डैडी, मेरी गांड को दिन रात चोदते रहो. मैं आपके लंड की दीवानी हूं. अब मेरी गांड भी आपके लंड की दीवानी है.

रमेश- हां मेरी रंडी रानी. तेरी गांड में जो खीर है वो मुझे तेरी गांड चुदाई का और ज्यादा मजा दे रही है. तेरी चुदाई के बाद मैं तुझे लंड का स्वाद भी तेरे मुंह में दूंगा. तेरी गांड में हलवा तैयार कर रहा हूं मेरी रंडी बेटी.

तेरी गांड को चोद चोद कर उसमें एक मिश्रण बना दूंगा. जिसमें खीर और लंड का स्वाद होगा. खायेगी न बेटी?
रिया पर सेक्स और वियाग्रा का नशा चढ़ा हुआ था. वो मदहोशी में बोली- आह्ह … उम्म.. सोच कर ही मुंह में पानी आ रहा है डैडी. ऐसी टेस्टी खीर तो मैं पहली बार खाऊंगी. लाओ दो न डैडी।रमेश- सब्र करो रंडी रानी, तुमको मीठा फल मिलेगा। पहले अपनी गांड की चुदाई तो करने दे।
रमेश ने उसको करीब पांच मिनट और चोदा. रिया के बार बार कहने पर उसने लण्ड आखिरकार बाहर निकाला और रिया भूखी कुतिया की तरह लण्ड चाटने लगी।

लण्ड पर चिपचिपा लसलसा पदार्थ लगा हुआ था। रिया ने उसे जी भर कर चाटा। रिया की चूत में से उसकी पैंटी बाहर आ रही थी. रमेश ने वो पैंटी उसके मुंह में घुसा दी।

रमेश ने फिर लण्ड वापस रिया की गांड में घुसा दिया और चोदने लगा। रिया के मुंह में उसकी चूत के रस से भीगी पैंटी थी जिससे उसकी आवाज़ सिर्फ गूं …गूं …. करके आ रही थी।

रिया एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ रही थी। मगर दोनों में से कोई अभी रुकने को तैयार नहीं था। थोड़ी देर बाद रमेश ने फिर लण्ड निकाला और रिया की चुद कर खुली और फैली गांड को निहारा।

उसने उसकी गांड में थूका और फिर से अपनी बेटी की गांड चुदाई करने लगा. कुछ देर और उसने रिया की गांड चोदी और फिर कटोरी रिया के हाथ से ले ली. उसने लण्ड निकाला और कटोरी में इकट्ठा हुआ थूक और लार सब डाल दी. उसके बाद उसने फिर से लंड गांड में घुसा दिया.

रिया की गांड में एक मस्त मीठा मसाला तैयार हो रहा था। रमेश ने उसकी पैंटी निकालकर अपने गले में डाल ली. रिया मस्ती में ठुकवाती जा रही थी।

सिसकारते हुए वो बोली- आह्ह डैडी, ये तो बहुत अच्छा माल तैयार हो रहा है, मुझे खिलाओगे न?
रमेश- हां डार्लिंग. तुम्हारे लिए ही है. तुमको यही खाना है। अभी थोड़ी देर में मैं मुठ भी इसमें गिरा दूंगा. फिर तुम्हारा प्रोटीन भी आ जायेगा इस मीठे मसाले में और फिर ये डिश तैयार हो जायेगी.

कुछ देर के बाद रमेश जोर जोर से सिसकारने लगा- आह्ह आहाहहा … आआहह … लगता है मुठ आने वाला है.
रिया- आह्ह डैडी, लगता है मेरा भी होने वाला है. आह्ह ऊऊ … अंदर गिराओगे ना अपना गाढ़ा मुठ? अपनी रंडी बेटी को दे दोगे ना अपना मीठा मुठ डैडी? अपना ताजा ताजा मुठ मुझे पिला दो डैडी … आह्ह मैं बहुत प्यासी हूं.

इस तरह से सिसकारियां भरते हुए दोनों साथ में झड़ने लगे. रमेश के लंड से वीर्य की 5-6 पिचकारियां निकलीं और बहुत सारा वीर्य उसने अपनी बेटी की गांड में भर दिया. फिर उसने लंड को बाहर खींच लिया और उसकी पैंटी रिया की गांड में ठूंस दी.

रिया- ये क्यों ठूस दी?
रमेश- जहाँ तक मैं तुम्हें जानता हूं बेटी, तुम कुछ भी बर्बाद नहीं करना चाहोगी। इसलिए पहले तुम लण्ड से सब चाट कर साफ करोगी और जो डिश तुम्हारी गांड में बनी है उसको तुम्हारी पैंटी रोक कर रखेगी.

रिया मुस्कराने लगी और अपने पापा के लंड को एकटक निहारने लगी. उसके लंड पर सफेद और मटमैला रंग चढ़ा हुआ था. उसमें खीर, थूक और मुठ का मिश्रण था. रिया घुटनों के बल नीचे बैठ गयी. फिर रमेश की ओर देखते हुए उसके लंड के निचले हिस्से को चाटने लगी.

चाटते हुए वो बोली- आह्ह … ये तो मीठा है.
रमेश- हां, क्यों नहीं जान … तुम्हारी गांड और खीर की मिठास ने मिल कर सब कुछ मीठा कर दिया है.
रिया- तुम्हारे थूक और मुठ ने भी डैडी।

रिया चाट चाट कर पूरा लंड साफ कर गयी. फिर रमेश के लंड अंदर से रिस रहा बचा खुचा मुठ भी चूस गयी. रमेश ने रिया को कटोरी वापस दे दी. रिया हगने की पोज में बैठ गयी. उसने कटोरी को ठीक अपनी गांड के नीचे लगा लिया.

रिया- गांड बहुत भारी लग रही है जैसे कि हगने के पहले लगती है.
रमेश- हां तो तुम अभी हगोगी न … उस मीठे मसाले को जिसे तुमने अपनी गांड में भर रखा है.
रिया- पैंटी को निकाल दो डैडी।

रमेश- ये लो अभी निकाल देता हूँ।
पीछे से जाकर पैंटी रमेश ने पैंटी निकाल दी. पैंटी निकालने के बाद रिया की वीडियो रिकॉर्ड करने लगा. रिया की गांड से चिपचिपा लुवेदार पदार्थ बाहर निकलने लगा. वो पदार्थ सीधा कटोरी में गिर रहा था.रिया धीरे धीरे सब निकाल रही थी। कटोरी भर गई।
रमेश ने पूछा- सब निकल गया?
रिया- नहीं अभी इतना ही और है अंदर।

रमेश ने फिर से पैंटी उसकी गांड में घुसा दी और चम्मच से गांड के छेद के आसपास लटकते उस पदार्थ को कटोरी में डाल दिया। रिया की ओर कटोरी बढाकर उसने कहा- ये है सब्र का मीठा फल। खा लो इसे।

रिया ने कटोरी ली और एक चम्मच भर कर खा गयी.
वो बोली- वाऊ … बहुत टेस्टी है. बहुत ही मजेदार है.
वो धीरे धीरे उस माल को चम्मच से खा रही थी. रमेश उसकी वीडियो बनाने में लगा हुआ था.

वो बोली- डैडी मैं एक अच्छी लड़की नहीं हूं क्या? मैं क्या करूं डैडी, मेरा मन मुझे ये सब करने को कहता है. आप मुझे अच्छी सोचो या बुरी लेकिन मुझे ये सब करने में बहुत मजा आता है.

रमेश ने उसके बाल संवारते हुए कहा- तुम एक बहुत अच्छी रंडी हो। जैसी हो वैसे ही रहो, बल्कि तुम्हारा ये रूप देख कर मैं तो तुम्हें और ज्यादा चाहने लगा हूं. ऐसा घिनौना सेक्स तुमको पसंद है ना?
रिया- हां डैडी, इसी में तो असली मजा आता है.
उसने कटोरी को चाट चाट कर साफ कर दिया था अब तक. वो सारा माल खा चुकी थी.

रमेश को पता नहीं क्या सूझा कि वो बोला- खाना हो गया हो तो अब पानी भी पी ले साली रंडी.
ये कह कर रमेश ने गिलास में अपने मूत की धार भरना शुरू कर दी. देखते ही देखते उसके लंड से निकला हल्के पीले रंग का मूत गिलास में भर गया.

गिलास भर कर उसे रिया के हाथ में दे दिया और बोला- ये ले रंडी, पी ले इस अमृत को सारा, तेरा सारा खाना हजम हो जायेगा.
रिया ने गिलास उठा लिया और मुस्कराते हुए रमेश के लंड से निकले पेशाब को गट गट करके पीने लगी. उसने एक ही बार में पेशाब से भरा हुआ पूरा गिलास खाली कर दिया.

पेशाब पीने के बाद उसने गिलास एक ओर रख दिया. फिर दोनों थक कर लेट गये और आराम करने लगे.
इन तीन दिनों में रमेश ने रिया को घर में हर जगह हर तरीके से चोदा. उसने रिया को इतने बुरे तरीके से चोदा जैसे कि वो उसकी बेटी न होकर कोई बहुत सस्ती बाजारू रंडी हो.

वह रिया को कुतिया वाला पट्टा पहनाकर उसे कुतिया की तरह बांध देता था और जमकर उसकी गांड मारता था. रमेश की बीवी रति उसको गांड नहीं देती थी जिसकी सारी कसर उसने रिया की गांड से पूरी की.

रिया को भी रफ सेक्स करना बहुत पसंद था. रिया की गांड चुदाई करते हुए रमेश उसकी गांड पर थप्पड़ मार मार कर पूरी लाल कर देता था. रिया घर में कहीं भी जाती तो रमेश वहीं पर उसकी गांड चोदने लगता था.

इतनी ज्यादा चुदाई से तंग आकर रिया परेशान हो गयी और काफी थकी थकी रहने लगी. अब वो इतनी ज्यादा मात्रा में चुदाई नहीं करवा सकती थी. उसकी गांड दर्द करती रहती थी. इसलिए अब वो अपने पिता को रोकने का उपाय सोचने लगी.
 
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रिया सोचने लगी कि डैड का काम जल्दी जल्दी खत्म करना होगा नहीं तो ये पता नहीं मेरे साथ और कितनी गंदी हरकतें करेंगे. मुझे दो तीन दिन में ही ये काम करवाना होगा ताकि डैड का दिया चेक भी पास हो जाये और अपनी मर्ज़ी से मैं सेक्स करूँ।

ये सोचकर रिया ने रतनलाल को कॉल किया.
रिया- रतन, तुझे मेरा एक काम करना होगा. किसी भी तरह रवि सेठ की बेटी रश्मि को कॉन्टेक्ट करो और उसको भी इस धंधे में उतारने का कोई तरीका लगाओ. अगर वो इस धंधे में आ गयी तो मैं तुझे पूरे 1 लाख रुपये दूंगी.

रतनलाल खुश हो गया क्योंकि उसको इतने सारे पैसे मिलने वाले थे. रिया ने उसको सारी बात समझा दी.
उसके बाद रिया ने रेहाना को कॉल किया और उसको भी रश्मि वाला काम सौंप दिया. वो बोली कि जाकर रश्मि से मिले और पता करे कि उसकी क्या क्या कमजोरी है? कैसे रश्मि को चुदाई के धंधे में उतारा जा सकता है?

रेहाना को भी रिया ने एक लाख रुपये ऑफर कर दिये. रेहाना भी खुश हो गयी. फिर रिया, रतन और रेहाना तीनों मिल कर रश्मि के पीछे लग गये. तीनों ने अपने अपने तरीके से रश्मि को अपने विश्वास में ले लिया.

रश्मि अपनी चूत की चुदाई अपने बॉयफ्रेंड से करवा चुकी थी. मगर अब उसका बॉयफ्रेंड किसी दूसरी लड़की के चक्कर में पड़ा हुआ था. वो दूसरी लड़की रश्मि से ज्यादा पैसे वाली थी. हमेशा नये नये कपड़े पहनती थी और अपने जिस्म को संवारने में बहुत खर्च करती थी.

चूंकि रश्मि के पास इतने पैसे होते नहीं थे इसलिए ज्यादा खर्च नहीं कर पाती थी. जिसकी वजह से उसका बॉयफ्रेंड दूसरी लड़कियों की ओर आकर्षित हो रहा था.

रतन से मिलीभगत करके रेहाना एक दिन रश्मि से जाकर मिली और उसको कहने लगी कि अगर वो उसके साथ चलेगी तो वह उसे एक रात के लिए अच्छी खासी रकम दिला सकती है. होटल में कुछ घंटे गुजारने के ही मोटे पैसे मिलेंगे.

ये सुन कर रश्मि पहले तो गुस्सा हो गयी. मगर बहुत सोचने के बाद फिर वो सेक्स फॉर कैश के लिए तैयार हो गयी क्योंकि उसको पैसों की जरूरत थी. वो अपने पिता से भी नहीं मांग सकती थी क्योंकि बॉयफ्रेंड के बारे में वो बता नहीं सकती थी.
रेहाना ने रश्मि को कहा कि अगर वो कुंवारी मतलब अब तक बिना चुदी है तो उसे डबल पैसे मिलेंगे.
यह सुन कर रश्मि ने लालच में झूठ कह दिया कि वो अक्षत यौवना है.

रेहाना ने रश्मि की एक नाइट की बुकिंग कर दी. रात में रतनलाल रश्मि को कुछ समझा कर अपनी कार से उसे होटल में ले गया. वहां जाकर उसने रूम नंबर बता दिया और सब कुछ समझाकर लौट आया.

रश्मि ने जाकर रमेश के रूम को नॉक किया. रमेश ने दरवाजा खोला. रमेश को देख कर रश्मि का मुंह खुला का खुला रह गया. ये उसकी पहली रात थी और वो भी एक बड़ी उम्र के मर्द के साथ.

रमेश ने रश्मि को ऊपर से नीचे तक देखा. चेहरे पर जालीदार कपड़ा ढका हुआ था रश्मि ने, मगर रमेश उसके जिस्म को देख रहा था. रमेह को तो यही पता था कि रश्मि कुंवारी है. उसको देख कर रमेश की लार टपकने लगी. सेक्सी जिस्म वाली जवान कुंवारी लड़की में उसको सेक्स ही सेक्स भरा नजर आ रहा था.

उसने रश्मि को रूम के अंदर कर लिया और दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया. रश्मि घबरा रही थी.
रमेश बोला- डरो नहीं, रिलेक्स हो जाओ. यह बात केवल तुम्हारे और मेरे बीच में रहेगी. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.बेड पर बैठते हुए बॉटल से न्यू पैग बना कर उसने सोडा मिलाया और 2 सिप मार कर लड़की को इशारे से अपने पास बुलाया।
“इधर आओ.. क्या नाम है तुम्हारा?”

रमेश के इशारे पर भी रश्मि टस से मस ना हुई.
तो रमेश बोला- मैंने कहा ना रिलॅक्स हो जाओ. चलो आओ मेरे पास!

रमेश को उसका खूबसूरत चेहरा देखने की लालसा बढ़ गयी थी. इस वक़्त रश्मि ने अपने बदन पर जीन्स और टॉप डाला हुआ था. मॉर्डन गेट-अप में थी. अजीब सी आडी टेढ़ी हेयर स्टाइल, जैसे अक्सर फिल्मी एक्ट्रेस रखे रहती हैं.

पैरों में हाइ हील सैंडल. टाइट जीन्स में उसकी मांसल जाँघों और चूतड़ों का आकार बेहद भड़काऊ था. उसकी चूचियाँ हाथों के नीचे दबी होने से रमेश को नज़र नहीं आ रही थी. कुल मिला कर आज की रात रमेश के लिए बड़ी कातिल थी.

रमेश- अच्छा ठीक है पास मत आओ. अपना चेहरा तो दिखा सकती हो ना?
रमेश ने वापस एक स्ट्रॉन्ग सिप लिया और बेड के स्टैंड से टिक कर लेट गया.

उसका लंड इस बात से ही अकड़ने लगा था कि माल 20 साल का है और कुंवारी है. टावल के नीचे नंगे होने से लंड का उभार भी हल्का हल्का दिखाई देने लगा था. जब काफ़ी देर तक लड़की ने कोई रिएक्शन नहीं दिया तो रमेश गुस्से से भर गया।

गुस्से में वो बोला- क्या यहाँ नौटंकी करने आई है साली? अरे जब इतनी शर्म थी तो चुदने आना ही नहीं चाहिए था तुझे!
इतना बोल कर रमेश ने अपना मोबाइल हाथ में उठा लिया।

रश्मि- किसे फोन कर रहे हैं अंकल?
लड़की ने घबरा कर अपने दोनों हाथ चेहरे से हटा लिए. उसे डर महसूस हुआ कि कहीं रमेश ऐसी जगह कॉल ना कर दे जो इस कमरे की बात बाहर चली जाए।

रमेश- रतनलाल को फोन कर रहा हूं. तुम्हें ले जाएगा यहाँ से। ऐसे छुईमुई बन कर बैठी रहोगी तो क्या मैं तुम्हारा अचार डालूंगा यहां?
रश्मि- नहीं, रुकिये अंकल. मेरे पैसे अटक जाएँगे.
इतना कह कर वो बेड पर आ कर बैठ गयी.

रमेश ने ये बात सुनते ही मोबाइल वापस नीचे रख दिया और बड़े गौर से उसका खूबसूरत चेहरा देखने लगा.

रश्मि वाकई बहुत सुंदर थी. बनावट में एकदम से परफेक्ट. अब उसकी चूचियों को घूर रहा था रमेश. उसकी चूची काफी कसी हुई थी. उसका फिगर भी काफी हद तक रिया से मैच कर रहा था सिवाय उसके मैच्योर चेहरे को छोड़कर।

रमेश- इधर आओ मेरे पास।
रमेश ने अपनी जाँघों पर थपकी देते हुए कहा और इस बार रश्मि अपनी सैंडल उतार कर उसकी तरफ सरकने लगी. आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ती हुई वो बिल्कुल रमेश के पास घुटने मोड़ कर बैठ गयी।

रमेश- क्या नाम है तुम्हारा?
लड़की- जी रश्मि.
उसने बेहद धीमी आवाज में जवाब दिया और रमेश की आँखों में देखने लगी. मासूम चेहरा कजरारी आँखें. रमेश के तो आज मज़े हो गये थे।

वो बोला- बड़ा प्यारा नाम है. किस कॉलेज मे पढ़ती हो?
रमेश उसके माथे से उंगली फिराता हुया उसके बूब्स तक पहुंच गया था।
रश्मि- जी वो मत पूछिये.धड़कनें बढ़ते ही उसने ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अगले ही पल रमेश ने अपने होंठों से उसकी गर्दन के सेंटर पर एक गहरा चुम्मा जड़ दिया. रश्मि का रोम रोम सिहर गया. हालांकि रमेश के मुंह से आती शराब की गंध उसको अच्छी नहीं लग रही थी.

रमेश- ठीक है, कॉलेज के बारे में नहीं पूछ रहा. मगर आँखें तो खोल लो.
रमेश का कहा मानकर रश्मि ने अपनी आँखें खोलीं लेकिन इस बार उसकी नज़रें रमेश के टॉवल में बने तंबू से चिपक कर रह गयीं. उसका मुंह ऐसे खुला रह गया जैसे लंड चूसने के लिए खोला हुआ हो.

रमेश- ज़्यादा परेशान नहीं करेगा ये तुम्हें, चाहो तो छू कर देख सकती हो.
रमेश उसके मुलायम हाथ को पकड़ कर लंड पर रखने लगा. रश्मि ने थोड़ा ज़ोर लगाया ताकि अपना हाथ छुड़ा सके लेकिन अगले ही पल उसे याद आ गया कि वो यहाँ रमेश की रात रंगीन करने आई है ना कि कोई विरोध करने।

हाथ का स्पर्श अध-खड़े लंड पर महसूस कर दोनों की हालत पतली हो गयी. जहाँ रमेश उसके कोमल हुस्न को देख कर पागल हुआ जा रहा था वहीं रश्मि लंड की लंबाई और चौड़ाई का अहसास कर पानी-पानी होने लगी थी।

रमेश- अपने कपड़े उतारो।
उसने जैसे फ़ैसला सुनाकर कहा.

रश्मि ने हां में अपनी गर्दन हिलाई और रमेश का हाथ उसके टॉप के निचले छोर को पकड़ कर ऊपर उठाने लगा. रश्मि ने खुद-ब-खुद अपने दोनों हाथ हवा में ऊपर उठा लिए और टॉप उसके बदन से अलग हो गया.

ब्रा में जकड़ी बड़ी-बड़ी कड़क चूचियों को देखकर रमेश के लंड ने ठुमकी मारी और वो अपने दोनों हाथ बूब्स के साइड में रखते हुए पूरी क्लीवेज को अपनी जीभ से चाटने लगा.
रश्मि- उफ्फ… अम्म … आह्ह अंकल।
उसने एक ज़ोरदार अंगड़ाई ली और रमेश की बांहों से चिपक गयी.

रमेश- शर्म आ रही है मेरी जान? रमेश उसके चेहरे की तरफ झुकते हुए बोला.
एक बार फिर शराब की बदबू से रश्मि की रूह काँप गयी. बिना आवाज़ के उसने हां में जवाब दिया और अपने बूब्स पर हाथ रख कर उन्हें छुपाने लगी.

रमेश- ऐसे शरमाने से क्या फ़ायदा? आज की रात मैं तुम्हें प्यार करूँगा, तुम मुझे करना … ये समझ लो कि हम दोनों एक रात के पति पत्नी हैं.
फिर रमेश ने कहा- जीन्स भी उतार दो। रहने दो, रुको मैं ही उतार देता हूं.

इससे पहले रश्मि कुछ और कह पाती तब तक रमेश अपने घुटनों पर बैठ चुका था. बिना बेल्ट की शॉर्ट ज़िप जीन्स के फ्रंट पार्ट से चूत के उभार का अनुमान लगाकर रमेश के मुंह में पानी आ गया.

बिना देर किए उसने बटन अनलॉक किया और सर ऊपर उठा कर रश्मि के रिएक्शन को नोट करने लगा।
रश्मि- अंकल मत देखिए मुझे ऐसे. मैं पिघल रही हूं.

इसके आगे रश्मि कुछ नहीं बोल पाई और जीन्स को कमर से पकड़ कर रमेश ने उसकी जाँघ तक खींच दी.

रमेश- शरमाओ मत, एंजाय करो।
उसने अपना चेहरा पैंटी की तरफ बढ़ाया और चूत से निकले द्रव्य की मादक सुगंध लेने लगा. कई बार रमेश के मुंह से साँस अंदर-बाहर होने से रश्मि को उस हिस्से पर गर्म और ठंडा मिश्रित अहसास हो रहा था।अब रमेश से रहा नहीं गया और उसने जीन्स को पूरी तरह उसकी टाँगों से नीचे उतार दिया. रश्मि ने अपने हाथ से उसके कंधों पर वजन डाला और बारी बारी से टाँग उठा कर जीन्स अपने पैरों से अलग कर दी।

रमेश- मैं तुम्हारी चूत देखना चाहता हूँ. फिर साथ में ड्रिंक लेंगे.
इतना कहकर रमेश ने उसकी टाँगों को छुड़ाया और पैंटी की साइड छोर सरका कर चूत का मुआईना करने लगा.

चिपचिपी फूली हुई, हल्के रोयें से भरी चूत देख कर उसे अपनी बेटी रिया की याद आ गयी. तुरंत ही रमेश ने उंगली से चूत की फांकों को कुरेदना शुरू कर दिया. लंबाई उसे लगभग 3 इंच के बराबर जान पड़ी. जैसे ही रमेश ने अपनी मिडिल फिंगर अंदर डालनी चाही तो रश्मि ने टाँगों की जड़ को चिपका लिया और थोड़ा पीछे हट कर खड़ी हो गयी।

रमेश- क्या हुआ रश्मि?
रश्मि- अंकल सॉरी.

उसके चेहरे पर ग्लानि के भाव देख कर रमेश मुस्करा दिया- तुम कुँवारी नहीं हो. मेरी नज़र से कुछ नहीं बचता और शायद यही तुम्हारी परेशानी का कारण भी है. सही कहा ना मैंने?

फिर रमेश ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खींचा और अगले ही पल किसी फूल की तरह अपनी गोद में उठा लिया। उमर ज़्यादा होने पर भी रमेश की मर्दाना ताकत से इंप्रेस होकर रश्मि ने अपना झूठ स्वीकार करने का फ़ैसला कर लिया।

वो बोली- जी अंकल, आपने सही पहचाना है, मैं वर्जिन नहीं हूं. लेकिन मैंने केवल एक बार ही किया हुआ है. मैं खून देख कर घबरा गयी थी और उसके बाद कभी मेरी हिम्मत नहीं हुई.

रश्मि के मुंह से सच सुन कर रमेश हँसने लगा और बोला- तो झूठ बोलने की कोई वजह?
रमेश ने उसे गोद से नीचे उतार कर कहा।

रश्मि- पैसे ज़्यादा मिल रहे थे, इसलिए बोल दिया था.
रश्मि के मुंह से ये स्वर बहुत ही धीमी आवाज में निकले.
रमेश- तो फिर अभी कितने दिये हैं उसने? रमेश ने उसका गंभीर चेहरा देख कर पूछा.
वो बोली- पचास हज़ार.

रमेश ने अपना हाथ रश्मि के सर पर ले जाकर रश्मि के बालों की पिन निकाल दी जिससे उसके लंबे बाल खुल कर पूरी पीठ पर फैल गये।
फिर रमेश ने मादक से स्वर में पूछा- लंड चूसना आता है? ये पूछते हुए रमेश अपने टॉवल के ऊपर से ही अपने तने हुए लंड को सहला रहा था.

चुदाई से पहले लंड चुसवाने का ये उसका शौक बहुत पुराना था.
रश्मि ने शरमाते हुए कहा- आता तो नहीं है, मगर आपकी खातिर चूस दूंगी.

रश्मि की इस भोली अदा पर तो रमेश एकदम से फिदा हो गया. उसने तुरंत अपना टॉवल खोल कर फर्श पर गिरा दिया. टॉवल गिरते हुए उसका मोटा तगड़ा लौड़ा जो इतनी देर से तौलिया की दीवार के पीछे कैद था अब हवा में खुले रूप से लहराने लगा.

बार बार उछाला देकर उसका लंड ये बता रहा था कि रश्मि के कोमल जिस्म को भोगने के लिए कितनी प्यास है उसके अंदर। रमेश ने धीरे से रश्मि का कोमल मुलायम हाथ पकड़ लिया और आहिस्ता से अपने झटके दे रहे लंड पर टिका दिया.

उसने अब अपनी बनियान निकाल दी और पूरा नंगा हो गया. साथ ही उसने रश्मि की ब्रा को भी निकाल दिया. रश्मि की नंगी चूची देख कर जैसे उसको कोई पुराना गड़ा हुआ खजाना मिल गया हो, कुछ ऐसी चमक आ गयी थी उसकी आंखों में।

धीरज खोकर उसने रश्मि की चूचियों को अपने हाथों में भर लिया और उनको आराम आराम से भींचना शुरू कर दिया. चूचियों पर रमेश के हाथ कसते ही रश्मि का हाथ भी रमेश के गर्म गर्म लोहे की तरह तप रहे लौड़े पर कस गया. रमेश लड़की को गर्म करने की कला में पूरा मास्टर था जिसका असर रश्मि पर साफ दिख रहा था.
 

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