Adultery बीवी के आशिक

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Update 22
डिनर की मेज पर हम तीनो ही हँस हँस कर बाते कर रहे थे,मुझे डॉली और डॉ के बारे में बहुत सारी बाते पता लगी,तभी मेरे मोबाइल में दो तीन मेसेज आये ..

“उससे बच कर रहना ,साली अपने बदन के डोरे आप पर मत आजमाए..”ये मोना का मेसेज था जिसे पड़कर मेरे होठो में मुस्कान आ गई

“ऐसे भी वो मुझसे जलती है क्योकि उसे लगता है की मेरे कारण रोहित उसे छोड़ गया,अब वो मेरे प्यार को मुझसे अलग करने की कोशिस करेगी ..”

मैं फिर मुस्कुराया ..मैंने भी उसे एक मेसेज चीपका दिया

“अब समझ आया की जलना किसी कहते है …”साथ ही ढेर सारी स्माइल भी भेज दी …



**************

मैं अपने होटल की पार्किंग में अपने कार से उतरा ही था की 3 लड़के मुझे आकर घेर लिए ..

वो वही लड़के थे जिन्होंने डॉली को छेड़ा था..

उन्हें देखकर मेरे होठो में मुस्कान आ गई ..

“क्या सर उसके हाथो में तो बंदूख था,कही हमे मार देता तो ..”

लड़के की बात से मैं हँस पड़ा ..

“साले मरा तो नही ना,ये ले “

मैंने जेब से कुछ पैसे निकाल कर उनकी तरफ उछाले ..

“थैक्स साहब कुछ काम होगा तो याद करना ..”

मैं मुस्कुराता हुआ अपने कमरे की तरफ चल दिया ...

“हल्लो जीजा जी “

डॉली की खनकती हुई मेरे कानो में पड़ी ,

“कैसी हो तुमसे मिलना था.कुछ बात करनी थी”

“क्यों नही बताइए कहा है आप “

“मैं तो होटल ** मे रूम नंबर ** में ठहरा हु “

“ठीक है मैं पहुच जाऊंगी ..”

“यंहा ???”

“क्यो अकेले कमरे में मुझसे नही मिल सकते क्या ..”

“नही ऐसा बात नही है “

“तो आधे घंटे में आ रही हु ..”

“ओके..”



*************

“हैलो जान तुम डॉली को अपने कमरे में बुला रहे हो बोला था ना की उससे थोडा सम्हाल कर रहना “

5 मिनट भी नही हुए थे की मोना का काल आ गया,यानी डॉली ने उसे सब बता दिया ???

“अरे वो ही जिद करने लगी तो मैं क्या करू ..तुम्हे किसने बतलाया ”

मोना खामोश थी ..थोड़ी रूखी सी लगी

“रोहित ने..”

“क्या???वो तुम्हारे साथ है “

“हा उसे ही तो जलाने के लिए ऐसा कर रही है ,और उसे तो एक तीर से दो निशाना मारने का मौका मिल गया है एक तरफ रोहित को जलाना और दूसरी तरफ मुझे ..”

“तुम्हे कैसे ??”

“क्योकि उसे पता है की मैं रोहित के साथ हु ..”

“ओह”मेरे होठो में मुस्कान आ गई ये लडकिया तो बिल्लियों जैसे झगड़ रही है

“क्या ओह...देखो वो अपने अदांओ के जादू में आपको फंसा ना ले..”वो थोड़ी गंभीर थी

“जिसे तेरा नशा पड़ा हो उसे कोई दूसरा नशा कैसे चढ़ेगा मेरी जान...रोहित को ही देख लो …”

मैंने तो मजाक में बोल दिया था लेकिन मोना थोड़े देर के लिए चुप हो गई ,मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था ,मैंने अनजाने में ही उसे ताना मार दिया था…

“सॉरी मेरे कहने का कोई गलत मतलब नही था ..”

“क्यो बात नही जानती हु आपकी आदत को ,बिना चाहे भी दिल को चोट दे जाते हो ,लेकिन समझ लो …”

मोना की आवाज चेतावनी भरी हो गई थी ,

“यदि आपने उसके साथ कुछ किया तो ..”वो हल्के से हँसी

“तो ..???”

“तो मैं भी शुरू हो जाऊंगी “

वो सच में हँस पड़ी ..

“ओहो सीधे धमकी ..”

“सीधा या टेढ़ा मुझे नही पता लेकिन कुछ किये ना उसके साथ तो मुझसे बुरा कोई नही होगा ..”

“हा मेरी माँ,ऐसे भी वो मेरा पुराना प्यार नही है जो उसके साथ कुछ करू ..”

मोना फिर से चुप हो गई मैंने फिर से उसके जख्मो पर उंगली कर दी थी..

“मुझे ताना दे रहे हो ..”

“नही जान वो मुह से निकल गया..”

“मुह से वही निकलता है जो दिल में होता है ..करो जो भी करना है ..बाय.”

उसने गुस्से में फोन रखा और फिर मेरे दो बार काल करने पर भी फोन नही उठाया …

**********

“हल्लो हॉटी “

मैं कुछ देर के लिए डॉली को देखता ही रह गया,साला रोहित सच में या तो चुतिया था या मोना से सच में बेहद ही प्यार करता था जो इस लड़की को छोड़कर मोना के चक्कर में पड़ा हुआ था,ऐसे मोना से हसीन तो नही लेकिन मोना से कम भी नही थी ,डॉली सच में हॉट थी,एक छोटे से स्कर्ट में उसकी जाँघे चमक रही थी,और गोरा रंग काले कपड़े में खिलकर दिख रहा था,बड़े बड़े वक्षो की चोटिया बाहर आने को बेताब लग रहे थे,उसने पुशअप ब्रा पहनी थी जिससे उसके वक्ष और भी बाहर आने को व्याकुल दिख रहे थे,बाल खुले हुए और कंधे तक थे,और होठो में लगाया गया उसका गाढ़ा लिपिस्टिक ही बता रहा था की ये किसी का शिकार करने निकली है,और शायद वो मैं था जिसका शिकार ये करना चाहती थी…

“जीजू से सीधे हॉटी ..आओ अंदर “

वो मुस्कराती हुई अंदर आयी ..

“क्यो क्या खराबी है मुझे तो रश्क हो रहा है मोना की किस्मत में जो आप उसके पति है,मसल्स तो देखो,”

उसने मेरे टीशर्ट में फड़कते हुए मेरे बाइसेप्स को पकड़ लिया..

“ओह ऐसे मुझे भी आज रोहित की किस्मत पर रस्क हो रहा है की तुम उसकी गर्लफ्रैंड हो..”

उसका खिला हुआ चहरा उदास हो गया …

“आपको किसने कहा “

“इतना तो मुझे पता है,मोना ने ही बताया ..”

वो बेड में बैठ चुकी थी,उसकी जाँघे अब एक दूसरे के ऊपर थी,उसने अपने पर्स से एक सिगरेट जलाई और लंबी कस लेने लगी,मैं भी अपनी सिगरेट निकाल कर पीने लगा और उसके बाजू में जाकर बैठ गया..

“कहा की गर्लफ्रैंड वो साला किसी दूसरे लड़की के चक्कर में है ..”

उसके आवाज में गुस्सा था ….

मैंने उंगली उसके जांघो में घुमा दी ,वो मुझे आंखे फाड़े देख रही थी…

“तुम्हारे जैसी हॉट लड़की को छोड़कर वो चुतिया किसके पीछे दौड़ रहा है..”

मेरी हरकत और बात से वो थोड़ी देर को सोच में पड़ गई फिर हल्के से मुस्कुराई ..

“आपको नही बता सकती बता दिया तो आफत हो जाएगी ..”

“क्यो शायद मैं कुछ कर सकू …या छोड़ो उसे तुम्हे तो कई आशिक मिल जायेगें..”

मेरी नजर अब उसके वक्षो पर थी...उसकी मुस्कान और भी गाढ़ी हो चुकी थी…

“कर तो आप बहुत कुछ सकते है लेकिन जानने को हिम्मत चाहिए होगा ..”

मैंने उसके चहरे को ऐसे देखा जैसे मुझे कुछ पता ही नही हो ..

“जानते हो रोहित किसके पीछे पागल है …”मैं उसके चहरे को ध्यान से देखे जा रहा था जैसे मैं उस नाम को सुनने को बेताब हु …

“वो मोना है …”

“क्या ??”

मैं चौक कर उठ खड़ा हुआ ..

उसके चहरे में एक विजयी मुस्कान तैर गई ..वो एक लंबा कस लगाती है ..

“वो साली रांड है ही ऐसी फंसा कर रखा है मेरे रोहित को “

चटाक ...एक जोरदार थप्पड़ और डॉली का गाल लाल हो गया लेकिन उसके होठो में अब भी मुस्कान थी ,जबकि वो और भी गहरी हो चुकी थी ….मेरा चहरा गुस्से से जल रहा था..

“हा हा हा सच नही सुना जाता ना मिस्टर अभिषेक ..तुम दुनिया के लिए जासूस होंगे लेकिन तुम्हारी बीवी तुम्हे ही धोखा दे रही है ,रोहित उसका पुराना आशिक है और मोना तुमसे कही ज्यादा चालाक ...तुम तो उसे बस उसका दोस्त समझते थे लेकिन वो अभी तुम्हारे ही घर में उसके साथ रंगरलियां मना रही होगी ...उसने ही मेरे रोहित को मुझसे छीना है,कालेज के बाद तो दोनो अलग हो गए और रोहित मेरे साथ खुसी से रह रहा था लेकिन जबसे उसे मोना का पता चला वो उसके पास चला गया और अब मुझे इग्नोर करने लगा है ,...ना जाने साली उसे ऐसा क्या देती है जो मेरे पास नही है..देखो मुझमें कुछ कमी है क्या …”

उसने एक झटके में अपने स्कर्ट की पतली डोर को अपने कंधे से हटा दिया जो उसके कंधे में थी,स्कर्ट उसके पेट तक उतर चुका था और उसके ब्रा में उसके वक्ष फड़फड़ा रहे थे…

लेकिन मेरा गुस्सा मानो सातवे आसमान पर था…

“मुझे मेरी मोना पर पूरा यकीन है ,तू ही साली रांड है जो मेरे सामने मुझे फसाने के लिये अपना कपड़ा खोल रही है ..”

वो खिलखिला कर हँस पड़ी ,

“सच कहते है प्यार अंधा होता है ,देखो ना पहले रोहित फिर तुम दोनो ही उसके प्यार के नशे में ऐसे चूर हो गए हो की अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली है …”

वो एक अजीब सी मुस्कान में मुस्का रही थी …

“मैं जानता हु की रोहित उसे पसंद करता था लेकिन इसका मतलब ये नही है की उन दोनो के बीच अब भी कुछ है,कचरा तो तुम्हारे दिमाग में है जो रोहित जैसे अच्छे लड़के पर शक कर रही हो ..”

वो फिर से खिलखिलाई ..

“मुझे पता है की रोहित अच्छा लड़का है लेकिन मैं ये भी जानती हु की मोना कितनी कमीनी है ,रोहित हो या तुम दोनो ही एक जैसे हो प्यार के अंधे ..मोना ने अपनी अच्छाई तुम्हे दिखाई है लेकिन उसका कमीनापन मैं जानती हु ..”

“तुम कुछ नही जानती ,मोना देवी है …”

डॉली जोरो से हँसी जैसे कोई बहुत ही बड़ा जोक मार दिया हु…

“क्या तुम जानते हो की वो दोनो साथ सो भी चुके है …”

“वो उस समय शराब के नशे में थे ..और वो शादी से पहले की बात है ..”

“ओह तो तुम्हे पता है ,सच में तुम एक अच्छे पति हो अभी...लेकिन नशे में दोनो नही बस रोहित और मैं थे,मैं नशे में सो गई और मोना ने जानबूझकर रोहित को उकसाया ,क्योकि उसे लगने लगा था की रोहित अब मेरी तरफ आकर्षित होने लगा है,आज भी उस एक रात के कारण रोहित को ग्लानि का अहसास होता है की उसने मोना को धोखा दे दिया,उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर भी उसके साथ शादी नही किया ...लेकिन असल में ये मोना की ही चाल थी,चाहती तो वो अपने घर जा सकती थी लेकिन वो रुकी मेरे घर में ,उसने जबरदस्ती बहाने से रोहित और मुझे ज्यादा शराब पिलाई ,मेरे घर में और शराब पिलाई और जब मैं नशे की अधिकता में सो गई तो उसने रोहित को उत्तेजित किया ,रोहित बेचारे को आज भी यही लगता है की उसने शुरुवात की लेकिन ये मोना की ही ऐसी चाल थी जिसे वो नही समझ पाया,उल्टे उसका उपयोग करके भी मोना ने उसे ही दोषी बना दिया,...”

डॉली के आंखों में आंसू आ गए ..

“रोहित ने कभी मेरी भी बात नही मानी,वो भी मोना को उसी तरह से अच्छी समझता है जैसे की तुम ...काश मैं उसे समझा पाती तो आज वो मुझसे दूर नही होता …”

वो रो रही थी ..

“तुम सच में उससे जलती हो ..”

उसने मुझे घूरा उसके आंखों में लाचारी थी ..

“तुम दोनो कभी मेरी बात को नही समझ पाओगे,जाने तुम्हे कैसे समझाऊं ..”

“मुझे कुछ भी नही समझना तुम जा सकती हो ..”

वो चौक कर मुझे देखने लगी …

“लेकिन ..”

“लेकिन वेकिन कुछ भी नही गेट आउट…”

वो थोड़े देर मुझे देखती रही और फिर गुस्से में पैर पटकते हुए वँहा से निकल गई ...
 
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Update 23
मैं वँहा से वापस आ चुका था मेरा मुख्य काम दो ही दिनों में हो चुका था,घर आते ही मोना मेरे गले से लग गई ,

“कितना याद आया आपका ..”

“क्या याद आया काल का तो जवाब ही नही दे रही थी ,”

“तो क्यो देती आप उस कमिनी के साथ जो थे..”

मैं मुस्कुरा उठा,

“मैंने तो उसे उसी दिन झाड़ कर बाहर कर दिया था...तुम्हारे बारे में ना जाने क्या क्या बक रही थी “

वो बेहद ही प्यार से मुझे देखने लगी और मेरे गाल को चूम लिया..

“मुझे आपसे यही उम्मीद थी जान...मैं जानती थी वो साली कमीनी तो आपको भड़काने की पूरी कोशिस करेगी ..”

वो मेरे गले से लग कर मुझे चूमने लगी …

“इसी लिए साली ने फिर से कोई रिप्लाइ नही किया,क्या कहती की अपने उसे धक्के मारकर बाहर निकाल दिया ..”

वो हँसने लगी …

“आई लव यू जान ..”

वो फिर से मेरे गले से लग गई ,मैं भी उसके कोमल बालो को सहलाने लगा…

“तो रोहित के साथ कुछ किया की नही ..”

वो हल्के गुस्से से मुझे देखने लगी..फिर शरारती मुस्कान लाकर बोली

“किया ना बहुत कुछ ..”

“अच्छा क्या ..”

“वो नही बताऊंगी जासूस हो खुद पता कर लो ..”

“अच्छा ..’

“हा”वो खिलखिलाने लगी मैंने उसे अपनी बांहो में भर लिया और उसे सीधे बिस्तर में ले जाकर पटक दिया ,

वो मुझे बड़े ही बेकरारी से देख रही थी …

“अगर मुझे पता होता की वँहा आपको डॉली मिल जाएगी तो मैं आपको कभी उसके पास जाने नही देती ..वो सच में डायन है ,आप थे जो उसके जाल से निकल आये वरना …”

मैं हँस पड़ा ..

“अब तो निकल गया ना जान छोड़ो ना उसकी बात ,तीन दिन से तड़फ रहा हु ..”

उसने कुछ नही कहा बस मुस्कुराते हुए मेरे बालो को सहलाने लगी फिर मेरे कानो में हल्के से फूक मारने लगी..

मुझे एक गुदगुदी का अहसास हुआ,मैंने उसे अपने ऊपर ला लिया,और उसके बालो को अपनी उंगली में फंसा कर उसके होठो को चूमने लगा,दोनो के होठ एक दूजे में मिल चुके थे और सांसे तेज हो चुकी थी ,धड़कने बढ़ रही थी…

मैंने उसके आंखों को हल्का गीला देखा ..

“क्या हुआ जान ..”

“रोहित मुझसे बात नही कर रहा है ..”

“कब से “

“कल से ना जाने उसे क्या हो गया ..”

“तुमने कुछ कह दिया होगा..”

वो मेरे चहरे को देखने लगी ..

“मैंने बस उसे मना किया था ,वो बेकाबू हो रहा था ..”

मेरे होठो पर एक मुस्कान आ गई

“नही करना था ना उस बेचारे की भी कई तमन्नाएं रही होंगी की प्रेमिका का पति बाहर गया है तो कुछ फायदा मिल जाए लेकिन तुम तो ..बेचारे की हर तमन्ना को ही फेल कर देती हो अब वो गुस्सा तो होगा ही ना “

मोना गुस्से से मुझे मारने लगी ..

“आपको हर वक्त मजाक ही सुझा रहता है ,भूल गए क्या उस दिन क्या हालत हो गई थी आपकी ..”

वो खिलखिलाने लगी

‘वो तो ..”

“क्या वो तो अब अगर फिर से कहे ना तो सच में रोहित के साथ …”

वो रहस्यमयी मुस्कान से मुकुस्कुराने लगी …

“क्या करेगी ..”

उसकी मुस्कान और भी खिल गई ..

“जलने का बहुत ही शौक है ना आपको ..”

“हा वो तो है ..”

मैं भी मुस्कुराने लगा ..और उसके सीने में पके एक ताजा गोल आम को दबाने लगा,मेरा लिंग जीन्स में ही अकड़ रहा था मैंने जीन्स निकाल देने में हि अपनी भलाई समझी ..उसने भी अपनी नाइटी के अंदर हाथ डाला और अपनी ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी..

अब मेरे जिस्म में बस एक अंडरवियर थी वही मोना के जिस्म में वो नाइटी जो एक पतले कपड़े का गाउन था जो उसके एड़ी से थोड़ा ऊपर तक था..

मेरे हाथ उसके जिस्म में फिसलते हुए उसके चहरे तक गए,मैंने उसके स्ट्राबेरी की तरह लाल होठो में अपने जलते हुए होठो को रख दिया,दोनो ही एक दूसरे के होठो से रस पीने लगे ,

मेरा लिंग तनकर मेरी अंडरवियर से बाहर आ रहा था,जिसे मैं गाउन के ऊपर से ही मोना के योनि में रगड़ रहा था ..

वो भी गर्म हो रही थी ,उसकी भी सांसे तेज हो रही थी ..

“बोलो ना जान क्या करोगी रोहित के साथ ..”

उसकी एक बेहद ही शरारती मुस्कान उसके चहरे में आ गई ..

“आप नही सुधरोगे ना .”

“नही तुम ही बिगड़ जाओ ..”

मैं बेचैन सा बोला ..

वो भी उत्तेजित होकर मेरे बालो को पकड़ कर मेरे होठो को चूसने लगी …

“आप जब अब बाहर कही जाओगे तो मैं फिर से रोहित को बुलाऊंगी ..”

उसने अपनी कमर मेरे लिंग के ऊपर जोरो से रगड़ दी ..

“आह फिर ..”मुझे उसके योनि से रसते हुए रस का आभस होने लगा था..

“फिर उसे सोफे में बैठने को कहूंगी ,वो भी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी गोद में बिठा लेगा ..”

उसने फिर से जोरो से अपनी योनि को मेरे लिंग में रगड़ा जो की अंडरवियर में होने के कारण अकड़ कर लेटा हुआ था और उसके इलास्टिक से बाहर झांक रहा था मोना उसके मोटे तने में अपनी योनि को रगड़ रही थी ,

“वो मेरे चहरे को पकड़ कर अपने होठो को मेरे होठो से मिलने की कोशिस करेगा,मैं पहले तो उसे हटा दूंगी लेकिन मुझे याद आएगा की अपने क्या कहा था और आपको तो जलने में मजा आता है ,मैं आपको फोन लगाउंगी ताकि आप मेरी आवाज सुन सको लेकिन ये बात रोहित को पता नही होगी …”

मैं बुरी तरह से उत्तेजित हो गया था,मेरी बीवी मुझसे ही मुझे चीटिंग करने की बात कर रही थी..मैंने उसे अपने नीचे कर दिया और उसके ऊपर छा गया ..

उसके गले को चूमने लगा,अब मैंने अपने अंडरवियर को निकाल दिया मेरा लिंग अब मोना के गाउन के ऊपर से ही उसके नंगे योनि पर रगड़ खा रहा था …

“आह जान …”वो सिसकी वो भी बेहद ही उत्तेजित हो गई थी ..

‘आप फोन में होंगे और मैं उसके होठो को अपने होठो में ले लुंगी ,मेरी सिसकियां आपको सुनाई देगी और मैं उसे खिंचते हुए अपने बेडरूम में ले जाऊंगी ,वँहा मैं आपके माइक्रोफोन को भी आन कर दूंगी ताकि आप और भी क्लियर मेरी आवाज सुन सको ..वो मुझे बिस्तर में पटक देगा और मेरे ऊपर चढ़ जाएगा ,मैं सिसकियां लुंगी जब वो आपकी तरफ मेरे ऊपर छा जाएगा ,और फिर इसी गाउन को उतरेगा …”

वो तड़फ रही थी उसके मुह से शब्द निकलना भी मुश्किल हो रहा था..

मैंने तुरंत ही उसके गाउन को निकाल फेका ..

मेरा लिंग आसानी से उसके योनि में चला गया ..उसने मेरे बालो को जकड़ लिया

“आह रोहित मेरी जान “

रोहित का नाम सुनकर मेरा लिंग और भी कड़ा हो गया था ,मैंने तेजी से एक धक्का उसके योनि में दिया ..

“रोहित तुम्हारा कितना बड़ा है मेरी जान ,अभी से ज्यादा बड़ा है और गहरा उतारो ना इसे “

उसकी बात सुनकर मैं एक बार कांप गया ,मोना की आंखे पूरी तरह बंद थी क्या वो अभी रोहित को ही अपने साथ महसूस करने की कोशिस कर रही थी …

मैंने फिर से एक जोर का धक्का दिया और उसके होठो से अपने होठो को मिला दिया,

दोनो ही इस खेल में पूरी तरह से रम चुके थे,पहले तो मोना भी रोहित रोहित ही कह रही थी लेकिन जब खेल अपने तेजी में पहुचता गया वो जान जान कहने लगी ,अब वो जान मेरे लिए था या रोहित के लिए ये कहना बेहद ही मुश्किल काम था ………

(सेक्स सीन्स की डिटेलिंग मैं थोड़ी कम कर रहा हु , बाकी आप लोग इमेजिंग कर लेना..ज्यादा डिटेल में जाने से साला बहुत समय और एनर्जी चली जाती है ,तो जितना जरूरत हो उतना ही डिटेल से सेक्स सीन्स लिखूंगा…बाकी की कमी सीन क्रिएट करके ही पूरी कर दूंगा..)
 
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Update 24
सुबह आंखे खुली तो रात की बाते याद आयी,मेरे अधरों में एक मुस्कान आ गई ,तभी मोना बाथरूम से बाहर आयी,और मुझे देखकर मुस्कुराने लगी ,

“कल आपको बहुत मजा आ रहा था,..”

“हा आ तो रहा था,सोच रहा हु तुम्हे आगे बढ़ने ही दु ..”

सुनते ही वो शर्मा गई और इठलाते हुए मेरे ऊपर आकर लेट गई,उसने अभी एक टीशर्ट ही पहना हुआ था,अभी अभी नहाकर निकल रही थी बालो में हल्की सी नमी भी बरकरार थी ,साबुन की खुशबू मेरे नथुने में समा रही थी…

“आप ऐसा मत बोला करो ,उत्तेजित करके ही छोड़ देते हो ,मुझे भी पता है की ये नही हो सकता ….”

मेरी आंखे चौड़ी हो गई ..

“यानी तुम उत्तेजित होती हो ..”

वो हल्के से मुस्कुराई

“इतना बोलेंगे बार बार तो उत्तेजित तो हो ही जाएगा कोई भी ,और इमेजिनेशन भी करने लगेगा,मानसिक रूप से आपने मुझे उसके साथ सुला ही दिया है ..तो…..”

वो थोड़ी गंभीर भी थी तो थोड़ी उत्तेजित भी ,और साथ थी शरमाई भी ,और साथ ही घबराई भी और साथ ही थोड़ी दुखी भी और साथ ही थोड़े गुस्से में और साथ ही थोड़े जज़बातों में …

उसकी आंखों से एक साथ कई भाव टपक जा रहे थे,जिसे मैं निचोड़ने की कोशिस कर रहा था,

“तो तुम उसके साथ सोना चाहती हो …”उसने ना में सर हिलाया..

“मैं कुछ नही चाहती,मैं बस जानती हु...ये की मैं आपसे बेहद ही प्यार करती हु और ये भी की मैं रोहित की ओर भी आकर्षित हु,लेकिन मैं ये भी जानती हु की आप मुझसे बेहद प्यार करते है और किसी दूसरे के साथ सोचने तक तो ठीक है लेकिन सच में किसी के साथ सोने पर आप उसे और मुझे दोनो को मार डालेंगे..”

मेरे होठो की मुस्कान खिल गई ..

“तुम्हे नही जान बस उसे …”मैने बेहद ही आराम से कहा इतने आरम से की कोई सुने तो ख़ौफ़ खा जाए लेकिन वो मोना थी ,मेरी मोना जो मेरे फितरत से वाकिफ थी ,मेरी एक एक नश से वाकिफ थी…

वो भी मुस्कराई …

“इसीलिए तो कहती हु की आप अब ऐसी बाते मत किया करो ,मैं भी इंसान ही तो हु,दिल में अरमान तो मेरे भी जाग जाते है जबकि आप उसे बार बार घी डालकर और भड़कते हो,लकड़ी भी आपकी,घी भी आप ही डाल रहे हो ,हवा भी आप ही दे रहे हो और फिर आग भी जलाने पर तुले हो फिर अगर ये आग भड़क कर कुछ जला दे तो फिर कहोगे की गलती किसी दूसरे की है …”

मोना ने बेहद ही मतलब की बात कर दी थी,सच में ये एक ही समस्या थी की मैं अपनी गलती को स्वीकार ही नही कर रहा था इसलिये शायद मुझे इतना गुस्सा था की मैं सामने वाले को मार दूंगा...या मोना को ही मार दु…

मैं थोड़ी देर तक चुप ही रहा...वो मेरे बालो से खेल रही थी जितना द्वंद मेरे अंदर था वो उतनी ही शांत थी ..

“ठीक है तो मैं खुद की गलती मानता हु ,और आज से तुम्हे पूरी छूट देता हु ,मैं किसी को नही मारूंगा ,जो आग तुम्हारे अंदर लगी है उसे जिससे चाहे बुझाओ ..वो तुम्हारी गलती नही होगी ..”

वो मेरे आंखों में देखने लगी ..

“आप तो सच में सीरियस हो गए ..”

“हा मोना मैं सीरियस ही हु,तुमने सही कहा ,पत्थर को भी बार बार घिसने से निशान बन जाता है वो तो तुम्हारा दिल ही है ,तुम्हारा मन है ,उसमे अगर बार बार ये बाद डाली जाए की तुम किसी गैर मर्द के साथ भी मजे ले रही हो और इस बात से मैं भी खुस हु तो ये सच है की कभी ना कभी तुम्हारे दिल में भी ये ख्याल आएगा ,और ख्याल ही क्यो ये चाहत भी होगी...और उस चाहत को पूरा करने का तुम्हे अधिकार होना चाहिए,मेरी तरफ से तुम फ्री हो …”

उसने मेरा सपाट चहरा देखा..

और मेरे होठो में अपने होठो को घुसा दिया ..

“मैं अपनी चाहत पूरी करने के चक्कर में आपका प्यार नही खोना चाहती जान ..”वो और भी जोरो से मेरे होठो को चूस रही थी …

“फिक्र मत करो जान मेरा प्यार बस तुम्हारे लिए ही है और हमेशा ही रहेगा..”मेरे आंखों में एक मोती चमका जिसे देखकर मोना थोड़ी डर गई लेकिन मेरे दिल में क्या हो रहा था ये मैं ही जानता था,और मैं कम से कम इस समय तो मोना को नही बताना चाहता था,क्योकि हर चीज का एक समय होता है …

“आप ऐसे ही रहोगे तो आपको क्या लगता है की मैं कुछ करूंगी ..”

मैंने अपने होठो में एक मुस्कान ला ली ..

“सच बताऊँ मुझे भी बहुत मजा आएगा ,तुम करो तो सही “मैंने शरारत से कहा और उसने झूठे गुस्से से मुझे मारा लेकिन फिर हम दोनो ही हँस पड़े,हमारे बीच बात साफ हो चुकी थी ,अब देखना था की मोना कितना बढ़ती है…

तभी उसके मोबाइल में एक मेसेज आया,मैंने देखा वो रोहित का मेसेज था..

“लो तुम्हारे आशिक का मेसेज आ गया..”

वो मुस्कुराते हुए मेसेज को खोलकर देखने लगी और उसके चहरे का रंग थोड़ा बदल गया …….

मोना का चहरा उस मेसेज को देखकर बुझ रहा था,मैं उसके एक्सप्रेशन को देख रहा था,मुझे पता था की अखिर उसके चहरे की हवाइयां क्यो उड़ी हुई है लेकिन मैं अपने चहरे के एक्सप्रेशन को ऐसा दिखाना नही चाहता था..

“क्या हुआ ……..”

“कुछ नही “

“तो तुम्हारा चहरा क्यो उतारा हुआ है..”

“नही तो ..”

“क्या लिखा है तुम्हारे आशिक ने “

“पहली बात वो मेरा आशिक नही है “

“ओह अचानक से कैसे …...पहले तो वही तुम्हारा आशिक था”

वो रूठ कर उठ गई ,मैंने मेसेज देखा ..

‘हाय मोना तुम्हे बताते हुए खुसी हो रही है की मैं शादी कर रहा हु,लड़की को तुम जानती हो हमारी डॉली...तो *** तारीख को हमारी सगाई **** होटल में है प्लीज् तुम और अभी जरूर आना …’

मेरे चहरे पर मुस्कान खिल गई …

मोना कपड़े बदल रही थी ..

“ओह यार मोना अब तुम किसके साथ ..”

“अभी आप प्लीज् चुप रहिए ..”

“अरे तुम क्यो गुस्सा हो रही हो तुम्हे तो खुश होना चाहिए तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त तुम्हारी पुरानी दोस्त के साथ शादी कर रहा है…”

“यही तो दुख है की रोहित अब भी उसे नही समझ पाया ...आखिरकार उस कुतिया ने रोहित को फंसा ही लिया ..”

मोना का चहरा उतर गया था..

“अरे छोड़ो भी मेरी जान ,जब वो ऐसा कर रहा है तो कुछ तो सोचा ही होगा उसने ,तुम अपना मूड ऑफ क्यो कर रही हो,”

मोना ने भी खुद को सम्हाल शायद वो मेरे सामने कुछ ज्यादा ही रियेक्ट कर रही थी…

“दुख तो आपके लिए लग रहा है आपकी फेंटेसी पूरी होने वाली जो थी ..”

वो मुस्कुराई

‘अरे तो उसमे क्या है तुम्हारे आशिकों की कोई कमी तो है नही ..”

उसने मुझे गुस्से से देखा और हम दोनो ही खिलखिला उठे ………
 
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Update 25
“थैंक्स अभी मेरे लिए तुमने ये सब किया ..”

डॉली मेरे सामने बैठी थी..

“सिर्फ तुम्हारे लिए नही ,असल में तुम्हारे पापा भी यही चाहते थे..”

वो जैसे उछली ..

“वाट ..??”

“हा उनसे मेरी इस बारे में पहले ही बात हुई थी,रोहित के लिए तुम्हारी दीवानगी को वो समझते है,और उन्हें ये भी पता था की रोहित असल में तुम्हे पसंद नही करता ,वो किसी दूसरी लड़की के पीछे है ,उन्हें ये भी पता चल चुका था की वो लड़की मेरी बीवी मोना ही है ,इसलिए उन्होंने मुझे उसके बारे में मुझसे बात की ...उन्हें पहले तो रोहित पर ही शक था की आखिर वो सही लड़का है की नही ,मैंने उन्हें मोना और रोहित के दोस्ती के बारे में बतलाया और ये भी की रोहित असल में बहुत अच्छा लड़का है,मैं उसे समझाऊँगा .. उन्हें तुम्हे लेकर भी फिक्र थी की आखिर तुम भी उसे प्यार करती हो या ऐसे ही कोई टाइम पास टाइप का रिलेशन है तुम्हरे बीच,डॉ चुतिया ने और मैंने मिलकर उन्हें समझाया था,आखिर में हम कामियाब हो गए और रोहित भी समझ गया…और तीसरा काम मुझे दिया गया था की तुम्हारे दिल से तुम्हारे पापा को लेकर जो नफरत थी उसे कम करना ,मुझे लगता है की तुम अब उन्हें इस बात के लिए माफ कर चुकी हो की उन्होंने तुम्हे दुनिया के सामने अपनी बेटी का दर्जा नही दिया ”

वो थोड़ी देर तक चुप ही रही..

“डॉ तो मुझे ये हमेशा से समझते रहे लेकिन आपकी बात सुनकर मेरा गुस्सा उनपर थोड़ा तो कम हो गया ,लेकिन ये जायेगा तब जब वो दुनिया के सामने मुझे अपना ले …”

मैं भी चुप ही था..

“लेकिन मुझे एक बात समझ नही आयी की अपने रोहित को आखिर समझाया कैसे ,वो भी कुछ नही बता रहा है ..”

मैं हँसने लगा ..

“बस ये हमारे बीच का एक राज है ..और तुम आम खाओ गुठलियां क्यो गिन रही हो ...”

वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन अगले ही पल उसके होठो में मुस्कान आ गई ……

सगाई जोरो से चल रही थी ,मोना असामान्य रूप से नार्मल दिख रही थी ना सिर्फ नार्मल असल में वो खुस भी थी,सारा वक्त वो डॉली और रोहित के साथ ही रही ,असल में ये डॉली के लिए भी हजम होने वाली बात नही थी लेकिन मुझे पता था की मेरी बीवी जितनी भोली लगती है उससे कही ज्यादा शातिर है,मेरे कमरे में लगाए हुए कैमरों को खोज कर उसने बहुत कुछ साबित कर दिया था,गृहमंत्री जी मेहमान की तरह ही आये ताकि सारी दुनिया के नजरो से उनका और डॉली का रिश्ता बचा हुआ रहे ,

डॉ चुतिया भी वही मिले ..

“तुम्हारी चाल काम कर गई अभी..”

उनकी वही कर्कश सी मीठी आवाज मेरे कानो में पड़ी ..

“कौन सी चाल ..”

उन्होंने जवाब नही दिया बल्कि स्टेज में खड़े मोना ,डॉली और रोहित को देखते हुए बोले..

“मोना बड़ी खुस लग रही है ..”

“आप कहना क्या चाह रहे हो ..”

उनकी परखी नजरो ने मुझे घूरा..थोड़ी देर के लिए पूरे शरीर में एक सनसनी सी फैल गई,कही सच में उन्हें मेरी चाल का पता तो नही चल गया..

“अंडरवर्ड में मेरे कुछ कनेक्शन्स है ..”

मैं आंखे फाड़े उन्हें देख रहा था..

“कही तुम्हारी नजर उस माल पर तो नही जो दुबई से आ और जा रहा है ..”

अब मेरा गाला सूखने लगा था ..

“आपको क्यो लगता है की रोहित को समझाने का कनेक्शन दुबई के माल से है ..”

उनके होठो में एक अर्थपूर्ण मुस्कान आ गई जिससे मुझे समझ आ गया की मुझसे ये प्रश्न करके एक गलती हो गई है ..

“यानी तुम्हे पता है की दुबई से क्या आ रहा है और बदले में क्या भेजा जा रहा है ..”

“पुलिस वाला हु वो भी क्राइम ब्रांच का ,इतने तो मेरे भी खबरी है अंडरवर्ड में ..”

उनके होठो में एक मुस्कान आ गई

“तब भी तुमने हेडऑफिस को इसकी कोई सूचना नही दी है..क्यो..?”

मैं हड़बड़ाया ..

“क्योकि मैं अभी मंत्री जी की ड्यूटी पर हु ..”

“तुम तो मंत्री जी की ड्यूटी के बहाने अपना भी काम करने में तुले हो,एक तीर से कितने निशाने मारने का इरादा है तुम्हारा ..आखिर करना क्या चाहते हो तुम..?”

मैं चुप ही रहा मेरी आंखों में एक शैतान सा उतर आया था,मेरी मुस्कान शैतानी हो चुकी थी , जिसे डॉ ने भांप लिया था ..

“देखो अभी तुम क्या चाहते हो ये तो मुझे थोड़ा थोड़ा समझ में आने लगा है लेकिन याद रखो की माल आएगा वो थो ठीक है लेकिन जाना नही चाहिए…”

इस बार डॉ की आंखे भी जल रही थी,मैंने सहमति में सर हिलाया ..

“आप चिंता ना करे मैं इतना भी कमीना नही हु ..”

डॉ के होठो में एक मुस्कान आ गई

“लेकिन ये तो सच है की तुम कमीने तो हो ..”

हम दोनो ही हल्के से हँस पड़े …
 
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Update 26
चटाक …

इंस्पेक्टर विक्रम के गालो पर एक जोरदार थप्पड़ पड़ा था की वो गिरते हुए बचा ..

“साली इंस्पेक्टर को मारती है जानती है मैं कौन हु …”

वो भड़का …

“साले जानता है मैं कौन हु ..”लड़की की आवाज से वो थोड़ा सा सहम गया था,वो उस इलाके का नया इंचार्ज था जो अभी अभी बदली लेकर आया था,वो आंखे फाड़े हुए लड़की को देख रहा था…

“मैं DSP क्राइम अभिषेक की पत्नी हु …”मोना ने गर्व से कहा ,विक्रम का गाला ही सुख गया..

उसने पास खड़े हुए कांस्टेबल की ओर देखा ..

“सर मैं तो बताने ही वाला था लेकिन अपने बोलने ही नही दिया ..”

“माफी मेडम “वो हाथ जोड़कर खड़ा हो गया था ...

“लेकिन इसके साथ… ये तो शातिर मुजरिम है इसकी फोटो तो मैंने थाने में देखी थी ..आप इसके साथ वो भी यंहा वीरान जगह पर ????”

“मैं कही भी किसी के साथ भी घुमू तुझे क्या साले ..”मोना का चहरा गुस्से से तमतमा गया था ,विक्रम थोड़ा सहम गया..

“और तुम्हारी फ़ोटो वँहा किसने टांग दी ..”मोना ने अब्दुल की ओर देखा ..

अब्दुल ने मुस्कुरा कर कांस्टेबल को देखा ,उसने ना में सर हिलाया ..

“वो सर ने ही एक केस की फाइल से निकाल कर लगा दिया था ..”कांस्टेबल डरा हुआ बोला ..

“नया है गलती हो जाती है ,इसे लेकर खान बाड़ी आ जाना,अब इसे भी तो पता चले की ये जिसके सामने खड़ा है वो यंहा के अंडरवर्ड का बेताज बादशाह है …”अब्दुल ने गुरुर के साथ कहा अब उसके आवाज में नए नए अपराधी वाली बात नही थी जो उसके यंहा आने के समय हुआ करती थी अब वो सच में किसी बादशाह की तरह व्यवहार कर रहा था…

विक्रम और भी बुरी तरह से डर गया..हुआ ये था की मोना और अब्दुल शहर से दूर एक पुरानी गाड़ियों के गोदाम के में थे,अब्दुल मोना को गाड़िया दिखा रहा था ,ऐसे तो उस गोदाम में 20 से ज्यादा लोग काम करते थे लेकिन वो चलते हुए अंदर आ गए थे,विक्रम पेट्रोलिंग में निकला था और उस जगह एक महंगी गाड़ी देख कर रुक गया था,अदंर जाते ही उसने तलाशी और जानकारी लेनी शुरू कर दी ,वँहा से कर्मचारियों ने उसे पूरी इन्फॉर्मेशन दे दी लेकिन वो फिर भी अंदर घूमने लगा,उसे एक जवान और हसीन लड़की साड़ी ने दिखाई दी हँस हँस कर एक लंबे चौड़े मर्द से बात कर रही थी ,उसे विक्रम ने पहचान लिया था ये तो वही केस वाला सस्पेक्ट था,उसने अपना पुलिसिया रुतबा दिखाने की सोची और जाकर उनसे कह पड़ा की साले इस रंडी के साथ यंहा क्या कर रहा है...और मोना के घूमते हुए हाथ ने उसका गाल लाल कर दिया,उसने सोचा था की पुलिस वर्दी देखकर दोनो ही डर जाएंगे जैसा की वो पहले भी कर चुका था लेकिन उसे नही पता था की वो किससे पंगा ले रहा था...

‘माफ कर दीजिए सर ,मैं आज ही आया हु ..”

“लगता है बहुत ईमानदार कर्मठ हो जो आते ही फाइल देखना शुरू कर दिया ,तुम अभी के अच्छे शागिर्द बनोगे ..”मोना ने मुस्कुराते हुए कहा …

विक्रम ने भी मुस्कुराते हुए अपना पसीना पोछा ...
 
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Update 27
“देखो तब की बात और थी अब तुम शहर में हो,यंहा के लोग पढ़े लिखे और सशक्त है ,अपने अधिकारों के बारे में जानते है तुम ऐसे ही किसी को कुछ भी नही कर सकते..”

मैं विक्रम को समझा रहा था..उसने सामने रखा अपना रम का पैक एक ही झटके में अपने हलक के अंदर उतार दिया..

“चुप कर भोसडीके मुझे ज्ञान मत चोद तेरी बीवी नही होती ना तो बताता..”

विक्रम ने अपने गाल को सहलाते हुए कहा ..

‘मादरचोद पहली बात की अगर वो कोई और भी होती ना तो तू कुछ नही उखाड़ सकता था,प्यार से समझा रहा हु समझ नही आता..”

“लौड़े तेरे शहर में पुलिस वाले फट्टू होते है क्या,वहां साला एक मुजरिम तेरी बीवी के साथ था और तू उन दोनो की वकालत कर रहा है ..”

मुझे उसके ऊपर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन मैं उसे पी गया..

“भोसडीके wo तेरा ट्रांसफर एक फोन में कर देता वो ,झांट भर कर इंस्पेक्टर है तू अपनी औकात मत भूल ...और मोना एक गाड़ी देखने गई थी ,मुझे बताकर समझ गया,..”

उसने मुझे घूर कर देखा ..

“मेरे इंस्पेक्टर होने का मजाक उड़ा रहा है भोसडीके भूल मत की अगर मैंने नोट्स नही दिए होते तो तु साले अभी भी बेरोजगार घूम रहा होता…”

मैंने अपना माथा पकड़ लिया ..

“अबे लौड़े के चने ,तूने भी तो वही नोट्स पढ़े थे फिर तू क्यो PSC नही निकाल पाया,अब ये मत भूलना की तू बस एक इंस्पेक्टर है और मैं एक DSP …”

उसने मुझे घूरा ..

“लौड़े अगर मेरी बहन की शादी नही होती तो मैं भी तेरे से बड़ा अधिकारी होता,साले कोचिंग के तो पैसे थे नही तेरे पास मैं कोचिंग जाता था पढ़ता था ,और उसी नोट्स को पढ़कर तू PSC नीकाल कर DSP क्या बन गया मुझे ही ज्ञान चोद रहा है …”

उसने एक ही झटके में अपना ग्लास फिर से खत्म कर दिया ..

“मादरचोद जानता हु तू कोचिंग क्यो जाता था,बहन की शादी का बहाना मत बना भोसड़ी के लौड़ी तड़ता रहता था वँहा जाकर बेचारी बहन को क्यो बीच में लाता है,साले कभी इंटरव्यू तो निकला नही तुझसे बात करता है तू साले इसी नॉकरी के काबिल था और ये भी मिल गया वो भी गनीमत है …”

उसने गुस्से से मेरी ओर देखा ,मेरी हँसी निकल गई…

“चुप कर भोसडीके उस समय की भूल आज भी दुख देती है काश उस समय पढ़ लिया होता तो तेरे ये ताने नही सुनता,साले तू DSP बन गया और मुझे बस sub इंस्पेक्टर के पोस्ट से ही संतुष्ट करना पड़ रहा है ..”

मैं खिलखला कर हंसा ..विक्रम मेरे संघर्ष के दिनों का साथी था,मैं गरीब घर का था जैसे तैसे उसी की बदौलत मैं जॉब करते हुए अपनी पढ़ाई की थी ,एक नंबर का चिड़ीमार था लेकिन दिल का साफ और मदद करने में अव्वल था ,उसके कारण ही मैं सिविल सेवा में आया था,लेकिन उसके चूद के शौक ने उसे ज्यादा बढ़ने नही दिया ,वही मैं दिन रात की मेहनत से DSP बन गया और फिर अपनी काबिलियत से क्राइम बैंच तक आया….वो भी मेरी तरह चालक इंसान था लेकिन उसके अंदर ईमानदारी का एक कीड़ा था ,एक तो ईमानदार दूसरा चुद का दीवाना इसी लिए उसे नक्सली इलाको में ही रखा गया,अब जाकर मैंने गृहमंत्री से बात करके इसे अपने इलाके में पोस्टिंग दिलवाई थी …

“लेकिन यार अभी मुझे बस एक चीज समझ नही आयी की वो साला अब्दुल भाभी ऐसे बात कर रहा था जिसे ...भाई गलत मत समझना लेकिन …”

वो हिचकिचा रहा था ..

“क्योकि मेरे तरफ से तेरी भाभी को पूरी आजादी है ,और वो मुझे बता कर ही वँहा गई थी,उसे एक कर चाहिए और अब्दुल ने कहा था की उसके पास सेकंड हैंड कार की भरमार है ,सस्ते में दिला देगा तो देखने गई थी …”

“आजादी है मतलब ..”

“मतलब की वो चाहे जिससे जैसे बात करे मुझे कोई प्रॉब्लम नही है ..”

विक्रम ने मुझे घूरा ..

“और कुछ ज्यादा हो गया तो ..”

“तो भी कोई प्रॉब्लम नही है ,वो मोना की मर्जी है ..”

वो फिर से मुझे घूरता रहा ..

“मादरचोद तू चुतिया है की चोदू..”

मुझे उसकी बात पर गुस्सा नही बल्कि हँसी आयी ..

“साले तेरी बीवी किसी दूसरे के साथ और तुझे कोई प्रॉब्लम नही होगी ..”

“यार जब उसकी मर्जी हो तो क्यो प्रॉब्लम होगी ..”

वो भन्ना गया ..

“तब अगर भाभी मेरे साथ कुछ करे तब भी तुझे प्रॉब्लम नही होनी चाहिए ..”

उसने बेहद गुस्से से मुझे देखा ..

“तो पटा ले तू ही उसे मैंने कब मना किया है ,ऐसे हॉट है की नही ..”

वो अब भी गुस्से में था ..

“भाभी को उस नजर से थोड़ी देखूंगा मादरचोद...लेकिन अगर वो किसी और से सेट हुई ना तो तेरा भाई कसम लेता है की उसे अपने नीचे ले आऊंगा ...और तेरे सामने ही …”

वो इतना ही बोल पाया था की रुक गया ,शायद नशे में वो इतना बोल गया था ,उसके चहरे में ग्लानि के भाव साफ दिख रहे थे ..

“साले तू चोदू बन गया है बे ,तू मेरा वो दोस्त नही जिसने प्रहलाद को सिर्फ इसलिए मार दिया था क्योकि वो मेरी आइटम के साथ बात कर रहा था,साले मोना तेरी खुद की आइटम नही बल्कि बीवी है और तू उसके बारे में ये बोल रहा है …”

उसकी बात मेरे दिल में लग गई थी ...मैंने एक गहरी सांस ली ..

“दोस्त तूने सच कहा अब मैं वो लड़का नही रहा ..”

अब मुझे उसकी आंखों में अपने लिए एक घृणा के भाव दिखे लेकिन फिर भी मैं शांत ही था ….

“तू अब गांडू हो गया है मादरचोद तुझे तो दोस्त बोलते हुए भी शर्म आ रही है ,”

उसने अपना पैक एक ही सांस में खत्मकर दिया और उठकर जाने लगा..

“सुन अगर अब्दुल तुझसे पहले मोना तो पटा ले गया तो ..”

वो गुस्से से मुझे देखने लगा..

“भाभी को अगर कोई चोदेगा तो वो मैं होंउंगा कोई दूसरा नही ..”

वो गरजा ..आंखों में एक अजीब से नफरत के साथ वो नफरत मेरे लिए ही थी ..

“तो याद रखना किसी को हमारी दोस्ती की भनक नही लगनी चाहिए..”

मैंने शांत स्वर में कहा वो गुस्से में मुझे देखता हुआ वँहा से निकल गया,और मैं एक लंबी सांस लेकर अपने ही कुर्सी में लेट गया मेरे आंखों में एक आंसू अनजाने में ही आ गया था ……
 
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Update 28
मेरा फोन घनघना उठा था ,नंबर विक्रम का था ..

“हल्लो ..”

“बे गांडू तेरी बीवी उस अब्दुल के साथ रेस्टारेंट में बैठी है ..”

“तमीज से बात कर मुझसे ..”मैं भड़का ,लेकिन वो हंसा

“तुझसे तमीज से बात ...किस बात की तमीज और किस बात की इज्जत जो अपनी बीवी को नही सम्हाल पाए उसे मैं चुतिया कहता हु ,और जिसे पता हो की उसकी बीवी अपने आशिक के साथ है फिर भी चुप रहे उसे गांडू..”

अभी भी उसके आवाज में वही गुस्सा था ..

“भोसडीके मैं तेरा अधिकारी हु ..”

“अरे माँ चुदाये साला,अधिकारी बनता है कर ले जो करना है नॉकरी से निकाल देगा ना और क्या करेगा ,भाड़ में जाए ऐसी नॉकरी ..”

मैं उसे जानता था और इसलिए चुप रहना भी बेहतर समझा

“क्या हुआ बे गांडू ..”

“वँहा क्या कर रहा है तू..”

“अब ये मत कहना की यंहा भी मोना तुझसे पूछ कर आयी है ,मादरचोद कही वो अब्दुल से चुदती तो नही ना ..”

“मादरचोद ..’मैं चिल्लाया

“हद में रह तू अपने ..”वो भी थोड़ा सहम गया शायद वो ज्यादा भी बोल गया था ..

“सॉरी यार वो गलती से ..”

“तेरी हर गलती इसीलिए माफ कर देता हु क्योकि तू मेरा दोस्त है ..”

“नही तो क्या उखाड़ लेता ..”

वो हंसा ,मैं हँस तो नही पाया लेकिन साले पर गुस्सा भी नही आया

“क्या कर रही है मोना वँहा ..’

“अब तू मुझसे अपनी बीवी की जासूसी करवाएगा ..”

“नही बे मैं तो तेरी मदद कर रहा हु ,अब दूसरे से चुदे उससे अच्छा है की मेरे दोस्त से ही चुदे …”

मेरी बात से वो गंभीर हो गया था ..

“अभी ..यार तू कुछ छुपा तो नही रहा है ना मुझसे ,तू ऐसा कैसे कर सकता है बे ,कौन सी बात तू अपने दिल में दबा के रखा हुआ है जो तू ये सब कर रहा है,मैं तुझे जितना जानता हु तो अपने प्यार पर किसी दूसरे का साया भी बर्दास्त नही कर सकता था आज क्या हो गया है तुझे भाई ..”

उसकी आवाज में एक दर्द था ..

“बोला ना तेरा भाई अब बदल चुका है उसे मजा आता है की कोई उसकी बीवी के साथ ..अब तक कई लोग उसके आशिक बन कर घूम रहे थे अब तू भी उनमे शामिल होजा …तसल्ली रहेगी की मेरी बीवी के ऊपर चढ़ने वाला मेरा ही दोस्त है …”

वो ऐसे चुप हो गया जैसे सांप सूंघ गया हो ..

“अब बता क्या कर रहे है दोनो ..”

विक्रम की नजर अब भी उस रेस्टारेंट में थी ..

“पता नही साले किस बात पर इतना हँस रहे है ,मोना बार बार बेवजह ही शर्मा रही है ,ऐसा लग रहा है कोई प्रेमी जोड़ा हो ..”

मैं हंसा ..

“तो तू क्या कर रहा है ..भूल जा की वो मेरी बीवी है बस ये सोच की वो एक चूद है जो तेरा टारगेट है मुझे पता है की तूने आज तक कभी अपना टारगेट मिस नही किया है …”

वो थोड़ी देर तक कुछ नही बोला लेकिन फिर एक गहरी सांस ली जैसे कोई बड़ा फैसला कर लिया हो …

“अगर तुझे यही चाहिए तो ठीक है आज से मोना मेरे लिए मेरी भाभी नही एक टारगेट है …”

उसने फोन रख दिया……..
 
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Update 29
15 दिन बीत चुके थे ,ना ही विक्रम ने मुझे कुछ कहा था ना ही मोना ने ,बस मोना के तेवर थोड़े बदले से थे,वो सज धज कर घर से निकलती थी ,पहले भी वो सज धज कर ही जाती थी लेकिन अब वो मुझे बोलकर जाती थी की वो अपने आशिकों के लिए तैयार हो रही है ...शायद मुझे जलाने के लिए लेकिन मैं उसे बस इतना ही कहता था की तेरी जैसी इक्छा …

मुझे मेरे खबरी का फ़ोन आया की कलकत्ता से माल आना शुरू हो चुका है ,मेरे कान खड़े हो चुके थे …

मैंने तुरंत ही डॉ चुतिया को काल लगाया ..

“खबर पता चली आपको…”

“पता तो चल गई लेकिन ...क्या तुम सच में पुलिस को इसमें शामिल नही करना चाहते…??”

“नही ...ना जाने कौन उनसे मिला हो …”

“वो तो ठीक है ऐसे भी मुझे माल दुबई जाने से रोकना है ,और उसे उनके सही जगह पर पहुचना,लेकिन जो नया इंस्पेक्टर आया है उसका क्या ,तुम्ही ने तो उसे यंहा बुलवाया है ना ..”

“उसकी फिक्र मत कीजिये उसे जो चाहिए मैंने उसे उसके पीछे लगा दिया है ,अब वो कुछ और नही सोच पायेगा ..”

“अभी तुम्हे पूरा भरोसा है की तुम ये कर पाओगे ,कही किसी को तुम्हारे प्लान का पता चल गया तो ..”

“फिक्र मत करो नही चलेगा,जिसे पता होना चाहिए उसे मैं खुद ही बता दूंगा ,लेकिन अपने तरीके से …”

“तुम पर इतना तो भरोसा है की तुम कुछ दूर की सोच कर ही काम कर रहे होंगे ….”

“थैंक्स डॉ आप भी अपनी आंखे और कान खुली रखना ,जैसे ही दुबई से माल आ जाए हमे अटैक करना होगा ..”

“लेकिन किससे अटैक करेंगे,पुलिस की मदद तो तुम ले नही रहे हो ,और मेरे पास इतने आदमी भी नही है …”

“जंग लोगो से नही दिमाग से जीती जाती है डॉ ,सालो को ऐसा फ़साउंगा की बस सोचते ही रह जाएंगे की हुआ क्या था …”

मेरी आवाज में एक अजीब सी बात थी जिसने डॉ को संतुष्ट कर दिया था …….
 
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Update 30
“अभी तुम्हे सम्हाल कर रहना चाहिए, मोना के कदम इतने बहक रहे है और तुम हो की बात को बिल्कुल ही मजाक में ले रहे हो ..”

“क्या बहक रही है वो ,”

“वो अब्दुल के साथ घूम रही है ,कभी भी उसके साथ चले जाती है और ..”

“और ..”

“और कुछ नही ,तुम थोड़ा तो लगाम लगाओ यार ..”

“इतना तो तुम्हारे साथ भी करती थी तो क्या तुम्हारे साथ भी वो गलत थी ..”

“हम दोस्त है ..”

“वो भी तो दोस्त ही है ..”

“लेकिन फिर भी ..”

“तू कहना क्या चाहता है बे ..”

राज की बात से मेरा दिमाग पक गया था ,

“कुछ नही वो ..”

“वो क्या साफ साफ बोल दे मुझसे फटती है क्या ,या मोना से फटती है जो मुझसे बात करने चला आया है ..”

राज(मोना का कलीग ) थोड़ा बेचैन दिखा ..मुझे पता था की ये भी मेरे बीवी के आशिकों में एक है ..और मोना को लाइन मारने की भरपूर कोशिस में लगा हुआ रहता है लेकिन जब लोग असफल हो जाते है तो उनकी सफल लोगो से जलने लगती है और इस समय इस खेल में अब्दुल ने राज को पछाड़ दिया था ,मोना अब्दुल के साथ ही ना की राज के साथ ,राज की इतनी जली की वो मेरे ऑफिस तक पहुच चुका था …

“ऐसा नही है ..”

“तो प्रॉब्लम क्या है की तू इतना बताने के लिए मेरे ऑफिस तक आ गया है ,ऐसी क्या दोस्ती है तेरे और मोना के बीच और हम तो बस उस पार्टी में ही मिले थे उसके बाद से तो आज तक हम मिले नही फिर भी तू मेरे पास आ गया आखिर राज क्या है राज जी …”

उसे अपनी गलती का अहसास हो चुका था,वो बिना किसी तैयारी के ही मेरे पास आ गया था ,और मेरे चहरे का गुस्सा भी उससे छिपा नही था ..

“कुछ नही बस दोस्ती के नाते बता रहा हु ..”

“तेरी दोस्ती मोना से है ना की मुझसे “

“मोना को समझने की कोशिस की लेकिन वो संमझती नही ,”

मेरे होठो में एक व्यंगात्मक सी मुस्कान आ गई ..

“मुझे लगा की तुम्हे बता दु,लेकिन तुम भी कुछ नही सुनना चाहते खैर ओके बाय ..”

“रुक...मोना के खिलाफ मेरे कान भरने से पहले ये याद रखना की मैं उसे तुझसे ज्यादा जानता हु और उसपर भरोसा करता हु समझ गया …”

उसने बस मुझे एक नजर देखा और तुरंत ही बाहर चला गया ..
 

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