Incest छिनाल बहुरिया

Member
216
274
63

छिनाल बहुरिया-18

शाम सात बजे खाना खा लिया गया था अब सोने की बारी थी गाँव मे सब जल्दी सो जाते है सासु रसोई मे थी सासु माँ तीन गिलास दूध देती बोली जा तीनो बेटो के दे आ बेचारो को रात भर मेहनत करनी है
मै हाये माँ जी आप भी कहाँ है वे
सासु बहु तु तो जानती है छोटा घर सब संतुलन मे रखना होता है अब तीनो साथ सोयेगे जैसे पहले सोते थे
नंद बस अंतर है भौजी भी उनके साथ सोयेगी और खिलखिला दी
सासु सुन बहु तु इज्जत दार घराने की बहु हो इतनी तेज ना चिल्लाये कर कल पड़ोसी चाचा कह रहे थे बहु की रात भर अवाजे आती रही पुरी रात हमे नीद नही आई दिन मे बहु की मस्त गांड तो राज आवाज कहर ढाये रहती है
मै हाये माँ जी क्या करती बहुत दर्द हुआ था
सासु बहु दर्द औरत को जीवन भर सहना है इतने से घबरायेगी तो पूरा जीवन पड़ा है चुदने को, अब तो रोज कुछ ना कुछ फटेगी नई बुर है अभी तो तेरी कोरी गांड है सब को फटना है तो दर्द को हिस्सा बना ले तो दर्द मे भी मजा आयेगा
सासु नंद से बोली जा क्या टुकुर टुकुर सुन रही है कल तेरे पर भी बेतेगी अभी करमजली सो सुबह जल्दी स्कूल जाना है
नंद चली गई अपने कमरे मे सोने
ससुर भी बाहर आँगन मे बिस्तर लगाने लगे
और अब जान गई थी की तीनो भाई मेरा इंतजार कर रहे होगे हरामी आज तीनो साथ साथ बारी लगाने की सोच रहे है
मै सासु माॅ मुझे पेशाब लग रही है
सासु अब इतनी रात को कौन ले जायेगा खेत जा आँगन मे कर ले
मै हाये मॉ जी बाहर आँगन मे ससुर है
सासु तो क्या हुआ तेरे बाप के समान है क्या तु बाप के सामने नंगी ना हुई फिर हमारे यहाँ बहु ससुर को मुंह नही दिखाती भले गांड दिखे, फिर तेरी तैसी मस्त गांड तो दिखाने मराने के लिए है और क्या जीवन भर केवल इससे हगेगी ही
मै हाये हमे शर्म आती है
सासु ठीक है तु दुध गर्म कर के ला मै ढेला से कह देती हूँ अपनी महरारू को मूता लाये मै जा रही सोने
मै दूध गर्म कर रसोई से बाहर हुई तो नल के पास ससुर चारपाई पर लेटे थे मै लाल चोली पेटीकोट मे मात्र थी ससुर मेरी तरफ देख अपना लंड दबा दिये मै मुस्करा के सर झुका दी और अपने कमरे की तरफ बढी
दरवाजा खोला तो 15*15 का कमरे मे तीनो चटाई पर दरी बिछाये कमरे मे देखा तो मोनू ढेला का छोटा लंड चुस रहा था तो सोनू मोनू को घोड़ा बनाये उसकी गांड मे लंड डाल धक्के लगाये जा रहा था
मेरे अंदर आते ही सोनू ने मोनू की गांड पर चपत लगाते हुये बोला
सोनू क्या भौजी यह घोडा तेरी छुटकी बहन के लिए सही है तो कहे तो व्याह की बात चलाऊ, इसे तेरी छुटकी भा गई है
मैंने देखा सोनू के 9 इंची लंबे वा केन जैसे मोटे लंड ने मोनू की गांड एकदम किनारी तक फैला रखी थे वा सोनू लगातार धक्के मारे जा रहा था
ढेला अबकी सावन को ले अऊंगो इसकी छुटकी को दोनो को कुत्तिया बना कर रगड लेना व्याह तो बाद की बात है क्यो री
मै जी जैसी मर्जी आपकी
ढेला माँ कह रही थी कुत्तिया को मुतास उठी है मगर गांड उठाने मे शर्मा रही है
मै हाये जी बहुत तेज लगी है
तभी ढेला ने एक इशारा किया तो सोनू उठ गया फक्क की आवाज के साथ उसका लंड बाहर आ गया, सोनू के लंड का लाल सुपड़ा पीला नजर आ रहा था मै समझ गई यह मोनू का मल है असल मे इतना मोटा लम्बा लंड घुसेगा तो किसी का भी मल निकाल कर ही निकेलेगा मोनू अभी भी ढेला का लेड चुस रहा था जैसे कोई मतलब ही नही इस कमरे मे क्या हो रहा है
सोनू मेरे पास आते ही मेरी पेटीकोट को डोरी खोली मेरा पेटीकोट सरसराते हुये जमीन चुमने लगा तभी सोनू ने पीठ के पीछे आते ही उसने चोली की डोरी खीच कर चोली निकाल दी इसी के साथ मेरे दोनो बडे बडे स्तन हवा मे लहरा गये अब मै मदरजात नंगी थी
ढेला सुन यहाँ कुत्तिया रात को शर्माती नही चुदवाती है समझी कुत्तिया या मार से समझेगी कितनी बार समझया की अपनी शर्म दिन मे रख रात मे केवल तु कुत्तिया है इस घर की समझी या मार से समझेगी
में डरते हुये जी समझ गई
ढेला जा बहार और अपने ससुर से कह कि वो तुझे मुता दे समझी
मै जी ऐसे जाऊ
ढेला रंडी तुझे समझ नही आता और पास रखी संन्टी से एक तेज छपकी अर्थात मार मेरे पैरो पर लगाई
मै दर्द से बिलबिला के बैठ गई
ढेला समझी या और समझाऊ
मै जी समझ गई मारे ना जो आप कहोगे करूगी पत्नी हूँ धर्म है मेरा
ढेला तो बता कुत्तिया क्या कहेगी अपने ससुर से और कैसे कहेगी
मै हाये जी मै अपनी बुर फैला कर कहूंगी ससुरजी मुझे मुता दो
ढेला तो जा मूत कर जल्दी आ
मै जी
मै नंगी घबराते हुई आँगन की तरफ चल दी
 
Member
216
274
63

छिनाल बहुरिया-19

ढेला रंडी तुझे समझ नही आता और पास रखी संन्टी से एक तेज छपकी अर्थात मार मेरे पैरो पर लगाई
मै दर्द से बिलबिला के बैठ गई
ढेला समझी या और समझाऊ
मै जी समझ गई मारे ना जो आप कहोगे करूगी पत्नी हूँ धर्म है मेरा
ढेला तो बता कुत्तिया क्या कहेगी अपने ससुर से और कैसे कहेगी
मै हाये जी मै अपनी बुर फैला कर कहूंगी ससुरजी मुझे मुता दो
ढेला तो जा मूत कर जल्दी आ
मै जी
मै नंगी घबराते हुई आँगन की तरफ चल दी
सामने ससुर लेटे थे उन्होने मुझे इस हालत मे आते देखा तो धोती से अपना 10 इंची काला नाग बाहर निकाल लिये थे
मै धीरे धीरे उनकी चरपाई की तरफ बढ रही थी मेरे बडे स्तन आपस मे टकरा रहे थे कमर की गहरी नभी के ठीक नीचे हलकी रोयेदार बुर की दरार उन्हे घायल कर रही थी



मै जैसे जैसे उनके नजदीक जा रही थी उनके हाथो की गति उतने ही तेज बढ रही थी
चारपाई के पास आते ही शर्म से सर झुका खडी हो गई
ससुर क्या हुआ बहु इस हालत मे यहाँ कैसे
मैंने तभी एक टांग उनके सिरहाने लगे पाये पर एक पैर रख दिया जिससे मेरी बुर की पुत्तिया खुलकर उनके मुंह के पास थी

मै हाये ये निगोडी आप के पास ले आई ससुर जी
ससुर क्यो री इस प्यारी को क्यो भला बुरा कह रही है
तभी ससुर मेरी बुर को चाटते बोले
ससुर खबरदार इसे कभी भला बुरा कहा यह प्यारी तो मेरे खानदान के लंडो को शांत करेगी
यह प्यारी तो मेरे पोतो को जन्म देगी
मै हाये बाबूजी अभी तो इसे मुतास लगी है जोरो से हाये
बाबूजी इसको मूता दो
तभी मै ससुर के लंड को कस के पकड़ लिया इतना बडा और शानदार मोटाई लिये इतना प्यारा यादि रिश्तो की मर्यादा ना होती तो सच मे यह अभी मेरी बुर मे गोते लगा रहा होता
मै क्यो रे तु बाबुजी को परेशान करने फिर बाहर निकल आया तुझे जरा भी शर्म नही आती
ससुर मेरी बुर चाटते हुये
ससुर क्या करू बहु इसका तेरी मस्त जवानी देखकर एक खडा होकर मुझे परेशान कर रखा है
मै तेजी से मुठ मारती हुई
मै देखे ससुर जी कितना भोला दिखता है मगर है हरामी नम्बर वन देखना यह आपकी बहु की बुर गांड दोनो फाड़कर ही चैन लेगा
ससुर वो तो है बहु बड़ा हरामी है
मै हाये बाबुजी देखे ना मेरी ये अभी कितनी छोटी है आपके बेटो ने अभी ढंग से चोदो भी नही है और यह 10 इंची नाग लार टपका रहा है,
ससुर सच कहती है तु बहु कल से इसे धोती की गांठ मे बाँध कर रखूंगा
मै हाये बाबूजी इस बेचारे को यह सजा ना दे, इसका काम ही है बुर को देखकर खड़ा होना और उन्हे फाड़ना, यह आज कल मेरी बुर गांड को भी फाडेगा तो है ही बस इससे इतनी विनती है रहम करके फाडे हलके हलके
 
Member
216
274
63
छिनाल बहुरिया-20

मै हाये बाबुजी देखे ना मेरी ये अभी कितनी छोटी है आपके बेटो ने अभी ढंग से चोदो भी नही है और यह 10 इंची नाग लार टपका रहा है,
ससुर सच कहती है तु बहु कल से इसे धोती की गांठ मे बाँध कर रखूंगा
मै हाये बाबूजी इस बेचारे को यह सजा ना दे, इसका काम ही है बुर को देखकर खड़ा होना और उन्हे फाड़ना, यह आज कल मेरी बुर गांड को भी फाडेगा तो है ही बस इससे इतनी विनती है रहम करके फाडे हलके हलके
ससुर मेरी बुर को जीभ से चाटते हुये बोले
हाय बहुरिया तु कितनी अच्छी है रे, सच तु इससे अपनी बुर चुदवायेगी
उनका काला नाग झटके मारते हुये फुंकार रहा था मैंने उसे कस के दबोचते हुये
हाये बाबुजी यह हरामी बिना चोदे मानेगा
ससुर बहु जब तेरी जैसी मस्त छिनाल बहु हो तो मरा लंड भी चोदने वो बेताब हो जाये फिर यह बेचारा कैसे मानेगा
मै हाये बाबुजी तो बेचारी चुत क्या कर सकती है उसे तो टाँग खोलना ही पडेगा, देखे ना मूतने के लिए भी आपके आगे टांगे खोले खड़ी है बहु तो चुदुगी नही तो कहाँ जाऊंगी, इस चुत की नियति है इस गधे लंड से फटना, मगर पहले मुता तो ढेला इंतजार कर रहा होगा
तभी ससुर ने सामने आंगन मे पड़ी लकड़ी की कुर्सी चारपाई से सटा दी और मुझे दोनो पैर रख बैठने को कहा जैसे पेशाब कर रही हूँ जैसे ही मै कुर्सी पर बैठी मेरी बुर चारपाई पर बैठ ससुर के ठीक सामने थी उन्होने अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया मै सिहर गई वो मेरी गांड के छेद से चाटने हुये बुर की दरारो से होते हुये क्लिट तक पहुंच रहे थे इससे मेरा तन बदन सितार की भाँति बज उठा
मै हाये दईया हाये सी हाये बाबुजी क्या कर रहे है मै मूतने वाली सी हाये मूत निकलने वाला है बाबुजी
ससुर तुने ही कहा था मूता दो तो मूता रहा हूँ तुझे बहु, इसी बहाने तैरा सुनेहेला शरबत भी पी लूँगा बहुत प्यास लग रही है पिला दे बहु अपनी चुत का शरबत अपने ससुर को
मै तो बाबुजी पी लो निकलने वाला है
तभी ससुर जी ने मेरी गांड मे अपनी बीच वाली उंगली एक झटके मे उतार दी
मै तेजी से चिहुँकी वा दर्द से बिलबिला उठी और चुत से पेशाब की धार एक सीटी मारती हुये बहार निकल आई
ससुर तुंरत अपना मुंह बुर मे सटाते हुये मूत पीने लगा और उसकी उंगली मेरी गांड के अंदर बाहर होने लगी
तभी एक गाना गुनगुना उठी

ससुर बड़ा हरामी, रात दिन सताये
गांड तो मारे ही मारे, मूत भी गटकाये
ससुर बड़ा हरामी, रात दिन सताये
बहु की गांड देख, हरामी का लंड टनटनाये
 

Top