Incest छोटी कहानियों का संग्रह

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मामा का चुदक्कड़ परिवार
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोनक है, में गुजरात का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 24 साल है और में मामा के घर बचपन से रहता हूँ। मेरे मामा के घर में मेरे साथ चार और लोग रहते है। एक मेरा भाई कुणाल, जो कि 20 साल का है। मेरी बहन पूजा जो कि 19 साल की है। मेरा मामा जगदीश 45 साल का और मेरी मामी रीता जो एक महीने में 40 साल की हो जाएगी। ये सब कैसे हुआ? मुझे कुछ मालूम नहीं चला था। अब में आपको उनके बारे में कुछ बताता हूँ। मैंने जब से होश संभाला है मुझे चोदने और चुदाई से बड़ी दिलचस्पी रही है। मुझे जब भी कोई मौक़ा मिलता है तो में छुपकर मामी और मामा को चोदते हुए देखता था। ये मौक़ा मुझे थोड़ा ज़्यादा ही मिलता था, वो इसलिए की वो दोनों लगभग एक हफ्ते में 3-4 बार चुदाई करते थे।

मेरा मामा एक इंजिनियर है और हाजीपुर एक फेक्ट्री में काम करता है, वो काफ़ी अच्छी पोस्ट पर है, उसका बदन बड़ा तगड़ा और भरपूर है, वो अक्सर कसरत करने की वजह से काफ़ी तंदरुस्त रहता है। उसका लंड बिल्कुल मेरी ही तरह है, कुछ 7-8 की लंबाई और मोटा भी काफ़ी है। उसकी चुदाई भी बड़ी तगड़ी रहती है, वो दोनों अक्सर 1 घंटे से ज़्यादा चुदाई करते रहते है। मगर मुझे हमेशा से थोड़ा शक रहा है कि मेरी मामी का सेक्स ड्राइव कुछ ज़्यादा ही है, वो हर बार एक और बार की रिक्वेस्ट करती रहती है। कभी-कभी मेरा मामा उसे 2-3 बार चोदता है, लेकिन अक्सर एक ही बार में वो दिनभर की थकान से मजबूर हो जाते थे। मेरी मामी भी काफ़ी तगड़ी है, वो अकेली घर का काम संभालती है और उसमें जरा भी चर्बी नहीं है और उसके कूल्हें देखो तो दो बड़े-बड़े तरबूज़ की तरह है और लगते भी सख्त है और उनमें कोई सूजन भी नहीं है। उसकी गांड काफ़ी बड़ी-बड़ी और गोल-गोल है, रंग गोरा और स्किन बहुत साफ है, वो कपड़े पहने हुए हो या नंगी, लेकिन कोई ये नहीं कह सकता है कि वो दो जवान बच्चों की माँ है। मुझे दूर से तो ऐसा लगता है कि उसकी चूत भी बड़ी टाईट है, क्योंकि मेरा मामा उसकी टाईट चूत की तारीफ किया करता था।

मेरा भाई जो मुझसे 1 साल छोटा है, वो मेरी ही तरह कसरत करता है, उसका बदन भी तगड़ा है और लंड भी बिल्कुल मेरी ही तरह लंबा और मोटा है। मेरी बहन बिल्कुल मेरी मामी की तरह है गोरी और लंबी, मगर थोड़ी दुबली है। उसके कूल्हे भी छोटे है, मगर गोल-गोल है और उसकी गांड तो बस ऐसी कि आदमी देखते रह जाये, उसने आजकल बाल काट रखे है और अब वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगती है। वो जब सज संवरकर आती है तो मेरा लंड बस उसे प्रणाम करने खड़ा हो जाता है। कुणाल बी.एस. सी Ist ईयर में है और पूजा मेडिकल की तैयारी कर रही है और उसका डॉक्टर बनने का सपना है।

हम सब पढ़ाई में काफ़ी अच्छे है और घर का माहौल हमेशा अच्छा ही रहता है। अभी पूजा का 18 साल का बर्थ-डे मनाऐ हुए एक महीना ही गुज़रा था कि मामी मामा ने सबको एक साथ लिविंग रूम में बुलाया। फिर मामा ने सबसे पहले सबको बैठने के लिए कहा। फिर जब सब बैठ गये, तो तब वो कहने लगे कि अब में तुमसे जो बात कहने जा रहा हूँ, वो शायद ही किसी घर में कही गई होगी, मगर तुम सब अब बड़े हो गये हो, पूजा भी अब 18 साल की हो गई है। अब में कुछ परेशान होने लगा था, आखिर क्या प्रोब्लम हो सकती है? फिर मामा ने कहा कि तो सबसे पहले में तुमसे एक अनोखा सवाल करना चाहता हूँ, उसका बिल्कुल सच जवाब देना, बिल्कुल बिना डरे कोई गुस्सा नहीं होगा ठीक है? तो तब हम सबने अपना सिर हिलाया, तो तब मामा ने कहा कि चलो ठीक है सबसे पहले में बड़े से शुरू करता हूँ, अभी बताओं कि तुम्हारा ध्यान कभी चोदने की तरफ जाता है?

तब में शॉक हो गया, भाई ये कैसा सवाल है? जो अपना मामा बेटे से करता है। तब मैंने धीरे से जवाब दिया कि हाँ चोदने पर ध्यान जाया करता है और मेरे मामा को मुस्कुराते हुए देखकर थोड़ी हिम्मत भी बढ़ी और जाना भी चाहिए। तब उन्होंने कहा कि जवान हो, लंड है, औरत को देखोंगे तो ध्यान उस तरफ जाएगा ही ना? ये बताओं कभी अपने घरवालों को चोदने की तरफ ध्यान गया? तो तब मेरी आँखें बड़ी हो गई जी? शायद मैंने गलत सुना है। तब मामा बोले कि हाँ तुम्हारी मामी कोई बदसूरत बूढ़ी तो नहीं है, अभी काफ़ी सेक्सी है और एक बहन भी जिसको देखकर मुर्दे का भी लंड खड़ा हो ज़ाये, क्या कभी उनको चोदने का मन किया? तो तब मैंने कहा कि जी हाँ मेरी आवाज एक जकड़े हुए चूहे की तरह थी। तो तब मामा बोले कि किसको? रीता को या पूजा को? तो तब मैंने कहा कि दोनों को।

तो तब मामा ने कहा कि बहुत अच्छा और फिर वो कुणाल की तरफ पलटे। तब मेरी जान में जान आई और कुणाल से पूछा कि ये बता तेरा क्या हाल है? अब कुणाल ये सब सुनकर मुझसे थोड़ा ज़्यादा बोल्ड हो गया था, बापू पता नहीं कभी-कभी आता है और कभी मुझे लड़कियों से कोई दिलचस्पी नहीं लगती। तो तब मामा ने कहा कि पूजा बेटी अब तू बता। पूजा सबसे छोटी होने के नाते बड़ी चंचल थी। तो तब उसने मुस्कुराते हुए कहा कि बापू मुझे तो हर लड़के को देखकर चोदने का ख्याल आता है और रही घर की बात तो मैंने कई बार ध्यान ही ध्यान में सबसे चुदवा लिया है और मैंने आपका लंड भी एक बार देखा है। तो तब मामा बोले कि चलो अब सब बात सामने आ गई, अब वो भी कुर्सी पर बैठ गये थे, सच तो यह है कि हमारा खून ही कुछ ऐसा है, मैंने भी अपनी जवानी में अपनी माँ और बहन को खूब चोदा है और रीता का भी मन करता है, वो अपने बच्चों के लंड का रस चख ले। हम यह सोच रहे है कि चोदने चुदाने का सबको मन करता है, इससे पहले हम बाहर जाकर चोदने लगे, पता नहीं कैसी-कैसी बीमारियाँ लग जाये? हम सब घर की बात घर में ही क्यों ना रखे?

फिर तब मैंने कहा कि क्या हम बाहर वाले से कोई रिश्ता नहीं रख सकते है? तो तब मामा ने कहा कि क्यों नहीं? तुम सबको शादी तो करनी ही है, मगर में यह चाहता हूँ कि चुदाई घर तक ही रखे, जब शादी हो जाए तो तू अपने पति के साथ चुदाई करवा लेगी और ये लोग अपनी बीवीयों के साथ, तो तब तक सिर्फ़ घर में मजा लो। तब मैंने बड़े भोलेपन से कहा कि जी मामा। तो तभी पूजा ने कहा कि लेकिन बापू आपने तो अपने बारे में कुछ नहीं बताया? तो तब बापू ने मुस्कुराते हुए पूछा कि अच्छा क्या जानना चाहती हो? हाँ तुझे देखकर मेरा मन तुझे चोदने को करता है, बस एक बार तुझे अपने सामने घुटने टेककर मेरे लंड को अपने मुँह में लेते हुए देख लूँ तो मज़ा आ जाए। तब पूजा बोली कि छी बापू, लंड मुँह में थोड़ी ही लेते है। तब मामा बोले कि अरे मेरी जान लंड तो हर जगह लेते है मुँह में, गांड में, चूत में और तेरी मम्मी तो इस तीनों की एक्सपर्ट है, वो तुझे सब सिखा देगी। तब पूजा बोली कि सच? मम्मी मुझे लंड के बारे में सिख़ाएगी?

फिर तब बापू बोले कि हाँ-हाँ क्यों नहीं? मगर पहले जरा बात तो पूरी हो जाने दे। तब पूजा बोली कि और क्या बात रह गई है? तो तब मामा ने कहा कि कुछ नियम सबसे पहले की हम जब सब अकेले में होंगें तो एक दूसरे के सामने नंगे रह सकते है और दूसरी ये बात किसी और कुछ पता नहीं चलना चाहिए और कोई एक दूसरे के साथ जबरदस्ती नहीं करेगा। तब हम सबने एक आवाज में कहा कि मंज़ूर है। तब मामा बोले कि आज रात के खाने के बाद तेरी मामी तुम्हारे सामने मेरा लंड चूसकर बताएगी कि लंड कैसा चूसा जाता है? अब हम सब खाने पर लग गये थे। अब मेरा लंड तो बस सोने का नाम ही नहीं ले रहा था और अब में देख रहा था कि मामा और कुणाल की पेंट में भी यही हाल था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर हम सब खाना खाने के बाद लिविंग रूम में फिर से एकत्रित हुए। फिर मामी ने बीच कमरे में खड़े होकर कहा कि चलो सब अपने कपड़े उतार दो, जरा में भी तो देखूं की मेरे बेटो के लंड कैसे लगते है? तो तभी हम सब नंगे हो गये। अब तीन खड़े लंड दो औरतों को प्रणाम कर रहे थे। फिर मामी ने पहले मेरा लंड अपने एक हाथ में लिया और बड़ी प्यार से उसे मसलते हुए कहा कि अभी तू तो अपने मामा से भी हैंडसम है, जरूर तेरा वाला ज़्यादा मोटा और लंबा है। अब मामी कुणाल की तरफ घूमकर उसके लंड को सहलाने लगी थी। अब में मामा की तरफ देख रहा था, उसका लंड मेरी बहन के हाथ में था और अब मेरी नजर मेरी बहन की सख्त और गोल गांड पर थी। अब मेरा दिल चाह रहा था कि उसकी गांड पकड़कर आम की तरह दबाऊं। अब शायद मामा ने मुझे देखकर मेरी सोच का अंदाज़ा लगा लिया था और कहा कि अरे अभी सिर्फ़ देखता ही रहेगा क्या? आ पकड़ ले उसकी गांड, चूम ले। अब में आगे बढ़ने ही वाला था कि तभी मेरी मामी बोल पड़ी कि नहीं आज तुम बाप बेटी मज़े ले लो, आज तो ये दोनों लंड मेरे है, इन्हें तो में एक साथ लूँगी, क्यों रे अभी चोदेगा नहीं अपनी मामी को? कुणाल क्या कहता है? क्या तुम दोनों को में अच्छी नहीं लगती?

फिर तब मैंने कहा कि क्या कहती हो मामी? तुम तो किसी से कम नहीं हो, मेरा लंड तो हमेशा तुम्हारा है। तब मामी बोली कि हाँ तो फिर करीब आ जाओ, पहले तुम दोनों का लंड चूसकर तुम्हारा रस पी लूँ, वैसे भी ऐसा लगता है कि तुम्हारा ये ज़्यादा देर तक रहने वाला नहीं है और मुझे तो देर तक चुदवाना है, तो पहले एक बार रस निकाल दूँ तो दूसरी बार तुम देर तक चोद सकोगे। अब मामी अपने घुटनों पर आकर हम दोनों भाईयों के लंड को मसलने और सहलाने लगी थी। फिर मामी ने पहले मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और पलटकर पूजा से कहा कि देख पूजा लंड ऐसे मुँह में लेते है। अब मेरा लंड उसके मुँह में बहुत अच्छा लग रहा था। फिर में अपनी आँखें बंद करके उसके मुँह का मज़ा लेता रहा। अब वो हम दोनों का लंड चूसने लगी थी। फिर जब मुझे ऐसा लगता कि मेरा लंड झड़ने वाला है तो तब वो मेरे लंड को छोड़कर कुणाल का लंड संभालती और फिर जब उसको लगता की लंड झड़ने वाला है, तो मामी मेरा लंड अपने मुँह में लेती थी।

अब उधर पूजा पहले तो जरा डर-डरकर और फिर जैसे मामा उसे बताते गये और वो मामी को देखती रही। फिर तब वो ऐसे चूसने लगी कि जैसे सालों से चूस रही हो। फिर तब मामी ने उससे कहा कि जरा संभलकर बेटी लंड को जितनी देर तक नहीं झड़ने दोगी उतना ही मज़ा तुझे भी मिलेगा और उन्हें भी और फिर जब वो कहे कि झड़ने वाला है तो तू उसे छोड़कर कहीं चूम ले और जब वो कहे कि वो नहीं रुक सकते तो अपने मुँह में ले और उनका रस पी जाना, लेकिन अब ऐसा लग रहा था कि मेरी बहन को कुछ सिखाने की जरूरत नहीं थी। अब वो तो बड़े मज़े से अपने पापा का लंड चूस रही थी। अब इधर कुणाल झड़ने ही वाला था। अब मेरी मामी मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी थी और हम दोनों के लंड को अपने एक-एक हाथ में लेकर अपने मुँह के करीब ले जाकर आगे पीछे करती रही। तो तब पहले कुणाल और फिर मैंने अपने पानी की धार निकाल दी। तो तब जितना हो सका मामी ने हमारा रस अपने मुँह में लिया और बाक़ी का अपने बड़े-बड़े बूब्स पर गिरने दिया और अपनी स्किन पर क्रीम की तरह लगाने लगी थी।

अब हम दोनों ख़त्म ही हुए थे कि उधर पूजा की चीख सुनाई दी। अब बापू ज़ोरदार आवाज के साथ अपना लंड उसके मुँह में अंदर बाहर करके चोद रहे थे और झड़ रहे थे। फिर कुछ रस बाहर निकलकर पूजा के मुँह के कोनों से बाहर भी आ रहा था। फिर जब हम तीनों सोफे पर बैठ गये, तब मामी ने कहा कि क्यों पूजा बेटी? अब भी कहोगी छी मुँह में नहीं लेगी? तो तब पूजा बोली कि नहीं मम्मी, बापू का जूस बड़ा मज़ेदार है, ले तो मुँह में रही थी मगर मज़ा मेरी चूत तक पहुँच रहा था। तब मामी बोली कि हाँ बेटी चाहे किधर भी लंड हो आखिर मज़ा चूत में ही पहुँचता है और सच पूछो तो जब तक चूत के छेद में लंड का रस ना पड़े तब तक चुदाई पूरी नहीं होती है। तो तब पूजा बोली कि ऊई माँ, क्या इतना बड़ा लंड मेरी गांड में आएगा? इसे तो अपनी चूत में आने की सोचकर भी डर लगता है।

फिर तब मामी बोली कि चूत में भी आएगा बेटी और गांड में भी आएगा, हाँ यह जरूर है की पहली बार तुझे चूत में दर्द होगा मगर उतना नहीं अगर चोदने वाला अनाड़ी ना हो तो वो तुझे आहिस्ता-आहिस्ता ले जाएगा और तेरे पापा कोई अनाड़ी नहीं है, वो तो मेरी गांड ज्यादा मारते है। दोस्तों इसके बाद हम सबने मिलकर चुदाई का खूब मजा लिया और अब तो पूजा चुदवाने में भी अनुभवी हो चुकी है। अब तो जब भी मन होता है तब दोनों रंडियों को पकड़कर चोद देते है ।।

धन्यवाद …

 
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अगली कहानी बहन को रंडी बनकर अपनी गरीबी मिटाई
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यह एक काल्पनिक कहानी है जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. यह रंडी बहन की चुदाई कहानी केवल मनोरंजन के उद्देश्य से लिखी गई है.
 
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बहन को रंडी बनकर अपनी गरीबी मिटाई
अपडेट 1

मेरा नाम आदित्य रॉय है. आज के टाइम में मैं एक पैसे वाला आदमी हूं और मेरी गिनती अमीरों में होती है.

एक समय था जब मैं बहुत गरीब था.
मेरे माता-पिता के गुजर जाने के बाद हमारे पास खाने के लिए रोटी तक भी नहीं नसीब होती थी.

घर में मैं और मेरी बहन ही थे और हम दोनों के संघर्ष की ही ये कहानी है.

यह तब की बात है जब मैं 22 साल का हो चुका था और मेरी बहन 19 की थी. मेरे मम्मी पापा रोड एक्सीडेंट में चल बसे।
हम दोनों भाई बहन के 10-15 दिन तो ठीक से गुजरे लेकिन बाद में खाने को भी लाले हो गये.

हमने अपने रिश्तेदारों से उधार लिया और महीने भर का इंतजाम हो गया.
मगर धीरे धीरे कर्जदाताओं की कतार ही लगने लगी. रोज कोई न कोई हमारे घर हमसे पैसे लौटाने के लिए कहने आता था.

किसी तरह दो साल निकले और अब हमें किसी ने पैसे उधारी देने भी बंद कर दिये.

मेरी बहन 21 साल की जवान लड़की बन चुकी थी. उसके बूब्स भी बड़े हो गये थे और कमर पतली सी लेकिन गांड मोटी हो गयी थी.
उसका फिगर 32-27-32 का था.

बहन को देख मुझे शक होने लगा था कि इतनी गरीबी होते हुए भी इसके बदन में ये निखार और ये फिगर की शेप कैसे बनती जा रही है?

मैंने बहन पर नजर रखनी शुरू कर दी और फिर मुझे पता चला कि वो रंडी बन चुकी है. वो लड़कों से अपनी चूत चुदवाती है और पैसे कमा रही है.
लंड ले लेकर ही उसका फिगर इतना मस्त हो गया है.

अब मेरे मन में भी लालच आ गया कि जब ये चुदाई का धंधा करने ही लगी है तो क्यों न मैं इसका फायदा उठाऊं और इसको एक टॉप क्लास रंडी बना दूं और फिर मैं भी पैसा कमाऊं?

ये बात सोचते हुए मेरे मन में मेरे एक दोस्त का ख्याल आया.
वो एकदम से कमीना था. बहुत बड़ा लौंडियाबाज था. न जाने अब तक वो कितनी लड़कियों को चोद चुका था और काफी अमीर भी था.

उसका नाम सोनू था.
मैंने कई बार उसे देखा था. वो मेरी बहन पर लाइन मारता रहता था.

मैं उसके पास गया और बोला- भाई मुझे पैसे चाहिए हैं. काम है.
वो बोला- देख भाई मेरे पास पैसे नहीं है।

फिर मैं बोला- भाई, जो तू बोलेगा वो मैं करूंगा. मुझे पैसों की काफी जरूरत है।
फिर सोनू बोला- जो मैं बोलूंगा वो करेगा?
मैं बोला- हाँ भाई करूंगा! वादा है.

सोनू बोला- कितना पैसा चाहिए?
मैं- एक लाख.
उसने कहा- ठीक है, मगर तुमको भी मुझे कुछ देना होगा.
मैंने पूछा- क्या?

उसने कहा- मैं तेरी बहन की चुदाई करना चाहता हूं. तेरी बहन मुझे एक रात के लिए चाहिए. तूने वादा किया है, अब तू पलट नहीं सकता.
मैंने उसके सामने थोड़ा दिखावटी गुस्सा किया और बोला- ठीक है, मगर मुझे इसके बदले 2 लाख और चाहिएं.
वो बोला- ठीक है.

मैंने कहा- तो फिर ठीक है, मैं उसको तुझसे मिलवा दूंगा.
वो बोला- ठीक है तो फिर, ये कपड़े ले और ये उसको दे देना. मैं तुझे एक ब्यूटी पार्लर का पता दे रहा हूं. तेरी बहन को वहीं ले जाना और उसको अच्छी तरह से तैयार करवाना. मेरा नाम उस ब्यूटी पार्लर पर बता देना, वो सब समझ जायेंगे.

उसने मेरे हाथ में थैली थमा दी.

अभी तक मैंने वो कपड़े नहीं देखे थे. मैं सोनू के पास से आ गया. आकर मैं सोचने लगा कि सोनू से चुदवाने के पहले क्यों न मैं ही अपनी बहन की चुदाई करके देख लूं?

मैंने अपनी बहन कोमल की चुदाई करने की सोच ली.

उस वक्त वो नहाकर बाहर आ रही थी और उसके बदन पर केवल एक तौलिया ही लिपटा हुआ था. उसका बदन भीगा होने के कारण उसका तौलिया भी भीग गया था और उसके बदन से चिपक गया था.

तौलिया में से कोमल के बूब्स और उसकी चूत वाली जगह भी साफ उभर कर आ रही थी. उसको ऐसी हालत में देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मगर मेरी हिम्मत नहीं हुई उसको कुछ कहने की.

फिर हमने खाना खाया और रात हो गई. मैं सोने चला गया.

रात को 12-1 बजे मेरी नींद टूटी तो मैंने पाया कि कुछ आह्ह … ऊह्ह .. जैसी कामुक आवाजें कहीं से आ रही थीं.

मैं उठकर कोमल के रूम की ओर गया.
वहां जाते जाते आवाज और साफ होती जा रही थी.

मैंने उसके रूम में देखा तो कोमल घोड़ी बनी हुई थी और एक जवान लड़का उसकी गांड चुदाई कर रहा था.

जैसे ही उस लड़के की नजर मुझ पर गयी तो वो एकदम से भाग खड़ा हुआ.
कोमल वहीं अचंभित खड़ी रह गयी. वो अभी भी नंगी ही थी.

इससे पहले कि वो कुछ बोलती, मैं उसको हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले आया.
उससे मैंने पूछा- ये सब क्या चल रहा था कोमल?
उसने कोई जवाब नहीं दिया.

फिर मैंने उसकी चूचियों को पर थप्पड़ मारकर कहा- बता साली रांड, ये क्या चल रहा था?
अब भी उसने कोई जवाब न दिया.

फिर मैंने उसको घुमाया और वहीं पलंग पर झुका लिया. उसकी गांड पर 6-7 थप्पड़ लगाये और उसकी गांड को लाल कर दिया.

मैंने फिर से वही सवाल पूछा- ये सब कब से चल रहा है?
वो रोते हुए बोली- 2 साल से भैया.
मैं बोला- मैं जानता हूं कि अभी जो घर का खर्च चल रहा है वो सब चुदाई की कमाई से ही चल रहा है.

फिर वो शांत हुई और बोली- आपको पता था?
मैं बोला- हां मुझे पहले से पता था. चल, आज मैं तेरे को मजा दिलाता हूं.

मैंने बहन को खड़ी किया और उसकी चूत को मसलने लगा.

वो गर्म होने लगी.

मैंने पूछा- कितनी बार चुद चुकी हो?
वो बोली- दो साल से रोज ही चुद रही हूं.
मैं बोला- इसका मतलब अब तक तुम 600-700 बार चुदवा चुकी हो?
वो बोली- हां.

फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया और बोला- तो अब मेरा भी चूस.
वो मेरे लंड को चूसने लगी.

मैं तो एकदम से हवा में उड़ने लगा. मेरी बहन बहुत ही मस्त लंड चूस रही थी.
10 मिनट तक वो बिना रुके चूसती रही और लंड को पूरा गले तक ले जाती थी.

मैंने कोमल के मुंह में ही सारा माल निकाल दिया. उसने जीभ से मेरा पूरा लंड साफ कर दिया. मेरी दोनों गोटियां भी चाटीं.
मैं बोला- जब तक मेरा लंड दोबारा खड़ा होगा तब तक मैं तुम्हें रस्सी से बांध देता हूं.

वो बोली- ठीक है, जो करना है कर लो.
मैंने रस्सी ली और उसके हाथों को रस्सी से बांध कर फिर उस रस्सी को पंखे से बांध दिया.

रस्सी इतनी टाइट थी कि उसकी ऐड़ी जमीन से उठ रही थी.

फिर मैं उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. फिर मैंने उसके बूब्स पर हमला कर दिया. उसके बूब्स को मसलने लगा. अब तक मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

मैंने बोला- बहन, एक बार और चूस ले.
फिर मैं पलंग पर चढ़ गया और उसके मुंह में लंड देकर चुसवाने लगा.
दो मिनट तक मैंने लंड को चुसवाया.

उसके बाद मैं नीचे आ गया. उसके बाद मैंने उसको उठाकर बिस्तर पर अपने सामने झुकाया.

पीछे से उसकी चूत में लंड सटाकर मैंने झटका दे दिया और मेरा लंड बहन की चूत में घुस गया. मुझे मजा आ गया. उसके मुंह से आह्ह … निकल गयी. फिर मैंने दूसरा झटका मारा तो उसकी बच्चेदानी में लंड टकरा गया.

उसके बाद मैं बहन की चुदाई जोरों से करने लगा.
वो भी मजे से आहें भरने लगी.
मेरे लंड के झटकों के साथ उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
'आह्ह … ऊह्ह … ओह्ह …' करके वो चुदाई के मजे लेने लगी.

20 मिनट तक मैं कोमल को चोदता रहा.
फिर मेरा निकलने हो गया.

कोमल पहले ही झड़ चुकी थी. फिर मैं भी उसकी चूत में झड़ गया. मैं पूरा पसीने से भीग गया था.

चूत में माल निकालने के बाद मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा और तेजी से चलाने लगा.
इससे कोमल एक बार फिर से झड़ गयी.

उसके बाद मैंने उसकी रस्सी खोली और उसके बदन को साफ किया.

फिर हम नंगे ही बेड पर लेट गये और बातें करने लगे.
मैंने पूछा- इस तरह से रस्सी से बंध कर तुम कभी चुदी थी?
वो बोली- मैं ग्रुप में एक साथ 3-4 लंड से चुदी हूं. पलंग पर बंधकर भी, कार में चुदाई भी करवा चुकी हूं. इसके अलावा और भी बहुत तरह से चुद चुकी हूं.

मैं बोला- तो ऐसे कब तक चुदोगी? इससे अच्छा है कि तुम हाई क्लास रंडी बन जाओ. लाखों में कमाओगी.
उसने तुरंत हां कर दी.

उसको मैंने बताया- मैंने तुमको एक लाख में बुक कर दिया है.
वो बोली- सच में?
मैंने कहा- हां, मेरा दोस्त सोनू है, वही तुमको कल लेकर जायेगा. कल तुम तैयार रहना.

ये सब बातें होने के बाद हम दोनों सो गये.

सुबह उठे तो 10 बज गये. जल्दी से नाश्ता किया और रेडी होने लगे.

फिर मैंने कोमल को चलने के लिए कहा.
हम दोनों ब्यूटी पार्लर के लिए निकल गये. हमने सोनू के दिये हुए कपड़े साथ में ले लिये.

वहां पर जाने के बाद देखा कि पार्लर को एक लड़का ही चला रहा था. वहां कोई लड़की नहीं थी.

एक लड़का मेरे पास आया और बोला- क्या काम है?
मैंने कहा- हमें सोनू ने भेजा है.
फिर वो हमें एक और रूम में ले गया. वो रूम बहुत शानदार था. चारों ओर शीशे लगे हुए थे.

वो कोमल से बोला- आप अपने सारे कपड़े निकाल दो.
कोमल मेरी ओर देखने लगी. मैंने उसको इशारा किया कि कपड़े उतार दो.
फिर वो नंगी हो गई. वहां 6 लड़के थे. सारे 22-25 साल के बीच के थे.

वहां एक बड़ा सा टब था. उसमें पानी भर दिया गया. उसके अंदर फिर पता नहीं क्या क्या डाला, वो पानी पूरा गाढ़ा हो गया. उसका रंग सफेद हो गया.

लड़के ने कोमल को टब में जाने के लिए कहा. कोमल टब में चली गयी. उसका केवल सिर ही बाहर था. उसके चेहरे पर भी कुछ लेप लगाया गया. फिर उसको 2.30 घंटे बाद बाहर निकाला गया. उसका पूरा शरीर साफ किया.

फिर उसे बेड पर लिटा दिया. उसके शरीर के सारे बाल साफ किये. उसकी चूत के बाल भी साफ किये. उसकी आईब्रो, नाखून आदि सब बनाया. अब कोमल पहचान में भी नहीं आ रही थी.

उसके बाद मुझसे वो कपड़ों की थैली ली और उसको सोनू के दिये हुए कपड़े पहनाने लगे.

उसने एक पैंटी निकाली जो केवल नाम की थी. पैंटी के नाम पर केवल उसमें तीन धागे ही थे. एक धागे में मोती लगा हुआ था.

मोती वाले धागे को चूत में अंदर फंसा दिया गया. बाकी दोनों धागे चूत के अगल बगल में थे. ब्रा तो थी ही नहीं थैली में.
मैंने कहा- ब्रा तो है ही नहीं इसमें?

लड़का बोला- इस टॉप में ब्रा की जरूरत नहीं होती है. इसमें टॉप पीछे से खुला होता है. अब तुम ज्यादा सवाल मत करो, जब ये तैयार हो जायेगी तो खुद ही देख लेना.

मैं चुप हो गया.

फिर उसने लाल रंग का टॉप निकाला और कोमल को पहनाया.
उसमें उसके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर ही थे. दोनों बूब्स के नीचे भी खाली ही था. कहने को केवल उसके निप्पल ही छुपाये गये थे.

उसके बाद लैगिंग निकाली. वो भी लाल ही थी. वो इतनी टाइट थी कि पूरी चिपक गयी थी उसके बदन से. वो पारदर्शी थी और अंदर का सब दिख रहा था.

जब कोमल तैयार होकर मेरे सामने आयी तो मैं देखता ही रह गया.

उसकी लैगिंग में उसकी चूत, चूत का मोती, उसकी गांड और सब कुछ दिख रहा था.

लड़के से मैं बोला- ये कैसे कपड़े हैं?
लड़का बोला- इस तरह के कपड़े पोर्न स्टार पहनती हैं. ताकि लंड हमेशा जोश में ही रहे.

मैं समझ गया कि आज मेरी बहन की खूब चुदाई होगी।

कोमल तो खुश थी। वो एकदम पोर्नस्टार लग रही थी।

मैंने फिर लड़कों को बोला- कम से कम इसकी चूत की फाँक में लेगीज जो धंसा है उसे ठीक कर दो।

वो बोला- नहीं, सोनू ने ऐसा ही करने के लिए बोला है.
मैं बोला- ठीक है.
अब शाम के 6 बज चुके थे. फिर हमने टेक्सी बुलाई और कोमल को बैठाया.

टैक्सी वाला भी कोमल के बदन में ही खो गया. वो कभी उसकी चूत को देख रहा था तो कभी उसके बूब्स को।

फिर हम वहां से निकल लिये. 2 घंटे के बाद हम सोनू के गेस्ट हाउस में पहुंच गये.

उस एरिया में 20 किलोमीटर के दायरे में कोई घर नहीं था. जब मैं वहां पहुंचा तो देखा कि 3-4 कारें लगी हुई हैं.

अंदर गये तो सोनू वहीं मिला.
वो भी कोमल को देखता ही रह गया.

उसने कोमल की चूत पर हाथ लगाया और उसकी चूत के मोती को दबा दिया.
कोमल सिहर गयी.

फिर सोनू बूब्स टटोलने लगा। थोड़ी देर बाद जब सोनू ने कोमल का पूरा शरीर छू लिया तब हम दोनों को एक रूम में ले गया।

वो रूम बहुत बड़ा था. कमरे के बीच में एक छोटा सा 36 इंच का गोल टेबल था जिस पर मोटा गद्दा था। उसी पर कोमल को बैठने को बोला।

रूम में चारों तरफ सोफे थे. मुझे उन पर बैठा दिया.

रूम में अजीब तरह की कुर्सी और सब समान था। एक जगह टेबल पर बड़े-बड़े नकली लंड रखे हुए थे. सोफे की बगल में दारू की बोतलें रखी हुई हुई थीं.

उस रूम में हर दीवार पर नंगी लड़कियों की तस्वीरें लगी हुई थीं. तस्वीर में लड़कियां बंधी हुई थीं. बहुत ही गंदी गंदी तस्वीरें थी।
एक तरफ मुझसे भी बड़ा टी.वी. लगा हुआ था जो अभी बंद था।

फिर सोनू बोला- दारू रखी हुई है, पीनी है तो पी लो लेकिन ज्यादा मत पीना।
मैंने बोला- ठीक है।

उसके बाद सोनू ने टीवी पर चुदाई के वीडियो चला दिये. उसमें 5-6 लड़के एक लड़की को चोद रहे थे.

कोमल ने एक नजर टीवी पर देखा और फिर नजर झुका ली.

अब मैं शराब गिलास में डालकर पीने लगा. सोनू कहीं चला गया. अब हम इंतजार कर रहे थे कि आगे क्या होने वाला है. मैं तो हैरान था कि सोनू इतना सब इंतजाम करके मेरी बहन की चुदाई करेगा!
 
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बहन को रंडी बनकर अपनी गरीबी मिटाई
अपडेट 2

मैं शराब गिलास में डालकर पीने लगा. सोनू कहीं चला गया. अब हम इंतजार कर रहे थे कि आगे क्या होने वाला है.
मैं तो हैरान था कि सोनू इतना सब इंतजाम करके मेरी बहन की चुदाई करेगा!

कोमल टीवी पर चुदाई की फिल्म देख रही थी जिसमें 5-6 लड़के एक लड़की को चोद रहे थे.
वो बोली- भैया, क्या ऐसे भी लड़कियां चुदवा लेती हैं? क्या मुझे भी ऐसे ही चुदना पड़ेगा?

मैं बोला- मुझे नहीं पता. शायद चुदना भी पड़े. अगर सोनू तेरे से ऐसे चुदने को कहे तो तू उससे और ज्यादा पैसे मांग लेना. वो करोड़पति है.

कोमल- तो कितने पैसे मांगूं?
मैं- तू उससे 5 लाख मांग लेना.

फिर हम दोनों टीवी देखने लगे.
कोमल पोर्न फिल्म देखते हुए बहुत गर्म हो चुकी थी.

सोनू को गये हुए एक घंटे के करीब हो गया. मगर वो अभी तक नहीं आया.

चुदाई का वीडियो देख मेरी बहन की चूत के आसपास का हिस्सा सारा गीला हो गया था.
कोमल बोली- भैया, मेरी चूत बह रही है. अब मुझे चुदना है.
मैं बोला- सोनू आता ही होगा.

मेरा लंड भी पूरा खड़ा हुआ था.

लगभग 10 बजे फिर सोनू आया. उसके साथ 4 और लड़के भी थे.
सब के सब 25 से 30 साल के बीच के थे. सब के सब एकदम पहलवान जैसे थे. वो अपने देश के नहीं लग रहे थे. सब बॉडीबिल्डर थे.

आते ही सोनू ने उनसे कहा- आपने डील के लिए लड़की का कहा था. ये लीजिये, लड़की हाजिर है.
मेरी बहन डरने का नाटक करते हुए मेरे पीछे आकर छिप गयी.

मैंने सोनू से कहा- ये सब क्या है? तुमने तो कहा था कि तुम ही चोदोगे, ये तो 4-5 हैं.
वो बोला- देख भाई, अब तू बीच में टांग मत अड़ा. मेरी डील खराब हो जायेगी. मुझे लाखों का नुकसान होगा.

फिर मैंने कोमल की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये ही बतायेगी कि उसे इतने आदमियों से चुदना है या नहीं.
कोमल को चुदास चढ़ी हुई थी. उसने हां कर दी. मगर वो कहने लगी कि 5 लाख लूंगी.

सोनू बोला- इतने मैं नहीं दे सकता. मैं केवल 2 लाख दे सकता हूं.
फिर कोमल राजी हो गयी.

उसके बाद कोमल को दवाई खिलाई गयी ताकि वो जल्दी न झड़े और उन सबने भी दवाई खायी ताकि उनके लंड भी जल्दी न झड़ें. सोनू ने भी दवाई खायी।

फिर एक आदमी ने कोमल को गुड़िया की तरह उठा लिया और उसको टेबल पर पटक दिया.
मैं बाहर जाने लगा तो सोनू बोला- कहीं नहीं जाना है. यहीं रहो और अपनी बहन की चुदाई देखो।
मैंने बोला- ठीक है।
फिर मैं बैठ गया।

थोड़ी देर में चारों नंगे हो गए. सबका लंड खड़ा था. सबका लंड बहुत लंबा और मोटा था। 8 इंच से भी कुछ न कुछ बड़ा था और मोटा 3 इंच से कम नहीं। सबका लंड काला था.

मेरी बहन सबका लंड देख कर डर रही थी।
सोनू ने कोमल को डरते देख लिया और बोला कि डरो नहीं, एक बार ले लोगी तो फिर जन्नत का मजा मिलेगा।
चारों लड़कों ने सोनू को बोला- तुम भी आओ.

तो अब सोनू भी नंगा हो गया। सोनू का भी लंड कम नहीं था. उसका लंड भी 8 इंच लंबा और 2.5 इंच से ज्यादा मोटा था.

कोमल का पहनावा इतना उत्तेजक था कि सबके लंड फुंफकार मारने लगे थे. उसकी चूत पर जो मोती था वो तो बहुत ही ज्यादा कामुक बना रहा था उसकी चूत को.

उसके बाद कोमल को घुटनों के बल बिठाया और पहले आदमी ने अपना 9 इंच लंबा और 3 इंच से भी ज्यादा मोटा लंड कोमल हाथ में पकड़ाया।
कोमल उसके लंड को एक हाथ में नहीं पकड़ पा रही थी।

तब पहला आदमी बोला- जान … तुम्हारे एक हाथ में नहीं आएगा मेरा हथियार, इसलिए दोनों हाथों से पकड़ो।
फिर सब खिलखिलाकर हंसने लगे।

कोमल ने दोनों हाथों से लंड पकड़ा जैसे कोई मोटा बांस पकड़ा हुआ हो.

फिर पहला आदमी बोला- चूसो इसे!
कोमल जीभ से लंड का टोपा चाटने लगी और मस्त आवाजें करने लगी- ऊऊम्म् … अअईई … आह्ह।

लगभग 15 मिनट तक जीभ से पूरा लंड चाटती रही और आंड भी.

उसके बाद उसने मुंह में दे दिया और वो मुंह से चूसने लगी.

इस तरह से कोमल ने लगभग एक घंटे तक सबके लंड चूसे.
वो सबके लंड बदल बदल कर चूसती रही.

फिर एक आदमी ने उसके हाथ पकड़े और दूसरे ने पैर, उसको उठा कर टेबल पर बिठा दिया.
कोमल का सिर आगे की ओर टेबल से बाहर आ गया और पीछे से उसकी गांड भी टेबल से बाहर ही थी.

उसकी चूचियों से लेकर पेट तक का हिस्सा टेबल पर था. उसने जो लैगीज पहनी थी उसको चूत और गांड की जगह से फाड़ दिया गया. फिर उसकी धागे वाली पैंटी को तोड़ कर फेंक दिया.

अब एक लड़के ने उसके मुंह में लंड डाला और दूसरे ने पीछे से उसकी चूत में डाला.
उसको खड़े खड़े ही वो चोदने लगे.

तीसरे आदमी ने अपना लंड कोमल के हाथ में पकड़ाया और उसके बूब्स दबाने लगा।

चौथे आदमी ने कोमल के दूसरे हाथ मे अपना लंड दिया और बोला- सहलाओ लंड को रंडी.
वो उसे फिर किस करने लगा।

अब सोनू बच गया.

उसने कोमल के पैर को ऊपर यू शेप में मोड़ा और छत से जो रस्सी लटक रही थी, उससे बांध दिया. अब सोनू टेबल पर चढ़कर उसकी चूत चोद सकता था.

अब जो आदमी कोमल की चूत चोद रहा था उसको सोनू ने गांड चोदने को कहा और खुद उसकी चूत चोदने लगा. अब कोमल के दोनों हाथों में एक-एक लंड, एक मुंह में, एक चूत में और एक गांड में था.

सब मेरी बहन को मेरी आंखों के सामने चोदे जा रहे थे और गंदी गंदी गालियां दे रहे थे।

सब बोलने लगे- रंडी की बच्ची, आज तेरी चूत को फाड़ देंगे. तेरी गांड, तेरा मुंह सब का सब चोद कर फाड़ देंगे. तेरी रंडी मां भी ऐसे ही चुदती होगी. तेरी चुदाई का जो वीडियो बना रहे हैं वो भी नेट पर डालेंगे. इससे सबको पता चल जायेगा कि तू रंडी है.

मैंने चारों तरफ देखा तो कैमरे लगे हुए थे. लाइव चुदाई रिकॉर्ड भी हो रही थी. सब के सब बारी बारी से अदला बदली कर उसकी चूत मार रहे थे. कोमल के मुंह में घुसा हुआ लंड उसके गले तक साफ पता लग रहा था.

पौना घण्टा हो गया था उसकी चुदाई चलते हुए. मैं वहीं बैठा हुआ लंड सहला रहा था. इस बीच मैं एक बार पानी निकाल चुका था.
सोनू बोला- क्यों साले भड़वे? तू बहनचोद बनेगा क्या जो अपनी बहन को चुदते हुए देखकर मुठ मार रहा है?

मैं उससे कुछ नहीं बोला.
फिर उसने कहा- आ जा तू भी, पचास हजार दूंगा तुझे भी. चोद दे इसको.

मैं तुरंत नंगा हो गया और सोनू ने मुझे भी दवाई खाने को कहा.

अब मैं भी मैदान में था. सब मुझे बहनचोद की गाली दे रहे थे.

एक बड़ी रस्सी लायी गयी और कोमल के 36 के बूब्स को कसकर बांध दिया गया. बूब्स के बगल में ही उसके पैर सटाकर उसे बांध दिया गया. फिर एक आदमी नीचे लेट गया.

दो आदमियों ने कोमल को उठाया और नीचे लेटे आदमी के लंड पर बिठा दिया. उसका लंड कोमल की गांड में घुस गया.
सोनू मुझसे बोला- अब तू भी इसकी गांड में लंड डाल.

मैं भी जोश में था. इसलिए मैंने भी जोर लगाकर अपना लंड भी अपनी बहन की गांड में फंसा दिया. वो गर्दन को हिलाती रही मगर हिल नहीं पा रही थी क्योंकि उसके गले में लंड फंसा हुआ था.

अब दो दो लंड कोमल की गांड में फंस गये थे. उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था और सब के सब उसको देखकर हंस रहे थे.

मेरी बहन की गांड फट गयी थी. मगर मुझे भी मजा आ रहा था अपनी रंडी बहन को ऐसे चुदते देखकर.

अब सोनू ने उसकी चूत में लंड घुसा दिया. सब कोमल को चोदने लगे.
मैं भी कभी उसकी गांड में चोदने लगा तो कभी चूत में।

दो आदमी कोमल के रस्सी बंधे बूब्स को भींच रहे थे. कोमल उन दोनों के लंड को दोनों हाथों से सहला रही थी.

एक आदमी कोमल का मुंह चोद रहा था. कोमल के मुंह से फच फच की आवाज आ रही थी.

चोदते चोदते आधा घंटा और बीत गया. अब सब लोग झड़ने वाले थे.
सोनू बोला- सबने इस बोतल में झड़ना है.
फिर सबने बारी बारी से बोतल में अपना वीर्य निकाल दिया. मैंने भी बोतल में ही वीर्य निकाला.

फिर सोनू ने कोमल की चूत में एक रबड़ का लंड डाला और उसको चोदने लगा. जब तक कोमल झड़ नहीं गयी वो उसे उस डिल्डो से चोदता रहा. फिर कोमल के पैर खोले. मगर बूब्स अभी भी बंधे हुए थे.

वो खड़ी हुई और पानी मांगने लगी. उसको प्यास लगी थी.
सोनू ने उसके हाथ में वीर्य की बोतल पकड़ा दी और बोला- पी ले रंडी, ये अमृत है. अमर हो जायेगी तू.

कोमल पीने के लिए मना करने लगी तो सोनू ने जबरदस्ती उसको वीर्य पिला दिया.
सोनू बोला- क्यो रण्डी … मजा आया?
कोमल बोली- हाँ बहुत मजा आया।

फिर सोनू बोला- हर रविवार ऐसा ही मजा लेना चाहेगी? मेरे पास सब विदेशी क्लाइंट है. मुझे डील के लिए लड़की की जरूरत पड़ती है.
कोमल बोली- हां ठीक है. मैं तैयार हूं. मगर मैं हर बार पांच लाख लूंगी.

सोनू बोला- ठीक है, तो फिर ये मेरा गेस्ट हाउस अब तुम्हारा हुआ. तुम दोनों अब यहीं रहो. यहां चारों तरफ जंगल है और कोई आता भी नहीं है. तुम अपनी चुदाई के वीडियो से भी पैसे कमा सकती हो.
मैं एक आदमी को भेज दूंगा और वो तुम्हारी चुदाई के वीडियो भी नेट पर डाल दिया करेगा. अब से तुम ऐसे ही कपड़े पहनोगी. या फिर नंगी भी रह सकती हो.
कोमल बोली- ठीक है.

उसके बाद मैंने कहा- मुझे पेशाब लगी है, मैं करके आता हूं.
फिर सब भी बोले- हमें भी लगी है.
सोनू बोला- चल रंडी, बाथरूम में आ. हम सब तेरे मुंह में मूतेंगे.

सब लोग बाथरूम में आ गये. वहां पर भी कैमरे थे. फिर कोमल को मुंह ऊपर की ओर खोलकर बैठने को बोला. फिर सब के सब एक साथ मूतने लगे. कोमल सब के पेशाब को पीने लगी.

कोमल पेशाब में पूरी नहा गयी. फिर टाइम देखा तो 3.30 हो गये थे. फिर रूम में आकर सब नंगे सोने की बात करने लगे. कोमल को हम सबके ऊपर सोने का बोला गया.

सोनू ने कोमल को अपने पास बुलाया. उसकी चूत और गांड में 9-9 इंच का एक-एक डिल्डो घुसा दिया गया. उससे कहा गया कि इसको तभी निकालना है जब मूतना, चुदना हो या उठना हो.
कोमल बोली- ठीक है.

इतनी ज्यादा चुदने के बाद जब कोमल की चूत और गांड में फिर से डिल्डो दिया गया तो वो पैर फैलाकर चल रही थी. कोमल की गांड भी बड़ी लग रही थी और उसके बूब्स भी जैसे सूज से गये थे.

हम सब फिर लेट गये और कोमल हमारे ऊपर लेट गयी. हम सब सो गये. सुबह उठे तो कोमल ने डिल्डो निकाले और वो बाथरूम में गयी. फिर वो फ्रेश होकर आई और मुझसे बोली कि मेरी गांड और चूत में फिर से डाल दो डिल्डो.

सब वहीं पर थे और सब इस बात पर हंसने लगे.
वे बोले- हां बहनचोद, डाल दे अपनी बहन की चूत और गांड में.
फिर मैंने कोमल की चूत और गांड में वो डिल्डो डाल दिये.

सोनू बोला- आज मैं डॉक्टर को भेजूंगा ताकि वो इसकी नसबंदी कर दे. उसके बाद ये चुदाई की कामदेवी बनेगी.
मैंने बोला- ठीक है.

उसके बाद वो सब चले गये. मैं और कोमल वहीं रह गये. कोमल अब नंगी ही अपनी चूत और गांड में डिल्डो लिये घूम रही थी. वो रंडी की तरह पैर फैलाकर चल रही थी.

लगभग 2 बजे 2 डॉक्टर आये, सारे डॉक्टर मर्द थे।

फिर जब कोमल को देखा और बोला कि तुम नंगी क्यों हो और ये चूत और गांड में क्या है? फिर कोमल ने सारी बात बताई.
वो कोमल को एक रूम में ले गए और मुझे भी बुलाया.

वहाँ भी कैमरा था.
डॉक्टर ने बोला- सोनू जी, मुझे ऑपरेशन के पैसे नहीं दिए हैं और बोला है कि पैसे के बदले इसकी चूत और गांड मारनी है.
मैं बोला- ठीक है, पहले चोद लो. फिर कर लेना ऑपरेशन.

उसके बाद दोनों डॉक्टर मिलकर बहन को चोदने लगे. आधे घंटे तक मेरी बहन की चुदाई चली.

मैं भी सामने ही था और डॉक्टर मेरे सामने मेरी बहन को चोद रहे थे.

चोदने के बाद वो फ्रेश हुए और फिर मेरी बहन का ऑपरेशन किया. उसकी नलबंदी कर दी.
डॉक्टर एक महीने तक चोदने का मना करके गये.

फिर एक महीने के बाद कोमल चुदाई के लिए तैयार हो गयी.

अब वो हर रविवार को चुदने लगी. कभी 3 लौड़ों से तो कभी 4 लौड़ों से चुदती थी. कभी कभी तो एक साथ 8 लंड उसको मिलकर चोदते थे.

इस तरह से हम दोनों भाई बहन करोड़पति हो गये.

उसके बाद जब बहुत सारा पैसा हो गया तो हम दोनों ने शादी कर ली और हम पति-पत्नी की तरह रहने लगे.

अब कोमल हर रविवार को रंडी बनती है और बाकी दिन मेरी पत्नी बनकर रहती है.

दोस्तो, ये थी मेरी रंडी बहन की चुदाई की कहानी. आपको ये देसी रंडी सेक्स स्टोरी कैसी लगी. अपने कमेंट्स में बतायें. थैंक्यू दोस्तो।
 
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पड़ोसी की माल दीदी

मेरा नाम अभिजीत है। मैं जलंधर पंजाब का रहने वाला हूँ। मेरी लंबाई 5 फीट और 4 इंच है. मेरा जिस्म एक एथलीट का है। मेरा लन्ड करीब 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। मैं अभी बीटेक के आखिरी सेमेस्टर में हूँ।
यह कहानी आज से करीब 1 साल पहले की है जो कि मेरी दीदी के साथ मेरे संबंध की है.
वो मेरी रियल सिस्टर नहीं है बल्कि हमारे घर के सामने वाले घर में रहती थी और मैं उसको दीदी कहकर ही बुलाया करता था.
अब मैं आपको दीदी का परिचय दे देता हूं.
वो देखने में बहुत ही सुन्दर है. उनके नैन नक्श बहुत आकर्षक हैं.
दो साल पहले दीदी का तलाक हुआ था. जहां तक मेरे सुनने में आया था, उसके मुताबिक तलाक का कारण था दीदी का रात को किसी लड़के से बात करना.
उनका फिगर एकदम कमाल था. पहले मुझे पता नहीं था कि उनका फिगर कितना है लेकिन बाद में दीदी ने ही मुझे बताया था.
38-34-40 के फिगर में उनकी मोटी भारी भरकम गांड और भारी भारी चूचे खास आकर्षण थे.
कोई भी उनकी गांड और चूचों को देखकर चोदने के लिए पागल हो जाये.
उनका पति बच्चे पैदा नहीं कर सकता था इसलिए दीदी को कोई औलाद नहीं थी. उम्र 34 की थी लेकिन देखकर कोई बता नहीं सकता था कि वो इतनी उम्र की होगी.
मैं अपने सेमेस्टर की छुट्टियों के कारण घर आया हुआ था। वो दीदी अक्सर हमारे घर आया करती थी पर मेरी उनसे इतनी बात नहीं होती थी।
एक दिन जब वो हमारे घर पर आईं तो माँ के साथ बैठ कर कुछ बातें कर रही थी.
उस वक्त मैं भी वहीं था लेकिन मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपना कोई सामान ढूंढ रहा था।
जब मुझे सामान न मिला तो माँ से पूछने लगा, तब मेरी नजर दीदी पर गयी थी.
उन्होंने एक टीशर्ट और लोवर डाली हुई थी और टीशर्ट का गला बहुत बड़ा था.
मुझे दीदी के आधे मम्मे तो बाहर ही दिख रहे थे.
अंदर से शायद उन्होंने ब्रा भी नहीं डाली थी क्योंकि गला इतना बड़ा था कि ब्रा की पट्टी आराम से दिख सकती थी.
मुझे चूचे नंगे ही दिखाई दे रहे थे.
मैंने मां से कहा कि मेरा सामान ढूंढ दो तो मां मुझे दीदी के पास बैठने का बोलकर चली गयी.
मैं दीदी के पास बैठा था और मेरी नजर बार बार उनके चूचों पर जा रही थी.
उस वक्त दीदी का ध्यान कहीं और ही था.
फिर शायद दीदी को शक हो गया कि मैं उनके चूचों को घूर रहा हूं.
फिर वो मां को बोलकर चली गयी और शाम को आने का कहकर चली गयी.
मेरा दिमाग खराब हो गया. दीदी के चूचे देखकर मेरे अंदर हवस जाग चुकी थी.
मैंने मन ही मन ठान लिया कि इसके चूचे तो पीने ही हैं एक दिन.
सामान लेने के बाद मैं अंदर गया और दीदी के बारे में सोचकर मुठ मारने लगा.
मुठ मारकर मैंने खुद को शांत किया.
फिर तो रोज मैं दीदी को देखने के चक्कर में लगा रहता.
ऐसे ही उनको देख देखकर मेरी प्यास हर दिन बढ़ती रही और मैं उनको चोदने के प्लान बनाता रहता.
एक दिन मां ने मुझे दीदी को सब्जी देने भेजा.
कई बार ऐसा होता था कि दीदी को हम बनी हुई सब्जी दे दिया करते थे क्योंकि वो तो अकेली ही रहती थी.
मैं दीदी के लिए सब्जी लेकर जाने लगा और मेरे मन में यही खयाल चल रहा था कि काश उसको चोदने का मौका मिल जाये.
जब मैं घर पहुंचा तो देखा कि वो सफाई कर रही थी.
मुझे देखकर वो बोलीं कि सब्जी को जाकर रसोई में रख दो और कुछ देर सोफे पर बैठ जाओ. मैं पौंछा लगा दूं. फर्श सूखने के बाद चले जाना.
उनके कहे अनुसार मैंने सब्जी को किचन में रखा और मैं चुपचाप जाकर सोफे पर बैठ गया.
वो मेरे सामने ही झुक कर पौंछा लगा रही थी. जी भरकर मैंने दीदी के चूचों के दर्शन किये.
फिर वो दूसरी ओर घूमकर पौंछा लगाने लगी. अब मुझे दीदी की बड़ी सी गांड भी दिखाई दे रही थी.
मुझसे रुका न गया और मैं वहीं बैठा हुआ धीरे धीरे अपने लंड को सहलाने लगा.
अब मन कर रहा था कि चाहे कुछ भी हो जाये एक बार तो दीदी की गांड को नंगी करके देख ही ले.
दोस्तो, पता नहीं मेरे अंदर इतनी हिम्मत कहां से आ गयी कि मेरे मन ने कहा कि जाकर उसकी लोवर उतार दे.
मैं भी हवस के जोश में जाकर दीदी के पीछे खड़ा हो गया. फिर जैसे ही वो खड़ी हुई तो मैंने दीदी की लोवर उतार दी.
उनकी मोटी और बड़ी सी गांड मेरे सामने नंगी हो गयी.
नीचे से दीदी ने पैंटी पहनी थी जो उनके मोटे मोटे गोरे चूतड़ों में फंसी हुई थी.
दीदी एकदम से सहम गयी मगर अगले ही पल वो पलटकर मुस्कराने लगी.
मेरी तरफ मुड़कर वो मुस्कराते हुए बोली- मुझे पता था कि तू ऐसा कुछ जरूर करेगा.
मैं डर गया और दीदी से माफी मांगने लगा- सॉरी दीदी, गलती से हो गया. मुझे माफ कर दो.
दीदी हंसते हुए बोली- नहीं रे पागल, सॉरी क्यूं? ये तो मैं पहले से ही जानती थी. उस दिन जब तू अपने घर में मुझे घूर रहा था मैं तो तभी समझ गयी थी कि तेरा लंड मेरी मुनिया की फिराक में है. उसके बाद भी मैंने कई बार तुझे छत पर मेरी चूचियों को घूरते हुए नोटिस किया था. मगर मैंने तुझे जताया नहीं कि मैं सब समझ रही हूं.
मैं- तो फिर ऐसी बात थी तो आपने मुझसे पहले क्यों नहीं कहा?
दीदी- मुझे भरोसा नहीं था. अगर मैं पहले बोलती तो शायद तू मना कर देता. इसलिए मैंने तेरा ही इंतजार किया. आज मैं घर पर बिल्कुल अकेली थी तो इसीलिए मैंने आंटी को सब्जी देने के लिए कहा.
मैं तो हैरान था कि दीदी खुद ही मेरे चक्कर में थी.
फिर हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कराने लगे और दोनों के होंठ आपस में मिल गये.
दीदी को मैंने बांहों में भर लिया और जोर से किस करने लगा.
होंठों को किस करते हुए ही मेरा हाथ उनके मम्मों पर चला गया.
अब दीदी भी गर्म होने लगी थी. उनका सारा काम अभी ऐसे ही पड़ा हुआ था.
कुछ देर होंठ चुसवाने के बाद वो बोली- मेरा सारा काम बाकी है. अभी तू जा, बाद में फ्री होकर आना.
मैं बोला- दीदी, मेरा खड़ा हो गया है. एक बार पानी निकलवा दो इसका. बहुत दिनों से आपके बारे में सोचकर हाथ से ही काम चला रहा था. अब तो इसका इंतजार खत्म करवा दो?
वो बोली- सब्र करो. सब्र का फल मीठा होता है.
मैंने कहा- सब्र नहीं होगा दीदी अब.
इतना बोलकर मैंने दीदी को नीचे अपने घुटनों में झुका लिया और वो दबाव देने पर बैठ गयीं.
फिर मैंने अपनी लोवर उतार कर दीदी के सामने लंड खुला छोड़ दिया.
मेरा तना हुआ लंड ठीक दीदी की नाक के सामने था.
दीदी मेरी ओर देखकर मुस्कराई और लंड पर एक प्यारी सी किस कर दी.
मैं तो तड़प गया.
मैंने दीदी के होंठों पर लंड रगड़ा और चूसने का इशारा करने लगा.
दीदी पहले तो थोड़ी हिचकी लेकिन फिर एकदम से लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी.
आनंद के मारे मेरी आंखें बंद हो गयीं.
मैंने दीदी के सिर को पकड़ लिया और मस्ती में लंड को चुसवाने लगा.
वो बिलकुल एक रंडी की तरह ही लन्ड चूस रही थी।
10 मिनट तक दीदी ने मेरा लन्ड चूसा और मेरे लन्ड ने अपना लावा दीदी के मुँह में ही निकाल दिया।
दीदी एक स्माइल के साथ सारा पानी पी गयी और मेरी तरफ देखकर कहने लगी- अपना काम तो करवा लिया, अब मेरा कौन करेगा?
मैंने कहा- दीदी आपने ही तो कहा था कि बाद में करेंगे.
ये बोलकर मैं हंसने लगा.
वो मुस्कराई और बोली- अब शेरनी के मुंह खून लग गया है, अब इसको अपना खाना तुरंत चाहिए.
इतना बोलकर वो उठी और अपनी लोअर उतारकर सोफे पर लेट गयी.
दीदी की खुली चूत मुझे रह रहकर आमंत्रित कर रही थी कि आ और मुझे चोद ले.
मैं भी इसी पल के इंतजार में था.
हालांकि मेरा लंड अभी सो चुका था लेकिन मन कर रहा था कि चोद लूं.
मैं दीदी के पास गया और तुरंत अपना मुँह उनकी गुलाबी चूत पर लगा दिया।
सच में दोस्तो, दीदी की चूत का स्वाद अलग ही था।
चूंकि वो काम में लगी हुई थी इसलिए चूत में पसीने और कामरस का मिला जुला स्वाद आ रहा था.
धीरे धीरे करके मैं दीदी की चूत और गांड, दोनों छेदों को ही चाट रहा था. बारी बारी से अपनी जीभ उनके दोनों छेदों में डाल रहा था.
दीदी की सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं.
उनके मुंह से आह्ह … ओह्ह … और करो … उम्म … अम्म … आह्ह … जैसी कामुक आवाजें निकल रही थीं जिनसे मेरा जोश और ज्यादा बढ़ रहा था.
मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा था.
फिर मैंने दीदी के पेट को चूमा और मेरी नजर चूचियों पर गयी. अभी तक मैंने चूची तो देखी ही नहीं थी.
मैंने दीदी की टीशर्ट उठा दी और उनकी नंगी चूची मेरे सामने थीं.
दीदी ने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी.
मैं दीदी की चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगा. चूची क्या पपीते थे पूरे.
ऐसी मोटी चूची मैंने केवल पोर्न फिल्मों में देखी थी.
मैं जोर जोर से उनकी चूचियों को दबाते हुए पी रहा था.
अब मेरा लंड पूरा टाइट हो चुका था और उसमें दर्द हो रहा था.
मैं बोला- अब डाल दूं क्या?
वो बोली- क्या डालना है?
मैंने कहा- इतनी भोली भी न बनो दीदी, आपकी चूत में लंड डालने की बात कर रहा हूं.
वो बोली- मैंने तो तुझे तब भी मना नहीं किया था जब तूने मेरी लोअर नीचे खींची थी.
मैं भी ये सुनते ही तुरंत पोजीशन में आ गया.
मैंने अपना लंड उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियों पर लगाया और ऊपर नीचे करने लगा.
दीदी सिसकारने लगी और मैं दीदी के स्तनों को किस करने लगा.
वे तड़प कर बोली- आह्ह … डाल दे अब … जल्दी कर।
मैंने भी देर नहीं की और फिर एक झटके के साथ दीदी की चूत में लंड को उतार दिया.
लंड डालने के बाद मैंने धीरे धीरे झटके देने शुरू किये. मैं दीदी की चुदाई करने लगा.
उनके मुंह से पहले हल्की दर्द भरी आवाजें आती रहीं लेकिन फिर बाद में दर्द की जगह आनंद ने ले ली.
दीदी मस्ती में चुदवाने लगी और मैं भी जोश में चोदने लगा.
पांच-सात मिनट की चुदाई के बाद दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया. मेरा पूरा लंड गीला हो गया और अंदर सब कुछ गर्म हो गया.
मैं बोला- आपका निकल गया. अब आप ऊपर आ जाओ मेरे.
वो उठी और आकर मेरे लंड पर बैठ गयी.
लंड को चूत में लेकर दीदी ने अपनी गांड को आगे पीछे करना शुरू किया.
दोस्तो, मैं तो पागल हो गया. लड़की जब चुदाई करती है तो बहुत मजा आता है.
मैं दीदी को ऊपर बिठाकर चोदता जा रहा था.
कुछ देर के बाद फिर मेरा पानी भी निकलने को हो गया. मैं बोला- दीदी, मेरा होने वाला है.
वो बोली- बस दो मिनट रोक ले, मेरा भी होने वाला है.
दीदी ने अपनी स्पीड तेज कर दी.
उनके चूतड़ जोर जोर से मेरी जांघों पर टकरा रहे थे. चूतड़ों के टकराने से पट पट की आवाज हो रही थी.
दीदी पागलों की तरह मेरे लंड पर कूद रही थी और चुदने के मजे में जैसे खो गयी थी.
दो मिनट बाद ही दीदी की चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया.
उनके चूतरस की गर्मी पाकर मेरा लंड भी काबू न रख सका और मैंने भी दीदी की चूत में पानी छो़ड दिया.
वो मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गयी और तेज सांसें लेने लगी.
मुझे भी चूत में वीर्य निकाल कर बहुत शांति मिली.
उसके बाद मैं उठकर कपड़े डालने लगा.
दीदी बोली- क्या हुआ?
मैं बोला- जा रहा हूं. मां क्या सोचेगी, इतनी देर से कहां था?
वो बोली- मत जाओ ना प्लीज!
मैं बोला- मां आ जायेगी.
वो बोली- ठीक है, बहुत मजा आया तुम्हारे साथ. अगर मुझे पता होता कि तुम इतने स्ट्रॉन्ग हो और इतनी मस्त चुदाई करते हो तो मैं तुम्हें पहले ही पटा लेती.
हंसते हुए मैं बोला- रहने दो, अगर मैं शुरूआत नहीं करता तो तुम आज भी कुछ नहीं करने वाली थी.
फिर मैं कपड़े पहनने लगा और दीदी को एक लम्बा सा किस करके जाने लगा.
दीदी नंगी ही उठकर रूम के दरवाजे तक आई और कहने लगी- आते रहना मेरे पास!
फिर मैं दीदी को बाय बोलकर आ गया.
घर आकर मां पूछने लगी कि कहां इतनी देर लगा दी.
मैंने कह दिया की दीदी पौंछा लगा रही थी और फर्श गंदा होने से बचाने के लिए उन्होंने कुछ देर मुझे बिठा लिया.
मैं अपने रूम में आ गया. मेरा बदन भी थक कर टूट रहा था.
मैं दीदी की चुदाई के बारे में सोचते सोचते सो गया.
उसके बाद तो दीदी को मैंने बहुत बार चोदा.
जब भी मेरा मन करता था तो मैं दीदी को चुदाई के लिए उकसा देता था. वो भी मजा लेकर चुदवाती थी.
कभी कभी तो हम छत पर खुले में चुदाई का मजा लेते थे. मगर ध्यान रखते थे कि कोई देख न रहा हो.

समाप्त
 
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दरवाजा बनाने आया बच्चा बना गया

हलो मित्रो मेरा नाम हैप्पी सिंह (25) है और मैं पेशे से राज मिस्री हूँ। मैं अभी तक कुंवारा हूँ और काफी चूतो का स्वाद ले चूका हूँ । इस कहानी में भी उनमे से एक चूत का वर्णन पेश कर रहा हूँ। हमारी आज की कहानी की नायका को हम रानो के नाम से जानेगे। उसकी उम्र यही कोई 28 वर्ष, शादीशुदा, गदराये बदन की मलिका, थी।

हुआ यूं के मेरे पड़ोस में रहने वाली एक बूढी विधवा औरत ने एक दिन मुझे कहा के बेटा, मेरी बेटी यहां पास के गांव में ही रहती है। उन्होंने घर नया बनाया है। लेकिन उनका गली वाला गेट बना नही है तो उसके लिए वो मिस्त्री ढूंढ रहे है। यदि तुम्हारे पास वक्त है तो तुम वो काम करलो। तुम्हे भी थोड़े पैसे मिल जायेंगे और उनका भी काम निपट जायेगा। मैंने उन्हें काम के लिए हाँ बोल्दी। अगले दिन मैं उनके बताये पते पे अपने औजारो को लेकर पहुँच गया।

मुझे आया देख उसकी बेटी ने बहुत बढ़िया ढंग से मेरा स्वागत किया। खाने पीने की बहुत सेवा की और मुझे काम समझाया। मैंने उनके घर के हिसाब से काम के लिए 3 दिन का समय लिया और अपने काम पे लग गया। मज़दूर के तौर पे मेरे साथ उसका पति ही था। पहले दिन मैंने गली वाले गेट की नीव मज़बूत करके चिनाई का काम शुरू कर दिया।

फेर दोपहर के खाने के बाद जरूरत थी सरिया और चालियो की, तो मैंने उसके पति को बाज़ार से ये दोनों चीज़े लेने भेज दिया। थोड़ी देर तक वो अपने पति की गैर मौजूदगी में मेरे साथ काम में हाथ बटाती रही। वो मेरे गांव में रहकर आई थी। तो जाहिर है पूरे गांव को जानकर थी

उसके खानदान में मश्हूर था के उसकी माँ, बहन, वो सभी स्त्रियां पैसे के बदले सेक्स करती है। चाहे मैं ये बात भली भांति जानता था लेकिन किसी को भी उसके मुंह पे ऐसी बात कहना या पूछना बहुत कठिनाई का काम है। मेने सोचा मौका अच्छा है। ट्राई करने में क्या हर्ज़ है। काफी समय तक हम हंसी मज़ाक करते रहे। बातो बातो में वो भी इतना खुल गयी के हम बेशर्मो की तरह लण्ड, चूत की बात करने लगे।

मैंने ऐसे ही बोल दिया के रानो, तुम्हारा पति, तुमसे बड़ी उम्र का लगता है। क्या तुम्हे नही लगता के तुम्हारी जोड़ी परफेक्ट नही है।

मेरी इस बात से उसे काफी गहरा सदमा लगा। वो फक फक करके रोने लगी। मैंने उसे चुप कराते हुए कहा, यार तुम तो सिरियस हो गयी। मैंने तो हंसी मज़ाक में कहा था। लेकिन वो चुप होने का नाम ही नही ले रही थी। मैंने उसे गले लगाकर बहलाया फुसलाया और अंदर छाँव में पंखे की हवा के निचे ले जाकर बेड पे बिठाकर पानी पिलाया।

थोड़ी देर तक रोते रहने के बाद वो चुप हुई और बोली, हैप्पी तूने एक दम सच कहा है। मेरी और इनकी जोड़ी परफेक्ट नही है। मेरे साथ चलता हुआ ऐसे दिखता है जैसे मेरा पति नही मेरा बाप हो। एक दिन भी मैंने इसके साथ ख़ुशी से नही काटा। आज 3 साल हो गए है, मेरी शादी हुए, एक बार भी मैं पेट से नही हुई..

डॉक्टरों का कहना है के आपके पति में कोई दिक्कत है। ये वैसे तो उस दिक्कत की दवाई भी खा रहे है। लेकिन मुझे नही लगता के कोई फर्क पड़ेगा। लगता है मैं ऐसे ही बिना माँ का सुख लिए इस जहां से चली जाउगी। अब तुम ही बताओ मैं करु भी तो क्या ?

मैं – अब मैं क्या बोलू यार, थोड़ी देर तक देखलो शायद आपकी झोली भर जाये। नही तो…

वो – नही तो क्या ??

मैं – नही तो कोई बच्चा गोद ले लेना।

वो – नही गोद लिए बच्चे पे वो प्यार नही आता जो अपने पेट से पैदा किये बच्चे पे आता है। इसके इलावा कोई और रास्ता बताओ।

मैं – रास्ता तो है लेकिन थोडा कठिन है। अगर आप बुरा न मानने का वादा करो तो बटाऊ।

वो – हाँ वादा है, नही बुरा मानूंगी आप बताओ बस।

मैं – आपके लिए दो हल है मेरे पास, नम्बर 1 आप अपना इलाज़ करवाके बच्चा लेलो।
नम्बर 2 किसी जान पहचान वाले से गर्भ ठहर वालो।

मेरी बात सुनकर वो कुछ पल के लिए खामोश सी हो गयी। फेर बोली," नम्बर 1 वाला हल तो महंगा पड़ेगा, लेकिन 2 नम्बर वाला एक दम सस्ता है। लेकिन ऐसा व्यक्ति मिलेगा कहां, जो ये काम कर सके।

मैं – अपने आस पास नज़र मारिये। हो सकता है के आपके पास ही बैठा हो। उसने गर्दन घुमाकर इधर उधर देखा तो हम 2नो के इलावा कोई भी पास नही थी।

फेर वो बोली," मेरे पास आपके इलावा कोई भी नही है। तो आप मेरा ये काम करोगे। यदि आप मान जाते हो तो आपकी बहुत मेहरबानी होगी। इस घर को एक वारिस मिल जायेगा। वरना हमारे जेठ जिठानी ही ये घर हड़प लेंगे।

मैंने भी सोचा अच्छा मौका है, एक तो फ्री में चोदने का मौका मिल रहा है, दूसरा इनको इनका वारिस मिल जायेगा। मेने उसे हां बोल्दी और वहीं उसी बैड पे लिटाकर उसे चूमने चाटने लगा।

वो बोली," अभी नही रुक जाओ, मेरे पति बाज़ार से आते ही होंगे। दूसरा गली वाला गेट नही है। तो कोई भी मुंह उठाये सीधा आ सकता है। हम पकड़े गए तो बहुत बदनामी होगी। ऐसे करते है, कही और का प्लान बनाते है। आज शाम को मैं आपके साथ ही आपके गांव चली जाउगी। वहां हम दिल खोलकर ये खेल खेलेंगे।

हम बाते कर ही रहे थे के एक व्हीकल की आवाज़ हमारे पास आकर बन्द हो गयी। हमने बाहर निकलकर देखा तो एक ट्रॉली में सरिया और चलिया आई हुई थी। मैंने और उसके पति ने मिलकर समान उतारा और ट्रेक्टर वाले को मेहनत देकर वापिस भेज दिया। इतने में शाम हो गयी। मैंने उन्हें बाकि का काम कल करने का कहकर अपने घर की तरफ जाने की आज्ञा मांगी।

इतने में रानो ने कहा," आप गांव तो जा ही रहे हो, मुझे भी ले जाओ, मैंने माँ से थोड़े पैसे उधार लेने है। कल सुबह हम इकठे वापिस आ जायेगे। मैंने कहा, मुझे आपको साथ ले जाने में कोई आपत्ति नही है। लेकिन पहले अपने पति से तो पुछलो।

इतने में उसका पति बोल पड़ा," इसमें पूछने की क्या बात है। आप कोई गैर थोड़ी न हो। वैसे भी कल को आपने सुबह 8 बजे आना ही तो है। इसे साथ में ले आना। पति द्वारा आज्ञा मिलने से रानो तो जैसे बागो बैग हो गयी।

उसने कहा, मैं इनके लिए 2-4 रोटिया सेंक दूं। हम तो घर पे चलकर खा लेंगे। करीब 20 मिनट के भीतर रानो ने अपने पति के लिए खाना तैयार कर दिया और हम बाइक से अपने गांव की और निकल गए। मेरे गाँव से काम वाली जगह 20 किलोमीटर थी। तो हम धीरे धीरे बाते करते सफर का मज़ा ले रहे थे।

वो – ऐसा नही हो सकता के तुम मेरे साथ मेरे घर पे रुक जाओ। हम खुलकर मज़ा भी ले सकेंगे और यही से तैयार होकर सुबह वापिस आ जायेगे।

मुझे तो बस चूत से मतलब था। मैंने उसकी हाँ में हाँ मिला दी और घर पे फोन कर दिया के आज रात को किसी घर का लेंटर डाल रहे है। सो देरी भी हो सकती है। शायद न ही आऊँ। सो मेरी चिंता न करना। आप खा पीकर सो जाना।

करीब 15 – 20 मिनट बाद हम गांव पहुँच गए। उसके मायके घर में पहुँच कर हमने चाय पी, खाना खाया और उसकी माँ से ढेर सारी बाते की।
मैंने इशारे से रानो से पूछा," मेरे यहां रहने से कोई माँ को ऐतराज़ तो नही। उसने हाथ से इशारा करके माँ से बात करने का भरोसा दिया।

रानो — माँ, हैप्पी के घर वाले कही गए हुए है। मतलव उसके घर में कोई नही है। जो उसे खाना, पानी दे सके। आपको कोई ऐतराज़ तो नही। यदि एक रात वो यहाँ रुक जाये तो। हम सुबह यहां से ही तैयार होकर काम पे निकल जायेगे। नही तो किधर जाकर ये सुबह के लिए चाय खाना बनाएगा,।

उसकी माँ – नही, मुझे कोई ऐतराज़ नही है। तुम यही सो सकते हो। यहां अलग कमरे में सो जाओ, मुझे तो खांसी की शिकायत है। सारी रात खांस्ती रहूंगी। जिस से तुम्हारी नींद भी खराब होगी और तुम सुबह समय पे जागकर काम पे नही जा सकोगे। सो उसके लिए यही बेहतर है। तुम दोनों साथ वाले कमरे में सो जाओ।

उसकी इस बात से तो मानो हमने जन्नत पा ली हो। रानो ने अपना और मेरा बिस्तर अलग कमरे में लगा लिया। कुछ देर तक हम उसकी माँ के पास बेठे बाते करते रहे। जब वो सो गयी तो हम अपने कमरे में आ गए और अंदर से दरवाजा बन्द करके जल्दी से कपड़े उतारकर एक ही बिस्तर पे आ गए।

मैे उसे पीठ के बल लिटाकर उसके ऊपर लेट गया और उसके पतले नरम होंठो का रसपान करने लगा। वो भी आँखे बन्द करके मेरा साथ देने लगी।

करीब 20 मिनट हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठो का रसपान करते रहे।

फेर वो बोली," हैप्पी, आज की रात मैं तुम्हारी बीवी हूँ। जितना चोदकर मज़ा ले सकते हो, ले लो। कल लो ताना मत देना के मज़े लेने में कमी रह गई। मुझे बस बच्चा चाहिए, इसके लिए मैं कोई भी परीक्षा देने को तैयार हूँ। मेरी माँ भी मेरे बच्चा न होने से बहुत दुखी है। मेरे बच्चा हो जाये तो ये भी उसी दिन ठीक हो जाये। आधी से ज्यादा बीमार तो नाती के ना होने की वजह से हुई पड़ी है। मैं तेरा ये एहसान जिंदगी भर नही भूलूंगी। कृपया एक बार मेरी गोद भर दो।

उसकी बातों में एक दुखी माँ की करुणामयी आवाज़, बेबसी, अनेकों की भावनाये दिखाई दे रही थी।

मैं – चुप हो जाओ, अब समझो तुम्हारे सारे दुःख टूट जायेंगे। दो तीन दिन लगातार मुझसे सहवास करलो। तुम्हारी झोली भरने की गारन्टी मैं लेता हूँ ।

मेरी बात सुनकर उसे थोड़ी आशा की किरण नज़र आई। वो बच्चे पाने के लिए इतना पागल हो चुकी थी के किसी भी हद तक जा सकती थी। मैंने उसे इशारे से लंड चूसने को कहा। उसने बिगड़ा सा मुंह बनाकर न चाहते हुए भी 2-3 बार चूसकर ये कहकर छोड़ दिया के मुझे ऐसा करने से उलटी आ जायेगी।

मैंने भी उसकी मज़बूरी को समझते हुए ज्यादा जबरदस्ती करना ठीक नही समझा। फेर मैंने लण्ड कड़क करके उसकी दोनों टाँगो को आपने कन्धों पे रखकर हाथ से अपने लण्ड को उसकी चूत के मुंह पे सेट करके हल्का सा झटका दिया। मेरा लण्ड उसकी खुली सी गर्म चूत में आधे से ज्यादा घुस गया।

मैनें फेर कमर पीछे करके एक और झटका मारा। इस बार पूरा जड़ तक लण्ड उसकी चूत में समा गया। उसे पता नही सच में दर्द महसूस हो रहा था या कहलो मेरा फुद्दू खीँच रही थी के इसको मैं कंवारी ही लगूँ। जब वो थोडा नॉर्मल लगने लगी तो मैंने अपनी कमर चलानी शुरू करदी।

पहले तो वो हल्का हल्का कहराने लगी। फेर जब उसे भी मजा आने लगा तो वो आह्ह्ह्ह….. सीईईईई….. आआउच् जैसी सिसकिया लेने लगी।

मैं ऊपर लेटा कभी उसके होंठ चूसता तो कभी उसके मम्मे, मुझे ये चूत बहुत महीनो बाद मिली थी तो मैं भी एक महीने तक जोड़ा हुआ माल इसपे ही खर्चने के मुड़ में था। हमारी ये प्यार की लड़ाई करीब 15 मिनट लगातार चली होगी। जिसमे वो 3 बार मैं 1 बार उसकी चूत में ही झड़ा।

उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा और थककर हम बिन कपड़े पहने ही सो गए। सुबह जब हमारे कमरे का दरवाजा खटकने की आवाज़ आई तो रानो ने झट से उठकर अपने कपड़े पहने और मेरे ऊपर मेरी रजाई डाल दी। जब रानो ने दरवाजा खोला तो उसकी माँ बाहर चाय का जग लिए खड़ी थी। रानो ने उस से जग लिया और वापिस कमरे में ही आ गयी।

जब उसकी माँ वापिस चली गयी तो उसने मुझे मेरे कपड़े देते हुए कहा," आज तो मर ही गए थे, सुबह सुबह अब जल्दी से कपड़े पहनलो, माँ किसी भी वक्त दुबारा वापिस आ सकती है। मैंने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए रजाई में पड़े ही कपड़े पहन लिए और बैठकर चाय पीने लगा।

चाय पीके मेरी दीवार घड़ी पे नज़र गयी सुबह के 7 बज रहे थे। बाहर हल्की हल्की ठंडी हवा चल रही थी। मै उठकर फ्रेश होने गया और वापिस उसी कमरे में आके लेट गया। रानो उठकर अपनी माँ की काम काज में मदद करने लगी।

फेर करीब घण्टे बाद वो अपने और मेरे लिए खाना ले आई। हमने मिलकर खाना खाया और काम वाली जगह की और चलने को तैयार हो गए। रानो ने अपनी माँ से कुछ पैसे लिए और मेरे साथ बाइक पे बैठकर काम वाली जगह पे आपने घर आ गई।

यहाँ आकर भी उसने पहले चाय बनाकर पिलाई और मैं और उसका पति काम में जुट गए। दोपहर के 2 बजे के करीब हमने गली वाले गेट की एक साइड बना दी। फेर दोपहर का खाना खाकर दूसरी साइड को बनाने लग गए। जो के शाम 5 बजे तक वो भी पूरी हो गयी। मैंने अपने औज़ार सम्भाले और घर की और आने की इज़ाज़त मांगी।

आज फेर शायद रानो का दिल बेईमान हो रहा था। उसने अपने पति के सामने ही कह दिया। अब धुंध गहरी होने लग गई है। कहाँ इतनी दूर 20 किलोमीटर जाओगे। आज की रात यही रुक जाओ, वैसे भी अर्जुन (उसका पति) आज कुछ ज्यादा ही थक गया है। तुम दोनों मिलकर दारू शारु पीओ। सर्दी में फेर सुबह काम कर पाओगे।

इस से पहले मैं कुछ बोलता, अर्जुन ही बीच में बोल पड़ा। यार रानो ने सही कहा है आज मैं कुछ ज्यादा ही थकावट महसूस कर रहा हूँ। रानो ऐसे कर तुम प्याज़, लहसुन वगैरा काटो मैं पास के खोखे से मीट और दारू लेकर आता हूँ। आज खुलकर सर्दी का मुकाबला करेंगे। रानो प्याज़ वगैरा काटने लग गयी और अर्जुन मेरी बाइक से मीट लेने चला गया। उसके जाते ही मैंने उसे कमरे में ही पकड़ लिया।

वो बोली," सब्र करलो मुन्ने के पापा, आज की रात भी अपनी है। ये दारू, मीट महज़ एक बहाना है। तुम्हे यहां रोकने और अर्जुन को ठोकने का।

हम बाते कर ही रहे थे के इतने में अर्जुन सामान लेकर वापिस आ गया। रानो ने मीट को चूल्हे पे चढ़ा दिया और खुद रोटिया बनाने लग गयी।

करीब आधे घण्टे में ही सब्ज़ी बनकर तैयार हो गयी। रानो ने इशारे से बताया के इसको दारू बहुत चढ़ती है, इसे पहले ढेर करो, फेर हमारा काम बनेगा। मैंने भी उसे मोटे मोटे पेग लगवाये जिस से वो आधा खाना खाये ही लुढ़क गया। हमने उसे बिस्तर पे ठीक तरह से लिटाया और खाना खाकर हम भी 2 जिस्म 1 जान हो गए।

उस रात भी हमने 3 बार जमकर सेक्स किया और इस बार कपड़े पहनकर अलग अलग अपने अपने बिस्तर पे सो गए। सुबह हुई रानो ने मुझे और अर्जुन को जगाकर चाय पिलाई और हम दोनों फ्रेश होकर फेर काम पे लग गए। करीब 2 बजे तक हमने दोनों साइड पलस्तर भी करदी।और सारा काम समाप्त कर दिया।

अर्जुन ने मुझे 3 दिन का मेहनताना दिया और काम पूरा होने की ख़ुशी में आज फेर ईजॉय करने की दावत दी। मैंने बहुत मना किया लेकिन वो मान ही नही रहा था तो उसकी ज़िद के आगे मुझे झुकना पड़ा उस रात हमने जमकर दारू पी और अर्जुन के सोने के बाद जमकर चुदाई की।

अगले दिन मैंने उनसे विदा ली। कई महीनो बाद रानो का फोन आया उसने खुशखबरी दी के वो 3 महीने पेट से है और मेरे द्वारा की मदद के लिए मुझे धन्यवाद कहा। इसके बाद फेर काफी लम्बे समय बाद मुझे पता चला के उसनें बहुत ही खूबसूरत बेटे को जन्म दिया है। जिसे लेकर वो अपने मायके आई थी।

मैंने भी हमारे बेटे को देखा। जिसे देखकर दिल खुश हो गया के चलो मेरी वजह से किसी को ख़ुशी तो मिली। सो दोस्तों ये थी मेरी एक और आपके मनोरंजन के लिए सेक्स गाथा।

समाप्त
 
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Mummy Ban Gai Uncle Aunty Ki Gulaam

प्रेषक : रोहन …

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और सभी स्टोरियाँ बहुत दिन से पढ़ रहा हूँ और में बहुत दिन से सोच रहा था कि में भी मेरी लाईफ में हुई घटना को आप लोगो के साथ शेयर करूँ। में एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर हूँ और मुंबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ। आज में मेरी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ और मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी। ये बात कुछ साल पहले की है जब में कॉलेज में था। ये स्टोरी मेरी मम्मी की है, जिनकी उम्र 40 साल है, उनका नाम स्मिता है, मम्मी बहुत गौरी है, उनका ब्रेस्ट और गांड भी बहुत बड़ी और खूबसूरत है। मम्मी को सब लोग रास्ते में और हमारे पड़ोस में ग़लत नज़र से देखते है, वो बहुत ही सुंदर है और अच्छी सोच की औरत है, वो हमेशा साड़ी, सलवार पहनती थी, लेकिन उनका क्लीवेज थोड़ा-थोड़ा दिखता था और पेट भी साफ़-साफ़ दिखता था, जब से यह घटना हुई थी तब से मम्मी बिल्कुल बदल गयी थी।

मम्मी की एक फ्रेंड है नुपूर आंटी, वो बहुत ही अमीर है और स्मार्ट भी है, वो टॉप जीन्स, स्कर्ट यह सब पहनती है, वो मम्मी की कॉलेज की फ्रेंड है। में आपको बताना तो भूल ही गया कि मेरे पापा एक सरकारी नौकरी करते है, लेकिन उनकी सैलरी बहुत ज़्यादा नहीं थी। नुपूर आंटी के पास बहुत महँगी कारे थी, उसका पति बहुत बड़ा बिज़नसमैन था। वो हमेशा मम्मी को 5 स्टार होटल में रहने की या कही बाहर टूर करने की बात बोलती थी। अब मम्मी ये सब सुनकर बहुत खुश हो जाती थी, लेकिन यह सोचकर दुखी भी होती थी कि हमारे पास उतना पैसा नहीं है और हम लोग उतना इन्जॉय नहीं कर सकते है।

एक बार आंटी ने मम्मी से कहा कि हमारा गोवा जाने का प्लान बन रहा है, तो तुम लोग भी हमारे साथ चलो। तो पहले मम्मी ने पापा से पूछा, तो पापा राज़ी नहीं हुए क्योंकि पापा को नुपूर आंटी पसंद नहीं थी। फिर मम्मी पापा से नाराज़ हो गई, तो पापा ने कहा कि तुम रोहन के साथ घूमकर आओ। तो मम्मी बहुत खुश हो गयी और नुपूर आंटी को फोन कर दिया और बोल दिया कि हम लोग जाने की पैकिंग कर लेंगे। अब में भी बहुत खुश हो गया था, क्योंकि नुपूर आंटी का पति हमारी ट्रिप स्पॉन्सर करने वाले थे। फिर हम लोगों ने अपनी पैकिंग कर ली और मम्मी नुपूर आंटी से फोन पर बातें करने लगी और हँसने लगी, लेकिन में कुछ समझा नहीं। फिर 3 दिन के बाद हम लोग रात को 9 बजे एरयपोर्ट पहुँच गये, अब आंटी ने एक बहुत ही सुंदर पारदर्शी साड़ी पहनी थी और उनके साथ उनका पति भी था।

अब मम्मी को देखकर वो लोग खुश हुए और नुपूर आंटी के पति ने मम्मी को गले लगाया और कहा कि नुपूर योवर फ्रेंड इज रियली ब्यूटिफुल, वी विल हैव फन इन गोवा, तो आंटी हँसने लगी और मम्मी शर्मा गयी। अब हम लोग एक घंटे के बाद गोवा पहुँच गये, जब 11 बज रहे रहे थे। अब राजीव अंकल ने एक 3 स्टार होटल में दो मस्त रूम बुक किए थे, नुपूर आंटी के पति का नाम राजीव था। अब एक रूम में में और मम्मी थे और दूसरे रूम में आंटी और अंकल थे। अब में और मम्मी देखकर सर्प्राइज़ हो गये, वो इतना अच्छा होटल था, उसमें ब्यूटिफुल रूम थे। फिर उस दिन हम लोगों ने रेस्ट लिया और फिर अगले दिन सुबह हमें जगाने अंकल आए और मम्मी को गुड मॉर्निंग बोले और हमें तैयार होने के लिए बोले, क्योंकि हमें घूमने जाना था। अब मम्मी ने साड़ी पहनी थी और आंटी ने एक स्कर्ट और टॉप पहनी थी, वो मस्त लग रही थी। फिर आंटी ने मम्मी को कहा कि चलो आज हम लोग बहुत मस्ती करेंगे और मुझे आँख मारकर बोली कि तू भी देख लेना और मस्ती कर लेना, तो अब में भी खुश हो गया।

अब पूरा दिन हम लोग बहुत घूमे और बिच पर खूब मस्ती की और हम सब रात को होटल में 7 बजे आ गये। अब आंटी, अंकल और मम्मी कुछ बातें कर रहे थे और वो सब हंस रहे थे। फिर में अपने रूम में आ गया और आधे घंटे के बाद मम्मी आकर मुझसे बोली कि हम लोग नीचे लॉन में जा रहे है तुम टी.वी देखो या जो मन करे करो, तो मैंने कहा ओके। अब मुझे समझ में आ गया था कि वो लोग कुछ इन्जॉय करेंगे। फिर में मम्मी के जाने के बाद पीछे-पीछे गया तो मैंने देखो कि मम्मी और अंकल लॉन में बैठे थे। अब मम्मी अंकल के साथ बातें कर रही थी और अपने हाथ में शराब लेकर बहुत हंस रही थी। अब मुझे होटल में मम्मी बहुत ही खुश नज़र आ रही थी। अब मम्मी और अंकल थोड़ा पीने के बाद आराम से गप्पे मार रहे थे। फिर मैंने देखा कि मम्मी को थोड़ा-थोड़ा नशा हो रहा था और उनकी साड़ी से उनका क्लीवेज साफ़ दिख रहा था और अंकल उसे घूर रहे थे। अब में उन लोगों की बातें सुनने के लिए मेरे सामने के एक पेड़ के पीछे गया और पेड़ के पीछे छुपकर उन लोगों की बातें सुनने लगा।

फिर अंकल ने मम्मी को बोला कि स्मिता यू आर रियली ब्यूटिफुल तुम साड़ी में बहुत मस्त लग रही हो। फिर मम्मी ने कहा कि थैंक्स राजीव जी आपने हमें घुमाया और होटल में रखा, आप बहुत ही अच्छे आदमी हो, में आज बहुत खुश हूँ थैंक यू। फिर अंकल ने मम्मी से कहा कि थोड़ा और पियो आज तो यहाँ इन्जॉय करो, यहाँ कोई प्रोब्लम नहीं है। तो मम्मी ने कहा कि हाँ पति के साथ पीती हूँ ना, वो आज नुपूर ने कहा इसलिए और आप बोल रहे है तो दीजिए, लेकिन प्लीज़ ज़्यादा नहीं, मुझे बहुत नशा हो जाता है में खुद को संभाल नहीं पाती हूँ। फिर में सोचने लगा कि नुपूर आंटी कहाँ गयी? फिर थोड़ा और पीने के बाद मम्मी बिल्कुल टल्ली हो गयी और अंकल मम्मी के पास बैठ गये और ऐसे ही उनके हाथ पर छूने लगे, अब मम्मी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

फिर अचानक से नुपूर आंटी आई और बोली कि सॉरी गाइस थोड़ा लेट हो गया, हाउ आर यू माई स्मिता डार्लिंग, मेरे पति ने कुछ बदमाशी तो नहीं की ना, तो मम्मी हँसने लगी। फिर अंकल बोले कि चलो अब रूम में चलते है और नुपूर आंटी को आँख मारने लगे। तब मुझे कुछ समझ में आया कि आज ज़रूर कुछ होने वाला है, लेकिन अब में भी उत्तेजित था। अब मम्मी चल भी नहीं पा रही थी, तो नुपूर आंटी और अंकल मम्मी को पकड़कर रूम में ले गये और में अपने रूम में जाकर सोने का नाटक करने लगा। फिर नुपूर आंटी मेरे रूम आई और मुझे सोया देखकर वो वहाँ से चली गयी। फिर में लॉन के पास जाकर एक कांच कि खिड़की के पास जाकर उनके रूम में देखने लगा तो में हैरान हो गया। अब मम्मी के सीने पर कपड़ा नहीं था और अब आंटी और अंकल उन्हें देखकर हंस रहे थे, अब मम्मी एकदम नशे में थी।

फिर अंकल मम्मी के बगल में जाकर उन्हें पकड़कर बैठ गये, तो मम्मी बोली कि राजीव जी आप बहुत अच्छे हो थैंक्स फॉर ऑल दिस। तो नुपूर आंटी बोली कि स्मिता बेबी तुम चिंता मत करो यह तो कुछ भी नहीं है, अब तो यह तुम्हें और खुश करेंगे जान, बस देखो मेरा पति तुम्हें कैसे संतुष्ट करता है? उन्हें सब पता है कि तुम्हारे पति के छोटे लंड से तुम्हारा मन नहीं भरता है। ये बोलकर वो दोनों हँसने लगे और मम्मी शर्मा गयी और बोली कि ओहह तुम राजीव के सामने यह सब क्यों बोल रही हो? फिर राजीव अंकल ने मम्मी से कहा कि जान मुझे सब पता है कि तुम्हारे नीचे कितना दर्द है और तुम्हारे पति का लंड तुम्हें संतुष्ट नहीं कर पाता है, में तुम्हारा सब दुख दूर कर दूँगा मेरी जान। फिर मम्मी बोली कि प्लीज़ ऐसा मत कहो राजीव जी में शादीशुदा हूँ मुझे पता नहीं था कि नुपूर यह सब आपको बोल देगी। फिर अंकल ज़ोर से मम्मी के होंठ पकड़कर चूसने लगे, अब मम्मी छूटने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन थोड़ी ही देर में नुपूर आंटी ने मम्मी की साड़ी को पकड़कर आराम से उतार दी।

अब मम्मी को भी सेक्स चढ़ने लगा था, लेकिन फिर भी मम्मी हह्ह्ह्ह उम्म प्लीज एम्म करने लगी थी। फिर नुपूर आंटी हंसी और बोली कि जान मेरा पति आज तुम्हें जन्नत में भेजेगा और में भी तुम्हें प्यार करूँगी माई सेक्सी डार्लिंग बोलकर उनके ब्लाउज से मम्मी के बूब्स दबाने लगी और मम्मी को अंकल से हटाकर मम्मी को चूमने लगी। अब मम्मी बिल्कुल नशे में चली गयी थी और अब उन्हें बहुत सेक्स चढ़ गया था। फिर अंकल ने मम्मी के ब्लाउज का बटन खोल दिया और मम्मी सिर्फ ब्रा में आ गयी। अब मम्मी ब्रा और पेटिकोट में थी, तो अंकल मम्मी के बूब्स दबाने लगे और धीरे से मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा पकड़कर खींच दिया। फिर नुपूर आंटी ने मम्मी को बेड पर फेंक दिया और फिर अंकल ने उनकी ब्रा उतार दी और उनका पेटिकोट भी नीचे खींच लिया। अब मम्मी सिर्फ पेंटी में थी और नशे में चूर होकर आंटी की टॉप उतारने लगी।

फिर आंटी ने मम्मी के गाल पर एक थप्पड़ मारा और बोली कि रंडी साली अपने कपड़े उतारकर रख हमारे कपड़ो पर हाथ मत लगा, में तुझे यहाँ रंडी बनाने के लिए लाई हूँ और वो मम्मी की पेंटी को खींचकर उन्हें पूरा नंगा कर देती है तो मम्मी चौंक जाती है और अंकल मम्मी के पास आकर अपनी पेंट की चैन खोलकर अपना लंड बाहर निकालकर मम्मी के मुँह में दे देते है। इसके बाद जो होता है मुझे उसकी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी। फिर नुपूर आंटी अपने बैग से एक कैमरा निकालकर अंकल का चेहरा छोड़कर मम्मी का नंगा वीडियो बनाने लगती है। फिर मम्मी नशे की वजह से अंकल का लंड चूसने लगती है, अब मम्मी बिल्कुल नशे में थी और अंकल का लंड देखकर जो बोलती है उसे सुनकर तो में भी शॉक हो गया था। अब मम्मी बोलती है कि राजीव जी इतना बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा, आप मुझे जैसे मन करे चोद सकते हो, मुझे आपकी रंडी बना दो उम्म्म्म। फिर नुपूर आंटी हँसने लगती है और बोलती है कि देख साली कुत्तिया अब में तुझे सबकी रंडी बनाउंगी हाहहाहा। फिर मम्मी को कुतिया बनाकर वो लोग उनकी गांड पर थप्पड़ मारने लगे और मम्मी आहह ह करने लगी और बोली कि जो मन करे करो, आज में आप दोनों की रंडी हूँ उफ़। फिर नुपूर आंटी बोलती है कि तू अब हमें मेम और सर बोल, अब तू हमारी रंडी है समझी साली। उन्होंने मम्मी के शराब में ज़रूर वियाग्रा की गोली मिलाई थी।

अब मम्मी बिल्कुल रंडी बन चुकी थी और कैमरा देखकर भी अंकल का लंड चूस रही थी और जो मन में आ रहा था वो बोल रही थी। फिर नुपूर आंटी ने मम्मी से अपना पैर भी चटवाया और अब अंकल मम्मी के गालों पर अपना पैर दे रहे थे और मम्मी कि गांड पर लात भी मार रहे थे, लेकिन अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और वो हह्ह्ह्ह उम यस्स्स सर मेम में योवर बिच यूज़ मी बोल रही थी। अब में देखकर बिल्कुल हैरान था कि यह मेरी मम्मी थी। फिर अंकल मेरी मम्मी को बेड पर पटक कर चोदने लगे और फिर मम्मी को 10 मिनट तक चोदकर नंगी करके जमीन पर फेंक दिया और फिर वो दोनों हँसते-हँसते सो गये। अब अगले दिन सुबह में बहुत दुखी था, फिर मम्मी सुबह 10 बजे मेरे रूम में आई और तब मम्मी को देखकर में पहचान ही नहीं पाया, अब वो बिल्कुल सेक्स बॉम्ब बन गयी थी ।।
धन्यवाद …
 

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