भाग 4
आज रोशन बहुत थक चुका था जिससे कि वह खाना खाकर कमरे में आया और निढाल होकर बिस्तर पर सो गए
रश्मि पूरी तैयार होकर थी की आज रोशन उसे रात भर रोमांस करेगा पर ऐसा कुछ हुआ नहीं और वो भी उसके बगल में लेट गई पर उसकी आंखों में नींद नहीं आती और वह बिस्तर पर कसमसाते हुए करवट बदलती है कभी जब उसे नींद नहीं आने लगी तब उसने मोबाइल वीडियोस मैं लगे एक वीडियो देखते हुए कब सो गई पता ही नहीं चला
फिर सुबह वही रोज़ की तरह से रोशन का ऑफिस जाना और देर रात में वापस आना चलता रहा
रोशन मुझे समय ही नहीं दे पा रहा था कभी कभी सेक्स किया या नहीं मुझे तो याद ही नहीं रहा
दिन महीने गुजरते रहे और लगभग पांच महीने गुजर गए और अब मां जी की तबीयत पहले से ज्यादा खराब रहने लगी
आज अचानक सासू मां की तबीयत बिगड़ी रोशन के ऑफिस जाने के बाद और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है
मैं और पापा जी हॉस्पिटल में हैं
पापा जी- रोशन को फोन किया क्या बहू
मैं- अभी करती हूं पापा जी बोल कर रोशन को फोन करके लगी
मैं - हलो रोशन , मां को सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया है तुम जल्दी से ऑफिस से छुट्टी लेकर आवो
रोशन- मै आ रहा हूं
बोल कर रोशन ने फोन कट कर दिया
सासू मां को हार्ट की बीमारी थी
काफी देर तक रोशन नहीं पुहच रहा तो मैंने फिर से फोन dail किया तब फोन पर किसी महिला की आवाज़ सुनाई दी
हेल्लो आप कौन
मैं- आप कौन बोल रही हैं ये तो मेरे पति की नंबर है
उधर से- जी मैं राज hospital ki nurse बोल रही हूं
ये आपके पति की रोड accident ho gaya hai आप जल्दी से यहां आ जाइए
मैं- क्या..….. ओके आती हूं बोलते साथ ही मुझे तो चक्कर आ गया और मैं गिरते गिरते बची
मुझे पापा जी ने संभाल लिया
पापा जी- अरे क्या हुआ बहू किसका फोन था
मैं- रोते हुए बोली जी रोशन का दुर्घटना हो गया है राज hospital में किसी ने भर्ती करा दिया है
पापा जी मैं राज hospital ja rahi हूं
सुन कर पापा जी को भी काफ़ी सॉक लगा पर उसने अपने आंसू दबा लिए और कहा ठीक है तुम जाओ पर आराम से मैं तुम्हें नीचे तक छोड़ दू
मैं- नहीं मैं चली जाउंगी आप मां जी का ख्याल रखें
मैंने नीचे आ कर एक कैब बुक करा और ३० मिनट में राज hospital में थीं
मैंने reception पर पूछा तो पता चला की रोशन OT में भर्ती है तब तक उनके ऑफिस से भी कुछ कलीग्स आ गए थे
मैं तो उनके ऑफिस के किसी स्टाफ को नहीं जानती थी
करीब दो घंटे बाद डॉक्टर से मुलाकात हुए तो बोला
की कमर में बहुत चोट लगी है अभी कुछ दिनों तक कुछ कह नहीं सकते
हमारे ऊपर एक साथ दो दो गाज गिरे थे
दिनभर मै और पापा जी परेशान रहे एक दुसरे को फोन तक नहीं कर सके
रात के आठ बजे पापा जी का फोन आया
पापा जी- रोशन कैसा है अभी
मैं (उदासी में)- कंडीशन बहुत अच्छी नहीं है आईसीयू में शिफ्ट किया है और कमर में बहुत ज्यादा चोट है
मां जी की तबीयत में सुधार हो रहा की नहीं
पापा जी - डॉक्टर ने कहा है की और ज्यादा क्रिटिकल हो गया है शायद ........ बोलते बोलते रोने लगे फोन पर ही
मैं- पापा जी हिम्मत रखिए बोल कर मैं भी सुबकने लगी
खैर किसी तरह से रात भर गुजरा hospital में ही
सुबह हो गई थी
तबतक रोशन को भी होश आ गया
मैं - रोते हुए बोली कैसे हो गया ये सब
रोशन- टाउन बस ने मेरी बाइक को टक्कर मारी
और मां कैसी है
मैं- तुम उसकी चिंता मत करो पहले तुम जल्दी से ठीक हो
मैं - आती हूं फ्रेश हो कर
सारा दिन मै रोशन से बातें करती रही ताकि उसकी मन कमजोर ना हो
शाम को डॉक्टर से मुलाकात कर पता चला कि रोशन का कमर से नीचे ठीक नहीं होगा जीवन भर के लिए खड़ा नहीं हो सकता
मैं तो सुन कर होश खो बैठी की ये मेरे साथ क्या हो गया
एक हफ्ते के बाद रोशन की छुट्टी हो गई पर उन्हें पैरालिसिस हो गया और व्हीचेयर में थे
पर मां जी अभी तक hospital में ही थीं पर लगा की अब उनके पास अब ज्यादा समय नहीं है
पापा जी भी बहुत उदास रहने लगे
और दो दिन बाद ही सासू मां जी की देहान्त हो गया
पूरे घर में शोक की लहर दौड़ गई
सारे रिलेटिव्स को सन्देश मिला सब लोग हमारी हालात जान कर बहुत दुखी हो गए
इस बात को अब एक महीने से ज्यादा समय हो चुका था और मेरी जिंदगी किसी तरह से पटरी पर आने लगी थी समय समय पर रोशन को भी इलाज करने के लिए जाना पड़ता था hospital
पापा गुमसुम से रहते थे
To be continue......