Adultery धर्मसंकट by ~ketta~

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Note ye story mari nai hai mai ise copy paste kar raha hun aur writer ka naam maine thread title me daal diya jinka naam KETTA hai sayad mai aisa ishiliye likh raha hun kyunki ho sakta jaise mai copy post kar raha hun jahan se wo bhi copy post kar raha ho kahin se to meri reader's se nivedan hai ki wo yahan original writer ka naam den mai daal dunga..story suru karte hai aap log enjoy kariye :19:
 
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पाठ-१
परिचय
_…_…_…_…_…_…_…_…_…_…_…_…_…_…_…

नाम- रश्मि खंडूजा
उम्र-२७ साल
रंग- गोरा
कद-५ फुट ८ इंच
गोलाईया-३६ इंच की एकदम कसी हुई
कमर-२८ इंच पतली कमर और बेहद मुलायम
नितंब-३४ इंच की भरी हुई

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ये है रश्मि एक हाउसवाइफ

रश्मि के पति
-----------------
नाम - रोशन खंडूजा
उम्र-३२ साल
रंग- गेहुआं
कद -५ फुट १० इंच
पेशा- एक बड़ी कंपनी में मैनेजर



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रोशन अपने कम्पनी के बॉस के साथ

रोशन का बॉस
------------------
नाम-मिस्टर टॉम डिक्रोज
जो तस्वीर के बायी ओर है
उम्र-३५ साल
रंग- दूधिया गोरा
कद-६ फुट
सालाना ४००० करोड़ टर्न ओवर है इस कंपनी की

करीब चालीस साल पहले टॉम के पिता भारत आये थे
और अपनी एक कार पार्ट्स की छोटी सी फैक्ट्री शुरूवात की थी जो अब कई कार कम्पनी को माल सप्लाई करती है



रोशन और रश्मि की अभी नई नई शादी हुई है और ये पूना में रहते हैं
रोशन और रश्मि के परिवार में रश्मि के सास और ससुर साथ में रहते हैं
रश्मि के ससुर धीरेन खंडूजा एक रिटायर्ड टीचर हैं
और उनकी सासू मां अक्सर बीमार ही रहती है
रोशन की एक बड़ी बहन है कविता जो अपने पति और बच्चों के साथ भोपाल में है

कविता
उम्र-३६ साल
गोरा बदन
कद-५ फुट ९ इंच
चेस्ट-३४ इंच एकदम टाइट
कमर-३० इंच
हिप्स-३६ इंच की गुद्देदार
हुस्न की मलिका

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टॉम की पत्नी मालती भी बेहद खूबसूरत है
पर वो ज्यादा तर विदेश में ही रहती है वो एक गायनो डॉक्टर है
मालती की एक फोटो



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कहानी के मुख्य पात्र टॉम और रश्मि ही है


To be continue,..…….......
 
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भाग-२
दोस्तों ये मेरी एक दोस्त जिसका नाम रश्मि है जैसा कि मैंने पहले परिचय दे दिया है उसकी जीवन की सच्ची घटना पर आधारित कहानी है
तो कहानी की शुरूवात करते हैं
आप सभी को मेरा नमस्कार एवं आपके कॉमेंट्स का इंतेजर रहेगा





रोशन और रश्मि की शादी को अभी केवल एक महीना पूरा हुआ था रश्मि और रोशन अपने आप में बहुत खुश थे दोनों ने hoonymoon का प्लान भी बना लिया है


आज कई दिनों बाद रोशन को ऑफिस जाना है
सुबह के ५:३० बज रहे थे
रश्मि के ससुर रोज की तरह टहलने निकल रहे थे
उनकी सासू मां की भी नींद खुल चुकी थी
तो धीरेन ने अपनी पत्नी से पूछा चलोगी सैर करने

रश्मि के सासू( जया)-आप चले जाइए, रोशन और बहू अभी जगे नहीं है
और रोशन को तो आज ऑफिस जाना है
धीरेन- सोने दो बच्चों को उनकी अभी नई नई शादी हुई है
जया- पर नाश्ता , बनाने में लेट हो गया तो बहू को
धीरेन- तुम चलो तो वैसे भी मैं रोज़ रोज़ अकेले ही
जाता रहा हूं पहले पर अब तो बहू आ गई है इसलिए कह रहा हूं
जया- अच्छा ठीक है चलती हूं साथ में, पर उनको एक आवाज तो दे दू क्यों कि सुबह के ६:०० बजने वाले हैं
और रोशन साढ़े आठ बजे तक निकल जाता है ऑफिस के लिए
धीरेन- तुम रुको, मैं जगा रहा हूं तुम कहां सीढ़ी चढ़ोगी
जया- ओके,जा कर बहू को आवाज लगा दो


धीरेन अब रोशन के कमरे कि ओर जाने लगा
और उधर रश्मि घड़ी की अलार्म बजने से अंगड़ाई लेती हुई धीरे से नींद से जाग चुकी थी

रश्मि का ससुर कमरे के पास आकर आवाज देने ही वाला था किन्तु दरवाज हल्का सा खुला होने से धीरेन को अंदर का नज़ारा दिखा
जो कुछ इस तरह से था..............


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रश्मि का ससुर जी ने जब दरवाजे के ओट से रश्मि को इस हालत में देखा तो उसकी तो सांसे ही अटक गई
बहुत साल हो चुके थे उनको अपनी पत्नी से सेक्स किए हुए
और अब अपनी बहू को अचानक इस हालत में देखा तो उसे अपने पैजामे में कुछ हरकत का अहसास हुआ
धीरेन के पैर वहीं ठिठक गए, उसे समझते देर नहीं लगी की रात भर रोशन और बहू ने कमरे में क्या किया होगा
रश्मि बहुत कामुक हसीना लग रही थीं
रश्मि उठ कर अपने कपड़े ठीक करने लगी और रोशन को जगाने लग गई


रश्मि- उठिए अब मय डियर सुबह हो चुके हैं
रोशन- अरे सोने दो ना, कुछ देर और
रश्मि- आपका ऑफिस भी है जल्दी से तैयार हो जाईए
मैं चली रसोई में
रोशन- ओके बाबा ,.... बोल के रश्मि को अपने आगोश में ले लिया और रश्मि की पीठ पर किस करने लगा
रश्मि कसमसाते हुए बोली
रश्मि- छोड़ो ना मन नहीं भरा क्या...... और रोशन को धकेल कर हसने लगी
ये सब रश्मि का ससुर जी सब देख रहा था और थूक गले में अटक गई
धीरेन का मूसल पूरा टाईट हो गया




तभी रश्मि बाहर की ओर आने लगी
रश्मि को आते देख धीरेन जल्दी से दबे पांव खिसक लिए और नीचे आ गया

जया- उठा दिए बहू को
धीरेन- हकलाते हुए...... ह ह ह.... हां
जया- क्या हुआ इतना हकला रहे हो
धीरेन अपनी घबराहट छिपाते हुए बोला

धीरेन- कुछ नहीं.... थोड़ा सीढ़ी चढ़ते हुए सांस फूल गई थी
जया- अच्छा चलो अब नहीं तो सूरज निकल आ जाएगा

धीरेन- हां हां चलो
फिर दोनों मॉर्निंग वॉक के लिए चले गए
और रश्मि नीचे आ गई रसोई में नास्ता बनाने के लिए

रोशन भी नहाने के लिए bathroom में था
कुछ देर बाद
रोशन- रश्मि…ओ रश्मि यहां जरा टावेल देना तो

रोशन ने जोर से आवाज लगा दी
और रश्मि किचन से निकल कर कमरे की ओर बढ़ गई
रश्मि- क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे हो
रोशन- जरा टावेल देना
रश्मि- तुम भी न बिना कपड़े लिए ही घुस जाते हो बाथरूम में अब वैसे ही निकलो बोल कर हंस पड़ी
रोशन- अरे दो ना बाबा … नहीं तो मैं सच में ऐसे ही आ रहा हूं
रश्मि- ये लो बोल कर टावेल बढ़ा दी

पर रोशन ने दरवाजा से हांथ निकाल कर रश्मि को अंदर खींच लिया और शावर चालू कर दिया
रश्मि पूरी तरह से भीग गई
उसके सारेकपड़े गोरे बदन से चिपक गई और रोशन ने रश्मि को कस कर अपने चौड़ी छाती में भर लिया
रश्मि-uff ……क्या कर रहे हो आप
मम्मी पापा आजाएंगे छोड़ो मुझे
पर रोशन कहां मानने वाला था

रोशन ने अपने होंठो को रश्मि के गुलाबी नरम होठो पर मिलन कर चूसने लगा
रश्मि अब सुधबुध खो बैठी उसे भी मजा आने लगा
रोशन ने रश्मि की साड़ी को uske जिस्म से अलग किया और ब्लाउज के हुक खोलने लगा
रश्मि के बूब्स तन कर कैद से आजाद होना चाह रहे थे क्योंकि अभी रश्मि ने ब्रा नहीं पहनी थी


रोशन रश्मि को किस करता रहा कभी कान के पीछे , गले और धीरे धीरे से अपनी जीभ की नोक को रश्मि के बूब्स की ओर बढ़ ने लगा
रश्मी कि सांसे तेज हो चुके थे और उसकी गोलाई उठ बैठ रहे थे
अब रश्मि के मुंह से
मदहोश सिसकारी निकलने लगी
रोशन ने एक हांथ को रश्मि कि गीली पैन्टी में डाल दिया और निप्पल को चूस रहा

पैन्टी के अंदर हांथ डालते ही
रश्मि चुहुक उठी और उसके मुंह से
रश्मि- aaaaa..................hhhhhhhh
Aowwwwww.......

रोशन बेतहाशा चूमने लगा था
तभी डोरबेल बजी
और रश्मि बोली लगता है कोई आया
रश्मि- जा के देखती हूं कौन है इतनी सुबह
रोशन- दूध वाला होगा सारा मूड खराब कर दिया साले ने
रश्मि- कोई नहीं रात में..........
बोल कर हंस पड़ी और निकल कर एक nighty डाली और डोर खोला

दूधवाला- बड़ी देर कर दी मैडम , वैसे आपको यहां पहली बार देख रहा हूं
रश्मि- जी मैं जया आंटी की बहू हूं
दूधवाला बड़े गौर से रश्मि कि खूबसूरती को निहार रहा था
मैक्सी में बिना ब्रा के रश्मि के बूब्स बहुत ही मादक नजर आ रहे थे और रश्मि जैसे ही दूध लेने के लिए पतीला के साथ आगे झुकी , दूधवाले को रश्मि कि बड़ी बड़ी चूचियां दिख गई
दूध डालते समय उसकी आंखों रश्मि कि चूचियों पर थीं और गलती से आधी दूध रश्मि के सीने में गिरा दिया

रश्मि- ये क्या कर दिया तूने
और रश्मि की चूची फिर से गीली हो गई
दूधवाला-soory मैडम गलती से गिर गया
बोल कर जल्दी से निकल गया

उफ्फ क्या सीन था

अब रोशन तैयार हो चुके थे और नाश्ते के लिए मेज पर बैठा था
रोशन- जल्दी करो देर हो रहा है
रश्मि- जी लाती हूं
फिर करीब ८:३० बजे तक रोशन ऑफिस के लिए निकला

कुछ देर बाद रश्मि के सासू मां और ससुर सैर से वापस आ गए
अब रश्मि ने एक साड़ी पहन ली













To be continue.........



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भाग ३

अभी यह कहानी रश्मि की जुबानी होगी

रोशन के ऑफिस जाने के बाद
रश्मि के ससुर पेपर लेकर पढ़ने लगे और रश्मि की सासू पूजा के लिए जाती है
रश्मि अपने ससुर जी के पास आकर बोली
रश्मि- पापा जी चाय पियेंगे या नाश्ता लगा दू
पापा जी- पहले चाय पिला दो नाश्ता
तुम्हारी सासू मां के पूजा खत्म होने के बाद करूंगा
बोल के एक नजर रश्मि पर डाली
तो वो एक टक देखते ही रह गए उसकी बहू बहुत हॉट लग रही थी



रश्मि की साड़ी जालीदार होने के कारण सामने उसकी मस्त कसाव दार चूची दिख गई
रश्मि ने एक ब्लैक रंग की transparent saree aur deepcut blouse पहनी हुई थी जिसमें उसका पूरा बदन एक्सपोज हो रहा था

मैं- क्या देख रहे हैं पापा जी
पापा जी- कु कु कु...... कुछ नहीं बस ऐसे ही तुम बहुत ज्यादा सुंदर लग रही हो बहू
मैं-thanks पापा जी
पापा जी- ऐसे ही घर पर रहा कर बेटी एकदम संस्कारी




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वो पलट कर जाने लगी किचन में तो उसकी मांसल नितम्ब आपस में टकराते हुए दिख रहे थे ससुर की आंखें लाल हो गई और पेपर पढने के बहाने यह सारा माजरा देख रहे थे
धीरेन को सुबह का नजारा है याद आने लगा
रश्मि के ससुर जहां बैठकर पेपर पढ़ रहे थे वहां से किचन का सारा नजारा साफ साफ दिख रहा था
रश्मि अब किचन में चाय बनाने लगी और पीछे से बहुत ही सेक्सी लग रही थी जो कुछ इस तरह से नजारा था जिसे देखकर रश्मि के ससुर का ल** तंबू की तरह उठने बैठने लगा
पर उसने किसी तरह से adjust किया ताकि बहू देख नहीं सके

पर रश्मि ने भी तिरछी नजरों से देखा कि पापा जी की मूसल कैसे हिलोर मार रहे हैं



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चिकनी पतली कमर साफ-साफ दिख रहे रश्मि के
सासू सासू मां पूजा क कमरे में पूजा पाठ कर रही थी
रश्मि चाहे लाख पापा जी को दी और घर के अन्य काम में लग गई
कुछ देर के बाद मामा जी की पूजा पाठ खत्म हुई और तीनों ने मिलकर नाश्ता किया





इधर रोशन जी अपने ऑफिस में आ चुका था
एक्स एक्स लगभग 1 महीने के बाद रोशन ऑफिस आया था इसलिए उसके टेबल में फाइलों की अंबार पड़ी थी उसी समय ऑफिस का चपरासी मदन आया और कहने लगा
मदन- सर बॉस ने आपको बुलाया है केबिन में
रोशन- चलो आता हूं



रोशन बॉस के केबिन में दाखिल होता है और अपने बॉस को बोला गुड मॉर्निंग बॉस
टॉम- और कैसी रही तुम्हारी छुट्टी
रोशन- जी बहुत बढ़िया बॉस
टॉम -अच्छा तुम्हारे टेबल की सारी फाइलों की रिपोर्ट आज शाम तक मुझे सबमिट कर देना
रोशन -जी सर


रोशन अब अपने टेबल हमें आकर सारी फाइलों को देखने लगा और शाम होने तक काम निपटाने के लिए अपना सारा फोकस कंप्यूटर की स्क्रीन पर लगा दिया और तेजी से काम करने लगा क्योंकि उसे आज ही सारा सबमिट करना था



रोशन को काम करते हुए शाम के 5 बज चुके थे तभी उनके मोबाइल पर रश्मि का कॉल हा रहा था रोशन में कॉल रिसीव किया तो उधर से रश्मि की आवाज आई
रश्मि -आप कब तक घर वापस आ रहे हैं
रोशन- डार्लिंग आज काम बहुत ज्यादा है सो मुझे लौटते लौटकर काफी रात हो जाएगी और हो सके तो तुम लोग रात का डिनर करें लेना मैं बाद में आकर खा लूंगा
रोशनी -ठीक है कोशिश कीजिएगा की जल्दी आने की
रोशन- ठीक है अब मुझे काम करने दो रखता हूं ओके




रात के 8 बजने वाले फिर पापा जी ने मुझे आवाज दी बहू कहां हो
मैं -जी बाबू जी आ रही हूं क्या बात है
पापा जी -रोशन कब तक आएगा
मैं -जी वह कह रहा था आज काम बहुत ज्यादा है सो से आने में देर हो जाएगी
मैं -पापा जी मैं खाना लगा देते हूं आप और मैं टेबल पर बैठ जाए
पापा- ओके , बेटी तुम भी खा लो साथ में





खाने के बाद मम्मी और पापा अपने कमरे में चले गए मम्मी जी कुछ देर में सो गई पर शायद पापा को नींद नहीं आ रही थी और वो बालकोनी में आ गए रात के 11 बजे रहे रोशन अभी तक नहीं लौटा था और मैं अपने कमरे में उसका इंतजार करें रही थी और पापा जी बालकनी में टहल रहे थे जहां से हमारी कमरे की खिड़की सीधी पढ़ती है और बालकोनी से रात के समय अंदर का नजारा साफ दिखता है





पर मुझे नहीं पता था कि पापा जी बालकनी में टहल रहे हैं मैं कमरे में मस्त होकर अपने कपड़े उतार रही थी पर उस समय मेरी पीठ खिड़की की ओर होने से शायद पापा जी ने केवल मेरा पिछवाड़ा ही देख रहे हो
इस तरह से,.............






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मेरे change करने के बाद रोशन आ गया तो पापा चुपके से अपने कमरे में चले गए


To be continue........
 
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भाग 4


आज रोशन बहुत थक चुका था जिससे कि वह खाना खाकर कमरे में आया और निढाल होकर बिस्तर पर सो गए
रश्मि पूरी तैयार होकर थी की आज रोशन उसे रात भर रोमांस करेगा पर ऐसा कुछ हुआ नहीं और वो भी उसके बगल में लेट गई पर उसकी आंखों में नींद नहीं आती और वह बिस्तर पर कसमसाते हुए करवट बदलती है कभी जब उसे नींद नहीं आने लगी तब उसने मोबाइल वीडियोस मैं लगे एक वीडियो देखते हुए कब सो गई पता ही नहीं चला



फिर सुबह वही रोज़ की तरह से रोशन का ऑफिस जाना और देर रात में वापस आना चलता रहा
रोशन मुझे समय ही नहीं दे पा रहा था कभी कभी सेक्स किया या नहीं मुझे तो याद ही नहीं रहा
दिन महीने गुजरते रहे और लगभग पांच महीने गुजर गए और अब मां जी की तबीयत पहले से ज्यादा खराब रहने लगी


आज अचानक सासू मां की तबीयत बिगड़ी रोशन के ऑफिस जाने के बाद और उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है
मैं और पापा जी हॉस्पिटल में हैं
पापा जी- रोशन को फोन किया क्या बहू
मैं- अभी करती हूं पापा जी बोल कर रोशन को फोन करके लगी
मैं - हलो रोशन , मां को सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया है तुम जल्दी से ऑफिस से छुट्टी लेकर आवो


रोशन- मै आ रहा हूं
बोल कर रोशन ने फोन कट कर दिया
सासू मां को हार्ट की बीमारी थी
काफी देर तक रोशन नहीं पुहच रहा तो मैंने फिर से फोन dail किया तब फोन पर किसी महिला की आवाज़ सुनाई दी


हेल्लो आप कौन
मैं- आप कौन बोल रही हैं ये तो मेरे पति की नंबर है
उधर से- जी मैं राज hospital ki nurse बोल रही हूं
ये आपके पति की रोड accident ho gaya hai आप जल्दी से यहां आ जाइए
मैं- क्या..….. ओके आती हूं बोलते साथ ही मुझे तो चक्कर आ गया और मैं गिरते गिरते बची
मुझे पापा जी ने संभाल लिया

पापा जी- अरे क्या हुआ बहू किसका फोन था
मैं- रोते हुए बोली जी रोशन का दुर्घटना हो गया है राज hospital में किसी ने भर्ती करा दिया है
पापा जी मैं राज hospital ja rahi हूं

सुन कर पापा जी को भी काफ़ी सॉक लगा पर उसने अपने आंसू दबा लिए और कहा ठीक है तुम जाओ पर आराम से मैं तुम्हें नीचे तक छोड़ दू
मैं- नहीं मैं चली जाउंगी आप मां जी का ख्याल रखें


मैंने नीचे आ कर एक कैब बुक करा और ३० मिनट में राज hospital में थीं
मैंने reception पर पूछा तो पता चला की रोशन OT में भर्ती है तब तक उनके ऑफिस से भी कुछ कलीग्स आ गए थे
मैं तो उनके ऑफिस के किसी स्टाफ को नहीं जानती थी
करीब दो घंटे बाद डॉक्टर से मुलाकात हुए तो बोला
की कमर में बहुत चोट लगी है अभी कुछ दिनों तक कुछ कह नहीं सकते

हमारे ऊपर एक साथ दो दो गाज गिरे थे
दिनभर मै और पापा जी परेशान रहे एक दुसरे को फोन तक नहीं कर सके
रात के आठ बजे पापा जी का फोन आया
पापा जी- रोशन कैसा है अभी
मैं (उदासी में)- कंडीशन बहुत अच्छी नहीं है आईसीयू में शिफ्ट किया है और कमर में बहुत ज्यादा चोट है
मां जी की तबीयत में सुधार हो रहा की नहीं
पापा जी - डॉक्टर ने कहा है की और ज्यादा क्रिटिकल हो गया है शायद ........ बोलते बोलते रोने लगे फोन पर ही
मैं- पापा जी हिम्मत रखिए बोल कर मैं भी सुबकने लगी


खैर किसी तरह से रात भर गुजरा hospital में ही
सुबह हो गई थी
तबतक रोशन को भी होश आ गया
मैं - रोते हुए बोली कैसे हो गया ये सब
रोशन- टाउन बस ने मेरी बाइक को टक्कर मारी
और मां कैसी है
मैं- तुम उसकी चिंता मत करो पहले तुम जल्दी से ठीक हो
मैं - आती हूं फ्रेश हो कर
सारा दिन मै रोशन से बातें करती रही ताकि उसकी मन कमजोर ना हो


शाम को डॉक्टर से मुलाकात कर पता चला कि रोशन का कमर से नीचे ठीक नहीं होगा जीवन भर के लिए खड़ा नहीं हो सकता
मैं तो सुन कर होश खो बैठी की ये मेरे साथ क्या हो गया


एक हफ्ते के बाद रोशन की छुट्टी हो गई पर उन्हें पैरालिसिस हो गया और व्हीचेयर में थे
पर मां जी अभी तक hospital में ही थीं पर लगा की अब उनके पास अब ज्यादा समय नहीं है
पापा जी भी बहुत उदास रहने लगे

और दो दिन बाद ही सासू मां जी की देहान्त हो गया
पूरे घर में शोक की लहर दौड़ गई
सारे रिलेटिव्स को सन्देश मिला सब लोग हमारी हालात जान कर बहुत दुखी हो गए

इस बात को अब एक महीने से ज्यादा समय हो चुका था और मेरी जिंदगी किसी तरह से पटरी पर आने लगी थी समय समय पर रोशन को भी इलाज करने के लिए जाना पड़ता था hospital
पापा गुमसुम से रहते थे


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भाग 5

सासू मां के देहांत के बाद लगभग सारे रिश्तेदार अपने अपने घर वापस जा चुके थे अब केवल मेरी मां ही रह गई थी जिन्हें कल वापस जाना है और ऐसे में मेरी मम्मी मेरे ससुर जी से कुछ आवश्यक बातें करना चाहती थी




शाम का वक्त था मैं किचन में चाय बना रही थी और मॉम एवं ससुर जी हॉल में बैठ कर बात कर रहे थे जो मुझे भी कुछ सुनाई दे रही थी
मॉम- भाई साहेब आपके परिवार के साथ जो हुआ मुझे बहुत खेद है मेरी बेटी का तो अब क्या होगा पता नहीं
ससुर जी- क्या करें, सब ऊपर वाले की मर्जी है
मॉम- हां वो तो है
ससुर जी- वैसे आप चाहे तो रश्मि को अपने साथ ले जा सकती हैं वैसे भी अब इस खानदान का कोई वारिस नहीं होगा क्योंकि बेटा भी अपाहिज हो गया है
मॉम- भाई साहेब मेरा वो मतलब नहीं था रश्मि यहीं रहेगी आपलोग का ख्याल कौन रखेगा
ससुर जी - हमलोग मैनेज कर लेंगे , किसी नौकरानी को रख लेंगे फिर कविता बेटी और दामाद भी आते रहेंगे
मॉम- नहीं नहीं इतना बड़ा घर देखना है नौकरानी से तो होगा नहीं
ससुर जी- बात आपकी सही है पर अभी रश्मि की पूरी जिंदगी पड़ी है
वैसे एकबार रश्मि से ही पूछ लीजिए वो क्या कह रही है
मॉम- जी



तभी मैं चाई लेकर आती हूं तो मॉम ने टोका
मॉम- बैठो बेटी
मैं- जी मॉम
मॉम- रश्मि तुम मेरे साथ चलोगी क्या
मैं- नहीं मां , यहां रोशन का ख्याल कौन रखेगा और पापा जी भी तो......
मॉम - ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी
मैं वहां से कमरे में चली आयी क्यों कि रोशन को दवा देना था



फिर उन दोनों के बीच क्या बात हुई पता नहीं
डिनर के बाद मॉम ने मुझे अकेले में बुलाया और कहा
मॉम- तुम्हारे ससुर बहुत ही चिन्तित है
मैं- मां दुख तो मुझे भी है
मॉम- अपने खानदान के लिए
मैं- मतलब
मॉम- इतनी बड़ी संपति का अगला कोई वारिस नहीं होगा
मैं- तो मैं क्या कर सकती हूं मां रोशन को तो आप देख ही रही हो डाक्टर ने कहा है की शायद एक दो साल में ठीक हो जाएगा या नहीं भी हो सकता है





मॉम को पता है की यदि मैं इस घर को छोड़ दू तो पता नहीं मेरी जिंदगी में आगे क्या होगा
मॉम - तुम आईवीएफ करवा लो तो कुछ बात बने
मैं- ये तुम क्या कह रही हो,ये मुझसे नहीं होगा मां , किसी और का स्पर्म मेरी पेट में
मॉम - बेटी आगे की जिंदगी के लिए
मैं - नहीं मां प्लीज .....



पर मॉम को ससुर जी ने क्या कहा होगा कि अचानक कुछ देर शांत रहने के बाद बोली
मॉम- स्पर्म कहीं बाहर से नहीं घर पर ही मिल जाएगा
मैं - चिढ़ कर बोली वो कैसे
मॉम - भाई साहेब के ....
इशारा मेरे ससुर जी की ओर था



ये सुन कर मैं तो शॉक हो गई
मां ये तुम क्या बोल रही हो
मॉम- समझो हालत को , बेटी प्लीज ये सब तुम्हारे भले के लिए ही बोल रही हूं बाल बच्चे नहीं रहने पर बाद में बहुत ज्यादा कष्ट होता है



मैं - मुझे सोचने दो मां
तुम जाकर सो जाओ अभी
मां - ओके सोच लेना अच्छे से
फिर मैं और मां अपने अपने कमरे में चले आए



कमरे में आ कर मैं सोच में पड़ गई क्योंकि यहां बहुत बड़ी "धर्मसंकट" में पड़ गई
किसी तरह से रात गुजरा और तय कर लिया था
क्योंकि रोशन की जगह जॉब भी मुझे ही करनी है पर उसके कम्पनी का रुल है कि जिसकी औलाद होगी उसी को पति के जिंदा रहते जॉब मिलेगी
क्योंकि बिना बच्चे के ये जॉब मिलना मुश्किल था




सुबह मॉम जाने के लिए तैयार थी और पापा जी मॉम को स्टेशन तक छोड़ने जा रहे थे
मॉम ने मुझसे पूछा क्या सोचा रश्मि बेटा
मैं सिर हिला कर हामी भरी और शरमा कर पल्लू से अपना मुंह ढक लिया
पापा जी सामने ही थे उनकी आंखो में एक चमक सी आ गई वो भी मंद मंद मुस्कुराने लगे
पापा जी- बहन जी , आपकी बेटी को किसी तरह की कमी नहीं होगा रानी की तरह से रखूंगा
और मां बिदा हो गई

पापा जी ने अपनी लाइन में जो बोले
रानी की तरह से मुझे रखेगा ऐसा लगा जैसे मैं उनकी पत्नी हूं




आपको तो मैं पहले ही बता चुकी हूं की मेरे ससुर जी एक रिटायर्ड टीचर हैं पर उनकी उम्र अभी पचास साल है क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी की सेवा करने के चलते बहुत पहले ही वोलेंटियर रिटायरमेंट ले लिया था हमारी शादी से कुछ दिन पहले ही
पर अभी भी बहुत स्मार्ट लगते हैं लंबे चौड़े बलिष्ट भुजाएं और एकदम यंग लगते हैं

कुछ देर बाद पापा जी आ गए



मैं- पापा जी पानी पियेंगे
पापा ji- हां, पर ताज संतरे का जूस बना दो
बोल कर पापा जी ने मेरे सीने की ओर देखा
उस समय मेरा आंचल जरा सरक गया था जिससे मेरी आधी गोलाईयआ स्पष्ट रूप से नजर आ रही थी ऐसे



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मैं- जी पापा अभी बना देती हूं
बोली और किचन में चली गई
पर पापा के बोलने और मुझे देखने के अंदाज से लगा की वो तो मेरे ब्लाउज के संतरे की बात बोल गए क्योंकि जिस तरह से जोर दे कर ताजा संतरे बोला था उफ्फ डबल मीनिंग में



पापा ji- रश्मि नमकीन बना देना , मुझे नमकीन स्वाद बहुत पसंद हैं
मैं जूस देकर बगल में बैठ गई
पापा जी- मॉम से सारी बातें हो गई
पापा जी अनजान होकर पूछने लगे
मैं- हां पर कौन सी बात
पापा जी- वही की, रोशन तो अब काम कर नहीं पाएगा और घर का खर्चा , पर तुम चिंता मत करो मेरी पेंशन है ना
मैं- पापा जी , रोशन नहीं तो कया हुआ मै उसके जगह पर जॉब कर लूंगी
पापा जी- पर कम्पनी के रुल तो तुम्हे पता है ना बेटी
मैं- जी पता है पापा ,मॉम ने जो बोला है मैं उसके लिए तैयार हूं




मेरे ससुर जी मन ही मन खुश हो गए
मुझे नहीं पता था कि पापा और मम्मी के बीच क्या बात हुई थी क्यों कि मॉम ने मुझे कुछ और ही कहा था और मेरे साथ आगे कुछ और ही होने वाला था

पापा जी ने जूस पीने के बाद मेरे काफी करीब आकर बैठ गए और मेरी हांथ पकड़ कर बोले
पापा जी- थैंक यू रश्मि तुमने आज इस घर की लाज रख ली
मैं- शरमा कर नीचे देख रही थी फिर बोली इसमें थैंक्स कैसे पापा
पापा ने मेरी माथे को चूम लिया
फिर मैं घर के काम में लग गई

पापा जी अब मुझे शायद अलग ही नज़रों से देखने लगे थे मेरी हर काम में हाथ बंटाते मुझसे उसकी नजर ही नहीं हटती
दो दिन ऐसे ही निकला फिर
पापा ने कहा रश्मि बाजार जा रहा हूं चलोगी
मैं- नहीं आप चले जाइए
पापा जी- कुछ जरूरत है तो बोलो अपने लिए
मैं- जी अभी तो कुछ नहीं बोल कर अपने उंगलियों के नाखून काटने लगी


लेकिन मुझे अपने लिए अंडरगारमेंट्स लेने थे पर कैसे कहूं समझ में नहीं आ रहा था
पर पापा जी मुझे देख कर समझ गए थे
पापा जी- देखो रश्मि तुम्हारी जो भी जरूरत है अब मुझे ही सब पूरा करना है रोशन तो बाजार जा नहीं सकता
फिर मैंने धीरे से कहा
मैं - पापा जी वो.......
पापा जी- हा बोलो वो क्या
मैं- जी मुझे अंडरगारमेंट्स लेने थे
पापा जी- तो साथ चलोगी
मैं- आप ही ला देना रोशन को दवा देना है
पापा जी- ओके

पापा जी मार्केट जा चुके तब मुझे होश आया कि मैंने साइज तो बोला ही नहीं
करीब आधे घंटे बाद
पापा ने कॉल किया
मैं- जी पापा
पापा- वो तेरी ब्रा की साइज क्या हैं
मैं- वो ३६ है
ओ माय गॉड मेरे तो गाल लाल हो गए

और फिर जब पापा वापस आ गए तो उन्होंने जो मेरे लिए लाया क्या बताएं कभी रोशन ने भी ऐसा ब्रा और पैंटी नहीं ला दिया लाइफ में पहली बार किसी मर्द ने वो भी मेरे ससुर ऐसा ला कर दिया

मैं उस समय कमरे में थी और पापा जी सीधे मेरे कमरे में आ गए फिर दरवाजों को धकेल दिया जो उस समय मैं ऐसे थी



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आइने के सामने और पापा जी ने मेरी भरी जवानी का मस्त दीदार किया
पापा ने मुझे मेरा अंडरगारमेंट्स दिया जो ये है

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रात में डिनर के बाद मै और पापा जी बालकनी में टहल रहे थे
मै- पापा जी कब चलना है
पापा- कहां
मैं- आईवीएफ सेंटर
पापा- क्यों
मैं- मॉम ने कहा था की ,.........
पापा- क्या बोला
मैं- आपको नहीं मालूम
पापा- नहीं तो वहां जाने की क्या जरूरत है
मैं- तो फिर कैसे मॉम ने कहा कि की की...
कैसे बोलू मै तो हकलाने लगी
पापा- क्या हुआ
मैं- जी वो स्पर्म के लिए घबराते हुए बोली
पापा- वहां क्यों पैसा खर्च करना, वो सब घर पर ही हो जाएगा
मैं सोचने लगीं ओह तो मॉम ने मुझे घुमाफिरा कर कहा

फिर पापा ने मुझे अपने सीने से लगा लिया
मेरे बड़े बड़े चूची तो पापा जी के छाती में धस गई
और फिर अपने हांथफ़ैलाने के बाद मेरी गोरी गोरी पीठ पर था




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To be continue.
 
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भाग 6

उस रात पापा जी ने मुझे अपने सीने से लगा तो लिया पर मुझे अच्छा नहीं लगा और मैंने मेरे ससुर जी को धकेल दिया और अपने आप को अलग किया


मैं - ये क्या कर रहे हैं आप मै आपकी बहू हूं
पापा जी- माफ करना बहू वो मै इमोशनल हो गया था
और ससुर जी के आंखों में आंसू निकल पड़े

मैं कुछ नहीं बोल पाई और सीधे कमरे में आ गई तब तक रोशन सो चुका था
फिर मैं लाइट ऑफ कर सोने के लिए बिस्तर पर लेट गई और शायद पापा जी भी अपने कमरे में जा चुके थे



आज सुबह जल्दी ही उठ गई मैं आज मुझे रोशन के ऑफिस जाना है कुछ पेपर सबमिट करने
पापा जी मॉर्निंग वॉक पर निकल चुके थे और सबसे पहले मैंने किचन का काम निबटा लिया और फाइल में आवश्यक कागजात चेक कर रखने लगी फिर


रोशन को नाश्ता और दवा खिला दिया
तब तक ससुर जी भी आ गए और बोले
ससुर- बेटी आज , तो रोशन के ऑफिस जाना है ना, पेपर जमा करने
मैंने उनकी बात को अनसुनी कर दिया
कुछ बोली नहीं और चुपचाप चाय ला कर उनके पास रख दिया


ससुर जी- अरे नाराज़ हो क्या बहू,
मैं तब भी चुप ही रही क्यों कि रात की हरकत से मैं ससुर जी से बात ही नहीं करना चाहती थी
ससुर जी ने दुबारा टोका
कैसे जा रही हो ऑफिस चलो मै साथ चलता हूं
तब मैंने कहा
मैं- चिढ़ कर बोली मै अकेले ही चली जाऊंगी पापा

ससुर- अकेले ऑफिस के काम में दिक्कत होगी फिर तुम्हे पता भी नहीं है कैसे करना है
बहू रात के लिए सॉरी , मुझे माफ कर दो इमोश्नल हो गया था


बात तो मेरे ससुर जी सही बोल रहे थे क्योंकि मुझे कुछ आइडिया नहीं था , तभी रोशन भी व्हीचेयर से आ गया
रोशन- रश्मि पापा को साथ ले लो उन्हें मेरे ऑफिस के सब स्टाफ पहचानते हैं
मैं- ओके , जाकर तैयार हो जाए पापा आप
पापा - नाश्ता कमरे में ला देना तब तक मैं नहा लेता हूं
मैं - जी पापा

बोल कर किचन में चली गई और नाश्ता लेकर मेरे ससुर जी के कमरे में घुसने ही वाली थी की
एकदम से रुक गई अंदर पापा जी अभी अभी बाथरूम से निकल कर कपड़े चेंज कर रहे थे और मैंने ये देख लिया



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Sasur ji अभी तैयार नहीं हुए थे मेरी आंखो को को भरोसा नहीं हुआ की मेरे ससुर का इतना बड़ा लन्ड होगा ओह माई गॉड लम्बा मोटा और तगड़ा लन्ड 14 इंच से कम नहीं होगा और खीरे जैसा मोटा था और बहुत ही टाईट लग रहा था दो महीने के बाद आज किसी लन्ड का दर्शन हुआ था मेरी लार गले में जम गई



फिर मैंने डोर नॉक किया तब तक पापा ने पैंट पहन ली थी
मै- नाश्ता , पापा
ससुर- हा टेबल में रख दो
शायद ससुर को मैंने इस हालत में देखा उसे पता नहीं चल पाया या वो अनजान बन रहे थे
पर कसम से ऐसा लन्ड कभी नहीं देखा था, रोशन का तो इसका आधा होगा
हे भगवान सासू मां कैसे लेती थी होंगी सोचते हुए मै भी रेड्डी होने चली गई पर ये क्या मेरे कमरे के bathroom में तो पानी ही नहीं आ रहा था सुबह तो ठीक था अब क्या हो गया इधर लेट भी हो रहा था


मैं हॉल में आई तो रोशन ने मुझसे कहा अरे तुम अभी तक तैयार नहीं हुई
मैं- हमारे नल में पानी नहीं आ रहा है
रोशन- लगता है जाम हो गया है मैं भी ब्रश कर रहा था तो पानी बहुत कम गिर रहा था बेसिन में ऐसा करो तुम कॉमन bathroom में नहा लो
मैं - अरे वहां शावर कहां है
ये सब सुन कर ससुर जी ने मुझे कहा
ससुर- बेटी तुम मेरे कमरे का bathroom use कर लो अभी के लिए
मैं- ओके पापा जी बोली और अपने कपड़े लाने चली गई


पापा जी और रोशन हॉल में थे जब मैं तैयार हो कर आयी तो दोनों बाप बेटे ऐसे देखा जैसे कोई सुंदरी नहीं देखी

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मेरे ससुर जी -wow क्या कमाल लग रही हो रश्मि बहुत ही खूबसूरत हो तुम
मैं- थैंक यू पापा
पापा- तो चले
मैंने रोशन से कहा की आज बगल की आंटी को बोल दिया है तुम्हे टाइम पर लंच और मेडिसिन दे देगी वो
रोशन- ओके अब तुम लोग जाओ

मै और ससुर अब चल दिए अचानक पापा वापस आने लगे
मैं- क्या हो गया पापा जी
पापा- वो मोबाइल फोन भूल रहा था अभी लेकर आता हूं
थोड़ी देर में हम बस स्टॉप पहुंच गए और अब बस भी आ गई
बस स्टॉप पर बस लिया ऑफिस के लिए




बस में बहुत भीड़ थी सारे सीट मैं लोग बैठे हुए थे हम लोग भी किसी तरह एक कोने में खड़े हो गए क्योंकि यह ऑफिस का समय था जिसके कारण भीड़ हर स्टॉप पर बढ़ने लगी और धीरे धीरे बढ़ती ही जा रही थी इतनी ज्यादा भीड़ बढ़ गई की मैं और मेरे ससुर एकदम बिल्कुल करीब खड़े थे

भीड़ की वजह से बस के अंदर ससुर जी और मेरा जिस्म आपस में बिल्कुल सट गया हम दोनों के चेहरे आमने सामने थे और बस में धक्के लगने के कारण मेरी चूचियां ससुर जी के चौड़ी छाती से बार-बार लग रही थी थोड़ी ही देर में मुझे ससुर जी ने पलट जाने को कहा और मैं भी किसी तरह से पलट गई अभी मेरी गोरी पीठ ससुर जी के सामने थीं बस बहुत ज्यादा हिचकोले खा रही थी मुझे अचानक एहसास हुआ की मेरी नितंब में कोई कील सा चुभ रहा है मैं जान चुकी थी कि ये शायद ससुर जी का मोटा लन्ड ही था तभी


धीरे से मेरी पतली कमर पर एक गुदगुदी से हुए
ससुर जी ने मौका का फायदा उठाया और मेरी कमर पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा पर मैं चुपचाप थी क्योंकि शायद अब मुझे मजा आ रहा था मेरे बदन पर एक सिहरन सी लहर दौड़ पड़ी




अचानक ड्राइवर ने एक जोर का ब्रेक मारा मैं आगे की तरफ गिरते-गिरते बच्चे क्योंकि ससुर जी ने मुझे थाम लिया था पर उनके हाथ पीछे से मेरी चूचियों पर थे और ससुर ने हॉले से दबा दिया और अपना हाथ खींच लिया


ससुर जी का मूसल का दबाव मेरी नितम्बों पर बढ़ता जा रहा था क्योंकि भीड़ में मेरे परफ्यूम और मेरे बदन की पसीने की सुगंध ससुर जी को मदहोश कर रही थी मेरी साड़ी चूतड़ों के दरार में घुस गई थी और ससुर कपड़े के ऊपर से ही रगड़ रहें थे मेरी चूचियां गुब्बारे की तरफ फूलती जा रही थी लग रहा था मेरी blouse की सारी हुक अब टूट कर बिखर जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं
बस के अंदर ससुर जी की हरकत

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बस कम्पनी के गेट के पास रुकी तो मैं और मेरे ससुर उतर गए
पापा- रश्मि
मैं- जी पापा
ससुर- तुमने मुझे माफ किया या.....
मैं- हां पापा जी माफ कर दिया चलिए अब
ससुर जी हल्की मुस्कान देते हुए
ससुर- थैंक्स कहा
ससुर जी को अब मुझसे बात करने में हिम्मत मिली




कुछ समय बाद हम ऑफिस आ चुके थे
सारा दिन काम में ही निकल गया पता ही नहीं चला पर अगर पापा जी नहीं होते तो शायद आ मेरा काम नहीं हो पाता





मैं भी अपने ससुर से खुश थी उनकी वज़ह से एक ही दिन में काम हो गया और कहा गया कि आगे का प्रोसेस जल्द ही होगा बस यही की फैमिली डिटेल में
बच्चे का डिटेल खाली रह गया और ये तभी सम्भव है जब मैं किसी तरह से प्रेगनेंट हो जाऊ तो doctor रिपोर्ट से भी काम हो जायेगा




डिनर का खाना हमलोगो ने पैक करा कर ले लिया था
और इसलिए जल्दी ही डिनर किया और अपने अपने कमरे में आ चुके थे
मैं चेंज करके मेन डोर को लॉक करने के लिए नीचे आई तो देखा ससुर जी की कमरे की लाइट अभी भी जल रही है मैंने धीरे से उनके कमरे में झांका तो देखा वो कहीं नजर नहीं आ रहे थे इतनी रात कहां गए


तभी मुझे याद आया कि सुबह तो जल्दबाजी में मैंने नहा कर अपनी ब्रा और पैंटी उन्हीं के बाथरूम में भूल गई थी

और तब ससुर बाथरूम से निकले तो देखा उनके हाथ में मेरी ब्रा और पैंटी थी
ससुर जी ने इस समय केवल निक्कर में थे और फिर बेड पर बैठ कर अपने मोटे लन्ड को बाहर निकाला

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मेरी आंखे बड़ी बड़ी हो गई
ससुर जी एक हांथ में मेरी जालीदार पैंटी को पकड़ कर सूंघ रहे थे तो दूसरे से अपने लन्ड को धीरे धीरे से सहलाने लगे


जिसे देखकर मेरी धड़कन तेज हो गई
ससुर जी मेरी पैन्टी को सूंघते हुए बोलने लगे
ससुर- वोह आहह क्या मस्त खुशबू है क्या माल है रश्मि तू
और फिर अपने लन्ड को हिलाने लगे
ससुर जी- ऊहहाई मेरी जान तेरी पैन्टी में इतनी खुशबू है तो तेरी बुर की गंध कितनी होगी जिस दिन मेरी नाक में समाएगा तो क्या मज़ा आएगा
सुनकर तो मेरी चूचियां और ब्राउन निप्पल पूरी तरह से कड़क हो कर तन गए थे
ससुर जी अब तेजी से लन्ड हिलाने लगे
मैं ये देख कर पागल हुए जा रही थी और मेरे जांघों से पसीने चुने लगे



ससुर कि रफ्तार बड़ गई अब लन्ड अंदर का सारा माल उगलने वाला था और तभी ससुर ने खडे हो कर सारा वीर्य मेरे ब्रा में गिरा दिया कुछ रस फर्श पर भी फैल गया
पूरे कमरे में एक अजीब सी गंध भर गई जो मेरे नाक तक आ पहुंचा सीन देखकर मेरी बुर की झांटे
कामरस से लसपस हो गई

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ये हाल हो गया था मेरी बुर का और ससुर जी के मूसल का




फिर मैं अपने कमरे में चली गई और सोने की कोशिश करने लगी पर नींद नहीं आ रही थी बदन की गर्मी शांत नहीं हो रहीं थी मै सोचने लगी कि हे भगवान मेरे ससुर मेरे नाम पर मूठ मारी यानि मुझे हर हाल में चोदें बिना नहीं छोड़ेंगे पर कब नींद आई पता नहीं चला
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To be continue....
 

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