Adultery धर्मसंकट by ~ketta~

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सातवां अध्याय


सुबह के 6:00 बज रहे थे मेरी नींद टूट गई और मैं अंगड़ाई लेती हुई उठी आज रोशन की डायग्नोसिस करानी है कमरे से निकलकर नीचे आई तो देखा मेरे ससुर जी शायद मॉर्निंग वॉक के लिए तैयार हो रहे थे
मैं- पापा जी क्या आज आप लेट हो गए और दिन तो 5:30 बजे से पहले मॉर्निंग वॉक पर निकल जाते हो
ससुर जी- हां रश्मि आज मुझे उठने में जरा देर हो गई है आज मैं ज्यादा दूर तक नहीं जाऊंगा क्योंकि रोशन को आज रूटीन चेकअप के लिए ले जाना है


मैं- जी जी पापा जी
ससुर जी- तुम चलोगी क्या आज मेरे साथ
मैं- नहीं आप चले जाओ
ससुर- क्यों क्या हुआ कोई परेशानी है
मैं- नहीं पापा जी कोई परेशानी नहीं है पर मेरे पास वाकिंग के लिए कोई ट्रैक सूट अभी नहीं है
पापा जी- कोई बात नहीं कुछ भी ड्रेस पहन लो चलेगा
मैं- पर कंफर्टेबल तो होना चाहिए ना


ससुर- कोई ना कोई वॉकिंग ड्रेस तो होगा ही पहले देख तो लो और अगर तुम्हें मेरे साथ नहीं चलना है तो फिर कोई बात नहीं थोड़ा इमोशनल होते हुए अब तो मैं वैसे भी अकेला हो चुका हूं सोचता हूं थोड़ा सा किसी का साथ मिल जाए तो अच्छा लगता है इसलिए बोला तुमको बहू ठीक है मैं जाकर आता हूं



मैं- ठीक है पापा जी आप दिल छोटा मत करिए मैं जाकर अलमारी में चेक करती हूं शायद मेरे कॉलेज के दिनों की कुछ कपड़े साथ लाई थी अगर उनमें से कोई फिट हो गई तो साथ जरूर चलूंगी मैं आती हूं देखकर बस आप 10 मिनट रुकिए

ससुर- अच्छा ठीक है चेक कर लो उससे पहले क्या एक कप चाय मिलेगी
मैं- पापा जी दूध नहीं है , नींबू वाली चाय बना दूं
ससुर- हां बना दो
मैं चाय बनाने के लिए किचन की ओर जाने लगी तो ससुर जी अपने आप में धीरे से कुछ कहां जो मैंने सुन ली
"गाय के दूध की क्या जरूरत है चाय बनाने के लिए जब तुम्हारे चूची में इतने दूध भरे हो तो काश रश्मि तुम्हारे चूची के दूध का चाय मिल जाता तो मजा आ जाता "


मैंने ससुर की बातें सुनकर अंदर ही अंदर मुस्कुराते हुए चाय बनाने लगी और सोचने लगी यह बुड्ढा साला मेरे स्तनों को चूसना चाहता है मैंने चाय लाकर दीया और वॉकिंग सूट ढूंढने के लिए ऊपर कमरे में चली गई कमरे में आकर घर से लाया हुआ एक पुराना सूटकेस खोला जिसमें मेरे कॉलेज के दिनों के बहुत सारे सामान रखे थे जिन्हें में बहुत प्यार करती थी कॉलेज के दिनों में तभी मुझे पीले रंग की एक पतली strip वाली टॉप और एक शॉर्ट्स मिल गई उसे निकालकर मैंने ट्राई किया तो पूरी तरह फिट हो गई और फिर मैं नीचे हॉल में आ गई और आते ही कहां

मैं- चलिए पापा जी मैं बिल्कुल तैयार हूं
ससुर जी ने जब नजरें उठाकर मुझे देखा तो देखते ही रह गए उसके मुंह खुले के खुले रह गए क्योंकि मैं बहुत ही हॉट लग रही थी मेरी शॉर्ट्स काफी छोटी थी मेरी गोरी गोरी मांसल जांघे केले की तने की तरह एकदम स्मूथ दिख रहा था पर टॉप भी इतनी पतली और छोटी थी कि मेरी गहरी नाभि और अंगूर की भांति निपल्स उभर कर कपड़े के ऊपर से ही भली-भांति दिख रही थी





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मैं- पापा जी मुंह बंद कर लीजिए नहीं तो मच्छर अंदर चला जाएगा बोलकर खिलखिला कर हंस पड़ी
फिर मैं और पापा मॉर्निंग वॉक पर निकल गए चलते चलते हम लोग आपस में बातें करने लगे



ससुर जी- बहुत खूबसूरत और हॉट हो बहू तुम
मैं- क्या पापा आप भी ना बस तारीफ ही करते रहते हैं
ससुर जी- जो खूबसूरत हो उसकी तो तारीफ बनती है जैसे कि तुम
मैं- सासू मां भी कम नहीं थी
ससुर- वह तो थी ही पर हमारे जमाने में इतना खुलापन नहीं था



मैं- पापा जी तो क्या आपने सासू मां से रोमांस नहीं किया आप लोगों की हनीमून कहां हुई थी
ससुर- तब हनीमून के लिए कोई बाहर कहां जाता था जो कुछ भी सब घर पर ही होता और उस समय हमारा सम्मिलित परिवार हुआ करता था तब यह सब रोमांस ओमांश की बातें कहां थी

मैंने ससुर जी को छेड़ा तो आप कर लीजिए अब आपको कौन रोकेगा बोलकर हंसने लगी ससुर जी भी मेरी बातें सुनकर हंसकर बोले
ससुर- रश्मि अब मुझसे कौन रोमांस करेगा और मुझे कौन पसंद करेगा
मैं- कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है पापा आप तो अभी भी बहुत जवान लगते हैं

ससुर जी - मेरी तो उमर अब ढल रही है
ससुर जी ने भी मेरी चुटकी ली क्या तुम मुझसे रोमांस करोगी
सुनकर मैं तो सकपका गई
मैं- क्या मैं आपको अच्छी लगती हूं
ससुर जी- बहुत


सुनकर शर्म के मारे मेरी आंखें झुक गई
फिर मैं संभल कर बोली पापा जी हम लोगों को निकले हुए एक घंटा हो गया चलिए वापस चलता है
ससुर जी- ओके बेबी जैसी तुम्हारी इच्छा


वापस आकर पापा जी रेड्डी होने लगे रोशन पहले ही तैयार हो कर इक कैब बुक करा लिया था
फिर दोनों hospital चले गए और मैं घर के कामो में लग गई

काम खत्म करके मैं नहाने के लिए बाथरूम में चली आई और सोचा कि चलो आज अच्छा मौका है बुर का झांठ साफ करने के लिए फिर मैंने अपने चूत पर वीनस की क्रीम झांटो पर लगाई और रेजर से अपने बुर के बाल को छीलकर बुर एकदम चिकना कर दिया बुर देखने में एकदम मुलायम पावरोटी की तरह दिख रहा था यदि मेरे ससुर अभी सामने होते तो मेरी जमकर ठुकाई होती


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दोपहर तक रोशन और पापा जी नहीं लौटे तो मैंने ससुर जी के नंबर पर कॉल किया तो मुझे उनके
फोन की घंटी उनके कमरे से सुनाई दी जाकर देखा तो पापा जी ने मोबाइल घर पर ही भूल गए थे


फिर रोशन को कॉल किया तो रोशन ने कहा यहां हॉस्पिटल में आज बहुत ज्यादा ही भीड़ है नंबर लगा दिया है लेकिन अभी भी लगभग मेरे से पहले 10 12 पेशेंट और हैं इसलिए हम लोग लंच नहीं यही हॉस्पिटल के स्टाफ कैंटीन में कर लेंगे तुम खा लेना बोलकर रोशन ने कहां अब रखता हूं और लंच के बाद ही हमारा नंबर आएगा


मैंने कहा ठीक है मुझे तो भूख लग रही है मैं चली खाना खाने अच्छे से चेकअप कराना ओके रखती हूं बाय
मैंने भी लंच किया और फिर मुझे पापा जी के मोबाइल की ओर ध्यान गया मैं उनका फोन लेकर आयी पर वो स्क्रीन लॉक था

मेरी ऊंगली उसके मोबाइल स्क्रीन पर घूम ही रहीं थी की अचानक पापा जी के मोबाइल का पैटन खुल गई
देखते देखते मेरी नजर एक वीडियो पर पड़ी जो उनके मोबाइल पर थे

अरे बाबा ये क्या ये तो मेरी वीडियो थी जिसमें मै bathroom में नहा रही थी तभी याद आया कि कल जब मेरे bathroom में पानी नहीं आ रहा था तो मैंने ससुर का bathroom use किया था लगता है कि जब मैं कपड़े लेने जा रही थी तब पापा जी भी अपने कमरे में आए थे उसी दौरान उन्होंने अपना मोबाइल सेट कर रख दिया था पूरा 20 मिनट का वीडियो थी कैसे मैंने कपड़े उतारे और फिर शावर के नीचे अपने मखमली बदन को साबुन की फेन से मल मल कर नहा रही थी तभी तो कल वापस निकलने के बाद फोन लेने आया था जरूर रात में मेरी ये क्लिप देख कर खूब मूठ मारी होगी
उसके बाद मुझे नींद आने लगी और मैं बेड पर लेट गई मेरे बदन पर कपड़ा नाम मात्र ही था केवल एक गुलाबी रंग की झिनीदर शॉर्ट नाइटी पहनी थी मुझे लगा की उनको आने में रात हो जाएगी पर मुझे क्या पता था
मैं नींद में थी और रोशन और ससुर जी करीब 4:00 बजे वापस आ गए और ससुर जी सीधे मेरे कमरे में आ गए और मुझे इन हालातों में देख लिया मेरे ड्रेस मेरी मोटी गांड़ को ढकने में असमर्थ थी और ये देख ससुर के मुंह से लार टपक पड़े




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रात में ससुर को छीक बहुत आ रहा था
मैं- क्या हुआ
ससुर- वो जरा हल्की बारिश में भिंग गया था
मै- आपको सर्दी लग जाएगी पापा मै तेल गर्म करके लगा देती हूं

रोशन अभी सोया नहीं था मैंने रोशन से पूछा क्या बाबू जी पानी में भीग गए थे रोशन ने कहा हां जब डॉक्टर ने दवा लिखा तो दवा लेने के लिए वह मेडिकल शॉप पर गए थे उसी समय जोरो की बारिश शुरू हो गई थी पापा पूरी तरह भी कर वापस आए वह तो वहां हॉल के पंखे के नीचे थोड़ी देर बैठने से उनकी शर्ट सूख गई

मैं- रोशन मै पापा जी को तेल गर्म करके लगा देती हूं नहीं तो उन्हें सर्दी लग जाएगी
रोशन- हां हां लगा दो वो तो बेपरवाह है ही
मैं- ठीक है हम जाते हैं तुम आराम करो
फ़िर मैं तेल गर्म करके ससुर जी के कमरे में गई जहां बाबूजी पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर केवल अंडरवियर में ही लेटे थे जिसमें उसके मोटे लन्ड की शेप नजर आ रही थी

ऐसे पिक पापा जी को देख कर मैं थोड़ा शर्म आने लगी पर फिर मैंने तेल लेकर सबसे पहले उनके माथे पर लगाया और फिर उनकी छाती को धीरे धीरे मालिश करने लगी साथी उनके हाथों को भी मालिश दे रही थी मालिश करते करते हैं बार-बार मेरी साड़ी की आंचल नीचे गिर जा रही थी और मैं बार-बार अपने आंचल को संभाल कर कंधे पर रख रही थी आंचल के गिरने से मेरे दोनों स्तनों के बीच की घाटी साफ-साफ ससुर जी की आंखों के सामने नजर आ रहे थे ससुर जी मेरी ब्लाउज की गहराइयों में नजरें लगाए थे
फिर मैं घूम कर बैठ गई और ससुर जी के पैरों में तेल लगाने लगी अब मेरी पतली कमर और पीठ ससुर जी के मुंह की ओर थे जब मैं उनके पैरों की मालिश कर रही थी तो देखा ससुर जी के लन्ड अंडरवियर के अंदर सांस ले रहे थे
तेल लगा कर मै उठी ही थी कि अचानक पीछे से मेरी कमर पर ससुर जी ने अपने हांथ का गोला बना कर अपने आगोश में ले लिया और मेरी कंधे को चूम लिया

मेरा जिस्म एकदम से सिहर उठा
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मैं - हम्मम पापा जी ये क्या कर रहे हो
मेरी आवाज भारी हो रही थी
पर मेरे ससुर ने कहा कुछ नहीं और मेरे कन्धों से लेकर
कान के पीछे गले को चूमने चाटने लगे


मैं- पापा जी छोड़िए ना कहते कहते
मेरी सांसे तेज हो रही थी आवाज में भारीपन महसूस हो रहा था पर ससुर जी मेरी गदराई जिस्म को कैसे छोड़ सकते थे
मेरे मुंह से हल्की सी सिसकारी
ऊं म्मम.......... की आवाजें निकालने लगी
ससुर ने मेरे साड़ी को मेरे बदन से अलग किया
और मेरी गोरी पीठ में चूमते हुए मेरे ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए

मेरी पीठ ऐठने लगीं जब ससुर ने अपनी गीली जीभ को गोरी पीठ पर घुमाया और धीरे धीरे से ब्लाउज को उतार कर फेंक दिया
अब बदन पर केवल पेटीकोट और ब्रा रह गया
मेरी भी कामवासना जागने लगी


फिर ससुर ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा पकड़ा और खींच दिया सरर से पेटीकोट नीचे गिरा और मैं केवल ब्रा पैन्टी में रह गई उसने मुझे गोद में उठाया और मलमल बिस्तर पर मुझे गिरा दिया जैसे ही मैं बेड पर पड़ी बेड अंदर की ओर धंस गया और फिर उछला जैसे सर्कस में होता है
ससुर ने पहले मेरी नाभी कि गहराई को तेल से भर दिया
मेरी सांसे तेज हो गई और सीने पूरा अप डाउन होने लगा


अब ससुर ने अपनी एक अंगुली को तेल से भरे नाभि में डुबाया और गोल गोल घुमाने लगा तेल छलक कर पेट पर पसरने लगा जिसमें वो अपनी उंलियों को पेट पर फिराने लगे धीरे धीरे से अपनी तेल से सने हथेलियों को ऊपर की ओर बढ़ा रहा था और जैसे ही अपनी हथेलियों को मेरी ब्रा के अंदर डाला और निप्पल को टच किया मै सिहर सी गई साथ ही और वो मेरे गले को किस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी
मैं - ऊंग ..........…. आहह्...…....…
मैंने महसूस किया मेरे चूची ब्रा से निकलने को बेताब थी


तभी ससुर ने अपने एक हाथ को पीठ के पीछे ले जाकर ब्रा का hook खोल दिया और ब्रा ढीली पड़ गई
और ढीली ब्रा को अपने दांतों से पकड़ा और मेरे जिस्म से अलग किया
फिर ससुर मेरे चूची को चूसने लगे
मेरा पूरा बदन कसमसाने लगा
ऐसे लग रहा था कि जिस्म में चिटिंयां रेंग रही हो
मेरी पैन्टी के अंदर जवानी की रस रिसने शुरू हो चुका था जिससे पैन्टी गीली हो रही थी
ससुर जी मेरे चूची को चूस भी रहें कभी निपल्स को दांतो से काट भी रहें थे
अब उसने मेरी पैन्टी की इलास्टिक को पकड़ा और खींच कर निकाल दिया
मै पुरी तरह से कड़क माल लग रही थी जी अपने ही ससुर के सामने नग्न बिस्तर पर थी

ससुर ने अब तेल की पतली सी धार मेरे बुर पर गिराया
मेरा गोरा बदन कपकपा उठा
फिर ससुर की उंगलियों ने वही खेल चालू किया
शरीर में गुदगुदी और छटपटाहट हो रही थी
और कामुक सिसकारी निकलने लगी थी
मै- उम्म........... ahhhh ahhhh ahhhh............. यूएई,...........
ससुर जी ने अपना लन्ड मेरी हांथ में दे दिया मैं भी इस खिलोने से खेलने लगी

अब ससुर ने अपना नाक को बुर की छेद के पास लेकर जोर से सांस खींचकर बोला ओह...... मेरी जान क्या सुगन्ध है तेरे चूत की
और अपने मुंह को चूत पर लगा कर चाटने चूसने लगा
पूरे कमरे में मेरी सिसकी गूंज रही थी
अब मुझे बर्दास्त से बाहर हो रहा था इधर मै भी मस्त हो कर लन्ड चाट रही थी
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लन्ड पूरा कड़क हो गया था
फिर ससुर जी ने मेरी जांघों को सहलाते हुए फैलाया और चूत की पंखुड़ियों फैला कर छेद में लन्ड का सुपाड़ा टिकाया और एक जोर दार झटका दिया मैं जोर से चिल्लाई
आई ई इ........... मा aaaaaaaaa...

और ससुर का मोटा लन्ड मेरी बुर को चीरता हुआ अंदर समा गया
बहुत दर्द हुआ तभी ससुर ने मुह पर हांथ रख दिया
और रोशन की आवाज आई
रोशन- क्या हुआ रश्मि
शायद रोशन अभी तक जाग रहा था
मैं सकपकाते हुए बोली- का का कुछ नहीं वो छिपकली थी
ससुर ने chudai ki स्पीड बढ़ा दी मुझे अब मजा आने लगा था
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ससुर के कमरे से अब केवल फाच फच , थाप थाप की आवाजे और हमारी सिसकारी सुनाई दे रही थी
जो रोशन के कानों तक भी जा रही थी
रोशन समझ चूका था कि पापा के कमरे में क्या हो रहा था


उसकी पत्नी की भयंकर चुदाई चल रही थी पर बेचारा क्या कर सकते थे वो
ससुर ने अब मुझे पलट कर
लिटा दिया और मेरे घुटनों को मोड़ दिया जिससे मेरे नितम्ब ऊपर उठ गए तो फिर से मुंह चूत पर लगा दिया और दुबारा से चाटने लगे फिर जीभ घुसा दी बुर की छेद में मै जोर से छटपटाने लगी तो ससुर जी ने मेरी दोनो हाथो को पकड़ा और डॉगी स्टाइल में लन्ड बुर में पेल दिया
और पूरे स्पीड में चोदने लगे मैं अब झड़ने वाली थी मेरे बदन में ऐठन आने लगी और मै झड़ गई पर ससुर जी की स्पीड बरकरार थीं और मेरे झड़ने के 20 मिनट बाद सारा वीर्य मेरे बदन में पिचकारी की तरह से छोड़ा

चार घण्टे तक पापा जी ने मुझे चोदा हर angel से केवल। गांड़ नहीं चोदा
और अंत में माल गिरा दिया



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हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे
सारा बिस्तर भींग गया था चुदाई के बाद मैं ठीक से चलने की स्थिति में नहीं थीं तो वहीं पापा जी के बिस्तर पर ही नंगे शरीर लेट गई
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To be continue watching.........
 
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भाग- ८

भोर के चार बजे आसपास मेरी नींद खुली जोर से पेशाब लग रही थी मैं चुपके से उठ कर अपने कपड़े समेट कर अपने कमरे की ओर नग्न अवस्था में ही भागी और आकर पेशाब करने के बाद रोशन के बगल में लेट गई
ना रोशन जान पाया ना ही मेरे ससुर को कुछ पता चला
सुबह सात बजे रोशन ने जगाया मेरा तो पूरा बदन दर्द कर रहा था उफ्फ रात में जो ससुर ने मेरी जिस्म से जवानी के रस को निचोड़ दिया मैंने भी कई महीनों के बाद अपनी प्यास बुझाई

रोशन- रात में तुम कब आई, मुझे तो पता ही नहीं लगा
मैं- वो पापा ने कहा कि छींक बहुत आ रहा है और बदन हल्का दर्द कर रहा है, तो मैंने पापा के पूरे बदन पर तेल लगा दिया इसलिए जरा देर हो गई और मेरे आने तक आप सो चुके थे
रोशन- बहुत ही अच्छा किया रश्मि तुमने
मै- पापा जाग गए हैं क्या की सो ही रहें हैं
रोशन- उठ कर बाहर garden में ही टहल रहे हैं आज
नहीं गए सैर करने के लिए शायद वो भी आज देर से ही उठे हैं
मैं- हम्म.… अभी कैसे हैं
रोशन- मुझे तो कहा ठीक हूं
एक बार तुम भी पूछ लो
मैं- हां हां, देखती हूं कहां हैं पापा जी
बोल कर बाहर निकल गई
तो देखा पापा जी आज घर के गार्डेन में ही कसरत कर रहे थे

मैं भी वहां आ गई और उनकी ओर देख कर पूछा
मैं- अभी तबीयत कैसा है पापा जी
शरमाते हुए कहा
ससुर- बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा हूं बहू कई दिनों बाद आज नींद बहुत आई और तुम बोल कर मेरी ओर देखा
मैं उनको बगल में खड़ी हो कर कसरत करते हुए देख रही थी और एक sleeveless सूट में थीं






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मैं - पापा जी मेरा तो बदन हल्का सा दर्द कर रहा है
ससुर- तो मालिश कर दू क्या
मैं- नहीं……
ससुर- देखो तुमने मालिश की तो आज मुझे अच्छा लग रहा है तो क्या मैं तुम्हारी मालिश नहीं कर सकता
मैं - वैसी बात नहीं है पापा जी, बस जरा सा दर्द है

ससुर- तुम रोज मेरी तरह जॉगिंग किया करो या फिर योगा फिट रहना है तो
मैं- जी
ससुर- तो फिर चेंज करके आवो मै तुम्हे सिखाता हूं जॉगिंग
मैं- आज नहीं पापा कल से
ससुर- ठीक है साथ ही डाइट का भी ध्यान रखना होगा

मैं बस डाइट के बारे में पूछने ही वाली थी की ससुर जी के मोबाईल पर रिंग बजी
ससुर ने कॉल रिसीव किया
ससुर- Hello कौन
दूसरी तरफ से- Hello बाबू जी मैं शंकर बोल रहा हूं
ससुर- हां बोलो शंकर क्या बात है


दरअसल शंकर मेरे ससुराल के गांव वाले जमीन पर खेती बारी करता है और वही पुस्तैनी जमीन की रखवाली करता है
ससुर जी केवल साल में एक बार ही जाते हैं या फिर कोई काम रहने पर

शंकर- बाबू जी वो……वो……
ससुर जी चिल्लाते हुए- वो क्या कुछ बात बोलोगे
शंकर- जी सरपंच ने नहर के पास वाले जमीन पर कब्जा कर लिया है
ससुर- तुमने कुछ कहा नहीं
शंकर- बोला तो उसने मुझे बहुत पीटा बाबू जी आप जल्दी से आ जाईए
ससुर - आज ही आता हूं
बोल कर कॉल cut किया

मैं- क्या हुआ पापा जी
ससुर- वो गांव कि जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया है
मैं- अब क्या होगा पापा जी
ससुर- मै आज ही जाकर देखता हूं और वकील से भी मिलना होगा
मैं- ठीक है पापा जी आप तैयारी करो मै आपके लिए कुछ बना देती हूं
और पापा रेड्डी होने लगे


ससुर- बहू मै निकल रहा हूं और अच्छे से रहना रोशन का खयाल रखना
मैं- जी पापा, कब वापस आएंगे
ससुर- कुछ कह नहीं सकता हो सकता है एक दो हफ्ता लग जाएगी
मैंने अपना सर हिलाया और फिर जाते समय ससुर के चरणस्पर्श करने के लिए झुकी तो मेरी सीने से आंचल सरक गया और ससुर ने जाते जाते मेरे कठोर चूचियों के दर्शन कर लिए

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ससुर जी के जाने के बाद मै अपने कामों में लग गई
दोपहर को मैं और रोशन कमरे में बैठ कर बातें कर रहे थे कि


To be continue……
 
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Update 09


रोशन के मोबाईल पर एक फोन आता है
रोशन- Hello
दूसरी तरफ से- Hello रोशन जी मै कमल बोल रहा हूं
रोशन- हां कमल जी, बोलिए
कमल- जी , आपकी फाइल को मैंने स्टडी कर लिया है और बॉस के टेबल पर भेज दिया था पर शायद बॉस तुम से पर्सनली मिलना चाहते हैं

कमल , रोशन के ऑफिस का क्लर्क है जिसके पास हमने जॉब के लिए एप्लाई किया था रोशन के ऐक्सिडेंट के बाद

रोशन- कमल जी पर आप तो मेरी हालत जानते हो ना
कमल- रोशन मुझे पता है सब
रोशन- और बॉस टॉम को
कमल- यही तो मैं कहना चाहता था कि, शायद तुम्हें नहीं पता कि जिस दिन तुम्हारा ऐक्सिडेंट हुआ था बॉस उसी दिन विदेश के लिए निकल गए थे और अभी पिछले हफ्ते ही वापस लौटे हैं
रोशन- तो सच में उन्हें मेरे पैरालिसिस के बारे में नहीं मालूम
कमल- नहीं, पर अभी परसों ही तेरी फाइल देखी है बॉस ने और मुझे बुला कर कहा की तुमसे मिलना चाहते हैं
रोशन- पर मुझे तो चेकअप के लिए hospital जाने में ही परेशानी होती हैं
कमल- एक काम करो ना, एक बार बॉस से फोन पर बात कर लो
रोशन- क्या पता , मेरा कॉल रिसीव करे या नहीं
कमल- एक बार कॉल करो तो
रोशन- ओके कमल जी, आज ही बात करूंगा
कमल- ओके bye
और दोनों के बीच बात खत्म होती है

मैं- क्या हुआ कौन था
रोशन- वो क्लर्क था
मैं- क्या बोल रहा था, कुछ पेपर छूट गया क्या मैंने तो सारा चेक कर सबमिट किया है
रोशन- नहीं , दरअसल बॉस नहीं था यहां और फाइल देख कर मिलने बुलाया है
मैं- अब कैसे होगा, पापा जी भी नहीं है
रोशन - पहले बॉस से फोन पर ही बात करता हूं उसके बाद देखते हैं की कैसे चला जाएगा
मैं- हम्मम … ठीक है बात कर लो



शाम होने को था, और मुझे बाजार जाना था
मेरे ससुर रहने पर वही घर का सारा सामान लाया करते हैं पर आज नहीं है तो मुझे जाना होगा सो मैंने रोशन से कहा कि मैं बाज़ार जा कर आती हूं
रोशन- ठीक है हो कर आवो
फिर मैंने bathroom में जाकर हांथ मुंह धोया और वहीं अपने कपड़े उतार कर धोने के लिए भिगो दिया क्योंकि घर पर मैंने लेस वाली ब्रा और पैन्टी पहनी थी
जो की साड़ी में कंफर्टेबल नहीं होता



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इसलिए मैंने अपनी रेड colour की लॉन्जरी भी उतार कर पूरी नंगी होकर कमरे में चली आई और एक नॉर्मल ब्रा पैन्टी पहनने लगी
रोशन बगल में ही बेड पर लेट कर टीवी देख रहा था
मुझे देख उसके मुंह में पानी भर आया पर बेचारा क्या कर सकता था उसका तो अब खड़ा ही नहीं होता


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और फिर एक साड़ी पहन कर तैयार होने लगी


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बाजार जाते समय रास्ते में मैने गौर किया कि मेरे मोहल्ले के सारे मर्द और बूढ़े मेरी जवानी देख कर आहे भर रहे थे




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क्योंकि जब मैं चल रही थी तो मेरी नितम्बों में बहुत ही लचक थी
खैर करीब एक घंटे बाद मैं वापस घर आ गई

आते ही देखा रोशन के चेहरे पर मुस्कान थी
मैं- क्या बात है एकदम खुश लग रहे हो
रोशन- बात ही कुछ ऐसी है
मैं- क्या है बोलो ना
रोशन- बॉस से बात हो गई
मैं- तो उसने कब बोला ऑफिस आने के लिए
रोशन- अब मुझे उनसे मिलने नहीं जाना होगा
मैं- क्यों
रोशन- क्योंकी कल बॉस खुद ही मुझे देखने आएंगे
मैं- चलो अच्छी बात है, तब कुछ परेशानी नहीं होगी वरना ऐसी हालत में मै अकेले कैसे ले जाती
रोशन- मैंने अपनी पूरी कहानी बता दी
और मेरे पैरालिसिस के बारे में भी , तो बॉस ने अफसोस जताया और कहा मैं ही आता हूं कल
मैं- लगता है आपके बॉस काफी समझदार है
रोशन- वो बहुत ही सामाजिक व्यक्ति हैं और कल तुम भी मिल लेना फिर तुम्हें आगे के कामों के लिए परेशानी नहीं होगी
मैं- ठीक है आज जल्दी से सो जाते हैं सुबह उठ कर सारा सफाई भी करनी होगी
बोल कर मै खाना बनाने में लग गई



सुबह से ही घर कि सफाई में लग गई कब दोपहर हो गया पता ही नहीं चला
शाम में पांच बजे डोरबेल बजी
दरवाजा खोला तो एक लगभग पचास साल का साधारण सा व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा था
मैं- आप कौन
व्यक्ति- जी ये , रोशन खंडूजा का मकान है
मैं- जी ,पर मैंने आपको पहचाना नहीं
व्यक्ति- मैडम , मै टॉम सर का ड्राइवर हूं और सर कार में हैं रोशन जी से मिलने के लिए आए हैं

तभी मेरी नजर सामने एक चमचमाती लाल रंग की benz car पर पड़ी

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मैं- हां हां, सर को बुला लीजिए
फिर वो ड्राइवर कार के पास गया और एक रोशन के बॉस टॉम सर कार से बाहर निकले
बहुत ही गोरे चिट्टे और हैंडसम
मैंने उनका welcome किया और दोनों अंदर आ गए
हॉल में पहले से ही रोशन व्हीलचेयर पर मौजूद थे
रोशन- good evening sir
टॉम सर- good evening
रोशन- प्लीज बैठिए सर
टॉम सर- थैंक्स, और अब कैसे हो
रोशन- मेरी तो जिन्दगी बेकार हो गई है सर
रोशन और टॉम सर की आपस में बातें होने लगी तो मैं किचन में चली आई

नाश्ता लगा कर मै भी वहीं खिड़की की ओट पर खड़ी हो कर बाते सुनने लगी

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रोशन ने मेरा परिचय सर से कराया
टॉम सर बिल्कुल मेरे सामने बैठे थे और रोशन से बात करते करते कभी कभी मेरे ऊपर भी नजर फेर रहे थे मेरी चिकनी कमर और गहरी नाभि उनको साफ साफ दिख रही थी
टॉम सर की नज़रे बार बार मेरी नाभि पर आ कर अटक जा रही थी
टॉम सर- रश्मि जी, आपने नाश्ता बहुत बढ़िया बनाया है
मैं- धन्यवाद् सर
टॉम सर- रोशन तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हें सारा फंड मिल जाएगा और तुम्हारी जगह पर रश्मि को जॉब भी
रोशन- पर सर, वो कम्पनी के रूल की यदि बच्चे नहीं है तो
टॉम सर- वो सब मै देख लूंगा और रश्मि जी क्या कल आप ऑफिस आ सकेंगी
मैं- जी सर , जरूर से
टॉम सर- आप कल तीन बजे के बाद आ जाए
सुबह बहुत सारी मीटिंग रहती है
टॉम सर- और हां आप अपनी चार पासपोर्ट साइज फोटो साथ में बैंक डिटेल और pancard कि Xerox जरूर लेते आईयेगा
मैं- ओके सर

आधे घण्टे बात करने के बाद टॉम सर बोले
टॉम सर- रोशन अब मैं चलता हूं
मैं- सर डिनर करके जाइएगा
टॉम सर- नहीं आज नहीं एक और काम है फिर कभी
बोल कर टॉम सर जाने लगे मैंने उनको कार तक छोड़ा

दूसरे दिन मैं समय पर ऑफिस आ गई पर टॉम सर अपने केबिन में नहीं थे तो मैंने कमल से पूछा
कमल- मैडम बॉस तो आज आए ही नहीं है
मैं- तो क्या आज नहीं आएंगे
कमल- पता नहीं
मैं- कल वो रोशन से मिलने हमारे घर पर आए थे और आज मुझे बुलाया था
कमल- मैडम आप बैठ जाए अगर बुलाया है तो सर जरूर से आएंगे
मैं वहीं बैठ कर इंतजार करने लगी और सोचने लगी कि कब तक ऐसे ही चलता रहेगा तभी अचानक टॉम सर आए तो मैं उठ गई और उनका अभिवादन किया उसी दौरान मेरा आंचल सरक गया और टॉम सर के साथ साथ कमल ने भी मेरी
गोलाईयों के बीच की घाटी के दर्शन कर लिए


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टॉम सर अपने केबिन में गए और कमल को रोशन की फ़ाइल ले कर आने को कहा
कमल फ़ाइल ले कर अंदर गया
दस मिनट बाद peon मेरे पास आकर बोला मैडम बॉस ने आपको अंदर बुलाया है
मैं डोर नॉक कर अंदर गई
टॉम सर- रश्मि जी, आप अपनी फोटो और documents कमल जी को दे दीजिए
टॉम सर- और कमल वो दोनों फॉर्म इनसे fillup करवा लीजिए
कमल- Yes sir
मैं और क्लर्क कमल बाहर निकल गए
काम के बाद जाते समय मै दुबारा से टॉम सर के केबिन में गई
मैं- थैंक्स सर
टॉम सर- अरे इसमें थैंक्स की क्या बात है
अच्छा, रश्मि जी आप अपना मोबाइल नम्बर दे दीजिए
मैंने अपना मोबाइल नम्बर सर को दिया और bye बोल कर निकालने लगी
टॉम सर मेरी चूतड़ों को बड़े गौर से देखने लगे
घर आ कर मै बहुत खुश थी चलो अब जॉब जल्द ही मिल जाएगी
और फिर डिनर के बाद सोने से पहले कि मेरी तस्वीर



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To be continue………
 
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Update १०


एक हफ्ता होने को था, पर ऑफिस से कोइ मेसेज नहीं मिल रहा था, मै परेशान हो रहीं थी की पता नहीं क्या होगा उधर मेरे ससुर जी ने बताया की गांव का मामला अभी सुधरा नहीं है उनको आने में अभी और वक्त लगेगा


मैं सोचने लगी की यदि मैं ऑफिस जाने लगी तो फिर रोशन का ध्यान रखना मुश्किल हो जायेगा
और फिर रोशन के इलाज में भी बहुत खर्च हो रहा था जिससे परेशानी बढ़ रही थी
मैंने सोचा की आज क्यों न ऑफिस कॉल कर पता कर लिया जाए कब तक ज्वाइनिंग मिलेगा



लंच के बाद……….
मैं- रोशन , मुझे ज्वॉइन करने के बाद हमें एक नौकर की जरूरत होगी
रोशन- पर क्यों
मैं- फिर तुम्हारा और पापा जी का ख्याल कौन रखेगा
रोशन- बात तो सही है
मैं- इसलिए तो कह रही हूं
रोशन- पर आजकल नौकर मिलना भी तो आसान नहीं है
मैं- तो क्या हम गांव से शंकर को बुला सकते हैं
रोशन- फिर वहां कैसे होगा एक काम करते हैं कविता दी से बात करते हैं शायद वो कुछ कर सके
मैं- ठीक है , अच्छा कमल जी का फोन आया क्या
रोशन- नहीं ,
मैं- लगभग एक हफ्ता हो गया है, पर ऑफिस से अभी तक कोई मेसेज नहीं मिला है
रोशन- एक बार कमल से ही बात कर लो
मैं- हां उसने मेरा no भी लिया था , पर मेरे पास उनका फोन नंबर नहीं है
रोशन- मेरे मोबाईल में है इससे बात कर लो



फिर रोशन के मोबाइल से ही मैंने क्लर्क कमल को फोन कर पूछा तो बताया की सारा फंड कल तक अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेगा और मेरा appointment letter bana kar टॉम सर के केबिन में भेज दिया है साइन के लिए

उसी रात नौ बजे टॉम सर का कॉल आया मेरे मोबाईल पर , मै डिनर कर बालकनी में टहल रही थी और फोन मेरे हाथ में ही था रोशन अंदर कमरे में था
मैं- Hello
टॉम- Hello good evening रश्मि जी
मैं- good evening,जी आप कौन
टॉम- मै टॉम बोल रहा हूं
मैं- सॉरी बॉस, मेरे पास आपका नंबर नहीं था सो …….
टॉम- कोई बात नहीं रश्मि जी, और कैसी है आप

मैं- जी अच्छी हूं
टॉम- और, रोशन
मैं- वो भी , ठीक ही है
टॉम- डिनर हो गया
मैं- यस बॉस, बस बालकनी में टहल रही थी
और आपका
टॉम- हो गया है
मैं- सर, आपसे आज बात ही करने वाली थी
टॉम- हां मुझे याद है तुम्हारा लेटर मैंने आज साइन कर दिया है यही बताने के लिए फोन किया है Monday से ज्वॉइन कीजिए
मैं- खुशी से उछल पड़ी और thank you so much sir, thank you
टॉम- और रोशन क्या कर रहा है
मैं- जी वो कमरे में है
टॉम- मुझे रोशन से भी बात करनी है
मैं- जी अभी देती हूं फोन रोशन को
और मैंने रूम में जाकर रोशन को फोन देकर बोला बॉस बात करना चाहते हैं पर फोन कैसे कट गया शायद गलती ........


फिर बॉस का दुबारा कॉल आया
रोशन व्हीचेयर पर बैठ कर अपने बॉस से बात करने लगे और उनके पीछे ही अपनी ड्रेस चेंज करने लगी मुझे ध्यान ही नहीं आया की इस बार बॉस ने विडियो कॉल किया था और रोशन मोबाईल को ऐसे पकड़ा था कि बैक सीन पूरा नजर आ रहा था और मोबाईल पर मेरी ये सीन आ गई







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मैं अपनी धुन में मगन थी और अपनी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज उतार कर केवल ब्रा पैन्टी में एक टॉप खोजने लगी जिससे मेरी फुली हुई चूतड सामने बॉस को दिख रही थी
मैं रात में अपनी ब्रा निकाल कर सोती हूं तो मैंने अपनी ब्रा भी उतार दिया और एक छोटी सी स्लीवलेस टॉप पहना



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चेंज करके जब मैंने रोशन के हाथ में मोबाईल देखा तो वो मय गॉड मै तो सन रह गई क्यों कि ये तो वीडियो कॉल थी रोशन के बॉस ने मुझे पूरा देख लिया था शायद
और दुबारा से रोशन ने फोन मुझे थमा दी और कहा लो बॉस तुमसे और बात करना चाह रहे हैं शायद काम के बारे में , मुझे नींद आ रही है

मैं ने घबराते हुए फोन लिया और नीचे हॉल में आ गई
सीढ़ी से उतरते समय बिना ब्रा में में चूचियां काफी उछल रही थी जिसे देखकर बॉस देख कर उतेजित होने लगे
और बॉस भी बात करते करते किसी दूसरे कमरे में जा रहे थे बॉस ने जानबूझ कर अपना मोबाइल अपने कमर से नीचे ले कर चलने लगा ताकि वो अपना ये सीन मूझे दिखा सके जो इस तरह से था


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बॉस ने केवल निक्कर पहन रखा था जिसमें उसका लन्ड टनक कर विशाल रूप में दिख रहा था
मुझे बॉस का मोटा लन्ड देख कर तो गले में सांसे ही अटकने लगी
तभी टॉम सर बोले
टॉम- रश्मि you are so beautiful
मैं- ( शरमाते हुए) थैंक्स बॉस, और आपकी wife तो मुझ से भी सुंदर है
टॉम- तुमने कब देखा
मैं- सुना है, रोशन से
टॉम- पर क्या करें, वो यहां हैं ही नहीं
मैं- तो फिर
टॉम- she is a doctor in London
मैं- इसलिए आपका मन नहीं लगता और बार बार विदेश जाते रहते हो
टॉम- यस डियर
पहली बार बॉस ने मुझे डियर कहा
विडियो कॉल में मेरी तनी हुईं चूचियां साफ साफ दिखाई दे रही थी बॉस को
मैं- तो आप यहां अकेले रहते हैं और बच्चे
टॉम- अभी नहीं है, इतने बड़े बंगले में मै अकेले ही रहता हूं केवल नौकर नौकरानी हैं
मैं- आपको अपनी पत्नी बहुत याद आती होगी ना
टॉम- पर क्या करें, मेरी किस्मत कहां रोशन के जैसी
आप खुश किस्मत हो जो अपने पति के साथ हो
टॉम बॉस ने मेरी दुखती रगो पर हाथ रख दिया


मैंने भी अपनी नज़रें झुका कर कहा
मैं- मेरी तो जिन्दगी ही तबाह हो गई है लगता है भरी जवानी में मै विधवा हो गई हूं
बोलते बोलते मेरे पलकों में आंसू निकल पड़े
टॉम- मै समझ सकता हूं रश्मि जी, आप घबराए नहीं हर मुसीबत का हल होता है आपको किसी तरह की भी जरुरत हो तो बोल देना
मैं- पर मै आपको कैसे बोल सकती हूं
बॉस- देखो रोशन ना सिर्फ मेरा एम्प्लॉय था बल्कि वो मेरा एक अच्छा दोस्त भी है इसलिए संकोच नहीं करना

मैं- पर औरत की कई तरह की जरूरत होती है जो वो हर किसी को नहीं बोल सकती
टॉम- मै तुम्हारी और रोशन की हर जरूरत पूरा
करूंगा अगर आप मुझे अपना दोस्त समझे
टॉम सर ने मुझे देख कर कहा
मैं- (चौंक कर) दोस्त......
टॉम- हां रश्मि जी
मैं- पर मेरी हर जरुरत को आप समझ सकते हैं क्या
टॉम- जी दोस्त फरमाइए तो सही
ये सुन कर मैं जोर से हंस पड़ी
मैं- ठीक है आज से मै आपकी फ्रेंड हुई
बाते करते करते हमें काफी देर हो गई रात के बारह बज रहे थे तो मैंने कहा अब बात खत्म करनी चाहिए
टॉम सर ने ओके कहा और बोला मैडम आपके लिए एक छोटा सा उपहार बोलकर अपने मोबाईल को जानबूझ कर बिना कट किए ही ऐसे सेट कर रख दिया ताकि मुझे अपने कमरे का नज़ारा दिखा सके
टॉम सर मुझे देख कर उतेजीत हो गए थे और ये दिखा कर मेरी भी आग भड़काना चाहते थे

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वो पूरी तरह से नंगे बदन सोफे पर बैठ कर अपनी मोटे लन्ड को सहला रहे थे
ये देख कर मैं बोली छी क्या कर रहे हैं आप
आवाजे आ रही थी बॉस की
ओह रश्मि डार्लिंग love you क्या बूब्स है तेरे
बोल बोल कर मूठ मारनी शुरू की
ये देख कर मेरे बदन पर भी आग लग ने लगी पर मैंने फोन कट कर दिया और मेरी सासु मां के कमरे में आ कर सोने की कोशिश करने लगी पर बार बार बॉस का मोटा लन्ड मेरी आंखों के सामने नजर आ रही थी मेरा बदन गरम हो चूका था फिर धीरे से
मैंने भी अपने कपड़े उतारे और बिस्तर पर लेट कर मेरी उंगलियां अपने आप ही जवानी की द्वार की ओर बढ़ने लगा चूत से काम रस कि धार फूट पड़ी थी


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मैं अपनी उंगलियों को तेजी से बुर में अन्दर बाहर करने लगी और गर्म सांसे निकाल रही थी
उफ्फ................. आह.............
और फिर एक तेज गरम लावा मेरी बुर से निकाल पड़ा मै झड़ चुकी थी और कब नींद आ गई पता नहीं चला कुछ ही देर में मैं गहरी नींद के आगोश में समा गई




और मैं एक सपना देखने लगी..........

डोरबेल बजी
मैंने दरवाज़ा खोला तो देखा मेरे सामने बॉस थे
रोशन ने कहा मैंने बुलाया है तुम्हारी कम्पनी ज्वॉइन करने की खुशी में
मेरे लिए तो ये सरप्राइज़ था क्योंकी रोशन और बॉस ने एक डिनर का प्लान बनाया था
रोशन- रश्मि जल्दी से तैयार हो जाओ बाहर डिनर के लिए जाना है
मैं खुश हो अपने कमरे में चली आई और सारे कपड़े उतार करके bathroom में जाने लगी
रोशन और बॉस बाते कर रहे थे
तभी रोशन को नीचे bathroom में जाने के लिए stick की जरुरत थी जो हमारे कमरे के कोने में थी उसे लेने बॉस मेरे कमरे के करीब आए तो उन्होंने मुझे जाते हुए देखा और मुझे नहाते हुए जी भर कर देखा मैंने bathroom का डोर लॉक नहीं किया था जिसे बॉस ने हल्के से दबाया तो जरा सा खुल गया


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मैं नहा कर निकलने वाली थी तब तक बॉस नीचे जा चुका था मैं तैयार होकर नीचे आ गई
बॉस ने मुझे देख कर कहा what a beautiful







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रात बारह बजे हमलोग डिनर कर घर वापस लौट आए
बॉस ने कहा मैं निकलता हूं
रोशन- आज रुक जाईए सर
बॉस- नहीं नहीं चलता हूं रोशन तुम आराम करो
मैं बॉस को छोड़ने नीचे चली आई और रोशन कमरे में सोने लगा
नीचे दरवाजे पर आ कर बॉस ने कहा की रश्मि तुम कहती तो मैं रुक जाता
मैं- तो रुक जाइए ना सर रात भी बहुत हो गई है
मेरे बोलते ही बॉस ने पलट कर मुझे बाहों में भर लिया
मैं- अरे अरे,...... ये क्या कर रहे हो सर
पर बॉस ने मेरे होंठो को अपने होंठो से लगा कर मुझे kiss करने लगे
मैं कसमसाने लगी पर बॉस की बलिष्ट भुजाएं ने मुझे जकड़ रखा था मेरी बड़ी बड़ी चूची बॉस के छाती पर दब गई
उसकी हंथेली मेरी मांसल चूतड़ों को मसल रहा था
मेरी पलकें भारी हो रही थी
फिर उसने kiss करते हुए मेरी गर्दन को चूमने लगे और एक हांथ से मेरी चूचियों को टॉप के ऊपर से ही सहलाने लगे

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उसने मेरी बाल खोल दिए और गोरी पीठ पर जीभ फेरने लगे

और फिर मुझे नीचे के बेड रूम में लेकर आ गया
मेरे कपड़े खोलने लगा
बॉस ने मेरी उरोजो को टटोलने के लिए टॉप को हटाया मेरे बदन में सिहरन सी उठी




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और ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया मेरी बड़ी बड़ी चूचियां उनके हथेलियों में नहीं समा रही थी
फिर उसने ब्रा निकाल दिया और मेरी ब्राउन निप्पल में जैसे ही अपने मुंह लगाया
मैं- हमम्म...... ahhhh,,,,
मेरी चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा
मेरी सांसे तेज़ रफ़्तार से चल रही थी
अब उनका हांथ मेरी पैन्टी के अन्दर था और एक झटके में खोल दिया मेरी चिकनी बुर देख कर बॉस के मुंह से लार टपकने लगा


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ऐसा झांट छीला हुआ बुर पहली बार देख रहा था
उसके बाद उसने मेरी गुलाबी चूत पर अपने नाक को लगाया और जोर से सांस खींचकर बोला ओह माई गॉड क्या सुगन्ध है डार्लिंग तेरे बुर का और फिर जीभ की नोंक से मेरे बुर के द्वार को कुरेदने लगा ताकि बुर का द्वार खुल जाए मै छटपटाने लगी तो उसने मेरे घुटनों को मोड़ कर जकड़ लिया और बुर को
चूसने लगा चाटने लगा
मैं मदहोश हो कर कामुकता से मेरे मुंह से
आह......... उफ्फ......... की सिसकारी निकलने लगी
चूत से जवानी की रस चूने लगा था अब
और बॉस ने अपना लन्ड मुझे पकड़ा दिया

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मैं भी मस्त हो कर लन्ड चाटने लगी एक बहुत ही कामुक खुशबू आ रही थी लन्ड से

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अब मुझसे बर्दाशात नहीं हो रहा था
तो बॉस ने लन्ड मेरी चूत में रगड़ और फिर अडा कर एक ज़ोर का झटका दिया तो लन्ड चूत में समा गया मेरी चीख निकल गई
मै- आई ई ई ई ई ई ई ई ई..........….... उफ्फ...........


और मेरी पेलाई करने लगे हमदोनो की सिसकारी कमरे में गूंजने लगी

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बॉस ने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी

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आधे घण्टे तक मुझे चोदने के बाद अब हम दोनों एक साथ ही झड़ने वाले थे
और बॉस ने मेरी बुर में ही अपनी वीर्य उड़ेल दी फिर लन्ड को बाहर निकाल मेरे मुंह में डाल दिया
तो वीर्य रस मुंह से होते हुए गले से बहते हुए मेरी चूचियों की घाटी में बहने लगा

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अचानक रोशन ने मुझे आवाज दी
रोशन- रश्मि ..... वो रश्मि... कहा जो जल्दी आओ
मेरी नींद खुली मै सपने में ये सब देख रही थी
सुबह के छ बज रहे थे
मैं अपने सासू मां के कमरे में नंगी पड़ी थीं
मैं शरमा गई ये मैंने क्या सपना देखा की रोशन के बॉस से मैं सपने में चुद गई
उठने लगी तो लगा कि मेरे बदन पर कुछ चिपचिपा सा है छू कर देखा और सूंघा तो लगा किसी मर्द का वीर्य था

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मैं चुपचाप अपना बदन पोंछा और कपड़े पहन कर निकली ऊपर जा कर देखा तो हैरान रह गई
सारा कमरा बिखरा पड़ा था
मेरे सारे जेवरात और अलमारी के पैसे गायब थे
हमारे घर में चोरी हो गई थी
रोशन- लगता है रात में चोर घुस आया था सारा सामान ले गया
मैं- sock में
सोच में पड़ गई की क्या किसी चोर ने मुझे चोदा
मैं सपने में थी और तभी चोर ने मेरे जिस्म से मस्ती की
ओह माई गॉड किसी अनजान मर्द ने रात में मुझे चोदा
मैंने सपना भी देखा और सच में चुद भी गई

To be continue........
 
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भाग ११


कमरे में बिखरे हुए समान देख कर तो एक बार कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करू, रोशन

पूरा मायूस होकर शान्त था फिर मैंने अपने आप को संभाला और रोशन से कहा कि कोई बात नहीं जो

होना था हो गया कोई हमारी किस्मत नहीं ले जा सकता है साथ ही मै ये कश्मकश में थी कि क्या वाकई में किसी मर्द ने मुझे चोदा होगा पर अपने दिल को

समझाया कि नहीं यदि कोई मेरे बदन को हाथ लगाता तो मैं जरूर से जाग जाती शायद मेरे नंगे शरीर को देख मूठ मारी होगी और सारा माल मेरे बदन पर गिरा दिया होगा फिर काम में लग गई

मैंने सारा सामान को फिर से सजाया और कमरे को साफ सुथरा किया तब तक ग्यारह बज चुके थे और मैं नहाने चली गई

इसी बीच कब क्लर्क कमल हमारे घर पर आ गए पता नहीं, और


अभी नहा कर निकाल ही रही थी कि हॉल में रोशन और कमल बैठ कर बाते कर रहे थे

Bathroom का द्वार खोलते ही कमल जी ठीक मेरे सामने थे मेरी और उनकी नजर मिली मैं केवल एक सफेद रंग की बहुत ही पतली सी सूती कपडे

अपने बदन पर लपेट कर बाहर निकल आई थी
जो कि मेरे बदन पर वो नाम मात्र का था बदन गीला

होने से वो पतली टावेल पूरा चिपक गया था और मेरे भरे हुए जिस्म की मादक चूचियां और निप्पल मस्त

झलक रही थी वो कपड़ा इतना छोटा सा था की मेरी चूत को भी हल्के से कवर कर रहा था पर मेरी जांघों

के बीच की रोएं स्पष्ट दिखाई दे रही थी और उसमें गोरी गोरी मांसल जांघ उफ्फ ......


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मैं एकदम शर्म के मारे कमरे में भागी
मैं अपने आप में ... हे भगवान कमल जी ने तो मेरा पूरा बदन देख लिया अब मैं कैसे उनका सामना कर पाऊंगी
और फिर कपड़े पहनने लगी तो ध्यान आया कि मैंने तो एक सेट ब्रा पैन्टी वहीं डाइनिंग टेबल के कुर्सी पर रखी थी नहा कर पहनने के लिए खैर मैंने कपड़े पहने और सीधे किचन में चली आई

दरअसल वो मेरा ज्वाइनिंग लेटर पुहचाने आया था
क्योंकी बॉस ने मुझे Monday से ऑफिस आने को बोला था और कल से ही जाना है
मैं किचन में चाय बनाने लग गई तो रोशन ने बातो बातों में उसने बताया कि आज रात घर पर चोरी हो गई
कमल- अरे ऐसे कैसे हो गया
रोशन- पता नहीं यार, रश्मि के सारे जेवरात, अलमारी में रखें पैसे और कुछ कपड़े ले गए
तब तक मै चाय लेकर आती हूं
कमल- रश्मि जी, कल से आपका ज्वाइनिंग है वही लेटर देने आया हूं
मैं- जी धन्यवाद आपका
कमल- अरे इसमें थैंक्स की क्या जरूरत है ये तो मेरा काम है
कमल- रात कैसे हो गया ये सब
मैं- कल रात मैं और रोशन अलग अलग कमरे में सो गए थे दोनों को कुछ पता ही नहीं चला
कमल- ( चौंक कर) अलग अलग कमरे में क्यों
मैं- जी वो बॉस का कॉल आया था और मैं बात करते हुए नीचे आ गई थी तो यहीं पर सो गई

रोशन- कमल जी आप और रश्मि बाते कीजिए मैं जरा कमरे में जाता हूं ज्यादा देर बैठने से कमर में दर्द हो जाता है
कमल- जी रोशन आप आराम कर लो

मैंने रोशन को कमरे में पुहचाया
मैं और कमल जी बाते करने लगें
कमल- रश्मि जी आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं
मैं- शरमाते हुए थैंक्स कहा
कमल- और बॉस से क्या क्या बातें हुई
मैं- वही ऑफिस के बारे में
कमल- और
मैं- और कुछ नहीं
कमल ने फुसफुसाते हुए कहा जो मैंने सुन लिया
बॉस ने जरूर फॉनोसेक्स किया होगा तभी तो रश्मि जी अलग कमरे में आ कर बात करने लगी थी
मैं- कुछ कहा क्या आपने
कमल- न न..... नहीं तो
कमल अभी भी मुझे ताड़े जा रहा था
कमल धीरे से मेरे पास आकर मेरे कानों में बोला रश्मि जी ऑफिस में कोई भी चीज की जरुरत हो तो मुझसे बोल दीजिएगा वैसे भींगे बदन में बहुत कमाल लग रही थीं
मैं- छी..... क्या बोल रहे हैं
कमल- सच में
मैं- शर्मा कर बोली क्या सब देख लिया आपने
कमल- नहीं ,..........(चूत कहां दिखाई आपने , कमल ने बुदबुदाए)
तभी कमल के फोन पर किसी का कॉल आया
कमल उनसे बात करते हुए अचानक उठ गया और मुझसे बोला रश्मि जी अभी मैं चलता हूं कुछ इमरजेंसी फोन आया है कल मिलता हूं ऑफिस में
मैं- ठीक है बोल कर
उसे गेट तक छोड़ने आई और कमल जी को जाते हुए देखने लगी....





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To be continue.....
 
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Update 12

(स्टोरी अब रोशन की जुबानी, पढ़े)

कमल के जाने के बाद रश्मि भी अब कमरे में चली आई , मै टीवी देख रहा था ....... और सोच भी रहा था कि कल से रश्मि ऑफिस चली जाएगी और मैं घर पर अकेले

फिर रश्मि ने मुझसे बोला कि
रश्मि- कल से आपका ख्याल कैसे रख पाएंगे , कुछ तो उपाय सोचना होगा

मैं- हां, एक काम करते हैं मैं कविता दी से अभी बात करता हूं वैसे ही उनका बेटा तो हॉस्टल में ही रहता है और वहां केवल दीदी और जीजू हैं

रश्मि- हां, फोन कर लो तब तक

मैं फोन मिलता हूं
कविता दी- हेल्लो , रोशन कैसे हो
मैं- बस उसी तरह से दी..

कविता- क्या बात है मायूस लग रहे हो
सब ठीक तो हैं

मैं- कुछ ठीक नहीं है, दी
कविता- क्या हुआ, और पापा जी आए की नहीं

मैं- पापा तो वहीं हैं, पर रात में घर पर चोरी हो गया और कल से रश्मि को भी ऑफिस ज्वॉइन करना है क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है

कविता- तो रश्मि कल से ऑफिस जाएगी, मतलब तुम अकेले ओह.. कैसे कर करोगे

मैं- वही तो.... कोई नौकर भी नहीं मिलता है क्या आप कुछ दिन के लिए आ सकती हो
कविता- तुम्हारे जीजू से बात करते हैं ,

मैं- तो आज जब वो अपने ऑफिस से आए तो बात कर लीजिए
कविता- अरे नहीं, परसों ही वो अपने ऑफिस के काम से एक महीने के लिए बाहर चले गए हैं

मैं- तो आप घर पर अकेले हो
कविता- नहीं अंकित ( मेरा भांजा) है उसकी भी छुट्टी कल खत्म हो रही है और कल सुबह ही निकाल जायेगा अपने हॉस्टल के लिए

मैं- तो दी .. आप भी कल यहां आ जाओ ना
कविता- ओके ओक... मै रात में कॉल कर बता दूंगी की कल आ सकती हूं या नहीं

मैं - ठीक है दी अब रखता हूं , रश्मि लंच के लिए बुला रही है


फिर मैंने कॉल समाप्त कर रूम से जैसे ही बाहर निकला तो देखा रश्मि किसी से विडियो कॉल पर बातें करती हुई सीढ़ी चढ़ रही थी




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उसने एक फ्रॉक पहन रखी थी और उस की गोरी गोरी कामुक जांघें और गदराई गांड़ साफ साफ दिखाई दे रही थी

और ऊपर आते ही फोन बंद कर दिया
रश्मि- चलो खाना लगा दिया है
मैं- हां

जब से उसे ज्वाइनिंग लेटर मिला है रश्मि बहुत ही खुश नजर आ रही है


शाम होते ही वो बाज़ार चली गई पर मोबाईल उसका छूट गया था घर पर ही मैंने सोचा देखता हूं की लास्ट विडियो कॉल उसे किसने किया था जिसे अपना वो सेक्सी बदन दिखा रहीं थी

मैं उसका मोबाईल चेक करने लगा पर कुछ मिला नहीं शायद ये मेरे मन का वहम था
मैं भी क्या क्या सोचने लगा


करीब एक घंटे बाद रश्मि बाज़ार से वापस लौट आयी

फ़िर जल्दी से डिनर रेड्डी किया
रश्मि- रोशन चलो खाना खा लो, मै थक गई हूं फिर कल मुझे जल्दी उठना भी है
मैं- ओके बाबा...

रात में खाकर रश्मि जल्दी ही सो गई पर मुझे नींद नहीं आ रही थी वो मेरे बगल में ही लेटी हुई थी मैं देखने लगा सोते हुए मेरी पत्नी बहुत प्यारी लग रही थी





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रश्मि का मासूम चेहरा, रश्मि बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसके पतली पंखुड़ियों सी रसीले होठ, लंबी नाक, मुलायम मुलायम गाल और उसमे

उसके कठोर चूचियों उसकी सुन्दरता में चार चांद लगा रहे थे
आहह..... आज तो रश्मि कमसिन हसीना लग रही थी

रश्मि को देखते देखते कब आंख लग गई और मैं भी सो गया

रश्मि सुबह जल्दी उठ गई थी और घर का सारा काम करने के बाद मुझे जगाया और खुद तैयार होने लगी

रश्मि- रोशन मैंने नाश्ता और दोपहर के लिए तुम्हारा लंच भी रेड्डी कर दिया है
मैं- सब बना दिया इतनी जल्दी

रश्मि- हां , और टाइम पर लंच कर लेना, साथ में दवा भी खा लेना
मैं- ठीक है ठीक, तुम कैसे जायगी ऑफिस

रश्मि- बस से और कैसे, क्या तुम मुझे छोड़ोगे
बोल कर जोर से हंस पड़ी
मैं- अरे नहीं, कमल को बोल दू लेता जाए गा

रश्मि - नहीं नहीं, मैं चली जाएंगी बस से ही उसे क्यों परेशान करोगे
मैं- जैसी तुम्हारी इच्छा

रश्मि- आज पहला दिन है पता नहीं कैसा रहेगा
मैं- सब कुछ ठीक होगा, तुम निश्चिन्त होकर रहो
वहां सब स्टाफ कॉपरेटिव हैं


रश्मि- अच्छा, कविता दी ने क्या कहा
मैं- अरे हां कल जब तुम बाज़ार चली गई थी तब कविता दी ने दुबारा कॉल किया था और कहा कि आज वो आ जाएगी

रश्मि- बहुत बढ़िया,

रश्मि आइने के सामने साज संवर रही थी बहुत ही खास अंदाज़ में और मुझसे बातें भी कर रही थी

फिर वो तैयार हो कर मुड़ी तो मैं देखता ही रहा गया

काश मैं दुर्घटाग्रस्त नहीं होता तो शायद अभी ऑफिस जाने से पहले रश्मि को चोदे बिना नहीं जाता






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रश्मि ने लाल रंग की एक बहुत ही गहरे गले वाली स्लीवलेस ब्लाउज पहन ली थी वो भी बिना ब्रा के

रश्मि कि आधी चूचियां तो वैसे ही दिख रही थी और दोनों गोलाईयों के बीच की गहरी घाटी कमाल लग रहा था और गोरी गोरी बांहे

पीठ में केवल नाम मात्र का लेस बांध रखा था और उसकी पीठ दमक रहा था

रश्मि की ब्लाउज में केवल दो ही हुक थे और उसके ब्लाउज इतने कसे हुए थे कि लगता है

चूचियां अभी हुक रूपी दरवाजे को तोड़ कर आजाद हो जाएगी

ब्लू कलर की साड़ी को अपनी चिकनी कमर पर बहुत नीचे बांधा था जिससे उसकी गहरी नाभि अपना झलक दिखला सके उसका बदन एकदम चमक रहा था और वो कामुक हसीना लग रही थी


अभी पापा जी होते तो देख कर उसके भी लन्ड से रस चूने लगता



रश्मि ने मेरी तरफ देखा और पूछा
रश्मि- कैसी लग रही हूं मैं
मैं- वाह... रश्मि क्या बात है बहुत ही खूबसूरत लग रही हो


रश्मि- धन्यवाद् जी आप को
मैं- लगता है आज पहले दिन बिजली गिरावोगी
आज तो ऑफिस के सारे मर्द क्लीन बोल्ड,.........
बोल कर जोर से हंसने लगा


ये सुन कर रश्मि ने भी जोरदार ठाहाका लगाया फिर शरमा कर बोली


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रश्मि- धत्त..... कैसी बात करते हैं आप
मैं- सच में आज तुम्हें देख सब पागल हो जाएंगे


रश्मि- आप भी ना बस ......... तारीफ की पुल बांधते रहते हैं , मै निकलती हूं
मैं- संभाल कर जाना ओके



जाते समय रश्मि ने मुझे एक kiss किया और फिर ऑफिस के लिए चली गई


मुझे घर पर अकेले अच्छा नहीं लग रहा था
पर क्या करें मन तो लगाना ही होगा


मैं हॉल में सोफे पर बैठ कर कुछ किताबें पढ़ रहा था


दोपहर के तीन बजे डोरबेल बजी
मैं अपने स्टिक के सहारे चल कर डोर खोला
सामने कविता दी खड़ी थी





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मैं- ओ दीदी , आप आ गई
चलिए अन्दर
दी- हां रे... चलो


फिर मैं और दी अन्दर आकर कुछ देर सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे

मैं- और सफर कैसे रही
दी- क्या बताएं रोशन ट्रेन में भीड़ बहुत थी और गर्मी भी बहुत लग रही थी

दी एक लोकल ट्रेन से आई थी क्योंकि मैंने अचानक ही बुलाया था तो रिजर्वेशन नहीं करा पाई


मैंने दी की तरफ देखा और सोचा लगता है ट्रेन में कई लोंडो ने कविता दी की चूची से मज़े लिए होंगे

मैं- दी आप चेंज कर लो
दी- पहले मैं नहाना चाहती हूं बहुत गरमी लग रहा है


मैं- जरूर , सफर के बाद फ्रेश होकर ही कुछ करने का मन करता है
दी- ओके


फिर कविता दी हमारे कमरे के अटैचेड bathroom में नहाने के लिए चली गई


शांत मौहोल था, शॉवर से पानी गिरने की आवाजे आ रही थी



मैंने अहसास किया कैसे दीदी नहा रही होगी
कुछ देर बाद मैंने सोचा कि क्यों ना रश्मि को कॉल करके बता दू की कविता दी हमारे घर आ गई है नहीं तो बेचारी परेशान होगी
तो मैंने सोफे में अपना फोन खोजने लगा पर मिल नहीं रहा था


ओह हो... मेरा मोबाईल तो मैंने बिस्तर पर ही छोड़ आया था
फिर मैं फोन लेने के लिए कमरे में आया तो दंग रह गया


कविता दी अभी अभी bathroom से निकली थी और आहट सुनकर पलटी
बाप रें....


उसके बदन पर एक भी धागा नहीं था फुल nude खड़ी थी

अचानक मुझे देख कर किसी तरह से हांथो से अपने बुर को छुपाने की अधूरी सी कोशिश करती हुई




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क्या मस्त चूचियां थी दी की , एकदम गदराल माल लग रही थी

मैं और कविता दी की नज़रें आपस में टकराई
मैं एक टक दी को घुरे जा रहा था


कविता दी ने अपनी नजर झुका ली और कहा
दी- क्या देख रहे हो रोशन , पहले कभी रश्मि को ऐसे नहीं देखा है क्या

मैं (हड़बड़ाते हुए)- क क...........…कुछ नहीं दी
मैं तो अपना फोन लेने आया था

दी - तो लेकर जा ना , रुक क्यों गए
मैं- आप बहुत खूबसूरत और सेक्सी लग रही हो पहले कभी ऐसे देखा नहीं आपको

दीदी अब भी नंगे बदन ही खड़ी थी
दी- चल अब यहां से मुझे कपड़े पहनने दे

मैंने भी हां बोल कर अपना मोबाइल लिया और निकल गया फिर रश्मि से बाते करने लगा

रश्मि आज के अपने पहले दिन के बारे बताने लगी और कैसे ऑफिस में उनका स्वागत किया गया
मैं एक्साइटेड हो कर सब सुन रहा था


शाम होते होते रश्मि भी ऑफिस से घर लौट आई फिर हम तीनों के बीच ढेर सारी बातें होने लगी

फिर कविता और रश्मि मिलकर खाना बनाने लगी
और मैं अपने ऑफिस के peon ललन से बाते करने के लिए किनारे चला गया ताकि मुझे ऑफिस की सारी जानकारी मिले

रश्मि थक कर जल्दी ही सो गई
पर बार बार मुझे दीदी का वो बदन याद आने लगा

मैं धीरे से दी के कमरे की ओर बढ़ा और खिड़की से झांकने लगा कविता दी अभी जाग रही थी और अपने कमरे में वो कपड़े उतर रही थी


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फिर अपने वस्त्र उतार कर ऐसे ही पूरे नंगी बदन बिस्तर पर सो गई
फिर मैं भी चुपचाप अपने कमरे में आकर रश्मि के बगल में लेट कर सोने की कोशिश करने लगा

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To be continue...............
 
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Update 13



मेरी रुटीन चेकअप के लिए आज जाना है तो मैं आज जल्द ही उठ गया और फ्रेश होने लगा क्योंकि वहां हॉस्पिटल के ओपीडी में काफी भीड़ हो जाती है इसलिए मुझे जल्दी जाना होगा


मेरे साथ साथ रश्मि भी उठ गई थी
रश्मि- आज आपको चेकअप के लिए जाना है ना
मैं- हां

रश्मि- पहले ऑफिस चलते हैं साथ में फिर बॉस से बोल कर मै तुम्हें डॉक्टर को दिखला दूंगी
मैं- अरे नहीं, तुम चली जाओ मैं कविता दीदी के साथ चला जाउंगा और वैसे भी अगर पहले कम्पनी के ऑफिस जाएंगे फिर अस्पताल तो देर हो जायेगी और वहां काफी भीड़ हो जाती है

रश्मि- हां, पिछली बार पापा जी बोल रहें थे बहुत भीड़ हो जाती है
मैं- तुम अपने ऑफिस के लिए तैयारी करो नहीं तो तुम न लेट हो जाओ

रश्मि- ठीक है , पर कविता दी को तो जगा दो उन्हें कहां पता है की आज हॉस्पिटल जाने का डेट है
तब तक मै नहा लेती हूं फिर नाश्ता बना दूंगी
मैं- ठीक है तुम नहा लो , मै जाकर उन्हें उठता हूं

फिर मैं कविता दीदी को जगाने के लिए उनके कमरे के करीब गया पंखे चलने की तेज रफ्तार कानों में साफ सुनाई दे रहा था


मैंने दी को बाहर से ही आवाज लगाई पर कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला फिर डोर नॉक किया फिर भी कोई रेस्पॉन्स नहीं रात में गरमी बहुत थी लगता है कविता दीदी बहुत गहरी नींद में सो रही थी ।

सुबह के सात बजने वाले थे फिर मैंने कमरे की दरवाजे को हल्का सा पुश किया दरवाजा बंद नहीं था अन्दर से तो

किएं....... एं एं....... ई ई...... हलके से आवाज़ के साथ थोड़ा खुल कर रह गया तो अंदर रूम में दीदी ऐसे हाल में थीं


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देख कर लग रहा था कि देर रात के बाद सोई होगी
या कि बिस्तर में बिना जीजू के नींद नहीं आ रही होगी


ऐसा प्रतीत हो रहा था की कोई सपना देख रही हो शायद सपने में दीदी को कोई चोद ...........

छी....... मै अपने ही बहन के बारे में कैसी कैसी बात सोच रहा था

फिर एक बार जोर से कविता दीदी बोला
तो वो हड़बड़ा कर चादर को अपने बदन में लपेटा और एक मदहोशी अंगड़ाई लेती हुई उठी


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फिर बोली
दी- good morning रोशन
मैं- गुड मॉर्निंग दी
दी- कितने बज गए, कल की थकान से जरा लेट हो गई उठने में तुम ब्रश कर लो मैं नाश्ता बना देती हूं
मैं- नहीं वो तो रश्मि बना रही है,
दीदी आज मेरा वो रूटीन चेकअप है क्या आप मुझे अस्पताल ले कर जा सकती है , नहीं तो रश्मि को छुट्टी लेनी होगी
दी- नहीं नहीं रश्मि को ऑफिस जाने दो मै चलूंगी तेरे साथ में कब तक निकालना होगा
मैं- आप रेड्डी हो जाए, तीनों साथ में ही निकलते हैं
दी- ठीक है मैं जल्दी से नहा कर रेड्डी होती हूं


फिर मैं ok बोल कर मै भी नहाने चल दिया
रश्मि just नहा कर बाहर निकल आई थी और अपने बालों को सुखा रही थी


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फिर मैंने और रश्मि ने नाश्ता किया दीदी अभी रेड्डी हो रही थी
मैं- रश्मि ओला कैब बुक किया
रश्मि- नहीं, किया है अभी कर देती हूं और मैं निकलती हूं
मैं- क्यों, तुम साथ नहीं चलोगी
रश्मि- hospital का रूट दूसरा है और वहां से कम्पनी ऑफिस जाने के लिए बस या ऑटो नहीं मिलती है
मैं- तो वही कैब ड्राइवर छोड़ देगा
रश्मि- अरे क्यों फालतू में कार से मै जाकर खर्च बढ़ाओंगी मै चली जाऊंगी परेशान मत हो
मैं- ओके कितना सोचती हो तुम लव यू रश्मि
रश्मि- love you too janu

फिर रश्मि निकाल गई
मैं बाहर ओला कैब का इंतज़ार कर रहा था तभी मेरे बाउंड्री वॉल के कोने में पड़ोस के दो लड़के खड़े थे जो करीब 15-16 साल के होंगे और सिगरेट का कश खींचते हुए कुछ बातें कर रहें थे जो मैंने सुन लिया पर वे मुझे देख नहीं पाए

पहला लड़का- अरे क्या तुमने उसे देखा है
दूसरा- किसे यार

पहला- अरे रोशन भईया की वाइफ को
दूसरा- हां हां, रश्मि भाभी ना , क्या बात है जो

पहला- मै अभी कुछ देर पहले देखा कहीं जा रही थी
क्या मस्त rapchik आइटम है बे
दूसरा- सुना है, रोशन भइया के ऐक्सिडेंट के बाद उसी कम्पनी में जॉब मिला है

पहला- सही है , क्या गांड़ मटकाते हुए जा रही थी यार और चूचियां तो ऐसे उछल रही थी कि क्या कहना लग रहा था कि उसकी चूतड़ों के दरार में उंगली घुसा दू
दूसरा- तो चांस मार लेता , आखिर 324 no बस से ही गई होगी ना

पहला- नहीं बे.... वो बस से नहीं गई न नहीं तो पक्का चल देता उसके पीछे
दूसरा- फिर.........

पहला - निकली तो घर से पैदल ही पर अगले मोड़ पर एक मस्त चमचमाती लाल रंग की कार खड़ी थी और वो उसमें बैठ कर चली गई
दूसरा- किसकी कार थी
पहला- पता नहीं... पर इतनी महंगी कार तो इस मोहल्ले में किसी के पास नहीं है
दूसरा- अकेली थी
पहला- हां
दूसरा- तब पक्का उसका कोई पुराना आशिक़ होगा जो मौका का फायदा उठा रहा हो क्योंकी रोशन भईया का हथियार (लन्ड) तो खड़ा ही नहीं होता होगा


बोलते ही दोनों लड़के जोर से हंस पड़े
हा...... हा.... हा.......... हा......

दूसरा- धीरे हंसो साले कहीं , उसका पति सुन ना ले उसके ही मकान के पास हैं हमलोग
पहला- लन्ड तो खड़ा कर नहीं सकता झांट उखाड़ लेगा मेरा
फिर आगे बोला वो
पहला- क्या बात कर रहा है ............ क्या हुआ है बे उसको
दूसरा- अबे तुमको नहीं मालूम उसको पैरालिसिस हो गया है ऐक्सिडेंट के बाद से
पहला- लगता हैं , उसके बॉस ने वो कार भेजी होगी या वो खुद आया होगा
दूसरा- खुद ही आया होगा तभी तो , कार दूर में लगा रखा था


तभी किसी ने उन दोनों को आवाज़ दे कर बुलाया और वो वहां से चले गए
उनकी बातें सुन कर मेरे तो होश गुम हो गया तो क्या इसलिए रश्मि ने साथ जाने के लिए मना किया
और बॉस भी आजकल रश्मि को कुछ ज्यादा ही फोन करते हैं
मैं सोच में था तभी हॉर्न की आवाज़ से मेरा सड़क की ओर ध्यान गया
गाड़ी आ चुकी थी
मैंने कविता दी को आवाज़ लगाई
अन्दर से
दी - आ रहीं हूं बस दो मिनट रोशन

उसके बाद दी निकली तो मेरे साथ साथ कार ड्राइवर की भी मुंह खुली की खुली रह गई
कार ड्राइवर फुसफुसाया (क्या कांटाप माल है )

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दी ब्लू कलर की एक बहुत ही टाईट कुर्ती पहना हुआ था जिससे उसकी मोटे मोटे 38 इंच की चूची बहुत ही आकर्षक लग रहा था और पीछे बहुत ही ज्यादा dipneck था जिसके वजह से उसने ब्रा नहीं पहनी थी बालों को भी ऐसी बांध रखी थी कि पूरा कमर तक गोरे गोरे पीठ दिख रहे थे

मैंने तिरछी नजरों से देखा कार ड्राइवर अपने पैंट में अपना हथियार एडजस्ट कर रहा था

फ़िर हमलोग कार में सवार होकर hospital आ पुहंचे
ज्यादा लोग नहीं थे तो मेरा नंबर तुरंत ही आ गया
मैं और दी डॉक्टर के चैंबर में

मैं- नमस्ते डॉक्टर साहब
Dr.- नमस्ते, और अभी कैसे हो रोशन

मैं- सर, अब मैं ये स्टिक के सहारे किसी तरह से धीरे धीरे कोशिश कर रहा हूं चलने की
Dr.- बहुत बढ़िया , साथ में कौन है


डॉक्टर साहब ने दीदी की उभरी हुई स्तनों को देखते हुए पुछा

मैं- जी , दीदी है मेरी
Dr. (धीरे से कहा)- मस्त चूचियां हैं, और आज वो (रण्डी) कहां है
मैं- क्या कहा डाक्टर साहब आपने

(डाक्टर थोड़ा हकलाते हुए)
Dr.- अरे का...... का.. कुछ नहीं वो , रश्मि आज नहीं आई क्या पहले हमेशा आती थी न इसलिए पूछा

मैं- जी, उसकी ज्वाइनिंग हो गई है कम्पनी में इसलिए दीदी के साथ आया

फिर ने पूछा
दीदी- डॉक्टर साहब, रोशन कब तक ठीक हो पाएगा
Dr- इसमें सुधार हो रहा है, अभी मेडिसिन वही चलेगी

आप इसका एक MRI टेस्ट करा लीजिए और रिपोर्ट देख कर ही बता सकता हूं कितना इंप्रूव हुआ है

मैं- सर इसमें, कितने का cost लगेगा
Dr- थोड़ा costly है, लगभग 12000 हजार रूपए लगेगा
मैं- ये तो बहुत ज्यादा है
Dr- हां पर ये टेस्ट कराना तो होगा ही तभी मै आगे मेडिसिन चेंज कर सकता हूं

मुझे देख कर दी बोली
दी- अरे तू क्यों चिंता करता है हम सब है ना
Dr- जिसकी पत्नी और बहन मस्त हो उसको किसी बात की फिक्र नहीं
पर यहां dr, के बोलने का मतलब कुछ और ही था

तभी दी ने फीस देने के लिए अपना पर्स निकला जो उसने अपने कुर्ती के अंदर रखा था
जिसे लगातार डॉक्टर साहब नजर रखे हुए थे

अचानक दीदी के हांथ से पर्स फिसल कर नीचे गिर गया और कविता दी झुक कर अपना पर्स उठाने लगी
तो उसकी कामुक चूचियां की झलक डॉक्टर साहब को मिल गई जो काफी देर से दी की कुर्ती के अंदर खोज रहे थे

फीस देकर हम जब निकल रहे थे तो dr. भी अपनी कुर्सी से उठकर आया और जब दीदी मुझे उठा रही थी तो वो साला मेरी दीदी के पीछे खड़ा हो गया जिससे डॉक्टर ने अपने लन्ड को दी गुदाज गांड़ पर रगड़ दिया

अचानक हुए इस घटना से दीदी आगे की ओर झुकी और उसकी चूची मेरे लबो तक आ गई
डॉक्टर ने झट से दीदी के कमर को पकड़ा और
मेरे ऊपर गिरने से रोका और फिर डॉक्टर ने अपने हांथ बढ़ा कर हल्के से दीदी के गोलाईयों को नाप लिया फिर हांथ हटा लिया
दी ने कुछ बोला नहीं



फिर हमलोग घर लौट आए
मैंने रश्मि को कॉल मिलाया तो फोन बंद आ रहा था उसका

फिर मैंने ऑफिस कॉल किया तो फोन कोई उठा नहीं रहा था तो मैंने peon ललन सिंह के मोबाईल पर कॉल किया

ललन- हेल्लो कौन
मैं- मै रोशन बोल रहा हूं

ललन- जी बोलिए रोशन बाबू
मैं- वो, रश्मि मैडम कहां है जरा बात करवाईए तो

ललन- मैडम तो , बॉस के चैम्बर में है बहुत देर से बुला दू या आप कॉल कर सकते हैं ऑफिस के फोन पर
मैं- कोई उठा नहीं रहा
ललन सिंह- मै बात कराता हूं

फिर peon कॉल कट किये बिना ही बॉस के चैंबर में घुस गया वो भी बिना नॉक किए
और फोन पर मुझे रश्मि की आवाज़ सुनाई दी बस इतनी सी

हम्मम......... छोड़िए ना सर क्या करते हैं
फिर बॉस और ललन की भी
बॉस- (ललन को डांटते हुए ) इतनी भी अकल नहीं की डोर नॉक कर अंदर आए

शायद अंदर कुछ चल रहा था
ललन- सॉरी बॉस, रोशन बाबू का कॉल था और मैडम से बात करना चाहते हैं बोला अर्जेंट है इसलिए अचानक से आ गया
बॉस- ठीक है ठीक है, आगे से ध्यान रखना


फिर रश्मि से बात हुई तो उसने कहा की फोन की बैट्री लॉ हो गई थी

मैंने कुछ कहा नहीं , मै जान रहा था कि रश्मि मुझसे झूठ बोल रही है क्योंकी सुबह उसका मोबाईल मैंने ही फुल चार्ज किया था
बाद में ललन सिंह न को पटाया और बोला ऑफिस और बॉस की सारी बातें मुझे बताएगा

उसी शाम रश्मि के पापा का फोन आया जो मेरे लिए किसी आयुर्वैद दवा के बारे में बोल रहे थे की एक वैध जी हैं जो ये सब बीमारी बहुत जल्द ठीक कर देते है

तो मैंने भी लेने के लिए हामी भर दी एक दो दिन बाद मेरे ससुर जी आकर वैध जी के पास मुझे ले चलेंगे ऐसा कहा है

रात में सोते समय मैंने रश्मि को ये बातें बताई और कहा की तुम्हरे पापा आने वाले हैं आज ज्यादा देर बात नहीं की मैने और सो गया
आधी रात को पेशाब करने उठा तो देखा रश्मि ऐसे सो रही थी जैसे पहले चुदने के बाद सोती थी




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Update 14


मै सुबह जल्दी उठकर बाहर गार्डेन में लगे chair पर बैठ कर कुछ सोच रहा था कि क्या रश्मि और

मेरे बॉस के बीच के बीच कुछ चल रहा है या फिर यह सब बातें मेरे मन की शंका है उसी वक्त ऑफिस के चपरासी लल्लन का मेरे मोबाइल पर कॉल आने लगा

मै - बोलो ललन
ललन सिंह - रोशन बाबू , बड़े सबेरे उठ गए

मै - हां, बात क्या है
ललन - एक बात बोलूं, बुरा तो नहीं लगेगा ना

मै— बोलो तो सही
ललन - अपनी बीबी पर जरा नजर रखिए सर जी

मै - क्या बोल रहे हो
ललन - सच में बाबू बॉस सारा दिन रश्मि के इर्द गिर्द ही आजकल मंडराते रहते हैं और तो और उनका टेबल भी अपने केबिन में लगवाने वाले हैं

मै - कैसे पता करू
ललन सिंह- मै हूं न, सब खबर दूंगा


तभी रश्मि उठकर बाहर आ रही थी मेरे तरफ ही
मैंने ठीक है बोलकर धीरे से कॉल कट कर दिया

दरसल हमारे office में रश्मि जैसी खुबसूरती कोई थी ही नहीं और रश्मि का बोल्डनेस .........

रश्मि पास आकर बोली
रश्मि - पापा जी आ रहे हैं फोन किया था

मै - हां कल बताया तो था तुम्हें
रश्मि - हां, ठीक है बोल रहे थे की कहीं वैध जी के पास ले जाने वाले हैं

मै - हां, तुम चिंता मत करो ऑफिस की तैयारी करो
मै और दीदी पापा जी के साथ हो आएंगे
रश्मि - ओके

फिर रश्मि तैयार होने चली गई और मैंने ससुर से बात किया तो बोले दोपहर तक पहुंच सकते हैं

इधर दीदी भी घर के कामों में व्यस्त थी , पर मैंने दी को अभी तक नहीं बताया था की आज रश्मि के पापा आने वाले हैं

दोपहर खाने के बाद दीदी अपने कमरे में थी और मैं भी अपने कमरे में कुछ पुरानी एल्बम देख रहा था

चार बजे करीब मैंने खिड़की से देखा तो मेरे ससुर जी पैदल चल कर आ रहे थे

मैं निकाल कर बाहर आने लगा तो देखा कि दी बागवानी करने में व्यस्त थी

घर में कोई नहीं होने की वजह से दी घर पर बहुत ही छोटी छोटी ड्रेस पहन कर रहती थी

आज तो उसने एक जींस वाली शॉर्ट वन पीस पहना था

और बागवानी के लिए नीचे ऐसे बैठी थी कि उसकी दोनों टांगें फैली हुई थी जिससे उसका

कपड़ा जांघों से ऊपर चढ़ गया था और मांसल जांघों के बीच से उसकी सफेद रंग की पतली पैन्टी साफ साफ दिख रही थी

दी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी और मस्त बड़े बड़े बूब्स दिखा रही थी




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मेरे ससुर जी कब गेट से अन्दर आ गए दी को पता ही नहीं चला जब मैंने उन्हें प्रणाम किया तब

उसने नजरे उठाई तो देखा रश्मि के पापा जी सामने थे जो उसकी गदरायी जवानी को निहार रहे हैं


दी शर्म से पानी पानी हो गई और फिर
दी - प्रणाम अंकल जी
बाबू जी - जीती रहो बेटी
बोल कर दी की गोरी बांहों को थपथपाया


दी- अंदर आईए अंकल जी
बाबू जी - हां बेटी चलो
फिर हम तीनों हॉल में आ गए


दी अपने कमरे में जाने लगीं तो उसने मुझे इशारे से बुलाया
मै -क्या हुआ दी
दी - अरे मुझे बताया नहीं, की तेरे ससुर जी आने वाले हैं


मै - मै बताने वाला था दी, पर क्या हुआ आ गए तो
दी - मैं इन कपड़ों में, उसके सामने कितनी शर्म आ रही थीं


मै -ओह हो, आप भी क्या खराबी हैं इन कपड़ों में
दी - तुम बैठो, मै कपड़े बदल लेती हूं

तभी ससुर जी ने टोका
ससुर जी - अरे क्या खुसुर फुसुर हो रही है दोनों भाई बहनों के बीच


दी कमरे में चली गई और मैं बाबू जी के पास आकर बोला
मैं - कुछ नहीं बाबू जी वो जरा दीदी घर के ड्रेस में थीं न शरमा गई


हम जहां सोफे पर बैठ कर बातें कर रहे थे वहां से दी का कमरा एकदम सीधा था
ससुर जी दी के कमरे की ओर ताड़े हुए थे की कुछ दिख जाए


फिर दी ने चेंज कर चाय लेकर आई और देकर सामने खड़ी हो गई


अब उसने एक खुबसूरत सी साड़ी , और ब्लाऊज़ पहनी हुई थी पर ब्लाउज क्या डीपकट थीं जो पीछे से पीठ पर बंधी हुई थी जिससे कविता दी और भी सुन्दर लग रही थी





मेरे ससुर जी बस देखते ही रह गए
फिर ससुर जी बोले
ससुर जी - वाह कविता बेटी बहुत खूबसूरत लग रही हो

दी ने शरमा कर नजरे झुका ली
मै - बाबू जी कब चलना होगा
ससुर जी - कल ही चलते हैं वैध जी से बात हो गई है
मैं - ठीक है


ससुर - मैं तुम्हें दिखा कर उधर से ही घर वापस लौट जाऊंगा
मैं - तो फिर मैं अकेले कैसे वापस आ सकूंगा
ससुर जी - अरे, रश्मि नहीं जाएगी क्या तुम्हारे साथ


मैं - उसका तो ऑफिस रहेगा और अभी अभी ज्वॉइन की है
ससुर जी - तो फिर , क्या करें मेरे पास भी समय बहुत कम है


मै - आज रश्मि से बात करता हूं , क्या बोलती है
ससुर जी -और कविता बेटी, दामाद और बेटा कैसा है


दी - ठीक है, पर अभी अंकित के पापा अपने office के काम से बाहर गए हुए हैं और बेटा हॉस्टल में
ससुर जी - तो रोशन, हम तीनों ही चलते हैं फिर रश्मि को office जाने दो , क्यों बेटी
दी अब क्या बोलती.....


दी - ठीक है अंकल जी, मैं तो वैसे भी अकेली थी तो चली आई यहां
मै - तब तो कोई प्रोब्लम ही नहीं
दी खड़ी थी तो ससुर जी ने कहा



ससुर जी - कविता बेटी , खड़ी क्यों हो बैठो
दी - जी अंकल
बोल कर बैठ गई


ससुर जी मेरे दीदी के गोरे बदन को देखने के लिए खड़े होकर हॉल का एक चक्कर लगाने लगाते हुए बोले
(धीरे से) क्या मस्त माल है
जिसे शायद दीदी ने भी सुन लिया

ससुर जी का मोटा लन्ड उठक बैठक कर रहा था
ससुर - कविता बेटी चेंज क्यों कर लिया
दी - शरमाते हुए बस ऐसे ही अंकल जी


ससुर - वैसे साड़ी में तुम ज्यादा हॉट लग रही हो
दी - क्या अंकल जी, आप भी
दी - रास्ते में यही सब देखते आए हैं क्या
हम तीनों हस पड़े


ससुर - औरतें साड़ी में ज्यादा सेक्सी लगती हैं
दी - अच्छा.....
ससुर - और तुम तो पहले से ज्यादा खुबसूरत लग रही हो


दी और ससुर जी बात कर रहे थे तो मैंने जानबूझ कर दवा लेने का बहाना बनाकर किनारे हो लिया ताकि उनकी बातें सुन सकू
दी - आप भी अंकल जी
ससुर - क्या......


दी - स्मार्ट लग रहे हैं
ससुर - वो थैंक्स , और
दी - कुछ नहीं
ससुर - बस स्मार्ट , मेरी तरफ देख कर बोलो


ससुर जी ने अपना लन्ड को खड़ा कर रखा था
दी - क्या बोलूं
ससुर - मुझे तो तेरी जैसी औरतें बहुत ही पसंद हैं, लगती ही नहीं है तू एक बच्चे की मां हो


दी - तो फिर कैसी लगती हूं अंकल जी
ससुर जी - एक दम कुंवारी छोकरी
दी खुश हो कर बोल पड़ीं

दी - सच्ची
ससुर जी - और नहीं तो क्या

ससुर जी अभी केवल 48 साल के हैं पर लगते नहीं और थोड़ा रसिक मिजाज के हैं जो आते ही उन्होंने दी को पटाने के लिए तारीफो के पुल बांध दिए

दी - मै नहीं मानती अंकल जी
ससुर - तुम्हारा हर अंग तराशा हुआ है , यकीन नहीं हो तो आइने में देख लो


दी - लगता हैं, आप ने आंटी के अलावा कोई girlfriend और बना रखी है
ससुर - कॉलेज में थी पर अब नहीं
दी - तो बना लीजिए न
बोल कर हंसने लगी


ससुर जी - कौन बनेगी इस उमर में
दी - इतने स्मार्ट हो कोई भी बन सकती है
ससुर जी - तुम बनोगी क्या
दी (चौंक कर)- मै,। न..... न... नहीं ई ई ई


ससुर - अभी तो तुमने कहा न कोई भी तो तुम ही क्यों नहीं
दी - अच्छा ओके मान लीजिए मैं हूं आपकी girlfriend तो.....


ससुर जी - तो क्या आज से हम फ्रेंड huwe



दी शरमा जाती है यही मौका देख कर ससुर जी मेरे दीदी के बहुत करीब आ कर उन्हें हलके से चूमने लगते हैं

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दी की पलकें झुक जाती हैं और
दी - ओह.... ह ह ह.... क्या कर रहे हैं आप
ससुर - फ्रैंडशिप की बधाई और क्या...


तभी मेरी आहट सुनकर
दी उन्हे अपने से दूर हटाते हुए किचन में चली जाती है

और मेरे ससुर जी मेरी बहन के मटकते चूतड को देखते हुए अपना लन्ड रगड़ते हुए सोफे पर बैठ जाते हैं


शाम होने वाला था और तभी रश्मि भी ऑफिस से घर लौट आई



अपने पापा जी को देख कर खुशी से उछल पड़ी और अपने पापा के गले लग गईं तो ससुर ने भी बेटी के मस्त चूचि को अपने सीने से चिपका लिया
दोनों बाप बेटी ऐसे गले लगे थे कि मानो पति पत्नी हो


ससुर का लन्ड तो पहले से ही खड़ा था जो रश्मि के साड़ी से होते हुए उसके चूत के मुख को छू रहा था

जब रश्मि को अहसास हुआ तो बोली
रश्मि - वो, पापा कब आए
ससुर जी - लगभग चार बजे ,

रश्मि - मैं चेंज करके आती हूं तब ढेर सारी बातें करेंगे
ससुर - ओके बेटी

फिर रश्मि चेंज कर बालों को संवारती हुई आने लगीं









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वो मुस्कुरा रही थी, रश्मि की गहरी नाभि पूरी तरह से दिख रही थीं
फिर रश्मि भी सोफे पर बैठ कर अपने पापा से बाते करने लगी

रात को खाना खाने के बाद मै और रश्मि अपने कमरे में आ गए रश्मि तो जल्द ही सो गई पर मुझे

एक दवाई खानी थी तो पानी लेने के लिए किचन में जा रहा था तो मेरे ससुर जी को देखा जो अपने

रूम से निकल कर दी के कमरे की ओर जा रहे थे
पर दी कमरे में नहीं थीं वो नहाने चली गई थी तो ससुर जी ने चुपके से उसके पलंग के नीचे छुप गया

दीदी सोने से पहले हमेशा नहा कर ही सोती है और अभी नहा कर आई थी




जिसे मेरे ससुर दीदी को कपडे पहनते हुए छुप कर देखने लगे
फिर धीरे से निकल कर पीछे से उसकी नाजुक कमर को पकड़ लिया


दी ने केवल ब्लाउज और पेटीकोट ही पहना था और बालों को झाड़ रही थी
वो सकपका कर मुड़ गई तो देखा रश्मि के पापा सामने थे
उसने अपने साड़ी को बदन पर लपेट लिया


दीदी डर गईं थी और सहमते हुऐ बोली
दी - इतनी रात आप यहां कैसे

ससुर - दी को बांहों में भरने की कोशिश करते हुए बोले नींद नहीं आ रही थीं

दी - hmm.....छोड़िए न कोई देख लेगा
ससुर - कोई नहीं है यहां

दी - रोशन और रश्मि जाग रहे होंगे
ससुर जी दोनो सो चुके हैं




फिर ससुर जी ने दीदी के कंधे से उसका आंचल हटाया और दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया
दीदी की सांसे तेज़ रफ़्तार से चल रही थी और आंखें बन्द थीं



ससुर ने दीदी के चेहरे से उसकी भींगी जुल्फों को हटाया और गालों को चूमने लगे
दीदी कसमसा उठी



मैं ये सब देख कर रोमांचित हो उठा की अब क्या होगा


तभी मेरे हांथ से पानी का गिलास छूट कर गिर गया और ये आवाज से दोनों हड़बड़ा गए


दीदी ने ससुर को झटके से अलग किया और दरवाजे के ओट से छिपा दिया
थोड़ी देर तक कोई हलचल नहीं हुई
मैं भी एकदम शान्त हो कर नजर रखें हुए था

दी एकदम से डर गईं थी
कुछ देर बाद ससुर जी दी के सामने आए तो दी बोली


दी - प्लीज आप चले जाओ अंकल जी
ससुर जी - कविता प्लीज ..... बोल कर फिर से दी को चूमने की कोशिश की
दी - नही........... अंकल रोशन देख लेगा


ससुर - कुछ नहीं होगा ,
दी - नहीं , बात मानिए
ससुर - पर मेरा लन्ड नहीं मान रहा है

बोल कर वो अपना पैंट खोल कर दीदी के बिस्तर पर लेट गया
दी - प्लीज.......... प्लीज.......


ससुर - तो फिर मेरा हिला दो तुम ही
दी - आप समझ नहीं रहे
ससुर - लन्ड हिला दो नहीं तो मैं तेरे मुंह में डाल दूंगा


दी ने डरते हुए ठीक है कहा और फिर नजरे फेर कर मेरे ससुर के लन्ड को हिलाने लगी




ससुर ने दीदी को पकड़ कर अपनी बांहों में खींचने की कोशिश की तो दीदी नाराज हो कर कमरे से बाहर निकल गई और हॉल में आ गई
मैं वहीं पर था

अचानक मुझे देख कर बोली

रोशन अभी तक जाग रहे हो
मै - नहीं दी एक दवा के लिए पानी लेने आया था
और आप


सुनकर दी सकपकाते हुए कहा
नही नही ऐसे ही अभी जस्ट नहा कर आई न
मैं - अब चलता हूं सोने बोल कर धीरे से जाने लगा
और पीछे देखा तो
दी भाग कर रूम में गईं और फिर ससुर जी से बोली



दी - मैंने कहा न की रोशन जाग रहा है , प्लीज आप चले जाओ
जाते जाते ससुर जी ने दी से कहा
ससुर - कब दोगी
दी - क्या.........
ससुर - वही चीज....... और क्या
दी - क्या वही.......


दी जानबुझ कर ससुर जी के मुंह से सुनना चाह रही थी


ससुर - झल्लाते हुए , चोदने कब दोगी
दी को भी गरमी चढ़ गई थी और बोली
दी - चोद तो दिया मेरे को
ससुर - कब चोदा
दी - आंखों से
बोल कर ससुर को आंख मार दी



फिर ससुर ने मन मसोस कर बाहर निकाल आया तो कविता दीदी भी ससुर जी के हरकत को छुप कर देखने लगी
फिर ससुर जी बॉथरूम में गया वहां दीदी ने नहाने से पहले अपनी लाल रंग की पैन्टी उतार कर रखी थी जिसे ससुर जी ने बाथरूम में पड़ी दीदी की लाल पैन्टी ले कर रूम आया और दीदी की पैन्टी को सूंघने लगा जिसमे से उसके बुर की भीनी भीनी खुशबू आ रही थी और फिर मूठ मरने लगा



फिर सारा माल दी की रेड पैन्टी में गिरा दिया और फिर उस पैन्टी को वही बाथरूम में फेक कर सोने की कोशिश कर रहा था ये देख दीदी भी गर्म हो चुकी थी और अपने कमरे में चली गई



मै ये सीन देख कर अब सोने जाने ही वाला था की दीदी की रूम से कामुक सिसकारी की आवाजे आ रही थी जिसे सुन कर मेरे ससुर फिर से दी की

रूम की ओर गए तो वहां दी भी गर्म हो चुकी थी और बुर में उंगली कर रही थीं


ससुर का लन्ड एक बार फिर टनकने लगा पर
दी भी सिसकारी निकलती हुई
दी - सी सी........…आव mmm.....
Ahhh...…


टांगो को फैलाते हुए जोर से बुर में उंगली डाल कर हिला रही थीं और फिर झड़ गई
बुर से रस चूने लगा



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Update 15




रश्मि के पापा अभी तक नहीं उठे थे और मैं, रश्मि और कविता दी उठ चुके थे
मै अपने हॉस्पिटल के पेपर निकाल कर बैग में रख दिया ताकि वहां वैध जी को भी दिखा सकू की क्या दवा चल रहा है
रश्मि तैयार होती हुई बोली
रश्मि -कब जा रहे हो, आपलोग
मैं - पापा जी ने कहा है जितना जल्दी हो सकें उतना अच्छा है
रश्मि - अरे तो, क्या दीदी उठ गईं और पापा
मैं - पता नहीं, मै तो ये दवाई की प्रिस्क्रिप्शन खोजने में लगा हूं
रश्मि - अच्छा ठीक है, मैं देखती हूं

फिर रश्मि अपने पापा के कमरे में जाती है उन्हें उठाने के लिए
अभी रश्मि अन्दर प्रवेश कर ही रही थी कि दरवाजे पर ठिठक कर रुक गई
उसके पापा नींद मे ही थे , पर उनके लन्ड ने रश्मि का इस तरह से स्वागत किया













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रश्मि दरवाजे पर खड़ी होकर बड़े गौर से अपने पापा के अंडरवीयर में खंभे जैसी खड़े लन्ड को देखने लगी
उसे समझ में नहीं आ रहा था की पापा का नाग नींद में भी फन फैलाए हुए हैं मतलब पक्का सपने में किसी को पेल रहे होंगे
रश्मि अभी अभी नहा कर निकली ही थी और ससुर जी को जगाने चली आई उसका बदन अभी तक तक ठीक से सूख नहीं पाया और सुबह सुबह नाग बाबा के दर्शन से उसके गले से पसीने चूने लगा फिर उन्होंने अपना चेहरा कुछ इस कदर घुमा कर अपने पापा को आवाज दी

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रश्मि -पापा,...... पापा.... उठिए
पर पापा तो सपने में किसी औरत पर सवार थे
कोई सुगबुगाहट नहीं हुई तो रश्मि ने फिर जोर से आवाज दिया

रश्मि - पापा....... ओ पापा उठिए सुबह हो गई है और जाना भी है वैध जी के पास
इस बार मेरे ससुर जी आधे नींद में ही आंख मलते हुई उठे
और बोले
क्या कविता इतनी जल्दी जगा दिया तूने अभी तो मैं लगाने ही..........
तभी रश्मि बोल पड़ी पापा मैं रश्मि हूं
सुन कर ससुर जी हड़बड़ा गए और रश्मि की ओर देखा ,
ससुर जी - ओह, रश्मि बेटी तुम हो
रश्मि - अभी क्या बोल रहे थे पापा आप, क्या लगाने वाले थे (बड़े ही मासूमियत से पूछा) और जहां


रश्मि के इस सवाल से.........
ससुर जी (- सहम गए)- का,.... का..... कुछ नहीं बेटी
रश्मि -आप कुछ छुपा रहे हैं, पापा
ससुर -वो मै सपना देख रहा था और तुमने जगा दिया
रश्मि - क्या देखा, सपने मे पापा
ससुर ने बात बदलते हुए कहा
ससुर जी - वो मै लगाने वाला था
रश्मि - क्या लगाने वाले थे
ससुर -इंजेक्शन
रश्मि - किसे इंजेक्शन लगा रहे थे सपने में
ससुर - कविता को

मेरे ससुर अब अपनी ही बेटी से मज़े लेने लगा
रश्मि - क्यों
ससुर - सपने में देखा उसे खुजली हो रही थी
रश्मि - कहां पर
ससुर - कमर से नीचे
रश्मि - फिर..
ससुर - मै कविता को लिटा कर, अपना इंजेक्शन लगाने ही वाला था की........
रश्मि अपनी पापा की बात सुन कर जोश में आ रही थीं
रश्मि - इंजेक्शन कहां लगाने वाले थे पापा
ससुर- दोनों जांघों के बीच में
रश्मि - कैसा इंजेक्शन
ससुर ही - चमड़े का
रश्मि- तो इससे खुजली मिट जाती
ससुर - हां, तुम्हें भी तो होती होगी ना
रश्मि - हां पापा कभी कभी
ससुर - तब तो , तुमको ये रोज लगवाना चाहिए

रश्मि सब समझ रही थी और ये
सुन कर रश्मि के चूत में चिपचिपा सा जवानी का रस टपकने लगा

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ससुर -पर तूने मुझे जगा दिया
रश्मि - अच्छा ठीक है आप फ्रेस हो जाओ,
ससुर - वो रोशन और कविता
रश्मि - रोशन बिलकुल तैयार है और शायद कविता दी नहाने चली गई है
ससुर - तब तो बाथरूम इंगेज होगा
रश्मि - आप इधर आइए मेरे bathroom में
ससुर जी -चलो मैं आता हूं


ससुर जी नहाने चल दिया bathroom में रश्मि ने काली रंग की पैंटी को उतार कर वहीं छोड़ दिया था
जिसे देखकर ससुर को बर्दास्त नहीं हुआ और मूठ मारनी शुरू किया


















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और अपना सारा वीर्य छोड़ दिया रश्मि की पैन्टी में
फिर नहा कर बाहर निकल गया और अपने कमरे में आकर तैयार होने लगा

ससुर जी रेड्डी होकर सीधे किचन में गया जहां मेरी दीदी नाश्ता निकालने में लगी हुई थी और ससुर ने पीछे से आकर दीदी के कमर को पकड़ा

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दी को अंदाजा नहीं था कि कोई अभी सुबह सुबह ऐसा होगा
वो तुरंत पलटी और.......
दीदी - अंकल जी आप , क्या कर रहे हैं
ससुर जी - कुछ नहीं,
दीदी - चलिए डाइनिंग हॉल में, वहीं सबके लिए नाश्ता लगा कर देती हूं

तभी रश्मि ने मुझे आवाज दी जिसे सुनकर ससुर जी तुरंत किचन से निकल गया

सब कुछ होने के बाद हम तीनों निकालने वाले थे रश्मि जा चुकी थी अपने office
और फिर दीदी आई जिसको देखा तो ससुर जी और कार ड्राइवर दोनों लार टपकाने लगे






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