Incest गन्ने की मिठास (Complete)

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गतान्क से आगे......................


कामिनी- क्यो रे रामू निम्मो कह रही थी कि तेरे गन्ने बहुत मोटे और बड़े-बड़े है

रामू- हाँ चाची वो तो है

कामिनी- मुस्कुराते हुए कही तूने निम्मो को अपना गन्ना चूसा तो नही दिया

रामू- अरे चाची निम्मो दीदी तो रोज गन्ना चुस्ती है, कल भी तो इसी लिए आई थी

कामिनी- तो मुझे कब चूसाएगा

रामू- जब तुम कहो

कामिनी- मेरा मन तो अभी चूसने का कर रहा है पर मेरे पेट मे ना जाने क्यो सुबह से थोड़ा दर्द बना हुआ है ज़रा

हाथ लगा कर देख कही पेट उखड़ तो नही गया है और फिर कामिनी रामू का हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रख लेती है और

रामू नशे मे मस्त होकर जब कामिनी चाची के गुदाज पेट को अपने हाथो मे भर कर मसलता है तो उसका लंड पूरी

तरह धोती फाड़ने को तैयार हो जाता है,

रामू- मंद-मंद मुस्कुराते हुए उसके पेट को हल्के-हल्के मसल कर चाची यह तो सच मच उखड़ा हुआ लग रहा है इसी

लिए तो दर्द है इसमे,

कामिनी- तो रामू थोड़ी सी मसाज कर दे ना

रामू अच्छा ठीक है तो आप इस खाट पर लेट जाओ

कामिनी- यहाँ नही खाट पर अच्छे से ताक़त नही लग पाएगी इसलिए झोपड़ी के अंदर ज़मीन पर बिच्छा कर मसाज कर तो

ठीक रहेगा

रामू- अच्छा ठीक है आप चलो झोपड़ी के अंदर मे पेशाब करके आता हू

कामिनी झोपड़ी के अंदर चली जाती है और रामू झोपड़ी के दूसरी तरफ जाकर जब अपनी धोती सरकाकर अपना खड़ा लंड

बाहर निकालता है तो कामिनी छुप कर उसके मोटे लंड का नज़ारा करके पागल हो जाती है और उसकी चूत रामू के लंड के लिए तड़प उठती है,

कामिनी- हे रब्बा कितना मोटा और लंबा लंड है रामू का, इसका लंड तो हरिया के लंड से भी मोटा दिख रहा है अगर यह

एक बार मुझे तबीयत से चोद दे तो मेरा तो रोम-रोम मस्त हो जाएगा, आज बहुत दिन बाद किसी का लंड देख कर बड़ी चुदास सी उठने लगी है,

कामिनी तुरंत अपनी चूत को अपनी साडी के उपर से दबोचते हुए देख रही थी, जब रामू वापस आने लगा तो कामिनी ने जल्दी से एक चटाई बिच्छा कर अपने पेटिकोट का नाडा खोल दिया और साडी से अपने पेटिकोट को च्छुपाकर लेट गई,

कामिनी- कितनी देर लगा दी रामू पेशाब करने मे,

रामू- हाँ चाची बहुत जोरो की लगी थी,

कामिनी- चल बेटा अब जल्दी से मेरे पेट का दर्द भी ठीक कर दे, देख कितना कड़ा हो रहा है मेरा पेट,

और फिर कामिनी रामू का हाथ पकड़ कर उसे अपने गुदाज नंगे पेट पर रख लेती है, रामू अपनी चाची के मुलायम उठे

हुए पेट को अपने हाथो से सहलाते हुए अपनी उंगलियो को नाभि के उपर से दबाते हुए नीचे चाची की चूत की ओर लेजाता

है और उसकी नाभि से चार अंगुल नीचे लेजाकार वापस उपर की ओर लाता है, उसकी इस हरकत से कामिनी की चूत से पानी आ जाता है और उसके दोनो पेर कभी उपर कभी नीचे होने लगते है और जैसे-जैसे रामू का हाथ चलता है वैसे-वैसे चाची के पेर उपर नीचे होने लगते है,

रामू का लंड धोती मे पूरी तरह तना हुआ था और वह चाची की गदराई जवानी को देखते हुए उसके मसल नंगे पेट को

सहला रहा था,

रामू- चाची पेट के बल लेट जाओ मे ज़रा कमर की मालिश कर दू तो पेट मे ज़्यादा आराम मिलेगा,

कामिनी- ठीक है बेटा और कामिनी पलट कर पेट के बल लेट जाती है और रामू उसकी मस्त कमर को सहलाता हुआ अपने हाथ से एक बार तो चाची की मोटी गान्ड को च्छू लेता है, चाची की साडी पेरो से उठ कर उसके घटनो के उपर तक चढ़ चुकी थी और रामू चाची की गोरी नंगी टाँगो को देख-देख कर खूब तबीयत से चाची की कमर और कमर के उपर गान्ड तक का हिस्सा दबोचने लगा था, जब रामू चाची की कमर और गान्ड के बीच के हिस्से को नीचे की और दबाता तो चाची की चूत मे एक अलग ही मिठास पेड़ा होती थी जैसे उसे किसी मोटे गन्ने को चूसने पर पेदा होती है,

कामिनी- रामू तू जब कमर के थोड़ा नीचे की तरफ दबाता है ना तो मुझे बड़ा आराम मिलता है,

रामू ने कामिनी की बात को सुन कर उसकी दोनो गान्ड के बीच तक दबाना शुरू कर दिया उसकी नंगी उंगलिया जब चाची की नंगी गान्ड के छेद तक सरक कर जाती तो चाची का पूरा बदन सिहर उठता था और रामू का दिल करता कि अपनी पूरी उंगली चाची की मोटी गान्ड मे घुसा दे,

कामिनी- रामू तेरी उंगलियो मे बड़ी जान है बड़ा अच्छा लग रहा है बेटे

रामू- चाची अभी पूरी ताक़त देखी ही कहाँ है आपने आप कहो तो थोड़ी ताक़त लगा कर मालिश कर दू आपके बदन का

रोम-रोम खिल उठेगा,

कामिनी- कर दे बेटा, आज मे तुझसे अच्छी मालिश करवा लेती हू

फिर क्या था रामू ने अपने दोनो हाथो से चाची के भारी भरकम चुतड़ों को अपने हाथो मे भर कर दबोचने लगा

और चाची किसी कुतिया की भाटी अपनी गान्ड मटकाने लगी थी, रामू ने जैसे ही चाची के पेटिकोट से अंदर हाथ डाला रामू की उंगलियो सीधे चाची की गहरी गान्ड की खाई मे घुस गई और जब रामू का हाथ चाची की कसी हुई गुदा पर पड़ा तो चाची ने अपनी गुदा एक दम ढीली कर दी और जैसे ही रामू की एक उंगली गुदा को सहलाने लगी चाची ने अपनी गुदा को फिर से सिकोड लिया और रामू की उंगली चाची की गुदा मे फस गई, रामू ने थोड़ी ताक़त लगा कर अपनी उंगली चाची की गान्ड मे उतार दी और चाची एक दम से मस्त हो गई,

रामू ने चाची की साडी और पेटिकोट को उसकी गदराई गान्ड से नीचे सरका दिया और जब चाची की गोरी मस्त गान्ड पूरी नंगी नज़र आने लगी तब रामू ने उसकी गान्ड को फैलाकर सीधे अपनी जीभ उसकी गान्ड मे डाल कर उसे चाटने लगा, कामिनी से बर्दास्त नही हुआ और उसने रामू की धोती के उपर से ही उसके मोटे लंड को पकड़ लिया और पागलो की तरह मसल्ने लगी, रामू ने चाची की नंगी गान्ड को थोड़ा उपर उठा कर उसकी चूत की फांको मे अपना मुँह लगा कर चाटने लगा और चाची आह आह करती हुई सीसीयाने लगी,

लगभग दो मिनिट तक रामू ने उसकी बुर को फैला-फैला कर खूब चाता उसके बाद रामू ने

चाची को सीधा लेटा कर देर ना करते हुए अपने लंड को चाची की चूत मे एक झटके मे पूरा अंदर भर दिया और चाची

ने अपनी दोनो टॅंगो को उठा कर पूरी तरह फैला लिया, रामू चाची की चूत मे सतसट धक्के मारने लगा और चाची

नीचे से अपने चूतड़ उठा-उठा कर रामू के लंड पर मारने लगी,

रामू उकड़ू बैठ कर चाची की चूत मे खूब कस-कस कर धक्के मार रहा था और चाची बड़बड़ा रही थी,

हे रामू तेरा लंड बहुत मोटा और लंबा है रे बहुत मज़ा आ रहा है ऐसे ही चोद तुझे तो औरतो को चोदने की अच्छी

कला मालूम है कहाँ से सीखा है यह सब कही तू किसी मस्त औरत को चोद्ता तो नही है हाय ऐसे ही मार और तेज मार आह मेरी चूत आज तूने पूरी तरह फाड़ दी है,

रामू- चाची नंगी औरत को देख कर तो मेरा हथियार पूरी तरह तन जाता है मे तो कब से तुम जैसी भरे बदन की

औरत को कस कर चोद्ना चाहता था वह मोका आज लगा है और फिर रामू ने चाची की गान्ड के नीचे हाथ डाल कर उसके

भारी चुतड़ों को अपने हाथो मे थाम कर तबीयत से उसकी चूत मारना शुरू कर दी, उसका लंड पानी छ्चोड़ने का नाम ही

नही ले रहा था और उसे चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था,

रामू- चाची जितनी भारी औरत को चोदो उतना ही ज़्यादा मज़ा मिलता है,

चाची- आह अरे कमिने सबसे भारी चूतड़ और भोसड़ा तो तेरी खुद की मा का है एक बार अपनी मा को क्यो नही चोद लेता

तुझे इतना मज़ा आएगा कि तू दिन रात उसी की गान्ड मे अपना मुँह डाले रहेगा,

रामू- अरे चाची मा तुम्हारी तरह मुझसे चुदवाती ही कहाँ है एक बार चुद्वा ले तो उसे भी पता चल जाएगा कि उसके

बेटे का लंड कितना मस्त है,

कामिनी- तो क्या तू अपनी मा पर चढ़ना चाहता है

रामू- धक्के की स्पीड तेज करते हुए हाय चाची मे तो कब से चोदने के लिए मरा जा रहा हू जब से उसके भारी चुतड़ों

को देखा है तब से बस यही दिल करता है कि उसकी गान्ड को पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदु,

रामू ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा और चाची उससे चिपक कर उसे पागलो की तरह चूमने लगी और फिर रामू ने उसकी गान्ड

को कस कर थामते हुए दस बड़े धक्के ऐसे मारे कि चाची का पानी छूट गया पर रामू अभी भी प्यासा ही रहा,

चाची- बेटा ज़रा सा रुक जा मेरा तो हो गया तेरा कब होगा

रामू- चाची तुम्हारे मरद की चिलम इतनी जोरदार है कि एक बार लंड खड़ा हो जाता है तो बैठने का नाम ही नही लेता है

लो इसे थोड़ा चूस कर ही आराम दो और फिर कामिनी रामू के लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी और रामू अपनी उंगलियो से धीरे-धीरे चाची की गान्ड को दबाने लगा,

रामू- चाची मेरा मन तो अब तुम्हारी गान्ड मारने का कर रहा है,

चाची- नही बेटा मेरी गान्ड मत मारना मुझे बड़ी तकलीफ़ होती है एक बार हरिया ने जबरन मेरी गान्ड मे लंड डालने की

कोशिश की थी और मुझे बड़ा दर्द हुआ और मेने तब से उसे अपनी गान्ड छुने भी नही दी है, तुझे अगर गान्ड ही मारना

है तो अपनी मा की चोदना उसकी गान्ड तो बहुत मोटी और मस्त है,

रामू- चाची मा की गान्ड तो जब मिलेगी तब मिलेगी लेकिन आज तो मेरा पानी निकालना है

चाची- मे तेरा पानी चूस-चूस कर निकाल देती हू

रामू- अरे नही चाची तुम कितना ही चूसो यह पानी बिना कस-कस कर ठोके नही निकलने वाला है, मुझे अपनी गान्ड मे ही

अपना पानी निकालने दो,

चाची- नही रामू मे तेरे घोड़े जैसे लंड को अपनी गान्ड मे नही ले सकती हू,

रामू- अच्छा तो फिर एक काम करो अपनी बेटी चंदा को बुला कर उसकी चूत मारने दो

चाची - अरे नही रामू अभी तो वह बहुत छोटी है 16 साल की तो है वह तेरा लंड कैसे बर्दस्त करेगी

रामू- चाची जब वह हरिया काका का लंड बड़े मज़े से ले लेती है तो फिर मेरा लंड क्यो नही ले पाएगी, तुम उसे छोटी

समझ रही हो और वह तुमसे भी ज़्यादा मस्त होकर अपनी चूत अपने बाप से मरवाति है,

चाची- यह क्या कह रहा है रामू ऐसा नही हो सकता है

रामू- तुम्हारी कसम चाची मेने अपनी आँखो से हरिया काका को उसकी चूत मारते हुए देखा था,

चाची- कितना हरामी है हरिया तभी तो मे सोचु कुछ दिनो से मेरी तरफ देख भी नही रहा है,

रामू- अब जाओ और चंदा को बुला कर यहाँ ले आओ

चाची- बेटा पहले एक बात सच-सच बता, क्या तूने रमिया को चोदा है

रामू- हाँ चोदा है लेकिन तुम यह बात किसी से कहना नही

चाची- तो फिर एक काम कर अपने खेत मे जाकर रमिया और चंदा दोनो को नंगी करके खूब चोद और मुझे थोड़ी देर

यही पड़े रहने दे मे थोड़ा आराम कर लू वैसे भी तूने मेरी चूत इतनी ज़ोर से चोदि है कि मुझसे उठा नही जा रहा है,

रामू- मुस्कुराते हुए यह तो तुम ठीक कह रही हो चाची रमिया और चंदा को एक साथ नंगी करके जब मे अपने सीने से

चिपकाउँगा तो अलग ही मज़ा आएगा, और फिर रामू अपने खेतो की ओर चल देता है,

रामू जब वहाँ पहुचता है तो रमिया और चंदा दोनो खाट पर बैठी-बैठी गन्ना चूस रही थी और रामू दोनो के बीच

जा कर बैठ जाता है और

रामू- तुझे पता है रमिया चंदा को एक दिन चींटे ने काट लिया था तब इसे बहुत सूजन हो गया था, क्यो चंदा है ना

चंदा- हाँ

रामू- अच्छा चंदा अब दिखा तो और रामू उसकी छोटी सी स्कर्ट उठा कर उसकी गुलाबी चूत को च्छू कर देखने लगता है

चंदा अपने हाथ से अपनी चूत ढकने लगती है तो रामू उसे खाट पर लेटा कर, अरे चंदा रुक तो रमिया को भी तो देखने

दे और फिर रामू चंदा की दोनो फांको को फैला कर उसकी चूत का गुलाबी छेद अपनी उंगलियो से सहलाते हुए, देख

रमिया यहाँ काटा था चंदा को चींटे ने,

रमिया- फिर क्या हुआ था भैया

रामू- फिर क्या हरिया काका ने चंदा का सारा जाहंर चूस-चूस कर निकाल दिया था क्यो चंदा

चंदा- हाँ भैया और बाबा इतना अच्छे से चूस-चूसे कर जाहंर निकाल रहे थे कि मुझे तो बड़ा मज़ा आया था

रामू- चंदा अब भी यहाँ दर्द रहता है क्या

चंदा- हा भैया दर्द तो रहता है पर बाबा इसमे अपना मोटा लंड डाल कर दूर कर देते है फिर तो बस मज़ा ही मज़ा आता

है, उसकी बात सुनते ही रामू उसकी चूत मे अपनी जीभ डाल कर उसके पानी को चाट लेता है,

रमिया- भैया मेरी चूत भी चाट ना

चंदा- नही भैया पहले मेरी चूत को अच्छे से चाट लो फिर रमिया दीदी की चाट लेना

रामू- तुम फिकर ना करो मे दोनो की चाट लेता हू एक काम करो चलो झोपड़ी मे चल कर आराम से चाटूँगा पर यह बताओ

मेरा लंड पहले कॉन चुसेगा,

उसकी बात सुनते ही दोनो उठ कर खड़ी हो जाती है और फिर रामू जब अपने लंड को धोती से बाहर निकालता है तो रमिया और चंदा दोनो उसके लंड के गुलाबी टोपे को अपनी जीभ से सहलाने लगती है और रामू मस्ती मे आकर दोनो को चूम लेता है

रमिया और चंदा दोनो खाट के नीचे घुटनो के बल बैठ कर रामू को खाट पर बैठा कर उसके लंड को कभी रमिया अपने

मुँह मे भर लेती है और जब वह बाहर निकालती है तो चंदा उसे अपने मुँह मे भर लेती है, दोनो पागल कुतिया की तरह

रामू के मोटे लंड को झपट-झपट कर चूसने लगती है और रामू अपने दोनो हाथो मे उन दोनो के कसे हुए दूध

को दबोचने लगता है, दोनो लोंदियो के दूध खूब कसे हुए और सख़्त थे जिन्हे मसल्ने मे रामू को बड़ा मज़ा आ

रहा था, रामू कभी रमिया की चुचि और कभी चंदा की चुचि को अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा था,

कुछ देर बाद रामू दोनो को झोपड़ी के अंदर ले जाकर पहले रमिया को ज़मीन पर पीठ के बल लेटा देता है और फिर चंदा

को भी रमिया के उपर उल्टा सुला देता है अब रामू के सामने नीचे उसकी बहन रमिया की खुली हुई गुलाबी चूत और उसके

उपर चंदा की मस्तानी गान्ड और चूत नज़र आ जाती है और रामू अपनी लंबी जीभ निकाल कर दोनो की चूत और गान्ड को पागलो की तरह खूब ज़ोर-ज़ोर से चाटने और चूसने लगता है, दोनो लोंड़िया एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे के होंठो को चूसने लगती है,

चंदा- हाय भैया ऐसे ही चाट

रमिया- चंदा तेरी जीभ का स्वाद तो बड़ा रसीला है

चंदा- तो दीदी मेरी जीभ को अपने मुँह मे भर कर चूसो ना जब नीचे से रामू भैया मेरी चूत चूस्ते है और उपर से

तुम मेरी जीभ चुस्ती हो तो बड़ा मज़ा आता है आह आह ओह मा मर गई रे,

रामू लगातार दोनो की चूत और गान्ड का छेद फैला-फैला कर अपनी जीभ से खूब कस-कस कर चूस रहा था और दोनो

लोंड़िया एक दूसरे से पूरी तरह चिपकी हुई एक दूसरे की जीभ चूस रही थी, तभी रामू ने पास मे रखा तेल अपने लंड पर

लगा कर अपने लंड के सूपदे को चंदा की चूत मे लगा कर एक कस कर धक्का मार दिया और रामू का लंड ककच की आवाज़ के साथ चंदा की चूत को फाड़ता हुआ अंदर समा गया और चंदा के मुँह से ओह मा मर गई रे जैसे शब्द निकलने लगे,

रामू ने देर ना करते हुए दोनो लोंदियो को कस कर थामते हुए दूसरा झटका इस कदर मारा कि उसका मोटा लंड चंदा की

चूत मे पूरा फिट हो गया और चंदा ने कस कर रमिया को जाकड़ लिया,

क्रमशः.............
 
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रमिया सबसे नीचे लेटी थी और चंदा उसके उपर पेट के बल लेटी थी और उसकी मोटी गान्ड के उपर चढ़ा कर रामू अपने लंड को उसकी गुलाबी चूत मे पेल रहा था जब चंदा की चूत मे कुछ चिकनाहट हो गई तब रामू ने अपने लंड को निकाल कर सीधे अपनी छोटी बहन रमिया की गुलाबी चूत मे पेल दिया और रमिया की चूत मे जैसे ही उसके भैया का लंड घुसा रमिया ने कस कर चंदा को अपनी बाँहो मे जाकड़ लिया और उसे चूमने लगी,

रामू अब कस-कस कर रमिया की चूत मारने लगा जब रमिया की चूत मे भी पानी की चिकनाहट आ गई तब रामू ने अपने लंड को निकाल कर फिर से चंदा की चूत मे पेल दिया, और चंदा को खूब कस-कस कर ठोकने लगा, अब कभी रामू अपने लंड को चंदा की चूत मे और कभी रमिया की चूत मे पेलने लगा वह बीच-बीच मे दोनो की कसी हुई चुचियो को भी

दबोचते हुए उन्हे छोड़ रहा था ,

रामू ने दोनो लोंदियो की चूत मार-मार कर लाल कर दी और उसकी रफ़्तार बहुत तेज हो चुकी थी वह जब रमिया की चूत मे लंड डालता तो खूब कस-कस कर चोद्ना शुरू कर देता और फिर जब चंदा की चूत मे लंड डालता तब वह चंदा की गान्ड के उपर पूरी तरह लेट कर उसकी चूत चोदने लगता था,

लगभग आधे घंटे तक रामू कभी इसकी कभी उसकी चूत मार-मार कर दोनो लोंदियो को मस्त कर चुका था, चंदा और

रमिया दोनो का पानी लगभग दो-दो बार छूट चुका था और अब उनकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी,

चंदा- रामू भैया अब उठ जाओ बहुत दर्द हो रहा है

रमिया- भैया अब देर से चोद लेना आ आज तुमने बहुत जोरदार चुदाई की है पूरा बदन दर्द कर रहा है,

रामू- पर मेरा पानी तो अभी तक निकला ही नही

रमिया- भैया तुम्हारा पानी हम दोनो तुम्हारे लंड को एक साथ चाट-चाट कर निकाल देते है

रामू- अच्छा ठीक है मे भी चोद-चोद के थक गया हू तुम दोनो मेरे लंड को खूब ज़ोर-ज़ोर से चूस कर इसका सारा पानी

चाट लो, और फिर चंदा और रमिया दोनो ने रामू के मोटे लंड को चाटना शुरू कर दिया उन दोनो की रसीली जीभ के स्पर्श

से रामू का लंड और मोटा होकर तन गया और उसके लंड की नसे उभर कर नज़र आने लगी, दोनो लोंदियो ने रामू के लंड

को खूब दबा-दबा कर चूसना शुरू कर दिया और फिर एक दम से रामू ने पानी छ्चोड़ दिया और चंदा और रमिया पागल

कुतिया की तरह उसके लंड का पानी चाटने लगी, रामू के लंड ने जितना पानी छ्चोड़ा रमिया और चंदा पूरा चाट गई और फिर तीनो मस्त होकर वही लेट गये,

कुछ देर बाद रामू अपने खेतो मे काम करने लगा और चंदा अपनी मा के पास चली गई,

रमिया- भैया जब से तुमने मुझे चोद्ना चालू किया है तब से रात को रोज मेरा दिल तुमसे चुद्वाने का करता है, तुम

रात को मुझे क्यो नही चोद्ते हो, मेरा मन तो रोज रात को तुम्हारे साथ नंगी होकर सोने का करता है,

रामू- रमिया को अपनी गोद मे बैठा कर उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध को दबाते हुए, मेरी गुड़िया रानी अगर मे

तुझे रात को चोदुन्गा तो मा और निम्मो को पता चल जाएगा,

रमिया- तो भैया क्या हम रात को कभी नही चुदाई कर सकते है

रामू- अरे तू फिकर क्यो करती है, मे तुझे रात दिन चोदुन्गा बस एक बार मा मुझसे पूरी नंगी होकर अपनी चूत और गान्ड

मरवा ले फिर वह हमे भी चुदाई करने से मना नही करेगी,

रमिया- तो क्या भैया मा का मन भी चुद्वाने का करता होगा,

रामू- रमिया की चूत को सहलाते हुए, अरे क्यो नही करता होगा मा तो खूब कस-कस कर अपनी चूत मे लंड लेना चाहती

होगी पर बेचारी को लंड नही मिल रहा है,

रमिया- भैया मा की चूत तो बहुत बड़ी और फूली हुई है हमारी चूत से तो चार गुना फूली और बड़ी लगती है

रामू- रमिया के दूध को कस कर दबाते हुए क्या तूने मा की चूत देखी है

रमिया- हाँ मेने तो कई बार मा को पूरी नंगी भी देखा है, मा को जब पेशाब लगती है तो मेरे सामने ही अपनी चूत को

पूरा खोल कर मूतने लगती है जब वह मुतती है तो उसकी चूत से बहुत मोटी धार निकलती है पर उसका छेद बहुत बड़ा है

तुम्हारा पूरा लंड उसकी चूत के छेद मे समा जाए,

रामू रमिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखते हुए उसके मोटे-मोटे दूध को मसल कर, गुड़िया रानी मेरा लंड

सहलाते हुए मा के बारे मे बता ना

रमिया- भैया मा की जंघे कितनी मोटी है ना और तुमने मा की मोटी गान्ड अगर देखी होती तो तुम उसे चोदे बिना नही रह

पाते, बहुत मोटे-मोटे चूतड़ है मा के,

रामू- रमिया की चूत मे एक उंगली डाल कर दबाते हुए, रमिया जब मा की चूत मे मेरा लंड घुसेगा तो मा को कैसा

लगेगा,

रमिया- भैया मा को चोदने के लिए तो तुम्हे खूब ज़ोर लगाना पड़ेगा, एक बार भैया मा को चोद दो तो फिर हम घर मे

भी चुदाई कर सकते है ना,

रामू- तू फिकर ना कर कुछ ना कुछ रास्ता तो निकलना ही पड़ेगा,

उधर हरिया कई दिनो के बाद जब अपने गाँव मे पहुचा तो गाँव के तालाब मे कुछ औरतो को नहाते देख उसका लंड

खड़ा हो गया और उसने वही एक आम के पेड़ के नीचे बैठ कर सुस्ताते हुए अपनी चिलम निकाल कर कस लेना शुरू कर दिया जब एक औरत ने अपना ब्लाउज पूरा उतार दिया तो हरिया का लंड उसके बड़े-बड़े दूध देख कर खड़ा हो गया और वह अपने लंड को मसल्ते हुए दम लगाता रहा, हरिया जल्दी से उठा और अपने घर की ओर चल दिया जब हरिया ने घर का दरवाजा खटखटाया तो उसकी बड़ी बेटी मीना ने दरवाजा खोल दिया, मीना घर मे अकेली थी

यह बात जानकार हरिया मन ही मन खुश हो गया और

हरिया -बेटी मीना बड़ी थकान लग रही है ज़रा आँगन मे पानी रख दे मे नहा लू

मीना- लाल साडी पहने अपने भारी चूतड़ मतकाते हुए पानी रखने चली जाती है और हरिया अपनी जवान बेटी के मासल

नितंबो को देख कर अपने लंड को मसल्ने लगता है तभी मीना पलट कर अपने बाबा की ओर देखती है और मुस्कुरा कर

मीना- लगता है बाबा अभी-अभी चढ़ा कर आए हो तभी तुम्हारी आँखो से खून उतर रहा है,

हरिया- ज़्यादा बाते ना बना और चल थोड़ा मेरी पीठ भी रगड़ दे हरिया ने अपने बदन पर पानी डाला और अपनी बेटी से पीठ रगड़वाने लगा, जब उसने साबुन लगाना शुरू किया तो उसे अपने लंड पर साबुन लगाते देख मीना की चूत मे खुजली मचने लग गई थी, कई दिनो से उसकी चूत प्यासी थी और फिर अपने बाबा का तगड़ा लंड देख कर उसकी चूत फूलने लगी उसने कहा

मीना- लाओ बाबा मे साबुन लगा देती हू और फिर मीना ने अपने हाथो मे साबुन लेकर हरिया के मोटे लंड पर लगाना

शुरू कर दिया, हरिया का लंड पूरे ताव मे आकर झटके देने लगा जिसे मीना ने अपने हाथो मे कस कर दबोच रखा

था फिर जब मीना ने अपने बाबा के लंड पर पानी डाला तो हरिया का लंड एक दम से चमकने लगा, हरिया ने जल्दी से

नाहकार ज़मीन पर एक चटाई बीच्छा दी और उस पर लेट गया, मीना उसको देख कर मुस्कुराती हुई तेल की शीशी लेकर आई और फिर अपने बाबा के मोटे लंड पर खूब सारा तेल लगा कर उसे मसल्ने लगी, हरिया ने धीरे से मीना की चोली खोल दी और उसके मोटे-मोटे दूध को कस-कस कर मसल्ते हुए उसके दूध मे तेल लगा कर मालिश करने लगा,

मीना- आह बाबा क्या कर रहे हो पूरा निचोड़ दोगे क्या ज़रा धीरे दबाओ, हरिया जितने ज़ोर से मीना के दूध दबाता

मीना भी उतनी ही ताक़त से अपने बाबा का लंड मसल देती थी, दोनो एक दूसरे को पागलो की तरह मसल रहे थे तभी हरिया ने मीना की साडी उतार कर अलग फेंक दी और उसके पेटिकोट का नाडा खींच दिया और मीना अगले पल पूरी नंगी होकर अपने बाबा की गोद मे जैसे ही बैठी हरिया ने अपना लंड अपनी जवान बेटी की चूत मे सटा दिया और मीना किसी मज़े हुए खिलाड़ी की तरह अपने बाबा के लंड पर गच्छ से बैठ गई और उसके बाबा का लंड उसकी चूत मे जड़ तक घुस गया,

हरिया- अपनी बेटी की चूत मारते हुए, तेरी मा और चंदा खेत मे है क्या

मीना- हाँ वह दोनो शाम तक ही लोटेँगी तुम खूब कस-कस कर चोदो बाबा बहुत मीठी-मीठी खुजली चल रही है

तुम्हारी बेटी की चूत मे,

हरिया- इतना मोटा लंड अपनी चूत मे डालेगी तो खुजली तो चलेगी ना, चल घोड़ी बन जा तब तेरी मोटी गान्ड सहलाते हुए तेरी चूत मारने मे अलग ही मज़ा आएगा, फिर क्या था मीना जल्दी से झुक कर घोड़ी बन गई और हरिया ने अपनी बेटी की मोटी गान्ड और उसकी गुदा को सहलाते हुए अपने लंड को उसकी चूत की फांको के बीच सॅट से पेल दिया और मीना आ बाबा मर गई रे ज़रा धीरे डाल तू तो मेरी चूत लगता है फाड़ देगा, ये जब तू चिलम पी कर मुझे चोद्ता है तो तेरा लंड पूरा डंडे जैसा हो जाता है,

हरिया- अपनी बेटी की गान्ड सहलाते हुए उसकी चूत मे सतसट लंड मारते हुए, तो क्या तुझे अपने बाबा का मोटा डंडा

अच्छा नही लगता है,

मीना- अच्छा क्यो नही लगेगा, ऐसे कड़े डंडे से अपनी चूत मरवाने के लिए मे कब से तड़प रही हू, थोड़ा तेज ठोक

ना अपनी बेटी की चूत आह आह और ज़ोर से आह आह हा बाबा ऐसे ही आह और मार खूब चोद बाबा आज फाड़ दे अपनी बेटी की चूत को हरिया पागलो की तरह मीना की चूत मारने मे लग जाता है और मीना कराहते हुए अपनी गान्ड को अपने बाबा के लंड पर खूब कस-कस कर मारने लगती है, अब हरिया अपनी बेटी को खड़ी करके खुद भी खड़ा हो जाता है और फिर मीना की टाँगो को अपनी कमर के इर्दगिर्द लपेट कर उसे अपने लंड पर चढ़ा कर खड़े-खड़े अपनी बेटी की चूत मारने लगता है, मीना अपने बाबा से लिपटी हुई नीचे से उसका मोटा लंड अपनी चूत मे घुसाए सीसीयाने लगती है,

हरिया उसे दीवार से टीका कर

उसकी चूत मे खूब तेज-तेज लंड पेलने लगता है,

मीना- आह आह बाबा मे गई आ मेरा पानी आह आह और फिर मीना एक दम से अपने बाबा से चिपक जाती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है हरिया उसे ज़मीन पर लेटा कर उसके उपर चढ़ा कर खूब तगड़े धक्के मारते

हुए अपना पानी अपनी बेटी की चूत मे छ्चोड़ देता है, हरिया मीना को चोदने के बाद उसके उपर से उठ कर अलग बैठ जाता है और फिर जब मीना खड़ी होती है तो हरिया उसकी मोटी गान्ड मे थप्पड़ मारते हुए,

हरिया- अरे मेरी रानी अपनी गान्ड कब चोदने को देगी, तेरी गान्ड मारे भी तो बहुत दिन हो गये है,

मीना- बाबा तुम गान्ड बहुत तेज चोद्ते हो मुझे बहुत दर्द होता है,

हरिया- उसकी मोटी गान्ड को सहलाते हुए, मेरी रानी बेटी तेरी गान्ड है भी तो इतनी जबरदस्त कि तेरी मा की गान्ड भी फैली है

इसीलिए तो तेरा बाबा तेरी मोटी गान्ड खूब हुमच-हुमच कर चोद्ता है,

मीना- मुस्कुराते हुए, तो क्या तुम्हारा मन अभी मेरी गान्ड चोदने का कर रहा है

हरिया- अरे बेटी पहले तो मे तेरी गान्ड को जी भर कर चाटूँगा उसके बाद तेरी गान्ड के छेद को फैला कर उसमे अपने

लंड को पेलुँगा, आ यहाँ पर पेट के बल लेट जा मे थोड़ा तेल लगा कर तेरी गुदा को मुलायम कर देता हू,

मीना- हस्ते हुए बाबा तुम भी ना बहुत बड़े चुड़क्कड़ हो अगर मे ना होती तो तुम भला फिर किसकी गान्ड मारते, मा तो

तुम्हे अपनी गान्ड छुने भी नही देती है,

हरिया- अरे तेरी मा की गान्ड मे उतना दम भी तो नही है जितनी गोरी और चौड़ी गान्ड तेरी है, सच बेटी जब मे तेरी गान्ड

चोद्ता हू तो मुझे बड़ा मज़ा आता है,

मीना- ये क्यो नही कहते कि जब तुम चिलम चढ़ा लेते हो तो तुम्हे मेरी गान्ड ही गान्ड नज़र आती है, भूल गये जब

पहली बार तुमने खेत मे सबसे पहले मेरी गान्ड ही मारी थी और मे बहुत चिल्लई थी तब तुमने सरसो का तेल मेरी गान्ड का छेद खोल कर अंदर तक डाला था और फिर सारा तेल अपने लंड पर लगा कर कैसे धीरे-धीरे मुझे बातो मे लगा कर मेरी गान्ड मे अपना लंड उतार दिया था,

हरिया- हा बेटी वो दिन मे कैसे भूल सकता हू तू 16-17 की रही होगी और तूने एक छोटी सी स्कर्ट और सफेद शर्ट पहन रखी थी, तेरा बदन कम उमर मे ही औरतो जैसा भर गया था और तेरे चुचे इतने कड़े हो गये थे जैसे कि तेरे शर्ट के

बटन तोड़ कर बाहर आ जाएगे, जब तेरी छाती की बीच की खुली जगह से तेरे कसे हुए मोटे-मोटे दूध नज़र आते थे

तो मेरा लंड तुझे देखते ही खड़ा हो जाता था,

लेकिन उस दिन जब तुझे पेशाब लगी और तू दूसरी ओर मुँह करके मूत रही थी

तब मेने जब तेरे भारी और सुडोल चूतड़ देखे तो मुझे यकीन नही हुआ कि मेरी कुँवारी बेटी की मोटी गान्ड इतनी जबरदस्त

है सच कहु उस समय तेरी गान्ड तेरी मा की मोटी गान्ड से भी भारी लग रही थी, मेरा तो दिल करने लगा था कि मे पीछे से अपना मुँह अपनी बिटिया की भारी गान्ड मे डाल डु,

हरिया मीना को उल्टी लिटाकर उसकी गान्ड के लपलपाते छेद मे धीरे-धीरे तेल भरने लगता है और मीना अपने बाबा का

लंड अपने हाथो मे पकड़े हुए उसी पुराने पल के बारे मे अपने बाबा से बात कर रही थी,

मीना- पता है और फिर तुमने मुझे प्यार से अपने पास आने को कहा और मुझे अपने सामने खड़ा करके मुझे डराते

हुए मेरा एक हाथ पकड़ लिया और मुझे दूसरी और मुँह करके उठक बैठक लगाने के लिए कहने लगे, ताकि जब मे उठु

और बैठू तो मेरे भारी चुतड़ों का गदराया उभार तुम्हे नज़र आए और जब मे उठक बैठक लगाने लगी तो तुम बड़े

प्यार से अपने इस मोटे लंड को मसल्ते हुए मेरी मोटी गान्ड को अपनी नशीली आँखो से देखने लगे थे,

हरिया ने अपनी दो उंगलियो को मीना की मोटी गान्ड के सुराख मे दबाते हुए, फिर मेने क्या किया था बेटी

मीना- अपनी नंगी गान्ड को थोड़ा उपर उठा कर, बाबा फिर तुमने मेरी मोटी गान्ड को कस कर मसल्ते हुए मेरी ओर घूर

कर देखा और बोले, क्यो री मीना तू अभी वहाँ बैठ कर अपनी चूत क्यो खुज़ला रही थी तब मेने कहा नही बाबा मे तो

पेशाब कर रही थी, तब तुमने मेरे चुतड़ों पर कस कर एक थप्पड़ मारते हुए कहा चल मे अभी तेरी खबर लेता हू

और फिर तुमने मुझे उठा कर खाट के उपर खड़ा कर दिया और मुझे मुर्गा बनने को कहा और जब मे मुर्गा बन गई

तो तुमने धीरे से मेरी स्कर्ट के अंदर झाँकते हुए मेरी गान्ड की फैली हुई दरार को किसी पागल कुत्ते की भाँति सूंघते

हुए एक दम से चाट लिया और मे अपने मोटे चूतड़ हिलाने के सिवाय कुछ ना कर सकी,

हरिया- ले बेटी मेरे लंड पर भी तेल लगा दे तेरी तो पूरी गान्ड मेने चिकनी कर दी है अब आराम से मेरा लंड तेरी गान्ड मे

घुस जाएगा, मीना अपने बाबा के लंड पर तेल मलने लगी और हरिया अपनी बेटी की मोटी गान्ड के भूरे छेद को फैला कर

देखते हुए बेटी चुप क्यो हो गई आगे बता फिर मेने क्या किया,

मीना- बाबा फिर तुमने मुझसे अपनी मोटी गान्ड को उपर उठाने के लिए कहा और जैसे ही मेने अपनी गान्ड उपर उठाई

तुमने मेरी स्कर्ट मेरी कमर पर टांग कर अपनी लपलपाति जीभ से मेरी गान्ड और चूत को चाटने लगे, क्या बताऊ बाबा उस समय मुझे डर भी लग रहा था और मज़ा भी इतना आ रहा था कि मे बता नही सकती,

फिर तुमने मेरी गान्ड और चूत को लगभग 10 मिनिट तक खूब जी भर कर चटा था और मेरे पेर दुखने लगे थे तब तुमने मुझे अपनी गोद मे उल्टी लिटाकर मेरे चुतड़ों को फैला कर मेरी गुदा को अपनी उंगली से दबा-दबा कर उसके अंदर थूक लगाने लगे और जब मेरी गुदा थोड़ी खुलने लगी तब तुमने ढेर सारा थूक मेरी गुदा और अपने मोटे लंड पर लगा लिया जब मेने तुम्हारा थूक से सना लंड पहली बार देखा तो मे देखती ही रह गई,

हरिया- तेरा मन ज़रूर मेरे लंड को पकड़ने का हुआ होगा

मीना- हाँ हुआ तो था पर जब तुमने अपने थूक मे भीगे लंड को मेरी गुदा मे लगा कर दबाया तो मुझे इतना दर्द हुआ

कि मेरा मन करने लगा कि मे तुम्हारे लंड को पकड़ कर खा जाउ पर तुमने बिना परवाह किए एक दम से मेरी गान्ड मे

अपने मोटे लंड को ढका दिया और तुम्हारा आधे से ज़्यादा लंड मेरी मोटी गान्ड मे फस गया और मेरी गान्ड से खून

निकलने लगा मे दर्द के मारे चिल्लालने लगी तो तुमने मेरा मुँह दबा कर एक ऐसा झटका दिया कि तुम्हारा पूरा लंड मेरी

गान्ड मे घुस गया और मे बेहोश होते-होते रह गई,

हरिया अपनी बेटी की गान्ड की तरफ लंड करके लेट गया और उसने धीरे से अपने लंड को मीना की गान्ड मे लगा कर धीरे से दबाया और उसके लंड का टोपा सॅट से मीना की तेल से भरी मोटी गान्ड के छेद मे धस गया और मीना आह बाबा अब तो तुम जब भी मेरी गान्ड मे लंड डालते हो मुझे इतनी मीठी-मीठी खुजली होती है कि क्या बताऊ,

एक हाथ से मेरे दूध दबा कर गान्ड मारो तभी तो मेरी चूत से भी पानी छूटेगा,

हरिया ने एक तगड़ा शॉट मारते हुए अपने पूरे लंड को मीना की मोटी गान्ड मे उतार दिया और फिर हरिया अपनी बेटी की गान्ड के उपर लेट गया जिससे उसका बचा हुआ मोटा लंड भी उसकी बेटी की गुदा को फैलाता हुआ अंदर जड़ तक समा गया और मीना ओह बाबा मज़ा आ गया कितना मस्त तरीके से फसा हुआ है तुम्हारा लंड, अब ज़रा तेज -तेज चोदो, उसकी बात सुनते ही हरिया अपनी बेटी की गोरी गदराई गान्ड को खूब मस्त तरीके से ठोकने लगा और मीना नीचे पड़ी-पड़ी कराहने लगी उसकी कराहने की आवाज़ से ऐसा लग रहा था जैसे उसे कितना मज़ा आ रहा हो हरिया अपनी बेटी के मोटे-मोटे बोबे दबाते हुए उसकी गान्ड कोखूब हुमच-हुमच कर चोद रहा था,

क्रमशः.............
 
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गतान्क से आगे......................



हरिया का लंड अपनी बेटी की गुदा मे खूब चिकनाहट के साथ कसा हुआ अंदर

बाहर हो रहा था और हरिया उसे अपनी बाँहो मे दबोचे हुए उसकी गान्ड को खूब तबीयत से ठोक रहा था,

हरिया को अपनी बेटी की गान्ड मारते-मारते काफ़ी समय हो गया और मीना की गान्ड का छेद पूरी तरह लाल हो चुका था,

मीना अपनी दोनो मुत्ठिया बाँधे अपनी गान्ड को उपर नीचे कर रही थी तभी हरिया ने उसके नीचे हाथ लेजा कर उसकी चूत

को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और इस तरह जब वह अपनी बेटी की चूत को दबोच-दबोच कर उसकी गान्ड मे अपना मोटा लंड पेलने लगा तो उसे मस्त मज़ा आने लगा और उसे लगने लगा जैसे उसकी बेटी की गुदा खूब कस-कस कर उसके लंड को दबाते हुए उसका सारा पानी निचोड़ लेना चाहती हो वह अपनी बेटी की पीठ पेर लेट कर एक हाथ से उसके दूध और दूसरे हाथ से उसकी चूत को दबाते हुए उसकी गान्ड को चोद रहा था और जब मीना की चूत से भी पानी बहने लगा तब हरिया ने अपनी दो उंगलिया मीना की चूत मे डाल कर उसकी मोटी गान्ड मारना शुरू कर दी और मीना आह बाबा आह बाबा करती हुई सीसीयाने लगी

हरिया से अब रहा नही जा रहा था और उसने मीना की गान्ड को खूब कस कर ज़ोर-ज़ोर से ठोकना शुरू कर दिया और ताबड़तोड़ दस बीस धक्के मारते हुए अपनी बेटी की मस्तानी गान्ड के छेद मे अपना सारा पानी छ्चोड़ कर उसकी गान्ड मे अपना पूरा लंड जड़ तक दबा कर हाफने लगा, कुछ देर हरिया ऐसे ही लेटा रहा फिर जब मीना थोडा कसमसाई तो हरिया उसके उपर से अलग होकर लेट गया,

मीना- हस्ते हुए अपने बाबा का लंड दबोच कर, क्यो बाबा अब इसकी मस्ती कुछ कम हुई कि अभी और चोद्ना चाहता है

अपनी बेटी को,

हरिया- आज तो तूने सचमुच मस्त कर दिया है बेटी अपने बाप को, जैसा मज़ा तेरी गान्ड और चूत मारने मे आता है वैसा

मज़ा मुझे तेरी मा भी नही दे पाई है, चल अब ज़रा अपने बाबा को चाइ बना कर भी देगी या बस मज़ा ही लेती रहेगी, घर

आया नही कि तूने पूरी तरह थका दिया,

मीना- हस्ते हुए, बड़े भोले ना बनो बाबा खुद तो ना जाने कहा से लंड खड़ा करके आते हो और फिर अपनी बेटी पर

सारी कसर निकाल लेते हो, मे तो खुद अपनी गान्ड मरवा कर थक गई हू अब थोड़ा मुझे अपने साथ सुला लो फिर मे चाइ

बना कर लाउन्गि,

हरिया उसे अपने बगल मे लेटा लेता है और फिर उसकी नंगी चूत और गान्ड को सहलाता हुआ सो जाता है.

शाम को जब कामिनी अपने घर की ओर जाती है तब उसे सुधिया की याद आ जाती है और वह सोचती है क्यो ना सुधिया बहन के यहाँ थोड़ी देर बैठा जाए और वह चंदा को कहती है की तू घर चल मे अभी आती हू, चंदा अपने घर की ओर आ जाती है और कामिनी सुधिया के घर पहुच जाती है,

सुधिया घर के आँगन मे झाड़ू लगा रही थी और निम्मो दूसरे कमरे मे लेटी हुई थी दरवाजे से आती शाम की धूप से

सुधिया का पारदर्शी घाघरा उसके झुकने की वजह से ऐसा लग रहा था जैसे कोई औरत पूरी नंगी होकर झाड़ू मार रही

है, कामिनी दरवाजे पर खड़ी सुधिया की मसल जंघे और उसकी भारी गान्ड को देख कर कुछ जलन महसूस कर रही थी

और मन मे सोच रही थी कि इस घोड़ी की गान्ड और जंघे कितनी मोटी और सुडोल है तभी तो हरिया जब भी उसे चोद्ता है तो अपने मन मे सुधिया की गान्ड की कल्पना करते हुए चोद्ता है और कभी-कभी तो उसके मुँह से भी निकल जाता है हाय सुधिया भाभी कितनी गदराई जवानी है तुम्हारी, अगर मे रामू की जगह तुम्हारा बेटा होता तो रोज तुम्हे रात भर नंगी

करके चोद्ता,

सुधिया- अरे कामिनी तू कब आई

कामिनी- बस दीदी अभी आकर खड़ी हुई हू, और बताओ कैसी तबीयत है तुम्हारी, निम्मो बता रही थी कि तुम्हारे पेरो मे

बड़ा दर्द रहता है,

सुधिया- अरे क्या बताऊ कामिनी अब उमर भी ढलने लगी है दर्द तो रहेगा,

कामिनी- हस्ते हुए, अरे अभी तो तुम्हारी जवानी मे असली निखार आया है और तुम कहती हो कि उमर ढलने लगी है

सुधिया- तुझे ना जाने कहाँ मेरे शरीर मे निखार दिख रहा है, जब कि मुझे तो बुढ़ापे ने आकर जकड़ना शुरू कर

दिया है,

कामिनी- अब छ्चोड़ो भी सुधिया दीदी मुझसे सच ना उगलवाओ, क्या मे नही जानती कि जब तुम घर से बाहर निकलती हो तो जीतने मर्द और आजकल के लोंडे तुम्हारी गदराई जवानी देखते है तो बस उनका हाथ सीधे अपने लंड पर चला जाता है और वह सब तुम्हारी मोटी गान्ड को देख-देख कर अपने लंड मसल्ने लगते है,

सुधिया- मुस्कुरकर चुप कर बहशरम कही कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा, लगता है तेरे मरद ने तुझे भी रणडिबाजी के

सारे हुनर सिखा दिए है, तेरा मरद तो जब देखो अपने लंड को ही मसलता रहता है सच मे उसके जैसा चुड़क्कड़ और

लंडखोर आदमी इस पूरे गाँव मे कोई नही होगा.

कामिनी- एक मर्द है जो मेरे मरद से भी चार गुना आगे है,

सुधिया- ऐसा कौन मरद है जो तेरे हरिया से भी ज़्यादा चुदासा हो और औरतो की गान्ड और चूत मारने और चाटने के लिए

दिन रात पागल रहता हो

कामिनी- है एक मरद पर तुम यकीन नही करोगी

सुधिया- अरे बताएगी तब तो यकीन होगा कि बिना जाने ही यकीन कर लू

कामिनी- अरे और कोई नही बल्कि तुम्हारा बेटा रामू

सुधिया- उसकी पीठ मे मारते हुए चुप कर कुतिया जो मुँह मे आया बक देती है मेरा बेटा इतना सीधा है और तो उसके बारे

मे इतनी बकवास कर रही है,

कामिनी- अगर मे झूठ बोलू तो मेरा सर और तुम्हारा चप्पल

दोनो की बाते सुन कर निम्मो उठ कर बैठ जाती है और अपने कान वापस उन दोनो की बातो मे लगा देती है,

सुधिया- ऐसा क्या देख लिया तूने मेरे बेटे के बारे मे

कामिनी- मुँह बनाते हुए रहने दो दीदी, तुम एक तो सच्चाई सुन नही पाती हो और अगर सुनती हो तो मुझ पर बिगड़ती हो

जैसे मे अपने मन से सब कह रही हू, तुम्हे यकीन ना हो तो मेरे पास और भी कई लोग है जो मेरी बात को सच ही कहेगे

सुधिया- अच्छा अब बता भी ऐसा क्या देखा तूने

कामिनी- आज जब मे तालाब के पास से गुजर रही थी तब मेने देखा रामू एक पेड़ के पीछे छुपा हुआ था और तालाब मे

नहाती हुई गाँव की नंगी औरतो को घूर-घूर कर देख रहा था और साथ ही उसका हाथ तेज़ी से हिल रहा था, मेने जब

चुपके से थोड़ा पास जाकर देखा तो मेरी सांस एक दम से रुक गई, तुम्हारे बेटे रामू का मोटा घोड़े जैसा लंड देख कर

तो सच मानो मेरी चूत से भी पानी बह निकला, सच दीदी रामू का लंड बहुत लंबा और मोटा है बिल्कुल किसी मोटे से गन्ने

जैसा तना हुआ था और वह उन औरतो को देख-देख कर अपने लंड को खूब हिला रहा था,

सच दीदी मे तो रामू के मोटे लंड को देख कर पागल हुई जा रही थी मेरा दिल कर रहा था कि उसे अभी अपने मुँह मे भर

कर खूब कस कर चुसू और फिर उसे अपनी चूत मे जड़ तक घुसा लू,

सुधिया- बेशरम कही की बड़ी आई मेरे बेटे का लंड चूसने वाली, अरे अब वह भी जवान हो गया है तो उसका भी मन

औरतो को नंगी देखने का तो करेगा ही, इसमे कौन सी बड़ी बात है जो तू मेरे बेटे की तुलना अपने पति से करने लगी है, तेरा हरिया तो कौन नही जानता है कि एक बार खेत मे वह मीना की चूत सहला रहा था और गाँव के किसी आदमी ने उसे देख लिया था,

कामिनी- अरे तो रामू कौन सा शरीफ है वह भी तो जब चिलम पी लेता है तो उसे ऐसा नशा चढ़ता है कि उसे बस चूत और गान्ड ही नज़र आती है फिर चाहे जिसकी हो, तुम नही जानती कल जब निम्मो झाड़ियो के पीछे बैठ कर पेशाब कर रही थी तब रामू छुप कर अपनी बड़ी दीदी की चूत और गान्ड को बड़े प्यार से निहार रहा था,

सुधिया- अरे ग़लती से मेरे बेटे की नज़र पड़ गई होगी नही तो वह अपनी बहन को कभी ऐसी नज़रो से नही देख सकता है,

कामिनी- अरे क्या नही देख सकता है, तुम्हे उस पर इतना यकीन है, जबकि मे तो कहती हू एक बार कभी उसके सामने अपना घाघरा उठा कर दिखा देना फिर देखना वह तुम्हारे पीछे भी पागलो की तरह पड़ जाएगा,

सुधिया- रहने दे, वह तो रोज ही मेरे साथ सोता है पर उसमे तेरे आदमी जैसे गुण नही है,

कामिनी- अच्छा तो फिर रात को थोड़ा ध्यान देकर सोना और फिर देखना रामू तुम्हारी मोटी गान्ड मे बिना हाथ फेरे नही

रह पाता होगा, कही ऐसा ना हो कि उसका लंड तुम्हारी चूत मे घुस जाए और तुम सोती ही रह जाओ,

सुधिया- हस्ते हुए कामिनी तू बहुत कमिनि है, आज क्या रामू की ही शिकायत लेकर आई है,

कामिनी- मुस्कुराकर, अरे दीदी मे शिकायत लेकर कहाँ आई हू मे तो तुम्हारे बेटे की तारीफ कर रही हू एक बार तुम अपने

बेटे का लंड देख लो तो तुम्हारी जवानी फिर से चढ़ने लगेगी, अब अपनी बेटी निम्मो को ही देख लो जब से उसने रामू का लंड देखा है तब से कितनी खोई-खोई रहती है,

निम्मो- कुतिया चाची कितना अनाप शनाप मा के सामने बके जा रही है पता नही और क्या-क्या बाते बना-बना कर

बताएगी, कही यह ना कह दे कि निम्मो तो रामू से अपनी चूत भी मरवा चुकी है,

सुधिया- अपने मुँह मे हाथ रख कर धीरे बोल कामिनी निम्मो अंदर ही सो रही है, पर यह बता निम्मो ने कैसे रामू का

लंड देख लिया,

कामिनी- अब यह तुम निम्मो से ही पुंछ लेना मे चलती हू,

सुधिया- अरे बैठ ना मे चाइ बनाती हू, पहले तू यह बता कि क्या रामू का लंड तेरे मरद से भी बड़ा है

कामिनी- अरे मेरे मरद से बड़ा तो है ही पर मोटा इतना है कि तुम्हारी खुली हुई चूत मे भी अगर घुसे तो पूरी तरह

चूत को कस लेगा,

कामिनी- बहुत चालू चीज़ थी और वह सुधिया के चेहरे को लाल होता देख समझ गई कि अब इसे भी खूब मज़ा आ रहा है

सुधिया- बता ना निम्मो ने कैसे देखा था अपने भाई का लंड

कामिनी- अरे रामू जब अपनी धोती से अपने लंड को निकाल कर मूत रहा था तब निम्मो तुम्हारे खेतो की झोपड़ी के पीछे

खड़ी होकर अपने भाई का मोटा लंड बड़े प्यार से देख रही थी और अपने दूध को अपने हाथो से मसल रही थी,

अंदर पड़ी हुई निम्मो ने सोचा कही चाची और कुछ ना बक दे इसलिए वह जल्दी से उठ कर बाहर आ जाती है और

निम्मो- अरे चाची तुम कब आई

कामिनी- बस आभी आई हू बेटी अब जाउन्गि बहुत देर हो गई है और तेरे काका भी शायद आ गये होंगे

निम्मो- बैठो ना चाइ बनाती हू और फिर निम्मो चाइ बनाने चली जाती है और तभी रामू और रमिया भी घर के अंदर आ

जाते है, रामू के आते ही सुधिया की नज़र रामू की धोती मे उठे हुए उसके लंड की ओर जाती है और सुधिया द्वारा इस

तरह अपने बेटे के लंड की ओर देखने से कामिनी के चेहरे पर एक मुस्कान फैल जाती है,

कुछ देर बाद कामिनी अपने घर चली जाती है और रामू हाथ मुँह धोकर गाँव मे निकल जाता है, और गाँव की चोपाल पर

रात को 8 बजे हरिया काका और उनका एक और जोड़ीदार किसान बिरजू बैठे रहते है और बिरजू चिलम भरने की तैयारी मे रहता है, तभी वहाँ रामू आ जाता है,

हरिया- आओ रामू कितने दिन हो गये बेटवा तुमसे मिले को,

रामू- हा काका बहुत दिनो से हम ने साथ मे दम भी तो नही लगाया है

बिरजू- अरे रामू का तुम भी चिलम पीने लगे हो

हरिया- अरे बिरजू का पागला गये हो, रामू तो हमारे गाँव का शेर है फिर वह भला काहे ना पिएगा, का तुम देखे नही हो

गाँव की लोंड़िया रामू के कसरती बदन को कैसे देखती है,

बिरजू- हाँ ये बात तो तुम ठीक कह रहे हो हरिया भाई,

हरिया- अरे रामू तो इतना जबरदस्त मर्द बन चुका है कि अब इसकी चौड़ी छाती को 40-50 साल की औरते भी देखने लगी है लगता है रामू का बदन देख कर अब बड़ी-बड़ी घोड़ियो की चूत मे भी खुजलाहट होने लगी है,

बिरजू- एक बात कहे हरिया भाई, रामू को हम जब भी देखत है हमे तुम्हारी जवानी के दिन याद आ जाते है

हरिया- अब साले तो का हम अभी बूढ़ा गये है, अभी भी हम किसी कुँवारी लोंड़िया को कस कर चोद दे तो दो घंटे तक

ससूरी पानी नही माँगेगी,

रामू- अरे बिरजू काका यह बात तो हरिया काका बिल्कुल ठीक कह रहे है, उनका शरीर आज भी पहलवानो की तरह सधा हुआ है, लोंड़िया क्या औरतो को भी पसीने छुड़वा देते होंगे हरिया काका,

और फिर तीनो हस्ने लगते है, कुछ देर बाद उनकी चिलम शुरू हो जाती है और लगभग आधे घंटे बाद बिरजू अपने घर

चला जाता है और हरिया और रामू नशे मे मस्त होकर बाते करने लगते है.

रामू आज पूरा मस्त हो रहा था और ना जाने उसके मन मे क्या था कि हरिया काका के नज़र आते ही उसके लंड मे ताव आना शुरू हो गया था

रामू- हाँ तो काका इतने दिन किधर गायब रहे कही किसी के चक्कर मे तो नही गये थे.

हरिया- अरे नही रे बेटा वो क्या था कि मुझे किसी से अपना पैसा लेना था इसलिए शहर तक गया था और वहाँ मेरी बहन

और बहनोई रहते है, बस उन्ही के यहाँ रुक गया था,

रामू- आपकी बहन आपसे छोटी है या बड़ी

हरिया- अरे बेटा बस यू समझ ले तेरी मा की उमर की है और दिखती भी बिल्कुल तेरी मा की तरह ही है, वही गोल भरा हुआ चेहरा वही रस से भरे हुए होंठ, उसके बदन का एक-एक हिस्सा तेरी मा सुधिया की तरह है,

रामू- मुस्कुराते हुए, लगता है काका तुम अपनी बहन से बहुत प्यार करते हो,

हरिया- अरे बेटा हम नही बल्कि हमारी बहना रानी हमसे बहुत प्यार करती है,

रामू- तो क्या स्वागत किया आपकी बहन ने आपके वहाँ जाने पर और आपका जीजा क्या करता है और कैसा लगता है.

हरिया- अरे बेटा मेरा जीजा नाइट शिफ्ट करता है इसलिए शाम को चला जाता है और फिर सुबह ही आता है और रात भर ना सोने के कारण दिन भर सोता है,

और रही बात मेरी बहन के स्वागत की तो वह तो मेरे जाते ही मुझसे लिपट गई और अपने उभरे हुए पेट को मेरे हाथो के

नरम स्पर्श से सहलाने लगी उसके बाद दीदी मुझसे अलग हो गई और मेरे लिए शरबत लेकर आई और मुझे देकर मुझसे

सॅट कर बैठ गई, जब मेने शरबत पी लिया तब दीदी ने वह गिलास उठा कर अंदर रखने जाने लगी तब मेने जब दीदी की साडी मे उठे हुए उनके मस्त कूल्हे देखे तो मेरा लंड बिना खड़ा हुए ना रह सका, दीदी के चौड़े-चौड़े बल खाकर

मटकते चूतड़ देख कर मे तो अपना मुँह अपनी दीदी की मोटी गान्ड मे लगा देने के लिए तड़प उठा,

हरिया- सच रामू अपनी बहन के चौड़े और उठे हुए चूतड़ देख कर मुझे तुम्हारी मा सुधिया की याद आ गई,

रामू- क्या तुम्हारी बहन की गान्ड मेरी मा की गान्ड की तरह लगती है,

हरिया- अरे रामू बेटा अगर तुम अपनी मा को पूरी नंगी कर दो और मे अपनी बहन को पूरी नंगी करके साथ मे खड़ा कर

डू तो दोनो मे कोई अंतर नज़र नही आएगा, दोनो नंगी भी एक दम एक जैसी लगेगी,

रामू- फिर क्या हुआ आपकी बहन के यहाँ

हरिया- फिर रामू जब मेरी बहन वापस आई तो मे देख कर मस्त हो गया उसने एक पतली कपड़े की मॅक्सी पहनी हुई थी और उसमे उसका पूरा बदन साफ उभर कर दिखाई दे रहा था, मेरा लंड पूरी तरह से अपनी धोती मे तना हुआ था, तभी उसने मेरे पास आकर मुझसे कहा चलो भैया नहा लो, मेने कहा नही मे कपड़े नही लाया हू जब कि मे धोती के अंदर

पूरा नंगा था, दीदी ने एक झटके मे मुझे उठा कर मेरी धोती खोल दी और फिर मेरे लंड को निकाल कर चूसने लगी उसकी

चुसाइ ने मुझे मस्त कर दिया फिर सबसे पहले मेने उसे घोड़ी बना दिया और अपनी दीदी की मोटी गान्ड पर जब अपना हाथ फेरा तो मेरा लंड झटके मारने लगा, मेने झुक कर उसकी चूत की मोटी उभरी हुई फांको को अपने दोनो हाथो से फैला

कर अपनी जीभ डाल दी, जैसे ही मुझे उसकी फूली हुई चूत को चाटने का मोका मिला मेने अपना पूरा मुँह उसकी फूली हुई चूत मे लगा दिया और चाटने लगा,

दीदी ने मस्त होकर मुझसे अपनी चूत चटवाई उसके बाद मेने दीदी की चूत मे पीछे से ही अपना लंड पेल दिया और कस-कस कर दीदी को चोदने लगा, इस तरह रामू मे जितने दिन रहा मेने दीदी की खूब जम कर चुदाई की है, अभी भी उसकी फूली हुई चूत से मेरे लंड का दर्द पूरी तरह से मिटा नही होगा,

सोचो रामू जब हमरी बहन पूरी नंगी होने पर इतनी मस्त जवान नज़र आती है तो तुम्हारी मा सुधिया की गदराई जवानी

नंगी होने पर कैसी नज़र आती होगी,

रामू - यह तो आप बिल्कुल सही कह रहे है काका, मेरा लंड भी मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर तन जाता है,

हरिया- पर रामू ऐसे मस्त चूतड़ जब तक चोदने को ना मिले मज़ा नही आएगा,

रामू अपने लंड को मसलता हुआ मस्त हो रहा था उसे चूत और मोटी गान्ड के सिवा कुछ दिखाई नही दे रहा था,

हरिया ने एक नई चिलम बना कर रामू की ओर बढ़ते हुए, ले बेटा इस चिलम को पी कर जब तू घर जाएगा तो तुझे तेरी मा सुधिया पूरी नंगी नज़र आने लगेगी और बस तेरा दिल यही करेगा कि उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी गान्ड मे लंड डाल दे, रामू ने दम लगाना शुरू कर दिया और हरिया काका उसके लंड को अपनी बातो से झटके मारने पर मजबूर कर रहा था,

रामू- काका तुम्हारी दीदी की चूत कैसी है क्या वह अपनी चूत हमेशा चिकनी रखती है,

हरिया- अरे मेरी बहन की चूत एक दम चिकनी रहती है और मे जब उसकी फूली हुई चूत को देखता हू तो मेने जितनी भी

चूत चोदि है उन सब से सुंदर नज़र आती है, सच रामू तेरी मा सुधिया की चूत भी वैसी ही फूली हुई होगी, जब तू अपनी

मा की चूत मे हाथ फेरेगा तो मस्त हो जाएगा, तेरा दिल करेगा कि उस पाव रोटी की तरह फूली छूट को खूब चाते और खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से चोदे,

हरिया- रामू अगर तेरी मा ने तेरा लंड देखा होगा तो वह भी तुझसे अपनी चूत ठुकवाने के लिए तड़पति तो ज़रूर होगी,

रामू- नही काका मा ने मेरा लंड अभी तक नही देखा है,

क्रमशः.............
 
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हरिया- अरे तो फिर देर किस बात की है रात को ही जब तुम सो जाओ तब अपनी धोती से अपने लंड को निकाल कर सोना, तुम्हारी मा जब भी उठेगी उसे तुम्हारा मोटा लंड नज़र आ जाएगा, और वैसे भी तेरी मा ने बहुत समय से लंड लिया नही है इसलिए देखना वह तेरा लंड देखते ही उसे पकड़ने को तरसने लगेगी, तेरी मा की उमर मे औरतो की चूत की खुजली कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है, तेरी मा की उमर मे औरतो को खूब चूत मरवाने का मन करता है, तूने कभी गौर नही किया होगा तेरी मा रात को ज़रूर अपनी चूत सहलाती होगी,

रामू- पर काका उसने भी मुझे कभी अपनी चूत नही दिखाई

हरिया- अरे ऐसा हो ही नही सकता, तूने ध्यान नही दिया होगा, औरते तो काम करते-करते भी बीच-बीच मे अपनी चूत को

मसल लेती है, तू देखना जब तेरी मा अपने पेर फैला कर खाना बनाती होगी तब तू उसके सामने बैठ कर देखना ज़रूर वह

बीच-बीच मे अपनी चूत को भी सहला लेती होगी,

रात को 11 बजने को थे और रामू और हरिया की बाते ख़तम होने का नाम नही ले रही थी, फिर हरिया ने कहा देख भाई

मुझे तो अब चोदने का मन कर रहा है और मे घर जाकर चूत मारूँगा, तुम रामू अपना जुगाड़ जमाओ नही तो बस रोज

लंड पकड़ कर ही सोना पड़ेगा, चलो अब चला जाय और फिर दोनो अपने -अपने घर की ओर चल देते है

रामू नशे मे धुत होकर अपने घर पहुचता है और दरवाजा बजाता है,

सुधिया- क्यो रे इतनी रात तक कहाँ घूम रहा था

रामू- वो मा बस चौपाल पर बैठा था,

सुधिया- दरवाजा लगाते हुए मुझे सब मालूम है उस कमिने हरिया की संगति जो पकड़ी है तूने तो अब तो रात को ऐसे ही

देर से लोटेगा, क्या कह रहा था वह कमीना, तुझे कुछ उल्टा सीधा तो नही सिखा रहा है

रामू- नही मा वो भला मुझे क्या उल्टा सीधा सिखाएगा, और फिर रामू निम्मो के बगल मे लेट जाता है, निम्मो के दूसरी

तरफ रमिया सो रही थी और उसकी स्कर्ट उँची उठ जाने से उसकी गान्ड लगभग साफ नज़र आ रही थी, सुधिया आकर रामू के बगल मे लेट जाती है, निम्मो भी लग रहा था कि गहरी नींद मे है, रामू अपनी मा और बड़ी बहन के बीच लेटा हुआ हरिया काका के बारे मे सोचने लगा था,

सुधिया- रामू की और मुँह करके धीरे से ता कि ज़्यादा आवाज़ से निम्मो ना जाग जाए, क्यो रे रामू क्या बाते करता रहता है तू हरिया से,

रामू- कुछ नही मा बस ऐसी ही गाँव घर की बाते और क्या

सुधिया- उसके साथ ना उठा बैठा कर नही तो तू भी उसी की तरह हो जाएगा,

रामू- मा तुम्हे हरिया काका मे क्या बुराई नज़र आती है,

सुधिया- अभी तू बच्चा है नही समझेगा, वह इतना बड़ा कमीना है कि अब तुझे क्या बताऊ, चल अब सो जा सुबह खेतो

मे भी जाना है कि नही और फिर रामू अपना मुँह निम्मो की ओर करके जैसे ही आँख बंद करता है निम्मो रामू का लंड

धीरे से पकड़ लेती है, रामू अपनी आँख खोल कर निम्मो की ओर देखता है और निम्मो धीरे से उसकी ओर मुस्कुरा देती है,

रामू चुपचाप लेटा रहता है क्यो कि उसे सुधिया का डर रहता है और निम्मो अपने हाथ को नीचे से रामू की धोती मे डाल

कर उसका लंड बाहर निकाल लेती है,

रामू नशे की मस्ती मे मस्त था लेकिन अभी चोदने का कोई इंतज़ाम था नही और वह चुपचाप आँखे बंद किए हुआ लेटा

रहता है और ना जाने कब उसकी नींद लग जाती है, उधर निम्मो रामू के लंड को बाहर निकाल कर कुछ देर तक उससे खेलती है और फिर उसकी भी नींद लग जाती है,

सुबह-सुबह जब सुधिया एक दम से उठ कर बैठती है तो उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है और उसका हलक सूखने

लगता है रामू आसमान की ओर मुँह किए सीधा लेटा था और उसका मूसल जैसा मोटा तगड़ा लंड पूरी तरह तना हुआ आसमान की ओर सर उठाए खड़ा था,

सुधिया के तो होश उड़ गये थे उसने कभी सपने मे भी नही सोचा था कि उसके बेटे का लंड इतना मस्त है और वह यह

सोच कर सिहर गई कि रोज रात को वह इतने मोटे लंड के पास सोती है, रामू के लंड की उभरी हुई नशे देख कर और उसका किसी आलू की तरह फूला हुआ सूपड़ा देख कर सुधिया को एक बार अपने दूध को अपने हाथो से मसलना पड़ा, उसका दिमाग़ काम नही कर रहा था कि क्या करे, कुछ देर तक वह रामू के लंड को घूर-घूर कर देखती रही उसके बाद उसने धीरे से एक चादर उठा कर रामू के लंड के उपर डाल दी,

रामू सुबह उठ कर रोज की तरह खेत की ओर चल देता है, आज वह अकेला ही अपनी मस्ती मे चला जा रहा था, जब वह

हरिया के खेत के सामने से गुजरा तब हरिया उसे दिखाई दिया जो खाट पर बैठा चिलम पीने की तैयारी मे था,

रामू- क्या हरिया काका सुबह-सुबह शुरू हो गये, मे तो अगर सुबह से पी लेता हू तो मुझसे पूरा दिन काम ही नही होता

है, तुम पता नही कैसे दम लगा कर भी काम कर लेते हो

हरिया- बचुआ यही अंतर है तुम मे और मुझमे, मे जब भी सुबह दम लगाता हू तो बस यही सोच कर कि आज फलानी की

चूत मारना है, बस जिसको चोदने का सबसे ज़्यादा मन करता है उसकी चूत और गान्ड को दिन भर सोचता रहता हू, तभी तो काम मे भी मन लगा रहता है और मेरा लंड भी बार-बार खड़ा होकर मज़े देता रहता है,

रामू- तुम्हारा मतलब है जिसकी चूत मारने का सबसे ज़्यादा मन करे उसी के ख्यालो मे खोए हुए दम लगा कर काम

करना चाहिए,

हरिया- अब समझा तू मेरी बात

रामू- अरे ये झोपड़ी मे से चूड़ियो की आवाज़ क्यो आ रही है अंदर कोई है क्या

हरिया- अरे तेरी चाची पड़ी है अंदर मत जाना अभी पूरी नंगी ही पड़ी होगी, आज सुबह-सुबह ही उसे चोदने का मन है

इसलिए उससे मेने कहा तू अंदर जाकर पूरी नंगी होकर अपनी चूत और गान्ड मे तेल मल मे अभी दम मार कर आता हू,

रामू- हरिया के पास बैठते हुए लाओ फिर मे भी लगा लेता हू और अपने लंड को मसल्ने लगता है,

हरिया- मुस्कुराते हुए क्या हुआ अपनी चाची को नंगी पड़ी सोच कर तेरा लंड खड़ा हो गया क्या,

रामू- झेप्ते हुए नही ऐसी बात नही है,

हरिया- अब हमे ना सिख़ाओ बेटा जब तुम पेदा भी नही हुए थे तब से हम तुम्हारी मा को तालाब मे नंगी नहाते देखते

आए है, सच बताओ अपनी चाची को नंगी जान के ही तुम्हारे लंड मे कड़ापन आया है ना,

रामू- मुस्कुराते हुए जब जानते हो तो पूछते क्यो हो

हरिया- मुस्कुराते हुए, बेटा जानते तो हम यह भी है कि तुम अपनी मा सुधिया की मोटी गान्ड मारने के लिए मरे जा रहे

हो पर हमे भी तो तुम्हारे मुँह से ही सुनने मे अच्छा लगता है,

रामू- अरे काका वह तो एक सपने जैसा है भला हमसे हमारी मा क्यो अपनी गान्ड मरवाएगी,

हरिया- बेटा जब तुम्हारी मा तुम्हारा मोटा लंड देख लेगी तो वह उस गन्ने की याद मे ज़रूर प्यासी हो जाएगी,

अरे बेटा यही तो इस गन्ने की मिठास है कि जब कोई औरत एक बार इस गन्ने को देख लेती है तो तन्हाई मे बिना इस गन्ने को याद किए नही रह पाती है,

रामू- अरे काका वो कॉन लोग हमरी तरफ़ चले आ रहे है

हरिया ने जब मुँह घुमा कर दूसरी ओर देखा तो, अरे यह तो हमारे समधी आ रहे है आज बहन्चोद इधर का रास्ता

कैसे भटक गये, अरे ओ चंदा की मा अब नंगी ही पड़ी रहोगी या कपड़ा पहन कर बाहर भी आओगी,

कामिनी ने जब अपने पति हरिया की आवाज़ सुनी तो कहा क्या हुआ क्यो अपना गला फाड़ रहे हो

हरिया- अरे बाहर आकर देख तो सही कौन आया है

कामिनी- कौन है

हरिया- लगता है साले तेरी बेटी को वापस लेने आ गये है

हरिया कामिनी को बाहर बुला लेता है और सामने से उसका दामाद और समधी आकर खड़े हो जाते है,

हरिया उन्हे बैठने को कहता है

हरिया- कहिए किशनलाल जी आज कैसे इधर का रास्ता भूल गये

किशनलाल- अरे हरिया भाई हम तुमसे और अपनी बहू से माफी माँगने आए है और हमारा बेटा चाहता है कि हम बहू

को अपने साथ वापस ले जाए अब जो हुआ सो हुआ इन बच्चो का जीवन क्यो खराब हो,

हरिया- अरे हमे तो पहले ही पता था कि एक दिन आप लोग ज़रूर हमारी बेटी को वापस लेकर जाओगे,

हरिया- अरे चंदा की मा जा जाकर मीना को तैयार कर दे जमाई साहब उसे लेने आए है, और रामू बेटवा तुम ज़रा अपनी

चाची के साथ घर तक चले जाओ मे मेहमानो को लेकर पीछे से आता हू,

रामू कामिनी के साथ चल देता है कामिनी अपने भारी चुतड़ों को मटका-मटका कर आगे चल रही थी और रामू उसकी मोटी

गान्ड को देखता हुआ पीछे-पीछे चल रहा था,

रामू- चाची तुम्हारे चूतड़ कितने मस्त है मेरा तो लंड देखते ही खड़ा हो गया है

कामिनी- हस्ते हुए, बेटा जब मेरे चूतड़ देख कर तेरे यह हाल है तो अपनी मा सुधिया के भारी चुतड़ों को देख कर तेरा

क्या होता होगा, सच-सच बता जब भी तेरी मा तेरे सामने रहती होगी तेरा लंड खड़ा ही रहता होगा ना,

रामू- हा चाची वो तो है अब क्या करू मा के चूतड़ है ही इतने भरे हुए कि लंड देखते से ही तन जाता है

कामिनी- बेचारी सुधिया दीदी को क्या पता कि उसका अपना बेटा ही उसकी गान्ड का कितना बड़ा दीवाना है, तू कहे रामू तो मे तेरे लिए तेरी मा से बात करू,

रामू- अरे नही-नही चाची क्यो मुझे जूते खिलवाना चाहती हो जबकि तुम जानती हो मेरी मा कैसी है,

कामिनी- डरता क्यो है बेटा एक बार उसकी चूत कस के मार देगा तो फिर देखना वह दिन भर तेरे लंड को अपने से दूर नही होने देगी,

दोनो बात करते हुए घर की ओर आ जाते है, उनके पीछे से हरिया अपने मेहमानो के साथ आता रहता है तभी सामने से

निम्मो पानी का घड़ा लिए हुए अपने घर की ओर चली जा रही थी.

किशनलाल- अरे हरिया यह लड़की कौन है देखने मे बड़ी सुंदर लग रही है,

हरिया- अरे ये समझ लो हमारी बेटी ही है आप बताओ आप क्यो पूछ रहे हो

किशनलाल इसके लायक एक लड़का है हमारी नज़र मे तुम कहो तो बात चलाऊ

हरिया- अरे नेकी और पुच्छ-पुच्छ, अरे इसकी मा तो कब्से इसकी शादी करने के लिए तैयार बैठी है आप तो बस बात बढ़ा दो बाकी बात मे इसकी मा से कर लूँगा,

इधर हरिया की बेटी अपने ससुराल चली जाती है और उधर हरिया निम्मो का रिश्ता एक अच्छे घर मे करवा देता है जिससे

सुधिया भी हरिया का एहसान मानने लगती है, निम्मो की शादी के बाद हरिया और रामू के परिवार मे दूरी कम हो जाती है

और अब सुधिया भी हरिया के घर आने जाने लगती है,

एक दिन सुधिया कामिनी के घर की ओर चली जा रही थी तभी एक सांड दूसरी ओर से एक गाय के पीछे आया और गाय के पिच्छवाड़े मे मुँह लगा कर चाटने लगा वह जैसे-जैसे गाय के पिछे चाट रहा था उसका लाल और नुकीला लंड बाहर आता जा रहा था फिर तभी सांड अपने दोनो पेर उठा कर गाय के पिच्छवाड़े मे अपना लंड डाल कर चोदने लगा, उस सीन को देख कर सुधिया की चूत मे एक दम से खुजली सी होने लगी, वह चुपचाप कामिनी के घर पहुच गई,

कामिनी- आओ दीदी आज सुबह-सुबह इधर का रास्ता कैसे भूल गई,

सुधिया- अरे घर मे भी तो बोर हो जाती हू इसलिए सोचा तेरे पास ही कुछ टाइम पास करती हू,

कामिनी- अच्छा किया मे भी फ़ुर्सत ही थी, हरिया और चंदा तो सुबह ही खेत पर चले गये

सुधिया- रामू भी रमिया को लेकर सबेरे ही निकल गया है,

कामिनी- तुम सूनाओ अब तो निम्मो के जाने के बाद और भी सूना-सूना लगता होगा,

सुधिया- हाँ पहले निम्मो थी तो उसके साथ ही टाइम पास हो जाता था अब तो घर खाने को दौड़ता है,

कामिनी- रामू का ब्याह क्यो नही कर देती, घर मे बहू आएगी तो तुम्हारा मन भी लगा रहेगा और रामू के भी मज़े हो

जाएगे, तुम देखना रामू दिन भर घर मे ही घुसा रहेगा, पर एक बात कहु लड़की थोड़ी बड़ी उमर की लेकर आना क्यो कि

रामू का मोटा तगड़ा लंड कोई छोटी लड़की नही सह पाएगी,

सुधिया- हस्ते हुए तू तो मेरे बेटे के पिछे पड़ गई है,

कामिनी- अरे अब तुम उसकी मा हो तो तुम क्या जानो अपने बेटे की चाहत को, मुझसे पुछो हरिया मुझे एक-एक बात बता देता है, और रामू अपने दिल की बात हरिया से ज़रूर करता है,

सुधिया- क्या बताया हरिया ने

कामिनी- यही कि तुम्हारे बेटे को औरतो की मोटी गान्ड बहुत अच्छी लगती है, आज कल तो वह चोदने के लिए मरा जा रहा है,

सुधिया- तो क्या रामू हरिया से यह सब बाते कर लेता है

कामिनी- अरे यह तो कुछ भी नही उसका लंड तो सबसे ज़्यादा तुम्हारे मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर खड़ा होता है,

सुधिया- कामिनी की पीठ मे मारती हुई, झूठी कही की भला रामू ऐसा कभी कह सकता है, सुधिया की चूत तो पहले से ही

फूली थी और कामिनी ने ऐसी बाते शुरू कर दी थी कि उसकी खुजली और बढ़ गई थी, उसने जब से रामू का तना हुआ लंड देखा था उसकी चूत रह-रह कर गीली हो जाती थी, शायद इतना मोटा लंड उसने पहले कभी लिया भी नही था,

सुधिया- कभी उसने तुझसे भी मेरे बारे मे कुछ कहा है

कामिनी- कहा तो नही है पर मेने अक्सर उसको तुम्हारे मोटे चुतड़ों की ओर बड़े प्यार से घूरते देखा है,

मुझे तो लगता है उसे अपनी मा ही पसंद आ गई है और वह ज़रूर तुम्हे अपनी कल्पनाओ मे चोद्ता होगा,

सुधिया- चुप कर बेशरम कुछ भी बके जा रही है चल अब मे चलती हू रामू का खाना लेकर खेतो मे जाना है और

फिर सुधिया वहाँ से घर आ जाती है और रामू का खाना लेकर खेतो की ओर चल देती है, वह अपने मन मे सोचती रहती

है कि क्या रामू हरिया से उसके बारे मे बाते करता होगा, आख़िर क्या बोलता होगा

रामू उसका दिल रामू की बाते सुनने को करने लगता है, जब वह हरिया के खेत से होकर गुजरती है तो हरिया और उसकी बेटी को देख कर सन्न रह जाती है, हरिया चंदा को अपनी गोद मे बैठा कर अपनी बेटी की मस्त कसी हुई चुचियो को बेदर्दी से मसल रहा था और चंदा अपने हाथ मे अपने बाबा का मोटा लंड पकड़ कर सहला रही थी, सुधिया यह देख कर सन्न रह गई और छुप कर देखने लगी, हरिया लगातार अपनी बेटी के दोनो दूध को कभी अपने मुँह मे लेकर पीता और कभी अपने हाथो मे भर कर मसल्ने लगता था, चंदा के हाथ मे हरिया का मस्त लंड था और वह बड़े प्यार से उसे सहला रही थी,

सुधिया ने इधर उधर देखा और एक बार अपनी चूत को दबोचते हुए चुपचाप आगे निकल गई और जैसे ही अपने खेत के

गन्नो के बीच पहुचि उसके कान कुछ आवाज़ सुन कर उसे वही रोक देते है और वह चुपके से आवाज़ की ओर बढ़ती है,

रमिया- भैया ऐसे नही, आप खाट पर पेर झूला कर बैठ जाओ और मे नीचे बैठ कर आपका लंड चुसुन्गि,

अपनी बेटी रमिया के मुँह से ऐसी बात सुन कर सुधिया की चूत से पानी आ गया और उसने जब सामने देखा तो उसकी साँसे अपने काबू मे नही रही, रमिया अपने भैया रामू का लंड अपने हाथो मे खूब दबोच-दबोच कर चूस रही थी और दूसरे

हाथ को उसके गोटू के नीचे लेजा कर उन्हे मसल रही थी, रामू अपनी आँखे बंद किए हुए रमिया के दूध जो कि उसकी

शर्ट से पूरे बाहर निकले हुए थे को खूब कस-कस कर मसल रहा था,

सुधिया चुपके से झाड़ियो के पीछे बैठ गई और उन दोनो को देखने लगी

रमिया- भैया अब अच्छा लग रहा है ना

रामू- हाँ मेरी रानी बहुत अच्छा लग रहा है पर अब ज़रा मुझे अपनी गोरी और मोटी गान्ड और उसके नीचे फूली हुई चूत भी दिखा दे,

रमिया- नही भैया पहले मुझे अपनी गोद मे बैठा कर प्यार करो

रामू ने रमिया को उठा कर अपनी गोद मे बैठा लिया और उसके रसीले होंठो को वह उसके दूध दबाते हुए चूस रहा था

उसे देख कर सुधिया पागल हुई जा रही थी, रमिया अपने भाई की गोद मे बैठी उससे अपने दूध दबवा रही थी और अपने

भैया का लंड अपने हाथो मे लिए सहला रही थी,

अचानक रामू को ऐसा लगा कोई छुप कर देख रहा है और रामू ने तिर्छि नज़रो से यह जान लिया कि उसकी मा झाड़ियो के

पीछे छुप कर बैठी है, रामू ने एक पल के लिए कुछ सोचा और फिर उसने रमिया को घोड़ी बना कर उसकी गदराई गान्ड मे

अपना हाथ फेरते हुए,

रामू- रमिया तेरी मोटी गान्ड बहुत अच्छी है, पर मे तुझे चोद-चोद कर तेरी गान्ड और भी मोटी और मजबूत करना

चाहता हू, और फिर रामू ने अपना मुँह अपनी बहन की मोटी गान्ड मे भरते हुए, तू नही जानती रमिया मोटी-मोटी गान्ड

देख कर तेरे भैया का लंड कितनी जल्दी खड़ा होता है, तेरी गान्ड मे बिल्कुल मा की मोटी गान्ड की तरह कर दूँगा,

रमिया- भैया तुम्हे मा की मोटी गान्ड बहुत पसंद है ना,

रामू- हाँ रमिया, अपनी मा की गान्ड सबसे ज़्यादा मोटी और मस्त है,

रमिया- तो क्या तुम मा को भी चोद्ना चाहते हो,रामू- हा रमिया मे मा को पूरी नंगी करके खूब कस कर उसकी गान्ड

मारना चाहता हू पर मा को मेरा ख्याल ही कहाँ है, मे तो उसके गदराए जिस्म से चिपकने के लिए कब से मरा जा रहा हू

पहले तो मा मुझे थोड़ा बहुत अपने सीने से लगा भी लेती थी लेकिन अब जब उसके खुद के बेटे का लंड उसकी मस्त चूत

मारने लायक हो गया है तो वह मुझे अपने करीब भी नही आने देती है,

क्रमशः.............
 
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सुधिया ने जब रामू के मुँह से ऐसी बाते सुनी तो उसका हाथ खुद ही उसकी चूत तक पहुच गया और वह अपनी चूत को


सहलाते हुए सामने देखने लगी,

रमिया- पर भैया तुम तो मा को पूरी नंगी करके उससे चिपकना चाहते होगे ना

रामू- अरे वो तो ठीक है पर मेने अभी तक मा की मस्त चूत भी नही देखी है, मेरा बड़ा मन करता है मा को नंगी

देखने का,

रमिया- भैया तुम मा को नंगी देख सकते हो लेकिन तुम यहाँ खेतो मे आ जाते हो और मा तुम्हारे आने के बाद आँगन

मे बैठ कर कई बार पूरी नंगी ही नहाती है,

रामू- रमिया को अपनी गोद मे अपने लंड पर बैठाता है और रमिया अपनी चूत मे अपने भैया का मोटा लंड एक झटके

मे फसा कर बैठ जाती है, रमिया क्या तूने मा को पूरी नंगी देखा है,

रमिया- हाँ मेने तो कई बार मा को नंगी नहाते हुए देखा है, मा बहुत मोटी और गोरी लगती है,

रमिया- भैया तुम एक काम करो कल खेत पर ना आना और बहाना बना देना कि तुम्हारी तबीयत ठीक नही है, फिर आँगन

के पास वाले कमरे जहाँ अंधेरा रहता है वहाँ से आँगन मे जहाँ मा बैठ कर नहाती है वह बिल्कुल सामने और बहुत

पास मे है, तुम जब वहाँ से मा को नहाते देखोगे तो तुम्हे सब कुछ बहुत साफ दिखाई देगा ऐसा लगेगा जैसे मा

तुम्हारे सामने ही पूरी नंगी होकर नहा रही है, और तुम मा को नंगी देख कर मस्त हो जाओगे,

रामू ने रमिया की बात सुनते ही उसकी चूत मे कस कर लंड पेलते हुए, हे मेरी प्यारी बहना कितना अच्छा रास्ता बताया है

तूने, अब तो मा के नंगे बदन की एक झलक तो मुझे मिल ही जाएगी,

रमिया- आह भैया आज कुछ ज़्यादा ही मोटा और बड़ा लग रहा है तुम्हारा लंड लगता है यह मा को नंगी सोच कर और

बढ़ने लगा है,

मा जब नंगी होती है तो बहुत मस्त नज़र आती है तुम कल जी भर कर अपनी मा को पूरी नंगी देखना, तुम नही जानते मा को नहाने मे बहुत देर लगती है, वह खूब रगड़-रगड़ कर नहाती है, तुम्हारा पानी तो वह नहाते-नहाते ही निकाल देगी

सुधिया- अपने मन मे बेशरम कही की मुझे क्या पता था यह रमिया इतनी बड़ी चुदासी रांड़ निकलेगी, कैसे अपनी छोटी

सी गुलाबी चूत मे अपने भैया का इतना मोटा लंड फसा कर उसकी गोद मे चढ़ि हुई है,

रमिया- अपने भैया के मोटे डंडे पर कूदते हुए, भैया तुम्हे मा को सबसे ज़्यादा कहाँ चूमने का मन होता है,

रामू- मेरा दिल करता है कि मा का खूब शृंगार करके सबसे पहले उसके रसीले होंठो को चूमता हुआ उसकी फूली चूत

अपने हाथो मे भर कर खूब दबाऊ और फिर उसे घोड़ी बना कर खूब कस कर उसकी चूत और गान्ड चातू,

रमिया- भैया अब मेरे उपर चढ़ कर चोदो ना, उसकी बात सुनते ही रामू ने उसे खाट पर लेटा दिया और उसकी चूत मे अपना लंड डाल कर उसे चोदने लगा,

रामू- रमिया क्या मा भी मुझसे चुद्वाने के लिए ऐसे ही तड़पति होगी

रमिया- पता नही पर अगर मा तुमसे कुछ ज़्यादा ही चिपकने की कोशिश करे तो समझ लेना कि उसे तुम्हारा लंड चाहिए

वैसे एक दिन रात को मेने उसे अपनी चूत मे उंगली डालते हुए देखा था फिर मे नींद मे थी तो जल्दी ही सो गई,

रामू- मे तो मा को छुने के लिए भी तरसता रहता हू और उसके डर के मारे रात को भी उससे दूर ही सोता हू

रमिया- अरे भैया तुम तो बेकार ही डरते हो मा तो बहुत पक्की नींद मे सोती है रात को तुम उसकी मोटी गान्ड को खूब कस- कस कर भी सहलाओगे तो भी वह उठने वाली नही है, तुम तो उसके पास ही सोते हो जब मन करे मा की चूत और गान्ड अपने हाथो मे भर कर सहला दिया करो , मा के तो दूध भी कितने मोटे-मोटे है तुम्हारा जब दिल करे मा की छातीयो को मसल दिया करो, उसकी फिकर ना करो वह बड़ी मुश्किल मे उठती है,

रामू- तू सच कह रही है

रमिया- हाँ तुम्हे यकीन ना हो तो आज ही पहले पीछे से मा की भारी गान्ड को सहलाना मा एक घाघरा भर तो पहन कर सोती है तुम्हे तो ऐसा लगेगा जैसे तुम मा के भारी चुतड़ों को पूरा नंगा करके ही सहला रहे हो,

अपने दोनो बच्चो के मुँह से अपने बारे मे इस तरह की बाते सुन कर सुधिया अपनी चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल रही थी और उसे रामू का मोटा तगड़ा लंड रमिया की चूत मे आता हुआ साफ दिखाई दे रहा था, जब रामू रमिया को चोद चुका तब उसने रमिया की चूत को पानी से अच्छी तरह धो कर अपने गम्छे से साफ किया और फिर उसकी चूत को जीभ से चाटते हुए

रामू- रमिया तुझे पता है चूत चाटने मे कितना मज़ा आता है,

रमिया- मुझे मालूम है और तुम्हे भी पता है मुझे तुम्हारा लंड चूसने मे कितना मज़ा आता है, तुम्हारा मोटा

लंड जो औरत एक बार अपनी चूत मे ले ले वह मस्त हो जाएगी,

रामू चल अब जल्दी से हाथ मुँह धो ले कुछ देर मे मा आती ही होगी, उसके बाद रामू अपने काम मे जुट जाता है और फिर सुधिया थोड़ा रुक कर अपने चेहरे पर बनावटी हसी लाकर खाट पर बैठते हुए,

सुधिया- बेटे चल आजा और खाना खा ले,

रमिया- मा आज क्या खाना लाई हो

सुधिया- अपने मन मे खुद से बाते करती हुई, कुतिया अभी इतना मोटा लंड खा रही थी तो तेरा पेट नही भरा

रामू और रमिया जब तक खाना खाते रहे सुधिया वही खाट पर आराम से लेटी रही, उसके बाद वह कुच्छ देर रुकी और फिर

घर आ गई, उसका मन बिल्कुल नही लग रहा था और उसकी आँखो के सामने रामू का मोटा लंड रमिया की चूत मे आता जाता नज़र आ रहा था, बड़ी मुश्किल से दिन गुजरा, रात को सब खा पीकर सो रहे थे तब रामू ने धीरे से अपने हाथ को अपनी मा की घाघरे के अंदर कसी हुई मोटी जाँघो पर रख दिया, अपनी मा की मोटी गुदाज जाँघो को छुते ही रामू का लंड तन कर खड़ा हो गया, रामू कुछ देर अपना हाथ रखे रहा और फिर कुछ देर बाद रामू ने अपनी मा की मोटी जाँघो के गोश्त को अपनी हथेली मे भर कर दबोचा तो सुधिया ने अपनी आँखे खोल कर दुबारा बंद कर ली उसकी उठी हुई गान्ड रामू की तरफ थी और वह रमिया की और मुँह करके लेटी हुई थी,

जब रामू ने अपनी मा की मोटी जाँघो को दबोचा तो उसकी हिम्मत और बढ़ गई और उसने धीरे से अपने हाथो को उपर की ओर बढ़ा कर अपनी मा की मोटी और गदराई गान्ड पर रखा तो वह मस्त हो गया, उसकी मा की गान्ड बहुत भरी हुई और मस्त थी,

रामू से रहा नही गया और वह अपनी मा के और करीब सरक गया और अब अपने हाथो से अपनी मा की पूरी गान्ड को सहलाने लगा, अभी वह गान्ड के उभार पर ही अपना हाथ फेर रहा था फिर उसने हिम्मत करके अपने हाथ की उंगलियो को थोड़ा सा अपनी मा की गान्ड के छेद पर दबाया तो उसकी उंगली थोड़ा अंदर की ओर दब गई और अब वह बड़े आराम से अपनी मा की गान्ड का छेद और चूत को भी च्छुने लगा,

सुधिया की चूत से पानी आने लगा और उसकी साँसे तेज होने लगी थी, रामू ने धीरे से अपनी मा के कान मे आवाज़ देकर उसे पुकारा लेकिन सुधिया चुपचाप लेटी रही, रामू अब सुधिया की गान्ड और पीठ से पूरी तरह चिपक गया था और उसने अपना हाथ बढ़ा कर अपनी मा के मोटे-मोटे चोली मे कसे हुए चुचो को थाम लिया और उसके गुदाज चुचियो का मज़ा लेने लगा,

रामू काफ़ी देर तक अपनी मा के दूध को दबाता रहा और कभी उसकी गान्ड और कभी उसके गोरे नंगे पेट पर अपना हाथ

चलाता रहा उसका लंड अपनी मा की मोटी गान्ड मे पूरी तरह धसा हुआ था और अपने बेटे के लंड की चुभन अपनी गान्ड

मे महसूस करके सुधिया मस्त हो रही थी और उसका दिल अपनी चूत को मसल्ने का कर रहा था, रामू सुधिया से चिपका हुआ ना जाने कब सो गया और इसी तारह सुधिया को भी नींद आ गई,

सुबह सुधिया ने रामू को जागते हुए उठाया,

सुधिया- चल बेटा उठ जा सूरज सर पर चढ़ गया है, रामू उठ कर बैठ गया और सुधिया चाइ बनाने लगी, उसने अपने

बाल खोल रखे थे और उसकी चोली के उपर के दो बटन खुले हुए थे उसकी छलकती जवानी ने सुबह से ही रामू का लंड

खड़ा कर दिया, उसे अपनी मा को देख कर लगा कि वह नहाने की तैयारी मे है,

सुधिया चाइ लेकर रामू के पास आई ले चाइ पी और इतना आलस क्यो कर रहा है खेत पर नही जाना क्या

रामू- मा आज कुछ तबीयत ठीक नही लग रही है,

सुधिया- उसके चेहरे को अपने हाथो से छु कर देखते हुए क्या हुआ बुखार तो नही है,

रामू- बस मा थोड़ी कमज़ोरी सी लग रही है, बस आराम करने का दिल कर रहा है

सुधिया- उसे अपने सीने से लगाते हुए अच्छा ठीक है तू जा कर उस कमरे मे सो जा मे यहाँ झाड़ू लगा डू,

रामू अंदर वाले कमरे मे आ जाता है और वहाँ से आँगन की और खुलने वाली खिड़की जो बिल्कुल नीचे की तरफ थी और

आँगन मे जहाँ उसकी मा नहाती थी वह जगह बस खिड़की के दूसरी ओर थी, वहाँ से झाँकने पर दूसरी ओर अगर बैठ भी

जाया जाय तो आसानी से नज़र आ जाए,

रामू ने दरवाजे के पास आकर देखा तो सुधिया झाड़ू मार रही थी और उसकी मोटी गान्ड रामू की ओर थी रामू ने अपने लंड

को सहलाते हुए अपनी मा की मटकती गान्ड का मज़ा लेना शुरू कर दिया,

सुधिया- रमिया ले यह कचड़ा बाहर फेंक कर आ मे नहाने जा रही हू

रमिया- मा तुम नहा लो मे तब तक पड़ोस की चाची के यहाँ से आती हू,

सुधिया रामू के कमरे की ओर आती है और रामू जल्दी से बिस्तेर पर लेट जाता है,

सुधिया- उसके पास आकर बैठते हुए उसके सर पर हाथ फेर कर नींद आ रही है क्या

रामू- हाँ मा पूरा बदन टूट रहा है

सुधिया- अच्छा तू आराम कर मे ज़रा नहा लेती हू और फिर सुधिया ने बाहर का दरवाजा लगा दिया और नहाने चली गई,

सुधिया जानती थी कि रामू आज उसको पूरी नंगी देखना चाहता है इसलिए उसकी चूत पहले से ही खूब फूल चुकी थी और इसलिए उसको भी खूब मस्ती सूझ रही थी, रामू ने अपनी आँखे खिड़की के नीचे के छेद से लगा दी और दूसरी और का साफ नज़ारा देखने लगा दूसरी तरफ उसकी मा उसके इतने करीब लग रही थी कि उसका पूरा भरा हुआ शरीर उसे पागल बना रहा था,

सुधिया ने धीरे से अपनी चोली खोल कर अलग कर दी, रामू ने अपनी मा के बड़े-बड़े गतीले दूध देखे तो वह मस्त हो

गया, सुधिया का भरा हुआ जिस्म देख कर रामू ने अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर सहलाना शुरू कर दिया सुधिया ने

अब अपने घाघरे का नाडा खोला और मन ही मन खुस होते हुए एक दम से अपना घाघरा छ्चोड़ दिया, रामू के सामने उसकी गदराई मा पूरी नंगी खड़ी थी, रामू ने जब अपनी मा की फूली हुई गुदाज चूत और उसका उठा हुआ पेडू देखा तो उसे ऐसा लगा जैसे उसका पानी अभी निकल जाएगा,

सुधिया अब अपने कपड़े उठाने के लिए झुकी तो उसने एक दम से अपनी भारी गान्ड रामू के मुँह की ओर कर दी और रामू अपनी मा की मस्त मोटी गान्ड और उसके नीचे से उसकी खूब उभरी हुई बड़ी-बड़ी फांको वाली चिकनी चूत देख कर मस्त हो गया, सुधिया अपनी नंगी मोटी गान्ड हिलाती हुई झुक कर बाल्टी मे कपड़े गला रही थी और रामू का दिल कर रहा था कि अपनी मा सुधिया के पीछे बैठ कर उसकी मस्त गान्ड और चूत मे अपना मुँह भर कर खूब दबोचे, सुधिया वही पर उकड़ू बैठ कर कपड़े पर साबुन लगा-लगा कर घिसने लगी और उसका मस्त फूला हुआ भोसड़ा और मोटे-मोटे दूध पूरे उसके बेटे के सामने खुले हुए थे,

सुधिया ने कपड़े धोने के बाद उन्हे निचोड़ने के लिए फिर से अपने भारी चुतड़ों को रामू की ओर करके झुक कर कपड़े

निचोड़ने लगी उसके बाद वह आँगन मे नंगी घूम-घूम कर कपड़े रस्सी मे डालने लगी, जब वह पलट कर जाती तो उसके

भारी भरकम चूतड़ देख कर रामू का दिल करता कि अभी जाकर अपनी मा की गान्ड मे पूरा खड़ा लंड पेल दे, और जब

सुधिया वापस उस और आती तो अपनी मा का उभरा हुआ पेट और पेडू देख कर रामू उसके बदन को चूमने के लिए तड़प

उठता था,

सुधिया कपड़े धोने के बाद आराम से एक उँचे से पत्थर पर बैठ गई और अपनी आइडिया रगड़ने लगी, जब वह अपनी जाँघो

को बार-बार फैला कर अपनी आइडिया रगड़ती तब उसकी चूत की फांके बार-बार कभी खुलती और कभी बंद हो जाती, रामू

बराबर अपने लंड को हिला रहा था, सुधिया ने अब साबुन अपनी जाँघो पर लगाना शुरू किया उसकी चूत खूब पानी छ्चोड़

रही थी और वह अपनी जाँघो को अपनी गान्ड और चूत तक खूब घिस-घिस कर नहा रही थी उसने अपने बदन पर पानी डाला और फिर अपने मोटे दूध पर साबुन लगा कर घिसने लगी, वह हर तरह से रामू को अपना नंगा बदन दिखा रही थी, वह जितना अपने बदन को साबुन से मल रही थी उसकी चूत से उतना ही पानी बह-बह कर बाहर आ रहा था, रामू अपने लंड को मसल्ते हुए अपनी मा की नंगी जवानी का रस पी रहा था,

तभी सुधिया ने अपनी जाँघो को पूरा फैला लिया और अपनी रसीली फूली हुई चूत पर पानी डाल कर उस पर साबुन लगाने लगी, उसकी चूत पूरी चिकनी थी रामू सोच रहा था कि मा की चूत पर एक भी बाल नही है और कितनी फूली और गोरी नज़र आ रही है,

तभी सुधिया ने अपनी चूत की फांको को कुछ इस तरह फैलाया कि रामू को अपनी मा की चूत का लाल चिरा हुआ हिस्सा और उसकी चूत का रस से भीगा लाल-लाल छेद नज़र आने लगा, रामू के मुँह मे पानी भर आया, अपनी मा की रसीली चूत देख कर उससे बर्दास्त नही हुआ और उसने वही अपनी मा की नंगी चूत को देखते हुए मूठ मारना शुरू कर दी,

सुधिया ने जब अपनी चूत पर साबुन लगा कर उसे धोया तो वह एक दम से चमक उठी सुधिया ने दो उंगलिया चूत मे डाल

कर थोड़ा रगड़ा और फिर अपनी चूत पर ठंडा पानी डाल कर उसकी गर्मी को कुछ शांत किया, उसके बाद सुधिया ने अपने भारी चुतड़ों पर साबुन लगा-लगा कर मसलना शुरू कर दिया रामू लगातार अपने लंड को आगे पिछे कर रहा था, तभी

सुधिया ने साबुन मे भीगी अपनी एक उंगली को धीरे से अपनी गुदा मे डाल कर रगड़ा और फिर अपन गान्ड मे पानी डाल कर उसे रगड़-रगड़ कर धोने लगी अपनी मा की मस्त गान्ड का गहरा छेद देख कर रामू को लगा कि अभी वह अपना लंड अपनी मा की मोटी गान्ड मे भर कर उसे खूब कस कर चोद दे और उसका एक दम से पानी निकल गया,

रामू ने अपने लंड को दबा-दबा कर अपना माल निकाल दिया और सुधिया ने भी उधर अपने बदन को सूखे कपड़े से पोछ

कर पेटिकोट और ब्लाउज पहन लिया, तभी किसी ने दरवाजा बजाया और रामू जल्दी से अपने बिस्तेर पर आ कर लेट गया,

बाहर रमिया खड़ी थी और मा ने जब दरवाजा खोला तो वह अंदर आते हुए,

रमिया- मा नहा ली क्या

सुधिया- हाँ मे तो नहा चुकी हू तू रामू से जाकर पुच्छ ले कि वह अभी नहाएगा या देर से और फिर सुधिया अपने काम

मे लग जाती है,

रमिया- धीरे से अंदर जाकर सीधे रामू का लंड पकड़ कर, तुमने सुना मा क्या पूछ रही है, कि रामू से पूछ ले कि वह

अपना लंड अभी दिखाएगा या बाद मे,

रामू- रमिया की छोटी पकड़ कर खिचते हुए, बहुत बोलने लगी है कल चल तू मेरे साथ खेत मे कल तुझे बताता हू,

रमिया- हस्ते हुए आह भैया छ्चोड़ो दर्द हो रहा है,

रामू- बिस्तेर से उठ कर नहाने चला जाता है और रमिया जाकर सब्जिया काटने लगती है सुधिया दूर से रामू के कसरती

बदन को देख रही थी फिर सुधिया चुपके से कमरे की अंदर चली गई तब रमिया ने रामू की ओर धीरे से इशारा कर दिया

और रामू ने अपने लंड को धोती से बाहर निकाल कर जब उस पर साबुन लगा कर मसलना शुरू किया तो सुधिया की साँसे तेज होने लगी जब उसके बेटे का लंड अपनी पूरी औकात पर आ गया तो सुधिया की आँखे खुली की खुली रह गई आज भरपूर रोशनी मे वह अपने बेटे का तना हुआ लंड देख रही थी, उसका लाल सूपड़ा बहुत फूला हुआ था और उसके बड़े-बड़े गोटे लंड से पूरी तरह चिपके हुए थे, उसके लंड की मोटी-मोटी नशे पूरी तरह उभर कर दिखाई दे रही थी, सुधिया अपने बेटे के लंड को देख कर मस्त हो गई तभी रमिया ने रामू की ओर मुस्कुराते हुए देख कर आवाज़ लगाई मा ओ मा

सुधिया जल्दी से कमरे से बाहर आकर क्या है रे क्यो चिल्ला रही है,

रमिया- मा पूरी सब्जी काट लू या बचाउ

सुधिया- पूरी काट ले, सुधिया ने इस बार रामू को इस तरफ़ से देखा तब रामू अपने बदन पर पानी डाल कर नहा चुका था,

उस दिन रामू दिन भर बैचेन रहा और आख़िर मे शाम को वह फिर से हरिया काका के पास पहुच गया,

हरिया- आओ रामू आज खेत नही आए थे का बात है

रामू- पहले अपनी चिलम पिलाओ फिर आगे का हाल बताता हू

हरिया ने चिलम बना कर रामू को दी और रामू ने कश लगाना शुरू कर दिया, रामू की आँखे धीरे-धीरे लाल सुर्ख हो

गई और हरिया उसकी नशीली आँखो को देख कर,

हरिया- वाह बेटा अब तुम हमारे बगल मे बैठने लायक हो गये हो बस एक ही कमी है

रामू- वह क्या

हरिया- यही कि तुम अपनी मा को चोदने का सपना देख रहे हो और मे कई सालो पहले अपनी मा को चोद चुका हू,

रामू- क्या बात कर रहे हो हरिया काका,

हरिया- हाँ बेटा यह सच है, फिर हरिया चिलम का एक गहरा कश खीच कर रामू को देते हुए, बेटा हमारी कहानी तो

बहुत लंबी है हम तुम्हे फिर कभी सुनाएगे,

हरिया- तुम अपनी कहो रामू तुम्हारे क्या हाल है, कोई लोंड़िया चोदने को मिलती है या बस हाथ से ही काम चला रहे हो,

रामू- अरे कहा काका कोई चोदने को मिल जाती तो फिर क्या था, उपर से यह चिलम पीकर तो और भी चोदने का मन करने लगता है,

क्रमशः.............
 
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गतान्क से आगे......................


हरिया- देखो रामू तुम हमारी बात समझते नही हो इसलिए तकलीफ़ मे रहते हो,

हम तुमको इतना बढ़िया आइडिया दिए थे कि अपनी बहन निम्मो की कसी मस्त जवानी का रस तुम खुद ही पिलो वह लोंड़िया भी मस्त होकर ससुराल जाती और जब कभी वापस आती तो रात दिन तेरे वारे न्यारे रहते, लेकिन तूने कोई प्रयास नही किया अब अगर असली माल चोद्ना चाहता है तो तेरी मा सुधिया सा मस्त माल चोदने को नही मिलेगा, अभी तेरी मा की चूत मे बहुत उठाव है उसे एक तगड़े लंड की ज़रूरत है, उसके चूतड़ नही देखे, लंड खाने को कैसे तड़प रहे है, सच मे रामू तुम्हारी मा सुधिया तुम्हारे जैसे मोटे लंड से चुद्ने के लिए भीतर ही भीतर तड़प रही होगी,

रामू का लंड अपने पूरे ताव पर था और हरिया उसके बदन मे और भी आग लगा रहा था,

हरिया- रामू मे सच कहता हू तेरी मा सुधिया सा मस्त माल नही है, बस ये है कि तुझे चोदने मे थोड़ी मेहनत करनी

पड़ेगी, काफ़ी हेवी शरीर की है, जब तू उसे पूरी नंगी करके उसके बदन से चिपकेगा ना तो ध्यान रखना तेरा लंड कही

पानी ना छ्चोड़ दे,

रामू- पर काका अब मुझे आगे क्या करना चाहिए,

हरिया- देख बेटा दुनिया के सारे कम रात को ही होते है, तू अब बस रात को अपनी मा के बदन से चिपक कर सोया कर और धीरे-धीरे उसकी मोटी गान्ड और गुदाज जाँघो पर हाथ फेर कर मज़ा ले, उसके जाग जाने से डरना नही, अगर वह जाग भी गई तो पहले कुछ समय तक तेरे सहलाने का आनंद ज़रूर लेगी, तू बस उसे रोज रात को हाथ फेर-फेर कर गरम कर, कोशिश कर की उसकी चूत को सहला सके अगर एक बार तूने उसकी चूत को अपने हाथो मे भर कर सहला दिया फिर तो वह खुद अपनी चूत तेरे लिए खोल देगी,

रामू- काका कहते तो तुम ठीक हो मे करके देखता हू,

रामू हरिया के पास से उठ कर घर आ गया,

रात को जब सब आधे घंटे से लेटे हुए थे तब रामू ने एक करवट लेते हुए अपनी टाँगे अपनी मा सुधिया की मोटी जाँघो

के उपर चढ़ा कर रख दी और हाथ को सुधिया की मोटी छातीयो के ठीक उपर रख दिया,

रामू दो मिनट तक ऐसे ही पड़ा रहा उसका लंड पूरी तरह तन चुका था, उसे यकीन हो गया कि मा गहरी नींद मे सो

रही है, रामू ने अपने मुँह को उसके गालो के पास लाकर उसे चूमते हुए अपने हाथ को उसकी मोटी जाँघो के उपर रख कर

हल्के से दबा दिया, रामू ने जब कोई फ़र्क नही देखा तो वह नीचे सरक कर लेट गया और अपने मुँह को अपनी मा की मोटी गान्ड के पीछे दोनो पाटो के बीच लगा दिया, फिर रामू धीरे से उपर सरक कर आया और उसका धोती मे तना हुआ लंड सीधे सुधिया की मोटी गान्ड की दरार मे उसके घाघरे सहित फस गया, सुधिया थोड़ी कसमसाई लेकिन फिर शांत हो गई,

रामू हिम्मत करके अपनी मा की मोटी गान्ड मे अपने लंड को गढ़ाए हुए चिपका रहा, एक हाथ से रामू अपनी मा सुधिया

के उठे हुए पेट और उसकी गहरी नाभि पर चला रहा था, इधर सुधिया की चूत से पानी बह आया और वह चुप चाप

आँखे बंद किए हुए लेटी रही उसे उसके बेटे के लंड की चुभन अपनी गान्ड मे बहुत अच्छी लग रही थी उसकी चूत से

पानी टपकना तो सुबह से ही शुरू था लेकिन अब तो उसके अंदर की चिकनाहट इतनी बढ़ गई थी कि सुधिया से रहा नही जा रहा था,

रामू ने थोड़ी हिम्मत करके सुधिया के मोटे दूध पर रख कर अपनी मा के दूध को अपने हाथो मे पूरी तरह जैसे ही

भरा ना जाने उसकी कमर ने क्यो ऐसा झटका लिया कि सुधिया उस झटके से एक दम मस्त हो गई, रामू ने जब लंड को एक दम

से अपनी मा की चूत के छेद के उपर ठोकर मारी तो सुधिया की चूत का दाना फड़फड़ाने लगा, इधर रामू ने सुधिया को

पूरी तरह अपनी बाँहो मे भर रखा था और नीचे से अपनी मा की मोटी गान्ड मे अपने लंड को पूरी ताक़त से दबाए हुए

था,

सुधिया एक बुत की तरह चुपचाप करवट लिए लेटी थी लेकिन उसकी चूत ने उसकी जाँघो तक पानी पहुचा दिया था,

रामू अपनी मा के गले और गालो को चूमते हुए धीरे-धीरे उसके दूध दबाने लगा, बीच-बीच मे वह दूध की

मोटाई को महसूस करके दूध कुछ तेज दबा देता था और उसी समय उसकी कमर का दबाव भी अपनी मा की मोटी गान्ड की गहराई मे पड़ जाता था, सुधिया मस्ती मे चुपचाप मज़ा ले रही थी लेकिन अब वह एक ही तरीके से लेटे हुए थक गई थी पर रामू था कि उसे छ्चोड़ने का नाम ही नही ले रहा था, रामू उसे अपनी बाँहो मे पूरी तरह लेने के बाद उसे बड़े प्यार

से सहला रहा था,

तभी दूसरी और लेटी हुई रमिया ने खाँसते हुए अचानक करवट ली तो रामू एक दम से अपनी मा को छ्चोड़ कर अलग हो गया

सुधिया एक ही तरह से लेटे हुए थक गई थी इसलिए उसने भी करवट लेते हुए एक दम सीधे लेट गई और दोनो पेर लंबे कर लिए, अब सुधिया का पतला सा घाघरा उसके घुटनो तक चढ़ा हुआ था और उसके घाघरे के उपर से उसकी फूली हुई चूत का उभार साफ नज़र आ रहा था, रामू करवट लेकर लेटे हुए अपनी मा के घाघरे के उस स्थान को देख रहा था जहाँ उसकी मा की चूत का बड़ा सा उभार साफ नज़र आ रहा था, रामू ने धीरे से अपने हाथ को लेजा कर अपनी मा की फूली हुई चूत के उभार पर रख दिया,

अपनी चूत पर सीधे-सीधे अपने बेटे का हाथ पड़ते ही सुधिया मस्त हो गई और अपने मन मे कहने लगी हे बेटा रामू

लगता है तू आज अपनी मा की जान लेने के इरादे से यहाँ लेटा है,

रामू ने धीरे से अपनी मा की चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोच लिया और अपने मुँह को अपनी मा के मोटे-मोटे दूध

के उपर रख कर उन्हे हल्के-हल्के दबाने लगा, रामू अब बड़े प्यार से अपनी मा सुधिया की चूत को उसके घाघरे के उपर

से सहला रहा था और सुधिया मस्ती मे मस्त हो रही थी, अब रामू का मन अपनी मा की फूली हुई चूत देखने का करने लगा

और वह धीरे से उठा और अपने हाथो से अपनी मा के घाघरे को उपर की ओर सरकाने लगा, वह बहुत आहिस्ते से अपनी मा के घाघरे को उपर की ओर खींच रहा था, सुधिया रामू की इस हरकत से अंदर ही अंदर शर्म से लाल हुई जा रही थी, लेकिन आज उसका भी दिल कर रहा था कि उसका अपना बेटा उसकी गदराई चूत को अच्छे से देख ले,

रामू ने अपनी मा के घाघरे को उसकी मोटी गुदाज जाँघो तक सरका दिया और फिर रामू ने जब अपनी मा की चूत के उपर से उसका घाघरा हटा कर अपनी मा की मस्त गुदाज पॅव रोटी सी फूली चूत को देखा तो उसके लंड से पानी निकलते-निकलते रह गया, रामू पूरी तरह अपनी मा की चूत को खा जाने की नज़र से देख रहा था, और सुधिया उस वक़्त मस्त हो गई जब उसने धीरे से अपनी आँखे खोल कर अपने बेटे की ओर देखा जो कि उसकी फूली चूत को बड़े प्यार से देखे जा रहा था, रामू से सहन नही हुआ और उसने धीरे से अपनी मा की चूत के उपर अपना मुँह लेजा कर उसकी चूत को पहले अपनी नाक से सूंघने की कोशिश करने लगा और जब उसकी नाक मे उसकी मा की मादक नशीली गांध पहुचि तो उससे रहा नही गया और उसने अपनी मा की फूली हुई चूत पर अपना मुँह रख कर उसे अपने होंठो से दबा दिया,

रामू एक दम मस्त हो गया और वह बार-बार अपने मुँह से अपनी मा सुधिया की फूली हुई चूत को दबा रहा था, सुधिया से

रहा नही जा रहा था और अचानक उसने थोड़ी सी टाँगे खोल दी, जब सुधिया ने थोड़ी सी टाँगे खोली तो रामू ने एक दम से

अपना मुँह अपनी मा की चूत से हटा लिया और कुछ देर अपनी मा को देखता रहा, जब उसे कोई परेशानी नज़र नही आई तब उसने अपनी मा की मस्त मोटी जाँघो को सहलाते हुए उसकी दूसरे टांग की मोटी जाँघो को थोड़ा और फैला दिया, और उसके सामने उसकी मा की पानी छोड़ती चूत नज़र आने लगी,

रामू अपनी मा की मस्त फटी हुई चूत देख कर मस्त हो गया, वह धीरे से अपनी मा की चूत को सहला कर देख रहा था उसका दिल उसे चूमने और चाटने का कर रहा था लेकिन वह जानता था कि अगर उसने चूत चाटने की कोशिश की तो उसकी मा जाग जाएगी, रामू मन मार कर चुप चाप लेट कर अपनी मा की चूत और मोटी गान्ड को अपने हाथो से सहलाता रहा और फिर ना जाने कब उसकी नींद लग गई,

उसके सोने के बाद सुधिया ने रामू के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए उसके चेहरे हो चूम लिया और उसे अपने मोटे-मोटे

दूध मे भर कर दबा लिया, सुधिया की पूरी चूत गीली हो रही थी, वह समझ चुकी थी कि रामू उसे चोद्ना चाहता है

लेकिन वह डर के मारे आगे नही बढ़ सका, वह रामू से अपनी चूत मराने के लिए तड़पने लगती है और उसका हाथ अनायास ही रामू के लंड की और चला जाता है, वह धोती के उपर से ही रामू के ढीले हुए लंड को एक बार पकड़ कर महसूस करती है, लेकिन फिर यह सोचती हुई सो जाती है कि कही रामू जाग ना जाए,

सुबह-सुबह रामू खेतो मे जाने के लिए तैयार हो जाता है तभी सुधिया उससे कहती है बेटा मे भी आज तेरे साथ खेतो

मे चलूंगी, आज का खाना बना कर रमिया लेकर आएगी, और फिर सुधिया भी रामू के साथ चल देती है,

हरिया- क्या बात है सुधिया बहन आज तो तुम भी रामू के साथ यहाँ आ गई हो

सुधिया- अरे क्या करू घर भी तो सूना लगता है इन बच्चो के बिना, और कामिनी नही आई क्या,

हरिया- अरे भाभी वह तो दोपहर का खाना लेकर आएगी, अच्छा बेटा रामू थोड़ी देर बाद ज़रा आना हमारा ये हल काम नही

कर रहा है थोड़ा आकर बनवा देना,

रामू- ठीक है काका यह समान रख कर आता हू,

रामू और सुधिया अपने खेतो मे आ जाते है,

सुधिया को खेत मे छ्चोड़ कर रामू हरिया के पास से होकर आने का कह कर चला जाता है और सुधिया खत पर गुम्सुम

सी बैठ जाती है,

हरिया- रामू को देख कर मुस्कुराते हुए, क्या बात है राजा बाबू आज तो तुम लगता है अपनी मा को खेतो मे ही चोदने के मूड से लेकर आए हो, नही तो तुम्हारी मा कभी खेतो मे आती नही है,

रामू- अरे क्या काका, कौन सी मा अपनी चूत मरवाने आई है वह तो ऐसे ही आ गई,

हरिया- बेटा यह बाल धूप मे ही सफेद नही हुए है, ज़रूर तूने रात को कुछ किया है, तभी तो तेरी मा सुबह से ही इतनी चुदासी दिखाई दे रही है, मेने तो तेरी मा का लाल तमतमाया हुआ चेहरा देखते ही समझ लिया था कि उसके मन मे तेरे लंड से चुदने की इच्छा पेदा हो चुकी है और उसकी आँखो के सामने बस तेरा लंड ही लंड नज़र आ रहा है,

रामू- काका तुम ठीक कह रहे हो पर अब आगे मे क्या करू मे ना तो मा को रात को सोते मे चोद सकता हू और ना उससे अभी जा के कह सकता हू कि मे उसकी चूत मारना चाहता हू,

हरिया- और वह भी तुझसे यह तो कहेगी नही कि बेटा मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोद दे,

रामू- वही तो मे कह रहा हू काका अब बात आगे कैसे बढ़े,

हरिया- कुछ सोचते हुए तू एक काम कर एक आधे घंटे से आ मे तब तक अपनी चिलम बना कर तैयार कर लेता हू फिर मे तुझे कुछ उपाय बताता हू,

रामू हरिया के पास से अपनी मा के पास आ जाता है उसकी मा आराम से खेतो मे जाते पाइप के पानी से अपने पेर धो रही थी और रामू उसके पास जाकर बैठते हुए,

रामू- मा गन्ना चुसेगी,

सुधिया- रामू को कातिल नज़रो से देखते हुए, बेटा अब इस उमर मे मे क्या गन्ना चुसुन्गि

रामू- क्यो तेरी उमर को क्या हुआ है, तू तो मस्त तरीके से गन्ना चूस सकती है, तू नही जानती मेने निम्मो दीदी को खूब मस्त गन्ने चुस्वाए है यहाँ,

सुधिया- रामू को मुस्कुराते हुए देख कर, अपनी बहन को गन्ना चूसा कर तेरा पेट नही भरा जो अब अपनी मा को भी गन्ना चूसाना चाहता है,

रामू- अरे मा यहाँ के गन्ने है ही इतने मीठे और रसीले कि तू एक बार चूस लेगी तो इन गन्नो की मिठास कभी नही भूलेगी और तेरा दिल तो मोटे-मोटे गन्ने चूसने का करेगा,

सुधिया- हस्ते हुए अच्छा ला चूसा दे कहाँ है तेरा गन्ना,

रामू का दिल किया कि वह अपनी धोती मे से अपने लंड को निकाल कर अपनी मा के मुँह मे दे दे लेकिन फिर कुछ सोच कर खेतो के बीच से एक मस्त गन्ना तोड़ कर ले आया और अपनी मा को देते हुए ले तू गन्ना चूस मे अभी आता हू और फिर रामू हरिया काका के पास चला जाता है,

रामू जब हरिया काका के खेत मे जाता है तो उसे वह बाहर नज़र नही आते है तब वह आवाज़ लगाता हुआ झोपड़ी की ओर बढ़ जाता है, तभी झोपड़ी के अंदर से हरिया बाहर आकर हरिया- का बात है रामू कुछ काम है का,

रामू- हा काका काम तो है पर तुम का दिन भर चंदा के संग लगे रहते हो,हरिया- आओ खटिया पर चलते है और रामू के गले मे हाथ डाल कर खटिया पर आकर बैठ जाते है, हरिया अपनी चिलम निकाल कर उसे जलाने की तैयारी करने लगता है,

हरिया- देखो रामू जब अपनी मस्त लोंड़िया के साथ हम यहाँ काम करते है तो हमारा लंड तो उसकी गुलाबी जवानी देख-देख कर वैसे ही खड़ा रहता है तो अब तुम ही बताओ जब लंड खड़ा रहेगा तो बार-बार दिल अपनी लोंड़िया को दबोचने का नही करेगा,

रामू-काका आपकी बात तो एक दम ठीक है पर हमारा भी कुछ भला कर दो ना

हरिया- बोलो क्या करना हैरामु- आज मा भी मेरे साथ आई है, तुम ज़रा खटिया पर चंदा को लाकर थोड़ा मज़े करो और मे जाकर मा को किसी बहाने इधर से लेकर निकालूँगा और फिर तुम समझ गये कि नही काका,

हरिया- चिलम जलाते हुए बेटा बात तो तू एक दम ठीक कह रहा है पर कही चंदा के साथ मुझे देख कर तेरी मा ने हल्ला मचा दिया क़ी बाप बेटी पर चढ़ा है तो,

रामू- हस्ते हुए क्या काका अब तुम डरने लगे,हरिया- अरे डर कौन रहा है ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी हो हमे इशारा कर देना हम तैयार हो जाएगे.रामू वहाँ से वापस आता है तो अचानक अपनी मा को खाट से खड़ा होते देख एक दम से गन्ने के पीछे छिप जाता है और देखने लगता है,

सुधिया किसी मस्तानी घोड़ी की तरह चलती हुई अपने घाघरे के उपर से अपनी गान्ड मसल्ते हुए आगे बढ़ती हुई उस और जाती है जहाँ नहाने के लिए पत्थर रखे हुए थे और वहाँ जाकर वह एक दम से अपना घाघरा उपर उठा कर इधर उधर एक नज़र मारती है और फिर अपनी चूत को अपने हाथो से सहलाते हुए देखती है और वही बैठ जाती है,

रामू अपनी मा की मस्त मोटी नंगी गान्ड देख कर पागल हो जाता है और अपने लंड को धोती के उपर से सहलाते हुए अपनी रंडी मा की जवानी को घूर्ने लगता है उसके सामने उसकी मा के भारी चूतड़ साफ खुले नज़र आते है और उसकी चूतड़ की गहराई को देख कर उसका लंड झटके मारने लगता है तभी सुधिया अपने घाघरे को आगे से थोड़ा उपर करके अपनी फूली हुई चूत को देखती है और फिर एक मोटी धार मार कर मूतने लगती है उसके मूतने से रामू के सुनसान खेत मे जब मस्त सीटी की आवाज़ गूँजती है तो रामू के होश खोने लगते है,

सुधिया वही कुछ देर तक मुत्ती रहती है और उसकी चूत से रह-रह कर पेशाब बाहर निकलता है, रामू अपनी मा की मस्त फूली हुई गुलाबी चूत को देख कर अपने लंड को बराबर सहलाए जा रहा था, सुधिया कुछ देर मूतने के बाद वही गड्ढे मे भरे पानी से अपनी चूत को सहला-सहला कर धोने लगती है और रामू अपनी मा की चूत की गुलाबी घाटी को बड़े प्यार से घूर कर देखता हुआ अपना लंड सहला रहा था,

कुछ देर सुधिया अपनी फूली चूत को वही बैठी-बैठी रगड़ती है और फिर खड़ी होकर अपनी चूत को अपने घाघरे से पोंछ कर वापस से खाट की तरफ चल देती है,थोड़ी देर बाद रामू आकर अपनी मा के पास बैठ जाता है और सुधिया इधर-उधर का नज़ारा देखते हुए, बेटे निम्मो ने भी खूब गन्ने चूसे होंगे ना,रामू- हाँ मा दीदी तो मस्त गन्ने चुस्ती थी,

उसे मेने खूब मस्त तरीके से गन्ने चुस्वाए है

,सुधिया- वह कायसेरामू- खड़ा होकर तुझे चूसना है क्या

सुधिया- चूसा दे रामू- तो फिर हमे गन्नो के खेत मे घुस कर कोई मस्त गन्ना ढूँढना पड़ेगा, बोल ढूँढेगी

,सुधिया- पर तुझे भी मेरे पीछे-पीछे आना पड़ेगा,

रामू मे तो तेरे पिछे ही रहूँगा तू खुद मस्त वाला गन्ना ढूँढ लेना, और फिर रामू ने अपनी मा का हाथ पकड़ कर कहा चल और सुधिया उसके साथ चलने लगी,

रामू रुक गया और उसने अपनी मा सुधिया को गन्ने के खेत मे घुसेड दिया, रामू का खेत काफ़ी बड़ा था और खेत के सामने वाले हिस्से मे हरिया का खेत जुड़ा हुआ था और बीच मे गन्नो के कारण दोनो की झोपडिया तक नज़र नही आती थी,

रामू अपनी मा को हरिया की ओर जाने वाले हिस्से मे घुसेड कर उसके पिछे चलने लगा,

रामू- मा कोई गन्ना पसंद आ रहा है

सुधिया- देख रही हू

रामू अपनी मा को एक हाथ से पकड़े हुए दूसरे हाथ से गन्ने हटा-हटा कर आगे बढ़ रहे थे रामू अपने हाथ को कभी अपनी मा की मोटी गान्ड पर फेर देता कभी उसकी नंगी कमर पर और जब सुधिया एक दम से रुकती तो रामू पूरा उसके उपर चला आता था,

अब हरिया काका का खेत बस थोडा ही बचा था, उधर हरिया ने चंदा को अपनी गोद मे बैठा लिया और उसके गाल चूमते हुए उसके मोटे-मोटे दूध दबाने लगा, चंदा अपने बाबा द्वारा इस तरह कस-कस कर अपनी ठोस और मोटी चुचिया दबाए जाने से बहुत चुदासी हो गई थी और उसने अपना हाथ अपने बाबा की धोती मे डाल कर उसका मस्त तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया,

अब चंदा अपने दोनो हाथो से अपने बाबा के लंड के टोपे को कभी उपर कभी नीचे करने लगी जब अपने बाबा के लंड का लाल बड़ा सा सूपड़ा एक दम से फूल गया तब चंदा ने उस फूले सूपदे को एक दम से अपने मुँह मे भर कर रस से भिगो दिया,

चंदा अपने बाबा के लंड को बराबर चूस रही थी और हरिया अपनी बेटी की मोटी गान्ड को फैला कर चाट रहा था, तभी हरिया ने खाट पर बैठे-बैठे चंदा को कमर से पकड़ कर उठा लिया और उसकी दोनो जाँघो को अपने मुँह मे भर कर उसकी चूत और गान्ड को चूसने लगा, नीचे झुकी हुई चंदा ने अपने बाबा का लंड पकड़ कर उसे अपने मुँह मे भर लिया,

चंदा अपने बाबा के सीने से उल्टी होकर चिपकी हुई अपने बाबा को अपनी चूत और गान्ड चटा रही थी और नीचे अपने बाबा का लंड पीते हुए उसके मोटे-मोटे गोटे सहला रही थी,

रामू ने एक दम से अपनी मा सुधिया की मोटी गान्ड को दोनो हाथो से थाम लिया और मा रूको एक मिनिट कुछ आवाज़ आ रही है और अपनी मा के बिल्कुल करीब आ गया, रामू का लंड उसकी धोती मे खड़ा होकर अपनी मा की मोटी गान्ड जो कि सिर्फ़ एक पतले से घाघरे से धकि थी मे घुसने लगा,

क्रमशः.............
 
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गतान्क से आगे......................


सुधिया की साँसे एक दम तेज हो गई और वह मुड़ना चाहती थी लेकिन रामू ने उसकी दोनो बाजुओ को पीछे से कस कर पकड़े हुए अपने लंड को अपनी मा की मोटी गान्ड मे थोड़ा और गढ़ा दिया, सुधिया तो एकदम मस्ती मे झूम उठी,

रामू --मा अब धीरे-धीरे उन तीन चार गन्नो को हटाओ, रामू अपनी मा के गालो से बिल्कुल चिपका हुआ था, सुधिया ने धीरे से दो तीन गन्नो को हटाया और थोड़ा आगे बढ़ी तब रामू ने कहा बस रुक जाओ मा अब बस आगे वाले वो दो गन्ने हटा दो

सामने जो दिखाई दे रहा था वह दो गन्नो के पिछे थोड़ा-थोड़ा नज़र आ रहा था बस उसको ही देख कर सुधिया की नशो मे खून दौड़ पड़ा सुधिया का हाथ जब गन्नो को हटाने के लिए आगे बढ़ रहा था तब उसके हाथ लरज रहे थे तभी रामू ने अपनी मा की कमर मे हाथ डाल कर अपने मोटे लंड को अपनी मा की मस्तानी गान्ड मे तबीयत से गढ़ाते हुए,

मा धीरे से हटाना और जैसे ही सुधिया ने सामने के गन्नो को हटा कर देखा तो उसकी साँसे रुक सी गई हरिया और चंदा एक दूसरे के लंड और चूत को पागलो की तरह चूस रहे थे हरिया खड़ा हुआ था और चंदा को उल्टी टांग कर उसकी जाँघो को फैला कर उसकी चूत और गान्ड चाट रहा था और चंदा नीचे से अपने बाबा का लंड चूस रही थी,

सुधिया ने एक दम से गन्नो को छ्चोड़ दिया तो रामू ने अपनी मा की गान्ड मे अपने लंड को कस कर गढ़ाते हुए मा थोड़ा आगे सर्को मुझे पीछे कुछ चुभ रहा है, सुधिया थोड़ा आगे सरक्ति है और रामू अब थोड़ा आगे होकर अपने हाथो से दोनो गन्नो को हाथ देता है,

रामू और सुधिया दोनो बिल्कुल चुप थे मगर रामू के हाथ अपनी मा की कमर मे हाथ डाले हुए धीरे-धीरे उसके गुदाज पेट पर चल रहे थे, रामू लगातार अपने लंड का दबाव धीरे-धीरे अपनी मा की गान्ड मे बना रहा था,

लेकिन वह यह नही जानता था की उसका लंड उसकी मा के पतले से घाघरे को दबाते हुए सीधे उसकी रस छोड़ती चूत के छेद से भिड़ा हुआ था और सुधिया का घाघरे का वह हिस्सा भी चूत के पानी से पूरा गीला हो चुका था,

सुधिया ने जब रामू के लंड को अपनी चूत के छेद मे गढ़ते महसूस किया तो वह सिहर उठी उसकी चूत का दाना कूदने लगा

सुधिया अब बड़ी बेशर्मी से हरिया के मोटे लंड को देख रही थी और सोच रही थी कि कैसे चंदा अपने बाप का लंड बड़े प्यार से चूस रही है और रामू देख रहा था कि हरिया कैसे बड़े प्यार से अपनी बेटी चंदा की चूत को चूस रहा है,

तभी अचानक हरिया ने चंदा को उतार कर खड़ी करके उसे उल्टी घुमा कर खटिया से पेट के बल लेटा दिया और नीचे बैठ कर उसकी गान्ड को चौड़ी करके अपनी जीभ से चाटने लगा और चंदा हाय बाबा और ज़ोर से चतो आह बाबा बहुत मज़ा आ रहा है, ओह बाबा फाड़ दो अपनी बेटी की गान्ड और चूत को और चूसो खूब कस कर चूसो दबाओ .

रामू ने अपनी मा के भारी चुतड़ों को अपने हाथो मे थाम रखा था और अपने लंड का सारा दबाव अपनी मा की मोटी गान्ड के छेद मे दे रखा था, सुधिया चंदा के मुँह से ऐसी बाते सुन कर पागल हो जाती है और रामू की ओर अपना मुँह घुमा कर उसके गालो से अपने होंठो को सताए हुए कहती है,

सुधिया- रामू बेटा मुझे पेशाब लगी है,

रामू यह सुनते ही खुशी से पागल हो जाता है और अपनी मा की गान्ड मे अपने लंड को दबा कर उसके गालो को चूमते हुए कहता है

रामू- मा धीरे से यही बैठ के कर ले,

सुधिया- यहाँ

रामू- हाँ और कहाँ

सुधिया- लेकिन तू तो मेरे पास खड़ा है

रामू- तो क्या हुआ तू बैठ तो सही और फिर रामू ने सुधिया की बाँहे पकड़ कर उसे मूतने के लिए बैठा दिया, सुधिया ने अपना घाघरा उचा कर लिया और पीछे से रामू ने जब अपनी मा की गोरी-गोरी मोटी गान्ड देखी तो वह मस्त हो गया, रामू तुरंत अपनी मा के पिछे बिल्कुल उससे सॅट कर बैठ गया,

सुधिया- तू क्यो बैठ गया

रामू- अपनी धोती के उपर से अपने लंड को मसल्ते हुए, मा मुझे भी पेशाब लगी है

सुधिया- तो क्या मेरे सामने करेगा,

रामू अपनी धोती से अपने मोटे लंड को बाहर निकालते हुए, मा जब तू मेरे सामने कर सकती है तो मे क्यो नही और फिर रामू अपने मस्त लंड को निकाल कर जब उसकी चॅम्डी उलटता है तो सुधिया उस तगड़े लंड की मोटाई और उसके टोपे की चिकनाहट देख कर मस्त हो जाती है उसकी खुली हुई चूत से पेशाब की जगह चुदास रस निकलने लगता है,

रामू- क्या हुआ मा पेशाब करो ना

सुधिया- उसको खा जाने वाली नज़रो से देखती हुई, मुझे नही आ रही है,

रामू- अभी तो लगी थी रुक क्यो गई

सुधिया- पता नही

रामू- लाओ मे करवा देता हू और रामू ने झट से अपनी मा की चूत मे हाथ डालते हुए उसकी चूत के खड़े दाने को अपनी उंगलियो मे भर लिया, सुधिया रामू की इस हरकत से एक दम से सन्न रह गई रामू ने धीरे-धीरे अपनी मा की चूत को अपनी हथेलियो से सहलाते हुए देखना शुरू कर दिया,

सुधिया की चूत से पानी बहने लगा और रामू उसे बड़े प्यार से सहलाते हुए देखने लगा, सुधिया अपने बेटे

द्वारा इस तरह से अपनी चूत सहलाए जाने से मस्त हो गई और उससे रहा नही गया और उसने रामू के लंड को एक दम से पकड़ लिया,

रामू अपनी मा की इस हरकत से पागल हो उठा और वह अपनी मा की चूत को अपने हाथो से सहलाता हुआ उसके रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर लेता है और दूसरे हाथ से

अपनी मा की मोटी-मोटी छातिया पकड़ लेता है,

सुधिया- पूरी मस्ती से अपने बेटे के लंड को सहलाती हुई आह रामू तू यह क्या कर रहा है तुझे शरम नही आती अपनी मा की चूत को इस तरह सहलाते हुए,

रामू- अपनी की चूत मे दो उंगली खच्छ से भर कर, मा देख हरिया काका कैसे अपनी बेटी चंदा की गान्ड और चूत को अपनी जीभ से प्यार कर रहे है,

सुधिया- आह बेटा आह अरे बेटे वह तो अपनी बेटी की चूत और गान्ड चाट रहा है तो क्या तू अपनी मा को नंगी करके उसकी चूत और गान्ड चाटना चाहता है,

रामू- अपनी मा की पूरी भोसड़ी को अपने हाथो से दबोचते हुए, हाँ मा मे तुझे पूरी नंगी करके खूब कस कर चोद्ना चाहता हू

सुधिया- थोडा सा मुस्कुराकर रामू के लंड को कस कर भिचते हुए, तो क्या तू अपने इस लंड से अपनी मा को अच्छी तरह चोद पाएगा,

रामू- मा पहले तो इस मोटे लंड को मे तेरे मुँह मे देकर चूसाउँगा उसके बाद तेरी चूत को खूब कस कर फाड़ुँगा और फिर अंत मे अपनी मा की यह मस्तानी गान्ड फाड़ुँगा और जानती है मेरा यह लंड कहाँ घुसेगा और फिर रामू अपने हाथ को चूत से हटा कर अपनी मा की गुदा मे लगा देता है और अपनी उंगली अपनी मा की गुदा मे भर देता है,

रामू- मा तेरी गान्ड का छेद तो बड़ा कसा हुआ है मेरा लंड तो बहुत टाइट घुसेगा इसमे

सुधिया- रामू बेटे अब मुझसे नही रहा जा रहा है,

रामू- मा एक बार मूत तो ले फिर चलते है अपने खेत मे

सुधिया- नही बेटे यहाँ मुझसे नही मुता जाएगा तू चल हम खेत मे चलते है फिर वहाँ मे मुतुँगी

रामू- अपनी मा के होंठो को चूम कर मा खेत मे चल कर तुझे अपने बेटे के मुँह मे मुतना पड़ेगा, बोल मुतेगि ना अपने बेटे के मुँह पर

सुधिया- सीसियते हुए हाँ बेटा हाँ आज तेरी मा तुझे पूरी नंगी होकर अपनी चूत का मूत पिलाएगी, तेरी मम्मी खड़ी होकर मुतती जाएगी और तू अपनी मम्मी की मूत से भरी छूट चाटते जाना,

रामू- मा तू नही जानती तेरी चूत से पेशाब पीने के लिए मे कब से तरस रहा हू, सच मा तेरा भोसड़ा बहुत मस्त है,

सुधिया- मेरे लाल आज तू अपनी मा की चूत तब चाटना जब उसकी चूत से मस्त पेशाब की मोटी धार निकलेगी

रामू- मा एक बार खड़ी होकर अपनी चूत मेरे मुँह के उपर रख ना मे यही बैठा रहता हू और तू थोड़ा खड़ी होकर मेरे मुँह से अपनी गान्ड और चूत ऐसे रगड़ कि मे किसी कुत्ते की तरह तेरी चूत और गान्ड को सूंघ कर चाट सकु,

सुधिया- बेटे ऐसे तो मेरा पेशाब तेरे मुँह मे निकल जाएगा

रामू- तो क्या हुआ तू थोड़ा सा मेरे मुँह मे मुँह देना पर पूरा नही बाकी का खेत मे चल कर मुझे पिलाना

सुधिया वही थोड़ा सा खड़ी होती है और रामू अपने मुँह को अपनी मा की भारी गान्ड और चूत के नीचे ले आता है और सुधिया अपनी चूत और गान्ड को अपने बेटे के मुँह पर रगड़ने लगती है, और रामू अपनी जीभ निकाल कर कभी अपनी मा की गान्ड और कभी चूत को चाटने लगता है तभी रामू अपनी मा की चूत के मोटे तने हुए दाने को अपने मुँह से पकड़ कर एक दम से चूसने लगता है,

सुधिया जब देखती है कि उसके बेटे ने उसकी चूत को कस कर अपने मुँह से दबोच लिया है तो मस्ती मे उसकी चूत से पेशाब निकल जाती है और रामू अपनी मा की गान्ड और जाँघो को पकड़े हुए उसका पेशाब चाटने लगता है,

उसके मुँह मे जैसे ही उसका मा का पेशाब का स्वाद जाता है वह किसी पागल कुत्ते की

तरह अपनी मा की चूत को चाटने और चूसने लगता है, सुधिया आज अपने जिंदगी का सबसे मजेदार वक़्त गुज़ार रही थी और अपने बेटे के द्वारा अपनी चूत इतने प्यार से चाटने के कारण उसने थोड़ा रुक कर फिर से थोड़ा सा मुतना चालू कर के फिर से रोक लिया और रामू अपनी मा की चूत की फांको को फैला कर खूब कस-कस कर चाटने लगा,

सुधिया के पेर काँपने लगे और वह एक दम से फिर से नीचे बैठ गई, उधर चंदा ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हुए कह रही थी ओह बाबा थोड़ा और तेज मरो अपनी बेटी की चूत मे ओह बाबा आज फाड़ दो अपनी बेटी की चूत, जब सुधिया ने उधर झाँक कर देखा तो उसके होश उड़ गये हरिया चंदा को अपने लंड पर खड़ा होकर बैठाए था और उसकी जाँघो को थामे उसे हवा मे उठाए अपने मोटे लंड से अपनी बेटी की चूत मार रहा था,

सुधिया उनकी भयानक चुदाई देख कर मस्त हो गई और रामू का लंड ज़ोर से पकड़ कर मसल्ते हुए रामू अब चल बेटा मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है मे बस

तेरे मुँह मे अपनी चूत धर कर मूतने के लिए मरी जा रही हू,

रामू- मा एक बार और अपनी चूत मुझे चटा दे फिर हम चलते है, सुधिया एक दम से अपने दाँत पीसते हुए मस्ती मे आ गई और उसने वही खड़ी होकर अपने हाथ से

अपने बेटे रामू का मुँह खोला और उसमे अपनी चूत का दाना लगा कर एक धार उसके मुँह मे जैसे ही मारी रामू ने अपनी मा की चूत को अपने मुँह मे पूरा भर लिया और सुधिया अपने बेटे की इस हरकत से पागल हो उठी उसने खूब ज़ोर-ज़ोर से रामू के मुँह मे अपनी चूत को मारना शुरू कर दिया और रामू ने अपनी मा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से चूस्ते हुए उसका सारा रस निचोड़ कर चूस लिया.

रामू से अब रहा नही गया और वह सुधिया का हाथ पकड़ कर उसे वापस अपने खेत की ओर चलने का इशारा करता है, सुधिया वहाँ से उठ कर चल देती है और रामू अपनी मा के भारी चुतड़ों को सहलाता हुआ उसके पीछे-पीछे चलने लगता है,

दोनो जब खेत मे आ जाते है, खेत मे आते ही रामू सुधिया को झोपड़ी के अंदर लेजा कर तुरंत उसका घाघरा पकड़ कर उठा देता है और घुटनो पर बैठ कर अपनी मा की चूत चाटने लगता है सुधिया सीसियते हुए रामू के सर पर हाथ फेरने लगती है,

रामू- मा तुझे पेशाब लगी थी ना

सुधिया- खड़ी-खड़ी अपनी चूत अपने बेटे के मुँह से रगड़ती हुई हा बेटे बहुत जोरो की पेशाब लगी है

रामू- मा तो मूत ना

सुधिया-कहाँ

रामू-यही खड़े-खड़े अपने बेटे के मुँह मे अपनी चूत फैला कर मूत दे

सुधिया- अपने हाथो से अपनी चूत खोले नही बेटा मुझे शरम आती है,

रामू- अच्छा तू नीचे बैठ और सुधिया को नीचे बैठा कर अपना हाथ अपनी मा की चूत मे लेजा कर उसे धीरे-धीरे सहलाते हुए, एक हाथ से अपनी मा की गान्ड को सहलाना शुरू कर देता है सुधिया से बर्दास्त नही होता है और वह फिर से खड़ी हो जाती है,

रामू सीधे अपना मुँह अपनी मा की चूत के ताने हुए दाने से लगा कर चाटते हुए, ले मा अब मुँह और अपना हाथ पीछे लेजा कर अपनी मा की गान्ड को दबोचते हुए उसकी गुदा मे उंगली भर देता है सुधिया बिल्कुल पागल हो जाती है और अपनी चूत से खड़े-खड़े एक लंबी धार मार देती है रामू जब अपनी मा की चूत से मोटी पेशाब की धार निकलते देखता है तो वह अपना मुँह अपनी मा की चूत मे लगा कर पागलो की तरह चाटने लगता है,

रामू अपनी मा की चूत की फांको को दोनो हाथो से फैलाकर उसकी चूत के दाने से रिस्ते पानी को अपनी जीभ से दबा-दबा कर जैसे-जैसे चूस्ता है सुधिया उह आ ओ बेटे करने लगती है, रामू उसकी एक टांग को उठा कर अपने कंधे पर रख लेता है और फिर अपनी मा की पूरी चूत को सूंघते हुए अपनी जीभ चूत के छेद मे भर-भर कर उसका रस चूसने लगता है,

सुधिया अपने हाथो से अपनी चूत को और फैला देती है और रामू बड़े आराम से अपनी मा की चूत को चूस्ते हुए अपनी मा की गुदाज गान्ड को दबाता हुआ उसके छेद मे उंगली डाल-डाल कर सहलाता रहता है

रामू अपनी मा की चूत चूस-चूस कर उसे लाल कर देता है और सुधिया की टाँगे काँपने लगती है वह सीधे ज़मीन मे लेट जाती है और रामू को अपने उपर खीच लेती है,

क्रमशः.............
 
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रामू अब ज़रा भी देर नही करता है और अपनी मा की मोटी जाँघो को फैला कर जब अपनी मा की फूली हुई गुदाज चूत देखता है तो पागल हो जाता है और अपनी मा की चूत की फांको को खूब फैला-फैला कर चाटना शुरू कर देता है, सुधिया अपनी मोटी गान्ड उचका-उचका कर अपने बेटे का मुँह अपनी चूत पर दबाने लगती है,

रामू अपने मुँह मे अपनी मा की चूत पूरी भर कर खूब कस-कस कर चूसने लगता है और सुधिया अपनी चूत उसके मुँह पर रगड़ते हुए पानी छ्चोड़ देती है, रामू सारा पानी चाटने के बाद अपनी मा की चूत को उपर अच्छे से उभार कर अपना मोटा लंड अपनी मा की चूत के छेद मे लगा कर एक कस कर धक्का मरता है और उसका लंड उसकी मा की चूत मे पूरा एक ही बार मे समा जाता है,

रामू अपनी मा के उपर चढ़ा कर उसके दूध दबोचते हुए उसकी चूत को कस-कस कर चोदने लगता है, सुधिया आह बेटे आह करती हुई नीचे से अपनी गान्ड उठा-उठा कर अपने बेटे के मोटे लंड पर मारने लगती है, रामू अपनी मा पर चढ़ा कर खूब कस-कस कर उसकी चूत कूटना शुरू कर देता है सुधिया अपनी दोनो टाँगो को उठाए

अपनी चूत मे अपने बेटे का लंड खूब कस-कस कर लेने लगती है,

थोड़ी देर बाद रामू अपनी मा को घोड़ी बना देता है और जब उसकी मोटी गान्ड को देखता है तो सीधे अपना मुँह अपनी मा की गान्ड से लगा कर चाटने लगता है वह कभी अपनी मा की गान्ड को चाट्ता है आर कभी थोड़ा नीचे मुँह लेजा कर उसकी फूली हुई चूत के छेद को पीने लगता है,

सुधिया अपने बेटे द्वारा इस तरह अपनी गान्ड और चूत चाटने से मस्त हो जाती है तभी रामू अपना लंड पकड़ कर अपनी मा की चूत मे पीछे से कस कर पेल देता है और सुधिया आह हाय बेटे बड़ा मस्त लंड है तेरा चोद और चोद अपनी मा को खूब कस-कस कर चोद आज फाड़ दे अपनी मा की मस्तानी चूत को खूब तेज ठोकर मार अपने लंड की फाड़ दे बेटे फाड़ दे अपनी मा की चूत को आह आह आहह,

रामू अपनी मा की चूत मार-मार कर मस्त लाल कर देता है और फिर रामू अपने लंड को बाहर निकाल कर बड़े प्यार से अपनी मा की चूत को चाटने लगता है वह सुधिया को पूरी तरह मुँह के बल ज़मीन से सटा कर उसकी गुदज मोटी गान्ड को उपर उठा कर अपनी मा की गान्ड के छेद मे थूक लगा-लगा कर पहले अपनी एक उंगली डाल कर चूत चाटने लगता है

फिर रामू अपनी दो उंगलिया अपनी मा की गान्ड मे डाल कर उसकी चूत के गुलाबी और रसीले छेद को चूसने लगता है,

सुधिया मस्ती मे झुकी हुई अपने भारी चूतड़ मतकती रहती है और सीसियती रहती है,

तभी रामू पास मे रखी तेल की शीशी से तेल डाल कर अपनी मा की गुदा मे उंगली से अंदर तक ठुसने लगता है वह अपनी मा की गान्ड के छेद को अपनी उंगलियो से तेल लगा-लगा कर खूब चिकना कर देता है

फिर रामू अपने मोटे लंड को पूरा तेल मे भिगो कर अपने लंड के टोपे को अपनी मा की तेल मे सनी हुई गुदा से सटा कर अपनी मा के चुतड़ों को अपने हाथो मे कस कर थाम लेता है और फिर कचकचा कर एक तगड़ा धक्का अपनी मा की गान्ड मे मार देता है और उसका आधे से ज़्यादा लंड फिसलता हुआ उसकी मा की गान्ड मे समा जाता है,
सुधिया अपने बेटे के द्वारा ऐसा तगड़ा धक्का अपनी गान्ड मे खाने के बाद एक दम से हाय मर गई रे आह रामू बहुत मोटा लंड है बेटे तेरा आह आह आ

रामू अपनी मा की बात सुन कर अपना लंड थोड़ा सा बाहर खींच कर एक जबरदस्त शॉट

अपनी मा की गान्ड मे मार देता है और उसका पूरा लंड उसकी मा की गान्ड मे उतर जाता है और सुधिया का बदन ऐथ जाता है, अब रामू धीरे-धीरे अपने लंड को अपनी मा की गान्ड मे आगे पीछे करने लगता है, धीरे-धीरे सुधिया भी अपने चुतड़ों को पीछे की ओर धकेलने लगती है, आह बेटे आह रामू बहुत अच्छा लग रहा है,

रामू अब अपने लंड की रफ़्तार को थोडा बढ़ा कर सतसट अपनी मा की गान्ड मे अपने मोटे लंड को पेलने लगता है, रामू अपनी मा की मोटी-मोटी जाँघो को सहलाते हुए उसकी गान्ड को खूब कस-कस कर ठोकने लगता है,

अब रामू अपने परो के पंजो के बल बैठ कर अपनी मा सुधिया की गान्ड की मस्त ठुकाई चालू कर देता है और सुधिया आह आ करती हुई रामू का लंड अपनी गान्ड मे लेने लगती है,

जब सुधिया से रहा नही जाता है तो वह एक दम से ज़मीन पर पसर जाती है रामू सीधे अपनी मा की गान्ड पर लेट जाता है और नीचे हाथ लेजा कर अपनी मा की फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोच लेता है और फिर से अपनी मा की गान्ड मे अपने लंड को खूब गहराई तक डालने लगता है, रामू लगभग आधे घंटे तक अपनी मा की मोटी गान्ड मार-मार कर लाल कर देता है और फिर उसका पानी उसकी मा की मोटी गान्ड मे छूट जाता है,

सुधिया उठ कर रामू के लंड को किसी कुतिया की भाँति सूंघते हुए चूसने लगती है और रामू अपनी मा को पूरी नंगी करके उसके मोटे-मोटे दूध उसके गुदाज पेट और उसकी चूत मे खूब सारा तेल लगा कर उसे खूब चिकनी कर देता है उसके बाद रामू सुधिया को अपने सीने से चिपका कर उसकी चूत मे अपना लंड फिर से पेल देता है और अपनी मा के होंठो को पीते हुए उसके दूध दबा-दबा कर उसकी चट को खूब कस-कस कर चोदने लगता है,

सुधिया अपने पेरो को हवा मे उठा कर मोड़ लेती है और रामू के लंड को अपनी चूत पर खूब दबोचने लगती है, रामू अपनी मा की गान्ड के नीचे हाथ डाल कर उसके भारी चुतड़ों को अपने हाथो मे भर कर ज़ोर से दबोचते हुए अपनी मा की चूत मे सतसट लंड डाल-डाल कर ठोकने लगता है, रामू सुधिया की चूत ठोक-ठोक के पूरी सूजा देता है और मस्त लाल चूत को चोद्ते हुए अपना पानी अपनी मा की चूत मे भर देता है,

सुधिया की चूत अपने बेटे के तगड़े लंड को पाकर मस्त हो जाती है,

उस दिन पूरा दिन रामू अपनी मा सुधिया को तारह-तरह के आसनो मे खूब कस कर चोद्ता है उसके बाद शाम को रामू जब अपनी मा के साथ अपने घर वापस जाने लगता है तो रास्ते मे हरिया काका के खेत मे हरिया बैठा-बैठा दम मार रहा था और रामू उसे देखता हुआ अच्छा काका अब चलते है घर को

हरिया- मुस्कुराते हुए अच्छा बेटा ठीक है, क्या कल भी अपनी मा को लेकर आओगे

रामू- अपनी मा को देखता है और सुधिया मुस्कुरा देती है, रामू हरिया की और मुस्कुराकर देखता हुआ अपनी मा का हाथ पकड़ कर अपने घर की ओर चल देता है तो भाई लोगो इस तरह रामू का सपना पूरा हुआ दोस्तो फिर मिलेंगे इसी कहानी के अगले पार्ट के साथ तब तक के लिए विदा

क्रमशः .....................
 
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तो दोस्तो यहाँ तक आपने पढ़ा कि कैसे रामू और हरिया काका अपने काम धंधे मे ही मस्त रहते थे और उनके

घर के लोग गन्नो की मिठास से ही मस्त रहते थे अब यहाँ से आगे बढ़ते है...........

रामू और हरिया के खेत और गाँव के बीच मे एक तालाब था और उसके गहरीकरण के लिए सरकार ने मुझे नियुक्त

कर दिया, दरअसल मेरा नाम राज है मैं एक सिविल इंजिनियर हू और मुझे उस तालाब का काम दे दिया गया, गाँव से

शहर कुछ 25 किमी था इसलिए मैं अपनी बाइक से ही वहाँ पहुच गया, मजदूर मे लगा चुका था और तालाब के

किनारे-किनारे आम के मस्त पेड़ लगे थे और मैं एक पेड़ के नीचे लेट गया और ठंडी हवा का आनंद लेने

लगा, मैं सोच रहा था यह मैं कहाँ फस गया यहा पूरा दिन काटना मुश्किल पड़ जाएगा, उस दिन तो मैने जैसे

तैसे समय पास किया लेकिन अगले दिन मैं पूरी तैयारी के साथ आया, एक BP का क्वाटर दो पकेट सिगरेट और एक

राज शर्मा की किताब ,

मैं अपनी मस्ती मे मस्त था और सिगरेट खिचते हुए बीच-बीच मे शराब का घूँट ले

रहा था जब क्वाटर ख़तम हो गया तब मैने अपनी मा रति के द्वारा बाँधा गया खाना खोल कर खाया और

फिर एक सिगरेट जलाकर राज शर्मा की मस्ती भरी किताब को पढ़ने लगा, बीच-बीच मे मजदूरो को इंस्ट्रेक्षन भी

दे देता था,

शाम को करीब 4 बजे के बाद मैने सोचा बैठे-बैठे थक गये है थोड़ा टहल लिया जाय और मैं उठ कर तालाब की

मेध के किनारे होते हुए गन्नो के खेत के उसपार गया तो वहाँ एक आम के पेड़ के नीचे हरिया और रामू बैठे थे

हरिया के हाथ मे उसकी चिलम थी और वह कस लगा रहा था, दोनो बस ऐसे बैठे थे जैसे संडास जाते वक़्त

बैठा जाता है बिल्कुल आमने सामने,

दोनो के उपर के बदन पर कोई कपड़ा नही था हरिया ने धोती बाँधी हुई थी जो उसकी जाँघो के उपर तक होती थी,

और रामू लूँगी को घुटनो तक मोड़ कर बैठा था, मैं जब वहाँ से गुजरा तो रामू ने मेरी ओर देख कर मुस्कुराते

हुए कहा साहेब नमस्ते,

मैं वही ठहर गया और मैने कहा कौन हो भाई तुम और क्या मुझे जानते हो,

रामू ने तपाक से जवाब दिया साहब आप ही इस तलैया को गहराई करवा रहे हो ना, आप शहर से आए इंजिनियर हो

ना,

मैने कहा हाँ भाई तुमने बिल्कुल ठीक पहचाना मगर तुम कौन हो,

रामू- साहेब हमारा नाम रामू है और ये है हमारे चाचा हरिया,

हरिया- राम-राम बाबू जी

मैने भी हरिया को नमस्ते किया दिखने मे दोनो काफ़ी मजाकिया लग रहे थे मुझे भी अच्छा लगा और मैं

भी उनके पास उसी पेड़ की छाँव मे बैठ गया,

मैने रामू के कंधे पर हाथ रख कर कहा रामू तुम्हारे गाँव मे कितने लोग होंगे

रामू- यह तो हमे नही पता साहेब

मैने कहा चलो कोई बात नही पर आप दोनो चाचा भतीजा हो फिर ये चिलम एक साथ पी लेते हो

हरिया- अरे साहेब जी ये तो ससूरी चिलम है हम तो बहुत से काम साठे मे करते है, और फिर हरिया ही ही ही

करते हुए साहेब रामू और हमारे बीच कोई परदा नही रहता है,
मुझे उनकी बातो से बड़ा मज़ा आया मेरी रूचि उनके प्रति बढ़ गई और मैने उनसे पूंच्छा,

मे- यार रामू ये चिलम पीने मे क्या मज़ा आता होगा इसके बजाय तो एक दो क्वाटर मार लिया करो,

हरिया अपने लंड को सहलाते हुए कहता है, बाबू जी एक बार पी कर देखो आपको हम मस्त ना कर दे तो कहना,

मैने कहा अच्छा ऐसी बात है मैने उनके हाथ से चिलम ले कर पीना शुरू कर दिया

वाकई मे उसका नशा मदहोश कर देने वाला था, मैं अपनी मस्ती मे मस्त था और वह दोनो भी नशे मे

मस्त हो रहे थे,

मैने पूंच्छा रामू इस गाँव मे औरते नज़र नही आती यहाँ कम औरते है क्या,

रामू- अरे नही साहेब बहुत औरते है गाँव मे तो,

हरिया- अरे साहेब दो औरते तो रामू के यहाँ ही है,

मैने हस्ते हुए पुंच्छा क्यो रामू कौन-कौन है तुम्हारे घर मे,

रामू- साहेब घर मे तो मा है दो बहन है

हरिया- बड़ी वाली अभी ब्याह कर ससुराल गई है पर छ्होटी है यहाँ,

मैं उनकी बातो से अंदर ही अंदर मस्त हो रहा था, 25 साल की उमर हो चुकी थी और अभी कुँवारा था इस लिए भी

जोश मे जल्दी ही आ जाता था,

वो दोनो आपस मे बाते कर रहे थे उन्हे शायद ऐसा लगा जैसे ये साहेब कोई अपने ही हो और वह बे धड़क

अपने घर के लोगो की बाते बड़े ओपन तरीके से करने लगे थे,

रामू- साहेब-साहेब ये हरिया काका के यहाँ भी दो औरते है

मैने कहा अच्छा हरिया काका के यहाँ कौन-कौन है

रामू- अरे इनकी बीबी, इनकी दो बेटियाँ,

मैने कहा अच्छा आप ही लोग खेतो मे काम करते हो या घर की औरते भी करती है,

हरिया- अब साहेब बिना औरतो के तो काम हो नही सकता ना,

उस दिन हरिया और रामू से मिलने के बाद मुझे बड़ा ही अच्छा लगा और अगले दिन मैं सुबह ही आ गया मैने काम

शुरू करवाने के बाद उसी पेड़ की ओर चल दिया जहा हमेशा बैठता था, तभी मुझे सामने से रामू आता हुआ

दिखाई दिया, मैं मन ही मन खुस हो गया,

मैने रामू के पास आते ही उससे कहा, आओ रामू क्या हाल है तुम्हारे,

रामू- बैठते हुए बस साहेब आज कोई काम नही था खेत मे तो सोचा आपके पास चल कर बैठता हू,

मैने कहा अच्छा किया रामू जो तुम आ गये, मैं भी पूरा दिन अकेला बोर हो जाता हू,

तभी रामू ने मेरे बगल मे रखी राज शर्मा की किताब उठा कर देखी और कहने लगा साहेब यह तो चुदाई की

कहानियो वाली किताब है ना,

मैने कहा हाँ लेकिन क्या तुम ऐसी किताबे पहले पढ़ चुके हो,

रामू- हाँ साहेब मैं पहले एक दो बार पढ़ा हू, बहुत मज़ा आता है साहेब,

मैं समझ गया कि रामू रोमांटिक बातो से जल्दी औकात मे आ जाता है,

फिर मैने कहा रामू यह किताब जो भी लिखता है वह परिवारिक रिश्तो पर ही क्यो लिखता है जब कि यह सब तो झूठ

लगता है,

रामू- अरे नही साहेब कुछ झूठ नही रहता है, आप ही बताओ जब कही आग लगेगी तो ही धुआ उठेगा ना

मे- वो तो ठीक है रामू पर मैने तो ऐसे किस्से बस किताबो मे ही पढ़े है,

रामू- मुस्कुराते हुए आप फिकर ना करो बाबू जी अब आप हमारे गाँव मे आ गये हो ना अब आप ऐसे किस्से रोज

सुनोगे,

मे- क्यो क्या तुम्हारे गाँव मे ऐसे किस्से सुनने को मिलते रहते है

रामू- मुस्कुराते हुए अरे साहेब एक दो घूँट मारने पर बात करने का मज़ा नही आता है किसी दिन एक पाव केवल

हमे ही पिलवा दो तब हम दोनो की महफ़िल जमेगी, फिर मैं आपको विस्तार से बताउन्गा कि कैसे हम लोग मज़े मारते

है,

उस दिन मुझे लगा यह रामू और हरिया जितना नज़र आते है वह बहुत थोड़ा है और अगर उसे सब कुछ जानना है

और मस्ती मारना है तो रामू के संग बैठक जमानी ही पड़ेगी.....

अगले दिन मैं रामू के साथ बैठ कर बाते करने लगा और

मैने मोका देखते हुए पुंच्छा रामू अभी तक तुमने किस-किस को चोद लिया है,

रामू- मुस्कुराते हुए मेरे क्वाटर को देख कर साहेब हमारे लिए नही है क्या, मैने हस्ते हुए रामू को उठा

कर दे दी और फिर मैने कहा हाँ तो रामू तुम क्या बता रहे थे,

रामू- यही साहेब कि हमने तो बहुत चूत ठोकी है, हम तो ठोंक-ठोंक के मस्त हो जाते है,

मैने उसकी बातो को सुन कर अपनी बोतल उसको थमा दी, उसने फिर एक घूँट मारा और फिर खुद ही कहने लगा

साहेब मैने सबसे ज़्यादा तो अपनी बहन रमिया को चोदा है, मैं रामू के मूह से ये बात सुनते ही मस्त हो गया

और फिर दो पॅलो बाद ही मेरे लंड को ऐसा झटका लगा कि क्या बताऊ पानी छूटते हुए बचा,

पहली बात तो यह जान

कर हैरानी हुई कि रामू अपनी बहन को चोद्ता है और दूसरी बात फिर मुझे एक दम से मेरी अपनी बहन संगीता

याद आ गई, संगीता मुझसे दो साल छ्होटी है वह 23 की और मैं 25 का हू,

मैने पुंच्छा रामू तुम क्या अपनी बहन को रोज चोद्ते हो,

रामू- हाँ साहेब वह तो दिन भर हमारे साथ खेत पर ही रहती है ना, दिन भर उसको नंगी करके पकड़े रहते है

अपनी झुपदिया मे बहुत मज़ा आता है साहेब, बहुत प्यार से चुदवाती है हमसे, उसकी बात सुन कर मेरा लंड

पूरा तन चुका था, मैने पुंच्छा कितने साल की है तुम्हारी बहन तो बोला 19 साल की,

रामू- क्या बताऊ साहेब गाँव मे तो ऐसे ही मज़े रहते है,

मे- रामू रमिया के अलावा और किसको चोदा है तुमने

रामू- साहेब उसके बाद तो हमने सबसे ज़्यादा अपनी बहन निम्मो को चोदा है बहुत मस्त माल है साहेब,

मे- तुमसे बड़ी है ना निम्मो

रामू- हाँ साहेब अब तो उसकी शादी हो गई अभी ससुराल मे है पर आएगी कुच्छ दिनो मे,

मे- क्या बहुत मस्त दिखती है निम्मो

रामू- हाँ साहेब बहुत जोरदार दिखती है मस्त चुदाई की थी उसकी हमने इन्ही खेतो के बीच,

रामू- अच्छा साहेब आपके घर मे कौन-कौन है, मैने उसे बताया कि मेरी एक 45 साल की तंदुरुस्त मा है और

एक 23 साल की गदराई हुई बहन है और मैं हू हम तीन लोग,

रामू- तो साहेब आपकी मा की हालत भी मेरी मा की तरह ही है,

मैने कहा हाँ रामू पर क्या करे,

रामू- साहेब आपने कभी किसी को चोदा है,

क्रमशः........
 
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गतान्क से आगे......................


मे- नही रामू मैं तो अभी तक कुँवारा हू,

रामू हस्ते हुए क्यो साहेब आपकी बहन अच्छी नही लगती क्या आपको, मैने कहा अभी-अभी तुम्हारी बात सुन कर

अच्छी लगने लगी है रामू, और फिर हम दोनो हस्ने लगे, उस दिन रामू ने मुझे शुरू से लेकर आखरी तक एक-एक

बात बता दी और मैं हरिया और रामू की बाते सुन कर दंग रह गया मुझे लगा जैसे रामू मुझे राज शर्मा की कोई

कहानी पढ़ कर सुना रहा हो,

मेरा लंड उसकी बाते सुन कर पूरी तरह तन चुका था,

रामू- हस्ते हुए साहेब ऐसे लंड मसल्ने से कुछ नही होगा किसी दिन अपनी बहन को भी हमारे खेतो के गन्ने

चुस्वा दो बड़े मीठे गन्ने है,

मे- हस्ते हुए अच्छा जैसे तुमने अपनी बहनो को चुस्वाए है,

उस दिन रामू की बातो से ऐसा लगा जैसे मस्तराम कुछ ग़लत नही कहता है, मेरे ख्यालो मे बस मेरी बहन

संगीता ही आने लगी मैं जैसे ही घर पहुचा संगीता और मा मेरा इंतजार ही कर रही थी,

संगीता- लो मम्मी नाम लिया और शैतान मेरा मतलब है भैया हाजिर हो गये

मे- संगीता की बाँहे पकड़ कर मोदते हुए, क्या कहा तूने

संगीता- आह ओह भैया सॉरी-सॉरी अब नही कहुगी प्लीज़ छ्चोड़ दो ना, मम्मी देखो ना भैया को मेरा हाथ

टूट जाएगा,

मे- पहले बोल अब बोलेगी

संगीता- नही भैया कसम से

मे- अच्छा ठीक है और फिर जैसे ही मैने उसे छ्चोड़ा वह धीरे से खड़ी हुई और मैं जैसे ही सोफे पर बैठा वह

मुझे अपनी जीभ निकाल कर चिड़ाते हुए शैतान कही के कहने लगी मैं जैसे ही उसे पकड़ने के लिए लपका वह

खिलखिला कर हस पड़ी और बाहर की ओर भाग गई,

मैं वापस बैठ गया और मम्मी हम दोनो को देख कर मुस्कुरा रही थी, तभी संगीता एक बार फिर से हमारे

सामने से जल्दी से निकल कर अंदर के रूम मे चली जाती है और मैं उसे देख कर मम्मी की ओर देखता हू और

कहता हू मम्मी बहुत शैतान हो गई है संगीता,

रति- शैतान भी हो गई है और साथ ही साथ जवान भी हो गई है अब तू जल्दी से कोई लड़की देख कर शादी कर ले तो

इसकी भी शादी के बारे मे सोचा जाए, मेरी मम्मी ने सामने बालकनी मे खड़ी संगीता की ओर देख कर कहा,

मैने जब संगीता की ओर देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया क्यो कि वह जीन्स पहने हुए अपनी मोटी गंद उठाए

बालकनी का सहारा लेकर बाहर का नज़ारा देख रही थी, मैं मम्मी का इशारा समझ गया था क्योकि मम्मी उसकी

गुदाज और भारी गंद और मोटे-मोटे दूध को देख कर ही मुझे उसकी जवानी का एहसास करा रही थी,

वाकई मे संगीता की मोटी-मोटी जंघे और बड़े-बड़े उठे हुए चूतादो को देख कर मुझे मजबूरन अपने लंड

को एक बार मम्मी की नज़रे बचा कर सहलाना पड़ा,
रति- चल बेटे हाथ मूह धो ले मैं तेरे लिए चाइ बना कर लाती हू, कुछ देर बाद मम्मी चाइ बना कर ले आई और

मेरे सामने खड़ी हो गई, मैं रामू के बारे मे सोचता हुआ खोया हुआ था तभी मेरे सामने मासल उठा हुआ

गोरा पेट और खूब गहरी नाभि आ गई तब मुझे ध्यान आया कि सामने मम्मी चाइ लेकर खड़ी है,

मैं एक टक

मम्मी का चिकना उठा हुआ पेट देख रहा था और मुझे ध्यान नही था कि मेरा दूसरा हाथ अपने लंड पर रखा

हुआ था, मैने हड़बड़ा कर चाइ ली और मम्मी को देख कर मुस्कुरा दिया, मम्मी मेरे सामने ही बैठ गई और

मैं ना चाहते हुए भी मम्मी के मस्ताने जिस्म पर एक नज़र मार कर चाइ पीने लगा,

रति यानी मेरी मा 42 की थी लेकिन बहुत

मस्त माल थी मम्मी का पूरा बदन कसा हुआ था और उनका भरा हुआ गोरा बदन मोटी गंद और भारी चूतादो

को देख कर किसी का लंड पहली नज़र मे ही खड़ा हो जाए,

मैने चाइ ख़तम की और फिर छत पर जाकर सिगरेट पीने लगा तभी पिछे से संगीता आ गई, संगीता बहुत

चुलबुली और नटखट थी वह हमेशा शरारत के मूड मे ही रहती थी, मैने जब कश खींच कर धुआ छ्चोड़ा

तो संगीता मेरे मूह के पास आ गई और बोलने लगी,

संगीता- लाओ सांभा एक कश हमे भी पिला दो और मुस्कुराते हुए मेरे चेहरे की ओर देखने लगी, मुझे नही

पता उस समय क्या हुआ मैं बहुत बैचैन था और जब संगीता का खूबसूरत चेहरा एक दम से मेरे सामने आया

तो मैने बिना कुछ सोचे समझे उसका मूह पकड़ कर उसके होंठो को एक दम से चूम लिया,

संगीता शायद मेरी इस हरकत के लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी और वह मेरी इस हरकत से सकते मे आ गई और

मुझे थोड़ा सा धक्का देते हुए वहाँ से भाग कर नीचे चली गई,

मैं थोड़ा डर गया और सोचने लगा कही संगीता मम्मी से कह देगी तो मम्मी पता नही क्या सोचेगी ऑफ हो

मैने यह क्या हरकत कर दी, अब मैं क्या करू, मैं नीचे जाने मे भी घबरा रहा था,

मुझे खड़े-खड़े

काफ़ी देर हो गई लेकिन मैं नीचे जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहा था, तभी मेरे कानो मे आवाज़ सुनाई दी

संगीता- भैया चलो खाना खा लो मम्मी बुला रही है इतना कह कर संगीता पलट कर जाने लगी

राज- संगीता सुन तो लेकिन वह नही रुकी और सीधे नीचे चली गई, मैं धीरे से नीचे गया और जैसे ही मैं खाने की

टेबल के पास गया अचानक मम्मी ने कहा

रति- राज यह क्या हरकत है

मम्मी के मूह से इतना सुनना था कि मैं पसीने से भीग गया और जैसे ही मैने मम्मी की ओर देखा

मम्मी ने कहा

राज हम कब से तुम्हारा वेट कर रहे है और तुम हो कि छत पर टाइम पास कर रहे हो,

मम्मी की बात सुन कर मुझे थोड़ी राहत मिली और मैने जब संगीता की ओर देखा तो वह मेरी तरफ गुस्से से देखती हुई खाना खाने लगी, उस समय संगीता बहुत खूबसूरत लग रही थी और मेरा दिल कर रहा था कि उसका मूह पकड़ कर चूम लू, मैं चुपचाप खाना खाने लगा और बीच-बीच मे नज़रे उठा कर संगीता और मम्मी को देख लेता था,

खाना खा कर मैं वापस छत पर जाकर सिगरेट पीने लगा और यह सोच कर और भी खुस हो रहा था कि मैने संगीता के होंठ चूम लिए लेकिन उसने मम्मी से कुच्छ नही कहा, उस रात मैं रात भर अपनी कल्पनाओ मे अपनी बहन की मस्त जवानी से खेलता रहा, और अपनी बहन को पूरी नंगी देखने के लिए मेरा मन तड़पने लगा,
अगले दिन मैं फिर से साइट पर पहुच गया और काम शुरू कर दिया, उस दिन शाम को 4 बज गये लेकिन हरिया या रामू कोई भी मुझे नज़र नही आया, मैने सोचा चलो मैं ही रामू के गन्ने के खेतो की ओर चलता हू और फिर मैं जैसे ही रामू के गन्ने के खेत के पास पहुचा तब मैने देखा रामू आराम से खाट पर लेटा था और रमिया उसके पास बैठी उसका लंड सहला रही थी,

अचानक रमिया की नज़र मुझ पर पड़ी और वह रामू के लंड पर लूँगी डाल कर एक दम से खड़ी हो गई उसे खड़ी होते देख रामू का ध्यान मेरी ओर गया और वह भी एक दम से उठ कर बैठ गया,

रामू- अरे बाबू जी आप आओ, आओ बाबू जी यहाँ इस खाट पर बैठो

राज- और रामू कैसे हो, आज तुम दिन भर से नज़र नही आए तो मैने सोचा मैं ही रामू से मिल आता हू

रामू- बहुत अच्छा किया साहेब जी, अरे रमिया जा बाबू जी के लिए पानी लेकर आ

रामू की बात सुन कर मेरे आश्चर्या का ठिकाना नही रहा, और मैने रामू से पुछा

राज- रामू क्या यही तुम्हारी बहन रमिया है

रामू- हाँ बाबू जी

राज- पर रामू यह तो बहुत छ्होटी है, मेरा अनुमान अपनी संगीता के हिसाब से रामू की बहन के बारे मे था लेकिन मेरी बहन तो एक दम पटाखा थी अगर उसे साडी ब्लौज पहनकर मम्मी के साथ खड़ी कर दो तो मम्मी की छ्होटी बहन नज़र आती,

मैने जब रामू से कहा रामू यह तो बहुत छ्होटी है यह तुम्हारा लंड कैसे लेती होगी

रामू- मुस्कुराते हुए बाबू जी कोई छ्होटी नही है उसका बस नही चले नही तो वह आपको भी पूरा अपनी चूत मे घुसेड ले, बड़े मस्त तरीके से अपनी चूत मरवाती है और आपका लंड तो खड़े-खड़े अपनी चूत मे भर लेगी,

तभी रमिया पानी लेकर आ गई मैने उसे फिर एक बार उपर से नीचे तक घूर कर देखा वह बड़ी मस्त नज़र आ रही थी मुझे लगा इसे तो अपने लंड पर बैठा कर खड़े-खड़े चोदने मे मज़ा आ जाता होगा, रमिया के जाने के बाद मैने अपनी जेब से एक बोतल शराब निकाल कर रामू को देते हुए लो रामू आज रात को तुम्हारी पार्टी का इंतज़ाम मैने कर दिया है,

रामू- बोतल देख कर खुस होते हुए वाह साहेब आज तो रात को मज़ा आ जाएगा.

राज- रामू आज मेरा मूड चिलम पीने का हो रहा है पिलाओगे नही

रामू- क्यो नही साहेब आप यही बैठिए मैं हरिया काका से ले कर आता हू तब तक आप हमारी बहन रमिया से बाते कीजिए,

राज- तुम्हारी बहन मुझसे बाते करने मे घबराएगी तो नही

रामू- साहेब गाँव की लोंड़िया है देख लो कोशिश करके नही तो फिर मैं आ ही रहा हू थोड़ी देर मे

मैने इशारे से रमिया को अपने पास बुलाया तो उसने मुस्कुराते हुए मुझे अपनी जीभ निकाल कर मूह चिढ़ाया और हरिया के खेत की ओर भाग गई मैं बस उसे पुकारता ही रहा कि अरे रमिया सुन तो ज़रा लेकिन तब तक वह खेत पार कर चुकी थी, मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया और वही चारपाई पर लेट गया, कुछ देर बाद मुझे रामू और

हरिया दोनो आते हुए नज़र आए और मैं उठ कर बैठ गया,

हरिया- का हाल है बाबूजी आज इधर का रास्ता कैसे भूल गये

राज- अरे हरिया तुम्हारी चिलम की याद मुझे यहा तक खेंच लाई है,

हरिया- अरे रामू हम माचिस तो खाट पर ही भूल आए जाओ ज़रा दौड़ कर लेते आओ

रामू वापस हरिया के खेत की ओर चल दिया और हरिया वही ज़मीन पर बैठ कर मुझसे बाते करने लगा,

राज- अरे हरिया रामू तो कहता है उसने रमिया को खूब ठोंका है पर रमिया तो बहुत छ्होटी है

हरिया- मैं समझ गया साहेब आपको बड़े-बड़े चूतादो और बोबे वाली भारी माल पसंद आते है, अगर माल ही देखना है साहेब तो सबसे तगड़ा माल तो इस गाँव मे एक ही है,

राज- वह कौन

हरिया- अरे साहेब और कौन अपने रामू की मा सुधिया ही तो है जो हमेशा मेरे लंड को तरसती रहती है,

राज- क्या बात कर रहे हो हरिया रामू ने तो कभी बताया नही

हरिया- अरे साहेब वह क्यो बताने लगा उसकी तो मौज है दिन भर यहाँ छ्होटी बहन रमिया को चोद्ता है और रात को अपनी मा सुधिया पर चढ़ कर उसे चोद्ता है,

हरिया की बात सुन कर मेरे तो होश उड़ गये,

क्रमशः........
 

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