Incest गन्ने की मिठास (Complete)

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गतान्क से आगे......................


सुधिया- मंद-मंद मुस्कुराते हुए, हरिया क्यो मेरे पीछे पड़ा है चल जा यहाँ से मुझे बहुत ज़रूरी काम

है

हरिया- क्या काम है पहले बताओ तभी जाउन्गा,

सुधिया- थोड़ा शरमाते हुए अपने चेहरे को नीचे करके तू जा यहाँ से मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है

हरिया- एक दम से उछल कर खुश होता हुआ, वाह भौजी क्या बात कही है अब तो मैं तुम्हे बिना मुतते देखे बिना

यहा से कही नही जाउन्गा,

सुधिया खड़ी होकर अपनी चूत को घाघरे के उपर से हरिया की ओर देख कर मसल्ति हुई आह हरिया कमिने जा

यहाँ से नही तो मैं तेरे मूह मे ही मूत दूँगी,

हरिया- खुस होते हुए हाय भौजी मैं तो कब से तेरी बुर से मूत चाटने के लिए तड़प रहा हू,

अब देर ना कर और

जल्दी से मेरे मूह मे अपनी मस्त फूली हुई चूत धर कर बैठ जा,

उन दोनो की हरकते देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था लेकिन आज मैं बाबाजी के भेष मे नही था और सिवाय

उन दोनो को देखने के कुच्छ नही कर सकता था,

उधर मुझे हरिया से ज़्यादा सुधिया चुदासी लग रही थी और बार बार हरिया के मोटे लंड को देख कर अपनी चूत

को घाघरे के उपर से मसल्ते हुए हरिया से कह रही थी, देख हरिया यहाँ से चला जा मुझसे अब नही सहा जा

रहा है मुझे पेशाब कर लेने दे,

हरिया- अरे भौजी तो क्या मैने तुम्हे या तुम्हारी चूत को पकड़ रखा है जो तुम मूत नही रही हो, चलो अब

जल्दी से घाघरा उठा कर अपनी बुर फैला कर खूब मोटी धार निकाल कर मुतना शुरू कर दो,

सुधिया उसी पत्थर पर एक पेर रख कर खड़ी थी जहा एक बार निम्मो मूतने बैठी थी, हरिया सुधिया की मोटी

जाँघो के पास अपने मूह को लगा कर चूमते हुए ओह भौजी कितनी गुदाज और भरी हुई जंघे है तुम्हारी अब

जल्दी से मूत भी दो,

सुधिया- कमिने तू नही मानेगा ले पी ले अपनी भौजी का मूत और सुधिया उसी पत्थर पर अपनी मोटी जाँघो को

फैला कर जैसे ही बैठती है हरिया अपना मूह आगे कर देता है, और सुधिया की फूली हुई चूत को नीचे झुक कर

देखने लगता है,

सुधिया अपना भोसड़ा फैलाए हरिया के सामने मंद मंद मुस्कुराते हुए बैठी रहती है,

तभी हरिया उसकी चूत को सहला कर कहता है भौजी मूत ना, उसके इतना कहते ही सुधिया अपनी चूत उठा कर हरिया

के मूह मे एक मोटी धार मारने लगती है और हरिया एक दम से सुधिया की बुर से निकलती पेशाब को देख कर अपना

मूह खूब कस कर सुधिया की चूत से लगा कर उसकी चूत के भज्नाशे को अपने मूह मे भर लेता है,

सुधिया का

पेशाब एक दम से रुक जाता है और हरिया जैसे ही उसकी चूत के मोटे दाने को अपनी जीभ मे दबा कर चूस्ता है

सुधिया की चूत से फिर से पेशाब निकल जाता है और हरिया उसकी चूत को किसी कुत्ते की भाँति चूसने लगता है,

सुधिया का पेशाब फिर से रुक जाता है और हरिया उसकी चिकनी मूत से भीगी चूत को किसी पागल कुत्ते की तरह सूंघ

सूंघ कर चाटने लगता है,

सुधिया- आह कुत्ते मूतने तो दे फिर बाद मे चाट लेना

हरिया- भौजी और मुतो बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत से मूत पीने मे और फिर हरिया लंबी लंबी जीभ निकाल

कर सुधिया की बुर को खूब कस कर दबोचते हुए चाटने लगता है, सुधिया की चूत एक दम मस्त हो जाती है और

सुधिया थोड़ा और ज़ोर लगा कर छुल से एक धार सीधे मारती है और हरिया अपना मूह खोल कर उसकी पेशाब को पीते

हुए सुधिया की चूत को खूब ज़ोर से अपने मूह मे दबा कर चूसने लगता है,

हरिया- भौजी और मूत थोड़ा ज़ोर से मूत बहुत मज़ा आ रहा है, सुधिया आ कुत्ते चाट ले खूब ज़ोर से चाट ले

अपनी भौजी की चूत, और सुधिया अपनी जाँघो को और फैला देती, और हरिया उसकी चूत को अपने होंठो मे दबाए

हुए कहता है और मूत भौजी और मूत,
सुधिया- अरे कमिने पहले मेरी चूत का दाना तो छ्चोड़ तब तो मैं मुतुँगी

हरिया- नही पहले मूत नही तो जब तक तेरी चूत से पेशाब नही पिलाएगी मैं तेरी चूत नही छ्चोड़ूँगा

सुधिया- अच्छा पिलाती हू पहले थोड़ा सा तो मेरी चूत को छ्चोड़ दे, हरिया उसकी बुर को मूह मे दबाए हुए नही

नही कहता है और सुधिया से जब रहा नही जाता है तो वह पूरी ताक़त लगा कर और पेशाब करने की कोशिश करती

है और उसकी चूत से जैसे ही थोड़ा सा पेशाब फिर निकलता है हरिया खूब ज़ोर से सुधिया की चूत को अपने मूह मे

भर कर पागलो की तरह उसकी चूत को चूसने लगता है और सुधिया उसके सर को पकड़ कर खूब ज़ोर से अपनी चूत से

दबा लेती है,

हरिया किसी पागल कुत्ते की तरह सुधिया की पूरी भोसड़ी खोल खोल कर उसका रस चाटने और चूसने लगता है और

सुधिया अपनी चूत खूब कस कस कर हरिया के मूह पर दबा दबा कर रगड़ने लगती है,

उन दोनो की हरकते देख

कर मैं मस्त हो गया था और उन दोनो को देख कर मुझे भी एक नया अनुभव हुआ और मैं जिस तरह हरिया

सुधिया की चूत से पेशाब पी रहा था उसी तरह मेरा दिल करने लगा कि मैं अपनी मम्मी रति को इसी तरह नंगी

करके उसकी चूत से खूब पेशाब पिउ और खूब अपनी मम्मी की चूत चतु, सामने सुधिया बैठी अपनी चूत चटवा

रही थी लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी मम्मी अपनी चूत खोल कर मुझे कह रही हो कि ले बेटा अपनी

मम्मी की चूत से पेशाब पी ले और खूब ज़ोर ज़ोर से अपनी मम्मी की बुर चाट ले,

सुधिया- आह सीईईईई कितना ज़ोर से काट रहा है कुत्ते, ज़रा आराम से चाट आह आहह आह आ सीईईईईईईईई ओह हरिया खा जा

मेरी चूत को पी जा सारा मूत,

हरिया- भौजी और मूत ना

सुधिया- सीईईईईईईईईईईईईईईई आहा हह अरे कुत्ते कहाँ से मुतु सारा पेशाब तो तू चूस चूस कर चाट गया अब मुझसे

नही मुता जा रहा है,

हरिया- बस भौजी एक बार और मूत दे कितना मस्त भोसड़ा है तेरा बस एक बार मुझे अपना मूत और पीला दे, हरिया

सुधिया की चूत को इतनी बेरहमी से चाट रहा था की उसकी चूत पूरी लाल हो गई थी अब वह मूत नही बल्कि चूत का रस

छ्चोड़ने लगी थी और हरिया उसकी चूत को अपने मूह मे भर भर कर खूब दबोच दबोच कर चाट रहा था,

जब सुधिया अपने हाथ पिछे टिका कर अपनी चूत उठा उठा कर हरिया के मूह मे मारने लगी तब हरिया ने लंबी

सी जीभ निकाल कर सुधिया की चूत के दाने से लेकर उसकी गंद के भूरे कसे हुए छेद तक चटाई शुरू कर दी

और सुधिया आह आह ओह हरिया चाट और चाट खूब चूस पी जा अपनी भौजी का मूत और चाट खूब ज़ोर से चुस्स्स्सस्स

आहह अह्ह्ह्ह आहह सीईीस ईईईईईईईईईईईई ओह हरिया अब नही रहा जाता रे हाय हाय अब चोद दे कुत्ते,

अब चोद दे मुझे,
हरिया- अरे मेरी रंडी भौजी तू फिकर मत कर आज दिन भर तुझे इन खेतो और गन्नो के बीच पूरी नंगी ही

रखूँगा और खूब तेरी चूत मारूँगा, हरिया की बात सुन कर सुधिया एक दम से उठी और हरिया के मोटे लंड को

झुक कर अपने मूह मे भर कर चाटने लगी, हरिया ने भी अपने लंड को उसके मूह मे अच्छे से दे दिया और

सुधिया उसके आंड्को को खूब कस कस कर दबोचते हुए उसके लंड के सूपदे को चूसने लगी,

हरिया उसके मोटे

मोटे दूध को खूब कस कस कर मसल रहा था और एक हाथ से सुधिया का घाघरा उसकी गंद के उपर तक उठा

कर सुधिया की गुदा को अपनी उंगली से कुरेदने लगा,

सुधिया की गंद एक दम मेरे मूह की तरफ थी और उसकी फैली हुई गोरी गुदाज गंद और उसका बड़ा सा भूरा छेद

देख कर मेरा लंड झटके देने लगा, सुधिया की मोटी गंद देख कर मुझे अपनी मम्मी की पॅंटी मे कसी हुई

गुदाज मोटी गंद याद आ गई और मैं अपने लंड को सहलाते हुए उनका तमाशा देखने लगा,

हरिया ने सुधिया का ब्लौज खोल कर उसके मोटे मोटे दूध को कभी दबाते हुए चूसना और कभी चूस्ते हुए

दबाना शुरू कर दिया सुधिया अपने हाथो मे हरिया के गोटे पकड़ पकड़ कर दबा रही थी और उनसे खेल रही

थी,

तभी हरिया ने सुधिया को वही ज़मीन पर लेटा दिया और उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी जाँघो को फैला कर

चूम लिया उसके बाद हरिया ने जैसे ही सुधिया की चूत को फिर से चाटना शुरू किया सुधिया एक दम से तड़प उठी

और उठ कर हरिया के मोटे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया,

हरिया ने बिना कुच्छ कहे एक

कस कर धक्का मारा और उसका लंड सटाक से सुधिया की पूरी चूत को खोल कर अंदर जड़ तक समा गया और

सुधिया ने हरिया को अपनी बाँहो मे दबोच कर उसके लंड की ओर अपनी छूट को खूब ज़ोर से उठा दिया, सुधिया की

इस हरकत से हरिया का लंड पूरी तरह सुधिया की चूत मे फिट हो गया और हरिया सुधिया के मोटे मोटे बोबे

दबाते हुए उसकी चूत को कस कस कर ठोकने लगा,

सुधिया खूब गंद उठा उठा कर लंड ले रही थी और हरिया खूब हुमच हुमच कर सुधिया को चोद रहा था

सुधिया का भारी भरकम बदन पूरी मस्ती मे हरिया के बदन से चिपका हुआ था और जब हरिया सतसट

सुधिया की चूत ठोकता तो ठप ठप की आवाज़ सुधिया की जाँघो से आने लगती थी हरिया पूरी ताक़त से उसकी चूत

चोद रहा था और सुधिया आह आह करती हुई खूब कस कस कर चूत मरवा रही थी,

हरिया ने लगभग एक घंटे तक सुधिया की चूत को कभी सीधा करके कभी उसकी गंद की तरफ से खूब कस कस

कर ठोका और उसके बाद सुधिया का पानी निकल गया, जब सुधिया और हरिया अलग अलग हुए तो मैने सोचा अब

थोड़ी देर रुकने के बाद हरिया के पास जाउन्गा लेकिन हरिया की दूसरी हरकत देख कर मे समझ गया कि अभी उसका

पेट उसकी भौजी से भरा नही है, हरिया ने सुधिया के खड़े हो जाने के बाद उसकी गंद के पिछे से घाघरा

उठा कर उसके मोटे मोटे चूतादो के पाटो को फैला कर उसकी गंद के छेद को चाटना शुरू कर दिया,

सुधिया एक दम से उसके मूह से अपनी गंद को हटाते हुए, कमिने अब क्या मेरी गंद भी चतेगा,

हरिया- भौजी तुम्हारी गंद देख कर तो कोई भी इसे चाटना चाहेगा ,

सुधिया- नही मैं गंद नही मर्वौन्गि, वैसे भी कल बाबाजी ने मेरी गंद मे इतना मोटा लंड डाल कर मुझे

चोदा है कि मेरी गंद अभी भी दर्द कर रही है,

हरिया- लेकिन भौजी मुझसे यह सब बाबाजी ने ही कहा था

सुधिया- हरिया को देख कर क्या कहा था बाबाजी ने

हरिया- यही कि चाहे कुच्छ भी हो सुधिया की गंद तुम रोज अपने लंड से चोदना,

मैं हरिया की बात सुन कर मंद मंद मुस्कुराने लगा और सोचने लगा साला बड़ा बदमाश आदमी है यह मेरे

बहुत काम आने वाला है,

सुधिया- क्या बाबाजी ने ऐसा कहा था

हरिया- हाँ क्या तुमसे उन्होने कुच्छ नही कहा

सुधिया- नही पर यह ज़रूर कहा था कि तू मुझे चोदने के लिए मरा जा रहा है

हरिया- हम मज़ाक नही कर रहे है भौजी, उन्होने यह कहा था कि सुधिया बेटी की गंद को हमने चोदा है अब

उस पर सिर्फ़ उसके बेटे रामू और मेरा हक रहेगा, और उन्होने कहा था कि सुधिया जितना ज़्यादा अपनी गंद

मरवाएगी उतना ज़्यादा ही उसकी जवानी और भी निखार आएगी,

सुधिया- लेकिन हरिया गंद मरवाने मे बड़ा दर्द होता है,

हरिया- अरे भौजी वह तो कल जल्दी बाजी मे तुम्हे दर्द हुआ था आज तो मैं ऐसे तरीके से तेरी गंद मारूँगा कि तू

देखना फिर रोज मुझसे अपनी गंद मरवाए बिना नही रह पाएगी, तुम जानती नही हो पहले गंद मे लंड जब

घुसता है तो थोड़ा दर्द होता है उसके बाद जब औरतो की गंद का साइज़ फैल कर लंड के बराबर हो जाता है तब

औरतो को खूब मज़ा आता है और उनका दिल करता है कि उनकी गंद को खूब रगड़ रगड़ कर चोदा जाए,

सुधिया- मुस्कुराते हुए तो तू अब क्या करने वाला है

हरिया जल्दी से झोपड़ी मे जाकर तेल ले आया और उसने तेल सुधिया के हाथो पर डाल कर उसके हाथ मे अपना मोटा

लंड थमा दिया और सुधिया उसके लंड पर तेल लगाने लगी, सुधिया जैसे जैसे हरिया के लंड पर तेल लगा लगा

कर मसल रही थी वैसे वैसे हरिया का लंड और भी मोटा और काला नज़र आने लगा था,

क्रमशः........
 
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फिर हरिया ने सुधिया को

घोड़ी की तरह खड़ी होने को कहा और सुधिया जब अपनी मोटी गंद झुका कर खड़ी हुई तब हरिया ने उसकी कोमल

गुदा को सहलाते हुए उसमे उंगली से तेल भरने लगा, हरिया सुधिया की गुदा को खूब फैला फैला कर उसमे तेल

डाल रहा था फिर हरिया ने दो उंगलिया तेल मे डुबो कर सुधिया की कसी हुई गंद मे उतारना शुरू कर दिया और

सुधिया आह सीईईईईईईईईईई इईसीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह हरिया,

हरिया- उसकी गंद मे दोनो उंगलियो को अंदर बाहर करता हुआ कहने लगा क्यो भौजी अच्छा लग रहा है ना

सुधिया- आ सीईईईईईईईईई आह अचहचहा तो लग रहा है लेकिन तू मेरी चूत को भी सहलाता जा, देख मेरी चूत से फिर से

पानी बहने लगा है तू जितना मेरी गंद मे उंगली गहराई तक पेलता है मेरी चूत से उतना ही पानी आने लगता है यह

उपर वाला भी क्या है होंठो का कनेक्षन चूत से बोबो का कनेक्षन चूत से गंद के छेद का कनेक्षन

चूत से,

आह हर चीज़ का कनेक्षन ले देके चूत से कर दिया है,

हरिया- अरे भौजी औरत के हर अंग का कनेक्षन चूत से होता है तभी तो औरत के बदन के किसी भी हिस्से को

सहलाओ औरत की चूत से पानी आ जाता है,

सुधिया- अब कितनी देर तक मेरी गंद चिकनाएगा अब चल जल्दी से पेल दे अपना गन्ने जैसा मोटा लंड

उसकी बात सुन कर हरिया ने अच्छे से अपने लंड के टोपे को सुधिया की गुदा से सेट किया और फिर उसकी गुदाज मोटी

गंद को सहलाते हुए अपना एक हाथ झुकी हुई सुधिया के पेट की ओर लेजाकार उसका गुदाज उठा हुआ पेट दबोचते

हुए सुधिया की चूत को अपनी मुट्ठी मे भींच कर एक कस कर अपने लंड को सुधिया की गुदा मे जैसे ही दबाया

लंड का सूपड़ा फिसल कर सुधिया की चूत मे एक दम से उतार गया और सुधिया आह मार गई रे कुत्ते कहाँ

डालने का कहता है और कहा लंड डाल रहा है,

हरिया का लंड सात से सुधिया की चूत मे जड़ तक समा गया और

उसने अपने लंड को वापस बाहर निकाल लिया उसका लंड सुधिया की चूत के पानी से पूरा गीला हो गया था उसने दूसरी

बार फिर से सुधिया की गुदा को थोड़ा अपने हाथो से फैला कर उसकी गुदा मे अपने लंड के सूपदे को लगा कर इस

बार पहले धीरे से दबाया और जैसे ही उसके सूपदे ने सुधिया की गुदा को थोड़ा फैलाया,

हरिया ने अपने हाथ को

नीचे लेजाकार सुधिया की चूत को कस कर अपने हाथो मे दबोचते हुए एक कस कर धक्का उसकी गुदा मे मार

दिया और उसका आधे से ज़्यादा लंड सुधिया की गंद मे किसी डंडे की भाँति फस गया और सुधिया के मूह से हाय

मर गई रे आआआआहह ओह हरिया मातेरचोड़ फाड़ दी मेरी गंद आ ओह सीईईईई सी आह आह

हरिया बिना उसकी बातो मे ध्यान दिए हुए सुधिया की गंद को पकड़ कर एक दूसरा धक्का मार देता है और उसका

मोटा लंड सुधिया की गंद मे जड़ तक समा जाता है और सुधिया का बदन अकड़ जाता है, और वह ज़ोर से हाय मा

मर गई रे आह अहः आह आह सीई सिई ओह हरिया मार डाला रे तूने मुझे,

हरिया ने कहा बस भौजी अब तो पूरा घुस गया अब तो बस तुम्हे अपनी गंद मरवाने का मज़ा ही मज़ा मिलेगा और

फिर हरिया ने अपनी दो उंगली सुधिया की चूत मे डाल कर उसकी गांड़ मे अपने लंड को ठोकना शुरू कर दिया,

हरिया खूब तबीयत से सुधिया की गंद मार रहा था और सुधिया खूब ज़ोर ज़ोर से सीसीया रही थी और उसके मूह से खूब सिसीकिया छूट रही थी, हरिया उसकी गुदाज गंद को खूब ज़ोर ज़ोर से ठोक रहा था और उसकी बुर की फांको को खूब सहला रहा था, उनकी चुदाई देख कर मैं समझ गया कि आज हरिया पूरा दिन खेत मे मस्ती मारने वाला है और उसे देख कर लग रहा था कि वह आज सुधिया को दिन भर चोदेगा,

मैने टाइम देखा और फिर मैने सोचा क्यो कबाब मे हड्डी बनू और मैं वापस तालाब के इधर आ गया और साइट पर मजदूरो को इन्स्ट्रक्षन देने लगा,

उस दिन हरिया से मुलाकात भी नही हुई और शाम को मैं घर चला गया,

जब घर पहुचा तो मुझे याद आया कल शनिवार है और मैने मम्मी को कह दिया कि हम लोग गाड़ी करके शिर्डी चलते है,

मम्मी और संगीता खुस हो गई और अगले दिन मैं यह कह कर साइट पर चला गया कि मैं शाम को 5 बजे तक आ जाउन्गा और फिर हम लोग 7 बजे तक यहाँ से चल देंगे तो सुबह सुबह वहाँ पहुच जाएगे,

मैं साइट पर पहुच गया और काम लगाना शुरू कर दिया तभी मुझे सामने से हरिया आता हुआ नज़र आया

राज- आओ हरिया क्या बात है एक दो दिन से नज़र नही आ रहे हो

हरिया- बाबूजी हम तो दिन रात आपको याद करते है और आपके एहसान तले दबे जा रहे है, बाबू जी अगर आप हमारी जिंदगी मे ना आते तो शायद हम सुधिया भौजी को कभी चोद ही नही पाते और ऐसे ही मर जाते

राज- अरे मरे तुम्हारे दुश्मन यह कोई एहसान नही था आख़िर तुम मेरे दोस्त हो और दोस्ती के लिए यह सब तो करना ही पड़ता है,

हरिया- बाबूजी कभी हमारी कही ज़रूरत हो तो बताओ हम भी अपनी दोस्ती निभायगे,

राज- मुस्कुराते हुए अरे हरिया जिस दिन तुम्हारी ज़रूरत हुई तुम्हे याद करूँगा और मुझे लगता है जल्दी ही तुम्हारी ज़रूरत पड़ेगी,

हरिया- क्या कुच्छ नई प्लानिंग है बाबू जी

राज- हाँ प्लॅनिंग तो है पर पहले घी सीधी उंगली से निकालेंगे और अगर नही निकला तो टेडी करेगे,

हरिया- साफ साफ बताइए बाबू जी क्या बात है

राज- हरिया अब तुमसे क्या छुपाऊ पर कल से मेरा मन अपनी बहन संगीता और मम्मी रति को चोदने का बहुत कर रहा है

हरिया- तो बाबू जी आपने क्या सोचा है

राज- हरिया अभी मैं एक दो दिन के लिए बाहर जा रहा हू उसके बाद मैं संगीता को लेकर यहा खेतो मे घुमाने लाउन्गा और मैं चाहता हू कि मैं संगीता को यही छ्चोड़ कर घूमने का बहाना करके चला जाउ और तुम संगीता के सामने जिसे भी चोद सको सुधिया को या चंदा को,

बस इतना करना है कि संगीता तुम्हे चोद्ते हुए देख ले उसके बाद मैं संगीता को यही गन्नो के बीच पूरी नंगी करके चोदना चाहता हू,

हरिया- बाबू जी आप बस इशारा कर देना बाकी मैं सब संभाल लूँगा,

राज- ठीक है और सूनाओ कल क्या किया तुमने दिन भर

हरिया- कल तो बाबूजी हमने जी भर कर सुधिया की चूत और गंद चोदि है कल तो रंडी को पूरी मस्त करके अपने साथ ही घर ले गये थे और तो और जब जाते वक़्त उसने हमसे कहा कि उसे फिर से पेशाब लगी है तो आप मनोगे नही बाबूजी हम रास्ते पर ही लेट गये और सुधिया को अपने मूह पर बैठा कर उससे खूब अपने मूह मे मुतवाया है खूब चूस चूस कर उसका मूत पिया है हमने बड़ा मज़ा आया बाबूजी,

राज- क्या बात है मतलब तुमने सुधिया को दिनभर चोद चोद कर उसका मूत पिया है

हरिया- अरे बाबूजी उसकी गंद भी हमने इस कदर चोदि है कि रंडी रात भर मेरे लंड के झटके अपनी गंद और चूत मे महसूस करती रही होगी इसलिए आज ना वह आई और ना ही रामू आया, दरअसल रामू की तबीयत खराब है पर कल शायद वह भी खेतो मे आए,

मैं हरिया से विदा लेकर घर चला गया और फिर एक स्कार्पीओ किराए से लेकर हम लोग शिर्डी की और रवाना हो गये, ड्राइवर गाड़ी चला रहा था और मैं और संगीता और मम्मी तीनो पिछे की सीट पर बैठे थे, संगीता मेरे और मम्मी के बीच बैठी थी और गाड़ी अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी,

रत को 11 बजने को आ चुके थे और मम्मी सामने रोड पर देख रही थी और संगीता को मैं गौर से देख रहा था जो शायद नींद की वजह से झपकीया लेने लगी थी,

गाड़ी मे मधुर संगीत बज रहा था और मैने हमारी सीट के उपर की लाइट ऑफ कर दी और मम्मी ने भी अपने सर को सीट से टीका कर आँखे बंद कर ली, अब गाड़ी मे अंधेरा लगने लगा था और संगीता अपने सर को मेरे कंधे से टिकाए हुए सोने लगी थी,
संगीता की गरम सांसो की खुश्बू ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया था और मैने भी अपने सर को थोड़ा झुका कर संगीता के चेहरे के पास कर लिया था, संगीता जब सांस छ्चोड़ती तो उसकी साँसे सीधे मेरे चेहरे पर पड़ रही थी मैने धीरे से अपना हाथ संगीता की मोटी गुदाज जाँघो के उपर रख लिया और हल्के हल्के उसकी मोटी मखमली जाँघो को दबाने लगा,

मम्मी जाग रही थी या सो रही थी पता नही पर मुझे उनकी आँखे नज़र नही आ रही थी मैं बहुत गरम हो चुका था और संगीता के बदन से सटा हुआ था,

संगीता की रेड कलर की टीशर्ट से उसके मोटे मोटे कसे हुए ठोस दूध का उभार मुझे पागल किए जा रहा था और मुझसे रहा नही गया और मैने अपने मूह से संगीता के गालो को चूमते हुए अपना एक हाथ संगीता के गले मे डाल कर जब मैने उसके एक मोटे बोबे को अपने हाथ मे भर कर हल्के से दबाया तो क्या बताऊ मैं तो मस्त हो गया,

मेरे द्वारा संगीता के बोबे दबाने से भी उसने कोई प्रतिक्रिया नही की तो मुझे लगा वह गहरी नींद मे सो चुकी है फिर मैने संगीता के पूरे दूध का जयजा लेते हुए उसकी मोटाई को महसूस किया उसके मोटे गुदाज भरे हुए दूध को मैने अपने हाथो मे पूरा समाते हुए उसे हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया और अपने होंठो से कभी संगीता के गालो को चूमता कभी उसके रसीले होंठो को चूमने लगा,

दूसरे हाथ को जब मैने जाँघो पर फेरा तो घुटने के ज़रा सा उपर तक उसकी ब्लॅक कलर की स्कर्ट चढ़ि हुई थी मैने धीरे से संगीता की स्कर्ट को थोड़ा और उपर करके उसकी मोटी मसल जाँघो को अपने हाथो मे दबोच लिया और खूब गोरी गोरी जाँघो को सहलाने लगा,

एक हाथ से संगीता के मोटे-मोटे दूध उसकी पतली सी टीशर्ट के उपर से मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गुदाज जाँघो को सहला रहा था मेरा लंड पूरी ताक़त लगाए मेरे पेंट को फाड़ने की कोशिश कर रहा था, मैने धीरे से संगीता की जाँघो को थोड़ा सा खोल कर फैला दिया और फिर धीरे से उसकी मोटी जाँघो को सहलाते हुए उसकी फूली हुई पॅंटी मे कसी चूत तक ले जाने लगा,

मैने जैसे ही संगीता की पॅंटी के उपर से उसकी फूली हुई चूत को सहलाया मैं मस्त हो गया, संगीता ने लगता है दो तीन दिन पहले अपनी झांते बनाई थी जिसके कारण उसके बाल मुझे पॅंटी के उपर से भी हल्के हल्के चुभ रहे थे,

अब मैं संगीता की फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबाते हुए उसके मोटे मोटे दूध को मसल रहा था, फिर मेरी उत्तेजना के साथ ही मेरे हाथ का दबाव भी संगीता के मोटे मोटे बोबो और उसकी फूली हुई चूत पर बढ़ने लगा था और अब मैं काफ़ी ताक़त से संगीता के बोबे और चूत मसल रहा था,

संगीता सो रही थी या नही यह तो मैं नही जानता लेकिन जब मैने संगीता की मोटी जाँघो को और भी फैला कर उसकी पूरी फूली हुई चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोचा तो मुझे उसकी पॅंटी मे गीले पन का एहसास हुआ और मुझे लगा शायद संगीता जाग रही है,

मैने संगीता के बोबे को खूब कस कस कर मसलना शुरू कर दिया मैं यह सोच कर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया कि संगीता शायद जाग रही है अब मैं संगीता की चूत को पागलो की तरह खूब दबा दबा कर सहला रहा था और उसके दोनो दूध को बारी बारी से मसल रहा था तभी मथेर्चोद ड्राइवर ने गाड़ी एक ढाबे के पास जाकर रोक दी और मुझसे कहने लगा भैया जी चाइ पीना हो तो आ जाओ,

मैने मन मे कहा मथेर्चोद तू पी ले भोसड़ी वाले ने सारा मज़ा किरकिरा कर दिया, ड्राइवर की बात सुन कर मम्मी भी उठ गई और कहने लगी राज बेटे मेरे लिए भी एक चाइ ले आना, मैं उतार कर चाइ लेने चला गया पर संगीता अभी भी आँखे बंद किए हुए सो रही थी,

करीब 10 मिनिट बाद हम फिर चल दिए और मैने जब लाइट बंद करने का सोचा इससे पहले ही मम्मी ने लाइट ऑफ करने को कहा और फिर मैने लाइट ऑफ कर दी, अब मैने धीरे से फिर से संगीता के बोबो को जैसे ही च्छुआ संगीता के मूह से एक गहरी सांस निकल पड़ी,

क्रमशः........
 
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गतान्क से आगे......................


मैने उसके होंठो को चूमते हुए उसकी चूत पर जैसे ही हाथ रखा मैने देखा उसकी जंघे पहले से ही खूब फैली हुई थी और इस बार मैं पूरी तरह खुल कर उसकी गुदाज फूली चूत को उसकी पॅंटी के उपर से सहला रहा था,

संगीता की पूरी पॅंटी गीली हो चुकी थी और अब मुझसे रहा नही जा रहा था और मैने उसके मोटे मोटे बोबे दबाते हुए उसकी पॅंटी को एक साइड धीरे से हटा कर जब संगीता की चिकनी फूली हुई चूत को सहलाया तो संगीता ने अपनी जाँघो को और भी चौड़ा कर लिया और एक दम से मुझसे सॅट गई,

मैने संगीता के होंठो को अपने मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया और उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर मसालने लगा, संगीता की चूत की फांको को सहलाते हुए मैं धीरे धीरे उसकी चूत के दाने को सहला रहा था और उसकी चूत के छेद को अपनी उंगली से उपर ही उपर रगड़ रहा था मैं जानता था कि अगर मैने उंगली उसकी चूत मे घुसाने की कोशिश की तो कही उसके मूह से आवाज़ ना निकल जाए,

रात को 3 बजे हम औरंगाबाद पहुच गये और फिर अचानक मम्मी ने मुझे धीरे से आवाज़ दी

रति- बेटे राज

राज- हाँ मम्मी

रति- बेटा कही गाड़ी रुकवा ना मुझे बाथरूम जाना है,

मैने मम्मी की बात सुन कर ड्राइवर को एक ढाबे के पास गाड़ी रोकने को कहा और उससे कह दिया जाओ चाइ पी लो उसके बाद मम्मी को मैने इधर उधर देख कर एक तरफ जाकर मूतने का इशारा कर दिया और मम्मी अपनी गंद की दरार मैं फसि साडी को निकालते हुए मेरे सामने अपने भारी चूतादो को मतकाते हुए मूतने चल दी,

मैने देखा ड्राइवर ढाबे के अंदर चला गया है और गाड़ी जहाँ खड़ी थी उसके विपरीत दिशा मे मम्मी जा रही थी, मम्मी जिधर जा रही थी उधर एक दो पेड़ थे मैने भी मूतने के बहाने उन पेड़ो के पिछे खड़ा होकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मम्मी को छुप कर देखते हुए अपने लंड को सहलाने लगा, मेरा लंड बाहर आते ही मस्ती मे खड़ा हो चुका था,

मुझे मम्मी साफ दिखाई दे रही थी तभी मम्मी ने एक बार इधर उधर देखा और अपनी मोटी गंद से साडी उठा कर फिर इधर उधर देखते हुए अपनी पॅंटी भी नीचे सरका दी, मैं मम्मी की नंगी भारी गंद देख कर मस्त हो गया, जैसे ही मम्मी नीचे बेती उसकी गंद पूरी खुल कर मेरे सामने आ गई और मैं उसकी गदराई गोरी गंद देख कर मस्त होने लगा, सच कहु तो मम्मी की मोटी गंद सुधिया की गुदाज गंद से कई गुना ज़्यादा भारी और चोदने लायक लग रही थी,

कुच्छ देर तक मम्मी मूतने के बाद उठी और अपनी पॅंटी चढ़ा कर अपनी साडी नीचे करके वापस आने लगी, मम्मी को वापस आता देख मैने जल्दी से अपना लंड अंदर किया और गाड़ी मे आकर बैठ गया,

मैने जब गाड़ी मे संगीता को नही पाया तो मैं ढाबे मे देखने लगा जहाँ वह चाइ की चुस्किया ले रही थी, मैं मंद मंद मुस्कुराते हुए उसके पास गया और मैने पुछा खुल गई मेडम आपकी नींद,

आप तो बड़ी गहरी नींद सोती हो कोई उठा कर बाहर भी फेक देता तो पता नही चलता,

संगीता- मुस्कुराते हुए भैया आप तो जानते है सफ़र मे मुझे कितनी नींद आती है,

राज- अच्छा ठीक है जल्दी से चाइ ख़तम करो और फिर एक चाइ मम्मी को पिलाने के बाद मम्मी ने मुझे कहा राज संगीता को भी बाथरूम लगी है जा ज़रा उसे बता दे किधर जाना है, मैं मम्मी की बात सुन कर संगीता की ओर देखने लगा तो वह मंद मंद मुस्कुराते हुए इधर उधर देखने लगी,

मैने उसे इशारे से अपने साथ आने को कहा और फिर सामने वाला पेड़ दिखाते हुए कहा जाओ और वहाँ जाकर कर लो,

संगीता- भैया आप यही रहना मुझे डर लग रहा है,

राज- अरे इतना क्यो डर रही है तू जा कर ले मैं तेरे पिछे ही खड़ा हू, उसके बाद संगीता उस पेड़ के पिछे जाकर अपनी स्कर्ट उठा कर अपनी पॅंटी निच्चे सरका कर मूतने लगी और उसके मूतने की आवाज़ मुझे साफ सुनाई दे रही थी, कुछ देर बाद संगीता आ गई और हम गाड़ी मे बैठ कर चल दिए, इस बार मम्मी बीच , मे बैठ गई थी और संगीता उनकी दूसरी तरफ बैठी थी,
अब मैं मम्मी से सॅट कर बैठा था और मम्मी के बदन से उठती हुई खुश्बू ने मेरे लंड को फिर से खड़ा होने के लिए मजबूर कर दिया था, मैं समझ गया था कि मम्मी को अगर चोदने को मिल जाए तो साली मस्त कर देगी, उसकी भारी भरकम गुदज जवानी ने मुझे पागल कर रखा था और मैं हिम्मत करके मम्मी की मोटी जाँघो पर अपने हाथ को रख कर उनकी जाँघो की मोटाई और गुदाज मुलायम एहसास को महसूस करके मस्त हो रहा था,

करीब 5 बजे के लगभग हम लोग शिर्डी पहुच गये और फिर उस दिन हम लोगो ने दर्शन करने के बाद खूब घूमे फिरे और शाम को 4 बजे वापस चल दिए, इस बार ना मम्मी सोई और ना ही संगीता को सोने का मोका मिला और हम लोग रास्ते भर बाते करते हुए घर पहुच गये,

अगले दिन सुबह से ही संगीता मेरे आस पास मंडरा रही थी और मैं समझ गया था कि मेरी रंडी बहना की चूत खूब पानी छ्चोड़ रही है मैने देखा मम्मी किचन मे है और मैने संगीता को पकड़ कर अपनी गोद मे बैठा कर उसके गालो को चूमते हुए हल्के से उसके दूध को च्छू लिया और संगीता मेरे सीने से चिपकते हुए गहरी साँसे लेने लगी,

संगीता- भैया आज मुझे भी अपने साथ घुमाने ले चलो ना

राज- अरे बेबी मैं वहाँ घूमने थोड़े ही जाता हू जो तू कह रही है मैं वहाँ काम करने जाता हू

संगीता- भैया आप ने ही कहा था कि तुझे गन्ने चुसाने ले जाउन्गा और अब मना कर रहे हो

राज- अच्छा जा मम्मी से पुच्छ ले यदि मम्मी हाँ कह देगी तो ले चलूँगा,

संगीता मेरी गोद से उठी और दौड़ कर किचन मे चली गई और मम्मी से कहने लगी आज मुझे भी भैया के साथ गाँव घूमने जाना है,

रति- अरे पागल तू क्या करेगी वहाँ गाँव मे बोर हो जाएगी

संगीता- मूह बना कर मैं कुच्छ नही जानती मुझे तो बस भैया के साथ जाना है,

रति- ठीक है जा लेकिन अपने भैया को परेशान मत करना

संगीता खुशी से मम्मी का मूह चूम लेती है और फिर मेरे सीने से आ कर लिपटते हुए कहती है भैया अब तो मम्मी ने भी हाँ कह दिया है अब तो मुझे ले चलोगे ना,

राज- मैने संगीता के होंठो को एक दम से गहराई से चूम लिया और संगीता मुझसे चिपक गई, मैने कहा एक शर्त पर तुझे ले जाउन्गा

संगीता- वो क्या

राज- वहाँ मैं तुझसे जो कहूँगा वह तुझे करना पड़ेगा,

संगीता- मुस्कुराते हुए, भैया आप मुझे नही भी ले जाते तो भी आप जो कहते मैं वह ज़रूर करती आख़िर अपने भैया की बात कैसे टाल सकती हू

राज- मैने संगीता की चुचियों को अपने दोनो हाथो से हल्के से दबाते हुए कहा मेरी गुड़िया रानी को बड़ा ख्याल है अपने भैया का, अब तो मुझे अपनी बहना को आज लेजाना ही पड़ेगा और खूब मस्त गन्ने चुसवाने पड़ेंगे, बोल चुसेगी अपने भैया का गन्ना

संगीता- इठलाते हुए, मैं तो कब से यही चाहती हू भैया लेकिन आपको मेरा ख्याल ही कहाँ रहता है
मैने संगीता की गुदाज जवानी को सहलाते हुए उससे कहा मेरी रानी आज मैं तेरी सारी शिकायत दूर कर दूँगा और तू एक दम मस्त हो जाएगी, कुच्छ देर बाद मैं और संगीता तैयार हो गये और फिर अपनी बाइक पर संगीता को बैठा कर मैं हरिया और रामू के गाँव की ओर चल दिया,

मैं बाइक बड़े आराम से चला रहा था और संगीता मेरे पिछे मुझसे सॅट कर बैठी थी, संगीता ने जीन्स और टीशर्ट पहना हुआ था और अपनी टाँगे बाइक के दोनो तरफ करके मेरी कमर पकड़ कर मुझसे पूरी तरह सटी हुई थी जब कोई ब्रकेर आता तो संगीता मुझसे और भी सॅट जाती और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, कुच्छ ही देर मे हम साइट पर पहुच गये और मैने मजदूरो को काम पर लगाने के बाद पेदल संगीता का हाथ पकड़ कर उसे तालाब के आसपास घुमाने लगा और गाँव का नज़ारा दिखाने लगा, संगीता काफ़ी खुस लग रही थी और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी, मैं थोड़ा उसके बराबर मे पहुच कर धीरे से उसकी मोटी गंद पर हाथ मारते हुए उससे पुच्छने लगा- संगीता कैसा लगा तुमको गाँव का महॉल संगीता- अच्छा लग रहा है भैया यहा तो पेड़ की च्चाँव मे बैठ कर ठंडी हवा लेने का मज़ा ही कुच्छ और है,राज- चल तुझे गाँव के गन्ने चुस्वाता हू, बड़े मीठे गन्ने है यहा केसंगीता और मैं पेदल घूमते हुए हरिया के खेत की ओर चल देते है कुच्छ देर बाद हम दोनो हरिया के खेत मे पहुच जाते है और हमे वहाँ चंदा मिल जाती है,राज- अरे चंदा तुम्हारा बाबा हरियाकहाँ हैचंदा- बाबू जी वह सुधिया चाची के खेत की ओर गये है और हमे कह गये है जब तक हम आए ना तुम कही नही जाना,राज- अच्छा चंदा देखो यह संगीता है और संगीता यह चंदा है तुम दोनो बाते करो मैं हरिया के पास से आता हू उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और संगीता चंदा से बाते करने लगी,जब मैं रामू के खेतो की ओर पहुचा तो सुधिया बैठी बैठी घास काट रही थी और हरिया उसके सामने बैठा हुआ अपने लंड को धोती के उपर से मसल रहा था, मैने दूर से उसे आवाज़ दी और वह दौड़ कर मेरी तरफ आ गया

राज- अरे माफ़ करना हरिया मैने तुम्हे डिस्टर्ब किया लेकिन मैं अपनी बहन संगीता को लेकर आया हू और कुच्छ देर के लिए मैं उसे यही छ्चोड़ कर साइट पर जा रहा हू तब तक तुम उसे थोड़ा गरम करने की कोशिश करो, उसकी चूत से पानी बहने लगना चाहिए ताकि बाद मे मुझे उसे चोदने मे कोई दिक्कत ना हो,हरिया- आप फिकर ना करो बाबूजी बस आप हम पर छ्चोड़ दो, उसके बाद मैं वहाँ से चला गया और हरिया सुधिया से यह कह कर चला गया कि वह अभी आता है,हरिया जब अपने खेत मे गया तो संगीता और चंदा उसे देख कर खड़ी हो गई,हरिया- अरे बैठो संगीता बैठो हम जानते है तुम हमारे बाबूजी की प्यारी सी बहना हो ना, आपके भैया आपके बारे मे हमसे बहुत बाते करते है, वह आपको बहुत प्यार करते है,संगीता- अच्छा और क्या कहते है भीया मेरे बारे मे हरिया- वो सब हम आपको बताएगे संगीता लेकिन पहले कुच्छ पानी वग़ैरह तो पीलो, चंदा जा संगीता बहन के लिए पानी लेकर आ और फिर चंदा पानी लेकर आ जाती है, हरिया झोपड़ी मे जाता है और चंदा को इशारे से बुला कर उसके कान मे कुच्छ समझा कर बाहर आ जाता है, हरिया- अरे चंदा मैं ज़रा रामू भैया के खेतो मे काम से जा रहा हू तू संगीता बहन को गन्ने के खेतो मे घुमा कर उन्हे अच्छे मीठे मीठे गन्ने चूसने को दे दे तब तक मैं आता हू, हरिया वहाँ से चला गया और चंदा संगीता के पास आकरछंदा- चलो दीदी मैं आपको मस्त गन्ने चुस्वाउंगी, आपको देख कर लगता नही है कि कभी आपने गन्ने चूसे है,संगीता- गन्ने तो नही चूसे चंदा लेकिन हाँ गन्ने का रस ज़रूर पिया हैचंदा- ज़ोर से हस्ते हुए, अरे दीदी जब तक गन्ना चुसोगी नही रस कहाँ से निकलेगसांगीता- अरे पगली रस गन्ने को मशीन मे डाल कर निकाला जाता हैचंदा- मुस्कुराते हुए कौन सी मशीन उपर वाली या नीचे वाली या फिर पिछे वालीसंगीता उसे गौर से देख कर मैं तुम्हारा मतलब नही समझी,चंदा- दीदी कभी तुमने गन्ना देखा है
संगीता- अरे पागल वो सामने लगे तो है
चंदा- मुस्कुराते हुए अरे दीदी मैं उस गन्ने की बात नही कर रही हू मैं तो उस गन्ने की बात कर रही हू जो मर्दो के आगे झूलता रहता है,चंदा की बाते सुन कर संगीता एक दम से चौक जाती है और उसे गौर से देखती हुई, मुस्कुरा कर तू बहुत बदमाश है चंदा कैसी बाते करती है,चंदा - दीदी हमारे गाँव मे तो गन्ना उसी हथियार को कहते है जो मेरे बाबा और तुम्हारे भैया के पास है और उसी गन्ने को हम गाँव की औरते खूब कस कर चुस्ती है,संगीता- उसे आश्चर्या से देखती हुई, क्या तुमने वह गन्ना चूसा हैचंदा- हाँ खूब जी भर कर और मैं तो उसे अपने नीचे भी खूब लेती हू,संगीता- क्या तेरी शादी हो गई हैचंदा- अरे दीदी अभी शादी कहाँ हुई है अभी तो मैं बहुत छ्होटी हुसांगीता- तो क्या बिना शादी के ही तू सब कर चुकी हैचंदा- हाँ मैं तो रोज ही चुदवाती हू,संगीता- अपने गले का थूक गटकते हुए, क्या तू रोज चुदवाती है लेकिन किससे चंदा- अपने बाबा से और किससे संगीता- क्या बकती है भला कोई अपने बाबा से भी चुदवाता हैचंदा- लो कर लो बात हमे तो हमारे बाबा रोज पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोद्ते है,

संगीता- उसे आश्चर्या से देखती हुई क्या बात कह रही है चंदा,

चंदा- कसम से दीदी मैं भला आपसे बेकार मे झूठ क्यो बोलूँगी, सच दीदी चूत मरवाने मे बड़ा मज़ा आता है, क्या आपका मन नही करता अच्छे मोटे मोटे लंड से चुदने का,

संगीता- करता तो है पर क्या करू

चंदा- अपने भैया को क्यो नही फसा लेती हो, मस्त ठुकाई करेगे वह तुम्हारी चूत की

संगीता- नही नही मुझसे यह सब नही होगा तू अपना आइडिया अपने पास रख

चंदा- अच्छा दीदी कभी तुमने किसी को चुदाई करते देखा है,

संगीता- नही रे भला मैं किसे देख सकती हू

चंदा- आपका मन करता है चुदाई करते हुए देखने का

संगीता- करता तो है लेकिन उससे क्या होगा,

चंदा- आप कहे तो मैं आपको मस्त चुदाई करते हुए दिखा सकती हू

संगीता - वह कैसे

चंदा- मेरे बाबा है ना वह अभी मेरी चाची सुधिया को चोदने ही तो गये है

संगीता- क्या बात कह रही है

चंदा- तुम चलो मैं तुम्हे आज मस्त चुदाई दिखाती हू और फिर चंदा संगीता का हाथ पकड़ कर रामू के गन्नो के खेत की ओर ले गई जहाँ हरिया सुधिया के सामने बैठा बाते कर रहा था, हरिया बार बार सुधिया को अपने लंड का टोपा खोल खोल कर दिखा रहा था और सुधिया अपने काम मे लगी हुई मंद मंद मुस्कुरा रही थी,

संगीता और चंदा दोनो की निगाहे हरिया और सुधिया पर लगी हुई थी,

क्रमशः........
 
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गतान्क से आगे......................


हरिया- एक बार इधर देख तो भौजी देख कैसे पहाड़ी आलू की तरह फूला हुआ है मेरा गुलाबी सूपड़ा

सुधिया- एक नज़र हरिया के लोदे पर मार कर उसे कंधे पर मारती हुई मुस्कुराकर चल कमिने सुबह से तुझे बस एक ही चीज़ नज़र आती है और कोई काम नही है तेरे पास,

संगीता- तू तो कह रही थी तेरा बाबा सुधिया को चोदने गया है पर सुधिया तो उसे भगा रही है

चंदा- अरे तुम चुपचाप देखती जाओ

हरिया- भौजी थोड़ा घाघरा उपर कर के बैठा करो हमे कुच्छ भी नज़र नही आता है और हरिया सुधिया के आगे गिरे घाघरे को उठा कर उसकी जाँघो तक चढ़ा देता है और सुधिया उसको मुस्कुराकर देखती हुई उसी के सामने अपनी चूत को खोल कर खुजलाते हुए वापस घास काटने लगती है,

सुधिया- अपने माथे का पसीना पोछ्ते हुए हाय राम ऐसी गर्मी मे कैसे काम किया जाए बड़ी प्यास लग आई और फिर सुधिया उठ कर पानी पीने लगती है उसके मूह से पानी गिरता हुआ उसकी आगे से पूरी चोली गीला कर देता है और सुधिया के मोटे मोटे दूध पूरे भीगे नज़र आने लगते है, थोड़ा पानी सुधिया के पेट और नाभि से नीचे गिरने लगता है और हरिया सुधिया के पेट और उसकी गहरी नाभि को एक दम से चाट लेता है,

सुधिया- उसका मूह दूर धकेलते हुए, अरे कमिने बोलता क्यो नही क्या चाहिए तुझे, सुबह से कुत्ते की तरह मेरी गंद के पीछे लगा हुआ है, ना जाने कहा से सुन्घ्ता हुआ मेरे पीछे पीछे आ जाता है,

हरिया- भौजी बस एक बस पिला दे

सुधिया- क्या पिला दू

हरिया- अपना मूत पीला दे भौजी,तेरी मुतति हुई चूत चाटने का मज़ा ही कुच्छ और है

संगीता- चंदा तेरा बाबा कितना गंदा है देख सुधिया चाची से क्या कह रहा है

चंदा- अरे दीदी तुम नही जानती इन मर्दो को औरत का मूत पीने मे कितना मज़ा आता है,

एक बार अगर तुम अपने भैया से कह दो ना कि भैया मेरा पेशाब चाट लो तो तुम्हारे भैया पागल हो जाएगे और तुम्हारी पूरी चूत चाट जाएगे, तुम कभी देखना जब तुम भैया से कहोगी कि तुम्हे पेशाब लगी है तब देखना तुम्हारे भैया का लंड ज़रूर खड़ा हो जाता होगा,

हरिया- भौजी तुझे बाबाजी की कसम अगर तू मुझे अभी के अभी अपना मूत ना पिलाए तो

सुधिया- कुत्ते कही के उन महान बाबाजी की कसम देता है और फिर सुधिया वही खड़ी खड़ी अपना घाघरा उठा कर हरिया को अपनी फूली हुई चूत दिखाते हुए ले हरामी ले पी मेरा मूत, चाट ले जी भर के

सुधिया का इतना कहना था कि हरिया घुटनो के बल सुधिया की चूत के आगे मूह लगा कर बैठ गया और सुधिया ने थोड़ा सा अपनी चूत को और उपर उठा कर हरिया के मूह से लगा कर छुल्ल से खड़े खड़े हरिया के मूह मे अपनी पेशाब की मोटी धार मारनी शुरू कर दी,

हरिया के मूह मे जैसे ही सुधिया का मूत पड़ा हरिया ने अपना हाथ पिछे लेजा कर सुधिया की गुदाज मोटी गंद को अपने हाथो मई दबोच कर उसकी फूली हुई चूत से अपना मूह कस के भिड़ा दिया और पागल कुत्ते की तरह सुधिया की चूत को चाटने लगा, हरिया ने जैसे ही सुधिया की चूत को अपने मूह मे भर लिया सुधिया का मूत एक दम से रुक गया और सुधिया अपने हाथो से अपने मोटे मोटे दूध दबाती हुई कहने लगी चाट कुत्ते पी ले अपनी भौजी की चूत से मूत,
हरिया- रुक क्यो गई और मूत मेरे मूह मे अपनी चूत रगड़ रगड़ कर मूत साली रंडी आज मैं तेरी चूत का सारा रस पी जाउन्गा, सुधिया ने अपनी चूत मे ताक़त लगा कर फिर से थोड़ा सा पेशाब हरिया के मूह मे किया और हरिया फिर से सुधिया की चूत को खूब कस कस कर अपने होंठो से पीने लगा, उसने सुधिया के भज्नाशे को अपने होंठो के बीच दबा कर कस कर चूसना चालू कर दिया और सुधिया खड़ी खड़ी अपनी चूत उठा उठा कर हरिया के मूह पर मारने लगी,

हरिया अपने दोनो हाथो से सुधिया की चूत को फैला फैला कर अपनी लंबी जीभ निकाल कर सुधिया की चूत को चाट रहा था,

उधर संगीता वह नज़ारा देख कर एक दम सन्न रह गई थी और उसकी चूत के पानी से पॅंटी पूरी गीली हो गई थी

चंदा- क्या हुआ दीदी अच्छा लग रहा है ना

संगीता- चंदा क्या तेरे बाबा तेरे साथ भी ऐसा ही करते है

चंदा- हाँ दीदी बाबा खूब चूत चाटना पसंद करते है लेकिन तूहरे भैया तो मेरे बाबा से भी ज़्यादा चूत चाटना पसंद करते है,

संगीता- क्या मेरे भैया ने तेरी भी चूत ऐसे ही चाती थी

चंदा- हाँ दीदी और वह जब मेरे मोटे मोटे दूध दबा दबा कर मेरी चूत चाट रहे थे तो बड़ा मज़ा आ रहा था, लाओ मैं तुम्हारे दूध दबाती जाती हू और तुम सामने का नज़ारा देखो तुम्हे बहुत अच्छा लगेगा, उसके बाद चंदा ने जैसे ही संगीता के मोटे मोटे दूध को उसकी पतली सी टीशर्ट के उपर से दबाया संगीता वही गन्नो के बीच अपनी गंद टिका कर बैठ गई और अपने उपर के जिस्म का वजन चंदा के उपर दे दिया,

चंदा उसके मोटे मोटे दूध को बड़े प्यार से सहलाती हुई कहने लगी अब देखना दीदी बाबा कैसे रगड़ रगड़ कर अपने मोटे लंड से सुधिया चाची की चूत और गंद मारेंगे,

हरिया लगातार सुधिया की चूत उसे खड़ी करके चाट रहा था और सुधिया उसके सर को अपनी चूत मे दबाती हुई आह आह करती हुई कह रही थी चाट और चाट हरामी चोद अपनी भौजी को खूब कस कस कर पी उसकी चूत का रस,

हरिया ने सुधिया की फांको को खूब चौड़ा करके उसके छेद मे अपनी जीभ डाल कर उसका रस चूसना शुरू कर दिया और सुधिया ने हरिया के मूह मे चूत का सारा पानी छ्चोड़ दिया और एक दम से ज़मीन पर बैठ कर हरिया की धोती से उसके लंड को बाहर निकाल कर उसके टोपे को चाटने लगी,

संगीता ने जब हरिया का मोटा तना हुआ लंड देखा जिसे सुधिया बड़े प्यार से चाट रही थी तब संगीता ने चंदा से कहा हाय चंदा तेरे बाबा का लंड कितना बड़ा है इतना मोटा लंड तेरी चूत मे कैसे घुसता होगा,

चंदा ने तुरंत अपनी छ्होटी सी फ्रांक उपर करके संगीता को अपनी चूत को थोडा फैला कर अपनी चूत का छेद दिखाते हुए कहा देखो दीदी यह छेद, जब बाबा का लंड घुसता है तो यह अपने आप और भी फैल कर बड़ा हो जाता है, अब तो मैं अपने बाबा का पूरा लंड इसमे भर लेती हू,

संगीता- पर चंदा मेरी चूत तो तेरी चूत से बड़ी है पर उसका छेद बहुत छ्होटा है

चंदा- दीदी अभी तक आप की चूत मे कोई मस्त लंड घुसा नही है ना इसलिए, एक बार आप अपने भैया का लंड इसमे डलवा लो फिर देखना आप अपने भैया से रोज चुदे बिना नही रह पओगि, चंदा देखो दीदी ज़रा मेरी चूत मे अपनी तीन उंगलिया एक साथ डाल कर देखो, चंदा के कहने पर संगीता ने उसकी चूत मे अपनी तीन उंगलिया डाली और उसकी तीनो उंगलिया चंदा की चूत मे घुस गई,

चंदा ने भी संगीता की जीन्स के उपर से उसकी चूत को कस कर दबोच लिया और संगीता आह करते हुए चंदा से लिपट गई,

चंदा एक दम एक्सपर्ट थी उसने संगीता की टीशर्ट को उपर उठा कर उसके पके हुए आम को बाहर खींच कर कस कस कर उसके मोटे मोटे पके आमो को मसलना शुरू कर दिया,

संगीता चंदा की चूत को खुरेदते हुए हरिया के मोटे लंड को देख रही थी जिसे सुधिया बड़े प्यार से चूस रही थी, हरिया थोड़ा झुका हुआ सुधिया के मोटे मोटे दूध को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था,

कुच्छ देर बाद हरिया ने सुधिया को घोड़ी बना कर उसका घाघरा पिछे से उठा कर उसके नंगे चूतादो पर कस कर थप्पड़ मारते हुए उसकी गुदा मे उंगली डाल कर उसकी गुदा को खूब फैला कर चाटने लगा और साथ ही साथ सुधिया की चूत की फांको को खोल कर उसके छेद को अपनी जीभ से सहलाने लगा, सुधिया खूब अपनी गंद मटकाने लगी और हरिया उसकी गंद मे कस कस कर तमाचे मारता हुआ,

ले मोथेर्चोद बहुत मोटी गंद है तेरी आज तेरी गंद और चूत मार मार कर फाड़ दूँगा,

सुधिया- अपनी मोटी गंद हिला कर कहती है अरे हरिया कुत्ते भोक्ता ही रहेगा या मेरी चूत मे अपना मूसल लंड भी डालेगा,

हरिया- अरे मेरी रंडी सुधिया भौजी ले संभाल मेरे मूसल को और फिर हरिया ने एक करारा धक्का सुधिया की चूत मे मार दिया और उसका पूरा लंड सुधिया की चिकनी चूत को चीरता हुआ अंदर तक जाकर धस गया और सुधिया के मूह से एक सिसकी निकल गई, हरिया अब सुधिया की गंद दबा दबा कर उसकी चूत मे अपना लंड खूब रगड़ रगड़ कर पेलने लगा और सुधिया अपने मोटे मोटे चूतड़ हरिया के लंड पर मारने लगी,
उधर संगीता के मोटे मोटे बोबे दबा दबा कर चंदा ने उसे पागल कर दिया था और अपनी आँखो के सामने पहली बार किसी गदराई औरत की चूत किसी मोटे लंड से ठूकते देख कर संगीता की चूत खूब चिकना गई थी,

कुछ समय बाद जब हरिया सुधिया को चोद चुका तब चंदा संगीता को चुपचाप वापस अपने झोपड़ी के पास ले आई और फिर खाट पर बैठ कर संगीता के मोटे मोटे दूध को दबाती हुई,

चंदा- क्यो दीदी मज़ा आया कि नही,

संगीता- मुस्कुराते हुए बहुत मज़ा आया चंदा लेकिन अब मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है

चंदा- संगीता के बोबे मसल्ते हुए, पहले यह बताओ कि तुम्हारा मन अपनी चूत मे अपने भैया का लंड लेने का कर रहा है कि नही,

संगीता- आह थोड़ा धीरे दबा चंदा, मेरा मन तो बहुत कर रहा है चुदने का लेकिन मेरी ऐसी किस्मत कहाँ

चंदा- कस कर संगीता के बोबे दबाती हुई, अरे दीदी जब भी तुम्हारे भैया तुम्हे अपने गले लगाते है ना तब तुम अपने मोटे मोटे दूध को खूब कस कर उनके सीने से दबाया करो फिर देखना तुम्हारे इन मोटे मोटे आमो के मुलायम और ठोस उभार से तुम्हारे भैया का मस्त लोडा कितनी जल्दी खड़ा होता है,

संगीता- पर क्या पता चंदा मेरे भैया मुझे चोदना चाहते है कि नही

चंदा- संगीता की जाँघो को फैला कर उसके जीन्स के उपर से उसकी चूत को दबा कर देखती हुई, अरे दीदी तुम एक बार कहो तो कि तुम्हे अपने भैया के लंड से चुदना है फिर मई तुम्हे आसान तरीका बता देती हू,

संगीता- बता देना पर पहले मुझे यह बता मैं पेशाब कहाँ करू मुझे बहुत ज़ोर से मूत आ रहा है

चंदा- दीदी अभी अपनी चूत को अपनी मोटी जाँघो के बीच कस कर दबा कर बैठी रहो जब तक तुम्हारे भैया नही आ जाते, जब वह आ जाए तो उनसे धीरे से शरमाने का नाटक करती हुई कहना भैया मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है, फिर देखना तुम्हारी बात सुनते ही तुम्हारे भैया को तुम्हारी फूली हुई चूत दिखने लगेगी और उनका लंड खड़ा हो जाएगा, फिर वह तुम्हे कही एक तरफ मूतने के लिए ले जाएगे तब तुम जानबूझ कर ऐसी जगह मुतना जहा से तुम्हारे भैया आराम से तुम्हारे मोटे मोटे नंगे चूतादो और तुम्हारी गंद की दरार देख सके, उसके बाद तुम खूब देर तक मुतना और जब मूत आना बंद हो जाए तब अपनी चूत को वही बैठी बैठी रगड़ रगड़ कर खूब लाल कर लेना जब तुम्हे ज़्यादा देर हो जाएगी तब भैया कहेगे क्या हुआ संगीता हो गया क्या,

तब फिर तुम वही करना जो मैं तुम्हे बता रही हू और फिर संगीता को चंदा ने कुच्छ और भी टिप्स दिए और फिर उसे एक गन्ना लाकर चूसने को दे दिया,

संगीता- गन्ना चूस्ते हुए अरे चंदा भैया ना जाने कब आएगे तब तक क्या मैं अपना पेशाब रोके बैठे रहूंगी,

चंदा-हस्ते हुए दीदी अब अपने भाई का मोटा लोडा जो अपनी चूत मे डलवाना हो तो थोड़े समय तो अपना पेशाब रोक कर रखना ही होगा, पर हाँ यह ज़रूर ध्यान रखना कि अपनी पॅंटी मे ही मत मूत देना,

संगीता- हस्ते हुए तू बहुत चुड़क्कड़ और छीनाल है साली, दिखती कितनी भोली और शरीफ है लेकिन अपने बाबा का लंड भी बड़े प्यार से खा जाती है,

चंदा- सबसे ज़्यादा चटोरा तो तुम्हारा भैया है जो सारी गाँव की औरतो की चूत चाटता फिरता है और फिर भी उसका पेट नही भरा तो आज वह तुम्हे भी यहाँ ले आया,

संगीता- के मतलब है तेरा

चंदा- यही कि तुम जानती हो तुम्हारे भैया तुम्हे यहाँ क्यो लाए है,

संगीता- हाँ गन्ने चुसवाने के लिए

चंदा- ज़ोर से हस्ते हुए, हाँ वो तो है पर तुम यह नही जानती कि तुम्हारे भैया तुम्हे यहाँ चोदने के लिए लाए है और वो जो सामने आम का बगीचा दिखाई दे रहा है ना उधर ज़्यादातर कोई नही जाता है और तुम अपने भैया को कहना कि तुम्हे वह बगीचा घूमना है फिर वहाँ जाकर तुम कहना तुम्हे पेशाब लगी है और फिर देखना तुम्हारे भैया तुम्हे उसी बगीचे मे खूब रगड़ रगड़ कर चोदेन्गे,

क्रमशः........
 
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गतान्क से आगे......................


संगीता- मुझे यकीन नही होता कि मेरे भैया इतने चुड़क्कड़ है, क्या वह सचमुच मुझे चोदने के लिए यहाँ लाए है,

चंदा- कसम से दीदी आज बड़ा अच्छा मौका है उस बगीचे मे जाकर खूब अपने भैया से अपनी चूत मरवा लो सच वह तुम्हे इतनी तबीयत से चोदेगे कि तुम मस्त हो जाओगी, और फिर चंदा ने संगीता के बोबे को कस कर मसल्ते हुए कहा तब तक दीदी अपना पेशाब रोक के रखना जब तुमसे सहा ना जाए और मूत की बूंदे तुम्हारी चूत के दाने से रिस रिस कर बाहर आने लगे तब अपने भैया को अपनी चूत खड़ी खड़ी ऐसे चटाना जैसे सुधिया चाची चटा रही थी और धीरे धीरे रुक रुक कर अपने भैया के मूह मे मुतती जाना ताकि तुम्हारे भैया तुम्हारा मूत तुम्हारी चूत से चाट चाट कर पीते जाए,

संगीता- आह बस कर चंदा नही तो मेरी चूत की नशे फट जाएगी, कितनी चुदासी बाते करती है तू 2 घंटे मे तूने मेरा क्या हाल कर दिया है,

चंदा- हस्ते हुए अरे दीदी मैने तो सिर्फ़ कढ़ाई मे पानी और शक्कर डाल कर बस गरम आँच दी है अभी असली चासनी तो तुम्हारे भैया बनाएगे तब देखना तुम्हे कितनी मस्ती चढ़ती है, आज जब तुम रात को घर पहुचोगी तो तुम्हारा रोम रोम मीठे मीठे दर्द के मारे तुम्हारे सारे बदन को तडपाएगा, जब मर्द लोग औरत को पूरी नंगी करके तबीयत से ठोकते है तब औरत बिल्कुल मस्त हो जाती है,

चंदा और संगीता बाते कर रही थी तब हरिया भी वहाँ आ गया और फिर चंदा ने पुछा बाबा बाबूजी कब तक आएगे, संगीता दीदी बोर हो रही है,

हरिया- अच्छा हम अभी उन्हे बुला कर लाते है और फिर हरिया वहाँ से तालाब की ओर चल दिया, इन सबके बीच चंदा ने संगीता को पूरे गाँव मे कौन किससे अपनी चूत मराता है कौन किसकी बहन चोद्ता है और कौन अपनी मा को रात भर नंगी करके चोद्ता है वह सारे किस्से संगीता को सुना सुना कर उसकी चूत से इतना पानी बहाया कि उसकी पॅंटी के बाद उसकी जीन्स का भी वह हिस्सा गीला हो गया जहाँ संगीता की मस्त फूली हुई चूत दबी हुई थी,

संगीता चुदाई की बातो से ही बहुत गरम हो चुकी थी उपर से चंदा ने उसे रिश्ते मे होने वाली चुदाई के बारे मे जब सारी बाते बताई तो संगीता से सहन करना मुश्किल हो गया और वह अपने भैया के लंड से खूब ज़ोर ज़ोर से चुदने के लिए तड़पने लगी,

उधर हरिया मेरे पास आकर कहने लगा बाबूजी चलिए संगीता आपको याद कर रही है

राज- क्या हुआ हरिया कुच्छ बात बनी कि नही

हरिया- अरे बाबूजी आपकी बहना तो बस अब लंड के सिवाय कुच्छ सोच ही नही रही है उसकी चूत खूब पनिया गई है और वह आपके लंड को लेने के लिए तड़प रही है,

राज- अच्छा लगता है तुम बाप बेटी ने मिल कर उसे खूब गरम कर दिया है, लेकिन हरिया अब उसे कहाँ ले जाकर चोदुगा,

हरिया- बाबूजी सामने वाले आम के बगीचे मे उसे घुमा लाओ और वहाँ कोई आता जाता भी नही है बस वही अपनी बहन को तबीयत से छोड़ लेना,

राज- हाँ यह ठीक रहेगा चलो चलते है उसके बाद मे हरिया के साथ वापस उसके खेत मे आ गया, संगीता मुझे देख कर मुस्कुरा कर खड़ी हो गई लेकिन उसका चेहरा काफ़ी लाल नज़र आ रहा था,

राज- क्या हुआ गुड़िया रानी बोर हो गई क्या

संगीता- नही भैया ऐसी बात नही है यह चंदा बड़ी अच्छी बाते करती है

राज- अच्छा चल हम लोग थोड़ा बहुत और घूमते है फिर घर चलते है उसके बाद मैं संगीता का हाथ पकड़ कर गाँव की पगडंडी पर चलने लगा, संगीता बिल्कुल शांत थी और मैं उसे गाँव के बारे मे बताता हुआ उसके गले मे हाथ डाले चला जा रहा था, बीच बीच मे मैं संगीता के भारी चूतादो को उसकी जीन्स के उपर से सहला देता था तब संगीता मुझसे और भी सॅट जाती थी,

जब हम बगीचे मे पहुचे तब संगीता की चल कुच्छ कम हो गई

राज- क्या हुआ कुच्छ परेशानी है क्या तू कुच्छ बोल भी नही रही है,

संगीता- शर्मा कर अपना सर नीचे करते हुए कहने लगी भैया मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है

राज- अच्छा जा वहाँ सामने जाकर कर ले तब तक मैं तेरे लिए पके हुए आम तोड़ता हू, संगीता धीरे से आगे बढ़ गई और एक पेड़ के पिछे खड़ी होकर जीन्स खोलने लगी, मैं चोर नज़रो से उसे देख रहा था और वह भी मुझे चुपके से देखने की कोशिश कर रही थी, वह बड़े आराम से अपनी जीन्स को नीचे सरका कर कुच्छ देर खड़ी रही,
मुझे उसकी गुदाज मोटी गंद ब्लॅक पॅंटी मे कसी हुई नज़र आ रही थी लेकिन मैं ऐसे दिखा रहा था जैसे मैं उसे नही देख रहा हू, संगीता की चूत खूब फूल चुकी थी तभी वह बड़े मस्ती भरे अंदाज मे अपनी पॅंटी निच्चे सरका कर जैसे ही बैठी उसकी गंद की दरार एक पल के लिए मुझे नज़र आ गई फिर उसके मोटे मोटे चूतड़ फैल कर खुल गये और संगीता की मोटी गंद मुझे नज़र आने लगी, मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था,

उधर संगीता का प्रेसॉर भी ज़्यादा था और वह बैठी बैठी मुते जा रही थी, मैं उसकी चूत से निकलती मोटी धार को देख तो नही पाया लेकिन मेरी आँखो के सामने मेरी बहन की गुलाबी रसीली चूत का नज़ारा ज़रूर आ गया और मैं कल्पना मे डूब गया कि संगीता की चूत से कैसे पेशाब की धार निकल रही होगी और उसकी चूत का गुलाबी छेद कैसे भीगा हुआ लसलसा रहा होगा,

राज- क्या हुआ संगीता हो गया क्या

संगीता- एक दम से खड़ी होकर कहने लगी बस भैया आ गई उसके बाद भी संगीता वही खड़ी जीन्स चढ़ा कर ना जाने क्या करने लगी थोड़ी देर बाद मैने फिर उससे पुछा

राज- क्या हुआ गुड़िया कितना टाइम लगाती हो

संगीता- अरे भैया यह जीन्स की चैन बंद नही हो रही है

राज- लाओ इधर मैं लगा देता हू,

संगीता जीन्स को कमर से पकड़े हुए मेरी तरफ आने लगी उसकी कमर से लेकर घुटनो तक का एरिया इतना भरा हुआ नज़र आ रहा था कि मैं तो उसकी मोटी जाँघो को छुने के लिए तड़पने लगा,

संगीता मेरे सामने आकर खड़ी हो गई उसके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह शरारती मूड मे लग रही है और वह मंद मंद मुस्कुरा भी रही थी,

राज- इधर आओ मैं लगाता हू और फिर मैने उसके सामने बैठ कर सबसे पहले मैने दोनो हाथो से उसकी मोटी जाँघो को पकड़ कर सहलाते हुए अपने हाथ को पिछे लेजाकार उसके भारी चूतादो को पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया उसके बाद मैने उसकी जीन्स की चैन को देखा ऐसा लग रहा था जैसे संगीता ने जान बुझ कर चैन की कॅप को तोड़ दिया हो,

मैं उसकी चैन के कॅप को पकड़ने की कोशिश कर रहा था और जैसे ही मैने एक उंगली से चैन के अंदर वाले हिस्से को पकड़ना चाहा मेरी उंगली संगीता की ब्लॅक पॅंटी मे फूली हुई चूत से टच हो गई और संगीता के मूह से आह की आवाज़ निकल पड़ी मैने जब उपर देखा तो संगीता अपनी आँखे बंद किए हुए अपना सर उपर उठाए हुए थी और उसका चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे खड़े खड़े लंड लेने को तैयार हो,

जब मेरी उंगली उसकी चूत से च्छू गई तो मुझे भी बड़ा मज़ा आया और इस बार मैने जान बुझ कर उसकी फूली हुई चूत को सहलाते हुए उसकी चैन लगाने का नाटक करने लगा, उसकी चूत का फूला हुआ गुदाज भाग बहुत मस्त लग रहा था तभी मैने उसकी पॅंटी के उपर से उसकी चूत को अपनी हथेली मे थामते हुए उसकी चैन उपर खिचने लगा जिससे मेरा हाथ का दबाव संगीता की फूली हुई चूत पर पड़ा और वह आह भैया सीई करके एक दम से तड़प उठी,

राज- क्या हुआ संगीता क्या चेन चुभ गई

संगीता- नही भैया मैं ठीक हू, क्या नही बंद हो रही है

राज- अरे इस चैन की कॅप टूट गई है इसलिए यह उपर नही चढ़ रही है एक काम करता हू इसे दन्तो से खींच कर उपर चढ़ाने की कोशिश करता हू उसके बाद मैने संगीता की जीन्स को और भी खोल दिया और मुझे नही पता संगीता मेरी तरफ देख रही थी या अपनी आँखे बंद करके खड़ी थी मैने उसकी जीन्स को फैला कर जब उसकी ब्लॅक पॅंटी मे कसी हुई गुदाज फूली चूत को देखा तो मुझसे नही रहा गया और मैने अपने मूह को उसकी मस्त फूली चूत पर पनटी के उपर से दबा दिया और संगीता आह करके एक दम से सीसीयाने लगी और उसके पैर खड़े खड़े काँपने लगे,

मैं चैन तो नही खींच रहा था बस अपने मूह से संगीता की पॅंटी के उपर से उसकी गुदाज बुर को खूब दबा रहा था, और संगीता पूरी मस्ती मे खड़ी मज़ा लूट रही थी,

राज- संगीता तुम ठीक से खड़ी रहना मैं चैन को दन्तो मे फसा कर उपर खिचता हू तुम संभाल कर खड़ी रहना थोड़ा धक्का भी लग सकता है, उसके बाद मैने संगीता की चैन को दन्तो से पकड़ने का नाटक करते हुए अपनी जीभ से संगीता की चूत को उसकी पॅंटी के उपर से चाट लिया और उसकी बुर को अपनी नाक लगा कर कस कर सूँघा तो क्या बताऊ मैं तो एक दम मस्त हो गया,

मैं मनमाने तरीके से कभी संगीता की मोटी गंद को दबा कर उसकी चूत को अपने मूह से दबाने लगता और कभी उसकी चूत को अपनी हथेली मे भर कर दबोच लेता, संगीता खड़ी खड़ी पानी छ्चोड़ रही थी और मैं अपनी जवान कुँवारी बहन की मस्त चूत और गंद का मज़ा सहला सहला कर ले रहा था,

कुच्छ देर मज़ा लेने के बाद जब मुझे लगा कि अब संगीता खूब चुदासी हो चुकी है तब मैने संगीता से कहा संगीता यह तो ऐसे बंद नही होगी,

संगीता- फिर क्या करे भैया मैं घर कैसे जाउन्गि सब लोग देखेगे और हसेगे

राज- एक काम हो सकता है लेकिन उसके लिए तुझे अपनी जीन्स उतारना पड़ेगी

संगीता- लेकिन भैया जीन्स उतार के कैसे बनेगी

राज- जीन्स उतार कर तेरी चैन को दन्तो से थोड़ा उपर खिचना पड़ेगा ताकि वह जहाँ फसि है वहाँ से थोड़ा उपर आ गई तो आसानी से लग जाएगी, अभी तू पहन कर खड़ी है इसलिए पूरी ताक़त लग नही पा रही है, चल जल्दी से जीन्स उतार कर देदे मैं अभी लगा देता हू,
संगीता- कुकछ शरमाने का नाटक करते हुए कहने लागो पर भैया आपके सामने मैं कैसे अपनी जीन्स उतारू

राज- अरे पागल है जो अपने भैया के सामने शर्मा रही है अभी एक दो साल पहले तक तो मैं तुझे कई बार पूरी नंगी करके नहला देता था, याद नही है क्या तुझे, अब थोड़ी बड़ी क्या हो गई अपने भैया से ही शर्मा रही है

चल जल्दी से जीन्स उतार कर दे दे,

संगीता- मेरी बाते सुन कर एक दम लाल हो गई थी और फिर अपनी जींस उसने जैसे ही नीचे की हाय क्या बताऊ उसकी गुदाज गोरी गोरी मोटी मोटी जंघे और उसके उपर काली पॅंटी मे कसी उसकी मस्त फूली हुई चूत देख कर तो मैं पागल हो गया, मैं तो संगीता को एक जवान लोंड़िया समझ रहा था लेकिन जब मैने उसकी गुदाज नंगी मोटी मोटी जंघे देखी तो मुझे एहसास हुआ कि संगीता तो भरी पूरी औरत नज़र आ रही थी, रुक्मणी के नंगे बदन से कम नही था संगीता का बदन और चिकनी इतनी ज़्यादा थी की उसकी मासल उठी जवानी देख कर ही मूह मे पानी आ गया था,

संगीता ने अपनी जीन्स उतार कर मुझे दे दी और अपनी छ्होटी सी टीशर्ट जो कि उसकी नाभि के उपर से थी को खींच कर अपनी चूत ढकने की कोशिश करने लगी, मैं उसकी चैन को अपने दन्तो से खिचने की कोशिश करता हुआ संगीता की गुदाज जवानी को अपनी आँखो से पी रहा था, तभी मैने संगीता की चोर नज़रो को पकड़ लिया जो कि मेरे पेंट मे उस जगह बड़े गौर से देख रही थी जहा मेरा लंड पूरी तरह तना हुआ तंबू बनाए था,

मैं संगीता की पॅंटी मे कसी मोटी गंद को मटकते हुए देखना चाहता था और मैने संगीता से कहा

राज- गुड़िया ज़रा इधर उधर देख कोई पत्थर पड़ा हो तो लेकर आ इसे पत्थर से ठोक कर सीधा करना पड़ेगा,

संगीता- इधर उधर देखने लगी और फिर उसे कुच्छ दूर एक छ्होटा सा पत्थर नज़र आया और वह अपनी गंद मतकाते हुए उस ओर जाने लगी, मैं उसके भारी चूतादो की मदमस्त थिरकन देख कर अपने लंड को मसल्ने लगा और फिर संगीता जैसे ही उस पत्थर को उठाने के लिए झुकी उसकी गुदाज गंद का उभार देख कर मैं पागल हो गया और फिर संगीता सीधी हुई तो उसकी पॅंटी उसकी गंद की दरार मे फस गई और संगीता ने उसे निकालने की कोशिश नही की और अपनी मोटी गंद मतकाते हुए मेरे पास आ गई, मैने उसके हाथ से पत्थर लेकर चैन पर हल्के से मारा और फिर उसकी चैन लगाने की कोशिश करने लगा,

तभी संगीता एक दम से चहक कर मुझसे कहने लगी

संगीता- भैया वो देखो कितना पका हुआ आम लगा है देखो कितना नीचे है भैया प्लीज़ इस आम को तोड़ लो ना

मैने भी उस आम को देखा जो मेरी हाइट से थोड़ा उपर था मैं जीन्स छ्चोड़ कर खड़ा हो गया और उचक कर उस आम को तोड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन वह थोड़ा उपर था और मेरे हाथ से बस दो बीते की दूरी पर था

राज- संगीता ऐसे नही बनेगा तू एक काम कर इधर आ मैं तुझे गोद मे उठाता हू और तू आम तोड़ लेना

संगीता- मुस्कुराते हुए ठीक है भैया

मैं तो यही चाह रहा था और जैसे ही संगीता ने ठीक है भैया कहा मैने झुक कर उसकी मोटी गंद मे हाथ भर कर उसे अपनी गोद मे चढ़ा लिया, संगीता का नंगा पेट मेरे मूह के सामने था और मैं उसके पेट को चूमते हुए उसकी मोटी गंद को कस कर अपने हाथो से दबाए हुए था, संगीता भी रंडी इतनी चुदासी थी कि उसने अपनी दोनो टाँगो को मेरी कमर से लपेट लिया, उसका हाथ आम तक च्छू जाता था लेकिन ना तो वह आम तोड़ रही थी और ना मैं ही आम को देखने मे समय गवा रहा था, मेरा तो लंड पूरे तव मे आ चुका था और मैं अपनी जवान घोड़ी बहन को अपनी गोद मे चढ़ाए हुए उसकी मोटी गंद को सहला रहा था, धीरे धीरे संगीता निच्चे सरकने लगी और उसकी फूली चूत मेरे लंड से रगड़ खाती हुई नीचे सरकने लगी,

राज- क्या हुआ संगीता क्या हाथ वहाँ तक नही पहुच रहा है

संगीता- भैया थोड़ा और उपर उठाओ ना,

मैने इस बार संगीता की दोनो जाँघो की जड़ मे अपना एक हाथ लेजाकार उसकी चूत और गंद को एक साथ दबाते हुए इतना उपर चढ़ा लिया कि संगीता की फूली हुई चूत मेरे मूह के सामने आ गई और मैं बिना कुच्छ सोचे संगीता की फूली बुर को अपने मूह से दबा कर पागलो की तरह उसकी चूत को पॅंटी के उपर से अपने मूह से खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, संगीता की पॅंटी से पेशाब की गंध आ रही थी जिसने मुझे और भी पागल कर दिया था,

संगीता मेरे गले मे हाथ डाले हुए मेरे उपर चढ़ि हुई थी और मैं उसकी गंद उसके मोटी जाँघो और उसकी फूली हुई चूत को खूब कस कस कर अपने मूह से भींच भींच कर दबा रहा था,

राज- संगीता अब तेरा हाथ पहुच रहा है क्या

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संगीता- बस भैया ज़रा सा और उपर उठा लो, मैने संगीता की बात सुन कर अपने हाथ का दबाव उसकी चूत और गंद के बीच बढ़ा दिया और उसकी मोटी जाँघो के बीच के हिस्से को अपने हाथो से दबा कर उपर उठा दिया, मेरी इस हरकत से संगीता ने पहले तो आम तोड़ लिया और फिर एक दम से अपनी दोनो मोटी जाँघो के बीच फासे मेरे हाथ को अपनी दोनो जाँघो से खूब कस कर दबा लिया,

राज- तोड़ लिया संगीता

संगीता- हाँ भैया तोड़ लिया

मैने संगीता को धीरे से नीचे सरकाया और उसके मोटे मोटे दूध जो टीशर्ट फाड़ने को बेताब थे एक दम से मेरे मूह से लग गये और मैने अपना मूह संगीता के मोटे मोटे बोबे से कस कर दबा दिया और संगीता के मूह से एक हल्की सी सिसकी कुच्छ इस तरह से निकल गई, उनह ओ भैया और संगीता ने अपने होंठो से मेरे गालो को चूम लिया, मैने जैसे ही संगीता को थोड़ा और नीचे अपने शरीर से रगड़ते हुए उतारा संगीता की फूली हुई चूत सीधे मेरे खड़े लंड पर जाकर रुक गई और मैने उसकी कमर थामे हुए अपने लंड को कस कर संगीता की चूत से दबा दिया और संगीता ओह भैया करके एक दम से मुझसे चिपक गई तभी मैने हाथ छ्चोड़ दिया और संगीता नीचे उतर कर खड़ी हो गई,

संगीता मुस्कुराते हुए कहने लगी वाह भैया क्या आम है मस्त पका हुआ है और फिर संगीता ने आम के उपर के हिस्से को जैसे ही दन्तो से काटना चाहा मैने कहा अरे पगली पके आम को ऐसे काटा नही जाता है बल्कि उसे खूब चूसा जाता है, तू लड़की है ना इसलिए तुझे आम चूसना नही आता है और फिर मैने संगीता के मोटे मोटे बोबो को देखते हुए कहा पगली ऐसे पके आम को कैसे चूस्ते है देख मैं तुझे बताता हू,

संगीता चोर नज़रो से मेरे लंड को देख रही थी और मैं उसकी फूली हुई चूत और जाँघो को देख रहा था, मैने आम के उपर के हिस्से को थोड़ा सा साफ करके संगीता से कहा देख पहले पके हुए आम को कैसे दबा दबा कर उसे खूब रसीला करते है फिर मैं संगीता के सामने उस आम को दबा दबा कर उसे नरम करने लगा उसके बाद मैने उसके टॉप पर हल्का सा छेद करके आम को जैसे ही थोड़ा सा दबाया उसमे से मस्त रस बाहर आने लगा और मैने संगीता की ओर बढ़ा कर उससे कहा ले अब चाट इसे,

संगीता ने अपनी रसीली जीभ निकाल कर आम को चाट लिया और कहने लगी वाह भैया बहुत ही मीठा आम है

राज- पगली जब आम ताज़ा हो और खूब गदराया हो तब उसे चूसने पर खूब रसीला और मीठा ही लगता है और फिर इस बार आम को दबा कर मैने उसका रस चूस लिया और फिर दूसरी बार संगीता की ओर बढ़ाया और उसने रस चूसना शुरू कर दिया, कुच्छ देर मे ही संगीता पूरा आम खा गई और फिर से पेड़ की ओर देखने लगी, तभी उसे दूसरा आम नज़र आ गया और वह उछल कर कहने लगी

संगीता- भैया वो देखो एक और मस्त आम लगा है प्लीज़ उसे भी तोड़ दो ना, मैने देखा वह आम भी उसी हाइट पर था और संगीता को खूब मस्ती चढ़ि हुई थी तभी तो रंडी भरे बगीचे मे पॅंटी मे घूम रही थी, मैं समझ गया था कि अब देर करना बेकार है माल मस्त चोदने लायक है और अभी तो 3 बजा है आज शाम तक इसे यही पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदुन्गा,

संगीता- भैया क्या सोचने लगे उठाओ ना मुझे अपनी गोद मे,

मैने इस बार संगीता को जाकड़ उसके होंठो को चूमते हुए कहा मुझे पता था तू आम के बगीचे मे पके हुए आम देख कर ऐसे ही पागल हो जाएगी,

संगीता- अपनी बाँहे आगे बढ़ा कर मेरी और कातिल निगाहो से देखते मूह बना कर कहने लगी भैया चढ़ाओ ना अपनी बहन को अपने उपर,

मैने जाकर संगीता को पहले अपने सीने से कस कर दबा लिया और उसके गालो को चूमने लगा

संगीता- भैया यह सब आप बाद मे कर लेना और फिर मुस्कुराकर कहने लगी पहले अपनी बहन को अपने उपर तो चढ़ा लो, मैने संगीता की मोटी गंद के बीच इस बार बड़े आराम से हाथ डाल कर उसकी बुर और गंद पर दबाते हुए उसकी चूत को कस कर मुट्ठी मे भर कर उसे अपने उपर उठा कर अपने सीने से दबा लिया, हाय उसकी चूत और गंद का गुदाज एहसास बड़ा मस्त था,

लेकिन मैने देखा कि इस बार संगीता अपनी आँखे बंद किए हुए मेरे सीने से अपने मोटे दूध खूब ज़ोर से रगड़ते हुए खूब कस कर अपनी दोनो जाँघो को लपेट कर किसी बंदरिया की तरह मेरी कमर से लिपटी हुई थी और अपने रसीले होंठो से मेरे गले को चूम रही थी, मैने भी संगीता की दोनो टाँगो को कस कर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने दोनो हाथो से संगीता की मोटी गंद को दबाते हुए जैसे ही मैने उसकी पॅंटी के उपर से उसकी गंद के छेद को सहलाया संगीता पागलो की तरह आह भैया करती हुई मेरे होंठो को खूब कस कस कर चूमने लगी, मैने अपनी जीभ निकाल कर संगीता के मूह मे डालने की कोशिश की तो संगीता ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे मूह मे डालने लगी और मैने उसकी रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर उसकी मोटी गंद की गुदा को खूब सहलाते हुए उसकी रसीली जीभ को चूसने लगा,
संगीता सरक कर कुच्छ नीचे आ गई और मैने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ कर उसकी टाँगो को अच्छे से अपनी कमर से लपेट लिया, मेरा खड़ा लंड पेंट मे तना हुआ ठीक संगीता की चूत के छेद को पॅंटी के उपर से दबा रहा था और संगीता जान बुझ कर मेरे लंड पर अपनी चूत को खूब दबाते हुए मुझे अपनी रसीली जीभ पिला रही थी,

मैने अपने एक हाथ से उसकी कमर को थाम कर दूसरे हाथ से जब संगीता के मोटे मोटे कसे हुए दूध को खूब ज़ोर से उसकी टीशर्ट के उपर से दबाया तो संगीता एक दम से आह सीईईईई ओह भैया करते हुए मुझसे पागलो की तरह चिपक कर मुझे खूब कस कस कर चूमने लगी, संगीता के दूध क्या बताऊ इतने ठोस और कसे हुए थे जैसे किसी औरत की गुदाज गंद का भरा हुआ माँस हो और उसे दबाने मे खूब मज़ा मिलता है,

मैं उसके मोटे मोटे चुचो को खूब कस कस कर मसल रहा था, जब मुझे टीशर्ट के उपर से दबाने मे पूरी सन्तुस्ति नही मिली तब मैने संगीता की टीशर्ट को उसके पेट से उपर चढ़ा कर उसके दोनो मोटे मोटे दूध को कस कर पकड़ कर खींच कर बाहर निकाल लिया,

हाय उसके मोटे दूध का गुलाबी तना हुआ बड़ा सा निप्पल मुझे पगला कर गया और मैने उसके निप्पल को अपने मूह मे भर कर चूस्ते हुए उसके दूसरे दूध को खूब ज़ोर ज़ोर से मसलना चालू कर दिया और संगीता मेरे लंड पर अपनी चूत का दबाव देते हुए आह आह ओह सीईईईईईईईईईईई आह करने लगी, जब मैं संगीता के दूध को दबाता हुआ उसके निप्पल को चूस्ता तो संगीता ओह भैया ओह भैया कहने लगती और जब मैं उसके दूध को खूब ज़ोर से दबाते हुए उसके गुलाबी निप्पल को दन्तो से हल्के हल्के काटने लगता तो संगीता के मूह से सीईईईईईईईईईई आ सीईईईईईईईईई आहह की आवाज़ निकालने लगती,

मैं संगीता को अपने उपर चढ़ाए हुए थक चुका था और मैने उसे उसी पोज़िशन मे लिए हुए नीचे बैठ गया और उसे अपनी गोद मे अच्छे से बैठा कर उसके दूध को दबाते हुए उसका चेहरा पकड़ कर अपनी ओर किया तो संगीता ने एक बार अपनी आँखे खोल कर मुझे देखा और फिर अपनी आँखे बंद कर ली और मैने अपने होंठ उसके लरजते हुए रसीले होंठो पर रख कर उसके होंठो का रस चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे आमो को खूब ज़ोर ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया,

संगीता ने अपनी जाँघो को और चौड़ा करके अपनी चूत का दबाव और मेरे लंड पर बढ़ा दिया और मैं उसकी रसीली जवानी को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगा,

हम दोनो एक दूसरे को दबा दबा कर चूस चूस कर थक चुके थे, संगीता अपनी जंघे फैलाए मेरी गोद मे चढ़ि हुई अपने मोटे मोटे दूध बड़े प्यार से दब्वा रही थी और मेरे होंठो को चूस रही थी, मैने एक बार इधर उधर नज़र दौड़ाई तो मुझे चारो तरफ सुनसान नज़र आया, मैने संगीता की टीशर्ट पूरी उसके सर से निकाल कर अलग कर दिया और फिर से उसके होंठो को चूसने लगा और उसके मोटे मोटे दूध को बारी बारी से पीने लगा,

संगीता अभी भी अपनी आँखे बंद किए हुए मज़ा ले रही थी,

राज- संगीता

संगीता- हू

राज- आँखे खोल कर मेरी तरफ देख ना

संगीता- नही भैया

राज- क्यो

संगीता- मुझे शरम आती है

राज- अपने भैया से भी कोई शरमाता है क्या चल आँखे खोल और मुझे बता तो ज़रा तुझे कैसा लग रहा है अपने भैया की बाँहो मे नंगी होकर चढ़ने मे,
संगीता- मुस्कुराते हुए अपनी आँखे खोल कर, अच्छा लग रहा है, बस इतना कह कर संगीता मेरे मूह को चूम लेती है और मैं उसके मोटे मोटे दूध को कस कर दबाते हुए उसकी मोटी जाँघो को सहला कर जैसे ही अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाता हू संगीता एक दम से मुझसे ज़ोर से चिपक जाती है,

राज- संगीता

संगीता- हू

राज- संगीता चल खड़ी होकर अपनी पॅंटी उतार कर बैठ जा,

संगीता- नही भैया

राज- क्यो

संगीता- मुझे शरम आती है

राज- अच्छा तू अपनी आँखे बंद रखना पॅंटी मैं उतार देता हू

संगीता- नही भैया मैं नंगी नही होंगी

राज- संगीता के दूध को पीते हुए, देख संगीता एक बार नंगी हो जा, तू मुझे नंगी बहुत अच्छी लगती है

संगीता- आह भैया धीरे दब्ाओ ना, आप अपनी बहन को नंगी करोगे,

राज- हाँ संगीता तू मुझे नंगी बहुत अच्छी लगती है, मैं तो ग़लत सोच रहा था कि तू एक छ्होटी सी लड़की है पर जब मैने तुझे पॅंटी मे देखा तब मुझे समझ आया कि तू तो बहुत बड़ी हो गई है अब तू पूरी औरत लगने लगी है, सच तुझे साडी पहना कर मम्मी के साथ खड़ा कर दिया जाए तो तू मम्मी की बहन नज़र आएगी,

संगीता- अपनी आँखे खोल कर मुझे देखती हुई, क्यो झूठ बोलते हो भैया, कहाँ मम्मी और कहाँ मैं,

आपने कभी मम्मी को पूरी नंगी देखा है जो ऐसी बात कर रहे हो, क्या मैं मम्मी के बराबर मोटी हू,

राज- क्यो मम्मी जब पूरी नंगी होती है तो बहुत मोटी लगती है क्या,

संगीता- और नही तो क्या, आपने कभी मम्मी की नंगी जंघे देखी है मुझसे तो तीन गुना ज़्यादा मोटी है और उनका पेट देखा है जैसे 6 महीने का बच्चा पेट मे लेकर घूम रही हो, और उनकी गंद कितनी मोटी और चौड़ी है, मैं तो मम्मी के अगल बगल भी नज़र नही आती हू और आप कहते है मैं मम्मी के बराबर मोटी हू,

मेरी बातो से संगीता रंग मे आ चुकी थी और अब अपनी आदत के अनुसार खूब बाते करने लगी थी वो भी बिना किसी शर्म या झिझक के,

राज- अरे मेरा मतलब तुझे मोटी कहने का नही था, मेरा मतलब यह है कि एक जवान मर्द को औरतो का भरा हुआ गुदाज नंगा बदन ही ज़्यादा अच्छा लगता है,

संगीता- तो फिर आपने चंदा को क्यो चोदा

संगीता के मूह से चोदा शब्द सुन कर मैं एक दम से उसे देखने लगा और उसने मुझे देख कर मुस्कुराते हुए मेरे सीने मे अपना मूह च्छूपा लिया,

राज- मैने उसकी चूत को सहलाते हुए कहा संगीता तुझसे किसने कहा कि मैने चंदा को चोदा है

संगीता- अपनी चूत मुझसे सहलवते हुए अपने मूह को मेरे सीने मे छुपाये कहने लगी, मुझे नही मालूम,

राज- अरे बता ना अब शर्मा क्यो रही है देख अब तो मैं तेरी भी चूत को सहला रहा हू चल अब बता मुझे तुझसे चंदा ने कहा है ना यह सब

संगीता- हाँ

राज- और क्या कहा उसने मेरे बारे मे

संगीता- यही कि आप बहुत चुड़क्कड़ हो और दिन भर औरतो को चोदने के चक्कर मे उनके पिछे घूमते हो

राज- तो तुझे बुरा लगा क्या,

संगीता- मेरी ओर जलन भरी नज़रो से देख कर मूह बनाते हुए, मुझे क्यो बुरा लगने लगा,

राज- क्या करू संगीता तेरे भैया का लंड बहुत खड़ा होता है और जहाँ मोटी गंद और बड़े बड़े दूध नज़र आते है मेरा लंड उन्हे देख कर खड़ा हो जाता है, तू देखेगी मेरा लंड,

संगीता- हल्के से मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लग कर, मुझे नही देखना

राज- अच्छा मत देख एक बार अपने हाथ से सहला कर तो देख कैसा लगता है तेरे भैया का लंड और उसके बाद मैने अपनी चैन खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल कर संगीता के हाथो मे पकड़ा दिया और संगीता मेरे लंड को देख नही रही थी लेकिन वह अपने हाथो से मेरे लंड को छ्चोड़ भी नही रही थी,

वह मेरे लंड को हल्के हल्के टटोल कर महसूस कर रही थी, मैने उसका चेहरा उपर उठाया और उसके रसीले होंठ चूमते हुए कहा

राज- जानती है संगीता अब तेरे भैया का मन तुझ पर फिदा हो गया है और जब से मैने तेरे ये मोटे मोटे दूध और यह मस्त मोटी गंद देखी है तब से मैं तुझे चोदने के लिए तड़प रहा हू, बोल अपने भैया से चुदवायेगि, बोल ना ऐसे चुप रहेगी तो मैं तुझसे कभी बात नही करूगा,

क्रमशः........
 
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संगीता मेरे सीने से बुरी तरह चिपक कर मेरे लंड को दबा रही थी और मैने मोका देख कर अपना हाथ उसकी पॅंटी के अंदर डाल कर उसकी चूत की फांको के भीतर अपनी उंगली से जैसे ही सहलाया संगीता एक दम से मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत मे दबाते हुए कहने लगी,

संगीता- भैया आह मत करो आह बहुत अच्छा लग रहा है प्लीज़ भैया आह सीईईई आहह

राज- संगीता एक बार देख तो सही अपने भैया का लंड, देख कितना मोटा और मस्त है और फिर मैने संगीता के होंठो को चूमते हुए उसके मूह को अपने लंड की और कर दिया और संगीता ने धीरे से अपनी आँखे खोल कर मेरे लंड को देखा और फिर से अपनी आँखे बंद कर के मेरे लंड को खूब कस कर भींच दिया जैसे वह मेरे लंड को निचोड़ देना चाहती हो,

मुझसे अब सहा नही जा रहा था और मैने संगीता को उसका जीन्स बिछा कर उसे लेटा दिया और खड़ा होकर अपना पेंट उतारने लगा संगीता अपने दोनो हाथो से अपनी आँखे च्छुपाए हुए लेटी हुई थी और मैं जब पूरा नंगा हो गया तब मैने संगीता को आवाज़ दी और संगीता ने जैसे ही मुझे पूरा नंगा खड़ा देखा उसने मुस्कुरकर अपनी आँखे फिर से अपने हाथ से च्छूपा ली,

मैं संगीता के पेरो के बीच बैठ गया और उसकी चूत को जैसे ही अपने हाथ से सहलाया संगीता ने अपनी दोनो जाँघो को बुरी तरह कस लिया और अपना हाथ आँखो से थोड़ा सा हटा कर मुझे देखने लगी, मैने मुस्कुराते हुए उसकी गुदाज जाँघो को सहलाते हुए धीरे से अलग करने की कोशिश की और संगीता ने खुद ही अपनी जाँघो को पूरा खोल दिया मैने उसकी पॅंटी पकड़ कर एक दम से खींच कर उसकी टाँगो से अलग कर दिया और संगीता के पूरे नंगे बदन को ललचाई नज़रो से देखने लगा,

कुच्छ देर बाद मैने संगीता की जाँघो को उपर उठा कर उसके दूध की ओर मोड़ दिया और फिर उसकी फूली चूत की फांको को अपनी जीभ से सहलाते हुए अलग करने की कोशिश करने लगा तब संगीता ने एक दम से अपनी चूत उठा कर मेरे मूह से लगा दिया और मैं उसकी गुलाबी रसीली बुर को खूब ज़ोर से अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा,

ओह भैया सीई सीयी आह आह ओह भैया मैं मर जाउन्गि प्लीज़ मत करो आह आह ओह सीईईईई आह

मैं संगीता की चूत की खुश्बू और उसकी चूत का रस दोनो का मज़ा लेता हुआ उसकी बुर को खूब दबोच दबोच कर चूसने लगा और संगीता बुरी तरह तड़पने लगी, मैने अपनी टाँगो को संगीता के मूह की ओर करके उसकी चूत को चाटने लगा तभी संगीता ने भी मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया और मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे आंड्को को अपने मूह से चूमते हुए सहलाने लगी, मैं उसकी चूत और गंद के छेद तक अपनी जीभ फेर फेर कर उसकी चूत चाट रहा था और संगीता ने मेरे लंड के टोपे को खोल कर चाटना शुरू कर दिया कभी कभी वह मेरे लंड को मूह मे भर कर अपनी जीभ लंड के चारो ओर घुमाने लगती तब मैं भी उसकी चूत के छेद को अपनी जीभ से दबा दबा कर उसका रस चूसने लगता,

संगीता कभी लंड मूह से बाहर निकालती कभी उसे फिर मूह मे लेकर चूसने लगती, मैं भी उसकी चूत को कभी दन्तो से काटने लगता कभी उसकी चूत मे जीभ डालने लगता और कभी उसकी चूत के तने हुए दाने को अपने होंठो से पकड़ कर चूसने लगता,

संगीता की गंद अब ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी थी और वह पूरी ताक़त लगा लगा कर अपनी चूत को मेरे मूह से रगड़ने लगी थी, मैं उसकी चूत के दाने को चूस्ता तो संगीता अपनी चूत उठा कर मुझे अपनी चूत का छेद चटाने लगती और जब मैं उसकी चूत का छेद चाटने लगता तब वह अपनी चूत उठा कर मुझे उसका दाना चटाने की कोशिश करती,
मैं पागलो की तरह अपनी बहन की चूत को खूब चूस चूस कर लाल कर रहा था और संगीता की चूत खूब नमकीन पानी छ्चोड़ रही थी तभी अचानक संगीता की बुर को जब मैने एक दम ज़ोर से चूस लिया तो उसका बदन अकड़ गया और उसकी चूत से खूब चिकनाहट बाहर आने लगी और संगीता अपनी चूत मेरे मूह से खूब ज़ोर ज़ोर से रगड़ते हुए एक दम से सुस्त पड़ गई,

मैं संगीता के मूह के पास जाकर उसके होंठ चूमते हुए कहा, गुड़िया रानी कैसा लगा, मज़ा आया कि नही

संगीता ने मेरी बात सुन कर मेरा मूह पकड़ कर चूमते हुए उसे अपने सीने से लगा लिया और मैं वैसे ही संगीता के नंगे बदन से चिपक कर उसके उपर लेट गया, मैं जैसे ही लेटा संगीता ने खुद मेरे लंड को चूत के छेद से भिड़ा दिया और वह कोई हरकत करती इसके पहले ही मेरी कमर ने एक जबरदस्त धक्का संगीता की चूत मे मार दिया और संगीता के हस्मुख चेहरे पर एक दम से दुनिया भर का दर्द सिमट आया और उसके मूह से एक दर्दनाक चींख निकल गई,

ओह भैया मर गई अहह सीईईईईईईईईईईईई निकाल लो भैया आह आह संगीता अपने हाथ पाँव फेकने लगी और मारे दर्द के उसका बुरा हाल हो गया तभी मैने उसके दूध को अपने हाथो मे पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया, मेरा आधा लंड वैसा का वैसा संगीता की चूत को फाडे हुए फसा था और मैं ना उसे आगे धकेल रहा था और ना ही ज़रा भी ढिलाई करके उसे पिछे ले रहा था, बस एक फिक्स ताक़त लगाए उसकी चूत से लंड भिड़ाए हुए उसके मोटे मोटे आमो को खूब दबा दबा कर मसल रहा था,

जब मैने देखा की संगीता वापस अपने पेरो को इधर उधर करने लगी है और उसे दूध दब्वाने मे मज़ा आने लगा है तभी मैने अपने होंठो को उसके होंठो पर रख कर चूस्ते हुए एक दूसरा धक्का कॅच्च से उसकी चूत मे ऐसा मारा कि मेरा लंड पूरा तो नही लेकिन आधे से ज़्यादा अंदर समा गया और संगीता के मूह से फिर से एक चीख निकल गई और इस बार उसकी आँखो से आँसू आ गये, वह दर्द से चिल्लाते हुए कहने लगी भैया आप तो बाहर निकाल लो मुझे नही चुदवाना है,

राज- अरे गुड़िया अब तो सब हो गया अब तू कुँवारी नही रही बल्कि एक चुदी हुई औरत बन चुकी है अब देख तुझे कितना मज़ा आएगा अपने भैया के लंड से, जितना दर्द इस लंड ने तुझे दिया है अब तुझे उतना ही मज़ा भी देगा अब देखना मैं कुच्छ नही करूँगा और तू खुद कहेगी कि भैया मेरी चूत मे अपना पूरा लंड डाल कर मुझे खूब कस कस कर चोदो,

संगीता- हस्ते हुए मुझे अपनी जीभ दिखा कर कहने लगी मैं ऐसा कुच्छ भी नही कहने वाली हू भैया,

राज- ठीक है देखते है और फिर मैने अपने लंड को उसकी चूत मे फसाए हुए बिना हीले संगीता के मोटे मोटे दूध को दबाते हुए उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया,

कुकछ देर तक तो संगीता ऐसे ही दूध दब्वाति पड़ी रही लेकिन कुच्छ देर बाद उसकी टाँगो मे हरकत शुरू हो गई और फिर जब उसकी चूत मे ज़्यादा चिकनाहट होने लगी तब वह खुद अपनी कमर उठा कर मेरे लंड को आगे पिछे करने की कोशिश करने लगी,

राज- क्या हुआ संगीता चूत मे दर्द हो रहा है ना, ऐसे ही पड़ी रहो नही तो और दर्द होगा

संगीता- मुस्कुराते हुए मेरे सीने पर हाथ मारने लगी, मैने कहा क्या हुआ और उसके दूध कस के दबा दिया

संगीता- मूह बनाते हुए भैया अब ज़्यादा नाटक मत करो, और धक्का मारो,

राज- हस्ते हुए मतलब

संगीता- मतलब कि मुझे अब चोदिये

राज- मैं नही चोदुन्गा तुझे दर्द होता है और फिर मैं उसके दूध पीने लगा

संगीता- उसने मेरा मूह पकड़ कर अपने दूध से हटाते हुए मेरे मूह को अपने हाथ से एक तरफ हटा कर कहा, प्लीज़ भैया अब मुझसे नही सहा जाता है अब मुझे चोद भी दो,

मैने संगीता की बाते सुन कर उसे अपनी बाँहो मे कसते हुए उसकी चूत मे अपने लंड को पहले धीरे धीरे आगे पिछे करना शुरू कर दिया और फिर जब उसकी चूत खूब चिकनी लगने लगी तब मैने संगीता के दूध मसल्ते हुए उसकी चूत मे कस कस कर धक्के मारना शुरू कर दिए और संगीता ओह ओह आह आह सी आह सी अहहह अहह जैसे शब्द निकाल कर अपनी चूत अपने भैया के तगड़े लंड से मरवाने लगी, मेरा लंड खूब कसा हुआ संगीता की मस्तानी चूत मे जा रहा था और मैं उसके दूध को इतना ज़ोर से मसल रहा था कि वह लाल हो चुके थे,
संगीता को खूब मज़ा आ रहा था और वह मुझसे चिपकी हुई अपनी गंद अब मेरे लंड पर मारने लगी और मैं डचा डच उसकी बुर को ठोकने लगा,

राज- गुड़िया रानी कैसा लग रहा है

संगीता- ओह भैया आह आह बहुत मज़ा आरहा है ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से चोद्ते रहो आ आ सीईईईईईईई आह ओह भैया

संगीता की चूत अब इतनी चिकनी हो चुकी थी कि मेरा लंड सतसट उसकी बुर की चुदाई कर रहा था, आज मैने जितना दूध अपनी बहन के दबाए थे उतने दूध अपनी जिंदगी मे कभी नही मसले थे, संगीता के दूध लाजवाब थे और उन्हे जितना दबाओ उतना ही और कठोर होकर हाथो से बाहर आ जाते और मैं उन्हे फिर से अपने हाथो मे भर कर कस कर दबाने लगता,

हमे यह भी होश नही रहा था कि शाम हो चुकी है और कुच्छ देर मे अंधेरा हो जाएगा, मैं खूब हुमच हुमच कर संगीता को चोद रहा था और संगीता अपनी चूत मेरे लंड पर खूब ज़ोर ज़ोर से मार रही थी तभी संगीता ने मेरे लंड को अपनी चूत मे कस कर जाकड़ लिया और मुझे पागलो की तरह चूमते हुए कहने लगी चोदो और चोदो खूब कस कर चोदो भैया मैं पूरी ताक़त से उसकी चूत मारने लगा और फिर एक दम से संगीता और मैं पूरी ताक़त से च्चिपक गये मेरा लंड उसकी चूत की गहराई मे दबा हुआ था और संगीता की चूत मेरे लंड को निचोड़ निचोड़ कर उसका रस निकालते हुए खुद भी पानी छ्चोड़ने लगी,

हम दोनो गहरी साँसे लेते हुए एक दूसरे के चूत और लंड को एक दूसरे के चूत और लंड से दबाए अपना अपना पानी छ्चोड़ने लगे और एक दूसरे को पागलो की तरह जकड़े हुए चूमने लगे,

करीब 5 मिनिट बाद संगीता ने मुझे अपने उपर से धकेलते हुए कहा

संगीता- भैया अब उठो भी मैं तो बुरी तरह थक गई हू,

राज- अच्छा मेरी गुड़िया रानी मेहनत मैं कर रहा हू और थक तुम गई हो

संगीता- अपनी जीभ निकाल कर मुझे चिढ़ाने लगी तभी मैने लपक कर उसकी जीभ को अपने मूह मे भर कर चूस लिया और उसे फिर से बाँहो मे लेकर उसके दूध दबाने लगा,

राज- संगीता अभी तो 6 बजे है, चल एक बार और तुझे मज़ा देता हू फिर हम घर चलते है, उसके बाद मैने संगीता को उठा कर वही जीन्स के उपर घोड़ी बना दिया और इस बार मैने उसकी गुदा और चूत को फैला कर जब चाटना शुरू किया तो संगीता मस्ती मे अपनी गंद हिलाने लगी,
जल्दी ही मैने चूस चूस कर उसकी चूत से फिर से पानी बहना शुरू कर दिया और फिर मैने उसकी चूत को पिछे से लंड डाल कर चोदना शुरू कर दिया, मैं खूब कस कस कर संगीता की गंद सहलाते हुए उसे चोदने लगा और संगीता भी आह आह करती हुई अपनी गंद उठा उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने लगी, एक बार वीर्य निकल जाने के कारण मैं ज़्यादा जोश मे था और मेरा लंड और भी कड़ा लग रहा था, मेरी रफ़्तार तेज हो गई और मैं संगीता की चूत मे खूब कस कस कर अपनी कमर के धक्के लगा लगा कर उसकी बुर मे अपने लंड को ठोक रहा था,

लगभग 20 मिनिट तक मैने संगीता को पिछे से घोड़ी बना कर चोदा उसके बाद जब मैने उसे उठा कर खड़ी किया तो उसके पेर एक दम से लड़खड़ा गये, मेरा मन तो उस घोड़ी की गंद भी मारने का था लेकिन मैं जानता था कि अगर मैने उसकी गंद मारी तो घर पहुचने पर मम्मी को ज़रूर पता चल जाता इसलिए मैने उसकी गंद नही मारी, जब संगीता एक दम से लड़खड़ा गई तब मैने उसे सहारा देकर उठाया और फिर उसे चूमते हुए अपने हाथो से बैठा कर उसे जीन्स पहनाया और एक बार मे ही उसकी जीन्स की चैन खींच कर उपर चढ़ा दी, फिर मैने संगीता की गंद मे हाथ मारते हुए उससे कहा क्यो रानी देखा तुम्हारा भाई तुमसे कितना प्यार करता है,

संगीता- केवल मुस्कुराकर मुझे देखती है और फिर मुझसे लिपट कर चूमते हुए कहती है अब चलो भी भैया नही तो रात हो जाएगी, 10 मिनिट मे हम दोनो तालाब पर पहुच गये और फिर वहाँ से हम बाइक के पास जाने लगे,

संगीता- भैया हरिया को तो बता देते कि हम लोग जा रहे है

राज- नही रे उसे क्यो डिस्टर्ब करे वह अभी सुधिया को चोदने मे लगा होगा

संगीता- भैया, सुधिया तो उसकी भाभी है ना फिर वह अपनी भाभी को चोद्ता है

राज- अरे तू चंदा से मिली है ना चंदा तो उसकी बेटी है और हरिया उसे दिन भर नंगी करके चोद्ता है,

संगीता- भैया हरिया तो बड़ा चुड़क्कड़ है

राज- हस्ते हुए तेरे भैया से ज़्यादा नही है, चल अब बैठ गाड़ी पर बाकी बाते बाद मे करेगे और फिर मैं अपनी प्यारी बहना को गाड़ी मे दोनो तरफ पेर करके बैठा लेता हू और फर्स्ट गियर लगा कर बाइक को अपने घर की ओर जाने वाले रास्ते पर दौड़ा देता हू,

शाम को हम घर पहुचे तो मम्मी किचन मे कम कर रही थी और संगीता दौड़ कर सीधे मम्मी की मोटी

गंद से चिपक गई,

रति- मुस्कुराते हुए आ गई, दिन भर जान खा गई होगी अपने भैया की, राज तुझे तो बहुत परेशान किया होगा इसने

राज-हस्ते हुए नही मम्मी बेचारी चुपचाप मेरे साथ घूमती रही,

संगीता- मुझे देख कर मुस्कुराते हुए, मम्मी मैं भैया को परेशान करने थोड़े ही गई थी मैं तो खूब

मोटे मोटे गन्ने चूसने गई थी,

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रति- चूस आई खूब गन्ने, बड़ा मज़ा आया होगा तुझे,

संगीता- सच मम्मी खूब मस्त मीठे गन्ने है आप एक बार चूस लोगि तो आपका बार बार चूसने का मन करेगा

रति- हस्ते हुए चल हट मुझे नही चूसना गन्ना वान्ना

संगीता- मम्मी सीधे रस पीने मे मज़ा नही आता है जब तक कि गन्ने को खूब दबा दबा कर ना चूसो,

रति- अब बाते बंद करो और जाओ हाथ मूह धोकर मेरी हेल्प करो उसके बाद संगीता वहाँ से चली गई और मैं

मम्मी की गुदाज जवानी को देखने लगा, मम्मी ने एक वाइट कलर की पतली सी मॅक्सी पहने हुए थी और उसकी मोटी

गंद खूब चौड़ी होकर मॅक्सी को उपर तक उठाए हुई थी फिर मम्मी जैसे ही थोड़ा आगे झुकी उसकी मॅक्सी मे से

उसकी पॅंटी का पूरा शॅप और यहाँ तक की उसका गुलाबी रंग भी नज़र आने लगा, मेरा तो अपनी मम्मी की मोटी गंद

मे फसि पॅंटी देख कर लंड झटके देने लगा,

रति- मुस्कुराकर, क्या हुआ बेटे भूख लगी है क्या,

राज- नही मम्मी ऐसी कोई बात नही है,

रति- अच्छा जा तू भी मूह हाथ धो ले मैं अभी तेरे लिए चाइ बनाती हू, मेरा मन तो मम्मी की मोटी गंद देख

कर जाने का नही कर रहा था लेकिन फिर मैं वहाँ से आ गया और अपनी पॅंट शर्ट उतार कर जैसे ही बाथ रूम मे

गया वहाँ संगीता केवल टीशर्ट और पॅंटी पहन कर झुकी हुई साबुन से अपना मूह

धो रही थी, मेरा लंड तो

मम्मी की मोटी गंद देख कर वैसे ही खड़ा था और उपर से संगीता की काली कलर की पॅंटी मे कसी उसकी गोरी गोरी

मोटी गंद देख कर मेरा लंड और भी ताव मे आ गया और मैने आगे बढ़ कर संगीता की मोटी गंद को कस कर

दबोचते हुए उसे चूम लिया,

संगीता- भैया क्या कर रहे हो मम्मी देख लेगी,

राज- देख लेने दे, तुझे अपनी गंद चत्वाते देख मम्मी की चूत भी फूल जाएगी,

संगीता- बड़े आए मम्मी की चूत फुलाने वाले अगर देख लिया तो समझ लेना हम दोनो की खेर नही,

तभी मैने संगीता की पॅंटी पकड़ कर उसकी मोटी गुदाज गंद से नीचे सरका दी और अपने लंड को उसकी चूत और

गंद को फैलाते हुए सीधे संगीता की गुलाबी चूत मे कस कर धक्का मार कर फसा दिया और संगीता ने सामने

के पाइप को पकड़ कर एक हल्की सी सिसकारी मारते हुए कहा

संगीता- ओह भैया आप बहुत खराब है, सीधे खड़ा लंड फसा दिया मेरी चूत मे, अभी तो मुझे चोद के आए

हो और कितना चोदोगे,

राज- क्या करू मेरी रानी जब मैने मम्मी की उठी हुई गंद और उसकी पॅंटी जो उसकी मॅक्सी से नज़र आ रही है उसने

मुझे पागल कर दिया है देख तेरे भैया का लंड इस समय कितना सख़्त हो गया है लगता है आज मैं तेरी चूत

और गंद फाड़ कर रख दू,

संगीता- अब बाते करना छ्चोड़ो और जल्दी से कस कस कर धक्के मार दो नही तो मम्मी आ जाएगी

मैने संगीता की चूत मे खूब कस कस कर धक्के मारना शुरू कर दिया और संगीता अपनी आवाज़ को दबाए हुए

मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने लगी,

संगीता- आह भैया आप बहुत जालिम हो थोड़ा धीरे मारो बहुत दर्द हो रहा है, संगीता की चूत मे मेरा लंड

खूब कसा हुआ जा रहा था और उसकी चूत मेरे लंड को खूब जकड़े हुए थी
राज- मेरी रानी चिंता मत करो जब किसी औरत की ऐसी दर्द भरी चुदाई होती है तब उसे खूब मज़ा आता है, तेरा

भैया तेरी चूत मारते हुए तुझे जितना अपने लंड से दर्द पहुचाएगा देखना तुझे बाद मे उतना ही मज़ा

आएगा और तू कहेगी ओह भैया खूब कस कस कर चोदिये अपनी बहन की चूत को,

मैं आगे हाथ लेजाकार संगीता के दूध को खूब कस कर दबाते हुए उसकी चूत मे सतसट लंड पेलने लगा और

फिर जब संगीता की चूत खूब चिकनी हो गई तब मैने ताबड़तोड़ धक्के मार मार के जल्दी से अपना पानी उसकी गुलाबी

चूत मे छ्चोड़ दिया और फिर कुच्छ देर हाफने के बाद हम दोनो ने हाथ मूह धोया और बाहर आ गये,

थोड़ी देर

बाद मम्मी मेरे लिए चाइ लेकर आई और संगीता किचन मे जाकर काम करने लगी, मम्मी मेरे बगल मे बैठ

गई और मैं चाइ की चुस्किया लेते हुए मम्मी के बदन के उतार चढ़ाव को देखने लगा,

मेरे लंड मे थोड़ा सा ताव आ गया और मैने लूँगी के उपर से अपने लंड को जैसे ही चाइ पीते हुए मसला

मम्मी की नज़र एक दम से मेरे हाथ की ओर चली गई और उन्होने मुझे अपना लंड मसल्ते हुए देख लिया और

जब उनकी नज़रे मुझसे मिली तो उन्होने अपनी नज़रे चुराते हुए दूसरी तरफ नज़र घुमा ली,

मम्मी आज कुछ ज़्यादा

ही खूबसूरत लग रही थी दिल कर रहा था कि रंडी का मूह पकड़ कर चूम लू, मम्मी का गोरा गोरा पेट आज कुछ

ज़्यादा ही उठा हुआ लग रहा था और उसकी गहरी नाभि इतनी बड़ी लग रही थी कि लंड का टोपा उसकी नाभि मे घुसाना

चाहो तो घुस जाए,

कुच्छ देर ऐसे ही बाते करने के बाद मम्मी ने हम लोगो को खाना दिया और फिर जब काफ़ी

रात हो गई तो मम्मी और संगीता दोनो अपने रूम मे चली गई और मैं बैठ कर टीवी देखने लगा, कुच्छ देर बाद

मुझे पायल की आवाज़ सुनाई दी और मैने पलट कर देखा तो मम्मी मेरी ओर चली आ रही थी,

रति- बेटे आज नींद नही आ रही है क्या

राज- बस मम्मी अब सोने ही वाला था और फिर मैने मम्मी से कहा आओ बैठो ना,

रति- रुक जा ज़रा मैं बाथरूम होकर आती हू और फिर मम्मी बाथरूम मे घुस गई लेकिन दरवाजा थोड़ा सा ही

लगाया,

मैं जल्दी से उठ कर बाथरूम के पास जाकर खड़ा हो गया तभी मेरे कानो मे मम्मी के मूतने की

मस्त आवाज़ सुन कर मेरी आँखो के सामने मम्मी की फूली हुई चूत कैसे मोटी पेशाब की धार मार रही होगी यह

नज़ारा नाचने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी की चूत मारने के लिए तड़पने लगा, कुच्छ देर बाद मैं वापस

आकर बैठ गया और थोड़ी देर बाद मम्मी बाहर आ गई जब मम्मी बाहर आई तो उन्होने अपने हाथो से एक बार

मॅक्सी के उपर से अपनी चूत को दबोचा जैसे पानी पोछ रही हो और फिर मेरे बिल्कुल करीब मुझसे सॅट कर बैठ गई

और मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी बेटा अब तू जवान हो गया है अब तेरे लिए कोई सुंदर सी लड़की भी

देखनी पड़ेगी,

रति- पर कही तेरी शादी कर दी तो तू अपनी मम्मी को ही मत भूल जाना

राज- मैने मम्मी की बात सुन कर सोचा आज मम्मी इतनी रोमांटिक क्यो हो रही है मैं कुच्छ समझ नही पाया

और फिर मैने भी सोचा मैं बेकार इतना डर रहा हू आख़िर है तो मेरी मम्मी अगर मैने थोड़ा बहुत उसे च्छू

भी लिया तो वह कुच्छ नही कहेगी और अगर उसे बुरा लगा तो सॉरी कह दूँगा, मैने मम्मी के गालो को चूमते

हुए कहा,

राज- भला कोई बेटा अपनी मम्मी को भूल सकता है क्या

रति- मूह बनाते हुए रहने दे अभी बीबी नही है तो तेरे यह हाल है की कभी अपनी मम्मी का तुझे ध्यान ही

नही रहता है और कही बीबी आ गई तो क्या याद रखेगा,

मेरा मन मम्मी के गुदाज उठे हुए पेट और उसकी गहरी नाभि छुने का बहुत मन कर रहा था और मैने

बहाने से अपना हाथ मम्मी की चिकनी कमर मे फेर कर सहलाते हुए कहा, आप जैसी सुंदर मम्मी के लिए

तो ऐसी 100 बिबिया भी कुर्बान है मम्मी, और फिर मैने मम्मी की मोटी जाँघो को उसकी मॅक्सी के उपर से सहलाना

शुरू कर दिया,

रति- बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा है पर कभी यह भी सोचा है तेरी मम्मी का भी मन कभी कभार

घूमने फिरने का होता है लेकिन तुझे मेरी और ध्यान ही कहाँ रहता है, अपनी बहन को तो घुमा फिरा लाता है

पर कभी मम्मी का भी ख्याल आता है,

राज- अच्छा बाबा सॉरी आइ अड्मिट माइ मिस्टेक अब आगे से आपका बेटा आपका पूरा ख्याल रखेगा और आपको कभी

शिकायत का मोका नही देगा, आप की जो भी इच्छाए है वह मुझे आप बता दो मैं आपकी सभी ख्वाहिशे पूरी

करने की कोशिश करूँगा,

रति- राज संगीता गाँव के गन्ने की बड़ी तारीफ कर रही थी क्या सचमुच बहुत मस्त और बड़े बड़े गन्ने है वहाँ

पर,

राज- हाँ मम्मी बहुत मस्त गन्ने है आप जब चुसोगी तो एक दम मस्त हो जाओगी,

रति- मुस्कुराते हुए अच्छा मुझे कब ले चलेगा अपने साथ गन्ने चुसवाने, या अपनी भरी भरकम मम्मी

को अपनी बाइक पर बैठा कर लेजाने मे तुझे शरम आएगी,

मैं मम्मी की जाँघो पर सर रख कर उसकी मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर उसकी जाँघो को चूमते

हुए,

मम्मी आप भी ना, आप इतनी सुंदर है और आपको लेकर जाने मे मुझे भला क्यो शरम आएगी मैं एक

दो दिन मे आपको भी ले कर चलता हू,

रति- मेरा मतलब था बेटे कि मैं एक तो इतनी मोटी हो गई हू तो मैने सोचा शायद तुझे अच्छा ना लगे मुझे ले

जाना,

राज- नही मम्मी आप नही जानती मुझे आपके जैसी औरते ही अच्छी लगती है, आप मेरी शादी भी करो तो अपने जैसे

भरे बदन वाली औरत से ही करना,

रति- मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए मेरे सीने के बाल को सहलाते हुए मुस्कुराकर कहने लगी, मैं अपने जैसे

बदन वाली औरत तेरे लिए ला दूँगी तो तू कही मुझे अकेला छ्चोड़ कर उसके साथ ही मत चला जाना,

मैं उठ कर मम्मी के बगल मे बैठ कर उनकी चिकनी कमर मे हाथ डाल कर मैने उनको चूमते हुए कहा,

मम्मी आपको तो मैं जिंदगी भर अपने साथ ही रखूँगा चाहे मेरे लिए आप कितनी भी सुंदर औरत ले आओ,

रति- इतनी अच्छी लगती है क्या तेरी मम्मी तुझे
राज- मेरी मम्मी मुझे दुनिया की हर औरत से खूबसूरत लगती है

मम्मी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए एक दम से टीवी मे आती न्यूज़ देखने लगी जिसमे बता रहे थे कि एक महिला

के साथ कुच्छ लोगो ने गॅंग रॅप किया, मम्मी न्यूज़ सुनने लगी और मैं उनसे बाथरूम होकर आने का कह कर

बाथरूम मे जाने लगा, मैं यह सोच सोच कर बैचन हो रहा था कि मम्मी आज इतनी खुल कर कैसे बात कर रही

है ज़रूर कुच्छ ना कुच्छ वजह है, जब मैं बाथरूम के अंदर गया तो जैसे ही मुतना चालू किया मेरी नज़र

मम्मी की गुलाबी पॅंटी पर पड़ गई जो बाथरूम मे पड़ी थी मैने झट से उनकी पॅंटी उठा कर देखा तो मैने

गौर किया की अभी मम्मी मॅक्सी के अंदर यही पॅंटी पहने थी जब वह किचन मे झुकी हुई थी,

इसका मतलब यह

था कि मम्मी ने अभी जब वह मूतने आई थी तब अपनी पॅंटी उतरी है, और अभी सोफे पर मॅक्सी के अंदर पूरी नंगी

ही बैठी है, इसका मतलब यह था कि मम्मी आज बहुत चुदासी हो रही है और खूब लंड लेने के लिए तरस रही

है, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि मम्मी इतनी चुदासी हो गई है और मुझसे भी बड़ी रंगीन बाते कर रही है,

मैने मम्मी की पॅंटी को फैला कर देखा और तो उसकी चूत के यहाँ से पूरी पॅंटी गीली हो रही थी मैं समझ

गया कि मम्मी की चूत से पानी च्छुटा होगा और फिर मैं मम्मी की पॅंटी यह सोच कर सूंघने लगा कि

मम्मी की चूत की खुश्बू उसमे से आ रही होगी, वाकई मम्मी की पॅंटी से उसकी चूत की मस्त मादक गंध और

उसके पेशाब की गंध दोनो तरह की खुश्बू से मेरा लंड तन कर सलामी देने लगा, कुच्छ देर मे मम्मी की

पॅंटी को खूब सूंघ सूंघ कर देखता रहा फिर मैं वापस उनकी पॅंटी वही रख कर बाहर आ गया,

मैं वापस मम्मी के पास जाकर बैठ गया मम्मी सोफे पर अपनी गंद टिकाए अपने एक पेर को मोड़ कर बैठी थी

और खुद ही अपनी मॅक्सी उठा अपने घटनो तक चढ़ा कर अपनी गोरी गोरी पिंदलिया मसल रही थी, मुझे तो वह एक

भरा पूरा माल नज़र आ रही थी जिसे पूरी नंगी करके खूब कस कस कर चोदना चाहिए, मम्मी टीवी की न्यूज़ को

बड़े ध्यान से देखने के बाद कहने लगी आज कल तो जहाँ देखो बस बलात्कार की ख़बरे ही रहती है और उपर से लोग

अब अपनी गहर की औरतो को भी नही छ्चोड़ते है देख क्या दिखा रहे है बाप ने अपनी ही बेटी को रात को नंगी करके

उसके साथ रॅप किया,

राज- मम्मी यह सब तो रोज की ख़बरे है आप अपने पेर ऐसे क्यो दबा रही है लगता है आपकी पिंदलिया दर्द कर

रही है आप आराम से सोफे पर लेट कर अपने पेर मेरी जाँघो पर रख कर बैठ जाओ आज आपका बेटा आपके पेरो का

सारा दर्द दूर कर देगा, मेरी बात सुन कर मम्मी वही पसर गई और अपनी एक टांग उठा कर मेरी जाँघो पर जैसे

ही रखा मम्मी के पेर की एडी का वजन सीधे मेरे लंड पर पड़ गया और मैं सच मुच मस्त हो गया,

क्रमशः........
 
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मम्मी की मॅक्सी को धीरे से मैने थोड़ा सा उपर कर दिया और अब मेरी रंडी मम्मी की गोरी गोरी गुदाज पिंदलिया और उनकेघुटने तक का हिस्सा मेरे सामने था और मैं उनकी गोरी गोरी पिंदलियो को सहलाता हुआ मज़े ले रहा था,

मम्मी बराबर टीवी देखे जा रही थी और मैने सोचा कि मम्मी तो मॅक्सी के नीचे पॅंटी पहनी नही है पूरी

नंगी है क्यो ना थोड़ा उनका पेर उठा कर उनकी फूली चूत देखने की कोशिश की जाय और मैने मम्मी के पेरो को

थोड़ा सा मोड़ कर थोड़ा फैला दिया और जैसे ही मैने मम्मी की मॅक्सी के अंदर देखा तब उनकी गुदाज मोटी

मखमल जैसी जंघे जो इतनी मोटी थी की उनका पेर चौड़ा करने के बाद भी उनकी भरी हुई जंघे एक दूसरे से

चिपकी थी,

तब मैने उनके पेरो को थोड़ा और मोड़ दिया और जब फिर से मैने मॅक्सी के अंदर देखा तो मेरे होश

उड़ गये, मम्मी की पाव रोटी की तरह फूली हुई चूत और बीच मे एक बड़ी सी गहरी लकीर देख कर मेरा लंड

झटके देने लगा, मम्मी की चूत तो सुधिया की चूत से भी ज़्यादा मासल और गुदाज लग रही थी और फूली इतनी लग

रही थी कि पूरी हथेली खोल कर अपने पंजो मे दबोचना पड़े,

मैं तो अपनी मम्मी की मस्तानी चूत देख कर मस्त हो गया और उनकी गोरी टाँगो को खूब कस कस कर मसल्ने

लगा,

जब मैं उनकी टाँगो को दबाता तब उनकी पायल ऐसे बजने लगती जैसे किसी औरत की चूत मारते हुए पायल बजती

है, जब मैने देखा की मम्मी ने अब आँखे बंद कर ली है तब मैने उनकी जाँघो को धीरे से अपने हाथो मे

भर कर दबाया तो उनकी मोटी जाँघो के स्पर्श से एक बार तो ऐसा लगा कि अभी मेरे लंड से पानी निकल आएगा,

तभी मम्मी ने आँखे खोली और कहा बेटे मुझे नींद सी आ रही है जा अब तू भी सो जा और मैं भी सोने जा

रही हू,

मैने कहा आप कहो तो और पेर दबा दू आपके

रति- नही बेटे अब रहने दे मुझे सच मुच झपकी आने लगी है,मैने मायूस होकर कहा ठीक है मम्मी और

फिर मैं वहाँ से अपने रूम मे आ गया और लेट गया, मुझे नींद नही आ रही थी और मैने सोचा चलो थोड़ी

देर अपनी सेक्स बुक ही पढ़ा जाए और मैने जैसे ही तकिये के निच्चे हाथ डाला मुझे वहाँ कुच्छ नही मिला और

मैं उठ कर बैठ गया और जल्दी से तकिया हटा कर देखने लगा लेकिन किताब वहाँ नही थी,

तभी मेरे दिमाग़ मे

यह बात आई कि कही मम्मी के हाथ तो नही लग गई और शायद मम्मी उस किताब वो पढ़ भी चुकी थी जिसमे खूब

बेटे द्वारा अपनी मा को चोदने की कहानिया लिखी हुई थी और कुच्छ कहानिया ऐसी भी थी जिसमे मा खुद अपने बेटे

को अपनी चूत दिखा दिखा कर उत्तेजित करती है और फिर उससे अपनी चूत खूब मरवाती है,

मैं चुपके से अपने रूम से बाहर आ गया और दबे पाँव मम्मी के रूम के बाहर जाकर खिड़की से अंदर

देखा तो मेरा शक बिल्कुल सही निकला मम्मी अंदर वही किताब खोल कर पढ़ रही थी और संगीता घोड़े बेच कर

उसके बगल मे लेटी हुई थी, मम्मी किताब पढ़ते हुए अपनी मॅक्सी के उपर से अपनी चूत धीरे धीरे सहला रही थी,

यह सब नज़ारा देख कर मैं एक दम से खुश हो गया और सोचने लगा कि मेरी मम्मी की चूत तो खूब पानी

छ्चोड़ रही है, इसको चोदने मे तो ज़्यादा परेशानी आनी नही चाहिए, क्या गजब का माल है मेरी मम्मी, जब

मुझसे एक बार चुद जाएगी तब फिर रंडी को दिनभर घर मे नंगी ही रखूँगा और नंगी ही घर के सारे काम

करवाउँगा,

और जब मन होगा उसकी गंद मे अपना लंड डाल कर उसे खूब कस कस कर चोदुन्गा,
अभी मैं यही सब खड़ा खड़ा सोच रहा था और अपने लंड को मसल रहा था तभी मम्मी ने एक बार संगीता की

ओर देखा और फिर अपनी गंद लेटे लेटे उठा कर अपनी मॅक्सी अपनी गुदाज मोटी गंद को उठा कर उसने उपर चढ़ा

लिया और जब उसने अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत पर मेरे सामने हाथ फेरा तो मेरा लंड

इतना कड़ा हो गया कि मुझे उसे अपनी लूँगी से बाहर निकालना पड़ा और उसे खूब कस कस कर सहलाना पड़ा,

मेरी मम्मी अपनी चूत मे एक उंगली धीरे धीरे सरकाती हुई किताब पढ़ रही थी और उसका चेहरा पूरा लाल नज़र आ

रहा था, मैं मम्मी की चूत और नंगी भरी गंद को देख कर खूब ज़ोर ज़ोर से लंड हिला रहा था और अपने

ख्यालो मे अपनी मम्मी को चोद रहा था, आज तक अपनी मम्मी की नंगी चूत और गंद मैने देखा नही था

इसलिए मुझे उनका ज़्यादा ख्याल कभी आया ही नही लेकिन अब मुझे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी मम्मी को ही चोदने का मन

हो रहा था और मैं बस उसे चोद्ते हुए उसके रसीले होंठ गुलाबी गालो को चूमना चाटना चाहता था,

कुच्छ देर बाद मैने देखा मम्मी की चूड़ियो की आवाज़ ज़ोर ज़ोर से आने लगी थी क्यो कि मम्मी अब अपनी चूत मे

ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली पेलने लगी थी, तभी वह एक दम से बिस्तेर पर मूतने की स्टाइल मे बैठ गई और जब उसका

भोसड़ा खुल कर मेरी आँखो के सामने आया तो मम्मी की बड़ी सी बिना बालो वाली चिकनी गुलाबी चूत देख कर

मेरे मूह मे पानी आ गया और ऐसा लगने लगा कि जाकर अपनी मम्मी की चूत मे मूह डाल कर खूब उसकी चूत

चूस लू,

मम्मी अब तेज़ी से अपनी उंगली चला रही थी और मैं भी उसकी चूत देख कर अपना लंड हिला रहा था, तभी

अचानक मुझे ध्यान नही रहा और मेरे पास मे एक छ्होटा सा गमला रखा हुआ था और मेरे हाथ का धक्का

उस गमले मे लग गया मैने उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन वह गमला धदाम से गिर कर टूट गया और मेरे

होश उड़ गये, आवाज़ सुन कर मम्मी एक दम से रुक गई और उसने आवाज़ लगाई कौन है वहाँ,
मेरी तो गंद फट गई

और मैं चुपके से वहाँ से भाग कर अपने रूम मे आ गया,

मैं बहुत देर तक जागता रहा कि शायद मम्मी मुझे देखने आएगी लेकिन मम्मी नही आई तब मुझे कुच्छ

राहत हुई और मैं सो गया, जब सुबह हुई तो मैने देखा संगीता चाइ लेकर खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी, मैने

उससे धीरे से पूछा मम्मी कहाँ है,

संगीता- मम्मी बाथरूम मे पूरी नंगी होकर नहा रही है

राज- हस्ते हुए तुझे सुबह से ही मस्ती चढ़ि है क्या

संगीता- मेरे लंड को लूँगी के उपर से पकड़ कर दबाते हुए, जिसकी चूत मे इतना मोटा लंड घुसने लगेगा उसको

सुबह से मस्ती नही चढ़ेगी तो क्या होगा, और आप सुबह सुबह मम्मी को क्यो याद कर रहे हो कही यह मूसल

मम्मी को चोदने के ख्वाब देख कर तो नही तना हुआ है,

राज- हस्ते हुए क्यो तेरे भैया का लंड अगर मम्मी की चूत मे घुसेगा तो तुझे बुरा लगेगा क्या

संगीता- हस्ते हुए मुझे क्यो बुरा लगेगा, अच्छा है बेचारी मम्मी भी जब से पापा हमे छ्चोड़ कर गये

है तब से खूब चुदने के लिए तड़पति होगी, सच भैया एक बार जो तुम अपने इस मूसल से मम्मी को पूरी नंगी

करके चोद दो तो सचमुच मम्मी तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो जाएगी और दिन रात तुम्हारे लंड के लिए अपनी

चूत उठाए घूमेगी,

मैने संगीता की बात सुन कर उसके मोटे मोटे दूध को पकड़ उसे अपनी गोद मे बैठा कर पकड़ लिया और उसके दूध

दबाते हुए कहा मेरी रंडी बहना मैं अगर तुझे और मम्मी को दोनो को दिन भर घर मे नंगी रख कर

दोनो को एक साथ चोदु तो,

संगीता- फिर तो मज़ा आ जाएगा भैया, मैं भी देखना चाहती हू कि तुम मम्मी को कैसे पूरी नंगी करके

चोद्ते हो, मम्मी पूरी नंगी बड़ा मस्त माल लगती है उसकी चूत चूस कर ही तुम तो मस्त हो जाओगे, मैने संगीता

की चूत को च्छू कर देखा तो उसमे से पानी बह रहा था मैने उसे चूमते हुए कहा गुड़िया रानी आज दोपहर मे

ही मैं आ जाउन्गा फिर तेरी चूत का पानी चाटूँगा अभी मुझे जल्दी से चाइ बना कर दे दे तब तक मैं तैयार हो

जाता हू उसके बाद मैं तैयार हो गया और जब मम्मी मेरा खाना लेकर आई तो उनका चेहरा काफ़ी तनाव मे लग

रहा था और शायद वह कुच्छ कहना चाहती थी,

रति- संगीता जा मैने कपड़े जो धोकर रखे है उन्हे ज़रा छत पर डाल कर आ जा,

संगीता वहाँ से चली गई और मैं चाइ पीने लगा,

राज- क्या बात है मम्मी आप कुच्छ परेशान लग रही है,

रति- बेटे मुझे तुझसे कुच्छ पुच्छना था,

राज- बोलो ना मम्मी

रति- बेटे कल रात मेरे रूम के बाहर तू ही था ना

मम्मी की बात सुन कर मैं एक दम से सकपका गया और मेरी चोरी पकड़ी जा चुकी थी मैं अपनी नज़रे नीचे करके

केवल इतना ही कह सका सॉरी मम्मी,

रति- बेटे तुझे अपनी मम्मी को नंगी नही देखना चाहिए था, तूने यह ग़लत किया है,

तुझे अपनी मम्मी पर

ऐसी नज़रे नही रखना चाहिए, तू एक समझदार लड़का है और तुझे सोचना चाहिए कि मैं तेरी मम्मी हू फिर

भले ही मैं तुझे कितनी ही सेक्सी और जवान लगू लेकिन किसी बेटे को अपनी मम्मी पर ऐसी नज़रे नही डालना चाहिए,

अगर मैं तेरे जैसे सोचने लागू तो ना जाने कितने ग़लत कदम उठा चुकी होती
राज- मम्मी अब आगे से ऐसा नही होगा, आइ आम रेआली सॉरी,

रति- मुस्कुराते हुए बेटा माइंड मत करना यह सामानया बात है इसलिए मैने तुझसे खुल कर डिसकस कर लिया चल

अब अपना खाना ले, और फिर मम्मी अपनी मोटी गंद मतकाते हुए जाने लगी और मैं उसके भारी चूतादो का

मटकना देख कर उनकी गंद मे खोने लगा तभी मम्मी ने पलट कर मेरी ओर देखा और फिर मुस्कुरा कर

चली गई, मेरा पूरा मूड सुबह से खराब हो चुका था और मैं यह सोचने लगा कि यह मुझे इतनी आसानी से

चूत देने वाली नही है और कोई भरोसा भी नही कि यह मुझे कोशिश करने पर भी चोदने को दे देगी,

यह खुद भी तडपेगी और मुझे भी अपनी जवानी दिखा दिखा कर तडपाएगी, मैने गुस्से मे मोटेर्बयके स्टार्ट की

और गाँव की ओर चल दिया और रास्ते भर यही सोचता रहा कि जो भी हुआ वह ग़लत नही था मम्मी खुद तो अपनी

चूत खूब उंगली से सहला लेगी और मैं अपना लंड पकड़े उसकी जवानी को दूर से देखता हुआ जलता रहूँगा, मैं रास्ते

भर यही सोचता रहा कि अब क्या करू, मैने जब से मम्मी का मस्त भोसड़ा और मोटी चोदने लायक गंद देखी

थी तब से बस मैं उसे चोदने केलिए मरा जा रहा था, जब मेरी बाइक थोड़े सुनसान इलाक़े से निकली तब मुझे

पेशाब लगी और मैं बाइक रोक कर मूतने लगा और लगातार मेरे दिमाग़ मे बस मम्मी रति की चूत कैसे मारू

यही चल रहा था,

लेकिन कोई भी रास्ता नज़र नही आ रहा था, मैं जैसे ही पलट कर बाइक के पास जाने लगा तभी

पेड़ के उपर से धम्म से दो आदमी मेरे सामने कूद पड़े और मैं कुच्छ समझ पाता उससे पहले ही एक ने मेरे

गले पर चाकू आड़ा दिया और दूसरे ने मेरी गर्दन पिछे से कस कर पकड़ ली,

राज- अरे भाई कौन हो तुम लोग छ्चोड़ो मुझे,

तब चाकू जिसने अड़ा रखा था वह बोला ऐ बाबू चल जल्दी से माल निकाल नही तो अभी चाकू अंदर पेल देंगे

मैने कहा भाई मेरे पास तो कोई माल नही है, तभी दूसरे ने मेरी जेब मे रखा पार्स निकाल लिया और उसमे

लगभग 1000 रुपये रखे थे वह उसने निकाले और खुस होते हुए मुझे एक दम से धक्का देकर जंगल की ओर

भाग गये,

मैं दूसरी चिंता मे ज़्यादा था इसलिए मुझे उनके द्वारा रुपये छिनने का कोई गम नही हुआ और मैं

वापस बाइक पर आकर बैठा, तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया और मैं उन दोनो बदमाशो को दुआ देते हुए

वाह मेरे भाइयो क्या सही मोके पर मुझे लूटा है यह सोचते हुए मैं सीधे साइट पर पहुच गया और वहाँ

काम लगाने के बाद सीधे हरिया के खेतो की ओर चल दिया,

हरिया के खेत मे आज रुक्मणी, चंदा और सुधिया तीनो बैठी थी लेकिन हरिया कही नज़र नही आ रहा था, मैने

जैसे ही दूर से रुक्मणी और सुधिया को एक साथ देखा मेरी गंद फट गई, मैने सोचा कही इन दोनो ने मुझे

पहचान लिया तो बहुत मारेंगी की बाबा जी की दाढ़ी मुछ सब गायब हो गई और चिकना लौंडा बन गया यह तो,

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मैने सोचा अब क्या करू, तभी चंदा की नज़र मुझ पर पड़ गई और मैने उसे चुप रहने का इशारा करते हुए

उसे चुपके से अपने पास बुला लिया और फिर उससे मैने पुछा तेरे बाबा कहाँ है,

चंदा- वह तो रामू भैया के साथ तालाब की ओर गये है और कह रहे थे कि आपसे मिलने जा रहे है, मैने

पुछा क्या रामू की तबीयत ठीक हो गई है तब चंदा ने कहा हाँ रामू भैया अब बिल्कुल ठीक है, मैं उल्टे पाँव

तालाब की ओर चल दिया तब मुझे दोनो एक पेड़ के नीचे बैठे नज़र आ गये और मैं उनके पास पहुच गया,

हरिया- आइए बाबूजी, कल तो आप बिना मिले ही चले गये मैं कितनी देर तक आपकी राह देखता रहा,

राज- अरे हरिया दोस्त कल बगीचे मे ही बहुत देर हो गई थी और मैने सोचा अब तुम्हे क्यो परेशान करू इसलिए

मैं सीधे घर चला गया था,

हरिया- मुस्कुराते हुए फिर बाबू जी कल तो आपको मज़ा आ गया होगा

राज- हाँ हरिया कल जैसा मज़ा तो भूल नही सकता हू वाकई बहुत मज़ा आया मुझे संगीता को चोद कर,

रामू- बाबूजी हमे भी अपनी बहन निम्मो को चोदने मे बड़ा मज़ा आता था,

हरिया- हमे भी बाबूजी तरह तरह की औरतो को चोदने मे बड़ा मज़ा आता है,

राज- हरिया और रामू तुम दोनो को मेरे लिए एक काम करना होगा,

हरिया- आप बोलिए तो सही बाबूजी हम दोनो आपके लिए हमेशा तैयार है, क्यो रामू

रामू- बिल्कुल काका, बोलिए बाबूजी क्या बात है,

राज- तो फिर मेरी बात बड़े ध्यान से सुनना और जो मैं कह रहा हू उसमे ज़रा भी चूक नही होनी चाहिए एक बार

यह प्लान सक्सेस हो गया फिर तो मज़ा आ जाएगा और फिर मैने उन दोनो को बड़े बारीकी से अपने प्लान के बारे मे

सभी बाते समझा कर मैं वहाँ से वापस घर आ गया घर आने के बाद मैने कुच्छ ज़रूरी काम निपटाने के

बाद अगले दिन मैं सुबह सुबह साइट पर जाने से पहले सीधे अपने नौटंकी वाले दोस्त राजन के पास पहुच गया,

राजन- क्या बात है राज बहुत दिनो बाद दोस्त की याद आई है ज़रूर साले कुच्छ काम होगा मुझसे,

राज- अबे बिना काम के भला मैं तुझे क्यो परेशान करने लगा,

राजन- चल अब ज़्यादा होशियारी मत दिखा और मुद्दे की बात कर जिसके लिए तू यहाँ आया है,

राज- यार राजन मुझे एक दिन के लिए दो जोड़े वह ड्रेस चाहिए जिन्हे पहन कर तू डाकू बनता है और साथ मे तेरी

वह नकली बंदूक भी चाहिए,

राजन-अबे तू कोई फिल्म तो नही बना रहा है पहले साधु के कपड़े ले गया अब डाकू के कपड़े लेने आया है लगता

है तू साधु और डाकू नाम की फिल्म बना रहा है,

राज- हस्ते हुए अरे नही यार बस यह समझ ले थोड़ी सी आक्टिंग हमे भी करने का मन कर रहा है बस तू जल्दी

से सारा समान निकाल दे, उसके बाद राजन ने मुझे जो जो समान की ज़रूरत थी वह निकाल कर दे दिया,

वहाँ से मैं साइट पर पहुच गया और फिर सीधे हरिया और रामू के खेतो मे जा पहुचा उसके बाद मैने सभी

समान हरिया और रामू को देते हुए उन्हे सारी बाते समझाने लगा,

हरिया- एक बात समझ मे नही आ रही बाबूजी, इतना सब करने के बजाय आप अपने घर मे ही अपनी मम्मी को

फसा कर चोदने की कोशिश क्यो नही कर रहे है, क्यो कि जो आइडिया आप बता रहे है वह थोड़ा कठिन है,

राज- देखो हरिया मैं अच्छी तरह जानता हू मेरी मम्मी सीधी तरह अपनी चूत नही मरवाने वाली है इसलिए

हमे यह करना ही पड़ेगा, तुम लोग ठीक समय पर पहुच जाना और अच्छी आक्टिंग करना, प्लानिन्नग मेरी

ख़तरनाक ज़रूर थी लेकिन थी सटीक, जैसे तैसे मैने दिन काटा और फिर अपने घर पहुच गया,
रात को मैं और संगीता छत पर खड़े होकर बाते कर रहे थे और संगीता को मस्ती सूझ रही थी और उसने लूँगी

मे हाथ डाल कर मेरे लंड को मसल्ते हुए कहा

संगीता- भैया कितने दिनो से तुमने मुझे पूरी नंगी करके चोदा नही है, और फिर बच्चो जैसा मूह बना कर

कहने लगी आपको ज़रा भी ख्याल नही है अपनी बहन का, मैने उसके गालो को खिचते हुए उसके मोटे मोटे दूध

को मसल्ते हुए कहा,

राज- मेरी रानी कल से तुझे मैं घर मे ही चोदुन्गा, कल से तू चाहे जब अपने भैया का लंड ले सकती है

संगीता- उच्छल कर मुझे चूमती हुई वाह भैया पर ऐसा क्या करने वाले हो कि हमे मम्मी का भी डर नही

रहेगा,

राज- मेरी रानी कल से हम चुदाई करेगे लेकिन बिना डर के और फिर मैने संगीता के रसीले होंठो को अपने मूह

मे भर कर चूस्ते हुए उसके मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर दबाना शुरू कर दिया, संगीता ने मुझसे

जानने की कोशिश की लेकिन मैने उसे बाद मे बताने का कह कर टाल दिया और फिर मैं मम्मी के रूम मे जाने

लगा,

मेरी तो हालत ऐसी थी कि मेरा लंड सिर्फ़ मम्मी का सुंदर चेहरा देख कर ही खड़ा होने लगा था फिर अभी

तो मम्मी मेरे सामने ही खड़ी थी,

रति- आ राज वहाँ क्यो खड़ा है बेटे,

मैं मोम के पास गया और उनके सामने बिस्तेर पर बैठ गया वह आराम से तकिये पर सर रख कर लेटी हुई थी,

मैने मम्मी के एक पेरो की गोरी पिंडलियो को पकड़ कर कहा, मम्मी कल सुबह आप रेडी हो जाना मैं आपको

भी अपनी साइट दिखाना चाहता हू, बहुत अच्छी जगह है आप बहुत खुश होगी वहाँ जाकर,

और फिर मैने उनकी

पिंदलियो को दबाते हुए कहा, क्या कहती है बोलिए,

रति- मुश्कूराते हुए, क्या बात है तुझे आज कल अपनी मम्मी का बड़ा ख्याल रहता है, मुझे भी ऐसी जगहो पर

घूमना खूब अच्छा लगता है जहा खेत, छ्होटे मोटे जंगल और बाग बगीचे हो, कल हम वहाँ ज़रूर जाएगे

बेटा, लेकिन राज यह बता कल मैं कपड़े कौन से पहनु,

मम्मी की यह बात सुन कर मैने मन मे सोचा मेरी रानी चाहे जो कपड़े पहन लेना उतारना तो है ही और फिर

मैने मम्मी को कहा आप जो भी पहन लो मम्मी चलेगा क्योकि गाँव मे इतने लोग आपको नही दिखाई देंगे,
रति- फिर भी राज तुझे क्या अच्छा लगता है तू बता दे मैं वही पहन लेती हू,

राज- ओके मम्मी आप साडी और ब्लौज पहन कर चलो

रति- ओके यह ठीक रहेगा,

चूँकि संगीता रात को मम्मी के साथ ही सोती थी इसलिए उसे रात मे भी चोदना मुश्किल रहता था रात जैसे तैसे

कटी और सुबह मैं जल्दी से तैयार हो गया और उधर मम्मी तो बिल्कुल लाल साडी और ब्लौज मे दुल्हन की तरह नज़र

आ रही थी, मम्मी ने संगीता को घर मे ही रहने की हिदायत देते हुए मेरी बाइक पर बैठ कर मेरे साथ चल

दी,

सीट पर बिल्कुल जगह नही थी मम्मी के भारी चूतादो ने पूरी गाड़ी की सीट को कवर कर लिया था, मम्मी जब

बैठी थी तो आधी मेरे उपर ही टिकी हुई थी और उनके जिस्म से एक बड़ी चुदास वाली गंध आ रही थी और उनके

मुलायम बदन के स्पर्श से मैं काफ़ी अच्छा महसूस कर रहा था,

हम मज़े मे चलते हुए आ रहे थे जब मैं रोड से नीचे गाँव का कच्चा रास्ता चालू हुआ तो वह आम के

बड़े से बगीचे जहाँ संगीता चुदी थी उसी बगीचे मे काफ़ी सन्नाटा था और मैं अपनी बाइक बड़े धीरे चलाते

हुए चला जा रहा था मा भी सामने देख रही थी इतने मे सामने के पेड़ से दो आदमी हमारे सामने कूदे और

मैने बाइक रोक दी और मम्मी एक दम से नीचे उतर गई, सामने हरिया और रामू डाकू वाला भेष बना कर

बंदूक लिए खड़े थे हरिया तो शकल से ही डकैत नज़र आ रहा था,

हरिया ने मेरे गले पर बंदूक की नली अड़ा दी और कहने लगा,

हरिया- क्यो बे लोंडे इस मस्त लोंड़िया को ले कर कहाँ जंगल मे चला जा रहा है,

राज- इज़्ज़त से बोलो वह मेरी मा है

हरिया- बहुत खराब मूह बना कर, अबे साले हमे चोदना सिखाता है ज़रा सी उंगली दबा दी तो दो मिनिट मे

तोहरी गर्दनिया मे होल बन जाएगा, और फिर हरिया ने रामू की ओर देख कर, क्यो करिया मोड़ दे अपनी उंगली,

रामू- ज़्यादा टे टे करे सरदार तो मोड़ दो, साले यही ढेर हो जाएगे,

रति- कौन हो तुम लोग और क्या चाहते हो,

मम्मी काफ़ी डर रही थी और मुझसे बिल्कुल सॅट कर मुझे पकड़ कर खड़ी थी,

हरिया- ठहाका लगा कर हस्ते हुए रामू की ओर देख कर उसकी पीठ मे मारते हुए, अरे करिया देख ये मस्तानी

लोंड़िया कैसे हमसे मज़ाक कर रही है, साली के सामने डाकू खड़ा है और यह पुच्छ रही है कौन हो तुम हा हा

हा हा हा .........हा ....

राज- देखो सरदार हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है हमारे पास तो धन दोलत भी नही है हमे जाने दो,

हरिया- देख लोंडे हम डाकू ज़रा अलग किसम के है, हमे तुझे लूटना होता तो अब तक धाय से गोली दाग कर लूट

कर चले जाते बट का है ना हम आदमी ज़रा दूजे किसम के है, हमे तुम यह बता दो कि इस गदराए माल को लेकर

कहाँ जा रहे हो,
राज- कमिने मूह संभाल कर बोल हम कही नही जा रहे थे बस गाँव तक जाना था,

हरिया- बंदूक की नोक राज के गले मे गाढ़ता हुआ, धीमी आवाज़ मे बोलो बाबू नही तो अभी सुनसान जगह मे

धाय की आवाज़ गूँज जाएगी,

हमे तो लगता हौ तुम इसे इसी बगीचे मे चोदने के चक्कर मे लाए हो माल तो बड़ा जोरदार लेकर आए हो यही

बात है ना सच सच बता दो,

रति- अरे कमिने शरम कर कुच्छ तो सोच समझ कर बोल,

हरिया- अच्छा तो तुम ऐसे नही मनोगे, अब तुम जो करने आए थे वह यही करोगे नही तो आज यही तुम दोनो का

खेल ख़तम कर के चला जाउन्गा और फिर क्या था हरिया ने बंदूक मम्मी के गले मे रखी और मेरी ओर देख

कर बोलने लगा

हरिया- चल बे लोंडे उतार अपनी पेंट,

राज- देखो यह तुम ठीक नही कर रहे हो,

हरिया- उतारता है या उड़ा दू इसे,

रति- नही बेटे मार देने दे इसे गोली पर तू ऐसा मत करना,

हरिया- आख़िरी बार पूछता हू उतारता है कि मार दू गोली,

मैने जल्दी से अपनी पेंट उतार दी

हरिया- वेरी गुड चल अब जल्दी से चदढ़ि भी उतार दे,

राज- यह तुम क्या कह रहे हो

हरिया- अबे चढ्ढि पहने पहने कैसे चोदेगा इस मस्तानी को और फिर हरिया ने मम्मी के गोरे गोरे गालो को

पकड़ कर खींच दिया,

मम्मी के चेहरे पर अब शर्म के भाव उभर आए थे और वह खामोश खड़ी मुझे देख रही थी,

हरिया- अबे उतारता है कि मार दू गोली और फिर मैने अपनी पेंट भी उतार दी, मेरा लंड लटका हुआ था और मम्मी

दूसरी तरफ मूह करके खड़ी थी,

क्रमशः........................
 

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