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गतान्क से आगे......................
सुधिया- मंद-मंद मुस्कुराते हुए, हरिया क्यो मेरे पीछे पड़ा है चल जा यहाँ से मुझे बहुत ज़रूरी काम
है
हरिया- क्या काम है पहले बताओ तभी जाउन्गा,
सुधिया- थोड़ा शरमाते हुए अपने चेहरे को नीचे करके तू जा यहाँ से मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है
हरिया- एक दम से उछल कर खुश होता हुआ, वाह भौजी क्या बात कही है अब तो मैं तुम्हे बिना मुतते देखे बिना
यहा से कही नही जाउन्गा,
सुधिया खड़ी होकर अपनी चूत को घाघरे के उपर से हरिया की ओर देख कर मसल्ति हुई आह हरिया कमिने जा
यहाँ से नही तो मैं तेरे मूह मे ही मूत दूँगी,
हरिया- खुस होते हुए हाय भौजी मैं तो कब से तेरी बुर से मूत चाटने के लिए तड़प रहा हू,
अब देर ना कर और
जल्दी से मेरे मूह मे अपनी मस्त फूली हुई चूत धर कर बैठ जा,
उन दोनो की हरकते देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था लेकिन आज मैं बाबाजी के भेष मे नही था और सिवाय
उन दोनो को देखने के कुच्छ नही कर सकता था,
उधर मुझे हरिया से ज़्यादा सुधिया चुदासी लग रही थी और बार बार हरिया के मोटे लंड को देख कर अपनी चूत
को घाघरे के उपर से मसल्ते हुए हरिया से कह रही थी, देख हरिया यहाँ से चला जा मुझसे अब नही सहा जा
रहा है मुझे पेशाब कर लेने दे,
हरिया- अरे भौजी तो क्या मैने तुम्हे या तुम्हारी चूत को पकड़ रखा है जो तुम मूत नही रही हो, चलो अब
जल्दी से घाघरा उठा कर अपनी बुर फैला कर खूब मोटी धार निकाल कर मुतना शुरू कर दो,
सुधिया उसी पत्थर पर एक पेर रख कर खड़ी थी जहा एक बार निम्मो मूतने बैठी थी, हरिया सुधिया की मोटी
जाँघो के पास अपने मूह को लगा कर चूमते हुए ओह भौजी कितनी गुदाज और भरी हुई जंघे है तुम्हारी अब
जल्दी से मूत भी दो,
सुधिया- कमिने तू नही मानेगा ले पी ले अपनी भौजी का मूत और सुधिया उसी पत्थर पर अपनी मोटी जाँघो को
फैला कर जैसे ही बैठती है हरिया अपना मूह आगे कर देता है, और सुधिया की फूली हुई चूत को नीचे झुक कर
देखने लगता है,
सुधिया अपना भोसड़ा फैलाए हरिया के सामने मंद मंद मुस्कुराते हुए बैठी रहती है,
तभी हरिया उसकी चूत को सहला कर कहता है भौजी मूत ना, उसके इतना कहते ही सुधिया अपनी चूत उठा कर हरिया
के मूह मे एक मोटी धार मारने लगती है और हरिया एक दम से सुधिया की बुर से निकलती पेशाब को देख कर अपना
मूह खूब कस कर सुधिया की चूत से लगा कर उसकी चूत के भज्नाशे को अपने मूह मे भर लेता है,
सुधिया का
पेशाब एक दम से रुक जाता है और हरिया जैसे ही उसकी चूत के मोटे दाने को अपनी जीभ मे दबा कर चूस्ता है
सुधिया की चूत से फिर से पेशाब निकल जाता है और हरिया उसकी चूत को किसी कुत्ते की भाँति चूसने लगता है,
सुधिया का पेशाब फिर से रुक जाता है और हरिया उसकी चिकनी मूत से भीगी चूत को किसी पागल कुत्ते की तरह सूंघ
सूंघ कर चाटने लगता है,
सुधिया- आह कुत्ते मूतने तो दे फिर बाद मे चाट लेना
हरिया- भौजी और मुतो बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत से मूत पीने मे और फिर हरिया लंबी लंबी जीभ निकाल
कर सुधिया की बुर को खूब कस कर दबोचते हुए चाटने लगता है, सुधिया की चूत एक दम मस्त हो जाती है और
सुधिया थोड़ा और ज़ोर लगा कर छुल से एक धार सीधे मारती है और हरिया अपना मूह खोल कर उसकी पेशाब को पीते
हुए सुधिया की चूत को खूब ज़ोर से अपने मूह मे दबा कर चूसने लगता है,
हरिया- भौजी और मूत थोड़ा ज़ोर से मूत बहुत मज़ा आ रहा है, सुधिया आ कुत्ते चाट ले खूब ज़ोर से चाट ले
अपनी भौजी की चूत, और सुधिया अपनी जाँघो को और फैला देती, और हरिया उसकी चूत को अपने होंठो मे दबाए
हुए कहता है और मूत भौजी और मूत,
सुधिया- अरे कमिने पहले मेरी चूत का दाना तो छ्चोड़ तब तो मैं मुतुँगी
हरिया- नही पहले मूत नही तो जब तक तेरी चूत से पेशाब नही पिलाएगी मैं तेरी चूत नही छ्चोड़ूँगा
सुधिया- अच्छा पिलाती हू पहले थोड़ा सा तो मेरी चूत को छ्चोड़ दे, हरिया उसकी बुर को मूह मे दबाए हुए नही
नही कहता है और सुधिया से जब रहा नही जाता है तो वह पूरी ताक़त लगा कर और पेशाब करने की कोशिश करती
है और उसकी चूत से जैसे ही थोड़ा सा पेशाब फिर निकलता है हरिया खूब ज़ोर से सुधिया की चूत को अपने मूह मे
भर कर पागलो की तरह उसकी चूत को चूसने लगता है और सुधिया उसके सर को पकड़ कर खूब ज़ोर से अपनी चूत से
दबा लेती है,
हरिया किसी पागल कुत्ते की तरह सुधिया की पूरी भोसड़ी खोल खोल कर उसका रस चाटने और चूसने लगता है और
सुधिया अपनी चूत खूब कस कस कर हरिया के मूह पर दबा दबा कर रगड़ने लगती है,
उन दोनो की हरकते देख
कर मैं मस्त हो गया था और उन दोनो को देख कर मुझे भी एक नया अनुभव हुआ और मैं जिस तरह हरिया
सुधिया की चूत से पेशाब पी रहा था उसी तरह मेरा दिल करने लगा कि मैं अपनी मम्मी रति को इसी तरह नंगी
करके उसकी चूत से खूब पेशाब पिउ और खूब अपनी मम्मी की चूत चतु, सामने सुधिया बैठी अपनी चूत चटवा
रही थी लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी मम्मी अपनी चूत खोल कर मुझे कह रही हो कि ले बेटा अपनी
मम्मी की चूत से पेशाब पी ले और खूब ज़ोर ज़ोर से अपनी मम्मी की बुर चाट ले,
सुधिया- आह सीईईईई कितना ज़ोर से काट रहा है कुत्ते, ज़रा आराम से चाट आह आहह आह आ सीईईईईईईईई ओह हरिया खा जा
मेरी चूत को पी जा सारा मूत,
हरिया- भौजी और मूत ना
सुधिया- सीईईईईईईईईईईईईईईई आहा हह अरे कुत्ते कहाँ से मुतु सारा पेशाब तो तू चूस चूस कर चाट गया अब मुझसे
नही मुता जा रहा है,
हरिया- बस भौजी एक बार और मूत दे कितना मस्त भोसड़ा है तेरा बस एक बार मुझे अपना मूत और पीला दे, हरिया
सुधिया की चूत को इतनी बेरहमी से चाट रहा था की उसकी चूत पूरी लाल हो गई थी अब वह मूत नही बल्कि चूत का रस
छ्चोड़ने लगी थी और हरिया उसकी चूत को अपने मूह मे भर भर कर खूब दबोच दबोच कर चाट रहा था,
जब सुधिया अपने हाथ पिछे टिका कर अपनी चूत उठा उठा कर हरिया के मूह मे मारने लगी तब हरिया ने लंबी
सी जीभ निकाल कर सुधिया की चूत के दाने से लेकर उसकी गंद के भूरे कसे हुए छेद तक चटाई शुरू कर दी
और सुधिया आह आह ओह हरिया चाट और चाट खूब चूस पी जा अपनी भौजी का मूत और चाट खूब ज़ोर से चुस्स्स्सस्स
आहह अह्ह्ह्ह आहह सीईीस ईईईईईईईईईईईई ओह हरिया अब नही रहा जाता रे हाय हाय अब चोद दे कुत्ते,
अब चोद दे मुझे,
हरिया- अरे मेरी रंडी भौजी तू फिकर मत कर आज दिन भर तुझे इन खेतो और गन्नो के बीच पूरी नंगी ही
रखूँगा और खूब तेरी चूत मारूँगा, हरिया की बात सुन कर सुधिया एक दम से उठी और हरिया के मोटे लंड को
झुक कर अपने मूह मे भर कर चाटने लगी, हरिया ने भी अपने लंड को उसके मूह मे अच्छे से दे दिया और
सुधिया उसके आंड्को को खूब कस कस कर दबोचते हुए उसके लंड के सूपदे को चूसने लगी,
हरिया उसके मोटे
मोटे दूध को खूब कस कस कर मसल रहा था और एक हाथ से सुधिया का घाघरा उसकी गंद के उपर तक उठा
कर सुधिया की गुदा को अपनी उंगली से कुरेदने लगा,
सुधिया की गंद एक दम मेरे मूह की तरफ थी और उसकी फैली हुई गोरी गुदाज गंद और उसका बड़ा सा भूरा छेद
देख कर मेरा लंड झटके देने लगा, सुधिया की मोटी गंद देख कर मुझे अपनी मम्मी की पॅंटी मे कसी हुई
गुदाज मोटी गंद याद आ गई और मैं अपने लंड को सहलाते हुए उनका तमाशा देखने लगा,
हरिया ने सुधिया का ब्लौज खोल कर उसके मोटे मोटे दूध को कभी दबाते हुए चूसना और कभी चूस्ते हुए
दबाना शुरू कर दिया सुधिया अपने हाथो मे हरिया के गोटे पकड़ पकड़ कर दबा रही थी और उनसे खेल रही
थी,
तभी हरिया ने सुधिया को वही ज़मीन पर लेटा दिया और उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी जाँघो को फैला कर
चूम लिया उसके बाद हरिया ने जैसे ही सुधिया की चूत को फिर से चाटना शुरू किया सुधिया एक दम से तड़प उठी
और उठ कर हरिया के मोटे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया,
हरिया ने बिना कुच्छ कहे एक
कस कर धक्का मारा और उसका लंड सटाक से सुधिया की पूरी चूत को खोल कर अंदर जड़ तक समा गया और
सुधिया ने हरिया को अपनी बाँहो मे दबोच कर उसके लंड की ओर अपनी छूट को खूब ज़ोर से उठा दिया, सुधिया की
इस हरकत से हरिया का लंड पूरी तरह सुधिया की चूत मे फिट हो गया और हरिया सुधिया के मोटे मोटे बोबे
दबाते हुए उसकी चूत को कस कस कर ठोकने लगा,
सुधिया खूब गंद उठा उठा कर लंड ले रही थी और हरिया खूब हुमच हुमच कर सुधिया को चोद रहा था
सुधिया का भारी भरकम बदन पूरी मस्ती मे हरिया के बदन से चिपका हुआ था और जब हरिया सतसट
सुधिया की चूत ठोकता तो ठप ठप की आवाज़ सुधिया की जाँघो से आने लगती थी हरिया पूरी ताक़त से उसकी चूत
चोद रहा था और सुधिया आह आह करती हुई खूब कस कस कर चूत मरवा रही थी,
हरिया ने लगभग एक घंटे तक सुधिया की चूत को कभी सीधा करके कभी उसकी गंद की तरफ से खूब कस कस
कर ठोका और उसके बाद सुधिया का पानी निकल गया, जब सुधिया और हरिया अलग अलग हुए तो मैने सोचा अब
थोड़ी देर रुकने के बाद हरिया के पास जाउन्गा लेकिन हरिया की दूसरी हरकत देख कर मे समझ गया कि अभी उसका
पेट उसकी भौजी से भरा नही है, हरिया ने सुधिया के खड़े हो जाने के बाद उसकी गंद के पिछे से घाघरा
उठा कर उसके मोटे मोटे चूतादो के पाटो को फैला कर उसकी गंद के छेद को चाटना शुरू कर दिया,
सुधिया एक दम से उसके मूह से अपनी गंद को हटाते हुए, कमिने अब क्या मेरी गंद भी चतेगा,
हरिया- भौजी तुम्हारी गंद देख कर तो कोई भी इसे चाटना चाहेगा ,
सुधिया- नही मैं गंद नही मर्वौन्गि, वैसे भी कल बाबाजी ने मेरी गंद मे इतना मोटा लंड डाल कर मुझे
चोदा है कि मेरी गंद अभी भी दर्द कर रही है,
हरिया- लेकिन भौजी मुझसे यह सब बाबाजी ने ही कहा था
सुधिया- हरिया को देख कर क्या कहा था बाबाजी ने
हरिया- यही कि चाहे कुच्छ भी हो सुधिया की गंद तुम रोज अपने लंड से चोदना,
मैं हरिया की बात सुन कर मंद मंद मुस्कुराने लगा और सोचने लगा साला बड़ा बदमाश आदमी है यह मेरे
बहुत काम आने वाला है,
सुधिया- क्या बाबाजी ने ऐसा कहा था
हरिया- हाँ क्या तुमसे उन्होने कुच्छ नही कहा
सुधिया- नही पर यह ज़रूर कहा था कि तू मुझे चोदने के लिए मरा जा रहा है
हरिया- हम मज़ाक नही कर रहे है भौजी, उन्होने यह कहा था कि सुधिया बेटी की गंद को हमने चोदा है अब
उस पर सिर्फ़ उसके बेटे रामू और मेरा हक रहेगा, और उन्होने कहा था कि सुधिया जितना ज़्यादा अपनी गंद
मरवाएगी उतना ज़्यादा ही उसकी जवानी और भी निखार आएगी,
सुधिया- लेकिन हरिया गंद मरवाने मे बड़ा दर्द होता है,
हरिया- अरे भौजी वह तो कल जल्दी बाजी मे तुम्हे दर्द हुआ था आज तो मैं ऐसे तरीके से तेरी गंद मारूँगा कि तू
देखना फिर रोज मुझसे अपनी गंद मरवाए बिना नही रह पाएगी, तुम जानती नही हो पहले गंद मे लंड जब
घुसता है तो थोड़ा दर्द होता है उसके बाद जब औरतो की गंद का साइज़ फैल कर लंड के बराबर हो जाता है तब
औरतो को खूब मज़ा आता है और उनका दिल करता है कि उनकी गंद को खूब रगड़ रगड़ कर चोदा जाए,
सुधिया- मुस्कुराते हुए तो तू अब क्या करने वाला है
हरिया जल्दी से झोपड़ी मे जाकर तेल ले आया और उसने तेल सुधिया के हाथो पर डाल कर उसके हाथ मे अपना मोटा
लंड थमा दिया और सुधिया उसके लंड पर तेल लगाने लगी, सुधिया जैसे जैसे हरिया के लंड पर तेल लगा लगा
कर मसल रही थी वैसे वैसे हरिया का लंड और भी मोटा और काला नज़र आने लगा था,
क्रमशः........
गतान्क से आगे......................
सुधिया- मंद-मंद मुस्कुराते हुए, हरिया क्यो मेरे पीछे पड़ा है चल जा यहाँ से मुझे बहुत ज़रूरी काम
है
हरिया- क्या काम है पहले बताओ तभी जाउन्गा,
सुधिया- थोड़ा शरमाते हुए अपने चेहरे को नीचे करके तू जा यहाँ से मुझे बहुत जोरो की पेशाब लगी है
हरिया- एक दम से उछल कर खुश होता हुआ, वाह भौजी क्या बात कही है अब तो मैं तुम्हे बिना मुतते देखे बिना
यहा से कही नही जाउन्गा,
सुधिया खड़ी होकर अपनी चूत को घाघरे के उपर से हरिया की ओर देख कर मसल्ति हुई आह हरिया कमिने जा
यहाँ से नही तो मैं तेरे मूह मे ही मूत दूँगी,
हरिया- खुस होते हुए हाय भौजी मैं तो कब से तेरी बुर से मूत चाटने के लिए तड़प रहा हू,
अब देर ना कर और
जल्दी से मेरे मूह मे अपनी मस्त फूली हुई चूत धर कर बैठ जा,
उन दोनो की हरकते देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था लेकिन आज मैं बाबाजी के भेष मे नही था और सिवाय
उन दोनो को देखने के कुच्छ नही कर सकता था,
उधर मुझे हरिया से ज़्यादा सुधिया चुदासी लग रही थी और बार बार हरिया के मोटे लंड को देख कर अपनी चूत
को घाघरे के उपर से मसल्ते हुए हरिया से कह रही थी, देख हरिया यहाँ से चला जा मुझसे अब नही सहा जा
रहा है मुझे पेशाब कर लेने दे,
हरिया- अरे भौजी तो क्या मैने तुम्हे या तुम्हारी चूत को पकड़ रखा है जो तुम मूत नही रही हो, चलो अब
जल्दी से घाघरा उठा कर अपनी बुर फैला कर खूब मोटी धार निकाल कर मुतना शुरू कर दो,
सुधिया उसी पत्थर पर एक पेर रख कर खड़ी थी जहा एक बार निम्मो मूतने बैठी थी, हरिया सुधिया की मोटी
जाँघो के पास अपने मूह को लगा कर चूमते हुए ओह भौजी कितनी गुदाज और भरी हुई जंघे है तुम्हारी अब
जल्दी से मूत भी दो,
सुधिया- कमिने तू नही मानेगा ले पी ले अपनी भौजी का मूत और सुधिया उसी पत्थर पर अपनी मोटी जाँघो को
फैला कर जैसे ही बैठती है हरिया अपना मूह आगे कर देता है, और सुधिया की फूली हुई चूत को नीचे झुक कर
देखने लगता है,
सुधिया अपना भोसड़ा फैलाए हरिया के सामने मंद मंद मुस्कुराते हुए बैठी रहती है,
तभी हरिया उसकी चूत को सहला कर कहता है भौजी मूत ना, उसके इतना कहते ही सुधिया अपनी चूत उठा कर हरिया
के मूह मे एक मोटी धार मारने लगती है और हरिया एक दम से सुधिया की बुर से निकलती पेशाब को देख कर अपना
मूह खूब कस कर सुधिया की चूत से लगा कर उसकी चूत के भज्नाशे को अपने मूह मे भर लेता है,
सुधिया का
पेशाब एक दम से रुक जाता है और हरिया जैसे ही उसकी चूत के मोटे दाने को अपनी जीभ मे दबा कर चूस्ता है
सुधिया की चूत से फिर से पेशाब निकल जाता है और हरिया उसकी चूत को किसी कुत्ते की भाँति चूसने लगता है,
सुधिया का पेशाब फिर से रुक जाता है और हरिया उसकी चिकनी मूत से भीगी चूत को किसी पागल कुत्ते की तरह सूंघ
सूंघ कर चाटने लगता है,
सुधिया- आह कुत्ते मूतने तो दे फिर बाद मे चाट लेना
हरिया- भौजी और मुतो बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत से मूत पीने मे और फिर हरिया लंबी लंबी जीभ निकाल
कर सुधिया की बुर को खूब कस कर दबोचते हुए चाटने लगता है, सुधिया की चूत एक दम मस्त हो जाती है और
सुधिया थोड़ा और ज़ोर लगा कर छुल से एक धार सीधे मारती है और हरिया अपना मूह खोल कर उसकी पेशाब को पीते
हुए सुधिया की चूत को खूब ज़ोर से अपने मूह मे दबा कर चूसने लगता है,
हरिया- भौजी और मूत थोड़ा ज़ोर से मूत बहुत मज़ा आ रहा है, सुधिया आ कुत्ते चाट ले खूब ज़ोर से चाट ले
अपनी भौजी की चूत, और सुधिया अपनी जाँघो को और फैला देती, और हरिया उसकी चूत को अपने होंठो मे दबाए
हुए कहता है और मूत भौजी और मूत,
सुधिया- अरे कमिने पहले मेरी चूत का दाना तो छ्चोड़ तब तो मैं मुतुँगी
हरिया- नही पहले मूत नही तो जब तक तेरी चूत से पेशाब नही पिलाएगी मैं तेरी चूत नही छ्चोड़ूँगा
सुधिया- अच्छा पिलाती हू पहले थोड़ा सा तो मेरी चूत को छ्चोड़ दे, हरिया उसकी बुर को मूह मे दबाए हुए नही
नही कहता है और सुधिया से जब रहा नही जाता है तो वह पूरी ताक़त लगा कर और पेशाब करने की कोशिश करती
है और उसकी चूत से जैसे ही थोड़ा सा पेशाब फिर निकलता है हरिया खूब ज़ोर से सुधिया की चूत को अपने मूह मे
भर कर पागलो की तरह उसकी चूत को चूसने लगता है और सुधिया उसके सर को पकड़ कर खूब ज़ोर से अपनी चूत से
दबा लेती है,
हरिया किसी पागल कुत्ते की तरह सुधिया की पूरी भोसड़ी खोल खोल कर उसका रस चाटने और चूसने लगता है और
सुधिया अपनी चूत खूब कस कस कर हरिया के मूह पर दबा दबा कर रगड़ने लगती है,
उन दोनो की हरकते देख
कर मैं मस्त हो गया था और उन दोनो को देख कर मुझे भी एक नया अनुभव हुआ और मैं जिस तरह हरिया
सुधिया की चूत से पेशाब पी रहा था उसी तरह मेरा दिल करने लगा कि मैं अपनी मम्मी रति को इसी तरह नंगी
करके उसकी चूत से खूब पेशाब पिउ और खूब अपनी मम्मी की चूत चतु, सामने सुधिया बैठी अपनी चूत चटवा
रही थी लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी मम्मी अपनी चूत खोल कर मुझे कह रही हो कि ले बेटा अपनी
मम्मी की चूत से पेशाब पी ले और खूब ज़ोर ज़ोर से अपनी मम्मी की बुर चाट ले,
सुधिया- आह सीईईईई कितना ज़ोर से काट रहा है कुत्ते, ज़रा आराम से चाट आह आहह आह आ सीईईईईईईईई ओह हरिया खा जा
मेरी चूत को पी जा सारा मूत,
हरिया- भौजी और मूत ना
सुधिया- सीईईईईईईईईईईईईईईई आहा हह अरे कुत्ते कहाँ से मुतु सारा पेशाब तो तू चूस चूस कर चाट गया अब मुझसे
नही मुता जा रहा है,
हरिया- बस भौजी एक बार और मूत दे कितना मस्त भोसड़ा है तेरा बस एक बार मुझे अपना मूत और पीला दे, हरिया
सुधिया की चूत को इतनी बेरहमी से चाट रहा था की उसकी चूत पूरी लाल हो गई थी अब वह मूत नही बल्कि चूत का रस
छ्चोड़ने लगी थी और हरिया उसकी चूत को अपने मूह मे भर भर कर खूब दबोच दबोच कर चाट रहा था,
जब सुधिया अपने हाथ पिछे टिका कर अपनी चूत उठा उठा कर हरिया के मूह मे मारने लगी तब हरिया ने लंबी
सी जीभ निकाल कर सुधिया की चूत के दाने से लेकर उसकी गंद के भूरे कसे हुए छेद तक चटाई शुरू कर दी
और सुधिया आह आह ओह हरिया चाट और चाट खूब चूस पी जा अपनी भौजी का मूत और चाट खूब ज़ोर से चुस्स्स्सस्स
आहह अह्ह्ह्ह आहह सीईीस ईईईईईईईईईईईई ओह हरिया अब नही रहा जाता रे हाय हाय अब चोद दे कुत्ते,
अब चोद दे मुझे,
हरिया- अरे मेरी रंडी भौजी तू फिकर मत कर आज दिन भर तुझे इन खेतो और गन्नो के बीच पूरी नंगी ही
रखूँगा और खूब तेरी चूत मारूँगा, हरिया की बात सुन कर सुधिया एक दम से उठी और हरिया के मोटे लंड को
झुक कर अपने मूह मे भर कर चाटने लगी, हरिया ने भी अपने लंड को उसके मूह मे अच्छे से दे दिया और
सुधिया उसके आंड्को को खूब कस कस कर दबोचते हुए उसके लंड के सूपदे को चूसने लगी,
हरिया उसके मोटे
मोटे दूध को खूब कस कस कर मसल रहा था और एक हाथ से सुधिया का घाघरा उसकी गंद के उपर तक उठा
कर सुधिया की गुदा को अपनी उंगली से कुरेदने लगा,
सुधिया की गंद एक दम मेरे मूह की तरफ थी और उसकी फैली हुई गोरी गुदाज गंद और उसका बड़ा सा भूरा छेद
देख कर मेरा लंड झटके देने लगा, सुधिया की मोटी गंद देख कर मुझे अपनी मम्मी की पॅंटी मे कसी हुई
गुदाज मोटी गंद याद आ गई और मैं अपने लंड को सहलाते हुए उनका तमाशा देखने लगा,
हरिया ने सुधिया का ब्लौज खोल कर उसके मोटे मोटे दूध को कभी दबाते हुए चूसना और कभी चूस्ते हुए
दबाना शुरू कर दिया सुधिया अपने हाथो मे हरिया के गोटे पकड़ पकड़ कर दबा रही थी और उनसे खेल रही
थी,
तभी हरिया ने सुधिया को वही ज़मीन पर लेटा दिया और उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी जाँघो को फैला कर
चूम लिया उसके बाद हरिया ने जैसे ही सुधिया की चूत को फिर से चाटना शुरू किया सुधिया एक दम से तड़प उठी
और उठ कर हरिया के मोटे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद से भिड़ा दिया,
हरिया ने बिना कुच्छ कहे एक
कस कर धक्का मारा और उसका लंड सटाक से सुधिया की पूरी चूत को खोल कर अंदर जड़ तक समा गया और
सुधिया ने हरिया को अपनी बाँहो मे दबोच कर उसके लंड की ओर अपनी छूट को खूब ज़ोर से उठा दिया, सुधिया की
इस हरकत से हरिया का लंड पूरी तरह सुधिया की चूत मे फिट हो गया और हरिया सुधिया के मोटे मोटे बोबे
दबाते हुए उसकी चूत को कस कस कर ठोकने लगा,
सुधिया खूब गंद उठा उठा कर लंड ले रही थी और हरिया खूब हुमच हुमच कर सुधिया को चोद रहा था
सुधिया का भारी भरकम बदन पूरी मस्ती मे हरिया के बदन से चिपका हुआ था और जब हरिया सतसट
सुधिया की चूत ठोकता तो ठप ठप की आवाज़ सुधिया की जाँघो से आने लगती थी हरिया पूरी ताक़त से उसकी चूत
चोद रहा था और सुधिया आह आह करती हुई खूब कस कस कर चूत मरवा रही थी,
हरिया ने लगभग एक घंटे तक सुधिया की चूत को कभी सीधा करके कभी उसकी गंद की तरफ से खूब कस कस
कर ठोका और उसके बाद सुधिया का पानी निकल गया, जब सुधिया और हरिया अलग अलग हुए तो मैने सोचा अब
थोड़ी देर रुकने के बाद हरिया के पास जाउन्गा लेकिन हरिया की दूसरी हरकत देख कर मे समझ गया कि अभी उसका
पेट उसकी भौजी से भरा नही है, हरिया ने सुधिया के खड़े हो जाने के बाद उसकी गंद के पिछे से घाघरा
उठा कर उसके मोटे मोटे चूतादो के पाटो को फैला कर उसकी गंद के छेद को चाटना शुरू कर दिया,
सुधिया एक दम से उसके मूह से अपनी गंद को हटाते हुए, कमिने अब क्या मेरी गंद भी चतेगा,
हरिया- भौजी तुम्हारी गंद देख कर तो कोई भी इसे चाटना चाहेगा ,
सुधिया- नही मैं गंद नही मर्वौन्गि, वैसे भी कल बाबाजी ने मेरी गंद मे इतना मोटा लंड डाल कर मुझे
चोदा है कि मेरी गंद अभी भी दर्द कर रही है,
हरिया- लेकिन भौजी मुझसे यह सब बाबाजी ने ही कहा था
सुधिया- हरिया को देख कर क्या कहा था बाबाजी ने
हरिया- यही कि चाहे कुच्छ भी हो सुधिया की गंद तुम रोज अपने लंड से चोदना,
मैं हरिया की बात सुन कर मंद मंद मुस्कुराने लगा और सोचने लगा साला बड़ा बदमाश आदमी है यह मेरे
बहुत काम आने वाला है,
सुधिया- क्या बाबाजी ने ऐसा कहा था
हरिया- हाँ क्या तुमसे उन्होने कुच्छ नही कहा
सुधिया- नही पर यह ज़रूर कहा था कि तू मुझे चोदने के लिए मरा जा रहा है
हरिया- हम मज़ाक नही कर रहे है भौजी, उन्होने यह कहा था कि सुधिया बेटी की गंद को हमने चोदा है अब
उस पर सिर्फ़ उसके बेटे रामू और मेरा हक रहेगा, और उन्होने कहा था कि सुधिया जितना ज़्यादा अपनी गंद
मरवाएगी उतना ज़्यादा ही उसकी जवानी और भी निखार आएगी,
सुधिया- लेकिन हरिया गंद मरवाने मे बड़ा दर्द होता है,
हरिया- अरे भौजी वह तो कल जल्दी बाजी मे तुम्हे दर्द हुआ था आज तो मैं ऐसे तरीके से तेरी गंद मारूँगा कि तू
देखना फिर रोज मुझसे अपनी गंद मरवाए बिना नही रह पाएगी, तुम जानती नही हो पहले गंद मे लंड जब
घुसता है तो थोड़ा दर्द होता है उसके बाद जब औरतो की गंद का साइज़ फैल कर लंड के बराबर हो जाता है तब
औरतो को खूब मज़ा आता है और उनका दिल करता है कि उनकी गंद को खूब रगड़ रगड़ कर चोदा जाए,
सुधिया- मुस्कुराते हुए तो तू अब क्या करने वाला है
हरिया जल्दी से झोपड़ी मे जाकर तेल ले आया और उसने तेल सुधिया के हाथो पर डाल कर उसके हाथ मे अपना मोटा
लंड थमा दिया और सुधिया उसके लंड पर तेल लगाने लगी, सुधिया जैसे जैसे हरिया के लंड पर तेल लगा लगा
कर मसल रही थी वैसे वैसे हरिया का लंड और भी मोटा और काला नज़र आने लगा था,
क्रमशः........