पुरुष भी अपनी पत्नी को उतना ही सम्मान देता है जितना उसकी पत्नी उसे देती है …जैसे की सुबह स्त्री अपने पति के पैर छुती है , वैसे ही पुरुष भी रात्रि में उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखता है !!
पुरुष भी अपनी पत्नी को उतना ही सम्मान देता है जितना उसकी पत्नी उसे देती है …जैसे की सुबह स्त्री अपने पति के पैर छुती है , वैसे ही पुरुष भी रात्रि में उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखता है !!
Sab auraten kaha per chhutti hain pati ke.
Even then I agree with you to some extent.
Well started dear Simmi, congrats for starting an interesting thread.
Meri ek fast friend hai poetess Arushi Dayal ,unki kuch lines me apni taraf se tumhare thread ko gift karti hun dear friend Simmi & congrats for starting thread sis हवाएँ हो गई है सर्द धूप मे कुछ पल बिता लें
कहें कुछ अपने मन की
रिश्तो पर जमी बर्फ पिघला ले
अवसाद भरे जीवन की दौड़धूप मे
थक से गये है कुछ देर सुस्ता ले
बातो के तिल का ताड़ नही
तिल मे थोड़ा गुड़ मिला ले
व्यवहार की चादर मे
अहम की सीलन है
इन्हे ज़रा धूप लगा ले
हवाएँ हो गई है सर्द..
धूप मे कुछ पल बिता लें
घोड़ी और लड़की तब तक बेचैन रहती है जब तक कोई उन पर चढ़कर सही से घुड़सवारी ना कर ले !!
और घोड़ी जिस समय अपनी रफ्तार पकड़ती है तब घुड़सवार भी हिम्मत हार जाता है !!
Meri ek fast friend hai poetess Arushi Dayal ,unki kuch lines me apni taraf se tumhare thread ko gift karti hun dear friend Simmi & congrats for starting thread sis
हवाएँ हो गई है सर्द धूप मे कुछ पल बिता लें
कहें कुछ अपने मन की
रिश्तो पर जमी बर्फ पिघला ले
अवसाद भरे जीवन की दौड़धूप मे
थक से गये है कुछ देर सुस्ता ले
बातो के तिल का ताड़ नही
तिल मे थोड़ा गुड़ मिला ले
व्यवहार की चादर मे
अहम की सीलन है
इन्हे ज़रा धूप लगा ले
हवाएँ हो गई है सर्द..
धूप मे कुछ पल बिता लें