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Update 121
शिवा नरगिस को सोते हुवे छोड़कर बाहर आया था ,सनम के कमरे में जाने के लिए उसने सोच लिया था ,एक सेकंड से भी कम समय मे उसने नरगिस को सुहागरात का सुख दे दिया था समयमनी के मदद से ,वो अदृश्य होकर ही सनम के कमरे में दाखिल हुवा था ,क्योकि सनम के कमरे उसका एक प्रतिरुप पहले से मौजूद था जिसे घरवाले सनम का पतीं समझते थे ,शिवा के वहा आते ही उसका प्रतिरुप शिवा में समा गया ,सनम को पता भी नही चला था इस बात का ,वो उसी प्रतिरुप से बाते कर रही थी ,सनम ने कहा ,शिवा तुम्हे याद है में तुम्हे बचपन मे जब तुम मुझे दिदी बुलाया करते थे तो क्यो भड़क जाती थी ,शिवा ने कहा ,पता है तुम मुझसे प्यार करती थी पर भाई बहन वाला नही पतीं पत्नी वाला ,सनम हसकर बोली और में तुम्हे हमेशा कुत्ता बोला करती थी ,तुम्हे कभी गुस्सा नही आया इस बात का ,शिवा बोला ,गुस्सा तो बहुत आता था पर क्या करूँ मुझे कुत्ता बोलने वाली मुझसे प्यार जो इतना करती थी इसलिये मुझे कुछ नही लगता था ,आज उसी कुते की बीवी बनी हो तुम ,सनम झूठे गुस्से से खबरदार आज के बाद खुद को कुत्ता कहा तो में ही तुम्हारी कुतिया हु आज से ,शिवा हसकर बोला ,सनम में शिवा हु उसका प्रतिरुप नही ,सनम एकदम शर्मा गई और बोली तुम आ गये और मुझे बताया भी नही मुझे लगा तुम्हारा प्रतिरुप है ,वही में सोचु जो कोई जवाब नही दे रहा था कबसे वो अचानक बोलने कैसे लगा ,शीवा ने कहा ,और एक बात तुम जो भी इस प्रतिरुप से बात करती हो मुझे सब पता चल जाती है ,सनम शिवा को बोली यह बात तुमने पहले क्यो नही बतायी ,तुमने तो कहा था कि वो मेरी हर बात मानेगा और मेने उसे बताया था कि जो भी में बोलूंगी वो तुम्हे कभी नही बताये ,उसने फिर भी तुम्हे बताया ,उसे फिर मुझे मिलने दो दिखाती हु उसको में अपना रूप ,शिवाने उसे गले लगा लिया और उसके होठो को चूम कर कहा ,जो चाहे वो करना उसके साथ पर एक बात का ध्यान रखना उसमे भी में ही होता हु ,सनम शिवा के चूमने से एकदम चुप हो गयी थी इतने सालो में पहली बार शिवा ने उसे चूमा था ,वो झट से शिवा को फिर से चूमने लगी ,सनम एक 28 साल की जवानी से भरपूर लड़की थी ,दिखने में गजब की सुंदर और 36 28 36 कि कातिल फीगर वाली सनम बचपन से शिवा की दीवानी थी ,उसके मनमंदिर में शिवा बैठ गया था ,और आज उसके बाहो में उसे सारी दुनिया की खुशी मिल गई थी ,शिवा को बहुत ही शिद्दत से वो चूम रही थी ,शिवा भी उसके नरम ग़ुलाबी होठो का रस पीते हुवे मदहोश होने लगा था ,सनम बहुत ही प्यार से उसे अपने होठो का रस पिला रही थी ,उसके होठो का अमृत पीते हुवे शिवा की आंखे अपने आप बन्द हो गयी थी ,सनम को अपनी बाहो में भरकर उसकी नरम गुदाज 36 की गांण्ड को मसलते वो सनम को चूम रहा था ,शिवा के हाथ अपने गांण्ड को मसलने से सनम और भी मदहोश होकर शिवा को चूमने लगी थी ,सनम की साँसे रुकने लगी तभी उसने शिवा के ओठो को छोड़ा था ,शिवा ने आंखे खोलकर सनम से कहा ,मेरी प्यास अभीतक नही बुझी है सनम ,शिवा के इतना कहते ही दोनो के होठ वापिस एक दूसरे को चूमने लगे इस बार बहुत देर तक एक दूसरे के बदन को सहलाते वो चुम्बन का आनंद लेते रहे ,शिवा सनम को समयमनी में उसके चूमते हुवे ही ले आया था ,शिवा ने सनम को सुहाग की सेज पर लिटाकर उसके लाल ब्लाउज और उसकी ब्रेसियर को निकाल दिया ,सनम के एकदम गोल गोल गोरी 36 की चुचिया शिवा के सामने बेपर्दा हो गयी थी ,शिवा ने उसके चुचिया को बड़े प्यार से दोनो हाथो में सहलाया और सनम से कहा ,सनम तुम सचमुच कोई जन्नत की परी हो जो मेरे किस्मत में लिखी थी ,सनम शिवा की बात से एकदम मुस्कुरा उठी ,शिवा की तारीफ करने से वो एकदम लाल हो गयी थी ,शिवा ने उसके सुंदर चेहरे की तरफ देखते हुवे उसपर पूरा लेट गया और उसके होठो का रस पीने लगा साथ मे सनम की चुचिया को भी अपने दोनो हाथो से बड़े प्यार से मसलने लगा ,सनम के पूरे बदन में शिवा की इस हरकत से आग लग गयी थी ,वो किसी बिल्ली की तरह शिवा के होठो को चिपक गई थी ,शिवा के हाथ उसकी चुचिया पर जो हरकत कर रहे थे उस वजह से उसकी चुत एकदम से सनसन करने लगी थी ,सनम के होठो को छोड़कर शिवाने उसकी चुचिया को अपने मुह में भर लिया ,सनम के चुचि का निप्पल एकदम छोटा और किसिमिस के दाने जैसा था शिवा उसके निप्पल को अपने होठो में लेकर अपनी जीभ उस पर गोल गोल घूमता तो कभी उसके निप्पल को हल्के से काट लेते ,शिवा जब उसकी आधे से ज्यादा चुचि को अपने मुह में लेता तो सनम एकदम अकड़ जाती थी ,शिवा सनम की दोनो चुचिया चूसकर एकदम लाल कर चुका था सनम एक बार अपने चुत का पानी भी इस बीच छोड़ चुकी थी ,शिवा के चुचिया मसलने और मुह में लेकर चुसने से एकदम फूल गई थी ,शिवा ने सनम की साड़ी पूरी खोल दी और उसकी लाल पैंटी भी निकाल दी ,सनम की पैंटी निकालने के बाद शिवा की आंखों के सामने सनम की एकदम कोरी चुत आ गई जिसे देखकर शिवा को उसपे बहुत प्यार आ रहा था ,सनम की चुत बहुत ही गोरी और ग़ुलाबी थी उसके नाजूक से होठ एकदूसरे से एकदम चिपके हुवे थे ,उसका एकदम छोटा सा लाल छेद सनम के झड़ने से पानी से एकदम चमक रहा था ,शिवा ने अपने होठो से उसकी चुत को चूम लिया ,सनम शिवा की इस हरकत से एकदम बिदक गई उसके मुह से एकदम से आवाज निकल गई ,उफ अम्मी ,यह क्या कर रहे हो तुम ,यह नापाक जगह है ,वहां मुह नही लगाते ,शिवा ने सनम की बात सुनकर कहा ,यही तो जन्नत है सनम ,में तुम्हे जन्नत के मजे यही से देने वाला हु ,इतना कहकर शिवा ने सनम के चुत को चूसना शुरु कर दिया ,सनम के मुह से मजे की किलकारियां निकलने लगी ,शिवा की गर्म जीभ उसके चुत में घुसती तो उसको बिजली के झटके लग रहे थे ,पर यह झटके उसे बहुत ही ज्यादा सुकून दे रहे थे ,सनम शिवा के हमलों को ज्यादा देर नही सह सकी और एक मजे की सीत्कार भरकर भलभला कर झड गयी ,शिवा भी उसके चुत के पानी को पूरा पी गया ,सनम तो सचमुच जन्नत में ही पोहचा गई थी ,उसे होश ही नही था कुछ वो लम्बी लम्बी साँसे लेती बिस्तर पर लेटी थी ,उसकी आंखें बंद थी और वो एक अलग ही दुनिया मे चली गयी थी ,शिवा ने सनम की मखमली 36 की गांण्ड को अपने पंजो से उठा लिया और सनम के गांण्ड के छेद को देखने लगा ,सनम का गांण्ड का छेद तो एकदम छोटा और प्यारा था ,शिवा ने उसके गांण्ड के छेद में अपनी जीभ घुमाई जिस वजह से सनम एकदम आंखे खोल कर अकड़ गई ,शिवा की जीभ अपने गांण्ड के छेद पर महसुस होते ही उसे एकदम से तेज झटका लगा था ,उसके मुह से एक बार फिर अपनी अम्मी का नाम निकल गया था ,वो कुछ कहती उसके पहले ही शिवा ने अपनी जीभ सनम के नरम गांण्ड के छेद में अंदर घुसा दी ,सनम को ऐसी उम्मीद ही नही थी ,पर उसे बहुत भी आ रही थी शिवा की यह हरकत ,शिवा अपनी जीभ से लगातार सनम की गांण्ड के अंदर घुस्साकर उसका स्वाद ले रहा था ,सनम की चुत फिर से फड़कने लगी थी ,इस बार उसकी चुत में तो आग का दरिया ही बहने लगा था ,शिवक के गांण्ड चुसने से वो कुछ ही देर में अपने मुह से एक जोरदार चीख निकाल कर झड गई थी ,सनम की चुत के पानी को शिवा पूरा चाट गया था ,अपनी जीभ से वो एक साथ सनम की गांण्ड और चुत को नीचे से ऊपर तक चाट रहा था ,सनम शिवा के ऐसे नए नए हमलो से झड़ने के बाद भी फिरसे गर्म हो गयी थी ,शिवा ने उसकी चुत और गांड़ को चाटते हुवे ही अपने पूरे कपड़े निकाल दिए थे ,अपनी माया से एक हाथ मे तेल कर उसने अपने लन्ड को भी एकदम चिकना कर दिया था ,सनम की चुत का पूरा पानी पीने के बाद वो सनम के ऊपर लेट गया ,शिवा ने अपने दोनो पंजो से सनम की गांण्ड को पकड़ लिया और सनम के चुत पर अपना लन्ड भिड़ा दिया ,सनम शिवा के आंखों में एकदम मदहोशी से देख रही थी ,शिवा ने सनम के होठो को अपने मुह में भरकर एक जोरदार वार सनम की चुत के छेद पर कर दिया ,सनम की चुत को फाडकर उसे खुन से लथपथ करता शिवा का लन्ड आधे से ज्यादा अंदर घुस गया था ,दर्द की वजह से सनम में शिवा के होठो को ही काट लिया था ,उसकी आँखों से आसु की बूंदे टपक रही थी ,शिवा ने सनम के होठो को काटने के बाद भी नही छोड़ा और अपने लन्ड से एक और करारा हमला कर दिया इस हमले से सनम का पूरा वजूद हिल गया था उसकी छोटी सी चुत में शिवा का 20 इंच लम्बा और 12 इंच मोटा लन्ड जड़ तक घुस गया था ,सनम का दर्द से बुरा हाल था ,उसके चुत में इतना बड़ा और गरमा गरम लन्ड घुस जाने से उसकी चुत पूरी तरह फट गई थी ,सनम की चुत से खून की धार लग गई थी ,उसकी चुत ने शिवा के लन्ड को एकदम कसके पकड़ रखा था ,शिवा को भी उसकी चुत की गर्मी और कसाव मजा दे रहा था ,शिवा सनम के होठो को चुसता ,उसकी चुचिया दबाता सनम को गर्म करता रहा ताकि उसका दर्द कम हो सके ,शिवा की मेहनत कुछ ही देर में काम मे आ गयी थी ,सनम के आसु रुके तो नही थे पर उसकी चुत धीरे धीरे पानी छोड़ रही थी और शिवा ने धीरे धीरे अपने लन्ड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था ,सनम के मुह से हलकीं दर्द भरी सिसकी निकल जाती ,शिवा का लन्ड सनम की चुत में अपनी पूरी जगह तो बना चुका था ,सनम की चुत से निकलता पानी उसे थोड़ा आसानी दे रहा था ,शिवा सनम की चुचिया दबाकर उसे बहुत ही प्यार से चूम रहा था और सनम की चुत में अपना लन्ड अंदर बाहर भी कर रहा था ,सनम के चुत में शिवा का लन्ड उसके गर्भाशय के अंदर घुसकर उसके आखरी हिस्से तक चोट कर रहा था ,शिवा के लन्ड के झटके सनम को भी पसन्द आ रहे थे उसकी चुत में पानी आ जाने से ,सनम ने अपनी दोनो टाँगे शिवाक़े कमर पर कस ली थी और अपनी गांड़ धीरे धीरे उठाकर वो शिवा का साथ देने लगी थी ,शिवा के लन्ड की गर्मीसे से वो एक बार झड गई थी ,अपनी चुत में लन्ड की रगड़ाई से निकलने वाला पानी उसे असीम सुख दे गया था ,सनम के झड़ने के कुछ देर बाद शिवाने फिर से सनम की चुत को चोदना शुरू कर दिया ,इस बार उसके झटके थोड़े तेज हो गए थे ,सनम भी शिवा के झटकों का भरपूर मजा ले रही थी ,शिवा के लन्ड को जड़ तक अपनी चुत में वो बड़ी तेजीसे अपनी गांण्ड उठाकर ले रही थी ,शिवाने एक ही पोझ में चोद कर 3 बार सनम की चुत की गहराई से उसका पानी निकालने को मजबूर कर दिया था ,सनम को शिवा की चुदाई बहुत भा गई थी ,जवानी से भरपूर सनम शिवा को पूरा जोश से साथ दे रही थी ,शिवा ने सनम को घोडी बनाकर चोदना शुरू कर दिया ,सनम की गांण्ड को मसल मसल कर शिवा बड़ी तेजी से उसे चोदने में लगा हुवा था ,सनम की 36 की कातिल गांण्ड पर तो शिवा का दिल आ गया था ,वो उसकी गांड़ को इतना मसल रहा था कि सनम की गांड़ एकदम लाल हो गयी थी ,सनम शिवा के हमलों से 2 बार और झड गई थी ,उसमे बिल्कुल भी जान नही बची थी ,घोडी बनी सनम को शिवा ने कुतिया बनाकर चोदना शुरू कर दिया ,सनम के कान में शिवा बड़ी सरगोशी से बोला ,मेरी बहुत चाहत थी तुम्हे कुतिया बनाकर चोदने की जब भी तुम मुझे कुत्ता बोला करती में सोचता एक न एक दिन तुम्हे कुतिया बनाकर जरूर चोदूँगा ,और देखो आज तुम्हे कुतिया बनाकर चोदने में कितना मजा आ रहा ,सनम शिवा की यह बात सुनकर गर्म हो गयी थी ,वो अपनी गांण्ड शिवा के लन्ड पर जोर से पटकने लगी थी सनम के मुह से निकल रहा था ,ऐसी ही चोदो अपनी कुतिया को आज से में तुम्हारी कुतिया ही हु ,जब तक तुम्हारा मन नही भर जाता तबतक चोदते रहो मुझे ,शिवा ने सनम को जवाब दिया ,तुमसे मन तो मेरा कभी नही भरेगा सनम ,बस तुम्हारी चुत के साथ तुम्हारी इस कातिल गांण्ड को भी एक बार अपने लन्ड से खोल दु तब मेरे दिल को चैन आ जायेगा ,सनम शिवा की बातों से और उसकी लन्ड की मार से 1 बार और झड गई थी ,शिवा भी अपने झटके बहुत तेज कर रहा था ,सनम की चुत में उसका लन्ड एकदम से फूलने लगा था और 10 से 12 लम्बे धक्के मारने के बाद शिवा के लन्ड ने सनम की चुत को अपने गर्म पिचकारियों से भरना शुरू कर दिया ,शिवा के लन्ड से निकलती इतनी गरमा गरम गाढ़ी मलाई की पिचाकरी सनम को सुकून की नई दुनियाव दिखा रही थी ,शिवा के माल ने उसके बच्चेदानी और चुत को पूरा भर दिया था ,सनम एकदम सुस्त होकर पेट के बल लेट गयी थी ,शिवा का लन्ड उसकी चुत में जड़तक घुसा हुवा था ,सनम की चुत का भी बुरा हाल हो गया था ,शिवा के लन्ड ने उसकी चुत को एकदम तहस नहस कर दिया था ,सनम की चुत एकदम सूजकर बड़ी हो गयी थी ,शिवाने सनम को वैसेही सोने दिया और अपने कपड़े पहनकर वो सनम को चूमकर वहां से चला गयौ ,सिर्फ 5 मिनीट का समय धरती पर खत्म हुवा था और शिवा ने दो दुल्हनों की सील खोल कर उन्हें पूरी तरह औरत बना दिया था,शिवा जब सनम के कमरे से बाहर निकला उसके अंदर उसका एक प्रतिरुप समा गया जो बेहद डरा हुवा लग रहा था ,जब शिवाने उसे डरने की वजह जानी तो उसे हसि आ गयी ,यह प्रतिरुप नीलोफर के कमरे में था और नीलोफर उसके लन्ड का साइज देखना चाहती थी ,ताकि उसे पता चले कि शिवा का लन्ड फिर से मोटा और लम्बा तो नही हो गया ,और शिवा का कोई भी प्रतिरुप धरतींपर कभी किसी के साथ संभोग नही करता तो लन्ड दिखाने की बात दूर की बात थी ,शिवा पूजा के कमरे में जाने वाला था लेकिन वो अपना फैसला बदल कर नीलोफर के कमरे में दाखिल हो गया ,नीलोफर अपने कमरे में शिवा को देखकर एकदम भड़क गई उसे लगा यह शिवा का प्रतिरूप ही है ,उसने गुस्से से कहा ,तुम अगर शिवा के प्रतिरुप नही होते तो में तुम्हे यहा से भगा देती कबसे ,में बस अपने शिवा का लन्ड की साइज जानना चाहती थी ,तुम ऐसे भाग गये जैसे में तुमसे ही सुहागरात मनाने वाली थी ,जाओ यहा से अब में शिवा का ही लन्ड देख लुंगी उसके आने के बाद ,शिवा ने उसकी बात सुनकर अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगा हो गया ,नीलोफर की नजर उसके लन्ड पर पड़ी तो वो बोली ,मुझे याद नही पहले शिवा का लन्ड कितना बड़ा था ,क्या तुम बता सकते हो कि शिवा का लन्ड फिर से बढा है या नही ,शिवा हसकर बोली ,मेरी जान यह तेरी लाल परी और सोनपरी ही बता सकती है तुझे ,एक बार इसे अपने अंदर लेकर देख लेना तुम्हे अपने आप पता चल जाएगा कि यह बढा है या नही ,नीलोफर उसकी बात सुनकर एकदम लाल हो गई ,बड़ी जुबान आ गयी तुम्हे अब ,पहले तो लन्ड दिखाने से भाग रहे थे ,और अब ऐसी बाते करने लगे हो ,मेरी लाल परी और सोनपरी का मालिक शिवा है तुम नही ,शिवा नीलोफर के पास जाकर उसे अपने बाहो में भर के बोला ,मेरी जान में शिवा हु उसका प्रतिरूप नही ,और मेंनें तो अपना दिखा दिया न तुम्हे मुझे भी अपनी लालपरी को देखना है अब ,नीलोफर यह बात जानकर की यह शिवा ही है उसका प्रतिरुप नही ,एकदम खुश हो गयी शिवा के होठो को चूमकर वो बोली ,तुमने तो लालपरी और सोनपरी को बहुत बिगाड़ दिया है ,वो हर पल तुम्हारी ही याद में रोते रहती है ,पहले तो में बर्दाशत कर लेती थी तुम्हारी दूरी लेकिन आज के बाद में रोज तुम्हारी बाहो में ही रहने वाली हु,इस लालपरी को उसके राजकुमार के साथ ही रहना है ,शिवा ने नीलोफर को एक पल में नंगा कर दिया ,शिवा के साथ पहले चुदाई करने से वो एकदम खुलकर शिवा से बात करती थी और शिवा के तगडे लन्ड की मार से उसकी चुत और गांण्ड काफी बड़ी हो गयी थी ,नीलोफर की चुचिया और गांण्ड का साइज भी काफी बडा हो गया था ,उसकी चुचिया 40 की और गांण्ड एकदम 42 की गोल मटोल हो गयी थी ,शिवा ने नीलोफर के नंगी गांण्ड को अपने दोनो पंजो में पकड़ कर उसे अपनी गोद मे उठा लिया और अपना मूसल उसकी चुत पर टिका दिया ,नीलोफर भी उसके कमर में अपनी टाँगे कसके डालकर उसके गले मे हाथ डाल चुकी थी ,निलोफर हसकर बोली ,लगता है आज बन्दर की आत्मा तुम में घुस गई है जो सुहागरात के दिन मुझे किसी बंदरिया की तरह अपने गोद मे नंगी उठाकर शुरू हो गए हो ,शिवाने उसकी चुत में अपने लन्ड का एक जबरदस्त धक्के से अपना लन्ड आधे से ज्यादा उतार दिया ,निलोफर के मुह से एक दर्द की हलकीं चीख निकल गई ,भले ही वो शिवा के लन्ड को पहले ले चुकी थी पर इतने दिनों बाद इस 20 इंची लम्बे और 12 इंच मोटे लन्ड को लेना कोई मामुली बात नही थी ,उसकी जान ही निकल गई थी ,शिवा का गर्म लन्ड उसकी चुत के मुह को बड़ा करता एकदम अंदर तक घुस गया था ,शिवा ने नीलोफर की गांण्ड को कसके पकड़े हुवे एक और झटका मार के अपना पूरा लन्ड उसकी चुत में उतार दिया ,इस बार निलोफर को थोड़ा दर्द ज्यादा हुवा था वो एकदम से चीख पड़ी ,हाय अम्मी यह लन्ड तो मेरी जान ही निकाल देता है ,शिवा ने निलोफर की 42 की मोटी गोल गांण्ड को कसकर दबाते हुवे कहा ,मेरी जान सच मे तू एकदम कयामत है ,तेरी गांण्ड तो रुकने का नाम नही ले रही है ,लगता है तेरी गांण्ड घर मे सबसे बड़ी बन जाएगी ,निलोफर हसकर बोली ,यह तो तुम्हारी ही हरकत है ,इतनी बार मेरी गांण्ड अपने घोड़े जैसे लन्ड से मारने के बाद यह होना ही था ,तुम दो महीनों में 30 से ज्यादा बार मेरी गांण्ड ही मार चुके हो ,इतनी बेरहमी से इसे मारने के बाद यह बेचारी का यही हाल होना था ना ,यह बात बिल्कुल सच थी ,शिवा बीच बीच मे निलोफर की आग बुझा देता था ,निलोफर को समयमनी में लेकर वो कितने दिनों तक उसकी रगड़ाई कर चुका था ,निलोफर को पता नही था पर शिवा उसकी गांण्ड को हजारो बार मार चुका था समयमनी में ,नही तो इतनी जल्दी उसकी गांण्ड 38 से 42 नही हुवीं होती ,शिवा निलोफर को बडी तेजी से चोद रहा था उसके नरम होठो को चुसता वो अपने लन्ड को गहराई तक उसकी चुत में ठोक रहा था ,निलोफर भी अपनी गांण्ड उछल उछल कर शिवासे चुद रही थी ,शिवा के लन्ड की गर्मी से वो कुछ ही देर में अपना पानी छोड़ चुकी थी ,शिवा ने उसके झड़ने के बाद उसकी चुत से लन्ड निकाल कर दो तगडे धक्कों में निलोफर की नरम गांण्ड के छेद में जड़ तक उसे उतार दिया ,निलोफर को दर्द तो बहुत हुवा पर उसे भी गांण्ड में लन्ड का मजा अच्छा लगता था ,उसे मालूम था पहले दर्द झेलने के बाद शिवा का लन्ड उसे कितने मजे देता है ,वो शिवा के लन्ड की तगड़ी मार अपने गांण्ड के छेद पर सिसकिया लेकर सहने लगी थी ,थोड़ी ही देर में उसका दर्द कम होकर वो मजे की वादियों में उड़ने लगी थी ,शिवा उसकी गांण्ड को और चुत के छेद को बारी बारी से बदल कर चोदता रहा और आखिर में अपना गर्म माल उसकी चुत के गहराइयों में भरकर उसने निलोफर को पलँग पर सुला दिया ,निलोफर जाने कितनी बार अपना पानी छोड़ चुकी थी ,वो पसीने से लथपथ होकर एकदम थक गई थी ,उसकी चुत और गांण्ड कि शिवाने इतनी मजबूती से ठुकाई की थी के नीलोफर की सारी गरमी शांत हो गयी थी ,शिवा का गरमा गरम माल अपने चुत में लेकर वो उसे पचाने में लगी थी ,शिवा जब उसके कमरे में आया तभी उसे समयमनी मे लेकर आया था ,उसने निलोफर को समयमनी से बाहर निकाल लिया और उसके कमरे में छोड़कर वो बाहर निकल गया ।