Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 124
सौमित्र और मिलन सुबह जल्दी उठ गए थे ,दोनों अपने रोज की दिनचर्या के हिसाब से अपना काम कर रहे थे पर आज उनके साथ एक और लड़का भी था आज ,सौमित्र ने मिलन को उसका सब होने के बाद कपड़े लाने को भेज दिया ,दोनों बहुत ज्यादा अमीर तो नही थे ,पर दिल के गरीब नही थे ,अपनी मेहनत की कमाई खाने वाले वो ईमानदार पुलिस वाले थे ,मिलन ने मार्केट से उस लड़के के नाप जो उसने सुबह आने से पहले ले लिया था उस हिसाब से दो ड्रेस और दो अंडरवियर ले लिए, इधर सौमित्र ने उस लड़के को उठाकर नहाने भेज दिया था ,आज एक महीने बाद वो नहा रहा था ,उसके बदन पर अस्पताल में रहकर दवाइयो की एक अजीब सी महक आ रही थी ,अपने बदन पर पानी और साबुन लगाकर वो साफ कर रहा था ,तभी उसे मिलन की आवाज बाथरूम के बाहर से आयी ,अरे भाई मेने दरवाजे पर एक बैग टँगा दिया है उसमें तुम्हारे लिए कपड़े है ,वो नहाने के बाद पहन लेना ,मिलन उसे कपड़े देने के बाद सौमित्र के पास आकर बैठ गया ,
मिलन ,सौमित्र यह बात तो समझ आ गयी इस लड़के को सब समझ आता है ,पर वो बोल क्यो नही रहा ,कहि वो बेचारा गूंगा तो नही ,
सौमित्र, नही मिलन डॉक्टर ने उसे चेक किया है ,वो गूंगा नही है ,पर बोलता क्यो नही यह उन्हें भी समझ मे नही आया,उनका कहना है कि शायद अभी भी सदमे में हो ,धीरे धीरे वो आम लोगो जैसा हो जायेगा ,
मिलन ,हा भाई वो जल्द से ठीक हो जाये ,पता नही कौन है बेचारा ,उसके पास देखकर तो वो मुझे किसी बड़े घर का लगता है पर जब तक वो कुछ बतायेगा नही हम कुछ कह नही सकते ,
सौमित्र और मिलन दोनों बात करते रहे तबतक कपड़े पहनकर वो लड़का बाथरूम से बाहर आ गया ,और उन दोनों के पास जाकर खड़ा हो गया उसे देखकर सौमित्र ने कहा ,चलो हमे अब पुलिस थाने चलना होगा ,रास्ते मे हम कुछ नास्ता भी कर लेंगे ,भाई तेरा नाम तो हमे नही पता पर तु हम दोनों से छोटा है ,हम तुझे आज के बाद छोटे कह कर पुकारा करेंगे ,जब भी तू बोलने लगेगा तू अपना नाम हमे बता देना ,
छोटे जो उस लड़के को नाम दिया था वो दोनों की तरफ देखकर पहले चुप रहा ,फिर वो बोला ,भाई में अपने बारे में कुछ नही जानता ,में जब होश में आया था अस्पताल में और डॉक्टर साहब मुझसे बात कर रहे थे ,मेरे बारे में वो सवाल कर रहे थे तबसे में परेशान हो गया था ,मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नही आ रहा है ,मुझे अपना नाम तक याद नही आ रहा ,में किस तरह से जख्मी हो गया यह भी में नही बता सकता हु ,में खुद बहुत बड़ी परेशानी में हु भैया ,में कौन हूं ,कहा से हु ,क्या करता था ,मेरे परिवार में कौन होगा यह मुझे कुछ भी याद नही आ रहा है ,आप ही बताइए में क्या करूँ अब,
उस लड़के की बात सुनकर दोनों पहले चुप रहे फिर सौमित्र बोला ,छोटे कोई बात नही ,तू चिंता मत कर हम ट्रे बारे में जरूर पता लगा लेंगे ,मुझे तो इस बात की खुशी है कि तू बोल सकता है ,तुम्हारी परेशानी के बारे में हम आज ही जाकर डॉक्टर से बात कर लेंगे ,वो जरूर इसमें हमारी मदद कर सकेंगे ,फिर तीनो साथ मे निकले पहले उन्होंने रास्ते मे नास्ता किया और बाद में छोटे को लेकर पुलिस थाने गए वहां जाकर जब इंसपेक्टर को उन्होंने सारी बात बताई तो उसने भी छोटे से बहुत देर तक बाते कर के उसे टटोलता रहा कि शायद वो झूठ तो नही बोल रहा जब उसे पूरी तरह यकीन हो गया कि यह लड़का बिल्कुल सच बोल रहा है तो उसने छोटे को अस्पताल भेज दिया सौमित्र और मिलन के साथ ,उसने डॉक्टर को भी फोन करके सब बातें बताकर उसका एक बार चेकअप करने को कहा ,अस्पताल में छोटे का डॉक्टर ने बहुत देर तक चेकअप के बाद उससे बहुत से सवाल पूछे जिसकी वजह से वह इस बात पर कायम हूवा की छोटे के दिमाग मे चोटे लगने से उसकी याददाश्त चली गयी है ,उसने कुछ दवाइयां देकर उसे वापिस भेज दिया और एक महीने बाद वापिस आने को कहा ,डॉक्टर ने भी इंस्पेक्टर को पूरी बात फोन करके बता दी ,सौमित्र और मिलन छोटे को लेकर एक रास्ते के किनारे बने होटल में खाने को चले गए ,तीनों वहां बैठकर अपना खाना खा रहे थे ,तभी रास्ते पर उन्होंने कूछ लड़ाई झगड़े की आवाज सुनाई दी ,अब सौमित्र और मिलन दोनों ठहरे पुलिस वाले वो दोनों फौरन खाना छोड़ कर बाहर आ गए ,छोटे भी उनके पीछे आ गया था ,रास्ते पर एक लड़की को कोई बदमाश लड़के छेड़ रहे थे ,उसे गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे ,एक बदमाश लड़के ने हाथ पकड़के रखा था ,और वो उसे गालियां भी दे रहा था और उसकी पिटाई भी कर रहा था ,सौमित्र और मिलन ने जब उस लड़के कि शक्कल देखी तो दोनों भी सकते में आ गए थे ,वो अपनी जगह पर खड़े होकर चुपचाप सामने देख रहे थे ,अपने सामने दो पुलिस वालों को देख कर वो लड़की को अपने बचने की कुछ उम्मीद लगने लगी थी ,पर उन दोनों को भी अपने जगह पर एकदम चुपचाप खड़े देखकर वो लड़की उन्हें देखकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाने लगी उसकी बाते सुनकर वो लड़का जिसने उसका हाथ पकड़ा था वो जोर जोर से हसने लगा ,ही ही ही ,कोई भी नही आ सकता मेरे सामने हरामजादी ,बाप हु में सबका ,यह तो सिर्फ पुलिसवाले है ,इनका अगर कमिश्नर भी मेरे सामने होता ना ,तो वो भी कुछ नही कर सकता ,उस शिवाय के लोगो ने बहुत दिनों तक हमे दबाकर रखा था ,पर अब वो भी नही रहा एक महीने से और ना उसके लोग ,अब फिर से हम लोगो का राज है ,कोई भी नही आएगा हमारे सामने अब ,इस एक महीने में हमने इतनी तबाही मचाई है कि अब हमारे सामने कोई भी नही आएगा ,अब इस कलकत्ता शहर का बाप हु में ,और तेरे जैसी फुलझड़ीया मेरे मजे के लिए है ,चिल्ला और चिल्ला में भी देखता हूं कौन तुझे बचाने आएगा ,है कोई माई का लाल जो जीवा के सामने खड़ा हो सके ,अरे सब नामर्द है यहां ,मेरे सामने सर ऊपर करने से भी इन सबकी फटती है ही ही ही ,
वो जीवा नाम का गुंडा अपने 10 से 12 साथियों के साथ खड़ा होकर जोर जोर से हस रहा था ,उसके पास खड़ी वो लड़की रो रो कर मदद के लिये गुहार लगा रही थी ,पर किसी मे इतनी हिम्मत नही हो रही थी उसे बचाने की सब लोग अपनी गर्दन नीची करके खड़े थे ,उन्हें बस जीवा की गन्दी हसी की आवाज आ रही थी ,पर अचानक जीवा की हंसी बंद हो गयी और एक दिल दहलाने वाली चीख वहां गूंज उठी ,सबने अपनी आंखें खोलकर सामने देखा तो उन सबकी सांसे थम सी गयी थी ,सामने मंजर ही इतना भयानक था ,सामने जीवा पड़ा था पर वो मरा हूवा था ,उसके बदन के दो टुकड़े हो गए थे ,उसकी दोनों पैरों को बीच मे से चीरकर उसे मार दिया था ,पर एक पल मे यह किसने किया यह किसे समझ मे नही आ रहा था ,जिस लड़की को जीवा ने पकड़ा था ,वो भी अपने सामने खड़े शख्स को देख कर एकटक देख रहीथी ,उसके आंखों के सामने जीवा को एक पल में चिर दिया था उस शख्स ने ,उस शख्स की आंखे एकदम गुस्से से लाल हो गयी थी ,उसने जीवा के साथ जो बदमाश थे उनकी तरफ देखकर कहा ,बहुत शौक है ना ,तुम लोगो को हसने का आज में तुम्हे मौत की हसी दिखाता हु ,जिसे देखकर तुम भी सुधर जाओगे और तुम्हारा हाल देख कर तुम्हारे जैसे भी सुधर जायँगे ,उस शख्स ने अपनी बात पूरी करने के बाद उन सभी बदमाशो की इतनी बुरी तरह से पिटाई शुरू कर दी के सब की बोलती ही बंद हो गयी थी ,सब बदमाशो को उसने बस अपने हाथ और पाव का इस्तेमाल करके ही बुरी तरीके से मार दिया ,फिर सामने खड़ी भीड़ की तरफ देखकर वो एकदम गुस्सा होकर दहाड़ पड़ा ,अरे नामर्दो ,तुम्हारे सामने एक लड़की को 10 से 12 लोग इतनी बुरी तरह से मार रहे थे ,तुम सब मिलकर यहां पर 500 से ज्यादा हो ,फिर भी डर के आगे नही आ पाए ,अरे थूकता हु में तुम सबपर ,जाकर अपने हाथों में चूड़ियां पहन लो ,आज के बाद अगर किसीने ने भी किसी बेगुनाह को तकलीफ दी तो में उसे इसी तरह जान से मार दूंगा ,कोई भी अपने आप को इस शहर का दादा समझ रहा होंगा तो वो मेरी बात सुन ले आज के बाद हर जरूरतमंद के पीछे खड़ा होने वाला भी कोई है ,जो कोई अपनी हद पार करने की कोशिश करेगा वो दुनिया की हद पार कर जाएगा मेरे हाथों से ,अपनी बात कहकर वो एक तरफ चला गया ,उस शख्स के जाने के बाद सब लोग भी इधर उधर हो गए ,सौमित्र और मिलन तो कबसे उस शख्स का पीछा कर रहे थे ,एक जगह वो थोड़ा तेज चलते हुवे उसके पीछे पहुचकर उसे बोले ,छोटे अरे भाई रुक जा कहा जा रहा है तू ,यह आवाज सुनकर वो शख्स भी रुक गया जो कोई और नही अपना छोटे ही था ,अपने पीछे सौमित्र और मिलन को देख कर बोला ,भैया मुझे माफ़ करना ,पता नही मुझे क्या हो गया था ,पर उस लड़की की मदद के लिए गुहार सुनकर में पता नही क्या कर बैठा ,मुझे तो समझ मे नही आया यह कैसे हो गया ,उसकी बात सुनकर मिलन और सौमित्र कुछ देर चुप हो गए फिर कुछ देर बाद वो दोनों छोटे को एक गाड़ी में बिठाकर घर ले आये और उसे एक कमरे में आराम करने को भेज दिया ,
सौमित्र और मिलन दोनों एकदम खामोश थे ,दोनों अपनी अपनी सोच में गुम थे ,यह खामोशी मिलन ने तोड़ी ,वो बोला ,देख भाई सौमित्र में तुझे यह बात पहले ही बता दे रहा हु ,तू अपने छोटे ने जो आज किया है उसकी बात किसी को भी नही बतायेगा ,भले उसने सबको जान से मार दिया है पर वो सभी लोग इसी लायक है ,शिवाय के चले जाने के बाद आज पहली बार किसी दरिन्दे को मरता देख में बहुत खुश हूं ,में नही चाहता कोई भी अपने छोटे तक पहुचे ,उसने आज उस लड़की की जान बचाकर बहुत सही काम किया है ,मिलन की बात सुनकर सौमित्र हसने लगा ,भाई में तो यह सोच रहा था क्यो ना वापिस शिवाय को जिंदा किया जाये,
मिलन ,में कुछ समझा नही सौमित्र ,तू क्या कहना चाहता है ,
सौमित्र ,देख मिलन कोई भी नही जानता था कि शिवाय कौन था ,और उसकी फौज में कौन कौन था ,पर जो काम शिवाय ने किया था उसकी वजह से दुनिया मे सुकून था पर जब से शिवाय गायब हो गया है ,सब दरिंदे वापस सब जगह पर आतंक मचा रहे है ,आज की घटना को हम शिवाय से जोड़ देंगे ,अखबार और टीवी में जब यह बात फैल जाएगी कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब बदमाश डर जायँगे ,जिस तरह शिवाय ने जीवा और उसके साथियों का हाल किया हैं ,वैसा तो कभी शिवाय ने भी नही किया था ,कितनी बुरी तरह से मारा है सबको छोटे ने ,हम यही बात फैला देंगे कि सब करने वाला शिवाय है ,और आज के इस छोटे को हम शिवा कहकर पुकारा करेंगे ताकि किसी को शक ना हो ,चलो सबसे पहले हम वहां जाकर देखते है ,वो एरिया भी अपने थाने के अंदर ही आता है ,जितने सबूत हमे मिलेंगे छोटे की पहचान करने वाले वो सब हम मिटा देंगे ,बहुत हो चुका है ,इन सब बदमाशो को ,अब हम इनको दिखायंगे की जब पुलिस अपने पे आती है तो क्या कर सकती है ,दोनों ने फिर वही किया जो सोचा था ,जब यह खबर सब जगह फैल गई कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब तरफ सनसनी मच गई ,आम लोग बहुत खुश हो गए थे और बदमाश और गुंडे लोगो को फट चुकी थी ,उन सबको अपनी मौत नजर आने लगी थी ,पर जिस छोटे या शिवा के नाम पर यह खबर चल रही थी वो मिलन और सौमित्र के घर मे सबसे बेखबर सुकून से सो रहा था ।
 
Maurya ji
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Update 124
सौमित्र और मिलन सुबह जल्दी उठ गए थे ,दोनों अपने रोज की दिनचर्या के हिसाब से अपना काम कर रहे थे पर आज उनके साथ एक और लड़का भी था आज ,सौमित्र ने मिलन को उसका सब होने के बाद कपड़े लाने को भेज दिया ,दोनों बहुत ज्यादा अमीर तो नही थे ,पर दिल के गरीब नही थे ,अपनी मेहनत की कमाई खाने वाले वो ईमानदार पुलिस वाले थे ,मिलन ने मार्केट से उस लड़के के नाप जो उसने सुबह आने से पहले ले लिया था उस हिसाब से दो ड्रेस और दो अंडरवियर ले लिए, इधर सौमित्र ने उस लड़के को उठाकर नहाने भेज दिया था ,आज एक महीने बाद वो नहा रहा था ,उसके बदन पर अस्पताल में रहकर दवाइयो की एक अजीब सी महक आ रही थी ,अपने बदन पर पानी और साबुन लगाकर वो साफ कर रहा था ,तभी उसे मिलन की आवाज बाथरूम के बाहर से आयी ,अरे भाई मेने दरवाजे पर एक बैग टँगा दिया है उसमें तुम्हारे लिए कपड़े है ,वो नहाने के बाद पहन लेना ,मिलन उसे कपड़े देने के बाद सौमित्र के पास आकर बैठ गया ,
मिलन ,सौमित्र यह बात तो समझ आ गयी इस लड़के को सब समझ आता है ,पर वो बोल क्यो नही रहा ,कहि वो बेचारा गूंगा तो नही ,
सौमित्र, नही मिलन डॉक्टर ने उसे चेक किया है ,वो गूंगा नही है ,पर बोलता क्यो नही यह उन्हें भी समझ मे नही आया,उनका कहना है कि शायद अभी भी सदमे में हो ,धीरे धीरे वो आम लोगो जैसा हो जायेगा ,
मिलन ,हा भाई वो जल्द से ठीक हो जाये ,पता नही कौन है बेचारा ,उसके पास देखकर तो वो मुझे किसी बड़े घर का लगता है पर जब तक वो कुछ बतायेगा नही हम कुछ कह नही सकते ,
सौमित्र और मिलन दोनों बात करते रहे तबतक कपड़े पहनकर वो लड़का बाथरूम से बाहर आ गया ,और उन दोनों के पास जाकर खड़ा हो गया उसे देखकर सौमित्र ने कहा ,चलो हमे अब पुलिस थाने चलना होगा ,रास्ते मे हम कुछ नास्ता भी कर लेंगे ,भाई तेरा नाम तो हमे नही पता पर तु हम दोनों से छोटा है ,हम तुझे आज के बाद छोटे कह कर पुकारा करेंगे ,जब भी तू बोलने लगेगा तू अपना नाम हमे बता देना ,
छोटे जो उस लड़के को नाम दिया था वो दोनों की तरफ देखकर पहले चुप रहा ,फिर वो बोला ,भाई में अपने बारे में कुछ नही जानता ,में जब होश में आया था अस्पताल में और डॉक्टर साहब मुझसे बात कर रहे थे ,मेरे बारे में वो सवाल कर रहे थे तबसे में परेशान हो गया था ,मुझे अपने बारे में कुछ भी याद नही आ रहा है ,मुझे अपना नाम तक याद नही आ रहा ,में किस तरह से जख्मी हो गया यह भी में नही बता सकता हु ,में खुद बहुत बड़ी परेशानी में हु भैया ,में कौन हूं ,कहा से हु ,क्या करता था ,मेरे परिवार में कौन होगा यह मुझे कुछ भी याद नही आ रहा है ,आप ही बताइए में क्या करूँ अब,
उस लड़के की बात सुनकर दोनों पहले चुप रहे फिर सौमित्र बोला ,छोटे कोई बात नही ,तू चिंता मत कर हम ट्रे बारे में जरूर पता लगा लेंगे ,मुझे तो इस बात की खुशी है कि तू बोल सकता है ,तुम्हारी परेशानी के बारे में हम आज ही जाकर डॉक्टर से बात कर लेंगे ,वो जरूर इसमें हमारी मदद कर सकेंगे ,फिर तीनो साथ मे निकले पहले उन्होंने रास्ते मे नास्ता किया और बाद में छोटे को लेकर पुलिस थाने गए वहां जाकर जब इंसपेक्टर को उन्होंने सारी बात बताई तो उसने भी छोटे से बहुत देर तक बाते कर के उसे टटोलता रहा कि शायद वो झूठ तो नही बोल रहा जब उसे पूरी तरह यकीन हो गया कि यह लड़का बिल्कुल सच बोल रहा है तो उसने छोटे को अस्पताल भेज दिया सौमित्र और मिलन के साथ ,उसने डॉक्टर को भी फोन करके सब बातें बताकर उसका एक बार चेकअप करने को कहा ,अस्पताल में छोटे का डॉक्टर ने बहुत देर तक चेकअप के बाद उससे बहुत से सवाल पूछे जिसकी वजह से वह इस बात पर कायम हूवा की छोटे के दिमाग मे चोटे लगने से उसकी याददाश्त चली गयी है ,उसने कुछ दवाइयां देकर उसे वापिस भेज दिया और एक महीने बाद वापिस आने को कहा ,डॉक्टर ने भी इंस्पेक्टर को पूरी बात फोन करके बता दी ,सौमित्र और मिलन छोटे को लेकर एक रास्ते के किनारे बने होटल में खाने को चले गए ,तीनों वहां बैठकर अपना खाना खा रहे थे ,तभी रास्ते पर उन्होंने कूछ लड़ाई झगड़े की आवाज सुनाई दी ,अब सौमित्र और मिलन दोनों ठहरे पुलिस वाले वो दोनों फौरन खाना छोड़ कर बाहर आ गए ,छोटे भी उनके पीछे आ गया था ,रास्ते पर एक लड़की को कोई बदमाश लड़के छेड़ रहे थे ,उसे गन्दी गन्दी गालियां दी रहे थे ,एक बदमाश लड़के ने हाथ पकड़के रखा था ,और वो उसे गालियां भी दे रहा था और उसकी पिटाई भी कर रहा था ,सौमित्र और मिलन ने जब उस लड़के कि शक्कल देखी तो दोनों भी सकते में आ गए थे ,वो अपनी जगह पर खड़े होकर चुपचाप सामने देख रहे थे ,अपने सामने दो पुलिस वालों को देख कर वो लड़की को अपने बचने की कुछ उम्मीद लगने लगी थी ,पर उन दोनों को भी अपने जगह पर एकदम चुपचाप खड़े देखकर वो लड़की उन्हें देखकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाने लगी उसकी बाते सुनकर वो लड़का जिसने उसका हाथ पकड़ा था वो जोर जोर से हसने लगा ,ही ही ही ,कोई भी नही आ सकता मेरे सामने हरामजादी ,बाप हु में सबका ,यह तो सिर्फ पुलिसवाले है ,इनका अगर कमिश्नर भी मेरे सामने होता ना ,तो वो भी कुछ नही कर सकता ,उस शिवाय के लोगो ने बहुत दिनों तक हमे दबाकर रखा था ,पर अब वो भी नही रहा एक महीने से और ना उसके लोग ,अब फिर से हम लोगो का राज है ,कोई भी नही आएगा हमारे सामने अब ,इस एक महीने में हमने इतनी तबाही मचाई है कि अब हमारे सामने कोई भी नही आएगा ,अब इस कलकत्ता शहर का बाप हु में ,और तेरे जैसी फुलझड़ीया मेरे मजे के लिए है ,चिल्ला और चिल्ला में भी देखता हूं कौन तुझे बचाने आएगा ,है कोई माई का लाल जो जीवा के सामने खड़ा हो सके ,अरे सब नामर्द है यहां ,मेरे सामने सर ऊपर करने से भी इन सबकी फटती है ही ही ही ,
वो जीवा नाम का गुंडा अपने 10 से 12 साथियों के साथ खड़ा होकर जोर जोर से हस रहा था ,उसके पास खड़ी वो लड़की रो रो कर मदद के लिये गुहार लगा रही थी ,पर किसी मे इतनी हिम्मत नही हो रही थी उसे बचाने की सब लोग अपनी गर्दन नीची करके खड़े थे ,उन्हें बस जीवा की गन्दी हसी की आवाज आ रही थी ,पर अचानक जीवा की हंसी बंद हो गयी और एक दिल दहलाने वाली चीख वहां गूंज उठी ,सबने अपनी आंखें खोलकर सामने देखा तो उन सबकी सांसे थम सी गयी थी ,सामने मंजर ही इतना भयानक था ,सामने जीवा पड़ा था पर वो मरा हूवा था ,उसके बदन के दो टुकड़े हो गए थे ,उसकी दोनों पैरों को बीच मे से चीरकर उसे मार दिया था ,पर एक पल मे यह किसने किया यह किसे समझ मे नही आ रहा था ,जिस लड़की को जीवा ने पकड़ा था ,वो भी अपने सामने खड़े शख्स को देख कर एकटक देख रहीथी ,उसके आंखों के सामने जीवा को एक पल में चिर दिया था उस शख्स ने ,उस शख्स की आंखे एकदम गुस्से से लाल हो गयी थी ,उसने जीवा के साथ जो बदमाश थे उनकी तरफ देखकर कहा ,बहुत शौक है ना ,तुम लोगो को हसने का आज में तुम्हे मौत की हसी दिखाता हु ,जिसे देखकर तुम भी सुधर जाओगे और तुम्हारा हाल देख कर तुम्हारे जैसे भी सुधर जायँगे ,उस शख्स ने अपनी बात पूरी करने के बाद उन सभी बदमाशो की इतनी बुरी तरह से पिटाई शुरू कर दी के सब की बोलती ही बंद हो गयी थी ,सब बदमाशो को उसने बस अपने हाथ और पाव का इस्तेमाल करके ही बुरी तरीके से मार दिया ,फिर सामने खड़ी भीड़ की तरफ देखकर वो एकदम गुस्सा होकर दहाड़ पड़ा ,अरे नामर्दो ,तुम्हारे सामने एक लड़की को 10 से 12 लोग इतनी बुरी तरह से मार रहे थे ,तुम सब मिलकर यहां पर 500 से ज्यादा हो ,फिर भी डर के आगे नही आ पाए ,अरे थूकता हु में तुम सबपर ,जाकर अपने हाथों में चूड़ियां पहन लो ,आज के बाद अगर किसीने ने भी किसी बेगुनाह को तकलीफ दी तो में उसे इसी तरह जान से मार दूंगा ,कोई भी अपने आप को इस शहर का दादा समझ रहा होंगा तो वो मेरी बात सुन ले आज के बाद हर जरूरतमंद के पीछे खड़ा होने वाला भी कोई है ,जो कोई अपनी हद पार करने की कोशिश करेगा वो दुनिया की हद पार कर जाएगा मेरे हाथों से ,अपनी बात कहकर वो एक तरफ चला गया ,उस शख्स के जाने के बाद सब लोग भी इधर उधर हो गए ,सौमित्र और मिलन तो कबसे उस शख्स का पीछा कर रहे थे ,एक जगह वो थोड़ा तेज चलते हुवे उसके पीछे पहुचकर उसे बोले ,छोटे अरे भाई रुक जा कहा जा रहा है तू ,यह आवाज सुनकर वो शख्स भी रुक गया जो कोई और नही अपना छोटे ही था ,अपने पीछे सौमित्र और मिलन को देख कर बोला ,भैया मुझे माफ़ करना ,पता नही मुझे क्या हो गया था ,पर उस लड़की की मदद के लिए गुहार सुनकर में पता नही क्या कर बैठा ,मुझे तो समझ मे नही आया यह कैसे हो गया ,उसकी बात सुनकर मिलन और सौमित्र कुछ देर चुप हो गए फिर कुछ देर बाद वो दोनों छोटे को एक गाड़ी में बिठाकर घर ले आये और उसे एक कमरे में आराम करने को भेज दिया ,
सौमित्र और मिलन दोनों एकदम खामोश थे ,दोनों अपनी अपनी सोच में गुम थे ,यह खामोशी मिलन ने तोड़ी ,वो बोला ,देख भाई सौमित्र में तुझे यह बात पहले ही बता दे रहा हु ,तू अपने छोटे ने जो आज किया है उसकी बात किसी को भी नही बतायेगा ,भले उसने सबको जान से मार दिया है पर वो सभी लोग इसी लायक है ,शिवाय के चले जाने के बाद आज पहली बार किसी दरिन्दे को मरता देख में बहुत खुश हूं ,में नही चाहता कोई भी अपने छोटे तक पहुचे ,उसने आज उस लड़की की जान बचाकर बहुत सही काम किया है ,मिलन की बात सुनकर सौमित्र हसने लगा ,भाई में तो यह सोच रहा था क्यो ना वापिस शिवाय को जिंदा किया जाये,
मिलन ,में कुछ समझा नही सौमित्र ,तू क्या कहना चाहता है ,
सौमित्र ,देख मिलन कोई भी नही जानता था कि शिवाय कौन था ,और उसकी फौज में कौन कौन था ,पर जो काम शिवाय ने किया था उसकी वजह से दुनिया मे सुकून था पर जब से शिवाय गायब हो गया है ,सब दरिंदे वापस सब जगह पर आतंक मचा रहे है ,आज की घटना को हम शिवाय से जोड़ देंगे ,अखबार और टीवी में जब यह बात फैल जाएगी कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब बदमाश डर जायँगे ,जिस तरह शिवाय ने जीवा और उसके साथियों का हाल किया हैं ,वैसा तो कभी शिवाय ने भी नही किया था ,कितनी बुरी तरह से मारा है सबको छोटे ने ,हम यही बात फैला देंगे कि सब करने वाला शिवाय है ,और आज के इस छोटे को हम शिवा कहकर पुकारा करेंगे ताकि किसी को शक ना हो ,चलो सबसे पहले हम वहां जाकर देखते है ,वो एरिया भी अपने थाने के अंदर ही आता है ,जितने सबूत हमे मिलेंगे छोटे की पहचान करने वाले वो सब हम मिटा देंगे ,बहुत हो चुका है ,इन सब बदमाशो को ,अब हम इनको दिखायंगे की जब पुलिस अपने पे आती है तो क्या कर सकती है ,दोनों ने फिर वही किया जो सोचा था ,जब यह खबर सब जगह फैल गई कि शिवाय वापिस आ गया है ,सब तरफ सनसनी मच गई ,आम लोग बहुत खुश हो गए थे और बदमाश और गुंडे लोगो को फट चुकी थी ,उन सबको अपनी मौत नजर आने लगी थी ,पर जिस छोटे या शिवा के नाम पर यह खबर चल रही थी वो मिलन और सौमित्र के घर मे सबसे बेखबर सुकून से सो रहा था ।
Nice updates... Aakhir Kar.. Writter sahab vapas aa gye..
 
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Update 125
भवानी गढ़ के जंगलों में बिजली जो नरभेड़िया थी सबको कुछ समझा रही थी और उसकी बात वहां पर खड़े सब नरभेड़िये सुन रहे थे ,
बिजली ने आख़िर में कहा ,हम सब मिलकर 10 करोड़ से ज्यादा है ,कुछ गरुड़ लोक में भी है हम सबको जंगल मे अदृश्य रहकर ही मंदिर की रक्षा करनी है ,जबतक शिवाय और बाकी सब को होश नही आता हम सब पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ,हमारी तरह ही सर्पमानव ,अश्वमानव ,सिहमानव,गरुड़ मानव के सभी योद्धा मंदिर के आसपास मौजूद है ,साथ मे आदित्य और ध्रुव भी है अगर जरूरत पड़ी तो शिव भी कैलास पर्वत से भगवान पिनाकी से पूछकर हमारी मदद के लिए आ सकता है ,पर जबतक शिवाय ,काल ,महानाग ,कलभेड़िया ,काल अश्व ,कालासुर होश में नही आते तबतक हम सब पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ,हम अपनी जान दे देंगे पर किसी पापी को मंदिर में नही जाने देंगे ,बिजली की बात सुनकर सब चारो तरफ फैल गए थे ,
मंदिर के नीचे बनी गुफाओं में सर्पिणी और विशाखा बहुत ही उदास चेहरे के साथ बैठी हुवी थी ,उनके सामने बहुत से लोग बेहोश पड़े हुवे थे ,
सर्पिणी, विशाखा तुम्हारी बात हुवी कुछ नेत्रा या तेजा के साथ ,आज एक महीने से ज्यादा समय हो गया है उनको यहासे जाकर वो कब तक वापिस आने वाली है ,उनके पास इतनी दिव्य शक्तिया होकर भी उनको इतना समय लग रहा हे ,
विशाखा ,पता नही दीदी पर उन दोनों से हम कोई भी सम्पर्क नही कर पा रहे है ,वो गयी भी तो ऐसी वनस्पति ढूंढने जिसके बारे में कहा जाता है कि वो विश्व के करोड़ो ग्रहों में किसी एक ही ग्रह पर हो सकती है ,उस जीवन वटी को कोई भी दिव्य दृष्टी से नही ढूंढ सकता उसके सुगन्ध से ही उसे पता करना होता हे ,पता नही वो दोनों बिचारि कहा कहा घूम रही होगी ,भगवान उनकी खोज जल्दी पूरी करे
सर्पिणी ,विशाखा में मंदिर के बाहर जाकर एक बार सबको मिलकर आती हु ,और सर्पिणी वहासे चली गयी ,विशाखा ने अपने सामने पड़े काल के सभी अंशो के साथ बेहोशी की हालत में पड़ी मन्दा ,केतकी ,हिमानी और शिवानी का इलाज कर रही तेजस्वी और तेजाली से कहा ,दीदी आप दोनों भी थोड़ा आराम कर लीजिए ,
विशाखा की बात सुनकर तेजाली ने कहा ,विशाखा जबतक यह सभी होश में नही आते तबतक हम यहाँ से नही जाने वाले है ,तुम चिंता मत करो नेत्रा और तेजा बहुत जल्द जीवन वटी लेकर आ जायेगी ,मेरी अभी नेत्रा से बात हुवी थी ,उन दोनों को कोई ग्रह के बारे में पता चला है अभी ,उस ग्रह पर जीवन वटी को किसीने देखा था ,वो दोनों वही पर जाए रही है ,तुम एक काम करना मुम्बई जाकर हमारी बड़ी बेटी पूर्वा और उसके साथ रह रही बाकी सब लड़कियों के ऊपर गुप्त रूप से ध्यान रखना ,वो सभी अभी इतने समझदार नही है ,
विशाखा ,ठीक है दीदी आप उनकी चिंता मत कीजिये आज से उन सबकी जिम्मेदारी मेरी है ,विशाखा भी गायब होकर वहासे सीधे मुम्बई के शिवा के घर मे पहुँच गई
वहाँ सभी लड़किया टीवी पर शिवाय के वापिस आने के बारे में समाचार दिखा रहे थे ,यह सब सुनकर सबसे ज्यादा गुस्सा पूर्वा को आ रहा था ,उसने अपने मन से ही अपनी सभी बहने उत्तरा, पश्चिमी और दक्षिणा से कहा ,यह अब बहुत ज्यादा हो रहा है ,नेत्रा मा ने हमे कसम देकर रोका था कि हम कभी अपनी दिव्य शक्तियों के साथ बाहर कुछ नही करेंगे लेकिन हमारे पिता का नाम लेकर खुद को बड़ा करने वालों को हम बिल्कुल भी माफ नही करने वाले ,हम सब कल कलकत्ता जाकर उस बहुरूपिये को ख़त्म कर कर देंगे।
 

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