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पूनम की प्यासी चुत ने पानी छोड़ दिया और वो अपने कपड़े ठीक कर कर नीचे अपने कमरे में आ गयी। 10 मिनट बाद ज्योति भी आ गयी। पहले तो पूनम सोची थी की वो ज्योति से इस बारे में बात नहीं करेगी, लेकिन फिर उसका मन नहीं माना। उसे नींद नहीं आ रही थी। उसे यकीन नहीं आ रहा था कि ज्योति अभी छत पर से आधे घंटे चुदवा कर नीचे आयी है। दूसरा उसे ये भी जानना था कि वो है कौन जिससे वो शादी के 2 दिन पहले चुदवा रही है। पूनम करवट बदल कर ज्योति को देखने लगी और ज्योति से नज़र मिलते ही उसके चेहरे पे मुस्कान फ़ैल गयी। ज्योति अंजान बनते हुए बोली "तु सोई नहीं अब तक?" पूनम उसी तरह मुस्कुराते हुए बोली "तुम किसके साथ सो कर आई हो?" उसकी हँसी कम हो ही नहीं रही थी। ज्योति 2 सेकंड तो अंजान बनी खड़ी रही, फिर बेड पे पूनम पे कूदते हुए बोली "साली तू छत पे गयी थी। तुझे तो मैं बोल कर गयी थी सोने के लिए, तो तु छत पे क्या देखने गयी थी।" पूनम हँसने लगी। पूछी "कौन है वो?" ज्योति भी शरमाते और मुस्काते बोली "तेरे जीजू।" ज्योति को भी शर्म लग रहा था कि उसकी छोटी बहन उसे नंगी होकर चुदवाते देखी है। पूनम बोली "वो तो नहीं ही थे। वो हो ही नहीं सकते।" ज्योति बोली "यही है असली जीजू।" अब तक पूनम की मुस्कान रुक चुकी थी। वो गंभीर मुँह बनाकर बोली "तुझे डर नहीं लगा। कोई देख लेता तो।" ज्योति ऐसे मुँह बनायीं जैसे "हुँह... कोई नहीं देखेगा।" उसे कोई टेंशन नहीं था। ज्योति को भले कोई टेंशन नहीं था लेकिन पूनम को टेंशन हो रही थी। बोली "फिर भी ऐसे खुल्ले में छत पे?" ज्योति पहले तो कुछ नहीं बोली लेकिन फिर थोड़ी देर में शरमाते हुए बोली "उसे अच्छा लगता है।" पूनम बोली "मतलब बहुत बार करवा चुकी हो। वो भी छत पे ही।" ज्योति हाँ में सर हिलायी। पूनम फिर उसी तरह टेंशन में बोली "लेकिन जीजू को पता नहीं चलेगा, 2 दिन में तेरी शादी है।" ज्योति उसी तरह शरमाते हुए लेकिन इस बार मुस्कुराते हुए ना में सर हिलायी। पूनम ऐसे पूछी "क्यों?" जैसे ज्योति का दिमाग खराब है और उसे कुछ बुद्धि नहीं है। ज्योति बोली "मैं बहुत तेज़ हूँ, इसलिए।" पूनम बोली "मतलब? कैसे? ज्योति धीरे से पूनम के कान के पास मुँह लायी और धीरे से ऐसे बोली जैसे कितनी राज की बात बताने वाली हो। बोली "किसी को बोलेगी तो नहीं?" पूनम झुंझलाते हुए बोली "तुम्हे लगता है कि ये बात मैं किसी को बताऊँगी!" ज्योति बोली "मैं उसके साथ भी करवा चुकी हूँ।" पूनम शॉक्ड होती हुई बोली "मतलब?!!!!" ज्योति ऐसे बताने लगी जैसे वो कितनी बड़ी खिलाड़ी हो और पूनम उसके सामने बच्ची है। बोली "एक दिन जब हम मिले थे तो उसका मन था और बाँकी मन मैं बना दी। फिर वो मुझे एक होटल में ले गया और फिर वहीँ......" पूनम आश्चर्य से पूछी "कब?" ज्योति उसी तरह श्यानी बनती हुई बोली "अरे अभी यार.... 20-25 दिन पहले।" पूनम उसी तरह आश्चर्य के सागर में गोते लगाते हुए पूछी "तो भी, उसे कुछ पता नहीं चला!!!!" ज्योति रहस्मयी मुस्कान देते हुए बोली "बोली ना मैं बहुत तेज हूँ। जब तक किस विस कर रहा था तब तक तो करने दी, लेकिन जब कपड़े उतारने लगा तो मैं बोली की मुझे शर्म आ रही है उसके सामने कपड़े उतरवाने में। उसे भी लगा की पहली बार कपड़े उतर रहे हैं तो शर्माएगी ही। उसने सारा लाइट बंद कर दिया और पूरा अँधेरा करवाने के बाद उससे करवाई। वो बेचारा तो खुश था कि अपनी होने वाली बीवी के साथ शादी से पहले ही सुहागदिन मना रहा है। मैं जोर जोर से दर्द होने की एक्टिंग करती रही और फिर सब कुछ पोछ पाछ कर तुरंत वहाँ से निकल गयी। वो जानता है कि उसी ने उसी दिन मेरा सील तोड़ा। उस पर से अगले सुबह मैं उसे ये भी बोल दी की मेरा मेन्सट्रूअल स्टार्ट हो गया है। तो बस, अब क्या पता चलेगा उसे।" पूनम चुपचाप सुन रही थी। वो मान गयी की उसकी बहन कितनी श्यानी है। वो कितना डर रही है गुड्डू से चुदवाने में जबकि कोई रिस्क नहीं है और ज्योति यहाँ अपने ही घर के छत पे बिंदास होकर चुदवा रही है। अपने होने वाले पति तक को बेवकूफ बना दी। पूनम फिर पूछी "ये है कौन? कब से चल रहा इसके साथ?" |