लास्ट अपडेट में आप ने देखा कैसे कर्मा अपने मां बाप की चुदाई देखने के लिए आगे बढ़ता है, अब आगे...
अपडेट 2
जैसे जैसे मेरे कदम आगे की तरफ़ बढ़ रहे थे मेरे दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी... लंड में भी एक अजीब तनव सा आ गया था जो इसे पहले कभी नहीं देखा था.. किसी को पता चलेगा तो क्या होगा लेकिन फिर भी हिम्मत करके मैं उनके गेट पर पाहुच गया...
मां- माआघह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ः मारो फाड़ दो मेरे राजा मेरी चूत को आह चोद आह्ह्ह्ह्ह... ..
अपनी परिवारिक मां के मुह से ऐसी बातें सुन कर मैं दंग रह गया मेरा लंड और टाइट हो गया ... इधर पापा तेज तेज मां को चोद रहे थे और बोल रहे थे ...
पापा- साली तेरी चूत आज भी बहुत टाइट और मजेदार है ... बहार निकलती है तो तेरी मोटी गांड को देख कर ही लंड खड़े हो जाते हैं ... ये ले आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ये ले ... और चुद
मेरा अब और मन कर रहा था के मैं देख कैसे भी करके... मैंने गेट से झांकने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं था.. मुझे लगा ऐसे गेट के पास खड़े रहना खतरे से खली नहीं है कहीं पीछे से अनुज आ गया .. इस्लिए मैं मां पापा के रूम से लगा हुआ जो वॉशरूम है उसका गेट चेक किया और उसमे घुस गया और कहते हैं जो होना होता है वो अपने आप अपना रास्ता ढूंढ़ लेता है..जब मैंने वॉशरूम का दूसरा गेट जो की उनके रूम के अंदर खुलता था वो चेक किया तो वो अंदर से बन्द नहीं था मेरी तो किस्मत ही खुल गई....
मैंने गेट को बहुत धीरे से बिना किसी शोर किए खोले के लिए हाथ आगे बढ़ा .. एक्साइटमेंट से मेरा हाथ काप रहा था गेट खोले हुए पर मैंने फिर थोड़ा सा गेट खोला एक इंच के करीब और उसमे अपनी आंख लगाकर तो जो दे एक नज़ारा आंखों के सामने आया मेरी आंखें फटी की फटी रह गई ... सामने मेरे मां चुदाई कर रहे थे ... मां अपना मुह पापा के पैरों की तरफ करके उनका लंड चूत में लेकर उछल रही थी जिससे मुझे उनकी पूरी बॉडी नंगी दिख रही थी ..... क्या कहूं इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी मां .... उनके बड़े बड़े और कसी हुई चूचियां उनके साथ साथ ऊपर नीच हो रही थी उनका चिकना पेट सेक्सी नाभि .. .देख कर मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं कब अपना लंड को पजमें से बहार निकल कर हिलाने लगा मुझे खुद भी पता नहीं चला ...... उनी टाइट चूत में पापा का लंड अन्दर बाहर होता हुआ साफ नज़र आ रहा था।
मैं उनको देखते हुए अपना लंड पकअड़ कर ज़ोर से मुठ्ठी मारने लगा और मां की पूरी कामुक नंगी शरीर को देखता ही जा रहा था..एक सपनो की दुनिया में खो गया था जिसमें सिरफ मां की नंगी बॉडी थी और मैं था। मां की एक आआह से मेरा ध्यान बापिस आया .... मां की चीख और हाव भाव से पता चला की मां झड़ गई है . और वो ढीली होकर पापा के ऊपर ही गिर गई ... पापा का लंड उनकी चूत से निकल गया ... लंड निकलते ही उनकी चूत का मुह वैसा ही खुला रह गया और मैं उसे बस देखता ही रह गया ... मन कर रहा था कि अभी जाकर अपना लंड मां की इस कामुक रसीली चूत में घुसा दूं ... पर अपने नसीब को कोस कर बैठा रहा ... इधर उन्होने अपनी स्थिति बदल ली थी और मां फिर से चुद रही थी क्योंकि पापा अभी नहीं झड़े थे..और अब उने कुतीया बना कर चोद रहे थे। ..
पापा जब लंड अंदर डालते तो उनके कूल्हें मां के बड़े चुतडो से टकराते और उनके बड़े तरबूज़ जैसे चुतड़ हिल जाते पूरी तरह ये नजर देख कर मेरे लंड ने अपना रस गेट पर ही छोड़ दिया ... पर इसके के बाद भी मेरा लंड उतना ही तंग हो कर खड़ा था और मैं फिर उसे पकड कर मुथियाने लगा ...
माँ अपनी गांड पीछे कर कर के लंड अपनी चूत में ले रही थी..और चिल्ला रही थी..
माँ-आह छोडो मेरे राजा अपनी रांड की चूत फड़ दो... आह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह बहुत ज्यादा तरसती है ये लंड के लिए....
पापा- साली कितनी चुडक्कड़ औरत है तू कल रात ही तेरी चूत और गांड फाड़ी थी और अब बोल रही है तरास्ती है हं आह्ह्ह्ह इतना चुदने के बाद भी तेरी चूत तंग कैसे है इसका तो भोसड़ा बन जाना चाहिए था।
मां-आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पता नहीं क्यों अगर कुछ घंटे ही लंड न मिले तो मेरी चूत सिकुड जाति है और पानी बहने लगती है तुमने ही...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चोददद चोद कर लंड का ऐसा चस्का लगा दिय है मेरे राजा..
ये कहकर वो अपने चुचियां भींचने लगी ....औरपापा उनके चुतड़ दबाते हुए मां को और तेज चोदने लगे और मां की भी आआहह और तेज हो B मेरा हाथ भी लंड पर और तेज हो गया ..... थोड़ी देर के बाद अचानक मां की आह बंद हो गई ...और सिर्फ थाप थाप थाप की बहुत तेज आवाजें आ रही थी पूरे कमरे में ... पापा मां को बुरी तरह से चोद रहे थे और मां दोबारा झडने की कगार पर थी और पापा का भी निकलने वाला था अचानक से पापा ने मां की कमर को जोर से पकाड़ा और अपने हिप्स का झटका बहुत तेज से मारा जिस से वो बिल्कुल बुरी तारीके से मां के चूतड़ों से चिपक गए और मेरी मां के बड़े चुतड उनकी जांघों से दब गए... ऐसा लग रहा था पापा ने मां को अपने लंड पर टंग लिया है वो ऐसे पकडे हुए थे और वो फिर मां की चूत में ही झड़ गए ... ... उनके झड़ते ही मैंने भी अपना मुह भीच कर अपना रस एक बार फिर गेट पर छोड़ कर मां के नाम कर दिया ... मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी के मुझे अचानक बिस्तर पर कुछ हरकत होती हुई देखी मैंने देखा तो मां उठ रही थी और शौचालय की तरफ आने को थी मैं घबड़ा गया फिर अचानक प्रतिक्रिया करते हुए मैंने अपने आप को संभला और दूसरे गेट से तूरंत निकल गया... मुझे गेट... की आवाज़ आई लेकिन तब तक मैं किचन तक आ गया था ...औरफिर मैं देर ना करता हुआ अपने रूम में घुस गया ...मुझे यकीन नहीं हो रहा था ... मेरी इतनी आदर्शवादी मां जिसके मुह से कभी गली भी नहीं सुनी वो इतनी चुदक्कड़ है और ऐसी गाली दे देकर चुदवाया करती है ..
उसकी ये बात के दिन भर मेरी चूत प्यासी रहती है..मैं सोचने लगा ये वो ही मां है जिसे देख के दिन मे ये लगता है नहीं के सेक्स से इनका दूर तक का भी नाता होगा ... हाय और ये तो बिलकुल नहीं की ये चुदाई ऐसे करवाती होंगी ...और फिर पापा की वो बात याद आई तो सोचा चूत तो चूत होती है मां की हो या औरकिसी की भी ..
खैर पर इन सब बातो का नतीजा ये हुआ के जो ग्लानि मुझे अपनी मां के नंगे बदन को सोचने पर हो रही थी उसकी जगह अब उत्तेजना ने लेली अब मुझे उनके नंगे बदन को याद करने पर बहुत मजा आया ... और एक बार उनके कामुक बदन को सोचते हुए मुठियाने के बाद मैं ऐसे ही सो गया....
सुबाह जब आंख खुली तो मैंने देखा के मैं चादर ओढ़ कर सो रहा हूं और देखा तो मैं चादर के नीचे नंगा था क्योंकि रात को हिलाते हुए मैंने अपना पायजामा और अंडरवियर उतार दिया था..और मुझे याद है कि मैं बिना चादर के सोया था तो मुझे किसने चादर से ढका और जिसने भी किया होगा मैं नंगा जरूर दिखाऊंगा .... कौन हो सकता है ये सोचते हैं मैं उठाऔर वाशरूम जाकर ताजा हुआ और बहार आ कर मां को आवाज दी ..
मैं- मां चाय कहां है मेरी।?
मां- अभी ला रही हूं रुक..
मैं सोचने लगा कहीं वो मां तो ही नहीं थी जिसने मुझे नंगा देखा...
तबी मां आई चाय लेकर..
मैं- मां पापा और अनुज कहां हैं?
मां- पापा तो बाग पर ही गए हैंऔर अनुज शायद अपने दोस्त के साथ निकल गया...
मैं- अच्छा मां तो आज का क्या प्लान है आपका?
मां- हां मेरा बड़ा प्लान होता है बस ये घर के काम से फुर्सत मिल जाए बहुत है...
मैं- मां आप कहो तो मैं करवाऊं आपका काम...
ये बात मैंने उनके रात के रूप को याद करके कही...
मां- नहीं घर का काम मैं कर लुंगी तो बस अपने पापा की मदद कर जाके...
मैं- ठीक मां चला जाउंगा...
मैंने बहुत सोचा लेकिन मां का बरताव दैनिक जैसा ही था मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगा तो मैंने सोचा शायद मैंने ही चादर ले ली होगी और में बेकर में भ्रमित हो रहा हूं ... फिर मैं नास्ता करने लगा ...
माँ- चल तू पूरा खतम कर मैं बाकी का काम निपटाती हूं ये कहकर वो जाने लगी..या मैं उनको जाते हुए उनकी बड़ी गांड को देख रहा था ... मेरा लंड टाइट होने लगा ... मैं सोचने लगा पापा कितने भाग्यशाली हैं जो हर रात को गांड के साथ खेलते हैं....
मैं फिर हमेश की तरह लंड को एडजस्ट करके बाग की तरफ निकल गया ... रास्ते में जाते हुए मुझे पीछे से किसी ने आवाज दी ....
मैंने मुड कर देखा तो ममता चाची थी (गांव में हम अंकल और आंटी नहीं बोलते इसलिय ताऊ और ताई और चाची और चाचा कह कर सबको बुलाते हैं।)
ममता चाची मेरी गली में ही रहती थी उनके घर में तीन लोग हैं
1 राजन चाचा उम्र 40
थोड़ी सी तोंड निकली हुई पापा के अच्छे दोस्त हैं..
2 पल्लवी उम्र 18 साल
बिलकुल ही मस्त 18 साल की लड़की, मुझे भइया कहती है तो कभी गलत नहीं सोचा, लेकिन इसके बारे में मैंने सुना है कई लोगो से कि इसे और मेरे भाई अनुज को कई बार अकेले में देखा है। मुझे भी शक था लेकिन मैंने सोचा जवान है उनकी लाइफ है मैं क्यों टेंशन लूं..
pic sharing
ये पल्लवी माल भी बहुत मस्त है जिसे देखकर ही लंड खड़ा हो जाए। शरीर बेहद कामुक गेहुआं रंग
इतनी सी उमर में भी स्तन और गांड बहुत बड़े बड़े हैं..या हो भी क्यों ना अपनी मां पर जो गई है ममता चाची के भी सब कुछ बड़े बड़े हैं...
ममता चाची उम्र 38
एक दम फ्रैंक नेचर सबसे हंस कर बात करना और ये मज़ाक भी बहुत करती है ऐसे वाले... डबल मीनिंग बातें भी करती हैं...
चूचियां ऐसी जो हमेशा ब्लाउज के बाहर आने को बेताब रहती हैं और आएं भी क्यों न पपीते जैसी बड़ी बड़ी उनके नीचे कामुक गदराया हुआ गोरा गोरा पेट, जो साड़ी और ब्लाऊज़ के बीच से हमेशा लुभाता रहता है साड़ी हमेशा नाभी से एक इंच नीचे रहती है जिससे कि कामुक गोल नाभी के भी दर्शन होते रहते हैं नाभी भी ऐसी की देखकर जीभ डालकर चाटने का मन करता है, और फिर थोड़ा नीचे पीछे घूमें तो आते हैं चाची के गोल मटोल और बड़े से चूतड़, हाय चूतड़ ऐसे जो साड़ी को हमेशा उठाए रहते हैं ऐसा लगता है साड़ी के अंदर दो तरबूज़ रखे हैं चाची ने, तो ये हैं हमारी ममता चाची)
मैं- नमस्ते चाची
ममता सी- नमस्ते बच्चा.. अच्छा हुआ तू मिल गया.. नहीं तो मुझे इतनी दूर जाना पड़ता...
मैं- क्या हुआ चाची कोई परशानी
ममता सी- अरे नहीं बछुआ कोई परशानी नहीं बस वो अचार डालना था तो आम चाहिए था तो बाग में जा रही थी अब तू ही मिल गया है तो तू ही लादे मुझे घर का भी बहुत काम करना है....
मैं- बिलकुल चाची ले जाऊंगा कितने आम चाहिए...
ममता सी- 5 किलो ले आओ सुन थोडे कच्चे आम ही तोडना बच्चा उनका अच्छा अचार पड़ता है..
मैं- क्या चाची... मुझे तो पक्के आम बहुत पसंद हैं...
ये कहते हुए मेरी नज़र उनके ब्लाउज से बहार दिखते हुए आम पर मेरा मतलब है चुचीयों पर चली गई .... ममता चाची ने भी शायद देखा लिया तो बोल पड़ी
ममता सी- अरे बच्चा तुम आओ तो सही तुमको पक्के आम हम खिला देंगे तुम अभी कच्चे ही ला दो..
मैंने जैसा बताया ममता चाची बहुत मजाकिया हैं और डबल मीनिंग बातें करने में इन्हें बड़ा मजा आता है..तो मैंने भी बोल दिया
मैं- चाची आपके आप मीठे तो होंगे ना...
ममता सी- बछुआ तूने इतने रसील आम कभी नहीं चखे होंगे तू कभी चखने आ तो सही..
मैं- फिर तो बढ़िया है चाची मैं अभी आपके लिए बाग से आम तोड़कर लाता हूं.. तबी आप अपने आम खिला देना...
इतना सुंकर चाची हंसते हुए कहने लगी...
ममता सी- हमारा बचुआ बड़ा हो गया है लगता है..अब बातों में मत लग और जा आम लेकर आ...
मैं- चाची आपके लिए तो मैं छोटा ही हूं, मेरा कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए... ही ही ही
ममता सी- अब जा दुष्ट है पूरा तू भी..
चाची ये कहते हुए चली गई और मैं भी उनकी गांड देख कर लंड खुजाने लगा और अपने बाग की ओर निकला गया ...
बाग में पाहुच कर पापा को बोला के..
मैं- 5 किलो आम तोड़ दो कच्चे ममता चाची ने मांगे हैं..
पापा- अचार डालने के लिए मांगे होंगे..
मैं- ह्न पापा आप तो दे देंगे मैं दे दूंगा अभी मांगे हैं...
फिर मैंने और पापा ने ढूंढकर आम तोड़े और फिर एक थाइले में भर दिए और मैं चाची के घर की और निकलने लगा तो पापा बोले ..
पापा- सुन करमा तू पैसे वगेरा की बात मत करना कुछ ममता से..वो दे भी तो मत लेना... बोलदेना के पापा से बात करलो..
मैं- ठीक है पापा मैं वैसा भी नहीं लाता...
पापा- चल ठीक है जा तू...
इतना कहकर मैं बाग से ममता चाची के घर की और निकला गया...
अब आगे ममता चाची ने कर्मा को आम खिलाये या नहीं ... ये सब पता चलेगा अगला अपडेट में ... आप लोग कृपया फीडबैक देते रहे जिनसे ये पता चलता रहे मुझे के मैं सही से लिख भी रहा हुं या नहीं ... शुक्रिया