Incest कथा चोदमपुर की

Dramatic Entrance
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Bahut khub karma hai to kamina par abhi tak jvani ke maje nehi le paya tabhi kuch bhi uttejak dekhte hi babu mosaya ke usttad tak dhinadhin karte huye maujudgi ka aisas karva deta hai.

Neelesh ko achhe se samjhna chahiye tha par usne bas itna hi kaha ma ba kuch nehi abhi dekhna kaise chad jayega aur ek hi baar me maa bana dega. Khair nehi samjhya to kiya bhi kya ja sakta hai ye unka parivarik masla vo jo kare ham to bas maza lenge.

Adbhut atulniya lekhan kaushal:clapclap::clapclap::clapclap::clapclap:
Dhanyawad bhai is manmohak pratikriya ke liye isi tarah se hausla banaye rakhein.
 
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लास्ट अपडेट में आप ने देखा कैसे कर्मा अपने मां बाप की चुदाई देखने के लिए आगे बढ़ता है, अब आगे...

अपडेट 2

जैसे जैसे मेरे कदम आगे की तरफ़ बढ़ रहे थे मेरे दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी... लंड में भी एक अजीब तनव सा आ गया था जो इसे पहले कभी नहीं देखा था.. किसी को पता चलेगा तो क्या होगा लेकिन फिर भी हिम्मत करके मैं उनके गेट पर पाहुच गया...

मां- माआघह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ः मारो फाड़ दो मेरे राजा मेरी चूत को आह चोद आह्ह्ह्ह्ह... ..

अपनी परिवारिक मां के मुह से ऐसी बातें सुन कर मैं दंग रह गया मेरा लंड और टाइट हो गया ... इधर पापा तेज तेज मां को चोद रहे थे और बोल रहे थे ...

पापा- साली तेरी चूत आज भी बहुत टाइट और मजेदार है ... बहार निकलती है तो तेरी मोटी गांड को देख कर ही लंड खड़े हो जाते हैं ... ये ले आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ये ले ... और चुद

मेरा अब और मन कर रहा था के मैं देख कैसे भी करके... मैंने गेट से झांकने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं था.. मुझे लगा ऐसे गेट के पास खड़े रहना खतरे से खली नहीं है कहीं पीछे से अनुज आ गया .. इस्लिए मैं मां पापा के रूम से लगा हुआ जो वॉशरूम है उसका गेट चेक किया और उसमे घुस गया और कहते हैं जो होना होता है वो अपने आप अपना रास्ता ढूंढ़ लेता है..जब मैंने वॉशरूम का दूसरा गेट जो की उनके रूम के अंदर खुलता था वो चेक किया तो वो अंदर से बन्द नहीं था मेरी तो किस्मत ही खुल गई....

मैंने गेट को बहुत धीरे से बिना किसी शोर किए खोले के लिए हाथ आगे बढ़ा .. एक्साइटमेंट से मेरा हाथ काप रहा था गेट खोले हुए पर मैंने फिर थोड़ा सा गेट खोला एक इंच के करीब और उसमे अपनी आंख लगाकर तो जो दे एक नज़ारा आंखों के सामने आया मेरी आंखें फटी की फटी रह गई ... सामने मेरे मां चुदाई कर रहे थे ... मां अपना मुह पापा के पैरों की तरफ करके उनका लंड चूत में लेकर उछल रही थी जिससे मुझे उनकी पूरी बॉडी नंगी दिख रही थी ..... क्या कहूं इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी मां .... उनके बड़े बड़े और कसी हुई चूचियां उनके साथ साथ ऊपर नीच हो रही थी उनका चिकना पेट सेक्सी नाभि .. .देख कर मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं कब अपना लंड को पजमें से बहार निकल कर हिलाने लगा मुझे खुद भी पता नहीं चला ...... उनी टाइट चूत में पापा का लंड अन्दर बाहर होता हुआ साफ नज़र आ रहा था।

मैं उनको देखते हुए अपना लंड पकअड़ कर ज़ोर से मुठ्ठी मारने लगा और मां की पूरी कामुक नंगी शरीर को देखता ही जा रहा था..एक सपनो की दुनिया में खो गया था जिसमें सिरफ मां की नंगी बॉडी थी और मैं था। मां की एक आआह से मेरा ध्यान बापिस आया .... मां की चीख और हाव भाव से पता चला की मां झड़ गई है . और वो ढीली होकर पापा के ऊपर ही गिर गई ... पापा का लंड उनकी चूत से निकल गया ... लंड निकलते ही उनकी चूत का मुह वैसा ही खुला रह गया और मैं उसे बस देखता ही रह गया ... मन कर रहा था कि अभी जाकर अपना लंड मां की इस कामुक रसीली चूत में घुसा दूं ... पर अपने नसीब को कोस कर बैठा रहा ... इधर उन्होने अपनी स्थिति बदल ली थी और मां फिर से चुद रही थी क्योंकि पापा अभी नहीं झड़े थे..और अब उने कुतीया बना कर चोद रहे थे। ..
पापा जब लंड अंदर डालते तो उनके कूल्हें मां के बड़े चुतडो से टकराते और उनके बड़े तरबूज़ जैसे चुतड़ हिल जाते पूरी तरह ये नजर देख कर मेरे लंड ने अपना रस गेट पर ही छोड़ दिया ... पर इसके के बाद भी मेरा लंड उतना ही तंग हो कर खड़ा था और मैं फिर उसे पकड कर मुथियाने लगा ...



माँ अपनी गांड पीछे कर कर के लंड अपनी चूत में ले रही थी..और चिल्ला रही थी..



माँ-आह छोडो मेरे राजा अपनी रांड की चूत फड़ दो... आह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह बहुत ज्यादा तरसती है ये लंड के लिए....



पापा- साली कितनी चुडक्कड़ औरत है तू कल रात ही तेरी चूत और गांड फाड़ी थी और अब बोल रही है तरास्ती है हं आह्ह्ह्ह इतना चुदने के बाद भी तेरी चूत तंग कैसे है इसका तो भोसड़ा बन जाना चाहिए था।



मां-आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पता नहीं क्यों अगर कुछ घंटे ही लंड न मिले तो मेरी चूत सिकुड जाति है और पानी बहने लगती है तुमने ही...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चोददद चोद कर लंड का ऐसा चस्का लगा दिय है मेरे राजा..



ये कहकर वो अपने चुचियां भींचने लगी ....औरपापा उनके चुतड़ दबाते हुए मां को और तेज चोदने लगे और मां की भी आआहह और तेज हो B मेरा हाथ भी लंड पर और तेज हो गया ..... थोड़ी देर के बाद अचानक मां की आह बंद हो गई ...और सिर्फ थाप थाप थाप की बहुत तेज आवाजें आ रही थी पूरे कमरे में ... पापा मां को बुरी तरह से चोद रहे थे और मां दोबारा झडने की कगार पर थी और पापा का भी निकलने वाला था अचानक से पापा ने मां की कमर को जोर से पकाड़ा और अपने हिप्स का झटका बहुत तेज से मारा जिस से वो बिल्कुल बुरी तारीके से मां के चूतड़ों से चिपक गए और मेरी मां के बड़े चुतड उनकी जांघों से दब गए... ऐसा लग रहा था पापा ने मां को अपने लंड पर टंग लिया है वो ऐसे पकडे हुए थे और वो फिर मां की चूत में ही झड़ गए ... ... उनके झड़ते ही मैंने भी अपना मुह भीच कर अपना रस एक बार फिर गेट पर छोड़ कर मां के नाम कर दिया ... मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी के मुझे अचानक बिस्तर पर कुछ हरकत होती हुई देखी मैंने देखा तो मां उठ रही थी और शौचालय की तरफ आने को थी मैं घबड़ा गया फिर अचानक प्रतिक्रिया करते हुए मैंने अपने आप को संभला और दूसरे गेट से तूरंत निकल गया... मुझे गेट... की आवाज़ आई लेकिन तब तक मैं किचन तक आ गया था ...औरफिर मैं देर ना करता हुआ अपने रूम में घुस गया ...मुझे यकीन नहीं हो रहा था ... मेरी इतनी आदर्शवादी मां जिसके मुह से कभी गली भी नहीं सुनी वो इतनी चुदक्कड़ है और ऐसी गाली दे देकर चुदवाया करती है ..

उसकी ये बात के दिन भर मेरी चूत प्‍यासी रहती है..मैं सोचने लगा ये वो ही मां है जिसे देख के दिन मे ये लगता है नहीं के सेक्स से इनका दूर तक का भी नाता होगा ... हाय और ये तो बिलकुल नहीं की ये चुदाई ऐसे करवाती होंगी ...और फिर पापा की वो बात याद आई तो सोचा चूत तो चूत होती है मां की हो या औरकिसी की भी ..

खैर पर इन सब बातो का नतीजा ये हुआ के जो ग्लानि मुझे अपनी मां के नंगे बदन को सोचने पर हो रही थी उसकी जगह अब उत्तेजना ने लेली अब मुझे उनके नंगे बदन को याद करने पर बहुत मजा आया ... और एक बार उनके कामुक बदन को सोचते हुए मुठियाने के बाद मैं ऐसे ही सो गया....

सुबाह जब आंख खुली तो मैंने देखा के मैं चादर ओढ़ कर सो रहा हूं और देखा तो मैं चादर के नीचे नंगा था क्योंकि रात को हिलाते हुए मैंने अपना पायजामा और अंडरवियर उतार दिया था..और मुझे याद है कि मैं बिना चादर के सोया था तो मुझे किसने चादर से ढका और जिसने भी किया होगा मैं नंगा जरूर दिखाऊंगा .... कौन हो सकता है ये सोचते हैं मैं उठाऔर वाशरूम जाकर ताजा हुआ और बहार आ कर मां को आवाज दी ..

मैं- मां चाय कहां है मेरी।?

मां- अभी ला रही हूं रुक..

मैं सोचने लगा कहीं वो मां तो ही नहीं थी जिसने मुझे नंगा देखा...

तबी मां आई चाय लेकर..

मैं- मां पापा और अनुज कहां हैं?

मां- पापा तो बाग पर ही गए हैंऔर अनुज शायद अपने दोस्त के साथ निकल गया...

मैं- अच्छा मां तो आज का क्या प्लान है आपका?

मां- हां मेरा बड़ा प्लान होता है बस ये घर के काम से फुर्सत मिल जाए बहुत है...

मैं- मां आप कहो तो मैं करवाऊं आपका काम...

ये बात मैंने उनके रात के रूप को याद करके कही...

मां- नहीं घर का काम मैं कर लुंगी तो बस अपने पापा की मदद कर जाके...

मैं- ठीक मां चला जाउंगा...

मैंने बहुत सोचा लेकिन मां का बरताव दैनिक जैसा ही था मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगा तो मैंने सोचा शायद मैंने ही चादर ले ली होगी और में बेकर में भ्रमित हो रहा हूं ... फिर मैं नास्ता करने लगा ...

माँ- चल तू पूरा खतम कर मैं बाकी का काम निपटाती हूं ये कहकर वो जाने लगी..या मैं उनको जाते हुए उनकी बड़ी गांड को देख रहा था ... मेरा लंड टाइट होने लगा ... मैं सोचने लगा पापा कितने भाग्यशाली हैं जो हर रात को गांड के साथ खेलते हैं....

मैं फिर हमेश की तरह लंड को एडजस्ट करके बाग की तरफ निकल गया ... रास्ते में जाते हुए मुझे पीछे से किसी ने आवाज दी ....

मैंने मुड कर देखा तो ममता चाची थी (गांव में हम अंकल और आंटी नहीं बोलते इसलिय ताऊ और ताई और चाची और चाचा कह कर सबको बुलाते हैं।)

ममता चाची मेरी गली में ही रहती थी उनके घर में तीन लोग हैं

1 राजन चाचा उम्र 40

थोड़ी सी तोंड निकली हुई पापा के अच्छे दोस्त हैं..

2 पल्लवी उम्र 18 साल

बिलकुल ही मस्त 18 साल की लड़की, मुझे भइया कहती है तो कभी गलत नहीं सोचा, लेकिन इसके बारे में मैंने सुना है कई लोगो से कि इसे और मेरे भाई अनुज को कई बार अकेले में देखा है। मुझे भी शक था लेकिन मैंने सोचा जवान है उनकी लाइफ है मैं क्यों टेंशन लूं..

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ये पल्लवी माल भी बहुत मस्त है जिसे देखकर ही लंड खड़ा हो जाए। शरीर बेहद कामुक गेहुआं रंग

इतनी सी उमर में भी स्तन और गांड बहुत बड़े बड़े हैं..या हो भी क्यों ना अपनी मां पर जो गई है ममता चाची के भी सब कुछ बड़े बड़े हैं...

ममता चाची उम्र 38

एक दम फ्रैंक नेचर सबसे हंस कर बात करना और ये मज़ाक भी बहुत करती है ऐसे वाले... डबल मीनिंग बातें भी करती हैं...

चूचियां ऐसी जो हमेशा ब्लाउज के बाहर आने को बेताब रहती हैं और आएं भी क्यों न पपीते जैसी बड़ी बड़ी उनके नीचे कामुक गदराया हुआ गोरा गोरा पेट, जो साड़ी और ब्लाऊज़ के बीच से हमेशा लुभाता रहता है साड़ी हमेशा नाभी से एक इंच नीचे रहती है जिससे कि कामुक गोल नाभी के भी दर्शन होते रहते हैं नाभी भी ऐसी की देखकर जीभ डालकर चाटने का मन करता है, और फिर थोड़ा नीचे पीछे घूमें तो आते हैं चाची के गोल मटोल और बड़े से चूतड़, हाय चूतड़ ऐसे जो साड़ी को हमेशा उठाए रहते हैं ऐसा लगता है साड़ी के अंदर दो तरबूज़ रखे हैं चाची ने, तो ये हैं हमारी ममता चाची)

मैं- नमस्ते चाची

ममता सी- नमस्ते बच्चा.. अच्छा हुआ तू मिल गया.. नहीं तो मुझे इतनी दूर जाना पड़ता...

मैं- क्या हुआ चाची कोई परशानी

ममता सी- अरे नहीं बछुआ कोई परशानी नहीं बस वो अचार डालना था तो आम चाहिए था तो बाग में जा रही थी अब तू ही मिल गया है तो तू ही लादे मुझे घर का भी बहुत काम करना है....

मैं- बिलकुल चाची ले जाऊंगा कितने आम चाहिए...

ममता सी- 5 किलो ले आओ सुन थोडे कच्चे आम ही तोडना बच्चा उनका अच्छा अचार पड़ता है..

मैं- क्या चाची... मुझे तो पक्के आम बहुत पसंद हैं...

ये कहते हुए मेरी नज़र उनके ब्लाउज से बहार दिखते हुए आम पर मेरा मतलब है चुचीयों पर चली गई .... ममता चाची ने भी शायद देखा लिया तो बोल पड़ी

ममता सी- अरे बच्चा तुम आओ तो सही तुमको पक्के आम हम खिला देंगे तुम अभी कच्चे ही ला दो..

मैंने जैसा बताया ममता चाची बहुत मजाकिया हैं और डबल मीनिंग बातें करने में इन्हें बड़ा मजा आता है..तो मैंने भी बोल दिया

मैं- चाची आपके आप मीठे तो होंगे ना...

ममता सी- बछुआ तूने इतने रसील आम कभी नहीं चखे होंगे तू कभी चखने आ तो सही..

मैं- फिर तो बढ़िया है चाची मैं अभी आपके लिए बाग से आम तोड़कर लाता हूं.. तबी आप अपने आम खिला देना...

इतना सुंकर चाची हंसते हुए कहने लगी...

ममता सी- हमारा बचुआ बड़ा हो गया है लगता है..अब बातों में मत लग और जा आम लेकर आ...

मैं- चाची आपके लिए तो मैं छोटा ही हूं, मेरा कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए... ही ही ही

ममता सी- अब जा दुष्ट है पूरा तू भी..

चाची ये कहते हुए चली गई और मैं भी उनकी गांड देख कर लंड खुजाने लगा और अपने बाग की ओर निकला गया ...

बाग में पाहुच कर पापा को बोला के..

मैं- 5 किलो आम तोड़ दो कच्चे ममता चाची ने मांगे हैं..

पापा- अचार डालने के लिए मांगे होंगे..

मैं- ह्न पापा आप तो दे देंगे मैं दे दूंगा अभी मांगे हैं...

फिर मैंने और पापा ने ढूंढकर आम तोड़े और फिर एक थाइले में भर दिए और मैं चाची के घर की और निकलने लगा तो पापा बोले ..

पापा- सुन करमा तू पैसे वगेरा की बात मत करना कुछ ममता से..वो दे भी तो मत लेना... बोलदेना के पापा से बात करलो..

मैं- ठीक है पापा मैं वैसा भी नहीं लाता...

पापा- चल ठीक है जा तू...

इतना कहकर मैं बाग से ममता चाची के घर की और निकला गया...

अब आगे ममता चाची ने कर्मा को आम खिलाये या नहीं ... ये सब पता चलेगा अगला अपडेट में ... आप लोग कृपया फीडबैक देते रहे जिनसे ये पता चलता रहे मुझे के मैं सही से लिख भी रहा हुं या नहीं ... शुक्रिया
 
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लास्ट अपडेट में आप ने देखा कैसे कर्मा अपने मां बाप की चुदाई देखने के लिए आगे बढ़ता है, अब आगे...

अपडेट 2

जैसे जैसे मेरे कदम आगे की तरफ़ बढ़ रहे थे मेरे दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी... लंड में भी एक अजीब तनव सा आ गया था जो इसे पहले कभी नहीं देखा था.. किसी को पता चलेगा तो क्या होगा लेकिन फिर भी हिम्मत करके मैं उनके गेट पर पाहुच गया...

मां- माआघह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ः मारो फाड़ दो मेरे राजा मेरी चूत को आह चोद आह्ह्ह्ह्ह... ..

अपनी परिवारिक मां के मुह से ऐसी बातें सुन कर मैं दंग रह गया मेरा लंड और टाइट हो गया ... इधर पापा तेज तेज मां को चोद रहे थे और बोल रहे थे ...

पापा- साली तेरी चूत आज भी बहुत टाइट और मजेदार है ... बहार निकलती है तो तेरी मोटी गांड को देख कर ही लंड खड़े हो जाते हैं ... ये ले आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ये ले ... और चुद

मेरा अब और मन कर रहा था के मैं देख कैसे भी करके... मैंने गेट से झांकने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं था.. मुझे लगा ऐसे गेट के पास खड़े रहना खतरे से खली नहीं है कहीं पीछे से अनुज आ गया .. इस्लिए मैं मां पापा के रूम से लगा हुआ जो वॉशरूम है उसका गेट चेक किया और उसमे घुस गया और कहते हैं जो होना होता है वो अपने आप अपना रास्ता ढूंढ़ लेता है..जब मैंने वॉशरूम का दूसरा गेट जो की उनके रूम के अंदर खुलता था वो चेक किया तो वो अंदर से बन्द नहीं था मेरी तो किस्मत ही खुल गई....

मैंने गेट को बहुत धीरे से बिना किसी शोर किए खोले के लिए हाथ आगे बढ़ा .. एक्साइटमेंट से मेरा हाथ काप रहा था गेट खोले हुए पर मैंने फिर थोड़ा सा गेट खोला एक इंच के करीब और उसमे अपनी आंख लगाकर तो जो दे एक नज़ारा आंखों के सामने आया मेरी आंखें फटी की फटी रह गई ... सामने मेरे मां चुदाई कर रहे थे ... मां अपना मुह पापा के पैरों की तरफ करके उनका लंड चूत में लेकर उछल रही थी जिससे मुझे उनकी पूरी बॉडी नंगी दिख रही थी ..... क्या कहूं इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी मां .... उनके बड़े बड़े और कसी हुई चूचियां उनके साथ साथ ऊपर नीच हो रही थी उनका चिकना पेट सेक्सी नाभि .. .देख कर मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं कब अपना लंड को पजमें से बहार निकल कर हिलाने लगा मुझे खुद भी पता नहीं चला ...... उनी टाइट चूत में पापा का लंड अन्दर बाहर होता हुआ साफ नज़र आ रहा था।

मैं उनको देखते हुए अपना लंड पकअड़ कर ज़ोर से मुठ्ठी मारने लगा और मां की पूरी कामुक नंगी शरीर को देखता ही जा रहा था..एक सपनो की दुनिया में खो गया था जिसमें सिरफ मां की नंगी बॉडी थी और मैं था। मां की एक आआह से मेरा ध्यान बापिस आया .... मां की चीख और हाव भाव से पता चला की मां झड़ गई है . और वो ढीली होकर पापा के ऊपर ही गिर गई ... पापा का लंड उनकी चूत से निकल गया ... लंड निकलते ही उनकी चूत का मुह वैसा ही खुला रह गया और मैं उसे बस देखता ही रह गया ... मन कर रहा था कि अभी जाकर अपना लंड मां की इस कामुक रसीली चूत में घुसा दूं ... पर अपने नसीब को कोस कर बैठा रहा ... इधर उन्होने अपनी स्थिति बदल ली थी और मां फिर से चुद रही थी क्योंकि पापा अभी नहीं झड़े थे..और अब उने कुतीया बना कर चोद रहे थे। ..
पापा जब लंड अंदर डालते तो उनके कूल्हें मां के बड़े चुतडो से टकराते और उनके बड़े तरबूज़ जैसे चुतड़ हिल जाते पूरी तरह ये नजर देख कर मेरे लंड ने अपना रस गेट पर ही छोड़ दिया ... पर इसके के बाद भी मेरा लंड उतना ही तंग हो कर खड़ा था और मैं फिर उसे पकड कर मुथियाने लगा ...



माँ अपनी गांड पीछे कर कर के लंड अपनी चूत में ले रही थी..और चिल्ला रही थी..



माँ-आह छोडो मेरे राजा अपनी रांड की चूत फड़ दो... आह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह बहुत ज्यादा तरसती है ये लंड के लिए....



पापा- साली कितनी चुडक्कड़ औरत है तू कल रात ही तेरी चूत और गांड फाड़ी थी और अब बोल रही है तरास्ती है हं आह्ह्ह्ह इतना चुदने के बाद भी तेरी चूत तंग कैसे है इसका तो भोसड़ा बन जाना चाहिए था।



मां-आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पता नहीं क्यों अगर कुछ घंटे ही लंड न मिले तो मेरी चूत सिकुड जाति है और पानी बहने लगती है तुमने ही...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह चोददद चोद कर लंड का ऐसा चस्का लगा दिय है मेरे राजा..



ये कहकर वो अपने चुचियां भींचने लगी ....औरपापा उनके चुतड़ दबाते हुए मां को और तेज चोदने लगे और मां की भी आआहह और तेज हो B मेरा हाथ भी लंड पर और तेज हो गया ..... थोड़ी देर के बाद अचानक मां की आह बंद हो गई ...और सिर्फ थाप थाप थाप की बहुत तेज आवाजें आ रही थी पूरे कमरे में ... पापा मां को बुरी तरह से चोद रहे थे और मां दोबारा झडने की कगार पर थी और पापा का भी निकलने वाला था अचानक से पापा ने मां की कमर को जोर से पकाड़ा और अपने हिप्स का झटका बहुत तेज से मारा जिस से वो बिल्कुल बुरी तारीके से मां के चूतड़ों से चिपक गए और मेरी मां के बड़े चुतड उनकी जांघों से दब गए... ऐसा लग रहा था पापा ने मां को अपने लंड पर टंग लिया है वो ऐसे पकडे हुए थे और वो फिर मां की चूत में ही झड़ गए ... ... उनके झड़ते ही मैंने भी अपना मुह भीच कर अपना रस एक बार फिर गेट पर छोड़ कर मां के नाम कर दिया ... मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी के मुझे अचानक बिस्तर पर कुछ हरकत होती हुई देखी मैंने देखा तो मां उठ रही थी और शौचालय की तरफ आने को थी मैं घबड़ा गया फिर अचानक प्रतिक्रिया करते हुए मैंने अपने आप को संभला और दूसरे गेट से तूरंत निकल गया... मुझे गेट... की आवाज़ आई लेकिन तब तक मैं किचन तक आ गया था ...औरफिर मैं देर ना करता हुआ अपने रूम में घुस गया ...मुझे यकीन नहीं हो रहा था ... मेरी इतनी आदर्शवादी मां जिसके मुह से कभी गली भी नहीं सुनी वो इतनी चुदक्कड़ है और ऐसी गाली दे देकर चुदवाया करती है ..

उसकी ये बात के दिन भर मेरी चूत प्‍यासी रहती है..मैं सोचने लगा ये वो ही मां है जिसे देख के दिन मे ये लगता है नहीं के सेक्स से इनका दूर तक का भी नाता होगा ... हाय और ये तो बिलकुल नहीं की ये चुदाई ऐसे करवाती होंगी ...और फिर पापा की वो बात याद आई तो सोचा चूत तो चूत होती है मां की हो या औरकिसी की भी ..

खैर पर इन सब बातो का नतीजा ये हुआ के जो ग्लानि मुझे अपनी मां के नंगे बदन को सोचने पर हो रही थी उसकी जगह अब उत्तेजना ने लेली अब मुझे उनके नंगे बदन को याद करने पर बहुत मजा आया ... और एक बार उनके कामुक बदन को सोचते हुए मुठियाने के बाद मैं ऐसे ही सो गया....

सुबाह जब आंख खुली तो मैंने देखा के मैं चादर ओढ़ कर सो रहा हूं और देखा तो मैं चादर के नीचे नंगा था क्योंकि रात को हिलाते हुए मैंने अपना पायजामा और अंडरवियर उतार दिया था..और मुझे याद है कि मैं बिना चादर के सोया था तो मुझे किसने चादर से ढका और जिसने भी किया होगा मैं नंगा जरूर दिखाऊंगा .... कौन हो सकता है ये सोचते हैं मैं उठाऔर वाशरूम जाकर ताजा हुआ और बहार आ कर मां को आवाज दी ..

मैं- मां चाय कहां है मेरी।?

मां- अभी ला रही हूं रुक..

मैं सोचने लगा कहीं वो मां तो ही नहीं थी जिसने मुझे नंगा देखा...

तबी मां आई चाय लेकर..

मैं- मां पापा और अनुज कहां हैं?

मां- पापा तो बाग पर ही गए हैंऔर अनुज शायद अपने दोस्त के साथ निकल गया...

मैं- अच्छा मां तो आज का क्या प्लान है आपका?

मां- हां मेरा बड़ा प्लान होता है बस ये घर के काम से फुर्सत मिल जाए बहुत है...

मैं- मां आप कहो तो मैं करवाऊं आपका काम...

ये बात मैंने उनके रात के रूप को याद करके कही...

मां- नहीं घर का काम मैं कर लुंगी तो बस अपने पापा की मदद कर जाके...

मैं- ठीक मां चला जाउंगा...

मैंने बहुत सोचा लेकिन मां का बरताव दैनिक जैसा ही था मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगा तो मैंने सोचा शायद मैंने ही चादर ले ली होगी और में बेकर में भ्रमित हो रहा हूं ... फिर मैं नास्ता करने लगा ...

माँ- चल तू पूरा खतम कर मैं बाकी का काम निपटाती हूं ये कहकर वो जाने लगी..या मैं उनको जाते हुए उनकी बड़ी गांड को देख रहा था ... मेरा लंड टाइट होने लगा ... मैं सोचने लगा पापा कितने भाग्यशाली हैं जो हर रात को गांड के साथ खेलते हैं....

मैं फिर हमेश की तरह लंड को एडजस्ट करके बाग की तरफ निकल गया ... रास्ते में जाते हुए मुझे पीछे से किसी ने आवाज दी ....

मैंने मुड कर देखा तो ममता चाची थी (गांव में हम अंकल और आंटी नहीं बोलते इसलिय ताऊ और ताई और चाची और चाचा कह कर सबको बुलाते हैं।)

ममता चाची मेरी गली में ही रहती थी उनके घर में तीन लोग हैं

1 राजन चाचा उम्र 40

थोड़ी सी तोंड निकली हुई पापा के अच्छे दोस्त हैं..

2 पल्लवी उम्र 18 साल

बिलकुल ही मस्त 18 साल की लड़की, मुझे भइया कहती है तो कभी गलत नहीं सोचा, लेकिन इसके बारे में मैंने सुना है कई लोगो से कि इसे और मेरे भाई अनुज को कई बार अकेले में देखा है। मुझे भी शक था लेकिन मैंने सोचा जवान है उनकी लाइफ है मैं क्यों टेंशन लूं..

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ये पल्लवी माल भी बहुत मस्त है जिसे देखकर ही लंड खड़ा हो जाए। शरीर बेहद कामुक गेहुआं रंग

इतनी सी उमर में भी स्तन और गांड बहुत बड़े बड़े हैं..या हो भी क्यों ना अपनी मां पर जो गई है ममता चाची के भी सब कुछ बड़े बड़े हैं...

ममता चाची उम्र 38

एक दम फ्रैंक नेचर सबसे हंस कर बात करना और ये मज़ाक भी बहुत करती है ऐसे वाले... डबल मीनिंग बातें भी करती हैं...

चूचियां ऐसी जो हमेशा ब्लाउज के बाहर आने को बेताब रहती हैं और आएं भी क्यों न पपीते जैसी बड़ी बड़ी उनके नीचे कामुक गदराया हुआ गोरा गोरा पेट, जो साड़ी और ब्लाऊज़ के बीच से हमेशा लुभाता रहता है साड़ी हमेशा नाभी से एक इंच नीचे रहती है जिससे कि कामुक गोल नाभी के भी दर्शन होते रहते हैं नाभी भी ऐसी की देखकर जीभ डालकर चाटने का मन करता है, और फिर थोड़ा नीचे पीछे घूमें तो आते हैं चाची के गोल मटोल और बड़े से चूतड़, हाय चूतड़ ऐसे जो साड़ी को हमेशा उठाए रहते हैं ऐसा लगता है साड़ी के अंदर दो तरबूज़ रखे हैं चाची ने, तो ये हैं हमारी ममता चाची)

मैं- नमस्ते चाची

ममता सी- नमस्ते बच्चा.. अच्छा हुआ तू मिल गया.. नहीं तो मुझे इतनी दूर जाना पड़ता...

मैं- क्या हुआ चाची कोई परशानी

ममता सी- अरे नहीं बछुआ कोई परशानी नहीं बस वो अचार डालना था तो आम चाहिए था तो बाग में जा रही थी अब तू ही मिल गया है तो तू ही लादे मुझे घर का भी बहुत काम करना है....

मैं- बिलकुल चाची ले जाऊंगा कितने आम चाहिए...

ममता सी- 5 किलो ले आओ सुन थोडे कच्चे आम ही तोडना बच्चा उनका अच्छा अचार पड़ता है..

मैं- क्या चाची... मुझे तो पक्के आम बहुत पसंद हैं...

ये कहते हुए मेरी नज़र उनके ब्लाउज से बहार दिखते हुए आम पर मेरा मतलब है चुचीयों पर चली गई .... ममता चाची ने भी शायद देखा लिया तो बोल पड़ी

ममता सी- अरे बच्चा तुम आओ तो सही तुमको पक्के आम हम खिला देंगे तुम अभी कच्चे ही ला दो..

मैंने जैसा बताया ममता चाची बहुत मजाकिया हैं और डबल मीनिंग बातें करने में इन्हें बड़ा मजा आता है..तो मैंने भी बोल दिया

मैं- चाची आपके आप मीठे तो होंगे ना...

ममता सी- बछुआ तूने इतने रसील आम कभी नहीं चखे होंगे तू कभी चखने आ तो सही..

मैं- फिर तो बढ़िया है चाची मैं अभी आपके लिए बाग से आम तोड़कर लाता हूं.. तबी आप अपने आम खिला देना...

इतना सुंकर चाची हंसते हुए कहने लगी...

ममता सी- हमारा बचुआ बड़ा हो गया है लगता है..अब बातों में मत लग और जा आम लेकर आ...

मैं- चाची आपके लिए तो मैं छोटा ही हूं, मेरा कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए... ही ही ही

ममता सी- अब जा दुष्ट है पूरा तू भी..

चाची ये कहते हुए चली गई और मैं भी उनकी गांड देख कर लंड खुजाने लगा और अपने बाग की ओर निकला गया ...

बाग में पाहुच कर पापा को बोला के..

मैं- 5 किलो आम तोड़ दो कच्चे ममता चाची ने मांगे हैं..

पापा- अचार डालने के लिए मांगे होंगे..

मैं- ह्न पापा आप तो दे देंगे मैं दे दूंगा अभी मांगे हैं...

फिर मैंने और पापा ने ढूंढकर आम तोड़े और फिर एक थाइले में भर दिए और मैं चाची के घर की और निकलने लगा तो पापा बोले ..

पापा- सुन करमा तू पैसे वगेरा की बात मत करना कुछ ममता से..वो दे भी तो मत लेना... बोलदेना के पापा से बात करलो..

मैं- ठीक है पापा मैं वैसा भी नहीं लाता...

पापा- चल ठीक है जा तू...

इतना कहकर मैं बाग से ममता चाची के घर की और निकला गया...

अब आगे ममता चाची ने कर्मा को आम खिलाये या नहीं ... ये सब पता चलेगा अगला अपडेट में ... आप लोग कृपया फीडबैक देते रहे जिनसे ये पता चलता रहे मुझे के मैं सही से लिख भी रहा हुं या नहीं ... शुक्रिया
Ye karma to maha dust ke sath sath nauva ajuba wala kamina hai jaha se muh pher kar aana chahiye vaha aankhe badi badi headlight jaisa kar ma bap ke gupt kriya ko dekhne lag gaya. Sirf dekha hi nehi ma ke bhari huyi jism aur kamuk ada dekh itna kaam vibhor ho gaya ki kud ke satho ko hi kast dene laga. Nirlaj aur hawsi balak kamina karma.

Adbhut atulniya lekhan kaushal:clapclap::clapclap::clapclap::clapclap:
 
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Ye karma to maha dust ke sath sath nauva ajuba wala kamina hai jaha se muh pher kar aana chahiye vaha aankhe badi badi headlight jaisa kar ma bap ke gupt kriya ko dekhne lag gaya. Sirf dekha hi nehi ma ke bhari huyi jism aur kamuk ada dekh itna kaam vibhor ho gaya ki kud ke satho ko hi kast dene laga. Nirlaj aur hawsi balak kamina karma.

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Bahut bahut dhanyawad bhai, ab karma to majbur hai apane hathiyar ke hathon। Waise apki pratikriya humesha ki tarah hi kafi mazedaar hai bahut bahut dhanyawad
 
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Neend mai bhi porn chal raha hai iske. Mai kahta hu XP 007 ko ye system de do. Uss ka internet ka recharge bach jaaega. Pure din wahi :shag: karta rahta hai ab toh hand bhi facture ho gaya.
Aur ye karma toh karma hai par bhai abhi singel hai aur mingel hine ke liye jhatpata raha hai. Bahar koe na mile rahi toh kya bhai aatmanirbhar banega.
Ghar mai hi collobration karega. Par ye uski Ghalti bhi nahin...aurat ka chakar hai babu bhaiya...aurat ka chakar.

Aur karma bhi bechara kab tak apna haath jaganaath ke muhavre par chalta rahega. Usko bhi toh sahara chahiye. Taaki vo duet mai collobration kar sake. :D

Aur lagta hai jalde hi bhai virgin karma se stud karma bnn ne wala hai.
Bhoute hi accha update tha , bus karma ko apna mann pasand kaam mile jaae.
Aisi mazedaar pratikriya ke liye bahut bahut dhanyawad bhai... Isi tarah sath banaye rakhein...
 
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लास्ट अपडेट में अपने देखा के कर्माऔरपापा आम तोते हैं और उन ले कर कर्मा ममता चाची के घर के लिए निकल जाता है ... अब आगे

अपडेट 3

मैं आम का थैला लेकर ममता चाची के घर की तरफ चल दिया..लेकिन चलते हुए मुझे बहुत ही उत्तेजना हो रही थी की ना जाने ममता चाची के यहां क्या होगा ... . क्या वो आम मुझे सच में आम चूसने को मिलेंगे ये सोचते ही मेरा लंड फिर से तंग हो गया .. मैंने गेट खाट खाटया और गेट खुला और मेरे सामने पल्लवी खड़ी थी ... वो मुझे देख कर मस्कुराई और बोली ...

पल्लवी- हैं भइया आए और आए हैं....

मैं- कैसी हो पल्लवी?

ये बोलकर मैं आंगन में पड़ी खाट पर जाकर बैठ गया

पल्लवी- मैं बहुत अच्छी हूं भैया .. आप तो अब घर कभी आते ही नहीं ... आज भी काम था इसलिय आए बस ..

मैं- अच्छा पागल मैं नहीं आता तो तू बड़ा आती है घर ... ये नहीं जाकर अपनी ताई जी की मदद करवा दे और अनुज से बी मिल लिया कर ....

पल्लवी अनुज का नाम सुनकर शर्मा गई ...झिझकते हुए बोली

पल्लवी- अब जरूर आउंगी भैया वो पढाई में थोड़ी बिजी थी...

मैं- चल पढाई तो अच्छी बात है लेकिन इतना भी व्यस्त मत हो जा के सब को भूल जाए ... अच्छा चाची कहां है कहीं दिख नहीं रही?

पल्लवी- वो मम्मी छत पर कपड़े डालने गईं हैं बस आती ही होंगी

पल्लवी के इतना कहते ही आवाज आई

ममता सी- कौन आया है पल्ली?

मैं- मैं हूं चाची।

मैंने इतना बोल कर नज़र घुमाई उन्की तरफ तो देखता ही रह गया... इस समय चाची सिरफ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी...और उनकी चिकनी कमर... पर नज़र पड़ने ही मेरा लंड हरकत करने लग गया..क्या कमर थी चाची की बहुत ही चिकनी और उस भी पर अभी नहाने की वजह से कुछ पानी की बूंदे फिसल कर मस्ती कर रही थी मन तो कर रहा था अभी भी उन बूंदों से भरी पूरी कमर को मसलूं और चाटुं ... उनकी नाभी में जीब डालू .



मैं इन्हीं ख्यालों में खोया हुआ था जब चाची ने बोला...

ममता सी- अरे कर्मा बच्चा आ गया तू...आम भी ले आया चल बहुत अच्छा किया बेटा... पल्लू तू क्या देख रही है खड़ी खड़ी भैया के लिए चाय बना...

मैं- अरे नहीं चाची चाय नहीं पीनी..

ममता सी- ऐसे कैसे नहीं पिनी पल्ली तू जा बना के ला

इतना सुनकर पल्लवी चाय बनाना चली गई ..

और चाची वैसे ही पेटीकोट ब्लाउज में मेरे पास आकर बैठा गई ... मेरी नज़र उनके पेट और ब्लाउज में कसी उनकी चुच्चियो से हट ही नहीं रही थी और मेरा लंड पूरी तरह जाग कर मेरे पजामे पर दस्तक दे रहा था। मैंने उसे छुपाने के लिए अपनी टांगो को मोड़ कर एडजस्ट किया और जितना कर सकता था बिना चाची को पता लगे ..

ममता सी-अच्छा कर्मा बच्चा चाय नहीं पियेगा तो कुछ और बनवा दूंगा बता अभी चढाई नहीं होगी पल्ली ने ... पर तुझे कुछ ना कुछ तो लेना ही पड़ेगा ...

मैं- हैं चाची मैं तो यहां पके हुए आम चखने आया था वो चखाओ...

ममता चाची मेरी ये बात सुनकर पहले तो थोड़ी शांत हुई फिर शर्मा कर हंसने लगी ...औरबोली

ममता सी- तू भी बहुत दुष्ट होता है जा रहा है। लगता है दीदी से कह कर जल्दी ही तेरी शादी करनी पड़ेगी...

मैं- क्या चाची आम खाने के लिए शादी की क्या जरूरी है ....

ये बात मैंने उनकी ब्लाउज से बाहर आती हुई चुचीया देखते हुए बोली .... तो जब उन मेरी नजर का पीछा किआ तो वो भी समझ गई मैं क्या देख रहा हूं तो थोड़ी और असहज हो गई और कुछ सोचेते हुई मुस्कुराते हुई बोली...

ममता सी- अच्छा तो तुझे मेरे आम ही खाने हैं... पर मैंने आम तो तेरे चाचा के लिए बचा कर रखे हैं वो ही खाते हैं...उन्हे भी बहुत पसंद हैं....

चाची से ये बात सुनकर मेरा हाल और बुरा हो गया मेरा लंड बिलकुल टाइट हो गया था और अब मुझसे चुप नहीं रहा था ...

मैं- क्या। चाची आप मुझे प्यार ही नहीं करती .. चाचा को तो रोज़ आम चुस्वती हो और मुझे मना कर रही हो ...

ममता सी-अरे मेरा बच्चा तू तो मुझे सबसे ज्यादा प्यारा है... गुस्सा ना हो

इतना कहकर चाची मेरे करीब आकर मेरे सर पर हाथ फिराने लगी ... लेकिन उनके पास आने से मेरी परशानी और बढ़ गई अब तक कैसे भी मैंने लंड छुपा कर रखा था वो सब साफ साफ दिख रहा था ... उन्हें देख कर मेरा लंड फुंकार रहा था और इतना टाइट हो गया था के अब दर्द भी हो ने लगा था ...

मैं – आह तो फिर आम चुसाओ न चाची..

मेरी लंड के दर्द से आह निकल गए। पर मेरी नज़र उनकी चुचियों और पेट से हट ही नहीं रही थी ... मैंने अपने लंड का अपने हाथो से छुपा रखा था।

ममता सी- अरे चूस लेना बच्चा किसी दिन आराम से,और क्या हुआ तुझे आह क्यों कर रहा है तेरी तबियत तो ठीक है ना....
मैं- हां चाची मैं ठीक हूं, लेकिन एक बात कहूं आप बहुत खूबसूरत हो .... चाचा बड़े भाग्यशाली हैं के आप उन्हे मिली ...
ममता सी- बातें मत बना ये बता हुआ क्या है ला हाथ दिखला कहीं तुझे बुखार तो नहीं...
मैं- नहीं चाची मैं...
मैं इतना ही बोल पाया की चाची ने मेरा हाथ पकड लिया और हाथ हटते ही पजामे में बना तंबू और ऊपर हो गया और उनकी नजरो के सामने आ गया ...चाची की नज़र उस पर पड़ी और वो उसे देखे जा रही थी उनके मुह से बडी धीरे से निकला
ममता सी- हाय दया....
मेरा एक हाथ अब भी उनके हाथ में था लेकिन मेरा दूसरा हाथ जैसे उसका खुद का ही दिमाग हो अपने आप उनकी कमर पर चला गया ... और धीरे धीरे सहलाने लगा....
मैं- चाची तुम्हारा पेट बहुत चिकना है बिलकुल हीरोइन की तरह...
चाची कुछ नहीं बोली बस उसी तरह देखी जा रही थी ... उनके चेहरे से लग रहा था वो कुछ बोलना चाह रही है लेकिन शायद उनके मुह से बाहर ही नहीं आ रहे हैं .... ...

ममता सी- तेरा हथियार तो बहुत बड़ा है कर्मा...
मैने उन्हे और खोलने के लिए बोला
मैं- कौनसा हथियार चाची, मेरे पास तो कोई हथियार नहीं है
ये कहते हुए मैंने अपना हाथ उनकी नंगी कमर पर चला रहा था मैंने थोड़ा सा उनका पेट मसल भी दिया ... उनके मुह से आह्ह्ह निकल गई ...


अगला अपडेट बहुत ही जल्दी
 

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