Lustyweb's Exclusive Story Contest 2022 ➣ Reviews & Comments Thread

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दिल से दिल तक
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कहानी- हद से ज्यादा कुछ भी नही
रचनाकार- महोदया


अक्सर ऐसा ही होता है कि लड़के सिर्फ मतलब के लिए लड़कियों का इस्तेमाल करते हैं। ये बात लड़कों पर ही नहीं लड़कियों पर भी लागू होती है। बहुत सी लड़कियां लड़कों से सिर्फ इसलिए प्यार करती हैं कि वो उनका खर्च उठा सकें। लेकिन इस कहानी में बिल्कुल इसके उलट है। रवि अंजली से सिर्फ प्यार का नाटक करता है ताकि उसकी अय्यासी चलती रहे

यहां पर एक बात समझ नहीं आती की जब अंजली ने पहली बार उसका फेसबुक देखा तभी उसे उसके बारे में पता चल गया था। लेकिन फिर भी अंजली ने उसकी बात का भरोशा कर लिया। यहां तक कि उसके तंज भरे लफ्ज और प्रताड़ना को भी उसने चुपचाप सहन कर लिया। जबकि वो स्वावलंबी और कमाऊ लड़की थी। लेकिन कहते हैं न कि प्यार अंधा होता है यही अंजली के साथ भी हुआ।

जहां तक कहानी की बात है
तो कहानी औसत ही है। वार्तालाप के प्रवाह और संवेदनशीलता की कमी है कहानी में। एक पाठक को कहानी में जो मटेरियल चाहिए उसका अभाव है कहानी में। फिर भी आपने बहुत अच्छी कोशिश की है कुछ नया पेश करने की।।
 
दिल से दिल तक
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कहानी- मन्नत के दीयें
रचनाकार- महोदय।।


बहुत ही बेहतरीन और उम्दा रचना। पढ़कर मज़ा आ गया।।

सैम को अपनी बुआ से बिल्कुल भी लगाव न था, सैम की बात तो जाने दीजिए सैम के पापा को भी अपनी बहन से बिल्कुल भी लगाव न था। अपनी बहन के बच्चों से भी कोई सरोकार नहीं था उन्हें। पैसे ने उन्हें अंधा कर दिया था तभी तो सैम और उसके घरवाले समरीन, उसके भाई बहन और उसकी मम्मी को भिखारियों की तरह ट्रीट करते थे।
बहन भाई में ये रिश्ता तो नहीं होता, क्योंकि अगर भाई इस लायक हो जाता है कि वो भरपूर पैसे कमाने लगे तो वो अपनी गरीब बहन की मदद जरूर करता है, लेकिन वो अपनी बहन को भिखारी समझकर उन्हें पुराने कपड़े दे देते थे।।

ये समरीन और उसके घरवलों की मजबूरी कहें ये अपने मामा और भाई के लिए प्यार कि वो ये जानते हुए भी की उनके घर मे सम्मान नहीं मिलने वाला वो लोग उनके यहां आते थे। समरीन तो सैम को बचपन से ही पसंद करने लगी थी। वो सैम से प्यार करती थी, बेपनाह प्यार। समरीन जानती थी कि वो गरीब है। पढ़ी लिखी नहीं है इसलिए वो सैम की कभी नहीं हो सकती।
समरीन की ख्वाहिश सच में बहुत अजीब थी या पाक थी ये तो वही जाने लेकिन उसकी जो ख्वाहिश थी वो जरूर पूरी हो गई।।

अक्सर हम उसकी कदर नहीं करते जो हमारे सामने है। हम उसके पीछे भागते हैं जो मृगमरीचिका है। सैम को कभी भी समरीन के प्यार का एहसास नहीं हुआ, क्योंकि उसकी आँखों पर अमीरी और घमंड की पट्टी बंधी हुई थी, लेकिन जब समरीन इस नश्वर दुनिया को छोड़कर चली गई तब सैम को समरीन के प्यार का एहसास हुआ। लेकिन तब तक सबकुछ बदल चुका था। सैम सचमें बहुत ही बदनसीब था जिसने इतनी प्यार करने वाली लड़की को ठुकरा दिया। अब बहुत पैसा है सैम के पास लेकिन वो क्या समरीन को वापस ला सकता है क्या।।
 
दिल से दिल तक
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कहानी- एक सफर
रचनाकार- Ares महोदय

कहानी तो बहुत ही अच्छी है महोदय, परंतु फिर भी ऐसा लग रहा है कि कहीं कुछ छूट सा गया है।।
मतलब ये कि कहानी के धाराप्रवाह में हल्की कमी नजर आ रही है।। कहानी जिस तरह दिल के तार को छेड़कर जानी चाहिए वैसा हो नहीं पाया है। लेकिन फिर भी कहानी में दम है। साथ में अच्छी तरीके से प्रस्तुत भी किया है आपने।।

आकाश जो दिल्ली में रहता है और बेरोजगार है। नौकरी की तलाश में बहुत हांथ पांव मार रहा है।। आखिरकार जयपुर से साक्षात्कार के लिए उसका बुलावा आया ही गया। बेरोजगार व्यक्ति केलिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है कि उसे साक्षात्कार के लिए कहीं से बुलावा आया है। ये आकाश के लिए खुशी की बात थी।। जयपुर जाने का सफर अच्छा गुजरा, साक्षत्कार भी अच्छा ही रहा।
वैसे अगर आकाश के दोस्त जयपुर में थे तो उसे उनके पास जाना चाहिए था।।

वापसी में आकाश की मुलाकात हुई दीपिका और अरुण से।
बिना कुछ जाने पहचाने किसी के बारे में अपनी गलत राय नहीं बनानी चाहिए। खासकर तब जब वो कोई लड़की हो।। किसी के साथ हंसकर बात कर लेने से उसका चरित्र साबित नहीं हो जाता, लेकिन यहां पर दीपिका एक अलग मूड में ही नजर आई। उसकी इस हरकत से ये कहीं से भी नहीं लगा कि वो किसी सभ्य घर की लड़की है, क्योंकि ट्रेन में सामान्य श्रेणी के डिब्बे में ऐसी भीड़ हमेशा होती है तो इसका ये मतलब नहीं कि कोई लड़की अपनी मर्यादा भूल जाए और किसी लड़के का साथ पाने के लिए ऐसी ओछी हरकत पर उतर जाए। उस समय दीपिका के मन में क्या था ये तो वही जाने, लेकिन आकाश ने उस समय जो किया दीपिका के साथ वो इंसानियत के नाते किया।।

लेकिन ये क्या। आकाश को तो लगता है उस लड़की से प्यार हो गया है।। एक ऐसी लड़की से जिसके बारे में उसने बहुत कुछ गलत सोच लिया था जिसे बाद में दीपिका ने सही साबित कर दिया आकाश की नजर में।।
 
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कहानी- इश्क़ ही तो है
रचनाकार- महोदय


कहानी भले ही आपकी अपनी व्यक्तिगत कहानी है लेकिन आपने कहानी बिना सिर पैर के लिख डाली है। अगर आप चाहते तो इसे बहुत ही अच्छी तरीके से पेश कर सकते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक और बात कि ये कहानी UA के अंतर्गत आती है। इस कहानी में मुख्य पात्र बामुश्किल 15 या 16 वर्ष का है। इस हिसाब से तो ये कहानी इस कॉन्टेक्स्ट में लिखने की अनुमति ही नहीं है।।

साथ ही साथ कहानी में इतने ज्यादा किरदार हैं कि उनका वर्णन करते समय आपने खिचड़ी बना दिया है।। मैं आपको हतोत्साहित नहीं कर रही हूँ बाकी आपकी कमियां बता रही हूँ ताकि अगर भविष्य में आप कोई कहानी लिखें तो उसमें सुधार करें।। आपने इस कॉन्टेक्स्ट में भाग लिया और अपनी कहानी हम सब पाठकों के लिए प्रस्तुत की। इसके लिए आप तारीफ के हकदार हैं।।
Shukriya mohtrama,
Hume ilme nahin tha. Par aapne jo kaha hai vo bilkul sahi farmaya. Upar waale ki raja rahi toh hum inn baato ka khayal rakhnege.
 
दिल से दिल तक
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कहानी- हमारी अधूरी प्रेम कहानी
रचनाकार- महोदय


बहुत बढ़िया महोदय।।

हर चीज़ को पाने की जल्दबाज़ी और उसे पाने के लिए की गई देरी दोनों ही कभी फायदेमंद नहीं होती। या तो वो दिल तोड़कर जाती हैं या सपना तोड़कर।। अब आशिकों को यही पता नहीं रहता कि प्यार के इज़हार का उचित समय कौन सा है जिसमें देर भी न हुई हो और जल्दबाज़ी भी न हुई हो।।

किसी को एक ही नजर में पसंद कर लेना आजकल के प्रेमियों के लिए जैसे एक आम बात हो गई है। चाहे हकीकत हो या अफसाना हो। जहां देखो वहीं सुनने को मिलता है कि उसे पहली नजर का प्यार हो गया है।। प्यार का एहसास जब हो जाता है तो अपना दोस्त भी दुश्मन लगने लगता है जैसे अभी अनुज बेनाम प्रेमी को लग रहा है।( आपने कहानी के नायक का नाम नहीं बताया ) जब बेनाम प्रेमी को ये लग रहा था कि प्रिया भी उससे प्यार करती है तो एक बार उसे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए थी, कम से कम इस बात का मलाल जीवन भर नहीं रहता कि उसका प्यार उसे नहीं मिला।

एक बात और। कभी भी लड़की मौका नही देती कुछ बोलने का, लेकिन जब यहां प्रिया उसे मौका दे रही थी कुछ बोलने का तो उसने शेखी बघारने के चक्कर मे वो भी मौका हाथ से जाने दिया। कम से कम एक बार कह देने पर जिंदगी भर का मलाल तो नहीं रहता न कह पाने का। चलो ये भी अच्छा ही हुआ कि कम से कम इसी बहाने उनकी दोस्ती सलामत है। नहीं तो इज़हारे मोहब्बत के बाद उनकी दोस्ती भी टूट सकती थी।।
 
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कहानी- प्रेम मिलन
रचनाकार- Aanand महोदय


बहुत ही छोटी और अच्छी प्रेम कहानी।।

प्यार तो सभी करते हैं लेकिन अपने प्यार के लिए कुर्बानी कुछ गिने चुने लोग ही देते हैं।। राज और माही एक दूसरे से बेपनाह प्यार करते हैं लेकिन राहुल बहुत ही लापरवाह है जिसे अपने भविष्य की कोई चिंता नहीं है।। जिसके लिए राहुल के पापा राज ने एक बहुत ही अच्छा तरीका निकाला उसे सही रास्ते पर लाने का। ये तरीका जरूरी नहीं था कि सफल हो ही जाता, लेकिन एक खतरा उन्होंने उठा ही लिया।

यहां पर माही की भी दाद देना बनता है। कितना दुःख और दर्द हुआ होगा माही को जब उसने राहुल से ये कहा होगा कि वो उससे प्यार नहीं करती। राहुल से ज्यादा दर्द तो माही को हुआ होगा।। लेकिन उसने एक सच्ची प्रेमिका का फर्ज निभाया, साथ ही मेहनत और लगन से डॉक्टर भी बनी।। राज सच मे बहुत अच्छे पिता और बहुत अच्छे इंसान सबित हुए। उन्होंने राहुल के सफल और सुधर जाने के बाद भी माही को अपनाने से इनकार नहीं किया बल्कि राहुल को बिना बताए उसकी सगाई भी फिक्स कर दी माही के साथ। आज दोनों अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।।
 
दिल से दिल तक
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कहानी- कौन गलत कौन सही
रचनाकार- महोदय


बहुत ही बेहतरीन और सच्चे प्यार को चरित्रार्थ करती प्रेम कहानी। जिसका अंत भले ही दुःखद हुआ,
लेकिन सूरज और प्रिय ने आजकल के युवा वर्ग और समाज के सामने एक मिसाल पेश की सच्चे प्यार की और कई सवाल भी छोड़े उन मां बाप के लिए जो अपनी झूठी जिद और अहंकार में आकर अपने बच्चों के साथ गलत कर जाते हैं।

सूरज और प्रिया के माँ बाप ने बिल्कुल भी गलत नहीं किया।। बस गलती ये हुई उनसे कि उन्होंने अपने बच्चों को समझने की कोशिश नहीं की। यहां पर सूरज और प्रिया भी एक जगह गलत हैं कि उन्हें अपने जीवनसाथियों से एक बार सूरज और प्रिया के बारे में बात करनी चाहिए थी हो सकता है वो उनके सच्चे प्यार की कद्र करते और इस रिश्ते से पीछे हट जाते। जिससे सूरज और प्रिया को और समय मिल जाता अपने माँ बाप को समझाने का।।
किसी भी बाप के सामने ये स्थिति आएगी जैसी सूरज के पिता के सामने आई थी तो उसकी त्वरित प्रतिक्रिया वही होगी जो सूरज के पिता की थी। शायद सूरज और बात करता तो वो मान भी जाते।।

सूरज और प्रिया ने अपने माँ बाप की बात मान ली और उनके मान सम्मान के लिए अपने प्यार का गला घोंट कर अलग अलग शादी कर ली, यहां पर मां बाप का भी फ़र्ज़ है कि उन्हें अपने बच्चों की भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए। अगर बच्चे अपने प्यार के बारे में मां बाप से कुछ कहें तो उन्हें चाहिए कि वह उसके बारे में अच्छे से सोच विचार कर निर्णय लें। लेकिन अगर उन्होंने मना कर भी दिया तो उन्हें किसी भी दृष्टि से गलत नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि माँ बाप कभी भी अपने बच्चों के लिए गलत नहीं सोचते। बाकी किसके नसीब में क्या लिखा है और उसका भविष्य क्या है ये कोई नहीं बता सकता।
और ये कहना गलत होगा कि सूरज और प्रिया की ज़िंदगी बर्बाद हो गई। वक्त हर जख्म को भर देता है। ज़िन्दगी कभी नहीं रुकती। आगे बढ़ते रहने और एक दूसरे को समझने से जिंदगी बर्बाद नहीं बल्कि आसान हो जाती है।।
 
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कहानी- वीराक्षी की लव स्टोरी
रचनाकार- Aakesh. महोदय


बहुत ही बढ़िया प्रेम कहानी महोदय, जिसका अंत सुखद हुआ है वीर और साक्षी को उनकी मंजिल मिली।।

अपने तो कॉलेज के जमाने की यादें ताज़ा कर दी हैं
महोदय वैसे तो मैं कॉलेज गई नहीं हूँ। लेकिन दोस्तों और लोगों के मुंह से सुना है कि कॉलेज का समय ऐसा ही होता है।। मस्ती ज्यादा पढ़ाई कम।

वीर ने भी बारहवीं के बाद कॉलेज में दाखिला लिया। वो पढ़ाकू छात्र था इसलिए उसने विज्ञान विषय से आगे की पढ़ाई जारी रखी।। स्वभाव से भी काफी मिलनसार और अच्छा था तभी उसके बहुत जल्दी दोस्त भी मिल गए,
वरना कॉलेज में दोस्ती करने में बहुत समय लग जाता है कभी कभी तो पूरा वर्ष तक बीत जाता है।।

प्रेम कहानी की शुरुआत हमेशा दो तरह से होती है। या तो लड़की को पीछे से देखकर उसपर मर मिटते हैं या लड़की को आगे से देखकर। कहने का मतलब ये कि इस बार वीर का दिल साक्षी के लहराते गेसुओं में कैद होकर रह गया। कुछ दिन बाद साक्षी को ये एहसास हो ही जाना था कि कोई उसे अपलक देखता है।।
ये लड़कियों की छठी इंद्री बहुत मजबूत होती है, लेकिन तब तक, जब तक सबकुछ सही चलता रहता है।। लेकिन जब कोई मुसीबत आने वाली होती है तो लड़कियों के दिमाग की तरह इनकी छठी इंद्री भी घुटने में आ जाती है।😬😬 वीर ने भी अपने प्रेम का इजहार कर दिया वो भी बहुत ही बेहतरीन तरीके से। साक्षी तो कब से इस प्रेम प्रस्ताव का इंतज़ार कर रही थी तो उसे मानना ही था। आज दोनों पति पत्नी बनकर खुशहाल जीवन बिता रहे हैं।।
 
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कहानी- वर्जिन सील टूटी लेकिन........
रचनाकार- ELIXIR महोदय


कहानी की शुरुआत से ऐसा कहीं से नहीं लगा कि नैना एक प्यार करने वाली लड़की/औरत है, क्योंकि उसका खुद का पति उसे 30 से 35 मिनट ठोंकने का दम रखता है। इतने में तो किसी हथिनी की भी प्यास बुझ जाए, तो नैना की प्यास नहीं बुझी ये कहना सही नहीं होगा।

नैना की हरकत से यही लगता है कि उसे नए नए मर्दों के साथ संबंध बनाने का शौक है। उसे भिन्न भिन्न मर्दों के साथ सोने में मज़ा आता है। तभी उसने विजय से एक दो मुलाकातों में अपने शयनकक्ष में बुला लिया।।

कहानी बहुत ही औसत दर्जे की है। लेखन में अभी बहुत ज्यादा सुधार की आवश्यकता है। फिर भी आपने कहानी लिखने की कोशिश की, यही इस फोरम के लिए अच्छा है।।
 
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कहानी- संयोग- एक सच्चा प्रेम
रचनाकार- Destiny महोदय


बहुत ही बेहतरीन और शानदार कहानी महोदय।। हम तो शुरू से ही आपकी लेखनकला के मुरीद हैं आपने ये कहानी लिखकर हमें और ज्यादा अपना मुरीद बना लिया है। औवल दर्जे की रचना है ये।।

समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता है। जिसकी किस्मत में जो कुछ लिखा होता है वो उसे जरूर मिलता है। ये अपने हाथ मे नहीं होता। ये किस्मत तय करती है कि वो चीज उसे कब कहां और किस हालात में मिलनी है।

रौनक बहुत ही होनहार छात्र है, जिसने दसवीं कक्षा बहुत ही अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। उसकी ये खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी जब उसके पापा इस दुनिया को छोड़कर चले गए।। दुःख तो बहुत बड़ा था लेकिन रौनक और उसकी माँ ने न केवल दुःखों का सामना किया बल्कि आगे अच्छा और सुसंस्कृत जीवन भी व्यतीत किया।

रौनक की प्रेम कहानी भी बहुत मजेदार है। जिस कुत्ते को रौनक गाली दे रहा है असल मे वही कुत्ता रौनक और रोशनी की प्रेमकहानी का आधार है। उस कुत्ते ने ही रौनक को रोशनी तक पहुंचाया। रौनक तो पहली नजर में ही रोशनी के ऊपर फिदा ही गया। यही हाल रोशनी का भी था। लेकिन समय बहुत बलवान होता है , समय के चलाये गए चक्र के कारण ही रोशनी और रौनक इतने साल एक दूसरे से दूर रहे, इसे संयोग ही कहेंगे कि रौनक ने जब शादी के लिए हां कहा तो किस्मत ने उससे शादी के लिए रोशनी को ही भेज दिया। दोनों का प्यार अपने परवान चढ़ गया।।
 
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