Incest मेनका – हुसन्न की मालिका

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थोड़ी देर बाद होटेल के 1 कमरे मे माजिद नंगा लेटा था & उसका लंड उसके उपर बैठी मलिका की चूत मे था.मलिका उसके उपर झुक कर अपने बाए हाथ से पकड़ कर अपनी बाई चूची माजिद के मुँह मे दे रही थी & माजिद के हाथ उसकी पीठ पर फिसल रहे थे.थोड़ी देर बाद उसने बाई निकाली & दाई चूची उसके मुँह मे डाल दी.माजिद ने ऐसी खूबसूरत लड़की पहले कभी नही चोदि थी & उसके लिए अब अपना पानी रोकना मुश्किल हो रहा था.उसने अपनी कमर हिला कर धक्के मारना शुरू किया तो मलिका उठ कर बैठ गयी & कमर हिला-2 कर उसे चोदने लगी.

मलिका ने अपने हाथ अपने बालों मे फिराने शुरू कर दिए,माजिद की तो हालत बुरी हो गयी.उसने अपने हाथों से उसकी चूचिया मसलनी चालू कर दी & ज़ोर-2 से कमर हिलाते हुए उसकी चूत मे झाड़ गया.मलिका नही झड़ी थी पर जैसे ही उसने माजिद का पानी अपनी चूत मे महसूस किया वो झुक कर उस से चिपक गयी & झड़ने की आक्टिंग करने लगी.

मलिका उसके उपर से उतर कर उसकी बगल मे लेट गयी.माजिद उसे बाँह मे घेर कर उसका पेट सहलाने लगा.

"माजिद..."

"ह्म्म."

"तुम्हारे प्लेन मे काफ़ी माशूर लोग भी आते होंगे ना?"

"हुउँ.",माजिद झुक कर उसकी चूचिया चूसने लगा.

"कौन-2 बैठा है तुम्हारे प्लेन मे?"

"राहुल द्रविड़,जॉन अब्राहम,प्रिटी ज़िंटा,सानिया मिर्ज़ा..",उसने चूसना छ्चोड़ उन चूचियो को फिर से दबाना चालू कर दिया.

"रियली!और?",मलिका ने उसका लंड अपने हाथ मे ले लिया.

"..और....कुच्छ पॉलिटिशियन्स."

"..और बिज़्नेसमॅन?",वो अब लंड हिलाकर उसे दुबारा खड़ा कर रही थी.

"हा...जिंदल स्टील का मालिक आया था 1 बार.और अपने राजकुल के राजा साहब को तो मैं हमेशा ले जाता हू."

"सच मे?राजा साहब को भी.वाउ!....कही तुम मुझे बना तो नही रहे माजिद?"

"अरे नही,मेरी जान.तुम्हे पता है मैं हर बार उनकी फ्लाइट पाइलट करता हू.",वो इस लड़की को इंप्रेस करने का मौका नही छ्चोड़ना चाहता था."..और तुम्हे पता है कि उनका बेटा ..-"

"-..वो जो ड्रग अडिक्ट हो गया है?"

"हा,और जिसके बारे मे कोई नही जानता कि वो कहा गया है."उसने मलिका को लिटा दिया & अपनी उंगली उसकी चूत मे डाल दी.,"...पर मैं जानता हू."

"..अच्छा..",मलिका ने आँखे बंद कर ऐसे जताया जैसे उसे बहुत मज़ा आ रहा था जबकि हक़ीक़त मे उसका पूरा ध्यान माजिद की बातों पर था.उसने सपने मे भी नही सोचा था कि बिना राजा का नाम लिए वो उसे ये सब बताने लगेगा.

"हा.राजा साहब का बेटा बॅंगलुर मे है किसी डॉक्टर.पूरी..नही पूर्वे.....हा याद आया.डॉक्टर.पुरन्दारे के क्लिनिक मे."

मलिका का काम हो गया था.उसने माजिद को अपने उपर खीच लिया जोकि अपना लंड उसकी चूत मे घुसाने लगा.


थोड़ी देर बाद माजिद को गहरी नींद मे सोता छ्चोड़ मलिका लिफ्ट से नीचे होटेल के एग्ज़िट की तरफ जा रही थी.माजिद बेचारे को पता भी नही था कि उसने कितनी बड़ी ग़लती कर दी थी.

मलिका की चूत मे आग लगी थी.माजिद उसे ज़रा भी शांत नही कर पाया था.घर पहुँच कर जैसे ही उसने जब्बार को सारी बात बताई वो खुशी से पागल हो गया & उसे खींच कर अपनी बाहों मे भर चूमने लगा.यही तो मालिका चाहती थी.उसने भी 1 हाथ से उसका लंड पकड़ लिया & दूसरे से अपने कपड़े उतारने लगी.

जब्बार अपने दोनो साथियों के साथ बॅंगलुर जाने की तैय्यर. करने लगा,"हम तीनो अलग-अलग बॅंगलुर पहुँचेंगे & इस होटेल के रेस्टोरेंट मे मिलेंगे.",उसने मिलने का दिन & समय भी दोनो को बताया.

"यहा से हम मे से कोई भी सीधे बॅंगलुर नही जाएगा.हम सब यहा से 3 अलग-2 शहरों को जाएँगे & वाहा से बॅंगलुर जाएँगे & कोई भी अपना सही नाम इस्तेमाल नही करेगा."

"वाहा पहुँच तो जाएँगे पर विश्वजीत को रहाब सेंटर से कैसे निकालेंगे?",ये सवाल कल्लन ने पुचछा.

"वाहा पहुँच कर हम सेंटर के बारे मे सारी जानकारी जुटाएँगे & फिर मैं आगे का प्लान बनाऊंगा.फिलहाल तो मैं हम सब के ट्रॅवेल प्लॅन्स अरेंज करता हू.",जब्बार फ्लॅट से बाहर निकल गया.

उसके निकलते ही मलिका दौड़ कर खड़े हुए कल्लन की गोद मे चढ़ गयी,अपनी टाँगो से उसने उसकी कमर जाकड़ ली & उसे चूमने लगी.कल्लन के हाथों ने उसकी गंद को थाम लिया.मलिका केवल 1 टी-शर्ट पहने थी.कल्लन ने उसे 1 दीवार से चिपका दिया & 1 हाथ से उसको थाम कर दूसरे से अपनी पॅंट खोल अपना लंड निकाल लिया.

उसने खड़े-2 ही अपना लंड मलिका की चूत मे उतार दिया & उसे दीवार से लगा कर धक्के मारने लगा.मलिका अपनी जीभ से उसके कान को चाटने लगी & उसके बड़े लंड का मज़ा उठाने लगी.

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सवेरे थोड़ी देर से मेनका की आँख खुली.कल राजा साहब ने उसे कुच्छ ज़्यादा ही जम कर चोदा था.उसे मज़ा तो बहुत आया था पर उतनी ही थकान भी हो गयी थी.उसने सोचा कि आज ऑफीस ना जाए पर फिर लगा कि कल ही तो उसे वी-पी बनाया गया है & आज पहले दिन ही ग़ैरहाज़िर रहे,ये अच्छा नही लगेगा.फिर आज सॅटर्डे था,तो ऑफीस आधे दिन मे ही ख़तम हो जाना था.

मेनका तैय्यार होकर नीचे आई तो पता चला कि राजा साहब पहले ही ऑफीस जा चुके हैं तो वो भी फटाफट नाश्ता कर ऑफीस पहुँच गयी.आज राजा साहब ने ऑफीस मे कल वाली हरकत नही दोहराई तो उसने राहत की साँस ली पर साथ ही साथ थोड़ा निराश भी हुई.पर फिर आने वाली रात का ख़याल आते ही उसके होठों पर मुस्कान & चूत मे गीलापन आ गया.

शाम 4 बजे राजा साहब ने उस से ऑफीस से चलने को कहा.दोनो कार मे बैठ गये & राजा साहब ने ड्राइविंग शुरू कर दी.

"अरे,ये किधर जा रहे हो?ये रास्ता तो घर नही जाता."

"हा,हम घर जा भी नही रहे."

"तो फिर कहा जा रहे हैं?",मेनका खिसक कर अपने ससुर से सॅट कर बैठ गयी.

"वो तो पहुँच कर ही पता चलेगा.",उन्होने भी उसे अपनी बाँह मे समेट लिया.

"हम रात तक वापस तो आ जाएँगे ना?"

"अब तो हम कल शाम को ही लौटेंगे."

"ओह.पर हमे कपड़े तो ले लेने लेते घर से."

"जहा हम जा रहें है वाहा कपड़ों की कोई ज़रूरत नही है,मेरी जान.",राजा साहब ने उसके गाल पर चूम लिया.

"हटो.मैं बिना कपड़ों के नही रहूंगी.",मेनका बनावटी गुस्से से बोली.

"वो तो हम पहुँच कर देखेंगे.",उन्होने इस बार उसके होठ चूम लिए.

करीब 3 घंटे के बाद वो शहर को पार करते हुए अपनी मंज़िल पर पहुँच गये.वो 1 बड़ा-सा फार्महाउस था जिसके अगल-बगल और कोई बिल्डिंग नही थी.सबसे पास वाला फार्म हाउस भी 1/2किलोमीटर दूर था.राजा साहब ने कार से उतर कर गेट पे लटक रहा ताला खोला,कार अंदर की और गेट वापस लॉक कर दिया.

मेनका उतर कर अपने ससुर का हाथ थामे फार्महाउस को घूम कर देखने लगी.पीछे 1 बड़ा स्विम्मिंग पूल था और चारो तरफ हरी घास बिछि थी.फार्म हाउस की बिल्डिंग बहुत आलीशान थी.किचन मे खाने का सारा समान मौजूद था.

"ये सारा इंतेज़ाम,यहा की देख-रख कौन करता है?"

"केअरटेकर है.पर हमने उसे 2 दिन की छुट्टी दे दी है.अभी यहा हम दोनो के अलावा कोई भी नही है."राजा साहब उसे बाहों मे पकड़ने के लिए आगे बढ़े तो मेनका छितक कर दूर हो गयी.,"पहले कुच्छ खा लें."

मेनका ने खाना निकाला तो राजा साहब ने उसे खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया & दोनो वैसे ही खाने लगे.मेनका की बड़ी गांद का दबाव पड़ते ही राजा साहब का लंड खड़ा हो गया & मेनका उसकी चुभन अपनी गांद पे महसूस करने लगी.खाना ख़तम होते-2 दोनो गरम हो चुके थे.

राजा साहब ने गोद मे बैठी अपनी बहू को चूमना शुरू कर दिया.उनके हाथ उसकी कमर & गंद को सहला रहे थे.मेनका भी उनकी किस का पूरा जवाब देते हुए अपनी गंद से उनके लंड को रगड़ रही थी.राजा साहब ने अपना हाथ कमर से हटा उसके ब्लाउस मे डाल दिया तो मेनका भी उनके शर्ट के बटन खोलने लगी.दोनो जल्दी से उठ खड़े हुए & 1 दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

नंगे होते ही दोनो 1 दूसरे के गले लग गये & चूमने लगे.राजा साहब ने अपनी बहू की भारी-2 गंद को जम के सहलाया & मसला.फिर मेनका उनके होठों को छ्चोड़ उनके सीने को चूमते हुए नीचे उनके लंड तक आ गयी & अपने घुटनो पे बैठ उसे चूसने लगी.उनके अंदो को अपने कोमल हाथों मे दबा कर जब लंड को उसने ज़ोर से चूसा तो राजा साहब की आह निकल गयी.

उन्हों ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया & ड्रॉयिंग रूम मे आ गये.वाहा उन्होने मेनका को सोफे पे लिटा दिया & उसके पेट को चूमने लगे.अपनी उंगली से उन्होने उसकी चूत को कुरेदना चालू कर दिया.

"ऊहह..!",मेनका की मस्त आन्हो से फार्महाउस का वीराना भी गुलज़ार हो गया.राजा साहब का चेहरा उसकी चूत पे झुक गया & वो उसके दाने को अपनी जीभ से चाटने लगे.मेनका पागलों की तरह अपनी कमर उचकाने लगी & झाड़ गयी.राजा साहब ने उसकी चूत के छ्चोड़े हुए सारे पानी को पी लिया.

फिर राजा साहब उठ कर उसके सर के पीछे खड़े हो गये,मेनका ने उनके लंड को अपनी आँखों के सामने देखा तो हाथ पीछे ले जा के उसने उनकी गांद को पकड़ लिया & अपना सर पीछे कर के उनका लंड 1 बार फिर अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी.राजा साहब ने हाथ नीचे ले जा कर उसकी चूचियो को दबाना & निपल्स को मसलना शुरू कर दिया.

तभी राजा साहब को कुच्छ ख़याल आया,उन्होने अपने लंड को मेनका के मुँह से निकाल लिया & भागते हुए किचन की तरफ चले गये.मेनका को हैरत हुई पर जब तक वो उठती राजा साहब वापस आ गये थे.उनके हाथ मे 1 बोल था.राजा साहब उसके पास बैठ गये & बोल मे रखी चीज़ चम्चे से उसकी चूचियो पे डालने लगे.

"ऊओ..!",सीने पे ठंडा गीलापन महसूस हुआ तो मेनका की आ निकल गयी.उसने देखा राजा साहब उसकी चूचियों को आइस-क्रीम से ढँक रहे थे.राजा साहब ने बोल किनारे रखा & टूट पड़े अपनी बहू की आइस-क्रीम से सराबोर चूचियों पर.मेनका तो पागल हो गयी.राजा साहब ने चाट-2 कर उसके सीने को सॉफ किया & फिर पहले उसकी नाभि को आइस-क्रीम से भरा & फिर अपनी जीभ से सॉफ किया.

अब उसकी चूत की बारी थी.राजा साहब ने वाहा भी आइस-क्रीम लगाई & फिर चाट-चाट कर सॉफ किया.अपने ससुर की आइस-क्रीम चाटती जीभ से मेनका 2 बार झाड़ गयी.अब उसकी बारी थी,वो उठी & पकड़ कर अपने ससुर को सोफे पे बिठा दिया & बोल से आइस-क्रीम निकाल कर उनके लंड & अंदो पे लगा दिया.फिर लगी अपनी जीभ से वाहा पे चाटने.सोफे पे टांगे लटकाए बैठे राजा साहब के मज़े का ठिकाना नही था.जैसे ही मेनका ने आइस-क्रीम की आखरी बूँद को चाट कर सॉफ किया,उन्होने उसे उठा कर सोफे पे बैठे-2 अपनी गोद मे अपने लंड पे बिठा लिया.

अब दोनो 1 दूसरे की आँखो मे झाँक रहे थे,मेनका की चूत राजा साहब के लंड से भरी थी & उसके हाथों मे उनका चेहरा था जिसे वो चूम रही थी. राजा साहब भी उसके जिस्म को अपनी बाहों मे कसे हुए उसकी पीठ & गांद से खेल रहे थे.

मेनका ने अपने ससुर को चूमते हुए अपनी कमर हिलाकर उन्हे चोदना शुरू कर दिया.राजा साहब का लंड उसकी कोख पर चोट कर रहा था & उसकी चूत मे तो जैसे सैलाब आ गया था-पानी था कि च्छुटे ही जा रहा था.

उसने अपने ससुर के सर को पकड़ कर अपनी चूचियो पर झुका दिया.राजा साहब भी उसकी चूचियो को चूसने लगे.उसकी चूचिया तो अब पूरी तरह से उनके होंठो के निशान से भर गयी थी. राजा साहब के भी अंदो मे अब मीठा दर्द होने लगा था.उन्होने अपनी बहू की गंद को दबोच लिया & उसके निपल को चूस्ते हुए नीचे से बैठे-2 ऐसे धक्के मार के अपना पानी छ्चोड़ा कि मेनका 1 बार फिर उनके साथ झाड़ गयी.

झड़ने के बाद दोनो वैसे ही बैठे 1 दूसरे को चूमते रहे,"ये फार्महाउस तुम्हारा है?"

"नही,हमारा है."उनका इशारा मेनका & अपनी तरफ था.मेनका ने नीचे देखा तो लंड झड़ने के बाद सिकुड़ने के बावजूद उसकी चूत मे ऐसे पड़ा था जैसे की अभी भी खड़ा हो.उसने अपनी चूत को हल्के से हिलाना शुरू किया.

"ये उन्ही प्रॉपर्टीस मे से 1 है जिनके पेपर्स स्टडी मे हैं."

"तुम तो ये सब दान करने वाले हो ना."

"हा,बिल्कुल.पर सोचते हैं कि इस फार्म हाउस को अपने नाम कर ले & इसे अपने प्यार का आशियाना बना ले.क्या कहती हो?"

जवाब मे मेनका ने मुस्करा कर उनके होठ चूम लिए.उसकी चूत की हर्कतो से राजा साहब का लंड फिर से गरम हो गया.वो वैसे ही उसकी चूत मे लंड डाले हुए खड़े हो गये & फार्महाउस के बेडरूम की तरफ बढ़ गये.

बेडरूम मे दाखिल होते ही मेनका चौंक गयी.पूरा कमरा जैसे सुहागरात के लिए सज़ा हुआ था.कमरे मे चारो तरफ फूल ही फूल भरे थे & बीचोबीच रखे बड़े से पलंग पर लाल गुलाब की पंखुड़िया बिखरी हुई थी.

उसने राजा साहब की तरफ सवालिया नज़रो से देखा.,"हमने केर्टेकर को कहा कि हमारा कोई जान-पहचान वाला अपनी नयी दुल्हन को लेकर यहा आएगा & 1 रात ठहरेगा तो उनके लिए उसने ये सजावट की & इसी बहाने हमने उसे छुट्टी भी दे दी कि वो जोड़ा नही चाहता कि कोई उन्हे डिस्टर्ब करे."

मेनका को लिए दिए राजा साहब बिस्तर पर लेट गये & लगे फिर से उसे चोदने लगे.थोड़ी देर तक मेनका उनके नीचे पड़ी चुदती रही,फिर उसने उन्हे पकड़े हुए करवट ले उन्हे अपने नीचे किया & उपर से कमर हिला-2 कर चोदने लगी.उसकी भारी चूचिया उसके ससुर के बालों भरे सीने पे रगड़ खा रही थी & होठ उनके होठों से सटे थे.

थोड़ी देर दोनो ऐसे ही चुदाई करते रहे कि फिर राजा साहब उसे पलट कर उस पर सवार हो गये & उसे चोदने लगे.दोनो की इस उठा-पटक से गुलाब की पंखुड़ीयान मसल रही थी & कमरे मे मदहोश करने वाली खुश्बू फैला रही थी.मेनका फिर से हवा मे उड़ रही थी.उसने अपनी टांगे अपने ससुर की कमर पे कस दी & नीचे से झटके मारने लगी.राजा साहब ने अपना लंड पूरा बाहर निकाला & फिर 1 ही झटके मे जड़ तक अंदर डाल दिया.

"ऊओ...ऊव्वववव..!..",मेनका चिल्लाई.राजा साहब ने फिर से यही हरकत दुहराते हुए उसे & ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया.मेनका अब बिल्कुल आपे से बाहर हो गयी.उस ने अपने नाख़ून अपने ससुर की गंद मे गाड़ा दिए & उसकी चूत पानी छ्चोड़ने लगी.नाखूनओ की चुभन ने राजा साहब की कमर के हिलाने को और तेज़ कर दिया & वो 1 बार फिर अपनी बहू की चूत के अंदर अपना पानी छ्चोड़ने लगे.

क्रमशः......
 

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