Fantasy मेरे अंतरंग हमसफ़र

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अंतरंग हमसफ़र भाग 16
मेरे अंतरंग हमसफ़र


द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -9

अलका


इस तरह से मैंने जेन से उसके भाई बहनो बॉब, टॉम, लूसी और लिंडा के सेक्स के बारे में ज्ञान को जानना चाहा। .

"मुझे विश्वास है अगर एक बार उन्हें इसका ज्ञान हो जाए और उन्हें पता लग जाए तो वो भी पूरी तल्लीनता और गंभीरता से इस ज्ञान की बारीकियां सीख लेंगे तो मेरी ही तरह से वो सब करेंगे जो मैंने किया हैl" उसने जवाब दिया। " बॉब जब भी हमें चुंबन करता है तो मैंने अक्सर बॉब को कहते हुए भी सुना हैं कि हम उसके तन बदन में आग लगा देती हैंl" और फिर उसकी आँखों में गहराई से झाँकते हुए मेरी आँखों से मिली तो उसने शर्मा कर अपनी आँखे झुका ली।

मैं उसका जवाब सुन कर सोच रहा था. ये अपने भाइयो को कितना शरीफ समझती है जबकि दोनों एक नंबर के सेक्स के खिलाड़ी हैं और उन्होंने ही मुझे भी इस ज्ञान से परिचित करवाया हैl
वह फिर बोली . "ओह! प्रिय दीपक , मुझे डर है कि आप सोचेंगे कि हम कितनी ज्यादा असभ्य लड़कियां हैं, जब आपको पता चलेगा की लंदन में जब हम रात को सोते हैं, तो मैं और बहनें अक्सर हमारे नवोदित आकर्षण की तुलना करते हैं, और कुछ सेक्सी चुटकले जो हम अपनी दोस्तों से सुनती हैं वह आपस में सुनाती है। "

लूसी के पास तो मेरी और लूसी के गुप्तांगो पर बढ़ती हुई झांटो के बारे में और सिंडी की बाल रहित योनि के बारे में गंदे गंदे चुटकुले का भण्डार हैl जब वो एक बार शुरू हो जाती है तो काफी देर तक नए-नए चुटकुले सुनाती रहती हैl हमारे पास थप्पड़ मारने के ऐसे खेल हैं, और कभी-कभी रति क्रिया जैसे खेल भी खेलती हैं, इनसे अक्सर मेरा बदन अक्सर उत्तेजना से तपने लगता है, जैसे मुझे तेज बुखार का एहसास करा देता है। जिसका कारण मैं पहले नहीं समझ पाती थी पर अब आपके साथ हुए संसर्ग से मैं सब जान गयी हूँl इसके लिए हार्दिक धन्यवाद, मेरे प्रिय, काश, आप ऐसे समय में हमारे कमरे में झाँक कर देख पाते।"

"शायद इसका प्रबंध आसानी से किया जा सकता हैl आप जानती ही हैं उस भवन में मेरा कमरा आपके कमरे की बगल में है, मैं उसमे रात को सोने आ जाता हूँl फिर मैं आपको रात में हँसता और खेलता सुन सकूंगा।"

"मुझे पता है कि हमने कल भी ये किया, था हमें इसमें बहुत मज़ा आया था ," उसने जवाब दिया, "लेकिन मुझे डर है अगर आज भी हमने ऐसा किया तो मेरी सफाचट और सूजी हुई योनि देखकर उन्हें हमने आज क्या किया उसका सब अंदाज़ा हो जाएगा, प्रिय?"

फिलहाल जेन हमारे बीच जो भी हुआ था उसे सब पे उजागर नहीं करना चाहती थी, इसलिए उसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया।

उसने पूरी तरह आनंद लेने के लिए से मेरी सब योजनाओं में हिस्सेदार होने का उत्साह दिखाया, अंत में मैंने एक प्लान बनाया जो यह बहुत अच्छा काम कर सकता थाl मैंने वो जेन के साथ सांझा किया और उसके परामर्श के अनुसार उसमे कुछ बदलाव भी किये।

फिर ये प्लान बना की मैं पहले बॉब को प्यार के तरीकों के बारे में में थोड़ा प्रबुद्ध करूं और जो की मैं जानता था वो हमारे उद्देश्य के लिए पहले से ही पका हुआ त्यार थाl जेन अपनी बहनो को एक साथ नग्न स्नान के लिए त्यार करेगीl हम तीनों बहनों को नग्न स्नान करते हुए आश्चर्यचकित कर देंगे, और उनके नग्न नितम्बो के चारों तरफ से थप्पड़ मारेंगेl जेन अपनी बहनों को हमारे सभी कपड़े फाड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी, और फिर हम सभी रति क्रिया में संलिप्त हो सकते हैं।

जेन इस विचार पर बहुत प्रसन्न थी, पर मेरे मन में एक संशय था क्या बॉब टॉम , जेन लूसी और लिंडा अपने भाइयो के साथ प्रेम का खेल खुल कर खेल पाएंगीl इतने में मेरा फ़ोन बजा और हमे शाम की चाय के लिए बुलाया गया और मैंने बाद में जेन से इस बारे में आगे बात करने का निश्चय किया और मैंने जेन से वादा किया की अगले दिन या अगर ठीक मौका मिला तो आज शाम को ही बॉब के साथ इस बारे में बात करूंगा।

हम घर वापस आ गए, खून तेज प्रवाह से जेन के गाल लाल हो गए थे और बॉब ने उसे देख कर टिप्पणी की कि बग़ीचे में घूमने का जेन के स्वस्थ्य पर जाहिर तौर अच्छा प्रभाव पड़ा था, जबकि असलियत ये थी की उसकी बहन ने, ईव की तरह, निषिद्ध फल का आज सुबह सुबह स्वाद चखा था। निषिद्ध फल, के प्रभाव का नतीजा था और इसीलिए वह बहुत खुश थी।
शाम की चाय के बाद मैंने बॉब से मेरे कमरे में सिगरेट पीने के लिए कहा, वह ख़ुशी ख़ुशी मेरे पीछे पीछे मेरे कमरे में आ गया जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया, मैंने कहा, " दोस्त क्या आपने कभी प्यार और आनंद की एक सुंदर किताब "कामसूत्र " देखी है?
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"क्या, मुझे लगता है कि आप का मतलब है हिन्दुतान की मशहूर सेक्स ज्ञान पुस्तक,? दीपक , लेकिन अगर आपको यह मिल गयी है तो मैं उसे अवश्य देखना चाहूंगाl " वह बोला तो उसकी आँखें चमक रही थी।

"मेरे भाई, ये लो, केवल तुम्हारे लिए, मुझे आशा है कि यह आपको बहुत ज्यादा उत्तेजित नहीं करेगीl आप इसे अपने आप एकांत में देख और पढ़ सकते हैंl," मैंने कहा, और उसे अपनी अलमारी से निकालकर वो पुस्तक उसे दे दी। उसने उसे बहुत उत्सुकता से फटाफट पकड़ लिया।

वह वही मेरे करीब बैठ गया, और मैंने उसे देखा तो जब वह उस पुस्तक के पन्नो को पलट रहा था और जहाँ भी उसमे फोटो थी, वहां वो उनको रुक कर गौर से देखता थाl देखते ही देखते उसकी पेण्ट के अंदर उसका हथियार काफी कठोर और प्रचंड हो गया।
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मैंने उसे जो योजना जेन के साथ मिल कर बनायीं थी, वह बताई तो उसने सहर्ष उसमे शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी और मेरी योजनाओं में मेरा साथ देने का वादा कियाl हमने मौका मिलते ही लड़कियों से एक साथ मिलने का दृढ़ निश्चय किया।

तो मैंने उससे जो मेरा संशय था वो पुछा क्या आप दोनों बॉब और टॉम ,अपनी बहनो जेन लूसी और लिंडा साथ प्रेम का खेल खुल कर खेल पाओगेl बॉब ने मुझे तो अपने परिवार का एक विशेष राज बताया उसने कहा मेरे पिताजी, तुम्हारे फूफाजी की एक नहीं कई पत्निया हैंl जिनमे तुम्हारी बुआ भी शामिल है जेन और लूसी तुम्हारी बुआ से हैं और हम दोनों भाइयो की और शेष बहनो की माताए अलग अलग हैl हम सब आपस में सौतेले भाई बहन है, पर आपकी बुआ हम सबको अपनी ही संतान मानती है और एक जैसा प्यार करती हैंl हमे अपनी माओ से ज्यादा स्नेह आपकी बुआ से मिलता है और वह बहनो के साथ प्रेमालाप करने को उत्सुक हैं।
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रात के भोजन से समय से बाद अलका वहां आयी तो जेन ने उसके साथ मित्रता कर ली और उसके अनुरोध पर अलका के साथ साथ जेन भी रात को वही मेरे भवन वाले भाग में रात में रुकने के लिए आ गयी।

अलका अपने साथ स्पेशल हलवा ले कर आयी थी मैंने उसमे मौका देखकर ख़ास देसी दवा मिली दी फिर हम सब ने मिल कर वो ख़ास दवा मिला हलवा खाया और मैंने उन दोनों को अपने कमरे में आमंत्रित कियाl
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अलका बोली वह अपने कपडे बदल कर आती हैं और उन दोनों को जो कमरा दिया गया था वो उसमे चली गयी मैं अपने कमरे में गया, तो रोजी बिस्तर तैयार कर रही थी तो मैं दुसरे कमरे में जाकर बैठ गया ।

कुछ देर बाद अलका ने मेरा दरवाजा खटखटाया और कहा कि मैं तुम्हें परेशान करने के लिए माफी चाहती हूँ। तो मैंने पुछा क्या आपको कुछ और तो नहीं चाहिए? तो वो बोली नहीं कुछ ख़ास तो नहीं लेकिन आज मैं अकेला नहीं रहना चाहती, क्योंकि मैं कभी रात में अकेली नहीं रही हूँ। नींद भी नहीं आ रही है और जेन सोने जा रही है। मैंने कहा कोई बात नहीं आप मेरे पास बैठो।
उसने मुझसे पूछा कि क्या हम उसकी पसंदीदा फिल्म देख सकते हैंl मैं मान गया और उसे कुर्सी पर बैठने को कहा और मैं बिस्तर पर था। उसने कहा मैं भी बिस्तर पर बैठना चाहती हूँ, मैंने कहा ठीक है और हम बिस्तर पर बैठे मूवी देखने लगे। मूवी एक पुरानी रोमांटिक फिल्म थी और जब फिल्म चल रही थी तो एक भावनात्मक दृश्य था और वह अचानक रोने लगी।

मैं उसे देखकर हंस रहा था और मूवी देखते हुए रोने का मज़ाक बना रहा था। वह क्रोधित हो गयी और मुझ से लड़ने लगी तो मैंने एक बार और उसका मजाक बनाया तो वो मुझे मारने लगी, मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन उसने वास्तव में मुझे 2 बार चोट दी और तीसरी बार उसके हाथों को मैंने पकड़ लिया और उससे पुछा कि तुम्हें क्या हो गया है मुझे वास्तव में लग रही है।
मैंने उसे कहा मुझे माफ़ कर दे मेरा इरादा उसे हर्ट करने का नहीं था मैं तो मजाक इसलिए कर रहा था ताकि वो रोना बंद कर दे क्योंकि वो रोती हुई बिलकुल अच्छी नहीं लगती हैl तो वोह बोली छोड़ो मुझे अब मैं तुम्हे नहीं मारूंगी, तो मैंने उसके हाथो को छोड़ कर उसका सिर पकड़ा और उसे ऊपर खींच लिया। उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गई । मुझे
बिलकुल नहीं पता था कि क्या हो रहा था।

और बोली " जब आपने मेरा मजाक बनाया तो मुझे बहुत बुरा लगा । ऐसी पिक्चर देख कर मैं ऐसे ही भावुक हो जाती हूँl मुझे खेद है मैं नहीं जानती मुझे क्या हुआ लेकिन मैं अभी भी उसी स्थिति में हूँ।" और फिर धीरे-धीरे मेरी छाती पर लेट गयी। मैंने एक बार फिर उससे माफ़ी मांगी तो उसने कहा कोई बात नहीं अभी आप मेरे बारे में कुछ भी ख़ास नहीं जानते हैं। उसने भी अपने व्यवहार और मुझे मारने के लिए मुझ से माफ़ी मांगी । मैं भी उससे कहा " अब ठीक है तो वो मुस्कुराने लगी तो मैंने कहा आप ऐसे ही मुस्कुराती हुई अच्छी लगती हैं। "
वो मेरे ऊपर लेटी रही और उसी पोजीशन में उसने मुझ से पुछा क्या मैं आपको अच्छी लगती हूँ? तो मैंने कहा बेशक आप मुझे अच्छी लगती हैं। आपकी मुस्कराहट इतनी अच्छी है के जब

आप मुस्क़ुराती है तो आपके चेहरे से नज़र ही नहीं हटती हैl मन करता है आप मुस्कराती रहे और मैं आपको देखता रहूl पहले तो वह थोड़ा शर्मायी फिर वह बोली बस इतना ही मेरा और कुछ आपको अच्छा नहीं लगता तो मैंने कहा अच्छा तो आपका पूरा पैकेज लगता हैl
अब मैंने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी।

आप कमसिन अल्हड सुन्दर गोरी तरुणा होl आपकी फिगर शानदार है और जबसे आपको उस दिन बग़ीचे में फूल चुनते हुए देखा है, तबसे मैं तो आपका दीवाना हो गया हूँ।
और फिर वह मेरे चेहरे के पास अपना चेहरा ले आयी और बोली मैं तुम्हें प्यार करती हूँ और मैं कुछ भी कह पाता इससे पहले कि उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया मैंने उसके चुम्बन का जवाब दिया और उसे वापस चूमना शुरू कर दिया।

उसके होंठ उसकी लार से भरे हुए थे और वे इतने स्वादिष्ट और रसीले थे मैं उसके ओंठो को रास भरे आम के जैसे चूसने लगा। फिर उसने धीरे से मेरे लंड पर अपना हाथ रखा और कहा ओह तुम्हारा हथियार जाग गया है । फिर मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं जागेगा एक सुन्दर सेक्सी लड़की जिसे मैं पसंद करता हूँ, उसके रस भरे होंठो को चूस रहा हूँ और वो मेरे ऊपर लेटी हुई हैl क्या इतना काफी नहीं है इसके अरमान जगाने के लिए या आपको लगता इससे भी कुछ ज्यादा शरारती होना चाहिए।

तभी रोजी आ गयी और बोली आपका कमरा तैयार है आप कमरे में चलो कुमार। फिर अलका ने अपना हाथ हटा लिया और कहा कि फिर तो इसे कुछ देर और इंतजार करना होगा। तो अलका रोजी को अपने साथ ले गयी। बोली आप अपने कमरे में चलो हम आते हैं ।

मैं सोच रहा था कि वह क्या कर रही थी, तब एक नाइट गाउन में लिपटी वापस आयी और उसने मुझसे पूछा कि तुम इस गाउन के अंदर क्या है वो देखना चाहते हो? तो मैंने अपने पायजामे के ऊपर से ही लंड पर हाथ फिराते हुए कहा कि ये पूछने की क्या जरूरत है, बेशक हाँ।

आगे क्या हुआ ..

ये कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक
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अंतरंग हमसफ़र भाग 17

मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -10

अलका की पहली चुदाई



मेरी एक अन्य फूफेरी बुआ की बेटी अलका, मेरे सामने एक नाइट गाउन में लिपटी खड़ी, मुझसे पूछ रही थी क्या तुम गाउन के अंदर क्या है वो देखना चाहते हो? जब मैंने हाँ कहा तो वो बोली मैं भी तुम्हे देखना चाहती हूं। मैंने कहा ओके तो मुझे फिर क्या करना होगा? वो बोली आप भी अपने सभी कपड़ों को निकाल दे बस अपना अंडरवियर पहने रखे।

मन तो कर रहा था अलका को पकड़ कर उसका गाउन फाड़ डालू, पर मैंने खुद पर किसी तरह नियंत्रण किया और जो खेल अलका मेरे साथ खेल रही थी, उसका साथ देते हुए खेलने के लिए वो जैसा कहेगी वैसा करता रहा। मैंने फटाफट अपना कुरता और पायजामा उतार फेंका ।
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आगे क्या होने वाला है इस प्रत्याशा में मेरा हथियार अपना विकराल रूप धारण कर चूका था और अंडरवियर के अंदर से मेरे लंड का उभार नज़र आ रहा था
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। फिर उसने कहा ठीक है अब आप खड़े हो जाओ।
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फिर उसने वह गाउन खोलने लगी तो मैंने उसे रोक दिया और रोजी को बुलाया अब वो मुझे चौंक कर देखने लगी तो मैंने कहा अब तुम भी थोड़ा सा इंतज़ार करो ।.मैंने उसे कहा ये हमारा पहला मिलन है इसे यादगार बनने के लिए मैंने भी कुछ इंतजाम किया है । तुम जरा उसका भी जायजा ले लो. और रोजी उसको अपने साथ दुसरे कमरे में ले गयी ।
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कुछ देर बाद रोजी मेरे पास आयी मुझे चूमते हुए बोली अलका सच में बहुत सुन्दर है। आपको बहुत बहुत बधाई! और बोली अब आप अपने कमरे में अलका के पास जा सकते हो वो आपका इंतजार कर रही है।
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अंदर मेरे कमरे का नज़ारा ही अलग था पूरा कमरा और बिस्तर फूलो से सजा हुआ था। फूलों से सजी धजी अलका को रोजी कमरे में हमारे पहले मिलन के लिए ले आयी। और मुझे छेड़ने लगी है कुमार धीरे से कीजियेगा, बहन अलका कमसिन और नाजुक हैं । वह हँसते हुए अलका को मेरे पास छोड कर एक तरफ चली गयी ।.
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अलका ने लाल लेहंगा चोली चुनरी और ढेर सारे गहणे पहने हुए थे. और साथ में गजरा और फूलों से श्रृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी. मेरा लंड उसे दुल्हन के रूप में देख कर बेकाबू हो गया और मैं पूरी तरह से काम रोग से ग्रस्त हो गया था। अलका बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ देख रही थी। उसने घूंघट किया हुआ था। उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच नीचे झुका हुआ था। मैंने आगे होकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया ।!उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl लगा वो अंडरवियर फाड़ कर अभी बाहर आ जाएगा ।
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मैंने अलका को कहा कैसा लगा आपको ये सरप्राइज? तो अलका बोली जबरदस्त! मैंने सपनो में भी नहीं सोचा था आप मुझे ऐसा सरप्राइज दोगे। मैंने कहा अलका, जब से आपको फूल चुनते हुए देखा तब से आप को पाना चाहता था। वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं बचपन से जब आप मेरे साथ खेला करते थे तब से आप को पसंद करती हूँ।.उस दिन जब आप हमसे मिलने आये तब से मैं आपको पाने के लिए तड़पने लगी और आज हमारे मिलन की सुनहरी घडी आ ही गयी है। मैंने उसका घूंघट उठाना चाहा तो वो घूंघट पकड़ कर बोली पहले मुँह दिखाई की रस्म तो पूरी कीजिये ।

फिर मैंने इशारा किया तो रोजी ने मुझे एक पैकेट पकड़ा दिया और मैंने उसे खोल कर एक अंगूठी उसको नज़राने के तौर पर दिया। वह बोली आप ही पहना दीजिये। मैंने उसे अंगूठी को पहनाया, उसके हाथ को चूमा और फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया।
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दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा, उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर अलका को दुल्हन के रूप में देख मेरे मुँह से निकला वाह रोजी!! तुम ठीक कह रही थी अलका वाकई में बहुत सुन्दर है और दुल्हन के रूप में तो बस क्या तारीफ करूँ समझ ही नहीं आ रहा। मेरा लंड फुफकारने लगा था अब मुझ से सब्र नहीं हो रहा।
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मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया अलका की आँखे बंद थी। बोला अलका मेरी महबूबा अपनी आँखे खोलो और अपने दीवाने प्रेमी को देखो। उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया। वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी. मैंने अलका को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा उसकी पीठ बहुत चिकनी थी उसकी झीनी से बैकलेस चोली थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थीl

जब मैंने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए और धीरे से उसकी चुनरी हटा दी । उसका चाँद सा खूबसूरत रूप मेरे सामने था । मैं तो एकदम से सन्न हो उसे देखता ही रह गया। गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श. गोल मुस्कुरता हुआ शर्म के मारे लाल चेहराl मेरा लंड का तनाव फिर बढ़ने लगा ।
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मेरे हाथ अब अनछुए मोमो पर जा चुके थे। मैंने ऊके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया, फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे।

उसकी चोली जिसमे उनके स्तन बाहर आने को आतुर थे। उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा । उसके बाद नीचे की भी डोरी खिंच कर चोली की अलग कर दिया। उसने नीचे लाल रंग की सेक्सी ब्रा पहनी हुई थी ।

फिर मेरे हाथ स्तनों पर से अपने हाथ नीचे की और बढाए और लहंगे पर पहुँच गए. मैंने लहंगे का नाडा खोल दिया और लहंगा खींच कर उतार दिया। उसने नीचे एक बेहद सेक्सी अधोवस्त्र पहनी हुई थी।
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तो मैं धीरे से बोला प्रिय अलका क्या यही वह जलवा है जो तुमने उस गाउन में छिपा रखा था और मुझे दिखाना चाहती थी। अब मेरे और तुम्हारे सरप्राइज दोनों का मिला जुला जादुई असर मुझे देखने दो ।
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अलका एक गोरी लड़की थी, लगभग 5'5 in या उससे अधिक की ऊँचाई वाली और सुंदर गोल दृढ ३४क साइज के स्तन उसकी शान थे और उसकी गोल गांड और भी सुंदर थी। ये सभी और उसके आकर्षण का केंद्र थे । उसने नीचे बेहद सेक्सी अधोवस्त्र पहनी हुई थी और ऐसी सेक्सी अंडरवियर को देखकर मैं एकदम भौचक्का रह गया। चूत को ढँकने के लिए उसने थोड़े थोड़े पतले कपड़े (सिर्फ पतली पट्टियाँ और हीरे के आकार में थोड़ा काला कपड़ा पहना है। ब्रा में बाहरी किनारों पर सामग्री की तरह सफ़ेद फर था, जो बिल्कुल तेजस्वी था । और उसके ऊपर रोजी के पहनाये हुए गहने थे । मांग में टीका . बालो में चूरामणि , कानो में लटकी सुन्दर बालिया और नल में बड़ी सी सुन्दर नथ,

पैरों की ऊँगलियों में बिछिया, पैरों में पायल, कमर में करधनी, हाथों की ऊँगलियों में अनेक अंगूठियाँ, हाथो के फूल, कलाई में चूड़ियाँ व कंगन, गले में हार और मटरमाला या चेन. मैं बस उसे देखता ही रह गया।
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अलका की आँखे शर्म के मारे बंद थी, उसे कमरे में मौजूद एक आदम कद शीशे के सामने ले गया और बोलै प्लीज अपनी आँखे खोल कर देखो ।

उसने आँखे खोली और कहा ओह मेरे प्रिय दीपक मैंने ये पहले ही देख लिया था। मुझे एहसास था ये आप पर जादुई असर करेगा और आपको उसमे मैं आश्चर्यजनक लगूंगी। उसने कहा कि आप यू सिर्फ वहीं खड़े रहेंगे और दृश्य की प्रशंसा करेंगे या आप मेरे साथ कुछ करेंगे। मैंने कहा अलका देखो इस मिले जुले सरप्राइज सेक्सी अधोवस्त्र और गहनों का मुझ पर क्या असर हुआ है और अपना अंडरवियर नीचे उतार दियाl मेरा लंड पूरा ९० डिग्री पर तना हुआ था और फुदक कर सलामी दे रहा था। उसने शर्मा कर फिर अपनी आँखे बंद कर ली।

मैं विश्वास नहीं कर सकता था कि अलका बहुत सुंदर लग रही थी। मैंने कहा प्रिय अलका अपने प्रेमी को देखो तो उसने धीरे से आँखे खोली। यह पहली बार था जब उसने पुरुष के लिंग को इतने उत्कृष्ट कठोर और प्रकट और विक्रांत रूप में देखा था, और उसकी पहली प्रतिक्रिया ईमानदार प्रशंसा थी। जिस तरह से उसकी आँखों अभी भी स्पार्कलिंग थे। मैंने लंड को सहलाया और ऊपरी त्वचा को पीछे किया तो गुलाबी लिंगमुण्ड उजागर हो गयाl मैंने और भी अधिक प्यार में अलका के हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रख दियाl उसने धीरे से एक बार लंड को हाथ से सहलाया और लंड को छोड़ कर, फिर शर्म के मारे अपने हाथो से अपने चेहरे हो छुपा लिया ।
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मैंने उससे पुछा कैसा लगा तो वो शर्मा कर बोली आपका तो काफी लम्बा और बड़ा है। मेरी तो दुर्गति कर देगा। मुझे बहुत डर लग रहा है तो मैंने कहा घबराओ मत, ये ही तो इस प्यार के खेल का असली औजार हैi यही तुम्हे और मुझे जन्नत की सैर करवाएगा, इसलिए, बिलकुल मत घबराओ एक बार इस के साथ मजे ले लोगो तो इसके बिना रह नहीं पाओगी, तो वह धीरे से मुस्कुरा कर मेरे गले लग गयी ।
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मैंने उसके माथे को चूमा । उसे धीरे से उठाया और मैं उस को बिस्तर पर ले गया और उसे एक पागल आदमी की तरह चूमना शुरू कर दिया। उसने मुझे कहा जल्दी क्या है आराम से करो सारी रात हमारी है मैं कहीं नहीं जा रही हूँ।

मैंने कहा प्लीज मुझे माफ़ कर दो इस अधीरता के लिए । क्या करून तुम्हारा ऐसा रूप देख कर मेरा अब होने आप पर काबू नहीं रहा । मैं काम वश हो गया और फिर उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ मिला दिया और हम 10-15.मिनट चुम्बन करते रहे जिससे मेरे जज्बात कुछ काबू में हुए।
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मैंने चुम्बन को तोडा और गर्दन पर चूमते हुए धीरे धीरे नीचे का रास्ता पकड़ने लगा । जब मैंने उसकी गर्दन पर चूमा तो उसके बदन ने थोड़ा झटका दिया और उसने मुझे कस कर अपने गले लगाया। मैंने फिर धीरे से उसकी सेक्सी काली अधोवस्त्र ड्रेस को उतार दिया और अंदर पहनी हुई गुलाबी ब्रा देखी।

जब मैं उसे लिप किस कर रहा था तो वो मेरे बाल कस कर पकड़े हुए थी । मैंने फिर उसके शरीर की पूरी महिमा को सराहा। मैं समझा नहीं सकता कि वह कितनी सुंदर है , गुलाबी ब्रा उसके स्तनों पर चमक रही थी और नाभि एक ऐसी कुंवारी गुफा की तरह थी जिसका पता लगाया जाना अभी बाकी था। उसके शरीर के सभी अंग सुडौल थे उसकी बलखाती कमर स्पॉट पेट और गोल चिकनी नितम्ब और मुझे उसकी पारदर्शी पतली सी पेंटी में से में गुलाबी चूत दिख रही थी ।
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मैं धीरे से उस के ऊपर चढ़ गया और उसके होंठो को चूमा तो उसने अपनी बाहो को मेरे चारो और लपेट लिया । हमारे चुंबन अब नरम नहीं थे बल्कि जो उत्तेजना और जोश आ गया था उसके अनुसार ही गर्म से गर्मतर होते जा रहे थे। फिर होंठ थोड़ा खुल गए और हमारी झीभे एक दूसरे के चारों ओर नाच रही थी, और दुसरे की होंठ और मुंह में सब जगह घूम रही थी जैसे कुछ खोज रही हो ।
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मैंने उसके नंगे कंधे को चूम लिया। मैं धीमी गति से चुंबन करते हुए उसकी ब्रा के पट्टे से होते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन रोपण किये जिससे अलका कराहने लगी ।


आगे क्या हुआ, ये कहानी जारी रहेगीL

आपका दीपक
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अंतरंग हमसफ़र भाग 18
मेरे अंतरंग हमसफ़र


द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -11

अलका फूफेरी बहन के साथ चुंबन
जिस तरह और गति से, मुझे नयी नयी लड़किया मिल रही थी और मैं उनकी चुदाई कर रहा था, उससे मैं भी हैरान था, पर यहाँ शिकायत किसको थीl मजे मिल रहे थे और मैं उनको लूट रहा था l

इस तरह मैंने अलका के नंगे कंधे को चूम लिया। मैं धीमी गति से चुंबन करते हुए उसकी ब्रा के पट्टे से होते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन रोपण किये जिससे अलका कराहने लगी ।

मैंने उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया। मैंने धीरे से उसकी गर्दन को चूसा जिससे अलका फिर से कराहने लगी। अपने होठों को अलग करते हुए, मैंने उसे उस प्यार से एक छोटे से निशान से लेकर उसके कान के निचले हिस्से तक चूमते हुए उसकी कामुक गर्दन को अपनी जीभ की नोक से गीला कर दिया। उसने धीरे से उसके कानों को चूसा, उस पर अपने होठों से किस किया। फिर अपनी जीभ उसके पूरे कान के बाहरी हिस्से पर घुमाई, फिर जीभ की नोक उसके कान के अंदर गुसाई तो वो फिर इसससस करती हुई कराह उठी और फिर धीरे से उसके कान के नीचे की लटकन को चूसने लग गया ।

मैं जो कुछ कर रहा था, उसकी कामुकता पर अलका हैरान थी। उसका मन नियंत्रण से बाहर हो रहा था और उसका शरीर पहले से ही खुशी की लहर पर सवार था, जिसकी तीव्रता धीमी होने का कोई संकेत नहीं दिखा रहा था। मेरे होठ उसके कान से उसके माथे पर चले गए, और फिर मैंने उसकी आँखों में से प्रत्येक पर एक कामुक नरम चुम्बन किया । उसके गाल उसके नाक, और फिर उसकी ठोड़ी। अलका की आँखे बंद थी । जैसे मैं उसे किस कर रहा था उससे उसने अनुमान लगाया के अब मैं उसे ओंठो को किस करूंगा ।

बेसब्री से मेरे होठों का अपने होठों का अनुमान लगाते हुए, अलका ने अपना सिर ऊपर कर लिया ताकि हमारे ओंठ मिल जाए लेकिन मैंने उसके ओंठो पर अपनी कुछ गर्म साँसे छोड़ी जिससे उसे मालूम हो गया मेरे ओंठ उसके ओंठो के ऊपर ही मंडरा रहे हैं, इतना पास के उसे मेरे ओंठो का अनुमान लगता रहे पर किस न हो । हमारी साँसे तेज चल रही थी मेरी गर्म सांसे वो मह्सूस कर रही थी और मैं उसकी गर्म साँसे महसूस कर रहा था ।

उसने अपने होंठ अलग किए और मुँह खोला और फिर से अपना सर उठा कर मुझे चुंबन करने की कोशिश की, लेकिन मैंने अपना सर उतना ही पीछा कर लिया जितना उसने उठाया था ताकि ओंठो का चुम्बन उसकी पहुँच से बाहर रहे । वह व्यग्र हो उठी और आँखे बंद रखते हुए बोली"मेरे ओंठो पर चुम्बन कीजिये प्लीज, मेरे ओंठो को क्यों तरसा रहे हो आप, प्लीज, मुझे अपने ओंठ दीजियेl"अलका ने गुहार लगायी और उसने अपने ओंठ खोलते हुए जीभ को लहराते हुए अपना सर और ज्यादा ऊपर उठा दिया। वो तड़प उठी थी ।

मैं उसकी तड़प को और नहीं देख सका और अपने खुले मुंह को उस के मुँह पर लगाया। अब इस के बाद व्यग्रता के कारण अलका ने ऐसा तीव्र चुंबन किया जिसकी तीव्रता बहुत अधिक थी । यह किस काफी लम्बा चला ये क्षण सिर्फ मेरा और अलका का था, इस क्षण और कुछ महत्त्व नहीं रखता था, कुछ नहीं और कुछ भी अस्तित्व में नहीं रहा। वह मेरी थी और मैं उसका था । शरीर, मन और आत्मा दोनों एक हो गए ।

शाश्वत प्रेम में डूबे हुए प्रेमी, पता नहीं कितनी देर तक एक दुसरे को चूमते रहे, ऐसे जैसे कोई जन्मे के बिछड़े प्रेमी मिल गए हो । हम प्रेमियों ने एक दूसरे को, अपने हाथ और पैर, शरीर के चारों ओर लपेटकर चूमा। कभी मैं ऊपर कभी वह ऊपर बस पागलो की तरह चूमते रहे । अलका ने अपनी उंगलियों को मेरी नंगी पीठ के ऊपर और नीचे दौड़ाया, धीरे से उसने अपने नाखूनों को नेरी पीठ की त्वचा पर रगड़ दिया। मेरी उंगलियों ने उसकी रेशमी अधोवस्त्रो को महसूस किया मालूम ही नहीं चल रहा था कहाँ अधोवस्त्र समाप्त हो रहे हैं और उसकी त्वचा कहाँ से शुरू हुई। मेरा स्पर्श उसकी निर्दोष चिकनी रेशमी त्वचा जो वस्त्रो की मुकाबले काफी गर्म थी उसे महसूस कर रहा था ।

मैंने हाथ नीचे खिसकाया और धीरे से उसकी गांड को सहलाया। जैसे-जैसे हमारे होंठ और जीभ अपने हमले जारी रखते थे, मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ और उनके कामुक नितम्बो के गालो को ऊपर-नीचे हो रहे थे। मैंने धीरे से अपने हाथों से उसकी गांड को दबाया तो अलका ने मुझे और भी अधिक आक्रामक तरीके से चुंबन करते हुए जवाब दिया। मैंने उसकी गांड की दरार में अपनी उंगलियाँ फँसा दी और उसकी गीली पैंटी से ढँकी चूत तक पहुँच धीरे से अपनी उंगली उसके ऊपर चलाई। अपनी उंगली पर गीलेपन का आनंद लेते हुए, उसने उसकी चूत को रगड़ा और अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को दबाया। मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा उसे जैसे करंट सा लगा और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया थाl

"ऊह यस।"अलका कराही और उसने चुंबन तोड़ दिया । उसने वासना भरी आँखों से मुझे देखा और उसे फिर मुझे उतनी ही उत्तेजना से दुबारा चूमा, मैंने अपने जीभ उसके मुँह में सरका दी तो वो मेरी जीभ चूसने लगी । मेरा हथियार अपने पूरे जोश पर था वो भी उसके बदन पर अपने चुम्मे दे रहा था और अपनी म्यान को छुपा रही उसकी हीरे के आकार वाली पेंटी को फाड़ कर म्यान प्रवेश के लिए मचल रहा था। वो अभी भी अपने हाथों को मेरी पीठ और नितंब पर चला रही थी ।

वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगाl अलका मुझसे कस कर लिपट गयीlमेरे हाथ अब उसके स्तनों पर पहुँच गए मैंने चुम्बन करते करते उसके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर ब्रा के ऊपर से ही दबायाl मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थेl मेरे हाथ को उसके निप्पल जो उत्तेजना के अतिरेक से कड़क मह्सूस हुए और लगा अब समय आ गया है जब अलका के बदन को सब बंदनों से आज़ाद कर देना चाहिए ताकि प्रेम के सागर में वो आज़ादी भरी डुबकी का आनंद ले सके l

मैंने चुम्बन को तोड़ दिया तो उसने मेरी तरफ ऐसे देखा के चुम्बन क्यों तोड़ दिया और वो दुबारा मेरे सर को पकड़ कर किश करने लगी l तो मैंने अपनी उंगलिया उसके गले के पास उसकी रेशमी ब्रा के स्ट्राप में घुसा कर उसकी पीठ तक ले गया चुम्बन को तोडा फिर उसको उसके सिर के ऊपर खींच लिया तो उन भी बाहे ऊपर उठा कर पूरा साथ दिया, जिससे वह ब्रा लेस हो गई। पर अभी भी उसकी छाती पर हार और गहने थे । मैंने एक बार फिर उसको देखा गहनों में अलका बेहद आकर्षक लग रही थी मैंने उसे गले लगाया तो तो धीरे से बोली , हार चुभ रहा है l आपको नहीं चुभा l मैं कुछ नहीं बोला और उसकी गर्दन के पीछे हार की डोरी को ढीला करने लगा उसे भी समझ आ गया, अब सभी बंधन खोलने का समय आ गया थाl

मैंने उसके बूब्स को सहलाया अब उसे ये भी समझ आ गया l मैंने चुम्बन क्यों तोडा था और उसके गले में पहने गहनों को उतार दियाl l बिच बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी मेरे एक हाथ उसकी पीठ पर था l

मैं बैठ गया तो अलका भी अपनी बाजुओं के भार होकर बैठने लगी जिससे उसके बड़े बड़े गोल सुडोल और दृढ अनछुए स्तन अपना आकार बताने लगे । मैंने बस धीरे से उनके ऊपर हाथ चलाने से पहले उन्हें गौर से देखा । और स्तनों के नीचे हाथ रख कर उनका बजन महसूस करने लगा उसके सख्त और गुलाबी निप्पल सीधे मेरी और इशारा कर रहे थे । मेरी वासना चरम पर थी तो मैंने उसके स्तनों की मालिश करना शुरू कर दिया ।

अलका फिर कराहने लगी जिसे सुनकर, मैंने अलका को धीरे से उसकी पीठ पर लेटा दिया। और उसकी ओंठो पर किस किया फिर उसकी ठोड़ी पर गर्दन पर किस करते हुए धीरे धीरे उसके स्तनों की और बढ़ा उसके दाए स्तन को किस किया और फिर स्तनों के बीच की घाटी को किस करके चाटा और फिर उसके दाए स्तन को किस किया और चाटा क्योंकि मैं उसके दायी और ही था l फिर उसके स्तनों के नीचे मुँह लेजाकर स्तनों के निचले हिस्सेको भी चूमा और चाटा l जहाँ उसके स्तन उसकी छाती से मिलते थे वहां चूमा तो वह कराह उठी l फिर धीरे धीरे चूमते हुए उसके निप्पल की और बढ़ने लगा उसके निप्पल उत्तेजने से एकदम खड़े हो कर मुझे आमंत्रित कर रहे थे प्लीज हमे चूसो उधर अलका आँखे बंद कर लेटी हुई थीl

आगे जो हुआ वो मेरे लिए बहुत मुश्किल था पर मैंने पता नहीं कैसे कर लिया मैंने उसके निप्पल को न तो चूमा न चूसा l एक दो फूक मारी और उनके आस पास चूमते हुए सारे स्तन को चूमने लगा अलका इस प्रत्याशा में थी के अब मैं उसके निप्पल चूसूंगा उनसे खेलूंगा पर मैंने सोचा इसे एक बार फिर जैसे ओंठो के चुम्बन के लिए तड़पाया था वैसे ही तड़पाया जाय l क्योंकि उसके बाद जैसा चुम्बन मिला था शायद वैसा की कुछ अब फिर हो जाए l

तो मैंने फिर बाए स्तन पर किस करते हुए उसके नीचे के हिस्से तक गया और उन्हें भी बाए स्तन की तरह निचले हिस्सेको भी चूमा और चाटा l तो वह कराह उठी l फिर धीरे धीरे चूमते हुए उसके निप्पल की और बढ़ने लगा उसे लगा मैं उसके बाये निप्पल को चूसना अब शुरू करूंगा पर मैंने निप्पल को न तो चूमा न चूसा l एक दो फूक बाए निपल पर मारी और उनके आस पास चूमते हुए सारे स्तन को चूमने लगा उसे मेरी गर्म साँसे पाने स्तनों पर महसूस हो रही थीl

पर इस बारी वो मेरी शरारत भरी चाल को समझ गयी थी उसने मेरा सर पकड़ा एक गति में, उसने मेरा मुंह उसके उभरे हुए निप्पल पर उतारा और मैंने उस को चूमा फिर पूरे निप्पल को चूसा, मेरी इस अचानक आक्रामकता ने अलका को उत्तेजित कर दिया और उसने मेरे द्वारा और अधिक निप्पल चूसने के लिए अपनी पीठ उठा कर उसे धनुषाकार कर दिया। वो बोली दीपक चूसो इनको जोर से चूसो आह उह प्लीज ऐसे ही चूसते रहोl मैं एक हाथ से एक स्तन दबा रहा था और दुसरे हाथ से दूसरा और साथ साथ निपल चूस रहा था और आसपास के स्तन के हिस्से को अपने मुँह में ले लिया।

मैंने उसका बाय निप्पल पूरा मुँह में लेते हुए अपनी जीभ पूरे निप्पल पर घुमाई और उसके स्तन के कुछ हिस्से को को धीरे-धीरे मुँह से बाहर निकाल दिया। मैंने निप्पल को चूसना जारी रखा, अपनी जीभ को निपल के चारो और घुमाते हुए उसके निप्पल को ओंठो के बीच दबा कर धीरे से खींचा। फिर स्तनों को अपने हाथ से सहलाया और धीरे से नीपल्ल को हल्का सा काटा जिससे अलका के शरीर में हलके से दर्द भरे आनद की लहर दौड़ गई। उसने मुझे"चूसोl मेरे बेबी! इनको चूसो"कह कर मेरा जोश बढ़ाया और बोली"यह बहुत अच्छा लगता है!"

जहाँ तक निप्पल चूसने का मसला था , मुझे इसके लिए किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थीl लड़कियों के स्तन मुझे हमेशा आकर्षित करते थे और मैंने एक बार अपनी माँ को किसी से बात करते हुए सुना था की बचपन में भी दूध पीते हुए मैं उनके निप्पल आसानी से छोड़ता नहीं था l और स्तनों पर खूब हाथ मारता था l वैसे भी मनोविज्ञानिक कहते है नवजात के लिए भी चूचक वो स्थान है जहाँ पर उसे मीठा दूध मिलता है इसलिए स्तन और चूचक हर इंसान चाहे वो लड़का हो या लड़की हो, अति प्रिय होते हैं और मैं भी इस मामले में कोई अपवाद नहीं था l


आगे क्या हुआ ...
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अंतरंग हमसफ़र भाग 19
मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय
परिवार से मेलजोल
भाग -11
अलका के साथ सम्भोग से पहले चाटना चूमना.


स्तन मेरी हमेशा कमजोरी रही है। मेरे ऐसे चूसने से अलका स्वर्ग में पहुँच गयी थी। कुछ देर बाद मैं इस स्तन से थक गया, तो समान शक्ति के साथ दूसरे स्तन को चूसने लगा। अपने जुनून में, मैंने उसके दूधिया और कोमल मांस के चारों ओर प्रेम से काटने लगा, कुतरने लगा जिससे उसके स्तनों पर काटने के निशान पड़ गए। मैंने उसकी छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा इससे उसके दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए। फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा। दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे, अलका के गुलाबी निप्पल उत्तेजना से खड़े हो चुके थे।

मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगी। फिर एक के बाद दुसरे निप्पल को लगातार चूसने लगा। फिर एक बिंदु पर मैंने दोनों स्तनों को एक साथ निचोड़ा और एक साथ में दोनों निपल्स को मुँह में ले लिया, चूसा , अपनी जीभ को दोनों स्तनों के आगे पीछे की ओर घुमाया। उसकी आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

उसको दोनों स्तनों पर हुए इस लगातार आक्रमण से अलका अपना नियंत्रण खो रही थी। उसका पूरा शरीर बिजली के करंट जैसी उत्तेजना महसूस कर रहा था और उसने कभी भी इस तरह की उत्तेजना महसूस नहीं की थी। उसे लगा कि उसके स्तन सूज गए हैं और उसके निप्पल इतने सख्त लग रहे हैं कि वह डर गई कि वे विस्फोट करेंगे।

हर अर्थ में अलका के लिए एक नया अनुभव था क्योंकि न केवल वह एक कुंवारी थी, उसने पहले कभी हस्तमैथुन भी नहीं किया था। उसकी टाँगों पेट और छाती कांपने लगे। उसकी साँसें छिटपुट हो रही थीं और उसकी त्वचा फड़क रही थी। मैंने उसकी क्लिट को चूसते हुए उसका मौखिक हमला जारी रखा और जब उसने अपने होंठों से उस पर दबाव डाला, तो अलका उसके पहले संभोग सुख की उमंग में चिल्ला उठी! फिर उसका शरीर अकड़ने लगा उसकी साँसे तेज चलने लगी उसके शरीर में एक उफान आया और वह निढाल हो कर मुझ से लिपट गयीl

मैंने उसे किस करके पुछा क्या तुमने पहले भी कभी कुछ ऐसा अनुभव किया है तो वो बोली नहीं कभी नहीं। ये निश्चित तौर पर उसका पहला ओर्गास्म था . हम कुछ देर ऐसे ही लेते रहे जब तक उसकी साँसे कुछ नियंत्रित नहीं हो गयी। फिर मैंने पहले उसे किश किया और उसके स्तनों से खेलना शुरू कर दिया। फिर कानो को किश किया जब उसकी प्रतिक्रिया से ये महसूस होने लगा वो दुबारा गर्म हो गई, तो हमारी किश जयादा गर्म होने लगी। तो मैंने धीरे धीरे नीचे को और चलने लगा उसकी गर्दन फिर उसकी बाजू ऊपर उठा दी और उसकी कांख ( armpit ) को चूमा वो इस करके कराहने लगी। मैं उसकी छाती और फिर स्तन और फिर निप्पलों को चूसने और चूमने लगा।

अब नीचे उसका स्पॉट पेट मेरे चूमते ही उसकी पतली नाजुक कमर बल खाने लगी। उसकी कमर में कमरघनी उसकी पतली कमर की शोभा बढ़ा रही थी। मैंने अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी।पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक एक अंग को चाट डाला। फिर उसकी गुफा जैसी नाभि के बाहर चारो तरफ चूमा और फिर चाटते हुए अपनी जीभ उसकी नाभि में घुसा दी। वो एक दम से उछल गयी। मेरे उसके नाभि में हर हिस्से में जीभ घुमाई। उधर मेरे हाथ उसके स्तनों को दबा फिर उसके निप्पल को मसलने और खींचने लगा। वो बोली प्लीज मुझे कुछ हो रहा है।

फिर मैं और नीचे जाने लगा और उसके नाभि के नीचे किस करता हुआ उसकी जंघा के पास पहुंचा और उसकी आंतरिल जंघा पर एक किश की और चाट कर धीरे धीरे उसकी योनि की और जाने लगा पर योनि को नहीं छुआ और घुटनो की तरफ किस करता चला गया, फिर घुटनो के आंतरिक हिस्सों और फिर घुटनो पर फिर पिंडलिया और फिर टखना और फिर पैर और पैरो की उंगलियों को चूमा और चूसा फिर उसके दोनों पैरो को मिला दिया और दुसरे पैर को चूमा और फिर धीरे धीरे से टखनो फिर पिंडलियों , घुटनो को चूमते हुए उसकी जांघो को चूमते हुए उसकी जंघा के बीच के स्थान की और बढ़ता गया।

जब मैं अलका के टांगो के मध्य के करीब पहुंचा तब तक चुंबन करना जारी रखा। अलका ने मुझे उसके नारीत्व पर आक्रमण करते हुए देखने के लिए अपना सिर ऊपर किया। उसने उसे करीब से देखा और महसूस किया कि मेरी जीभ उसकी फीते से ढकी हुई पेटी के सिरों पर टिकी है। वह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपने पैरों को अलग करती है और फिर मेरे होंठ उसके फीते से ढकी हुई चूत को रेशमी कपड़ो को ऊपर से सहलाने लगे।

मैंने अलका की योनि को ढकने वाले रेशमी कपड़े को चूमा. मैंने महसूस किया उसकी पेंटी पूरी गीली थी। मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी की डोरियों के अंदर सरका दिया और उसकी पेंटी को नीचे खींचा तो अलका ने अपने चूतड़ उठा दिए। और आखिरकार मैंने अलका को उसके सारे वैभव में देखा। उसकी योनि पर और आसपास बालों के एक भी निशान को साफ़ किया हुआ था। उसकी योनि पहले से ही सिकुड़ रही थी और उसके रस को बूंदो से उसकी योनि भीगी हुई थी।

मैंने उसकी भीगी चूत को पहले चूमा फिर उसके उभरे हुए बाहरी होंठों को चाटने लगा। अलका की चूत मेरे चुम्बन से उसकी चूत संकुचन करने लगी। मैंने अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए, धीरे से गीली योनि के दरार की नोक पर चलाया और कुछ रसों को उसके योनि से बाहर निकलते ही चाट गया। अलका ने और अधिक की उम्मीद में अपने कूल्हे ऊपर उठा दिए।

मेरी आँखे बंद हो गयी और मैंने अलका के चूतरस का स्वाद लिया। जब मैंने अपने आँखों को फिर से खोला, तो मेरी आँखों में एक इच्छा थी जो अलका ने पहले नहीं देखी थी। मैंने अपनी जीभ को इसके चूत के दाने के चारों ओर घुमाया और धीरे-धीरे उसे छेड़ दिया।

"हे भगवान!"अलका कराह उठी। हाथो से अपने स्तनों को सहलाते हुए कहने लगी"तुमने कैसी आग लगा दी है अब जल्दी कुछ करो"।

मैंने उसकी चूत पे अपने होंठों को टिकाया और धीमे-धीमे चौड़े झटके में चाटने लगा। अल्का ने अपने पैरों को और भी फैला दिया उसने अपने निप्पलों की मसला और परमानंद में डूब गई।

उसकी चूत से निकलती संचित रस को निगलते हुए, मैंने अपनी उंगलियों से उसकी योनि की ओंठो को जुदा किया और उसकी अंदरूनी सिलवटों को चाटना शुरू कर दिया। मुझे लगा अब तरसाने का समय खत्म हो गया। अब यह समय था जब प्रेमी अपनी काम वासना की इच्छाओं को पूरा करें। मैंने अपनी जीभ को उसकी गर्म चूत में डुबो दिया और उसकी मांसपेशियों का संकुचन अपनी जीभ के आस-पास महसूस किया। जैसे ही मैंने अपने होंठों को खोल कर, जब उसने अपनी जीभ को अंदर-बाहर किया अलका ने अपने कूल्हों को उठा कर मेरे मुंह पर खुद को धकेल दिया।

उसने अपने हाथो से मेरा सर पकड़ा और मेरे चेहरे को अपनी चूत में अपनी पूरी ताकत के साथ चिपका लिया। मैं चाटना जारी रखा जिससे उसके बदन में तीव्र आनंद की लहर दौड़ गयी। उसके कूल्हे मेरा मुंह पीस रहे थे , उसका रस मेरे चेहरे पर फ़ैल रहा था। और वह बिस्तर पर गिर गई। उसके दिल के धड़कन की गति बहुत तेज हो गयी थी। अलका ने कभी इस रात की ऐसी कल्पना नहीं की थी, न ही ऐसी तीव्रता या आनंद या परमानंद की। उसके शरीर पहले काम्पा फिर अकड़ा और फिर निढाल हो गया मैं धीरे से ऊपर हुआ और उसे लिप किश करने लगा। उसने मेरे होठों पर लगे अपने रस का स्वाद चखा।

अलका को उसके कामुक आनंद में देखकर मैंने उसे अपनी बाँहों में पकड़ लिया और उसे किस किया। मेरा लंड अब उत्तेजना के चार्म पर पहुँचने वाला था। अल्का ने अपनी जांघ पर मेरे लंड की कठोरता महसूस की और मुस्कुराई। उसका हाथ नीचे पहुंच गया और उसने उंगलियों के साथ लंड की ढूंढते हुए बड़ी नाज़ुकता से पकड़ लिया और उधर मेरे ओंठो को बड़े प्रेम से चूमा। उसने धीरे से मेरे लंड को कस के पकड़ लिया।

अलका ने नेट पर पहले भी लंड की तस्वीरें देखी थीं, लेकिन असली चीज़ उससे बहुत बेहतर थी। वह बस उसे देखती रही थी और धीरे से छोड़ा तो लंड ऊपर को फुदका तो उसने ऊपर उसे फिर पकड़ लिया। उसने अपनी उंगलियों को शाफ्ट के चारों ओर लपेटा और उसे वह एकदम गर्म रोड जैसा महसूस हुआ। उसने जिज्ञासा और कामुकता के मिश्रण के साथ हाथ को लंड के ऊपर नीचे किया।

फिर वह बोली ये तो काफी बड़ा और सख्त है। मेरी तो बहुत छोटी सी है . ये अंदर चला तो जाएगा . मुझे बहुत दर्द होगा मैं सह नहीं पाऊँगी।तो मैंने कहा नहीं मेरी रानी ये तो प्यार का औजार है और कितनी भी छोटी योनि क्यों न हो अपने प्रेमी के लिय जगह बना ही लेती है। और ये दर्द तो पहली बार ही होता है और एकदिन हर लड़की जो प्यार से कामसुख आनद पाना चाहती है उसे इसे एक बार तो गुजरना ही पड़ता है। और फिर मैं बहुत आराम से करूंगा।

उसके हाथ के स्पर्श से मेरा लंड भड़क गया और अलका ने अपनी उंगलियों को उसकी चारों ओर लपेट दिया और धीरे-धीरे उसे पंप करना शुरू कर दिया था। फिर उसने लंड को चूत के छेद पर ले गयी और चुत के दाने को लंड से घिसा। मुझे लग गया अब लंबे समय तक रुकने और इंतजार करने की कोई वजह नहीं थी क्योंकि अलका अब बिलकुल त्यार लग रही थी।

"प्लीज, अब मुझे चाहिए,"उसने विनती की।".

मैंने देखा कि अलका अभी भी मेरे लंड को देख रही है। चेहरे पर मुस्कान के साथ, मैंने उसके नग्न शरीर को अपनी छाती से चिपका लिया। उसके स्तन मेरी छाती पर दब गए और मेरा लंड उसकी चूसी हुई चूत को चुम्बन करने लगा। मैं उसकी आँखों में देख रहा था तो उसके बाल मेरे चेहरे पर आ रहे थे, और उसे एहसास हुआ कि वह मुझसे कितना प्यार करती है। अलका ने मेरी आँखों में भी गर्मजोशी देखी, जिसे देख उसका दिल और भी पिघल गया। वह अब मेरी थी मुझे पूर्णतया समर्पित।

"आई लव यू ,"दोनों ने उसी समय एक साथ कहा। यह महसूस करते हुए कि अब तक दोनों के बीच क्या हुआ, कुछ मुस्कराए और फिर से चूमा और दोनों अपने प्रेमी के मुंह में अपना रस चख रहे थे। चुंबन नरम, रोमांटिक, एक दूसरे के लिए प्यार से भरे थे। मैंने अलका के बाल एक तरफ किये और भारतीय संस्कृति के संकेत के अनुरूप , फिर से उसके माथे चूमा,। अल्का ने मेरे सीने पर अपना सिर टिका दिया, और मैंने उसका नाम पुकारा।

अलका मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ के आप मुझे मिली।

अलका ने मेरी छाती को चूमा और फुसफुसाए,"इस के लिए धन्यवाद।"

मैंने धीरे से अपनी उँगलियाँ की और अलका की नंगी पीठ पर ऊपर नीचे की मेरी उंगलियाँ उसकी रीढ़ की हड्डी के एक एक मनके को महसूस करते हुए धीरे से उसके नितम्बो की दरार में से होते हुए उसके नितम्बो पर दबाव डाला तो अलका ने आहें भरी। उसकी उंगली उसके गोल नरम पर सुदृढ़ नितम्बो पर गोल घूमी फिर नितम्बो को सहलाया।

ऐसा करने से मेरा लंड उत्तेजना की ताजा स्थिति के रूप में उठा और उसकी योनि का दरवाजा खटखटाने लगा।. मेरी उंगलियों ने उसकी योनि की दरार को महसूस किया फिर धीरे से एक फिर दूसरी अंदर सरका दी मेरी ऊँगली का अग्रभाग उसके रस से डूब गया।

फिर मैंने उंगलिया ऊपर नीचे की और उंगलियों की मदद से दरार की थोड़ा फैलाया और लंड मुंड का अगर भाग दुसरे हाथ से लंड की पकड़ कर दरार पर रगड़ कर अलका की चूत की छेद की द्वार पर लगा दिया। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह! आहहह! आहहह! कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया।

मेरी उंगली ने धीरे से उसकी योनि के गीले होठों की मालिश की, मेरी उंगली धीरे-धीरे उसकी चुत के अंदर गोलाई को धीमे-धीमे घूमने लगी. मेरी उसकी उंगली धीरे-धीरे उसकी चूत में घुस गई और अलका की मेरे मुँह में किस करते हुए एक आह निकली।


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अंतरंग हमसफ़र भाग 20
मेरे अंतरंग हमसफ़र


द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -12

कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई
फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, मैं बस अलका के कौमार्य को भंग करने ही वाला थाl

अलका ने अपनी आँखें बंद कर लीं क्योंकि मेरी उंगली उसकी पवित्रता में घुस गई थी
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। उसने दर्द से मिला जुला आनंद अनुभव किया जिससे वह अभी तक परिचित नहीं थी। उसने मुझे और जोश में चूमा अब मेरी ऊँगली धीरे-धीरे उसकी योनि में आगे पीछे होने लगी और हरेक बार पहले से अधिक गहरी जा रही थी। अलका ने मेरे होठों को चूसते हुए मेरा सिर अपने हाथों से पकड़ लिया। उसका शरीर फिर से वासना और उत्तेजना से तपने लगा।
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मेरा लंड भी खड़ा हो कर मेरे हाथ के पीछे तब टकराया जब मेरी उंगलिया उसकी योनि की मालिश कर रही थी और फिर लंड महाराज ने आगे बढ़कर अपनी प्रेमिका अलका की चूत को रगड़ दिया। इस दोतरफा ऊँगली और लंड के एकसाथ हुए हमले से अलका एकदम उचक गयीl
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मैं धीरे से अलका को पलट कर उसकी पीठ पर लिटा दिया और उसे अधिक आक्रामक तरीके से चूमा। इससे अलका के मम्मे मुझे और भी साफ साफ दिख रहे थेl. मेरे लंड का बुरा हाल थाl मैं धीरे धीरे उनके मम्मों के ऊपर हाथ घुमाने लगा।
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फिर मैं उसके निप्पल मसलने लगा और मैं कभी इस तरफ की चूची को दबाता, कभी उस तरफ की चूची को मींजताl मैं उसकी घुंडियों को काफी देर तक मसलता रहाl

थोड़ी देर बाद चाची के मुँह से सिसकारियां निकलने लगींl अब मैं समझ गया कि चाची भी कामवासना से गरम हो चुकी हैं और मैंने मौका ना गँवाते हुए उसके होंठों को चूम लिया और फिर ऊपर वाले लिप को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा l
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फिर मैंने मम्मों को छोड़कर उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसको लगातार पागलों की तरह किस करने लगाl वो भी कामुक सिसकियाँ लेते हुए आहें भरने लगींl

वो मेरे बालों पर अपने हाथ फेर रही थींl मैं धीरे धीरे नीचे आकर उसके पेट को चूमने लगाl फिर मैं उसकी नाभि पर आयाl अब मैंने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया, जिसे वो सहलाने लगींl
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मैंने अपने हाथों पर अपने वज़न का संभाला तो अलका की चूत पर मेरा कठोर लंड महसूस किया।

हमने एक-दूसरे को देखा, दोनों एक ही बात सोच रहे थे, दोनों की समान इच्छाएँ थीं और दोनों एक साथ एक ही लक्ष की तरफ़ बढ़ रहे थे।
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ऐसा करने से मेरा लंड उत्तेजना की ताज़ा स्थिति के रूप में उठा और उसकी योनि का दरवाज़ा खटखटाने लगा। मेरी उंगलियों ने उसकी योनि की दरार को महसूस किया फिर धीरे से एक फिर दूसरी अंदर सरका दी फिर मैंने उंगलिया ऊपर नीचे की और उंगलियों की मदद से दरार की थोड़ा फैलाया l
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अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।
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मैं उसके माथे फिर से चूमा, एक हाथ नीचे ले लिया और धीरे-धीरे उसकी योनि पर अपने लंड को मला, ऊपर और उसके भगनासा के नीचे। उस पर उसका रस मला और अपने लंड को अच्छी तरह से चिकना कर दिया। तत्पश्चात लंऔर लंड मुंड का अग्रभाग दुसरे हाथ से लंड की पकड़ कर दरार पर रगड़ कर अलका की चूत की छेद की द्वार पर लगा दिया l
मैंने पुछा तुम तैयार हो, मेरी प्यारी अलका?
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अलका ने मुझे देखा और सिर हिलाया। वह मुझसे प्यार करती थी, उसने मुझ पर भरोसा किया और अब वह मेरी थी। उसने पहले ही मुझे अपना दिल, अपना दिमाग, अपनी आत्मा दे दी थी और अब वह अपने शरीर को मुझे सौंपने के अंतिम कगार पर थी और उसने मुझे चूम कर पूर्ण समर्पण का इशारा कर दिया l
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मैंने धीरे से अपने कूल्हों को आगे बढ़ाया और लंड का सर के अंदर घुस गया। अलका ने अपनी आँखें बंद कर लीं सुख और दर्द में मिलेजुले एहसास उसके होश उड़ गए। आह! ओह!
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लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर ज़ोर लगाया और लैंड दो इंच अंदर चला गया। अलका चीखने चिलाने लगी । हाअ, दीदीपककक्क! आईसीईई, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ!
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आआहहl l उह्ह्ह ह्ह हाँl आईईईl प्लीज आहl l मैं बस तुम्हारी हूँl l हाँ और उह्ह्ह्ह l उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हl
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वो अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थीl
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यहाँ तक की वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया। मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे किया उठा और फिरसे धक्का दिया, लंड लगभग आधा अंदर चला गया था । मेरे लंड को अलका के योनी रस ने भिगो दिया था, जिससे वह चिकना हो गया था और आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। अलका ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच अलका की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो अलका ज़ोर से चिलाने लगी कि आह! बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाउंगीl
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मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह माँ" अलका के मुह से निकला। उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी कुंवारेपन की झिल्ली चीरता योनी को भेद कर अंदर घुस गया l लिंग अन्दर और अन्दर चला गया था। अलका भी योनी के अंदर मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थीl उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था l
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वो दर्द के मारे चिलाने लगी आहहहहह! दीपक उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! बहुत दर्द हो रहा है प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगी l अलका की चूत बहुत टाइट थी मैंने उसकी चूत की तीव्र गर्मी महसूस की जिसने मेरे लंड की जकड़ लिया था। मैंने अलका को इस आक्रमण के बाद में समायोजित होने के लिए समय दिया और उसकी श्वास के सामान्य होने तक उसे आराम दिया। कुछ देर बाद उसने अपने कूल्हों को ऊपर की और उठा दिया तो मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा 8 इंच अन्दर तक उसमें सरका दीया। उसकी चूत बहुत कसी हुई थी और उसने लंड की जकड़ लिया था और जब भी मैं लंड की आगे को धक्का लगाता था तो उसकी कराहने की आवाज़ मेरे कानो से टकरा रही थीl
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आआहहl l उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हl
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अलका ने मुझे अपनी बाहों में मजबूती से पकड़ लिया और मुझ में से ऐसे लिपट गयी जैसे मुझ में समा जाना चाहती हो। उसने ख़ुद को मुझे दे दिया था। उसका शरीर अब मेरा था और जैसे ही मैंने अपने शरीर को उसके ऊपर रखा,
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भावनाओं का एक प्रवाह ने अलका बह गयी। उस पल की तीव्रता ने उसे अभिभूत कर दिया था और उसके आँसू उसके गालो पर बहने लगे। मैंने अपना वज़न उसके ऊपर से उठाया। उसने अपनी आंसुओं से भीगी हुई आँखों को खोल कर मुझे देखा। मैंने उसके सिर को चूमा और फिर उसकी आँखों को चूमा, उसके आंसू को अपने ओंठो से पि गया।
उस पल में, अलका की सभी चिंताओं, डर और दर्द को गायब हो गए और उसे अपने जीवन की सार्वभौमिक सच्चाई का एहसास हुआ। मैंने सही मायने में उसे पूरा कर दिया था।
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उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मेरे होठों को नम्रता से चूमा और मैंने धीरे-धीरे अपने कूल्हों को आगे और पीछे ले जाना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से लंड वापस खींचा और अपना लंड फिर से अंदर सरका दिया। अलका साँसे धीरे-धीरे निगलने लगी क्योंकि मेरे लंड के सुख ने उसके होश उड़ा दिए थे। उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और जैसे ही मैंने पंप करना शुरू किया, मैंने देखा मेरे लंड चारों तरफ़ से उसके मिश्रित लाल तरल पदार्थों में भीगा हुआ था।
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मैंने देखा और महसूस किया कि मेरा लंड अब पहले से आसानी से अलका की चूत में घुस रहा था। पर उसकी चुत बहुत टाइट थी। । जैसे-जैसे मैंने अपनी गति बढ़ायी, अलका को ख़ुशी उसके मुख से निकलने वाली आनंद भरी आवाजों से साफ़ पता लग रही थी। मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी।
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मुझे लग रहा था उसकी चुत संकुचन कर रही थी और मेरे हर धक्के के साथ महसूस कर रहा था की जैसे उसकी चुत मेरे लंड को चूस रही हो। उन्होंने ख़ुद को अपने हाथ से आगे बढ़ाया और अपनी लय जारी रखी। अलका ने समर्थन के लिए मेरी बाहों को पकड़ रखा था और मेरे हर धक्के का साथ उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा कर दिया। जिससे हमारे जिस्मो के निचले हिस्से का मिलन हवा में होता था। मैंने उसके स्तन की मालिश करने के लिए एक हाथ का उपयोग किया और उसके निप्पल को चुटकी में लिया और महसूस किया कि उसकी चूत मेरे लंड को ज़ोर से चूसने लगती। मैंने अपने सिर को नीचे किया और उसकी गर्दन को चूम लिया।
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अब अलका कामुक उन्माद में थी। उसके हाथ मेरे नितम्बो पर चले गए और उसने अपने नितम्ब नीचे दबा दिए। साथ-साथ उसने अपने पैरों को यथासंभव फैला दिया और अपने नितंबों को पूरा ऊपर उठा कर मेरे धक्के की ले में मिला दिए। हर बार जब हमारी पैल्विक हड्डियाँ टकराती थीं तो उसने महसूस किया कि उनके संभोग की कठिन और तेज लहर आने वाली थी।
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"ओह, मत रोको, मुझे कुछ हो रहा है।" वह हांफने लगी
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मैंने अपनी लय और गति को जारी रखा अलका ख़ुशी से चीख पड़ी और अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेटकर मुझे अपनी और खींच लिया। उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर धकेल दिया और अपने कामोन्माद की लहर में अपनी चूत को मेरे लंड के चारो और घुमाया और अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गयी। मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, उसका जिस्म एक बार फिर काम्पा, कुछ देर के बाद वह पहले से बहुत अधिक तीव्रता से झड़ गई। ।
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"हे भगवान!" कहते हुए उसके पेअर पहले अकड़े फिर ढीले पड़ गए और उसने मुझे उसके ऊपर खींच मुझ से कस कर लिपट गयी और मेरे कान में फुसफुसायी "आई लव यू"।
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उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देख कर मैं अब दुनिया के शीर्ष पर था। निरंतर लगातार तेज पंपिंग के कारण अब मेरे अंडकोषों में भी दबाब बढ़ने से दर्द होने लगा था। मैंने फिर से गति पकड़ी और इस बार सभी सज्जनता भूल गया। अब मुझे भी अपनी संतुष्टि की आवश्यकता थी। मैंने अलका के पैरों को उठाया और उन्हें अपनी छाती पर रखा और हर जोरदार धक्के के साथ योनि के अंदर गहरी पैठ बनाने लगा। फिर मैंने अलका के घुटनो को पीछे धकेल दिया, जीसे उसके घुटने उसके स्तनों को छू रहे थे और अलका महसूस कर सकती थी कि मेरा लंड उसकी गहराइयों को छू रहा है। उसने मेरे लंड को अपनी पूरी गहराईयो में और भी अच्छे से महसूस किया और जान गई कि मैं भी फटने की कगार पर हूँ।
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मेरे अंडकोषों पर पड़ रहे दबाब को अनुभव करते हुए, मैंने अपने धक्को की गति को बढ़ा दिया और कमरे में हमारे सेक्स की आवाज़ें गूंज रही थीं। दोनों जोश में उबल रहे थे। शुद्ध कच्ची वासना और कामिच्छा इच्छा से मेरी एक गहरी मर्दाना कराह निकली और मेरे लंड ने उसकी योनि में अपना लावा उगल दिया।
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अलका ने महसूस किया कि मैंने लावे से उसकी गर्भाशय को नहला दिया हो और वह शुद्ध कामुकता में कराहने लगी। मैं बिना रुके लगातार पंप करता रहा मुझे लगा मेरे अंडकोषो ने कई बार लावा उगला और लगा जैसे खाली हो गए हो। उसके बाद मुझे मेरे अंडकोष एकदम हलके महसूस होने लगे।
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और अंतिम प्रयास से अपनी छाती के पसीने के साथ उसके ऊपर गिर गया।
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जब मेरी उखड़ी हुई साँसे कुछ सामान्य हो गयी और धीरे से लंड को बाहर निकाला। मैं बिस्तर पर लेट गया और अलका को अपनी बाहों में खींच लिया। उसे चूमा, हम दोनों ने बस एक-दूसरे को अपने प्यार में पकड़े रखा और धीरे-धीरे सोते हुए सो गए तभी एक नरम आवाज़ ने हमारे पहले मिलन की तन्द्रा को तोडाl


वो आवाज़ किसकी थी? और उसने क्या कहा ये कहानी के अगले भाग मेंl

आगे क्या हुआ -- ये कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक
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द्वितीय अध्याय
परिवार से मेलजोल


भाग -13
फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई



मैंने आँखे खोली तो सामने जेन खड़ी थी और बोल रही थी दीपक! बहुत-बहुत बधाई! आपने मेरी बहन अलका को बहुत प्यार से चोदा और फिर अलका को भी बधाई दी। अलका शर्मा कर चादर खींच कर ढकने लगी तो जेन बोली मैंने आपकी दोनों की पहली चुदाई पूरी लाइव देखि है अब मुझ से क्या शर्मा रही हो।

तो वह बोली आप कब आयी थी? तो जेन बोली मैं सोई ही नहीं थी मैं तो सोने का नाटक कर रही थी और फिर रोज़ी के साथ मिल के मैंने सब देखा। बहुत सुन्दर नज़ारा था। तो मैंने उठ कर जेन को पकड़ा और किश करते हुए उसके स्तन दबाने लगा।

तो जेन बोली पहले आप का लंड को साफ़ कर लू और उसने एक रुमाल उठाया और मेरा लंड जो अलका के रसो । मेरे वीर्य और उसके कुंवारे लहू में सना हुआ था और साफ़ किया और फिर अलका की चूत को भी साफ़ किया। जब उसने अलका की चूत को छुआ तो वह कराह उठी, तो जेन ने पुछा अलका दर्द हो रहा है क्या? तो अलका ने अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दी तो रोज़ी ने वही रखी क्रीम जेन को पकड़ा दी जो उसने अलका की चूत के अंदर बाहर लगा दी।

अलका बोली दीपक अब आप जेन से प्यार करो। तो जेन थोड़ा हिचकी तो अलका बोली मैंने भी आप दोनों की चुदाई देखि थी। उसी को देख कर मेरी AAG भड़क गयी और मैंने भी आज ही अच्छा मौका देखते हुए दीपक से आज ही चुदने का मन बना लिया।

तो मैंने पुछा तुमने सब देखा। तो वह बोली जब मेरी माँ का आपसे बात करने के लिए फ़ोन आया तो मैं आपको ढूँढने यहाँ आयी तो पता चला आप जेन के साथ जंगल में घूमने गए हो। तो मैं वहाँ भी गयी तो वहाँ मैंने आपको जेन को नंगी करते हुए देखा तो मैं भी वही छूप कर सार नज़ारा देखती रही। फिर जब आप लोग वापिस आने लगे तो मैं चुपचाप वापिस आ गयी और आपसे मिल का माँ से फ़ोन पर बात करवाई।

अब न तो किसी से कोई पर्दा था न डर तो मैंने जेन को दबोच लिया और उसकी नाईट ड्रेस एक झटके में उतार डाली। जेन बोली अरे आराम से, ये क्या हो गया है आपको। तो मैंने बोलै यहाँ मेरे कमरे में आराम करने थोड़ी आयी हो। आराम करना था तो अपने कमरे में करती यहाँ तो रात भर मेहनत करनी पड़ती है । और हम चारो हस पड़े।

मैं जेन के एकदम गोल-गोल सुडोल बड़े-बड़े मम्मे, की तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया।

वो बोली-दीपक थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।।

मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक जोरदार किस कर दी।

मैंने उसके खुले बालों को पीछे किया और मैं उसे किस करते हुए । मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए उसके चुचकों के खींचते हुए उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

फिर मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 5 मिनट तक चूचियों को ख़ूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी योनि पर हाथ फ़ेरा, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाया। मैंने जेन की योनि में उंगली करना शुरू कर दिया और जेन जो हमारी लाइव चुदाई देख कर पहले ही-सा गरम थी और उसकी चूत भी गीली थी और चुदवाने के लिए त्यार थी।

मैं घुटनो के बल बैठ गया और धीरे से अपना 8 इंच लम्बा लंड को जेन की चूत के छेद पर टिका कर।

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया। हालाँकि उसकी चूत सूजी हुई थी पर गीली होने के कारण लंड पूरा अंदर चला गया। वह बोली प्लीज थोड़ा आराम से करो। अभी मैं भी चुदाई में नई ही हूँ, मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए। सूजने के कारण उसकी योनि थोड़ी कस गई थी। मेरा मोटा लम्बा लंड अटक-अटक कर जा रहा था। मुझे अब ज़्यादा ताकत लगा कर उसकी चूत में डालना पड़ रहा था।

हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी-'आआहहह आह, ज़ोर से करो, और ज़ोर से' और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।

मैंने अलका की तरफ़ देखा उसकी की हालत भी खराब हो रही थी। उसके मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी। उसे देख कर मेरी रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई। चुदाई से जेन भी अपने उत्कर्ष पर पहुँच रही थी। फिर जो जेन पहले कह रही थी धीरे करो वही बोलने लगे और ज़ोर से और ज़ोर लगा कर चोदो बहुत मज़ा आ रहा है।

आठ-दस धक्कों के बाद मेरे लंड की पिचकारी छूटी और मैंने जेन की चूत में अपना लावा भरता चला गया। मैं हैरान था जो अंडकोष थोड़ी देर पहले लग रहा था खाली हो गए हो उनमे इतना लावा इतनी जल्दी कहाँ से आ गया! ये ही नयी-नयी जवानी का कमाल था।

मैं जेन के ऊपर लेट गया और जेन की तरफ़ देखा तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे और कुछ देर में मेरी साँसे सामान्य हो गयी। मैंने महसूस किया अलका मेरी पीठ से आकर चिपक गयी थी। अलका मेरी पीठ पर बेतहाशा किस करे जा रही थी। मैंने अलका को खींचा पलटा और उसे बिस्तर पर लिटा कर किस किया।

"कृपया, मुझे और चाहिए, मुझे फिर से चोदो" अलका ने विनती की।

तभी जेन बोली दीपक किसका इंतज़ार कर रहे हो, अलका को फिर से चोदो।

मैंने उसके चूतड़ को देखने के लिए उसे घुमाया। उसके चूतड़ निश्चित तौर पर बेहद सेक्सी चूतड़ थे जिन्हे मैंने अभी तक देखा था, यहाँ तक कि पोर्न स्टार्स को भी उससे जलन होगी।

उसने फिर कहा हम फिर से करेंगे न।

उसकी प्यार भरी गुहार सुन कर मेरा लंड जाग गया और उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ लगा कर किस करने लगी और फिर अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर सुपड-सुपड कर चाटने लगी। फिर उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँचा तब तक लंड अपनी कठोरता प्राप्त कर के पूरा लम्बा हो गया था और उसने हाथ नीचे सरका कर लंड को पकड़ा और हाथ ऊपर नीचे किया। । फिर थोड़ा सरक कर चूत को लंड के नज़दीक ला कर लंड को योनि पर रगड़ा और छेद पर ठिका कर उसने अपने चूतड़ उठा कर अंदर लेने की कोशिश करने लगी।

मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। फिर मेरे हाथ उसके स्तनों से खेल रहे थे और उसके निप्पलों को उमेठ रहे थे। अलका गिड़गिड़ाने लगी-प्लीज अब मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़!

फिर वह डरते हुए बोली-प्लीज धीरे-धीरे डालना, मैंने देखा था तुमने कैसे बेदर्दी से जेन को अभी चोदा है।

अलका तो चूमते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी गीली चूत में डाल दिया। दो झटको में पूरा लंड अंदर चला गया और उसके गर्भशय से टकराया उसकी चूत नयी और टाइट थी और उसे चूत में थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। मैं अपने लंड को अच्छी तरह से और धीरे से चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। चूत अंदर से बहुत गर्म थी और मेरा लंड उसे महसूस कर रहा था।

हर बार मेरे लंड को उसकी चूत में धकेलने से उसकी मांसपेशियों में कसाव आ जाता था और इसलिए मुझे और भी रोमांच हो रहा था। मैंने फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी। तो वह बोलने लगी मुझे चोदो, मुझे कस के चोदो प्लीज, मुझे ज़ोर से चोदो।

मुझे मज़ा आ रहा था वह भी सच में मज़ा ले रही थी। मैंने ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए उसके चिल्लाने की मुझे जोश आने लगा। कुछ देर बाद उसने नीचे से अपने नितम्ब उठा कर एक दो झटके दिए और मुझे कस कर पकड़ लिया। I

वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी। मेरे धक्के बदस्तूर पूरी ताकत के साथ जारी थे। वह एक बिंदु पर पहुँच रही थी, जहाँ वह नियंत्रित नहीं कर सकती थी। वह बोली ज़ोर से चोदते जाओ।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया दीपक मैं गयी गई।

ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगाते रहा और फिर अलका के अन्दर अपना वीर्य की पिचकारियाँ मारी।

उसके बाद मैंने उन दोनों के सामने एक बार रोज़ी को भी चोदा और फिर चारो चिपक कर सो गए।

सुबह मेरी आँख खुली तो अलका मेरे पास खड़ी थी। उसने मुझे किश किया और जो नज़राना मैंने उसे दिया था, उसे देते हुए बोली इसे आप ही मेरी तरफ़ से संभाल कर रखियेगा। ये मैं किसी को नहीं दिखा नहीं सकती किसी ने पुछा कहाँ से आया, तो क्या जवाब दूँगी और उसे बेड के किनारे पड़े स्टूल पर रख दिया।


ll द्वितीय अध्याय समाप्त ll
आगे क्या हुआ...ये कहानी तृतीय अध्याय में जारी रहेगीl

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तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -1

नयी लड़किया और तालाब पर नज़ारे



जब हम सुबह उठे तो अलका मुझे वह नज़राना वापिस दे रही थी, तो मैंने उसे अपने ऊपर खींच कर किस करा तो वह बोली छोड़ो, मुझे बाथरूम जाना है। नीचे सब चिपचिपा लगा रहा है। मैंने देखा साइड में जेन और रोज़ी चिपक कर सो रही थी तो मैं उठा और उसके साथ में बाथरूम चला गया।
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और उसके अंगो को धोया और उसने मेरे अंगो को धोया। फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई। उसने मुझे किश कर थैंक यू बोला और बोली तुम बहुत प्यारे हो और मेरे लंड पर क्रीम लगाई। उसके छूने से मेरा लंड एक बार फिर जागने लगा। फिर हम कमरे में वापिस आ गए तो अलका शीशे के सामने खड़ी हो कर चूत देखते हुए बोली। देखो तुमने मेरा क्या हाल किया है, कैसे सूज गयी है मेरी चूत और बोली अभी तक दर्द हो रहा है।
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मैं उसे बिस्तर पर ले गया और लिटा कर चूत पर किश करके उससे बोला बहुत दर्द हो रह है तो दवाई दे देता हूँ।
इतने में हमारी आवाजे सुन कर रोज़ी उठ गयी और
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बोली मेरे पास एक देसी आयुर्वेदिक क्रीम है वह लगा देती हूँ, जल्द ही आराम मिल जाएगा और क्रीम निकाल कर अलका की चूत और पूरे शरीर पर जहाँ-जहाँ मेरे चूसने या चाटने से उसके गोरे बदन पर जो निशाँ पड़ गए थे वहाँ क्रीम लगा दी। मैं भी उसके साथ लेट गया और उसे बाहों में ले कर प्यार से चूमने लगा।
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अलका मेरी बाए और थी तब तक जेन भी जाग चुकी थी और वह मेरी दायी और आके मुझे चूमने लगी। उनके देख रोज़ी भी मेरे ऊपर आ कर पट लेट गयी। अब मेरी तीनो प्रेमिकाए मेरे साथ चिपक गयी फिर तीनो एक साथ मुझे चूमने लगी।
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मेरा एक हाथ अलका के स्तनों से खेल रहा था तो दुसरे हाथ में जेन के निप्पल थे और मुझे चूमते हुए रोज़ी के स्तन मेरी छाती पर गड रहे थे।सच में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अलका को चूमा और कहा तुम तीनो लाजवबाब नगीने हो और मैं बहुत खुश हूँ के तुम मेरी हो
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और मुझे तुम्हारा कौमार्य भंग करके तुम्हे प्यार की दुनिया में ले जाने का मौका मिला है।
तुम सब सुन्दर हो नहीं-नहीं बहुत सुन्दर हो।

तो अलका बोली अच्छा बताओ तुम्हे हमारा क्या-क्या सुन्दर लगता है?

मैंने कहा मैं एक का नहीं बताऊंगा ये तुम तीनो के लिए है।

फिर मैंने उनकी तारीफ करनी शुरू की :-

ओह, तुम सुंदर हो, मेरी प्रिय जानेमन तुम सब बहुत सुंदर हो!

तुम्हारी हिरणी जैसी बड़ी-बड़ी सुन्दर आँखे हैं।

तुम्हारे बाल पर्बतो से उतरती हुई मादा बकरियों के झुंड की तरह हैं।

तुम्हारे दांत मोतियों की माला जैसे हैं।

तुम्हारे ओंठ लाल रंग के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे और रस भरे हैं जिन्हे कोई एक बार चूसना शुरू करे तो रुकने का नाम ही न ले।

तुम्हारा चाँद जैसा चेहरा बहुत प्यारा है।

चाँद पर तो फिर भी दाग है पर तुम्हारा चेहरा बिलकुल बेदाग़ है।

तुमने मेरा दिल चुराया है।

मेरी प्रेमिका तुमने अपनी आँखों की एक झलक से मेरा दिल चुरा लिया है।

तो अलका शर्माते हुए बोली अरे आप तो कविता करने लगेl अच्छा बस करो, अब हम नहाने जाएंगी। बाक़ी कविता आप बाद में सुनाना।

मैंने कहा जल्दी क्या है? पहले एक-एक राउंड हो जाए तो अलका बोली नाश्ते का समय होने वाला है और बाक़ी लोग हमारा नाश्ते पर इंतज़ार कर रहे हैं।

हम तैयार हो कर नाश्ते के लिए गएl वहाँ अलका की एक स्कूल की दो सहेलिया रुखसाना अपनी बहन हुमा आयी l

वहाँ बॉब और टॉम अलका की एक स्कूल की साथी रुखसाना अपनी बहन हुमा खूबसूरत युवा लड़कियों के आगमन से खुश थे, जो की हमारे घर पर एक सप्ताह रुकने के लिए आयी थी।
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हुमा और रुखसाना वास्तव में लम्बी और बहुत सुंदर युवतिया थीl जिनके सुंदर अंग अच्छी तरह से भरे हुए थेl उन्नत वक्ष स्थल, सुन्दर गोल चेहरा, गुलाबी गाल, बड़ी बड़ी काली आँखें और काले लम्बे बाल, चेरी के रूप में लाल रंग के साथ पूर्ण सुंदर सूजन और मोती की तरह सफ़ेद दांत, जिनकी दिल चुरा लेने वाली मुस्कराहट चेहरे को कभी न छोड़ती हो, ऐसे रूप और लावण्य की मल्लिकाये थी दोनों।
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इन दोनों को देख कर और यहाँ रुकने की बात सुन कर टॉम और बॉब ने मेरे हाथ पकड़ लिए, जिनसे उनकी ख़ुशी झलक रही थी क्योंकि इन नई सुन्दर युवतियों के आने पर हमारे प्यार के खेल में नए खिलाड़ियों के शामिल होने की संभावना बढ़ गयी थी। मैंने भी उन्हें बधाई दी, क्योंकि टॉम और फिर बॉब ने भी ने मुझे अपनी बहनों के साथ स्वतंत्रता लेने में अपनी काफ़ी मजबूरियों जताई थी।
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रुखसाना और हुमा ख़ास तौर पर जेन और उसकी बहनो से मिलने आयी थी और बहुत जल्दी ही उनके साथ घुल मिल गयी और लंदन में क्या-क्या देखने और घूमने को है ये पूछती रही। जेन ने उन्हें लंदन आने का न्योता दिया और उनसे वादा किया अगर वह लंदन आएँगी तो जेन उन्हें ख़ुद सब दिखाने ले जाएंगी।
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वो सुबह शानदार ढंग से ठीक और सुहावनी थीl न ज़्यादा गर्म न ज़्यादा सर्द, करीब एक घंटे तक मैं और मेरे फूफेरे भाई मैदान में टहलते रहे। हमने सिगरेट पी और जब हमें अंदाजा हो गया की अब लड़कियाँ मैदान से आगे पार्क की छोटी झील में नहाने के लिए जा रही हैं। हम छुपते छुपाते वहाँ पहुँचे और गहरी चुप्पी के साथ, बहनों और उनकी सहेलियों के आगमन का इंतज़ार किया।

जिसे हम लोग झील कहते हैं वह घनी झाड़ियों, पेड़ो और पौधों से घिरा हुआ लगभग एक एकड़ का छोटा-सा तालाब था, जो दूर से दिखाई भी नहीं देता था। या यु कहिये छुपा हुआ तालाब है। जिसका पता केवल घर के वासियो को ही है, इस तालाब को हम लोग अक्सर प्राइवेट स्विमिंग पूल के तौर पर भी इस्तेमाल करते थे। तालाब से लगभग बीस या तीस वर्ग गज की दूरी पर, जिसमें पेड़ों के बीच में घिरा हुआ या कहिये छुपी हुई एक झोपड़ी, या गर्मियों का घर था, जहाँ स्नान करने वाले अपने कपडे बदल सकते थे।

तालाब का किनारे पर बारीक रेत थी और तालाब के किनारे एक ग्रिल थी जिसे पकड़ कर तालाब के गहराई से बाहर निकल सकते थे। एक ग्रिल और थी जो तालाब के गहराई में जाने से रोकती थीl नदी से आ रही नहर से जुडी ताजे पानी की एक पतली-सी जलधारा थी जो तालाब में गिरती थी l फिर तालाब से एक नहर निकलती थी, जो मैदान और खेतो की तरफ़ जाती थी।

उस तालाब में जाने के लिए इस झोपड़ी का पिछला दरवाज़ा एक बहुत संकरे फुट-पाथ पर खुलता था, जो की काफ़ी घने पेड़ो के बीच से निकलता था, ताकि कोई भी दल बिना दिखे सुरक्षित उस तालाब तक आ और जा सके। स्नान के मौसम में आमतौर पर उस गर्मियों के घर में शराब, बिस्कुट और केक का भंडार रखने के अलावा, उसके अंदर को आराम की सीटों और सोफों के साथ सुसज्जित किया गया था। इसके इलावा वहाँ एक सुन्दर साफ़ सुथरा टॉयलेट भी था जहाँ तौलिये इत्यादि रखे हुए थे और दूसरा दरवाज़ा तालाब के किनारे पर खुलता था। तालाब में आने और जाने का यही एकमात्र रास्ता था। पूरी व्यवस्था में दादाजी के शौक़ीन मिज़ाज की शानदार झलक थी।

मैंने उस झोपडी की चाबी आशा अम्मा से ले ली थी और हम सब ने उस झोपडी से होते हुए दरवाज़ा बंद करके सावधानी से एक घने पेड़ पर चढ़कर, छिपे हुए सिगरेट को फूंकते हुए, कुछ अधीरता के रोमांच के साथ लड़कियों की प्रतीक्षा करने लगे। वहाँ से हमे तालाब का अच्छा नज़ारा मिल रहा था।

इसे देखकर बॉब मुझ से बोला भाइ ये तो बहुत बढ़िया जगह है, मस्ती करने के लिए और सब कुछ गुप्त रहे इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहाँ तक के तालाब के चारो और एक काँटों लगा लोहे का गुप्त बाड़ा (चारदीवारी) भी है जो की अब पेड़ो और झाड़ियों में पूरा छिप गया है। जिससे कोई अनचाहा मेहमान यहाँ नहीं आ सकताl ये किसने बनवाया है?

मैंने कहा जहाँ तक मैं जानता हूँ ये जगह ज़मीन जायदाद तो हमारी पुश्तैनी है और ये मैंने एक बार पिता जी से सुना था कि ये तालाब या झील का निर्माण मेरे पूर्वजो ने ही करवाया था।

टॉम बोला हाँ लगता है काफ़ी शौक़ीन थे हमारे पूर्वज। यहाँ पर अपनी प्रेमिकाओ के साथ गुप्त रूप से मस्ती की जा सकती है और मेरा हाथ दबा कर बोला भाई जल्दी से कोई कार्यक्रम बनाओ। मैं तो मरा जा रहा हूँ टीना रूबी और मोना से यहाँ पर मस्ती करने के लिए। तो मैंने कहा तो भाई कल रात क्या कुछ नहीं कर पाए। तो बॉब बोला कहाँ कल दोनों बहने लूसी और सिंडी देर तक जाग कर टीवी देखती रही इसलिए कोई मौका ही नहीं मिला।

इस तरह कुछ दस मिनट के इंतज़ार के बाद हमें पास आती हुई लड़कियों की टोली की हँसी की आवाज़ सुनाई दी तो मैंने सबको ख़ामोश रहने का इशारा किया और अपनी सिगरेट बुझा कर फेंक दी। फिर हमने बंद ताला के चाबी से खुलने की आवाज़ सुनी, फिर हमने चहचहाती हुई और ख़ुशी से उछलती हुई लड़कियों की आवाजे सुनाई दी। ओह ये तो बहुत सुन्दर हैl

उसके बाद अलका की आवाज़ आयी ये ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए बनाया गया है ताकि वे गुप्त रूप से जल क्रीड़ाये कर सकेl सबने अलका को थैंक यू कहा इस गुप्त जगह पर लाने के लिए। मैंने भी अपने दोनों फूफेरे से कहा मुझे भी ये जगह अलका ने ही दिखाई थी । आप उसे भी मौका मिलने पर धन्यवाद ज़रूर दे देना।

फिर जैसे मैंने और जेन ने मिल कर बनायीं थी उसी हमारी पूर्वत योजना के अनुसार जेन की आवाज़ सुनाई दीं: "आह! इस प्यारे गर्म दिन हमें यहाँ बिना कपड़ो के और नहाते हुए देखकर लड़कों को क्या मज़ा नहीं आएगाl"

जिसके बारे में रुखसाना ने हँसते हुए जवाब दिया: "अगर वह मुझे नहीं दीखते है, ये मुझे छुप कर देखते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैl" तो हुमा बोली हाँ अगर हमे नहीं पता कोई हमे देख रहा है तो क्या हर्ज हैl उन्हें भी तो नज़ारे लेने का हक़ है। फिर ये नज़ारे एक दिन तो किसी ने लूटने ही है।

इस पर लूसी बोली न बाबा मुझे तो डर लगता है और सिंडी बोली मुझे भी शर्म आती हैl मैं तो कभी किसी के साथ नहीं नहायी।

तो जेन बोली जल्द ही वह समय आने वाला है, बहनो। हम सब अब जवान हो चुकी हैं और जल्द ही हम सब अपना साथी ढूँढ कर उसके साथ प्रेम भरी मस्तिया करने वाली हैंl रुखसाना बोली हमारे यहाँ तो पर्दा होता है ऐसा खुल कर करने की सोच भी नहीं सकतीl

हुमा बोली यहाँ तो सब सहेलिया ही हैं, तो अलका जिसे हमारी योजना का कुछ पता नहीं था, बोली तो बहनो हटा दो सब परदे और ले लो मजे। यहाँ कौन से लड़के हमे देखेंगे।


आगे क्या हुआ ... ये कहानी जारी रहेगी।

आपका दीपक l
SUPERB POST
मेरा एक हाथ अलका के स्तनों से खेल रहा था तो दुसरे हाथ में जेन के निप्पल थे और मुझे चूमते हुए रोज़ी के स्तन मेरी छाती पर गड रहे थे।सच में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अलका को चूमा और कहा तुम तीनो लाजवबाब नगीने हो और मैं बहुत खुश हूँ के तुम मेरी हो
 

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