ठंडी ठंडी हवा मेरे चेहरे को छू कर बह रही थी. मेने जब
अपनी नानी के घर मे कदम रखा तो मेरा मन मचल रहा था. में
कई सालों के बाद अपनी नानी के घर आ रहा था. मेरी नानी पंजाब
एक छोटे गाओं मे रहती थी.
मेरा नाम राज है, उमरा 20 साल लंबाई 5'9इंच है. मेने हाल ही मे
अपना ग्रॅजुयेशन पूरा किया और छुट्टियाँ बिताने मेरी नानी के घर
पहुँच गया.
मेरे पाँच मामा है. मेरे चार मामा साथ मे ही अपने परिवार के साथ
नानी के घर मे रहते है और मेरे पाँचवे मामा जिनकी अभी अभी
शादी हुई है दूसरे सहर मे रहते है.
मारी चारों ममियाँ इतनी सुंदर तो नही है पर फिर भी काफ़ी अच्छी
लगती है. मेरी चारों ममिया उम्र मे काफ़ी पुरानी नही है. सभी की शादी
एक साल के अंतराल मे अभी अभी हुई है. सबसे बड़ी मामी 25 साल की
है मुझसे ठीक 5 साल बड़ी, और सबसे छोटी मामी मुझसे एक साल
बड़ी है.
में आपको मेरी सभी मामी से परिचय करवा दूं. सबसे बड़ी अनिता
25 साल की, कंगन 24 साल, तीसरी सिमरन 22 साल की और सबसे छोटी
मोना 21 साल की.
सभी मामा के अपने अपने मकान थे. उन सभी के घर पास पास थे.
में 5 साल के बाद अपनी नानी के गाओं जा रहा था, इसलिए में उनके
लिए नया था. चारों ममिया अपने अपने तरीके से मुझे खुश रखने
की कोशिस करती रही. में दो दिन किसी के यहाँ रहता तो दो दिन किसी
के यहाँ. सुबकुछ ठीक चल रहा था.
एक दिन की बात है जब में कंगन मामी के यहाँ ठहरा हुआ था
सुबह में थोड़ी देर से सोकर उठा. ममाजी काम पर चले गये थे
और उनकी तीन साल की लड़की सो रही थी. मामी को जिस अवस्था में
मेने देखा वो देख कर मेरे शरीर मे सरसरी सी दौड़ गयी. वैसे
गाओं की औरतें घर के काम करते वक़्त अपनी सारी को उपर कर बाँध
लेती है ताकि वो गीली या गंदी ना हो. कंगन मामी ने भी अपनी
सारी को घूटनो के उपर कर रखी थी और उनकी आधी जंघे सॉफ
दीखाई दे रही थी. वो झुक कर कमरे मे झाड़ू लगा रही थी. उनके
ढीले ढाले ब्लाउस से उनकी चुचियाँ सॉफ फुदक्ति नज़र आ रही
थी.
"गुड मॉर्निंग, राज कितना सोते हो? घड़ी देखी टाइम क्या टाइम हुआ है.
अब जल्दी से जाकर नहा लो नाश्ता तय्यार है." ममीज़ी ने कहा.
"ममाजी कहाँ है?" मेने पूछा.
"वो तो सुबह ही काम पर चले गये थे. और वो तो रात को लेट आने
की कह गये है." मामी के शब्दों मे थोड़ी खिज थी मामा के देर
से आने की.
मेने बाथरूम मे जाकर स्नान किया और फिर नाश्ता करने के बाद सोफे
पर बैठ टी.वी पर ह्बो देखने लगा. कंगन मामी किचन की सफाई कर
रही ती. तभी मामीजी ने मुझे आवाज़ डी.
में किचन मे आया तो देखा कि मामीजी उपर की शेल्फ से कुछ
उतारने की कोशिश कर रही है. उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा
हुआ था. चेहरे पर भी पसीने की बूंदे सॉफ दीख रही थी.
पहले में आपको कंगन मामी के बारे मे बता दूं. मामी का रंग
काफ़ी गोरा है पर लंबाई मुझसे काफ़ी कम है. मेरी हाइट जहाँ 5'9
है वहीं उनकी 5'4 है. उनका शरीर एकदम दूधिया रंग का है काफ़ी
चिकना और बालों रहित.
जब पहली बार मुझे मामी कह कर उनसे मिलाया गया था तो में चौंक
पड़ा था. मामी मामा के मुक़ाबले पतली और छोटी थी. गोल चेहरा,
नीली आँखे और पतले पतले गुलाबी होंठ. उनकी चुचियाँ काफ़ी बड़ी
तो नही पर भारी भारी है. उनके ब्लाउस मे वो पूरी नही समाती और
जब भी वो अपने हाथ उठती तो ऐसा लगता कि अभी उछल कर बाहर को
आ जाएँगी.
"क्या तुम मुझे थोड़ा उप्पर को उठा दोगे ताकि में ये आटे का डिब्बा
उतार सकूँ." कंगन मामी ने कहा.
कंगन मामी की बात सुनकर में चौंक पड़ा. हमारी भारतिया
सभ्यता मे कोई भी औरत किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ तक
लगाने नही देती और यहाँ मेरी मामी मुझे उसे अपनी गोद मे उठाने
को कह रही है.
"राज.....क्या सोच रहे हो? जल्दी से मुझे कमर से पकड़ कर उठाओ,
पर मेरा वजन तो संभाल लोगे ने." मामी ने कहा.
"वैसा कितना वजन है आपका?" मेने मुस्कुराते हुए पूछा.
"डरो मत 50 किलो से ज़्यादा नही है." मामी ने भी मुस्कुराते हुए
जवाब दिया.
"तब ठीक है, संभाल लूँगा." इतना कहकर मेने उनकी सारी
से धकि जाँघो से पकड़ा और और उन्हे उपर उठा लिया. 'हे भगवान'
उनके बदन से उठती महक पा तो मेरे हाथ काँपने लगे.
अचानक मेरे हाथ काँपे और फिसल गये लेकिन मेने अपने आपको
तूरंत संभाला और फिर उन्हे पकड़ लिया किंतु जाँघो से नही बल्कि
मेरा हाथ उनकी जाँघो के बीच था.
जैसे ही मेर
अपनी नानी के घर मे कदम रखा तो मेरा मन मचल रहा था. में
कई सालों के बाद अपनी नानी के घर आ रहा था. मेरी नानी पंजाब
एक छोटे गाओं मे रहती थी.
मेरा नाम राज है, उमरा 20 साल लंबाई 5'9इंच है. मेने हाल ही मे
अपना ग्रॅजुयेशन पूरा किया और छुट्टियाँ बिताने मेरी नानी के घर
पहुँच गया.
मेरे पाँच मामा है. मेरे चार मामा साथ मे ही अपने परिवार के साथ
नानी के घर मे रहते है और मेरे पाँचवे मामा जिनकी अभी अभी
शादी हुई है दूसरे सहर मे रहते है.
मारी चारों ममियाँ इतनी सुंदर तो नही है पर फिर भी काफ़ी अच्छी
लगती है. मेरी चारों ममिया उम्र मे काफ़ी पुरानी नही है. सभी की शादी
एक साल के अंतराल मे अभी अभी हुई है. सबसे बड़ी मामी 25 साल की
है मुझसे ठीक 5 साल बड़ी, और सबसे छोटी मामी मुझसे एक साल
बड़ी है.
में आपको मेरी सभी मामी से परिचय करवा दूं. सबसे बड़ी अनिता
25 साल की, कंगन 24 साल, तीसरी सिमरन 22 साल की और सबसे छोटी
मोना 21 साल की.
सभी मामा के अपने अपने मकान थे. उन सभी के घर पास पास थे.
में 5 साल के बाद अपनी नानी के गाओं जा रहा था, इसलिए में उनके
लिए नया था. चारों ममिया अपने अपने तरीके से मुझे खुश रखने
की कोशिस करती रही. में दो दिन किसी के यहाँ रहता तो दो दिन किसी
के यहाँ. सुबकुछ ठीक चल रहा था.
एक दिन की बात है जब में कंगन मामी के यहाँ ठहरा हुआ था
सुबह में थोड़ी देर से सोकर उठा. ममाजी काम पर चले गये थे
और उनकी तीन साल की लड़की सो रही थी. मामी को जिस अवस्था में
मेने देखा वो देख कर मेरे शरीर मे सरसरी सी दौड़ गयी. वैसे
गाओं की औरतें घर के काम करते वक़्त अपनी सारी को उपर कर बाँध
लेती है ताकि वो गीली या गंदी ना हो. कंगन मामी ने भी अपनी
सारी को घूटनो के उपर कर रखी थी और उनकी आधी जंघे सॉफ
दीखाई दे रही थी. वो झुक कर कमरे मे झाड़ू लगा रही थी. उनके
ढीले ढाले ब्लाउस से उनकी चुचियाँ सॉफ फुदक्ति नज़र आ रही
थी.
"गुड मॉर्निंग, राज कितना सोते हो? घड़ी देखी टाइम क्या टाइम हुआ है.
अब जल्दी से जाकर नहा लो नाश्ता तय्यार है." ममीज़ी ने कहा.
"ममाजी कहाँ है?" मेने पूछा.
"वो तो सुबह ही काम पर चले गये थे. और वो तो रात को लेट आने
की कह गये है." मामी के शब्दों मे थोड़ी खिज थी मामा के देर
से आने की.
मेने बाथरूम मे जाकर स्नान किया और फिर नाश्ता करने के बाद सोफे
पर बैठ टी.वी पर ह्बो देखने लगा. कंगन मामी किचन की सफाई कर
रही ती. तभी मामीजी ने मुझे आवाज़ डी.
में किचन मे आया तो देखा कि मामीजी उपर की शेल्फ से कुछ
उतारने की कोशिश कर रही है. उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा
हुआ था. चेहरे पर भी पसीने की बूंदे सॉफ दीख रही थी.
पहले में आपको कंगन मामी के बारे मे बता दूं. मामी का रंग
काफ़ी गोरा है पर लंबाई मुझसे काफ़ी कम है. मेरी हाइट जहाँ 5'9
है वहीं उनकी 5'4 है. उनका शरीर एकदम दूधिया रंग का है काफ़ी
चिकना और बालों रहित.
जब पहली बार मुझे मामी कह कर उनसे मिलाया गया था तो में चौंक
पड़ा था. मामी मामा के मुक़ाबले पतली और छोटी थी. गोल चेहरा,
नीली आँखे और पतले पतले गुलाबी होंठ. उनकी चुचियाँ काफ़ी बड़ी
तो नही पर भारी भारी है. उनके ब्लाउस मे वो पूरी नही समाती और
जब भी वो अपने हाथ उठती तो ऐसा लगता कि अभी उछल कर बाहर को
आ जाएँगी.
"क्या तुम मुझे थोड़ा उप्पर को उठा दोगे ताकि में ये आटे का डिब्बा
उतार सकूँ." कंगन मामी ने कहा.
कंगन मामी की बात सुनकर में चौंक पड़ा. हमारी भारतिया
सभ्यता मे कोई भी औरत किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ तक
लगाने नही देती और यहाँ मेरी मामी मुझे उसे अपनी गोद मे उठाने
को कह रही है.
"राज.....क्या सोच रहे हो? जल्दी से मुझे कमर से पकड़ कर उठाओ,
पर मेरा वजन तो संभाल लोगे ने." मामी ने कहा.
"वैसा कितना वजन है आपका?" मेने मुस्कुराते हुए पूछा.
"डरो मत 50 किलो से ज़्यादा नही है." मामी ने भी मुस्कुराते हुए
जवाब दिया.
"तब ठीक है, संभाल लूँगा." इतना कहकर मेने उनकी सारी
से धकि जाँघो से पकड़ा और और उन्हे उपर उठा लिया. 'हे भगवान'
उनके बदन से उठती महक पा तो मेरे हाथ काँपने लगे.
अचानक मेरे हाथ काँपे और फिसल गये लेकिन मेने अपने आपको
तूरंत संभाला और फिर उन्हे पकड़ लिया किंतु जाँघो से नही बल्कि
मेरा हाथ उनकी जाँघो के बीच था.
जैसे ही मेर