Romance मै सिर्फ तुम्हारा हूँ

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अस्वीकरण
इस कहानी के सभी पात्र , घटनाए , स्थान सब कुछ लेखक के दिमाग की बिना परिवार नियोजन वाली प्रजनन प्रक्रिया का नतिजा है ।
इसे अन्यथा ना ले क्योकि लेखक बहुत ही ढीठ और बेशरम है , टिप्पणिओं मे ही आपकी ले लेगा और आप किंकर्तव्यविमूढ़ होकर रह जायेंगे ।
धन्यवाद
 
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UPDATE 005


अब तक आप सभी ने पढा कि पुरे शुक्ला भवन के स्टाफ मेम्बर से चोरी चोरी चुपके चुपके मीरा ने चारु को अपनी देवरानी बनाने की फुल प्लानिंग कर ली और पहला मोहरा ने खुद चारु को बनाया उसका ब्रेन वाश किया और उसे सपनो का आशियां दिखा दिया । इधर हमारे नायक साहब को भनक तक नही कि उनके लिये क्या कयामत आने वाली है । वो तो अपने मन मौजी दोस्त 3D के साथ घूमने निकले हुए हैं । और 3D उसे एक सिनेमा हाल की ओर ले जा रहा है । तो देखते है आज कौन फ़िल्म चलने वाली है इस कहनी मे
अब आगे


प्यार का पंचनामा
3D आयुष को लेकर एक सिनेमा हाल के पास आता है और गाड़ी पार्क करता है ।

आयुष - अबे कल रात की नौटंकी उतरी नही जो फिर से पिच्चर दिखाये लेके आ गये

3D आयुष को चिल्ल कराता हुआ - अबे शुक्ला तुम भाउक बहूते जल्दी हो जाते हो यार ।

3D एक फालुदा स्टाल के ओर इशारा करके - उधर देखो क्या है
आयुष की नजर फालुदा स्टाल पर जाते ही चेहरे पर मुस्कान आजाती है - अबे इ तो वही अपने कालेज के बाहर वाला फालुदा स्टाल है बे

3D थोडा अपने अंदाज मे - हा तो ,
आयुष - लेकिन ये तो बंद हो गया था ना
3D- अबे तुम्हाये लिये हम फायनैन्स कराये इसको बे
आयुष चौक कर - सच मे
3D हस्ते हुए - गुरू तुम फिर भाऊक हो गये ,,, वो बाऊजी से सूद का पैसा लेके खोला है शानू ने

आयुष उसका मजाक समझ कर अपना माथा पीट लेटा है ।

फिर दोनो स्टाल पर जाते है
3D - अरे शानू ,, दो फालुदा कुल्फ़ी लगाओ विथ एक्स्ट्रा कोल्ड ,,,, इतना समझ लो कि आज इ फलुदा की सीलन हमाये इन्जीनियर साब के नीव तक जाये के चाही

आयुष 3D के नानवेज जोक पर हस्ते हुए उसकी गर्दन पीछे से दबोच कर कुछ बर्फ के टुकड़े उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डालकर उसकी बनियान मे गिरा देता है।

अब 3D को ठण्ड भरी गुदगुदी होने लगी और बर्फ निकालते निकालते उसका डीप बेली एरिया भीग गया ।

आयुष हस कर 3D को उसका भीग हुआ हिस्सा दिखाते हुए - हा अब पहुची है नीव मे सीलन हाहाहाहा

3D झल्ला कर - क्या यार शुक्ला , तुम सारा गिला गिला कर दिये बे

आयुष हस कर - अबे थोडा सा ही तो है , निमोनिया नही हो जायेगा तुमको उससे

3D रौंदू सा मुह बना कर- अरे यार स्वीटी आ रही होगी मिलने हमसे ,,, का सोचेगी ऊ

आयुष और तेज हसने लगा
और 3D भैया की बुरी किसमत तो देखो , स्वीटी ठीक उनके सामने ही आ गयी ।
और उसको देखते ही 3D घूम जाता है

स्वीटी सामने से एक साइड बैग लिये आयुष से मुखातिब होते हुए - अरे आयुष जी ,, का हो गया इनको ,

स्वीटी 3D से - काहे मुह छिपा रहे है दुबे जी

तो कहानी मे एक और नये किरदार की एन्ट्री हो गयी है
नाम - स्वीटी
20211118-185859
उम्र कद अता पता ठिकाना ये सब तो बाद मे भी जान लेंगे लेकिन फिलहाल इतना जान लिजीये , ये हमारे 3D की प्रेमिका है और स्वभाव से थोडी कम अकल और बक्लोल टाइप की लगती तो है मगर स्ट्रेट फोर्वोर्ड मिन्ड सेट ,,, किसी के झांसे मे नही आती है ।


3D रौंदू सी शकल के साथ स्वीटी की ओर पीठ किये - काहे की हम मुह दिखाये लायक नही रहे स्वीटी,,,

स्वीटी चौक के - का !!!!
स्वीटी तेजी से रोते हुए - कौन मुइ आपके साथ मुह काला कर गयी ,हाय राम !!!!

3D पलट कर स्वीटी के कन्धे को पकड कर - अरे नही नही यार हम अभी भी स्टील भरजिन है ,,, यार बताओ ना शुक्ला

स्वीटी सुबकते हुए - पक्का ना ,किसी और से वो सब
3D स्वीटी को विश्वास दिलाते हुए - तुम्हाई कसम स्वीटी ,,,

आयुष उन दोनो की बाते सुन कर हस रहा होता है ।

तभी स्वीटी की नजर 3D के भिगे पजामे पर गयी और 3D से दुर होते हुए अपनी नाक पर हाथ रख कर बोली - आप दारु पिए हो का ,,,जे पैंट मे ही सब लभेड़ लिये हो

3D परेशान होकर - अरे नाही हमार अम्मा ,, इ शुक्ला ,

3D आयुष को दिखा कर - इ शुक्ला ने बर्फ डाल थी हमाये कपड़ो म तो गलत जगह से बही रहो है

आयुष उन दो प्यार के कबूतरों के चोच लड़ाई से काफी ज्यादा हस हस कर पागल हुआ जा रहा था ।
तब तक शानू ने फालूदा तैयार किया और फिर तीनो ने खाया और थोडा गप्प हाके और फिर 3D ने एक इ-रिक्शा रुक्वाया

3D- यार काहे इतना चिकचिक की हो ,, चलो ना हम छोड दे रहे है घर
स्वीटी इतरा के रिक्से मे बैठते हुए - हम कह दिये ना ,, अब आप अम्मा बाऊजी को लेके ही आईयेगा घर ,तब ही आपके साथ घूमेंगे

स्वीटी - चलो भैया , वर्मा कालोनी लेलो

फिर इ-रिक्शा वाला स्वीटी को लेके निकल जाता है ।

3D पिछे से आवाज देता है - स्वीटी सुनो तो ,
मगर वो आगे जा चुकी थी ।

आयुष 3D को उदास देख कर - अबे इतना प्यार करते हो तो शादी कर काहे नही लेते बे

3D उखड़ कर - यार हम तो तैयार है , लेकिन बाऊजी तो रट लगाये है ना कि लड़के वाले है हम नाही जायेंगे बात करने ,,,

3D झल्ला कर - जे कोनो बात होता है का शुक्ला ,,, यार बडी मुस्किल से उसका तीन रिस्ता तुड़वाये है ,,, 23 की हो गयी है तो बाप को बोझ लग रही है


आयुष 3D की भड़ास पर चुपचाप मुस्कुराता रहा
क्योकि वो जानता था अगर वो थोडा भी रियक्ट करेगा तो फिर से 3D अपना वही पुराना रोना गाना लेके बैठ जायेगा ।

मेरा पिया घर आयो

इधर हमारे नायक साहब मौज मस्ती मे थे वही ,, शुक्ला भवन की इंचार्ज ने आज अपने पति को लपेटने की तैयारी मे थी ।
तो शाम से किचन मे लगी पड़ी है और नये नये अशीष के मनपसंद पकवानो की तैयारी मे लगी है ।

वही निचे के कमरे मे टीवी के आगे बैठे हुए मुन्शी जी की मैनेजर श्री मती शान्ति शुक्ला जी भन्नाय जा रही है

शान्ति - जे सूंघ रहे हो अशीष के बाऊजी ,, जे सब ऊ चौबेपुर वाली मोटासी के खाये के लिए बन रहो है

मनोहर अपनी पत्नी की बातो से मुस्कुरा कर वापस टीवी मे ध्यान लगा देते है

तभी उनको एक बढिया म्साले के भूनने की महक आती है

शान्ति अपना माथा पिटते हुए - हय भोलेनाथ!!! देखो देखो ,,अशीष के बाऊजी ,, आपन बड़के जो महगा वाला मसालो ला के दियो रहो ,,जे भी डाल रही है दुल्हीन


मनोहर शान्ति को समझाते हुए - अरे तुम का फाल्तू की बात लेके बैठ गयी हो आशिष की अम्मा ,,, मेहमान है , खायेंगे ही ना
इधर किचन मे छौका तडका जोरो पर था और मीरा के दिमाग मे आगे की प्लानिंग भी ।

शाम ढली और आशिष जी घर आये और फिर थोड़ी ही देर मे आयुष बाबू भी ।

हाल मे घुसते ही आयुष की नजर अशीष पर गयी ।
आयुष किचन से आते खाने की खुस्बु लेते हुए - आह्ह भैया का पक्वा रहे हो आज भऊजी से

आशीष किचन मे आवाज देके - का बना रही हो मीरा ,, बड़ी जोरदार महक है

मीरा हाथ धुल कर बाहर आई- अरे आ गये का आप ,, रुकिये पानी लाई रहे है

मीरा कीचन से पानी लेके वापस आई तो आयुष ने पुछा- का बनाई हो भऊजी ,, गजब की खुस्बु है

मीरा थोडा मुस्कुरा कर - कुछ नाही देवर जी बस खाना ही तो बनाये हैगे ना

आयुष अपनी नाक सुरकते हुए - फिर भी आज कुछ चटक महीक रहा है,, है ना भैया

आशीष - अब तो खाने का मन है बबुआ ,, ये मीरा खाना लगाओ

फिर सब खाने के लिए बैठ जाते है और खा कर सब मीरा की तारिफ करते है सिवाय शान्ति जी के ,,, कारण तो जानती ही है आप लोग ,,,भई उनका महगा वाला मसाला जो खर्च हुआ था

राणा जी मुझे माफ करना

यहा सब खाने पिने के बाद अपने कमरे मे गये और मीरा आखिर मे दो ग्लास दूध लेके उपर गेस्टरूम मे जाती है ।

जिसे देख कर सोनमती मुस्करा कर - अरे नाही नाही मीरा, हमसे दूध नही पिया जाता है ,,,गैस होती है

मीरा तुनक कर मुह बनाते हुए - अरे ENO डालो है इमा बुआ, गटक लो गटक लो

सोनमती बिस्तर से उठ कर दूध का ग्लास लेने आती है तो मीरा डांटते हुए - जे पगला गयी का बुआ ,,,जे दूध हम आयूष के लिए लाये है

सोनमती मीरा का टोंट सुन कर थोडा अजीब सा मुह बना कर हसती है

मीरा चारु से - हे पगली इधर आ
फिर चारु उठकर आती है और मन गिरा कर बोलती है - अब का है जीजी ,,

मीरा उसको एक ग्लास दूध थमा कर- जा आयुष को देके आ ,,और सुन थोडा बात कर लेओ और थोडा ,,,समझ रही है ना

सोनमती उलझन से - का करने को बोल रहि है मीरा उको ,

मीरा चारु को दूध के साथ बाहर भेजते हुए - हे पगली तू जा, और ध्यान रखना जे हम बोले है

सोनमती मीरा को खीच कर - अरे ऊ ग्लास तो आयुष के लिये था तो जे किसके लिये है

मीरा शर्मा के - जे ग्लास हमाओ उनको लिये है बुआ हिहिही

सोनमती भी समझ गयी और वो सोने चली गयी ।
वही आयुष के कमरे मे चारु दूध लेके घुसती है ।

आयुष - अरे चारु तुम , ये भाभी भी ना तुमको भी भिड़ा ली है घर के काम मे हिहिही

चारु थोडी डरी हुई मुस्कराइ क्योकि मीरा ने उसे आयुष से घूलने मिलने के लिए भेजा था , अपने हुस्न का जादू चलाने भेजा था

मगर हमारे आयुष बाबू तो संत ठहरे ,,मजाल है कोई माया उन्हे अपने जाल मे फास ले ।

इधर चारु बडी उल्झन मे थी कि क्या करे , कहा से सुरु करे ,, एक तो घबडाहट मे उसका दिमाग भी सही से काम नही कर रहा था ।।
बडी कोसिस कर चारु ने मीरा के सिखाये अदाओ मे से एक का इस्तेमाल करते हुए ,दूध का ग्लास टेबल पर रख कर, एक बार आयूष के सामने ही अपने लम्बे बालो को झटका कर एक तरफ से दुसरे तरफ करना चाहा लेकिन उसके बालो की चुटिया आयुष बाबू की कनपटी पर ऐसे जोर कि पड़ी की आयुष बाबू तुरंत चौन्हा गये और अपना कान पकड कर लेट गये ।


चारु को ज्ञान हुआ की उस्से गलती हुई है और जब उसे ध्यान आया कि उसके बाल खुले हुए ही नही है तो मन मे बड़बड़ाई - हाय राम जे बडी गडब्ड़ी हय गयी ,, जे ईसटाइल तो जीजी ने भिगे बालन के साथ करने के कही रही

और चारु इतना डर गयी कि बस इतना बोली - सारी आयुष जी

और फिर कमरे से भाग गयी ।


जारी रहेगी


इजहार ए मोहब्बत
अरमानो के सेज सजाये , उम्मीद का दिया लिये
आपके की प्रतिक्रिया के इंतजार मे
 
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Amazing update dear. Sabhi ke apne swarth hote hai. kisi ko apne bete ki life settle ho jane ka swarth , kisi ko apni bahan ki jindagi savar jaye uska swarth. bhale hi isko lalach nahi keh sakte par hai swarth hi. lekin hum sabhi is bat ko bhi nahi na kar skte ke un swarth piche pyar fikar bhi chupa hua hai. writer ne bahut kam shabdo me gehri bat bata gaye hai
Bahut bahut shukriya dear
 
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आयुष जी ज़रा संभल कर चलो
मीरा खड़ी यहाँ मीरा खड़ी
नैनों में चिंगारियाँ , गोरा बदन शोलों की लड़ी
उसकी नज़रों में प्यास, दिल में तलाश
होंठों में हैं बंद नर्मी
उसकी चुनरी में दाग, सीने में आग
साँसों में हैं कैद गर्मी
छूने से जल जाओगे , समझो ना खुलेगा फुलझड़ी
बिजली गिरेगी बिजली 🤭

Wonderful update. meera bhabhi ne charu ki shadi ayush se karane ke liye ek alag strategy bana li hai. juice dene wala plan chopat hone bad meera samjh gayi ke aise kam nahi banne wala. therefore pure parivar se chupke ab meera charu ko training de rahi hai. uska brain bhi watch kar rahi hai.

shukla family ki bahu banne ki kabil hai wo. thodi kam akal hai par uska man saaf aur nirmal hai. padhi likhi bhi hai .

mast fadu update tha bhai.
Kya tarif karu meera ki jisko dremboy bhai ne banaya :D
kitni akalmandi hai usme :shy: khade khade hi har muskil ka hal nikal leti hai meri janu :kiss4:
lekin iin dino meera janu aur sommtee tension me hai. mujhe phone laga deti . tab to itna kuch tension palne ki jarurat bhi nhi padti . dono ki tension dur kar deta , khyal bhi rakhta.
raaj ke style me ayus aur santi devi ko bhi mast topi pehna ke apne jhanse me le leta aur charu se shadi kara deta 😘

Mast update hai bhai :love:

So meera puri jor isi koshish mein ki kaise bhi karke charu ki shaadi aayush se ho jaaye...
Already ek planning kharab ho chuki thi charu ki nadani ke chalte... Iske chalte Meera bahot bharki uspe .. lekin charu bhi bichari kya karti wo thehri nadan..
Well... meera bhali bhaanti jaan chuki hai ki ab jo bhi karna hai ushe hi karna hai wo bhi fully proper planning ke sath.. planning ke first step yaani bholi charu ke dilo dimag mein aayush ke aakarshan paida karna.. jismein wo kamyab rahi.... waise charu ki taraf se ushe koi tension nahi.... tension to aayush ke soch vichaar aur swabhaav se hai....
aayush ko charu ke sath shaadi karne ke liye manana lohe ke chane chabane barabar hai....isliye aayush ke mamle mein meera ko shakuni ki tarah chaale chalni hogi.... taaki aayush maan bhi jaaye aur meera ka naam bhi na aaye kisi ke saamne :devil:
Well ..... waise to agar aayush ki bhabhi ka naam kuch aur hota to.... abhi ke abhi aisi ki taisi kar deti....
lekin ab yahan baat meri favorite one character meera ki khwahish ki hai...
So as a reader main to meera ke sath hi dungi :evillaugh:

waise ek idea hai.... jisse charu se shaadi karne ke liye ek hi jhatke mein raazi ho jaayega aayush.. :D
Khair ...pehle meera koshish kar le.. phir...

Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:

bhole bhale to dono hi hai. ayush bhi aur charu bhi. lekin pasand apni apni hoti hai. jor jabardasti rista thop dene se shadi ke bad problem hi hogi. meera ko samjh ni chahiye baat ko.

Amazing update dear. Sabhi ke apne swarth hote hai. kisi ko apne bete ki life settle ho jane ka swarth , kisi ko apni bahan ki jindagi savar jaye uska swarth. bhale hi isko lalach nahi keh sakte par hai swarth hi. lekin hum sabhi is bat ko bhi nahi na kar skte ke un swarth piche pyar fikar bhi chupa hua hai. writer ne bahut kam shabdo me gehri bat bata gaye hai.
Aap sabhi ki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD

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अब तक आप सभी ने पढा कि पुरे शुक्ला भवन के स्टाफ मेम्बर से चोरी चोरी चुपके चुपके मीरा ने चारु को अपनी देवरानी बनाने की फुल प्लानिंग कर ली और पहला मोहरा ने खुद चारु को बनाया उसका ब्रेन वाश किया और उसे सपनो का आशियां दिखा दिया । इधर हमारे नायक साहब को भनक तक नही कि उनके लिये क्या कयामत आने वाली है । वो तो अपने मन मौजी दोस्त 3D के साथ घूमने निकले हुए हैं । और 3D उसे एक सिनेमा हाल की ओर ले जा रहा है । तो देखते है आज कौन फ़िल्म चलने वाली है इस कहनी मे
अब आगे



प्यार का पंचनामा
3D आयुष को लेकर एक सिनेमा हाल के पास आता है और गाड़ी पार्क करता है ।

आयुष - अबे कल रात की नौटंकी उतरी नही जो फिर से पिच्चर दिखाये लेके आ गये

3D आयुष को चिल्ल कराता हुआ - अबे शुक्ला तुम भाउक बहूते जल्दी हो जाते हो यार ।

3D एक फालुदा स्टाल के ओर इशारा करके - उधर देखो क्या है
आयुष की नजर फालुदा स्टाल पर जाते ही चेहरे पर मुस्कान आजाती है - अबे इ तो वही अपने कालेज के बाहर वाला फालुदा स्टाल है बे

3D थोडा अपने अंदाज मे - हा तो ,
आयुष - लेकिन ये तो बंद हो गया था ना
3D- अबे तुम्हाये लिये हम फायनैन्स कराये इसको बे
आयुष चौक कर - सच मे
3D हस्ते हुए - गुरू तुम फिर भाऊक हो गये ,,, वो बाऊजी से सूद का पैसा लेके खोला है शानू ने

आयुष उसका मजाक समझ कर अपना माथा पीट लेटा है ।

फिर दोनो स्टाल पर जाते है
3D - अरे शानू ,, दो फालुदा कुल्फ़ी लगाओ विथ एक्स्ट्रा कोल्ड ,,,, इतना समझ लो कि आज इ फलुदा की सीलन हमाये इन्जीनियर साब के नीव तक जाये के चाही

आयुष 3D के नानवेज जोक पर हस्ते हुए उसकी गर्दन पीछे से दबोच कर कुछ बर्फ के टुकड़े उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डालकर उसकी बनियान मे गिरा देता है।

अब 3D को ठण्ड भरी गुदगुदी होने लगी और बर्फ निकालते निकालते उसका डीप बेली एरिया भीग गया ।

आयुष हस कर 3D को उसका भीग हुआ हिस्सा दिखाते हुए - हा अब पहुची है नीव मे सीलन हाहाहाहा

3D झल्ला कर - क्या यार शुक्ला , तुम सारा गिला गिला कर दिये बे

आयुष हस कर - अबे थोडा सा ही तो है , निमोनिया नही हो जायेगा तुमको उससे

3D रौंदू सा मुह बना कर- अरे यार स्वीटी आ रही होगी मिलने हमसे ,,, का सोचेगी ऊ

आयुष और तेज हसने लगा
और 3D भैया की बुरी किसमत तो देखो , स्वीटी ठीक उनके सामने ही आ गयी ।
और उसको देखते ही 3D घूम जाता है

स्वीटी सामने से एक साइड बैग लिये आयुष से मुखातिब होते हुए - अरे आयुष जी ,, का हो गया इनको ,

स्वीटी 3D से - काहे मुह छिपा रहे है दुबे जी

तो कहानी मे एक और नये किरदार की एन्ट्री हो गयी है
नाम - स्वीटी
20211118-185859
उम्र कद अता पता ठिकाना ये सब तो बाद मे भी जान लेंगे लेकिन फिलहाल इतना जान लिजीये , ये हमारे 3D की प्रेमिका है और स्वभाव से थोडी कम अकल और बक्लोल टाइप की लगती तो है मगर स्ट्रेट फोर्वोर्ड मिन्ड सेट ,,, किसी के झांसे मे नही आती है ।


3D रौंदू सी शकल के साथ स्वीटी की ओर पीठ किये - काहे की हम मुह दिखाये लायक नही रहे स्वीटी,,,

स्वीटी चौक के - का !!!!
स्वीटी तेजी से रोते हुए - कौन मुइ आपके साथ मुह काला कर गयी ,हाय राम !!!!

3D पलट कर स्वीटी के कन्धे को पकड कर - अरे नही नही यार हम अभी भी स्टील भरजिन है ,,, यार बताओ ना शुक्ला

स्वीटी सुबकते हुए - पक्का ना ,किसी और से वो सब
3D स्वीटी को विश्वास दिलाते हुए - तुम्हाई कसम स्वीटी ,,,

आयुष उन दोनो की बाते सुन कर हस रहा होता है ।

तभी स्वीटी की नजर 3D के भिगे पजामे पर गयी और 3D से दुर होते हुए अपनी नाक पर हाथ रख कर बोली - आप दारु पिए हो का ,,,जे पैंट मे ही सब लभेड़ लिये हो

3D परेशान होकर - अरे नाही हमार अम्मा ,, इ शुक्ला ,

3D आयुष को दिखा कर - इ शुक्ला ने बर्फ डाल थी हमाये कपड़ो म तो गलत जगह से बही रहो है

आयुष उन दो प्यार के कबूतरों के चोच लड़ाई से काफी ज्यादा हस हस कर पागल हुआ जा रहा था ।
तब तक शानू ने फालूदा तैयार किया और फिर तीनो ने खाया और थोडा गप्प हाके और फिर 3D ने एक इ-रिक्शा रुक्वाया

3D- यार काहे इतना चिकचिक की हो ,, चलो ना हम छोड दे रहे है घर
स्वीटी इतरा के रिक्से मे बैठते हुए - हम कह दिये ना ,, अब आप अम्मा बाऊजी को लेके ही आईयेगा घर ,तब ही आपके साथ घूमेंगे

स्वीटी - चलो भैया , वर्मा कालोनी लेलो

फिर इ-रिक्शा वाला स्वीटी को लेके निकल जाता है ।

3D पिछे से आवाज देता है - स्वीटी सुनो तो ,
मगर वो आगे जा चुकी थी ।

आयुष 3D को उदास देख कर - अबे इतना प्यार करते हो तो शादी कर काहे नही लेते बे

3D उखड़ कर - यार हम तो तैयार है , लेकिन बाऊजी तो रट लगाये है ना कि लड़के वाले है हम नाही जायेंगे बात करने ,,,

3D झल्ला कर - जे कोनो बात होता है का शुक्ला ,,, यार बडी मुस्किल से उसका तीन रिस्ता तुड़वाये है ,,, 23 की हो गयी है तो बाप को बोझ लग रही है


आयुष 3D की भड़ास पर चुपचाप मुस्कुराता रहा
क्योकि वो जानता था अगर वो थोडा भी रियक्ट करेगा तो फिर से 3D अपना वही पुराना रोना गाना लेके बैठ जायेगा ।


मेरा पिया घर आयो

इधर हमारे नायक साहब मौज मस्ती मे थे वही ,, शुक्ला भवन की इंचार्ज ने आज अपने पति को लपेटने की तैयारी मे थी ।
तो शाम से किचन मे लगी पड़ी है और नये नये अशीष के मनपसंद पकवानो की तैयारी मे लगी है ।

वही निचे के कमरे मे टीवी के आगे बैठे हुए मुन्शी जी की मैनेजर श्री मती शान्ति शुक्ला जी भन्नाय जा रही है

शान्ति - जे सूंघ रहे हो अशीष के बाऊजी ,, जे सब ऊ चौबेपुर वाली मोटासी के खाये के लिए बन रहो है

मनोहर अपनी पत्नी की बातो से मुस्कुरा कर वापस टीवी मे ध्यान लगा देते है

तभी उनको एक बढिया म्साले के भूनने की महक आती है

शान्ति अपना माथा पिटते हुए - हय भोलेनाथ!!! देखो देखो ,,अशीष के बाऊजी ,, आपन बड़के जो महगा वाला मसालो ला के दियो रहो ,,जे भी डाल रही है दुल्हीन


मनोहर शान्ति को समझाते हुए - अरे तुम का फाल्तू की बात लेके बैठ गयी हो आशिष की अम्मा ,,, मेहमान है , खायेंगे ही ना
इधर किचन मे छौका तडका जोरो पर था और मीरा के दिमाग मे आगे की प्लानिंग भी ।

शाम ढली और आशिष जी घर आये और फिर थोड़ी ही देर मे आयुष बाबू भी ।

हाल मे घुसते ही आयुष की नजर अशीष पर गयी ।
आयुष किचन से आते खाने की खुस्बु लेते हुए - आह्ह भैया का पक्वा रहे हो आज भऊजी से

आशीष किचन मे आवाज देके - का बना रही हो मीरा ,, बड़ी जोरदार महक है

मीरा हाथ धुल कर बाहर आई- अरे आ गये का आप ,, रुकिये पानी लाई रहे है

मीरा कीचन से पानी लेके वापस आई तो आयुष ने पुछा- का बनाई हो भऊजी ,, गजब की खुस्बु है

मीरा थोडा मुस्कुरा कर - कुछ नाही देवर जी बस खाना ही तो बनाये हैगे ना

आयुष अपनी नाक सुरकते हुए - फिर भी आज कुछ चटक महीक रहा है,, है ना भैया

आशीष - अब तो खाने का मन है बबुआ ,, ये मीरा खाना लगाओ

फिर सब खाने के लिए बैठ जाते है और खा कर सब मीरा की तारिफ करते है सिवाय शान्ति जी के ,,, कारण तो जानती ही है आप लोग ,,,भई उनका महगा वाला मसाला जो खर्च हुआ था


राणा जी मुझे माफ करना

यहा सब खाने पिने के बाद अपने कमरे मे गये और मीरा आखिर मे दो ग्लास दूध लेके उपर गेस्टरूम मे जाती है ।

जिसे देख कर सोनमती मुस्करा कर - अरे नाही नाही मीरा, हमसे दूध नही पिया जाता है ,,,गैस होती है

मीरा तुनक कर मुह बनाते हुए - अरे ENO डालो है इमा बुआ, गटक लो गटक लो

सोनमती बिस्तर से उठ कर दूध का ग्लास लेने आती है तो मीरा डांटते हुए - जे पगला गयी का बुआ ,,,जे दूध हम आयूष के लिए लाये है

सोनमती मीरा का टोंट सुन कर थोडा अजीब सा मुह बना कर हसती है

मीरा चारु से - हे पगली इधर आ
फिर चारु उठकर आती है और मन गिरा कर बोलती है - अब का है जीजी ,,

मीरा उसको एक ग्लास दूध थमा कर- जा आयुष को देके आ ,,और सुन थोडा बात कर लेओ और थोडा ,,,समझ रही है ना

सोनमती उलझन से - का करने को बोल रहि है मीरा उको ,

मीरा चारु को दूध के साथ बाहर भेजते हुए - हे पगली तू जा, और ध्यान रखना जे हम बोले है

सोनमती मीरा को खीच कर - अरे ऊ ग्लास तो आयुष के लिये था तो जे किसके लिये है

मीरा शर्मा के - जे ग्लास हमाओ उनको लिये है बुआ हिहिही

सोनमती भी समझ गयी और वो सोने चली गयी ।
वही आयुष के कमरे मे चारु दूध लेके घुसती है ।

आयुष - अरे चारु तुम , ये भाभी भी ना तुमको भी भिड़ा ली है घर के काम मे हिहिही

चारु थोडी डरी हुई मुस्कराइ क्योकि मीरा ने उसे आयुष से घूलने मिलने के लिए भेजा था , अपने हुस्न का जादू चलाने भेजा था

मगर हमारे आयुष बाबू तो संत ठहरे ,,मजाल है कोई माया उन्हे अपने जाल मे फास ले ।

इधर चारु बडी उल्झन मे थी कि क्या करे , कहा से सुरु करे ,, एक तो घबडाहट मे उसका दिमाग भी सही से काम नही कर रहा था ।।
बडी कोसिस कर चारु ने मीरा के सिखाये अदाओ मे से एक का इस्तेमाल करते हुए ,दूध का ग्लास टेबल पर रख कर, एक बार आयूष के सामने ही अपने लम्बे बालो को झटका कर एक तरफ से दुसरे तरफ करना चाहा लेकिन उसके बालो की चुटिया आयुष बाबू की कनपटी पर ऐसे जोर कि पड़ी की आयुष बाबू तुरंत चौन्हा गये और अपना कान पकड कर लेट गये ।


चारु को ज्ञान हुआ की उस्से गलती हुई है और जब उसे ध्यान आया कि उसके बाल खुले हुए ही नही है तो मन मे बड़बड़ाई - हाय राम जे बडी गडब्ड़ी हय गयी ,, जे ईसटाइल तो जीजी ने भिगे बालन के साथ करने के कही रही

और चारु इतना डर गयी कि बस इतना बोली - सारी आयुष जी

और फिर कमरे से भाग गयी ।


जारी रहेगी



इजहार ए मोहब्बत
अरमानो के सेज सजाये , उम्मीद का दिया लिये
आपके की प्रतिक्रिया के इंतजार मे
Revo shaam ko...... ush revo se alag bilkul new.... :thumbup:
 
Eaten Alive
4,118
4,183
143
Update ke starting se hi jo shabdo ka shama bandha hai ayush aur din dayal ke jariye....ish se sabit hota hai ki writing jagat mein jitne aap erotic stories likhne mein maahir hai utne hi haashyakar romantic story likhne bhi nipun hai ...ek aisa shama bandha hai jo ki update ke aakhiri shabd tak kaayam raha....
readers ko hansane mein koi kami nahi chhod rahe hai.....readers ko kaise manoranjan karna hai,ish maamle mein aap maahir hai.....

Meera ki koshishe , chaaru ki naadani, som mati ki bewakoofo wali hanshi, shanti devi ka bhannaya hua chehera jaise meri in aankhon ke saamne hi ho.....itne vaastavik lagte hai aapke is kahani ke har update har ek panktiyan....
aaj jahan thodi jaaydaat aur paiso ke liye log apno se hi doori bana lete hai jhagdaa karke wohin chaaru ke prati sneh dikha rahi thi meera ..... jabki wo cousin hai thi.......bhale hi log meera ko galat samjhe...lekin ek sagi bahan se bhi badhkar pyar dhyan de rahi hai chaaru pe......
Chaaru sach mein lucky jo ushe meera jaisi didi mili hai.....

Btw comedy ka tadka jaari hai...
lekin meera ko aur bhi zyada mehnat karni hogi ...

Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 
Eaten Alive
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Chaaru sach mein lucky jo ushe meera jaisi didi mili hai.....

Btw comedy ka tadka jaari hai...
lekin meera ko aur bhi zyada mehnat karni hogi ...

Khair let's see what happens next
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DREAMBOY40 sahab itna kaafi hai aur kuch khidmat mein pesh karu :D
 

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