Fantasy Mayavi dunia (एक जादू भारी दुनिया की कहानी)(complete)

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पद्‍मिनी – नहीं अग्नि में यहाँ नहीं रही सकती , जहाँ पे बुराई बसस्सस्स करती हो वहाँ पे में बसस्सस्स नहीं कार सकती , तुम्हें मेरे साथ ही चलना होगा और रही बात तुम्हारे डेत वाली की तो वो सेफ रहेगा तुम्हारे बिना भी

अग्नि – अगर यही तुम्हारा फैसला है तो में भी तुम्हें केहदेना चाहूँगा पद्‍मिनी की में डेत वाली को छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूँ

पद्‍मिनी – क्य्ाआआआ , क्या डेत वाली मुझसे भी ज्यादा जरूरी है तुम्हारे लिए?

अग्नि – पद्‍मिनी जिस तरह से तुम अपने परीस्तान को चोद नहीं सकती ठीक उसी तरह से में अपने डेत वाली को चोद नहीं सकता , लगता है मैंने उस वक्त सम्राट के रूप में जो फैसला किया था वो सही था , की हम दोनों अचाई और बुराई के प्रतीक हैं जिस तरह से दिन का उजाला और रात का अंधेरा मिल नहीं सकते ठीक उसी तरह से हम दोनों भी मिल नहीं सकते

पद्‍मिनी – नहीं अग्नि फिरसे ये फैसला मात लो , न जाने कितने सालों से में तड़प रही हूँ और मेरे इसे दर्द को और मात बड़ाओ अग्नि

अग्नि – में तुम्हारे दर्द को एक पल में मिटा सकता हूँ पद्‍मिनी लेकिन उसके लिए तुम्हें मेरे साथ यहाँ इसे डेत वाली में रहना होगा मेरे पत्नी के रूप में और इसे डेत वाली के प्रिन्सेस के रूप में

पद्‍मिनी के आँखों से आस्यू बहने लगते हैं और अग्नि के भी आँखों से खून बहने लगते हैं फिर

पद्‍मिनी – मुझे माफ करदो अग्नि में ये नहीं कार सकती , में परीस्तान की रानी हूँ और में अपने फर्ज को कभी भुला नहीं सकती चाहे इसमें मुझे कितने दर्द क्यों ना झेलना पड़े में यहाँ इसे डेत वाली में नहीं रही सकती

अग्नि के आँखों से खून बह रहे थे अग्नि अपने आँखों से खून को पूछता है और पद्‍मिनी के गालों को अपने हाथ में लेते हुए उसके आँखों में देखता है और फिर

अग्नि – मुझे माफ करदेना पद्‍मिनी मेरे वजह से तुमने हमेशा ही तकलीफ सही है पर में क्या करूँ में भी मजबूर हूँ , इसे कुदरत का नियम बड़ा अजीब है पद्‍मिनी ये आग और पानी को कभी भी मिलने नहीं देती और हम दोनों भी आग और पानी के तरह हैं

इसके बाद दोनों एक दूसरे के गले लगते हैं और फिर दोनों निकल जाते हैं अपने अपने रास्ते , पद्‍मिनी अपने परीस्तान के तरफ निकल जाती है और अग्नि अपने महल के तरफ

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मायवी दुनिया में सुबह हो चुका था और सूरज की किर्ने हर एक स्टेट’से में पड़ रही थी सिबाए डेत वाली में , डेत वाली में अभी भी मौसम बहुत ठंडा था बर्फ गिरनी बंद हो गयी थी लेकिन अभी भी वहाँ का माहौल बहुत ठंडा था और इसे तरह का मौसम वहाँ रहने वाले वेमपाइर’से और डीमन’से के लिए काफिई अच्छा था

अग्नि तेजिसे अपने महेल के बाहर निकल रहा था और उसे इसे तरह से बाहर निकलते देख उसके आंटी अंकल उसे रोकते हैं और फिर

अग्नि’से अंकल – बेटा इतने जल्दी में कहाँ जा रहे हो

अग्नि – बर्निंग माउंटन पे अंकल

अग्नि’से आंटी – क्य्ाआआअ बर्निंग माउंटन पर क्यों बेटा तुम्हें पता है ना वो जगह कितनी खतरनाक है

अग्नि – आंटी इसे पूरे दुनिया में आप के बेटे से ज्यादा खतरनाक कुछ भी नहीं है

अग्नि’से अंकल – हाँ ये बात तो तुमने सही कहा बेटा मेरे बेटे से ज्यादा तेज और ज्यादा खतरनाक इसे पूरे दुनिया में कोई नहीं , फिर भी में ये जान ना चाहूँगा की आख़िर शा क्या काम है उस बर्निंग माउंटन पे

अग्नि – अंकल अब वक्त आ गया है की हम जिस काम के लिए यहाँ इसे मायवी दुनिया में आए हैं वो शुरू करे

अग्नि’से अंकल – हाँ ये तो समझ में आती है लेकिन बर्निंग माउंटन पे शा क्या काम है तुम्हें

अग्नि – में एक नयी फौज बनाना चाहता हूँ और मेरे उस फौज के जो योढ़ा बनेंगे वो मुझे बर्निंग माउंटन पे ही मिलेंगे

अग्नि’से आंटी & अंकल- क्य्ाआआआ , यानि की तुम ड्रागें’से की फौज बनाना चाहते हो
अग्नि – हाँ

अग्नि’से आंटी – पर बेटा ये इतना आसान नहीं है मैंने सुना है की उन्न ड्रागें’से का जो राजा है वो बहुत ही खतरनाक है और वो एक ड्रागें होल्डर भी है

(ड्रागें होल्डर यानि की एक इंसान जो अपने आप को एक ड्रेगें के साथ मिला सकता है जिस से एक खतरनाक जीभ सामने आता है , जिसका धड़ यानि की उष्कीी बॉडी उसके हाथ , पर , पूछ सब ड्रेगेन्स का होता है और छाती से लेकर चेहरा तक इंसान का , और जब वो ड्रागें होल्डर बनता है तो उसका कद बहुत बड़ा हो जाता है और उसकी ताक़त कई गुना तरफ जाती है और वो अपने मुंह से आग भी फेंक सकता है)

अग्नि’से अंकल – हाँ बेटा मैंने भी यही सुना है और तो और मैंने सुना है उनका जो राजा है वो बहुत ही निर्दयी है उसमें अपने माता पिता को खुद मारकर ही राजा बना है और क्या नाम था उस राजा का याद नहीं आ रही है

अग्नि – उन्न ड्रागें’से के राजा का नाम गेब्रीयल है , आप सब टान्स मात होइए मुझे कुछ भी नहीं होगा , अगर किसी को कुछ होगा तो वो है गेब्रीयल अगर उसने मेरी बात नहीं मानी तो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

फिर अग्नि अपने महेल के बाहर आता है और जब वो बाहर निकलता है तो महेल के बाहर मौजूद डीमन’से और वेमपाइर’से उसे झुक के सलाम करते हैं और फिर अग्नि आगे तरफ जाता है जब अग्नि पूरी तरह से महेल के बाहर आ जाता है तो अग्नि जोर्र्र्ररर से छिलता है

अग्नि – सिलवाााआआआआआआआआआआआआआआ , (अग्नि के पास जो ड्रागें था उसका नाम अग्नि ने सिल्वा रखा था) सिल्वा वहीं महेल से थोड़ी से ही दूर एक गुंफा में रहती थी जब उसने अग्नि की आवाज़ सुनी तो वो महेल के तरफ उड़के आने लगती है , जब सिल्वा अग्नि के पास पहुँच जाती है तो अग्नि उसके ऊपर चढ़ बेतता है और फिर अग्नि सिल्वा को ड्रेगें’से की भाषा में कहता है

अग्नि – सिल्वा बर्निंग माउंटन जाना है हमें चलो जल्दी और फिर सिल्वा अपने बारे बारे पंखों को ऊपर नीचे करने लगती है और उड़ जाती है बर्निंग माउंटन के तरफ
ईश्वक़्त अग्नि अपने ड्रागें सिल्वा पे बैठ के बर्निंग माउंटन की तरफ तरफ रहा था , सिल्वा बहुत तेज रफ्तार के साथ हवाओं और बादलों को चीरती हुई आगे तरफ रही थी आख़िरकार दो घंटे बाद सिल्वा अग्नि को लेकर बर्निंग माउंटन आइलॅंड पे पहुँच ही जाती है

बर्निंग माउंटन आइलॅंड – ये एक छोटा सा द्वीप है इसे आइलॅंड को लोग और भी बहुत से नाम से बुलाते थे जैसे की ज्वालामुखी पर्वत , मौत का द्वीप , ड्रागेंस का अखाड़ा इन सभी नाम से भी इसे आइलॅंड को बुलाया जाता था


दूर से देखने में ये एक आम द्वीप(आइलॅंड) लगता था लेकिन जब आप पास से देखो तो पत्ता चलता था की ये कितना खतरनाक द्वीप है , इसे द्वीप के बाहरी इलाक़ों में हरियाली ही हरियाली है लेकिन जब कुछ अंदर घुसो तो अंदर का नज़ारा नज़र आता है अंदर के सारे पेड़ पौधे सूखे हुए हैं जले हुए हैं यहाँ के नदियाँ न जाने कब से सुख चुकी हैं और यहाँ एक बहुत बड़ा सा पर्वत(ज्वालामुखी) है जो हमेशा आग उगलता रहता है और इसी आग के कारण इसे आइलॅंड का बहुत बुरा हाल है

और इसी पर्वत में एक बहुत बड़ा सा गुफा(केव) है जीशमे बहुत सारे ड्रागें’से रहते हैं , अग्नि अपने ड्रागें सिल्वा के साथ इसे गुफा में घुस जाता है , गुफा के अंदर अंधेरा फैला हुआ था अग्नि सिल्वा को इशारा करता है तो सिल्वा अपने मुंह से आग फेंक के मारती है जिस से आगे का राष्टा साफ दिखाई देता है दोनों आगे तरफ जाते हैं कुछ देर चलने के बाद उस गुफा के अंदर और एक गुफा दिखाई देता है अग्नि और सिल्वा दोनों उस गुफा में घुस जाते हैं

जब दोनों उस गुफा में घुसते हैं तो उन्हें बहुत सारे ड्रागें’से दिखाई देते हैं जो इसे वक्त सो रहे थे ये दोनों आगे तरफ जाते हैं और इनके अंदर घुसने की आहट सुनकर सब जगह जाते हैं और इन दोनों को देख हुंकारने लगते हैं लेकिन तभी किसकी आवाज़ उस गुफा में गूँजती है जिस से वो सभी ड्रेगें’से शांत होजते हैं

ये आवाज़ किसी और की नहीं ड्रागें’से किंग गेब्रीयल की थी , गेब्रीयल उस गुफा के अंदर बने हुए एक झोपड़ी से बाहर निकलता है और अग्नि को खजाने वाली नज़र से देखता हुआ जाकर अपने सिंघासन में बैठ जाता है

गेब्रीयल – कौन हो तुम और यहाँ क्या कार रहे हो , क्या तुम्हें नहीं पत्ता की ये ड्रागें’से का गुफा है और यहाँ कभी कोई इंसान नहीं आता और अगर आ गया तो वो जिंदा वापिस नहीं जाता

अग्नि – (अपने चेहरे पे एक क़ातिलाना मुश्कं लिए) क्या तुम मुझे डरने की कोशिश कार रहे हो

गेब्रीयल – नहीं तुम्हें सचाई बता रहा हूँ और अगर तुमने अभी ये नहीं बताया की तुम कौन हो और यहाँ क्यों आए हो तो में तुम्हें अपने ड्रागें’से के हवाले कार्दूंगा और वो सब तुम्हें बारे मजे से खलेंगे

अग्नि – अच्छा सच में क्या चलो ठीक है में तुम्हें अपने बारे में बता देता हूँ , मेरा नाम अग्नि है और मुझे लगता है इतना ही कहना काफिई होगा क्यों

गेब्रीयल – क्य्ाआआआआ तुम अग्नि हो , तो तुम हो थे ईविल प्रिन्स डेत वाली के राजकुमार

अग्नि – सही कहा में ही हूँ थे ईविल प्रिन्स

गेब्रीयल – ये तो आप ने बता दिया की आप कौन हैं लेकिन ये नहीं बताया की आप के यहाँ आने के पीछे क्या मक्षद है

अग्नि – हमारा मक्षद पूरी तरह से साफ है हम एक नयी फौज बनाना चाहते हैं ड्रागेंस की फौज उसकी फौज की बागदौर हमारे हाथों में रहेगी और आप उस फौज के सेनापति रहेंगे

गेब्रीयल – प्रिन्स अग्नि ये सभी ड्रागें’से मेरे हुकुम को मानते हैं क्योंकि में इनका राजा हूँ और मेरा ये फैसला है की में किसी की भी गुलामी नहीं करूँगा

अग्नि – हमने कब कहा की आप को हमारी गुलामी करनी होगी गेब्रीयल हम तो आप को हमारे फौज का सेनापति बना रहे हैं

गेब्रीयल – चाहे कितनी भी बड़ी औडा दे दीजिए प्रिन्स रहूँगा तो में आप के नीचे ही ना , इसे लिए और मुझे ये बात मंजूर नहीं इसलिए आप अपने इसे ख्वाब को भूल जाए और यहाँ से लौट जाए वरना में अपने ड्रागें’से को आप के ऊपर चोद दूँगा और ये सब ये नहीं समझते की कौन प्रिन्स है और कौन एक मामूली इंसान

अग्नि – मान जाओ गेब्रीयल वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि जिसे में अपना दुश्मन समझ लेता हूँ उसे जिंदा नहीं चोदता

गेब्रीयल – अगर तुम लाढ़ना चाहते हो तो यही सही लेकिन में पहले ही केहदेना चाहूँगा की मुझसे ये लड़ने का फैसला तुम्हारे जिंदगी का सबसे बड़ा गलत फैसला है

फिर गेब्रीयल अपने एक ड्रागें को इशारा करता है और वो ड्रागें आगे तरफ जाता है और ये देख अग्नि की ड्रागें सिल्वा भी आगे बढ़ने लगती है लेकिन अग्नि उसे रोक देता है और पीछे हतटने को कहता है और फिर सिल्वा पीछे हॅट जाती है

गेब्रीयल का भेजा हुआ ड्रागें आगे बदहजता है और अग्नि के ऊपर अपने मुंह से आग फेंकने लगता है वो ड्रागें लगातार तीन चार वार अग्नि के ऊपर आग फेंकता है और आग जाकर अग्नि से टकराता है और अग्नि का शरीर जलने लगता है और ये नज़ारा देख गेब्रीयल हस्सने लगता है

कुछ ही देर में अग्नि के शरीर में जीतने तेजिसे आग लगी थी उठने ही तेजिसे आग बुझ भी जाती है और अग्नि गेब्रीयल के सामने सही सलामत खड़ा था और उसके होठों पर मुश्कं थी और ये देख गेब्रीयल बौखला उठ था है

गेब्रीयल – ये तुमने कैसे किया आज तक कोई भी मेरे ड्रागें’से के आग से बच नहीं पाया लेकिन तुम कैसे बच गये

अग्नि – गेब्रीयल जो खुद ही आग हो उसे आग से डराया नहीं जाता , मेरा सिर्फ़ नाम ही अग्नि नहीं है में खुद भी अग्नि हूँ और मेरे अंदर जितनी आग है उसका आधा हिस्सा भी इसे पूरे दुनिया में किसी के पास नहीं होगी

फिर अग्नि अपने आँखों को बंद करता है और अपने दोनों हाथों के मुठियों को बंद करता है और अपने अंदर मौजूद सारे उर्जाओं को इकट्ठा करने लगता है , कुछ ही देर में अग्नि के मुट्ठी में आग जलने लगता है नीली रंग की आग और फिर अग्नि अपने आँखों को खोलता है और उसके मुठियों की तरह उसके आँखों का रंग भी नीला होचुका था फिर अग्नि अपने उन्न दोनों मुठियों को उस ड्रागें के तरफ मोड़ देता है जिसने कुछ देर पहले अग्नि के ऊपर आग फेंका था

फिर अग्नि अपने मुट्ठी को खोलता है और उन्न ऊर्जा या फिर आग को उस ड्रागें के ऊपर फेंकने लगता है और तब तक फेंकता है जब तक वो ड्रागें उस आग के बवांडर में जल नहीं जाता

फिर अग्नि अपने हाथ को नीचे कार देता है लेकिन अभी भी उसके मुठियों में बहुत सारे ऊर्जा मौजूद थे , वहाँ मौजूद सभी हैरान थे किसको भी यकीन नहीं आ रही था की ये क्या हो गया चाहे वो गेब्रीयल हो या उसके ड्रागें’से सभी बस आँख फाड़े उस मारे हुए ड्रागें के हड्डियों को देख रहे थे तो कभी अग्नि को , ईश्वक़्त सभी ड्रागें’से के आँखों में डर साफ झलक रहा था
 
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अग्नि – गेब्रीयल अभी भी वक्त है अपनी हार मान लो और मेरे गुलाम बन जाओ में अभी भी तुम्हें अपनी फौज का सेनापति बनाने के लिए तैयार हूँ

गेब्रीयल – नहीं कभी भी नहीं में तुम्हारा गुलाम कभी नहीं बनूंगा और वैसे भी मेरे पास भी कुछ कुछ है

अग्नि – अच्छा शा क्या तो दिखाओ फिर

फिर गेब्रीयल गुस्से में अपने ड्रागें के तरफ तरफ जाता है और अपने ड्रागें के पास पहुँचके उसके कान में कुछ कहता है जिस से वहाँ पे एक तेज रोशनी फेलजाति है और जब वहाँ फैली हुई तेज रोशनी कम होती है तो वहाँ का नज़ारा देख एक पल के लिए अग्नि का भी दिमाग चकरा जाता है

वहाँ का माहौल ही कुछ शा था गेब्रीयल ईश्वक़्त बहुत ही खतरनाक रूप में वहाँ मौजूद था , गेब्रीयल का शरीर उस ड्रागें के साथ मिल चुका था अब गेब्रीयल बहुत बड़ा होचुका था ड्रागें’से के मुकाबले में गेब्रीयल का धड़ यानि की पेट के नीचे हिस्सा ड्रागें का था और वो अपने चार पर पर खड़ा था उसके पेट के ऊपर का हिस्सा इंसान का था उसका शरीर काफिई बड़ा होचुका था और उसके चेहरे का नाक कान ये सब ड्रागें के थे बिलकुल नुकीले नाक बिलकुल नुकीले कान और गेब्रीयल अपने इसे खतरनाक रूप में हुंकार रहा था चारों तरफ आग ही आग फेंक रहा था

फिर गेब्रीयल अग्नि के तरफ बढ़ता है और अपने नुकीले जानलेवा पंजों से अग्नि के ऊपर वार करता और गेब्रीयल का वो खतरनाक वार अग्नि के हाथ पे लगता है जिस से अग्नि के हाथ के माँस चील जाते हैं और उन्न में से खून निकालने लगता है और ये देख अग्नि अपने घाव पर हाथ रखता है और अपनी शैतानी शक्तियों से उस घाव को भर देता है

और ये देख गेब्रीयल को और भी ज्यादा गुस्सा आता है और वो पागलों की तरह अग्नि के ऊपर आग फेंकने लगता है और अग्नि भी उसका जवाब देता है अपने हाथों में मौजूद उर्जाओं को गेब्रीयल के तरफ फेंक के और जब गेब्रीयल का फेंका हुआ आग और अग्नि का फेंका हुआ ऊर्जा जब एक दूसरे से टकराते हैं तो वहाँ एक भूचाल से आ जाती है और वहाँ पे मौजूद बकीके सारे ड्रागें’से जीशमे अग्नि की ड्रागें सिल्वा भी थी वो सब गुफा के बाहर की और भागते हैं

सभी ड्रागेंस गुफा के बाहर आजाते हैं और गुफा की और देखने लगते हैं गुफा के अंदर आए हुए भूचाल से ज्वालामुखी भी फट जाती है और ये नज़ारा देख सभी ड्रागें’से की बुरी तरह से फट जाती है और कुछ देर में वो गुफा भी टूट जाती है और उसमें से अग्नि और गेब्रीयल दोनों बाहर आजाते हैं और फिरसे एक दूसरे के ऊपर आग और उरजा से वार करते हैं

बहुत देर तक वो दोनों इसे ही लढ़ते रहते हैं फिर दोनों अपने अपने आग और ऊर्जा को फेंका ना बंद करते हैं और एक दूसरे के ऊपर झपट पड़ते हैं गेब्रीयल अपने तेजधर नुकीले पंजों से अग्नि के ऊपर वार करता है और अग्नि उन्न वार से बचता फिरता है

फिर अग्नि अपने पूरे ताक़त से गेब्रीयल को एक मुक्का मरता है जिस से गेब्रीयल नीचे गिरर जाता है और फिर अग्नि गेब्रीयल के ऊपर बैठ के उसके चेहरों पे मुक्कों की बर्षट करदेता है इसे से गेब्रीयल दर्द से चिल्लाने लगता है फिर गेब्रीयल अग्नि को पूरी ताक़त से नीचे धकेल देता है अग्नि और गेब्रीयल दोनों ईश्वक़्त एक दूसरे आमने सामने थे

गेब्रीयल बहुत ही गुस्से में था उसने फिर से अग्नि के ऊपर आग फेंकना शुरू करदेता है और अग्नि भी इसका जवाब देता है अग्नि इसे वार दुगुनी ताक़त से ऊर्जा गेब्रीयल के ऊपर फेंकता है जिस से अग्नि की ऊर्जा गेब्रीयल के फेंके हुए आग को भेदती हुई गेब्रीयल से जा टकराती है और गेब्रीयल दूर जाकर गिरता है

अग्नि के इसे वार से गेब्रीयल थोड़ा सा ज़ख्मी होचुका था वो अपने आप को संभाल के उठा ही था के अग्नि फिर से उसके सामने अखाड़ा होता है और दुबारा से गेब्रीयल के ऊपर अपने ऊर्जा से वार करता है जिस से गेब्रीयल फिर से ज़मीन से सतक जाता है और दर्द के मारे चिल्लाने लगता है

अग्नि रुकने का नाम ही नहीं लेरहा था जैसे उसने तन ही लिया हो की आज गेब्रीयल के अष्टित्वा मिटाके ही दम लेगा और अग्नि के इसे वार से गेब्रीयल तो तड़प रहा था ही लेकिन उसके साथ साथ ये बर्निंग माउंटन आइलॅंड भी बुरी तरह से हिल रहा था

बर्निंग माउंटन आइलॅंड में भूचाल अचुका था इसे लधाई के वजह से इसे आइलॅंड के इलाके एक एक करके टूट के समंदर में शमा रहे थे और तो और इसे आइलॅंड में मौजूद ज्वालामुखी भी फतचुका था इसलिए अब इसे आइलॅंड का तबाह होना एक तरह से तय होचुका था

और इसे आइलॅंड को तबाह होता देख सारे ड्रागें’से ज़मीन को चोद देते हैं और आश्मन में उड़ने लगते हैं लेकिन कोई भी ड्रागें’से उस आइलॅंड को चोद के नहीं जाता सभी वहीं उड़ते हुए मंडरा रहे थे शायद वो ये जान ना चाहते थे की कौन होगा इसे लधाई का बीजेता

अग्नि अपने ऊर्जा से गेब्रीयल के ऊपर वार पे वार किए जा रहा था उसे ये भी पता नहीं चल पाया था की आइलॅंड खत्म हो रहा है की तभी सिल्वा की हुंकार उसके कानों में पड़ती है और जब अग्नि चारों तरफ देखता है तो पत्ता चलता है की आइलॅंड तबाह हो रहा है और बहुत जल्द ये आइलॅंड समंदर में मिल जाएगा

फिर अग्नि अपने हमले को रोक देता है और गेब्रीयल के तरफ देखने लगता है जो ईश्वक़्त आधा जल चुका था अग्नि के इसे हमले ने गेब्रीयल के शरीर का एक हिस्सा बुरी तरह से जला के रख दिया था और गेब्रीयल नीचे ज़मीन में पड़ा कराह रहा था , फिर अग्नि एक बादेसे पठार पे खड़ा हो जाता है और सभी ड्रागें’से को चील्ला ते हुए कहता है

अग्नि – मैंने तुम्हारे राजा को हरदिया है इसलिए अब में तुम सबका नया राजा हूँ , और में तुम सबको अपने नये फौज में शामिल करता हूँ और हाँ में तुम्हें ये भी कह देना चाहूँगा की मेरे गुलाम बन ने में तुम सबका ही फायदा है , तुम सबको सोना बहुत पसंद है ना सोना ही तुम सबकी कमज़ोरी भी है में तुम सबसे वादा करता हूँ जो भी मेरा साथ देगा में उसे सोने में दफ़ना दूँगा उसे इतना सोना दूँगा जितना तुम सबने कल्पना तक नहीं की होगी

इसके बाद तो सभी ड्रागें’से खुशी के मारे हुंकारने लगते हैं और आश्मन में आग फेंकने लगते हैं , सभी ड्रागें’से ने अग्नि को अपने नये राजा के रूप में अपना लिया था , फिर सिल्वा ज़मीन पे उतरती है और अग्नि उसके ऊपर बैठ जाता है और जैसे ही सिल्वा उड़ने को होती है नीचे अधमरा हालत में पड़ा गेब्रीयल कहता है


गेब्रीयल – अग्नि तू भले ये लधाई जीिट गया है लेकिन अभी हम दोनों के बीच जंग खत्म नहीं हुआ है ये तो हमारी दुश्मनी की शुरूआत है और में तुझसे वादा करता हूँ की तुझे में ही मारूँगा

अग्नि – गेब्रीयल पहले तू अपने आप को बचले हाँ अगर तू बच गया तो तुझे पता है में कहाँ मिलूँगा चले आना कभी भी में हर दम तैयार मिलूँगा

फिर अग्नि सिल्वा के ऊपर बेत्के वहां से उड़ जाता है और अग्नि और सिल्वा के पीछे पीछे सभी ड्रागें’से भी और गेब्रीयल अधमरा पड़ा रहता है उस बर्निंग माउंटन आइलॅंड में अपने मौत के इंतजार में अग्नि सिल्वा पे बेत्के अपने साथ सभी ड्रागें’से को लेकर उड़ चुका था और यहाँ इसे आइलॅंड में गेब्रीयल अधमरे हालत में पड़ा हुआ था , ये बर्निंग माउंटन आइलॅंड धीरे धीरे तबाह हो रहा था समंदर का पानी धीरे धीरे आइलॅंड में घुसता ही जा रहा था और ज्वालामुखी से बहता हुआ लाहवा भी धीरे धीरे पहाड़ से नीचे आ रही था और तो और इसे आइलॅंड की ज़मीन भी भूकंप के कारण अंदर धसती जा रही थी

और इन सबके बीच अधमरे हालत में फँसा पड़ा था गेब्रीयल वो जनता था की ये आइलॅंड बहुत जल्द खत्म होने वाला है वो अपनी बची खुची ताक़त को इकट्ठा करके उठने की कोशिश करता है लेकिन इसमें वो नाकाम रहता है और वो फिरसे कोशिश करता है और कुछ और वार कोशिश करने के बाद वो कामयाब हो जाता है और उठके खड़ा हो जाता है

खड़े होने के बाद गेब्रीयल अपने आँखें बंद करके एक मंत्र पढ़ता है जिस से गेब्रीयल अपने इंसानी रूप में आ जाता है और उसका ड्रागें उस से अलग हो जाता है , अग्नि के हमले में गेब्रीयल बच जरूर गया था लेकिन उस हमले में अपने ड्रागें को खो दिया था अग्नि के उस खतरनाक वार से गेब्रीयल का ड्रागें मारा गया था और गेब्रीयल भी बहुत बुरी तरह से ज़ख्मी हुआ था

गेब्रीयल अपने मारे हुए ड्रागें को कुछ देर तक देखता रहता है फिर वो अपने आप को संभालते हुए लंगदाते लंगदाते हुए आगे तरफ जाता है एक छोटे से पहाड़ी के तरफ कुछ देर में उस पहाड़ी के ऊपर चढ़ने के बाद गेब्रीयल जा पहुँचता है एक नाव(बहुत) के पास

जब कुछ सालों पहले गेब्रीयल अपने छोटे भाई थे रों के साथ हुई लधाई में अपने भाई से हार गया था तो वो अपने आप को बचाते बचाते इसी नाव में यहाँ इसे आइलॅंड में आ गया था और यहाँ आकर उसने फिरसे अपनी खोई हुई ताक़त को इकट्ठा किया और यहाँ इन ड्रागें’से का राजा बन गया और आज यही नाव फिर से उसके काम आनेवाली थी उसकी जान बचाने के लिए

आइलॅंड में पानी भरता ही जा रहा था और देखते ही देखते पानी उस छोटे से पहाड़ी तक भी पहुँच जाता है जीशके ऊपर गेब्रीयल अपने नाव में बैठा हुआ था और पानी ऊपर आ ही गेब्रीयल छापु चलाने लगता है और नाव धीरे धीरे आगे बढ़ने लगता है और कुछ देर में वो छोटा सा नाव उस आइलॅंड से सही सलामत बाहर निकल जाता है कुछ देर तक गेब्रीयल छापु चलता रहता है और वो जब थक्क जाता है तो वो रुक्क जाता है और समंदर के चारों तरफ देखने लगता है तो उसे चारों तरफ सिर्फ़ पानी ही पानी दिखाई देता है ज़मीन का कोई भी नामो निशान नहीं था फिर गेब्रीयल छिलता है

गेब्रीयल – अग्नीिीईईईईईईईईईईईई में तुझसे अपना बदला लेकर ही रहूँगा , तू मेरे ही हाथों मरेगा

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और इधर मायवी दुनिया में रुद्रा ने सुनहेरी को अपने साथ चलने के लिए राजी कर लिया था , रुद्रा ने सुनहेरी को वो जादुई कंडाले दिखाते हुए कहा था की अगर तुम मेरे साथ चलो तो में अपने मक्षद को पूरा करने के बाद तुम्हें ये जादुई कंडाले दे दूँगा जिस से तुम फिरसे अपने दुनिया में लौट सकती हो और इसे वेड की वजह से सुनहेरी राजी हो गयी थी रुद्रा के साथ चलने के लिए

और सुनहेरी रुद्रा के साथ इसे वक्त मायवी जंगल को पार कार रही थी , रुद्रा सुनहेरी के हाथों में बँधे हुए चैन को खिंचता हुआ आगे तरफ रहा था , दोनों सुबह से ही चल रहे थे इसलिए सुनहेरी थक्क चुकी थी फिर वो कहती है

सुनहेरी – क्या हम सही राषते पर जा रहे हैं , तुम हर बार कह रहे हो की मुझे पत्ता है मुझे पत्ता है

रुद्रा – तुम चुप करो मुझे पत्ता है की राष्टा किस तरफ है वो क्या है ना मुझे मेरा प्यार जो सोना के लिए है वो राष्टा दिखा रहा है

सुनहेरी – ओह प्लेआज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ अब दुबारा मात शुरू होजना , ओह ओउुुुुुुुउउ क्या कार रहे हो ज़रा चैन को आहिस्ते खींचो मुझे तकलीफ हो रही है

रुद्रा – ठीक है ठीक है अब धीरे खीचुँगा

सुनहेरी – क्या हम कुछ देर आराम नहीं कार सकते

रुद्रा – नहीं सुनहेरी अभी नहीं हम अगले गावन् पर रुक्क जाएँगे और वहाँ हमें खाना और आराम करने के लिए जगह भी मिल जाएगी

सुनहेरी – (वहीं एक पेड़ के नीचे बैठते हुए) आस कम ऑन रुद्रा में एक सितारा हूँ और में दिन में इतने देर तक जागी नहीं रही सकती ये हमारे सोने का वक्त है और तुम मुझे सुबह से पेडल चला रहे हो और में बहुत थक्क गयी हूँ प्लज़्ज़्ज़्ज़ अब मुझे कुछ देर सोने दो

रुद्रा – अच्छा अच्छा ठीक है तुम यहाँ कुछ देर के लिए आराम करो में कुछ खाने पीने का बंदोबस्त करके आता हूँ , फिर रुद्रा उस जादुई चैन को उस पेड़ से तरफ देता है सुनहेरी के साथ

सुनहेरी – ये तुम क्या कार रहे हो

रुद्रा – दिखता नहीं क्या में तुम्हें बाँध रहा हूँ जिस से तुम यहाँ से भाग ना सको , और फिर रुद्रा खाने पीने का कुछ बंदोबस्त करने चला जाता है

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गंडर के दोनों राजकुमार कुंवर विक्रांत और कुंवर यश दोनों ही सुबह से हार के तलाश में निकल चुके थे , जहाँ पे कुंवर विक्रांत अपनी सीना के टुकड़ी को अपने साथ लेकर चल रहा था वहीं कुंवर यश अकेला ही इसे खतरनाक सफ़र पर निकल चुका था
 
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कुंवर विक्रांत ईश्वक़्त गंडर के पहाड़ी इलाक़ों के तरफ तरफ रहा था जहाँ पे वो हार गिरा था तो वहीं कुंवर यश मायवी जंगल के तरफ तरफ रहा था जहाँ पे रुद्रा और सुनहेरी थे और सुनहेरी के पास वो जादुई रत्ना हार कुंवर विक्रांत ईश्वक़्त गंडर के पहाड़ी इलाक़ों में उस जगह पे खड़ा था जहाँ पे वो रत्ना हार गिरा था और वहाँ पे हार को नापके कुंवर विक्रांत बहुत ही गुस्से में था , और फिर कुंवर विक्रांत अपने साथ चल रहे एक जादूगर को अपने पास बुलाता है

कुंवर विक्रांत – जादूगर तुमने कहा था की हार हमें वहीं मिलेगा जहाँ पे हार गिरा है पर यहाँ पे तो कोई भी हार हमें नहीं मिला तो अब हम क्या करे इन पहाड़ों को खोदते फिरेन

जादूगर – हुज़ूर मैंने तो आप को वही बताया जो इसे जादुई पाशे ने मुझे बताया अब में कुछ भी नहीं कार सकता

कुंवर विक्रांत – एक काम करते हैं दुबारा हार के खोज पे निकालने से पहले इसे जादुई पाशे को आजमा लेते हैं , इनसे पूछिए की क्या में गंडर के महाराज का बड़ा बेटा हूँ

फिर वो जादूगर उन्न पशों को एक पठार के ऊपर फेंकता है और वो पाशे घूमने लगते हैं और जब वो पाशे एक जगह पे रुकते हैं तो हारे(ग्रीन) रंग से जगह मगाने लगते हैं

जादूगर – हाँ हुजूर आप महाराज के बारे बेटे हैं

कुंवर विक्रांत – एक और सवाल क्या मेरा मनपसंद रंग लाल है

फिरसे उन्न पशों को फेंका जाता है और फिरसे हारे रंग से पाशे जगमगाने लगते हैं

जादूगर – हाँ हुजूर

कुंवर विक्रांत – क्या बहुत ज्यादा मिन्नतें या गुज़ारिशें मुझे मजबूर करती हैं एक दगाबाज़ और गद्दार की जान बक्ष दम

और फिरसे वो जादूगर उन्न पशों को फेंकता है और इषबार पाशे जब रुकते हैं तो हारे रंग के बदले लाल रंग से वो पाशे जगमगाने लगते हैं और ये देख कुंवर विक्रांत

कुंवर विक्रांत – इसका क्या मतलब है

जादूगर – हुजूर लाल रंग का मतलब नहीं है

कुंवर विक्रांत बहुत बढ़िया , इन्हें फिरसे फेंको और इसे बार इन्हें उछल फेंको
फिर वो जादूगर उन्न पशों को ऊंचा फेंकता है और पशों को फेनटे ही कुंवर विक्रांत अपना अगला सवाल पूछता है

कुंवर विक्रांत – क्या तुम मेरे छोटे भाई के लिए काम करते हो और क्या तुम मेरे साथ मुझे गुमराह करने के लिए आए हो

ये सवाल सुनते ही उस जादूगर के चेहरे के हवैइयाँ उड़ जाती है और पाशे अकके उस पठार के ऊपर पड़ते हैं और जब वो रुकते हैं तो इसे बार उन्न पशों का रंग हरा ही आता है यानि की वो जादूगर सच में कुंवर विक्रांत को धोका दे रहा था

और पशों का रंग देख के जादूगर की हवैइयाँ उड़ जड़ी हैं और वो जैसे ही अपना चेहरा कुंवर विक्रांत के तरफ करता है माफिई माँगने के लिए तब तक बहुत देर होचुकी थी क्योंकि कुंवर विक्रांत अपने कमर से अपना तलवार निकल चुका था और उस तलवार को देखते ही देखते उस जादूगर के पेट में उतार देता है

और फिर एक कालेगा दहला देने वाली चीख निकलती है उस जादूगर के मुंह से वो चीख उन्न पहाड़ों में गूंजजज्ज उठती है और वो वहीं निढल हो जाता है और कुंवर विक्रांत के फ़ौजी उस जादूगर के लाश को उठाकर पहाड़ियों के नीचे फेंक देते हैं

कुंवर विक्रांत उन्न पशों को पठारों के ऊपर से उठता है और चारों तरफ देखने लगता है

कुंवर विक्रांत – हमारे सामने दो राषते हैं एक ये पहाड़ी इलाका जो आगे हमें गंडर के तरफ लेजता है और ये दूसरा मायवी जंगल जो हमें आगे विचस माउंटन के तरफ लेजाएगी , अब किस तरफ वो हार हमें मिलेगा ये जादुई पेशाब ही बताएगा , ए जादुई पाशे बता मुझे क्या मुझे इन्हीं पहाड़ी राषते में ही आगे वो रत्ना हार मिलेगा

फिर कुंवर विक्रांत उन्न पशों को उस पठार के ऊपर फेंक देता है और पाशे घूमने लगते हैं और जब पाशे रुकते हैं तो पशों का रंग लाल था

कुंवर विक्रांत – यानि की पाशे ये कहना चाहते हैं की मुझे विचेस माउंटन के तरफ बढ़ना चाहिए

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सूरज डूब चुका था और मायवी दुनिया में शाम होचुकी थी और सुनहेरी अभी भी उसी पेड़ के नीचे बैठी हुई थी और रुद्रा का इंतजार कार रही थी , रुद्रा दोपहर से कुछ खाने का इंतजाम करने गया था और अभी तक लौट के नहीं आया था

और सुनहेरी अकेली बैठी बैठी उंघ रही थी जब भी झाड़ियों में कोई आवाज़ होती तो सुनहेरी को लगता की रुद्रा है और वो उसे आवाज़ देने लगती लेकिन ये उसका बहन ही निकलता और इसे ही बैठी बैठी वो चिढ़ से गयी थी

सुनहेरी – पत्ता नहीं ये लड़का कहाँ चला गया इतनीी देर हो गयी है और अब तो अंधेरा भी होने लगा है कहीं इसे लड़के को कुछ हो ना गया हो

सुनहेरी बेत्के अपने आप से यही सब कह रही थी की उसे झाड़ियों के पीछे से कोई आवाज़ सुनाई देती है

सुनहेरी – रुद्रा तुम हो क्या रुद्रा

लेकिन इसे वार भी कोई नहीं होता और तो और वहाँ पे एक पल के लिए सानाथाअ छा जाता है और हवाएँ भी तेज चलने लगती हैं सैईईईईन्न्णणन् सैईईईईईन्न्णणन् करके हवा चलने लगती है और झाड़ियों के पीछे से भी अजीब अजीब आवाजें आने लगती है और ये सब देख के सुनहेरी डर जाती है

सुनहेरी – कौन है वहाँ कौन है वहाँ बाहर आऊ

कोई भी झाड़ियों के पीछे से नहीं आता है और ये देख सुनहेरी और भी डर जाती है और चारों तरफ देखने लगती है लेकिन उसे चारों तरफ सीबे सानाते के कुछ भी नहीं मिलता है

सुनहेरी – रुद्रा क्या ये तुम हो अगर तुम हो तो मेरे साथ मज़ाक मत करो नहीं तो में तुम्हारे साथ कहीं भी नहीं चलूंगी

और इसे वार भी कोई जवाब नहीं आता है और इसे से परेशान होकर सुनहेरी रुद्रा रुद्रा चिल्लाने लगती है और तभी उन्न झाड़ियों के पीछे से कोई निकलता है , और वो एक यूनिकॉर्न था एक सफेद यूनिकॉर्न और वो सीधे अकके रुकता है सुनहेरी के पास


और यूनिकॉर्न को देख सुनहेरी के जान में जान आती है और सुनहेरी उस यूनिकॉर्न को प्यार से सहलाने लगती है और फिर वो यूनिकॉर्न अपने सिंग से उस जादुई चैन को काट देता है जिस से सुनहेरी बँधी हुई थी और ये देख सुनहेरी बहुत खुश होजती है और उस यूनिकॉर्न को गले लगा लेती है

फिर वो यूनिकॉर्न नीचे झुक जाता है जैसे सुनहेरी को अपने ऊपर बैठने को बुला रहा हो फिर सुनहेरी उस यूनिकॉर्न के ऊपर बैठ जाती है और वो यूनिकॉर्न वहाँ से चल देता है

सुनहेरी उस यूनिकॉर्न के ऊपर सवार होकर जंगल में आगे तरफ रही थी और अपने आप से बातें कार रही थी

सुनहेरी – किससे पत्ता की वो रुद्रा अपना कंडाल वाला वादा पूरा करता भी या नहीं , में ये मान ने को तैयार नहीं की इसे पूरे मायवी दुनिया में उसके सीबे कोई और मेरी मदद नहीं करेगा और तो और वो क्या बक बक कार रहा था हाँ मेरी सोना ऐशी है मेरी सोना वैशी है हुन्न्ञन् बड़ा आया सोना का चमचा में तो उसके बातें सुन सुन के बहुत पक्क गयी थी

इसी तरह अपने आप से बातें करते करते सुनहेरी जंगल से बाहर निकल जाती है और जंगल के बाहर निकलते ही उसे बारिश का सामना करना पड़ता है जो बहुत जोरों से हो रही थी और इसे बारिश में सुनहेरी पूरी तरह से भीग जाती है और फिर उसकी नज़र पड़ती है एक घर के ऊपर शायद ये कोई सरया(होटल) था , सुनहेरी उस सराय के सामने यूनिकॉर्न को रोकती है और नीचे उतरके उस सराय का दरवाजा खटखटती है , कुछ ही देर में उस घर का दरवाजा खुलता है और एक खूबसूरत औरत अंदर से निकलती हैं और वो बहुत खूबसूरत थी

औरत – है भगवान ये क्या इतनी तेज बारिश में आप इतनी भीग चुकी हैं आप को तो शारडी लग जाएगी जल्दी कीजिए अंदर अजाईए , हमारे पास सब कुछ है खाना पीना गर्म बिस्तर और गरमा गरम कंबल और नहाने के लिए गर्म पानी भी मिलेगा अंदर सब है चलिए जल्दी अजाईए अंदर

सुनहेरी – जी मेरे पास आप को बदले में देने के लिए कुछ भी नहीं है में बहुत मुसीबत में फंसी हुई हूँ

औरत – कैसी बातें कार रहे हो आप मुसीबत में फासे हुए लोगों की मदद करना हमारा फर्ज है अब चलिए वरना आप को शारडी लग जाएगी

सुनहेरी – आप बहुत अच्छी हैं बिना किसी स्वार्थ के मेरी मदद कार रही हैं और कुछ लोग इसे हैं जो बहुत स्वार्थी होते हैं

और फिर सुनहेरी घर के अंदर चली जाती है और उसके पीछे पीछे वो औरत भी आ जाती है और वो औरत अंदर आ ही दरवाजे को बंद करदेटी है और उसके चेहरे पे एक शैतानी मुश्कं थी

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इधर रुद्रा दौड़ता हुआ आ रही था उस जगह पे जहाँ पे उसने सुनहेरी को चोद के गया था खाने का इतनेजाँ करने में बहुत वक्त लगा था और लौटने में शाम होचुकी थी उष्को सुनहेरी की चिंता सटा रही थी इसलिए वो तेजिसे भागता हुआ आ रही था

जब वो उस जगह पे अकके पहुँचता है तो उस पेड़ के नीचे सुनहेरी को नहीं पत्ता है और उसे वो जादुई चैन भी मिल जाती है कटी हुई और ये देख

रुद्रा – में कितना बेवकूफ़ हूँ मुझे उसके ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए था , वो मुझे चकमा देकर भाग गयी

रुद्रा को अपने आप के ऊपर बहुत गुस्सा आता है और वो अपना गुस्सा अपने साथ लाए हुए खाने के समान के ऊपर उतरता है रुद्रा उन्न फ्रूट’से को गुस्से में फेंक देता है और जाकर उसी पेड़ के नीचे बैठ जाता है और देखते ही देखते दिन भर थकान के कारण उष्कीी आँख लग जाती है और वो वहीं बैठे बैठे सो जाता है

कुछ देर बाद रुद्रा के कानों में एक आवाज़ पड़ता है शायद कोई उसके नाम लेकर उसे बुला रहा था और फिर रुद्रा की आँखें खुल जाती है और वो चारों तरफ देखने लगता है फिर उसकी नज़र पड़ती है आश्मन के तरफ और जब उसकी नज़र ऊपर पड़ती है तो रुद्रा चौक जाता है क्योंकि उसे पुकारने वाली बहुत सारे सितारें थी जो आश्मन में चमक रही थी

सितारें – रुद्रा प्लेज़्ज़्ज़्ज़ हमारी बहन की रक्षा करो रुद्रा हमारी बहन सुनहेरी के ऊपर खतरा मंडरा रहा है हमने यूनिकॉर्न को भेजा था ताकि वो सुनहेरी की मदद कार सके लेकिन अब वो एक ख़तनाक जाल में फ़ासस चुकी है

रुद्रा – ये आप सब क्या कह रहे हैं केशा खतरा और केशा जाल

सितारें – रुद्रा मायवी दुनिया में कोई भी सितारा सुरक्षित नहीं है 1000 साल पहले आखिरी तारा टूट के गिरता मायवी दुनिया में उसे कुछ चुड़ालों ने कैद कर लिया उसे अपने मीठी मीठी बातों में फंसाया उसकी देखभाल किया और जब उसका दिल फिरसे स्वस्त होकर चमकने लगा तो उन्होंने उसके सीने को काट के उसके दिल को निकल के कहा लिया और सुनहेरी ईश्वत उन्हीं चुड़ालों के चंगुल में फ़ासस चुकी है और उसे इसे खतरे के बारे में पता भी नहीं है वक्त बहुत कॅम है रुद्रा जाओ रुद्रा जाओ और हमारी बहन की रक्षा करो रुद्रा रुद्रा ये सारी बातें सुनकर बहुत परेशान होचुका था वो ये सोचने लगता है की कैसे वो सुनहेरी की जान बचाए इसलिए और कैसे वो उस जगह पे जल्दी से जल्दी पहुँचे कुछ देर सोचने के बाद उसे उस जादुई मोमबति की याद आती है और फिर रुद्रा उस मोमबति को अपने जेब से बाहर निकलता है
 
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रुद्रा – ये मोमबति ज्यादा से ज्यादा दो बार ही इस्तेमाल होसकती है अगर मैंने अब इसे इस्तेमाल कर दिया तो मुझे आगे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा , इसे मोमबति के बिना में अपनी मां को कैसे ढूनडूँगा और फिर इसे मोमबति के सहारे सुनहेरी को उसके दुनिया में भी तो भेजना है , मुझे कुछ और ही सोचना पड़ेगा

रुद्रा इसी बारे में सोच रहा था की कैसे वो जल्दी से उस जगह पे पहुँचे की तभी उसके कानों में कुछ आवाजें पड़ती है ये आवाजें घोड़े के गाड़ी की थी फिर रुद्रा उस आवाज़ के तरफ भागता है और फिर जाकर एक जगह पे खड़ा हो जाता है और फिर कुछ ही देर में एक घोड़े की गाड़ी सामने से आता हुआ दिखाई डेटता है

उस जुंगलीइ रास्ते से होते हुए एक घोड़े की गाड़ी तेजिसे आगे तरफ रही थी और इसे घोड़े की गाड़ी को चला रहा था कुंवर यश , कुंवर यश अपने चाबुक से उस गाड़ी के घोड़ों को मरते हुए कह रहा था और तेज चलो और तेज और वो घोड़े तेजिसे आगे तरफ रहे थे लेकिन तभी उनके सामने रुद्रा आ जाता है जिस से कुंवर यश फौरन गाड़ी को रोक देता है

फिर कुंवर यश उस गाड़ी से नीचे उतरता है और अपने कमर से तलवार निकल लेता है और उस तलवार को रुद्रा के ऊपर टांट हुए कहता है

कुंवर यश – कौन हो तुम , कहीं तुम्हें मेरे भाई विक्रांत ने तो नहीं भेजा है मुझे मरने के लिए

रुद्रा – नहीं नहीं ये आप क्या कह रहे हैं में किसी विक्रांत को नहीं जनता प्लज़्ज़्ज़्ज़ इसे तलवार को मेरे ऊपर से हटाइए मुझे इन तलवारों से बहुत डर लगता है , प्लज़्ज़्ज़्ज़ मेरा यकीन कीजिए में किसी विक्रांत को नहीं जनता और अगर में आप को मरने आया होता तो मेरे पास कुछ ना कुछ औजार होते लेकिन आप मेरी तलाशी ले सकते हैं में बिलकुल निहटा हूँ

कुंवर यश – अच्छा तो कौन हो तुम और इसे तरह मेरे गाड़ी के सामने आने का क्या मतलब

रुद्रा – जी मेरा नाम रुद्रा है और मुझे बस लिफ्ट चाहिए मेरी एक दोस्त मुस्सिबत में है मुझे जल्दी से जल्दी उसके पास पहुँच ना है प्लज़्ज़्ज़्ज़ मुझे आप के साथ आने दीजिए

कुंवर यश – ये ईश्वक़्त संभव नहीं है , में ईश्वक़्त एक बहुत बड़ी खोज पर निकला हुआ हूँ

रुद्रा – देखिए प्लज़्ज़्ज़ मेरी मदद करिए क्या पत्ता में भी आप के किसी काम अज़ौन , शायद किस्मत ने ही हमें मिलाया है एक दूसरे की मदद करने के लिए सर

कुंवर यश – ठीक है आ जाओ

रुद्रा – आप का बहुत बहुत शुक्रिया सर

फिर कुंवर यश और रुद्रा दोनों जाकर उस घोड़े की गाड़ी में बैठ जाते हैं और फिर कुंवर यश अपने घोड़ों को आगे बढ़ा देते हैं और घोड़े तेजिसे आगे बढ़ने लगते हैं

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और यहाँ इसे सराय में – सुनहेरी उस औरत के साथ अंदर अचूकी थी और वो औरत सुनहेरी को अपने बहनों से मिला रही थी

औरत – सुनहेरी जी मेरा नाम दूसतीनी है और ये सब मेरी बहने हैं हम 7 बहने हैं और हम सब एक साथ मिलकर इसे सराय को चलती हैं

सुनहेरी – आप सबसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई आप सब बहुत अच्छे हैं

दूसतीनी – क्या बात है सुनहेरी जी आप कुछ थके थके लग रहे हैं कहीं आप को कहीं पे चोट तो नहीं लगी

सुनहेरी – जी वो हाँ मुझे थोड़ी से चोट लगी है

दूसतीनी – तब तो आप को फौरन हमारे जादुई गरम पानी से नहलेना चाहिए

सुनहेरी – जादुई गरम पानी?

दूसतीनी – हाँ सुनहेरी जी अगर किसी को कोई चोट लगी है और वो हमारे जादुई गरम पानी में नहा लेता है तो उसकी चोट बहुत जल्द ठीक हो जाता है

सुनहेरी – क्या सच में?

दूसतीनी – जी हाँ सच में

सुनहेरी – तो क्या हमें भी गरम पानी में नहाने के लिए मिलेगा

दूसतीनी – क्यों नहीं जरूर आप मेरे साथ चलिए

फिर दूसतीनी अपने साथ सुनहेरी को लेकर चली जाती है बाथरूम की तरह और फिर सुनहेरी अपने कपड़े बदलके बाथटब में घुस जाती है और गरम पानी का मजा लेने लगती है , दूसतीनी अपने हाथ को उस गरम पानी में डुबके घोलने लगती है (कुछ जादू करने लगती है)

दूसतीनी – सुनहेरी जी तो कैसा लग रहा है

सुनहेरी – जी बहुत अच्छा लग रहा है गरम पानी से और मेरे पर से दर्द भी गायब हो गये हैं , सच में आप का ये गरम पानी कमाल का है

दूसतीनी – चलिए मुझे बहुत खुशी हुई के में आप के लिए कुछ कार पाई , अब तो आप बहुत खुश लग रहे हैं

सुनहेरी – सही कहा आप ने में बहुत खुश हूँ

दूसतीनी – जी हाँ ये सब इसे गरम पानी का ही असर है

फिर नहाने के बाद सुनहेरी कपड़े बदलके दूसतीनी के साथ एक कमरे में आ जाती है और दोनों बातें करने लगते हैं एक दूसरे के बारे में , सुनहेरी ईश्वक़्त बहुत स्वस्त और खुश लग रही थी और उसका शरीर भी चमकने लगी थी, सुनहेरी ईश्वक़्त अपने बेड पे लेट के दूसतीनी से बातें कार रही थी और दूसतीनी सुनहेरी के पास ही बैठी हुई थी

दूसतीनी – सुनहेरी जी में बहुत अच्छी मालिश करती हूँ और जो भी मुझसे मालिश करवाते हैं उन्हें और भी अच्छा लगता है

सुनहेरी – क्या सच में तो फिर में भी आप से मालिश करवानी जरूर चाहूँगी

दूसतीनी – तो ठीक है आप आँख बंद करने लेट जाए में मालिश शुरू करती हूँ


फिर सुनहेरी बेड पे आँखें बंद करके लेट जाती है और दूसतीनी अपने हाथ में एक तेल का कटोरी लेकर सुनहेरी के पास बैठ जाती है और सुनहेरी की पहनी हुई नाइट गाउन को धीरे धीरे खोलती है और सुनहेरी को पूरी तरह से निर्वस्त्र करके उसके शरीर में तेल लगाकर मालिश करने लगती है इसे से सुनहेरी को अच्छा लगने लगता है और सुनहेरी के निर्वस्त्र बदन को देख दूसतीनी के आँखों में एक अलग ही चमक आने लगती है और उसके मुंह से लार टपकने लगता है , फिर दूसतीनी कुछ तेल सुनहेरी के गुप्तँग में लगा देती है और सुनहेरी के गुप्तांगों को सहलाने लगती है इन सब में सुनहेरी का शरीर बहुत उत्तेजित हो जाता है और उसके मुंह से सिसकियां निकालने लगती है

ईश्वक़्त सुनहेरी के चेहरे पे बहुत खुशी ज़लाक रही थी और दूसतीनी सुनहेरी के चेहरे पे खुशी देख समझ जाती है की वक्त आ गया है इसलिए दूसतीनी उस बेड के नीचे रखी हुई अपने खंजर को निकल लेती है सुनहेरी के दिल को चीर्ने के लिए और दूसतीनी जैसे ही खंजर को सुनहेरी के सीने में घोपने को होती है की तभी
कुंवर यश और रुद्रा दोनों ईश्वक़्त घोड़े गाड़ी के ऊपर सवार होकर तेज रफ्तार से विचस माउंटन की तरफ तरफ रहे थे और देखते देखते वो कुछ ही देर में उस इलाके में पहुँच जाते हैं

लेकिन वो दोनों जैसे ही उस इलाके में पहुँचते हैं उन्हें तेजधर बारिश का सामना करना पड़ता है और इसे तेजधर बारिश में घोड़े भी आगे बढ़ने से इनकार करदेटे हैं वो अपने जगह से हिलते तक नहीं हैं और पीछे हटने लगते हैं और ये देख

कुंवर यश – रुद्रा लगता है ये घोड़े इसे तेज बारिश में आगे नहीं तरफ पाएँगे हमें इन्हें यहीं छोड़कर आगे बढ़ना होगा

तभी रुद्रा को कुछ दूर पे रोशनी नज़र आती है

रुद्रा – राजकुमार देखिए वहाँ रोशनी दिखाई देती है शायद वहाँ पे किसी का घर हो और हमें आज रात गुजरने की जगह मिल जाए

कुंवर यश – अरे हाँ रुद्रा तुम सही कह रहे हो तो चलो फिर वहाँ पे , फिर कुंवर यश चाबुक से घोड़े के पिछवाड़े पे मरता है जिस से घोड़ा आगे तरफ जाता है उस घर के तरफ और कुछ ही मिनट’से में दोनों वहाँ उस घर के सामने पहुँच जाते हैं

कुंवर यश – अरे रुद्रा ये तो एक सरया(होटल) है लगता है हमारी किस्मत अच्छी है जो हमें ये सरया मिल गया अब तो खाने का पीने का और सोने का इंतजाम हो ही गया

फिर कुंवर यश नीचे उतरता है और जाकर उस सराय का दरवाजा खटखटने लगता है

कुंवर यश – हेलो कोई है क्या , हेलो कोई अंदर है क्या

रुद्रा – जल्दी करो दोस्त इसे बारिश के पानी का मर खाके मेरा पूरा शरीर धीरे धीरे अकड़ रहा है कहीं दरवाजे के खुलने से पहले ही में फनाअ ना होजौन

कुंवर यश – फिक्र मात करो रुद्रा तुमने हमसे दोस्ती किया है हम तुम्हें कुछ भी होने नहीं देंगे , हेलो कोई है क्या और तभी दरवाजा खुलता है और एक खूबसूरत औरत दरवाजे के सामने खड़ी थी और कुंवर यश क्यों देख रही थी फिर

दूसतीनी – जी में आप की क्या मदद कार सकती हूँ

कुंवर यश – जी हम गंडर के राजकुमार यश हैं और एक कुछ मुहिम पर इसे तरफ से गुजर रहे थे की हमें इतनी तेज बारिश का सामना करना पड़ा इसे लिए हमें यहाँ पे आज रात के लिए ठहेरने को कमरा चाहिए

दूसतीनी – क्यों नहीं राजकुमार जरूर जरूर आप अंदर आइये

कुंवर यश – जी मोहतार्मा मेरा दोस्त हमारे घोड़ों के साथ बाहर खड़ा है

दूसतीनी – राजकुमार मेरा नाम दूसतीनी है और में अभी अपनी एक बहन को भेजती हूँ ताकि वो आप के दोस्त को अस्तबल का राष्टा दिखा सके और आप मेरे साथ आइये में आप को आप का कमरा दिखती हूँ

फिर दूसतीनी अपनी एक बहन को इशारा करती है और वो बाहर निकल जाती है रुद्रा को घोड़ों के अटबल का राष्टा दिखाने के लिए और कुंवर यश चल देता है दूसतीनी के पीछे

दूसतीनी कुंवर यश को एक कमरे तक लेआतई है और फिर

दूसतीनी – ये लीजिए राजकुमार ये है आप का कमरा आशा करती हूँ आप को अच्छा लगेगा और अगर कुछ चाहिए तो बता दीजिए

कुंवर यश – अरे बहुत अच्छा है कमरा दूसतीनी जी हाँ अगर एक कप कॉफ़्फीे मिल जाए तो मजा अजाए

दूसतीनी – जी जरूर में अभी लेकर आती हूँ राजकुमार

दूसतीनी किचन की तरफ चल देती है और कुंवर यश अपने कमरे के बाहर ही टहलने लगता है और इधर सुनहेरी भी अपने कमरे से बाहर निकल आती है ये देखने के लिए की दूसतीनी कहाँ रही गयी

कुंवर यश की नज़र पड़ती है सुनहेरी के ऊपर और फिर

कुंवर यश – जी हेलो हमारा नाम कुंवर यश है और हम गंडर के होनेवाले युवराज हैं
 
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दूसतीनी – (कॉफ़्फीे लेकर आ हुए) राजकुमार ये हमारे मेहमान हैं इन्हें परेशान ना ही करे प्लज़्ज़्ज़ और ये लीजिए आप की गरमा गरम कॉफ़्फीे

कुंवर यश – अरे माफ कीजिएगा दूसतीनी जी हमने अपना इरादा बदल दिया है हम अपने साथ लाया हुआ शराब ही पिएँगे आप एक काम कीजिए ये कॉफ़्फीे हमारे दोस्त को अस्तबल में दे आइये

दूसतीनी – जी जैसे आप की मर्जी राजकुमार , फिर दूसतीनी अपनी एक और बहन को वो कॉफ़्फीे का मग पकड़ा देती है और कहती है अस्तबल में दे आने को फिर

कुंवर यश – (सुनहेरी से) हमें माफ कीजिएगा हमें लगा आप ही इसे सराय की मालकिन हैं और क्या आप यहाँ अकेली ठहरी हुई हैं

सुनहेरी – जी हाँ में यहाँ अकेली ही ठहरी हुई हूँ

कुंवर यश – हम एक कुछ मक्षद से इसे तरफ से गुजर रहे थे की बारिश के वजह से यहाँ पे हमें ठहेरना पड़ा

इसे तरफ कुंवर यश सुनहेरी से बात कार रहा था और दूसतीनी कुछ काम से किचन में चली गयी थी और यहाँ दूसतीनी की बहन रुद्रा के लिए कॉफ़्फीे लेकर अस्तबल में आ रही थी

मिस्तीनी – जी में आप के लिए कॉफ़्फीे लाई हूँ

रुद्रा – जी बहुत बहुत शुक्रिया आप बहुत अच्छी हैं , मेरा नाम रुद्रा हैं और आप का

मिस्तीनी – मिस्तीनी , अपना नाम बोलकर मिस्तीनी वहाँ से चली जाती है

और इधर सराय के अंदर , दूसतीनी सुनहेरी के कमरे में जाती है और उसके बेड के नीचे से उस खंजर को लेकर आती है और इधर कुंवर यश अपनी बातों से सुनहेरी को पक्का रहा था

कुंवर यश – जी पता है हम पूरे गंडर में सबसे ज्यादा बहादुर और सुरवीर हैं हमें हराने वाला आज तक पेड़ा ही नहीं हुआ है

सुनहेरी – जी मुझे माफ कीजिएगा वो क्या है ना में तक गयी हूँ अब सोने के लिए जाना चाहती हूँ , ये बोलकर सुनहेरी वहाँ से जाने लगती है लेकिन तभी कुंवर यश की नज़र सुनहेरी के गले में लटक रही उस रत्ना हार पे पड़ती है

कुंवर यश – ज़रा रुकिये मैडम क्या में आप का वो रत्ना हार देख सकता हूँ

सुनहेरी – क्या

कुंवर यश – जी हाँ आप ने जो पहना है वो

और इधर अस्तबल में रुद्रा जैसे ही कॉफ़्फीे के मग को अपने मुंह से लगता है तभी अस्तबल के दीवार को तोड़के एक यूनिकॉर्न आ जाता है और रुद्रा को एक धक्का मारकर चला जाता है जिस से रुद्रा के हाथों से वो कॉफ़्फीे का मग चुत के नीचे गिरर जाता है

और जैसे ही वो कॉफ़्फीे का मग नीचे ज़मीन पे गिरता है तो मिट्टी से धुआँ उठने लगता है और ये देख रुद्रा चौक जाता है और फिर वो उस यूनिकॉर्न के तरफ देखने लगता है

रुद्रा – ये क्या ये मिट्टी से धुआँ क्यों निकल रहा है और ये यूनिकॉर्न यहाँ पे ……. आरीई नहीं कहीं ये वही यूनिकॉर्न तो नहीं जो सुनहेरी को वहाँ से लेकर आई थी इसका मतलब कॉफ़्फीे में ज़हेर था और उन्न डायनों का बाशेरा यहीं इसे सरएए में है तब तो मुझे जल्दी करना पड़ेगा सुनहेरी और कुंवर यश दोनों की जिंदगी खतरे में है

और इधर सराय के अंदर कुंवर यश सुनहेरी के गले में लटक रहे उस हार को पहचान चुका था और सुनहेरी के ऊपर भड़क रहा था और उसे धमका रहा था और वो हार वापस माँग रहा था की तभी एक साथ रुद्रा और दूसतीनी वहाँ सुनहेरी और कुंवर यश के पास पहुँच जाते हैं

इसे से पहले की रुद्रा कुंवर यश के पास पहुँच के उसे कुछ कहता तब तक दूसतीनी कुंवर यश के गर्दन में वो ख़तनाक खंजर उतार चुकी थी दूसतीनी के इसे खतरनाक वार से कुंवर यश की गर्दन पूरी तरह से चिल्ला चुकी थी और शरीर से अलग होचुकी थी और ये देख सुनहेरी और रुद्रा कांप उठते हैं

फिर रुद्रा सुनहेरी के पास पहुँच जाता है और सुनहेरी इतनी खतरनाक मंजर को देख काफिई डर चुकी थी वो सीधे रुद्रा के गले लगज़ाती है

रुद्रा – सुनहेरी तुम ठीक तो हो ना

सुनहेरी – रुद्रा ये सब क्या हो रहा है

रुद्रा – सुनहेरी ये सब के सब डायणें हैं और तुम्हें मर के तुम्हारे दिल को खजाना चाहते हैं

दूसतीनी – हाँ सुनहेरी इसे लड़के ने सही कहा बिलकुल सही लेकिन अफ़सोस बहुत देर होचुकी है अब तुम्हें हमसे कोई भी बच्चा नहीं सकता है , मेरी बहनों जल्दी आऊ यहाँ सब और इसे लड़के को मर डालो

फिर दूसतीनी की 6 बहने तेजिसे वहाँ पे आ जाती हैं और चारों और से रुद्रा और सुनहेरी को घर लेती हैं और ये सब देख सुनहेरी बहुत डर जाती है और रुद्रा को काश के पकड़ लेती है

और फिर दूसतीनी की दो बहने आगे बढ़ती हैं रुद्रा और सुनहेरी की तरफ और रुद्रा और सुनहेरी ये देख पीछे हटने लगती हैं और दूसतीनी की वो दोनों बहने जैसे ही रुद्रा और सुनहेरी के ऊपर झपटा मरने को होती हैं तभी तेजिसे कमरे में वो यूनिकॉर्न आ घुसता है और अपने सिंग से दूसतीनी के दोनों बहनों को पटक देता है और फिर वो यूनिकॉर्न रुद्रा और सुनहेरी के बीच में खड़ा हो जाता है

और ये सब देख दूसतीनी बहुत गुस्से में आ जाती है और फिर दूसतीनी अपने असली रूप में आ जाती है यनेकिी अपने चुड़ैल वाले रूप में , अब दूसतीनी बहुत ही खतरनाक लग रही थी खुले हुए बाल दूर दूर तक फैलता जा रहा बदबू साधा हुआ चेहरा मुंह से कीड़े निकल रहे थे बारे बारे नाखून

और फिर दूसतीनी गुस्से में अपने उसी खंजर को हाथ में लिए झटक देती है जिस से वो खंजर एक छोटी से लकड़ी की चड्डी बनजाति है एक जादुई चड्डी फिर दूसतीनी उस जादुई चड्डी को उस यूनिकॉर्न के तरफ करके झटक देती है जिस से यूनिकॉर्न के चारों तरफ आग ही आग फेल जाती है और यूनिकॉर्न उस आग के अंदर फ़सा हुआ उछालने लगता है

और ये देख सुनहेरी और रुद्रा दोनों और भी डर जाते हैं फिर रुद्रा सुनहेरी के हाथ को पकड़कर वहाँ से खींच के बाहर ले जाने लगता है की तभी दूसतीनी फिर से अपने जादुई चड्डी की मदद से उन्हें रोक देती है और बाहर जाने के राषते को बंद करदेटी है सामने आग फैला कर और देखते ही देखते उस सराय के चारों तरफ आग ही आग फेल जाती है रुद्रा और सुनहेरी अब दोनों बुरी तरह से फ़ासस चुके थे और उनके सामने दूसतीनी खड़ी थी और वो बहुत जोरों से हस्स्स रही थी और उसकी ये हँसी उसके भयानक रूप के साथ और भी भयानक लग रहा था

और फिर वो धीरे धीरे रुद्रा और सुनहेरी के तरफ बढ़ने लगती है और रुद्रा और सुनहेरी धीरे धीरे पीछे हतटने लगती है

दूसतीनी – अब कुछ भी नहीं हो सकता सुनहेरी तुम्हें अब मुझसे कोई भी नहीं बच्चा सकता कोई भी नहीं , तुम्हारे इसे दिल को खाके में और मेरी बहने 1000 साल के लिए अमर होज़ाएँगी और ताकतवर भी

रुद्रा और सुनहेरी दोनों पीछे हॅट ते हुए जाकर दीवार से चिपक जाते हैं अब और पीछे भी नहीं हॅट सकते थे अब उनके सामने चारों तरफ से राषते बंद होचुके थे फिर

रुद्रा – (सुनहेरी के कान में) आरीई हान्ंणणन् सुनहेरी तुम मुझे कषह के पकड़ लो में वो जादुई मोमबति निकालने वाला हूँ तुम समझ गयी ना

सुनहेरी – (जादुई मोमबति का नाम सुनकर सुनहेरी के चेहरे पे एक हल्की से मुश्कं आ जाती है) हाँ में समझ गयी

फिर रुद्रा अपने जेब से वो जादुई मोमबति निकलता है और अपने आस पास पहले हुए आग में उस जादुई मोमबति को जला देता है और फिर देखते ही देखते सुनेरी और रुद्रा वहाँ से तेज रफ्तार के साथ उस सरएए के चाट को फाड़ते हुए निकल जाते हैं और ये देख दूसतीनी के मुंह से एक खौफ नख चीख निकल पड़ती है

दूसतीनी – सुनहेरिइईईईईईई में तुझे नहीं छोड़ूँगिइिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सुनहेरी और रुद्रा दोनों वहाँ से जादुई मोमबति के मदद से तेज रफ्तार से उड़ जाते हैं और दूसतीनी उन्हें भागती हुई बस देखती रहती है और अपने हाथ के एडियों को मसलते रही जाती है और फिर वहाँ उस सराय में आग बुझते ही दूसतीनी की सारी बहने उसके पास आ जाती हैं

रुसतीनी – क्या हुआ बहन दूसतीनी वो दोनों कहाँ चले गये

दूसतीनी – वो दोनों जादुई मोमबति के मदद से भाग गये

मिस्तीनी – क्य्ाआअ वो दोनों भाग गये , इतने सालों बाद एक सितारा आश्मन से टूट के ज़मीन पे गिरा था और हम सबको न जाने कई सौ सालों से इसका इंतजार था और अब जब वो सितारा हमारे हाथों लगने वाली थी तो वो लड़का उसे हमसे बच्चा के लेगया कुछ करो बहन दूसतीनी कुछ करो


सुसतीनी – हाँ बहन दूसतीनी कुछ करो नहीं तो हम सबके लिए बहुत बुरा होगा ये

रुसतीनी – बहन दूसतीनी हमें उनके पीछे जाना चाहिए अगर उनके पास जादुई मोमबति की रफ्तार है तो हमारे पास भी तो हमारे जादुई झाड़ू हैं जो जादुई मोमबति से रफ्तार में कम नहीं हैं क्यों क्या कहती हो

दूसतीनी – हाँ बहन रुसतीनी तुम सही कह रही हो हमें अभी और इषिवक़्त उनके पीछे जाना चाहिए

फिर सातों चुड़ैल बहने अपने हाथ को ऊपर उठाते हैं और देखते ही देखते उक्ने हाथों में उड़ती हुई जादुई झाड़ू आ जाती हैं और वो सातों बहने उसके ऊपर सवार होकर निकल पड़ती हैं रुद्रा और सुनहेरी के पीछे उन्हें पकड़ ने के लिए

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ठीक उसी वक्त आश्मन में बादलों के बीच एक जहाज़ उड़ रहा था जिसका नाम स्पिरिचुयल शिप था और ये जहाज़ था समंदर और असमनों के शिकारी कॅप्टन थे रों की

स्पिरिचुयल शिप में ईश्वक़्त जशन का माहौल था इसे जहाज़ में मौजूद सभी लोग मौज मस्ती में खोए हुए थे और इसे मौज मस्ती की वजह था की आज बहुत दीनों के बाद उन्होंने मिलकर एक बहुत बारे समुंदरी जहाज़ को लूटा था जीशमे सोना , चाँदी , असरफियाँ बेशुमार थी और इतने बारे लूट्ट के बाद सब जश्न मना रहे थे और बहुत सारी लड़कियों को भी लाया गया था मौज मस्ती करने के लिए

शराब के बहुत सारे ड्रम्स खुले हुए थे और सभी पेट भरके शराब पिए जा रहे थे और सब शराब के नशे में लड़कियों को अपने बाहों में लिए नाचे जा रहे थे की तभी एक शॅक्स अपने बाहों में दो कांशिन लड़कियों को लेकर आता है और एक शराब के ड्रम के ऊपर चढ़ जाता है , ये शॅक्स था कॅप्टन रों का असिस्टेंट मटरू और जब मटरू शराब के ड्रम के ऊपर चढ़ता है तो सभी उसे देखने लगते हैं और फिर मटरू कुछ बोलना शुरू करता है

मटरू – अइयो मेरे दोस्तों आज हम सबने बहुत बड़ा हाथ मारा है इसलिए में अपनी और कॅप्टन रों के तरफ से तुम सबको बधाई देना चाहूँगा और ये कहना चाहूँगा आज पूरी रात हम जशन मनाएँगे दोस्तों शराब के सारे ड्रम्स खोल दिए जाएँ और नाच गाना फिरसे शुरू कारडीए जाए

इसके बाद तो सभी जोश में हल्ला मचाने लगते हैं सभी फिरसे नाचने और झूमने लगते हैं शराब के नशे में और मटरू भी अपने बाहों में जकड़े हुए दो कांशिन लड़कियों के साथ नाचने लगता है और बहुत देर तक नाचता रहता है और जब थोड़ा सा थक्क जाता है तो अपने साथ उन्न दोनों लड़कियों को लेकर जहाज़ के एक कोने में आ जाता है और उनके साथ मस्ती करने लगता है फिर उन्न में से एक लड़की कहती है

लड़की – मटरू डार्लिंग हम जबसे यहाँ आए हैं हमने इसे जहाज़ के कॅप्टन को नहीं देखा है आख़िर वो है कहाँ हमने कॅप्टन रों के बारे में बहुत कुछ सुना है

2न्ड लड़की – हाँ मटरू डार्लिंग मैंने भी बहुत कुछ सुना है , कुछ लोग कहते हैं कॅप्टन रों बहुत बड़ा समुंदरी और असमनी शिकारी है तो कुछ लोग कहते हैं की वो एक ड्रागें होल्डर है और उसके पास एक बहुत बड़ा वाइट ड्रागें है और कुछ लोग कहते हैं की रों की उमर काम से कम 400 साल होगा और कुछ लोग कहते हैं की रों इसे दुनिया का सबसे बड़ा शराबी है और लड़कीबाज़ भी और कुछ लोगों का कहना है रों नाम का कोई स्क्स है ही नहीं उसके बारे में जो भी सुन ने को मिलती है वो सब अफबाह है

मटरू – ये जो बातें तुम सबने सुन रखी है वो सब सच है

लड़की – क्य्ाआआअ सच में रों है , तो क्या वो सच में 400 साल का है पर शा कैसे हो सकता है कोई इंसान इतने सालों तक कैसे जिंदा रही सकता है

मटरू – शा होसकता नहीं डार्लिंग शा है , रों आना एक ड्रागें होल्डर है और ड्रागें होल्डर’से तब तक नहीं मरते जब तक उसे और उसके ड्रागें को एक साथ नहीं मर दिया जाता और अगर दोनों में से एक जिंदा बच गया तो मारा हुआ स्क्स चाहे वो ड्रागें हो या ड्रागें होल्डर वो पुनर्जनम लेकर एक दूसरे से फिरसे मिल जाएँगे और इसी तरह इकट्ठे रहके ये दोनों सद्दियों तक जिंदा रही सकते हैं

2न्ड लड़की – अच्छा तो ऐशी बात है और मैंने ये सुना है की रों के पास एक ऐशी बंधुक है जो आग उगलती है

मटरू – हाहहाहा सिर्फ़ आग नहीं उगलती है जब रों आना उस बंधुक को चलते हैं तो काली अंधेरे रात में भी दिन जैसा उजाला हो जाता है

लड़की – क्या सच में

मटरू – और नहीं तो क्या

लड़की – तो मटरू डार्लिंग तुम कब से रों के साथ काम कार रहे हो

मटरू – बहुत वक्त हो गया है काम से कम 7साल तो हो गये होंगे आज तक कोई भी रों आना के साथ 1साल से ज्यादा टिक्क नहीं पाया है सीबे मेरे और में ही उनके सबसे करीब हूँ समझी क्या

2न्ड लड़की – अच्छा तो ईश्वक़्त रों कहाँ है

मटरू – अभी कुछ देर पहले तुमने क्या कहा था

2न्ड लड़की – क्या कहा था

मटरू – यही कहा था ना की रों इसे दुनिया का सबसे बड़ा लड़कीबाज़ है तो वो इसे वक्त कहाँ होगा अपने कमरे में ही है एक कमसिन और खूबसूरत लड़की के साथ मस्ती कार रहा है

फिर वो तीनों हस्सने लगते हैं और फिर से नाचने झूमने के लिए सबके साथ शामिल होजते हैं और फिर उन्न सबके साथ झूमने लगते हैं

इसे ही सब झूम रहे थे की अचक तभी कोई चीज़ बहुत तेज आवाज़ के साथ स्पिरिचुयल शिप से आ टकराती है धदामम्म्मममममममम और ये टक्कर इतनी ज़ोर से हुई थी की पूरा का पूरा स्पिरिचुयल शिप हिल जाता है और जो कुछ देर पहले सब नाच रहे थे वो सब इधर उधर लूड़क जाते हैं और इन सबसे सबके मुंह से चीखें निकालने लगती है मटरू के मुंह से भी

मटरू – आईयूओ रों आना आश्मन में जहाज़ के अंदर भूकंप आ गया है बचऊूऊ रों अन्नाआआआआअ इसे वक्त रुद्रा और सुनहेरी दोनों जादुई मोमबति की मदद से तेज रफ्तार से आश्मन में आगे तरफ रहे थे वहीं चुड़ैल दूसतीनी भी अपनी बहनों के साथ जादुई झाड़ू पे सब्र होकर हवा के रफ्तार से रुद्रा और सुनहेरी का पीछा कार रही थी वो बस कुछ ही दूरी पर थी सुनहेरी और रुद्रा से

सुनहेरी – रुद्रा ये क्या ये चुड़ैल तो हमारा पीछा ही नहीं चोद रही है

रुद्रा – (पीछे देखते हुए) क्य्ाआआआ , ये क्या ये चुड़ैल तो हाथ धोके हमारे पीछे पड़ गयी अब हम क्या करे सुनहेरी

सुनहेरी – रुद्रा वो देखो सामने कुछ है आश्मन में

रुद्रा – कहाँ , अरे ये तो कोई जहाज़ लगता है

सुनहेरी – कुछ करो रुद्रा बच्चों इसे से वरना हम इसे से टकरा जाएँगे

रुद्रा और सुनहेरी इसे से पहले की अपना रुख मोड़ते वो दोनों जा टकराते हैं एक जहाज़ से और जहाज़ के अंदर जाकर गिरते हैं , जब दोनों जहाज़ से टकराते हैं तो बहुत तेज आवाज़ होती है जैसे किसी ने जहाज़ में बॉम्ब फोड़ड़ दिया हो

रुद्रा और सुनहेरी दोनों गिरते पड़ते जहाज़ के अंदर आजाते हैं जहाज़ के नीचे यानि की गोडोवन् में इन सबमें रुद्रा को बहुत चोटें आई थी उसका सर फट चुका था और सर से खून बह रहा था और वहीं सुनहेरी को कुछ भी नहीं हुआ था उसे बससस्स कुछ खरोचें आई थी

रुद्रा और सुनहेरी जिस जहाज़ से आ टकराए थे वो कोई और जहाज़ नहीं बल्कि स्पिरिचुयल शिप ही था और इन दोनों के तेज रफ्तार से टकराने के वजह से जहाज़ कुछ देर के लिए हिल गया था इसे से जहाज़ में मौजूद सभी चिल्लाने लगे थे और डरने लगे थे और इनका डर तब और तरफ गया जब स्पिरिचुयल शिप को चारों तरफ से चुड़ैल दूसतीनी और उष्कीी बहनों ने घर लिया
 
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मटरू ये सब देख चिल्लाने लगा – आयूओ अम्मा आयूओ आपा आयूओ रों आना बचाओ चुड़ालों ने हमला कर दिया , ये सब चिल्लाते हुए मटरू रों के केबिन के तरफ भागने लगा और वहाँ पहुँच के रों के केबिन का दरवाजे को ज़ोर ज़ोर से पीटने लगा

और जब रों के केबिन से कोई आवाज़ नहीं आया तो मटरू और डर गया और केबिन के दरवाजे को तोड़के अंदर घुस गया और जब वो अंदर दाखिल हुआ तो अंदर का नज़ारा देख मटरू के लूँगी ऊंची हो गयी अंदर का नज़ारा ही शा था , केबिन के अंदर रों एक कमसिन लड़की के साथ खतिए के ऊपर कबाड़ी खेल रहा था और ये नज़ारा देख मटरू की आँखें खतिए के ऊपर ही टिक्क गयी वो ये भी भूलगया की वो यहाँ रों के केबिन में क्यों आया है और जब रों की नज़र मटरू पे पड़ी तो उसने

रों – आबे ओये साले एमेम तू यहाँ ईश्वक़्त क्या कार रहा है दिखाई नहीं देता क्या एक इंपॉर्टेंट मॅच खेल रहा हूँ (रों मटरू को हमेशा एमेम ही बुलाता था इसके पीछे भी एक कहानी थी )

मटरू – (होश में आ हुए) आयूओ रों आना वो सब चोदा ये मॅच तो आप कभी भी खेल सकते हो और जीिट भी सकते हो लेकिन पहले आप जहाज़ के ऊपर उड़ने वाली प्लेयर’से से मॅच खेलों जी वरना हम सबका लेने का देना पड़ जाएगा

रों – आबे क्या मतलब तेरा जो भी कहना है साफ साफ बोल मेरे पास वक्त की बहुत कमी है मॅच के आखिरी मोमेंट में पहुँचा ही था की तूने अकके सब गुड गोब्बर कर दिया एमेम के बचे

मटरू – आईयू रों आना हमारे जहाज़ के ऊपर चुड़ालों ने हमला कर दिया है अब आप को ही कुछ करना होगा और हम सबको बचना होगा

चुड़ैल का नाम सुनते ही वो लड़की जो रों के साथ खतिए के ऊपर कबादीई खेल रही थी वो डार्क मारे चिल्लाने लगती है

रों – जानेमन क्या हुआ क्यों चिल्ला रही हो में हूँ ना डरने का नहीं समझी क्या और साले तू एमेम ये क्या बकवास्स्स कार रहा है चुड़ैल हमारे जहाज़ के ऊपर क्यों हमला करेंगी

मटरू – वो सब मुझे नहीं पत्ता वो आप अकके ही देख लो

रों – ठीक है फिर चल छलके देखते हैं

और फिर रों अपने कपड़े पहनता है और कमरे के बाहर जाने लगता है लेकिन जाते जाते रुक्क जाता है और उसे रुकते हुए देख मटरू भी रुक्क जाता है रों पीछे पलट था है और अपने डेस्क के ऊपर रखी हुई शराब की आधी बोतल को एक ही साँस में खाली करदेता है और फिर अपने खतिए के नीचे से एक बकषे को निकलता है और उसे खोलने लगता है

उस बकषे के खुलते ही रों के सामने उसकी आग उगलने वाली बधुक आ जाती है और रों उस बंधुक को बकषे से बाहर निकल लेता है और उसमें बारूद भरने लगता है और बंधुक को बारूद से भरने के बाद उठ खड़ा होता है अपनी जगह से

रों – जानेमन फिक्र नहीं करने का में गया और आया तुम कुछ देर के लिए आराम करो लौट के आने के बाद हम अपना बीच में रुक्क गये कबादीई के मॅच को पूरा करेंगे समझी

लड़की – ठीक है जानूं जल्दी वापस आना हाँ

रों – ओये एमेम चल जल्दी से दिखा मुझे कहाँ हैं तेरी वो चुड़ैल

और फिर मटरू रों को लेकर जहाज़ के देख के ऊपर चला आता है और जब रों बाहर आता है तो देखता है की सच में जहाज़ के ऊपर कुछ चुड़ैल मंडरा रहे हैं , कुछ देर तक रों उन्न चुड़ालों को देखता रहता है कुछ याद करता रहता है और फिर उसे कुछ याद आ जाता है

रों – (चिल्लाते हुए) ओये दूसतीनी तू यहाँ क्या कार रही है अपने बहनों के साथ कहीं तुझे और तेरी बहनों को पुरानी बातें तो याद नहीं आ गाई

दूसतीनी – रों तो ये तेरा जहाज़ है

रों – हाँ जानेमन ये मेरा ही जहाज़ है और लगता है तुम सब चुड़ैल बहने मेरे लिए ही यहाँ आई हो पर मुझे माफ करना अब तुम सबमें वो बात नहीं रही जो 400 साल पहले हुआ करता था

दूसतीनी – हम यहाँ तुम्हारे लिए नहीं किसी और के लिए आए हैं

रों – चल झूठी 400 साल की हो गयी हो और झूठ बोलने से शर्म नहीं आती साफ साफ बोलना की मेरा पेंट के नीचे का हथियार याद आ गया तुम सबको

दूसतीनी – देख रों हम यहाँ तेरा बकवस्स सुन ने नहीं आए हैं

रों – अच्छा तो किस लिए यहाँ आई हो अरे अरे कहीं तुम सबको मेरे असिस्टेंट मटरू थे एमेम में तो इंटेरेस्ट नहीं है अगर ऐशी बात है तो लेजाओ मटरू को वैसे भी आज कल इसका लूँगी बहुत ऊपर नीचे हो रहा है
मटरू – आयूओ अम्मा आयूओ आपा आयूओ रों आना नहीं मेरे को उस चुड़ैल के साथ नहीं जाना

रों – क्यों नहीं जाना भी पता है तुझे ये सब बकीके के सभी चुड़ालों से ज्यादा सुंदर हैं और तो और दूसतीनी जानेमन तो हर साल मिस चुड़ैल का खिताब जीत थी है

मटरू – आयूओ रों आना मेरे को नहीं जाना इनके साथ

दूसतीनी – बंद करो तुम दोनों अपनी अपनी बकवास्स्स हम सब यहाँ तुम्हारी बकवास्स्स सुन ने के लिए नहीं आए हैं


रों – अच्छा तो किस लिए आए हो जानेमन

दूसतीनी – तुम्हारे जहाज़ के अंदर हमारे शिकार हैं उन्हें हमें लौटा दो

रों – मेरी प्यारी चुड़ैल रानी ये मेरा जहाज़ है कोई बाज़ार या मंदी नहीं जो में तुम्हारे शिकार को अपने जहाज़ में छिपता फिरून

दूसतीनी – देख रों में ईश्वक़्त बहुत गुस्से में हूँ इसलिए मुझसे झूठ मत बोल हमने देखा है उन्न दोनों को तुम्हारे जहाज़ के अंदर घुसते हुए और में ये भी जानती हूँ की तुमने ही उन्न दोनों को चुपके रखा होगा चुप चाप उन्न दोनों को हमारे हवाले करदे वरना तेरे साथ साथ तेरे इसे जहाज़ को तबाह कार देंगे निस्टोनबूत कार देंगे

रों – अच्छा शा है क्या चल ठीक है कार कोशिश में भी तो देखूं की तुझमें अभी भी वो दम है या इन 400 सालों में तेरी ताक़तें तेरी तरह खोखलीी हो गयी हैं

दूसतीनी – ठीक है रों अगर तेरी यही इच्छा है तो यही सही
मटरू – आयूओ रों आना ये आप क्या बोल रहे हैं अगर उन्न चुड़ालों ने हमला कर दिया तो सब कुछ खत्म होजएगा

रों – आब्बी एमेम के बचे तू भूल गया क्या की हमारे जहाज़ के पास सुरक्षा कबच है

मटरू – आयूओ आना में तो ये बात भूल ही गया था

रों – अब याद आ गया है ना अब जा और सुरक्षा कबच का स्तनों दबा दियो समझा और हाँ सबको लेकर जहाज़ के नीचे भेज दे तकिी किसको चोट ना लगे इसे लधाई में अब जा मेरी शकल क्या देख रहा है

मटरू – ठीक है आना अभी जाता हूँ

और फिर मटरू जहाज़ के ऊपर से सभी लोगों को लेकर जहाज़ के नीचे चला जाता है और फिर रों के केबिन के तरफ चल देता है उस सुरक्षा कबच वाले स्तनों को दबाने के लिए और इधर

दूसतीनी – रों अभी भी वक्त है मान ले मेरी बात को और उन्न दोनों को हमारे हवाले करदे

रों – दूसतीनी डार्लिंग तुम अच्छी तरह से जानती हो की अगर में एक बात पे एड जाऊं तो फिर में कभी पीछे नहीं हॅट था

दूसतीनी – तो ठीक है रों अब जो होगा उसके ज़िमेदार तुम ही होगे

रों – बेशक माय डियर , अपने मान में (ये साला एमेम का बच्चा अभी तक उस स्तनों को दबाया क्यों नहीं)

इधर रों मटरू के बारे में सोच ही रहा था की तभी दूसतीनी अपनी हाथ में पकड़ी हुई छोटी से जादुई चड्डी को ऊपर उठती है और देखते ही देखते उसमें बहुत सारे ऊर्जा या ये कहें की रोशनी इकट्ठी होजती है और फिर दूसतीनी उन्न उर्जाओं को रों के ऊपर फेंक के वार करती है और रों ये देख उस जगह जहाँ पे वो खड़ा था वहाँ से कुदड जाता है दूसतीनी का वो वार बहुत ही खतरनाक था रों तो बच जाता है लेकिन उस जगह की धज़ियाँ उड़ जाती हैं और ये देख रों के आँखों में खून उतार आता है

रों अगर इसे दुनिया में किसी से सबसे ज्यादा प्यार करता था तो वो था उसका जहाज़ और अपने जहाज़ के ऊपर इतना खतरनाक वार देख रों का गुस्स्सा अपने अप्पे से बाहर हो जाता है

रों अपने बंधुक को ऊपर उठा था है और दूसतीनी की तरफ अपने बंदूख का मुंह करके अपने बंदूख का ट्रिग्गर दबा देता है इसे से रों के बंदूख से एक आग का बवंडर सा निकलता है इसे घने अंधेरे रात में भी इसे आग के गोले के कारण कुछ पल के लिए उजाला सा हो जाता है

जब दूसतीनी उस आग के गोले को अपनी तरफ आती हुई देखती है तो वो फौरन वहाँ से हॅट जाती है दूसतीनी तो उस रों के बंदूख से निकले हुए आग के बवंडर से बच जाती है लेकिन उसकी छोटी बहन मिस्तीनी बच नहीं पति वो आग का गोला सीधे जाकर मिस्तीनी को लगती है और फिर मिस्तीनी के मुंह से एक दर्दनाक चीख निकल पड़ती है अहह और फिर देखते ही देखते मिस्तीनी कुछ ही पल में जल के रख होजती है

और ये नज़ारा देख दूसतीनी और उसकी बकीके बची हुई बहने बहुत गुस्से में आ जाती हैं

दूसतीनी – रों अब तुझे हमारे हाथों से कोई भी नहीं बच्चा सकता है , ये बोलकर दूसतीनी और उसकी सारी बहने अपनी अपनी जादुई चड्डी को उथलेटी हैं और एक साथ ऊर्जा के किरणों से हमला करती हैं लेकिन तब तक मटरू जाकर रों के केबिन में पहुँच चुका था और उस सुरक्षा कबच के स्तनों को भी दबा चुका था
 
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मटरू के द्वारा सुरक्षा कबच के स्तनों को दबाए जाने से जहाज़ में एक जादुई सुरक्षा कबच आक्टीवेट होचुकी थी और इसे कबच के आक्टीवेट होने के कारण दूसतीनी और उसकी बहनों के वार बेकार जाते हैं और ये देख दूसतीनी और उसकी बहनों को और भी ज्यादा गुस्सा आता है और वो सब तो जैसे जहाज़ पे टूट ही पड़ते हैं और जहाज़ पे वार पे वार करते जाते हैं ऊर्जा के किरणों से लेकिन सुरक्षा कबच के आक्टीवेट होने के कारण उन्न सबके वार खाली जाते हैं और यहाँ जहाज़ के अंदर खड़ा रों अब उन्न सबपे ज़ोर ज़ोर से हंसे जा रहा था और रों की ये हँसी उन्न सब बहनों के जखम के ऊपर नमक का काम कार रहा था

रों – दूसतीनी तुझमें और तेरी बहनों में वो बात नहीं रही जो पहले हुआ करती थी तेरी और तेरी बहनों की जवानी के साथ साथ सारी ताक़तें भी खत्म होचुकी हैं अब तुम सब जाओ यहाँ से वरना अगर मेरा खिसक गया तो में तुम में से किसको भी नहीं चोदूंगा

दूसतीनी – रों में यहाँ से तब तक नहीं जाऊंगी जब तक में अपनी छोटी बहन की मौत का बदला तुम से नहीं ले लेती , ये बोलकर दूसतीनी फिर से रों के जहाज़ के ऊपर हमला करने लगती है

रों – अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो यही सही पर इसके बदले में भी हमला करूँगा और मेरा वार खाली नहीं जाएगा तुम सबकी तरह

ये बोलकर रों फिरसे अपनी बंदूख उथलेटा है और दूसतीनी की तरफ निशाना करके बंदूख का ट्रिग्गर दबा देता है और इसे से फिर से आग का बवंडर निकलता है रों के बंदूख से और फिर से कुछ पल के लिए उजाला हो जाता है इसे अंदरी घने रात में

इसे वार दूसतीनी तो बच जाती है और उसके साथ साथ उष्कीी बहने भी रों का ये वार खाली जाता है और फिर दूसतीनी और उष्कीी बहने ज़ोर ज़ोर से हस्सने लगती हैं और ये देख रों फिर से अपनी बंदूख का ट्रिग्गर दबा देता है और इसे वार लगातार तीन वार ट्रिग्गर दबाता है जिस से बंदूख से तीन आग के गोले निकलते हैं और दूसतीनी और उसकी बहनों के तरफ चल देती है

दो वार तो खाली जाती है लेकिन एक गोली दूसतीनी की एक और बहन को लग जाती है जिस से वो भी एक दर्दनाक मौत मारती है और ये देख दूसतीनी अपने अप्पे से बाहर होने लगती है की तभी उसकी बकीके बहने उसे रोकती हैं और कहती हैं

रुसतीनी – बहन दूसतीनी रूकको अभी अगर हम अपने अप्पे से बाहर हुए तो हम सब भी मारे जाएँगे हमारी दोनों बहनों की तरह रों के जहाज़ के ऊपर जरूर कोई जादुई कबच है जो उसे और उसकी जहाज़ को हमारे हमले से महफूज रख रहा है इसलिए अभी हमला करना बेकार होगा इसलिए अभी चलो यहाँ से हम बाद में इन सब से निपट लेंगे मौका देख के

दूसतीनी – शायद तुम सब ठीक कह रही हो हम इसे रों से बाद में कभी निपट लेंगे और उस सुनहेरी को भी बाद में हासिल कार ही लेंगे

दूसतीनी – रों हम अभी तो यहाँ से जा रहे हैं लेकिन बहुत जल्द लौटेंगे और उस वार ना तो तू हमसे बच पाएगा और ना ही वो दोनों जिन्हें तू हमसे बच्चा रहा है

रों – हाँ ठीक है ठीक है चल निकल यहाँ से और जब भी मान करे चले आना में हमेशा तैयार मिलूँगा तुमसे टकराने के लिए

और फिर दूसतीनी अपने बहनों के साथ वहाँ से चली जाती है और रों जहाज़ पे खड़ा उन्न सबको जाते हुए देखता रहता है उन्न सबके जाने के बाद मटरू भी आ जाता है रों के पास हाथ में एक डंडा लिए

मटरू – आयूओ आना कहाँ गये वो चुड़ैल आज नहीं चोदूंगा में उन्हें में बहुत गुस्से में हूँ इसी डंडे से मर मर के उनके पिछड़ा लाल कार्दूंगा

रों – वो क्या है ना एमेम उन्न सबको पत्ता चल गया था की बहुत गुस्से में हाथ में डंडा लिए आ रही है इसलिए वो सब डार्क भाग गयी

मटरू – अच्छा शा क्या हाहहाहा हाहहाहा

फिर रों और मटरू दोनों जहाज़ के उस हिस्से का मुआीना करते हैं जहाँ पे दूसतीनी ने वार किया वो हिस्सा सच में बर्बाद होचुका था

मटरू – आयूओ आना ये हिस्स्साअ तो बेकार हो गया

रों – सब साले तेरी वजह से

मटरू – मेरे वजह से कैसे आना


रों – आब्बी साले तूने जो लेट किया कबच को आक्टीवेट करने के लिए उस वजह से , अब सुन सुबह एक अच्छी जगह देख के जहाज़ को नीचे उतरना है तकिी जहाज़ को हम मारमात कार सकें समझा

मटरू – वो तो ठीक है आना लेकिन इन चुड़ालों ने हुंपे हमला क्यों किया था समझ में नहीं आया

रों – उनका कहना था की कोई हमारे जहाज़ में है जिसे वो सब ढूंढ. रहे हैं

मटरू – आना एक बात मेरे को याद आ रही है की उन्न चुड़ालों के यहाँ आने से कुछ देर पहले जहाज़ में एक जोरदार धमाका हुआ था उसके करीबन 5 मिनट बाद ही वो सब चुड़ैल यहाँ आए थे

रों – आबे लगता है उशिवक़्त हमारे जहाज़ में कोई अंदर घुसा है
ईश्वक़्त रुद्रा और सुनहेरी दोनों रों के सामने खड़े थे , चुड़ालों के जाने के बाद जब रों को शक हुआ की जहाज़ में शायद कोई चुपके से घुसा है तब उसने मटरू को कहा की जल्दी से उन्हें ढूंढ. निकालो लेकिन इसे से पहले की मटरू अपनी जगह से हिलता सुनहेरी और रुद्रा दोनों पीछे से गोडोवन् से निकलते हैं और

रुद्रा – उसकी जरूरत नहीं है

रों – (रुद्रा और सुनहेरी को देखते हुए खास कार सुनहेरी को) कौन हो तुम दोनों और मेरे जहाज़ में कैसे आए

रुद्रा – हम दोनों आप के जहाज़ से टकरा गये थे रास्ते में

रों – क्य्ाआआअ ?

फिर रुद्रा रों को सारी बातें एक एक करके बता देता है अपने बारे में और सुनहेरी के बारे में

रों – तो ये बात है तो सुनहेरी एक सितारा है और तुम इसे दुनिया से नहीं हो तुम इंसानी दुनिया से हो

रुद्रा – हाँ यही सच है और हम दोनों आप के सुक्रगुजार हैं की आप ने हमारी मदद किया और बहुत शर्मिंदा भी हैं की हमारे वजह से आप की जहाज़ की ये हालत हो गयी है

रों – वो सब चोदा यार जहाज़ का क्या वो हम फिर से मारमात करदेंगे लेकिन तुम दोनों का आगे का प्लान क्या है

सुनहेरी – हमने उस बारे में कुछ सोचा नहीं है

रुद्रा – सोचना क्या यार हम अपनी मंजिल के तरफ बढ़ते रहेंगे और आप प्लज़्ज़्ज़ हमें किसी महफूज़ जगह पे उतार दीजिए

रों – नहीं यार ये वक्त सही नहीं है , में दूसतीनी और उसकी बहनों को बहुत अच्छे से जनता हूँ वो सब जरूर यहीं कहीं आस पास होंगी और इंतजार कार रही होंगी सही मौके का

सुनहेरी – हाँ रुद्रा मुझे इनकी बात सही लग रही है हमें कुछ दिन यहीं रुक्क जाना चाहिए

रुद्रा – शायद तुम ठीक कह रही हो सुनहेरी हमें कुछ दिन इनके साथ रुक्क जाना चाहिए

रों – सही फैसला किया है दोस्त और इसे बीच में तुम्हें उन्न चुड़ालों से लड़ने के तरीके भी सीखा दूँगा जिस से तुम उनसे आगे मुकाबला कार सको

रुद्रा – अगर शा हो सका तो में आप का अभारी रहूँगा

रों – देख भाई एक बात बता देना चाहूँगा अगर यहाँ रहना है और मुझसे ट्रेन होना है तो ये सुक्रगुजार अभारी जैसे भारी भारी डायलॉग कहना बंद करना होगा समझे और हाँ में तुम्हारी मदद इसलिए कार रहा हूँ क्योंकि मुझे इंसान और इंसानी दुनिया बहुत पसंद है इसलिए

रुद्रा – क्या आप को इंसानी दुनिया पसंद है , क्या आप कभी इंसानी दुनिया में गये हैं

मटरू – आयूओ गये हैं रों आना बहुत बार इंसानी दुनिया में गये हैं और तो और में तो इंसानी दुनिया से ही हूँ

रुद्रा – क्या सच में

मटरू – आयूओ हाँ 100% ट्रू जी

रों – हाँ यार ये बात सच है में अपनी जिंदगी के बहुत सारे साल इंसानी दुनिया में गुजर चुका हूँ वो सब किससे बाद में कभी बताऊंगा ओईए एमेम जा इन दोनों का ठहेरने का बंदोबस्त कार और हाँ रुद्रा को बहुत चोटें लगी हैं उसके घाव के ऊपर दबाई लगा देना
 
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मटरू – ठीक है आना

सुनहेरी & रुद्रा – तांख्षकशकशकशकशकशकशकशकशकश रों

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अगली सुबह – कुंवर विक्रांत ईश्वक़्त विचस माउंटन के इलाके में एक जले हुए मकान के सामने खड़ा था शायद ये जल्ला हुआ मक्कन कोई सरया रहा हो , इसे सराय के पास कुंवर विक्रांत को उसके छोटे भाई कुंवर यश की घोड़ा गाड़ी (बाघीई) दिखी थी और इसी वजह से वो यहाँ पे रुक्क गया था और उसने अपने सिपाहियों को कहा था उस सराय के अंदर जाकर उसका मुआीना करने की

कुंवर विक्रांत उस सराय के बाहर खड़ा यही सोच रहा था की उसके छोटे भाई की बाघीई यहाँ है इसका मतलब उसका भाई भी यहीं कहीं होगा कुंवर विक्रांत यही सब सोच था की तभी उसके सिपाही उसके सामने उसके छोटे भाई की आधी जाली हुई लाश को लेकर आ हैं , और अपनी छोटे भाई की लाश को देख कुंवर विक्रांत हिल जाता है वो लड़खदाता हुआ अपने छोटे भाई के लाश के पास बैठ जाता है और उसके आँखों से आस्यू बहने लगते हैं

कुंवर विक्रांत – ये मेरे भाई के साथ कैसे हुआ

सिपाही – हमें नहीं पता कुंवर जब हम अंदर गये तो हमें कुंवर यश की लाश इसे घर के अंदर मिल्ली

उसके बाद कुंवर विक्रांत वहाँ से उठता है और जाकर अपने घोड़े से कुछ समान उतरता है और फिर उन्न समान से वो उस जादूगर के झोली को निकल लेता है जिस जादूगर को उसने मारा था , उसके बाद उस झोली में से कुंवर विक्रांत एक कागज का पूडिया निकलता है और उसे खोलता है और जब वो पूडिया खुलता है तो उसके सामने कुछ काले काले भस्म(ब्लैक पाउडर) आ हैं

कुंवर विक्रांत उस भस्म को उस जले हुए मकान के ऊपर चिड़क देता है और देखते ही देखते वो जला हुआ मकान चारों तरफ से काले धुओं(ब्लैक गस्स) से भर जाता है और वहाँ चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा छा जाता है और फिर जो होता है वो वकेइ चमत्कार था वो जला हुआ मक्कन फिर से अपने पुराने वाले रूप में आ जाता है जैसे वो जलने से पहले था

और फिर कुंवर विक्रांत और उसके सिपाही वहीं उस घर के पास खड़े होकर देखने लगते हैं इसे काले भस्म के वजह से वो सब दिखाई देने लगता है जो उसने पिछली रात को यहाँ पे हुआ था वो सब हाधसे एक एक करके उनके नजरों के सामने से गुजरने लगते हैं की कैसे सुनहेरी यहाँ इसे मकान में पहुँची थी और फिर कैसे सुनहेरी को दूसतीनी ने अंदर ले लिया और उसकी सेवा किया और कैसे यहाँ पे कुंवर यश और रुद्रा अकके पहुँचे और कैसे रुद्रा का सामना इसे सचाई से हुआ की ये सभी बहने चुड़ैल हैं और कैसे दूसतीनी ने कुंवर यश को बड़ी ही बेरेहमी से मर डाला और कैसे रुद्रा और सुनहेरी बारे मुश्किल से अपने आप को बचाने में कामयाब हुए

ये सारी बातें एक एक करके कुंवर विक्रांत के सामने से गुजर गयी और फिर एक विस्पोट हुआ और वो काला धुआँ उस मकान से धीरे धीरे हटने लगा और फिर वो मकान फिरसे पहले जैसा हो गया यनेकिी जला हुआ और वो काला धुआँ फिर से भस्म बन के उसी कागज में आ गया और वो कागज अपने आप फिरसे पूडिया बनकर बंद हो गया

अब कुंवर विक्रांत को पत्ता चल चुका था की उसके भाई के साथ क्या हुआ है इसलिए वो अब बहुत गुस्से में था और उसका रोम रोम गुस्से में भरा हुआ था

कुंवर विक्रांत – भले ही आज हम दोनों भाई एक दूसरे से सिंघासन के लिए लध रहे थे लेकिन हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और उस चुड़ैल के वजह से आज मेरा प्यारा भाई मुझसे छीन गया अब में उस चुड़ैल को जब तक मर नहीं डालता में कसम खाता हूँ में राजा नहीं बनूंगा

सिपाही – कुंवर अब हमें क्या करना है

कुंवर विक्रांत – तुम में से आधे मेरे भाई के लाश को लेकर गंडर के लिए निकलो जहाँ पे मेरे भाई को पूरे राजकिए सनमान के साथ बिदा किया जाएगा और आधे मेरे साथ चलेंगे हम उस लड़की को ढुंदेगे जीशके पास वो रत्ना हार है और उस लड़की के पीछे चुड़ैल भी है क्योंकि वो एक सितारा है और उसे मारकर उसके दिल को खाके वो चुड़ैल अमर होना चाहती है

अगर एक बार लड़की हमारे हाथ में आ गाई तो फिर वो चुड़ैल भी सामने अजाएगी और फिर में उस चुड़ैल से अपने भाई के मौत का बदला लूँगा उस चुड़ैल और उसकी बहनों को दर्दनाक मौत देकर

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और इधर डेत वाली में इसे वक्त एक अलग ही माहौल था पूरा डेत वाली इसे वक्त भूकंप से हिल रहा था ड्रागेंस की दहाड़ और दानओं की चिल्लाने से


अग्नि के पॅलेस को चारों तरफ से घेरे खड़े थे सारे दानव सारे वेमपाइर’से और सारे ड्रागेंस आश्मन में उड़ रहे थे एक जंग का माहौल सा था डेत वाली में सभी तैयार खड़े थे और अग्नि के आने का इंतजार कार रहे थे

की तभी अग्नि अपने पॅलेस के बालकनी में आता है और अपने हाथ को उठाकर सबको चुप रहने को कहता है और फिर सब चुप भी होजते हैं अग्नि के पीछे उसके माता पिता खड़े थे फिर अग्नि चिल्लाते हुए बोलना शुरू करता है

अग्नि – मेरे साथियों अब वक्त आ गया है जब डेत वाली का पटका(फ्लॅग) फिरसे पूरे मायवी दुनिया के ऊपर लहराएगा बकीके सभी स्टेट’से ने हमारे लोगों के ऊपर जो पिछले 400 सालों से जुल्म किया है उसका बदला लेने का वक्त आ गया है

वक्त आ गया है हम उन्न सबको दिखड़े की हम कितने खतरनाक और बेरहम हैं और हमसे टकराने का अंजाम क्या होता है पिछली वार भले ही उन्न सबने मिलकर सम्राट को हराया और मर्डिया हो लेकिन इसे वार शा कुछ भी नहीं होगा क्योंकि इसे वार उनके सामने अग्नि खड़ा अग्नि

और अग्नि खुद आग है आग और उसके साथ जो भी टकराएगा वो जल के रख होज़ायगा रख , में आज से और अभी से मायवी दुनिया के सभी स्टेट’से के खिलाफ जंग का एलन करता हूँ तो में क्या समझु आप सब मेरे साथ हैं या नहीं

अग्नि के इतने बोलने के बाद चारों और से एक ही आवाज़ सुनाई देती है हम सब आप के साथ हैं मलिक मरते दम टककक , और फिर अग्नि छिलता है यलागर हूऊऊऊऊऊऊऊओ और फिर तो जैसे पूरी धरती ही कांप उठती है दानओं , वेंपाइर्स और ड्रागेंस की दहाड़ से

अब अग्नि की शैतानी फौज पूरी तरह से तैयार थी मायवी दुनिया के ऊपर कहर धने के लिए सब कुछ तबाह और निस्तो नबूत करने के लिए फिर अग्नि की ड्रागें सिल्वा उड़ती हुई आती है और अग्नि के पॅलेस के बालकोने से लगज़ाती है और अग्नि कूदके सिल्वा के पीठ के ऊपर बैठ जाता है और सिल्वा के ऊपर बैठने के बाद अग्नि कहता है

अग्नि – आगे बढ़ो मेरे साथियों , और सिल्वा अपने बारे बारे पंख ऊपर नीचे करने लगती है और आश्मन में उड़ने लगती है और उसके पीछे पीछे सभी ड्रागेंस भी उड़ने लगते हैं और नीचे ज़मीन पे दानव और विम्पिरे’से तेजिसे चलने लगते हैं ईश्वक़्त दोपहर का वक्त था मायवी दुनिया में और एक छोटे से पहाड़ी के ऊपर स्पिरिचुयल शिप खड़ी थी उस के जो हिस्से दूसतीनी के हमले में तबाह हो गये थे ईश्वक़्त उस हिस्से की मारमात चालू थी और रों वहाँ खड़ा उसका मुआइना लेरहा था

दूसतीनी के हमले में जहाज़ पीछे का हिस्सा ज्यादातर तबाह होचुका था और फिर रों अपने जहाज़ पे काम करने वालों से पूछता है जो ईश्वक़्त ये मरम्मत का काम कार रहे थे

रों – आब्बी ये सब कब तक मारमात होज़ायगा

काम करने वाले – कॅप्टन कम से कम दो दिन तो लगेंगे ही इसे काम में

रों – ठीक है तुम लोग लगे रहो में जहाज़ के ऊपर जाता हूँ

काम करने वाले – ठीक है कॅप्टन

फिर रों जहाज़ के ऊपर चला जाता है जहाँ उसे मटरू मिलता है जो किसी काम में लगा हुआ था

रों – ओये एमेम क्या बात है क्या कार रहा है तू

मटरू – रों आना मैंने आप को कितनी बार कहा है मेरे को ना मटरू बुला लिया करो

रों – अरे यार में तो तुझे एमेम प्यार से बुलाता हूँ पगले समझा

मटरू – अच्छा ठीक है , वैसे ये हमारा जहाज़ कब तक मारमात हो जाएगा

रों – दो दिन लग जाएँगे यार

मटरू – दो दिन तब तक हम यहाँ करेंगे क्या

रों – वही करेंगे जो हम हमेशा करते हैं मौज मस्ती और क्या और साथ में उस रुद्रा का ट्रनिंग भी शुरू कार देंगे

मटरू – वैसे एक बात मेरी समझ में नहीं आ रही है
 
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रों – कौनी बात चल मुझे भी बता

मटरू – आप और किसकी बिना मतलब के मदद कॅरन ये मुझे समझ में नहीं आ रही है

मटरू के मुंह से ये बात सुनकर रों के चेहरे पे एक मुश्कं आ जाती है और इसे मुश्कं को देख मटरू फौरन कहता है

मटरू – आईयू आना मुझे पता था आप के दिमाग में कुछ चल रहा है मुझे भी बताइए ना की वो क्या बात है जिसकी वजह से आप इन दोनों की मदद कार रहे हैं

रों – तू इतना जान गया यही बहुत है एमेम

मटरू – आस कम ऑन आना मुझे भी प्लज़्ज़्ज़्ज़ बताइए ना

रों – जब वक्त आएगा तो में तुझे बता दूँगा ये बोलकर रों वहाँ से चला जाता है

जब रों पीछे मुदके जाने लगता है तो उसे जहाज़ के अंदर से रुद्रा निकलता दिखाई देता है और रुद्रा रों के तरफ ही आ रही था

रुद्रा – तो रों भाई जहाज़ के मारमात का काम कहाँ तक पहुँचा

रों – बस चल ही रहा है दो दिन लगेंगे काम पूरा होने में

रुद्रा – अच्छा पर तब तक हम यहाँ करेंगे क्या

रों – दिन में तुम्हारी ट्रनिंग और रात में हम सब मौज मस्ती करेंगे और आज ही से तुम्हारी ट्रनिंग शुरू होगी

रुद्रा – क्या सच में

रों – हाँ बिलकुल और ट्रनिंग की शुरूआत करेंगे मामूली हाथापाई से देखें तो सही तुम में आख़िर कितना दम है ये बोलकर रों मटरू को बुललेटा है

रों – ओये एमेम यहाँ आना , तो रुद्रा तुम्हारे और मटरू के बीच में मुकाबला होगा देखते हैं कौन जीिट था है

मटरू – आना ये आप क्या कह रहे हैं इसे लधाई से कहीं रुद्रा को चोट ना लग जाए

रुद्रा – वो तो लधाई के बाद ही पता चलेगा मटरू मेरे भाई

मटरू – तो ठीक है अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो यही सही

रों – तो दोनों रेडी होजाओ में 3 तक गिनूंगा काउंटिंग खत्म होते ही दोनों एक दूसरे से भिद्ड़ जाना , ठीक है

रुद्रा & मटरू – ठीक है

लधाई का नाम सुनते ही पूरे जहाज़ में एक हलचूल से मचजाति है जो जहाँ पे भी था वो सब भाग के जहाज़ के देख पे आ गाए थे यहाँ तक की जो लोग जहाज़ की मारमात कार रहे थे वो भी आ गाए थे और चारों और से घेरा बनकर खड़े हो चुके थे सभी , जहाज़ के ऊपर एक भीड़ से लग चुकी थी लधाई देखने के लिए सभी हल्ला मचा रहे थे हो हो हो हो सब के मुंह से यही एक शब्द निकल रही थी फिर रों उठ खड़ा होता है और एक खाली लकड़ी के शराब के बॅरल के ऊपर चढ़ जाता है और

रों – इसे जहाज़ पे मौजूद मेरे भाइयों और उनकी प्यारी बहनों में इसे जहाज़ का कॅप्टन आप का स्वागत करता हूँ यहाँ होनेवाले मटरू और रुद्रा के बीच के लधाई में जो जीतेगा उसे मायवी दुनिया का चॅंपियन का खिताब मिलेगा और जो हारेगा वो आज शाम के पार्टी में सबके सामने नाचके हमारा मनोरंजन करेगा , इतनाअ सुनते ही फिरसे सब हल्ला मचाने लगते हैं मारे खुशी के हो हो हो हो इसे ही

रों – बस बस अभी तक मेरी बात खत्म नहीं हुई है , मैंने तुम सबके लिए भी कुछ सोचा है और वो ये है की तुम सबके लिए भी एक कुछ मौका है इसे लधाई के जरिए कुछ पेशे कमाने का तो कौन लगाना चाहेगा इन दोनों के ऊपर सत्ता

इतना बोलते ही फिर से हल्ला मचने लगता है हाईईइ हूऊओ हुउऊुउउ इसे ही

रों – सुनो सुनो सुनो तो भाव ये है रुद्रा का 1 का 7 और मटरू का 1 का 10 तो कौन किसके ऊपर दाव लगाएगा शा मौका फिर ना आएगा

फिर रों सबके बीच में ही एक टेबल के ऊपर बैठ जाता है और फिर सभी एक एक करके दाव लगाने लगते हैं रों के पास एक छोटा सा लड़का खड़ा था जो सबके टिकट बना रहा था कौन किसके ऊपर दाव लगा रहा था , और ये सब देख रुद्रा भौचका खड़ा सबको देख रहा था

रुद्रा – मटरू भाई ये सब आख़िर है क्या

मटरू – रुद्रा जिस तरह तुम्हारे इंसानी दुनिया में लोग क्रिकेट का खेल देखने के लिए पागल हैं उसी तरह यहाँ हमारी दुनिया में हमारे जैसे लुटेरे इसी तरह का खेल देखने के लिए दीवाने हैं और तो और अगर उसके जरिए पेशे कमाया जा सके तो सोने पे सुहागा और वैसे भी रों आना इसे सुनहेरे मौके को अपने हाथ से कैसे जाने देते समझे , रुद्रा हाँ में अपना सर हिला देता है और उसके चेहरे पे एक हल्की से मुश्कं आ जाती है

जहाज़ पे काम करने वालों में से आधे दाव लगा चुके थे रुद्रा और मटरू पे बराबर की दाव लगी थी किसने 1000 का दाव लगाया था तो किसने 2000 का या फिर किसने 5000 का दाव और रों उस खाली बरेलल के ऊपर खड़ा होकर पेशों के तरफ देख रहा था और उसके चेहरे पे एक अलग ही चमक थी फिर

रों – तो अब लधाई शुरू करते हैं , फिर रों अपने हाथ में एक रूमाल पकड़ लेता है और अपने हाथ को ऊपर उठा देता है और काउंटिंग शुरू करता है 1 ,,,,, 2 ,,,,,,, 3

और 3 के काउंट के बाद रों के हाथ से रूमाल नीचे गिरता है और यहाँ रुद्रा और मटरू दोनों जो ईश्वत मुस्तैदी के साथ खड़े थे रूमाल के नीचे गिरते ही दोनों एक दूसरे के ऊपर झपटा मर देते हैं

दोनों एक दूसरे के ऊपर लात और घुसों की बरसात करदेटे हैं कभी रुद्रा मटरू को घुसा झड़ देता है तो कभी मटरू रुद्रा को कभी रुद्रा मटरू को एक लात मरता है तो कभी मटरू रुद्रा को फिर रुद्रा ने अचानक से घूमकर एक हाथ मटरू के ऊपर चोद दिया जीशके बाद मटरू नीचे गिरजता है और उसका नाक फट जाता है ये देख सभी हँसने लगते हैं

और रों उस बरेलल पे खड़ा दोनों को ही चेअर उप कार रहा था ये बोलते हुए कम ऑन मेरे पतों टूट पदो एक दूसरे के ऊपर कम ऑन एमेम मेरे शेयर भीड़ जा उठ और जाकर भीड़ जा उस से

अपने नाक फटने के वजह से और लोगों के द्वारा अपने ऊपर हंसे जाने के वजह से मटरू को गुस्सा आ जाता है और वो उठ खड़ा होता है और बेल की तरह अपने सर को झुका के सीधे जा टकराता है रुद्रा के पेट में और रुद्रा मटरू के इसे हमले से नीचे गिरर जाता है और मटरू इसे मौके का फायदा उठाकर जाकर बैठ जाता है रुद्रा के सीने के ऊपर और पूरी ताक़त लगाकर एक के बाद एक मुक्का झड़ने लग जाता है रुद्रा को


और मटरू को रुद्रा के ऊपर हावी होते हुए देख जो बाकी लोग दाव लगाने से बचे थे वो भी मटरू के ऊपर दाव लगाने लगते हैं सभी लोग तरफ चढ़ के मटरू के ऊपर दाव लगाने लगते हैं और इधर मटरू रुद्रा के सीने के ऊपर सवार होकर मुक्कों पे मुक्के जड़ता ही जा रहा था इसे से रुद्रा का भी नाक और होंठ फॅट चुके थे आँख भी थोड़े से सूझ गये थे और रों उस बरेलल पे खड़ा रुद्रा को चेअर उप कार रहा था कम ऑन मेरे शेयर कम ऑन उतजा और पतख दे मटरू को

इसी तरह मॅच चल रहा था मटरू रुद्रा के ऊपर हावी था रुद्रा अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कार रहा था की तभी मटरू और रों की नजरें एक पल के लिए मिली और रों ने मटरू को आँख मर दिया और उसके बाद मटरू ने भी रों को आँख मर्डिया

फिर मटरू ने अपने आप को थोड़ा ढीला चोद दिया तकिी रुद्रा अपने आप को छुड़ा सके और शा ही होता है रुद्रा पूरी ताक़त लगाकर मटरू को अपने ऊपर से धकेल देता है और मटरू नीचे गिरजता है और फिर रुद्रा खड़ा हो जाता है और मटरू के ऊपर लॅटन की बर्षट करदेता है कभी पेट पे तो कभी सीने में इसे से मटरू थोड़ा सा कमजोर पड़ने का नाटक करने लगा था

फिर रुद्रा मटरू के गर्दन को एक हाथ से पकड़ता है और दूसरे हाथ से मटरू के कमर को और फिर रुद्रा मटरू को ऊपर उठाकर पूरी ताक़त से नीचे पटक देता है फिर मटरू अपनी आँखें बंद करदेता है

और फिर सभी काउंटिंग स्टार्ट करने लगते हैं 1 ,,,, 2 ,,,, 3 ,,,, ,,,,,,, ,,,,9 ,,,, 10 और इशिके साथ इसे फाइट का विन्नर है रुद्रा फिर तो गजब हो जाता है जिन्होंने रुद्रा के ऊपर दाव लगाया था वो सब रुद्रा को अपने कंधे पे उठाकर नाचने कूदने लगते हैं और बाकी सब जिन्होंने मटरू के ऊपर दाव लगाया था वो सब मटरू को गलियाँ देने लगते हैं

लेकिन मटरू जानबूझ के कुछ देर तक युहीन लेता रहता है तकिी किसको शक ना हो और कुछ देर बाद मटरू लड़खड़के उठने की नाटक करने लगता है और रुद्रा जाकर मटरू को सहारा देकर उठाने लगता है

रुद्रा – अरे यार मटरू भाई सॉरी यार कहीं आप को ज्यादा लगी तो नहीं

मटरू – साले उठाकर पटक दिया नाक फोड़ा दिया मेरा अब पूछ रहा है कहीं ज्यादा लगी तो नहीं , आयूओ अम्मा आयूओ आपा मेरे सारी हड्डियाँ टूट गयी जी

रुद्रा – ई आम रेआली सॉरी मटरू भाई वेरी वेरी सॉरी

मटरू – चल कोई बात नहीं यार रुद्रा मैंने भी तो तुझे चोट पहुँचाई है चल चोद इन बातों को अब मुझे यहाँ बितड़े

फिर रुद्रा मटरू को रों के पास एक जगह पे बिता देता है और फिर रों को देखने लगता है पर रों ईश्वक़्त बिज़ी था उन्न लोगों को पेशे देने में जिन्होंने रुद्रा के ऊपर दाव लगाया था और उन्न सबको पेशे देने के बाद रों रुद्रा के तरफ मुड़ता है और जाकर उसके गले लग्के उसे बधाई देता है मॅच जीतने के लिए

रों और रुद्रा दोनों गले मिल रहे थे और रों रुद्रा को बधाई दे ही रहा था की तभी जहाज़ के नीचे से सुनहेरी आ जाती है

सुनहेरी – ये क्या यहाँ सोर हो रहा है में सो रही थी मेरी नींद खराब करदी तुम सबने , फिर सुनहेरी की नज़र जब रुद्रा और मटरू के ऊपर पड़ती है तो उसके मुंह से एक चीख निकल पड़ती है ये क्या हुआ तुम दोनों को

रों – कुछ नहीं हुआ वो क्या है ना आज से रुद्रा की ट्रनिंग शुरू हो गयी है और आज रुद्रा का मुकाबला मटरू से था और इसी मुकाबला में दोनों को कुछ चोटें लग गयी हैं बससस्स इतना ही

सुनहेरी – अच्छा तो ये बात है में तो खमखा डर गयी चलो अच्छा है रुद्रा की ट्रनिंग शुरू हो गयी

ये सब इसे ही बातें कार रहे थे की कुछ आवाजें अनीी शुरू होजती हैं और उसका आभास पहले रों को होता है , फिर रों वहाँ से भागके जाता है अपने केबिन के तरफ और रों को इसे तरह भागते हुए देख सब हैरान और परेशान होजते हैं रुद्रा तो रों को आवाज़ भी देता है की क्या हुआ पर रों नहीं रुकता

रों जल्दी से अपने केबिन में जाता है और अपने डेस्क के ड्रॉ से एक खास दूरबीन निकल के लेआटा है और फिरसे जहाज़ पे आकर उसी बरेलल पे खाड़ा हो जाता है दूरबीन निकल लेता है और ये देख रुद्रा पूछता है

रुद्रा – आख़िर बात क्या है रों भाई और ये आप के हाथ में ये कैसी अजीब से दूरबीन है

लेकिन रों इसे सवाल का जवाब बिलकुल नहीं देता और अपने जेब से एक नुकीला पठार निकल लेता है और दूरबीन में दलदेटा है और एक तरफ देखने लगता है , ये कोई आम दूरबीन नहीं थी बकीके दूरबीन की तरह ये एक खास किस्म की दूरबीन थी जिस से बहुत दूर दूर तक देखा जा सकता था

कुछ देर तक रों उस दूरबीन में देखता रहता है और फिर उसे कुछ दिखाई देने लगता है कुछ शा जिसे देख रों का दिमाग चकरा जाता है और फिर वो उस बरेलल के नीचे कुदड जाता है और चिल्लाता है

रों – ड्रागें’से अरहे हैं जो भी जहाज़ के नीचे हैं वो सब जल्दी से जल्दी जहाज़ के ऊपर आ जाओ जल्दी करो जल्दी करो वक्त बहुत कॅम है
 
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रुद्रा – रों भाई ये आप क्या कह रहे हैं

रों इसे बार भी रुद्रा के सवाल का कोई भी जवाब नहीं देता वो मटरू के साथ जहाज़ के एक कोने के तरफ भागता है और उन्न सबको जल्दी से जल्दी ऊपर खींचने लगता है जो नीचे जहाज़ की मरम्मत कर रहे थे और जब सब ऊपर आ गाए तो रों मटरू को कहता है

रों – मटरू जल्दी जा और मेरे केबिन में जाकर दोनों एमर्जेन्सी स्तनों दबा देना साफ़्ती मोड और इनवसिबले मोड दोनों के स्तनों दबा देना समझा अब जल्दी जा

फिर मटरू भागता हुआ जाता है और रों के केबिन के अंदर दो स्तनों दबा देता है एक का रंग लाल था तो दूसरे का काला और ये स्तनों को दबाने के बाद स्पिरिचुयल शिप का सुरक्षा कवच आक्टीवेट हो जाता है और साथ में स्पिरिचुयल शिप गायब भी हो जाता है , अब स्पिरिचुयल शिप को जहाज़ के बाहर मौजूद कोई भी स्क्स नहीं देख सकता था

फिर रों एक जगह पे खड़ा हो जाता है और रुद्रा और सुनहेरी अब भी समझ नहीं पा रहे थे की ये सब आख़िर हो क्या रहा है और वो दोनों भी अकके रों के पास खड़े होजते हैं और मटरू भी आ जाता है

रुद्रा & सुनहेरी – रों भाई आख़िर ये सब क्या हो रहा है बताइए ना

रों – बससस्स अपनी आँखें खुली रखो और सामने देखते रहो खुद बीए खुद समझ जाओगे

जहाज़ पे मौजूद सभी की आँखें सामने गॅड जाती है सभी के अंदर एक खौफ सा बैठा हुआ था वो सब सामने देख ही रहे थे की तभी अचानक से वहाँ के मौसम में बदलाव आने लगते हैं जहाँ कुछ देर पहले कड़कड़ाती हुई धूप खिली हुई थी वहाँ अब धीरे धीरे कोहरा चढ़ने लगता है सुरोज तो पूरी तरह से डूब ही जाता है ये सब देख वहाँ मौजूद सभी डरने लगे थे सीबे एक के और वो था रों

रों के चेहरे पे डर नहीं था लेकिन परेशानी जरूर थी वो परेशान होकर सामने देख ही रहा था की तभी उसके सामने वो चीज़ आ ही जाता है जीशके वजह से वो परेशान था

अग्नि की शतानी सीना आगे तरफ रही थी लाखों की तादाद में और उसके सीना में वेमपाइर’से ड्रागें’से और बारे बारे बिशल कई और ख़ौफनाकक दिखने वाले दानव भी थे वो सब जब आगे तरफ रहे थे तो धरती में तो जैसे भूकंप ही आ रही थी यहाँ तक की बारे बारे पहाड़ भी हिल रहे थे ड्रागें’से की दहाड़ के वजह से

और ये सब नज़ारा देख जहाज़ में मौजूद सभी के दिल जोरों से धड़कने लगे थे डर के मारे और सुनहेरी तो काँपने लगी थी और उसने रुद्रा के एक हाथ को जोरों से पकड़ रखा था

रों गौर से उन्न सभी शैतानो को देख रहा था जैसे उसे किसी और का इंतजार हो और उसका ये इंतजार पूरी होजती है जब वहाँ से अग्नि गुजरता है अपने ड्रागें सिल्वा पे सवार होकर , और जब रों की नज़र अग्नि के ऊपर पड़ती है तो उसके मुहनसे निकल जाती है

रों – अग्नीिीईईईईईईई ,,,, इतना जब रों ने कहा तो जहाज़ में मौजूद सभी रों को ही घूरने लगते हैं

अग्नि सिल्वा के ऊपर सवार होकर आगे तरफ रहा था की अचानक से रुक्क जाता है और एक पहाड़ के तरफ देखने लगता है कुछ देर तक देखने के बाद सिल्वा को पहाड़ के और नज़दीक जाने को कहता है और नज़दीक जाकर अग्नि एक तरफ देखने लगता है जैसे उसे पता चल गया हो की यहाँ पे एक अड्रिस्या जहाज़ है

रों जब अग्नि को अपने इतने करीब देखता है तो उसके हाथ अपने आप अपने आग उगलने वाले बंधुक पे क़ास्स्स जाते है और वो भी अग्नि के तरफ ही देखने लगता है और इंतजार करने लगता है अग्नि के अगले कदम का

अग्नि कुछ देर तक देखता रहता है और फिर उसके चेहरे पर एक मुश्कूराहट आ जाती है और उसके मुंह से एक ही लाव्ज निकलती है रोन्ंनणणन् और फिर अग्नि मुस्कुराते हुए सिल्वा को आगे बढ़ने के इशारा करता है और सिल्वा अपने पंख को मोडके आगे तरफ जाती है

और अग्नि को वापस जाता देख रों राहत की सांस लेता है और तब तक अग्नि को देखता रहता है जब तक अग्नि उसके आँखों से ओझल नहीं हो जाता है और सभी भी चेन की सांस लेते हैं और मौसम भी धीरे धीरे खुलने लगता है और कुछ देर में फिरसे सुरोज की किर्ने जहाज़ पे पड़ने लगती हैं
अग्नि और उसकी शैतानी सीना अब स्पिरिचुयल शिप से बहुत दूर जा चुके थे अब वहाँ का मौसम फिरसे खुल चुका था सुरोज की किर्ने फिरसे जहाज़ पे गिरने लगी थी और वहाँ जहाज़ पे मौजूद सभी रों के ही तरफ देख रहे थे मानो पूछ रहे हो की ये सब आख़िर क्या चक्कर है

रुद्रा – रों भाई ये सब आख़िर क्या है और वो जो स्क्स था ड्रागें के ऊपर वो कौन था और उसने आप का नाम भी पुकारा था क्या आप उसे जानते हैं

रों – नहीं में उसे नहीं जनता हाँ में उसे पहेचआंता जरूर हूँ

सुनहेरी – तो कौन था वो रों

रों – सुनहेरी वो डेत वाली का सहजादा अग्नि था सारी काएनत उसे ईविल प्रिन्स के नाम से जानती है और वो इसे दुनिया का सबसे खतरनाक और बेरहम स्क्स है ये जो दूसतीनी तुम्हारे पीछे पड़ी थी ये इसे अग्नि के सामने कुछ भी नहीं है ये अग्नि इतना खतरनाक है की इसके नाम सुन ने से ही लोगों के दिल कांप उठ ते हैं

मटरू – पर रों आना मुझे जितना पता है उसके हिसाब से आप तो कभी भी अग्नि से मिले नहीं फिर आप को कैसे पता की वही अग्नि है

रों – मटरू आज के वक्त में अगर कोई ड्रागें को काबू कार सकता है और उसकी सवारी कार सकता है तो वो सिर्फ़ 3 ही लोग हैं

रुद्रा – और वो तीन कौन हैं रों भाई


रों – पहला तुम्हारे सामने खड़ा है यानि की में खुद और ये बात मटरू तुम जानते हो , दूसरा है अग्नि डेत वाली का प्रिन्स और टीशरा है गेब्रीयल जो कुछ दीनों पहले तक सभी ड्रागेंस का राजा हुआ करता था

सुनहेरी – रों ये गेब्रीयल कौन है और क्या मतलब की वो राजा हुआ करता था

रों – गेब्रीयल हुन्न्ञणणन् गेब्रीयल रिश्ते में मेरा बड़ा भाई है लेकिन वो भी कोई कम नहीं है अग्नि के मुकाबले उसने तो ताक़त के लालच में हमारे माता पिता को भी मर दिया और कुछ दिन पहले ही मुझे पता चला की अग्नि ने उसे जंग में हरा के उसके ड्रागें को मर दिया और बकीके ड्रागेंस को अपना गुलाम बना लिया अब वो सारे ड्रागेंस अग्नि के फौज के हिस्से हैं और जो तुम सबने वो फौज देखी वो थी अग्नि की डार्क फोर्स जिसका सामना करना यानि की मौत का सामना करना है

सुनहेरी – एक बात मेरी समझ में नहीं आई रों और वो ये है की तुमने तो इसे जहाज़ को अड्रिस्या कर दिया था फिर भी अग्नि को कैसे पता चल गया की हम यहाँ हैं और उसने हम पर हमला किया क्यों नहीं

रों – अग्नि से कुछ भी चुप नहीं सकता उसके पास न जाने कितनी तरह के सकतियाँ हैं और रही बात हमला करने की तो वो बिना किसी वजह किसी पर हमला नहीं करता

सुनहेरी – तो रों अग्नि ईश्वक़्त अपनी फौज डार्क फोर्स के साथ कहाँ जा रहा है

रों – ये मुझे नहीं पता लेकिन इतना पता है वो जहाँ भी जाएगा कयामत ढाएगा , इन सब बातों को चोदा और अब तुम सब अपने अपने काम में लग जाऊं

फिर सब एक एक करके अपने अपने काम में लग जाते हैं और रुद्रा सुनहेरी के साथ जहाज़ के नीचे अपने रूम की तरफ चल देता है अब सिर्फ़ दो ही स्क्स जहाज़ के देख पर रही जाते हैं एक था रों और दूसरा था मटरू

रों – क्या हुआ भी तू यहाँ क्यों खड़ा है अब जा यहाँ से

मटरू – (अपने दाँत दिखाते हुए) आयूओ रों आना इसे कैसे जी हमको हमारा हिस्सा तो पहले दो

रों – कौनसा हिस्सा भी , किस हिस्से की बात कर रहा है तू

मटरू – आयूओ आना मेरे साथ चालाकी नहीं चलेगी जी चुप चाप मेरा हिस्सा निकालो जी

रों – आब्बी पागल हो गया है क्या कौन सा हिस्सा माँग रहा है

मटरू – वही मॅच में जो अपने बैठ में कमाया उसमें से मेरा हिस्सा जी

रों – अच्छा साले तूने शा क्या कर दिया जो में तुझे अपने कमाई से हिस्सा दम

मटरू – अच्छा जी मेरे साथ होशियारी , आयूओ आप के कहने पर ही तो में हरा था

रों – साले झूठे मैंने शा कब कहा था भी

मटरू – आयूओ आना आप ने मेरे को आँख मारकर इशारा नहीं किया था क्या

रों – आबे वो , वो तो ुषवक़्त मेरे आँख में कचरा गिर गया था इसे लिए आँख अपने आप दाव गयी

मटरू – आयूओ आना कचरा आप के आँख में नहीं आप के नियत में हे जी

रों – देख एमेम के बचे मेरा दिमाग ज्यादा मत कहा नहीं तो फोड़ दूँगा समझा अब चुप चाप यहाँ से निकल ले

मटरू – अच्छा ठीक है आना में अभी जाता हूँ और सबको बताता हूँ की में ये मॅच जान बुझ के हरा आप के कहने पर और ये भी बता दूँगा की आप न जाने कितनी बार इसे ही धोके से सबके पेशे ऐंठ लेते हो बेटिंग में

रों – आब्बी रुक्क रुक्क कहाँ जा रहा है तू तो बुरा मान गया यार में तो मज़ाक कार रहा था तेरे साथ यार तू भी ना मेरे मज़ाक को समझ नहीं पता

मटरू – अच्छा शा क्या तो फिर ठीक है अब चलो निकालो मेरे पेशे

रों – आब्बी लेलेना भी में कहीं भगा थोड़े ही जा रहा हूँ , आज रात के जश्न के बाद लेलेना

मटरू – अच्छा ठीक है

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इधर अग्नि अपनी फौज डार्क फोर्स के साथ विचस माउंटन के इलाके में घुस चुका था और शाम भी हो चुकी थी इसलिए अग्नि ने यहीं पर अपनी फौज के साथ रात गुजरने का फैसला किया और एक अच्छी जगह देख के वो सब अपना पढ़ाव डाल लेते हैं

और इधर ये सब देख एक चुड़ैल जल्दी से अपनी जादुई चड्डी पे सवार होकर तेजिसे जुंगेल के अंदर घुस रही थी कुछ देर में वो चुड़ैल एक पहाड़ी के पास पहुँच जाती है और फिर उसी पहाड़ी के अंदर मौजूद एक घुफ़ा में घुशने लगती है लेकिन तभी दरवाजे पे खड़ी एक और चुड़ैल उसे रोक देती है

खबरी चुड़ैल – मुझे अभी ईश्वक़्त महा मैं से मिलना है मेरे पास एक बहुत कुछ खबर है

पहरेदार चुड़ैल – ठीक है तुम यहीं रूकको में अभी पूछके आती हूँ , फिर वो पहरेदार चुड़ैल अंदर चली जाती है और कुछ देर बाद आती है और उस खबरी चुड़ैल को अंदर जाने को कहती है और वो खबरी चुड़ैल अंदर चली जाती है

ये गुफा महा मैं की थी यानि की विचस माउंटन की रानी और सारी चुड़ालों की भी रानी की वो खबरी चुड़ैल अंदर दाखिल होजती है गुफा के अंदर चारों तरफ अंधेरा ही आधेरा फैला हुआ था और खबरी चुड़ैल उस अंधेरे में खड़ी चारों तरफ देख रही थी शायद वो महा मैं को ढूंढ. रही थी की तभी एक कड़कदार आवाज़ उसके कानों में पड़ती है और ये आवाज़ महा मैं की थी
 

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