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महा मैं – क्या ख़ास्स्स खबर लाई हो खबरी चुड़ैल
खबरी चुड़ैल – महा मैं मेरे सलाम को कबूल करिए , महा मैं में ये खबर लाई हूँ की हमारे इलाके में डार्क फोर्स अचूकी है और उन्होंने हमारे बाहरी इलाके में डेरा भी डाल लिया है मुझे शक है कहीं वो हम पर हमला ना करदे
महा मैं – नहीं खबरी चुड़ैल हमने शा नहीं लगता की डार्क फोर्स हम पर हमला करने आए हैं हमें लगता है वो इसे इलाके से होकर गुजर रहे होंगे इसे लिए रात को यहीं पर आराम करने के लिए रुक्क गये होंगे , अच्छा ये बताओ क्या उनके साथ उनका प्रिन्स है
खबरी चुड़ैल – हाँ महा मैं उनके साथ उनका प्रिन्स अग्नि भी है मैंने उसे देखा था ड्रागें के ऊपर सवार होकर वो आया था
महा मैं – अच्छा अब तुम जाओ यहाँ से , फिर वो खबरी चुड़ैल वहाँ से चली जाती है और खबरी चुड़ैल के जाने के बाद महा मैं किसी को आवाज़ देती हैं , अरे बेटी किधर है तू जल्दी से यहाँ आ बेटी तेरे लिए एक अच्छी खबर है तेरा अग्नि आ गया है
फिर उस अंधेरे में किसी की दौड़ने की आवाज़ सुनाई देती है और वो आवाज़ कुछ ही पल में आकर पहुँच जाती है महा मैं के पास और आ ही पूछती है
अंजनी शॅक्स – क्या कहा मैं आप ने मेरा अग्नि आ गया
महा मैं – हाँ बेटी तेरा अग्नि यहाँ अचुका है
अंजनी शॅक्स – मैं,,,,,मैं,,,,,मैं,,,,, में आज बहुत खुश हूँ मैं मेरा अग्नि आ गया मेरे पास वॉवववव में अभी जाती हूँ उस से मिलने के लिए
तभी उस गुफा के अंदर रोशनी फेल जाती है ये रोशनी मशाल से आ रही थी और मशाल ईश्वक़्त एक बुजुर्ग औरत के हाथ में थी और यही थी महा मैं फिर महा मैं चलती हुई आती है और उस अंजानी शॅक्स के चेहरे के ऊपर मशाल की रोशनी डालती है , और जब मशाल की रोशनी उस अंजनी शॅक्स के चेहरे पे पड़ती है तो पता चलता है ये अंजनी शॅक्स कोई और नहीं अग्नि का पहला प्यार यानि की जहान्ंनणणन् थी महा मैं – नहीं मेरी बची अभी सही वक्त नहीं है अग्नि के सामने तुम्हारा जाना इसे से बात बिगड़ सकती है
जहाँ – नहीं मैं शा कुछ भी नहीं होगा जो आप सोच रहे हैं , में जानती हूँ जब मेरा अग्नि मुझे जिंदा देखेगा तो वो खुशी के मारे पागल होज़ायगा और दौड़ के अकके मुझे गले लगा लेगा
महा मैं – मुझे तुम्हारे बातों पर पूरा यकीन है मेरी बची की तुम जैसा कह रही हो वैसा ही होगा लेकिन फिर भी में यही कहूँगी की ये सही वक्त नहीं होगा अग्नि के सामने जाने का , क्या तुम्हें मुझ पर यकीन नहीं है
जहाँ – ये आप क्या कह रहे हैं मैं आज आप ने ये बात केहदिया है लेकिन दुबारा मत कहना , मैं मुझे आप पर अपने आप से भी ज्यादा भरोसा है , आज अगर में यहाँ जिंदा खड़ी हूँ तो उसकी वजह आप हैं मैं
मुझे आज भी वो दिन अच्छे से याद है जब में शिमला कालेज के स्टडी टूर पे गयी हुई थी और मेरे साथ अग्नि भी था और मैंने उसे लवर’से पॉइंट पे प्रपोज़ किया था और उसने मुझे कहा था की वो सिर्फ़ मेरा दोस्त है मुझसे प्यार नहीं करता अग्नि के जवाब ने मुझे अंदर से पूरी तरह से तोड़ के रख दिया था
फिर में वहाँ से लौट आई थी लेकिन में उस वक्त पूरी तरह से टूट चुकी थी और मेरे अंदर जीने की इच्छा ही खत्म हो चुकी थी और इशिके चलते मैंने अपने जिंदगी को खत्म करने का फैसला किया और यही सब एक खत में लिख लिया और सुबह एक दोस्त के हाथों अग्नि के पास भिजवा दिया और में वहाँ से लवर’से पॉइंट के तरफ चल पड़ी
लेकिन मेरे पीछे पीछे अग्नि भी वहाँ आ पहुँचा था उसने मुझे खूड़खुशी करने से रोक लिया और उसने मुझे बताया की उसे ये एहसास होचुका है की वो मुझसे कितना प्यार करता है और वो मुझे कभी भी खोना नहीं चाहता और फिर उसने मुझे अपने प्यार का यकीन दिलाया
फिर तो में खुशी के मारे पागल हो गयी थी और भागके अग्नि के तरफ जाने लगी लेकिन जैसे ही में आगे बढ़ी मेरे पैर बर्फ में फिसल गये और में उस पहाड़ी के छोटी से नीचे खाई में गिरर गयी मुझे नीचे गिरते वक्त अगर कुछ सुनाई दिया था तो वो था अग्नि की दर्दनाक चीख
उस पहाड़ से नीचे गिरके में तो मर ही चुकी थी लेकिन आप ने मुझे बचाया और एक नयी जिंदगी दी मुझे एक यक्षिणी (चुड़ैल) बनकर और आप मुझे अपने साथ यहाँ पे लेअए और आप ने मुझे अपनी बेटी की तरह रखा , आप दुनिया के लिए जरूर महा मैं होंगी लेकिन मेरे लिए आप मेरी मैं मेरी मां हो आप और अपने मुझे कहा था की अग्नि एक दिन मायवी दुनिया में आएगा और डेत वाली का युवराज बनेगा और एक दिन यहाँ पे हमारे इलाके में विचस माउंटन भी आएगा और आ गया है और अगर आप का कहना है की मेरा अग्नि से मिलने का ये सही वक्त नहीं है तो आप ठीक ही कह रहे होंगे
महा मैं – बेटी मैंने तुझे अपने बेटी की तरह रखा नहीं है मैंने तुझे अपनी बेटी मना भी है वो भी दिल से और तू फिक्र ना कर बहुत जल्द तू तेरे अग्नि के सामने होगी जब सही वक्त होगा तब
जहाँ – पर मैं में अग्नि को एक बार देखना चाहती हूँ दूर से ही सही लेकिन देखना चाहती हूँ 3साल से भी ज्यादा होचुके हैं उसे देखे मैं प्लज़्ज़्ज़ मैं
महा मैं – ठीक है बेटी लेकिन ज़रा संभाल के उसे पता ना लगे
जहाँ – ठीक है मैं
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विचस माउंटन के बाहरी इलाके में अग्नि की फौज ने डेरा डाल रखा था और ईश्वक़्त सब घोड़े बेच के सो रहे थे सारे दानव ज़मीन पर पड़े खरते मर्रते हुए सोए हुए थे कुछ वेमपाइर’से पहरेदारी कार रहे थे तो कुछ पेड़ों के ऊपर डाली में बैठ के आराम कार रहे थे और वहीं सारे ड्रागें’से भी ज़मीन पर सो रहे थे
अग्नि ईश्वक़्त एक जगह पे खड़ा अपनी फौज के ऊपर निगरानी कार रहा था वो चारों तरफ देख रहा था और फिर एक स्क्स अग्नि के पास आता है ये स्क्स जबार था , जबार एक जवान वेमपाइर था अग्नि के ही उमर का और अग्नि ने उसे अपनी फौज का सेनापति भी बना दिया था , जबार आकर अग्नि के पास पहुँच जाता है और अग्नि से कहता है
जबार – मलीक आप कुछ देर आराम क्यों नहीं करलेटे में और मेरे साथी यहाँ पे पहरेदारी कार रहे हैं आप फिक्र मात करिए और जाकर कुछ देर आराम करलीजिए
अग्नि – ठीक है जबार लेकिन होशियार रहना क्यूंकीी ये इलाका विचस का है और तुम तो जानते ही हो की ये विचस हमारे ना ही दोस्त हैं और ना ही हमारे साथ हैं समझ गये ना
जबार – हाँ मलीक में जनता हूँ आप फिक्र मात करिए में संभाल लूँगा आप जाकर आराम कीजिए
फिर अग्नि वहाँ पे जबार को चुद के चला जाता है एक बरगत के पेड़ के तरफ जिसके नीचे अग्नि की ड्रागें सिल्वा सोई हुई थी अग्नि आहिस्ते आहिस्ते चलते हुए जाता है और जाकर सिल्वा के पास ही नीचे ज़मीन के धंस में लेट जाता है और अपने दोनों हाथों को अपने सर के नीचे रख देता है
जब अग्नि नीचे लेट था है तो उस आहट से सिल्वा जगह जाती है और जब वो अपनी आँख खोलती है तो अग्नि को अपने पास पति है
अग्नि – क्या बात है सिल्वा तुम अभी तक सोई नहीं , इसके जवाब में सिल्वा ना में अपने गर्दन को हिला देती है फिर अग्नि एक हाथ सिल्वा के सर पे रख देता है और उसे सहलाने लगता है और फिर अग्नि आश्मन के तरफ देखने लगता है और बहुत देर तक आश्मन को देखता ही रहता है और सिल्वा भी अग्नि को यूँ आश्मन के तरफ देखता हुआ देख वो भी आश्मन के तरफ देखने लगती है , सिल्वा कभी अग्नि को तो कभी आश्मन को देखने लगती है
आश्मन में आज पूरा चाँद दिखाई दहाड़ा था (फुल मुंह) बहुत देर तक अग्नि और सिल्वा दोनों आश्मन के तरफ देखते रहते हैं और आश्मन में मौजूद चाँद और सितारों की खूबसूरती को भी फिर अग्नि के चेहरे पे एक मुश्कं आ जाती है और जब वो सिल्वा के तरफ देखता है तो पता है की सिल्वा उसे ही देखे जा रहा था शायद वो बजुबान जानवर ये पूछना चाहता था की वो क्यों मुस्करा रहा था
अग्नि – पता है सिल्वा जब में एक आम इंसान था तो अक्सर रात को अपने घर के चाट पे जा करता था और घंटों तक आश्मन के तरफ देखा करता था चाँद और सितारों की खूबसूरती को घंटों तक निहारा करता था फिर अग्नि के आँखें नाम होजती हैं और ये देख सिल्वा हैरानी से अग्नि क्यों ही देखने लगता है फिर
अग्नि – पता है सिल्वा इंसानी दुनिया में एक लड़की थी जिसे में बहुत पसंद करता था और उसके साथ में घंटों तक अपने चाट पे बैठ के इसी तरह आश्मन के तरफ देखा करता था और उस से बातें किया करता था फिर अग्नि चुप हो जाता है और कुछ देर बाद
अग्नि – मुझे उन्न सब दीनों की बहुत याद आती रहती है सिल्वा काश में फिरसे अपनी पुरानी जिंदगी में लौट सकता काश में फिर से अपने आंटी , अंकल , भाइयों के पास और अपने दोस्त देव और जागु के पास और मेरे प्यार के पास लौट सकता ,,,,, काश में फिरसे एक आम इंसान बन सकता काश
ये सब कहते कहते अग्नि के आँखों से आस्यू यनेकिी खून बहजाते हैं और ये सब देख सुनकर सिल्वा के आँखों से भी आस्यू बहजाते हैं , सिल्वा एक ड्रागें जरूर थी लेकिन उसके पास भी दिल था इसलिए वो अग्नि के दिल को समझ सकती थी और अग्नि भी सिल्वा के दिल की बात को जान जाता था , अग्नि सिल्वा के तरफ देखता है तो पता है की सिल्वा के आँखों से भी आस्यू बह रहे हैं फिर अग्नि जिस हाथ से सिल्वा के सर को सहला रहा था उस हाथ से सिल्वा के आस्यू पोछदेता है और कहता है
अग्नि – सो जाओ सिल्वा कल हमें एक जंग लाढ़नी है , ये बोलकर अग्नि अपनी आँख बंद करदेता है और सिल्वा कुछ देर तक अग्नि को देखती रहती है और फिर सिल्वा अग्नि के शरीर को अपने एक पंख से ढक देती है चादर की तरह और वो खुद भी सोजाती है
ये सब जहाँ उसी बरगत के पेड़ के ऊपर बैठ के देख रही थी और ये सब देख उसके भी आँखों से आस्यू बह जाते हैं
जहाँ – हाँ अग्नि मुझे वो सारे दिन याद हैं जो हम दोनों ने इकट्ठे गुजरे हैं , काश आज हम दोनों इकट्ठे होते काश हम दोनों कभी अलग हुए ही ना होते
रात का वक्त था और इसे वक्त स्पिरिचुयल शिप के ऊपर जश्न का माहौल था सभी मस्ती के माहौल में झूम रहे थे नाच रहे थे शराब तो पानी के तरह बह रहा था हर कोई लकड़ियों के साथ नाच रहा था रों भी ईश्वक़्त शराब के नशे में धुत सबके तरफ देख रहा था वो भी खुश था की तभी मटरू उसके पास आता है
मटरू – आयूओ रों आना मेरे पेशे कब देंगे आप
रों – आबे जब तू नाचेगा उसके बाद डेडुँगा
मटरू – आयूओ आना में नहीं नाचने वाला अगर नाचना ही है तो एक दो लड़कियाँ मुझे भी दे दो तकिी नाच नाच के ये दुनिया हिला दम
खबरी चुड़ैल – महा मैं मेरे सलाम को कबूल करिए , महा मैं में ये खबर लाई हूँ की हमारे इलाके में डार्क फोर्स अचूकी है और उन्होंने हमारे बाहरी इलाके में डेरा भी डाल लिया है मुझे शक है कहीं वो हम पर हमला ना करदे
महा मैं – नहीं खबरी चुड़ैल हमने शा नहीं लगता की डार्क फोर्स हम पर हमला करने आए हैं हमें लगता है वो इसे इलाके से होकर गुजर रहे होंगे इसे लिए रात को यहीं पर आराम करने के लिए रुक्क गये होंगे , अच्छा ये बताओ क्या उनके साथ उनका प्रिन्स है
खबरी चुड़ैल – हाँ महा मैं उनके साथ उनका प्रिन्स अग्नि भी है मैंने उसे देखा था ड्रागें के ऊपर सवार होकर वो आया था
महा मैं – अच्छा अब तुम जाओ यहाँ से , फिर वो खबरी चुड़ैल वहाँ से चली जाती है और खबरी चुड़ैल के जाने के बाद महा मैं किसी को आवाज़ देती हैं , अरे बेटी किधर है तू जल्दी से यहाँ आ बेटी तेरे लिए एक अच्छी खबर है तेरा अग्नि आ गया है
फिर उस अंधेरे में किसी की दौड़ने की आवाज़ सुनाई देती है और वो आवाज़ कुछ ही पल में आकर पहुँच जाती है महा मैं के पास और आ ही पूछती है
अंजनी शॅक्स – क्या कहा मैं आप ने मेरा अग्नि आ गया
महा मैं – हाँ बेटी तेरा अग्नि यहाँ अचुका है
अंजनी शॅक्स – मैं,,,,,मैं,,,,,मैं,,,,, में आज बहुत खुश हूँ मैं मेरा अग्नि आ गया मेरे पास वॉवववव में अभी जाती हूँ उस से मिलने के लिए
तभी उस गुफा के अंदर रोशनी फेल जाती है ये रोशनी मशाल से आ रही थी और मशाल ईश्वक़्त एक बुजुर्ग औरत के हाथ में थी और यही थी महा मैं फिर महा मैं चलती हुई आती है और उस अंजानी शॅक्स के चेहरे के ऊपर मशाल की रोशनी डालती है , और जब मशाल की रोशनी उस अंजनी शॅक्स के चेहरे पे पड़ती है तो पता चलता है ये अंजनी शॅक्स कोई और नहीं अग्नि का पहला प्यार यानि की जहान्ंनणणन् थी महा मैं – नहीं मेरी बची अभी सही वक्त नहीं है अग्नि के सामने तुम्हारा जाना इसे से बात बिगड़ सकती है
जहाँ – नहीं मैं शा कुछ भी नहीं होगा जो आप सोच रहे हैं , में जानती हूँ जब मेरा अग्नि मुझे जिंदा देखेगा तो वो खुशी के मारे पागल होज़ायगा और दौड़ के अकके मुझे गले लगा लेगा
महा मैं – मुझे तुम्हारे बातों पर पूरा यकीन है मेरी बची की तुम जैसा कह रही हो वैसा ही होगा लेकिन फिर भी में यही कहूँगी की ये सही वक्त नहीं होगा अग्नि के सामने जाने का , क्या तुम्हें मुझ पर यकीन नहीं है
जहाँ – ये आप क्या कह रहे हैं मैं आज आप ने ये बात केहदिया है लेकिन दुबारा मत कहना , मैं मुझे आप पर अपने आप से भी ज्यादा भरोसा है , आज अगर में यहाँ जिंदा खड़ी हूँ तो उसकी वजह आप हैं मैं
मुझे आज भी वो दिन अच्छे से याद है जब में शिमला कालेज के स्टडी टूर पे गयी हुई थी और मेरे साथ अग्नि भी था और मैंने उसे लवर’से पॉइंट पे प्रपोज़ किया था और उसने मुझे कहा था की वो सिर्फ़ मेरा दोस्त है मुझसे प्यार नहीं करता अग्नि के जवाब ने मुझे अंदर से पूरी तरह से तोड़ के रख दिया था
फिर में वहाँ से लौट आई थी लेकिन में उस वक्त पूरी तरह से टूट चुकी थी और मेरे अंदर जीने की इच्छा ही खत्म हो चुकी थी और इशिके चलते मैंने अपने जिंदगी को खत्म करने का फैसला किया और यही सब एक खत में लिख लिया और सुबह एक दोस्त के हाथों अग्नि के पास भिजवा दिया और में वहाँ से लवर’से पॉइंट के तरफ चल पड़ी
लेकिन मेरे पीछे पीछे अग्नि भी वहाँ आ पहुँचा था उसने मुझे खूड़खुशी करने से रोक लिया और उसने मुझे बताया की उसे ये एहसास होचुका है की वो मुझसे कितना प्यार करता है और वो मुझे कभी भी खोना नहीं चाहता और फिर उसने मुझे अपने प्यार का यकीन दिलाया
फिर तो में खुशी के मारे पागल हो गयी थी और भागके अग्नि के तरफ जाने लगी लेकिन जैसे ही में आगे बढ़ी मेरे पैर बर्फ में फिसल गये और में उस पहाड़ी के छोटी से नीचे खाई में गिरर गयी मुझे नीचे गिरते वक्त अगर कुछ सुनाई दिया था तो वो था अग्नि की दर्दनाक चीख
उस पहाड़ से नीचे गिरके में तो मर ही चुकी थी लेकिन आप ने मुझे बचाया और एक नयी जिंदगी दी मुझे एक यक्षिणी (चुड़ैल) बनकर और आप मुझे अपने साथ यहाँ पे लेअए और आप ने मुझे अपनी बेटी की तरह रखा , आप दुनिया के लिए जरूर महा मैं होंगी लेकिन मेरे लिए आप मेरी मैं मेरी मां हो आप और अपने मुझे कहा था की अग्नि एक दिन मायवी दुनिया में आएगा और डेत वाली का युवराज बनेगा और एक दिन यहाँ पे हमारे इलाके में विचस माउंटन भी आएगा और आ गया है और अगर आप का कहना है की मेरा अग्नि से मिलने का ये सही वक्त नहीं है तो आप ठीक ही कह रहे होंगे
महा मैं – बेटी मैंने तुझे अपने बेटी की तरह रखा नहीं है मैंने तुझे अपनी बेटी मना भी है वो भी दिल से और तू फिक्र ना कर बहुत जल्द तू तेरे अग्नि के सामने होगी जब सही वक्त होगा तब
जहाँ – पर मैं में अग्नि को एक बार देखना चाहती हूँ दूर से ही सही लेकिन देखना चाहती हूँ 3साल से भी ज्यादा होचुके हैं उसे देखे मैं प्लज़्ज़्ज़ मैं
महा मैं – ठीक है बेटी लेकिन ज़रा संभाल के उसे पता ना लगे
जहाँ – ठीक है मैं
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विचस माउंटन के बाहरी इलाके में अग्नि की फौज ने डेरा डाल रखा था और ईश्वक़्त सब घोड़े बेच के सो रहे थे सारे दानव ज़मीन पर पड़े खरते मर्रते हुए सोए हुए थे कुछ वेमपाइर’से पहरेदारी कार रहे थे तो कुछ पेड़ों के ऊपर डाली में बैठ के आराम कार रहे थे और वहीं सारे ड्रागें’से भी ज़मीन पर सो रहे थे
अग्नि ईश्वक़्त एक जगह पे खड़ा अपनी फौज के ऊपर निगरानी कार रहा था वो चारों तरफ देख रहा था और फिर एक स्क्स अग्नि के पास आता है ये स्क्स जबार था , जबार एक जवान वेमपाइर था अग्नि के ही उमर का और अग्नि ने उसे अपनी फौज का सेनापति भी बना दिया था , जबार आकर अग्नि के पास पहुँच जाता है और अग्नि से कहता है
जबार – मलीक आप कुछ देर आराम क्यों नहीं करलेटे में और मेरे साथी यहाँ पे पहरेदारी कार रहे हैं आप फिक्र मात करिए और जाकर कुछ देर आराम करलीजिए
अग्नि – ठीक है जबार लेकिन होशियार रहना क्यूंकीी ये इलाका विचस का है और तुम तो जानते ही हो की ये विचस हमारे ना ही दोस्त हैं और ना ही हमारे साथ हैं समझ गये ना
जबार – हाँ मलीक में जनता हूँ आप फिक्र मात करिए में संभाल लूँगा आप जाकर आराम कीजिए
फिर अग्नि वहाँ पे जबार को चुद के चला जाता है एक बरगत के पेड़ के तरफ जिसके नीचे अग्नि की ड्रागें सिल्वा सोई हुई थी अग्नि आहिस्ते आहिस्ते चलते हुए जाता है और जाकर सिल्वा के पास ही नीचे ज़मीन के धंस में लेट जाता है और अपने दोनों हाथों को अपने सर के नीचे रख देता है
जब अग्नि नीचे लेट था है तो उस आहट से सिल्वा जगह जाती है और जब वो अपनी आँख खोलती है तो अग्नि को अपने पास पति है
अग्नि – क्या बात है सिल्वा तुम अभी तक सोई नहीं , इसके जवाब में सिल्वा ना में अपने गर्दन को हिला देती है फिर अग्नि एक हाथ सिल्वा के सर पे रख देता है और उसे सहलाने लगता है और फिर अग्नि आश्मन के तरफ देखने लगता है और बहुत देर तक आश्मन को देखता ही रहता है और सिल्वा भी अग्नि को यूँ आश्मन के तरफ देखता हुआ देख वो भी आश्मन के तरफ देखने लगती है , सिल्वा कभी अग्नि को तो कभी आश्मन को देखने लगती है
आश्मन में आज पूरा चाँद दिखाई दहाड़ा था (फुल मुंह) बहुत देर तक अग्नि और सिल्वा दोनों आश्मन के तरफ देखते रहते हैं और आश्मन में मौजूद चाँद और सितारों की खूबसूरती को भी फिर अग्नि के चेहरे पे एक मुश्कं आ जाती है और जब वो सिल्वा के तरफ देखता है तो पता है की सिल्वा उसे ही देखे जा रहा था शायद वो बजुबान जानवर ये पूछना चाहता था की वो क्यों मुस्करा रहा था
अग्नि – पता है सिल्वा जब में एक आम इंसान था तो अक्सर रात को अपने घर के चाट पे जा करता था और घंटों तक आश्मन के तरफ देखा करता था चाँद और सितारों की खूबसूरती को घंटों तक निहारा करता था फिर अग्नि के आँखें नाम होजती हैं और ये देख सिल्वा हैरानी से अग्नि क्यों ही देखने लगता है फिर
अग्नि – पता है सिल्वा इंसानी दुनिया में एक लड़की थी जिसे में बहुत पसंद करता था और उसके साथ में घंटों तक अपने चाट पे बैठ के इसी तरह आश्मन के तरफ देखा करता था और उस से बातें किया करता था फिर अग्नि चुप हो जाता है और कुछ देर बाद
अग्नि – मुझे उन्न सब दीनों की बहुत याद आती रहती है सिल्वा काश में फिरसे अपनी पुरानी जिंदगी में लौट सकता काश में फिर से अपने आंटी , अंकल , भाइयों के पास और अपने दोस्त देव और जागु के पास और मेरे प्यार के पास लौट सकता ,,,,, काश में फिरसे एक आम इंसान बन सकता काश
ये सब कहते कहते अग्नि के आँखों से आस्यू यनेकिी खून बहजाते हैं और ये सब देख सुनकर सिल्वा के आँखों से भी आस्यू बहजाते हैं , सिल्वा एक ड्रागें जरूर थी लेकिन उसके पास भी दिल था इसलिए वो अग्नि के दिल को समझ सकती थी और अग्नि भी सिल्वा के दिल की बात को जान जाता था , अग्नि सिल्वा के तरफ देखता है तो पता है की सिल्वा के आँखों से भी आस्यू बह रहे हैं फिर अग्नि जिस हाथ से सिल्वा के सर को सहला रहा था उस हाथ से सिल्वा के आस्यू पोछदेता है और कहता है
अग्नि – सो जाओ सिल्वा कल हमें एक जंग लाढ़नी है , ये बोलकर अग्नि अपनी आँख बंद करदेता है और सिल्वा कुछ देर तक अग्नि को देखती रहती है और फिर सिल्वा अग्नि के शरीर को अपने एक पंख से ढक देती है चादर की तरह और वो खुद भी सोजाती है
ये सब जहाँ उसी बरगत के पेड़ के ऊपर बैठ के देख रही थी और ये सब देख उसके भी आँखों से आस्यू बह जाते हैं
जहाँ – हाँ अग्नि मुझे वो सारे दिन याद हैं जो हम दोनों ने इकट्ठे गुजरे हैं , काश आज हम दोनों इकट्ठे होते काश हम दोनों कभी अलग हुए ही ना होते
रात का वक्त था और इसे वक्त स्पिरिचुयल शिप के ऊपर जश्न का माहौल था सभी मस्ती के माहौल में झूम रहे थे नाच रहे थे शराब तो पानी के तरह बह रहा था हर कोई लकड़ियों के साथ नाच रहा था रों भी ईश्वक़्त शराब के नशे में धुत सबके तरफ देख रहा था वो भी खुश था की तभी मटरू उसके पास आता है
मटरू – आयूओ रों आना मेरे पेशे कब देंगे आप
रों – आबे जब तू नाचेगा उसके बाद डेडुँगा
मटरू – आयूओ आना में नहीं नाचने वाला अगर नाचना ही है तो एक दो लड़कियाँ मुझे भी दे दो तकिी नाच नाच के ये दुनिया हिला दम