Fantasy Mayavi dunia (एक जादू भारी दुनिया की कहानी)(complete)

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और फिर सम्राट अपने जलते हुए मुंह को खोलता है और गुरु ब्राम्‍हनंद के शक्तियों को उनके शरीर से खींचने लगता है और देखते ही देखते गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर के सारे औरा शक्ति और ऊर्जा शक्ति निकलकर सम्राट के मुंह के अंदर सामने लगती है और इधर गुरु ब्राम्‍हनंद का शरीर भी जलने लगा था कुछ ही मिनट के अंदर सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद की सभी शक्तियों को उनके शरीर से खींच लेता है और अपने अंदर समा लेता है और यहाँ तक की सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद के रूहह आत्मा को भी निगल लेता है

अब सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद का अष्टित्वा पूरी तरह से खत्म कार चुका था यहाँ तक की सम्राट ने गुरु ब्राम्‍हनंद के आत्मा तक को निगल लिया था

और फिर सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद का काम तमाम करने के बाद उनके आधे जल चुके शरीर को उठता है और काला पर्वत के नीचे फेंक देता है और गुरु ब्राम्‍हनंद का शरीर तेजिसे जाकर काला पर्वत के नीचे धाधम्म्म करके गिरता है

और गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर को नीचे गिरता देख काला पर्वत के नीचे मौजूद सभी प्राण भक्षी फौरन गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर के ऊपर कुदड पड़ते हैं और उनके आधे जले हुए शरीर को चिर फाड़ते हुए खाने लगते हैं
शा कभी नहीं होगा ब्राम्‍हनंद कम से कम इसे बार तो बिलकुल भी नहीं , पिछली बार तुम सबने मिलकर मेरे भाई को मेरे खिलाफ भड़का दिया था हम दोनों भाइयों के बीच में दरार डाल दिया था तुम सबने मिलकर , जिसके वजह से वो मेरे खिलाफ हो गया था वरना मेरा भाई कभी भी मेरे खिलाफ खड़ा नहीं होता , सम्राट का अक्ष गुरु ब्राम्‍हनंद को कहता है

ये तुम्हारा बहन है सम्राट हम में से किसने भी विराट को तुम्हारे खिलाफ नहीं भड़काया था , तुम्हारी दरिंदगी और तुम्हारी शैतानियत देख के तुम्हारा भाई तुम्हारे खिलाफ हो गया था , वो एक सच्चा योढ़ा था और अचाई का रक्षक था और तुम एक शैतान बन चुके थे मासूम लोगों को मौत के घाट उतरना तुम्हारी आदत बंचुकी थी और तुम्हारी इन्हीं सभी हरक़तों के वजह से वो तुम्हारे खिलाफ हो गया था और अबकी बार भी शा ही होगा , ये कहकर गुरु ब्राम्‍हनंद चुप होजते हैं

गुरु ब्राम्‍हनंद के चुप होते ही सम्राट फिरसे कहता है , नहिंन्नणणन् इसे बार शा कुछ भी नहीं होगा , में शा कुछ होने ही नहीं दूँगा में अग्नि को उसकी पिछली जिंदगी के बारे में कभी याद आने ही नहीं दूँगा , इसे बार में शा कुछ भी नहीं होने दूँगा और रही बात तेरी तो ब्राम्‍हनंद अब तेरा वक्त खत्म होचुका है अब तेरे मरने का वक्त आ गया है बहुत सालों तक जिलिया तूने अब अपने मौत का सामना कार

ये बोलते हुए सम्राट अपने हाथ को ऊपर उठता है और बारे ज़ोर से चिल्लाता है , यहह , ये चीख इतनी खतरनाक थी की इसे चीख की गूँज पूरे खून्नी जंगल में फैल जाती है और पूरा का पूरा जंगल हिल जाता है , खून्नी जंगल की सभी काली शक्तियाँ काले धुआँ के रूप में तेजिसे सम्राट के अंदर सामने लगती हैं

ब्राम्‍हनंद तैयार होज़ा अपने मौत का सामना करने के लिए , सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद को कहता है

और फिर सम्राट अपनी हाथ को गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ करता है और देखते ही देखते सम्राट के अक्ष के हाथ से काली शक्तियाँ ऊर्जा के रूप में निकलती हैं और तेजिसे गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ बढ़ने लगती हैं और जब गुरु ब्राम्‍हनंद ये देखते हैं तो फौरन अपने जादुई दंड को उठाते हैं और कहता हैं ” रक्षनाम ” और फिर गुरु ब्राम्‍हनंद के द्वारा इसे मंत्र के कहे जाने के बाद अचानक उनके जादुई दंड से एक तेज सफेद रोशनी निकलती है और तेजिसे एक बड़ा सा गोल आकर ले लेती है और गुरु ब्राम्‍हनंद को चारों तरफ से घेर्लेटी है एक सुरक्षा कवच की तरह , सम्राट के अक्ष के हाथ से निकली हुई काली ऊर्जा शक्तियाँ सीधे आकर गुरु ब्राम्‍हनंद के उस कवच से लगती हैं

जब सम्राट का छोड़दा गया काली ऊर्जा गुरु ब्राम्‍हनंद के उस कवच से टकराती है तो एक बहुत बड़ा तेज विस्पोट होता है , बूंमम्ममममम , और इसे विस्पोट से पूरा का पूरा काला पर्वत हिल जाता है और चारों तरफ काला ही काला धुआँ फैल जाता है , जब कुछ देर बाद वहाँ से काला धुआँ धीरे धीरे हटने लगता है तब पता चलता है की सम्राट का बार खाली गया है

अपने वार को नाकाम होता हुआ देख सम्राट बौखला जाता है और दुबारा से गुरु ब्राम्‍हनंद के ऊपर अपनी काली ऊर्जा शक्तियों से हमला करने लगता है एक के बाद के , एक से बढ़कर एक हमला करने लगता है सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद के ऊपर लेकिन गुरु ब्राम्‍हनंद का वो जादुई कवच उन्हें सम्राट के हर एक वार से बचलेटा है


जब सम्राट की काली ऊर्जा शक्तियाँ गुरु ब्राम्‍हनंद के उस जादुई कवच से टकराते हैं तो बहुत बारे बारे धमाके और विस्पोट होते हैं लेकिन सारे नाकाम रहते हैं उस कवच को तोड़ने में और ये सब देख सम्राट अपनी आँखों को बंद करता है और देखते ही देखते सभी काली शक्तियाँ जो सम्राट के अंदर काले धुआँ के रूप में थे वो सब बाहर निकलते हैं और सम्राट को चारों तरफ से घर लेते हैं वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट को इसे तरह घेरते हैं की सम्राट को कोई भी देख नहीं पता है

और फिर अचानक ही उन्न काला धुआँ में से कुछ रोशनी निकालने लगती है और फिर वो सारे काला धुआँ धीरे धीरे सम्राट के चारों तरफ से हटने लगते हैं और पीछे जाने लगते हैं , और जब वो सभी काला धुआँ सामने से हॅट जाते हैं तो सम्राट का नया रूप सामने आता है

सम्राट इसे वक्त एक अलग ही रूप में था उसका अक्ष ईश्वक़्त जल रहा था सम्राट का पूरा अक्ष ईश्वक़्त जल रहा था सम्राट ईश्वक़्त एक आग के दानव के रूप में था और उन्न सभी काली शक्तियाँ जो काला धुआँ के रूप में थे उनके आगे खड़ा था

सम्राट को इसे आग के दानव के रूप में देख गुरु ब्राम्‍हनंद के पसीने निकालने लगते हैं , और सम्राट अपने नये रूप में आ ही अपने दोनों हाथों को ऊपर उठता है इसे से सम्राट के हाथों से आग निकालने लगते हैं और हवाओं और असमान में तेजिसे फैलने लगते हैं और फिर सम्राट अपने दोनों हाथ को आश्मन के तरफ करके धीरे धीरे घूमने लगता है और फिर सम्राट के शा करते ही असमान और हवाओं में फैला हुआ आग भी चारों तरफ चाकरी के तरह घूमने लगता है और फिर वो आग और भी तेजिसे चाकरी के तरह घूमने लगती है

और फिर सम्राट अपने जलते हुए सर को पीछे घूमता है और अपने पीछे मौजूद उन्न काली शक्तियों को हुकुम देता है के जाकर उन्न आग के साथ मिलज़ाओ और फिर देखते ही देखते वो काली शक्तियाँ सीधे जाकर उन्न आग के साथ मिल जाती है इसे से वहाँ का बताबरन और भी खतरनाक हो जाता है

अब सम्राट अपने काली शाकत्ों को अपने खतरनाक आग के साथ मिला चुका था और फिर सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ देखता है , गुरु ब्राम्‍हनंद की हालत ईश्वक़्त बहुत खराब होचुकी थी ये सब नज़ारा देख उनके मुंह से एक ही शब्द निकलती है ” है मेरे मलिक मेरी रक्षा कर इसे शैतान से ”

सम्राट अपने दोनों हाथों का रुख गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ करदेता है और देखते ही देखते सम्राट की आग और काली ऊर्जा से मिली जुली शक्तियाँ तेजिसे गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ उड़ जाती है और देखते ही देखते वो सभी जा टकराती हैं गुरु ब्राम्‍हनंद के उस जादुई कवच से और उस कवच से टकराते ही एक तेज धमाका होता है दिल दहला देने वाला , और इसे धमाके से गुरु ब्राम्‍हनंद का कवच बच नहीं पता और उसके चिथड़े उड़ जाते हैं और इसे धमाके से गुरु ब्राम्‍हनंद तेजिसे उड़ते हुए जाते हैं और जाकर सीधे एक चट्टान से टक्रजते हैं

गुरु ब्राम्‍हनंद फौरन उठ खड़े होते हैं और अपने हाथ में जादुई दंड को लेकर सम्राट के तरफ बढ़ने लगते हैं और सम्राट भी अब अपने नये रूप के साथ अपने पीछे उन्न सभी काली शक्तियों को लेकर गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ बढ़ने लगता है , सम्राट धीरे धीरे जितना कदम आगे बढ़ता सम्राट का आकर उतना ही बड़ा होता जा रही था उसका अक्ष और भी ज्यादा जल उठ रहा था चारों तरफ ईश्वक़्त आग ही आग फैल चुका था काला पर्वत के ऊपर

गुरु ब्राम्‍हनंद अपने हाथ में जादुई दंड पकड़े हुए थे और उस जादुई दंड का रुख वो सम्राट के तरफ करने लगते हैं और कुछ मंत्र बोलने को होते ही हैं की अचानक कुछ शा होता है जिस से गुरु ब्राम्‍हनंद की रही सही हिम्मत भी टूट जाती है

सम्राट जीतने जीतने कदम आगे बढ़ता चारों तरफ आग उठने ही तेजिसे फैलता जाता , गुरु ब्राम्‍हनंद अपने जादुई दंड का रुख सम्राट के तरफ करके कुछ मंत्र पढ़ने को हुए ही थे की अचानक सम्राट के नज़दीक आने के वजह से उनका जादुई दंड जल्के रख हो जाता है और उस जादुई दंड का रख हवा में उड़ जाता है और अपने जादुई दंड को रख होता हुआ देख गुरु ब्राम्‍हनंद का सारा हिम्मत टूट जाता है
 
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सम्राट आगे बढ़ते हुए अपने एक हाथ को उठता है और गुरु ब्राम्‍हनंद के तरफ करता है इसे से गुरु ब्राम्‍हनंद अपने आप हवा में उठ जाते हैं और फिर सम्राट अपने उस हाथ को नीचे के तरफ करके झड़ देता है इसे से गुरु ब्राम्‍हनंद अपने आप नीचे ज़ोर से पटक दिए जाते हैं और उनका सर फट जाता है और उनके सर से खून बहने लगता है और इसके बाद सम्राट फिरसे अपने हाथ को ऊपर उठता है और गुरु ब्राम्‍हनंद भी हवा में उठ जाते हैं और फिर सम्राट अपने हाथ को आगे धकेल देता है इसे से गुरु ब्राम्‍हनंद सीधा जाकर एक चट्टान से तेजिसे टकराते हैं और नीचे गिरजते हैं

सम्राट आहिस्ते आहिस्ते चलते हुए गुरु ब्राम्‍हनंद के पास जा पहुँचता है और सम्राट के गुरु ब्राम्‍हनंद के करीब पहुँचते ही गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर में आग लग जाता है और वो चत्तपटाने लगते हैं , सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद के गर्दन को पकड़ता है और ऊपर हवा में उठा देता है

ब्राम्‍हनंद मैंने कहा था ना तुझे की तेरा आखिरी वक्त आ गया है अब तू मरने वाला है में तुझे ऐशी मौत दूँगा जिस से तेरी पवित्र आत्मा को कभी भी शांति नहीं मिलेगा , में तेरे शक्तियों के साथ साथ तेरे आत्मा को भी निगल जाऊंगा , सम्राट ये सब गुरु ब्राम्‍हनंद को कहता है

तू मेरे साथ कुछ भी करले लेकिन तेरा अंजाम वही होगा जो पिछली बार हुआ था , सचाई हमेशा जीिट टीी है और हमेशा जीतेगी , गुरु ब्राम्‍हनंद ये कहते हैं

मौत के सामने खड़ा है लेकिन फिर भी भसन देने से नहीं चूकेगा तू अब बहुत दे दिया भसन तूने अब तेरे मरने का टाइम आ गया है , सम्राट ये आखिरी बात कहता है

और फिर सम्राट अपने जलते हुए मुंह को खोलता है और गुरु ब्राम्‍हनंद के शक्तियों को उनके शरीर से खींचने लगता है और देखते ही देखते गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर के सारे औरा शक्ति और ऊर्जा शक्ति निकलकर सम्राट के मुंह के अंदर सामने लगती है और इधर गुरु ब्राम्‍हनंद का शरीर भी जलने लगा था कुछ ही मिनट के अंदर सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद की सभी शक्तियों को उनके शरीर से खींच लेता है और अपने अंदर समा लेता है और यहाँ तक की सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद के रूहह आत्मा को भी निगल लेता है

अब सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद का अष्टित्वा पूरी तरह से खत्म कार चुका था यहाँ तक की सम्राट ने गुरु ब्राम्‍हनंद के आत्मा तक को निगल लिया था

और फिर सम्राट गुरु ब्राम्‍हनंद का काम तमाम करने के बाद उनके आधे जल चुके शरीर को उठता है और काला पर्वत के नीचे फेंक देता है और गुरु ब्राम्‍हनंद का शरीर तेजिसे जाकर काला पर्वत के नीचे धाधम्म्म करके गिरता है

और गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर को नीचे गिरता देख काला पर्वत के नीचे मौजूद सभी प्राण भक्षी फौरन गुरु ब्राम्‍हनंद के शरीर के ऊपर कुदड पड़ते हैं और उनके आधे जले हुए शरीर को चिर फाड़ते हुए खाने लगते हैं
जादूगर जोरबार और रुद्रा दोनों अपने घोड़े पे सवार होकर तेजिसे अपने मंजिल खून्नी जंगल के तरफ तरफ रहे थे , रात के सन्नाटे और खामोशी को चीरते हुए दोनों अपने घोड़ों को तेज रफ्तार से दौड़ते हुए आख़िरकार अपने मंजिल पे पहुँच ही जाते हैं , यनेकिी दोनों खून्नी जंगल के पास पहुँच ही जाते हैं

जब दोनों खून्नी जंगल के पास पहुँचते हैं तो सबसे पहले जादूगर जोरबार अपने घोड़े का लगान काश देता है जिस से उसका घोड़ा रुक्क जाता है और जादूगर जोरबार को रुकता देख रुद्रा भी वहीं रुक्क जाता है

रुद्रा यही है वो खून्नी जंगल और इसके सरहद के उस तरफ है वो काला पर्वत जिसपे हमें जाना है उस फूल को हासिल करने के लिए , जादूगर जोरबार सामने जंगल के तरफ देखते हुए कहता है

तो फिर हम यहाँ रुके क्यों हैं चलिए चलते हैं जंगल के अंदर , रुद्रा कहता है


नहीं रुद्रा अभी नहीं ईश्वक़्त रात का वक्त है और रात के वक्त में खून्नी जंगल बहुत ही खतरनाक बनजता है इसलिए हमें सुबह तक का इंतजार करना चाहिए वेशे भी सुबह होने में अब बॅस कुछ घंटे ही रहगए हैं

उसके बाद जादूगर जोरबार और रुद्रा दोनों वहीं जंगल के सामने अपना डेरा दलदेते हैं और कुछ लकड़िओन को इकट्ठा करके जलते हैं और उसके सामने ही बैठ जाते हैं और आग में अपना हाथ सेखने लगते हैं

रात का वक्त था और ऊपर से ठंड का मौसम , दोनों ईश्वक़्त चुप चाप बैठे हुए आग में अपना हाथ सेख रहे थे और इसे से दोनों को कुछ सुकून मिलराहा था और दोनों के बीच की चुप्पी रुद्रा ही पहले तोड़ता है

जोरबार में कुछ दीनों से सम्राट का नाम बहुत सुन्न रहा हूँ पहले मैंने सम्राट का नाम अग्नि के मुंह से सुना और फिर आप के मुंह से और फिर मेरी मां के मुंह से आख़िर ये सम्राट था कौन क्या वो इतना बुरा था , जोरबार कुछ बताइए ना सम्राट के बारे में

क्य्ाआअ , तुम्हें सम्राट के बारे में पता नहीं , तुम तो गंडर के सहजादे हो तुम्हें तो सबकुछ पता होगा , क्या तुम्हें बचपन में जुड़वा सहजादों की कहानी नहीं सुनाई गयी , गंडर में तो हर घर में छोटे बच्चों को ये कहानी सुनाई जाती है , तकिी बचे इसे कहानी से बहुत कुछ सिख सकें , जोरबार चौंकते हुए रुद्रे से ये सब कहता है

जोरबार डरहसल बात ये है की में बचपन से इंसानी दुनिया में पाला बढ़ा हूँ और मेरे पिता एक मामूली इंसान हैं , मुझे तो बचपन से लगता था की मेरे परिवार में मेरे पिता के अलावा मेरा और कोई भी अपना नहीं है लेकिन कुछ ही महीनों पहले मेरे पिता ने मुझे ये बताया की मेरी मां जिंदा हैं और इसे मायवी दुनिया में किसी डस्ट चुड़ैल के चंगुल में फँसी हुई हैं कैद हैं और तब मैंने फैसला किया की में इसे मायवी दुनिया में आऊंगा और अपनी मां को उस चुड़ैल के कैद से चूडौँगा और फिर में यहाँ आ गया और यहाँ आकर मुझे इसे दुनिया में मेरा पुराना दोस्त अग्नि मिलगाया , हम दोनों इंसानी दुनिया में भी दोस्त थे और जब उसको मेरे बारे में सब पता चला तो उसने मेरे मदद किया और अग्नि के मदद से में उस चुड़ैल को मारकर अपनी मां को छुड़ाने में कामयाब रहा और फिर मुझे बाद में मेरी मां से पता चला की में गंडर का सहजादा हूँ

अच्छा तो ये बात है तो इसलिए तुम्हें सम्राट के बारे में नहीं पता , अगर तुम्हारा बचपन गंडर में गुजरा होता तो तुम उनके बारे में जरूर जानते , गंडर के हर एक बचे के जुबान पे सिर्फ़ दो ही नाम होते हैं एक सम्राट का तो दूसरा है विराट का

ये विराट कौन है , जादूगर जोरबार को बीच में टोकते हुए रुद्रा ये सवाल पूछता है

विराट सम्राट का जुड़वा भाई था और सचाई का सबसे बड़ा योढ़ा और विराट ही वो शॅक्स था जिसके वजह से सम्राट उस आखिरी जंग में मारा गया था , जोरबार रुद्रा को उसके सवाल का जवाब देता है

क्य्ाआअ विराट सम्राट का जुड़वा भाई था और उसके ही वजह से सम्राट मारगया था पर केशे और क्यों ? , रुद्रा फिरसे सवाल पूछता है

जादूगर जोरबार अपने हाथों को आग में सकते हुए रुद्रा के तरफ देखते हैं और बोलना शुरू करते हैं
 
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ट्रैलोर स्टोरी ऑफ जूद्वे सहजादे

ये कहानी बहुत पुरानी है करीबन 450 साल पुरानी , 450 साल पहले के मायवी दुनिया में और अबकी मायवी दुनिया में ज़मीन असमान का फर्क है , तब इसे मायवी दुनिया में बहुत सारे स्टेट’से हुआ करते थे और अननगिनत शहर और कस्बे भी हुआ करते थे , और उस वक्त के मायवी दुनिया में चारों तरफ शांति ही शांति हुआ करती थी क्योंकि मायवी दुनिया में खुद देवता रहा करते थे जो पूरे मायवी दुनिया का ख्याल रखते थे

और उस वक्त गंडर स्टेट इसे पूरे मायवी दुनिया की सबसे अमन और शांति पसंद स्टेट हुआ करती थी और ुषवक़्त गंडर के राजा थे महाराज प्रताप सिंग , महाराज प्रताप सिंग दिल के बहुत ही अच्छे थे और अपने प्रजा को अपने बच्चों के तरह प्यार करते थे और अपने प्रजा का बहुत ख्याल रखते थे उनके राज़ में सभी खुश थे

महाराज प्रताप सिंग जितना प्यार अपने प्रजा से करते थे उतना ही अपने पत्नी महारानी अलका से भी करते थे , महारानी अलका सिंग बहुत ही दयालु थी और वो गंडर के हर एक छोटे बचे को अपने खुदके बच्चों की तरह प्यार करती थी गंडर में उन्हें हर एक बच्चा रानी मां कहकर ही बुलाते थे

महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका सिंग के पास सबकुछ था धन दौलत महेल राजपथ और जान से भी ज्यादा चाहनेवाली प्रजा सबकुछ था उनके पास लेकिन उनके पास सबकुछ होते हुए भी कुछ भी नहीं था , महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका दोनों निसंतान थे , दोनों ने न जाने कितने यांगया करवाए न जाने कितने ब्राह्मानो और मुनि ऋषि को खाना खिलाया और उनके हर एक इच्छा को पूरा किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ आख़िर में महाराज और महरनी ने संतान प्राप्त करने का लालच छोड़ दिया और अपने प्रजा को अपने बच्चों के रूप में देख अपनी जिंदगी जीने लगे थे लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था

एक दिन महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका दोनों समंदर में शेयर करने निकले हुए थे अपने शाही जहाज़ में सवार होकर और बीच समंदर में दोनों महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका अपने जहाज़ के देख पे खड़े समंदर के खूबसूरती का मजा लेरहे थे की तभी अचानक महारानी अलका की नज़र पड़ती है समंदर में बहती हुई आ रही एक बादेसे बकषे पर और वो महाराज प्रताप सिंग का भी ध्यान उस तरफ करते हैं

समंदर में बहके आ रही वो बक्षा बहुत जोरों से चमक रहा था इसे लिए महाराज और महारानी का ध्यान उस तरफ आकर्षित हो जाता है और महाराज अपने सिपाहियों से कहकर उस बकषे को समंदर से अपने जहाज़ पे खिचवाके लेआतए हैं , और जब सिपाही वो बक्षा ला कर महाराज को देते हैं तो महाराज उस बकषे को देख दंग रहजाते हैं क्योंकि उस बकषे पे एक सोने का चिन्ह(मर के) बनाया हुआ था और वो मर के था मायवी दुनिया के सबसे ताकतवर स्टेट की यानि की वो गोल्डन मर के था देवताओं के राज्य देवनागरी की

महाराज प्रताप सिंग उस बकषे को देख दंग रहजाते हैं क्योंकि देवनागरी का बक्षा यूँ बीच समंदर में बहके आना ये बहुत ही अजीब बात थी और फिर महाराज प्रताप सिंग अपने सिपाहियों को उस बकषे को खोलने को कहते हैं

सिपाही उस बकषे को खोलते हैं और जेशे ही वो बक्षा खुलता है वहाँ मौजूद सभी के आँखें हैरानी से फैल जाती हैं क्योंकि उस बकषे में दो प्रारे और नन्हे मासूम बचे थे और वो दोनों सोए हुए थे और जब उस बकषे का दरवाजा खुला तो सूरज की रोशनी उस बकषे के अंदर पड़ती है और वो दोनों मासूम बचे जगह उठते हैं और रोने लगते हैं और दोनों बच्चों को रोता हुआ देख महारानी अलका फौरन उस बकषे मेशे उन्न दोनों बच्चों को निकल लेती हैं

महारानी अलका जब उन्न दोनों बच्चों को उस बकषे से बाहर निकलती हैं तो उन्हें पता चलता है की ये दोनों बचे एक दूसरे से जीशमनी तौरपे जुड़े हुए हैं , महारानी अलका के गोद में आ ही दोनों बचे रोना बंद करदेटे हैं और अपने चेहरे से मासूम मुश्कं बिखेरने लगते हैं और उन्न दोनों मासूम बच्चों को यूँ मुश्कूराता देख महारानी अलका को शा लगता है जेशे उन्हें आज सबकुछ मीलगया है इसे पूरे दुनिया की सबसे कीमती चीज़ उन्हें मीलगई हो , महारानी अलका उन्न दोनों बच्चों को अपने गोदी में लिए खेलने लगते हैं प्यार करने लगते हैं

महाराज प्रताप सिंग और जहाज़ पे मौजूद सभी ये देख खुश होजते हैं तभी महर्ज को उस बकषे में एक खत दिखाई देता है और महाराज प्रताप सिंग उस खत को बाहर निकल के पढ़ने लगते हैं

और उस खत को पढ़ने के बाद महाराज प्रताप सिंग उस खत को बंद करते हैं और अपने जेब में रख देते हैं , उस खत को पढ़ने के बाद अब महाराज प्रताप सिंग के आँखों में आस्यू आजाते हैं लेकिन वो उन्न आस्यू को फौरन पोचलेते हैं लेकिन महारानी अलका ये बात देख लेती हैं और वो अपने गोद में उन्न दोनों बच्चों को लिए महाराज प्रताप सिंग के करीब आ हैं और पूछते आख़िर क्या बात है आप के आँखों में ?

महाराज जवाब देते हैं की ये दोनों बचे कोई आम बचे नहीं है , ये दोनों इसे मायवी दुनिया को प्रतीस्ता करने वाली इसे मायवी दुनिया का निभ रखने वाली देवी माया के बचे हैं और अब ये दोनों आखिरी देवता बचे हैं इसे मायवी दुनिया में , शैतानो ने देवनागरी को तबाह कर दिया है और सभी देवताओं को भी मर्डिया है देवी माया को भी मर्डाला है , अब इन दोनों बच्चों के कोई भी नहीं है

ये आप क्या कहराहे हैं ये बचे अकेले नहीं हैं ये अबसे मेरे बचे हैं और में इनकी मां और ये बचे आज से हमारे बच्चों के रूप में इसे मायवी दुनिया में जाने जाएँगे

हाँ महारानी अलका आप ठीक कह रही हैं अब से ये बचे हमारे हैं और हम दोनों इनके माता और पिता हैं और ये दोनों अब से गंडर के सहजादे हैं

हाँ महाराज और अब्बसे ये दोनों इसे मायवी दुनिया में सम्राट और विराट के नाम से जाने जाएँगे

जादूगर जोरबार जुड़वा सहजादों की कहानी रुद्रा को सुना ही रहा था की तभी अचानक वहाँ कुछ आवाज़ होती है , कद्द्दद्ड कद्द्दद्ड क़ास्स्स्सस्स और इसे आवाज़ को सुन जादूगर जोरबार का ध्यान उस तरफ आकर्षित हो जाता है और जादूगर जोरबार अपनी जगह से उठके चारों तरफ देखने लगता है

और जादूगर जोरबार को यूँ कहानी के बीच से उठता हुआ देख रुद्रा जोरबार से पूछता है , क्या हुआ जोरबार आप यूँ कहानी के बीच से उठ क्यों गये कहानी काफिई इंटरेस्टिंग थी कंटिन्यू करिए ना

रुद्रा मैंने अभी अभी कुछ आवाज़ सुना जैसे कोई यहाँ हो और मुझे भी शा लगता है की हुंपे ईश्वक़्त कोई नज़र रख रहा है , जादूगर जोरबार कहता है

आस कम ऑन जोरबार आप भी ना , अरे इतनी सर्दी रात में एक हल्का हवा का झोंका भी सबको चौका देता है आप के साथ भी वेषा ही हुआ होगा और वेशे भी आप ही ने तो कहा था ना की इसे खून्नी जंगल के आस पास कोई भटकता ही नहीं है तो फिर कौन होगा , अब आप रिलॅक्स होकर आइये और बेत्के कहानी कंटिन्यू कीजिए , रुद्रा जोरबार से कहता है


जादूगर जोरबार को रुद्रा के बात में दम लगती है और वो चुप चाप जाकर अपने जगह पे बैठ जाता है और फिरसे आग में अपना हाथ सेखने लगता है और रुद्रा के तरफ देख एक बार फिरसे कहानी शुरू करने लगता है

लेकिन जादूगर जोरबार का शक सही था , कोई था जो ईश्वक़्त अंधेरे में चुपके एक पेड़ पे बेत्के इन दोनों के ऊपर नज़र रख रहा था और इनके बातों को सुन्न रहा था , कौन हो सकता है वो ? लेकिन जादूगर जोरबार का शक सही था , कोई था जो ईश्वक़्त अंधेरे में चुपके एक पेड़ पे बेत्के इन दोनों के ऊपर नज़र रख रहा था और इनके बातों को सुन्न रहा था , कौन हो सकता है वो ?

जादूगर जोरबार आकर अपनी जगह पे फिरसे बैठ जाता है और अपने दोनों हाथों को आग में सेखने लगता है , रुद्रा जादूगर जोरबार को कहानी फिरसे शुरू करने के लिए कहता है और जादूगर जोरबार कहानी फिरसे शुरू करता है

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उसके बाद महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका दोनों वापस अपने राज्य गंडर लौट आए और अपने साथ अपने दोनों बच्चों सम्राट और विराट को भी लेअए , सम्राट और विराट दोनों दुश्मनों तौरपे एक दूसरे से जुड़े हुए थे दोनों के जिस्म में सिर्फ़ एक ही दिल धड़कता था जो इन दोनों भाइयों को एक दूसरे से बँधे हुए था , लेकिन इन दोनों को अलग करना भी जरूरी था इसलिए महाराज प्रताप सिंग ने अपने शाही जादूगर से कहकर दोनों सहजादों को जादू के मदद से एक दूसरे से अलग करवाया

जादू के मदद से दोनों सहजादे एक दूसरे से सही सलामत अलग तो हो गये लेकिन इनके जिस्म के साथ साथ इनके दिल भी दो हिस्सों में बट्ट गये , दिल का एक हिस्सा सम्राट के सीने में चला गया और दिल का दूसरा हिस्सा विराट के जिस्म में रही गया , इन दोनों के दिल और जिस्म तो अलग हो गये लेकिन फिर भी ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए थे , अगर एक नीचे गिरजता तो दूसरे को दर्द होता था , अगर एक को चोट लगती तो दूसरे के जिस्म से खून निकलता था , एक दूसरे से दुश्मनों तौरपे अलग होने के बावजूद भी ये दोनों भाई एक अलग ही तरह के बंधन में बँधे हुए थे जो इन दोनों को कभी भी अलग नहीं कर सकती थी और हमेशा एक दूसरे से बँधे रखती थी

इसके बाद महाराज प्रताप सिंग ने एक बहुत बड़ा सा जश्न्ञ का एलन किया जिसमें उनके राज्य के सभी प्रजा और आस पड़ोस के राज्य के सभी राजा उस जश्न्ञ में शामिल हुए

महाराज प्रताप सिंग ने सबसे अपने दोनों बच्चों को मिलबाया और ये कहा की ये दोनों बचे महारानी अलका को जादू से हुए हैं परियों की रानी के आशिरबाद से और इन दोनों सहजादों का नाम सम्राट और विराट रखा गया है , ये बात सुनकर गंडर के प्रजा के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा वो सब बहुत खुश थे और आस पड़ोस के राजाओं ने भी महाराज प्रताप सिंग को बधाई दिए , महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका और महाराज के कुछ कुछ सिपाहियों को छोड़ड़के किसी और को ये पता ही नहीं था की सम्राट और विराट आख़िर असलियत में है कौन , महाराज ने इसे बात को छुपाने का फैसला कर लिया था इसलिए उन्होंने अपने कुछ सिपाहियों को भी इसे बारे में तगीड कर दिया था की इसे बारे में किसी और को पता ही ना चले

इसके बाद दोनों सहजादे सम्राट और विराट महारानी अलका के प्यार के चाओं में बढ़ने लगे , दोनों सहजादे महारानी अलका के दिल में बस्ते थे महारानी अलका एक पल के लिए भी सम्राट और विराट को अकेला नहीं छोड़ड़ती थी वो हमेशा उन्न दोनों को अपने पास रखती थी अगर वो दोनों कुछ देर के लिए महारानी के आँखों से ओझल होजते तो महारानी बेचैन से हो उठती थी

सम्राट स्वभाव से बिलकुल शांत और सरल था तो वहीं विराट स्वभाव से थोड़ा सा गुस्सा वाला था बात बात पे विराट चिद्ड़ जाता था और गुस्सा हो जाता था , लेकिन ये दोनों थे बहुत प्यारे हर कोई इन्हें देखते ही अपने सारे दर्द तकलीफ और गम भुला देता था

इसे ही दोनों सहजादे धीरे धीरे बारे होने लगे जब दोनों के उमर 15 का हुआ तब महाराज प्रताप सिंग ने ये फैसला किया की अब वक्त आ गया है इन दोनों सहजादों को योधाओं का तालीम डेनेका , इसलिए उन्होंने महारानी अलका के मुहनबोले भाई खुड़बक्ष को गंडर में बुलवाया

खुड़बक्ष सभी वारएवोलफ्स का राजा था और साथ में महारानी अलका का मुहनबोला भाई भी था , महाराज प्रताप सिंग ने खुड़बक्ष को दोनों सहजादों को युध तालीम डेनएके लिए कहा और महाराज के इसे प्रस्तब में खुड़बक्ष राजी भी हो गया

बहुत जल्द गंडर में दोनों सहजादों की तालीम शुरू करदी गयी और इसी तालीम के बीच में सम्राट और विराट मिले जोरबार और डर्कलॉर्ड से ये चारों हम उमर(एक ही आगे के) थे इसलिए ये चारों कुछ ही दीनों में बहुत ही पक्के दोस्त बानगाए और एक साथ मिलकर तालीम लेने लगे , जहाँ पे सम्राट , विराट और डर्कलॉर्ड खुड़बक्ष से युध काला का तालीम लेते थे ठीक वहीं जोरबार अपने पिता से जादुई काला की तालीम लेता था , जोरबार के पिता गंडर के शाही जादूगर थे और वो अपने बेटे को भी अपने तरह एक बहुत बड़ा जादूगर बनाना चाहते थे तकिी वो बड़ा होकर गंडर के लिए काम कार सके

कुछ सालों बाद इन सबकी तालीम खत्म हो गयी और तालीम खत्म होते होते ये सब बहुत ताकतवर होचुके थे , सम्राट और विराट युध काला के दो माहिर और अचुक्क योढ़ा बंचुके थे डर्कलॉर्ड भी युध काला में काफी माहिर होचुका था और जोरबार अब जादूगर जोरबार बन चुका था और जादुई काला में वो अपने पिता से भी आगे निकल चुका था

अपने तालीम को पूरी करने के बाद ये सभी गंडर के लिए काम करने लग गये गंडर को शैतानी सीना से रक्षा करना ही इनका काम था इसे बीच शैतानो का प्रभाव मायवी दुनिया में धीरे धीरे बधरहा था , अब शैतानी सीना मायवी दुनिया के ज्यादातर स्टेट’से पे हमला करना शुरू करचुके थे इसे बीच उन्होंने गंडर पे भी हमला किया लेकिन शैतानी सीना जितनी बार भी गंडर पे हमला करती वो हारके ही वापस लौट टीी

सम्राट और विराट इन दोनों के वजह से गंडर पे एक हल्की आँच तक भी नहीं आती थी , सम्राट और विराट कुछ ही दीनों में गंडर के घर घर में माशुर हो गये , गंडर का हर एक शॅक्स के दिल में सम्राट और विराट ने अपनी जगह बणलिया था और तो और गंडर के बचे तो सम्राट और विराट को अपना हीरो मानते थे वो सभी भी सम्राट और विराट की तरह महान योढ़ा बन ना चाहते थे
 
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तुम मेशे किसी एक को काली शक्तियों को कुछ दीनों के लिए अपना ना होगा तकिी काली शक्तियों के मदद से हम जल्लाद को हरा सके , हम सब जल्लाद को किसी भी किम्मत पे हराना चाहते थे इसलिए हम गुरु धर्मानंद के उस सलाह पे राजी हो गये और फिर गुरु धर्मानंद ने हम सबकी संयम और दिमाग का परीक्षा लिया , वो ये जान ना चाहते थे की हम में से कौन सबसे ज्यादा शांत और सरल है और किसी भी परिस्थिटी में अपने दिमाग को शांत और काबू में रख सके और इसे परीक्षा में सम्राट हम सबमेसए ज्यादा काबिल निकला इसलिए गुरु धर्मानंद ने सम्राट को छूना काली शक्तियों को अपने काबू में करने के लिए

उसके बाद गुरु धर्मानंद ने सम्राट को काली शक्तियों को केशे काबू में करना है वो सिखाया और बाकी हम सबको भी अलग से जल्लाद के खिलाफ लड़ने की ट्रनिंग दी गयी , इसे बीच गुरु धर्मानंद ने विराट में भी कुछ कुछ बात नज़र की इसलिए उन्होंने विराट को खास तौरपे हम सबसे अलग ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया

कुछ महीनों तक इसे ही ट्रेनिंग चलती रही गुरु धर्मानंद ने सम्राट को सबसे अलग रखा हुआ था , उस से किसी को भी मिलने की इजाज़त नहीं थी सम्राट को काली शक्तियों को अपने अधीन में लाने में कोई परेशानी ना हो इसे लिए गुरु धर्मानंद ने ये फैसला लिया था

और गुरु धर्मानंद के ट्रेनिंग से हम सब भी ताकतवर होचुके थे लेकिन हम मेशे सबसे ज्यादा बदलाव विराट में आया था गुरु धर्मानंद के कुछ ट्रेनिंग से विराट अब एक महा योढ़ा बन चुका था सचाई और धर्म का सबसे बड़ा और ताकतवर योढ़ा बन चुका था उसके तलवार में इतनी धार थी की उसके तलवार के एक वार से बारे से बारे पहाड़ की भी धज्जियाँ उड़ जाती थी

और इसे बीच जल्लाद ने हम सबको ढूंढ़ने के लिए ज़मीन आश्मन एक कर दिया था और आख़िरकार उसे एक दिन पता चल ही गया की हम सब गुरु धर्मानंद के आश्रम में हैं और उनसे कुछ ट्रेनिंग लेरहे हैं उसे हराने के लिए इसलिए जल्लाद ने अपने फौज की एक खास टुकड़ी को भेज दिया हम पर हमला करने के लिए

जब जल्लाद के फौज ने गुरु धर्मानंद के आश्रम पे हमला किया ुषवक़्त विराट कुछ कुछ काम से गुरु धर्मानंद के चेलए ब्रह्मानंद के साथ कहीं गया हुआ था इसलिए आश्रम की हिफ़ाज़त की ज़िमेदारी हम पर आ गाई थी और में , डर्कलॉर्ड , राजकुमारी पद्‍मिनी और गुरु धर्मानंद ने मिलकर उन्न सभी शैतानो का सामना किया लेकिन हम सब बुरी तरह से हार गये

वो सभी शैतान राजकुमारी पद्‍मिनी की खूबसूरती को देख भड़क गये और उनके साथ बतामीज़ी करने लगे और फिर उनके साथ जबारजस्ति करने लगे लेकिन ठीक उसी वक्त , सम्राट को जिस कुछ कोठरी में गुरु धर्मानंद ने बंद किया हुआ था तकिी उसे कोई उसकी ट्रेनिंग में परेशान ना कार सके , उस कोठरी के दरवाजा की एक तेज धमाके के साथ धज्जियाँ उड़ गयीं

और फिर उस कोठरी के अंदर से सम्राट बाहर निकला सम्राट का पूरा शरीर हरा पदचुका था और आँखें पूरी तरह से लाल थी , जब सम्राट को हम सबने देखा तो हम सबकी आँखें छोन्दया गयीं सम्राट के रूप को देख के हम सब के होश उड़ गये थे ुषवक़्त लेकिन हमसे भी बुरी हालत किसी की थी और वो थे गुरु धर्मानंद

उनके मुंह से ुषवक़्त यही निकला था , है मेरे ख़ुदाया ये क्या हो गया , ये तो अनर्थ हो गया सम्राट की ट्रेनिंग बीच में ही रुक्क गयी इसका मतलब अब सम्राट को शैतान बन ने से कोई नहीं रोक सकता , हम सबने जब ये बात सुनी तो हम सबके होश उड़ गये थे

सम्राट उस कोठरी से बाहर निकलते ही उन्न शैतानो के ऊपर हमला करदेता है , सम्राट के एक एक मुक्के में वो शैतान मौत के घाट उतार रहे थे सम्राट उन्न सबको बड़ी ही बेरेहमी के साथ मरता हुआ आगे बधरहा था , सम्राट अपना मुंह खोलता तो उसमें से आग का बवंडर निकलता और उस आग के बवंडर में वो शैतान जल्के रख होजते

सम्राट ने कुछ ही मिनिट्स में शैतानो की उस टुकड़ी को बारे ही आसानी से खत्म कार्दिया था और उसके बाद सम्राट वहाँ से अपने नयी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए तेज रफ्तार के साथ वहाँ से चला गया

आश्रम में चारों तरफ लाशें ही लाशें गिरी पड़ी हुई थी जब विराट और ब्रह्मानंद वापाश आए थे और आश्रम की ये हालत देख दोनों तेजिसे अंदर की तरफ दौड़ गये वहाँ उन्हें सभी मीलगए , विराट ने गुरु धर्मानंद से पूछा की ये सब यहाँ क्या हुआ तो गुरु धर्मानंद ने विराट को सबकुछ बता दिया केशे यहाँ पे शैतानो ने हमला किया और केशे सम्राट की ट्रेनिंग बीच में रुक्क गयी और वो बाहर निकल आया और गुरु धर्मानंद ने विराट को ये भी बताया की अब शायद ही कोई सम्राट को शैतान बन ने से रोक सके

विराट ने ये सुनते ही कहा की में अपने भाई को कभी भी शैतान बन ने नहीं दूँगा कभी नहीं , ये बोलकर विराट ने मेरे तरफ देखा और मुझसे कहा की जल्दी से जल्दी अपनी जादू का इंटेमाल करके पता लगाओ सम्राट ईश्वक़्त कहाँ है और मैंने फौरन पता लगा लिया , सम्राट तेज रफ्तार से जल्लाद के इल्लाके के तरफ तरफ रहा था


सम्राट कहाँ है ये पता चलते ही विराट भी अपने भाई के तरफ तेजिसे तरफ गया , कुछ ही घंटों में सम्राट जल्लाद के किल्ले तक पहुँच चुका था और सम्राट के राषते में जो भी आता सम्राट उसे मौत के घर उतरके आगे तरफ जाता और विराट भी तेजिसे आगे तरफ रहा था , कुछ ही वक्त के अंदर सम्राट ने जल्लाद के सभी गुलामो को शैतानो को हरके जल्लाद के महेल के अंदर घुस गया

तब तक विराट भी वहाँ पहुँच चुका था महेल में घुसते ही सम्राट को जल्लाद दिख गया और सम्राट फौरन जल्लाद के ऊपर हमला करदेता है सम्राट और जल्लाद के बीच में एक घमासान लधाई शुरू होजती है , सम्राट का हर एक वार जानलेवा था लेकिन जल्लाद सम्राट के हर एक वार से बड़ी ही आसानी से बाचहजाता है अपनी जादुई कवच के वजह से सम्राट का हर एक वार बेकार जाने लगता है इसलिए सम्राट कमजोर पड़ने लगता है और हारने लगता है लेकिन तभी
सम्राट ईश्वक़्त जल्लाद से अकेला लध रहा था और सम्राट का हर एक वार जल्लाद पे नाकाम हो रहा था इसलिए सम्राट जल्लाद के सामने कमजोर पड़ रहा था हार रहा था

जल्लाद अपने दोनों हाथों को जोड़ता है और उसका रुख सम्राट के तरफ करता और फिर देखते ही देखते जल्लाद के हाथों से लाल रंग की ऊर्जा निकलती है और सम्राट से जा टकराती है और सम्राट दूर जाकर गिरता है और फिर जल्लाद अपने चेहरे पे मुश्कं लिए सम्राट के तरफ बढ़ने लगता है लेकिन तभी वहाँ विराट अपहुँचता है , अपने भाई को हरता हुआ देख विराट तेजिसे उस तरफ भागता है और लधाई में कुदड पड़ता है

विराट तेजिसे अपना तलवार निकलता है और उसका रुख जल्लाद के तरफ करके वार करता है इसे से विराट के तलवार से नीले रंग की ऊर्जा निकलती है और सीधे जा टकराती है जल्लाद से और जल्लाद उड़ते हुए अपने महेल के दीवार से जा टकराता है

और फिर विराट अपने तलवार को ऊपर असमान के तरफ उठता है और कुछ मंत्र पढ़ता है और फिर अपने तलवार के रुख को महेल के चारों तरफ करते हुए वार करने लगता है इसे से विराट के तलवार से काले धुएन्ँन निकालने लगते हैं और चारों तरफ तेजिसे मंडराने लगते हैं , जल्लाद ये सब हैरानी से देखने लगता है , वो काले धुएन्ँन जल्लाद के शरीर से टकराते हुए निकालने लगते हैं , जल्लाद को कुछ भी समझ में नहीं आ रही था और फिर कुछ देर बाद वो सारे काले धुएन्ँ गायब होजते हैं

विराट के आँखों में एक अजीब तरह की चमक थी ुषवक़्त और विराट के आँखों में चमक देख जल्लाद समझ जाता है की विराट ने जरूर कुछ किया है इसलिए जल्लाद अपने दोनों आँखों को बंद करता है और ध्यान लगता है , जल्लाद को फौरन पता चल जाता है की विराट ने उन्न काले धुएन्ँन के मदद से अड्रिस्या(इनविज़िबल) तेज और धार धार धागों से उसे बाँध दिया है , ये जानते ही जल्लाद को बहुत गुस्सा आता है और वो आगे बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन जल्लाद एक कदम भी हिल नहीं पता है , जल्लाद एक कदम तो दूर वो इधर उधर मूंड़ भी नहीं परहा था

जल्लाद को कुछ भी समझ में नहीं आ रही था वो क्या करे फिर उसने ध्यान लगाने का सोचा और उसने अपनी आँखों को कुछ देर के लिए बंद कर दिया और फिर कुछ देर बाद जब उसने अपनी आँखें खोली तो उसे वो अड्रिस्या धागे दिखाई देने लगे और ये भी दिखाई देने लगा की वो सारे धागों की शुरूआत कहाँ से हुई है

वो सारे धागे विराट के तलवार से निकले थे और विराट ने उन्न धागों को उन्न काले धुएन्ँन के मदद से जल्लाद के शरीर के चारों तरफ फैला दिया था और ईश्वक़्त विराट अपने तलवार को ज़मीन में थोड़ा सा अंदर धसाके ज़ोर से पकड़े हुए खड़ा था इसे से वो सारे धागे बहुत ही टाइट काश गये थे जिसके वजह से जल्लाद हिल भी नहीं परहा था

जल्लाद धीरे धीरे उन्न धागों को तोड़ने की कोशिश करने लगता है , बहुत मुश्किल से एक दो धागे टूट जाते हैं इसे से जल्लाद को थोड़ा हिलने को मिलजाता है और वो बकीके धागे भी तोड़ने की कोशिश करता है लेकिन तभी विराट फिरसे अपने तलवार को काश देता है और ज़मीन के अंदर और थोड़ा सा घुसा देता है इसे से जलद अपने कमर के बॉल आ जाता है , जल्लाद झुके हुए खड़ा था और हिल भी नहीं परहा था

विराट के द्वारा तलवार काशे जाने पर वो सारे धागे भी बहुत ज्यादा टाइट हो गये थे और इसे वजह से जल्लाद के कवच में भी क्रॅक पड़ने शुरू होचुके थे

और फिर विराट अपने तलवार को और थोड़ा सा काश देता है जिस से जल्लाद और थोड़ा सा नीचे झुकक जाता है और फिर विराट तेजिसे उठता है और अपने तलवार को तेजिसे ज़मीन के अंदर से निकलता है और जल्लाद के तरफ तरफ जाता है उसका सर काटने के लिए , और विराट को अपने तरफ तेजिसे आता हुआ देख जल्लाद फिर से अपने सभी ताक़तों को इकट्ठा करता है और फिरसे उठने की कोशिश करने लगता है वो धागे एक एक करके टूठत्ने लगते हैं
 
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विराट तेजिसे जल्लाद के तरफ बधरहा था अपने तलवार को लिए और विराट जेशे ही जल्लाद के करीब पहुँचता है तभी जल्लाद को बँधे रखे हुए सारे धागे टूट जाते हैं और फिर जल्लाद एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट दूर जाकर गिरता है

उन्न धगगों से आज़ाद होने के बाद जल्लाद फौरन उठ खड़ा होता है और विराट के तरफ गुस्से से देखता है , विराट फिरसे तेजिसे जल्लाद के तरफ बढ़ता है और जेशे ही अपने तलवार को वार करने के लिए निकलता है तभी जल्लाद तेजिसे आगे बढ़ता है और एक जोरदार मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट कुछ कदम पीछे चला जाता है

और फिर जल्लाद अपने दोनों हाथों के मुठीोन को बंद करता है और अपनी सभी ऊर्जा ताक़तों को इकट्ठा करने लगता है , इसे से उस महेल के अंदर चारों तरफ से हवाएँ बहने लगती है , देखते ही देखते जल्लाद के हाथों के मुठीोन में आग लगज़ाती है और वो अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को ऊपर उठता है और पीछे की तरफ खींचने लगता है इसे से उस महेल के अंदर और तेजिसे भी हवाएँ बहने लगती हैं

हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगती हैं की विराट का ठीक से खड़े होपना तक मुश्किल हो जाता है , हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगी थी की विराट भी उनके साथ साथ आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है , विराट अपने तलवार को ज़मीन में गड़ देता है और तलवार को ज़ोर से पकड़कर खड़ा हो जाता है तकिी ये तेज हवाएँ उसे हिल्ला भी ना पाएँ

जल्लाद फिरसे अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को पूरी ताक़त लगाकर पीछे की तरफ खींचने लगता है और इसे से महेल में हवाएँ और भी तेजिसे बहन लगती हैं और इसे से विराट भी आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है उसका तलवार अब उसे रोक नहीं पा रही थी , विराट उन्न तेज हवाओं में फिसलते हुए जल्लाद के तरफ तरफ रहा था

तुम्हारा आखिरी वक्त आ गया है विराट , जब विराट जल्लाद के पास फिसलते हुए पहुँच जाता है तब जल्लाद ये बात विराट से कहता है , और फिर जल्लाद अपने उन्न दोनों मुठीोन को काश लेता है इसे से उन्न दोनों मुठीोन में आग और ज़ोर से रफ्तार पकाड़लेटी है और तेजिसे जलने लगती है

विराट अपनी पूरी ताक़त लगा रहा था पीछे हटने के लिए लेकिन विराट उन्न तेज हवाओं के कारण हिल भी नहीं परहा था और इधर जल्लाद एक तेज चीख के साथ विराट के ऊपर अपने दोनों जलते हुए मुठीोन से वार करने लगता है

लेकिन इसे से पहले की जल्लाद के वो जलते हुए दोनों मुट्ठी विराट तक पहुँचते की तभी अचानक कहीं से एक जोरदार मुक्का आकर जल्लाद के सीने में पड़ता है और जल्लाद कुछ कदम पीछे चला जाता है

ये मुक्का झड़ने वाला कोई और नहीं बल्कि सम्राट था और ईश्वक़्त सम्राट की आँखें लाल रंग से चमक रही थी , सम्राट को देख विराट खुश हो जाता है और जल्लाद सम्राट को देख बहुत गुस्सा होता है

जल्लाद गुस्से से सम्राट के तरफ देखते हुए अपने दोनों हाथों को जोड़ता और उनमें ऊर्जा शक्तियाँ भरने लगता है , जल्लाद को शा करता हुआ देख विराट भी तैयार हो जाता है और अपने तलवार को ऊपर उठा लेता है

सम्राट सतर्क होजाओ लगता है अब जल्लाद हुंपे कोई घातक हमला करने वाला है , विराट सम्राट से ये कहता है

सम्राट पीछे पलट था है और विराट को देखने लगता है और विराट के हाथ में तलवार देख सम्राट भड़क जाता है और अपने दोनों हाथों को काश लेता है और अपने ऊर्जा शक्टिओं को इकट्ठा करने लगता है और देखते ही देखते सम्राट के हाथों में लाल रंग की ऊर्जा शक्ति आ जाती है

और फिर बिना देर किए सम्राट अपनी लाल रंग की ऊर्जा शक्तियों से विराट के ऊपर हमला करना शुरू करदेता है , जब विराट ये देखता है की सम्राट उसपर हमला कार रहा है तो वो फौरन सामने से कुदड जाता है और सम्राट के ऊर्जा हमले से बच जाता है

सम्राट ये तू क्या कार रहा है तू मुझपर क्यों हमला कार रहा है तुझे जल्लाद पे हमला करना चाहिए वो हमारा दुश्मन है , विराट ने इतना ही कहा था की तभी सम्राट फिरसे विराट के ऊपर अपनी ऊर्जा शक्तियों से हमला करता है

जब ये नज़ारा जल्लाद देखता है तो वो हैरान रहजता है और साथ में खुश भी होता है और हो भी क्यों ना आख़िर कर उसके दो सबसे बारे दुश्मन जो उसे हराने की ताक़त रखते हैं वो ईश्वक़्त आपस में जो लध रहे थे
सम्राट विराट के ऊपर अपने ऊर्जा शक्तियों से एक के बाद एक वार करने लगता है और विराट वहाँ से कूद कूदके सम्राट के हमलो से अपने आप को बचाने लगता है , विराट अगर चाहता तो सम्राट को उसके हमले का जवाब भी दे सकता था लेकिन विराट जनता था की सम्राट पे ईश्वक़्त शैतानियत हावी है जिसके वजह से सम्राट उसे पहचान नहीं परहा है और उसे अपना दुश्मन समझ के हमला कार रहा है

दोनों भाईओं के बीच के जंग को जल्लाद बारे आराम से खड़े होकर हस्सते हुए देख रहा था , सम्राट विराट के ऊपर एक के बाद एक ऊर्जा शक्तियों का गोला फेंक के वार कार रहा था और विराट बहुत ही मुश्किल से अपने आप को बच्चा रहा था और फिर विराट को जब मौका मिला तब वो चुप जाता है सम्राट के नर्जों से कुछ ही दूरी पर

जब विराट गायब हो जाता है तो सम्राट की नज़र पड़ती है जल्लाद के ऊपर और सम्राट फौरन उसके तरफ तेजिसे बदहजता है , सम्राट को अपने तरफ आता हुआ देख जल्लाद सतर्क हो जाता है

जल्लाद के पास पहुँचते ही सम्राट एक तेज मुक्का जल्लाद को झड़ देता है इसे से जल्लाद कुछ कदम पीछे हॅट जाता है और जल्लाद भी तेजिसे आगे बढ़ता है और सम्राट के मुक्के का जवाब मुक्के से देता है और फिर दोनों के बीच लधाई शुरू होजती है कभी जल्लाद सम्राट को मुक्के और लात से मरता तो कभी सम्राट जल्लाद को मुक्के और लात से मरता

और दोनों अपने अपने शरीर को काश लेते हैं और अपने ऊर्जा शक्तियों को बाहर निकल लेते हैं और एक दूसरे पे हमला करना शुरू करदेटे हैं , विराट एक जगह पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और सोच रहा था की वो क्या करे , और तभी विराट को कुछ याद आता है जो उसे ट्रेनिंग के वक्त गुरु धर्मानंद ने कहा था

गुरु धर्मानंद ने कहा था की ” जल्लाद के पास बहुत से शैतानी शक्तियाँ है और उसकी सबसे बड़ी शक्ति उसकी काली शक्तियों से बना उसका कवच है जो उसके शरीर पे हमेशा मौजूद रहता है , अगर तुम लोग उसके कवच को तोड़ने में कामयाब हो गये तो फिर जल्लाद को हराना तुम्हारे लिए बहुत आसान होज़ायगा , उसका कवच ही है जो उसे बारे से बारे हमले से बचाता है अगर उसका कवच ही नहीं रहेगा तो वो अपने आप को बचाएगा केशे

गुरु धर्मानंद के कहे गये इसे बात का याद आ ही विराट समझ जाता है उसे क्या करना है , उसे किसी भी हाल में जल्लाद के कवच को तोड़ना है , इधर विराट सोचने में लगा हुआ था उधर सम्राट जल्लाद से लड़ने में

सम्राट अपने हाथ में पकड़े हुए ऊर्जा के गोलों को जल्लाद के ऊपर फेंक रहा था और जल्लाद अपने आप को बचाते हुए सम्राट के ऊपर अपने ऊर्जा के गोलों से वार कार रहा था और फिर एक गोला सीधा जाकर सम्राट को लगता है और सम्राट जाकर महेल के दीवार से टकरा जाता है और उसके बाद जल्लाद अपने शक्तियों को इकट्ठा करता है और अपने हाथ को काश लेता है इसे से उसके हाथ में फिरसे आग के ज्वाले उठने लगते हैं और वो हवा को नियंत्रण करने लगता है उसके बाद जल्लाद हवा को काबू में करके सम्राट को अपने तरफ खींच ने लगता है और सम्राट जल्लाद के तरफ खींचता हुआ चला आता है

सम्राट हिल भी नहीं परहा था और जब सम्राट खींचते हुए जल्लाद के पास पहुँच जाता है तब जल्लाद अपने जलते हुए मुट्ठी को कसके एक जोरदार मुक्का सम्राट को झड़ देता है और सम्राट हवा में उड़ते हुए जाकर दूर गिरता है

इसे बीच विराट सामने अचुका था और विराट तेजिसे आगे बढ़ता है और अपने तलवार को निकल लेता है और फिर कुछ मंत्र पढ़कर विराट अपने तलवार को जल्लाद के तरफ करके वार करता है इसे से विराट के तलवार से अनगिनत तेजधार चाकू और बहुत से छोटे छोटे धार धार तलवार निकलकर तेजिसे जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं

और जल्लाद सामने कूदके अपने आप को बचाने लगता है बहुत से चाकू और तलवार जल्लाद के शरीर को बिना लगे चले जाते हैं लेकिन कुछ चाकू और तलवार सीधे जाकर जल्लाद के शरीर से टकराते हैं वेशे जल्लाद का कुछ होता तो नहीं है पर जल्लाद का कवच इसे हमले से थोड़ा सा फट जाता है

और जब जल्लाद ये देखता है तो उसे बहुत गुस्सा आता है और वो तेजिसे विराट के तरफ बढ़ने लगता है लेकिन इसे से पहले जल्लाद विराट तक पहुँचता विराट फिरसे जल्लाद पे अपने तलवार से वार करदेता है और विराट के तलवार से फिरसे वो तेज धार चाकू और तलवार निकलकर जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं और जल्लाद उनसे अपने कवच को बचाने की कोशिश में लग जाता है

इसे बीच सम्राट भी वहाँ वापस अचुका था और ईश्वक़्त सम्राट पे भी शैतानी शक्तियों का प्रभाव थोड़ा सा कम हो चुका था इसलिए वो वहाँ आ ही विराट से पूछता है ये क्या हो रहा है

विराट सम्राट को ठीक हालत में देख खुश होता है और कहता है अपने शक्तियों को तैयार कर लो हमें सबसे पहले जल्लाद के कवच को तोड़ना है उसके बाद उसे हराना आसान होजएगा और उसके बाद दोनों भाई सम्राट और विराट दोनों मिलकर अपने अपने शक्तियों का इस्तेमाल करके जल्लाद के कवच पे हमले करने लगते हैं और जल्लाद अपने आप को और अपने कवच को बचाने की कोशिश करने लगता है लेकिन आख़िरकार दोनों भाइयों की मेहनत रंग लाती है और दोनों भाइयों का एक साथ हमला कामयाब रहता है

विराट के तलवार से निकले धार धार चाकू और तलवार और सम्राट की ऊर्जा शक्ति दोनों जाकर टकराते हैं जल्लाद के कवच से और देखते ही देखते जल्लाद का कवच टूट के बिखर जाता है ज़मीन पे और सम्राट का शरीर धीरे धीरे सूखने गलने लगता है


और फिर विराट आगे बढ़ता है और अपने तलवार को जल्लाद के सीने में घुसेड़ देता है और उसके बाद सम्राट अपने एक ऊर्जा के गोले को जल्लाद के शरीर पे फेंक देता है उसके बाद एक तेज विस्पोट के साथ जल्लाद के शरीर के चिथड़े उड़ जाते हैं और जल्लाद हमेशा हमेशा के लिए ख़ात्मा हो जाता है

जल्लाद के मौत के बाद अचानक वहाँ पे बहुत से काले ढुईं इकट्ठे होने लगते हैं , ये सारे काले ढुईं काली शक्तियाँ थी जो की अब तक जल्लाद के कंट्रोल में थी और जल्लाद के मरते ही उसके शरीर से आज़ाद हो चुकी थी

वो सभी काली शक्तियाँ धीरे धीरे सम्राट के तरफ बढ़ती हैं और देखते ही देखते वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट में समा जाती हैं , विराट सिर्फ़ देखता ही रहजता है और वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट के शरीर में समा जाती हैं और सम्राट के दिल को और भी काला करदेटी हैं

विराट आगे बढ़ता है और सम्राट को समझने की कोशिश करता है की वो इन सभी काली शक्तियों को अपने अंदर से निकल फेंकने की कोशिश करे लेकिन विराट के इन बातों का सम्राट पे कोई भी असर नहीं होता है क्योंकि सम्राट के दिलों दिमाग पे सिर्फ़ ुषवक़्त काली शक्तियाँ चाय हुई थी और सम्राट आगे बढ़ता है और एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है

इसे से विराट हवा में उड़ता हुआ जाता है और एक चट्टान से जा टकराता है , विराट फौरन उठ खड़ा होता है और सम्राट के तरफ बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन जब तक विराट सम्राट तक पहुँचता तब तक सम्राट अपने नये काली शक्तियों के मदद से वहाँ से गायब हो जाता है

विराट सिर्फ़ अपना हाथ माल्टा रहजता है वो सम्राट को भागने से रोक नहीं पता है और आख़िर में विराट मायूस होकर गुरु धर्मानंद के आश्रम में लौट आता है , विराट गुरु धर्मानंद और बाकी सभी को वहाँ उस जंग में जो जो हुआ वो सब कुछ बता देता है

फिर गुरु धर्मानंद कहते हैं की सम्राट अब बदल चुका है और शायद ही वो कभी वापस अचाई के राषते पर लौट सके लेकिन गुरु धर्मानंद के इसे बात को विराट नहीं मानता है और कहता है , चाहे जो कुछ भी होजए लेकिन वो हार नहीं मानेगा वो सम्राट को ढूंढ. के उसे वापिस अचाई के रशे पे ला कर ही रहेगा

उस हाधसे के बाद विराट और हम सबने बहुत दिन , महीनों और सालों तक सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया का छापा छापा छान मारा लेकिन हमें सम्राट कहीं भी नहीं मिला , सम्राट के ना मिलने से हम सब मायूस होकर वापिश अपने अपने स्टेट’से में लौट आए , राजकुमारी पद्‍मिनी अपने टूटे हुए दिल को लेकर परिलोक लौट गयी और में विराट और डर्कलॉर्ड हम तीनों वापिश गंडर लौट आए

जब हम सब सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया के हर एक कोने को तलाश कार रहे थे उस वक्त सम्राट मायवी दुनिया के एक इसे इलाके में छुपा हुआ था जिसके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते थे , सम्राट खून्नी जुंगेल के काले पहाड़ी पे छुपा हुआ था और अपने काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में लानेकिी कोशिश कार रहा था और साथ में उन्न काली शक्तियों को बढ़ा भी रहा था और हर बिट्ट ते हुए दिन के साथ सम्राट अपने शक्तियों को और भी ज्यादा बढ़ता जा रही था

और जब सम्राट ने बहुत से काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में कर लिया तब उसने अपने काली शक्तियों के मदद से अपने लिए एक खुदका स्टेट बनाया , काले पहाड़ी के उस तरफ एक नदी बहता था उस नदी के दूसरे तरफ एक बर्फीला पहाड़ी इलाका था , उस बर्फीले पहाड़ी इलाके को उसने अपने शक्तियों के मदद से एक स्टेट का रूप दे दिया और उसने अपने स्टेट का नाम रखा थे डेत वाली , और डेत वाली में सम्राट ने काली दुनिया के हर उस दरिंदे को रहने की जगह दी जो काली दुनिया से था और शैतानियत उसका धर्म था

और फिर सम्राट ने अपना खुदका एक शैतानी फौज भी बणलिया जिनका मक्षद सिर्फ़ एक ही था पूरे मायवी दुनिया के ऊपर शैतानियत का राज और इसे मक्षद को पूरा करने के लिए सम्राट को कुछ भरोसेमंद शती चाहिए थे जो वक्त आने पर उसके लिए अपनी जान भी देने से पीछे नहीं हॅट ते , इसे लिए एक रात सम्राट चुपके से अपना भेष बदल के गंडर में दाखिल हुआ और मुझसे और डर्कलॉर्ड से मिला और उसने हम दोनों को ये याद दिलाया की उसने हम दोनों की जान बचाई थी और हम दोनों ने उसे वादा किया था की हमेशा उसका साथ देंगे चाहे वो सही हो या गलत

और फिर उस वादे के वजह से में और डर्कलॉर्ड हम दोनों ना चाहते हुए भी सम्राट के साथ जुड़ गये उसके शैतानी मक्षद को पूरा करने के लिए , उसके बाद सम्राट ने मायवी दुनिया के हर एक छोटे बारे स्टेट’से पे हमला किया और जीता और जीतने के बाद सम्राट उस स्टेट को पूरी तरह से तबाह करदेता था , सम्राट को लोगों को मरते हुए देखना दूश्‍रों के खून से नहाना अच्छा लगने लगा था इसे लिए सम्राट ने एक शैतानी फैसला किया सम्राट जिस भी जंग को जीिट था उस जंग में जिन्न लोगों को बंदी बनाया जाता था उन्हें मारकर उसने डेत वाली के साफ नदी को कोन से भरने लगा देखते ही देखते कुछ ही महीनों में वो पूरा नदी खून से भर गयी और इसे तरह उस नदी का नाम थे रिवर ऑफ ब्लड पड़ गया सम्राट उस खून से भरे हुए नदी में रोजाना नहाया करता था

दिन बीए दिन सम्राट की शैतानियत और दरिंदगी बढ़ती ही जा रही थी और उसके इन दरिंदगिओं का शिकार मायवी दुनिया के बेकसूर और मासूम लोग बन रहे थे इसे लिए जो स्टेट सम्राट के आतंक से बच गये थे या फिर जिनकी बड़ी आई ही नहीं थी वो सब धीरे धीरे इकट्ठे होने लगे सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए और वो स्टेट’से थे , गंधर्व नगरी – स्टेट ऑफ हॉबैट’से – जंगल ऑफ WअरेWओल्फ’से और कुछ छोटे छोटे स्टेट’से

ये सारे स्टेट’से सम्राट के खिलाफ इकट्ठे हो तो गये थे लेकिन ये सभी जानते थे की इन सबका सम्राट के सामने कोई मुकाबला नहीं सम्राट की शैतानी फौज इन सबकी फौज को बारे ही आसानी से हरा शक्ति है इसलिए इन्हें एक इसे योढ़ा की जरूरत थी जिसके बाजुओं में धर्म की ताक़त हो और उसके तलवार में सचाई की धार और शा योढ़ा पूरे मायवी दुनिया में सिर्फ़ एक ही था और वो था गंडर का सहजादा विराट जो की सम्राट का जुड़वा भाई था और विराट अब गंडर का युवराज भी था

इन सभी स्टेट’से के राजा मिलकर गंडर गये और विराट से सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए कहा क्योंकि पूरे मायवी दुनिया में विराट ही एक शा योढ़ा था जो सम्राट से टकरा सकता था और उसके शैतानी इरादों को रोक सकता था , लेकिन विराट ने इसे बात के लिए साफ तौरपे उन्न सभी राजाओं को मना कर दिया विराट ने कहा की वो अपने भाई के खिलाफ जंग नहीं लध सकता है क्योंकि वो अपने भाई से जान से भी ज्यादा प्यार करता है
बिना विराट के साथ के सम्राट के खिलाफ जंग में उतरे तो निश्चित ही उनकी हार पकिी थी

इसलिए अब सिर्फ़ उनके पास एक ही राष्टा था की वो सब केशे भी करके विराट को इसे जंग को लड़ने के लिए तैयार करे और विराट को शायद सिर्फ़ एक ही इंसान मना सकता था और वो थे गुरु धर्मानंद इसलिए सभी राजा मिलकर गुरु धर्मानंद के आश्रम के तरफ चालदीए

सभी राजाओं से उनकी परेशानी सुन ने के बाद गुरु धर्मानंद ने विराट को राजी करवाने की ज़िमेदारी अपने सर पे ले लिया और गंडर के तरफ रबाना हो गये

जब गुरु धर्मानंद विराट से मिले तब गुरु दरमानंद ने विराट को अपना सौगंध याद दिलाया की जब तक शरीर में आखिरी सांस होगी तब तक शैतानियत और अधर्म के खिलाफ लधता रहूँगा यही सौगंध लिया था ना तुमने विराट , तो अब क्या हो गया तुम्हें तुम अपना धर्म पालन क्यों नहीं कार रहे हो , गुरु धर्मानंद ने ये बात विराट से कही

जवाब में विराट ने कहा गुरु जी में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई के खिलाफ जंग लध सकता हूँ में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई को मर दम

विराट में समझ सकता हूँ की तुम अपने भाई से बहुत प्यार करते हो लेकिन तुम खुद ही सोचो क्या सम्राट अब तुम्हारा वही भाई है जो तुमसे बहुत प्यार करता था , नहीं विराट अब सम्राट वो सम्राट नहीं रहा जो दूश्‍रों के लिए जिया करता था जो सबकी जान बचाने के लिए अपने जान देने से भी पीछे नहीं हॅट था था , अब सम्राट बिलकुल शैतान बन चुका है जब तक सम्राट दूश्‍रों के खून से नहा नहीं लेता तब तक उसे नींद नहीं आती इसलिए ये जंग जरूरी है हम सबको मिलकर किसी भी हाल में सम्राट को रोकना होगा , ये बोलकर गुरु धर्मानंद ने अपनी बात खत्म की , उसके बाद विराट चुप ही रहा जिसका मतलब वो इसे जंग के लिए राजी था

उसके बाद सभी स्टेट’से मिलकर जंग की तैयारी में लग गये और ये खबर सम्राट तक भी पहुँच गयी थी लेकिन सम्राट इसे से बिलकुल भी परेशान नहीं था क्योंकि वो समझता था की जीिट उसकी ही होगी

और इसे बीच सम्राट से मिलने विराट और राजकुमारी पद्‍मिनी दोनों बड़ी बड़ी डेत वाली में गये थे और उन्न दोनों ने सम्राट को समझने की कोशिश भी की अब भी मौका है बुराई का रासता छोड़कर अचाई के राषते पे आ जाओ लेकिन सम्राट ने उन्न दोनों को मना कर दिया

इधर गुरु धर्मानंद ने सभी राजाओ को अपने पास बुलाया और ये बताया की सम्राट को हम इसे जंग में हरा तो सकते हैं लेकिन मर नहीं सकते , जब ये बात सबको पता चली तो सभी के होश उड़ गये क्योंकि बिना सम्राट को मारे उनकी जीिट नमुनकीन थी

फिर उन में से एक राजा ने पूछा , क्यों हम सम्राट को मर क्यों नहीं सकते हैं गुरु जी
 
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क्योंकि सम्राट कोई मामूली शैतान नहीं है , सम्राट और विराट दोनों का जन्म देवी माया के कोक से हुआ था इसलिए वो दोनों भी देवताओं के संतान हैं या यूँ कह सकते हो की वो दोनों आखिरी देवता हैं इसे मायवी दुनिया के और सम्राट अब एक शैतान बन चुका है इसलिए बारे से बड़ा हथियार उसे सिर्फ़ घायल कर सकता है लेकिन उसे मर नहीं सकता इसलिए सम्राट को मरने के लिए हमें एक दिव्यास्त्रा की जरूरत है

तो अब हम इसे दिव्यास्त्रा को कहाँ से लाएँ गुरु जी जिसके मदद से हम सम्राट को मर सकें और तो और हमारे पास इतना वक्त भी नहीं है की उस दिव्यास्त्रा के खोज में निकले

कहीं भी किसी भी खोज में जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि दिव्यास्त्रा का बंदोबस्त हो गया है , गुरु धर्मानंद के मुंह से इसे बात को सुन ने के बाद सभी के चेहरे पे एक चमक से आ गाई थी और सभी गुरु जी से उस दिव्यास्त्रा को देखने के लिए डर्कवास्त करने लगे

जवाब में गुरु धर्मानंद ने कहा , में ही वो दिव्यास्त्रा हूँ मैंने अपने जिंदगी में जीतने भी पुण्या कियेन हैं उसका फल मुझे मिला मेरे शरीर की रीद्द की हड्डी दिव्या होचुकी है इसलिए तुम लोग मेरे शरीर के रीद्द की हड्डी से दिव्यास्त्रा का निर्माण करके उस से सम्राट का अंत कर सकते हो , ये बोलकर गुरु धर्मानंद चुप हो गये

उसके बाद एक राजा ने कहा , पर गुरु जी अगर हम आप के रीद्द की हड्डी से दिव्यास्त्रा का निर्माण करेंगे तो फिर आप की तो मौत होज़ायगी , जवाब में गुरु धर्मानंद ने मुश्कूरके जवाब दिया धर्म और अचाई की रक्षा करने के लिए जान देने में जो आनंद है वो किसी और चीज़ में कहाँ

उसके बाद गुरु धर्मानंद ने लकड़ियों की चीता जलाई और खुद जाकर उस जलते हुए चीता में बैठ गये और उन्होंने इसे दुनिया से समधी ले ली , जेशा की उन्होंने समधी लेने से पहले कहा था ठीक उसी तरह से सभी ने गुरु धर्मानंद के रीद्द की हड्डी से एक बहुत ही ताकतवर दिव्यास्त्रा खंजर का निर्माण किया जिस से सम्राट को मारा जा सके और उस दिव्यास्त्रा का बागडोर विराट के हाथों में देदी गयी तकिी वो वक्त आने पे उस दिव्यास्त्रा को सम्राट के सीने में उतार सके और सम्राट को मर सके

दिव्यास्त्रा के बन ने के बाद सभी तैयार थे सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सभी राजाओं ने मिलकर जंगल ऑफ वारएवोल्फ’से के राजा खुड़बक्ष को अचाई के फौज का सेनापति बनाया और फिर मायवी दुनिया के सभी राजा मिलकर अपने अचाई के फौज को लेकर सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने निकल पड़े
इधर जंग से पहले ही डर्कलॉर्ड ने सम्राट को धोका दे दिया , डर्कलॉर्ड ने सम्राट के आधी फौज को सम्राट के खिलाफ भड़कके उन्हें लेकर वहाँ से भाग गया इसे से सम्राट की फौज की तादाद बहुत कम हो गयी , सम्राट की शैतानी फौज की तादाद कम थी लेकिन फिर भी सम्राट की फौज बहुत ही ताकतवर थी

वो जंग खून्नी जंगल के सरहद और डेत वाली के सरहद के बीच में लधि गयी थी बहुत ही खतरनाक जंग थी वो , जब जंग शुरू हुई तो सम्राट के फौज ने पागलों की तरह अचाई के फौज के ऊपर हमला बोल दिया जो भी उनके सामने आता सम्राट की फौज उसे कुचलती हुई आगे तरफ जाती और इसे तरह अचाई के योधाओं को मरता हुआ देख विराट भी जंग के मैदान में उतार पड़ा

उसके बाद तो जेशे जंग का माहौल ही बदल गया जहाँ कुछ देर पहले ये लग रहा था की बुराई की फौज आज आसानी से जीिट जाएगी अब विराट के जंग में उतरने के बाद उसका उल्टा होने लगा अचाई बुराई पर हावी होने लगी , विराट के तलवार के धार के सामने सभी शैतानी योढ़ा गाजर मूली की तरह कटके गिरने लगे जंग का माहौल तेजिसे बदलने लगा बुराई के योढ़ा तेजिसे मरने और घटने लगे

और अपने योधाओं को यूँ मरता हुआ देख सम्राट को खुद जंग के मैदान में उतरना पड़ा , और जब सम्राट जंग के मैदान में उतरा तो तेजिसे वहाँ का मौसम बदलने लगा जहाँ पे कुछ देर पहले दिन का उजाला था अब वहाँ पे धीरे धीरे काली अंदरी रात गहराने लगी थी

सम्राट अपने सामने आने वाले सभी अचाई के योधाओं को मारकर उनके लाशों पे पर रखकर आगे तरफ रहा था जो भी उसके सामने आता सम्राट उसे अपने तलवार से बीच में से कटके दो हिस्सों में बाँट देता इसे तरह सम्राट क़हर बनकर अचाई के फौज के ऊपर बरस ने लगा था

और फिर कुछ देर बाद सम्राट और विराट का आमना सामना हो ही गया दोनों भाई एक दूसरे के आमने सामने खड़े थे दोनों ने अपने अपने हाथों में अपनी अपनी तलवार पकड़ रखी थी

जब विराट ने सम्राट को देखा तो उसने एक बार फिर से सम्राट से कहा , मेरे भाई प्लीज़ वापिश लौट आऊ अभी भी वक्त है उस राषते को चोद दो और मेरा हाथ पकड़ लो

इसका जवाब सम्राट के तलवार ने दिया , सम्राट ने विराट पे पहला वार करते हुए कहा , कभी भी नहीं मेरे भाई कभी नहीं

इसके बाद दोनों भाइयों के बीच में घमासान जंग का अगाज़ हो गया दोनों ही एक दूसरे पे एक के बाद एक हमले करने लगे दोनों की तलवार जब एक दूसरे से टकराती थी तब आश्मन में बिजलियाँ कड़कड़ने लगती थी

और फिर सम्राट ने अपने तलवार से एक खतरनाक वार विराट पे किया जिस से विराट का लेफ्ट हेंड थोड़ा सा कट गया और उस में से खुन्ण बहने लगा और विराट के मुंह से एक हल्की से चीख भी निकल पड़ी लेकिन उस वार का असर सम्राट पे भी हुआ सम्राट का भी लेफ्ट हेंड थोड़ा सा कट गया था और उस में से भी खुन्ण बहने लगा था , सम्राट चौंकते हुए विराट के तरफ देखने लगता है

शायद तू भूल रहा है मेरे भाई हम दोनों जुड़वा हैं हम दोनों के सीने में एक ही दिल के दो टुकड़े धड़क रहे हैं हम दोनों दो जिस्म एक जान हैं , अगर हम में से किसको चोत्त लगेगी तो दूसरे को भी चोट लगेगी और दर्द भी होगा अगर हम में से कोई एक मेरेगा तो दूसरा भी अपने आप मर जाएगा , इसे लिए कहता हूँ अभी भी वक्त है मेरे भाई बुराई का साथ छोड़ दे और अचाई के राषते पे लौट आ

में बुराई का साथ कभी नहीं चोदूंगा मेरे बेवकूफ्फ भाई तुझे क्या पता बुराई में जो बात है वो अचाई में कहाँ ये बोलते हुए सम्राट फिर से विराट पे हमला करता है लेकिन विराट सम्राट के इसे हमले के लिए पहले से ही तैयार था इसे लिए विराट ने सम्राट के हमले से अपने आप को बचाते हुए एक खतरनाक वार सम्राट पे करता है जिस से सम्राट अपने आप को बचाने के लिए अपने तलवार को विराट के सामने करदेता है जिस से सम्राट की तलवार टूट के ज़मीन पे बिखर जाती है और फिर विराट एक तेज मुक्का सम्राट को झड़ देता है जिस से सम्राट पेट के बाल ज़मीन पे गिरजता है

मुझे माफ करना मेरे प्यारे भाई पर तुमने मेरे सामने और कोई राष्टा ही नहीं चोदा है इसके अलावा , ये कहते हुए विराट अपने कमर से उस दिव्या खंजर को निकलता है जिसे गुरु धर्मानंद के रीद्द की हड्डियों से बनाया गया था , विराट अपने हाथ में उस दिव्या खंजर को पकड़े तेजिसे सम्राट के तरफ बढ़ता है

लेकिन जेशे ही विराट सम्राट के ऊपर वार करने को होता है तभी सम्राट पीछे पलट था है और तभी विराट की नज़र सम्राट के आँखों पे पड़ती है जिस से विराट को अपने बचपन के दिन याद आजाते हैं , विराट को अपने बचपन के हसीना पल याद आजाते हैं जो उसने अपने जान से भी प्यारे भाई सम्राट के साथ गुजरे थे

और यहीं पे विराट चूक जाता है वो सम्राट को मर नहीं पता है जिसका फायदा सम्राट उठता है और सम्राट फौरन ज़मीन से उठ खड़ा होता है और एक लात विराट के सीने पे झड़ देता है इसे से विराट कुछ कदम पीछे जाकर गिरता है

फिर सम्राट नीचे ज़मीन पे पड़े विराट के तरफ देखते हुए कहता है , मेरे भाई ना ही तू मुझे मर सकता है और ना ही में तुझे मर सकता हूँ , तू मुझे इसे लिए नहीं मर सकता क्योंकि तू अभी भी मुझे प्यार करता है और में तुझे इसे लिए नहीं मर सकता हूँ क्योंकि तुझे मारकर में अपने आप को मारना नहीं चाहता हूँ , इसे लिए हम दोनों का एक दूसरे से ना टकराना ही बेहतर होगा

ये कहते हुए सम्राट विराट को वहाँ छोड़कर वहाँ से दूसरे तरफ चल देता है और अचाई के फौज के दूसरे योधाओं पे क़हर बनकर हमला करने लगता है , सम्राट अपने ऊर्जा शक्तियों से अचाई के योधाओं को तेजिसे मरता जा रही था , सम्राट अपने काली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए हवा में उड़ते हुए अचाई के फौज के ऊपर आग के गोले बरसाने लगता है , काली शक्तियों के मदद से सम्राट उनपर आश्मन से बिजलियाँ गिरने लगता है और उन्न सभी अचाई के योधाओं पे ऊर्जा के गोले भी फेंक ने लगता है

सम्राट के हाथों तेजिसे अचाई की फौज का नामो निशान मिट रहा था अब सिर्फ़ कुछ ही अचाई के योढ़ा बच गये थे , सेनापति खुड़बक्ष तेजिसे दौड़ता हुआ विराट के तरफ आता है और विराट से कहता है , विराट ये तुमने क्या कर दिया तुम्हारे पास एक अच्छा मौका था तुम सम्राट को मर सकते थे , तुमने उसे मारा क्यों नहीं देखो तुमसे बचने के बाद उसने किस तरह हमारे योधाओं को किडडे माक्कोदॉन की तरह मारना शुरू कर दिया है , अब सिर्फ़ हमारे कुछ ही योढ़ा बचे हैं

मुझे माफ कार्दिजिए खुड़बक्ष पर में क्या करता जब मैंने उसके आँखों में देखा तो मुझे वो पुराना वाला सम्राट याद आ गया और में उसे मर नहीं पाया , विराट आँखों में आस्यू लिए ये बात खुड़बक्ष को कहता है

विराट ये वक्त कमजोर पड़ने का नहीं है तुम्हें वो सारी बातें भूलनी होंगी और सम्राट को मारना होगा , विराट क्या तुम भूल गये गुरु धर्मानंद की क़ुर्बानी , क्या गुरु जी की क़ुर्बानी नाकामयाब होज़ायगी बताओ विराट बताओ , विराट अगर आज सम्राट बच गया तो फिर हम उसे कभी नहीं मर पाएँगे और इसे मायवी दुनिया पे बुराई का राज होज़ायगा और रोजाना निर्दोष और बेगुनाह लोग बिना किसी वजह के मारे जाएँगे , खुड़बक्ष ये कहते हुए विराट के तरफ देखते हैं

नहीं खुड़बक्ष में सम्राट को नहीं मर सकता हूँ , क्योंकि अभी भी मेरे दिल के किसी कोने में सम्राट के लिए प्यार है इसे लिए में उसे मर नहीं पाऊँगा , ये काम आप को करना होगा आप को सम्राट को मारना होगा , ये लीजिए दिव्या खंजर और जाकर घुसेड़ दीजिए सम्राट के सीने में , ये कहते हुए विराट उस दिव्या खंजर को सेनापति खुड़बक्ष के तरफ बढ़ा देता है

विराट ये तुम क्या कह रहे हो सम्राट को अगर हराने की और मरने की ताक़त कोई रखता है तो वो सिर्फ़ तुम हो में तो उसके पास भी नहीं जा पाऊँगा और वो मुझे अपने काली शक्तियों के जरिए मर देगा , खुड़बक्ष परेशान होते हुए ये कहता है

नहीं खुड़बक्ष आज जीिट सचाई और अचाई की ही होगी सम्राट मरेगा और वो भी आप के हाथों और साथ में में भी मारूँगा , खुड़बक्ष शायद आप भूल रहे हैं सम्राट और में हम दोनों जुड़वा हैं दो जिस्म एक जान हैं , अगर हम में से किसको चोत्त लगेगी तो दूसरे को दर्द होगा , इसलिए में यहाँ अपने दोनों हाथों के नशे काट लूँगा जिस मेरे साथ साथ सम्राट के भी दोनों हाथ की नशे कट जाएँगी इसे से मेरे साथ साथ सम्राट भी कमजोर होज़ायगा उसकी शक्तियाँ ठीक से काम नहीं करेंगी और उसी मौके का फायदा उठाकर आप उसके सीने में खंजर उतार देना , विराट ये कहते हुए अपने बात को खत्म करता है

इसका मतलब सम्राट के साथ साथ तुम भी मर जाओगे , नहीं विराट ये में नहीं कर सकता , तुम एक सच्चे धर्म के योढ़ा हो तुम्हारे जेशा सच्चा योढ़ा लाखों करदों साल में एक बार पेड़ा होता और में तुम्हें मारकर इसे दुनिया को एक अचाई के योढ़ा से बंचित नहीं रखना चाहता हूँ विराट , खुड़बक्ष ये कहता है

हमारे पास और कोई राष्टा नहीं है खुड़बक्ष आप को वही करना होगा जो मैंने आप को कहा है , अब वक्त आ गया है की में भी गुरु जी की तरह सचाई के लिए अपने जान को क़ुरबान कार्दुन , अब जाए आप और सम्राट के सीने में खंजर को उतार दीजिए


और फिर खुड़बक्ष विराट के हाथों से उस दिव्या खंजर को लेता है और आगे तरफ जाता है सम्राट के तरफ और इधर विराट अपने तलवार को उठता है और उस से अपने दोनों हाथों के नशे काट लेता है , इसे से विराट के हाथों से तेजिसे खून बहने लगता है और उसका असर सम्राट पे भी होता है सम्राट के दोनों हाथों के नशें भी काट जाती हैं और उनमें से तेजिसे खून बहने लगते हैं इसे से सम्राट को दर्द और कमज़ोरी महसूष होने लगती है और वो जो हवा में उड़ रहा था नीचे ज़मीन पे उतार आता है और गिरजता है और इसी मौके का फायदा उठाकर खुड़बक्ष उस दिव्या खंजर को सम्राट के सीने में उतार देता है

इसे से उस जंग के मैदान में दो लोगों के मुंह से तेज चीत्कार निकलती है एक था सम्राट और दूसरा था विराट , सम्राट के साथ साथ विराट के सीने में भी एक बड़ा सा छेद हो गया था और उस में से खुन्ण की ढर्र बहने लगी थी

इसके बाद सम्राट ने अपने आप को संभालते हुए अपने एक हाथ को अपने उस छेद हुए सीने में जहाँ पे खुड़बक्ष ने खंजर गाड़ा था , उस छेद में सम्राट अपने एक हाथ को डालता है और अपने शरीर में मौजूद अपने आधे दिल को निकल लेता है और कुछ मंत्र बोलने लगता है और फिर अपने उस आधे दिल को ऊपर आश्मन के तरफ उछाल देता है , सम्राट का आधा दिल हवा में उड़ता हुआ जाता है और हवा में अटक जाता है और देखते ही देखते उस दिल में आग लगज़ाती है

ये नज़ारा वहाँ मौजूद सभी देख के हैरान थे किसी के भी समझ में कुछ भी नहीं आ रही था की ये क्या हो रहा है की तभी एक चीत्कार सुनाई देता है और वो चीत्कार थी विराट की , विराट चिल्ला रहा था क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था उसके सीने के उस बारे छेद से उसका आधा दिल अपने आप बाहर निकल रहा था और देखते ही देखते विराट का भी दिल उसके शरीर से निकल के आसहमन में उद्जाता है जहाँ पे सम्राट का दिल था और फिर वो दोनों आधा दिल यानि की सम्राट का आधा दिल और विराट का आधा दिल दोनों दिल मिलकर एक दिल होजते हैं और फिर वो दिल तेज रफ्तार के साथ आश्मन में कहीं गायब हो जाता है , ये नज़ारा सबको हैरान करदेता है , हर कोई अपने अपने आँखें फाड़े कभी आश्मन के तरफ तो कभी विराट के तरफ तो कभी सम्राट के तरफ देखे ही जा रहे थे की तभी उनके कानों में सम्राट की आवाज़ पड़ती है

सम्राट अपने दर्द को थोड़ा सा कंट्रोल करते हुए थोड़ा सा रुकते रुकते कहने लगता है , भले ही आज तुम लोगों ने मेरे भाई विराट के क़ुर्बानी के वजह से मुझे मर दिया है भले ही आज तुम लोग ये जंग जीिट चुके हो लेकिन एक दिन में लौटूँगा जरूर लौटूँगा और मुझे वापिश लाएगा मेरे और विराट का अंश जिसका नाम अग्नि होगा वही मुझे फिरसे जिंदा करेगा , अग्नि मेरा और विराट दोनों का अंश होगा लेकिन वो उस बार बुराई का राष्टा चुनेगा और मुझे वापिश इसे दुनिया में लाएगा

अबकी बार विराट तुम लोगों के साथ था इसलिए तुम सब जीिट गये लेकिन अगली बार मेरे साथ अग्नि होगा यानि की मेरा भाई विराट होगा मेरे साथ अगली बार और उस बार में जीतूँगा और बदले में तुम सबको मौत दूँगा , ये कहते हुए सम्राट हस्सने लगता है और हस्स्ते हस्स्ते ही सम्राट की जान उसके शरीर को छोड़कर चली जाती है

इधर विराट की शंसें तेज चल रही थी उसकी भी शंसें किसी भी वक्त उसका साथ छोड़ सकती थी इसलिए अपने उखड़ते हुए शंसों से खुड़बक्ष को बुलाता है और खुड़बक्ष दौड़ते हुए विराट के पास जाता है

खुड़बक्ष मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है आप ने सुना ही होगा सम्राट ने जो कहा वो लौटने की कोशिश जरूर करेगा इसे लिए आप ये लीजिए मेरे तलवार को , आप इसे तलवार को परिलोक की सहजादी पद्‍मिनी को सूप दीजिएगा और उन्हें कहिएगा मेरे और सम्राट का अंश अग्नि जब जन्म लेगा और इसे मायवी दुनिया में आएगा तब उसके सामने दो राषते होंगे एक होगा अचाई का और दूसरा होगा बुराई का और हो सकता है किसी वजह से वो बुराई के राषते को छूने इसे लिए अगर वो कभी बुराई के राषते पे चलने लगे तो सहजादी पद्‍मिनी से कहिएगा की वो मेरे तलवार अग्नि को सूप दे मेरा ये सचाई का तलवार अग्नि को मेरे क़ुर्बानी का अहसास दिलाएगा और मुझे पूरा यकीन है इसे से अग्नि अचाई के राषते पे अजइईईईई

ये कहकर विराट भी अपनी आखिरी सांस चोद देता है और सचाई और धर्म का महयोढ़ा विराट मायवी दुनिया के लिए सचाई और धर्म के लिए क़ुरबान हो जाता है
रुद्रा – अच्छा तो ये थी सारी कहानी अग्नि के पिछले जन्म की यानि की सम्राट और विराट की

जोरबार – हाँ यही थी सारी कहानी

रुद्रा – अच्छा तो जोरबार विराट के उस तलवार का क्या हुआ , अगर विराट ने कहा था की उसका तलवार अग्नि को उसके क़ुर्बानी की याद दिलाएगी और उसे अचाई के राषते पे लेअएगी तो फिर राजकुमारी पद्‍मिनी ने अभी तक वो तलवार अग्नि को दी क्यों नहीं

जोरबार – पहली बात ये के राजकुमारी पद्‍मिनी अब राजकुमारी नहीं रही वो तो उस जंग के बाद ही परिलोक की रानी बन गयी थी और रही उस तलवार की बात तो , वो तलवार आज के वक्त में कहाँ है ये किसी को भी नहीं पत्ता है

रुद्रा – क्य्ाआआआआअ , ये आप क्या कह रहे हैं , आप ही ने तो कहा था की विराट ने उस तलवार को खुड़बक्ष को दिया था राजकुमारी पद्‍मिनी तक पहुँचने के लिए

जोरबार – बात ये है रुद्रा , जब जंग खत्म हुआ तो उसी रात को खुड़बक्ष और उसके कुछ साथी उड़ते हुए घोड़े यानि की यूनिकॉर्न के ऊपर सवार होकर परिलोक के तरफ उड़ते हुए आश्मन में आगे तरफ रहे थे उस तलवार को राजकुमारी पद्‍मिनी तक पहुँचने के लिए , लेकिन तभी सम्राट के रूह यानि की आत्मा ने उनपर हमला कर दिया , सम्राट के आत्मा ने विराट की कही गयी बात सुनलीया था इसलिए उसने उनपर हमला कर दिया था

सम्राट की आत्मा उतनी ताकतवर तो नहीं थी लेकिन फिर भी उसके यूँ अचानक हमला करने से सभी चौंक गये और इसी दौरान खुड़बक्ष के हाथों से वो तलवार फिसल के कहीं आश्मन से नीचे गिरगई , खुड़बक्ष के साथियों में कुछ जादूगर थे जिन्होंने अपनी जादुई शक्ति के मदद से सम्राट के आत्मा को बंदी बणलिया और उन्न सबने मिलकर सम्राट के आत्मा को कहीं पे दफ़न कर दिया कैद कर दिया उसके बाद उन्होंने बहुत सालों तक उस तलवार को दूँगा लेकिन वो उन्हें नहीं मिला

में भी उस जंग के बाद सबसे छिपता फिरता रहा और अपनी पहचान चुपके उस तलवार के खोज में लगा रहा लेकिन वो तलवार मुझे भी नहीं मिली वो तलवार तो जेशे इसे दुनिया से कहीं गायब ही हो गयी , में उसी तलवार के खोज में एक दिन लगा हुआ था की डर्कलॉर्ड ने मुझे कैद कर लिया और अपना बंदी बना लिया सम्राट के सारे राज़ जान ने के लिए , बस यही थी सारी कहानी

रुद्रा – अच्छा तो इसका मतलब वो तलवार खोचुकी है इसलिए वो अग्नि को तलवार नहीं दे सके , अच्छा जोरबार अगर हम अग्नि को सारी सचाई से वाकिफ करदें तो क्या वो सचाई के रही पर लौट नहीं आएगा ?

जोरबार – नहीं क्योंकि हमारे बताने और उसके खुदके महसूस करने में ज़मीन आश्मन का फर्क है जब तक वो उस क़ुर्बानी को महसूस नहीं करेगा तब तक वो अपना रही नहीं बदलेगा , अच्छा चोदा ये सब बातें चलो जल्दी से तैयार होजाओ सुबह होचुकी है और सूरज भी निकल चुका है हमें जल्द से जल्द इसे खून्नी जंगल में घुसना है और अपने काम को अंजाम देना है

उसके बाद रुद्रा और जोरबार तैयार होजते हैं अपने अपने घोड़ों को वहीं एक पेड़ से बाँध देते हैं और जंगल में घुसने को होते ही हैं की तभी जोरबार रुद्रा को रोकता है और कुछ कहता है

जोरबार – रुद्रा देखो अब हम इसे जंगल में घुसने वाले हैं इसलिए में तुम्हें पहले ही बता रहा हूँ ये जंगल बहुत ही खतरनाक है इसलिए हमेशा मेरे साथ ही रहना और पीछे मुदके कभी मत देखना समझे

रुद्रा – अरे जोरबार आप तो जादूगर हैं आप शा क्यों नहीं करते की जादू से सीधे काले पहाड़ी पे हम दोनों को लेजते

जोरबार – रुद्रा में मानता हूँ की में एक बहुत बड़ा जादूगर हूँ लेकिन इसे खून्नी जंगल को जादू के मदद से पार करने के लिए बहुत सारी जादुई ताक़तों की जरूरत होगी जो ईश्वक़्त मेरे पास नहीं है , जब में डर्कलॉर्ड के कैद में था तब उसने मेरी बहुत से जादुई ताक़तों को मुझसे छीन लिया था और मुझे अपनी पुरानी जादुई ताक़त को हासिल करने में और भी कई महीने लग जाएँगे इसलिए हमें इसे जंगल को आम इंसानों की तरह पार करना होगा , और मैंने इसे से पहले जो जो कहा था याद रखना और पीछे तो मुदके बिलकुल मत देखना समझे

और उसके बाद रुद्रा और जोरबार दोनों उस खून्नी जंगल में दाखिल होजते हैं और आगे बढ़ने लगते हैं , उन्न दोनों के जंगल में घुसने के बाद जंगल के बाहर मौजूद बरगत के पेड़ के ऊपर से कोई नीचे कूड़ता है , उस शक्ष ने सर से लेकर पांव तक काला कपड़ा पहना हुआ था उसका चेहरा भी काले कपड़े से धक्का हुआ था उसके शरीर का एक हिस्सा भी दिखाई नहीं दहाड़ा था सिबाई उसके दोनों आँखों के

उस शक्ष के आंखें हारे रंग के थे वो शक्ष जंगल के तरफ ही देखे जा रही था और फिर देखते ही देखते उस शक्ष का शरीर चमकने लगता है और कुछ ही सेकेंड’से के अंदर उस शक्ष का रूप बदल जाता है वो एक इंसान से एक काला कावा(करो) बनजता है और उड़ते हुए उस जंगल में दाखिल हो जाता है

जोरबार और रुद्रा दोनों जंगल के अंदर आहिस्ते आहिस्ते आगे तरफ रहे थे , जंगल के चारों तरफ खामोशी ही खामोशी थी कहीं से भी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी ये बात रुद्रा को परेशान कर रही थी फिर भी रुद्रा चुप चाप जोरबार के पीछे चल रहा था , दोनों आगे बढ़ते ही जा रहे थे की तभी आगे उनको बहुत सारे ढूंढ.(फॉग) दिखाई देती है , जोरबार वहीं रुक्क जाता है और बिना पीछे मुड़े ही कहता है

जोरबार – रुद्रा सतर्क होजाओ क्योंकि आगे से ढूंढ. शुरू हो रही है ये ढूंढ. कोई मामूली ढूंढ. नहीं है ये एक चालबा है ये इसे तरफ से गुजरने वाले लोगों को अपने चालबा से चलती है और जो उस चालबे में फ़ासस जाता है ये ढूंढ. उसकी जान ले लेती है इसलिए सतर्क रहना और पीछे बिलकुल मात देखना समझे

रुद्रा – ठीक है जोरबार समझ गया

उसके बाद ये दोनों फिरसे आगे बढ़ने लगते हैं और ढूंढ. के अंदर घुस जाते हैं , जेशे जेशे दोनों आगे तरफ रहे थे धीरे धीरे ढूंढ. भी उतना ही बढ़ता जा रही था दोनों अपने राषते पे दत्ते हुए थे की तभी कुछ सुनाई देता है

चामम्म्मम चामम्म्मम चामम्म्मम ऐशी आवाजें रुद्रा और जोरबार को सुनाई देने लगती है

रुद्रा – जोरबार आप ने ये आवाज़ सुना किसी लड़की की पायल की आवाज़ लगती है ये लगता है हमारे आस पास कोई लड़की है

जोरबार – रुद्रा मैंने तुम्हें कहा था चुप चाप आगे बढ़ते रहना ये सभी आवाजें चालबा है तुम इन पर बिलकुल भी ध्यान मात दो और पीछे तो बिलकुल भी मत देखना

उसके बाद फिरसे हवाओं में वही आवाज़ गूँजती है चामम्म्मममम चामम्म्ममम और इसे आवाज़ के साथ साथ किसी लड़की के हल्की हल्की हँसी की भी आवाज़ सुनाई देती है हुहह हुहह हूउहह

रुद्रा – जोरबार तुमने सुना फिरसे वो आवाज़ आ रही है और इसे बार तो किसी लड़की की हस्सने की भी आवाज़ आ रही है , मुझे लगता है सच में हमारे आस पास कोई लड़की है

जोरबार – रुद्रा मैंने तुम्हें कहा ना बिलकुल चुप चाप मेरे पीछे चलो इन सब आवाज़ों पर बिलकुल ध्यान मत दो ये सब चालबा हैं अगर तुम इनके जाल में फ़ासस गये तो तुम्हारी मौत पक्की

उसके बाद ये दोनों फिरसे आगे बढ़ने लगते हैं और ये कुछ कदम चले ही होंगे की इनके कानों में एक सुरीली मीठी आवाज़ पड़ती है , रुद्रााआअ रुद्रााआआ रुद्रााआअ , इषबार रुद्रा चिढ़ जाता है और चिल्लाते हुए कहता है

रुद्रा – बंद करो ये नाटक मुझे पत्ता है तुम कोई चुड़ैल बुदेल हो और मुझे भटकने की कोशिश कार रही हो लेकिन में तुम्हारे झस्से में नहीं आनेवाला चुड़ैल कहीं की चल निकलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल

रुद्रा के इतना कहते ही ढूंढ. धीरे धीरे घटने लगता है और वो आवाज़ भी आने बंद होजती है
 
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जोरबार – बहुत अच्छे रुद्रा तुमने बहुत बढ़िया काम किया देखो ढूंढ. भी थोड़ा थोड़ा घाट्ट रहा है

रुद्रा – लगता है अब वो आवाजें नहीं आएँगी , लगता है भाग गयी वो चुड़ैल

जोरबार – नहीं रुद्रा अभी खतरा टल्ला नहीं हम अभी भी ढूंढ. के घेरे में हैं इसलिए अभी भी सतर्क रहना वो आवाजें फिरसे शुरू होसकती है

रुद्रा और जोरबार फिरसे आगे तरफ जाते है कुछ कदम आगे बढ़ते ही ढूंढ. फिरसे बढ़ने लगती है और उन्हें घेरने लगती है लेकिन रुद्रा और जोरबार बिना रूक्के आगे बढ़ते ही रहते हैं की तभी फिरसे वो आवाजें आने शुरू होजती हैं लेकिन इसे बार और भी खतरनाक रूप से

रुद्रा बेटा बचऊऊऊऊ रुद्रा बेटा बचऊऊऊऊ रुद्रा बेटा बचऊऊऊऊ मेरी और सुनहेरी की जान को खतरा है

जोरबार – रुद्रा पीछे बिलकुल मात देखना ये सब चालबा है , ये आवाजें तुम्हारी मां और सुनहेरी की नहीं है वो ईश्वक़्त हमारी फौज के साथ सुरक्षित हैं , हम बस ढूंढ. के इल्लाके से निकालने ही वाले हैं इसलिए ये सब और तेजिसे हो रहा है पीछे बिलकुल मत देखना रुद्रा बिलकुल नहीं

रुद्रा बचाओ हमें रुद्रा बचाओ हमें वो लोग मां जी को मर डालेंगे रुद्रा बचाओ हमें , मां जीिइईईईईईईईईईईईईई नहिंन्ननननननननणणन्

इसे आखिरी चीख से रुद्रा हड़बड़ा जाता है और फौरन पीछे मुदके देखने लगता है

रुद्रा – नहिंन्नननननननननननननणणन्!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
रुद्रा के चीख को सुनते ही जोरबार के पांव अपने आप रुक्क जाते हैं और जोरबार डरते हुए बिना पीछे मुड़े ही पूछता है

जोरबार – क्या हुआ रुद्रा तुम चीख क्यों रहे हो , कहीं तुमने पीछे मुड़कर देख तो नहीं लिया ना

रुद्रा – जोरबार मुझे बचऊऊऊ में यहाँ फ़ससस्स गया हूँ जल्दी करो मुझे बचाओ नहीं तो में मारा जाऊंगा

जोरबार – बेवकूफ्फ कहीं के मेरे इतना कहने के बाद भी तुम नहीं मैंने और पीछे मुदके देख ही लिया , अब तुम्हारे वजह से हम दोनों मरेंगे

रुद्रा – अरे जोरबार तनने बाद में मारलेणा अभी फिलहाल मेरी मदद करो मुझे बचऊूऊ

उसके बाद जोरबार धीरे धीरे आहिस्ते आहिस्ते करके पीछे पलटने लगता है , जब जोरबार पूरी तरह से पीछे पलट जाता है तब वो देखता है की रुद्रा एक दलदल में फ़ससा हुआ है और हर बिट्ट ते हुए वक्त के साथ वो ओर भी अंदर धस्ता जा रही है

ये नज़ारा देखने के बाद जोरबार अपना एक कदम आगे बढ़ता है रुद्रा की मदद करने के लिए लेकिन तभी , जिधर जोरबार खड़ा था उसके नीचे की ज़मीन धीरे धीरे नर्म होने लगती है और नर्म मिट्टी से ज़मीन कीचड़ में बदल जाती है और उसके बाद फौरन ही ज़मीन वहाँ से गायब होकर वो जगह एक दलदल बनजता है और जोरबार उस में धसने लगता है

जोरबार – देखा रुद्रा तुम्हारी वजह से अब में भी फ़ासस गया इसे दलदल में अब हम केशे निकले यहाँ से

रुद्रा – अरे ये भी में आप को बताऊं , अरे किसने आप को जादूगर बनडिया यार , आप ने उस जादुई चड्डी को क्यों अपने हाथों में पकड़ा हुआ है दांडिया खेनले के लिए क्या , अरे जोरबार कुछ जादू बादू दिखाओ यार और हमें बचाओ नहीं तो हम दोनों का राम नाम सत्या होज़ायगा

जोरबार – हम दोनों अगर यहाँ फंसे हैं तो उसके वजह तुम हो मियाँ एक बार यहाँ से निकल जाऊं फिर तुम्हारी खबर लेता हूँ

ये बोलते हुए जोरबार उस दलदल में फंसे हुए ही अपने जादुई दंड को असमान के तरफ करता है और कुछ मंत्र पढ़ने लगता है और फिर जोरबार के जादुई दंड से कुछ चमकदार रोशनी निकालने लगती है और फिर जोरबार और रुद्रा दोनों उस दलदल में से धीरे धीरे बाहर निकालने लगते हैं

जब ये दोनों दलदल से बाहर निकालने लगते हैं तब इन दोनों के चेहरे पे एक हल्की से मुस्कान आ जाती है लेकिन ये मुस्कान ज्यादा देर तक नहीं रेहपति है क्योंकि अचानक ही कोई दलदल के अंदर से जोरबार के परॉन को अंदर की और खींचने लगता है

इसे से जोरबार हड़बड़ा जाता है और उसके हाथों से उसका जादुई दंड गिरजता है और वो जादुई दंड दलदल के अंदर कहीं घुस जाता है और उसके बाद रुद्रा और जोरबार दोनों फिरसे दलदल के अंदर धसने लगते हैं

अब इन दोनों के पास कोई चारा नहीं था मदद के लिए पुकारने के अलावा लेकिन इसे सुनसान जंगल में उनकी मदद करेगा कौन यही सोचकर वो दोनों चुप हो गये , दोनों धीरे धीरे दलदल के अंदर धंस रहे थे दोनों के शरीर पूरी तरह से दलदल के अंदर जा चुके थे सिर्फ़ दोनों के सर ही दलदल के बाहर रहगए थे

रुद्रा – काश कोई आए और हम दोनों को बचले नहीं तो हम दोनों के साथ साथ मेरे दोस्त अग्नि की भी जान चली जाएगी

और फिर दोनों के सर भी धीरे धीरे दलदल में घुसने लगते हैं और जब सर दलदल में घुसने लगता है तब रुद्रा रही सही आस भी चोद देता है और अपनी आँखें बंद कर लेता है

एक काला कावा(करो) उड़ता हुआ आता है और दलदल के पास के एक बारे से पेड़ के बड़ी से डाली पे जाकर बैठ जाता है और देखते ही देखते वो काला कावा इंसानी रूप लेलेटा है , वो काला कावा जो की अब एक इंसानी रूप में था वो सर से लेकर पांव तक काले कपड़े से धक्का हुआ था उसके सिर्फ़ आंखें ही दिख रहे थे

वो उस पेड़ पे बैठे बैठे ही अपने हाथ को उस दलदल के तरफ करता है और कुछ शब्द बड़बड़ाने लगता है और फिर देखते ही देखते रुद्रा और जोरबार धीरे धीरे उस दलदल से बाहर निकालने लगते हैं , जब रुद्रा और जोरबार को एहसास होता है की वो दोनों बाहर अरहे हैं तो वो दोनों खुश होजते हैं और आस पास देखने लगते हैं की कौन उनकी मदद कार रहा है , उन्न दोनों की नज़र पड़ती है उस काले कपड़े से ढके हुए शक्ष पे जो की ईश्वक़्त एक पेड़ पे बैठा उनकी मदद कार रहा था जादू से उन्हें बाहर निकालने के लिए

रुद्रा और जोरबार धीरे धीरे बाहर निकल रहे थे की तभी अचानक फिरसे कोई दलदल के अंदर से उन्हें अंदर खींच ने लगता है और वो दोनों फिरसे दलदल के अंदर धसने लगते हैं

जब ये बात पेड़ पे बैठा हुआ वो अंजान शक्ष देखता है तो वो अपनी आँखों को बंद करता है और असमान के तरफ अपने हाथ को करता है इसे से अचानक से उसके हाथों में एक जादुई दंड आ जाता है और फिर वो शक्ष अपनी आँखों को खोलता है और अपने जादुई दंड के रुख को दलदल के तरफ करता है और कुछ मंत्र पढ़ने लगता है


देखते ही देखते उस अंजान शक्ष के जादुई दंड से एक तेज रोशनी का गोला निकलता है और सीधे उड़ते हुए जाकर दलदल के अंदर घुस जाता है उसके बाद उस दलदल के अंदर एक धमाका होता है , और धमाके के वजह से उस दलदल के अंदर से कीचड़ और गीली मिट्टी इधर उधर जाकर आस पास गिरने लगती है

उस धमाके के बाद अब वो दलदल पूरी तरह से खाली होचुका था और उस जगह पे एक बहुत बड़ा सा गद्दा बन चुका था , और जब उस दलदल में से कीचड़ और गीली मिट्टी गायब होजती है तब रुद्रा और जोरबार की नज़र पड़ती उनके साथ उस गद्दे में मौजूद एक बारे से काले रंग के ओक्तोपुश पे जिसके पूरे शरीर में कीचड़ ही कीचड़ लगी हुई थी

ये ओक्तोपुश वही था जो दलदल के अंदर से इन दोनों के पर को अंदर की ओर खींच रहा था तकिी इन दोनों को कहा सके , वो ओक्तोपुश बहुत बड़ा था और जब दलदल की गीली मिट्टी और कीचड़ धमाके में उड़ गयी तो वो ओक्तोपुश गुस्से में रुद्रा और जोरबार पे हमला करदेता है उन्न दोनों को अपना खाना बनाने के लिए

रुद्रा फौरन अपने कमर में लटके हुए तलवार को निकलता है और उस बारे से ओक्तोपुश के तरफ तेजिसे फेंक देता है रुद्रा की तलवार हवा को चीरती हुई सीधे जाकर उस ओक्तोपुश के चेहरे के आर पार होजती है और वो बड़ा सा ओक्तोपुश रुद्रा के तलवार से दो हिस्सों में बट्ट जाता है और नीचे ज़मीन पे पड़े पड़े छटपटाने लगता है और देखते ही देखते अपना दम तोड़ देता है

उसके बाद रुद्रा और जोरबार उस बारे गद्दे से बाहर निकलते हैं और उस पेड़ के तरफ चल देते हैं जिस पेड़ पे वो अंजान शक्ष बैठा हुआ था , वहाँ पहुँच के रुद्रा उस अंजान शॅक्स से कहता है

रुद्रा – आप का बहुत बहुत शुक्रिया अगर आप ने हमारी मदद ना की होती तो हम दोनों उस बारे से ओक्तोपुश का खाना बंचुके होते , पर आप है कौन और इसे खतरनाक जंगल में कार क्या रही हैं

और फिर वो अंजान शक्ष धीरे धीरे अपने चेहरे से उस काले कपड़े को निकालने लगता है और जेशे ही वो अंजान शक्ष अपने चेहरे से कपड़ा हटा देता है उस अंजान शक्ष के चेहरे को देख रुद्रा के चेहरे का रंग उड़ जाता है और रुद्रा के मुंह से सिर्फ़ एक ही बात निकलता है

रुद्रा – जहाँ तूमम्म्ममम!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!रुद्रा – जहाँ तूमम्म्म , जहाँ तुम जिंदा हो , पर इसे केशे हो सकता है अग्नि ने तो कहा था की तुम शिमला में पहाड़ से गिरके मारगाई थी या फिर तुम जहाँ की बहुत हो

जहाँ – रुद्रा में जिंदा हूँ और ईश्वक़्त सही सलामत तुम्हारे सामने खड़ी हूँ और मैंने ही तुम दोनों की जान भी बचाई है अभी अभी

रुद्रा – पर जहाँ इसे केशे हो सकता है अग्नि ने तो कहा था की तुम शिमला में पहाड़ से गिरके मारगाई थी , तुम बच केशे गयी

अग्नि का नाम सुनते ही जहाँ के आँखों में आंसू आजाते हैं और जहाँ अपने आँखों से आंसू पोछते हुए

जहाँ – रुद्रा जब मेरे पर फिसले और में पहाड़ी से नीचे गिरी तब में पेड़ों के दहनिओन से टकराते हुए आकर नीचे पथरीली ज़मीन पे गिरी थी , में बहुत बुरी तरह से घायल थी ुषवक़्त में मरने के कगार पे थी मेरी साँसें किसी भी वक्त मेरा साथ छोड़ शक्ति थी में किसी भी वक्त मर सकती थी

लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी मुझे महा मैं ने वहाँ से उधर किया और मुझे यहाँ इसे मायवी दुनिया में ले आई और मुझे अपने जादू से उन्होंने ठीक कर दिया , कुछ महीने लगे लेकिन में पूरी तरह ठीक हो गयी और जब में ठीक हुई तब उन्होंने मुझे बताया की उन्होंने मुझे बचाने के लिए मुझे एक यक्षिणी बनडिया है

रुद्रा – एक मिनट रुको , जहाँ ये बताओ ये महा मैं कौन हैं और ये यक्षिणी क्या चीज़ है यार

रुद्रा के सवाल का जवाब जहाँ देने के लिए अपने मुंह खोल ही रही थी की तभी जोरबार रुद्रा को उसके सवाल का जवाब देने लगा

जोरबार – रुद्रा महा मैं इसे पूरे दुनिया में जीतने भी चुड़ैल हैं उनकी महारानी हैं और यक्षिणी यानि की चुड़ैल का एक और रप है

रुद्रा – क्य्ाआआ जहाँ तुम एक चुड़ैल हो , रुद्रा ये कहते हुए थोड़ा सा पीछे हॅट जाता है

जहाँ – डरो मत रुद्रा में एक अच्छी वाली चुड़ैल हूँ , नहीं तो में तुम दोनों की जान क्यों बचाती

रुद्रा – हाँ ये तो सही कहा तुमने , पर मेरे समझ में ये नहीं आया की अगर तुम जिंदा बच गयी थी तो तुम वापस अग्नि के पास क्यों नहीं गयी

जहाँ – महा मैं के वजह से , महा मैं ने मुझे कहा था की अग्नि कोई मामूली इंसान नहीं है वो काररोदों में एक है और वो काली दुनिया का होने वाला महाराज है और वो जल्द ही इस मायवी दुनिया में आएगा

रुद्रा – अच्छा तो ये बात है , पर अब तो अग्नि मायवी दुनिया में भी अचुका है और डेत वाली का प्रिन्स भी बन चुका है तो तुम उस से मिली क्यों नहीं , वो आज भी यही समझता है की तुम अब जिंदा नहीं हो

जहाँ – रुद्रा तुम्हें क्या लगता है में अग्नि से मिलना नहीं चाहती , रुद्रा में तो अग्नि से मिलने के लिए तड़प रही हूँ उसे अपने गले से लगाने के लिए में मर रही हूँ लेकिन महा मैं ने कहा है की अभी अग्नि से मिलने का सही वक्त नहीं आया है इसे लिए में अग्नि से दूर हूँ और उस पल का इंतजार कार रही हूँ जब सही वक्त आएगा और में अपने जान से भी प्यारे अग्नि को गले से लगा सकूँ

रुद्रा और जहाँ के चुप होते ही जोरबार जहाँ से पूछता है

जोरबार – जहाँ जी आप एक बात बताइए आप ईश्वक़्त यहाँ पे इसे जंगल में क्या कार रही हैं

जहाँ – जिशवक़्त अग्नि और डर्कलॉर्ड के बीच जंग चल रही थी ुषवक़्त में और महा मैं उस लधाई को जादुई गोले(क्रिस्टल बॉल) में बैठ के देख रहे थे और जब अग्नि की ये हालत हुई तो में अपने आप को रोक नहीं पाई और यहाँ पे आप लोगों का पीछा करते हुए आ गाई तकिी अग्नि को बचाने में में भी कुछ मदद कार सकूँ

रुद्रा – अच्छा तो तुम इसे यहाँ पे पहुँची , चलो अच्छा हुआ अगर तुम सही वक्त पे ना आती तो हम दोनों का राम नाम सत्या हो जाता

जहाँ – हाँ

जोरबार – अब हमें आगे बढ़ना चाहिए दोस्तों देर हो रही है , हमारे लिए हरर एक मिनट कीमती है
 

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