Incest मम्मी मेरी जान

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करीब रात के ११ बजे सानिया बैडरूम में गई ये चेक करने के लिए की उसका पति सो रहा है की नही, उसने पहले तो अपने पति को २ बार आवाज़ दी फिर एक स्टील का गिलास ज़ोर से पटका ये चेक करने के लिए की उसका पति कितनी गहरी नींद में है की नही... पूरी तरहा से संतुष्ट होने के बाद सानिया मुस्कुराती हुई बाथरूम में नहाने चलि गयी. नहाने के बाद उसने एक बेहद सेक्सी और सी थ्रू नाइटी पहनी जो की उसकी चुत को बड़ी मुस्किल से छुपा रही थी. उस की पेन्टी भी नाइटी की तरहा बेहद छोटी और ट्रांस्पेरेंट है.
फिर उसने हल्का सा मेकअप किया और बेहद खुश्बु दार परफ्यूम अपने जिस्म पे छिडका ख़ास कर के चुत गांड बगल गर्दन और स्तन पे. और खुद को शीशे में देख के वो शरमाने लगी. उस नाइटी में उसका जिस्म पूरा नज़र आ रहा था.
फिर उसने बाथरूम के ड्रावर से की जेली की टूब निकाली और टेबल पे रख दी और अपने पति की बगल में बेड पे लेट के अपने बेटे के घर आने का वेट करने लगी. उसे ज़्यादा देर इंतज़ार नहीं करना पडा.
सतीश कुछ ही देर में घर आ गया और सीधे अपने रूम में चला गया.
अपने बेटे की आने की आहट से सानिया की चुत में खुजली होने लगी. उसकी चुत काम वीर्य से गीली होने लगी. अब वक़्त था उसके असल खेल का.
उसने इंतज़ार किया जब तक उसका बेटा अपने बैडरूम से निकल के हॉल के बाथरूम में न चला गया.
ओ मस्ती में बेड से उठि और की जेली की ट्यूब लेके नंगे पैर हॉल के बाथरूम की तरफ चल दि. सतीश बिना बाथरूम का दरवाज़ा बंद किये की कोई नहीं आएगा अंदर चला गया.
बिना नॉक किये दरवाज़ा खोल के सानिया भी अंदर चलि गयी.
बाथरूम के अंदर सतीश बिलकुल नंगा खड़ा नहाने जा रहा था, वो शावर चालू ही करने वाला था की अचानक किसी को देख के वो चोंक गया.
सतीश : ओह गोड़, मम्मी.. तुम ने तो मुझे डरा ही दिया. तुम्हे कम से कम नॉक करके तो अंदर आना चाहिए था
ये कह के वो शर्म के मारे अपने अपने नौ इंच के खड़े लंड को अपनी मम्मी की नज़रों से छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगता है.
सानिया : "क्यूं? क्या हुआ? मेरे ख़याल से तुम ये चाहते हो की में तुम्हे नंगा देखु."
सतीश : वह, हा, वो में तो, शायद हा, ज़रूर क्यों नहीं?
सतीश हडबडा गया.
सानिया ने सेक्सी स्माइल के साथ कहा.
"क्या में इन कपड़ों में तुम्हे अच्छी लग रही हूँ?"
"या फिर तुम मुझे बिना कपड़ों के नंगी देखना चाहते हो?"
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश चोंक गया उसने अपनी मम्मी को ऊपर से निचे तक गौर से देखा.
उस नाइटी में उसकी मम्मी एक "सेक्स बोम्ब्" लग रही है.
उसके निप्पल कड़क हो के तने हुये है, उसके दोनों पैरों के बीच में चुत और झांटें साफ़ नज़र आ रही है.
ईस नाइटी में वो किसी कामदेवी से कम नहीं लग रही है.
सतीश : "वॉव.... मम्मी, इस नाइटी में तुम तो बिल्कूल, बिलकुल पटाखा लग रही हो."
सानिया : "ओह, तो इसका मतलब है की तू मुझे इन कपड़ों में ही देखना चाहता है.
"नंगी नही......"
सतीश : "नही.... मेरा मतलब है हा....., मेरा मतलब है नही...... मतलब हा... मतलब नही..... हा.... नही...."
सानिया : क्या हाँ नहीं? मैं कुछ समझि नही. तु हाँ कह रहा है.... या फिर नही.... तु पहले ये अच्छे से सोच ले की तू क्या कहना चाह रहा है.
हा.... या फिर नही....
सतीश : हाँ मम्मी तुम इस नाइटी में बेहद सेक्सी लग रही हो, लेकिन में तुम्हे इस नाइटी में नहीं देखना चाहता, हाँ मैं तो तुम्हे पूरी नंगी.... देखना चाहता हु...
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया सेक्सी अदा के साथ मुस्कुराते हुए पीछे घूम जाती है और अपनी पेन्टी में छुपे सेक्सी चुत्तड़ को पेन्टी में से आज़ाद कर ने के लिए अपनी ऊँगली पेन्टी में दाल के आगे की तरफ झुकते हुए पेन्टी को निचे की तरफ खिसकाने लगती है. वो धीरे धीरे आगे झुकति जाती है और अपनी पेन्टी को उतारती जाती है.
कुछ ही देर में उसकी पेन्टी उसके पैरों के बाहर होती है. फिर वो आगे झुके हुए धीरे धीरे अपनी नाइटी को अपने नंगे चुत्तड़ पे से हटाने लगी.
जैसे जैसे सानिया के चुत्तड़ नंगे हो रहे थे उसके बेटे का लंड खड़ा हो रहा था.
सतीश को अपनी मम्मी के सेक्सी गुलाबी चुत्तड़ और ताँगों के बीच में से झाँक ति हुई गुलाबी चमकिली लाल लिपस्टिक लगी हुई रसीली चुत का दीदार हो रहा है.
सानिया अपने पैर थोड़े फैला देती है जिस से उसकी चुत थोड़ी खुल जाती है और उसकी चुत का गुलाबी हिस्सा और गोरी गांड का गुलाबी छेद सतीश को साफ़ साफ़ नज़र आने लगता है.
NICE INCEST
सतीश अपनी मम्मी का नंगा जिस्म देख के मस्त हो जाता है और मस्ती में सिसकार उठता है.
उसे ये यकीन नहीं हो रहा है ये उसकी अपनी सगी मम्मी है जो बिना किसी शर्म के अपने सगे बेटे को अपनी नंगी गांड और वीर्यभरी चुत दिखा रही है.
सानिया के वाय जेली की ट्यूब का ढक्कन खोलती है और सतीश को अपने पास बुलाती है.
सानिया : सतीश... इधर आओ.
सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी के पास चला जाता है.
सानिया : "अपना हाथ आगे करो."
सतीश फ़ौरन अपना हाथ आगे कर देता है. सानिया ज़रूरत के हिसाब से की जेली उसके हाथ में दाल देती है.
फिर वो अपने बेटे को आँख मार के उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो जाती है.
सानिया : "चलो अब मेरी गंड
मे अच्छे से ये जेली लगाओ." "जरा सी भी जगह बाकी ना रहे. ध्यान रहे की फिसलन बहुत ज़रूरी है. जेली लगने के बाद तुम जो भी करना, शान्ति से करना. मैं नहीं चाहती की तुम्हारे डैड डिस्टर्ब हो के नींद से जाग जाए."
सतीश को यकीन नहीं हो रहा है. आज सुबह तक उसकी मम्मी उसे कुछ भी करने से मना कर रही थी और अभी वो बड़ी बेशमी से उसके सामने नंगी खड़ी है और उसे अपनी चुत्तड़ पे के वाय जेली लगाने को कह रही है.
सानिया : तुम जो मेरी गांड के साथ अब तक करते आये हो. अगर तुम वो अभी करना चाहते हो तो तुम्हे देर नहीं करनी चहिये. जल्दी से शुरू हो जाव.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश अपना हाथ आगे ले जा के अपनी मम्मी के नाज़ुक मख़मली गोल गोल सेक्सी चुत्तड़ पे रख देता है और अपने दोनों हाथों से अपनी मम्मी के सेक्सी गांड पे जेली मलने लगता है.
अपने बेटे का हाथ अपनी गांड पे मेहसुस करके सानिया मस्ती में सिसकार उठती है. आह..... मामम... हाँ ऐसे ही मसलो मेरी गांड को और ज़ोर स. ममम.... ज़रा सीभी जगह मत छोडना मम.... अंदर भी लगाओ.... मेरे दोनों चुत्तड़ के बीच की लकीर में भी... गांड के छेड में भी...
म्म्... बड़ा मज़ा आ... रहा है... तुम्हारे हाथों में तो जादु..... है. आह... बड़ा मजा.... आ... रहा.... है. मस्ती में मेरी चुत बहुत वीर्य छोड रही है. में, में झड़ने के करब पहुँच गई हु. मेरा दिल कर रहा है की में अपनी वीर्य चुदति चुत में तुम्हारा लंड दाल के जम के अपनी चुदाई करवावू.
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश मस्ती में ज़ोर ज़ोर से उसके चुत्तड़ मसल ने लगा. वो अपनी ऊँगली मम्मी के दोनों चुत्तड़ के बीच में गांड के छेद के अंदर घुसाने लगा. अपनी मम्मी की गांड के टाइट छेद में ऊँगली घूसाने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा है. उसका दिल चाह रहा है की वो मम्मी की गांड के छेद में अपना लंड घूसा के जम के मम्मी की गांड मारे.
ओ मस्ती में तेज़ी से एक हाथ से मम्मी के चुत्तड़ मसल रहा है और दूसरे हाथ की ऊँगली को मम्मी की गांड में घूसा के अंदर बाहर कर रहा है.
सतीश : वॉव मम्मी, क्या मस्त गांड है तुम्हारी और उस से भी मस्त है तुम्हारी गांड का टाइट छेद.. वॉव मम्मी, तुम्हारी गांड में ऊँगली दाल के अंदर बाहर करने में मुझे इतना मज़ा आ रहा है तो जब में तुम्हारी टाइट गांड में अपना नौ इंच का लंड दाल के तुम्हारी गांड मारूँगा तो मुझे कितना मज़ा आयेगा.
सानिया से अब एक पल भी और बर्दाश्त नहीं हो रहा है, वो मस्ती में अपने हाथ से अपनी चुत मसलने लगती है और कुछ ही देर में उसका जिस्म कापने लगता है और वो झड़ने लगती है.
सानिया : हाय..... सतीश.... मैं गयी....
उसकी चुत से वीर्य का सैलाब बहने लगता है. अपनी मम्मी को मस्ती में झडता देख सतीश अपनी मम्मी की गांड में तेज़ी से अपनी ऊँगली अंदर बाहर करने लगा.
करीब एक मिनट के बाद सानिया अपने बेटे की ऊँगली अपनी गांड में से निकाल के घूम जाती है और बेटे को "आई लव यु" कह के अपने होंठ उसके होठो पे रख के उन्हें चूसने लगती है. दोनों मस्ती में एक दूसरे के होठो को चूसने लगते है.
फिर सतीश जैसे ही अपनी मम्मी की चुत की तरफ अपना हाथ बढाता है सानिया फ़ौरन किस तोड़ के दूर हट जाती है. और आँख मार के कहती है...
सानिया : नहीं नही, अभी नही, अभी करो इन्तजार....
इसके लिए अभी तुम्हे इंतज़ार करना पडेगा.
ये कह के सानिया पीछे मुड़ी और शीशे के पास जाकर झुक के अपनी जेली लगी गांड बाहर अपने बेटे की तरफ बाहर निकाल के खड़ी हो गयी.
सानिया : "ओह, बेबी, अब तुम मेरी गांड के साथ मस्ती कर सकते हो."
अपनी मम्मी की बात सुन के वो चोंक गया उसका नौ इंच का लंड मस्ती में उछलने लगा.
सानिया : "कम ओन, हनी, अपना लंड अपनी फेवरेट जगह मतलब मेरे चुत्तड़ के बीच में घुसाव,देखो तुम्हारा लंड मेरे चुत्तड़ के बीच में घूसने की बात सुन के ख़ुशी में कैसे उछल रहा है."
चलो जल्दी से आकर अपना प्यारा लंड मेरे चुत्तड़ के बीच में घूसा के आगे पीछे करो,
लेकिन ध्यान रखना की तुम्हारा ये मूसल जैसा लंड मेरी गांड के छोटे से टाइट छेद में मत घूसा देना. ओ के. हनी..
MAST MUMMY'S
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश आगे बढा और मस्ती के साथ उसने अपना लंड अपनी मम्मी के चुत्तड़ के बीच की लाइन में रखा और दोनों हाथों से मम्मी के चुत्तड़ को पकड़ के अपना लंड आगे पीछे ऊपर निचे घुमाने लगा. बार बार उसका लंड मम्मी के चुत्तड़ के बीच से फिसलता हुआ मम्मी की गांड के छेद से जा टकराता जिस से मस्ती में दोनों मम्मी बेटे के मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल रही थी.
म्म्... आह..... मम....
सानिया : हाँ मेरे लाल, मेरी जान, ऐसे ही घुसाओ अपना लंड मेरी जांघो के बीच में और ज़ोर से. मम.... ज़रा सी भी कसर मत छोडना मम.... अच्छे से रगड़ो अपना मुसल मेरे चुत्तड़ के बीच की लाइन मे...
अपना लंड मेरे चुत्तड़ के बीच में रगड के जो सुख और मज़ा तुम मुझे दे रहे हो वैसा सुख तो मुझे तुम्हारे बाप ने सुहागरात में मेरी चुत में लंड दाल के भी... नहीं दिया. धीरे धीरे में तुम्हारी दीवानी होती जा रही हु.
म्म्... बड़ा मज़ा आ... रहा है... सतीश कसम से तुम्हारे लंड में तो जादु..... है. आह... बड़ा मजा.... आ.... रह..... है. मस्ती में मेरी चुत एक बार फिर से वीर्य वीर्य छोड रही है. में, में झड़ने के करीब पहुँच ति जा रही हु.
सतीश : मम्मी मज़ा तो मुझे भी बहुत आ रहा है, मेरा दिल कर रहा है की में अपना लंड तुम्हारी गांड के टाइट छेड़ में दाल के कस कस के तुम्हारी गांड मारु..
सानिया : नही. मेरे लाल ऐसा मत करना, मेरी गांड का छेड़ बहुत छोटा और टाइट है, तुम्हारा मोटा लंड अगर मेरी गांड में घूसा तो मेरी गांड फट जाएगी. तुम अभी ऐसा करने की सोचना भी नही, कुछ दिन में में अपनी गांड के अंदर धीरे धीरे पहले ऊँगली और फिर डिलडो दाल के अपनी गांड के छेड़ को थोड़ा फैला लू फिर तुम अपना लंड मेरी गांड के छेड़ में दाल के शौक से मेरी गांड मार लेना. अभी नही, अभी जो तुम कर रहे हो वो करते रहो. मुझे बड़ा मज़ा आरहा है. मम.... तुम अपनी "जादु की छडी" को मेरे चुत्तड़ के बीच में अंदर बाहर करते रहो.
सतीश : "आह्... मम्मी.., मम... ओहः... ओहः... ओहः... मम्मी"
सानिया : हा... बेटा... और ज़ोर से घुसाओ अपना लंड.... हाँ और ज़ोर से... मुझे बहुत मज़ा आ रहा है... में झड़ने के करीब पहुँच ति जा रही हु... मेरी चुत वीर्य.... चुद रही है.... मैं गयी.......
ये कह के सानिया मस्ती में काँपते हुए एक बार फिर से झड़ने लगी. झडते वक़्त वो कमज़ोर पड़ गई और नीचे गिरने लगी. सतीश ने जब ये देख की उसकी मम्मी मस्ती में झडते हुए खुद को संभाल नहीं पा रही है तो उसने फ़ौरन अपनी मम्मी की सेक्सी कमर को पकड़ लिया और उसे पीछे से अपने सीने से लगा लिया.
कुछ देर में सानिया शांत हो गयी. फिर ख़ुशी में अपने बेटे के होठो को चूम के उसने कहा.
सानिया : वाह.. मेरे लाल... मुझे तो मज़ा आ गया... इतना मज़ा मुझे आज तक कभी नहीं मिला. तुम बताओ की तुम्हे कैसा लगा... मज़ा आया की नही...
सतीश : "वाह, मम्मी, मज़ा तो मुझे भी बहुत आया, ऐसा मज़ा मुझे देणे के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. लेकिन.....
सानिया : लेकिन क्या...?
सतीश : लेकिन ये की यहाँ कोई है जिसे मज़ा तो आया लेकिन पूरी तरहा से नही.
सानिया : कोई है...!!! कौन है...?
सतीश अपने नौ इंच के लंड की तरफ इशारा करके कहता है.
सतीश : "ये है ओ....." जिसका मज़ा अधुरा रह गया. "तुम्हारा दिवाना मेरा लंड."
सानिया अपने बेटे की बात सुन के और उसके नौ इंच के लंड को मस्ती में हिलते हुए देख के मुस्कुराने लगी.
सानिया : तुझे इसकी फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं है.... ये आज से तेरा नहीं बल्कि मेरा है.... आज से ये मेरी जान है.... मैं इसका पूरी तरहा से ख़याल रखुंगी.... इसे कभी कोई तकलीफ नहीं होने दूँगी.... मैं इसे हमेशा खुश रखुंगी....
ये कह के सानिया ने बड़े प्यार से अपने प्यारे बेटे के लंड को एक फ्लाइंग किस दिया. फिर उसने अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और उसे हिला डुला के कहा.
सानिया : हाय.... ये कितना लम्बा मोटा तगड़ा और प्यारा है. तेरे डैड का तो एक दम दुब्ला पतला सा है.... उनका लंड तो तेरे लंड से आधा भी नहीं है.... तेरे लंड के सामने तो उनका एक छोटे बच्चे की नुन्नी जैसा है.... ये तो मेरी छड़ि है... जादु की चढ़ी... है.
हाय... ये तो एक दम तैयार है... कितनी मस्ती चढ़ी हुई है इसे.... आज इस ने मुझे बहुत मज़ा दिया है.... मुझे उम्मीद नहीं थी की आज मुझे अपने इस खेल में इतना मज़ा आयेगा... अभी कुछ ही देर पहले ईसने मुझे बहुत मज़ा दिया... मेरी चुत दो बार झडी... अब मेरी बारी है इसे मज़ा देणे की...
ये कह के सानिया अपने बेटे के नौ इंच के लंड को पकड़ के उसे टॉयलेट सीट के पास ले जाती है... और टॉयलेट सीट के ढक्कन को बंद कर के उसपे बैठ जाती है. और अपने बेटे को अपने सामने खड़ा कर लेती है.
इस पोजीशन में मेरा नौ इंच का लंड अपनी मम्मी के चेहरे के ठीक सामने मस्ती में हिल रहा है.
सानिया अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड को हिला डुला के देखने लगती है.
सतीश मस्ती और हैरत में चुप चाप खड़ा अपनी बेहद सेक्सी मम्मी की हरकतों को बड़े गौर से देखने लगता है.
फिर जैसे ही सानिया अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में लेती है सतीश के मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल जाती है.
म्म्.... ओह.... मम्मी...
ओर फिर..

MAST SON MOM RELATIONS UPDATE
ओर फिर सतीश को ऐसा लगता है की उसके जिस्म का पूरा खून उसके लंड में जमा हो गया है. उसका लंड फ़ौरन लोहे की रॉड की तरहा एक दम से कड़क हो जाता है.
सानिया : "हाय मेरे शोना को कितनी मस्ती चढ़ी हुई है. मुझे जल्द से जल्द इसकी मस्ती उतारनी पडेगी."
ये कह के सानिया अपने बेटे के लंड को अपनी मुठी में ले के धीरे धीरे ऊपर निचे करने लगती है.
सतीश के लंड के सुपाडे पे प्रेकम उभर आता है. जिसे सानिया अपनी ऊँगली पे ले के चेक करके कहती है.
सानिया : हाय.. देखो तो मेरे बेटे के प्यारे लंड का प्रेकम कितना गाढ़ा है.
ओ मस्ती में उस प्रेकम को पूरे सुपाडे पे रगड़ने लगती है.
सतीश मस्ती में गौर से अपनी मम्मी की सेक्सी हरकतों को देख के मस्त हो रहा है.
सानिया अपने एक हाथ की मुठी में अपने बेटे के लंड को ज़ोर से दबाती है और दूसरे हाथ से अपने बेटे की वीर्य बनाने की फैक्ट्री यानि की गोटे से खेलने लगती है.
सानिया के हाथ पे अब अपने बेटे के लंड पे लगी जेली लग जाती है और उसका हाथ अपने बेटे के लंड पे बड़े आराम से फिसलने लगता है.
जीससे सानिया के हाथ सतीश के लंड पे बड़े आराम से फिसलने लगते है.
जैसे जैसे सानिया के हाथ की तेज़ी सतीश के लंड पे बढ्ने लगती है.
मस्ति में सतीश के मुह से भी उतनी ही तेज़ी से मस्ती भरी सिसकारी निकलने लगती है.
मम्मी ओह....हाय मम्मी.. बड़ा मज़ा आ रहा है तुम्हारे हाथों में तो जादु है माSSओSSमा हाँ ऐसे ही करती रहो.... और तेज़... थोड़ा और तेज़.... आह.... में तो जैसे मसती... के सातवे आसमान में उड़े... जा... रहा हु.....
अपने बेटे की बात सुन के सानिया को भी मस्ती चढ़ने लगी वो एक हाथ को तेज़ी से अपने बेटे के लंड पे ऊपर निचे चलने लगी और दूसरे हाथ से अपनी वीर्य छोडती चुत को मसलने लगी.
सतीश अब मस्ती में आके अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपनी मम्मी के हाथ में अपना लंड तेज़ी से आगे पीछे करने लगा.

मम्मी बेटे दोनों मस्ती में लंड के लाल सुपडे को हाथ में छुपते निकलते हुए मज़े से देख रहे है.
दोनो को ये पता है की ये उनके "नये रिश्ते" "नये प्यर" (सेक्स जीवन) की शुरुवात है.
उनहोने माँ बेटे के बीच "ईन्सेस्ट प्यार" को जगाया है.
सानिया : "कम ओन, बेबी,निकाल दो अपना सारा वीर्य अपनी मम्मी के उपर."
सतीश : "मा, क्या में... तुम्हारे.... स्तन छु सकता हूं....?
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया बेटे के लंड को हिलाना और गोटे को मसलना छोर के अपनी नाइटी उतार देती है, अब वो अपने बेटे के सामने पूरी नंगी हो गयी.
सानिया : लो अब मेरी स्तन आज़ाद है अपने प्यारे बेटे के लिये. तुम मेरे स्तन दबा सकते हो, लेकिन तब तक जब तक तुम झड नहीं जाते
सतीश को अपनी मम्मी की हर बात हर शर्त मंज़ूर थी.
ओ अपने हाथ बढा के अपनी मम्मी के परफेक्ट साइज ३६डी के स्तन जो उसे अपनी मम्मी की ब्रा के टैग से पता चला था उन्हें दबाने लगा. मम्मी के निप्पल को चुटकी में ले के मसलने लगा.
बेटे के हाथ को अपनी स्तन पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में सिसकार उठि.
म्म्.. आह...
सानिया : "आज तुम मेरी स्तन को जी भर के दबा लो. किसी दिन में तुम्हे इनको चूसने दूँगी, अगर तुम चाहो तो?"
सतीश : "ओह, गॉड, मम्मी, येस, मैं शौक से इन्हे चूसूंगा. ओह्ह्, गॉड कहीं में सपना तो नहीं देख रहा, मेरे सामने मेरे प्यारी खूबसूरत और बेहद सेक्सी मम्मी नंगी बैठि मेरा लंड हिला के मुझे झड ने में हेल्प कर रही है और अपने स्तन मुझे दबाने दे रही है.
सानिया : नहीं मेरे बेटे, मेरे जाणु, तुम कोई सपना नहीं देख रहे हो, ये १०० परसेंट हकीकत है.
सतीश : ओह... मा, तुम्हे अपने सामने नंगी देख के, तुम्हारे स्तन दबा के और तुम से सेक्सी बात करके में झड़ने के करीब पहुँच गया हूं.
सानिया अपने बेटे का लंड तेज़ी से हिलाते हुए कहती है.
सानिया : "हा, मेरे बेटे, मेरे जाणु, कम, निकाल दो अपना सारा माल अपनी मम्मी के लिये. आज मेरे नाम पे अपने लंड को झड जाने दो.
सतीश : "मा, ओह... मम्मी आह... ओह... मम्मी में झड रहा हु.
सानिया : मैं भी.....
दोनो मम्मी बेटा साथ में झड ने लगते है.
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी मम्मी की स्तन पे गिरती है. उसकी मम्मी का एक निप्पल अपने बेटे के वीर्य से भर जाता है.
अपने बेटे के लंड से निकलते हुए वीर्य को देख के सानिया का मुह मस्ती में खुल जाता है और वो अपने बेटे के लंड को और तेज़ी से हिलाने लगती है. सतीश के लंड से वीर्य की दूसरी पिचकारी निकल के अपनी मम्मी के चेहरे पे गिरती है. सतीश के लंड का बाकी वीर्य अपनी मम्मी के हाथों में भर जाता है.
पूरी तरहा झड़ने के बाद जब दोनों मम्मी बेटा शांत होते हैं तब सतीश अपनी मम्मी के चेहरे पर... निप्पल पर... और हाथ पर... गिरे अपने वीर्य को देखता है तो शर्मा जाता है.
सानिया : अरे नालायक. देख क्या हाल किया तू ने मेरा...?
सानिया : "हा, मेरे बेटे, मेरे जाणु, कम, निकाल दो अपना सारा माल अपनी मम्मी के लिये. आज मेरे नाम पे अपने लंड को झड जाने दो.
सतीश : "मा, ओह... मम्मी आह... ओह... मम्मी में झड रहा हु.
सानिया : मैं भी.....
दोनो मम्मी बेटा साथ में झड ने लगते है.
NICE EROTIC UPDATE

सतीश : सॉरी मा, वो में... उस वक़्त में... मस्ती में था... मुझे पता ही नहीं चला की ये कब और कैसे हुआ?
सानिया : चल कोई बात नही. मुझे ये देख के परेशानी नहीं बल्कि हैरत हुई की तेरे लंड से ज़रूरत से कहीं ज़्यादा वीर्य निकला है.
सतीश : मम्मी इस में हैरत की क्या बात है. सब के लंड से इतना ही वीर्य निकलता है.
सानिया : नहीं मेरे लाल, सब के लंड से इतना वीर्य नहीं निकलता जितना तेरे लंड से निकला है. तेरे लंड से निकला वीर्य १० आदमियों के वीर्य के बारबार है. तु अगर एक बार बिना कंडोम के किसी लड़की या औरत को चोद के उसकी चुत में अपना वीर्य गिरा दे तो वो बिना किसी शक के मम्मी बन जाए. तेरे लंड से निकला गाढ़ा वीर्य १० लड़कियों या औरतों को मम्मी बनाने के लिए काफी है. मैं तो बिना कंडोम के तुझसे कभी नहीं चुदवाऊंगी.
सतीश : मतलब तुम मेरे साथ चुदाई का खेल खेल्ने को राज़ी हो.
सानिया शरमाते हुए.
सानिया : हा. लेकिन अभी नहीं फिर कभी. आज के लिए इतना काफी है. अब तुम जा के सो जाओ हम कल सुबह मिलेंगे. कल सुबह तुम एक नए गेम के लिए रेडी हो जाओ
सानिया : सतीश एक बात का ध्यान रखना की हमारे बीच में जो ये गेम चल रहा है उसके बारे में तुम्हारे डैड को कभी भी पता न चले और इस के बारे में हम कोई बात नहीं करेंगे, कल सुबह नाश्ते में तो बिलकुल भी नही.
"ईटस क्लेअर....?"
सतीश : हाँ मम्मी मैं अच्छे से समझ गया की तुम क्या कहना चाहती हो.
मैं ये कभी नहीं चाहूँगा की हमारे इस नई एक्ससायटिंग रोमांस के बारे में किसी को कुछ पता चले.
हम जो भी करेंगे वो "चोरी चोरी चुपके चुपके".
सानिया : "गुड"
ये कह के सानिया उठि और बाथरूम के दरवाज़े के पास जा के खड़ी हो गयी.
फिर पीछे मुड के सानिया ने जो कहा उसे सुन के सतीश का लंड ख़ुशी के मारे उछलने लगा.
सानिया : "मुझे पता है की तुम्... मेरी चुत.. छु ने के लिए मचल रहे हो." हाँ की नही.
सतीश फ़ौरन हाँ में अपना सर हिलाता है.
सानिया मस्त अदा के साथ मुस्कुराते हुए अपने बेटे के पास जाती है और उसका हाथ पकड़ के अपने पैरों के बीच में ले जाती है और अपनी वीर्य रस से भीगी चुत में उसका हाथ सटा के ऊपर से निचे तक घुमाति है.
फिर २-३ बार बेटे की ऊँगली अपनी चुत में अंदर बाहर कर के कहती है.
सानिया : "मजे करो....." लेकिन ज़्यादा मुठ मत मारना, कहीं ऐसा न हो की घर में तुम्हारे कम की बाढ़ आ जाये.
फिर सानिया अपने बेटे के हैरत और ख़ुशी से खुले मुह को चूम के नंगी अपने बैडरूम में चलि गयी.
उसका पति बेड पे गहरी नींदः में सो रहा है. वो उसी तरहा नंगी अपने पति की बगल में लेट गयी. उसका पूरा हाथ बेटे के वीर्य से भरा हुआ था उसने उसको सुंघा और फिर जुबान से थोड़ा सा वीर्य चाट के टेस्ट किया. सानिया ने आज से पहले कभी वीर्य नहीं चखा था आज उसे अपने बेटे का वीर्य इतना पसंद आया की उसका दिल किया की वो अपने बेटे का लंड चूस के उसका टेस्टी वीर्य मज़े ले के पीए.
सानिया और सतीश दोनों धीरे धीरे इन्सेस्ट रिलेशन की तरफ बढ़ते चले जा रहे है.
सानिया ये सोच के मुस्कुराने लगती है की उसका बेटा उसे चोदने के सपने देख के कितना खुश हो रहा है.
जीस दिन उसने अपनी चुत अपने बेटे को चोदने दी उस दिन क्या हाल होगा उसके बेटे का?
जीस चुत से वो निकला है उसी में अपना लंड दाल के उसकी चुदाई करके वो कहीं ख़ुशी से पागल न हो जाए.
ये सोचते सोचते सानिया अपने हाथ और स्तन पे लगे अपने बेटे के वीर्य को मज़े से चाट्ने लगी और फिर अपनी नाइटी पहन के सो गयी.
सानिया : "मजे करो....." लेकिन ज़्यादा मुठ मत मारना, कहीं ऐसा न हो की घर में तुम्हारे कम की बाढ़ आ जाये.
फिर सानिया अपने बेटे के हैरत और ख़ुशी से खुले मुह को चूम के नंगी अपने बैडरूम में चलि गयी.
उसका पति बेड पे गहरी नींदः में सो रहा है. वो उसी तरहा नंगी अपने पति की बगल में लेट गयी. उसका पूरा हाथ बेटे के वीर्य से भरा हुआ था उसने उसको सुंघा और फिर जुबान से थोड़ा सा वीर्य चाट के टेस्ट किया. सानिया ने आज से पहले कभी वीर्य नहीं चखा था आज उसे अपने बेटे का वीर्य इतना पसंद आया की उसका दिल किया की वो अपने बेटे का लंड चूस के उसका टेस्टी वीर्य मज़े ले के पीए.
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अगले दिन सतीश सुबह जल्दी उठा पूरे जोश और ख़ुशी में अपने रूम से बाहर आया.
ओ ये सोच रहा है की उसकी मम्मी का अगला गेम क्या है?
उसे ये पता है की डैड के रह्ते वो अपनी मम्मी की गांड में लंड नहीं दाल सकता. तो फिर वो अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी जिस्म के साथ कैसे खेलगा. ये सोचते सोचते वो किचन के दरवाज़े के पास जा के खड़ा हो जाता है. और जैसे ही वो अपनी मम्मी को देखता है वो उदास हो जाता है. उसकी मम्मी फुल नैक की टी शर्ट और स्कर्ट पहने खड़ी है. मम्मी की ड्रेस देख के उसे बहुत निराशा हो रही है. इस ड्रेस में न ही उसे अपनी मम्मी की बेहद सेक्सी स्तन नज़र आ रही है और न ही गांड.
उसका खड़ा लंड मुर्झा सा जाता है. वो सोचता है की शायद मम्मी डैड को छोड़ने एयरपोर्ट जा रही है. और फिर वहां से वापस आने के बाद मम्मी अपनी ये ड्रेस चेंज कर के कोई सेक्सी ड्रेस पहने.
या फिर शायद वो कोई ड्रेस पहने ही ना..
अपनी मम्मी के नंगे जिस्म के बारे में सोच के मेरा लंड खड़ा होने लगता है.
ओ अपना खड़ा लंड पैंट में लिए किचन में जाता है और कॉर्न फ्लेक्स का डिब्बा ले के बाहर आ के चेयर पे बैठ जाता है और दूध के साथ कॉर्न फ्लेक्स खाने लगता है.
सानिया : ओह, हाय, हनी, तुम कब आये? मैंने तुम्हे आते हुए नहीं देखा?
सतीश : हाँ मम्मी में अभी अभी आया हु. तुम किचन में काम में बिजी थी इस लिए तुम्हे मेरी आने का आहट नहीं सुनाइ दि.
सानिया : मेरे ख़याल से ये अच्छा रहेगा की तुम अपने डैड को एयरपोर्ट छोड़ने जाव.
काम से कम इसी बहाने तुम दोनों बाप बेटे एक दूसरे से बात तो कर सकोगे. जाने कितने दिन हो गए तुम दोनों को बात किये हुए.
कयूं जी में ठीक कह रही हूँ ना.
सतीश और उसके डैड ने साथ में कहा : हाँ जि, आप ठीक कह रही है.
सतीश और उसके डैड में कुछ भी एक सा नहीं है.
सतीश अपने डैड से दोनों सुरतों में लम्बा है, उसका कद भी डैड से लम्बा है और लंड भी. उसके डैड और उसमे एक ही चीज़ सेम है और वो है उसकी सेक्सी सानिआ...
दोनो ने सानिया की सेक्सी गांड पे अपना लंड रगड के मज़ा लिया है. लेकिन अलग जगह और अलग वक़्त पर.
डैड : सतीश जल्दी से नास्ता करके एयरपोर्ट चलने के लिए तैयार हो जाव.
सतीश : ठीक है डैड, बस ५ मिनट.
सतीश डैड के साथ बाहर नहीं जाना चाह रहा है. वो तो घर में रह के अपनी सेक्सी मम्मी के साथ मस्ती करना चाह रहा है.
डैड : ठीक है बेटा, तुम जल्दी से रेडी हो के आ जाव, में बाहर कार में तुम्हारा वेट कर रहा हु.
सतीश फ़टाफ़ट अपना नाश्ता ख़तम करके अपने कमरे की में जाता है और जल्दी से तैयार हो के किचन की तरफ जाता है.
उसे नहीं पता था की किचन में उसे इतना खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेंगा.
कीचें में उसकी मम्मी अपनी टीशर्ट उतार के अपनी ३६D की चुची को नंगी करके उसका इंतज़ार कर रही है.

सानिया : क्या तुम जाने से पहले इन्हे चूसना पसंद करोगे?
सतीश : ओह माँ, तुम ने तो मेरे दिल की बात कह दि. मैं तो शौक से इन्हे चूसना चाहूंगा.
ये कह के सतीश आगे बढा और झुक के अपनी मम्मी के निप्पल को अपने मुह में लेके चूसने लगा.
सानिया अपने बेटे के सर को पकड़ के अपनी स्तन की तरफ दबा के कहती है.
सानिया : हाँ मेरे लाल चूसो... अपनी मम्मी के निप्पल को. और ज़ोर से चूसो... मम.. आह..
दाबाओ मेरी स्तन को और कस के दबाव, निचोड दो इन्हे और ज़ोर से चुसो.
ये कब से बेचैन थे तुम्हारे हाथों के मसाज के लिये. मम... आह... आज जी भर के चूसो इनहे. ओह, येस, बबी, सक, सक.
सतीश मस्ती में मम्मी के स्तन अपने हाथों से कस कस के दबाते हुए उसके निप्पल चूसने लगा.
सानिया की चुत में सनसनाहट होने लागि, उसकी चुत मस्ती में वीर्य छोडने लगी. वो मस्ती में सिसकारी लेते हुए झड़ने लगी मम... आह... ओह... सतीश में गयीई..
झडने के बाद सानिया ने अपने बेटे को खुद से दूर कर दिया.
सानिया : सतीश , अभी के लिए इतना बहुत है. बाद में, मेरे लाल, बाद में तुम्हे इस से भी ज़्यादा मिलेंगा.
ये कह के सानिया ने अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ के कस के दबाया और कहा.
सानिया : इसे जल्दी से बाहर निकलो मुझे ये देखने है.
सतीश : लेकिन अगर डैड वापिस आ गए तो?
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सानिया : वो वापिस नहीं आयेंगे. अभी उनकी फ्लाइट में बहुत टाइम है. अभी ४ घंटे बाकी है, तुम दोनों आराम से टाइम पे एयरपोर्ट पहुँच जाओगे. चलो अब जल्दी से मुझे अपनी जादु की छड़ी (लंड) दिखाव.
सतीश फ़ौरन अपने पैंट की ज़िप खोल देता है और अपना नौ इंच का लंड बाहर निकालने की कोशिश करता है. पर लंड खड़ा होने की वजह पैंट से बाहर नहीं आ रहा है.
सानिया से अब एक पल भी और इंतज़ार नहीं हो रहा है. वो खुद ही अपने बेटे की बेल्ट और पैंट खोल देती है. सतीश की पैंट निचे गिर जाती है. पेंट के गिरते ही सतीश का नौ इंच का खड़ा लंड फ़ौरन ऊपर उसके पेट् की तरफ आ के मस्ती में हिलने लगता है.
सानिया अपनी स्कर्ट को कमर तक उठा के अपनी पेन्टी में छुपी चुत को अपने बेटे के लंड के सामने कर देती है.
मेरा लंड मस्ती में ऊपर निचे हो रहा है.
सानिया एक मस्ती भरी सिसकारी के साथ अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में लेके अपनी चुत वीर्य से भीगी पेन्टी में चुत के ऊपर रख के रगड़ने लगती है. मम..
सानिया मस्ती में तेज़ी से अपने बेटे का लंड अपनी चुत पे रगड रही है.
सतीश : ओह गोड़, मम्मी, मुझे लगता है.... में... झड़...
इस से पहले की सतीश आगे कुछ कहता सानिया अपना मुह उसके मुह पे रख के अपने बेटे के होठो को चूसने लगती है. अपनी जुबान उसके मुह में दाल देती है. सतीश के गोटे मस्ती में अपना वीर्य लंड तक पहुंचा ने को तैयार हो गए लेकिन इस से पहले की सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकलती और वो मस्ती में झडता उसकी मम्मी उसके लंड को अपनी चुत से हटा के दूर जा के खड़ी हो गयी. सतीश का नौ इंच का खड़ा लंड मम्मी के पैरों के बीच में से निकल के ऊपर निचे हिलने लगा.
सानिया : हनी, अभी तुम्हे जाना होगा, तुम्हारे डैड बाहर कार में तुम्हारा वेट कर रहे है. हम ये अधुरा काम बाद में पूरा कर लेंगे.
सतीश : नही... मम्मी.. तुम मुझे यूँ पास ला के नहीं छोड सकती. तुम ऐसा कैसे कर सकती हो मेरे साथ? मैं झड़ने के बहुत क़रीब... था बहुत क़रीब... प्लीज मम्मी.. ऐसा मत करो मेरे साथ. प्लीज मेरे लंड की गर्मी शांत कर दो, प्लीज मेरा वीर्य निकाल दो प्लीज्...
सानिया : अब तुम्हे पता चला की जब कोई तुम्हे यूँ झड़ने के करीब ला के छोड दे तो तुम्हे कैसा लगता है. याद है जब पहले दिन तुम मेरे चुत्तड़ पे अपना लंड रगड के मुझे झड़ने के करीब ला के छोड गए थे. क्या तुम ने एक बार भी ये सोचा की उस वक़्त मुझे कैसा लगा होगा? नहीं तुम ने नहीं सोचा, तुम्हे तो उस वक़्त बस अपनी मस्ती की पड़ी थी. लेकिन में तुम्हारे जैसी नहीं हूँ में तुम्हारा पूरा ख्याल रखुंगी. लेकिन अभी नहीं रात को. अभी तुम्हे अपने किये की सजा मिलेगी ताकि तुम आज के बाद फिर कभी मेरे साथ ऐसा नहीं करो. तुम्हारी सजा ये है की तुम आज मुठ नहीं मारोगे..
सानिया : अगर तुमने मुठ मारा तो हमारा ये खेल यहीं ख़तम हो जाएगा और फिर आज के बाद तुम मेरे नंगे जिस्म को छूना तो दूर देख भी नहीं पाओगे.
सतीश : नही... मम्मी प्लीज ऐसा मत करो...
प्लीज् मम्मी...
सानिया : कोई प्लीज नही, मैंने कहा न नही... मतलब नही...
सतीश को समझ में नहीं आ रहा है की वो क्या करे.
सानिया : सतीश अब तुम जल्दी से अपनी पैंट पेहन के जाओ यहाँ से. तुम्हारे डैड तुम्हारा वेट कर रहे है.
सतीश : मम्मी इस हालत में में न ही अपनी पैंट पहन सकता हूँ और न ही अपना नौ इंच का खड़ा लंड लिए बाहर डैड के पास जा सकता हु. प्लीज मम्मी मेरी प्रॉब्लम समझो और मुझे कम से कम एक बार तो मुठ मारने दो. मुठ मारे बिना ये बैठने वाला नहीं है, अगर में जल्दी से बाहर नहीं गया तो डैड अंदर आ जायेंगे और अगर उन्होंने मुझे तुम्हारे साथ इस खम्बे जैसा नौ इंच का लंड लिए नंगे खड़े देख लिया तो वो इसे मेरे ही गांड में घूसा देंगे.
अपने बेटे की बात सुन के सानिया खिलखिला के हॅसने लगती है.
सतीश : मम्मी में यहाँ इतना परेशान हूँ और आप हो की हस् रही हो.
सानिया : अरे मेरे लंड राज नाराज़ मत हो. रुक में अभी तेरी परेशानी दूर करती हूं.
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सतीश : मम्मी में यहाँ इतना परेशान हूँ और आप हो की हस् रही हो.
सानिया : अरे मेरे लंड राज नाराज़ मत हो. रुक में अभी तेरी परेशानी दूर करती हूं.
ये कह के सानिया दरवाज़े तक जाती है और दरवाज़ा खोल के अपने पति से कहती है. "सतीश को अर्जेंट बाथरूम जाना पड़ गया है, ५ मीनट में आ रहा है.
फिर सानिया दरवाज़ा बंद कर के वापिस आ जाती है.
सानिया : चलो. अब तुम मुठ मार सकते हो, हाँ लेकिन सिर्फ एक बार वो भी अभी.
सतीश मम्मी की बात सुन के बाथरूम की तरफ जाने लगता है.
सानिया : सतीश कहाँ चले... अपना लंड हिलाते हुए...?
सतीश : बाथरूम मे... मुठ मारने...
सानिया : जी नही... अगर तुम्हे मुठ मार्नी है तो यहीं मारो मेरे सामणे.
सतीश : पर मम्मी.. मैं तुम्हारे सामने कैसे मुठ मार सकता हूँ?
सानिया : क्यों मेरे सामने मुठ मारने में तुझे क्या प्रॉब्लम है?
सतीश : मुझे शर्म आ रही है. मैं अपनी मम्मी के सामने कैसे मुठ मार सकता हूँ
सानिया : क्यूँ अपनी मम्मी की गांड में अपना लंड घुसाने में, अपनी मम्मी को नंगी देखने में, अपनी मम्मी की स्तन दबाने में तुझे शर्म नहीं आई, मम्मी के सामने मुठ मारने में तुझे शर्म आ रही है.
सानिया : मुझे कुछ नहीं सुन ना अगर तुझे मुठ मारनी है तो मेरे सामने मार, वरना रहने दे, मुझे तुम को मुठ मारते हुए देखना है. और वैसे भी में ही वो हूँ जिसकी वजह से तेरा लंड खड़ा हुआ है. अब तू मेरे लिए इतना तो कर ही सकता है. चल अब देर मत कर जल्दी से शुरू हो जा ज़यादा वक़्त नहीं है तेरे पास.
ये कह के सानिया मुस्कुराने लगी. पहले से भी कहीं ज़्यादा वीर्य उसकी चुत से बहने लगा.
सतीश भी बहुत उत्तेजित था, उस ने शरमाते हुए अपना लंड हाथ में पकड़ा और आगे पीछे करते हुए मुठ मारने लगा.
सानिया मस्ती में पीछ मुड़ी और उसने अपनी पेन्टी निकल दि. फिर आगे झुक के उसने अपनी स्कर्ट को कमर तक उठा दिया और अपने दोनों हाथों से अपने चुत्तड़ को फ़ैलाते हुए अपनी गांड का हसीन छेद और अपनी सेक्सी चुत अपने बेटे को दिखाने लगी.
अपनी मम्मी की सेक्सी गांड और चुत देख के सतीश की मस्ती दुगनी हो गयी, वो और भी तेज़ी में अपना लंड हिलाने लगा.
सतीश : ओह, माँ, तुम्हारी गांड और चुत का ये हसीन नज़ारा मुझे पागल बना रहा है, मैं झड़ने के करीब हु. आह... ओह... है मम्मी मेरा वीर्य अब बस निकलने वाला है.
अपने बेटे की बात सुन के सानिया फ़ौरन बेटे के सामने ज़मीन पे बैठ जाती है.
[Image: tumblrnpxgmjxvtlnrjo-1486917486cp84l.gif...BWQuDI8tvQ]

सानिया : हाँ मेरे बेटे.. मेरे लाल.. निकालो अपना वीर्य अपनी मम्मी के नाम पर. कम फॉर मि, बेबी, ये देखो मेरी चुत...
ईसी चुत से एक दिन तुम निकले थे... और इसी चुत में एक दिन तुम्हे अपना ये लंड घूसा ना है.
सतीश : ओह... मम्मी.. में गया... मेरा वीर्य.... निकल रहा है...
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी मम्मी की खुली हुई चुत और टांगो पे गिरने लगती है..
अपणे बेटे के गरमा गरम वीर्य को अपनी चुत पे महसुस करके सानिया भी मस्ती में झड़ने लगती है.
आएहा हा... ओमामम... सतीश में भी गयी...
दोनो माँ बेटा साथ में झड़ने लगते है.
धीरे धीरे जब दोनों के मस्ती कम होती है तो...
सानिया : ओह, सतीश.. मज़ा आ गया. ऐसा नज़ारा आज तक मैंने कभी नहीं कहीं नहीं देखा है. इतनी मस्ती मुझे आज तक कभी नहीं चढि... आज पहली बार में बिना अपनी चुत को छुये झड गयी. इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला. तुम्हारे लंड से जितना वीर्य निकला है इतना वीर्य तो मैंने कभी नहीं देखा. मेरा दिल चाह रहा है की में अपने बेटे के लंड को अपने हाथ में ले के खूब रगडू. उसका वीर्य एक बार फिर से निकलते हुए देखुं. तुम ने अपने स्टाइल से हमारे बीच में ये "ईन्सेस्ट सेक्स गेम" शुरू किया था अब में इसे अपने स्टाइल से आगे बड़ाऊँगी.
ये गेम हम दोनों को हद से भी ज़्यादा मज़ा देगा. हम वो सब करेंगे जो की इस दुनिया में एक मर्द और औरत के बीच में होता है.
एंसेस्, किंकि, फैटिश्. एनल, गोल्डन शावर और न जाने क्या क्या... हम सारी हद पार कर देंगे.
मुझे पता है की मम्मी को अपने बेटे के साथ ये सब नहीं करना चहिये, लेकिन में शौक से तुम्हे ये सब सिखाना चाहूँगी, तुम्हे तड़पाऊंगी, तरसाउंगी. तुम्हे जी भर के प्यार करुँगी. वो दिन भी जलद ही आएगा जब में तुम्हे अपनी चुत चोद ने दूंगी. तुम क्या सोचते हो इस बारे में?
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सानिया अपने बेटे के सामने बैठि अपनी चुत बेटे को दिखाते हुए उस के लंड को मुठ मारते हुए ये सब कह रही है.
सतीश : ओह... मम्मी मुझे यकीन नहीं हो रहा है. कहीं में सपना तो नहीं देख रहा. अगर ये सपना है तो ये कभी न टूटे, और अगर ये हक़ीक़त है तो फिर में इस दुनिया का सब से खुश किस्मत इंसान हु. आह... मम्मी में गया.. मेरा वीर्य निकल रहा है.....
सतीश मस्ती में झड गया, उसका वीर्य मम्मी के हाथों में और उसके पैंट पे निकल गया. जिसे देख के सतीश परेशान हो गया.
सतीश : मम्मी ओह्ह शीट.. ये क्या हो गया... मेरी पैंट मेरे वीर्य से पूरी गीली हो गयी, अब में इस हालत में बाहर डैड के पास कैसे जाउँ?
सतीश : डैड ने अगर ये देख लिया तो वो मुझे जान से मार देंगे.
सानिया : क्यूँ क्या हुआ...? बस इतने से डर गया...? इस तरहा डरोगे तो...? अपनी मम्मी को कैसे चोदोगे...?

सतीश : मैं डर इस लिए रहा हूँ क्यूँकि में अपनी सेक्सी मम्मी को चोदने से पहले नहीं पकड़ा जाना चाहता. तुम हाँ कहो तो में अभी तुम्हे चोद सकता हु...
सानिया : अभी नही... इसके बारे में हम रात में डिस्कस करेंगे. अभी तुम जल्दी से खुद को ठीक करो.. मेरे ख्याल से तुम्हारे डैड अंदर आ रहे है, मैंने डोर के खुलने की आवाज़ सुनी.
सतीश : मम्मी अब क्या होगा...?
सानिया : तु फ़िक्र मत कर में सब संभाल लुंगी. तु जल्दी से अपनी पैंट पहन ले.
ये कह के सानिया उठि और उसने जल्दी से अपनी पेन्टी पहनी और अपनी ड्रेस ठीक की फिर सामने टेबल से स्वीटकॉर्न की बोतल उठा के उसका ढक्कन खोला और अपनी ड्रेस पे ज़मीन पे और सतीश की पैंट पे स्वीटकॉर्न दाल दिया और फिर टॉवल लेके अपने पैर और ड्रेस पे से अपने बेटे का वीर्य और स्वीटकॉर्न साफ़ करने लगी.
इतने में डैड किचन का दरवाज़ा खोल के कहते है.
डैड : ये सतीश कर क्या रहा है. उसे क्यों इतनी देर लग रही है...? ये सब क्या है...?
सानिया : वो मेरे हाथ से स्वीटकॉर्न की बोतल गिर गई थी... सतीश के पैंट पे भी स्वीटकॉर्न लग गया था... वो अपनी पैंट चेंज करने गया है... इस में उसकी कोई ग़लती नहीं है... पूरी ग़लती मेरी है प्लीज तुम उसे कुछ मत कहना...
डैड : ठीक है... लेकिन उसे कहो की वो जल्दी करे. हम लेट हो रहे है.
ये कह के डैड बाहर चले गए और सोनिआ ने राहत की सांस ली.
सतीश पैंट चेंज कर के किचन में आता है.
सतीश : मम्मी.. जब में वापिस आउंगा तब क्य...? तुम मुझे कम कपडे पहने मिल सकती हो.
सानिया ने अपने बेटे के गले में हाथ ड़ाला और कहा.
"हनी... मेरी पेन्टी मे... हाथ दाल के... मेरी चुत को... मेहसुस करो..."
"अपनी ऊंगली... मेरी वीर्य भरी.. चुत में घुसाव..."
"ईस तरहा तुम्... मेरी रसीली चुत.. का वीर्य... और खुशबु... अपने साथ ले जा सकते हो... अभी से ले कर घर आने तक्... तुम मेरी खुशबु.... सूँघ सकते हो..."
सतीश फ़ौरन अपनी मम्मी की स्कर्ट उठा के अपना हाथ अपनी मम्मी की चुत वीर्य से भीगी पेन्टी में डालता है... और मम्मी की वीर्य से भीगी चुत पे अपने हाथ को फिराते हुये.. अपनी ऊँगली मम्मी की रसीली चुत में डालता है... और अंदर बाहर करने लगता है...
सानिया : मस्ती में सिसकार उठती है... मम.... उह.... आह.... वो मस्ती भरी आँखों से अपने बेटे को देखने लगती है...
सतीश मम्मी की वीर्य छोडती चुत में से हाथ निकाल के सूंघता है... फिर न जाने क्या सोच के अपनी जुबान बाहर निकाल के अपनी ऊँगली पे लगे मम्मी की चुत के वीर्य को चाटता है... फिर अपनी ऊँगली अपने मुह में दाल के चूसने लगता है...
सतीश : मम... वाओ मम्मी.. तुम्हारी चुत... का वीर्य तो बहुत टेस्टी है... और तुम्हारी चुत.. की खुश्बु... भी बहुत मस्त है...
अपने बेटे की हरकत को देख कर सानिया मस्ती में झड़ने लगती है.
सानिया : मम.... ओह.... आह.... सतीश... मैं गयी... आई..
ओ सिंक से टेक लगा के झड़ने लगी..
सानिया सिंक से टेक लगा के झड़ने लगी. झड़ने के बाद उसने कहा.
सानिया : ओह्ह गोड़... सतीश आज तुम ने बिना छुये मुझे दूसरी बार झाड़ दिया. आज में अपने बेटे को अपनी चुत वीर्य चाट ते देख मस्ती में झड गयी. अब इस से पहले की हमारे बीच में कुछ और हो... तुम जल्दी से अपने डैड के साथ एयरपोर्ट निकल जाव. किसे पता की आगे क्या होने वाला है....?
"शायद में तुम्हे अपनी चुत चुदने दुं...."
सतीश : शायद नहीं मम्मी.. मुझे पूरा यकीन है की एक दिन... तुम ज़रूर मुझे अपनी चुत चोदने दोगी...
सानिया : ओये शेखचिल्ली... वो दिन अभी बहुत दूर है... अभी से खयाली पुलाओ मत पकाओ... अभी तुम जाव... वो सब हम बाद में सोचेंगे...
सतीश मम्मी को बाई बोल के बाहर आके कार में बैठता है और डैड के साथ एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है.


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सतीश मम्मी को बाई बोल के बाहर आके कार में बैठता है और डैड के साथ एयरपोर्ट के लिए निकल जाता है.
पूरे रस्ते सतीश ने बहुत कोशिश की... की वो कुछ और सोचे लेकिन... उसके दिमाग से उसकी सेक्सी मम्मी की मस्त चूची... रसीली चुत.. और मस्त गांड... निकल ही नहीं रही है. वो चाह के भी रोड पे कंसन्ट्रेट नहीं कर पा रहा है.
उसके डैड उसे बता रहे हैं की उसकी कॉलेज की फीस उन्होंने भर दी है.. और वो घर पे अच्छे से अपनी मम्मी का ख़याल रखे... वो हर काम में अपनी मम्मी की मदत करे... मम्मी को कोई तकलीफ न होने दे... उसकी हर बात माने... उसे पूरा सुख दे...
सतीश : हाँ डैड ज़रूर... में मम्मी का पुरा... ख़याल रखूंगा...
सतीश दिल में सोचता है.
"मैं एक एक कर के मम्मी के पूरे कपडे निकलुंगा... फिर मम्मी के स्तन को दबाते हुये मम्मी के निप्पल चूसूंगा... फिर मम्मी की रसीली चुत और मखमली गांड चाटूंगा... फिर मम्मी की टाइट चुत में अपना नौ इंच का लंड दाल के में मम्मी को खूब जम के चोदूँगा..."
मैं मम्मी को पूरा मज़ा दूंगा....
ओ दोनों बहुत जल्दी एयरपोर्ट पहुँच गये. डैड को बाई बोल के मैं कार में बैठ के फ़ौरन घर की तरफ निकल गया.
अपनी ऊँगली से मम्मी के चुत की खुश्बु सूँघ के मेरा लंड मस्ती में उछलने लगा.
मा की चुत की खुश्बु उसे पागल बना रही थी.
ओ इतना जोश में आ गया की उसने सोचा की अपना नौ इंच का लंड पैंट में से बाहर निकाल के मुठ मार ले. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया उसने मम्मी से वादा किया था की वो मुठ नहीं मारेगा.
ओ इस वक़्त अपनी मम्मी की मस्त चुत को याद कर रहा था
उसे घर पहुँचने की बड़ी जल्दी थी. उसने कार की स्पीड बढाई और फ़ौरन घर पहुँच गया.
घर पहुँच के वो जल्दी से किचन की तरफ गया. जैसे ही उस ने किचन का दरवाज़ा खोला वो चोंक गया.
कीचन में उसकी मम्मी सिंक के पास खड़ी सब्ज़ी काट रही थी. उसकी मम्मी के जिस्म पे कपडे के नाम पे एक धागा भी नहीं था वो बिलकुल नंगी खड़ी थी.
मा की सेक्सी गांड देख के लंड उसके पैंट में उछाल कुद मचाने लगा.
उसे ऐसा लगने लगा जैसे वो मस्ती में आके अपनी पैंट में ही झड जायेगा. उसका दिल चाह रहा है की वो मुठ मारे और अपने वीर्य से अपनी सेक्सी और नंगी मम्मी को नहलाये.
सानिया प्लेट और काटी हुई सब्जी उठाने के लिए जैसे ही झुकि उसकी मस्त चुची भी आगे हुई. सतीश अपना खुला मुह लिए मम्मी की मस्त चुची से २ फीट दूर बैठा था उसके मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गयी.
जिसे सुन के सानिया मुस्कुराने लगी.
फिर जैसे ही सतीश ने आगे झुक के मम्मी की सेक्सी चुची को हाथ बढा के पकडना चाहा सानिया फ़ौरन घूम के अपनी सेक्सी गांड मटकाती हुई सिंक के पास चलि गयी. सतीश मस्ती में मटकती हुई मम्मी की सेक्सी गांड देख के आहें भरने लगा.
उसकी मम्मी उसके सामने इस तरहा नंगी खड़ी है जैसे वो अपनी मम्मी नंगी पैदा हुई थी. फर्क सिर्फ इतना है की उस वक़्त उसके जिस्म पे ३६डी साइज की चुची... सेक्सी गांड और चुत पे झांटें नहीं थी.
सतीश से अब एक पल भी बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था
"उसका लंड खम्बे की तरहा खड़ा हो के.... मम्मी की रसीली चुत मे... झंडे गाड़ने को तैयार है..."
सानिया : अगर तुम चाहो तो... अपने कपडे उतार सकते हो.
सतीश उठा और पलक झपकते ही उसने अपने कपडे उतार दीये.
उसका नौ इंच का खड़ा लंड पैंट में से बाहर आ के मम्मी की रसीली चुत को सलामी देणे लगा.
सानिया अपने बेटे के नौ इंच के लोहे जैसे कड़क लंड को मस्ती में हिलते देख के अपने होठो पे अपनी जुबान फिराने लगी.
सानिया : जल्द ही किसी को अपनी लाइफ की पहली चुदाई नसीब होने वाली है. लगता है ये हाथियार बड़ी मस्ती देणे वाला है. लेकिन ध्यान रखना की एक बार जो लड़की इसे अपनी चुत में ले के चुदाई करवा लेगी. वो फिर मरते दम तक इसे छोडने का नाम नहीं लेगी.
तूम चाह के भी उसे अपने इस दमदार लंड से अलग नहीं कर पाओगे क्यों की..
मुझे तुम्हारे लिए एक ऐसी लड़की ढूंढ़नी पड़ेगी जो तुम्हारा गधे जैसा मुसल लंड अपनी चुत में ले ने को तैयार हो.
मेरे ख्याल से मेरा यहाँ का काम ख़तम हो गया है... क्यूँ न हम अंदर रूम में चल के बाते करे...? वहाँ हम बात भी कर लेंगे और में अपना कुछ काम भी कर लुंगी.
मा की बात सुन के सतीश फ़ौरन खड़ा हो गया.. वो अपना हिलता हुआ लंड लेके मम्मी की मटकती हुई गांड के पीछे पीछे चल दिया.
उसने अपनी मम्मी के हिलते चुत्तड़ को देख के मस्ती भरी सिसकारी ली मम.. और अपने लंड को हाथ में ले के २ बार आगे पीछे हिला के छोड दिया.
उसकी मम्मी के हिलते चुत्तड़ उसे पागल बना रहे हैं.
उसका दिल चाह रहा है की वो अपना लंड अपनी मम्मी की गांड या चुत में घूसा के जम के मम्मी की गांड मारे या फिर चुदाई करे.
सानिया मस्ती में अपनी गांड मटकाती हुई तिरछी निग़ाहों से अपने बेटे के हिलते हुए लंड की तरफ देख के मुस्कुराने लगती है.
सानिया पीछे घूम के अपने बेटे से कहती है.
सानिया : तुम्हे मेरी गांड बहुत पसंद है ना... और तुम मेरे चुत्तड़ के बीच में अपना लंड ड़ालना चाहते हो ना...
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सतीश सोफ़े पे बैठ के अपना सर हाँ में हिलाता है.
हा मम्मी.. तुम्हारी गांड दुनिया की सब से खूबसूरत और सेक्सी गांड है. एक दम मुलायम और गद्दे जैसी... है कितनी प्यारी गांड है तुम्हारी.
सानिया अपने बेटे के मुह से अपनी गांड की तारीफ़ सुन के शर्मा जाती है.
सानिया : थैंक यु बेटा... मेरी गांड की तारीफ़ करने के लिये. लो अच्छे से देख लो मेरी गांड को...
ये कह के सानिया २ कदम आगे बढ़ के पीछे घूम के धीरे धीरे झुकने लगती है.
सतीश अपनी सांस रोक के मस्ती में अपनी मम्मी की सेक्सी गांड को देख रहा है.
मा की लिपस्टिक लगी वीर्य से भीगी चुत साफ़ उसे साफ़ नज़र आ रही है.
मा के झुकते ही उसके चुत्तड़ फैल जाते हैं और उसकी मस्त गांड का गुलाबी छेद नज़र आने लगता है.
सतीश : ओह गोड़, मा, तुम्हारी गांड और चुत कितनी खूबसूरत है. मैं इन्हे छूना चाहता हु. इन्हें मेहसुस करना चाहता हूं.
सानिया : बाद में, मेरे लाल बाद मे... अगर में तुम्हे वहां चाटने दू तो...? गांड में नही... चुत मे...
सतीश : मम्मी.. मैं शौक से दोनों को चाटना चाहता हु... वो भी अंदर तक... मैं तुम्हारे पूरे जिस्म के हर एक इंच... को पूरे दिल से चुमना और चाटना चाहता हु...
सानिया : क्या सच मे... तुम मेरे पूरे जिस्म को चाटोगे. मेरी गांड में भी... हर जगह मेरी बगल में भी...
ओह गोड़, ये सोच के ही मेरी चुत.. मस्ती में वीर्य छोडने लगी... तुम एक नंबर के शैतान हो... चलो इसी बात पे में तुम्हे एक गिफ्ट देती हु. तुम मेरे पूरे जिस्म को चाट सकते हो... मेरी गांड में और चुत में भी...
तुम्हारे डैड ने कभी भी मेरी चुत नहीं चाटी और न ही मेरी गांड के साथ कुछ किया... मेरे ख़याल से तुम मेरी गांड और चुत को चोदना चाहते हो...
सतीश : मम्मी.. मैं तुम्हारे जिस्म के तीनओ... छेद में अपना लंड घुसाना चाहता हु...
सानिया : बस करो... अगर तुम इसी तरहा बोलते रहे तो... तुम मेरी चुत को झड़ने पे मजबूर कर दोगे... मेरी चुत से पहले ही बहुत वीर्य बह रहा है...
ये कह के वो खड़ी हो जाती है और कपडा लेके टेबल और चेयर की धुल साफ़ करने लगती है.
सतीश अपनी मम्मी के जिस्म की हर हरकत को बड़े गौर से देख रहा है.
फैमिली रूम में नंगे बैठे अपनी नंगी मम्मी को घर का काम करते हुए देखने का अलग ही मज़ा है.
इस से अच्छा नजारा उसने आज से पहले कभी नहीं देखा था जैसे ही उसकी मम्मी टेबल साफ़ करने के लिए झुकी... मम्मी की लिपस्टिक लगी चुत के होंठ खुले और अन्दर वीर्य से भीगा हिस्सा चमकता हुआ साफ़ नज़र आने लगा... ये वही चुत है... जिस में उसने अपनी ऊँगली घुमाई थी...
सतीश : मम्मी.. क्या तुम हमेशा ही अपनी चुत के होठो पे लिपस्टिक लगाती हो...?
सानिया : नही... ये तो मैंने आज ही लगाई है... अपने प्यारे बेटे के लिये.
मेरा लंड मम्मी की वीर्य छोडती चुत में घूसने के लिए मचल रहा है... मम्मी की चुत के कसाव को मेहसुस करने को तड़प रहा है...
मा की चुत में अपना वीर्य छोडने के लिए तड़प रहा है...
सानिया : हिलाओं उसे...
सतीश : क्या...?
सानिया : हिलाओं उसे... हिलाओं अपने लंड को... मेरे लिए मुठ मारो... मैं तुम्हे मुठ मारते हुए देखना चाहती हूं...
तुम अपना लंड हिलाते रहो... लेकिन ध्यान रहे तुम्हारा वीर्य नहीं निकले... जब तुम्हे लगे की तुम्हारा वीर्य निकल ने वाला है... उसी वक़्त तुम फ़ौरन रुक जाना... और मुझे बता देना... अगर तुम्हारा पानी निकला तो ये समझ लेना की हमारे बीच का ये खेल... यहीं ख़तम हो गया... समझे..?
सतीश ने हाँ में अपना सर हिला दिया... मरता क्या न करता.. वो नहीं चाहता की मम्मी बेटे का ये खेल कभी भी ख़तम हो...
उसने अपना लंड हाथ में लिया और मुठ मारने लगा...
सानिया मस्ती में अपने बेटे के सामने बैठ के अपने बेटे के नौ इंच के लंड के सुपाडे को बेटे के हाथ के अंदर बाहर होते हुए देखने लगी...
सानिया : धीरे... धीरे करो...
सानिया को अपनी चुत फड़ फडाती हुई मेहसुस होने लगी... वो खुद अपने बेटे के लंड को हाथ में लेकर... मुठ मारना चाह रही है...
ओ अपने बेटे के लंड को मुठ न मार के अपने हाथ से अपनी चुत के होठो को खोल के अपनी चुत के दाने को रगडते हुये अपनी वीर्य छोडती चुत में अपनी ऊँगली दाल के अंदर बाहर करने लगी...
ओ अपने बेटे के लंड को अपनी चुत में लेना चाह रही है... वो अपने बेटे के ऊपर चढ के उसका लंड अपनी चुत में लेके मस्ती में चीख़ना चाह रही है...
उस से इंतज़ार बर्दाश्त नहीं हो रहा है... एक पल का भी इंतज़ार उसकी जान ले रहा है... उसे खुद पे हैरानी हो रही है... कैसे वो अपने बेटे के साथ इन्सेस्ट रिलेशन को आगे बढा रही है...?
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सब से बुरी बात तो वो है की... इस हफ्ते के ख़तम होते होते वो अपने बेटे का गधे जैसा लंड अपनी चुत में ले के बेटे के साथ जम के चुदाई करने वाली है.
जब तक उसके बेटे का लंड उसकी चुत में पूरी तरहा से झड नहीं जाता..और वो अपने लंड के वीर्य से उसकी चुत को पूरा लबालब भर नहीं देता.... की एक बूँद वीर्य उसकी चुत में और न जा सके...
सतीश अपनी मम्मी के स्तन को घुरते हुये अपना हाथ अपने लंड पे आगे पीछे कर रहा है...
सानिया को ये पता है की अपने बेटे की मस्ती बढाने के लिए उसे क्या करना है...
ओ अपने बेटे के पास जाकर टेबल पे बैठ के अपनी दोनों टाँगे फैला के अपनी वीर्य छोडती चुत अपने बेटे को दीखाती है...
सतीश का चेहरा अपनी मम्मी की वीर्य छोडती और खुश्बु फ़ैलाती चुत के बहुत पास है... उसको मम्मी की चुत की भीनी भीनी खुश्बु पागल बना रही है... वो झड़ने के करीब पहुँच गया है...
सतीश : ओह गॉड मम्मी ओह गॉड. ओह में झड़ने वाला हु... मम्मी.
सानिया फ़ौरन उठ के बेटे के सामने खड़ी हो जाती है...
सानिया : नही... झड़ना मत्... छोड दो अपना लंड... जल्दी से छोडो उसे... झडना मत.. रोक लो अपने वीर्य को... उसे अपने लंड से बाहर मत निकलने देना...
सानिया फ़ौरन अपने बेटे का हाथ लंड पे से हटा देती है...
सानिया : रुक जाव... रोक लो उसे... अपना वीर्य बचा के रखो...
सतीश को ये अच्छा नहीं लगता... लेकिन वो अपना हाथ मम्मी को हटाने देता है...
उसका वीर्य उसके गोटे में रुक जाता है...
सतीश :मम्मी.. मैं झड़ने ही वाला था... क्यूँ तुम ने मुझे झड़ने नहीं दिया..? क्यूं.......? . मुठ मारो... प्लीज मुठ मार के मेरे लंड का पानी निकालो. मुझे अपने स्तन दबाने दो ताकि मस्ती में मेरे लंड का पानी जल्दी निकल सके...
सानिया : मेरे पास इस से अच्छा आईडिया है...
ये कह के सानिया निचे बैठ गई और आगे हो के उसने अपने बेटे का लंड हाथ में पकड़ लिया...
फिर इस से पहले की सतीश ये समझ पाता की उसकी मम्मी के दिमाग में क्या चल रहा है... मम्मी ने उसके लंड के सुपाडे पे किस किया और उसे अपने मुह में ले के चूसने लगी..
उस पे अपनी जुबान फिराने लगी... फिर धीरे धीरे वो अपने बेटे के नौ इंच के लंड को अपने मुह के अंदर तक घुसाने लगी.
जब लंड उसके गले से टकराया तो वो रुकि और लंड पे अपनी जुबान फिराते हुये लंड को चूसते हुये अपने मुह में आगे पीछे करने लगी...
सतीश मस्ती में पागल हो के सिसकारी लेने लगा... मम... आह... मम्मी... ओह.... मैं झड़ने वाला हु...ओँ आह.... में गया.... मेरा वीर्य निकल रहा है....
सतीश के लंड से वीर्य की पिचकारी निकलकर मम्मी के गले से जा टकराई...
सानिया अपने बेटे के गरम और टेस्टी वीर्य को मज़े लेके लेके पीने लगी... सतीश के लंड से तेज़ी से वीर्य की पिचकारी निकल रही थी जिसे उसकी मम्मी मज़े से पी रही थी... थोड़ा वीर्य मम्मी के होठो से बाहर निकल के बह रहा था... जब तक उसके लंड से वीर्य निकलता रहा उसकी मम्मी ने उसके लंड को अपने मुह से निकलने नहीं दिया... वो मज़े से पीति रहि...
कुछ देर के बाद सतीश के लंड से वीर्य निकलना बंद हो गया... तब जा के सानिया ने अपने बेटे का लंड अपने मुह से बाहर निकाला.
उसने अपने बेटे के लंड से वीर्य को पूरी तरहा निचोड लिया...
सानिया ने अपने बेटे को जितना तडपाया था... उतना ही ज़्यादा उसके बेटे के लंड से निकला वीर्य उसे इनाम में पीने को मिला... अपने बेटे का टेस्टी वीर्य पी के सानिया मस्त हो गयी...
उसके बेटे की मस्ती आज आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो गयी... सानिया ये चाहती थी की जब उसका बेटा उसे चोदे तो उस वक़्त भी वो इसी तरहा मस्ती में आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो जाए..
सतीश को ये उम्मीद नहीं थी की उसकी मम्मी उसका लंड चूस के उसका वीर्य पियेगी...
उसने अपनी मम्मी की चुत में ऊँगली की थी मगर उसे इस बात का यकीन नहीं हो रहा है की उसकी मम्मी ने उसका लंड एक पोर्नस्टार की तरहा चूसा ही नहीं बल्कि उसके लंड से निकले वीर्य को पिया भी.
अभी तो सिर्फ सुबह के ११ बाजे है.. डैड को वापिस आने में ३० दिन बाकी है. डैड पूरे एक महीने के लिए बाहर गए है.. पहले उनका ट्रिप ७ दिन का था लेकिन उन्होंने उसे बढा के ३० दिन का कर दिया...
इसका मतलब में और मम्मी घर में अकेले और वो भी नंगे मज़े कर ने वाले है... वो भी पूरे ३० दिन तक्... ये सोच के ही मेरे लंड में हलचल होने लगी वो मस्ती में खड़ा हो के उछलने लगा.
सानिया : वॉव यार ... एक दम मस्त और टेस्टी वीर्य था... यमम... पी के मज़ा आ गया...
सतीश :वॉव मम्मी.. क्या मस्त लंड चुस्ती हो तुम्... सच में मज़ा आ गया... आज पहली बार किसी ने मेरा लंड चूसा है...और वो भी इतने मस्त तरीके से... कहाँ से सीखा तुम ने इस तरहा मस्ती में लंड चुसना....?
सानिया : तुम्हे ये सुन के हैरानी होगी... शादी के दिन से ले कर आज तक ये पहला लंड है जो मैंने चूसा है...
सतीश : लेकिन तुम ने तो कहा था की डैड को लंड चुसवाना पसंद नहीं है...और उन्होंने कभी भी तुम्हे अपना लंड चूसने नहीं दिया... तो फिर कहाँ से सीखा तुम ने... इतना अच्छा लंड चूसना...?
सानिया : तुम्हारे डैड को लंड चुसवाना पसंद नही है तो क्या...? मेरे डैड को तो ये बहुत पसंद था..
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सतीश : क्या...!! इसका मतलब तुम ने अपने डैड का लंड चूसा है...
सानिया : हा... मैंने अपने डैड का लंड चूसा है... मेरी मम्मी बचपन में ही हम को छोर के चलि गई थी... मेरे डैड ने अकेले ही हम दोनों को पाला है... उन्होंने ही हम दोनों को सेक्स के बारे में बताया था..
तुम्हारे डैड को उस वक़्त भी ओरल सेक्स पसंद नहीं था और अब भी उन्हें वो पसंद नहीं है... लेकिन मुझे तो ओरल सेक्स बचपन से ही पसंद है...
मेरे डैड का कहना था की शादी से पहले अपनी विर्जिनिटी खोने से तो अच्छा है की घर में ही ओरल सेक्स का मज़ा लो... बाहर किसी के साथ ओरल सेक्स या चुदाई करने से बदनामी हो सकती है... लेकिन घर में किस का डर..
लेकिन तुम्हारे डैड का कहना था की ओरल सेक्स गन्दी चीज़ है... लंड और चुत तो पिशाब करने और चुदाई करने की चीज़ है... मुँह में ले के चूसने की नही... वो ऐसा गन्दा काम नहीं करेंगे... लेकिन उन्होंने मुझे कभी अपने डैड के साथ ओरल सेक्स करने से नहीं रोका... मेरे डैड ने मुझे लंड चूसना सिखाया है... मैं अपने डैड का लंड मज़े ले के चुस्ती और वो मेरी चुत को जी भर के चाट ते... मैंने अपने डैड का लंड भले ही चूसा है... लेकिन न ही मैंने कभी उनका वीर्य पिया है... और न ही उनसे कभी अपनी चुदाई कारवाई है... हम बाप बेटी सिर्फ ओरल सेक्स का मज़ा लेके मस्त रहते... हम कभी अकेले तो कभी एक साथ ६९ पोजीशन में ओरल सेक्स का मज़ा लेते... दोनों की सेक्स की कमी दूर हो गई थी... मैं अपनी शादी तक वर्जिन थी... तुम्हारे डैड ने मेरी सील तोड़ि थी... फिर मेरी शादी के एक महीने बाद मेरे डैड हम को छोड के चले गयी...और में ओरल सेक्स के मज़े से दूर हो गयी... लेकिन आज तुम्हारी वजह से फिर से मुझे ओरल सेक्स का वो हसीन मज़ा वापिस मिल गया... मेरे डैड का लंड तुम्हारे लंड जितना बड़ा तो नहीं था... मगर तुम्हारे डैड जितना छोटा भी नहीं था... उनका वीर्य भी बहुत निकलता था... लेकिन तुम्हारे जितना नही... तुम्हारे अंदर तो वीर्य का समुन्दर भरा हुआ है... मेरी सोच से कहीं ज़्यादा परे...
तुम्हारे लंड लड़की को जन्नत की सैर करा सकता है. मैं तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो गयी... आज के बाद में रोज़ तुम्हारे लंड को चूसूंगी... उसका टेस्टी वीर्य पियूँगि... जब भी मेरा दिल करेगा... जहाँ भी मेरा दिल करेगा... तुम क्या कहते हो इस बारे मे...?
सतीश : हाँ मम्मी.. क्यूँ नही... मैं तो हर वक़्त तैयार हु... तुम्हे अपना लंड चुस्वा के वीर्य पिलाने को...और तो और में तुम्हारे साथ ओरल सेक्स ६९ के लिए भी तैयार हु... जब तुम चाहो... जहाँ तुम चाहो...
आज से मेरा लंड तुम्हारा हुआ... और तुम्हारी चुत और गांड मेरी..
सतीश की बात सुन के सानिया बेहद खुश हो गयी... और उठ के अपनी हसीन गांड मटकाती हुई जाने लगी... मम्मी के हिलते मटकते चुत्तड़ देख के सतीश के दिल और लंड दोनों में हलचल होने लगी... वो फ़ौरन अपनी जगह से उठा और आगे बढ़ के अपनी मम्मी के पैरों से लिपट के उसके सेक्सी चुत्तड़ को किस करने लगा... चुमने लगा चाट्ने लगा...
अपणे बेटे की इस हरकत से सानिया मस्ती में सिसकार उठि...
सानिया : आह... मम... ओह... सतीश....... ये तू क्या कर रहा है...
सतीश : है मम्मी... क्या मस्त चुत्तड़ हैं तुम्हारे... मम... मेरा दिल चाह रहा है की इन पे शहद मलाई लगा के मज़े से चाटता ही रहु...
सानिया : है... आह... मम... ओह... सतीश....... बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे... है और ज़ोर से चाट... मेरी ये फेंटेसी थी की कोई मेरी गांड चाटे... है मा... मुझे यकीन नहीं हो रहा है की मेरा अपना सगा बेटा मेरी फेंटेसी पूरी कर रहा है.. और मज़े से एक कुत्ते की तरहा मेरी गांड चाट्ने को मचल रहा है... ले चाट मेरी गांड... मम...
सतीश धीरे धीरे एक कुत्ते की तरहा अपनी मम्मी के चुत्तड़ को चाटने लगता है..
सानिया मस्ती में अपनी गांड हिलाने लगती है... उसे अपने बेटे से अपनी गांड चटवा के बड़ा मज़ा आ रहा है...
सानिया सतीश को ज़मीन पे लेटने को कहती है... और उसके सर के अगल बगल अपने पैर रख के अपनी बड़ी गांड उसके मुह पे रख के बैठ जाती है... और पूरे ज़ोर से दबा दिया...
"उफ्फ्.... .."
सतीश को अपने मूह पर अपनी मम्मी की मस्त गांड को महसूस कर बेहद मज़ा आने लगा... वो मज़े से अपनी मम्मी की गांड की मस्त स्मेल को सूंघने लगा...
सानिया ने मस्ती में अपनी गांड को अपने बेटे के मुह पे इतनी ज़ोर से दबाया की सतीश की नाक उस की बड़ी गांड की दरार में घुस गयी.
सानिया की बड़ी सी गांड से मेरा पूरा मूह ढ़क् गया.... सतीश ने सांस लेने की कोशिश की लेकिन उसकी नाक में मम्मी की मस्त गांड की कामुक खुसबू ही समायी हुई थी... उसे सांस लेना मुश्किल हो रहा था... उसका दम घुटने लगा... उसने अपने हाथ से अपनी मम्मी की मस्त गद्देदार गांड को पकड़ के थोड़ा ऊपर उठाय और तेज़ तेज़ सांस लेने लगा...
जब सानिया को इस बात का एहसास हुआ तो वो थोड़ा ऊपर उठि...
सानिया : लगता है मेरे बेटे को मेरी मस्त गांड पसंद नहीं आयी...
सतीश : नहीं मम्मी मुझे तुम्हारी सेक्सी गांड और उसकी मदहोश करने वाली खुसबू बेहद पसंद आयी... वो देखो तुम्हारी गांड की सेक्सी खुश्बु सूँघ के मेरा लंड कैसे खड़ा हो के तुम्हारी सेक्सी गांड को सलामी दे रहा है...
सानिया अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड को मस्ती में हिलते हुए देख के मस्त हो जाती है... और मस्ती में दुबारा अपने सेक्सी चुत्तड़ अपने बेटे के मुह पे रख के बैठ जाती है...
मेरा मुह एक बार फिर से अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ से ढ़क् जाता है... उफ्फ्... इतनी गोरी मूलायम... और बड़ी गांड है सानिया की... सतीश तो क्या उसे देख के किसी का भी लंड मस्ती में खड़ा हो के उसे सलामी देणे लगे.....
फिर सानिया थोड़ा ऊपर उठि और उसने अपने दोनों हाथों से अपने सेक्सी चुत्तड़ को खोल कर अपने बेटे को अपनी गांड का सेक्सी होल दिखाया...
सतीश : वो... मम्मी तुम्हारी गांड का ये छेद कितना मस्त है... बिलकुल साफ़... हल्का सा भूरे रंग का... तुम्हारे गोरे चूतडों के बीच में ये छेद इतना सेक्सी लग रहा है की मेरा दिल कर रहा है की में इसे चाटु...
सानिया : तो चाट न.... रोका किसने है... जल्दी से चाट इसे और मुझे जन्नत का मज़ा दे...

[Image: 8870994.gif]


सतीश : है मम्मी मैं कितना किस्मत वाला हु.. की मुझे अपनी सेक्सी मम्मी की सेक्सी गांड का छेद चाट्ने को मिल रहा है... मैं तो जी भर के इसे चाटुन्गा. पूरी जुबान अंदर तक दाल के तुम्हे जन्नत का मज़ा दुंगा..
सानिया : चल अब देर मत कर जल्दी से मेरी गांड चाट.
सानिया : चल अब मेरी गांड को सूंघ और चाट और मेरी फेंटसी पूरी कर के मुझे जन्नत का मज़ा दे...
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ये कह के सानिया अपने बेटे के मुह के ऊपर बैठने लगी.... उसने अपने हाथों से अपनी गांड का छेद खोला हुआ था... सतीश की नाक
सीधी उसकी गांड के छेद में घुस्स गयी और उसका पूरा फेस अपनी मम्मी की बड़ी गांड में छूप गया...

सानिया के मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गयी...
"म्म... आह....."
अपनी मम्मी की गांड की मदहोश करने वाली खुश्बु सूँघ के सतीश के लंड से प्रीकम निकलने लगा... सानिया की बड़ी गांड की स्मेल बहुत सेक्सी और कामुक थी... सतीश के रोम रोम में उत्तेजना भर रही थी...
सानिया ने आगे झुक के अपने बेटे के लंड के सुपडे पे उभरे हुए प्रीकम को अपनी जुबान से चाट के कहा...
सानिया : मम... सूंघ.... अपनी मम्मी की गांड की खुश्बू... हाँ ऐसे ही... है बड़ा मज़ा आ रहा है मेरे शेर...सूंघ.... अपनी खूबसूरत मम्मी की मदमस्त गांड की मदहोश खुसबू सूंघ... मेरे लाल...
सतीश बहुत मज़े ले के अपनी मम्मी की गांड की खुश्बु ले रहा था...
तभी अचानक सानिया ने अपनी गांड उठायी और कहा....
सानिया : चल अब अपनी ज़ुबान से मेरी सेक्सी गांड के छेद को चाट... मेरी गांड के छेद को अपनी थूक से गीला कर के अपनी जुबान को उस छेद के अंदर बाहर कर के मुझे मज़ा दे.... मम.....
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश ने अपनी जुबान बाहर निकाली...
सानिया ने अपने दोनों हाथों से अपने चूतडों को खोल कर अपनी गांड के छेद को अपने बेटे के जुबान के ऊपर रख दिया... सतीश अपनी मम्मी के गांड के छेद को अपनी जुबान पे मेहसुस करके मस्ती में पागल कुत्ते की तरहा चाट्ने लगा...
सतीश को अपनी मम्मी की सेक्सी गांड के छेद का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था... वो अपनी जुबान गांड के छेद के अंदर ले जा कर मज़े ले के चाट्ने लगा.
सानिया मस्ती में सिसकारी लेते हुए अपने बेटे की जुबान पे अपनी गांड को ऊपर निचे आगे पीछे कर रही है..
सतीश मस्ती में अपनी जुबान से अपनी मम्मी की मोटी गांड के छेद को कुरेदते हुए अंदर बाहर करते हुए चाट रहा है... सानिया की गांड अपने बेटे के थूक से गीली हो गयी है... सतीश अपनी जुबान को गांड के छेद के अंदर तक दाल रहा था..
सानिया लगभग आधे घंटे तक उसी पोज़ में अपनी गांड अपने बेटे मुह के ऊपर रख के अपने बेटे से अपनी गांड चटवा के मज़े लेती रहि... अचानक सानिया का जिस्म मस्ती में काम्पने लगा और वो झड ने के करीब पहुँच गयी...
सानिया : है... बेटा... मैं झड़ने वाली हु....
ये कह के थोड़ा ऊपर उठि और अपनी चुत को अपने बेटे के मुह पे रख के अपने हाथ से अपनी चुत के दाने को घिसते हुए... अपनी चुत को अपने बेटे के मुह पे आगे पीछे करने लगी...
सतीश मस्ती में अपनी मम्मी की चुत चाट के उसकी चुत का मीठा वीर्य पीने लगा...
कुछ ही देर में सानिया मस्ती में सिसकारी लेते हुए अपने बेटे के मुह में झड़ने लगी...
सानिया : आह... बेटा.... मैं गयी... आह... ... आह...
सतीश मज़े ले के अपनी मम्मी की रसीली चुत से बेह्ते हुए पानी को पीने लगा... कुछ देर बाद... सानिया आगे झुकि और अपने बेटे का खड़ा लंड अपने मुह में लेके मज़े से उसे चूसने लगी... सतीश को अपनी मम्मी की गांड चाट के इतनी मस्ती चढ़ी हुई थी की वो कुछ ही देर में अपनी मम्मी के मुह में झड गया... सानिया मज़े ले के अपने बेटे के लंड से निकल रहे वीर्य को पीने लगी... फिर दोनों निढाल हो के वहीँ लेट गये... कुछ देर के बाद सानिया मस्ती में उठि और अपने रूम में जाने लगी...
सतीश ने फ़ौरन उसे रोका और खीँच के अपनी गोद में बिठा लिया...
सानिया : क्या बात है मेरा बेटा आज बड़े जोश में है..?
सतीश : जिसकी मम्मी इतनी खूबसूरत और सेक्सी होगी वो जोश में क्यों न हो...
सानिया : तुझे में कहाँ से सेक्सी लगती हु...?
सतीश : मुझे तुम हर जगह से सेक्सी लगती हो, चेहरे से, चूची से, चुत्तड़ से और चुत से... लेकिन...
सानिया : लेकिन क्य...?
सतीश : लेकिन ये की तुमने अमेजोन फारेस्ट क्यों ऊगा रखा है...?
सानिया : क्या कहा...? अमेजोन फॉरेस्ट.. हा है है ह... कहाँ है अमेज़न फॉरेस्ट...?
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सतीश : ये क्या है...? तुम्हारी हसीन चुत पर...?
सानिया : ये तो मैंने तेरे एनाकोंडा के लिए घर बनाया है...? क्यूँ तुझे और तेरे अनाकोंडा को मेरा ये घर पसंद नहीं आया क्य...?
सतीश : मुझे और मेरे एनाकोंडा को तुम्हारा ये घर तो बहुत पसंद है... लेकिन घर के ऊपर का जंगल पसंद नहीं... तुम इस जंगल को निकाल दो...
सानिया : अगर तुझे ये जंगल पसंद नहीं है तो तू खुद ही इसे क्यों नहीं नीकाल देता...?
सतीश : मम्मी आप सच कह रही हो...? क्या में सच में इस जंगल को काट के तुम्हारी हसीन चुत को बेपरदा कर सकता हु...?
सानिया : हा... अगर तुझे अच्छा लगे और तुझे कोई प्रॉब्लम न हो तो...
सतीश : मम्मी में तो शौक से ये करना चाहूंगा... लेकिन...
सानिया : लेकिन क्य...?
सतीश : लेकिन ये की में इस जंगल के अलावा भी तुम्हारे जिस्म का पूरा जंगल साफ़ करना चाहता हु...
सानिया : अब मेरी चुत के अलावा और कौन से बाल हैं जिसे तू साफ़ करना चाहता है...? तु मुझे टकली करने की बात तो नहीं कर रहा है...?
सतीश : हहहहा... नहीं मम्मी में तुम्हारे सर के बालों की बात नहीं कर रहा हूं.
सानिया : तो फिर..? तु कौन से बालों की बात कर रहा है.?
सतीश : मैं तो तुम्हारी बगल के, हाथ के, पैर के चुत के और चुत्तड़ के बालों की बात कर रहा हु. मैं अपनी मम्मी को पूरी चिकनी बनाना चाहता हूँ अगर तुम हाँ कहो तो...?
सानिया : लेकिन इसकी क्या ज़रुरत है...?
सतीश : ज़रुरत है... आज में अपनी मम्मी को इस दुनिया की सबसे खूबसूरत परी बनाना चाहता हु...
सानिया : अच्छा... तो तुझे चिकनी पसंद है...
सतीश : हा... बाल होते हैं तो मज़ा नहीं आता... चिकने जिस्म की तो बात ही कुछ और है...
सानिया : मुझे चिकनी बन के किसे दीखाना है...? मुझे बिना कपड़ों के देखने वाला है ही कौंन...?
सतीश : क्यूँ में हूँ ना...? मैं देखूँगा तुम्हे...?
सानिया : बस सिर्फ देखेंगा...?
सतीश : नही... करुँगा भी...
सानिया : क्या करेंगा...?
सतीश : मैं वो तुम्हारी चिकनी चुत, बगाल, चुत्तड़ और गांड चाटूंगा... है कितना मज़ा आयेगा... मोम..
सानिया : मुझे पता है... तु ऐसा ही कुछ करेग... तु मेरे बाल कम साफ़ करेगा और मेरा जिस्म ज़्यादा चाटेगा... इस लिए तू मुझे अपनी शेविंग क्रीम और रेजर दे... मैं खुद अपने जिस्म के बाल साफ़ कर लुंगी...
सतीश : लेकिन मम्मी तुम अपने चुत्तड़ और गांड के छेद के पास के बाल कैसे साफ़ कर पाओगि...?
सानिया : वो तो है...
सतीश : इस लिए तुम्हारे जिस्म के बाल में साफ़ कर देता हु...
सानिया : ठीक है... तु ही कर दे मेरे जिस्म के बाल साफ़... जा जल्दी से अपना शेविंग किट ले आ...
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