Incest पापा प्लीज……..

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पापा प्लीज……..
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UPDATE-25

कनक अपने रूम में घुसते ही पहले तो बाथरूम गई… फिर फ्रेश होने के बाद निकली तो मम्मी खाने के लिए आवाज दे दी… कनक भी खाना खाने चल दी… खाना पीना होने के बाद कनक फोन निकाली और ऑडियो क्लिप सुनने लग गई…


जब कनक की समझ में नहीं आई तो उसने तमाचे को फोन घुमाई…तमाचा का फोन बिजी था… कनक कुछ देर वेट कर आवाज को हर किसी से मैच करवा रही थी मन ही मन, पर उसके जानकार व्यक्ति में से किसी की मैच नहीं हो रही थी…

कुछ ही पलों में तमाचा का फोन आ गया… कनक फुर्ती से रिसीव की और हैलो की… तमाचा हैलो सुनते ही बोलने लगा,"बहन की लौड़ी, एक घंटा पहले ही तो तेरी बूर फाड़ा था तो इतनी जल्दी फिर से कैसे खुजली मच रही है…"

कनक तमाचे की स्वभाव जानती थी…वो उसकी बात का जवाब एक छोटी हंसी के साथ दी और बोली,"ऑडियो सुना…?"

तमाचा,"हाँ सुना… पर अभी कुछ मालूम नहीं चला… शाला फोटो तो रंग बिरंगी है… साली रूपा तो देख के पनिया गई होगी यार…"

कनक,"हाँ, मुझे भी नहीं मालूम पड़ी… हे उसकी फेसबुक आईडी नहीं दी तुम्हें, चाहिए तो बोलो…"

तमाचा,"हाँ सजेस्ट कर देना…मैं एड तो हूँ ही…अभी उधर ही मिलते हैं चल…"

कनक,"हाँ ठीक है फिर…रूपा को भी बुलाती हूँ…"

तमाचा आश्चर्य से पूछा,"भोसड़ी रूपा तो नहीं थी ना पहले…"

कनक,"नहीं, आज ही आईडी बनाई है…"

तमाचा हामी भरता हुआ बोला,"हम्म्म्म…ग्रुप में लेना…वहीं चोदूँगा शाली को…"

कनक हंसती हुई बोली,"चोद लेना…चल बॉय..फेसबुक पर मिलती हूँ…"

तमाचा भी बॉय कह फोन रख दिया.. रात्रि भोजन के बाद कनक,तमाचा और रूपा तीनो फेसबुक पर आ धमकी… तमाचा तो पहले से ही मूड बना रखा था कि रूपा से मजे लेने हैं फेसबुक पर ही… बात बनी तो आमने सामने भी हो जाएगी…

उधर रूपा पहले तो हल्की फुल्की बात की पर जैसे ही तमाचा पहला कदम बढ़ाया कि रूपा दो कदम पीछे…कनक की तरफ से बस हंसी की स्माइली आ रही थी…रूपा ग्रुप में रहने के बाद भी ना के बराबर थी…

तमाचा लाख कोशिश किया कि रूपा सपोर करे,कुछ बात करे पर निराशा ही हाथ लगा… तमाचा गुस्सा भी हुआ पर कर भी क्या सकता था… बस कनक को गालिया सुनाने लगता… वो भी कम नहीं थी, एक के बदले चार सुनाती…

सामने होती तो ना डर रहती कि कहीं वो पेल ना दे… हार कर तमाचा नॉर्मल पर उतर आया तो रूपा भी भुक्क से हाजिर हो गई जवाब के साथ… तमाचा का खून तो मानो नस के बाहर दौड़ने लगी… खड़ा लंड को पाला जो मार दिया था…

इन सब के दौरान ही इन सब की नजर उस लड़के की आई.डी. पर पड़ी जो अब ऑनलाइन आया था… तमाचा खटाक से उसे इनबॉक्स में अपना छोड़ दिया,"हे ब्रो, तेरी प्रोफाइल तो मस्त है…"

तारीफ किसे नहीं पसंद होती, वो लड़का भी अपनी तारीफ सुन फूला नहीं समाया और सीना चौड़ा करते हुए "थैंक्स " भेजा… इतने में तमाचा दोनों को दोनों को आपस में बात करने बोल उस लड़के से लग गया…

पहले तो हल्की फुल्की बात किया फिर तमाचा लम्बी वाली गली से अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते हुए पूछा,"हे, तुम्हारी फ्रेंड तो काफी मस्त मस्त है, एकाध से हमें भी मिलवाओ ना…"

लड़का स्माइली देते हुए,"हाँ, मुझे लड़कियो से दोस्ती काफी पसंद है…"

तमाचा,"सिर्फ दोस्ती या और कुछ भी…"

लड़का,"क्या यार, अब इतना भी फायदा नहीं मिलेगा तो दोस्ती किस काम की…"

तमाचा,"ग्रेट यार… इतने सारे में से एक दो की हमें भी तो दिलवा दो…"

लड़का,"दिलवा तो देता पर थोड़ा रिस्क है…"

तमाचा के चेहरे पर हंसी आ गई कि मामला पट रहा है…तमाचा,"यार बिना रिस्क का मजा क्या… वो तू मुझ पर छोड़ दे… बाकी अगर खर्चा पानी लगेगा तो भी मैं मैनेज कर लूंगा…"

लड़का,"हम्म्म्म…कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या जो बर्दाश्त नहीं कर पा रहे…"

तमाचा दिमाग का भी इस्तेमाल कर रहा था… वो कोई भी जवाब ऐसे नहीं देना चाहता था कि उसे कुछ गड़बड़ लगे…तमाचा,"यार इतना बदसूरत और चवन्नी छाप तो हूँ नहीं कि ना हो…है एक पर शाली प्रपोज दिन से ही रट लगा कि शादी के बाद… दिखने में मस्त है तो छोड़ नहीं पा रहा.. शायद शादी भी हो जाए क्योंकि वो भी हमें छोड़ती नहीं…"

उस लड़के ने तमाचे की बात के जवाब में ढ़ेर सारी हंसी की स्माइली सेंड कर दिया… तमाचा भी मुस्कुरा दिया कि शाला, बात में तो उलझ गया…और उलझेगा कैसे नहीं बेटा,आखिर नेता का बेटा हूँ…

लड़का,"फिर तो सोचना पड़ेगा कुछ तेरे लिए…"

तमाचा तो इसी बात का इंतजार कर रहा था…तमाचा,"प्लीज यार, किसी से भी टांका भिड़वा दे ना…देख अभी भी शाला पूरा तैयार है…"

लड़का,"हम्म्म…मैं तुझे एक नम्बर देता हूँ…ठीक है…तू उस पर कॉल करना… वो तुम्हें तुम्हारी पसंद की लौंडिया दिला देंगे…"

तमाचा,"थैंक्यू यार…मैं तुम्हारा जिंदगी भर अहसान रहूँगा…"

लड़का,"ना भाई, एहसान की जरूरत नहीं है…बस वो जितना कहेंगे, उतना जेब ढ़ीली करना होगा…"

तमाचा,"उसकी फिक्र मत कर भाई…मेरा बाप पैसा छापता है मेरे लिए टक टका टक… अच्छा भाई अब जल्दी से नम्बर दे दे…"

लड़का,"ओके यार देता हूँ पर अभी नहीं कल करना होगा…आज वे शहर में नहीं हैं… कल आएंगे… तुम्हारे ही शहर के हैं…मैं तो काफी दूर हूँ तुम्हें तो पता ही है…"

तमाचा,"हाँ यार, पता है…माल कड़ाका देने बोलना यार…"

वो लड़का स्माइली से हंसता हुआ बोला,"उसकी फिक्र मत कर यार… बस एक बात का ख्याल रखना होगा कि तुम अपनी पहचान सही बताना…"

तमाचा कुछ आश्चर्य से पूछा,"हाँ यार बता दूँगा पर ऐसा क्यों?"

वो लड़का कुछ चुप रहा फिर बोला,"देख भाई बुरा मत मानेगा तो बताऊंगा…"

तमाचा,"नहीं यार, अब तुम मेरे दोस्त हो तो दोस्त की बात का क्या बुरा मानना…"

वो लड़का,"बात दरअसल ये है कि उनके सम्पर्क में हर तरह की लड़की है…बाजारू से लेकर घरेलू तक… तो जाहिर है घरेलू में कोई ऐसी भी हो जो तुम्हारे क्लोज हो तो ऐसे में अगर सही पहचान बता दोगे तो वो क्लोज से हट के माल दिलाएंगे…समझ रहे हो ना…"

तमाचा ना समझे, नामुमकिन ही था… वो तुरंत बोल दिया,"समझ गया यार…तुम उसकी चिंता मत कर…बस कोई घरेलू माल की जुगाड़ लगाना…"

लड़का,"ठीक है फिर…ये ले नम्बर **********…और इनको मैं बोल दूँगा… फिर तुम्हें उनके बताए जगह पर पहुंच जाना…ठीक है…"

तमाचा नम्बर एक अलग कागज पर जल्दी से नोट किया और फिर पूछा,"इनका नाम क्या है…"

लड़का,"आर.जे….पर वो सब मैं कर दूंगा…तुम्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी… बस जब मैं तुम्हें कहूँ तू इनको फोन करना और इनके बताए जगह पर माल ले के पहुँच जाना मस्ती करने…ठीक है.."

तमाचा,"ठीक है भाई, थैंक्यू दोस्त…तुमने मेरे लिए इतना कुछ किया…"

लड़का हंसता हुआ इट्स ओके कहा और नींद आ रही कहता हुआ ऑफ हो गया… तमाचा वापस कनक रूपा की ग्रुप में आया तो वहाँ काफी देर से सन्नाटा पसरा था…तमाचा दो तीन बार जब हाय हाय चिल्लाया तो कनक जवाब दी…

तमाचा,"भोसड़ी कहाँ बूर चुदवा रही है…"

कनक,"कुत्ते, रूपा भाग गई तो अकेली अचार डालती क्या यहाँ…कुछ मालूम चला..?"

तमाचा,"और नहीं तो क्या…तुम्हारी तरह थोड़ी ना हूँ जो नहीं मालूम पड़ेगी…रूपा भागी क्यों..?"

कनक,"क्या-२ ..कौन है वो…"कनक बेसब्री से पूछ बैठी…

तमाचा,"पता नहीं पर कल पता लग जाएगा…अभी बस नम्बर मिला है… आर.जे. नाम है इस भड़वे का… "

कनक,"नम्बर है तो अभी कॉल कर के देख ना…"

तमाचा गुस्से का स्माइली देते हुआ टाइप किया,"मादरचोद तू रंडी सब प्लान करती तो ठीक ठाक है पर जल्दबाजी कर मां बहन चुदवा लेती है… स्टेप से चल ना… तब तो सक्सेस होगी…"

कनक,"अच्छा अच्छा ठीक है… क्या प्लान है फिर…"

तमाचा अब नॉर्मल होता हुआ बोला,"हम्म्म्म…प्लान कुछ नहीं है… कल इससे बात होगी तो कोशिश करूँगा पहले मिलूँ किसी तरह…"

कनक कुछ आश्चर्य और कुछ उत्सुकता से पूछी,"शाले तुम्हें लगता है कि वो मिलेगा…"

तमाचा,"भोसड़ी नहीं मिलेगा ऐसे मुझे भी पता है… इसलिए तो चोदने का कार्यक्रम भी फिट किया हुँ…बहनचोद तुम दोनों की वजह से आज पहली बार पैसे दे कर चोदने के लिए राजी हुआ हूँ…और वो पैसे तुम दोनों देगी समझी ना…"

कनक की हंसी निकल आई फिर वो बोली,"शाले झूठ क्यों बोलता है…मैं खुद कई बार तेरे से पैसे ली हूँ…"

तमाचा,"अबे रंडी ठीक से याद कर… तीन दिन फ्री में चोदा था पहले… चौथी बार तुम रोने लगी थी कि मुझे पैसों की जरूरत है…हेल्प कर दो कुछ…तब हेल्प किया था कॉलेजफ्रेंड सोच कर… बूर के पैसे नहीं दिए थे…"

कनक,"अच्छा छोड़ो उन बातों को…अब नींद आ रही है…सोने जा रही हूँ…कल मिलते हैं…"

तमाचा मैसेज पढ़ते ही तेजी से टाइप करता हुआ सेंड बटन दबाया,"रूक भोसड़ी, रूपा क्यों भागी…ये तो बता…"


कनक पहले तो हैप्पी स्माइल दी फिर बोली,"भागी क्यों..? तूने गरम गरम बातें कह दी तो बेचारी गीली हो गई तो चली गई बी.एफ. से बात करने…"
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UPDATE -21

सीमा भाभी के घर की गली 7 की तरह थी…पहले कुछ दूर सीधी चलो, फिर मुड़ो तो मेन रोड पर… तमाचा उस गली के मोड़ पर था… बिना मतलब खड़ा तो रह नहीं रह सकता था तो उसने झूठ मूठ किसी की चाटने फोन लगाया और चाटने लग गया….

इधर सीमा भाभी भी बन ठन गई थी… अब तो ऐसे लग रही थी मानो किसी की शादी में जा रही हो और दुल्हन की बेस्ट फ्रेंड हो… ये अक्सर दिखने को मिल ही जाती है कि दुल्हन से ज्यादा सुंदर उसकी सखी ही हो जाती है और बेचारा दुल्हा मन ही मन गाली देता रहता है,"शाली आज से पहले किस बिल में घुसी थी.. "

डीप लो कट ब्लाउज, जिनमें से एक कबूतर हमेशा की तरह बाहर झांकती हुई… बाल की एक मोटी लट बार बार गाल पर तिपकती जिसे सीमा भाभी अदा से कान पर चढ़ाती रहती… आँखों में पतली सी काजल, पल्लू पीछे तो गई थी पर दूसरे हाथ से पकड़ आगे कर ली ताकि पीछे वाले बड़ी नितम्ब की नागिन डांस देख सके…

होंठो पर चटक लाल रंग की लिपस्टिक, लाल रंग की ही साड़ी नेट वाली वो हल्की कढ़ाई वाली… जिससे अंदर की दूसरी कबूतर के साथ हर चीज साफ साफ झलक रही थी… हाईहील की सैंडल जिसमें नाखून पर लाल रंग नेल पॉलिश साफ साफ दिख रही थी…

एक हाथ चूड़ी से भरी थी जबकि दूसरी में बस एक कंगन… गले में मंगलसूत्र घाटियों के बीच झूल रही थी… सीमा भाभी आखिरी बार आइने रे सामने खड़ी हो खुद को निहारी और चल पड़ी बाहर…छन छन.. छन छन… आज तो लड़के घायल तो होंगे ही पर बुढ़ों का क्या होगा, राम जाने…

घर के कैम्पस से बाहर जैसे ही निकल गली में आगे बढ़ी कि उनकी नजर सीधे तमाचे से भिड़ गई… और तमाचा तो ऐसे चौंका मानों उसने दिन में किसी अद्भूत चीज देख ली हो… वो दूर से देखता ही रह गया… सीमा भाभी उसके नजर को ताड. गई और मन ही मन मुस्का दी कि थैंक गॉड, मेरी मेहनत बेकार नहीं गई…

तमाचा फोन पर बात करना भूल गया था… उधर से बार बार हैलो की आवाज आ रही थी…वो झल्ला कर गाली बकता हुआ फोन काट दिया और वापस नयन सुख करने मुड़ गया…सीमा भाभी अपनी हर अदा बारी बारी से निकाल आगे बढ़ी जा रही थी…

सीमा भाभी जब तमाचा के करीब से गुजरी तो तमाचा बेहोश सा हो बाइक पर लुढ़क गया… शाली इत्र भी क्या गजब की लगाती है… बिल्कुल दसफीटा सेंट है जो दस फीट दूर से अपनी रंगत दिखानी शुरू कर देती है…

तमाचा का मन तो हुआ कि तमाचा खा ले पर कनक की बात याद आ गई… पहले काम… फिर बाद में देखा जाएगा… जब तमाचा बेहोशी से बाहर हो पीथे पलटा तो नागिन की चाल में बलखाती सीमा भाभी मेन रोड तक गई और एक ऑटो में बैठ गई… तमाचा अब तक उन्हें घूरे ही जा रहा था…

जब ऑटो आगे बढ़ने को हुई तो सीमा भाभी वापस तमाचे की तरफ मुड़ी तो अंदर से वो कितनी खुश हुई कि पूछो मत… ये तो अब पक्का गया हुस्न के जाल में… ऑटो तब तक निकल गई…

ऑटो जाते ही तमाचा हड़बड़ा सा गया और "इ पैर भेल बाबू उ पैर लाबू…" की तरह चटपट बाइक नचाया और वापस मेन रोड पर उस ऑटो के पीछे… तमाचा अब ये सोचने पर मजबूर हो गया था कि सिर्फ लौण्डिया ही खूबसूरत नहीं होती… असली माल तो ऐसी भाभी ही है और वो शादी शुदा समझ कभी देखता भी नहीं था…

अब वो ये मिस हो रही चीज को मिस ना करने की ठान ली थी… करीब दस मिनट बाद ऑटो एक दुकान रे पास रूक गई… तमाचा दुकान का नाम पढ़ते थोड़ा आगे बढ़ एक पान की दुकान पर रूक गया… सीमा भाभी स्टूडियो के पास रूकी थी…

वो सीमा भाभी की हरकत पर नजर रख पान वाले से बोला,"राम राम भइया, एक टा सिगरेट दियो…" पान वाले भइया तमाचा की नजर का पीछा करते हुए सिगरेट देते हुए बोला…

पान वाला,"तमाचा भइया, ई गोरकी भौजी तऽ बड़ झक्कास छतिनऽ… कतऽ क छतिन आई पहिल बेर देखलौं हनऽ" तमाचा सिगरेट ले मुंह में डाल हल्के से मुस्कुरा कर बोला साथ में अंदर जाती सीमा भाभी से एक पल के लिए भी नजर नहीं हटाता था…

तमाचा,"कि जानियो भाई, हमरा तऽ इ खुड़खुड़िया में लौकलो… आगा पीछा ऊपर नीचा सगरो देह से रस टप टप गिरै छै… बहिनतोद गजब के माल छियऽ" तमाता पान वाले के साथ सुर ताल में जवाब देने लगा…

पान वाला,"हे रे भाई, तू तऽ कतेक छौड़ी सब कें चोदलै हं त हमर एगो बात मानऽ केहुना तू इ गरम भौजी के पटाउ… किया कि एकर चुची देखहीं बाप रौ कि गजब के एभरेस्ट लागै छै… अउर डांड़, माई गे… मन तऽ होइया एहऽजें बीच रोड पर कुतिया बना कऽ सटासट पेल दौं….बपचोदी के"

पान वाला अपनी बात खत्म कर मुस्कुराता हुआ आंहे भरने लग गया… तमाता सीमा भाभी की सुंदरता सुन हंसे बिना ना रह सका और साथ ही सिगरेट की कश लगाता बार बार उस जगह पर देख रहा था जहाँ से सीमा भाभी बाहर निकलती…

तमाचा,"एकदम सांच कहे छि भाई… हम तऽ बहुते छौड़िअन के सील तोड़ले छी मुदा एहन चीज आई तक नई देखलौं… सील टूटलो के बादोऽ शाली क निहारहि में लंड टनटना गेलौं… रूक, कुछ जोगाड़ लगबे छिऔ…"

पान वाला तमाचा की बात सुनते ही दांत निपोर कर हंसते हुए बोला,"हे भइया, कहीं पइट जेतों ना तऽ तेनके हमरो चिखा दिहा… तोरा जिनगी भर नाम लेबो… मुदा पहिल पहल तू मन भर कऽ खा लिहा…" तमाचा उसकी बात सुनते ही गाली देते हुए बोला,"तोरी बहिनी के, मेहनत हम करू आ फल तू खेबाऽ इ सब नई होतौ…तोरा लेल उने ताकऽ आम वाली ताके छौ बुर खोइल कऽ..जो आ घचाक से लौड़ा घुसा दीही…"

पान वाला तमाचा की बात सुनते ही मुंह लटका सा लिया और मायूस सा चेहरा बनाता हुआ बोला,"देख भाई, हम तोरा कतेब बेर कहियो कि उ हमरऽ गांम के बहिन लाछे छै… हम इ सब सोइचऽ नइ सके छियौ…"

तमाचा की नजर तब तक चमक गई…सीमा भाभी दुकान से बाहर आ रही थी…वो वहां से खिसकने की सोच जल्दी से सिगरेट बुझाया और सही जगह उसे फेंक दिया… फिर वो अपनी आखिरी बात कहते हुए बोला…

तमाचा,"देखऽ गांव के न छौ, सगा तऽ नई न छौ… शाला सगरो गांव सँऽ एना रिश्ता भजेबहिं तऽ लौंड़ा काइट कऽ पेटारी में रइख आ… तू बइठ कऽ सोच हम आबे छियौ उ ललकी भौजाई के देखने… उने से एबो तऽ तोरा से मिलबो… कि सोचे छि से कइह दिया…जाई छिऔ…"

तमाचा उसकी कोई बात सुनने से पहले बाइक पर बैठा और हुड़ीबाबा…. पान वाला वासना भरी निगाहों से अब सामने वाली को देखने लग गया… तमाचा सीमा भाभी के ऑटो के ठीक पीछे कुछ हट के चला जा रहा था…

तमाचा सोच रहा कि अब जाएगी… उस समय घर से काम के बहाने निकली होगी तो कुछ काम भी कर ली ताकि कोई घर पर पूछे नहीं… वो साथ ही इस इलाके के हर लौंडियाबाज लड़के,मर्द की सूरत अपने दिमाग में भी छापे जा रहा था कि कौन हो सकता है…

अचानक वो एक झटका सा खा गया… ऑटो वापस उनके गली के सामने रूकी और सीमा भाभी उतर के गली में घुस गई… वो गली के ठीक सामने आ सीमा भाभी को जाते बस देख रहा था… उसके दिमाग ने अपनी औकात दिखानी शुरू कर दी.. शाली कनक, उल्लू बनाने के लिए मैं ही मिला था…

इसे मेरे से चुदवाने का के चक्कर में थी तो बोल देती सीधा कि पटा लो इन्हें.. फिर तो हमरी थप्पड़ बाबा की जय थी ही… वो टिमटिमाता हुआ बाइक मोड़ा और वापस चल दिया…

शाम हो चुकी थी… सूरज अब ऐसी प्रतीत हो रही थी कि अब डूबी कि तब डूबी… और ये वक्त कनक को काफी लुभाती है… वो जब घर पर होती तो ऐसे समय छत पर जा डूबते सूरज को निहारती रहती.. इस वक्त भी वो छत पर ही थी…

कान में इयरफोन ठूंसी… यो यो की फैन थी तो दूसरा गाना सुन सकती थी क्या…साथ में दूसर छत पर कुछ लड़के मधुमक्खी की तरह मंडराते नैन मटक्का करने की जुगत में था… पर कनक किसी को घास तक नहीं डालती यहाँ… हां थोड़ी सी आँख मिचौली जरूर कर लेती और एकाध बार गलती से मुस्कुरा दी तो फिर तो सबकी पार्टी तय… पार्टी कौन देगा ये कनक पर निर्भर थी कि मुस्कान वो किसे पास करती थी…

तभी कनक की रिंगटोन संगीत छेड़ने लगी… नजर स्क्रीन पर…तमाचा… वो चट से फोन रिसीव की और हैलो बोली…

तमाचा,"शाली रंडी, मैं तेरा जीजा हूँ क्या जो मजाक कर रही थी…बहिनतोद मुफ्त में टाइम वेस्ट करवा दी कुतिया… अब तो बिना तेल डाले गांड़ मारूंगा तेरी…" तमाचा फोन रिसीव होते ही शुरू हो गया…

कनक,"ओए बहन के यार, गांड़ में मिर्ची क्यों लग रही है… पहले बात तो बता आखिर हुआ क्या…"

तमाचा,"अबे यार हूंगा तेरी मां का… शाली जब पता नहीं रहता तो अपने दिमाग से कुछ भी सोच़ लेती है …वो काम से गई थी और काम कर सीधी घर… समझी ना…"

कनक,"क्या? रूपा तो बताई थी कोई काम नहीं है… मतलब सीमा भाभी कह रही थी कि वो अपने दोस्त से मिलने जा रही है… और वो दोस्त अभी इस शहर में है ही नहीं…"

तमाचा ये सुन थोड़ा चौंका… अगर इसकी बात सही है तो फिर तो गड़बड़ है… वो अबकी कुछ गंभीर स्वर में बोला,"तो मतलब कहीं वो उसी स्टूडियो पर ही किसी से मिली होगी…शाला ये तो मैं सोचा ही नहीं…"

कनक,"शाले तुझे यही बात तो कह रही थी…और तू है कि सिर्फ अपनी ही सुनता है… कभी कभी दिमाग का भी इस्तेमाल कर लिया कर…सब गड़बड़ कर दिया…"

तमाचा अपना माथा पीटते हुए बोला,"अच्छा रूक, मैं कुछ जुगाड़ लगता हूँ…"

कनक एक बार फिर बेहूदगी बात पर बरस पड़ी,"अब खाक जुगाड़ लगाएगा… देखना तभी चाहिए था ना…अब किससे पूछेगा…" आगे तमाचा कुछ बोले कनक के दिमाग ने एक सवाल कर दिया…

कनक,"वो स्टूडियो कौन सा था…"तमाचे ने जैसे ही नाम बताया कनक मुंह खुली की खुली रह गई… ये तो रोहन के मामा की स्टूडियो थी…

कनक की दिमाग चक्करघन्नी बन गई… कैलाश भी है इसमें… वो एक बार तो गुस्से से भर गई पर तमाचा को कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी… वो बोली,"अ़च्छा ठीक है, ज्यादा मत बोलना…"

तमाचा हामी भर फोन रख दिया… कनक अब क्या करे, कैसे करे कुछ मालूम नहीं… बस वो यही सोचती रही कि आखिर कैलाश कैसे… कैलाश से तो डिम्पल भाभी की जान पहचान भी नहीं है… अगर होती तो वो रूपा को जरूर पहचानती या फिर बात को दबाने की वजह से बोले नहीं….

कनक रूपा को फोन की और सारी बात कह डाली… रूपा तो और टेंशन में… ये सब कैसे… अब क्या करे… सीमा भाभी अपना काम तेजी से किए जा रही थी और वो उतनी ही तेजी से बैक हुई जा रही थी…

रूपा उठी और मुंह हाथ धो फ्रेश हुई… फिर बाहर निकल सीमा भाभी के रूम की बढ़ गई…बात कहां तक गई ये भी जानना जरूरी था… कुछ ही देर में वो सीमा भाभी के रूम में थी…

सीमा भाभी अभी भी उसी तरह बनी ठनी थी… वो रूपा को देखती ही खिलक उठी और बोली,"आओ रूपा… मैं तुम्हारी ही इंतजार कर रही थी…"

रूपा टेंशन में होने के बावजूद मुस्कुराती हुई बोली,"बुला भी तो सकती थी… मैं तो रूम में ही थी…" रूपा की बात सुन सीमा भाभी अपने रूम में बढ़ती हुई मुंह बनाती हुई बोली,"हाँ पर मम्मी जी बेकार ही सोचने लग जाती कि आज ये कैसे आ धमकी है…"


रूपा,"तो क्या हुआ, आगे से रोज आना, फिर नहीं सोचेगी…" रूपा सीमा भाभी से बात करती उनके पीछे चल दी… रूम में जाते ही सीमा भाभी रूपा को बैठने बोली और लैपटॉप ले रूपा के बगल में बैठ गई…
WOW VERY NICE WRITING SKILL DEAR KEEP IT UP
 
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UPDATE-22
सीमा भाभी लैपटॉप ऑन करती हुई बोली,"रात में ही चैटिंग हुई थी… जब मैं बोली ना कि उसकी और पिक्स दो ना , वो काफी अत्छी लगती हमें… मतलब बहाने रही थी…समझ रही है ना…" सीमा भाभी कहती हुई रूपा से पूछी… रूपा हां में सर हिला सहमति जताई…


सीमा भाभी,"पहले तो वो बोला कि पहले तुम दिखाओ…ही..ही.. मैं तो डर ही गई थी कि अब क्या करूँ… पर फिर वो बोला कि लो देखो और उंगली करो…ही…ही.. " तब तक लैपटॉप ऑन हो गई थी… रूपा की नजर स्क्रीन पर टिक गई…

सीमा भाभी,"पता है मैं भी अभी तक नहीं देखी… सोची रूपा के साथ देखूंगी तो और मजा आएगा…ही…ही…ही… वो सारी चीज बंडल में भेज दिया था और मैं डाउनलोड कर रख ली…"

रूपा मन ही मन सोचने लगी कि कमीनी रात में रहती तब ना देखती… वो तो तुम उस स्टूडियो वाले यहाँ गई थी लेने… और उसका चक्कर क्या है ये मेरी भी समझ में नहीं आ रहा है… खैर देखती हूँ…

तभी सीमा भाभी एक नई फोल्डर ओपेन की और पिक्स पर झट से क्लिक कर दी…ताकि फूल स्क्रीन में दिखे रूपा को… वो कुटील मुस्कान के साथ सोच रही थी कि इसकी डिम्पल भाभी के कारनामे तो दिखे तब पूछती हूँ ना कि कौन अच्छी है वो रंडी या मैं नकचढ़ी…

स्क्रीन पर ज्यों ही तस्वीर उभरी, दोनों भक्क से रह गई… सीमा भाभी तो ये देख ही चुकी थी तो कोई फर्क नहीं पर रूपा के लिए ये सब मुश्किल लग रही थी देखने में ही… तस्वीरें एक काले रंग की विशालकाय लंड की थी… पूरी स्क्रीन पर वो और भयानक लग रही थी…

रूपा अपनी आँख बंद करती तो कभी हल्के से खोलती… कभी कनखियों से सीमा भाभी की तरफ देखती… सीमा भाभी तो देखते ही मंत्रमुग्ध हो गई थी…मन ही मन जल रही थी कि कमीनी ऐले ऐसे लंड भी खा चुकी है…

फिर रूपा का ध्यान आया तो रूपा की झिझक को हटाती हुई बोली,"अरे ऐसे क्या शर्मा रही है… लेने वाली शर्माई ही नहीं तो हम दोनों को क्या? वो भी सिर्फ फोटो से… अभी देखो कैसे तुमऽहारी प्यारी भाभी इसे घोंटती है पूरी की पूरी…"

सीमा भाभी अगली तस्वीरें निकाली पर ये भी लंड की ही… सीमा भाभी बोली,"अरे वाह! ये पतला पर दस इंची हथियार खा चुकी है… ये सैम्पल है रूपा. . आगे सब की पूरी सेट पिक्चर हैं…"

तीसरी पिक्स, वो भी लंड की ही पर अलग… चौथी… एक और नई लंड की… पाँचवी…अलग प्रजाति की पर थी लंड ही… छठी सातवीं, आठवीं …. सब के सब… करीब पचास तस्वीरें थी पर सब में बस लंड ही लंड…कोई छोटा,कोई मोटा…कोई लम्बा, कोई बौना…

सूमा भाभी के चेहरे पर हवाईया उड़ने लगी कि शाला,कितनी मेहनत से मार्केट गई थी लाने और वो हमें उल्लू बना दिया… पर रूपा से बोल नहीं पा रही थी…रूपा भी ऐसी तस्वीरें देख थोड़ी खुश तो जरूर हुई कि डिम्पल भाभी की तस्वीरें नहीं है…पर टेंशन भी बढ़ गई कि गड़बड़ है कुछ…

सीमा भाभी तरह तरह के लंड देख पहले तो उनकी बूर फुदकने लगी थी पर अगले ही पल जब डिम्पल की तस्वीरे नहीं आई तो बूर से निकली पानी वापस बूर में ही समा गई थी… वो तो अंदर ही अंदर जल रही थी

सीमा भाभी का सारा मजा धरा ही रह गया…कितनी खुश होती जब सामने डिम्पल सी एक से बढ़ कर एक हॉट तस्वीरें आती… पर साला हमें ही चुतिया बना दिया… उन्हें तो चैन नहीं मिल रही थी… तुरंत पिक्चर को बंद की और फोल्डर में गौर से देखने लगी…

अचानक उन्हें एक ऑडियो क्लिप मिली… रूपा की नजर भी वहीं पर थी… दोनों ऑडियो क्लिप देखते ही एक दूसरे की ओर मुड़ नयनों से बात करने लगी कि क्या है ये? सीमा भाभी धड़कते दिल से क्लिप ओपेन की…

"नमस्ते सीमा मैडम, कैसी हैं…अरे पगला गया हूँ मैं भी… इ तऽ ऑडियो मैसेज है तो बेकारे ना हाल चाल पूछ रहे हैं… खैर उम्मीदत: आप ठीक ही होंगी…

अब मुद्दे की बात… आप ये जो कर रही हैं एकदम गलत है मेरे लिए… सो प्लीज अभी से चुपचाप अपने काम से मतलब रखिए…डिम्पल क्या कर रही है, क्या वहीं कर रही है वो सब जाने दीजिए…

ये मेरी लास्ट वॉर्निंग है मैडम, पहली वार्निंग तो मैं देता नहीं… और हाँ दो बात और, पहली ये कि आप सोच रही होंगी कि मैं कौन हूँ… यो ज्यादा दिमाग लगाने सी जरूरत नहीं है… मैं आपके पूरी फैमिली को जानता हूँ और आप सब के नेचर से वाकिफ हूँ…

तो जाहिर है कि आप ये सब डिम्पल सो बदनाम करने के लिए सर रही हैं…और इससे नुकसान मेरा होगा…आप बोलेगी, तो वो कुछ इधर उधर ग्लानि में कर दी तो फिर पुलिस वाले तार से तार जोड़ हम तक पहुँच सकते हैं… मैं ये नहीं चाहता…उम्मीद करता हूँ आप समझ गई होगी…

और अब दूसरी बात, आपको जो ये तस्वीरें भेजी है मैंने ये सब आप ही के लिए है…क्योंकि आप भी तो हसीं हैं, जवां है तो मन तो इधर उधर होता होगा ही और आप रहती भी हैं हिरोइन की तरह… साड़ी पहनना छोड़ दोगी तो कच्ची कली लगोगी अब भी…

और ये सब फोटु हमारे क्लाइंट सबकी हैं जिनमें कुछ देशी हैं और कुछ विदेशी…अगर इच्छा हुई हमारे साथ जुड़ने की तो उस स्टूडियो वाले को जाकर ये मेमोरी कार्ड के साथ एक रूपये का सिक्का दे देना…मैं आपसे मिल लूंगा फिर…

आप हमें एक रूपया दोगी और मैं आपको लाखों दूंगा और साथ में मस्ती भी… सोच समझ कर फैसला लेना… मेरे यहाँ शहर के अमीर से लेकर रिक्शे वाले तक आते हैं… कोई दिक्कत नहीं होगी…

जाते जाते, डिम्पल को मैंने नहीं बहकाया है… मेरा तो ये धंधा है जिसमें मैं बस लड़की देखता हूँ… वो कैसे मेरे निकट तक आने पर मजबूर हुई मुझे नहीं पता… मजबूर इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि वो काफी डरी सहमी थी…

पर इन सब से मुझे क्या लेना देना… उसी समय शाली को भेज दिया काम पर… कोई विदेशी था शायद… शाले ने जम के फाड़ा था… शादी शुदा होने के बावजूद शाली झटके ले कर चल रही थी… कुंवारी भर तो अपने आशिक को खूब मजे दी थी…

खैर, वो सब अलग बात है… अब अपनी बात खत्म कर रहा हूँ…पर आप ये मत भूलना कि अभी से आप इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगी…अगर की तो डिम्पल को तो घरेलू रंडी बना कर रखे हैं ना पर तुम्हें तो बाजारू रंडी बना कर कोठे पर बिठा कर रखेंगे…वो भी इसी शहर में… वो है ना वातानुकूलित कोठा, वहीं..

और हाँ मेरा बाल बांका ना पुलिस कर सकती है और ना तेरा वो ससुर कालीचरण या उसके तीनों बेटे… समझी ना… हर तरह के और बड़े लोगों से नजदीकी बनाए रखता हूँ तो सेफ महसूस करता ही हूँ और साथ मैं भी धीरे धीरे उनकी तरह पैसा वाला बड़ा आदमी हो जाऊंगा…

खुदा हाफिज……"

ऑडियो क्लिप समाप्त हो चली थी पर अब ना तो सीमा भाभी कुछ बोल रही थी और ना रूपा… सीमा भाभी पर तो पहाड़ जैसे उलट गया हो… वो बस शून्य में देखी जा रही थी… ना हिल-डुल रही थी और ना बोल पा रही थी…

रूपा ने चुप्पी तोड़ती हुई बोली,"भाभी….ऐ भाभी…."पर सीमा भाभी पर तो कुछ असर ही नहीं हो रही थी… रूपा ने सीमा भाभी के कंधे पर हाथ रख झकझोरती हुई पुकारी,"भाभीऽ….."

"हँ..हाँ…वो…. मैं…मैं देखना शाले की क्या करती हूँ…मेरे साथ इतना बड़ा खेल…जरूर कमीनी मेरे बारे में बता दी होगी…पहले कुतिया को अभी बता के आती हूँ… रंडी का खून पी जाऊंगी…तू रूक ,मैं अभी आती हूँ…"सीमा भाभी नींद से जगती सी होश में आते ही बक बक करने लगी…

रूपा,"भाभी…क्या बकवास कर रही हो… आप कहीं नहीं जा रही…ओके…आपको पता है कि डिम्पल भाभी को इस बारे में पता है और वो बता दी है…" रूपा के सवाल सुन सीमा भाभी शांत हो बस रूपा की ओर देखती रही…

रूपा,"भाभी, वो डिम्पल भाभी के साथ हम सबको जानता है…डिम्पल भाभी उसे कुछ नहीं बताई होगी और उन्हें तो ये भी नहीं पता है कि हम दोनों इस बारे में कुछ जानते हैं… पर एक बात है यहाँ कि आप जिस लड़के से बात करती हो फेसबुक पर वो शायद आपको नहीं जानता है… और ये जिसने भेजा है वो जानता है…"

सीमा भाभी की झूठ सरासर पकड़ में आते ही वो थोड़ी मायूस सी हो गई… वो अभी तक ये नहीं बताई थी ये सब उसे किसी और ने दिया है…रूपा उनके चेहरे पर आई रंग देख बात को शालीनता और धैर्यपूर्वक बढ़ाने की सोची…

रूपा,"भाभी, कौन है ये जिसने ये क्लिप दी है…?" रूपा सीधी सीमा भाभी से सवाल कर गई और जब तक कुछ नहीं जानती, कुछ सोच नहीं सकती थी… सीमा भाभी की नजरें अब सीधी फर्श को छेद कर रही थी…

सीमा भाभी कुछ देर चुप रहने के बाद बोली,"नहीं देखी कि कौन है वो…दरअसल कल रात जब चैटिंग से पिक्स मांगी तो उसने बोला कि वो अभी आउट ऑफ स्टेशन है और बाकी पिक्स साथ नहीं था…"रूपा गौर से सारी बात सुनने में लग गई…

"फिर वो बताया कि अगर वो कुछ कष्ट करे तो मिल सकती है…मैं पूछी कैसे? तो उसने कैलाश के स्टूडियो का पता बताया… बोला वहाँ बोलना आर.जे. भेजे हैं तो वो दे देगा… फिर आज गई स्टूडियो तो मुझे उसी ने दिए…" सीमा भाभी पूरी बात बता दी…पर रूपा अभी कहाँ चुप रहने वाली थी…

रूपा,"जब गई थी वहाँ तो वहाँ कोई था जो…"

सीमा भाभी,"…नहीं, वहाँ और कोई नहीं था…अकेला था वो…"

रूपा,"..कैलाश कुछ बोले….."

सीमा भाभी,"नहीं…"

रूपा की समझ कुछ नहीं आ रही थी कि कैसे वो जानें कि ये कौन हो सकता है…उसे जब कुछ नहीं सूझी तो वो अपना फोन निकाली और सीमा भाभी की तरफ बढ़ाती हुई बोली,"भाभी, ये क्लिप दे सकती हो…"

सीमा भाभी रूपा के पास फोन देखते ही बोल पड़ी,"हाँ पर क्लिप ले कर क्या करोगी और ये फोन किसका है..?" सीमा भाभी फोन को ले उसे लैपटॉप से अटैच करने लगी…

रूपा,"आज ही खरीदवाई हूँ… पापा तो गुस्से हो गए थे पर किसी तरह मम्मी उन्हें मना ली…"रूपा हल्की मुस्कान के साथ जवाब दी… सीमा भाभी क्लिप डाल पूछी…

सीमा,"रूपा, मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रही है कि क्या करूँ…"

रूपा,"अरे भाभी, प्रेशर मत डालो अपने दिमाग पर…अब हम दोनों हैं तो कुछ सोच ही लेंगे…और हाँ एक अलग फोल्डर में पिक्स भी…"

सीमा भाभी पिक्स सुनते ही हल्की मुस्कुराती हुई बोली,"क्या बात है जी…कुछ कुछ होने लगी है क्या…" रूपा तो यही चाहती थी कि भाभी कुछ नॉर्मल हो…तभी तो वो भी कुछ सटीक चीजें सोच सकती हैं…

रूपा,"भाभी, इतनी हॉट चीजें देख कुछ ना हो ये संभव है क्या…" रूपा प्यारी सी मुस्कान देती तिरछी नजरों से सीमा भाभी की तरफ देखती हुई बोली….

सीमा भाभी सारी पिक्स भी डालती हुई बोली,"हाँ है तो काफी हॉट पर आगे क्या करना है…" सीमा भाभी एक बार फिर वापस मुद्दे की बात पर पहुँच गई…

रूपा,"आगे क्या करना है इसके लिए सुबह तक वेट करना पड़ेगा भाभी… तब तक आप निश्चिंत हो रहिए…कल मैं आपसे भेंट करूंगी फिर सोच के बताती हूँ…"


तब तक सारी पिक्स डाल दी गई थी…रूपा फोन ली और पिक्स चेक करने के बाद भाभी के फोन पर अपना नम्बर सेव की और फिर निकल गई…
WOW VERY NICE WRITING SKILL DEAR KEEP IT UP
पर इन सब से मुझे क्या लेना देना… उसी समय शाली को भेज दिया काम पर… कोई विदेशी था शायद… शाले ने जम के फाड़ा था… शादी शुदा होने के बावजूद शाली झटके ले कर चल रही थी… कुंवारी भर तो अपने आशिक को खूब मजे दी थी…


खैर, वो सब अलग बात है… अब अपनी बात खत्म कर रहा हूँ…पर आप ये मत भूलना कि अभी से आप इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगी…अगर की तो डिम्पल को तो घरेलू रंडी बना कर रखे हैं ना पर तुम्हें तो बाजारू रंडी बना कर कोठे पर बिठा कर रखेंगे…वो भी इसी शहर में… वो है ना वातानुकूलित कोठा,
 
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UPDATE-23

रूपा अपने गेट से बाहर निकली ही थी कि फोन बजने लगी…कनक थी… रूपा सोची चलो ठीक है अभी मैं ही करती… वो फोन रिसीव कर बात करती हुई बढ़ती रही…

रूपा सारी बात कनक को बतलाती चली गई…कनक बड़े गौर से सुनती जा रही थी…उसकी उत्सुक पल पल बढ़ने सी लग गई थी…कितनी जल्द वो क्लिप सुने ताकि अगर वो जानी पहचानी लगे या फिर पहचानने की कोशिश करे…

कनक पूछी भी कि कैलाश की आवाज तो नहीं है ना…रूपा की बात सुनते हुए कनक सोच भी ली थी कि वो अभी ही सुनेगी… रूपा अभी पिक्स शेयर नहीं कर सकती थी नेट से, तो मजबूरन कनक को आना पड़ता…

उसने रूपा को कुछ देर में मिलने की बात कह फोन रखी और तमाचा का नम्बर डायल करने लगी…शाम काफी घिर आई थी… उसने मम्मी को बोल दी कि मम्मी, बगल के कैफे से आ रही हूँ…आधे घंटे लगेंगे…

उसकी मम्मी इजाजत भी दे दी कि बगल में ही तो जा रही है…तमाचा फोन रिसीव करते ही बोला,"हाय मेरी जान, क्या कर रही हो और इस वक्त कैसे याद की.." कनक,"ठीक हूँ, तुम अभी कहाँ हो…"

तमाचा,"अभी तो मैं बस यूँ ही घूम रहा हूँ..क्यों?"

कनक,"मिलने आ सकते हो..?"

तमाचा की चमक गई,"इसमें भी ना कहने की बात थोड़े ही है…दिन से मेरा लंड तनतनाया हुआ है…"

कनक तमाचा की बात काटती हुई बोली,"मैं कैफे के पास आ रही हूँ…तुम जल्दी से आ जाओ…"

तमाचा,"शाली आज पिछवाड़ा भी लूंगा…आज तक मना करती रही है आज नहीं मानूंगा मेरी रानी…"

कनक,"पहले आओ तो…"

तमाचा,"ओके बेबी, बस दो में मिनट पहुँचा…" तमाचा फोन काटते ही अपनी बाइक सरपट भगाया…कनक भी कुछ देर में कैफे से कुछ दूर पहले तमाचा को खोजने लगी… कनक कैफे के पास पहुँची उसी पल तमाचा की बाइक भी आ के रूकी….

कनक पलक झपकते ही तमाचा के पीछे सवार हो गई और अपनी दोनों चुची उसकी पीठ में धंसाती हुई उसे जकड़ ली… तमाचा के शरीर में तुरंत करंट दौड़ गई और वो कई गुने जोश से भर बाइक को पुनः बढाया…

कनक अगले ही पल बोली,"रूपा के घर तरफ चलो…"

तमाचा बाइक को बढ़ाता हुए मुस्काता हुआ बोला,"अरे वाह, उसके घर कोई नहीं है क्या…फिर तो रात भर पार्टी चलेगी और साथ में रूपा की भी…ओह नो…मर जावा…"

रूपा,"अबे कुत्ते , कभी तो कुछ अच्छा सोचा कर…हर वक्त चोदने की ही फिराक में लगा रहता है…मिलना है रूपा से और वो अकेली नहीं है तो तुम कुछ देर बाहर ही वेट करोगे…समझे…"

तमाचा की तो झांट सुलग गई कि शाली अपने काम के चक्कर में मुझे बुलाई है…खैर, कम से कम इसकी तो मारूंगा ही… वो बोला,"इतनी भी क्या जरूरत थी अभी मिलने की…"

कनक,"कुछ लेनी है और वो जरूरी है इस वक्त… "

तमाचा,"भोसड़ी मैं नहीं सुन सकता हूँ क्या?"

कनक,"अभी नहीं पर जरूरत पड़ी तो जरूर सुना दूँगी…"

तमाचा कनक की बात सुन अपना एक हाथ से कनक के हाथ को पकड़ खिंचते हुए बोला,"शाली तब तक लंड की सेवा तो कर, तभी तो बाइक चलाने में आनंद आएगा…और बात तो बताना ही पड़ेगा क्योंकि दिन से ही अंदर बेचैनी सी हो गई है… वो स्टूडियो पर जो मैं गलती कर दिया था आगे से…"

कनक अपने हाथ से तमाचा के लंड को भींचती हुई बोली,"पता है पर तुम्हें सब बातें खुल के बता भी देती तो कुछ हाथ नहीं लगता…क्योंकि जिनसे मिलने गई थी वो आया ही नहीं था…वो बस कुछ सामान वहाँ छोड़ दिया था वही लाने गई थी…"

तमाचा को सामान सुन थोड़ा झटका लगा…वो आश्चर्य से पूछा,"कैसा सामान था और मामला क्या है…ये तो बता…क्या मेरा दिमाग खा रही हो यार…"

कनक की हंसी निकल पड़ी तमाचा की हालत देख और तमाचा के गर्दन पर किस करती हुई बोली,"बेबी, ब्लैकमेलिंग का लफड़ा है…"

तमाचा का दिमाग अब सही में चकराना शुरू हुआ…बोला,"भोसड़ी रंडी…शाली दिखने से तो नहीं लगती कि वो ऐसा कर सकती है…"

कनक,"अरे वो नहीं करती…कोई और है जो किसी को ब्लैकलमेल कर रहा है और उसके बारे में किसी ने सीमा भाभी को हल्की बात बताई…सीमा भाभी और जानने की इच्छुक हुई तो वो सीमा भाभी पर ही लोच्चा लगा दिया और धमकी दे डाला कि चुपचाप रहो वर्ना…"

तमाचा,"अबे…कौन है वो मादरजात…पहचानती हो उसे…?"

कनक,"नहीं, बात फंस गई तो रूपा ने वो क्लिप ले रखी है अपने पास…वही लेने जा रही हूँ…सुनने के बाद शायद कुछ बात बनेगी…"

तमाचा,"हाँ ये ठीक है पर मुझे भी सुनाना…नहीं मालूम चली तो शहर के हर दलाल से मिलूंगा और उससे बात करूँगा…तब तो पहचान हो ही जाएगी…"

कनक,"हाँ ये तो और अच्छी होगी…"

तमाचा,"बहनचोद अब अच्छी लग रही है…तब से कह रहा बात बता तो बताती नहीं थी…खैर कोई बात नहीं…इतना याद रखना हमेशा मैं उतना बड़ा कमीना नहीं हूँ…चूतियापना काम या जबरदस्ती मैं किसी तरफ देखता भी नहीं…"

कनक तमाचा की सुन हल्की मुस्कुराई…पर बोली कुछ नहीं…वो कुछ देर में पहुँचने ही वाली थी… कनक बातचीत यहीं पर रोक दी और बोली,"अंदर ही चलना…"

तमाचा कनक की बात से मुस्कुराता हुआ बोला,"रूपा से मिलवा रही हो क्या…?" कनक तमाचा की बात पर हंसती हुई बोली,"चल, तू भी क्या याद करेगा…मिलवा ही देती हूँ…"

कनक जानती थी कि इस वक्त सब अपने घर के अंदर ही होगी… सीमा भाभी सिर्फ तमाचा को देखी है और कोई जानता तो है नहीं… कोई बहाना बना दूँगी आंटी से…बस केवल सीमा भाभी की नजर ना पड़े…

तमाचा,"ऐ , कुछ जुगाड़ करवाना ना… कम से कम किस तो देगी ना…" तमाचा बाइक को गली में करता हुआ गर्दन टेढ़ी कर बोला… कनक अँधेरे में अभी भी तमाचे के अकड़े लंड को मुठिया रही थी…

कनक,"मैं ना कहूँगी और ना कोई जुगाड़ करवाऊंगी… हाँ तुम खुद पूछना अगर वो मान गई तो तेरी किस्मत वर्ना…"

तमाचा,"चल ठीक है मैं ही पूछूंगा…बस गुस्सा की तो तुम मैनेज कर लेना…" तमाचा की बात सुन कनक हंसती हुई हामी भर दी…तब तक बाइक रूपा के घर तक आ पहुँची… कनक तमाचा को ले अंदर दाखिल हो गई… कनक डोरबेल बजाई तो रूपा की जगह उसकी मम्मी गेट खोली…और फिर इस वक्त कनक को देख पहले तो चौंकी…फिर पूछ डालीकि इस वक्त…सब ठीक तो है ना कनक…

कनक,"हां आंटी, दरअसल एक कजन को स्टेशन छोड़ने आई थी… वापस जाते वक्त सोची थोड़ी रूपा से भेंट कर लूँ… ये हमारे पड़ोसी हैं…शाम के समय अकेले नहीं आ सकती तो इनके साथ ही आई थी…"

कनक बहाने बनाती हुई तुरंत कहानी गढ़ ली जिसे सुन पुष्पा विश्वास ना करे, संभव नहीं थी… पुष्पा बोली,"ओह, फिर ठीक है…अंदर आओ ना…रूपा कमरे में ही है…"

पुष्पा कहती हुई रूपा को भी आवाज लगाई…रूपा सुनती कैसे वो तो कान में इयरफोन ठूँस गाने जो सुन रही थी…कनक तब तक रूपा के रबम तक पहुँच हौले से गेट खोली तो रूपा की नजर कनक पर पड़ी…वो तुरंत उठ कर गेट तक आई…

रूपा की नजर कनक के पीछे तमाचे पर पड़ी तो वो भौचक्क रह गई पर कुछ बोल नहीं सकी…कनक रूपा की हालत देख हल्की मुस्कान देती आँख मार दी रूपा को… रूपा ना चाहती हुई भी मुस्कुरा पड़ी…

रूपा,"मम्मी, चाय बनाओ ना… " मम्मी चा बनाने किचन की तरफ चल दी…मम्मी के जाते ही रूपा तपाक से कनक से फुसफुसाती हुई बोली,"कमीनी, इसे क्यों लाई है…" कनक तमाचे की तरफ मुस्कुराती हुई देखी और बोली,"तुमसे मिलने के लिए बीच सड़क पर मेरे पैर पकड़ लिया तो क्या करती…अब क्यों मिलना चाहता है,खुद ही पूछ ले.. "

रूपा कनक की शैतानी जवाब सुन हल्की मुस्काई और तमाचा की तरफ देखने लगी…तमाचा भला ऐसे मौके क्यों छोड़ता…आखिर चांस लेनी जो थी…वो चट से एक फ्लाइंग किस रूपा को पास कर मुस्कुरा दिया…

रूपा सकपकाई और किचन की तरफ देखने लगी, पर मम्मी ओट थी…फिर वापस गुस्से भरी नजरे तमाचा पर गड़ाती हुई तमाचे के पास आई और बोली,"शाले होश में रहा कर…"

तमाचा रूपा से ऐसी भाषा को तनिक भी एक्सेप्ट नहीं कर पाया…वो कुछ कहने ही वाला था कि तब तक रूपा तमाचे की कॉलर पकड़ी और खींचती हुई अंदर की और चेयर पर बिठाती हुई बोली,"शरीफ की तरह चुपचाप बैठा रह…"

कनक ये देख हंसे बिना ना रह सकी और वो हंसती हुई बेड पर बैठ गई…रूपा भी अब हल्की मुस्कान के साथ तमाचे की तरफ घूरती कनक के साथ बैठ गई…तमाचे की समझ में अब आ गई थी कि रूपा उससे नहीं, बल्कि उसकी हरकतों से नफरत करती है… वो भी हंसता हुआ रिलेक्स हो गया था…

फिर रूपा ने झटपट फोन कनक को थमा दी…कनक ने सारी फोटों और क्लिप अपने फोन में डाली… साथ ही उस लड़के की आई डी भी ली तो कनक जिन तीन पर नजर रख रही थी उनमें से ही एक था…

तमाचा इन दौरान एक बार कुर्सी से उठ बेड पर रूपा से सट के जा बैठा था… जिसे देख रूपा के साथ साथ कनक भी अपने अपने सैंडल उतारने लगी थी पर ऐन वक्त पर तमाचा हंसता हुआ वापस कुर्सी पर था…

तब तक तीनों के लिए चाय आ गई थी…चाय रख पुष्पा वापस चली गई तो तमाचे को कुछ सूझी…तमाचा,"रूपा, पानी पिलाओ ना…"

रूपा,"ला रही हूँ…" कहती हुई उठी और पानी लाने चल दी…

तमाचा,"तो जा कहाँ रही हो…अपना वाला ही पिला दो…" तमाचे की बात भला रूपा कैसे ना समझती…वो एकाएक रूकी और तमाचे की तरफ लगभग दौड़ी और उसका गला पकड़ दबाती हुई बोली,"कुत्ते, यहीं मार दूंगी ज्यादा बोला तो… "

तमाचा गले पर दबाव पड़ने से थोड़ा बौखलाया जरूर पर अपने ऊपर झुकी रूपा की उभार के सामने वो भूल गया और अपनी एक अंगुली बढ़ा आहिस्ते से उभारों पर चलाते हुए नीचे करने लगा… महसूस होते ही रूपा तुनक के वापस खड़ी हो गई…

कनक हंसती हुई अपने फोन में फोटो भी देखी जा रही थी…तमाचा भी बिना कुछ बोले बस रूपा को देख हंस रहा था…रूपा कमर पर हाथ रख गुस्से और हल्की मुस्कान से तमाचे को घूर रही थी…रूपा मन मसोस कर बाहर निकली और पानी ला तमाचे के सामने पटक दी…

तमाचे अब कुछ देर शांत रहना ठीक समझा और चाय पीने में मशगूल हो गया… चाय खत्म होते ही तमाचा बोला,"कनक फोन दो तो… जरा सुनूं तो कैसी आवाज है वो…"

कनक,"नहीं, घर चलो फिर…यहाँ कहीं आंटी आ गई तो…" तमाचे कनक की बात सुन गेट की तरफ मुड़ा और वापस पलटते हुए गंभीरता की मुद्रा में बोला,"हम्म्म ठीक है फिर…"

तमाचा पुनः बोला,"और हाँ कनक, चाय पीने के बाद कुछ मीठा चाहिए मुझे…तो जल्दी से कुछ मीठा दो…" कनक तमाचे के मंसूबे समझ तपाक से बोली…

कनक,"मैं चाय थोड़े ही पिलाई हूँ जो दूँगी… रूपा पिलाई है उससे मांगो…"कनक साफ मुकर गई और मामला रूपा की तरफ पास कर दी…तमाचे भी मुस्काता रूपा की तरफ देखने लगा…

रूपा,"सोचना भी मत…चाय पिला दी…अब उठो और अपना रास्ता नापो…"रूपा की ना सुनने के बाद भी तमाचे बस उसी तरह देखता रहा जैसे वो लेगा ही…रूपा अब कनक को बोली,"कनक, अब जाओ…देर हो जाएगी तुम्हें…और ये कुत्ता की तरह कर भी रहा है…"

कनक हंसती हुई बोली,"ओके…"कनक कहती उठ के गेट तक चली गई और फिर रूकती हुई बोली,"चलो…" पर तमाचा कुर्सी पर जमा मंद मंद मुस्कुराता रूपा को ही देखे जा रहा था…रूपा तंग आती हुई तमाचे का हाथ पकड़ खींचती हुई रिक्वेस्ट सुरों में बोली,"प्लीज यार जाओ ना…"

तमाचा,"पहले दो फिर उठूंगा…" रूपा,"मम्मी को बुलाती हूँ फिर तो जाओगे ना…" रूपा तमाचे को छोड़ बाहर बाहर की तरफ रूख की… कनक के पास पहुंची तो कनक रूपा को रोकती हुई बोली…

कनक,"रूपा, मम्मी को बताएगी कि मम्मी ये किस के लिए नहीं जा रहा है…"

रूपा,"हाँ बोल दूँगी…मुझे डर वर नहीं रहती…फंसेगी तू…"

कनक,"क्या यार…अच्छा एक काम कर… तू मुझे किस दे दे…मैं उसे पास कर देती हूँ… ये चलेगी?" तमाचे दोनों की बातें गौर से सुने जा रहा था और वो लेस्बिसन किस से कुछ ज्यादा ही रोमांचित हो उठा और तपाक से बोल पड़ा,"चलेगा नहीं, दौड़ेगा…मुझे तो बस चाहिए किसी तरह रूपा से…."

रूपा कनक की सलाह पर कुछ सोचने लगी…कनक दो तीन बार लगातार रूपा से "यस..? यस..?" पूछी तो रूपा हौले से मुस्काती ओके कह दी… हामी भरते ही कनक झटके देती हुई रूपा को अपनी बाँहों में जकड़ ली…

रूपा मुस्काती हुई बोली,"इसे बोलो नो टच…"

तमाचा,"प्रॉमिश नो टच…"

कनक रूपा को पीछे से जकड़ी थी तो कनक की चुची रूपा की पीठ पर धँसी थी और रूपा की चुची तमाचा की ओर…कनक एक हाथ सीधी रूपा की चुची पर रखती हुई सेफजोन में कर दी…दूसरी चुची भी कनक के केहुनी से दब गई थी…

कनक,"अब तो टच नहीं करेगा…" रूपा बस हम्म्म कर सकी… तमाचा तब तक रूपा के ठीक सामने पहुँच गया था… रूपा पर अब भी तमाचा की नजर गड़ी थी… तभी कनक दूसरे हाथ से रूपा का चेहरा अपनी तरफ की और अपने होंठ चिपका दी…

तमाचे ये स्कीन देख आह भर बैठा…वो सामने लेस्बिसन सीन रिअल देख आपा खोने सा लगा पर किसी तरह खुद पर काबू पाया… किस डीप थी काफी…कनक सारी रस निचोड़ रही थी… रूपा भी पूरी साथ दे रही थी… किस लम्बी चली…

किस रूकी तो दोनों हांफ रही थी पर अगले ही पल कनक तमाचे को इशारे कर दी कि पास किस ले लो… तमाचा आगे बढ़ा और रूपा से पूरी तरह चिपकता हुआ कनक के होंठो तक पहुँचा और शुरू हो गया…

तमाचे की दुगनी व्याकुलता से कनक पीछे की तरफ खिसक ली और दिवाल से जा लगी पर किस नहीं तोड़ी…जबकि रूपा की हालत तो और कनक से भी ज्यादा खराब होने लगी थी…चुची पर कनक का दवाब और उसकी बूर पर तमाचे का खड़े लंड दस्तक जो दे रहा था…

वो बीच में सैंडविच बनी सिसकने लग गई थी पर तमाचा अपने वादे पर अड़ा रहा और रूपा को अपने हाथ से छेड़ने की बजाय बस बदन से हौले हौले रगड़ते हुए कनक के होंठ से रूपा का रस निचोड़ने में लगा था…

जितनी संभव हो सकी तमाचा सारा रस निचोड़ डालने के बाद ही छोड़ा…छोड़ने के बाद वो यूं ही पड़ा रहा…रूपा को जब आभास हुई कि किस बंद हो गई है तो वो आँख खोली और तमाचे को जोर से धक्का दे दी…

धक्का पडते ही तमाचा पीछे सीधा बेड पर… जिसे देख दोनों की जोर से हंसी निकल पड़ी…दोनों को हंसते देख तमाचा भी जीभ से चटकारे लेते हुए उठ के खड़ा हो गया…

कनक तमाचे की तरफ देख अपने दोनों हाथ से रूपा की दोनों चुची पर रख मसलते हुए पूछी,"ये चाहिए…?" रूपा भी अब थोड़ी बेशर्म बन गई और बिना कनक की हाथ हटाए तमाचे की शक्ल देख हंसने लगी…

फिर कनक रूपा को छोड़ी और तमाचे से चलने बोली… तमाचे आनंदविभूत मुद्रा में रूपा को बाय बोला और कनक के साथ निकल गया… कनक और तमाचा दोनों वापस निकल बाइक से घर की तरफ चल दिए… तमाचा रूपा के साथ हुए सीन को याद कर जोश में आहें भर रहा था अंदर ही अंदर… उसका लंड तो पैंट को फाड़ने पर उतारू हो चला था…

बाइक चलते ही कनक से बोल पड़ा,"ऐ, होटल चल रहा हूँ मैं… मेरे से सब्र नहीं हो रहा अब…"

कनक उसकी बात सुन थोड़ी सोच और गंभीर हो गई…वो कुछ देर पहले की सारी बात याद करने लगी…और वो भी अच्छी तरह समझ रही थी कि इसकी हालत कैसी हो गई होगी…आखिर उसरी भी पानी जो टपक चली थी…

पर समय की पाबंद थी इस वक्त तो ना चाहते हुए भी बोली,"प्लीज यार, सिर्फ आधे घंटे के लिए निकली थी और वैसे भी पांच मिनट ओवर हो गई है और घर पहुँचते-2…"

तमाचा,"वो सब मैं नहीं जानता…मुझे चाहिए तो चाहिए… मेरी हालत बहुत खराब है…अगर नहीं मिला तो पगला जाऊंगा…"तमाचा कनक की बात काट अपनी सफाई दे दी…

कनक,"मालूम है पर तुम ही बताओ…मम्मी को क्या जवाब दूंगी और अब पापा भी आ गए होंगे…कल सुबह जब कहोगे आ जाऊंगी.."

तमाचा,"शाली तो लंड क्यों खड़ा की…भोसड़ी जैसे हो पर इसको शांत कर नहीं तो यहीं सड़क पे चोद दूँगा…"

कनक तमाचा की बात पर कुछ चुप रही और फिर बोली,"चल पहले घर पहुँचती हूँ फिर कुछ सोचती हूँ…"

तमाचा,"बेवकूफ समझती है क्या…मादरचोद तू घर में घुस गई तो फिर वापस निकलेगी क्या? वो सब नहीं होगा…चल होटल या फिर तू बता कोई जगह…"

कनक उसकी बात से बेरूखी सुर में बरसी,"क्या यार…प्रॉमिश कह रही आऊंगी… बस एक बार मम्मी के सामने जाना जरूरी है… अगर नहीं आई तो कल मिलूंगी तो जो मर्जी कर लेना,मना नहीं करूंगी…प्लीज कम से कम ये बात मानो…"

तमाचा कनक से भली भाँति परिचित था तो वो बात मानने में ही ठीक समझा…बस अपनी प्रतिक्रिया बाइक की तेजी दिखाकर कनक को बता दिया… कनक हल्के से थैंक्स कहती हुई तमाचे से चिपक गई…
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कनक,"क्या यार…अच्छा एक काम कर… तू मुझे किस दे दे…मैं उसे पास कर देती हूँ… ये चलेगी?" तमाचे दोनों की बातें गौर से सुने जा रहा था और वो लेस्बिसन किस से कुछ ज्यादा ही रोमांचित हो उठा और तपाक से बोल पड़ा,"चलेगा नहीं, दौड़ेगा…मुझे तो बस चाहिए किसी तरह रूपा से….
 
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UPDATE-24

रात की वजह से सब अपने अपने घर में बंद थे…तमाचा सीधा कनक के घर के समीप बाइक रोका…कनक उतरी और "कॉल करती हूँ"कह तेजी से अंदर चल दी…


तमाचा भी बाइक से उतरा और वहीँ खड़ा रह इधर उधर देखने लगा… कोई पाँच मिनट में कनक एक बार फिर तमाचे के पास थी…कनक तमाचे का हाथ पकड़ी और अंदर कैम्पस में कर ली…

तमाचा ऐसे खुद को ले जाते देख कनक से धीमे स्वर में पूछा,"हे,मम्मी पापा नहीं है क्या…"

कनक उसे ले छत की तरफ सरपट भागती हुई बोली,"दोनों है, पापा आज ओवर पिए हुए हैं…कहीं पार्टी से आए हैं…मम्मी को बोल दी मुझे बदबू आ रही है… मैं छत पर हूँ…खाना बन जाए तो आवाज दे देना…"

तमाचा मामले को रिस्क में पड़ा देख बोल पड़ा,"अगर मम्मी आवाज ना दे छत पर आ गई तो…"

कनक,"नहीं आएगी…उनको सीढ़ी चढ़ने में प्रॉब्लम है…सांस फूलने लगती है…अब मुंह बंद करो और चलो जल्दी…"

तमाचा हल्के से मुस्कुराता हुआ कनक के साथ छत पर आ गया…खुले आसमान के नीचे… ऊपर पहुंचते ही कनक तमाचे से लिपट गई और अपने होंठ तमाचे के होंठ से सटा दी…

तमाचे भी कनक को कस के जकड़ता हुआ किस को डीप किस में तब्दील कर दिया…अपनी जीभ को कनक के अंदर दाखिल कर चलाने लगा…कनक भी तमाचे की जीभ को होंठो से दबा चुभलाती,चूसती,छोड़ती…

कुछ ही पलों में दोनों हाँफने लगे…किस टूट गई थी… समय ना गंवाते हुए तमाचा कनक की समीज पकड़ ऊपर करना शुरू कर दिया…कनक भी साथ दे दी और अगले ही पल वो सिर्फ ब्रॉ में थी…कनक हाथ पीछे कर बालों से पिन निकाल दी और सर को हिलाती हवा में ही सभी बालों को एडजस्ट कर ली…

तबतक तमाचा कनक की एक चुची पकड़ ब्रॉ के ऊपर से ही दूसरी चुची पर मुंह लगा दिया…कनक ये देखते ही तमाचे की पीठ पर एक चपत लगाती हुई बोली,"शाले, ब्रॉ गीली करेगा क्या…चल छोड़,खोल रही हूँ…"

कनक ब्रॉ की हुक खोल दी और तमाचा कनक की ब्रॉ पकड़ नीचे छोड़ दिया…तमाचा एक बार फिर नंगी चुची पर टूट पड़ा…अब वो पूरे ताव में था… पल भर में ही तोड़ मरोड़ कर कुचल सा दिया…कनक दर्द से बिफर पड़ी पर वो तमाचे के सर पकड़ और चूसने को कह रही थी…

तमाचा कनक की दोनों चुची निचोरने के बाद नीचे बढ़ने लगा और नाभि के पास पहुँच हल्की सी बाइट कर दी…कनक सिसक सी गई और तमाचे के बाल जोर से पकड़ और दबा दी…

जीभ से चुभला रस चूसने के बाद तमाचा खड़ा हुआ और अपना पैंट खोलने लगा…कुछ ही पल में काला नाग कनक के हाथ में थी…कनक उसे आगे पीछे करती घुटने के बल बैठ गई और अगले ही पल मुंह खोलती आधे से ज्यादा लंड घोंट गई…

तमाचे के पांव कनक की रसमयी मुख की गरमी पाते ही थड़थड़ा गया…वो अगले ही पल कनक के बालों को पकड़ झटके से अलग किया और कनक को वापस खड़ा कर दिया… कनक आश्चर्य से भर गई कि क्या हो गया इसे…

जवाब तुरंत मिल गया…तमाचा पीछे होता हुआ रेलिंग के सहारे जा टिका और अगले ही तेजी से कनक को बैठाया और अपना लंड कनक के मुँह में ठूँस दिया… कनक ऊबक सी गई और हिचकी लेने गई…औकात से ज्यादा जो अंदर चली गई थी… पर तमाचा तो तमाचा ठहरा…उसे भला इन सब की क्या परवाह…वो दोनों हाथ से कनक के सर को दबोचा और लगा रौंदने… कनक गूँ-गूँ करती जा रही थी और दोनों हाथ से तमाचे के जांघों को दूर करने की कोशिश कर रही थी…

पर तमाचा तो पहले ही दीवाल से जा सटा था… जिससे कनक की प्रयास शत प्रतिशत विफल हो रही थी… तमाचे के मुख से वासना की आवाजें साफ सुनाई दे रही थी… वो खुले आसमान की तरफ मुंह कर आहें भर रहा था…

कनक की हालत बदतर होती जा रही थी… उसकी मुँह बिल्कुल बूर की तरह हो चली थी… जैसे बूर में लंड पेलते वक्त उससे पानी की धार बहती रहती है,ठीक उसी तरह उसके मुंह से ढ़ेर सारी लार,थूक बह रही थी…

तमाचा के लिए अब सब्र करना मुश्किल हो चला था… वो ऐन वक्त पर कल्टी मारा और अपना लंड कनक के मुंह से बाहर खींच लिया… कनक के गले से लंड निकलते ही वो खांसती हुई हांफ रही थी…

तमाचे एक पल भी रूकना नहीं चाहा और कनक को उसी अवस्था में जबरदस्ती खड़ा किया और उसकी सलवार खोलने लगा…कनक किसी तरह की विरोध करने की इच्छुक नहीं थी… तमाचे की दरिंदगी से वो कई बार परिचित थी…

तमाचा सलवार खोलने के तत्क्षण भींगी पेंटी को नीचे करता हुआ बोला,"मादरचोद, आज तेरी गांड मारूंगा… कभी मारने नहीं दी है…"

कनक आँखें दिखाती हुई बोली,"कमीने, आग बूर में लगाई है और मारोगे गांड़…चुपचाप आगे पेल…पीछे दर्द भी काफी होगी…पहली बार आठइंची पीछे नहीं लूंगी…"

तमाचा कनक को नंगी कर पीछे घुमा कर झुकाते हुए बोला,"रंडी चुपचाप ले ले…आराम से लूंगा… नहीं तो उठा के नीचे ले जाऊंगा और तेरे पियक्कड़ बाप के बगल में लिटा के चोदूँगा…समझी…"

कनक तमाचे की बात सुन लाल पीली सी आँख करती हुई बोली,"माधरचोद कहीं का… बाप का नाम मत लेना अभी से नहीं तो यहीं खून पी जाऊंगी…"

तमाचा कनक को कमर के ऊपर पूरी तरह झुका दिया जिससे कनक के दोनों हाथ जमीन पर टिक गए… तमाचे कनक को गुस्से में आते देख हल्के से मुस्काया और कनक की कमर को पकड़ अपना लंड उसकी बूर पर रगड़ते हुए बोला,"क्यों, डर लग रहा है क्या कि कहीं बाप नंगी देखा तो चोद ना दे…"

लंड अपनी बूर पर महसूस कर कनक सिसक पड़ी नीचे… सिसकती हुई कनक बोली,"कुत्ते, नंगी लड़की देख कौन रूकेगा…अब प्लीज डाल दो ना…मर रही हूँ…ऊफ्फ्फ्फ…"

तमाचा अब भी सुपाड़ा घिस रहा था…तमाचा कनक की बेसब्री देख कुछ रहम करता हुआ हल्का दबाव बनाता हुआ सुपाड़ा अंदर प्रविष्ट कर दिया… मोटा सुपाड़ा अंदर जाते ही कनक ईस्स्स्स्स्स कर पड़ी…

तमाचा कनक की कमर पर और पकड़ बना बोला,"तो कनक डॉर्लिंग, अभी बाप के पास ले चलूँ या बाद में…" कनक इस वक्त मछली की तरह मचल रही थी…वो जल्द से जल्द तृप्त होना चाहती थी…

कनक,"शाले, क्या बाप बाप लगा रखा है…अभी तू चोद बाद में जिसके पास कहेगा चलूंगी…" कनक गुस्से और वासना में पागल हो रही थी… जबकि तमाचे को ऐसे खेल में काफी आनंद आता था…

तमाचा ने हल्की हंसी हंसा और कमर को पकड़ करारा शॉट दे मारा… आठ इंची नाग दनदनाता हुआ कनक की बूर को भेदता छः इंच तक अंदर दाखिल हो गया… कनक की चीख निकलते निकलते बच गई या फिर कनक चीख को निकलने नहीं दी…

कनक थड़ थड़ कांपने लगी थी और दर्द से सुबकने लगी थी… वो छूटने की भरकस प्रयास कर रही थी पर तमाचे की नजबूत पकड़ एक इंच भी हिलने नहीं दे रहा था…वो बस सर को इधर उधर कर रह गई…

कुछ पल में जब कनक शांत हुई तो तमाचा बोला,"लगता है आजकल रंडी खाली खाली जा रही है…क्यों सच है ना?" कनक अभी भी दर्द महसूस कर रही थी…फिर भी बोली…

कनक,"हाँ अपने टाइप का कोई जल्दी मिलता नहीं है ना…सब चिपकू ही मिल रहे हैं और प्यार व्यार मैं कर नहीं सकती…"

तमाचा कनक की बात से खिलखिलाता हुआ अपना लंड सुपाड़ा छोड़ पूरा निकाल लिया और हमच के एक और शॉट मारा…अबकी बार पूरा आठ इंची कनक की बूर में उतर गया… कनक के मुख से एक भाप का गोला बाहर को निकल गई…जितनी जगह लंड लिया उतनी हवा बाहर…

तमाचे कनक की छटपटाहट देख बोला,"तेरी मां की चूत मारूँ शाली… पहले डाल डाल चिल्ला रही थी और जब डाला तो छटपटा क्यों रही हो…"

कनक लगभग रोते हुए सिसक के बोली,"शाले तेरा लंड रहता तब ना…तू तो गदहे वाला रखे हुए है तो फटेगी ही ना…प्लीज थोड़ा सा बाहर कर लो ना…ईस्स्स्स…ऊफ्फ्फ्फ…"

तमाचे अपने आदतन तपाक से जवाब दिया,"अपनी मां की बूर दिलवाएगी फिर निकालता हूँ…" कनक तो गुस्से से भर गई पर इस वक्त क्या कर सकती थी…बस दो चार गाली के सिवाए…

कुछ ही देर में कनक की दर्द काफी कम हो गई तो मंद मंद अपनी कमर नचाने लगी…तमाचा समझ गया कि अब सब ठीक है… वो अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर वापस…कनक के मुख से ओहह निकल गई…

पर अब तमाचा रूका नहीं…थोड़ा और बाहर और वापस जड़ तक…तमाचा धीरे धीरे पूरा लंड अंदर बाहर करने में लगा था…कनक हर एक शॉट पर ओहहह,उफ्फ्फ,आहहह कर रही थी…

कुछ ही पल में तमाचा पूरा लंड अंदर बाहर कर कनक की बजाने लगा…बीच बीच में थप्प थप्प चूतड़ भी बजा रहा था… कनक के बाल हर धक्के से छत की सतह को बटोर रही थी और चुची थिरक रही थी…

अचानक कनक चिल्लाती हुई बिफरी.. कनक,"वहाँ..आ…नहीँ…ई..ई…कुत्ते..ए..ए…निकाल उंगलीईई…बाहरऽरऽरऽ…."तमाचा अपनी एक उंगली गीली कर सीधा कनक की गांड़ में घुसेड़ दिया था जड़ तक…

पर तमाचे पर कोई असर नहीं… वो चुपचाप अपनी स्पीड बढ़ा कनक को चुप कर दिया और उंगली से गांड़ के अंदर कुरदने लगा…कभी वो उंगली को गोल गोल नचा छेद बड़ी करने में लगा था… कनक दोहरी मार से और तड़प गई… कनक की सहनशक्ति जवाब देने लग गई…वो पल पल छूटने की कोशिश कर रही थी… वहीं तमाचा पूरे दमखम से पेले जा रहा था… अगले ही पल कनक चीत्कार करती हुई कांपने लग गई…

कनक की बूर से नदी बहने लगी जो छत को भिंगोने लगी…कनक बेहोश सी हो गई पर तमाचे पूरी ताकत से लगभग उठाए था… कनक झड़ रही थी साथ में तमाचा फच्च फच्च की आवाज से ठोके जा रहा था… कनक जब झड़ गई तो उसकी बूर तमाचे के लंड को पकड़ छोड़ कर रही थी…

तमाचा अभी नहीं झड़ा था… वो अब और तेजी से से फचाक-२ की ध्वनि उत्पन्न कर रहा था… कनक कुछ देर तक हाँफती रही फिर जब नॉर्मल हुई तो सर को घुमा कर तमाचे की तरफ की…

चांद की रोशनी में चेहरा तो स्पष्ट नहीं मालूम पड़ रही थी पर तमाचे को आभास जरूर हुई कि वो मेरी तरफ देख रही है…तमाचे धक्के को और तेज करते हुए बोला,"बोल मादरचोद, पेट से कर दूँ…"

कनक,"नहीं… बाहर गिराना…"कनक एक शब्दों में ही जवाब दे वापस सीधी हो गई… इस अवस्था में ज्यादा देर तक मुड़ नहीं सकती थी… तमाचा की रफ्तार और बढ़ गई…वो अब मंजिल की तरफ बढ़ रहा था…

अगले कुछ हिला कर शॉट मारने के बाद तमाचा अपना लंड तेजी से बाहर कर लिया…वो सिसकते हुए तेज गति से बोला,"जल्दी मुँह खोल भोसड़ी…."

कनक छूटते ही थोड़ी लड़खड़ाई पर जल्द ही संभलती हुई पलटी और घुटनों के बल तमाचे के पैर के पास बैठ मुंह खोल दी… तमाचे सट से लंड पेल दिया और बूर में पेलने की गति से ही पेलने लग गया…

दो चार धक्कों में ही तमाचा चीख पड़ा और लंड से रस बरसाने लगा…कनक की आँखें रस पाते ही स्वतः बंद हो गई और आनंद हो रस पान करने लगी… तमाचा झटके लेते हुए कनक के गले को तर कर रहा था…

तमाचा ढ़ेर सारा वीर्य छोड़ा जिसे कनक कई घूंटों में पी सकी… आखिर दिन से ही स्टॉक किए जो था… सारा रस निचोड़ने के बाद भी कनक नहीं हटी और मुरझाए लंड को चुभलाती बाकी बची रस को चाटने लगी…

तमाचा कनक की इस अदा से घायल सा हो गया और उसने अपने हाथों से कनक के गालों को सहलाते हुए बोला,"आहहह मेरी रानी…दिल खुशकर दी आज…"

कनक हल्की मुस्काती हुई आखिरी चुप्पे लगाई और लंड को छोड़ खड़ी होती हुई बोली,"शाले फिर भी कितना दर्द दिया…शर्म नहीं आती बोलते…"

तमाचा कुछ देर पहले की बात याद कर हंसते हुए बोला,"तुम हो ही इतनी गरम माल कि सब्र नहीं होता… " कनक तमाचे को बीच में ही चुप करती हुई बोली…

कनक,"चल अब जल्दी निकल… मम्मी अभी तक आवाज नहीं दी है,अब कभी भी दे सकती है…" कनक अपनी बात कहती हुई कपड़े पहनने लगी… तमाचे भी पैंट को ढ़ंग से पहन रहा था…

तमाचा,"हे, कल दिन में आना मेरे रूम पर…पिछवाड़ा लेना है…"

कनक उसकी बात सुन हंसती हुई बोली,"कतई नहीं…तुम बेरहम बन जाते हो…अगर फट गई तो घर कैसे आऊंगी…"

तमाचा,"आराम से करूँगा यार…क्रीम लगा के…"

कनक,"जरूरत नहीं..अब निकलो…बाकी बातें फोन पर करना…"कनक तमाचे को लगभग धकेलती हुई सीढ़ी की तरफ कर दी…


तमाचा हंसता हुआ "कल आना, इंतजार करूँगा मैं.." कहता हुआ नीचे बढ़ने लगा… कनक भी साथ आई… तमाचा को बाय कह कनक वापस रूम में घुस गई… तमाचा भी बाइक स्टॉर्ट किया और निकल पड़ा…
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कनक छूटते ही थोड़ी लड़खड़ाई पर जल्द ही संभलती हुई पलटी और घुटनों के बल तमाचे के पैर के पास बैठ मुंह खोल दी… तमाचे सट से लंड पेल दिया और बूर में पेलने की गति से ही पेलने लग गया…


दो चार धक्कों में ही तमाचा चीख पड़ा और लंड से रस बरसाने लगा…कनक की आँखें रस पाते ही स्वतः बंद हो गई और आनंद हो रस पान करने लगी… तमाचा झटके लेते हुए कनक के गले को तर कर रहा था…

तमाचा ढ़ेर सारा वीर्य छोड़ा जिसे कनक कई घूंटों में पी सकी… आखिर दिन से ही स्टॉक किए जो था… सारा रस निचोड़ने के बाद भी कनक नहीं हटी और मुरझाए लंड को चुभलाती बाकी बची रस को चाटने लगी…
 
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कनक अपने रूम में घुसते ही पहले तो बाथरूम गई… फिर फ्रेश होने के बाद निकली तो मम्मी खाने के लिए आवाज दे दी… कनक भी खाना खाने चल दी… खाना पीना होने के बाद कनक फोन निकाली और ऑडियो क्लिप सुनने लग गई…


जब कनक की समझ में नहीं आई तो उसने तमाचे को फोन घुमाई…तमाचा का फोन बिजी था… कनक कुछ देर वेट कर आवाज को हर किसी से मैच करवा रही थी मन ही मन, पर उसके जानकार व्यक्ति में से किसी की मैच नहीं हो रही थी…

कुछ ही पलों में तमाचा का फोन आ गया… कनक फुर्ती से रिसीव की और हैलो की… तमाचा हैलो सुनते ही बोलने लगा,"बहन की लौड़ी, एक घंटा पहले ही तो तेरी बूर फाड़ा था तो इतनी जल्दी फिर से कैसे खुजली मच रही है…"

कनक तमाचे की स्वभाव जानती थी…वो उसकी बात का जवाब एक छोटी हंसी के साथ दी और बोली,"ऑडियो सुना…?"

तमाचा,"हाँ सुना… पर अभी कुछ मालूम नहीं चला… शाला फोटो तो रंग बिरंगी है… साली रूपा तो देख के पनिया गई होगी यार…"

कनक,"हाँ, मुझे भी नहीं मालूम पड़ी… हे उसकी फेसबुक आईडी नहीं दी तुम्हें, चाहिए तो बोलो…"

तमाचा,"हाँ सजेस्ट कर देना…मैं एड तो हूँ ही…अभी उधर ही मिलते हैं चल…"

कनक,"हाँ ठीक है फिर…रूपा को भी बुलाती हूँ…"

तमाचा आश्चर्य से पूछा,"भोसड़ी रूपा तो नहीं थी ना पहले…"

कनक,"नहीं, आज ही आईडी बनाई है…"

तमाचा हामी भरता हुआ बोला,"हम्म्म्म…ग्रुप में लेना…वहीं चोदूँगा शाली को…"

कनक हंसती हुई बोली,"चोद लेना…चल बॉय..फेसबुक पर मिलती हूँ…"

तमाचा भी बॉय कह फोन रख दिया.. रात्रि भोजन के बाद कनक,तमाचा और रूपा तीनो फेसबुक पर आ धमकी… तमाचा तो पहले से ही मूड बना रखा था कि रूपा से मजे लेने हैं फेसबुक पर ही… बात बनी तो आमने सामने भी हो जाएगी…

उधर रूपा पहले तो हल्की फुल्की बात की पर जैसे ही तमाचा पहला कदम बढ़ाया कि रूपा दो कदम पीछे…कनक की तरफ से बस हंसी की स्माइली आ रही थी…रूपा ग्रुप में रहने के बाद भी ना के बराबर थी…

तमाचा लाख कोशिश किया कि रूपा सपोर करे,कुछ बात करे पर निराशा ही हाथ लगा… तमाचा गुस्सा भी हुआ पर कर भी क्या सकता था… बस कनक को गालिया सुनाने लगता… वो भी कम नहीं थी, एक के बदले चार सुनाती…

सामने होती तो ना डर रहती कि कहीं वो पेल ना दे… हार कर तमाचा नॉर्मल पर उतर आया तो रूपा भी भुक्क से हाजिर हो गई जवाब के साथ… तमाचा का खून तो मानो नस के बाहर दौड़ने लगी… खड़ा लंड को पाला जो मार दिया था…

इन सब के दौरान ही इन सब की नजर उस लड़के की आई.डी. पर पड़ी जो अब ऑनलाइन आया था… तमाचा खटाक से उसे इनबॉक्स में अपना छोड़ दिया,"हे ब्रो, तेरी प्रोफाइल तो मस्त है…"

तारीफ किसे नहीं पसंद होती, वो लड़का भी अपनी तारीफ सुन फूला नहीं समाया और सीना चौड़ा करते हुए "थैंक्स " भेजा… इतने में तमाचा दोनों को दोनों को आपस में बात करने बोल उस लड़के से लग गया…

पहले तो हल्की फुल्की बात किया फिर तमाचा लम्बी वाली गली से अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते हुए पूछा,"हे, तुम्हारी फ्रेंड तो काफी मस्त मस्त है, एकाध से हमें भी मिलवाओ ना…"

लड़का स्माइली देते हुए,"हाँ, मुझे लड़कियो से दोस्ती काफी पसंद है…"

तमाचा,"सिर्फ दोस्ती या और कुछ भी…"

लड़का,"क्या यार, अब इतना भी फायदा नहीं मिलेगा तो दोस्ती किस काम की…"

तमाचा,"ग्रेट यार… इतने सारे में से एक दो की हमें भी तो दिलवा दो…"

लड़का,"दिलवा तो देता पर थोड़ा रिस्क है…"

तमाचा के चेहरे पर हंसी आ गई कि मामला पट रहा है…तमाचा,"यार बिना रिस्क का मजा क्या… वो तू मुझ पर छोड़ दे… बाकी अगर खर्चा पानी लगेगा तो भी मैं मैनेज कर लूंगा…"

लड़का,"हम्म्म्म…कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या जो बर्दाश्त नहीं कर पा रहे…"

तमाचा दिमाग का भी इस्तेमाल कर रहा था… वो कोई भी जवाब ऐसे नहीं देना चाहता था कि उसे कुछ गड़बड़ लगे…तमाचा,"यार इतना बदसूरत और चवन्नी छाप तो हूँ नहीं कि ना हो…है एक पर शाली प्रपोज दिन से ही रट लगा कि शादी के बाद… दिखने में मस्त है तो छोड़ नहीं पा रहा.. शायद शादी भी हो जाए क्योंकि वो भी हमें छोड़ती नहीं…"

उस लड़के ने तमाचे की बात के जवाब में ढ़ेर सारी हंसी की स्माइली सेंड कर दिया… तमाचा भी मुस्कुरा दिया कि शाला, बात में तो उलझ गया…और उलझेगा कैसे नहीं बेटा,आखिर नेता का बेटा हूँ…

लड़का,"फिर तो सोचना पड़ेगा कुछ तेरे लिए…"

तमाचा तो इसी बात का इंतजार कर रहा था…तमाचा,"प्लीज यार, किसी से भी टांका भिड़वा दे ना…देख अभी भी शाला पूरा तैयार है…"

लड़का,"हम्म्म…मैं तुझे एक नम्बर देता हूँ…ठीक है…तू उस पर कॉल करना… वो तुम्हें तुम्हारी पसंद की लौंडिया दिला देंगे…"

तमाचा,"थैंक्यू यार…मैं तुम्हारा जिंदगी भर अहसान रहूँगा…"

लड़का,"ना भाई, एहसान की जरूरत नहीं है…बस वो जितना कहेंगे, उतना जेब ढ़ीली करना होगा…"

तमाचा,"उसकी फिक्र मत कर भाई…मेरा बाप पैसा छापता है मेरे लिए टक टका टक… अच्छा भाई अब जल्दी से नम्बर दे दे…"

लड़का,"ओके यार देता हूँ पर अभी नहीं कल करना होगा…आज वे शहर में नहीं हैं… कल आएंगे… तुम्हारे ही शहर के हैं…मैं तो काफी दूर हूँ तुम्हें तो पता ही है…"

तमाचा,"हाँ यार, पता है…माल कड़ाका देने बोलना यार…"

वो लड़का स्माइली से हंसता हुआ बोला,"उसकी फिक्र मत कर यार… बस एक बात का ख्याल रखना होगा कि तुम अपनी पहचान सही बताना…"

तमाचा कुछ आश्चर्य से पूछा,"हाँ यार बता दूँगा पर ऐसा क्यों?"

वो लड़का कुछ चुप रहा फिर बोला,"देख भाई बुरा मत मानेगा तो बताऊंगा…"

तमाचा,"नहीं यार, अब तुम मेरे दोस्त हो तो दोस्त की बात का क्या बुरा मानना…"

वो लड़का,"बात दरअसल ये है कि उनके सम्पर्क में हर तरह की लड़की है…बाजारू से लेकर घरेलू तक… तो जाहिर है घरेलू में कोई ऐसी भी हो जो तुम्हारे क्लोज हो तो ऐसे में अगर सही पहचान बता दोगे तो वो क्लोज से हट के माल दिलाएंगे…समझ रहे हो ना…"

तमाचा ना समझे, नामुमकिन ही था… वो तुरंत बोल दिया,"समझ गया यार…तुम उसकी चिंता मत कर…बस कोई घरेलू माल की जुगाड़ लगाना…"

लड़का,"ठीक है फिर…ये ले नम्बर **********…और इनको मैं बोल दूँगा… फिर तुम्हें उनके बताए जगह पर पहुंच जाना…ठीक है…"

तमाचा नम्बर एक अलग कागज पर जल्दी से नोट किया और फिर पूछा,"इनका नाम क्या है…"

लड़का,"आर.जे….पर वो सब मैं कर दूंगा…तुम्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी… बस जब मैं तुम्हें कहूँ तू इनको फोन करना और इनके बताए जगह पर माल ले के पहुँच जाना मस्ती करने…ठीक है.."

तमाचा,"ठीक है भाई, थैंक्यू दोस्त…तुमने मेरे लिए इतना कुछ किया…"

लड़का हंसता हुआ इट्स ओके कहा और नींद आ रही कहता हुआ ऑफ हो गया… तमाचा वापस कनक रूपा की ग्रुप में आया तो वहाँ काफी देर से सन्नाटा पसरा था…तमाचा दो तीन बार जब हाय हाय चिल्लाया तो कनक जवाब दी…

तमाचा,"भोसड़ी कहाँ बूर चुदवा रही है…"

कनक,"कुत्ते, रूपा भाग गई तो अकेली अचार डालती क्या यहाँ…कुछ मालूम चला..?"

तमाचा,"और नहीं तो क्या…तुम्हारी तरह थोड़ी ना हूँ जो नहीं मालूम पड़ेगी…रूपा भागी क्यों..?"

कनक,"क्या-२ ..कौन है वो…"कनक बेसब्री से पूछ बैठी…

तमाचा,"पता नहीं पर कल पता लग जाएगा…अभी बस नम्बर मिला है… आर.जे. नाम है इस भड़वे का… "

कनक,"नम्बर है तो अभी कॉल कर के देख ना…"

तमाचा गुस्से का स्माइली देते हुआ टाइप किया,"मादरचोद तू रंडी सब प्लान करती तो ठीक ठाक है पर जल्दबाजी कर मां बहन चुदवा लेती है… स्टेप से चल ना… तब तो सक्सेस होगी…"

कनक,"अच्छा अच्छा ठीक है… क्या प्लान है फिर…"

तमाचा अब नॉर्मल होता हुआ बोला,"हम्म्म्म…प्लान कुछ नहीं है… कल इससे बात होगी तो कोशिश करूँगा पहले मिलूँ किसी तरह…"

कनक कुछ आश्चर्य और कुछ उत्सुकता से पूछी,"शाले तुम्हें लगता है कि वो मिलेगा…"

तमाचा,"भोसड़ी नहीं मिलेगा ऐसे मुझे भी पता है… इसलिए तो चोदने का कार्यक्रम भी फिट किया हुँ…बहनचोद तुम दोनों की वजह से आज पहली बार पैसे दे कर चोदने के लिए राजी हुआ हूँ…और वो पैसे तुम दोनों देगी समझी ना…"

कनक की हंसी निकल आई फिर वो बोली,"शाले झूठ क्यों बोलता है…मैं खुद कई बार तेरे से पैसे ली हूँ…"

तमाचा,"अबे रंडी ठीक से याद कर… तीन दिन फ्री में चोदा था पहले… चौथी बार तुम रोने लगी थी कि मुझे पैसों की जरूरत है…हेल्प कर दो कुछ…तब हेल्प किया था कॉलेजफ्रेंड सोच कर… बूर के पैसे नहीं दिए थे…"

कनक,"अच्छा छोड़ो उन बातों को…अब नींद आ रही है…सोने जा रही हूँ…कल मिलते हैं…"

तमाचा मैसेज पढ़ते ही तेजी से टाइप करता हुआ सेंड बटन दबाया,"रूक भोसड़ी, रूपा क्यों भागी…ये तो बता…"


कनक पहले तो हैप्पी स्माइल दी फिर बोली,"भागी क्यों..? तूने गरम गरम बातें कह दी तो बेचारी गीली हो गई तो चली गई बी.एफ. से बात करने…"
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तमाचा,"भोसड़ी नहीं मिलेगा ऐसे मुझे भी पता है… इसलिए तो चोदने का कार्यक्रम भी फिट किया हुँ…बहनचोद तुम दोनों की वजह से आज पहली बार पैसे दे कर चोदने के लिए राजी हुआ हूँ…और वो पैसे तुम दोनों देगी समझी ना…"


कनक की हंसी निकल आई फिर वो बोली,"शाले झूठ क्यों बोलता है…मैं खुद कई बार तेरे से पैसे ली हूँ…"

तमाचा,"अबे रंडी ठीक से याद कर… तीन दिन फ्री में चोदा था पहले… चौथी बार तुम रोने लगी थी कि मुझे पैसों की जरूरत है…हेल्प कर दो कुछ…तब हेल्प किया था कॉलेजफ्रेंड सोच कर… बूर के पैसे नहीं दिए थे…"
 

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