Adultery पत्नी खुश तो पति भी खुश (लघु कथा)(completed)

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सरत मिया शाम को घर लौटे । रात को उसका मन रोमासिट हो गया और अपनी धरम पत्नी के उपर चढ़ गए । गुंजन ने भी चढ़ने दी ।

लेकिन जब सरत बाबु की नजर अपनी धरम पत्नी की मोटे चूचे पे दात के लाल निशान देखे तो उसे समझाने में देर नहीं लगा और गुस्सा हो कर चिल्लाए " तुम फिर से इस कुत्ते साथ । "

गुंजन एक पल के लिए दर गई अगले ही पल उसे नजाने कहा से इतनी हिम्मत मिली और वो दत्त के बोली " बोहोत हो गया आपका । अब बस । अब में आपके एक बात नेही सुनूंगी और ना ही करूंगी । में अपने मन की करूंगी । मैंने फैसला किया है में उसके साथ भी रहूंगी चाहे आपको मंजूर हो या ना हो "


सरत बाबू के माथा जंजना गए गुस्से में नाग की तराह फंफनाने लगे । और गुंजन के गाल पे एक उल्टे हाथ का झड़ दिया " ऐसा क्या है जो मेरे पास नही । क्या में तुझसे प्यार नही करता हूं ।"


गुंजन हस्ते हुए अपनी पति की मजाक उड़ाते हुए बोली " हा हा हा हा । फुद्दू कही का । उसके पास वो जो है ना आपसे दो गुना बड़ा है । जब वो मैरी गहराई में जाता हे ना तो आपसे कही ज्यादा मेजा आता है । और आपकी तरह नही जो दो धक्कों में ढेर हो जाए । 30 से 40 मिनट तक मुझे खुश करता है । उसके हथियार में भी और कमर में भी आपसे चार गुना ताकत हे । विश्वास ना हो तो बोलना घर में बुला के आपके आखों के सामने कर के दिखाएगा कितना ज्यादा मर्द है आपसे । "




सरत मिया आंखे शर्म से झुक गया और गुंजन दो और थप्पड़ लगा के कमरे से बाहर निकाल गए । गुंजन हस्ती रही । उसे ऐसा महसूस होने लगा निर्दय और बेवफा बन के जैसे वो आजाद पंछी की तरह खुले आसमान में उड़ने लगी ।





सरत मिया पूरी तरह से टूट गए । अक्सर शराब खाने रात भर पड़े रहने लगे और घर में उसकी धरम पत्नी के साथ एक पराए मर्द आ के बिस्तर गर्म कर के चले जाते थे ।



बहकना और बेकाबू दोनो ही असबधान की पहली लक्षण है । चाहे कुछ भी हो संतुलन कभी नही खोना चाहिए ।







समाप्त
 
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एक रिश्ते सबसे बड़ी गांठ होती है एक दूसरे को समझना और विश्वास । और दोनो के बीच ये चीज बरकरार थी और प्यार भी निच्छल था । भले ही कभी दोनो जगर पड़ते लेकिन अगले ही पल दोनो अपने अपने गुस्से को पी जाते थे ।

सरत बाबू अपनी उतर चढ़ाऊं जिंदगी में बोहोत कुछ सीख चुका था । बीच में एक पढ़ाओ आया था जब उसका बिसनेस लगभग डूब ही चुका था । लेकिन उसने हार नही माना उसकी धरम पत्नी ने भी सरत को बोहोत हौसला दिया सच्चे प्यार से ।


गुंजन तैयार हो के नाश्ता कर के चली गई । सरत भी अपने काम निकल गया । पहले वो अपने शॉप पर गया । वाहा की निर्किशन किया मैनेजर के ऊपर । अकाउंट्स भी उसने देखा ।



शाम तक वो शॉप पर ही रहा । वो अपने ऑफिस में बैठा था । और उसका मैनेजर ऑफिस में आ गया ।

" सरत बाबू इतने क्या सोच रहे है "

" अरे नही ऐसे ही । "

" अरे कारेल मिया बस ऐसे ही । आप बोलो घर संसार ठीक चल रहा है । काफी दिन बाद आपसे से ठीक तरह से बातें हो रही है । हम दोनो इतने अच्छे मित्रो है लेकिन हम अपनी मित्रता के लिए समय हीं नहीं निकाल पा रहे है । मेरी इस्सा थी की कुछ समय निकल के एक एक जम हो जाए "

" सरत बाबू हमारी क्या मित्रता हम तो आपके लिए काम करते है आपके व्यापार के एक नासिस कर्मसारी मात्र "

" कर दी ना मिया नल्ले वाली बात इसलिए भाबीजी आपको घर से निकल देती है बार बार । चलो आज हम अपना दिल खुश कर आते हे "


कारेल अली बोहोत पुराना कर्मसारी था आज वो सरत के मैनेजर और खास दोस्त बन कर दिल में जगह बना के बैठा हे । सरत की व्यापार की सद्गति और उन्नति के लिए कारेल ने कड़ी मेहनत की थी रातों की नींद तक हराम कर दी थी । और इसलिए सराट उसे आंख बंद कर के भरसा भी करते थे ।

सरत ने आज उसे एक बड़े रेस्ट्रो में ले के गया ।
 
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दोनों महंगे व्हिस्की की छोटा छोटा पेग बना के चखने के साथ चख रहे थे ।

" और मिया बताओ कुछ । कोई रश्क खबर मिर्ष मसाला लगा के सुनाओ । बोहोत दिन हुए तुम्हारे मुंह से किस्सा नही सुना "

" हम्म्म । सरत बाबू वो दा मिस यूनिवर्स कम्पनी का कांड सुना । "

" हां थोड़ा बोहोत सुना है । घपले में पकड़े गए हे "

" हां पूरी सील कर दी गई है । सुना है इनकॉमटेक्स के साथ साथ इंटेलिजेंस वाले ने भी चेयरमैन नंदिता की गला दावा के रखा है अफवा है कोई नैशनल सिक्योरिटी का लॉ उलंघन करने का भी अरप है "

" हो सकता है । ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने के लिए किसी तरफ की ड्रग भी विदेश से इंपोर्ट करता था । अच्छा है जैसी करनी वैसी भरनी हमारे पास कैसे भीगी बिल्ली सकल ले के आई थी चेयरमैन नंदिता इन्वेस्टर के लिए । "

" हा और माना करने पर जंगली बिल्ली बन गई थी । उनका कंपनी तभी से डूब गई थी बस उंगली में जान अटकी हुई थी । खुद चेयरमैन इन्वेस्टर धुनने निकला था सड़क पे । अब इनकम टैक्स वाले और इंटेलिजेंस वाले इस नंदिता और बाकी के साथीयो को गपा गप पेल रहे होंगे हा हा हा हा हा "

" हा हा हा । अच्छा एक बात कहनी थी आपसे । आप बुरा तो नही मानेंगे ना "

" हां बोलिए ना सरत बाबू । में भला आपसे क्यू बुरा मानूंगा "

" अकाउंटेंट वालो ने बताया कि कुछ हिसाब नही बैठ रहा है "

सरत एक पल के लिए सकपका गया । " हा वो में चाहता था की में खुद संभाल लूं आपकी परेशान ना करु "

" आप प्लीज बुरा मत मानिए में बस ऐसे ही क्लियर करना चाहता था । "

" सरत बाबू आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हे । में आपको पूरी बात बताता हूं । आप तो जानते ही हे हम ज्यादातर रो मेटेरियल आयात करते है । कारीगरी का काम ज्यादा होता है उसमे लैस होते हे । पहले हमारा धंधा इतना नही चलता था जैसे अभी चल रहा हे । कुछ नए कर्मसारी अपने काम पे ध्यान नही दे रहे है और कुछ मेरी गलती भी में उनलोगो पर ध्यान नही दे पा रहा था । इसलिए हेर फेर हो रहा है "

" देखिए कारेल मिया । आप मेरे दोस्त हे और मुझे आप पे पूरा भरसा हे । में जानता हूं इस व्यापार में थोड़ी बोहोत हेरा फेरी होती है । में बस इतना चाहता हूं कभी कभी कीसर में मेरे पेड़ डूबे तो में धो लूंगा लेकिन दलदल में फस के मरना नही चाहता । अगर में स्मगल कर व्यापार चलता तो आज में दुबई की किसी राईस के साथ लेवल बना के ऐयास करता । आप समझ रहे है ना । में गलत काम कर के हरम की नींद नही लेना चाहती"
 
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[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" हा समझ गया सरत बाबू । आप टेंसन मत लीजिए में आपको कभी दलदल में फंसने नही दूंगा ये मेरा वादा रहा आपसे । में जल्द ही अकाउंट हेड से बात करता हूं और सारे प्रोब्लम सोल्फ करता हूं " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" मुझे आप पे पूरा भरासा हे । इसलिए तो चैन की नींद लेता हूं । अच्छा मेरा गिफ्ट लाया ना " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]दोनो व्हिस्की की नशे में शुर हो रहे थे । [/BGCOLOR]


[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" हां लाया हूं ना " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]कारेल ने एक रैपर से लिपटा हुआ पेकेट दिया सरत को । सरत की मुस्कान से बत्तीसी दिखाई दिया ।[/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" मिया आप बड़े सुपा रुस्तम निकले । अच्छा ये इस्तेमाल कैसे करते है " [/BGCOLOR]


[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" उसपे लिखा हे कैसे इस्तेमाल करना हे । अचान हे बस पहनना हे " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" अरे मिया आप जानते है में अनपर हूं । हिंदी तो पढ़ लेता हूं लेकिन अंग्रेजी दिक्कत देती है । " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" सरत बाबू बस कंडोम की तरह चढ़ाना हे । और हां जब दूसरी बार इस्तेमाल करना हो तो अच्छे से सेनिटाइज कर के वश करना । हाइजिन का ध्यान रखिएगा बस " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" क्या आपने यूज किया है " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" यूज करता हूं तभी तो बता रहा हूं अनुभव से । मेरी बीवी को तो बस यही चाहिए ये ना हो तो मुझे पास भी भटकने नही देती । बड़ी नशीली चीज है ये ।" [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" अच्छा । लेकिन मिया मेरी पत्नी को जानते ही हो बोहोत सिंपल है । मानेगी नही "[/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" एक बात हमेशा याद रखना दोस्त । हमारे मुल्क में औरत शर्म की वजह से सेक्स का आनंद नही ले पाती है । लेकिन चाहत बोहोत होती है जो हमेशा छुपी रहती है और पति के नजर में गिरने की दर से बोहोत कुछ छुपाती हे । मेरी पत्नी को ही देख लो चार बच्चों की मां है लेकिन अभी भी सेक्स के लिए तैयार रहती है । " [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" सही कहा वैसे तो मेरी बीवी भी ऐसी ही है मेरे दिल को देस ना पोहोचे इसलिए अपनी अरमान छुपा के रखती है "[/BGCOLOR]
[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" ये चीज लाजवाब हे सरत बाबू भाबीजी की शिकायत दूर हो जायेगी । बस इंसान बनाने वाले से मेरी एक शिकायत हे औरतों की इस्तेमाल करने से ढीली हो जाती है और मर्द की वैसा का वैसा ही रहता हे उम्र के साथ सिकुड़न ढीलापन । पता है सुहाग रात की रात एक उंगली मुश्किल से घुसती थी और आज चार चार उंगली डालो तब कसाव आता हे ।" [/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]"क्या करे मिया यही दस्तूर है । अच्छा कारेल मिया अब समय हो गया हे हम निकालना चाहिए "[/BGCOLOR]

[BGCOLOR=rgb(209, 213, 216)]" हां । तो चलिए " [/BGCOLOR]
 
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रात के 10 बजे सरत घर पोहोचता हे । वो नशे में भी था । वो दर रहा था गुंजन से ।

गुंजन उसके चाल चलन से समझ गई की उसका पति आज कुछ ज्यादा ही पि के आय हे । वो तिरसी नजरों से घूर रही थी । वो अपने पति का इंतजार कर रही थी डिनर पे दोनो साथ में डिनर करते है

डिनर के बाद जैसे ही दोनो अपने बेडरूम में पोहोचे गुंजन भड़क गई और अपने पति का कलर पकड़ लिए ।

" आपने वादा किया था की आप दुबारा नही पियेंगे । किए थे की नही । बताइए वादा किए थे ना "

" शांत हो जाओ । थोरी सी पी है बस "

" थोरी सी । लड़ खड़ा के चल रहे हो मुंह से शराब की गुतर जैसा बु आ रही है । याद नही पिछली बार क्या हुआ था । उतली रुक नेही रही थी आधी रात आपको मेडिकल ले जाना पड़ा "

" डार्लिंग । बिसनेस मीटिंग थी ना पियूंगा तो अपने क्लाइंट की बेइज्जती करने जैसा होता । प्लीज समझा करो थोड़ी सी ही बस । और अच्छी वाली पी है ज्यादा नशा नही है इसमें "

गुंजन मुंह फूला के बिस्तर पे लेट गई । तकिए से मुंह छुपा ली । सरत समझ गया आज तो उसकी गई ।

मानाने के लिए वो भी बिस्तर वे गया और जैसे ही अपनी धरम पत्नी की कमर में हाथ डाला उसकी धरमपत्नी ने गुस्से में उसका हाथ जतक दिए ।

" डार्लिंग अब गुस्सा छोड़ भी दो ''

लेकिन गुंजन आज ज़्यादा गुस्से में थी । वो इतनी आसनी से मानने वाली नही थी । आज सरत को सायेद ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी । लेकिन आज उसके पास कुछ है मनाने को सायेद जल्दी
 
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रात के 10 बजे सरत घर पोहोचता हे । वो नशे में भी था । वो दर रहा था गुंजन से ।

गुंजन उसके चाल चलन से समझ गई की उसका पति आज कुछ ज्यादा ही पि के आय हे । वो तिरसी नजरों से घूर रही थी । वो अपने पति का इंतजार कर रही थी डिनर पे दोनो साथ में डिनर करते है

डिनर के बाद जैसे ही दोनो अपने बेडरूम में पोहोचे गुंजन भड़क गई और अपने पति का कलर पकड़ लिए ।

" आपने वादा किया था की आप दुबारा नही पियेंगे । किए थे की नही । बताइए वादा किए थे ना "

" शांत हो जाओ । थोरी सी पी है बस "

" थोरी सी । लड़ खड़ा के चल रहे हो मुंह से शराब की गुतर जैसा बु आ रही है । याद नही पिछली बार क्या हुआ था । उतली रुक नेही रही थी आधी रात आपको मेडिकल ले जाना पड़ा "

" डार्लिंग । बिसनेस मीटिंग थी ना पियूंगा तो अपने क्लाइंट की बेइज्जती करने जैसा होता । प्लीज समझा करो थोड़ी सी ही बस । और अच्छी वाली पी है ज्यादा नशा नही है इसमें "

गुंजन मुंह फूला के बिस्तर पे लेट गई । तकिए से मुंह छुपा ली । सरत समझ गया आज तो उसकी गई ।

मानाने के लिए वो भी बिस्तर वे गया और जैसे ही अपनी धरम पत्नी की कमर में हाथ डाला उसकी धरमपत्नी ने गुस्से में उसका हाथ जतक दिए ।

" डार्लिंग अब गुस्सा छोड़ भी दो ''

लेकिन गुंजन आज ज़्यादा गुस्से में थी । वो इतनी आसनी से मानने वाली नही थी । आज सरत को सायेद ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी । लेकिन आज उसके पास कुछ है मनाने को सायेद जल्दी मान जाये ।

सरत ने अपनी कुर्ते की जेप से वो पैकेट निकला और गुंजन की हाथो में दिया लेकिन गुंजन ने वो पैकट हाथ से छोर दी ।

सरत नाटक करते हुऐ "" ठीक है जब गुस्सा ठंडा हो जाये तो देख लेना । तुम्हारि बड़ी काम की चीज़ हे ।" और मुह फेर के सो गया ।


कुछ देर के बाद रेपर की चरमर आवाज़ हुई । सरत शीते की तरह लपक पड़ा गुंजन के ऊपर '" पकड़ि गयी । अब गुस्सा दिखाओ ""
 
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गुंजन अपनी हांसी रोक नही पाई और खिल खिल हंसने लगी । " क्या है इसमें "

" खोल कर देखो "

" बोहोत बदमास हो आप । मानने के लिए गिफ्ट ले आए " गुंजन ने गिफ्ट खोल के देखा और उसमे जो चीज था वो पकड़ के चिल्लाई " क्या है ये "

" दर गई क्या इसे कहते है ड्रैगन कंडोम "

" क्या " गुंजन बॉक्स पे लिखावट पड़ के बोली " सिलिकॉन क्रिस्टल कंडोम ।"

" हा वोही लोग ड्रैगन कंडोम बोलते हे । पता हे अब तुम जितनी चाहे जितनी देर चाहो ठुकाई करवा सक्ति हो । "

" छी क्या क्या लाते हो आप । वो डिल्डो कम था जो ये ले आए । कोन देता है ऐसी घटिया चीज आपको । छी मुझे नही चाहिए ये अजीबो गरीब चीज । में फेक दूंगी "
" तुम्हे नही पता इसके फायदे के बारे में इसलिए ऐसा बोल रही हो । पता है मेरे मैगेजर की बीवी इसके पीछे पागल हे । एक बार ट्राई कर लो फिर अच्छा ना लगे तो फेक देना "

" यू याक नही बाबा मुझे ऐसे शोक नहीं चाहिए । और आप अपने मैनेजर के साथ ये सब बाते करते हो । आज भी उसके साथ ही पी कर आए हे ना । "

" अरे वो मेरा दोस्त है । थोरी बोहोत निजी बाते होती है मैन तु मेन तुम औरतें नही करती क्या । "

" जो भी हो । वो मेरे बारे में क्या सोचेगा अब । की में इस चीज के साथ । छी आप भी ना ।

" अरे ऐसा कुछ नही ही । वो प्रौढ़ आदमी हे अच्छे नैतीक सोच के इंसान है । और सोच भी लिया तो क्या हुआ "

" लेकिन अब में उससे किसी दिन मिल लि तो मुझे कैसा लगेगा । आप हमारी सेक्स लाइफ दूसरो के सामने कैसे खोल सकते है कुछ शर्म बचा हे की नही ।" और गुंजन ने वो कंडोम फर्ज पे फेक दी ।

सरत को वाकई में बोहोत बुरा लगा । " में हर चीज तुम्हारे लिए करता हूं । और तुम । ।।।। में चाहता हूं तुम हर तरह से खुश रहो । ठीक हे आज के बाद कुछ नही करूंगा । जैसी तुम्हारी मर्जी ।

सरत करवट ले के सोने लगा ।
 
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थोरी देर बाद गुंजन को एहसास हुआ की वो कुछ ज्यादा दिल दुखा दी अपने पति का । और उसने वो कंडोम उठा के अपनी पति की पीठ पे उंगली कुरेते हुए भोलेपन से मनाने लगी " सुनो ना । गुस्सा हो "

सरत की तरफ से कोई उत्तर नही ।

" अब गुस्सा छोड़ दो नही तो ने रो दूंगी । मुझे बोहोत फिक्र होती है जब आप पीने लगते हे इसलिए गुस्सा थी तब । प्लीज माफ कर दो ना "

लेकिन सरत बाबू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिए । गुंजन अपने पति की लूंगी के अंदर हाथ डाल के उसके सिकुड़े हुए लन्ड को सहलाने लगी । तब भी सरत चुप रहा ।

" बोहोत हो गया हां । अब में आपके अंडे फोड़ दूंगी "


सरत बाबू तब भी चुप ।

" अब तो आपके अंडे गए " गुंजन ने सरत बाबू का अंडा पकड़ के दोबोच लिया ।


" आई मां ।" सरत बाबू चिल्लाये ।

" घूमो मेरी तरफ "

सरत बाबू आराम से करवट बदल ली । उसने देखा उसकी धरम पत्नी के होंठो पे सैतानी मुस्कान ।

" अब आए उट पहाड़ के नीचे । "

" अब तो छोड़ दो सच में फोड़ दोगी क्या "

गुंजन ने पति के अंडे छोड़ दी और प्यार से मनाते हुए बोली " एक बार ट्राई कर के देखते है । लेकिन हां अच्छा नेही लगा तो दुबारा इसे इस्तेमाल नही करूंगी । ओक "

सरत बाबू खुशी से झूम उठा । " तुम देखना तुम दुबारा बोलोगी वो क्या कहते हे अंगेरेगी में वॉच मोर वॉच मोर "

" देखते हे वॉच मोर वाली चीज हैं की नही "

दोनो एक दूसरे को चूमने लगे । सरत हाथ अपनी धरम पत्नी की जिस्म पे चलने लगा । गुंजन नाइट सूट पहना हुई थी । सरत बाबू ने उसके बदन से खेलते हुए उसे अलग कर दिया । गुंजन अपनी पति की फरमाइश पे लेस वाली डिजाइनर ब्रा पैंटी पहनती थी । कुछ ही लम्हों में दोनो मादरजात नंगे थे ।

सरत ने गुंजन को बेड पे लिटाया । गुंजन भी तैयार थी टांगे फैलाए उस नई चीज को एक्सपेरिमेंट करने के लिए । कैसा होगा उस चीज की अनुभव वो रोमांचोक हो उठी थी । पहले तो मुकर रही थी लेकिन उसकी जिस्म की कामुक इस्सा अब चाहती थी एक बार इस्तेमाल कर के देखते है।
 
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सरत ने वो रबर जैसा मोटी परथ वाली कंडोम अपने लन्ड पे चढ़ा लिया । भले ही कृत्रिम था पर अब उसका लन्ड चारे चार इंच से बढ़कर छे इंच लंबा और काफी मोटा लग रहा था । कंडोम के परथ के सारों तरफ हल्की नुकीली उभार के साथ बिंदीदार था ।

वो अपनी पत्नी की चूत में घुसाने से पहले ढेर सारा लुब्रिकेंट लगा लिया और धीरे धीरे सड़का दिया । और पूछा " कैसा लगा डार्लिंग "

गुंजन आह निकली " आह्ह्ह्ह पता नही अजीब सा बोहोत मोटा सा लग रही हे "
" थोड़ी देर बाद तुम्हे असली मजा मिलेगा ।"

सरत बाबू गुंजन के ऊपर चढ़ गए और धीरे धीरे कमर हिलाने लगे । गुंजन अपनी जिंदगी में पहली बार कुछ नई अनोखी चीज का अनोखा एहसास । उसने अपनी चूत में सिर्फ तीन चीज डाली अपने पति का लन्ड और उसका उंगली और उसका लाया हुआ डिल्डो । लेकिन इस ड्रैगन कंडोम का कमाल धीरे धीरे उसे पता चलने लगा ।

उस कंडोम मोटाई और लंबाई का एहसास और उसकी हल्की नुकीली उभरी हुई बिंदीदार की रगड़ उसकी छूट की दीवारें रेतीली पत्थर पे चाकू धार लगाने जैसे तरीके से रगड़ रही थी जिससे दो गुना ज्यादा मजा मिल रही थी उसे।
 
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सरत धीरे धीरे गति बढ़ा रहा था । जैसे उसे लगा कि उसकी बीवी की चूत में उसका नकली लन्ड ने जगह बना लिया तो कभी तेज तो कभी धीमे धक्के लगाने लगे ।

गुंजन मस्ती में आंखे बंद कर चुकी थी टांगे पूरी तरह से फैला दी पति के पीठ खोरोचने लगे । पूरे कमरे में उसकी कामुक आवाज गूंज रही थी और सरत बाबू के दम लगाने की आवाज । उसे इतना महसूस नही हो रहा था लेकिन अपनी धरम पत्नी की कामुक मुखरे पे इतनी तृप्ति आनन्द देख के वो तृप्त था ।

" डार्लिंग । मजा आ रहा ना । बोला था । देखा इसका कमाल "

" हां जी । उन्ह्ह्ह बड़ी धमाल चीज है आह्ह्ह "

" कितना मजा आ रहा है डार्लिंग "

" बोहोत ज्यादा आआह्हह "

" जोर से दूं । पूरा पूरा डाल के हेन्न्ह "

" ओन्ह्हहहह हन्न्ह्ह आपका जल्दी निकल जायेगा नाहहहह "

" फिक्र मत मेरा ढीला पड़ेगा लेकिन ये कंडोम कभी ढीला नही पड़ेगा । संजू फिल्म याद करो डार्लिंग "

गुंजन को संजू फिल्म का गपा गप डायलॉग वाला सीन बोहोत पसंद था उसे याद करते ही वो बोहोत ज्यादा उत्तेजित हो जाती थी । और उसे रंगबीर कपूर बोहोत पसंद थी उसकी कल्पना कर कोई बार अपने से चुदवा चुकी थी ।


गुंजन ने वो सीन याद कर के अपने पति की आंखों में देख के अपनी बेकाबू हवाश जाहीर की " हांहहह जोर से गोपा गोप दो मुझे जानू आह्ह्ह्ह्ह "

" अच्छा । गोपा गोप दूं तुम्हे । हा ले । ले मेरी डार्लिंग "

"हांहहह दो मुझे गोपा गोप ओन्ह्हह मर गई ऊंहहहह जानू बोहोत मजा आ रहा है "

सरत बाबू का अंतिम घड़ी आ गया और वो कंडोम में ही झड़ गया । लेकिन गुंजन अपनी पहली स्खलन की करीब थी सरत बाबू के रुकने से उसका मजा किरकिरा हो गई और वो चिढ़ गई " क्या हुआ जी निकल गई हवा अब क्या कमर में भी दम नही रहा क्या "

" अच्छा मुझे ललकार रही हो । अब देखो अपने पति का कमाल धमाल "

सरत बाबू हफ्ते हुए भी अपनी बीवी के लिए ताकत जूता के बड़ी बड़ी कूल्हों पे निसाना साध के धक्के लगाने लगे जिससे धाप धाप आवाज गूंज उठ रही थी । और सरसरता हुआ पूरा कंडोम गहराई तक घुस के बाहर निकल रहा था । गुंजन गला फाड़ के " उई मां ,,,,, आह्ह्ह्ह्ह जानू उपचचच इससस्स आह रुकना मत " चिल्लाए जा रही थी


सरत बाबू ने भी कमाल कर दिया । गुंजन हस्थिनी गर्त की औरत थी उसे गर्म होने में समय लगती थी और उसका यौन स्खलन होने में भी देर लगती थी । लेकिन आज उसके पति ने एक घंटे से ज्यादा देर ठुकाई कर के तीन बार झाड़वा दिया था जिससे वो बोहोत खुश थी । और फल सरुप में उसने अपने पति को बोहोत प्यार दिया ।
 
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दिन उलटने लगे दोनो की दाम्पत्य जीवन में खुश तो थे ही । साथ ही साथ दोनो के की यौन संधान और बेहतर होती गई ।

लेकिन सरत बाबू के व्यापारी दिमाग वाहा पे नही रुका । वो अपनी पत्नी के साथ नए नए तरीके से चीज़े जोड़ के आनंद करना चाहता था । पता नही किस विकृत सोचें ने उसे खोखला कर रहा था । वो समझता था उसकी धरम पत्नी बोहोत चुदासी है और उसके लिए वो सब करना चाहता था जिससे उसकी पत्नी की सेक्स लाइफ हमेशा खुश रहे और उसके लिए नए तरीके अपनाए और चेहरे पे कामुक सुख देख पाए ।

गुंजन एक समझदार पढ़ी लिखी सुलझी हुई औरत थी । हालाकि वो वाकई में बोहोत कामुक औरत थी लेकिन उसे नेचुरल सेक्स लाइफ चाहिए थी । अधि जिंदगी ने उसे बोहोत कुछ सीख मिल चुकी थी । वो चाहता तो उन अमीरों की तरफ आइयासी कर के जिंदगी का लुफ्त उठा सकती थी । उन औरतों की तरह अपनी हुस्न की जादू बिखर के किसी भी मनचाहा मर्द के साथ रात बिता सकती थी मजे कर सकती थी । लेकिन उसका पतिबत्रा स्वभाव उसे इसकी इजाज़त नहीं देती थी वो हमेशा ही सभ्य शिक्षिका के रूप पे लोगो से मिल झूल के जिंदगी जीना चाहती थी ।

लेकिन अपने पति के अजीब गरीब तरीकों ना चाहते हुए भी उसे मानना पड़ रही थी क्यों की उसका पति उसके लिए ही वो सब करता हे और पति के ख्वाइश पे विघ्न डाल के दिल नही तोड़ना चाहती थी ।


एक बार सरत बाबू किसी व्यापारी कार्यक्रम के लिए एक हफ्ता बाहर चले गए । सरत बाबू अपने प्रिय मित्र को सारा बाढ़ के साथ अपनी धरम पत्नी की खयाल रखने के लिए भी कह गए ।

सालों से गहरी दोस्ती निभाने वाले कारेल आली का असली चेहरा सामने आया ।

सरत बाबू जिस दिन टूर पे निकले ठीक दूसरे दिन ही कारेल मिया सरत बाबू के घर पोहोच गए सुबाह सुबाह ही ।

गुंजन स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही थी वो स्कूल की ड्रेस कॉट के हिसाब से आसमानी रंग की बॉर्डर रहने वाली सफेद सारी और गहरी नीली रंग ब्लाउज पहन रही थी । तभी दरवाजे पे दस्तक हुई ।

" मालकिन मैनेजर बाबू आए हे "

" मैनेजर बाबू " गुंजन थोरी हैरान हुई की ये मैनेजर क्यो आए हे ।

" अच्छा उसकी गेस्ट रूम में बिठा दो "


 

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