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जब पूजा झुकी तो मंगल पूजा की गाँड सहलाने लगा और दूसरे हाथ से अब वो भी जसवंत की तरह अपना लंड आरती के सामने मसलने लगा। इन दो मर्दों को अपने सामने अपने नंगे लंड सहलाते और मंगल को उसकी बेटी की गाँड मसलते देख आरती की चूत भी गीली हो गयी और उसके निप्पल खड़े हो गये।
वो अनजाने में अपने हाथ से अपनी एक चूंची सहलाने लगी लेकिन फिर हाथ नीचे कर के मंगल को गुस्से से बोली, “साले हरामी... मेरे सामने अपने आप से खेलते और मेरी बेटी को छूते हुए तुझे शरम नहीं आती...? बड़ा नालायक आदमी है तू... घर में माँ बहन है कि नहीं?”
पूजा हैरानी से देखने लगी कि इतना होने के बाद भी उसकी माँ इन दो मर्दों को घर से निकल जाने के लिए नहीं बोल रही है बल्कि उनका नंगापन देखती हुई बात कर रही है उनसे।
पूजा अब आरती के पास आके उसको हल्के से बोली, “मम्मी प्लीज़ आप ऐसा कुछ मत करना नहीं तो जसवंत सर मुझे कॉलेज से निकाल देंगे... वैसे भी अगर मेरी यह बात सबको मालूम हो गयी तो हमारी कितनी बदनामी होगी... प्लीज़ अब यह बात ज्यादा मत बढ़ाओ नहीं तो मैं बर्बाद हो जाऊँगी... अब तो ऐसा करने के बाद सर ने मुझे पास भी करने का वादा किया है... है ना जसवंत सर...?”
जसवंत ने भी आरती की मस्त गाँड देखते हुए हाँ कहा। आरती ने साड़ी बहुत टाईट बाँधी थी और साथ ही इतनी ऊँची हील के सैंडलों के कारण उसकी गाँड बहुत ही स्पष्ट तरह से बाहर को उघड़ रही थी।
तब मंगल ने आगे आके पूजा की कमर में हाथ डाला और दूसरे हाथ से आरती के सामने बिंदास आपना लंड मसलते हुए बोला, “सुन मैडम... तेरी बेटी हमसे फ्री में नहीं चुदवा रही है... इसकी जवानी चोदने के बदले हम इसे पास करने वाले हैं और इसका कॉलेज से निकलना भी रुकवा रहे हैं... वैसे भी तेरी बेटी कॉलेज के दो लड़कों से साथ चुदवाती है... समझी? तेरी पूजा उन दो लड़कों की रंडी थी और अब हम दोनों की रंडी बन गयी है... हमसे चुदवाके इसने अपनी तरक्की करवा ली है... अब मुझे या जसवंत सर को गाली दी या कुछ उल्टा-सीधा बोली तो साली तुझे भी तेरी बेटी जैसे चोदेंगे। बहन कि चूत तेरी... कुत्तिया... साली दारू पे के आयी है... अब नशे में ज्यादा नाटक मत कर तू हमारे सामने... तुझे हम तेरी बेटी जैसी छिनाल बनायेंगे और साली बेवड़ी... कुत्तों से चुदवायेंगे तुझे... याद रख।”
मंगल के मुँह से गालियाँ सुनके आरती को अच्छा लगा लेकिन पूजा डर गयी। एक तो मंगल ने पूजा की नंगी कमर पकड़ी हुई थी और आरती के सामने लंड मसलते हुए उसने गालियाँ देके पूजा के बारे में भी सब बातें बता दी थीं। पूजा को यकीन हो गया कि अब उसकी माँ उसे बहुत मारेगी और इन दोनों को पुलीस में ज़रूर देगी। उसने देखा कि उसकी माँ की चूचियाँ भी ऊपर-नीचे हो रही हैं। पूजा को क्या पता था कि आरती का दिल गुस्से से नहीं बल्कि मंगल की गालियों से और उन दोनों का नंगा लंड देख के धड़क रहा था।
बड़ी मुश्किल से आरती ने अपने आप पे काबू रखा और बड़ी मुश्किल से अपनी नज़र मंगल के लंड से हटाती हुई पूजा से बोली, “पूजा क्या यह सच है...? तू कॉलेज में भी ऐसा करती है... वो भी दो-दो लड़कों के साथ...? और तेरे साथ यह सब करने के बाद यह तुझे पास करने वाले हैं? अरे बेटी तूने तो खुद का सौदा कर दिया... बेच दिया एक तरह से अपने आपको तूने।”
यह कहते वक्त भी आरती की नज़र जसवंत के लंड पे थी और मंगल अभी भी पूजा की कमर में हाथ डाले हुए था और पूजा ने अपना सीना टॉवल से ढका हुआ था।
तब जसवंत आरती की कमर में हाथ डालते हुए बोला, “क्या सब अपनी बेटी के सामने पूछेगी? वैसे बहुत अच्छी बेटी है तेरी... बस थोड़ा सा बहक गयी है लेकिन अब हम उसे ठीक करेंगे। तू कोई टेंशन मत ले आरती... ठीक है? पूजा तू जा और तेरी माँ के लिए पानी ले आ... तब तक मैं तेरी माँ को अच्छे से समझाता हूँ।”
आरती पूजा से पानी के बजाय सब के लिए व्हिस्की के पैग बना के लाने को बोली पर जसवंत और मंगल ने इनकार कर दिया के वो लोग शराब छूते भी नहीं हैं। पूजा अपने बदन पे टॉवेल लपेटे ही आरती के लिए पैग बनाने चली गयी। वो सोच रही थी कि आज तो उसकी माँ उसकी जान ही ले लेगी। अब उसे पूजा के बारे में सब पता चल गया था कि वो कॉलेज में दो-दो लड़कों से चुदवाती है और लेक्चर बँक करती है... उसको कॉलेज से निकालने वाले थे और अब उसकी माँ ने अपनी आँखों से उसे जसवंत सर और मंगल के साथ चुदवाते देखा था।
पूजा चाहती थी कि किसी भी तरह जसवंत सर उसकी माँ को समझायें और उसकी माँ का गुस्सा कम करें। एक ग्लास में व्हिस्की और बर्फ डाल के और साथ में ठंडे पानी की बोतल लेके जब वो आयी तो जो नज़ारा उसने देखा उससे वो आश्चर्य चकित रह गयी।
आरती अब जसवंत और मंगल के नंगे बदन के बीच में खड़ी थी और उन मर्दों ने उसे सैंडविच किया हुआ था। जसवंत आगे से आरती को किस कर रहा था और पीछे से मंगल आरती को दबोच के उसके मम्मे मसलते हुए अपना नंगा लंड साड़ी के ऊपर से उसकी गाँड पे रगड़ रहा था।
वो अनजाने में अपने हाथ से अपनी एक चूंची सहलाने लगी लेकिन फिर हाथ नीचे कर के मंगल को गुस्से से बोली, “साले हरामी... मेरे सामने अपने आप से खेलते और मेरी बेटी को छूते हुए तुझे शरम नहीं आती...? बड़ा नालायक आदमी है तू... घर में माँ बहन है कि नहीं?”
पूजा हैरानी से देखने लगी कि इतना होने के बाद भी उसकी माँ इन दो मर्दों को घर से निकल जाने के लिए नहीं बोल रही है बल्कि उनका नंगापन देखती हुई बात कर रही है उनसे।
पूजा अब आरती के पास आके उसको हल्के से बोली, “मम्मी प्लीज़ आप ऐसा कुछ मत करना नहीं तो जसवंत सर मुझे कॉलेज से निकाल देंगे... वैसे भी अगर मेरी यह बात सबको मालूम हो गयी तो हमारी कितनी बदनामी होगी... प्लीज़ अब यह बात ज्यादा मत बढ़ाओ नहीं तो मैं बर्बाद हो जाऊँगी... अब तो ऐसा करने के बाद सर ने मुझे पास भी करने का वादा किया है... है ना जसवंत सर...?”
जसवंत ने भी आरती की मस्त गाँड देखते हुए हाँ कहा। आरती ने साड़ी बहुत टाईट बाँधी थी और साथ ही इतनी ऊँची हील के सैंडलों के कारण उसकी गाँड बहुत ही स्पष्ट तरह से बाहर को उघड़ रही थी।
तब मंगल ने आगे आके पूजा की कमर में हाथ डाला और दूसरे हाथ से आरती के सामने बिंदास आपना लंड मसलते हुए बोला, “सुन मैडम... तेरी बेटी हमसे फ्री में नहीं चुदवा रही है... इसकी जवानी चोदने के बदले हम इसे पास करने वाले हैं और इसका कॉलेज से निकलना भी रुकवा रहे हैं... वैसे भी तेरी बेटी कॉलेज के दो लड़कों से साथ चुदवाती है... समझी? तेरी पूजा उन दो लड़कों की रंडी थी और अब हम दोनों की रंडी बन गयी है... हमसे चुदवाके इसने अपनी तरक्की करवा ली है... अब मुझे या जसवंत सर को गाली दी या कुछ उल्टा-सीधा बोली तो साली तुझे भी तेरी बेटी जैसे चोदेंगे। बहन कि चूत तेरी... कुत्तिया... साली दारू पे के आयी है... अब नशे में ज्यादा नाटक मत कर तू हमारे सामने... तुझे हम तेरी बेटी जैसी छिनाल बनायेंगे और साली बेवड़ी... कुत्तों से चुदवायेंगे तुझे... याद रख।”
मंगल के मुँह से गालियाँ सुनके आरती को अच्छा लगा लेकिन पूजा डर गयी। एक तो मंगल ने पूजा की नंगी कमर पकड़ी हुई थी और आरती के सामने लंड मसलते हुए उसने गालियाँ देके पूजा के बारे में भी सब बातें बता दी थीं। पूजा को यकीन हो गया कि अब उसकी माँ उसे बहुत मारेगी और इन दोनों को पुलीस में ज़रूर देगी। उसने देखा कि उसकी माँ की चूचियाँ भी ऊपर-नीचे हो रही हैं। पूजा को क्या पता था कि आरती का दिल गुस्से से नहीं बल्कि मंगल की गालियों से और उन दोनों का नंगा लंड देख के धड़क रहा था।
बड़ी मुश्किल से आरती ने अपने आप पे काबू रखा और बड़ी मुश्किल से अपनी नज़र मंगल के लंड से हटाती हुई पूजा से बोली, “पूजा क्या यह सच है...? तू कॉलेज में भी ऐसा करती है... वो भी दो-दो लड़कों के साथ...? और तेरे साथ यह सब करने के बाद यह तुझे पास करने वाले हैं? अरे बेटी तूने तो खुद का सौदा कर दिया... बेच दिया एक तरह से अपने आपको तूने।”
यह कहते वक्त भी आरती की नज़र जसवंत के लंड पे थी और मंगल अभी भी पूजा की कमर में हाथ डाले हुए था और पूजा ने अपना सीना टॉवल से ढका हुआ था।
तब जसवंत आरती की कमर में हाथ डालते हुए बोला, “क्या सब अपनी बेटी के सामने पूछेगी? वैसे बहुत अच्छी बेटी है तेरी... बस थोड़ा सा बहक गयी है लेकिन अब हम उसे ठीक करेंगे। तू कोई टेंशन मत ले आरती... ठीक है? पूजा तू जा और तेरी माँ के लिए पानी ले आ... तब तक मैं तेरी माँ को अच्छे से समझाता हूँ।”
आरती पूजा से पानी के बजाय सब के लिए व्हिस्की के पैग बना के लाने को बोली पर जसवंत और मंगल ने इनकार कर दिया के वो लोग शराब छूते भी नहीं हैं। पूजा अपने बदन पे टॉवेल लपेटे ही आरती के लिए पैग बनाने चली गयी। वो सोच रही थी कि आज तो उसकी माँ उसकी जान ही ले लेगी। अब उसे पूजा के बारे में सब पता चल गया था कि वो कॉलेज में दो-दो लड़कों से चुदवाती है और लेक्चर बँक करती है... उसको कॉलेज से निकालने वाले थे और अब उसकी माँ ने अपनी आँखों से उसे जसवंत सर और मंगल के साथ चुदवाते देखा था।
पूजा चाहती थी कि किसी भी तरह जसवंत सर उसकी माँ को समझायें और उसकी माँ का गुस्सा कम करें। एक ग्लास में व्हिस्की और बर्फ डाल के और साथ में ठंडे पानी की बोतल लेके जब वो आयी तो जो नज़ारा उसने देखा उससे वो आश्चर्य चकित रह गयी।
आरती अब जसवंत और मंगल के नंगे बदन के बीच में खड़ी थी और उन मर्दों ने उसे सैंडविच किया हुआ था। जसवंत आगे से आरती को किस कर रहा था और पीछे से मंगल आरती को दबोच के उसके मम्मे मसलते हुए अपना नंगा लंड साड़ी के ऊपर से उसकी गाँड पे रगड़ रहा था।