Incest सास बनी दामाद के बच्चों की मां

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दीप्ति पाठक : उम्र 37 साल, दो बच्चों की मां है, लेकिन उसे देखकर कोई कह नहीं सकता है कि ये दो बच्चों की मां हैं। शरीर का बेहद ख्याल रखती है इसलिए 26 साल की लगती है। कहानी की हीरोइन नम्बर एक। तीन साल अपने पति के साथ फ्रांस में रही है। इसलिए फैशनेबल है। घर में भी अधिकांश वेस्टर्न ड्रेस पहनती है। साडी भी पहनती है। लेकिन ज्यादातर वेस्टर्न ड्रेस ही पहनती है। दीप्ति गांव की रहने वाली थी। और पास के गांव के एक लडके से उसका चक्कर चल गया। दीप्ति प्रेगनेंट हो गई। जिसके बाद परिवारवालों ने समाज के डर से गुपचुप तरीके से दीप्ति के प्रेमी से ही उसकी शादी करा दी। दीप्ति का प्रेमी उससे 12 साल बड़ा था। दीप्ति उस समय ज्यादा पढी लिखी नहीं थी। शादी के तीन साल बाद ही वो अपने पति के साथ फ्रांस चली गई। तीन साल फ्रांस में रहने के बाद वो लोग वापस इंडिया लौट आए और फिर मुंबई में रहने लगे।

दीप्ति पाठक :
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जीवन पाठक : उम्र 49 साल, दीप्ति का पति, एमएनसी कंपनी में बडी पोस्ट पर है। अच्छा खासी तनख्वाह है पैसे की कोई कमी नहीं है। अपनी पत्नी और अपने परिवार को बहुत प्यार करता है। उनकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता है। स्वाभाव से सीधा साधा इंसान। लेकिन काम के मामले में बहुत तेज तर्रार।
रोहित पाठक : 21 साल, दीप्ति और जीवन सिंह का बेटा, इसमें भी अपने पिता के गुड हैं। 18 साल था तभी इसका अपनी ही क्लास में पढने वाली लडकी तृप्ति से अफेयर हो गया। जीवन को जब ये पता चला तो उसने तृप्ति के पिता से बात की। वो पहले तो बच्चों की पढाई की बात कर ना नुकर करते रहे लेकिन फिर जीवन पाठक की आर्थिक हैसियत को देखते हुए तैयार हो गए। अभी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ रहा है।

जीवन पाठक :
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रोहित पाठक : 21 साल, दीप्ति और जीवन सिंह का बेटा, इसमें भी अपने पिता के गुड हैं। 18 साल था तभी इसका अपनी ही क्लास में पढने वाली लडकी तृप्ति से अफेयर हो गया। जीवन को जब ये पता चला तो उसने तृप्ति के पिता से बात की। वो पहले तो बच्चों की पढाई की बात कर ना नुकर करते रहे लेकिन फिर जीवन पाठक की आर्थिक हैसियत को देखते हुए तैयार हो गए। अभी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ रहा है।
रोहित पाठक :


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तृप्ति पाठक : 21 साल, रोहित पाठक की पत्नी, ग्रेज्युएट कर रही है। लेकिन कॉलेज कम ही जाती है। घर में किसी भी तरह के कपडे पहनने पर कोई रोक नहीं है। दीप्ति की तरह ये भी वेस्टर्न ड्रेस में ज्यादा रहती है। इसकी शक्ल बिल्कुल जरीन खान से मिलती है।
तृप्ति पाठक

तृप्ति पाठक :
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अनुष्का पाठक : 19 साल, जीवन और दीप्ति की बेटी, अभी इंटर की पढाई की है। तेज तर्रार है लेकिन अपने परिवार से बहुत प्यार करती है। उनके लिए कुछ भी करने को तैयार है।

अनुष्का पाठक
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अविनाश सांवत : 21 साल, रोहित के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज में पढता है। कुछ समय पहले तक अविनाश का परिवार भी पुणे में रहता था। लेकिन फिर अचानक उसके पिता का ट्रांसफर गुवाहाटी हो गया। अविनाश की पढाई चल रही थी इसलिए अविनाश यही रूक गया था। अविनाश को उन्होंने एक फ्लैट किराए पर दिलावा दिया था। जो दीप्ति के पाठक के घर के पास ही था। इसका कारण भी था रोहित। जिसके कहने पर अविनाश ने उसके घर के पास रहना कबूल कर लिया था। महीने में दस दिन तो खाना भी अविनाश रोहित के घर पर ही खाता था। वैसे अविनाश को रोहित की मां दीप्ति बेहद ज्यादा पसंद थी। वो कई बार दीप्ति को अपने सपनों में चोद चुका था।


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रोहित : कॉलेज से लौटते हुए अविनाश आज शाम का खाना मेरे घर पर है।
अविनाश : ठीक है, रोहित हमेशा एक दो दिन बाद अविनाश को अपने साथ घर ले जाता था। जीवन और दीप्ति उसे अपने बेटे की तरह मानते थे। थोडी देर बाद रोहित और अविनाश अपने अपने घर पहुंचते हैं। अविनाश कपडे बदलता है और विस्तर पर लेट जाता है। सुबह का खाना अविनाश कॉलेज की कैंटीन में ही खाता था। शाम के खाने की दिक्कत थी तो अधिकांशत: वो रोहित के घर पर जाकर खा लेता था। रोहित ही उसे खाने पर बुला लेता थज्ञ। अविनाश भी रोहित के घर जाने के लिए हमेशा तैयार रहता था। वैसे उसका मकसद खाने पर ध्यान देना कम दीप्ति पर ज्यादा रहता था। लेकिन वो दीप्ति को देखते समय ये कंफर्म कर लेता था कि उसे दीप्ति को घूरते हुए कोई देख तो नहीं रहा है क्योंकि अविनाश की उस घर में काफी इज्जत भी थी। भले ही अपने मम्मी पापा के चलते। थोडी देर अविनाश आराम करता है और उसे कब नींद आ जाती है पता नहीं चलता। शाम को अविनाश थोडी देर पडता है कब रात हो जाती है उसे पता ही नहीं चलता आठ बजे रोहित का फोन आ जाता है कि खाने पर सब तेरा इंतजार कर रहे हैं और अविनाश कपडे बदलकर रोहित के घर पहुंच जाता है। दरवाजा दीप्ति खोलती है। दीप्ति इस समय एक ब्लैक टॉप जिस पर रेड फूल बने हुए थे और रेड हाफ पेंट पहने हुए थर जो जांघों से थोडा नीचे तक था।


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दीप्ति माधुरी दीक्षित की तरह लग रही थी। दीप्ति को देखते ही अविनाश के दिल की धडकने बढ जाती है वो दीप्ति को नमस्ते कहता है और अंदर चला जाता है। अंदर पहुंचकर वो जीवन से मिलता है और उनके पैर छूता है। फिर तृप्ति और अनुष्का से मिलता है। थोडी बहुत बातें होती है। लेकिन अविनाश की नजर बार बार दीप्ति की ओर जा रही थी। वो मन ही मन सोचता है कि काश दीप्ति जैसी लडकी उसकी पत्नी बने।
जीवन : हम लोग तीन दिन की ट्रिप जा यहां से 300 किलोमीटर दूर वीरम गांव जा रहे हैं।
अविनाश : जी अंकल जी
जीवन : लेकिन हम चाहते हैं कि इस ट्रिप पर तुम भी हमारे साथ चलो। हम तुम्हें अपने परिवार का सदस्य मानते हैं जब हम सभी लोग चल रहे हैं तो तुम भी साथ चलो तो हमें अच्छे लगेगा।
अविनाश : मन ही मन सोचता है कि इसका मतलब तो दीप्ति भी जाएंगी और तीन दिन उसे दीप्ति के साथ रहने का मौका मिलेगा। इसलिए वो तुरंत ही हां कर देता है। खाना खाकर अविनाश घर आ जाता है लेकिन उसका मन आज बेचैन हो रहा था। रात को सोते समय अचानक वो सोचने लगता है कि दीप्ति उसके घर पर आई हुई है।
 
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अपडेट 2
दीप्ति : अरे अविनाश आज मेरे घर पर कोई नहीं हैं क्या तुम मेरे घर पर सो सकते हैं।
अविनाश : अंटी जी एक काम कीजिए आप अपने घर का ताला मार आइए और यहीं सो जाएगी।
दीप्ति : ताला तो में लगा कर ही आई हुई। लेकिन यहां तो एक ही बेड है।
अविनाश: तो क्या हुआ, जगह दिल में होना चाहिए। विस्तर पर तो बन ही जाएगी।
दीप्ति : अच्छा बाते तो बहुत बनाने लगा है। और अविनाश को देखकर मुस्कुराना लगती है।
अविनाश: अरे आंटी जी आप एक बार आजमा कर तो देख लो। आपके लिए कितनी जगह है।
दीप्ति : समझ नहीं पाती अविनाश क्या कह रहा है और कहती है कैसे आजमाउं
तो अविनाश दीप्ति की ओर बढता है दीप्ति को समझ में आने लगता है कि अविनाश क्या चाहता है वो पीछे हटती है। लेकिन पीछे दीवार आ जाती है। अविनाश दीप्ति के करीब पहुंचता है और उसकी आंखों में देखने लगता है और फिर अपने होठ दीप्ति की होठ पर रख देता है।


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शुरूआत में तो दीप्ति साथ नहीं देती लेकिन फिर वो भी अविनाश का पूरा साथ देने लगती है


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दोनें के बीच में दस मिनिट तक किसिंग चलती रहती है और फिर अविनाश दीप्ति का टॉप उतार देता है। अब अविनाश का लंड पेंट के अंदर खडा होने लगता है।


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दीप्ति ने अब अपने बाल खोल दिए थे। अविनाश ने दीप्ति की सलवार भी उतार दी अैर अब वो ब्रा पेंटी में खडी थी। दीप्ति किसी मॉडल जैसी लग रही थी। दीप्ति अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और वो लाल ब्रा पेंटी में ही अविनाश के बेड पर जाकर बैठ जाती है। अविनाश उसे धक्का देकर लिटा देता है।


अविनाश भी अपने शर्ट और बनियान उतार फेंकता है और विस्तर पर पहुंचकर दीप्ति के बगल में लेट जाता है और उसे फिर से किस करने लगता है। साथ ही अपना एक हाथ दीप्ति की पेंट के अंदर ले जाता है।
अविनाश : दीप्ति डार्लिंग तू कितनी हॉट है काश तू पहले मुझे मिलती तो तू मेरी बीबी बनती।
दीप्ति : अरे पहले कहां से मिल जाती तेरे से पूरे 16 साल बडी हूं।
अविनाश : चलो बीबी नहीं तो रखैल ही बन जा।
दीप्ति : अब तुम जो चाहे बना लो। आज रात तो पूरी तरह से तुम्हारी ही हूं। और दोनों लोग जबरदस्त तरीके से किसिंग करने लगे। अब दीप्ति ने अचानक ही अविनाश को अपने नीचे कर उसके उपर आ गई और अविनाश के चेहरे पर किस करते हुए नीचे उतरने लगे। अविनाश की छाति पर किस करने के बाद वो नीचे पहुंची और अविनाश के पेंट का पहले बेल्ट खोला और फिर पेंट के हुक खोल दिए और अविनाश के पेंट को नीचे खिसकते हुए पैरो से बाहर निकाल दिया। दीप्ति अविनाश के लंड को अंडरवियर के उपर से ही चूटने लगती है। जिससे अविनाश की सिसकियां निकलने लगती है। और फिर दीप्ति अविनाश का अंडरवियर भी निकाल देती है। अंडरवियर निकलते ही अविनाश का लंड सीधे दीप्ति की गाल पर टकराता है।
अविनाश : लगता है दीप्ति डार्लिंग तुम बिना हाथ लगाए ही लंड का पानी निकाल दोगी।
दीप्ति: हंसते हुए मैं तुम्हारी डार्लिर्ंग कब से हो गई तुम्हारे दोस्त की मां हूं।
अविनाश : थोडी देर बाद में तुम्हें चोदने वाला हूं दीप्ति, तो फिर तुम मेरी डार्लिंग हुई कि नहीं।
दीप्ति : हंसते हुए सही बोला तुमने अविनाश माई डार्लिंग और दीप्ति अविनाश का लंड अपने मुंह में भर लेती है। और जोर जोर से चूसना शुरू कर देती है।
अविनाश : आईईईईईईईई सीसीसीसीसीसीसी अरे दीप्ति लगता है पानी ऐसी ही निकल जाएगा। मेरा पानी मुंह में ही ले लेना।


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दीप्ति अविनाश की बात का कोई उत्तर नहीं देती और लंड को तेजी से चूसती रहती है दीप्ति अविनाश के लंड को जितना अंदर हो सके उतना अंदर लेने की कोशिश करती है। अविनााश भी दीप्ति का सिर पकड कर उसे अपने लंड पर दबा रहा था और नीचे से धक्के मार रहा था। दीप्ति किसी रंडी की तरह अविनाश का लंड चूस रही थी
 
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दीप्ति के मुंह में ही छूट जाता है जिसे दीप्ति पूरा पी जाती है। दीप्ति अविनाश का लंड चूसकर साफ कर देती है। अब अविनाश दीप्ति को अपनी गोद में उठा लेता है और एक बार फिर वो दीप्ति की किस लेना शुरू कर देता है और अपना हाथ पीछे ले जाकर दीप्ति की ब्रा की हुक खोल देता है।



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दीप्ति की चूचियां बाहर आ जाती है और अविनााश उन पर टूट पडता है। अविनाश एक हाथ से एक चूची दबा रहा था तो दूसरी चूची को अपने मुंह मेें लेकर पी रहा था।
दीप्ति : क्यो मेहनत कर रहा है इसमें अब दूध नहीं आएगा।
अविनाश : आएंगा क्यो नहन्ीं आएगा
दीप्ति : दूध तब आएगा जब मैं मां बनूंगी
अविनाश : चिंता मत कर मैं बनाउंगा तुझे अपने बच्चे की मां और अविनाश जोर जोर से दीप्ति की चूचियां चूसने लगता है और दीप्ति उईईईईईईईई मांउउउउउ उईईईईईईईई मांउउउउउ उईईईईईईईई मांउउउउउ करने लगती है।


एक बार फिर दीप्ति ने अविनाश को नीचे लिटा दिया और उसके उपर आकर किस करने लगी।
अविनाश : दीप्ति आज तो तुमने जन्नत ही दिखा दी।
दीप्ति : जन्नत अभी तुमने देखी कहां हैं। सारा खजाना तो अभी भी छुपा हुआ है ताकत हो तो देख लो। दीप्ति सीधे सीधे अपने पेंटी की ओर इशारा कर रही थी।
अविनाश : ताकत तो बहुत है और आज इस खजाने को सिर्फ देखूंगा नहीं बल्कि लूटूगा भी। इस खजाने के ताले को खोलने की चाबी है मेरे पास
दीप्ति : हां वो तो दिख रहा है काफी लम्बी और मोटी भी है। तो फिर देर क्यों कर रहे हो जान। खजाने का ताला खोलो और लूट लो सारा माल।
 
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अचानक ही अविनाश की आंख खुल जाती है और वो ये सोचकर मुस्कुराने लगता है साली आज भी चुत नहीं देख पाया। जीहां अविनाश को इस तरह के सपने लगभग रोज आते थे जिमसें वों दीप्ति के साथ जमकर मजे लूटता था, उसे नंगा कर देता था और जैसे ही पेंटी उतारने का नम्बर आता था उसकी आंख खुल जाती थी। इसके बाद अविनाश फिर से सोने की कोशिश करता है और दीप्ति के सपने देखते देखते सो जाता है। सुबह 8 बजे ही रोहित का फोन आ जाता है कि एक घंटे में हम लोग निकल रहे हैं। और हां कोई टाइट पेंट मत पहन लेना। कुछ ढीला ढाला पहनना क्योंकि सफर लम्बा है। अविनाश कुछ देर तक सोचता है और फिर एक लोअर निकाल कर पहन लेता है। लोअर के अंदर वो अंडरवियर भी नहीं पहनता। सोचता है कि मौका मिलेगा तो दीप्ति के नाम की मुठ मार लेगा। 40 मिनिट में अविनाश तैयार होता है तब तक वो देखता है कि उसका फोन रिंग हो रहा था। स्क्रीन पर दीप्ति का नाम और उसका फोटो डिस्प्ले हो रहा था।
अविनाश : आज का तो दिन बहुत ही अच्छा रहने वाला है। क्योंकि अविनाश दीप्ति को अपने लिए लकी मानता था। और सोचता था कि काश ये मेरी बीबी होती तो मेरा लक कितना अच्छा होता। और अविनाश फोन उठता है।
दीप्ति : अविनाश कितनी देर में आ रहे हैं हम लोग तैयार होकर गाडी में बैठ रहे हैं।
अविनाश : बस पांच मिनिट आंटी जी मैं भी तैयार हूं। और अविनाश तुरंत ही अपना बैग उठता है और रोहित के घर की ओर चल देता है।
जीवन: चलों सब लोग गाडी में बैठो। रोहित गाडी की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। तृप्ति रोहित के बगल वाली सीट पर और जीवन-दीप्ति बीच वाली सीट पर बैठ जाते हैं। अनुष्का और अविनाश सबसे पहले की सीट पर बैठ जाते हैं। दीप्ति लाल साडी में थी। तृप्ति शार्ट फ्राक पहने हुए थी। जो उसकी जांघों तक ही आ रही थी। जबकि अनुष्का लोंग टॉप में थी। अविनाश दीप्ति को देखते है तो उसी में खो जाता है।
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अनुष्का

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दीप्ति चलो अविनाश तुम पीछे की सीट पर बैठ जाओ। और अविनाश पीछे की सीट पर अनुष्का के बगल में बैठ जाता है। जैसे ही गाडी आगे बढी कि अनुष्ष्का अपना हाथ अविनाश की जांघ पर रख देती है। अविनाश ने इसे लेकिन कोई रिएक्शन नहीं दिखाता तो अनुष्का की हिम्मत बढ जाती है और वो अपना हाथ सीधा लोअर के उपर अविनाा के लंड पर रख देती है। अनुष्का की इतनी हिम्मत देख अविनाश को पसीना आ जाता है वो अनुष्का का हाथ पकडकर हटा देता है लेकिन अनुष्का फिर अविनाश के लंड पर हाथ रख देती है। अविनाश तीन चार बार ये कोशिश करता है लेकिन हर बार अनुष्का अविनाश का लंड पकड लेती है। अविनाश को समझ में नहीं आ रहा था वो क्या करें।
अविनाश अनुष्का के कान में धीरे से : अनुष्का ये क्या कर रही है, अंकल आंटी भी बैठे हुए हैं।
अनुष्का : अरे डरते क्यों हो किसी को कुछ नहीं दिख रहा है। तुम्हें मजा नहीं आ रहा क्या।
अविनाश : देख तू मेरे दोस्त की बहन है, और मैंने कभी तुझे उस नजर से नहीं देखा।
अनुष्का : अच्छा सच सच बताना क्या मैं खूबसूरत नहीं हूं। क्या में ऐसी लडकी नहीं हूं जिसकी कमना हर लडका करें।
अविनाश : तू हमारी कॉलौनी की सबसे हनीस और खूबसूरत लडकी है। इसमें कोई दो राय नहीं है। जिसकी किस्मत में तू होगी वो बहुत ही किस्मत वाला होगा।
अनुष्का :तो फिर तू मुझसे दूर दूर क्यो रहता है।
अविनाश : देख तेरे को बताया ना कि तू मेरे दोस्त की बहन है। अविनाश अब अनुष्का का हाथ भी अपने लंड से नहीं हटा रहा था, क्योंकि उसे पता था अनुष्का फिर उसका लंड पकड लेगी। और अब लंड लोअर में अपनी औकात में भी आ गया था। जिसे अनुष्का महसूस भी कर रही थी। और सोच रही थी कितना मोटा और लम्बा है। अब वो ध्ीरे धरे अविनाश का लंड लोअर के उपर से सहला रही थी। अनुष्का सोच रही थी कि यदि अविनाश मेरे उपर चढ गया तो कैसे लूंगी इतना मोटा और लम्बा लंड मेरी तो ये फाड कर ही रख देगा। वैसे भी मेरी चूत तो अभी सील पैक हैं। काश अविनाश मुझे मिल जाए तो मेरी किस्मत धन्य हो जाए। सुना है लंड जितना बडा होता है औरत को उतना ही मजा देता है। अब बस ये तैयार हो जाए। इस बीच मंदिर आ जाता है। गाडी रूकते ही अनुष्का अपना हाथ अविनाश के लंड से हटा लेती है। मंदिर में पहुंचते हैं सभी लोग गाडी से उतर जाते हैं। अविनाश का लंड खडा था वो इस समय सबके सामने नहीं जाना जाता था। तो वो कहता है कि एक आदमी चाहिए गाडी को देखने के लिए क्योंकि यहां पार्किंग तो हैं नहीं इसलिए पहले आप लोग हो आईए मैं आप लोगों के आने के बाद चला जाउंगा। अविनाश की बात सभी को सही लगता है और अविनाश को छोड सभी लोग मंदिर चले जाते हैं बाद में अविनाश भी मंदिर जाता है और भगवान से कहता है कि भगवान इस बार अनुष्का और मुझे पीछे की सीट पर अकेले में बैठाना। ऐसा लगता है कि भगवान भी अविनाश की सुन लेता है। और जब अविनाश वापस आता है तो देखता है कि दीप्ति सीट पर आगे बैठी हुई थी।
दीप्ति : अविनाश एक काम कर तेरे अंकल की तबियत थोडा ठीक नहीं लग रही। इसलिए वो लेटने की बात कर रहे हैं। तुम अनुष्का और तृप्ति के साथ पीछे बैठ जाना।
अविनाश : ठीक है और सोचता है कि अब अनुष्का कुछ नहीं कर पाएगा क्योंकि उसकी भाभी तृप्ति भी साथ में होगी। गाडीं में तृप्ति पीठे की सीट पर बैठी हुई थी। अविनाश अंदर जाता है तो पहले वो कोने में बैठना चाहता है लेकिन फिर सोचता है कि अनुष्का बीच में बैठी तो फिर वो फिर कुछ हरकत करेंगे इसलिए वो बीच में ये सोचकर बैठ जाता है कि तृप्ति के बगल मे बैठने से कम से कम अनुष्का हद में रहेगी।
 
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अविनाश अब पीछे की सीट पर बीच में बैठ हुआ था और तृप्ति और अनुष्का उसके दोनों साइड में थी। तभी अनुष्का ने कहा मां जरा आगे से कंबल दे देना एसी चलने से ठंड सी लग रही है और दीप्ति आगे से कंबल निकालकर दे देती है। अविनाश को समझ में नहीं आता लेकिन वो कुछ बोलता नहीं है।
दीप्ति कंबल अनुष्का को दे देती है। अनुष्का कम्बल खोल कर अपने उपर डालती है तो उसका दूसरा हिस्सा तृप्ति खींच लेती है। और अपने पैरो पर डाल लेती है। अविनाश बीच में बैठा हुआ था इसलिए वो अपने आप ही कंबल में आ जाता है। गाडी भी चल पडी थी। एक बार फिर गाडी जाम में फंस जाती है। दूसरी किसी का हाथ एक बार फिर अविनाश के लंड पर आ जाता है। अविनाश समझ जाता है ये हाथ अनुष्का का है वो अपने हाथ से अनुष्का का हाथ पकडता है और आंखों के इशारे से मना करता है लेकिन तभी अविनाश को एक और झटका लगता है एक और हाथ आता है और उसकी दूसरी ओर जांघ पर रेंगने लगता है। अविनाश समझ जाता है ये हाथ तृप्ति का है। अविनाश को एसी में भी पसीना आने लगता है। और अनुष्का के हाथ से उसकी पकड छूट जाती है। मौका का फायदा उठतो हुए अनुष्का अपने हाथ से अविनाश का लंड पकड लेती है और उसे सहलाने लगती है। इस बीच अविनाश तृप्ति का हाथ एक बार हटाता है लेकिन अचानक तृप्ति अपना हाथ पकड लेती है। और तृप्ति अविनाश का हाथ खींचकर अपनी जांघों पर रख देती है। तृप्ति शार्ट फ्रॉक में थी इसलिए तृप्ति की चिकनी जांघों को अविनाश अपने हाथों से महसूस करने लगता है अविनाश अपना हाथ खींचना चाहता है लेकिन तृप्ति उसे टाइट से पकड लेती है। इस बीच अविनाश अनुष्का के हाथ को पकडता है लेकिन कमी भी अपने दूसरे हाथ से अविनाश का हाथ पकड लेती है और एक हाथ अविनाश के लोअर के अंदर डाल कर सीधे अविनाश का लंड पकड लेती है। जिससे अविनाश पूरी तरह से चौक जाता है और वो सोचता है कि कहां फंस गया। इधर अविनाश इसी सोच में डूबा हुआ था कि दूसरी ओर तृप्ति ने अविनाश के हाथों को अपनी जांघों के उपर खिसका दिया। अविनाश को सबसे बडा झटका तब लगा जब उसकी उंगलियां सीधे तृप्ति की चूत से जा टकराई। यानी तृप्ति ने पेंटी भी नहीं पहने हुए हैं। ये हो क्या रहा है। लेकिल अब परे अपने आप को दोनों लडकियों के हवाले छोड देता है। तृप्ति अविनाश का हाथ पकडकर अपनी चूत पर लगातार चला रही थी और अनुष्का उसके लंड को सहला रही थी। अब अविनाश को भी मजा आने लगा। अनुष्का ने अविनाश का हाथ छोड दिया था और अविनाश का हाथ अपने गले में डाल दिया था। और दूसरी ओर तृप्ति की चूत पर अविनाश का हाथ अब रेंग रहा था। अनुष्का ने धीरे से अविनाश से कहा कि थोडा उपर उठो, अविनाश समझ नहीं पाया लेकिन वो जैसे ही थोडा उपर उठता है तो अनुष्का और तृप्ति ने मिलकर उसका लोअर नीचे खिसका दिया। लोअर अब घुटनों पर था और अविनाश का लंड बाहर आ गया था। लेकिन अभी वो कंबल में था। अब अविनाश के लंउ से अनुष्का का हाथ हट जाता है और तृप्ति अविनाश का लंड पकडकर आगे पीछे करने लगती हैं। अविनाश भी तृपित की चूत में अनी दो उंगली डाल देता है। वो इस समय सबकुछ भूल चुका था। थोडी ही देरत में तृप्ति का बदन अकडने लगता है। और वो अविनाश के लंड से हाथ हटा लेती है। और पास में पडी अपनी पेंटी उठाती है और जैसे जी उसे लगता है कि उसका पानी निकलने वाला है वो अविनाश का हाथ हटा देती है जैसे ही तृप्ति का पानी निकलता है वो अपनी पेंटी चूत पर रख देती है और सारा पानी पेंट पर गिरने लगता है। तृपित पेंटी से ही चूत के पानी को साफ करन्ती है और पेंटी फिर कोने में रख देती है। दूसरी ओर अनुष्का अब अविनाश के लंड से खेल रही थी।
अनुष्का भाभी आपको यदि आराम करना हो तो आप लेट सकती है।
अविनाश : अरे यहां कहां जगह ह।
अनुष्का क्यो नहीं हैं। अरे आपकी गोद में सिर रख कर लेट जाएंगी।
तृप्ति : हां ये सही रहेगी और अविनाश के जवाब का इंतजार किए बिना तृप्ति कंबल के अंदर अपना मुंह करके सीधे अविनाश की गोद में अपना सिर रख देती हैं। अविनाश की हालत खराब होने लगती है। वो कुछ सोच भी नहीं पा रन्हा था कि तृप्ति अविनाश का लंड पकडती है और उसे चूमने लगती हैं। अविनाश फिर आनंद के सागर में डूबने लगता है।
 
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तृप्ति अविनाश के लंड पर पहले किस करती है और फिर उसे हल्के हल्के चाटने लगती है। अविनाश को समझ में नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है। दूसरी ओर तृप्ति ने अब अविनाश का लंड अपने मुंह के अंदर लेना शुरू कर दिया था। वो अपनी जीभ से अविनाश के लंड का टोपा चूस रही थी। साथ ही साथ सोच रही थी कि कितना मोटा और बडा है। ये तैयार हो गया तो मजा आ जाएगा। और तृप्ति लंड के अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी। अविनाश को ऐसा लगा जैसे वो किसी की चुदाई कर रहा हो। अविनाश बगल में बैठी अनुष्का को देखता है तो अनुष्का अपने फोन में बिजी दिखती है। अविनाश समझ जाता है ये इन दोनों की मिली भगत है। दूसरी ओर तृप्ति और अविनाश के लंड को जितना ज्यादा हो सके उतना अंदर ले जाने की कोशिश करता है, अविनाश अपना एक हाथ नीचे ले जाता है और तृप्ति के सिर के उपर रखकर उसे सहलाने लगता है और दूसरा हाथ से तृप्ति की गाड सहलाने लगता है।


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अब अविनाश भी अनुष्का को नजर अंदाज कर रहा था। अविनाश ने तृप्ति की गांड को सहराते हुए हाथ को आगे बढाया और तृप्ति की चूत के पास पहुंच गया। अविनाश का हाथ अपनी चूत पर पडन्ते ही तृप्ति भी मदहोश होने लगी और अविनाश का लंड और जोर जोर से चूसने लगी। मन तो अविनाश को हो रहा था कि दोनों हाथों से तृप्ति के सिर को पकडकर अपना पूरा लंड उसके मुंह में घुसा दे। लेकिन वो जनता था इससे तृप्ति को तकलीफ होगी और यदि वो चिल्ला पडी तो सब गडबड हो जाएगी। इसलिए उसने सबकुछ तृप्ति पर ही छोड दिया था। तृप्ति को लंड चूसते चुसते पांच मिनिट हो चुके थे। इस बीच अविनाश अपनी दो उंगलियों को तृप्ति की चूत में डाल देता है और अंदर बाहर करने लगता हैं। जितनी तेजी से अविनाश अपनी उंगलियां तृप्ति की चूत के अंदर बाहर कर रहा था उतरी ही तेजी से तृप्ति भी अविनाश का लंड चूस रही थी। तभी अविनाश को ध्यान आता है कि यदि तृप्ति का पानी छूट गया तो ये सोचकर वो अपनी उंगली बाहर निकाल लेता है। अविनाश के उंगली निकलते ही तृप्ति की लंड चूसने की स्पीड भी धीमी पड जाती है जैसे वो कह रही हो कि क्यो उंगली बाहर निकाल ली। अविनाश आसपास देखता है और उसे तृप्ति की पेंटी दिख जाती है वो पेंटी को तृप्ति की चूत के पास रखता है और उसी फ्राक को उपर उठा देता है तृप्ति भी इस काम में अविनाश का साथ देती है तृप्ति समझ जाती है अविनाश उसकी फ्राक को गंदी होने से बचाने के लिए ये सब कर रहा है और वो लंड फिर जोर शोर से चूसने लगती है। इस बीच अविनाश एक बार फिर तृप्ति की चूत में अपनी उंगली डाल देता है और तेजी से अंदर बाहर करने लगता है। थोडी देर में तृप्ति का बदल अकडने लगता है और वो पानी छोडने लगती है अविनाश थोडा पानी से अपनी उंगली में गीली करता है और बांकी का पानी तृप्ति की पेंटी से पोंछ देता हैं। इसके बाद अविनाश पहले तृप्ति के पानी को सूंघता है और फिर एक उंगली अपने मुंह में रख लेता है उसे तृप्ति की चूत का पानी बहुत अच्छा लगता है फिर अविनाश वो ही हाथ नीचे ले जाता है और उंगली को तृप्ति के मुंह में डाल देता है। तृप्ति लंड को नहीं छोडती और साथ में उंगली भी चाटकर साफ कर देती है। 15 मिनिट की चुसाई के बाद तृप्ति बुरी तरह से थक जाती है और लम्बी लम्बी सांसे लेते हुए बैठ जाती है। तृप्ति अविनाश की स्टेमिना देखकर हैरान थी। उसके मुंह में दर्द होने लगा थ। ये देख अविनाश धीरे से तृप्ति के कान में कहता है कि मेरा काम अभी हुआ नहीं है।
तृप्ति : चिंता मत करो उसकी व्यवस्था करती हूं और तृप्ति अविनाश से धीरे से कहती है कि तुम्हें आराम करना हो तो कर सकते हो और ये कहकर तृप्ति अविनाश को झुकाते हुए उसका सिर अपनी गोद में रख लेती है अविनाश तृप्ति का इशारा समझ जाता है और अपना मुंह सीध तृप्ति की चूत पर लगा देता है अविनाश पहले तृप्ति की चूत पर जीभ फिरता है और फिर चूत को चूसना शुरू कर देता है


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तभी अविनाश को अपने लंड पर दो हाथों का एहसास होता है। तृप्ति के हाथ अविनाश के सिर पर थे इसलिए अविनाश समझ जाता है ये हाथ अनुष्का के हैं और अनुष्का अविनाश का लंड सहलाती है और फिर धीरे धीरे उसे अपने मुंह में ले लेती है। लंड पहले से ही गीला था जिसे अनुष्का पागलों की तरह चाटने लगती हैं।


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अविनाश तृप्ति की बात का मतलब समझ जाता है उसे ये भी समझ में आ रहा था कि कम्बल अब थोडा ही उनके उपर था बाकी जो हो रहा था खुले आम हो रहा था लेकिन कोई भी पीछे नहीं देख रहा था। अविनाश 20 मिनिट तक तृप्ति की चूत चूसता रहता है और इस दौरान तृप्ति दो बार पानी छोडती है जिसे अविनाश पूरा पी जाता है और दूसरी ओर अनुष्का भी 20 मिनिट से अविनाश का लंड चूस रही थी और अविनाश अब अपने चरम पर पहुंच गया था और उसकी पिचकारी छूट जाती है अविनाश छह सात धार अनुष्का के मुंह के अंदर मारता है। जिसे वो पूरा पी जाती है और फिर अविनाश के लंड को साफ करती है और बैठ जाती है अविनाश भी फिर उठ कर बैठ जाता है तभी उसके पास एक फोन आता है।
 
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अपडेट 6
अविनाश फोन उठता है और बोलता हां सोनू। ठीक है हम लोग पहुंचने वाले हैं। बस तू मुझे रेड लाइट पर मिल जाना।
रोहित : अरे किससे बात कर रहा है कोई आ रहा है क्या।
अविनाश : नहीं यार गाडी के अंदर थोडा कंफर्टेबल फील नहीं हो रहा। इसलिए सोनू से बाइक मंगाई थी। अगले चौराहे पर वो बाइक लिए मिल जाएगा। मैं बाइक से पहुंच जाउंगा। तभी अनुष्का भी बोलती है कि मैं भी अविनाश के साथ चलूंगी। अविनाश कुछ बोलता उससे पहले जीवन ने कहा हां तू चली जाना। तुझे वो जगह भी पता है जहां हम लोग चल रहे हैं। इसलिए तेरा अविनाश के साथ जाना ठीक भी रहेगा। तभी रोहित की आवाज आती है।
रोहित : अविनाश तूने सोनू को बूुलाया था ना वो आ गया है और रोहित गाडी साइड से लगा देता है। अविनाश और अनुष्का गाडी से उतरते हैं और अविनाश सोनू से गाडी लेता है। सोनू बताता है कि पेट्रोल टैंक फुल है। आने जाने में परेशानी नही होगी। लेकिन फिर भी वापसी के समय पेट्रोल जरूर ले ले। इसके बाद अविनाश अनुष्का के साथ बाइक से निकल जाता है। पीछे बैठी अनुष्का अपने फोन से तभी किसी को मैसेज भेजती है। और इसके बाद अपनी बाहें अविनाश के गले में डाल देती है। अविनाश को कुछ समझ में नहीं आता लेकिन गाडी में इतना सबकुछ हो चुका था इसलिए वो कुछ नहीं बोलता। अनुष्का अविनाश से चिपक कर बैठ जाती है। थोडी देर बाद

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अनुष्का : अविनाश मुझे भूख लगी है कुछ चिप्स बगैरह ले लो। वो लोग करीब 50 मिलोमीटर निकल आए थे तभी सड़क किनारे कुछ दुकानें दिखती है अविनाश वहां से बिस्किटस, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ले लेता है। और खाते खाते अनुष्का से पूछता है।
अविनाश : अनुष्का ये सब क्या है, तुम और तृप्ति ये सब क्यो कर रहे हो। मैंने कभी भी तुम लोगों को इस नजर से नहीं देखा।
अनुष्का : अविनाश हमें माफ कर दों लेकिन हम सब लोग मजबूर है।
अविनाश : मजबूर किस बात से।
अनुष्का : अविनाश मैं तुम्हें जो बात बताने वाली हूं तुम वादा करों इसे किसी को नहीं बताओगे।
अविनाश : ऐसा क्या है।
अनुष्का : पहले वादा करो
अविनाश : ठीक है मैं किसी को नहीं बताउंगा।
अनुष्का : तो सुना, मेरे जन्म के तीन साल बाद ही जब हम लोग फ्रांस से यहां लौट आए थे तो एक दिन पापा मुझे और रोहित को बाइक पर बैठा कर घुमाने ले गए थे। मम्मी की तबियत ठीक नहीं थी। पापा बाइक को 80 की स्पीड से चला रहा था तभी एक टैंकर सामने आ गया। उन्होंने बचने की बहुत कोशिश की पापा की बाइक को देखते ही टैंकर वाले ने भी ब्रेक लगाए। बाइक और टैंकर की टक्कर तो नहीं हुई लेकिन बाइक का बैंलंस बिगड गया दूसरी और टैंकर भी अचानक ब्रेक लगने से पलट गया। हम लोग सडक पर गिर गए हमें हल्की चोट भी लगी। लेकिन टैंकर पलटने से उसमें से अचानक कोई कैमिकल्स बहने लगा। जिसकी चपेट में हम तीनों आ गए। पापा पर इसका असर ज्यादा हुआ। मैं और रोहित भी इस कैमिक्ल से बुरी तरह से प्रभावित हुए। हम लोगों को तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया। जहां दो सप्ताह तक हमारा इलाज चला।
 
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अपडेट—7
अविनाश : तो इससे आज की घटना का क्या मतलब
अनुष्का : मतलब है। हमारा पूरा चैकअप हुआ। इसके बाद जो हमें जो बताया गया। वो बहुत ही शॅाकिंग था।
अविनाश : क्या
अनुष्का : पापा की सेक्स पॉवर लगभग खत्म हो गई। और रोहित की भी सेक्स पावर नाम मात्र की ही उसके शरीर में जनरेट होने की बात डाक्टरों ने कही। और ये भी बताया कि अब ना तो पापा बाप बन सकेंगे और ना ही रोहित। साथ ही मेरी बच्चेदानी का विकास भी नहीं हुआ। यानी मैं भी अब जिंदगी भर मां नहीं बन सकती। पापा ने तो समझौता कर लिया क्योंकि उनके दो बच्चे थे। उन्होंने मम्मी को भी आफर किया कि वो चाहे तो अपने जिस्म की भूख शांत करने के लिए अपना कोई बॉय फ्रेंड बना लें। लेकिन मम्मी पापा की बात सुनकर उन इतना भडकी कि उसके बाद पापा की मम्मी से इस मुदï्दे पर बात करने की हिम्मत नहीं हुई। मम्मी ने पापा से साफ कह दिया था कि अगर इस तरह की बात उन्होंने दुबारा की तो वो घर छोड कर चली जाएंगी।
अविनाश: चौकते हुए क्या लेकिन ये बात रोहित ने मुझे कभी नहीं बताई।
अनुष्का : क्या बताता कि वो बच्चे पैदा नहीं कर सकता। ये बात तो उसे भी पता नहीं थी जब रोहित शादी पर अड गया था तो फिर मम्मी ने ही उसे बताया था लेकिन उस समय रोहित और तृप्ति प्यार में ऐसे पागल थे कि उन्होंने किसी की नहीं सुनी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। शादी केे बाद भी तृप्ति भाभी क्वारी ही है उनकी सील अभी तक टूटी नहीं हैं। क्योंकि रोहित का लंड हार्ड तो होता है लेकिन इतना नहीं कि किसी लडकी की सील तोड सके। पिता तो वो बन ही नहीं सकता। इसे लेकर घर में पिछले चार महीने से तनाव था। और फिर तय हुआ कि बच्चे को गोद ले लिया जाएगा। लेकिन तृप्ति इसके लिए तैयार नहीं हुई। उसका कहना था कि बच्चा उसका ही होना चाहिए। वो किसी और का बच्चा नहीं पालेगी।
अविनाश : ये तो बहुत परेशानी की बात है।
अनुष्का : हां इसके बाद एक दूसरा रास्ता निकालने की सोची की टेस्ट ट्यूब बेबी लेकिन डाक्टर ने मना कर दिया। घर वाले परेशान थे। तो पापा ने इसे लेकर कहा कि क्या ऐसा हो सकता है कि तृप्ति किसी और के साथ सेक्स कर प्रेंगनेंट हो जाए। पहले तो कोई इसके लिए तैयार नहीं था। मुझे पापा का विचार सही लगा। बाद में रोहित भी तैयार हो गया और मम्मी इस शर्त पर तैयार हुई कि तृप्ति पर कोई प्रेशर नहीं डालेगा। यदि वो नहीं चाहेगी तो कोई जबरदस्ती नहीं करेगा।
अविनाश: फिर तुम लोगों ने मुझे चुन लिया।
अनुष्का : नहीं तुम तो बहुत बाद में आए। मैं और रोहित नहीं चाहते थे कि तुम इस खेल में शामिल हो।
अविनाश : फिर क्या हुआ। अनुष्का आगे की कहानी सुनों क्या हुआ।
जीवन : दीप्ति रोहित ने तृप्ति को सबकुछ बता दिया है क्या।
दीप्ति : हां बता दिया उसके बाद से तृप्ति बहुत उदास है।
जीवन : तो उसे समझाओ कि ये ही आपॅशन है या फिर किसी बच्चे को गोद ले ले।
दीप्ति : नहीं तृप्ति बच्चा गोद लेने के लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं है उसका कहना है कि बच्चा वो अपना ही पालेगी। दो महीने से इसी की रट लगाए हुए हैं।
जीवन : तो फिर तुमने वो बात की।
दीप्ति : हां बोला है, उससे कहा है कि वो किसी और मर्द से संंबंध बनाकर बच्चा पैदा कर ले, उसके बच्चे को हम अपना बच्चा मानकर ही प्यार करेंगे।
जीवन: तो क्या कहना है उसका।
दीप्ति : तृप्ति का कहना है कि वो ऐसा कैसे कर सकती है किसी के साथ कैसे सैक्स कर सकती है।
जीवन : लेकिन कोई और उपाए भी तो नहीं है।
दीप्ति : हां रोहित भी दीप्ति को बहुत समझा रहा है उसने तृप्ति से कह भी दिया है कि यदि वो चाहे तो रोहित तलाक भी देने को तैयार है। लेकिन तृप्ति इसके लिए तैयार नहीं है क्योंकि वो रोहित से बहुत प्यार करती है।
जीवन : फिर भी वो रोहित की बात नहीं मान रही है।
 
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अपडेट—8
दूसरी ओर
रोहित : देखों तृप्ति हमारे पास रास्ते बहुत सीमित हैं। यदि हम इनका चुनाव नहीं करेंगे तो कुछ भी हाथ नहीं आएगी। बाद में पछताना पड सकता है।
तृप्ति : अरे अभी हमारी उम्र ही कितनी है।
रोहित : वो तो ठीक है शादी के बाद मम्मी-पापा भी चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी बच्चा आए। लेकिन उन्हें ये भी पता है ये संभव नहीं है। यदि हम उन्हें ये भी कह दे कि हम पांच साल की फैमिली प्लानिंग पर काम कर रहे हैं। तब भी कुछ फायदा नहीं हें। क्योंकि पांच साल बाद भी हमें ये ही कदम उठाना पडेगा। तो पांच साल क्यो घुट घुटकर जिएं।
तृप्ति : देखो मुझे कुछ समय दो।
दो सप्ताह बाद
रोहित : तो तुमने क्या सोचा है उस बारे में।
तृप्ति : किस बारे में
रोहित : वो ही बच्चे वाले मामले में मैंने तुमसे कहा था कि तुम किसी और के साथ सेक्स कर लो और प्रेगनेंट हो जाओ।
तृप्ति : ये बहुत मुश्किल काम है। मैं किसी और के साथ कैसे ये काम कर सकती हूं।
रोहित : यार और कोई ऑपशन होता तो मैं तुमने ये काम करने को कहता भी नहीं।
तृप्ति : कुछ सोचते हुए, लेकिन क्या मम्मी-पापा भी इस काम के लिए तैयार है।
रोहित : वो सब तैयार है लेकिन अंतिम फैसला तुम्हारा ही होगा।
तृप्ति : लेकिन रोहित यदि मैं किसी और का विस्तर गरम करूंगी तो तुम्हें बुरा नहीं लगेगा।
रेाहित : देखों ये हम लोग मजे के लिए नहीं कर रहे हैं मजबूरी में कर रहे हैं।
तृप्ति : लेकिन यदि मैं बहक गई और उसी के साथ प्यार कर बैठी तो।
रोहित : फिर भी तुम यदि खुश होगी तो मैं तुम्हारे रिश्ते के बीच में नहीं आउंगा।
तृप्ति : सोच लो कुछ भी हो सकता है, ये भी हो सकता है कि मैं तुम्हारी ही रहूं और किसी गैर मर्द से सेक्स कर बच्चे पैदा कर लूं। ये भी हो सकता है कि मैं उससे प्यार कर बैठूं और फिर तुमसे तलाक लेकर पूरी तरह से उसकी हो जाउं। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि मैं नाम के लिए तुम्हारी बीबी रह जाउं और वो गैर आदमी मुझे अपनी रखैल या रंडी बना ले।
रोहित : ये किस्मत वाली बात हैं। लेकिन तुम जिस रिश्ते में खुश होगी हमें उसी में खुशी होगी। बस हमें एक बच्चा दे देना। तुम्हारी खुशी और घरवालों की खुशी मेरे लिए ये ही सबसे महत्वपूर्ण है।
तृप्ति : कुछ सोचते हुए ठीक है लेकिन शर्त ये है कि वो आदमी मेरी पसंद का होना चाहिए। उसके बारे में मुझे सबकुछ पता होना चाहिए। और जब तक मैं ओके न कह दूं उसे मेरे बारे में कुछ भी पता नहीं चलना चाहिए।
रोहित खुश होते हैं। ठीक है।
दूसरी ओर ये बात रोहित दीप्ति को बताता है और दीप्ति जीवन से कहती है।
दीप्ति: वो इतना तो मानने को तैयार हो गई है कि वो सैक्स कर लेंगी लेकिन जो आदमी हो वो उसकी पंसद का होना चाहिए। और जब तक वो हां न कह दे किसी को इस बारे में न बताया जाए।
जीवन : क्या ये तो अच्छी बात है। रोहित ने किसी से बात की है।
दीप्ति: नहीं लेकिन अब वो जल्दी ही तृप्ति के लिए किसी आदमी का चुनाव करेंगे। इसके बाद दिन निकलते गए। रोहित हर दूसरे दिन किसी न किसी आदमी का फोटो और वायोडाटा लाता लेकिन तृप्ति उसे रिजेक्ट कर देती। इस तरह डेढ महीना निकल गया।
दीप्ति और जीवन भी परेशान थे। कि तृप्ति किसी को पंसद क्यो नहीं कर रही है।
दीप्ति : अब तक 20 लोगों को तृप्ति रिजेक्ट कर चुकी है। पता नहीं उसकी पसंद क्या है।
जीवन : डर, वो डरती है कि कहीं वो बदनाम ना हो जाए। वो किसी अनजान के साथ संबंध बनाने से डर रही है। और रोहित भी किसी अपने करीबी के साथ तृप्ति को सौंपने को तैयार नहीं है क्योंकि वो व्यक्ति जिंदगी भर उसे जलील कर सकता है।
जीवन : ठंडी सांस लेते हैं, फिर अचानक उसे याद आता है और कहता है उसका नाम लिया तृप्ति के सामने।
दीप्ति : किसका
जीवन : अविनाश का
दीप्ति : क्या लेकिन वो
जीवन : एक बार तृप्ति से पूछकर देख लो, शायद वो उसे पसंद आ जाए। वैसे भी मैं 15 दिन से देख रहा हूं जब भी अविनाश आता है तो तृप्ति उसे घूर-घूर कर देखती है।
दीप्ति : आपने कब देख लिया। और क्या अविनाश भी उस पर नजर रखता है।
जीवन : हंसते हुए वो तृप्ति को तो नहीं लेकिन तुम्हें जरूर देखता है।, जीवन ने एक दो बार अविनाश को दीप्ति को देखते हुए पकडा था। लेकिन उसने कुछ कहा नहीं था।
दीप्ति :आंखे दिखाते हुए आप भी ना कुछ भी कहते हैं।
वहीं जीवन भी हंसने लगता है क्योंकि उसे भी अविनाश का दीप्ति को देखने में हवस नहीं दिखती है। लेकिन तृप्ति की नजर में जरूर प्यास दिखाई देती थी। इसलिए उसे भरोसा था अविनाश का नाम तृप्ति खारिज नहीं करेगी। दोपहर को जब रोहित घर आता है तो दीप्ति उसे अपने पास बुलाती है।
दीप्ति : रोहित किसी लडके पर तृप्ति तैयार हुई कि नहीं
रोहित : नहीं मम्मी अभी तक तो बात नहीं बनी है। लेकिन शायद जल्दी बन जाए।
दीप्ति: एक बात बता तूने अविनाश के बारे में पूछा है तृप्ति से
रोहित : चौंकते हुए अविनाश का
दीप्ति : हां एक बार तृप्ति से पूछ कर देख, देख अविनाश से हमें कई फायदे हैं एक तो वो हमारे घर जैसा ही है। दूसरा यदि तृप्ति तैयार होती है और अविनाश नहीं मानता है तो हम उसे मना भी सकते हैं। हमारी परेशानी देख जरूर वो तैयार होगा। एक बार तृप्ति से बात करके देख।
रोहित : ठीक है मां, वैसे अविनाश का तैयार होना थोडा मुश्किल है।
दीप्ति : पहले तृप्ति तो तैयार हो उससे पूछो।
रोहित : ठीक है और रोहित सीधा अपनी बीबी के पास पहुंचता है। और कहता है तृप्ति तुमसे एक जरूरी बात करनी है कमरे में चलो। और तृप्ति के साथ कमरे में चला जाता है।
तृप्ति : हां बोलिए क्या काम है।
रोहित : मैंने तुमसे बच्चे को लेकर जो बात की थी
तृप्ति : हां मैं तैयार हूं लेकिन मैंने अपनी शर्त आपको बता दी है।
रोहित : हां मुझे मालूम है एक लडका है मेरी नजर में
तृप्ति : कौन है
रोहित : अविनाश
तृप्ति : क्या, अविनाश
रोहित : हां देखों वो भरोसा का भी है, वैसे उसे तैयार करना मुश्किल है। लेकिन पहले तुम अपना फैसला सुना दो। शाम तक बता देना ओके। एक दम से उसे खारिज मत करना प्लीज सोच समझकर फैसला लेना।
तृप्ति : कुछ सोचते हुए ठीक है लेकिन उसके मन में कहीं न कहीं खुशी दिखाई दे रही थी। और वो मन ही मन सोचती है। चलो अब लाइन पर तो आए जनाब। क्योंकि मैं तो पहले ही फैसला कर चुकी थी। यदि किसी और का बच्चा पालन है तो फिर अविनाश का ही होगा और किसी का नहीं। क्योंकि कॉलेज में भी तृप्ति अविनाश को पसंद करती थी। लेकिन रोहित का प्रपोजल वो पहले एक्सपेंट कर चुकी थी जिस कारण अविनाश ने उसे कभी भाव नहीं दिया था। लेकिन अब रोहित ही उससे कह रहा था कि वो अविनाश के साथ चुदाई करे और बच्चा पैदा करें।
दीप्ति रोहित से क्या जबाव दिया तृप्ति ने तेरी बात हुई।
रोहित : मां उसने शाम तक का समय मांगा है, वैसे मैंने ही उससे कहा था कि हर बार की तरह एकदम से खारिज मत करना पहले सोच समझ लो उसके बाद फैसला लो। नहीं तो वो एक दम से मना कर देती।
दीप्ति : हां तूने ये बात सही की। शाम को दीप्ति रोहित से पूछती है कि तृप्ति ने जवाब दिया। तो रोहित कहता है कि अभी नहीं लेकिन में उससे पूछता हूं। और रोहित तृप्ति को लेकर कमरे में पहुंच जाता है।
 

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