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अपडेट-17
तृप्ति और अविनाश एक दूसरे के होठों को चूसने में जटे थे।
थोडी देर में दोनों के कपडे नीचे पडे हुए थे। 15 मिनिट तक 69 पोजीसन में चुसाई।
तृप्ति : प्लीज अविनाश अब मेरी प्यास बुझा दो।
अविनाश : नहीं डार्लिंग पहले दीप्ति की सील तोडनी है उसकी गांड एक बार मारू लूं। फिर तेरी बारी है।
तृप्ति : यार वो तो चुदेगी ही अब देखों अनुष्का क्या काम करती है।
अविनाश : वो वहीं काम करेगी जो हम चाहेंगे। और एक बार फिर वो दोनों एक दूसरे को चूमने और चाटने लगते हैं। इस बीच तृप्ति दो बार झड जाती है। और निढाल होकर गिर जाती है।
अविनाश : मेडम ऐसे कैसे काम चलेगा हर बार बीच में छोडना अच्छी बात नहीं है।
तृप्ति : मैंने कब कहा है कि मैं तो तुमसे कह रही हूं इसकी जो जगह है वो रास्ता इसे दिखा दो। मैं तो चाहती हूं कि तुम मुझे चोद चोद कर अपना पानी मेरी चूत में भर दो लेकिन तुम ही तैयार नहीं हो रहे हो।
अविनाश :उसके लिए तो तुम्हें इंतजार करना होगा। मैं दीप्ति की कम से कम तीन दिन लूंगा उसके बाद ही तेरा नम्बर आएगा।
तृप्ति : यानी चार दिन बाद ही मेरा नम्बर लगेगा।
अविनाश : चार दिन बाद मतलब।
तृप्ति : कल रात को दीप्ति इसी विस्तर पर तेरे नीचे नंगी लेटी होगी और तेरे साथ चुदाई का पूरा मजा भी ले रही होगी।
अविनाश : लेकिन इतनी जल्दी कैसे होगा। तुम देख नहीं कैसे भडकी हुई है। वो तो अनुष्का के कारण कुछ बोल नहीं पा रही है। नहीं तो पूरा घर सिर पर उठा लिया होता।
तृप्ति : मैं समझ गई हूं कि दीप्ति को लाइन पर लाने का रास्ता क्या है दीप्ति की सबसे कमजोर नस कौन सी है। और उसकी वो कमजोर नस हम लोगों के हाथों में आ चुकी है। दीप्ति फडफडा तो सकती है लेकिन उसे तुम्हारे सामने घुटने टेकने ही होंगे। और तुम देखना या तो आज रात या फिर कल सुबह तक दीप्ति की सारी अकड और गुस्सा ठंडा पड जाएगा।
अविनाश : ऐसी कौन सी कमजोर नस है दीप्ति की।
तृप्ति : अनुष्का, उसकी बेटी। जो पूरी तरह से हमारे साथ है। अनुष्का का एक आंसू भी दीप्ति को परेशान कर देता है। गाडी में जिस तरह से दीप्ति भडकी थी और शांत नहीं हो रही थी उससे मुझे चिंता हुई थी। लेकिन जैसे ही अनुष्का के आंसू निकले वो पूरी तरह से ठंडी पड गई।
अविनाश : तभी तुम चाहती हो कि मैं दीप्ति के सामने अनुष्का को सुनाउं।
तृप्ति : दीप्ति के सामने नहीं जीवन के सामने। उन्हें भी अपने पाले में करना है। रोहित की तो मुझे कोई चिंता नहीं है। वो मेरी बात टालेगा ही नहीं। और वैसे उससे भी तो उसकी मां चुदवानी है। अब तक अनुष्का ने नीचे जाकर तुम्हारा संदेश पहुंचा दिया होगा।
अविनाश : दीप्ति गुस्सा तो हुई होगी।
तृप्ति : हां बिल्कुल, उसे भडकना ही चाहिए। आखिर कोई कैसे किसी से सीधे सीधे चुदने की बात कर सकता है। लेकिन अनुष्का के आंसू उसका रास्ता रोक लेंगे। अच्छा मैं चलती हूं। नीचे लोग मेरा इंतजार कर रहे होंगे। और तृप्ति अपने कपउे पहनकर नीचे चली जाती है। अविनाश मन ही मन खुश था जिस औरत को पाने के सपने वो देखता था कुछ ही घंटों बाद वो उसकी बाहों में होगी।
तृप्ति के नीचे आने से पहले ही वहां हंगामा मचा हुआ था। दीप्ति बेहद गुस्से में थी। लेकिन अनुष्का की रूलाई देख वो अपने आप को संभाले हुई थी।
दीप्ति : इस लडके की ताकत तो देखों रात को मुझे बुला रहा है और कह रहा है पूरी तरह से तैयार होकर आना।
अनुष्का : मम्मी मैं आपसे नहीं कह रही आप जाइए। लेकिन प्लीज लडिएगा नहीं। प्लीज।
दीप्ति : ठीक है बेटी में अविनाश से कुछ नहीं कह रही। लेकिन मैं ये कह रही हूं कि तुम ऐसे लडके से कैसे प्यार कर सकती हो जो तेरी मां पर गंदी नजर रखता है।
अनुष्का : मम्मी एक बात बताइए क्या अविनाश ने इससे पहले इस तरह की बात की।
दीप्ति : नहीं
अनुष्का : वो इसलिए क्योंकि हमारी तरफ से ही जैसा आज प्रपोजल गया है वैसा नहीं गया। और वो मुझे अपनाने को भी तैयार है। लेकिन शर्त भाभी वाली ही है कि वो अपने बच्चे चाहता है। आपको अविनाश की बात नहीं माननी है मैं आपके साथ हूं। पर प्लीज उसे कुछ कहना मत।
दीप्ति : ठीक है।
रात साढे आठ बजे सभी खाने की टेबिल पर बैठे थे। तभी जीवन कहता है कि तृप्ति बेटा अविनाश को भी बुला लाओ खाना भी लग चुका है।
तृप्ति: वो पापाजी अविनाश ने खाना उपर ही मंगवा लिया था।
ये बात सुनकर दीप्ति की सांस में सांस आती है नहीं तो वो सोच रही थी कि अविनाश का सामना वो कैसे करेगी। लेकिन धमाका अभी होना बाकी था। तृप्ति अनुष्का की ओर इशारा करती है।
अनुष्का : पापा एक बार आप अविनाश से बात कर लीजिए। क्योंकि उसे अब सबकुछ साफ साफ पता चल चुका है। वो क्या चाहता है ये भी हम लोगों को पता है। ऐसे में एक बार आप भी समझा कर देख लीजिए।
जीवन कुछ सोचते हुए : ठीक है बेटी मैं अभी जाकर अविनाश से बात करता हूं।
तृप्ति : आप अनुष्का को भी साथ ले जाइएगा। क्योंकि मैं जाउंगी तो शायद आप मेरे बारे में उससे बात न कर पाएं।
तृप्ति और अविनाश एक दूसरे के होठों को चूसने में जटे थे।
थोडी देर में दोनों के कपडे नीचे पडे हुए थे। 15 मिनिट तक 69 पोजीसन में चुसाई।
तृप्ति : प्लीज अविनाश अब मेरी प्यास बुझा दो।
अविनाश : नहीं डार्लिंग पहले दीप्ति की सील तोडनी है उसकी गांड एक बार मारू लूं। फिर तेरी बारी है।
तृप्ति : यार वो तो चुदेगी ही अब देखों अनुष्का क्या काम करती है।
अविनाश : वो वहीं काम करेगी जो हम चाहेंगे। और एक बार फिर वो दोनों एक दूसरे को चूमने और चाटने लगते हैं। इस बीच तृप्ति दो बार झड जाती है। और निढाल होकर गिर जाती है।
अविनाश : मेडम ऐसे कैसे काम चलेगा हर बार बीच में छोडना अच्छी बात नहीं है।
तृप्ति : मैंने कब कहा है कि मैं तो तुमसे कह रही हूं इसकी जो जगह है वो रास्ता इसे दिखा दो। मैं तो चाहती हूं कि तुम मुझे चोद चोद कर अपना पानी मेरी चूत में भर दो लेकिन तुम ही तैयार नहीं हो रहे हो।
अविनाश :उसके लिए तो तुम्हें इंतजार करना होगा। मैं दीप्ति की कम से कम तीन दिन लूंगा उसके बाद ही तेरा नम्बर आएगा।
तृप्ति : यानी चार दिन बाद ही मेरा नम्बर लगेगा।
अविनाश : चार दिन बाद मतलब।
तृप्ति : कल रात को दीप्ति इसी विस्तर पर तेरे नीचे नंगी लेटी होगी और तेरे साथ चुदाई का पूरा मजा भी ले रही होगी।
अविनाश : लेकिन इतनी जल्दी कैसे होगा। तुम देख नहीं कैसे भडकी हुई है। वो तो अनुष्का के कारण कुछ बोल नहीं पा रही है। नहीं तो पूरा घर सिर पर उठा लिया होता।
तृप्ति : मैं समझ गई हूं कि दीप्ति को लाइन पर लाने का रास्ता क्या है दीप्ति की सबसे कमजोर नस कौन सी है। और उसकी वो कमजोर नस हम लोगों के हाथों में आ चुकी है। दीप्ति फडफडा तो सकती है लेकिन उसे तुम्हारे सामने घुटने टेकने ही होंगे। और तुम देखना या तो आज रात या फिर कल सुबह तक दीप्ति की सारी अकड और गुस्सा ठंडा पड जाएगा।
अविनाश : ऐसी कौन सी कमजोर नस है दीप्ति की।
तृप्ति : अनुष्का, उसकी बेटी। जो पूरी तरह से हमारे साथ है। अनुष्का का एक आंसू भी दीप्ति को परेशान कर देता है। गाडी में जिस तरह से दीप्ति भडकी थी और शांत नहीं हो रही थी उससे मुझे चिंता हुई थी। लेकिन जैसे ही अनुष्का के आंसू निकले वो पूरी तरह से ठंडी पड गई।
अविनाश : तभी तुम चाहती हो कि मैं दीप्ति के सामने अनुष्का को सुनाउं।
तृप्ति : दीप्ति के सामने नहीं जीवन के सामने। उन्हें भी अपने पाले में करना है। रोहित की तो मुझे कोई चिंता नहीं है। वो मेरी बात टालेगा ही नहीं। और वैसे उससे भी तो उसकी मां चुदवानी है। अब तक अनुष्का ने नीचे जाकर तुम्हारा संदेश पहुंचा दिया होगा।
अविनाश : दीप्ति गुस्सा तो हुई होगी।
तृप्ति : हां बिल्कुल, उसे भडकना ही चाहिए। आखिर कोई कैसे किसी से सीधे सीधे चुदने की बात कर सकता है। लेकिन अनुष्का के आंसू उसका रास्ता रोक लेंगे। अच्छा मैं चलती हूं। नीचे लोग मेरा इंतजार कर रहे होंगे। और तृप्ति अपने कपउे पहनकर नीचे चली जाती है। अविनाश मन ही मन खुश था जिस औरत को पाने के सपने वो देखता था कुछ ही घंटों बाद वो उसकी बाहों में होगी।
तृप्ति के नीचे आने से पहले ही वहां हंगामा मचा हुआ था। दीप्ति बेहद गुस्से में थी। लेकिन अनुष्का की रूलाई देख वो अपने आप को संभाले हुई थी।
दीप्ति : इस लडके की ताकत तो देखों रात को मुझे बुला रहा है और कह रहा है पूरी तरह से तैयार होकर आना।
अनुष्का : मम्मी मैं आपसे नहीं कह रही आप जाइए। लेकिन प्लीज लडिएगा नहीं। प्लीज।
दीप्ति : ठीक है बेटी में अविनाश से कुछ नहीं कह रही। लेकिन मैं ये कह रही हूं कि तुम ऐसे लडके से कैसे प्यार कर सकती हो जो तेरी मां पर गंदी नजर रखता है।
अनुष्का : मम्मी एक बात बताइए क्या अविनाश ने इससे पहले इस तरह की बात की।
दीप्ति : नहीं
अनुष्का : वो इसलिए क्योंकि हमारी तरफ से ही जैसा आज प्रपोजल गया है वैसा नहीं गया। और वो मुझे अपनाने को भी तैयार है। लेकिन शर्त भाभी वाली ही है कि वो अपने बच्चे चाहता है। आपको अविनाश की बात नहीं माननी है मैं आपके साथ हूं। पर प्लीज उसे कुछ कहना मत।
दीप्ति : ठीक है।
रात साढे आठ बजे सभी खाने की टेबिल पर बैठे थे। तभी जीवन कहता है कि तृप्ति बेटा अविनाश को भी बुला लाओ खाना भी लग चुका है।
तृप्ति: वो पापाजी अविनाश ने खाना उपर ही मंगवा लिया था।
ये बात सुनकर दीप्ति की सांस में सांस आती है नहीं तो वो सोच रही थी कि अविनाश का सामना वो कैसे करेगी। लेकिन धमाका अभी होना बाकी था। तृप्ति अनुष्का की ओर इशारा करती है।
अनुष्का : पापा एक बार आप अविनाश से बात कर लीजिए। क्योंकि उसे अब सबकुछ साफ साफ पता चल चुका है। वो क्या चाहता है ये भी हम लोगों को पता है। ऐसे में एक बार आप भी समझा कर देख लीजिए।
जीवन कुछ सोचते हुए : ठीक है बेटी मैं अभी जाकर अविनाश से बात करता हूं।
तृप्ति : आप अनुष्का को भी साथ ले जाइएगा। क्योंकि मैं जाउंगी तो शायद आप मेरे बारे में उससे बात न कर पाएं।