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अपडेट 9
रोहित : हां तो क्या सोचा तुमने अविनाश के बारे में।
तृिप्त : यार अविनाश तैयार होगा।
रोहित समझ जाता है कि तृप्ति तैयार है। और पूछता है अविनाश का फैसला बाद में देखेोंगे पहले तुम बताओ।
तृप्ति : यदि अविनाश तैयार हैं तो मुझे दिक्कत नहीं है।
रोहित : तृप्ति को अपनी बाहों में भर लेता है और उसे प्यार करता है। फिर बाहर निकल जाता है
दीप्ति : बात हुई्र
रोहित : हां मां तृप्ति अविनाश के साथ सेक्स करने को तैयार है।
दीप्ति : ये तो अच्छी बात है अब अविनाश को तैयार करना है। उसे कैसे तैयार किया जाए।
रोहित : मां मैं इस बारे में शायद अविनाश से बात न कर पाउं।
दीप्ति : चलो में देखती हूं कुछ। शाम को बात करते हैं।
इसके बाद पिछले दो सप्ताह से तृप्ति भाभी तुम्हारे सामने ज्यादा से ज्यादा आने लगी वो तुम्हें रिझाने के लिए काफी सजने और संवरने लगी। कई बार तुम दोनों को अकेला भी छोडा गया। लेकिन तुमने अपनी ओर से कोई पहल नहीं की। और तृप्ति भी ज्यादा आगे नहीं बढ पा रही थी। तो फिर मुझे कमान संभालनी पड़ी। ये आईडिया मेरा ही था कि कहीं घूमने चलते हैं और तुम्हें भी साथ ले चुलेंगे मैंने ही भाभी से कहा था कि आप शुरूआत नहीं कर पा रहीं तो कोई बात नहीं मैं शुरू करूंगी लेकिन फिर वो पीछे नहीं हटेंगी। और बाकी का तो तुम खुद जानते हों क्योंकि इसके बाद गाडी में जो तुम्हारे साथ हुआ। इसके बाद अनुष्का अविनाश की ओर मुस्कुरा कर देखते हुए कहती है मजा तो तुम्हें भी बहुत आया होगा। इतनी हॉट दो लडकियां, भाभी की शादी भले ही हो गई हो लेकिन आज भी वो लडकी ही हैं क्योंकि आज भी वो वर्जिन ही हैं।
अविनाश : लेकिन ये बताओं तुम मेरे साथ एकदम से ये सब करने को तैयार कैसे हो गई। कोई और रास्ता नहीं था।
अनुष्का : सिर झुकाकर हकलात हुए वो वो अब इस सवाल का जवाब रहने दो।
अविनाश : देखों जब इतना सब कुछ हो चुका है तो इस सवाल का भी जवाब दे दो।
अनुष्का : देखों तुम गुस्सा मत करना प्लीज।
अविनाश : नहीं मैं गुस्सा नहीं करूंगा।
अनुष्का : वो मैं तुम्हें शुरूआत से ही प्यार करती हूं।
अविनाश : क्या
अनुष्का : हां लेकिन कह इसलिए नहीं पाई क्योकि मैं नहीं चाहती थी कि जिस परेशानी से आज हम लोग गुजर रहे हैं उस परेशानी से तुम भी गुजरे। क्योंकि मैं मां नहीं बन सकती।
अविनाश : अनुष्का के हाथों को थामते हुए, प्यार करती थी बता नहीं सकती थी।
अनुष्का : तुम्हें बताया तो कि मैं मां नहीं बन सकती।
अविनाश : इतनी सी बात, अविनाश कुछ बोलते बोलते रूक जाता है और गंभीर होकर कहता है हां बात तो सही है।
अनुष्का अविनाश की बात सुनकर पहले तो खुश होती है लेकिन जब पूरी बात सुनती है तो मायूस हो जाती है और अविनाश की ओर निराशा केे भाव से देखने लगती है।
अविनाश : लेकिन चलो देखते हैं इतनी हॉट लडकी मुझे प्यार करती है, मैं इतना बेरहम भी नहीं हूं। और अविनाश अनुष्का से कहता है कि क्या तृप्ति मेरे साथ बाइक पर चल सकती है। पहले ये पता करो कि ये लोग कहां तक पहुंच गए हैं।
अनुष्का : ये लोग अभी पीछे ही हैं।
अविनाश : क्या, लेकिन तुम्हारी कब बात हुई।
अनुष्का : ये प्लान पहले का ही बना हुआ है। जब तक मैं मैसेज नहीं करूंगी तब तक वो लोग हमसे आगे नहीं निकलेंगे और हमें तो यहां रूकना ही था।
अविनाश : चौंकते हुए क्या। तुम्हें पता था ये सब।
अनुष्का : अंदाजा था मेरा और देखों कितना सही निकली मैं। मुझसे शादी करेगो तो बच्चे का नुकसान जरूर होगा लेकिन बाकी का फायदा ही फायदा है।
अविनाश : प्लान तो जबरदस्त है। लेकिन क्या मेंं तृप्ति से बात कर सकता हूं।
अनुष्का फोन निकलाते हुए। अभी बात करा देती हूं।
अविनाश : नहीं मैं उससे अकेले में बात करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि आगे का रास्ता मैं तृप्ति के साथ तय करूं मुझे उसके साथ एक घंटा चाहिए।
अनुष्का : थोडा चिंतित होते हुए कुछ गडबड तो नहीं है।
अविनाश : मुस्कुराते हुए नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, पहले मुझे तृप्ति से कुछ बातें करनी है। अब तुम इसकी व्यवस्था करो। फोन लगाओ और ये कहना कि मैं अभी दूर हूं। और स्पीकर पर रखना। और यदि तुम मुझे सच में प्यार करती हों तो अपने परिवार को नहीं बताओगी कि मुझे तुम ये बातें सुना रही है।
अनुष्का : मुस्कुराते हुए इतनी सी बात के लिए प्यार की कसम देने की क्या जरूरत थी। तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं।
इधर अविनाश के मन में कुछ बडा चल रहा था। वो ये तो समझ चुका था कि तृप्ति और अनुष्का को वो जब चाहें चोद सकता है लेकिन उसका निशाना थी दीप्ति। अविनाश दीप्ति को सिर्फ चोदना ही नहीं चाहता था बल्कि अब वो दीप्ति को अपनी परमानेंट रखैल बनाने की योजना बनाने लगा था। और उसे ये पता था कि अनुष्का उसकी योजना में उसका पूरा साथ देगी। लेकिन अभी वो अनुष्का को ये बताना नहीं चाहता था। लेकिन मजा तब आए जब दीप्ति को अविनाश की रखैल बनाने की उसकी योजना में सभी लोग शामिल हो जाएं। और इसके लिए अविनाश को सबसे सही तृप्ति लगी। इस बीच अनुष्का अपना फोन स्पीकर पर रखते हुए सीधे रोहित को फोन लगा देती है।
रोहित : हां अनुष्का कहां हो। क्या हम लोग निकले।
अनुष्का : हां फोन कटने के बाद तुम लोग भी चल देना और विशाल रेस्टोरेंट पर हम लोग मिलेंगे लेकिन एक बात है।
रोहित : हां बोलो
अनुष्का : वो अविनाश कह रहा था कि उसे तृप्ति से बात करनी है एक घंटे अकेले में।
रोहित : तो गांव पहुंचकर बात कर ले।
अनुष्का : नहीं वो बोल रहा था कि जरूरी है अभी बात करना और वो तृप्ति से मिलकर ही बात करेगा। और हम लोगों में से कोई भी उसके आसपास नहीं होगा।
रोहित : फिर कैसे होगा। एक काम हो सकता है। विशाल रेस्टोरेंट से 30 किलोमीटर दूर एक पार्क है, क्या नाम है उसका हां लवर पार्क। अविनाश तृप्ति के साथ उस पार्क में बैठकर बात कर सकता है तब तक हम लोग रेस्टारेंट में आराम कर लेंगे।
अनुष्का : हां ठीक है एक काम करो भाभी से भी बात करा दो।
रोहित: ठीक है लेकिन अभी अविनाश कहा हैं।
अनुष्का : वो थोडी दूरी पर हैं। मैंने उससे कहा है कि मैं बात करके बताती हूं।
रोहित : ठीक है तृप्ति से बात कर लो।
तृप्ति : हैलो अनुष्का बता क्या बात है। अविनाश नाराज तो नहीं है।
रोहित : नहीं ऐसा कुछ नहीं है लेकिन वो आपसे मिलना चाहता है। इसलिए अब आप उसकेे साथ बाइक पर जाएंगी।
तृप्ति : कुछ गडबड वाली बात तो नहीं है।
अनुष्का: मुस्कुराते हुए आपकी ननद के होते हुए कुछ गडबड नहीं हो सकती।
तृप्ति : वो ये बता पेंटी पहननी है या फिर बिना पेंटी के अविनाा के साथ आना है।
अनुष्का अविनाश से इशारे में पूछती है। तो अविनाश बताता है कि बिना पेंटी के ही आना है।
अनुष्का : अरे पेंटी की क्या जरूरत, तुझे उसे रिझाना है भगाना नहीं है एक काम करना अपने पर्स में पेंटी डाल लेना। और हां ब्रा भी उतार देना उसे भी पर्स में ही रख लेना।
तृप्ति : ठीक हैं और फोन काट देती है।
रोहित : हां तो क्या सोचा तुमने अविनाश के बारे में।
तृिप्त : यार अविनाश तैयार होगा।
रोहित समझ जाता है कि तृप्ति तैयार है। और पूछता है अविनाश का फैसला बाद में देखेोंगे पहले तुम बताओ।
तृप्ति : यदि अविनाश तैयार हैं तो मुझे दिक्कत नहीं है।
रोहित : तृप्ति को अपनी बाहों में भर लेता है और उसे प्यार करता है। फिर बाहर निकल जाता है
दीप्ति : बात हुई्र
रोहित : हां मां तृप्ति अविनाश के साथ सेक्स करने को तैयार है।
दीप्ति : ये तो अच्छी बात है अब अविनाश को तैयार करना है। उसे कैसे तैयार किया जाए।
रोहित : मां मैं इस बारे में शायद अविनाश से बात न कर पाउं।
दीप्ति : चलो में देखती हूं कुछ। शाम को बात करते हैं।
इसके बाद पिछले दो सप्ताह से तृप्ति भाभी तुम्हारे सामने ज्यादा से ज्यादा आने लगी वो तुम्हें रिझाने के लिए काफी सजने और संवरने लगी। कई बार तुम दोनों को अकेला भी छोडा गया। लेकिन तुमने अपनी ओर से कोई पहल नहीं की। और तृप्ति भी ज्यादा आगे नहीं बढ पा रही थी। तो फिर मुझे कमान संभालनी पड़ी। ये आईडिया मेरा ही था कि कहीं घूमने चलते हैं और तुम्हें भी साथ ले चुलेंगे मैंने ही भाभी से कहा था कि आप शुरूआत नहीं कर पा रहीं तो कोई बात नहीं मैं शुरू करूंगी लेकिन फिर वो पीछे नहीं हटेंगी। और बाकी का तो तुम खुद जानते हों क्योंकि इसके बाद गाडी में जो तुम्हारे साथ हुआ। इसके बाद अनुष्का अविनाश की ओर मुस्कुरा कर देखते हुए कहती है मजा तो तुम्हें भी बहुत आया होगा। इतनी हॉट दो लडकियां, भाभी की शादी भले ही हो गई हो लेकिन आज भी वो लडकी ही हैं क्योंकि आज भी वो वर्जिन ही हैं।
अविनाश : लेकिन ये बताओं तुम मेरे साथ एकदम से ये सब करने को तैयार कैसे हो गई। कोई और रास्ता नहीं था।
अनुष्का : सिर झुकाकर हकलात हुए वो वो अब इस सवाल का जवाब रहने दो।
अविनाश : देखों जब इतना सब कुछ हो चुका है तो इस सवाल का भी जवाब दे दो।
अनुष्का : देखों तुम गुस्सा मत करना प्लीज।
अविनाश : नहीं मैं गुस्सा नहीं करूंगा।
अनुष्का : वो मैं तुम्हें शुरूआत से ही प्यार करती हूं।
अविनाश : क्या
अनुष्का : हां लेकिन कह इसलिए नहीं पाई क्योकि मैं नहीं चाहती थी कि जिस परेशानी से आज हम लोग गुजर रहे हैं उस परेशानी से तुम भी गुजरे। क्योंकि मैं मां नहीं बन सकती।
अविनाश : अनुष्का के हाथों को थामते हुए, प्यार करती थी बता नहीं सकती थी।
अनुष्का : तुम्हें बताया तो कि मैं मां नहीं बन सकती।
अविनाश : इतनी सी बात, अविनाश कुछ बोलते बोलते रूक जाता है और गंभीर होकर कहता है हां बात तो सही है।
अनुष्का अविनाश की बात सुनकर पहले तो खुश होती है लेकिन जब पूरी बात सुनती है तो मायूस हो जाती है और अविनाश की ओर निराशा केे भाव से देखने लगती है।
अविनाश : लेकिन चलो देखते हैं इतनी हॉट लडकी मुझे प्यार करती है, मैं इतना बेरहम भी नहीं हूं। और अविनाश अनुष्का से कहता है कि क्या तृप्ति मेरे साथ बाइक पर चल सकती है। पहले ये पता करो कि ये लोग कहां तक पहुंच गए हैं।
अनुष्का : ये लोग अभी पीछे ही हैं।
अविनाश : क्या, लेकिन तुम्हारी कब बात हुई।
अनुष्का : ये प्लान पहले का ही बना हुआ है। जब तक मैं मैसेज नहीं करूंगी तब तक वो लोग हमसे आगे नहीं निकलेंगे और हमें तो यहां रूकना ही था।
अविनाश : चौंकते हुए क्या। तुम्हें पता था ये सब।
अनुष्का : अंदाजा था मेरा और देखों कितना सही निकली मैं। मुझसे शादी करेगो तो बच्चे का नुकसान जरूर होगा लेकिन बाकी का फायदा ही फायदा है।
अविनाश : प्लान तो जबरदस्त है। लेकिन क्या मेंं तृप्ति से बात कर सकता हूं।
अनुष्का फोन निकलाते हुए। अभी बात करा देती हूं।
अविनाश : नहीं मैं उससे अकेले में बात करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि आगे का रास्ता मैं तृप्ति के साथ तय करूं मुझे उसके साथ एक घंटा चाहिए।
अनुष्का : थोडा चिंतित होते हुए कुछ गडबड तो नहीं है।
अविनाश : मुस्कुराते हुए नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, पहले मुझे तृप्ति से कुछ बातें करनी है। अब तुम इसकी व्यवस्था करो। फोन लगाओ और ये कहना कि मैं अभी दूर हूं। और स्पीकर पर रखना। और यदि तुम मुझे सच में प्यार करती हों तो अपने परिवार को नहीं बताओगी कि मुझे तुम ये बातें सुना रही है।
अनुष्का : मुस्कुराते हुए इतनी सी बात के लिए प्यार की कसम देने की क्या जरूरत थी। तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं।
इधर अविनाश के मन में कुछ बडा चल रहा था। वो ये तो समझ चुका था कि तृप्ति और अनुष्का को वो जब चाहें चोद सकता है लेकिन उसका निशाना थी दीप्ति। अविनाश दीप्ति को सिर्फ चोदना ही नहीं चाहता था बल्कि अब वो दीप्ति को अपनी परमानेंट रखैल बनाने की योजना बनाने लगा था। और उसे ये पता था कि अनुष्का उसकी योजना में उसका पूरा साथ देगी। लेकिन अभी वो अनुष्का को ये बताना नहीं चाहता था। लेकिन मजा तब आए जब दीप्ति को अविनाश की रखैल बनाने की उसकी योजना में सभी लोग शामिल हो जाएं। और इसके लिए अविनाश को सबसे सही तृप्ति लगी। इस बीच अनुष्का अपना फोन स्पीकर पर रखते हुए सीधे रोहित को फोन लगा देती है।
रोहित : हां अनुष्का कहां हो। क्या हम लोग निकले।
अनुष्का : हां फोन कटने के बाद तुम लोग भी चल देना और विशाल रेस्टोरेंट पर हम लोग मिलेंगे लेकिन एक बात है।
रोहित : हां बोलो
अनुष्का : वो अविनाश कह रहा था कि उसे तृप्ति से बात करनी है एक घंटे अकेले में।
रोहित : तो गांव पहुंचकर बात कर ले।
अनुष्का : नहीं वो बोल रहा था कि जरूरी है अभी बात करना और वो तृप्ति से मिलकर ही बात करेगा। और हम लोगों में से कोई भी उसके आसपास नहीं होगा।
रोहित : फिर कैसे होगा। एक काम हो सकता है। विशाल रेस्टोरेंट से 30 किलोमीटर दूर एक पार्क है, क्या नाम है उसका हां लवर पार्क। अविनाश तृप्ति के साथ उस पार्क में बैठकर बात कर सकता है तब तक हम लोग रेस्टारेंट में आराम कर लेंगे।
अनुष्का : हां ठीक है एक काम करो भाभी से भी बात करा दो।
रोहित: ठीक है लेकिन अभी अविनाश कहा हैं।
अनुष्का : वो थोडी दूरी पर हैं। मैंने उससे कहा है कि मैं बात करके बताती हूं।
रोहित : ठीक है तृप्ति से बात कर लो।
तृप्ति : हैलो अनुष्का बता क्या बात है। अविनाश नाराज तो नहीं है।
रोहित : नहीं ऐसा कुछ नहीं है लेकिन वो आपसे मिलना चाहता है। इसलिए अब आप उसकेे साथ बाइक पर जाएंगी।
तृप्ति : कुछ गडबड वाली बात तो नहीं है।
अनुष्का: मुस्कुराते हुए आपकी ननद के होते हुए कुछ गडबड नहीं हो सकती।
तृप्ति : वो ये बता पेंटी पहननी है या फिर बिना पेंटी के अविनाा के साथ आना है।
अनुष्का अविनाश से इशारे में पूछती है। तो अविनाश बताता है कि बिना पेंटी के ही आना है।
अनुष्का : अरे पेंटी की क्या जरूरत, तुझे उसे रिझाना है भगाना नहीं है एक काम करना अपने पर्स में पेंटी डाल लेना। और हां ब्रा भी उतार देना उसे भी पर्स में ही रख लेना।
तृप्ति : ठीक हैं और फोन काट देती है।