ये कहानी है मेरी , मै विश्वास । मेरी फैमिली दिल्ली में रहती है । मुझे नही पता मेरे साथ जो भी हुआ वो अच्छा हुआ या बुरा । इसका फैसला मेरे रीडर्स करे और अपने सुझाव दें । मैं 24 साल का लड़का हूं । विदेश में रहता हूं । मेरे पिताजी ने ये देश और मेरे अपने लोगों को मेरे लायक नही समझा इसी लिए मुझे विदेश भेज दिया । मेरे साथ उन्होंने राणा अंकल को भी भेज दिया । राणा अंकल पिताजी के खास हैं जो उनके लिए अपनी जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं । वापिस मुझ पर आते हैं मैं बचपन से ही एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हूं । ये बीमारी जानलेवा नही है पर इसका कोई इलाज भी नही है । इस बीमारी से जो अंग खराब हो गया वो हो गया । जैसे जैसे मै बड़ा हो रहा था मेरे पैर कमजोर होते जा रहे थे मुझसे चला नही जाता था । पिताजी ने बोहोत रिसर्च की तो उनको पता लगा कि इस बीमारी को रोका जा सकता है । खत्म नही किया जा सकता । घरवालों का भी मेरे प्रति व्यवहार अच्छा नही था । मेरा इलाज भी सिर्फ यू एस ए में ही हो सकता था । तो 5 साल की उम्र में राणा और उनकी बीवी को मेरे साथ यू एस ए भेज दिया था । तब तक वापिस आने से मना किया जब तक पिताजी खुद ना आने को बोलें । वहां पहुंचा और मेरा इलाज शुरू हो गया बोहूत ही दुखद एक्सपीरियंस था कई साल तक हर 8 घंटे में इंजेक्शन लगते रहे । इसी बीच हमें पता लगा के मेरे पैर खराब हो चुके है और जिंदगी भर मुझे व्हीलचेयर पर ही गुजारनी होगी । धीरे धीरे समय बड़ने लगा और मै भी बड़ा होने लगा । टांगे खराब होने के बावजूद मैने हर नही मानी और अपर बॉडी पर काम करना शुरू किया । जिम ज्वाइन किया प्रॉपर डाइट चालू की ओर खुद को फिट बनाया । वो इंजेक्शन मुझे जिंदगी भर लगवाने थे । धीरे धीरे उनकी गिनती कम हो गई अब वो मुझे हफ्ते में 1 बार ही लगवाना होता है । अब ये इंजेक्शन इंडिया में भी अवेलेबल है । मैने 12th तक की पढ़ाई घर रह कर ही करी और कॉलेज मेने कॉलेज जाके ही ज्वाइन किया और एमबीए की वहां से । दवाई का साइड इफेक्ट ये हुआ कि मेरा लन्ड 10 इंच बड़ा और 4 इंच चौड़ा हो गया है । डॉक्टर का कहना है की मै हस्तमैथुन या सेक्स से दूर रहूं क्योंकि एक बार मेने ये सब शुरू किया तो मुझे इंजेक्शन की तरह सेक्स भी हर 8 घंटे में चाहिए होगा नही तो मेरी तबियत खराब हो सकती है और हार्ट फेल हो सकता है । जैसे जैसे मै बड़ा हो रहा था थोड़ा गुस्सैल , चिड़चिड़ापन और नफरत से भर रहा था अपने परिवार की तरफ । सिर्फ पिताजी ही है जिनकी वजह से मै सबको प्यार और माफ करने को कोशिश करता हूं । मेरे पैदा होने के बाद पिताजी की किस्मत संवरी या बिखर गई आज भी इस बारे में सोचता हु तो रोना आजाता है । मेरे पैदा होते ही मेरी मां की मृत्यु हो गई । पिता जी कुछ दिन तो सदमे में रहे फिर जब उनको मेरी हालत के बारे में पता लगा तो उन्होंने अपना सारा ध्यान बिजनेस में लगा दिया और उन्होंने गुरु बिजनेस पार्टनर के साथ बिजनेस शुरू किया । गुरु ने अपनी इकलौती बेटी से मेरे पिताजी की शादी करदी ताकि उनकी बेटी का फ्यूचर सेट हो जाए । पिताजी ने भी हां भरदी उनको लगा वो मुझे मां का प्यार दे सकेगी पर वो तो 18 साल की एक लड़की थी जो सिर्फ अपने बारे में ही सोचती थी । बिजनेस शुरू करने के एक साल में बिजनेस बोहोत बड़ा हो गया और पिताजी का नाम बड़े बड़े बिजनेसमैन के साथ जुड़ गया । दूसरी शादी के बाद भी पिताजी और उस औरत में कोई संबंध नही था और इसी बात का गुस्सा वो मुझ पर निकलती क्योंकि पिताजी की पहली जिम्मेदारी मै था , मै हूं और मै ही रहूंगा । उस औरत ने घर के हर सदस्य को जल्द ही अपने चंगुल में फसा लिया पिताजी को ये दिख रहा था । लेकिन बिजनेस और गुरु की वजह से वो चुप थे । तभी खबर आती है की गुरु का हार्ट अटैक से देहांत हो गया और वो अपनी सारी प्रॉपर्टी पिताजी के नाम कर गए है । अब सारे बिजनेस का कर्ता धर्ता पिताजी हो गए थे । फिर वही मै यूएसए चला गया और उस औरत ने पिताजी से एक बेटे को जन्म दिया । तब मेरे मन से एक ही बद्दुआ निकली की जैसा उस औरत ने मेरे साथ किया है उसका बेटा भी उसके साथ ऐसा ही करे और हुआ भी ऐसा ही । मेरा भाई अब 18 का हो गया है पूरे घर में वो या तो पिताजी की सुनता है या मेरी सुनता है । मै उसके लिए राम हूं और वो मेरे लिए लक्ष्मण है । मेरी एमबीए खतम होने के बाद पिताजी ने कहा कि अब उनके पास समय कम है तो मै जल्दी से उनके पास आजाऊं और अपना बिजनेस और घर संभाल लूं । अगले ही दिन राणा और उसकी फैमिली के साथ मै इंडिया आ गया । घर जाते वक्त रास्ते में मुझे कॉल आई की भाई घर बाद में जाना पहले xy हॉस्पिटल में आजाओ पापा की तबीयत बोहोत खराब है । मैने राणा अंकल को कार xy हॉस्पिटल ले चलने को कहा । वहां जाते ही मै पिताजी के कमरे में दाखिल हुआ वहां वो औरत भी मौजूद थी पर मेरा ध्यान सिर्फ पिताजी पीआर था ।
पिताजी – तू आ गया मेरे बच्चे तेरा ही इंतजार था । तेरे लिए ही अभी तक अपनी सांसे रोक कर बैठा हूं ।
विश्वास – अप ऐसे ना बोले पिताजी मै आपको कुछ नही होने दूंगा अप मेरे साथ आज ही यूएसए चलिए आपका इलाज वहां कराएंगे ।
पिताजी – नही बेटे मेरा सफर यहीं तक था अब इस गाड़ी को तुझे हो संभालना है और तुझे ही चलाना है । कामिनी तुम बाहर जाओ मुझे मेरे बेटे से अकेले में बात करनी है ।
कामिनी – मै क्यों कही जाऊं तुम मेरे पति हो और वीर हमारा बेटा पराया ये है ये जाएगा यहां से ।
पिताजी – देखो कामिनी मै प्यार से बोल रहा हूं जाओ तो जाओ कही मैने सच बता दिया कोन अपना है और कोन पराया तो तुम और हमारा वीर सुन नही पाओगे ये तुम भी जानती हो वो किस साइड है । अच्छा होगा तुम हमे अकेला छोड़ दो 19 साल से मै अपने बेटे से अलग हूं सिर्फ तुम्हारे कारण ।
कामिनी – अभी तो जाति हूं आएगा तो ये भी घर पर ही ना और घर मेरे कंट्रोल में है ।
कामिनी चली गई
पिताजी – बेटे इस पल के बाद जो भी होगा जो भी मेने तुम्हारे लिए सोचा है उसे स्वीकार कर लेना और अपने अधिकार किसी को मत देना जो तुम्हारा है । जिम्मेदारियों से भागना मत उन्हें पूरा करना तुम्हारी सहायता के लिए बोहोत लोग है यहां और बोहोत लोगो से तुम्हे बचके रहना पड़ेगा । लोग तुम पर दबाव डालेंगे तुम्हे इमोशनल करेंगे ताकि तुम झुक जाओ और सब उनके हाथ लग जाए पर तुम्हे अब किसी के आगे भी नही झुकना है । दुनिया को तुम्हारे आगे झुकना होगा ।
विश्वास – पिताजी वीर का क्या उसका भी तो हक है सब चीजों पर ।
पिताजी – ये फैसला मैने उससे पूछकर और उसे बता कर और उसको पास बिठा कर ही लिया है । वो मेरे हर फैसले से खुश भी है और मेरे साथ भी है । वो मुझसे ज्यादा तुम्हे मानता है प्यार करता है । जब वो और बड़ा हो जाए और घर संभालने लायक हो जाए तो जो तू उसे देना चाहे देदे तुझे पूरी छूट है । तब तक तुझे ही सब देखना है । मेरे पूरे परिवार को घर बनाने की जिम्मेदारी तेरी है । बिजनेस की पूरी जानकारी तुझे वहां जाके ही पता लगेगी ।
ये सब बोलते बोलते पिताजी की सांसे फूलने लगी और उनकी धड़कन रुक गई । मैने डॉक्टर को बुलाया तो उसने कहा की अब वो हमारे बीच नहीं रहे । मै वहां से बॉडी एंबुलेंस में डलवा के घर ले आया । फिर मैने और मेरे भाई ने मिल कर पिताजी को विदा किया और सब लोग घर आ आगए ।
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- 🅰️uthor
- vishwas
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- vishwas
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- Incest
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