Incest किस्मत

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ये कहानी है मेरी , मै विश्वास । मेरी फैमिली दिल्ली में रहती है । मुझे नही पता मेरे साथ जो भी हुआ वो अच्छा हुआ या बुरा । इसका फैसला मेरे रीडर्स करे और अपने सुझाव दें । मैं 24 साल का लड़का हूं । विदेश में रहता हूं । मेरे पिताजी ने ये देश और मेरे अपने लोगों को मेरे लायक नही समझा इसी लिए मुझे विदेश भेज दिया । मेरे साथ उन्होंने राणा अंकल को भी भेज दिया । राणा अंकल पिताजी के खास हैं जो उनके लिए अपनी जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं । वापिस मुझ पर आते हैं मैं बचपन से ही एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हूं । ये बीमारी जानलेवा नही है पर इसका कोई इलाज भी नही है । इस बीमारी से जो अंग खराब हो गया वो हो गया । जैसे जैसे मै बड़ा हो रहा था मेरे पैर कमजोर होते जा रहे थे मुझसे चला नही जाता था । पिताजी ने बोहोत रिसर्च की तो उनको पता लगा कि इस बीमारी को रोका जा सकता है । खत्म नही किया जा सकता । घरवालों का भी मेरे प्रति व्यवहार अच्छा नही था । मेरा इलाज भी सिर्फ यू एस ए में ही हो सकता था । तो 5 साल की उम्र में राणा और उनकी बीवी को मेरे साथ यू एस ए भेज दिया था । तब तक वापिस आने से मना किया जब तक पिताजी खुद ना आने को बोलें । वहां पहुंचा और मेरा इलाज शुरू हो गया बोहूत ही दुखद एक्सपीरियंस था कई साल तक हर 8 घंटे में इंजेक्शन लगते रहे । इसी बीच हमें पता लगा के मेरे पैर खराब हो चुके है और जिंदगी भर मुझे व्हीलचेयर पर ही गुजारनी होगी । धीरे धीरे समय बड़ने लगा और मै भी बड़ा होने लगा । टांगे खराब होने के बावजूद मैने हर नही मानी और अपर बॉडी पर काम करना शुरू किया । जिम ज्वाइन किया प्रॉपर डाइट चालू की ओर खुद को फिट बनाया । वो इंजेक्शन मुझे जिंदगी भर लगवाने थे । धीरे धीरे उनकी गिनती कम हो गई अब वो मुझे हफ्ते में 1 बार ही लगवाना होता है । अब ये इंजेक्शन इंडिया में भी अवेलेबल है । मैने 12th तक की पढ़ाई घर रह कर ही करी और कॉलेज मेने कॉलेज जाके ही ज्वाइन किया और एमबीए की वहां से । दवाई का साइड इफेक्ट ये हुआ कि मेरा लन्ड 10 इंच बड़ा और 4 इंच चौड़ा हो गया है । डॉक्टर का कहना है की मै हस्तमैथुन या सेक्स से दूर रहूं क्योंकि एक बार मेने ये सब शुरू किया तो मुझे इंजेक्शन की तरह सेक्स भी हर 8 घंटे में चाहिए होगा नही तो मेरी तबियत खराब हो सकती है और हार्ट फेल हो सकता है । जैसे जैसे मै बड़ा हो रहा था थोड़ा गुस्सैल , चिड़चिड़ापन और नफरत से भर रहा था अपने परिवार की तरफ । सिर्फ पिताजी ही है जिनकी वजह से मै सबको प्यार और माफ करने को कोशिश करता हूं । मेरे पैदा होने के बाद पिताजी की किस्मत संवरी या बिखर गई आज भी इस बारे में सोचता हु तो रोना आजाता है । मेरे पैदा होते ही मेरी मां की मृत्यु हो गई । पिता जी कुछ दिन तो सदमे में रहे फिर जब उनको मेरी हालत के बारे में पता लगा तो उन्होंने अपना सारा ध्यान बिजनेस में लगा दिया और उन्होंने गुरु बिजनेस पार्टनर के साथ बिजनेस शुरू किया । गुरु ने अपनी इकलौती बेटी से मेरे पिताजी की शादी करदी ताकि उनकी बेटी का फ्यूचर सेट हो जाए । पिताजी ने भी हां भरदी उनको लगा वो मुझे मां का प्यार दे सकेगी पर वो तो 18 साल की एक लड़की थी जो सिर्फ अपने बारे में ही सोचती थी । बिजनेस शुरू करने के एक साल में बिजनेस बोहोत बड़ा हो गया और पिताजी का नाम बड़े बड़े बिजनेसमैन के साथ जुड़ गया । दूसरी शादी के बाद भी पिताजी और उस औरत में कोई संबंध नही था और इसी बात का गुस्सा वो मुझ पर निकलती क्योंकि पिताजी की पहली जिम्मेदारी मै था , मै हूं और मै ही रहूंगा । उस औरत ने घर के हर सदस्य को जल्द ही अपने चंगुल में फसा लिया पिताजी को ये दिख रहा था । लेकिन बिजनेस और गुरु की वजह से वो चुप थे । तभी खबर आती है की गुरु का हार्ट अटैक से देहांत हो गया और वो अपनी सारी प्रॉपर्टी पिताजी के नाम कर गए है । अब सारे बिजनेस का कर्ता धर्ता पिताजी हो गए थे । फिर वही मै यूएसए चला गया और उस औरत ने पिताजी से एक बेटे को जन्म दिया । तब मेरे मन से एक ही बद्दुआ निकली की जैसा उस औरत ने मेरे साथ किया है उसका बेटा भी उसके साथ ऐसा ही करे और हुआ भी ऐसा ही । मेरा भाई अब 18 का हो गया है पूरे घर में वो या तो पिताजी की सुनता है या मेरी सुनता है । मै उसके लिए राम हूं और वो मेरे लिए लक्ष्मण है । मेरी एमबीए खतम होने के बाद पिताजी ने कहा कि अब उनके पास समय कम है तो मै जल्दी से उनके पास आजाऊं और अपना बिजनेस और घर संभाल लूं । अगले ही दिन राणा और उसकी फैमिली के साथ मै इंडिया आ गया । घर जाते वक्त रास्ते में मुझे कॉल आई की भाई घर बाद में जाना पहले xy हॉस्पिटल में आजाओ पापा की तबीयत बोहोत खराब है । मैने राणा अंकल को कार xy हॉस्पिटल ले चलने को कहा । वहां जाते ही मै पिताजी के कमरे में दाखिल हुआ वहां वो औरत भी मौजूद थी पर मेरा ध्यान सिर्फ पिताजी पीआर था ।



पिताजी – तू आ गया मेरे बच्चे तेरा ही इंतजार था । तेरे लिए ही अभी तक अपनी सांसे रोक कर बैठा हूं ।

विश्वास – अप ऐसे ना बोले पिताजी मै आपको कुछ नही होने दूंगा अप मेरे साथ आज ही यूएसए चलिए आपका इलाज वहां कराएंगे ।

पिताजी – नही बेटे मेरा सफर यहीं तक था अब इस गाड़ी को तुझे हो संभालना है और तुझे ही चलाना है । कामिनी तुम बाहर जाओ मुझे मेरे बेटे से अकेले में बात करनी है ।

कामिनी – मै क्यों कही जाऊं तुम मेरे पति हो और वीर हमारा बेटा पराया ये है ये जाएगा यहां से ।

पिताजी – देखो कामिनी मै प्यार से बोल रहा हूं जाओ तो जाओ कही मैने सच बता दिया कोन अपना है और कोन पराया तो तुम और हमारा वीर सुन नही पाओगे ये तुम भी जानती हो वो किस साइड है । अच्छा होगा तुम हमे अकेला छोड़ दो 19 साल से मै अपने बेटे से अलग हूं सिर्फ तुम्हारे कारण ।

कामिनी – अभी तो जाति हूं आएगा तो ये भी घर पर ही ना और घर मेरे कंट्रोल में है ।

कामिनी चली गई

पिताजी – बेटे इस पल के बाद जो भी होगा जो भी मेने तुम्हारे लिए सोचा है उसे स्वीकार कर लेना और अपने अधिकार किसी को मत देना जो तुम्हारा है । जिम्मेदारियों से भागना मत उन्हें पूरा करना तुम्हारी सहायता के लिए बोहोत लोग है यहां और बोहोत लोगो से तुम्हे बचके रहना पड़ेगा । लोग तुम पर दबाव डालेंगे तुम्हे इमोशनल करेंगे ताकि तुम झुक जाओ और सब उनके हाथ लग जाए पर तुम्हे अब किसी के आगे भी नही झुकना है । दुनिया को तुम्हारे आगे झुकना होगा ।

विश्वास – पिताजी वीर का क्या उसका भी तो हक है सब चीजों पर ।

पिताजी – ये फैसला मैने उससे पूछकर और उसे बता कर और उसको पास बिठा कर ही लिया है । वो मेरे हर फैसले से खुश भी है और मेरे साथ भी है । वो मुझसे ज्यादा तुम्हे मानता है प्यार करता है । जब वो और बड़ा हो जाए और घर संभालने लायक हो जाए तो जो तू उसे देना चाहे देदे तुझे पूरी छूट है । तब तक तुझे ही सब देखना है । मेरे पूरे परिवार को घर बनाने की जिम्मेदारी तेरी है । बिजनेस की पूरी जानकारी तुझे वहां जाके ही पता लगेगी ।

ये सब बोलते बोलते पिताजी की सांसे फूलने लगी और उनकी धड़कन रुक गई । मैने डॉक्टर को बुलाया तो उसने कहा की अब वो हमारे बीच नहीं रहे । मै वहां से बॉडी एंबुलेंस में डलवा के घर ले आया । फिर मैने और मेरे भाई ने मिल कर पिताजी को विदा किया और सब लोग घर आ आगए ।


 
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  1. Incest
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मुख्य पात्र

विनोद – पिताजी (60)

कामिनी – सौतेली मां (42)

मोहिनी – सगी बहन (36)

महेश – जीजा जी (40)

वैशाली – सगी बहन (30)

वीर – सौतेला भाई (18)

विश्वास – मै (24)

कोमल – चाची (48)

विशाल – चाची जी का बड़ा बेटा (30)

रनुका – विशाल की पत्नी (28)

राधिका – चाची की बड़ी बेटी (28)

मोहन – राधिका का पति (28)

नमिता – चाची की छोटी बेटी (24)

राणा – पिताजी और मेरा वफादार

ज्योति – राणा की वाइफ

सारा – राणा की बेटी और मेरी सबसे अच्छी दोस्त मेरी हमराज मेरी डॉक्टर भी । (26)

घर पर अभी इतने ही लोग है पर कहानी में और भी किरदार है जैसे जैसे वो आते जाएंगे आपको उनसे मिलता जाऊंगा ।


 
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ये कहानी है मेरी , मै विश्वास । मेरी फैमिली दिल्ली में रहती है । मुझे नही पता मेरे साथ जो भी हुआ वो अच्छा हुआ या बुरा । इसका फैसला मेरे रीडर्स करे और अपने सुझाव दें । मैं 24 साल का लड़का हूं । विदेश में रहता हूं । मेरे पिताजी ने ये देश और मेरे अपने लोगों को मेरे लायक नही समझा इसी लिए मुझे विदेश भेज दिया । मेरे साथ उन्होंने राणा अंकल को भी भेज दिया । राणा अंकल पिताजी के खास हैं जो उनके लिए अपनी जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं । वापिस मुझ पर आते हैं मैं बचपन से ही एक लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हूं । ये बीमारी जानलेवा नही है पर इसका कोई इलाज भी नही है । इस बीमारी से जो अंग खराब हो गया वो हो गया । जैसे जैसे मै बड़ा हो रहा था मेरे पैर कमजोर होते जा रहे थे मुझसे चला नही जाता था । पिताजी ने बोहोत रिसर्च की तो उनको पता लगा कि इस बीमारी को रोका जा सकता है । खत्म नही किया जा सकता । घरवालों का भी मेरे प्रति व्यवहार अच्छा नही था । मेरा इलाज भी सिर्फ यू एस ए में ही हो सकता था । तो 5 साल की उम्र में राणा और उनकी बीवी को मेरे साथ यू एस ए भेज दिया था । तब तक वापिस आने से मना किया जब तक पिताजी खुद ना आने को बोलें । वहां पहुंचा और मेरा इलाज शुरू हो गया बोहूत ही दुखद एक्सपीरियंस था कई साल तक हर 8 घंटे में इंजेक्शन लगते रहे । इसी बीच हमें पता लगा के मेरे पैर खराब हो चुके है और जिंदगी भर मुझे व्हीलचेयर पर ही गुजारनी होगी । धीरे धीरे समय बड़ने लगा और मै भी बड़ा होने लगा । टांगे खराब होने के बावजूद मैने हर नही मानी और अपर बॉडी पर काम करना शुरू किया । जिम ज्वाइन किया प्रॉपर डाइट चालू की ओर खुद को फिट बनाया । वो इंजेक्शन मुझे जिंदगी भर लगवाने थे । धीरे धीरे उनकी गिनती कम हो गई अब वो मुझे हफ्ते में 1 बार ही लगवाना होता है । अब ये इंजेक्शन इंडिया में भी अवेलेबल है । मैने 12th तक की पढ़ाई घर रह कर ही करी और कॉलेज मेने कॉलेज जाके ही ज्वाइन किया और एमबीए की वहां से । दवाई का साइड इफेक्ट ये हुआ कि मेरा लन्ड 10 इंच बड़ा और 4 इंच चौड़ा हो गया है । डॉक्टर का कहना है की मै हस्तमैथुन या सेक्स से दूर रहूं क्योंकि एक बार मेने ये सब शुरू किया तो मुझे इंजेक्शन की तरह सेक्स भी हर 8 घंटे में चाहिए होगा नही तो मेरी तबियत खराब हो सकती है और हार्ट फेल हो सकता है । जैसे जैसे मै बड़ा हो रहा था थोड़ा गुस्सैल , चिड़चिड़ापन और नफरत से भर रहा था अपने परिवार की तरफ । सिर्फ पिताजी ही है जिनकी वजह से मै सबको प्यार और माफ करने को कोशिश करता हूं । मेरे पैदा होने के बाद पिताजी की किस्मत संवरी या बिखर गई आज भी इस बारे में सोचता हु तो रोना आजाता है । मेरे पैदा होते ही मेरी मां की मृत्यु हो गई । पिता जी कुछ दिन तो सदमे में रहे फिर जब उनको मेरी हालत के बारे में पता लगा तो उन्होंने अपना सारा ध्यान बिजनेस में लगा दिया और उन्होंने गुरु बिजनेस पार्टनर के साथ बिजनेस शुरू किया । गुरु ने अपनी इकलौती बेटी से मेरे पिताजी की शादी करदी ताकि उनकी बेटी का फ्यूचर सेट हो जाए । पिताजी ने भी हां भरदी उनको लगा वो मुझे मां का प्यार दे सकेगी पर वो तो 18 साल की एक लड़की थी जो सिर्फ अपने बारे में ही सोचती थी । बिजनेस शुरू करने के एक साल में बिजनेस बोहोत बड़ा हो गया और पिताजी का नाम बड़े बड़े बिजनेसमैन के साथ जुड़ गया । दूसरी शादी के बाद भी पिताजी और उस औरत में कोई संबंध नही था और इसी बात का गुस्सा वो मुझ पर निकलती क्योंकि पिताजी की पहली जिम्मेदारी मै था , मै हूं और मै ही रहूंगा । उस औरत ने घर के हर सदस्य को जल्द ही अपने चंगुल में फसा लिया पिताजी को ये दिख रहा था । लेकिन बिजनेस और गुरु की वजह से वो चुप थे । तभी खबर आती है की गुरु का हार्ट अटैक से देहांत हो गया और वो अपनी सारी प्रॉपर्टी पिताजी के नाम कर गए है । अब सारे बिजनेस का कर्ता धर्ता पिताजी हो गए थे । फिर वही मै यूएसए चला गया और उस औरत ने पिताजी से एक बेटे को जन्म दिया । तब मेरे मन से एक ही बद्दुआ निकली की जैसा उस औरत ने मेरे साथ किया है उसका बेटा भी उसके साथ ऐसा ही करे और हुआ भी ऐसा ही । मेरा भाई अब 18 का हो गया है पूरे घर में वो या तो पिताजी की सुनता है या मेरी सुनता है । मै उसके लिए राम हूं और वो मेरे लिए लक्ष्मण है । मेरी एमबीए खतम होने के बाद पिताजी ने कहा कि अब उनके पास समय कम है तो मै जल्दी से उनके पास आजाऊं और अपना बिजनेस और घर संभाल लूं । अगले ही दिन राणा और उसकी फैमिली के साथ मै इंडिया आ गया । घर जाते वक्त रास्ते में मुझे कॉल आई की भाई घर बाद में जाना पहले xy हॉस्पिटल में आजाओ पापा की तबीयत बोहोत खराब है । मैने राणा अंकल को कार xy हॉस्पिटल ले चलने को कहा । वहां जाते ही मै पिताजी के कमरे में दाखिल हुआ वहां वो औरत भी मौजूद थी पर मेरा ध्यान सिर्फ पिताजी पीआर था ।




पिताजी – तू आ गया मेरे बच्चे तेरा ही इंतजार था । तेरे लिए ही अभी तक अपनी सांसे रोक कर बैठा हूं ।

विश्वास – अप ऐसे ना बोले पिताजी मै आपको कुछ नही होने दूंगा अप मेरे साथ आज ही यूएसए चलिए आपका इलाज वहां कराएंगे ।

पिताजी – नही बेटे मेरा सफर यहीं तक था अब इस गाड़ी को तुझे हो संभालना है और तुझे ही चलाना है । कामिनी तुम बाहर जाओ मुझे मेरे बेटे से अकेले में बात करनी है ।

कामिनी – मै क्यों कही जाऊं तुम मेरे पति हो और वीर हमारा बेटा पराया ये है ये जाएगा यहां से ।

पिताजी – देखो कामिनी मै प्यार से बोल रहा हूं जाओ तो जाओ कही मैने सच बता दिया कोन अपना है और कोन पराया तो तुम और हमारा वीर सुन नही पाओगे ये तुम भी जानती हो वो किस साइड है । अच्छा होगा तुम हमे अकेला छोड़ दो 19 साल से मै अपने बेटे से अलग हूं सिर्फ तुम्हारे कारण ।

कामिनी – अभी तो जाति हूं आएगा तो ये भी घर पर ही ना और घर मेरे कंट्रोल में है ।

कामिनी चली गई

पिताजी – बेटे इस पल के बाद जो भी होगा जो भी मेने तुम्हारे लिए सोचा है उसे स्वीकार कर लेना और अपने अधिकार किसी को मत देना जो तुम्हारा है । जिम्मेदारियों से भागना मत उन्हें पूरा करना तुम्हारी सहायता के लिए बोहोत लोग है यहां और बोहोत लोगो से तुम्हे बचके रहना पड़ेगा । लोग तुम पर दबाव डालेंगे तुम्हे इमोशनल करेंगे ताकि तुम झुक जाओ और सब उनके हाथ लग जाए पर तुम्हे अब किसी के आगे भी नही झुकना है । दुनिया को तुम्हारे आगे झुकना होगा ।

विश्वास – पिताजी वीर का क्या उसका भी तो हक है सब चीजों पर ।

पिताजी – ये फैसला मैने उससे पूछकर और उसे बता कर और उसको पास बिठा कर ही लिया है । वो मेरे हर फैसले से खुश भी है और मेरे साथ भी है । वो मुझसे ज्यादा तुम्हे मानता है प्यार करता है । जब वो और बड़ा हो जाए और घर संभालने लायक हो जाए तो जो तू उसे देना चाहे देदे तुझे पूरी छूट है । तब तक तुझे ही सब देखना है । मेरे पूरे परिवार को घर बनाने की जिम्मेदारी तेरी है । बिजनेस की पूरी जानकारी तुझे वहां जाके ही पता लगेगी ।

ये सब बोलते बोलते पिताजी की सांसे फूलने लगी और उनकी धड़कन रुक गई । मैने डॉक्टर को बुलाया तो उसने कहा की अब वो हमारे बीच नहीं रहे । मै वहां से बॉडी एंबुलेंस में डलवा के घर ले आया । फिर मैने और मेरे भाई ने मिल कर पिताजी को विदा किया और सब लोग घर आ आगए ।


NICE START :congrats: FOR NEW THREAD
 
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विनोद – पिताजी (60)

कामिनी – सौतेली मां (42)

मोहिनी – सगी बहन (36)

महेश – जीजा जी (40)

वैशाली – सगी बहन (30)

वीर – सौतेला भाई (18)

विश्वास – मै (24)

कोमल – चाची (48)

विशाल – चाची जी का बड़ा बेटा (30)

रनुका – विशाल की पत्नी (28)

राधिका – चाची की बड़ी बेटी (28)

मोहन – राधिका का पति (28)

नमिता – चाची की छोटी बेटी (24)

राणा – पिताजी और मेरा वफादार

ज्योति – राणा की वाइफ

सारा – राणा की बेटी और मेरी सबसे अच्छी दोस्त मेरी हमराज मेरी डॉक्टर भी । (26)

घर पर अभी इतने ही लोग है पर कहानी में और भी किरदार है जैसे जैसे वो आते जाएंगे आपको उनसे मिलता जाऊंगा ।
NICE INTRO
 
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अपडेट – 1

पिताजी के जाने के बाद 13 दिन तक सारी रस्में करने के बाद मै राणा अंकल के घर चला जाया करता था । मुझे पता था के इस घर में रहकर सिर्फ कलेश ही होना है । 13 दिन होने के बाद पिताजी की वकील घर अति है । पिताजी की वसीयत पड़ने ।

देवयानी – आज घर पर सभी लोग मौजूद है । मै Mr.कौशिक की वकील उनकी लीगल एडवाइजर Mrs. देवयानी जोशी हूं । सर चाहते थे की उनकी वसीयत सबके सामने पड़ी जाए । जिसको भी इस वसीयत से कोई भी अप्पति हो वो अगेंस्ट में केस कर सकता है । उसे पूरी आजादी है । लेकिन एक शर्त ये है की अगर वो ये केस हारा तो उसे कुछ भी नही मिलेगा और उसे ये घर भी छोड़ के जाना होगा ।

कामिनी – वसीयत क्या पड़नी है वकील साहिबा पिता के जाने के बाद सब कुछ बेटे का ही हो जाता है और Mr.कौशिक का भी सब कुछ उनके बाद वीर का ही होगा और किसी को उससे कोई ऐतराज भी नही है और ना होना चाहिए ।

देवयानी – अप सही कह रही है Mrs. कौशिक । Mr. कौशिक जी अपना सब कुछ अपने बेटे के ही नाम करके गए है लेकिन छोटे बेटे नही बड़े बेटे विश्वास के नाम पर और मै आशा करती हूं इससे ना किसी को कोई ऐतराज है ना ही होना चाहिए । अगर किसी को कोई भी एतराज हो तो हम उसे कोर्ट में मिलने के लिए भी त्यार है ।

कामिनी – ऐसा कैसे हो सकता है । हमारे साथ इतना बड़ा धोका नही कर सकते वो उन्हें इसका कोई हक नही है । जो मेरे बेटे का है उसे मै किसी और का नही होने दूंगी ।

वीर – मां शांत हो जाओ मुझे कुछ नही चाहिए ये सब कुछ जिसका था उसे मिल गया ।

कामिनी – तू चुप कर तू कुछ नही जानता तू अभी छोटा है एक बार सब हाथ से निकल गया तो फिर कभी कुछ नही मिलेगा पहले इसने मेरी जिंदगी खराब की मुझे कभी अपने पति का सुख मिला और अब ये फिर आ गया है मेरे बेटे की जिंदगी खराब करने ।

देवयानी – देखिए ये आपका फैमिली मैटर है इसमें मै कुछ नही कर सकती लेकिन कुछ भी करने से पहले ये वीडियो देख लें।

उस वीडियो में पिताजी अपनी वसीयत बनवा रहे थे । वीर उनके साथ ही बैठा था । ये सब उसकी निगरानी में ही हुआ है । ये वीडियो देख कर कामिनी को चक्कर आने लगे की उसका खुद का बेटा ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन निकला । फिर देवयानी मुझे वसीयत दे गई साइन करने को और बिजनेस की सारी जानकारी वो मुझे ऑफिस में ही देगी बोल कर वो चली गई । अब ये घर छोड़ के जाना ठीक नही था । शायद इसी दिन के लिए पिताजी मुझे त्यार कर रहे थे । मै व्हील चेयर पर था तो मेरा कमरा राणा अंकल ने और वीर ने नीचे ही सेट करवा दिया । देवयानी के जाने के बाद मै भी अपने रूम में चला गया । अभी मै व्हीलचेयर से अपने बैड पर आकर कुछ देर आराम करने लगा ही था की दरवाजे पे किसी ने दस्तक दी ।

विश्वास – कोन है अंदर आजाओ ।

मोहिनी – कैसा है भाई । 19 साल बाद तुझे देख रही हूं बोहोत बड़ा हो गया है ।

विश्वास – सिर्फ हाल चाल ही लेने तो नही आई हो अप दोनो को हाल चाल का ख्याल होता तो हम संपर्क में होते हाल चाल का ख्याल होता तो तुम दोनो मुझे जाने नही देती । या कबी तो मुझे बुलाती ।

मोहिनी – देख भाई मै नही जानती पिताजी ने क्या सोच कर ये फैसला लिया है पर घर का कोई भी सदस्य ये नही चाहता कोई भी इस फैसले से खुश नही है । भगवान ने तुझे इस काबिल नही बनाया है भाई की तू ये जिम्मेदारी ले सके । हम सब यही चाहते है की जैसा चल रहा है चलने दे और तू यूएसए लौट जाए और सब कुछ वीर को दे जाए ।

विश्वास – अप दोनो को तो बनाया है भगवान ने इस लायक की अप घर और बिजनेस दोनो देख सके । तो तुम दोनो को पिताजी ने इस लायक क्यों नही समझा । भगवान ने मुझे लायक बनाया हो या ना बनाया हो मेरे पिताजी ने मुझे इस लायक बनाया है की जो जिम्मेदारी मुझे दी है मै उसे निभाऊंगा । अगर अप मेरी बहन बन कर आई है तो हम बात कर सकते है और अगर अप उस औरत की बेटी बन कर आए हो तो अप जा सकती हो मुझे आराम करना है ।

वैशाली – शर्म नही अति अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करते हुए । तू जानता ही क्या हमारे बारे में जो आगया हम पर राज करने के लिए इतनी मुश्किल से तुझसे पीछा छूटा था और तू फेर आगया हमारी जिंदगी में जहर घोलने । पैदा होते ही हमारी मां छीनली दूसरी मां आई तो तेरी वजह से हमें उसका प्यार नही मिला अभी कुछ ठीक होने लगा ही था की तू फेर वापिस आ गया अब फिर वही कलेश होगा घर में । चलो दीदी यहां से जब पिताजी ने ही कभी हमारे बारे में नहीं सोचा तो इससे क्या उम्मीद रखे ।

मोहिनी – तू ख्याल रख अपना और खुश रह और सोच उसके बारे में जो मैने कहा है इसी में हम सब की भलाई है ।

फिर वो दोनो कमरे से चली गई उनके जाने के बाद मुझे इतना रोना आ रहा था के मेरी तबियत खराब हो गई और मुझे सारा को कॉल करके बुलाना पड़ा । मुझे नही पता था जब पिताजी ने कहा था के अपने तुझे इमोशनल करके सब छोड़ ने को कहेंगे तो उनका मतलब मेरी खुद की सगी बहनों से था । थोड़ी ही देर में मुझे हॉस्पिटल लेजाया गया जहां मुझे इंजेक्शन लगा और मै रेस्ट करने लगा हमने डिसाइड किया की आज रात मै हॉस्पिटल में ही ऑब्जर्वेशन में रहुंगा और सुबह सीधा ऑफिस जाऊंगा । सुबह मेरी आंख खुली मैने ब्रेकफास्ट किया और ऑफिस के लिए त्यार हो गया ।

राणा – तुम ये सब करना चाहते हो कल के बाद जो भी हुआ उसके बाद भी एक बार सोच लो मेरे लिए तुम्हारी तबियत से ज्यादा कुछ नही है ।

विश्वास – अप चिंता ना करे अंकल मै ठीक हूं । पिताजी यही चाहते थे और पूरी दुनिया यही चाहती है की मै पीछे हट जाऊं । मुझे अब ये करना ही है । अब आपको डिसाइड करना है अप मेरे साथ है या दुनिया के साथ ।

राणा – मै तो मरते दम तक तुम्हारे साथ हु बेटा ।

विश्वास – मारे आपके दुश्मन अजके बाद मरने की बात ना करना मेरा इस दुनिया में अब आपके सिवा कोई नही है ।

राणा – अच्छा चलो ऑफिस के लिए लेट हो रहा है ।

फिर हम दोनो 9 बजे ऑफिस के लिए निकल गए । मुझे यहां की कार में एडजस्ट होने में मुश्किल हो रही थी तो राणा अंकल ने यूएसए से मेरी पर्सनल मोडिफाइड कार मंगवा ली थी जिसे मै खुद ड्राइव कर सकता हूं । सुबह मै और राणा अंकल उसी कार में ऑफिस की ओर निकल गए । वहां पोहुचे तो कुछ लोग मुझे देख के पीठ पीछे मुस्कुरा रहे थे तो कोई मुझे दया भरी नजरों से देख रहा था । मै सीधा जाके पिताजी के केबिन में बैठ गया जहां अब मेरा नाम लिखा हुआ था ।

विश्वास – राणा अंकल यहां से मै संभाल लूंगा अप जाइए और मेरे लिए एक अच्छा जिम ढूंढिए उनको मेरे कंडीशन के बारे में सब समझा दीजिए और कोई जरूरत होती है तो मै आपको कॉल करता हूं ।

राणा – ठीक है बेटा मै जाता हूं अपना ख्याल रखना ।

राणा के जाने के बाद मेरे केबिन में पिताजी की पी.ए आई miss. मालिनी है ये 45 साल की दिखने में 30 की लगती हैं इनके पति पिताजी के दोस्त थे उनकी डेथ के बाद मालिनी को पिताजी की पी.ए की पोस्ट मिल गई थी । इनकी एक बेटी है । वो 24 साल की है । वो भी इसी कंपनी में काम करती है ।

मालिनी – गुड मॉर्निंग सर Mr. कौशिक के बारे में सुन के बोहोत दुख हुआ बोहोत ही भले इंसान थे वो ।

विश्वास – अप कोन आपका परिचय ।

मालिनी – मै आपके पिताजी की पी.ए थी आज से आपकी पी.ए हूं । सर ने बताया था कि उनका बेटा अब ये कुर्सी संभालेगा मुझे लगा वीर बाबा है । पहले कभी आपको देखा नही था न आपके बारे में सुना था ।

विश्वास – अब तो देख भी लिया है और सुन भी लिया है अपने मुझे और मै आशा करता हूं के अप मेरे प्रति भी वैसे ही रहेंगी जैसे पिताजी के साथ थी ।

मालिनी – अप चिंता ना करे मै आपके साथ हूं आपको कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो मै बस एक कॉल दूर ।

विश्वास – चलो फिर थोड़ा मुझे बिजनेस के बारे में बताओ हम क्या करते है । कहां कहां करते है । किसके साथ करते है ।

कामिनी – जी सर वो तो ठीक है पर आपकी वकील आपसे मिलने आई है ।

विश्वास – अंदर भेजिए उन्हें ।

थोड़ी देर में देवयानी मेरे केबिन में आई ।

विश्वास – आइए देवयानी जी बैठिए । कामिनी जी ये कुछ जरूरी मीटिंग है जब तक मै ना बुलाऊ कोई अंदर नही आना चाहिए । कोई मतलब कोई भी नही ।

मालिनी – जी सर कोई काम हो तो कॉल करलें ।

फिर मालिनी चली गई

विश्वास – जी देवयानी जी बताओ कहां साइन करने है ।

देवयानी – कल जो पेपर दिए थे दीजिए मुझे अपने वो पड़े

विश्वास – नही मै कल थोड़ा डिस्टर्ब था तो रीड नही कर पाया लाइए मै साइन कर देता हूं।

देवयानी – इतनी भी क्या जल्दी है पहले अपने पिताजी की दी हुई वसीयत पड़ तो ले कल तो मैने अधि ही वसीयत पड़ी थी मुझे राणा जी ने कहा था के कुछ भाग सिर्फ विश्वास ही पड़े ।

विश्वास – ऐसा क्या लिखा है ।

देवयानी – इसमें लिखा है की आपको 1 साल के अंदर अंदर शादी करनी पड़ेगी तब जाके ही लीगल तरह से सब तुम्हारा होगा । तब तक तुम बस केयर टेकर ही हो इस अंपायर के मालिक नही ।

विश्वास – बस एक यही एक चीज है जो मै नही कर सकता वो है शादी । मै शादी करके किसी की जिंदगी बरबाद नही कर सकता ।

देवयानी – सोच लीजिए आपके पास एक साल का वक्त है उसके बाद अप ये प्रॉपर्टी संभालने लायक नही रहोगे और ये सारी प्रॉपर्टी कामिनी के नाम हो जाएगी बिना किसी शर्त के ।

देवयानी – लो यहां साइन करो और संभालो अपना अंपायर ।

मैने घर और बिजनेस के पेपर पर साइन करे

विश्वास – मेरी एक रिक्वेस्ट है ।

देवयानी – बोलिए मै सुन रही हूं ।

विश्वास – 1 साल तक अप ये वसीयत वाला राज किसी से भी शेयर नही करोगी किसी को भी ये पता नही लगना चाहिए ।

देवयानी – डोंट वरी सर अप मेरे क्लाइंट हो और क्लाइंट की प्राइवेसी हमारे लिए सबसे ऊपर है 1 साल तक ये बात किसी को पता नही लगेगी मेरी तरफ से ।

विश्वास – थैंक्यू देवयानी जी । आशा करता फ्यूचर में भी एक दूसरे के एसे ही काम आएंगे ।

देवयानी – अप मोका देंगे तो जरूर ।

फिर देवयानी ऑफिस से चली गई ।
 
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पिताजी के जाने के बाद 13 दिन तक सारी रस्में करने के बाद मै राणा अंकल के घर चला जाया करता था । मुझे पता था के इस घर में रहकर सिर्फ कलेश ही होना है । 13 दिन होने के बाद पिताजी की वकील घर अति है । पिताजी की वसीयत पड़ने ।

देवयानी – आज घर पर सभी लोग मौजूद है । मै Mr.कौशिक की वकील उनकी लीगल एडवाइजर Mrs. देवयानी जोशी हूं । सर चाहते थे की उनकी वसीयत सबके सामने पड़ी जाए । जिसको भी इस वसीयत से कोई भी अप्पति हो वो अगेंस्ट में केस कर सकता है । उसे पूरी आजादी है । लेकिन एक शर्त ये है की अगर वो ये केस हारा तो उसे कुछ भी नही मिलेगा और उसे ये घर भी छोड़ के जाना होगा ।

कामिनी – वसीयत क्या पड़नी है वकील साहिबा पिता के जाने के बाद सब कुछ बेटे का ही हो जाता है और Mr.कौशिक का भी सब कुछ उनके बाद वीर का ही होगा और किसी को उससे कोई ऐतराज भी नही है और ना होना चाहिए ।

देवयानी – अप सही कह रही है Mrs. कौशिक । Mr. कौशिक जी अपना सब कुछ अपने बेटे के ही नाम करके गए है लेकिन छोटे बेटे नही बड़े बेटे विश्वास के नाम पर और मै आशा करती हूं इससे ना किसी को कोई ऐतराज है ना ही होना चाहिए । अगर किसी को कोई भी एतराज हो तो हम उसे कोर्ट में मिलने के लिए भी त्यार है ।

कामिनी – ऐसा कैसे हो सकता है । हमारे साथ इतना बड़ा धोका नही कर सकते वो उन्हें इसका कोई हक नही है । जो मेरे बेटे का है उसे मै किसी और का नही होने दूंगी ।

वीर – मां शांत हो जाओ मुझे कुछ नही चाहिए ये सब कुछ जिसका था उसे मिल गया ।

कामिनी – तू चुप कर तू कुछ नही जानता तू अभी छोटा है एक बार सब हाथ से निकल गया तो फिर कभी कुछ नही मिलेगा पहले इसने मेरी जिंदगी खराब की मुझे कभी अपने पति का सुख मिला और अब ये फिर आ गया है मेरे बेटे की जिंदगी खराब करने ।

देवयानी – देखिए ये आपका फैमिली मैटर है इसमें मै कुछ नही कर सकती लेकिन कुछ भी करने से पहले ये वीडियो देख लें।

उस वीडियो में पिताजी अपनी वसीयत बनवा रहे थे । वीर उनके साथ ही बैठा था । ये सब उसकी निगरानी में ही हुआ है । ये वीडियो देख कर कामिनी को चक्कर आने लगे की उसका खुद का बेटा ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन निकला । फिर देवयानी मुझे वसीयत दे गई साइन करने को और बिजनेस की सारी जानकारी वो मुझे ऑफिस में ही देगी बोल कर वो चली गई । अब ये घर छोड़ के जाना ठीक नही था । शायद इसी दिन के लिए पिताजी मुझे त्यार कर रहे थे । मै व्हील चेयर पर था तो मेरा कमरा राणा अंकल ने और वीर ने नीचे ही सेट करवा दिया । देवयानी के जाने के बाद मै भी अपने रूम में चला गया । अभी मै व्हीलचेयर से अपने बैड पर आकर कुछ देर आराम करने लगा ही था की दरवाजे पे किसी ने दस्तक दी ।

विश्वास – कोन है अंदर आजाओ ।

मोहिनी – कैसा है भाई । 19 साल बाद तुझे देख रही हूं बोहोत बड़ा हो गया है ।

विश्वास – सिर्फ हाल चाल ही लेने तो नही आई हो अप दोनो को हाल चाल का ख्याल होता तो हम संपर्क में होते हाल चाल का ख्याल होता तो तुम दोनो मुझे जाने नही देती । या कबी तो मुझे बुलाती ।

मोहिनी – देख भाई मै नही जानती पिताजी ने क्या सोच कर ये फैसला लिया है पर घर का कोई भी सदस्य ये नही चाहता कोई भी इस फैसले से खुश नही है । भगवान ने तुझे इस काबिल नही बनाया है भाई की तू ये जिम्मेदारी ले सके । हम सब यही चाहते है की जैसा चल रहा है चलने दे और तू यूएसए लौट जाए और सब कुछ वीर को दे जाए ।

विश्वास – अप दोनो को तो बनाया है भगवान ने इस लायक की अप घर और बिजनेस दोनो देख सके । तो तुम दोनो को पिताजी ने इस लायक क्यों नही समझा । भगवान ने मुझे लायक बनाया हो या ना बनाया हो मेरे पिताजी ने मुझे इस लायक बनाया है की जो जिम्मेदारी मुझे दी है मै उसे निभाऊंगा । अगर अप मेरी बहन बन कर आई है तो हम बात कर सकते है और अगर अप उस औरत की बेटी बन कर आए हो तो अप जा सकती हो मुझे आराम करना है ।

वैशाली – शर्म नही अति अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करते हुए । तू जानता ही क्या हमारे बारे में जो आगया हम पर राज करने के लिए इतनी मुश्किल से तुझसे पीछा छूटा था और तू फेर आगया हमारी जिंदगी में जहर घोलने । पैदा होते ही हमारी मां छीनली दूसरी मां आई तो तेरी वजह से हमें उसका प्यार नही मिला अभी कुछ ठीक होने लगा ही था की तू फेर वापिस आ गया अब फिर वही कलेश होगा घर में । चलो दीदी यहां से जब पिताजी ने ही कभी हमारे बारे में नहीं सोचा तो इससे क्या उम्मीद रखे ।

मोहिनी – तू ख्याल रख अपना और खुश रह और सोच उसके बारे में जो मैने कहा है इसी में हम सब की भलाई है ।

फिर वो दोनो कमरे से चली गई उनके जाने के बाद मुझे इतना रोना आ रहा था के मेरी तबियत खराब हो गई और मुझे सारा को कॉल करके बुलाना पड़ा । मुझे नही पता था जब पिताजी ने कहा था के अपने तुझे इमोशनल करके सब छोड़ ने को कहेंगे तो उनका मतलब मेरी खुद की सगी बहनों से था । थोड़ी ही देर में मुझे हॉस्पिटल लेजाया गया जहां मुझे इंजेक्शन लगा और मै रेस्ट करने लगा हमने डिसाइड किया की आज रात मै हॉस्पिटल में ही ऑब्जर्वेशन में रहुंगा और सुबह सीधा ऑफिस जाऊंगा । सुबह मेरी आंख खुली मैने ब्रेकफास्ट किया और ऑफिस के लिए त्यार हो गया ।

राणा – तुम ये सब करना चाहते हो कल के बाद जो भी हुआ उसके बाद भी एक बार सोच लो मेरे लिए तुम्हारी तबियत से ज्यादा कुछ नही है ।

विश्वास – अप चिंता ना करे अंकल मै ठीक हूं । पिताजी यही चाहते थे और पूरी दुनिया यही चाहती है की मै पीछे हट जाऊं । मुझे अब ये करना ही है । अब आपको डिसाइड करना है अप मेरे साथ है या दुनिया के साथ ।

राणा – मै तो मरते दम तक तुम्हारे साथ हु बेटा ।

विश्वास – मारे आपके दुश्मन अजके बाद मरने की बात ना करना मेरा इस दुनिया में अब आपके सिवा कोई नही है ।

राणा – अच्छा चलो ऑफिस के लिए लेट हो रहा है ।

फिर हम दोनो 9 बजे ऑफिस के लिए निकल गए । मुझे यहां की कार में एडजस्ट होने में मुश्किल हो रही थी तो राणा अंकल ने यूएसए से मेरी पर्सनल मोडिफाइड कार मंगवा ली थी जिसे मै खुद ड्राइव कर सकता हूं । सुबह मै और राणा अंकल उसी कार में ऑफिस की ओर निकल गए । वहां पोहुचे तो कुछ लोग मुझे देख के पीठ पीछे मुस्कुरा रहे थे तो कोई मुझे दया भरी नजरों से देख रहा था । मै सीधा जाके पिताजी के केबिन में बैठ गया जहां अब मेरा नाम लिखा हुआ था ।

विश्वास – राणा अंकल यहां से मै संभाल लूंगा अप जाइए और मेरे लिए एक अच्छा जिम ढूंढिए उनको मेरे कंडीशन के बारे में सब समझा दीजिए और कोई जरूरत होती है तो मै आपको कॉल करता हूं ।

राणा – ठीक है बेटा मै जाता हूं अपना ख्याल रखना ।

राणा के जाने के बाद मेरे केबिन में पिताजी की पी.ए आई miss. मालिनी है ये 45 साल की दिखने में 30 की लगती हैं इनके पति पिताजी के दोस्त थे उनकी डेथ के बाद मालिनी को पिताजी की पी.ए की पोस्ट मिल गई थी । इनकी एक बेटी है । वो 24 साल की है । वो भी इसी कंपनी में काम करती है ।

मालिनी – गुड मॉर्निंग सर Mr. कौशिक के बारे में सुन के बोहोत दुख हुआ बोहोत ही भले इंसान थे वो ।

विश्वास – अप कोन आपका परिचय ।

मालिनी – मै आपके पिताजी की पी.ए थी आज से आपकी पी.ए हूं । सर ने बताया था कि उनका बेटा अब ये कुर्सी संभालेगा मुझे लगा वीर बाबा है । पहले कभी आपको देखा नही था न आपके बारे में सुना था ।

विश्वास – अब तो देख भी लिया है और सुन भी लिया है अपने मुझे और मै आशा करता हूं के अप मेरे प्रति भी वैसे ही रहेंगी जैसे पिताजी के साथ थी ।

मालिनी – अप चिंता ना करे मै आपके साथ हूं आपको कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो मै बस एक कॉल दूर ।

विश्वास – चलो फिर थोड़ा मुझे बिजनेस के बारे में बताओ हम क्या करते है । कहां कहां करते है । किसके साथ करते है ।

कामिनी – जी सर वो तो ठीक है पर आपकी वकील आपसे मिलने आई है ।

विश्वास – अंदर भेजिए उन्हें ।

थोड़ी देर में देवयानी मेरे केबिन में आई ।

विश्वास – आइए देवयानी जी बैठिए । कामिनी जी ये कुछ जरूरी मीटिंग है जब तक मै ना बुलाऊ कोई अंदर नही आना चाहिए । कोई मतलब कोई भी नही ।

मालिनी – जी सर कोई काम हो तो कॉल करलें ।

फिर मालिनी चली गई

विश्वास – जी देवयानी जी बताओ कहां साइन करने है ।

देवयानी – कल जो पेपर दिए थे दीजिए मुझे अपने वो पड़े

विश्वास – नही मै कल थोड़ा डिस्टर्ब था तो रीड नही कर पाया लाइए मै साइन कर देता हूं।

देवयानी – इतनी भी क्या जल्दी है पहले अपने पिताजी की दी हुई वसीयत पड़ तो ले कल तो मैने अधि ही वसीयत पड़ी थी मुझे राणा जी ने कहा था के कुछ भाग सिर्फ विश्वास ही पड़े ।

विश्वास – ऐसा क्या लिखा है ।

देवयानी – इसमें लिखा है की आपको 1 साल के अंदर अंदर शादी करनी पड़ेगी तब जाके ही लीगल तरह से सब तुम्हारा होगा । तब तक तुम बस केयर टेकर ही हो इस अंपायर के मालिक नही ।

विश्वास – बस एक यही एक चीज है जो मै नही कर सकता वो है शादी । मै शादी करके किसी की जिंदगी बरबाद नही कर सकता ।

देवयानी – सोच लीजिए आपके पास एक साल का वक्त है उसके बाद अप ये प्रॉपर्टी संभालने लायक नही रहोगे और ये सारी प्रॉपर्टी कामिनी के नाम हो जाएगी बिना किसी शर्त के ।

देवयानी – लो यहां साइन करो और संभालो अपना अंपायर ।

मैने घर और बिजनेस के पेपर पर साइन करे

विश्वास – मेरी एक रिक्वेस्ट है ।

देवयानी – बोलिए मै सुन रही हूं ।

विश्वास – 1 साल तक अप ये वसीयत वाला राज किसी से भी शेयर नही करोगी किसी को भी ये पता नही लगना चाहिए ।

देवयानी – डोंट वरी सर अप मेरे क्लाइंट हो और क्लाइंट की प्राइवेसी हमारे लिए सबसे ऊपर है 1 साल तक ये बात किसी को पता नही लगेगी मेरी तरफ से ।

विश्वास – थैंक्यू देवयानी जी । आशा करता फ्यूचर में भी एक दूसरे के एसे ही काम आएंगे ।

देवयानी – अप मोका देंगे तो जरूर ।

फिर देवयानी ऑफिस से चली गई ।
wow very nice superb update
 
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थोड़ी देर में मैने मालिनी को कॉल किया । थोड़ी देर में मालिनी आजाती है ।

मालिनी – अपने बुलाया सर ।

विश्वास – आओ बैठो ।

मालिनी – जी सर ।

विश्वास – पहली बात तो अप मुझे विश्वास कह कर बुलाइए मै आपसे छोटा हूं । सबके सामने अप फॉर्मेलिटी पूरी करे अकेले में नही ।

मालिनी – ओके विश्वास बताइए क्या कर सकती हूं मै आपके लिए ।

विश्वास – मुझे सारी जानकारी चाहिए अपने बिजनेस की । सभी एम्प्लॉय की कोन वफादार है कोन बस अपनी सोचता है ।

मालिनी – सर मै चाहती हूं की आपको ये सारी जानकारी Miss. दिव्या दे उनको आपके पिताजी ने इसी काम के लिए रखा था की वो सब पर नजर रख सके बाहर से भी और अंदर से भी ।

विश्वास – बुलाइए उन्हें और साथ ही सब डिटेल्स भी लेके आने को बोलिए ।

मालिनी – जी सर ।

मालिनी कॉल करके दिव्या को बुलाती है । तभी थोड़ी देर में डोर नोक हुआ ।

विश्वास – प्लीज कम इन ।

दिव्या – गुड मॉर्निंग सर ।

विश्वास – प्लीज हैव आ सीट दिव्या जी ।

दिव्या – थैंक्यू सर ।

मालिनी – दिव्या जो भी जानकारी तुम्हारे पास है वो सर को देदो ।

दिव्या – बताइए सर क्या जानना है आपको ।

विश्वास – हम क्या करते है ।

दिव्या – सर हमारा हैंड लूम और डिजाइनर कोल्थ्स का बिजनेस है । हम रॉ मैटेरियल भी देते है और मैन्युफैक्चर भी करते है और पूरे नॉर्थ बेल्ट पर हमारे शोरूम है । हमारा विजन है की लोगो को कम से कम दाम में फैशनेबल कपड़े मिले ।

विश्वास – नाइस ।

तभी दिव्या शांत हो गई और उदास सा चेहरा बना लिया मुझे तब कुछ भी पूछना ठीक नही लगा ।

विश्वास – और कुछ है जो अप बताना चाहती हो ।

दिव्या – अभी कुछ बताया ही कहां है ।

विश्वास – बोलिए मै सुन रहा हूं ।

दिव्या – आपके पिताजी 4 अलग अलग कंपनी में 45% के पार्टनर भी है । लेकिन जिनकी वो कंपनी है उन्हे वही चलाते है । आपके पिताजी कोई इंटरफेयर नही करते है ।

विश्वास – क्या हमें इंटरफेयर करना चाहिए ।

दिव्या – आपका पैसा लगा है अप मालिक है सबसे ज्यादा शेयर आपके पास है तो क्यों नही करना चाहिए इंटरफेयर ।

विश्वास – गुड । मालिनी जी 1 हफ्ते बाद सबसे मीटिंग फिक्स कीजिए । दिव्या तुम एक प्रेजेंटेशन त्यार करो हमें क्यों उनके साथ अभी भी काम करना चाहिए और क्यों नही और काम करने की हमारी क्या शर्ते होनी चाहिए ।

मालिनी – जी सर

दिव्या – जी सर

विश्वास – दिव्या ये कंपनियां है किस चीज की ।

दिव्या – सर होटल , कंस्ट्रक्शन , कॉस्मेटिक्स , और लीगल फार्म ।
विश्वास – क्या मेरी वकील भी उसी फार्म से है ।

दिव्या – जी सर । सर ये लीजिए पेनड्राइव इसमें सबकी कुंडली है । कोन दुश्मन कोन दोस्त । कोन दोस्त का दुश्मन कोन दुश्मन का दोस्त और दुश्मन का दुश्मन सब इस पेनड्राइव में है ।

विश्वास – अच्छा काम किया तुमने अब तुम थोड़ी देर के लिए बाहर जाओ मुझे मालिनी से कुछ बात करनी है ।

फिर दिव्या चली गई और मै और मालिनी बात करने लगे ।

विश्वास – मालिनी जी अप आज ही पी ए की पोस्ट से रिजाइन करेंगी और अपनी जगह दिव्या को अपॉइंट करेंगी ।

मालिनी – मुझसे कोई गलती हुई है क्या सर ।

विश्वास – अरे नही नही मालिनी जी आपकी प्रमोशन हो रही है । अप आज से मेरे नीचे काम करेंगी सारे बिजनेस पर नजर रखेंगी । अप सीईओ होंगी ऑफिस की अप सिर्फ मुझे रिपोर्ट करेंगी और सब आपको । मुझे अभी अपनो पर इतना भरोसा नहीं है की किसी को ये पोस्ट संभालने को दे सकूं । अब अप जाइए और दिव्या को भेजिए मेरे पास । कल से अप अपनी पोस्ट संभालले । आज आपको रेस्ट कल से कर्म युद्ध शुरू अपनो से ही ।

मालिनी – थैंक्यू सो मच विश्वास जी अपने मुझे इस काबिल समझा ।
विश्वास – गुड लक अब जाइए दिव्या को भेजिए ।

दिव्या केबिन में आई ।

दिव्या – अपने बुलाया सर ।

विश्वास – मुबारक हो दिव्या जी आपका प्रमोशन हुआ है । अजसे अप मेरी पी ए है । आज से अप सिर्फ मुझे फॉलो करोगी और सिर्फ मुझे जवाब देगी ।

दिव्या – ये एहसान क्यों सर आपको मुझसे क्या चाहिए ।

विश्वास – इसका जवाब भी मिल जाएगा पर अभी नही अभी मुझे प्रमोशन की पार्टी चाहिए । कही लंच पर चले ।

दिव्या – चलिए सर ।

विश्वास – जाओ सबको बोले आज का हाफ डे है । पिताजी के शोक में । सबको कहो घर जाने को । आधे घंटे बाद मुझे रिसेप्शन पर मिलो । मै एक काम निपटके आता हूं ।

दिव्या – जी सर ।

विश्वास – डोंट कॉल मी सर । नाम से बुलाओ । हम सेम एज के है ।

दिव्या – ओके विश्वास ।

तभी मैने राणा अंकल को कॉल किया किया ।

विश्वास – हेलो अंकल ।

राणा – हां बेटा बोलो क्या हुआ ।

विश्वास – एक प्राइवेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी हायर करो मै एक लिस्ट दूंगा उनको मुझे उनकी और उनके पूरे परिवार की जन्म कुंडली चाहिए । अप 1 घंटे में ऑफिस आइए तब पूरा ऑफिस खाली होगा । अप ऑफिस के चप्पे चप्पे पर हिडेन कमरा लगवाइए और हर डेस्क के नीचे माइक ताकि जिसके रूम में जो भी बाते हो मुझे पता लगे और मॉनिटरिंग का सारा अरेंजमेंट मेरे केबिन में करवाइए । आपके पास एक रात का समय है । कल ऑफिस वैसा ही दिखना चाहिए जैसा था । बस उसकी आंखें और मुंह लगवा दीजिए । मेरे जिम का काम हो गया क्या बोहोत दिन हो गए है जिम करे तो शरीर अकड़ रहा है ।

राणा – तुम चिंता ना करो कल तक हो जाएगा जिम और इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का पता मै तुमको भेजता हूं ।

विश्वास – थैंक्यू अंकल ।

राणा – अच्छा अब इतना बड़ा हो गया है की थैंक्यू बोलेगा तू मिल फिर बताता हूं ।

राणा अंकल ने कॉल कट की ओर मै रिसेप्शन की ओर निकल गया । रिसेप्शन पर जाके मै दिव्या का वेट करने लगा थोड़ी देर बाद दिव्या आई पहले तो मुझे देख के चौंक गई और हैरानी से मुझे देखने लगी । वो कुछ बोल नहीं रही थी ।

विश्वास – चले दिव्या जी ।

दिव्या मुझे हेल्प करने आगे बड़ी तो मैंने हाथ से रोक दिया और बस साथ चलने को कहा । मै ड्राइविंग सीट पर और दिव्या मेरे बराबर में बैठ गई ।

विश्वास – चले ।

दिव्या – जी ।

विश्वास – वैसे जाना कहां है । मै इस शहर में नया हूं तो मुझे कोई अच्छी जगह नही पता ।

दिव्या – इसमें इतना क्या सोचना है आपका खुद का होटल है ना वहीं चलते है ।

विश्वास – जैसा तुमको ठीक लगे । वैसे तुम जब से मुझे ऐसे क्यों देखे जा रही हो । सब ठीक तो है ना ।

दिव्या – जी सर सब ठीक है । वो पहले आपको देख के लगा ही नहीं के अप ।

विश्वास – देखो दिव्या मै इंडिया 19 साल बाद आया हूं और एकदम अकेला हूं तुम मुझे अपना दोस्त समझोगी तो मै दोस्त हूं और ऐसे ही दया की भावना से देखोगी तो हम दोस्त नही बन सकते है । फिर हमारे बीच सिर्फ बॉस और एम्प्लॉय का रिश्ता ही रहेगा । चलो अब अपनी शक्ल ठीक करो और मुझे होटल का रास्ता बताओ ।

दिव्या – ओके विश्वास ।

फिर हम उसके बताए हुए एड्रेस पर पोहोचे ये एक आलीशान 5 स्टार होटल था ।

विश्वास – अप टेबल बुक कीजिए मै आता हूं कार पार्क करवा के ।
फिर दिव्या अंदर चली जाति है ।
रिसेप्शन पर ।

वर्कर – हांजी मै आपके लिए क्या कर सकता हूं ।

दिव्या – प्लीज बुक ए लग्जरी टेबल फॉर टू ।

वर्कर – ओके मैम प्लीज वेट किसके नाम से बुक करना है टेबल ।

दिव्या – Mr. कौशिक के नाम से कर दीजिए ।

वर्कर – अप वेट कीजिए आपकी वेटिंग चल रही है मैम ।

दिव्या – आपको पता है अप किसको वेट करने का बोल रहे हैं ।

वर्कर – कोई भी हो मैम यू हैव टू वेट ।
दिव्या – अप अपने मैनेजर को बुलाइए ।

वर्कर – कोई फायदा नही है मैम जो रूल है वो है ।

दिव्या – अप बुलाए अपने मैनेजर को ।

विश्वास – क्या हुआ दिव्या ।

दिव्या – सर ये आपको वेट करा रहे है । मैने मैनेजर को बुलाया है ।

विभा – हेलो मैम हेलो सर । मै क्या कर सकती हूं ।

दिव्या – हमने अपने लिए लग्जरी टेबल बुक की थी और ये बोल रहे है की वेटिंग है ।

विभा – रूल इस रूल इसमें मै कुछ नही कर सकती सॉरी फॉर इनकंविनियनस ।

दिव्या – तुम जानती हो किसे वेट करने को बोल रही हो । जाओ अपने मालिकों को बताओ Mr. कौशिक आए है ।

विभा – Mr. कौशिक ये क्या बोल रहे है अप उनकी तो अभी कुछ दिन पहले ही डेथ हुई है ।

दिव्या – हां वो इनके पिताजी थे । ये Mr. विश्वास कौशिक उनके उत्तर अधिकारी ।

विभा – जी मै अभी आती हूं ।
विभा सीधा होटल के मालिक की ओर चली गई ।

विभा – मैम एक प्रोब्लम हो गई है ।
प्रोमिला – क्या हो गया क्यों इतनी परेशान हो ।

विभा – मैम Mr. कौशिक आए है । उन्होंने लग्जरी टेबल बुक की थी और हमारे स्टाफ ने उनसे वेट करने को बोल दिया अब वो गुस्से में है ।

प्रोमिला – Mr. कौशिक तो अब इस दुनिया में नही है ।

विभा – हां मैम उनके बेटे आए हैं ।
प्रोमिला – अच्छा वीर बाबा आए हैं इसमें इतना डरने की बात नही है वो मेरे बेटे के दोस्त हैं वो समझ जाएगा ।
विभा – नही मैम वीर सर नही है विश्वास कौशिक है । Mr. कौशिक के बड़े बेटे और उनके उत्तराधिकारी है ।
प्रोमिला – ये क्या किया तुमने ।


जओ और एक गुलदस्ते के साथ एक माफी पत्र उनको दो और उनके लिए एक टेबल का इंतजाम करो । मै सब यहां मोनिटर से देख रही हूं कोई गड़बड़ ना हो ।

विभा – ओके मैडम ।

थोड़ी देर बाद विभा बाहर अति है । एक गुलदस्ता हाथ में लिए ।

विभा – आइए सर मैडम अपने स्टाफ की तरफ से मै आपसे माफी मांगती हूं । आइए आपकी टेबल रेडी है ।

दिव्या – चलिए सर ।

विश्वास – चलो ।

फिर हम टेबल पर बैठे । हमने खाना ऑर्डर किया ।

विश्वास – दिव्या सुबह से देख रहा हूं तुम परेशान लग रही हो । मुझे अपना दोस्त समझो और मुझे वो बताओ जो ऑफिस में नही बता पाई ।

दिव्या – सर मै क्या बताऊं आज अप नही आते तो मै रिजाइन करने वाली थी । यहां के हेड बोहोत बुरे हैं । मेरा शारीरिक लाभ उठाने की कोशिश की जाती है । रोज मै मना करती हूं तो मेरा करियर खराब करने की धमकी मिलती है ।

विश्वास – तुमने कभी पिताजी से शिकायत क्यों नही की ।

दिव्या – किसकी शिकायत करती विश्वास जी किसकी उनके भाई के बेटे की , उनके दामाद की या फिर तुम्हारे चाचा के दामाद की । हर कोई तो ऑफिस में काम करने वाली लड़कियों को खा जाने वाली नजरों से देखते है । बोहोत सी लड़कियों पर हाथ भी डाला है ।

विश्वास – अगर तुम्हारी बातों में ज़रा सी भी सच्चाई है तो उनको सजा मै खुद दिलवाऊंगा । मुझे सबूत इक्कठा करने दो । कल से जो होता है होने दो ताकि मै सबूत इकट्ठे कर सकूं । मुजपार भरोसा रखो तुम्हारे ऊपर कोई आंच नही आने दूंगा । सब एक प्लान के साथ होगा ।

दिव्या – मुझे बोहोत डर लगता है सर ।

विश्वास – तुम चिंता ना करो मै तुम्हारे साथ हूं ।


लंच करके हम होटल से निकल गए मैने दिव्या के साथ अपना पर्सनल नंबर शेयर किया फिर उसको घर ड्रॉप किया और निकल गया इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की ओर ।
 
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थोड़ी देर में मैने मालिनी को कॉल किया । थोड़ी देर में मालिनी आजाती है ।

मालिनी – अपने बुलाया सर ।

विश्वास – आओ बैठो ।

मालिनी – जी सर ।

विश्वास – पहली बात तो अप मुझे विश्वास कह कर बुलाइए मै आपसे छोटा हूं । सबके सामने अप फॉर्मेलिटी पूरी करे अकेले में नही ।

मालिनी – ओके विश्वास बताइए क्या कर सकती हूं मै आपके लिए ।

विश्वास – मुझे सारी जानकारी चाहिए अपने बिजनेस की । सभी एम्प्लॉय की कोन वफादार है कोन बस अपनी सोचता है ।

मालिनी – सर मै चाहती हूं की आपको ये सारी जानकारी Miss. दिव्या दे उनको आपके पिताजी ने इसी काम के लिए रखा था की वो सब पर नजर रख सके बाहर से भी और अंदर से भी ।

विश्वास – बुलाइए उन्हें और साथ ही सब डिटेल्स भी लेके आने को बोलिए ।

मालिनी – जी सर ।

मालिनी कॉल करके दिव्या को बुलाती है । तभी थोड़ी देर में डोर नोक हुआ ।

विश्वास – प्लीज कम इन ।

दिव्या – गुड मॉर्निंग सर ।

विश्वास – प्लीज हैव आ सीट दिव्या जी ।

दिव्या – थैंक्यू सर ।

मालिनी – दिव्या जो भी जानकारी तुम्हारे पास है वो सर को देदो ।

दिव्या – बताइए सर क्या जानना है आपको ।

विश्वास – हम क्या करते है ।

दिव्या – सर हमारा हैंड लूम और डिजाइनर कोल्थ्स का बिजनेस है । हम रॉ मैटेरियल भी देते है और मैन्युफैक्चर भी करते है और पूरे नॉर्थ बेल्ट पर हमारे शोरूम है । हमारा विजन है की लोगो को कम से कम दाम में फैशनेबल कपड़े मिले ।

विश्वास – नाइस ।

तभी दिव्या शांत हो गई और उदास सा चेहरा बना लिया मुझे तब कुछ भी पूछना ठीक नही लगा ।

विश्वास – और कुछ है जो अप बताना चाहती हो ।

दिव्या – अभी कुछ बताया ही कहां है ।

विश्वास – बोलिए मै सुन रहा हूं ।

दिव्या – आपके पिताजी 4 अलग अलग कंपनी में 45% के पार्टनर भी है । लेकिन जिनकी वो कंपनी है उन्हे वही चलाते है । आपके पिताजी कोई इंटरफेयर नही करते है ।

विश्वास – क्या हमें इंटरफेयर करना चाहिए ।

दिव्या – आपका पैसा लगा है अप मालिक है सबसे ज्यादा शेयर आपके पास है तो क्यों नही करना चाहिए इंटरफेयर ।

विश्वास – गुड । मालिनी जी 1 हफ्ते बाद सबसे मीटिंग फिक्स कीजिए । दिव्या तुम एक प्रेजेंटेशन त्यार करो हमें क्यों उनके साथ अभी भी काम करना चाहिए और क्यों नही और काम करने की हमारी क्या शर्ते होनी चाहिए ।

मालिनी – जी सर

दिव्या – जी सर

विश्वास – दिव्या ये कंपनियां है किस चीज की ।

दिव्या – सर होटल , कंस्ट्रक्शन , कॉस्मेटिक्स , और लीगल फार्म ।
विश्वास – क्या मेरी वकील भी उसी फार्म से है ।

दिव्या – जी सर । सर ये लीजिए पेनड्राइव इसमें सबकी कुंडली है । कोन दुश्मन कोन दोस्त । कोन दोस्त का दुश्मन कोन दुश्मन का दोस्त और दुश्मन का दुश्मन सब इस पेनड्राइव में है ।

विश्वास – अच्छा काम किया तुमने अब तुम थोड़ी देर के लिए बाहर जाओ मुझे मालिनी से कुछ बात करनी है ।

फिर दिव्या चली गई और मै और मालिनी बात करने लगे ।

विश्वास – मालिनी जी अप आज ही पी ए की पोस्ट से रिजाइन करेंगी और अपनी जगह दिव्या को अपॉइंट करेंगी ।

मालिनी – मुझसे कोई गलती हुई है क्या सर ।

विश्वास – अरे नही नही मालिनी जी आपकी प्रमोशन हो रही है । अप आज से मेरे नीचे काम करेंगी सारे बिजनेस पर नजर रखेंगी । अप सीईओ होंगी ऑफिस की अप सिर्फ मुझे रिपोर्ट करेंगी और सब आपको । मुझे अभी अपनो पर इतना भरोसा नहीं है की किसी को ये पोस्ट संभालने को दे सकूं । अब अप जाइए और दिव्या को भेजिए मेरे पास । कल से अप अपनी पोस्ट संभालले । आज आपको रेस्ट कल से कर्म युद्ध शुरू अपनो से ही ।

मालिनी – थैंक्यू सो मच विश्वास जी अपने मुझे इस काबिल समझा ।
विश्वास – गुड लक अब जाइए दिव्या को भेजिए ।

दिव्या केबिन में आई ।

दिव्या – अपने बुलाया सर ।

विश्वास – मुबारक हो दिव्या जी आपका प्रमोशन हुआ है । अजसे अप मेरी पी ए है । आज से अप सिर्फ मुझे फॉलो करोगी और सिर्फ मुझे जवाब देगी ।

दिव्या – ये एहसान क्यों सर आपको मुझसे क्या चाहिए ।

विश्वास – इसका जवाब भी मिल जाएगा पर अभी नही अभी मुझे प्रमोशन की पार्टी चाहिए । कही लंच पर चले ।

दिव्या – चलिए सर ।

विश्वास – जाओ सबको बोले आज का हाफ डे है । पिताजी के शोक में । सबको कहो घर जाने को । आधे घंटे बाद मुझे रिसेप्शन पर मिलो । मै एक काम निपटके आता हूं ।

दिव्या – जी सर ।

विश्वास – डोंट कॉल मी सर । नाम से बुलाओ । हम सेम एज के है ।

दिव्या – ओके विश्वास ।

तभी मैने राणा अंकल को कॉल किया किया ।

विश्वास – हेलो अंकल ।

राणा – हां बेटा बोलो क्या हुआ ।

विश्वास – एक प्राइवेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी हायर करो मै एक लिस्ट दूंगा उनको मुझे उनकी और उनके पूरे परिवार की जन्म कुंडली चाहिए । अप 1 घंटे में ऑफिस आइए तब पूरा ऑफिस खाली होगा । अप ऑफिस के चप्पे चप्पे पर हिडेन कमरा लगवाइए और हर डेस्क के नीचे माइक ताकि जिसके रूम में जो भी बाते हो मुझे पता लगे और मॉनिटरिंग का सारा अरेंजमेंट मेरे केबिन में करवाइए । आपके पास एक रात का समय है । कल ऑफिस वैसा ही दिखना चाहिए जैसा था । बस उसकी आंखें और मुंह लगवा दीजिए । मेरे जिम का काम हो गया क्या बोहोत दिन हो गए है जिम करे तो शरीर अकड़ रहा है ।

राणा – तुम चिंता ना करो कल तक हो जाएगा जिम और इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का पता मै तुमको भेजता हूं ।

विश्वास – थैंक्यू अंकल ।

राणा – अच्छा अब इतना बड़ा हो गया है की थैंक्यू बोलेगा तू मिल फिर बताता हूं ।

राणा अंकल ने कॉल कट की ओर मै रिसेप्शन की ओर निकल गया । रिसेप्शन पर जाके मै दिव्या का वेट करने लगा थोड़ी देर बाद दिव्या आई पहले तो मुझे देख के चौंक गई और हैरानी से मुझे देखने लगी । वो कुछ बोल नहीं रही थी ।

विश्वास – चले दिव्या जी ।

दिव्या मुझे हेल्प करने आगे बड़ी तो मैंने हाथ से रोक दिया और बस साथ चलने को कहा । मै ड्राइविंग सीट पर और दिव्या मेरे बराबर में बैठ गई ।

विश्वास – चले ।

दिव्या – जी ।

विश्वास – वैसे जाना कहां है । मै इस शहर में नया हूं तो मुझे कोई अच्छी जगह नही पता ।

दिव्या – इसमें इतना क्या सोचना है आपका खुद का होटल है ना वहीं चलते है ।

विश्वास – जैसा तुमको ठीक लगे । वैसे तुम जब से मुझे ऐसे क्यों देखे जा रही हो । सब ठीक तो है ना ।

दिव्या – जी सर सब ठीक है । वो पहले आपको देख के लगा ही नहीं के अप ।

विश्वास – देखो दिव्या मै इंडिया 19 साल बाद आया हूं और एकदम अकेला हूं तुम मुझे अपना दोस्त समझोगी तो मै दोस्त हूं और ऐसे ही दया की भावना से देखोगी तो हम दोस्त नही बन सकते है । फिर हमारे बीच सिर्फ बॉस और एम्प्लॉय का रिश्ता ही रहेगा । चलो अब अपनी शक्ल ठीक करो और मुझे होटल का रास्ता बताओ ।

दिव्या – ओके विश्वास ।

फिर हम उसके बताए हुए एड्रेस पर पोहोचे ये एक आलीशान 5 स्टार होटल था ।

विश्वास – अप टेबल बुक कीजिए मै आता हूं कार पार्क करवा के ।
फिर दिव्या अंदर चली जाति है ।
रिसेप्शन पर ।

वर्कर – हांजी मै आपके लिए क्या कर सकता हूं ।

दिव्या – प्लीज बुक ए लग्जरी टेबल फॉर टू ।

वर्कर – ओके मैम प्लीज वेट किसके नाम से बुक करना है टेबल ।

दिव्या – Mr. कौशिक के नाम से कर दीजिए ।

वर्कर – अप वेट कीजिए आपकी वेटिंग चल रही है मैम ।

दिव्या – आपको पता है अप किसको वेट करने का बोल रहे हैं ।

वर्कर – कोई भी हो मैम यू हैव टू वेट ।
दिव्या – अप अपने मैनेजर को बुलाइए ।

वर्कर – कोई फायदा नही है मैम जो रूल है वो है ।

दिव्या – अप बुलाए अपने मैनेजर को ।

विश्वास – क्या हुआ दिव्या ।

दिव्या – सर ये आपको वेट करा रहे है । मैने मैनेजर को बुलाया है ।

विभा – हेलो मैम हेलो सर । मै क्या कर सकती हूं ।

दिव्या – हमने अपने लिए लग्जरी टेबल बुक की थी और ये बोल रहे है की वेटिंग है ।

विभा – रूल इस रूल इसमें मै कुछ नही कर सकती सॉरी फॉर इनकंविनियनस ।

दिव्या – तुम जानती हो किसे वेट करने को बोल रही हो । जाओ अपने मालिकों को बताओ Mr. कौशिक आए है ।

विभा – Mr. कौशिक ये क्या बोल रहे है अप उनकी तो अभी कुछ दिन पहले ही डेथ हुई है ।

दिव्या – हां वो इनके पिताजी थे । ये Mr. विश्वास कौशिक उनके उत्तर अधिकारी ।

विभा – जी मै अभी आती हूं ।
विभा सीधा होटल के मालिक की ओर चली गई ।

विभा – मैम एक प्रोब्लम हो गई है ।
प्रोमिला – क्या हो गया क्यों इतनी परेशान हो ।

विभा – मैम Mr. कौशिक आए है । उन्होंने लग्जरी टेबल बुक की थी और हमारे स्टाफ ने उनसे वेट करने को बोल दिया अब वो गुस्से में है ।

प्रोमिला – Mr. कौशिक तो अब इस दुनिया में नही है ।

विभा – हां मैम उनके बेटे आए हैं ।
प्रोमिला – अच्छा वीर बाबा आए हैं इसमें इतना डरने की बात नही है वो मेरे बेटे के दोस्त हैं वो समझ जाएगा ।
विभा – नही मैम वीर सर नही है विश्वास कौशिक है । Mr. कौशिक के बड़े बेटे और उनके उत्तराधिकारी है ।
प्रोमिला – ये क्या किया तुमने ।


जओ और एक गुलदस्ते के साथ एक माफी पत्र उनको दो और उनके लिए एक टेबल का इंतजाम करो । मै सब यहां मोनिटर से देख रही हूं कोई गड़बड़ ना हो ।

विभा – ओके मैडम ।

थोड़ी देर बाद विभा बाहर अति है । एक गुलदस्ता हाथ में लिए ।

विभा – आइए सर मैडम अपने स्टाफ की तरफ से मै आपसे माफी मांगती हूं । आइए आपकी टेबल रेडी है ।

दिव्या – चलिए सर ।

विश्वास – चलो ।

फिर हम टेबल पर बैठे । हमने खाना ऑर्डर किया ।

विश्वास – दिव्या सुबह से देख रहा हूं तुम परेशान लग रही हो । मुझे अपना दोस्त समझो और मुझे वो बताओ जो ऑफिस में नही बता पाई ।

दिव्या – सर मै क्या बताऊं आज अप नही आते तो मै रिजाइन करने वाली थी । यहां के हेड बोहोत बुरे हैं । मेरा शारीरिक लाभ उठाने की कोशिश की जाती है । रोज मै मना करती हूं तो मेरा करियर खराब करने की धमकी मिलती है ।

विश्वास – तुमने कभी पिताजी से शिकायत क्यों नही की ।

दिव्या – किसकी शिकायत करती विश्वास जी किसकी उनके भाई के बेटे की , उनके दामाद की या फिर तुम्हारे चाचा के दामाद की । हर कोई तो ऑफिस में काम करने वाली लड़कियों को खा जाने वाली नजरों से देखते है । बोहोत सी लड़कियों पर हाथ भी डाला है ।

विश्वास – अगर तुम्हारी बातों में ज़रा सी भी सच्चाई है तो उनको सजा मै खुद दिलवाऊंगा । मुझे सबूत इक्कठा करने दो । कल से जो होता है होने दो ताकि मै सबूत इकट्ठे कर सकूं । मुजपार भरोसा रखो तुम्हारे ऊपर कोई आंच नही आने दूंगा । सब एक प्लान के साथ होगा ।

दिव्या – मुझे बोहोत डर लगता है सर ।

विश्वास – तुम चिंता ना करो मै तुम्हारे साथ हूं ।


लंच करके हम होटल से निकल गए मैने दिव्या के साथ अपना पर्सनल नंबर शेयर किया फिर उसको घर ड्रॉप किया और निकल गया इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की ओर ।
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दिव्या को उसके घर के बाहर छोड़ कर मै निकल गया रास्ते में एक कॉलेज के बाहर मुझे कोई खड़ा दिखा । चेहरे से वो देखी देखी लग रही थी ।

विश्वास – इनको पिताजी की तेरहवीं पर देखा था । ये तो शायद रेनुका भाभी है ।

मैने कार उनके आगे रोक दी ।

विश्वास – अरे भाभी आप यहां । किसका इंतज़ार कर रही हो ।

रेनुका – आपके भईया का उनकी आज जल्दी छुट्टी हो गई थी खुद मुझे बोला की वो लेने आएंगे अभी तक आए नही ।

विश्वास – आप कॉल करके पूछ लीजिए वो आ रहे है या नही । नही आ रहे है तो मै छोड़ दूंगा आपको घर ।

रेनुका – अरे नही देवर जी अप जाओ मै चली जाऊंगी बस से ।

विश्वास – बस से क्यों मै हूं ना मै भी उसी तरफ जा रहा हूं और दूसरी तरफ भी जाता तो भी आपको घर छोड़ के आता । अप तो अपने हो अपनो के लिए क्या तकलीफ ।

रेनुका – ठीक है देवर जी पूछती हूं ।

रेनुका फोन करती है ।

रेनुका – हेलो हांजी कहां है अप आए नही अभी तक मै वेट कर रही हूं ।

विशाल – तुम्हे कितनी बार कहा है जब मै ऑफिस में हूं तो मुझे कॉल ना करना ।

रेनुका – पर अपने ही तो कहा आपकी छुट्टी हो गई है ।

विशाल – छुट्टी कैंसल मै रात तक ही आऊंगा तुम जैसे घर जाति हो जाओ मेरा दिमाग खराब ना करो । यहां वैसे ही बोहोत काम है ।

रेनुका – ठीक है जी ।

रेनुका फोन रख देती है ।

विश्वास – क्या हुआ भाभी सब ठीक तो है ना ।

रेनुका – हां देवर जी सब ठीक है । वो किसी काम में बिजी है तो नही आ सकते है ।

विश्वास – चलो कोई नही अप कार में आओ मै आपको घर छोड़ देता हूं ।

रेनुका कार में आके बैठ जाती है ।

विश्वास – क्या हुआ भाभी परेशान दिख रही हो भईया ने कुछ कहा क्या ।

रेनुका – नही सब ठीक है । मेरी ही गलती है की मै लोगो से ज्यादा उम्मीद रख लेती हूं ।

विश्वास – ऐसे ना बोलिए भाभी ये दुनिया भरोसे और उम्मीद पर ही तो चलती है । जो भरोसा और उम्मीद तोड़ता है वो गलत है । ना की भरोसा और उम्मीद करने वाला ।

रेनुका – काफी समझदार हो ।

विश्वास – बस दुनिया ने बना दिया ।

रेनुका – अच्छा फेर तो आपकी दोस्त भी बोहोत सारी होंगी अप समझते और समझाते इतना अच्छे से जो हो ।

विश्वास – कहां भाभी मै लड़कियों से दूर ही रहता हूं । मुझे लड़कियां सूट नही करती ।

दोनो इस बात पर हस पड़ते है ।

विश्वास – वैसे भाभी अपने कुछ खाया या बस काम ही ।

रेनुका हैरानी से मुझे देखते हुए ।

विश्वास – अरे मुझे क्या देख रही हो बताओ ना लंच किया ।

रेनुका – शादी के बाद तुम पहले एसे इंसान हो जिसने मुजसे ये पूछा है की मैने कुछ खाया या नही ।

विश्वास – अब पूछ ही लिया है तो बता भी दो ।

रेनुका – नही आज लंच नही हो पाया बोहोत काम था कॉलेज में ।

विश्वास – तो चलो फिर कहीं लंच पर चलते है । घर जाके पता नही आपसे कोई पूछे या ना पूछे और अप कुछ खाओ या ना खाओ ।

इस बात पर दोनो हस देते है ।

रेनुका – तो तुम मेरे मजे ले रहे हो मेरा मजाक उड़ा रहे हो ।

विश्वास – इतना तो मेरा हक है देवर हूं मै आपका ।

रेनुका – हां हां क्यों नही देवर भाभी का तो रिश्ता ही ऐसा होता है । मुझे तो याद भी नही मै आखिरी बार कब इतना खुश और कंफर्टेबल थी ।

विश्वास – फिर तो हमे रोज लंच साथ ही करना चाहिए । क्या कहती हो मै रोज आपको पिकअप करने आजाऊँ कॉलेज से ।

रेनुका चुप चाप बैठी रही ।

विश्वास – अप मुझसे उम्मीद भी रख सकती हो और भरोसा भी कर सकती हो ।

रेनुका – तुम्हारे काम ।

विश्वास – काम 2 घंटे के लिए रुक सकते है अपनों के लिए । अच्छा बताओ अब कहां जाना है ।

हम घर के करीब पोहोंच गए थे ।

रेनुका – यहीं पास में ही एक बोहोत अच्छा कैफे है । वहां चलते है ।

फिर हम रेनुका के बताए हुए कैफे में चले गए । वहां हमने 1 पिज्जा 1 पास्ता और 2 कोल्ड कॉफी मंगली ।

रेनुका – तुम नही खाओगे कुछ ।

विश्वास – तुम्हारे साथ ही शेयर कर लूंगा थोड़ा सा । बाकी कोल्ड कॉफी । मै लंच करके आया हूं एक क्लाइंट के साथ । सारे ऑफिस की छुट्टी करने के बाद ।

रेनुका – आपके भईया तो बोल रहे थे छुट्टी कैंसल हो गई है । बोहोत काम है ।

विश्वास – उनको होगा पर ऑफिस का नही ।

रेणुका फिर सेड हो जाती है ।

विश्वास – भाभी अप फेर दुखी हो गई मेरे साथ रहने का बस एक रूल है की अप सेड नही रह सकते ।

रेनुका – अच्छा जी । चलो ठीक है नही होती सेड ।

विश्वास – अच्छा भाभी एक बात पूछूं सच बताओगी ।

रेनुका – बताने वाली बात हुई तो ही बताऊंगी पर सच ही बताऊंगी ।

विश्वास – घर का माहोल केस है ।

रेनुका – घर कोनसा घर । घर तो तभी खतम हो गया था जब पिताजी घर छोड़ के ऑफिस के अपार्टमेंट में रहने लगे थे । उनका जोर बस बिजनेस तक था और अंत में तो वो ऑफिस के भी कई लोगो से दुखी थे । लोग अपने फायदे के लिए उनका नुकसान कर रहे थे । सब अच्छे से रहते तो शायद कुछ और साल जी जाते पिताजी ।

ये बात सुन कर मुझे इतना गुस्सा आ रहा था पर मै भाभी की पूरी बात सुनना चाहता था ।

रेनुका – जेल गए हो अप कभी । मै पिछले 2 साल से जेल में हूं । इस जेल की हेड है मां जी । और उनके सेवक है घर के सभी मर्द और गुलाम है औरते ।

विश्वास – और आपका काम ।

रेनुका – घर से बाहर रहने के लिए काम करना शुरू किया था । 1 साल सब अच्छा चला अब आपके भईया को मेरा काम करना भी नही पसंद है । ये कॉलेज भी बोहोत गड़बड़ कर रहा है । बच्चों के जीवन के साथ खेल रहा है । मै आवाज उठाना चाहती हूं पर चुप रहना पड़ता है यहां से निकाली गई तो घर रहना पड़ेगा । 1 साल से घर और कॉलेज दोनो से परेशान हूं ।

विश्वास – मुझे जो जानना था मेने जान लिया अब अप लंच एंजॉय करो ।

रेनुका – अब मै कुछ पूछूं सच बताओगे ।

विश्वास – हां पूछो ना । मै कभी झूठ नहीं बोलता ।

रेनुका – 24 साल के हो गए हो व्हीलचेयर पर हो कभी ऐसा नही लगता की मै नॉर्मल होता ।

विश्वास – अप मुझे एबनॉर्मल बोल रही हो ।

रेनुका – अरे नही नही मेरा वो मतलब नही है । मुझे गलत मत समझो ।

विश्वास – अरे मै मजाक कर रहा हूं जो प्रोब्लम है वो तो है ही और जो कभी ठीक नही हो सकता मै उसके पीछे जो ठीक और अच्छा है उसे नही जाने देता । मेरे पिताजी ने मुझे इस काबिल बनाया है की मुझे लगा ही नहीं के मेरे साथ कुछ गलत हुआ है । जो भी मेरे पास है मै उसमें खुश रहने की कोशिश करता हूं । पिताजी के जरूरी काम से यहां वापिस आया हूं ।

रेनुका – कभी प्यार हुआ है । कोई रिलेशनशिप । शादी का क्या सोचा है ।

विश्वास – अभी तो कुछ नही सोचा है और सोचना भी नही है । मै रिलेशनशिप और शादी से दूर ही रहना चाहता हूं ।

रेनुका – ऐसा क्यों ।

विश्वास – अब आपको कैसे समझाऊं । पता नही इंडिया में ये बाते ऐसे खुल्ले में करते भी है या नही । हमारे अमेरिका में तो खुल कर बात कर सकते है ।

रेनुका – अरे तुम मुझे खुल कर बताओ की क्या प्रोब्लम है । मै बायोलॉजी की प्रोफेसर हूं और अब तो हम दोस्त भी है ।

विश्वास – देवर से सीधा दोस्त । वट अ प्रोग्रेस ।

रेनुका – और क्या लांच डेट पर दोस्तों के साथ ही तो जाते है ।

डेट सुनके मै थोड़ा हैरान हो गया पर मेने रिएक्ट नही किया भाभी बोहोत खुश थी मेरे लिए यही काफी था ।

विश्वास – भाभी दवाइयों की ओवर डोज की वजह से मेरे लिंग का साइज बोहोत ज्यादा बड़ गया और डॉक्टर का कहना है की एक बार मेने हस्तमैथुन या सेक्स किया तो हर 8 घंटे बाद मुझे सेक्स की जरूरत होगी और मेरी सारी दवाइयां बंद हो जाएगी सेक्स ना मिलने पर मेरा हार्ट फेल भी हो सकता है । या फिर एक एक करके मेरे अंग खराब होने लग सकते है ।

रेनुका – अरे तो इसमें प्रोब्लम क्या है । ये तो अच्छी बात है । वैसे भी रिलेशनशिप में सेक्स सेकेंडरी है पहले तो आपके पास ऐसा कोई होना चाहिए जो आपके साथ हसी खुशी रह सके । बोल सके अपने मन की बात कर सके । जिसके साथ रहना आसान हो । जो बिना बोले पता लगा ले उसका पार्टनर खुश या दुखी और उसकी खुशी के लिए लोगों से भिड़ जाए । लोग तो उनके साथ भी जीवन बिता देते हे जो ना बात करते है ना ही कुछ और कर पाते है । दारू पीके आते है और सो जाते है । तुम तो उन औरतों के लिए मसीहा बन सकते हो जो अकेली है मन से भी और जीवन में भी । तुम उनका सहारा बन सकते उन्हे ही सबसे ज्यादा रिलेशनशिप की जरूरत होती है । उन्हे ही सब कुछ छुप के करना पड़ता है।

विश्वास – मुझे कुछ समझ में नही आ रहा है भाभी । पर मै आपकी बात पर सोचूंगा ।

रेनुका हस देती है

रेनुका – अब चले घर बोहोत देर हो गई है ।

विश्वास – हां भाभी चलो मुझे भी कुछ काम है मै आपको घर के बाहर छोड़ दूंगा ।

रेनुका – ठीक है देवर जी ।

विश्वास – ये लो मेरा नंबर कभी भी कोई भी जरूरत हो मै बस एक कॉल दूर हूं ।

रेनुका – ठीक है देवर जी ।

शाम को 5 बजे मैने भाभी को घर छोड़ा ।

वहीं उधर कैफे से एक कॉल जाति है ।

आदमी – आजकल खुश नही रख पा रहा क्या अपनी बीवी को । इतनी ही प्यासी है वो तो उसे मेरे पास भेज देता ।

विशाल – क्या बोल रहा है हरामजादे सोच समझ के बोला कर ।

आदमी – सही बोल रहा हूं गांडू काबू में रख अपनी बीवी को पता नही किसके साथ मुंह काला करने गई है । आई थी थोड़ी देर पहले कैफे में । अति तो कमसे कम किसी मर्द के साथ तो अति वो तो किसी नामर्द के साथ आई थी जो व्हीलचेयर पर था ।

विशाल – कितनी देर पहले थे वो वहां ।

आदमी – बस अभी थोड़ी देर पहले ही निकले है ।

विश्वास – आज रात को निकलता हूं साली रण्डी की गर्मी ।

ये उस कैफे का मालिक था जो विशाल का दोस्त है । फिर मै एजेंसी में पोहोचा ।

विकास – हांजी मै आपकी क्या मदद कर सकता हूं ।

विश्वास – सर मुझे ये 9 लोगों पर स्पाई करवाना है । कोन है कहां रहते है, किसके साथ रहते है, किनके साथ सोते है, किनके साथ उठते है, किनके दोस्त है, कोन इनका दोस्त है, कोन इनका दुश्मन । सब जानकारी जल्द से जल्द । बाकी ये कुछ कंपनी की लिस्ट अपने 1 , 1 आदमी इन ऑफिस में भी सेट कीजिए मुझे सारी डिटेल्स चाहिए ।

विकास – हो जाएगा विश्वास जी हम पर विश्वास रखिए । फिर मै 6:30 बजे राणा अंकल के बताए हुए जिम गया वो मुझे कुछ खास पसंद नही आया । तो मै निराश होकर वहां से निकल गया घर जाने के लिए । मेरा घर जाने का कोई मन नही था । घर के पास पोहोचा तो घर के बाहर रेनुका भाभी खड़ी थी जिम के कपड़ो में । मेरी कार देख कर उन्होंने घर से दूर कार रखने को कहा और चल कर मेरी कार के पास आ गई ।

रेनुका – अप घर जा रहे है देवर जी ।

विश्वास – मन तो नही है पर कुछ है भी नही करने को तो जाना ही पड़ेगा ।

रेनुका – तो फेर मुझे जिम छोड़ सकते हो क्या मै लेट हो रही हूं ।

विश्वास – आजाओ ।

रेनुका कर मै आके बैठ जाती है ।

विश्वास – आपके बैठते ही कार महक उठती है ।

रेनुका – अच्छा जी भाभी के साथ ही फ्लर्ट ।

विश्वास – भाभी नही दोस्त घर पर अप भाभी हो मेरी कार में अप मेरी दोस्त है ।

रेनुका – अच्छा चलो अब ।

विश्वास – अप जिम भी करती हो ।

रेनुका – हां उससे मेंटेन भी रहती हूं और घर से बाहर भी और स्ट्रेस भी कम होता है ।

विश्वास – भाभी मेरे लिए भी करो ना अपने जिम में बात अमेरिका से आके मै जिम नही जा पा रहा हूं और मेरे शरीर के लिए जिम बोहोत जरूरी है नही तो बैठे बैठे वेट बड़ेगा और बीमारियां भी लगेगी ।

रेनुका – तुम सही कह रहे हो पर हमारा जिम ओनली लेडीज जिम है ।

विश्वास – जिम में क्या लेडीज क्या बॉयज मशीन को और वेट्स को क्या पता ।

रेनुका – चलो मै बात करके देखती हूं । वैसे तो वो मेरी दोस्त है । लेकिन उसको मनाना आसान नही है । उसके पति से डाइवोर्स के बाद से उसे मर्द लोगो से थोड़ी प्रोब्लम है । वैसे वो 30 साल की सुंदर औरत है पर किस्मत खराब है ।

विश्वास – तुम उसको ये मत बताना की मै कोन हूं । बस मेरी हालत के बारे में बताना । और मुझे इस जिम की जरूरत है ये बता देना बाकी मै संभाल लूंगा ।

इतने देर में जिम आ गया था । मैने भाभी को कहा अप अंदर जाओ मै जिम ड्रेस चेंज करके आता हूं । मैने कार में कपड़े चेंज किए और जिम में चला गया । जिम बोहोत बड़ा था इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का लेकिन यहां सिर्फ औरत ही औरत थी । और ट्रेनर और पर्सनल ट्रेनर सारे मेल थे । मैने देखा रेनुका किसी लेडी से बात कर रही थी तभी मेरे पास एक रिसेप्शनिस्ट आई और बोली सर अप केबिन में वेट कीजिए । मैडम अभी आ रही है । उधर रेनुका और वो लेडी बात कर रहे थे ।

औरत – ये किसे लाई है तू अपने साथ तुझे पता है ना ये औरतों का जिम है । और कैसी औरते यहां अति है ।

रेनुका – अरे बबिता मेरी बात तो सुन स्पेशल कैसे है अमेरिका से आया है मेरे ससुर जी का खास है । बाकी कई जिम देख चुका है एक भी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का नही है । सिर्फ यही एक जिम है जो इसे पसंद आया । वैसे भी लड़का व्हीलचेयर पर है । सबसे अच्छे से और प्यार से बात करता है । औरतों को अच्छे से ट्रीट करता है अच्छे से जानता है । आज दोपहर से मै इसके साथ हूं और शायद तूने नोटिस नही किया मै बोहोत खुश भी हूं ।

बबिता – एक बार फिर सोचले । कही लड़का बिगड़ ना जाए हाथ से ना निकल जाए यहां बोहोत सी बुखी शेरनियां अति है ।

रेनुका – चिंता ना कर ये भी इंपोर्टेड शेर ही है । जब तक मुंह को खून नही लगा तब तक ही संत है जिस दिन मुंह को खून लगा तो इससे बुखा शेर डूंडने से भी नही मिलेगा ।

बबिता – देखती हूं शेर है या चूहा है ।

रेनुका – देख प्यार से हैंडल करना । स्पेशल केस है । प्यार से मांगेगी जान भी देदेगा अकड़ दिखाओगी तो वो फेर अपनी औकात दिखाएगा ।

बबिता – चल देखती हूं कितना प्यार है और कितनी अकड़ है साहब में । खुद ही यहां से भाग जाएगा 2 , 4 दिन में ।

रेनुका – देखते है ।

बबिता – चल तू अपनी ट्रेनिंग कर मै उसे देखती हूं ।


फिर वो केबिन में अति है ।
 
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थोड़ी देर बाद बबिता केबिन में आई और अपनी चेयर पर बैठ गई ।

बबिता – हांजी मिस्टर क्या नाम बताया अपने ।

विश्वास – जी अभी बताया ही कहां है नाम । मेरा नाम विश्वास है अभी बस 15 दिन पहले ही इंडिया आया हूं ।

बबिता – क्या करते हो तुम ।

विश्वास – जी मेने अमेरिका से एमबीए किया है । फिर पिताजी के देहांत के बाद इंडिया आना पड़ा उनका छोटा सा बिजनेस है वो ही संभालता हूं ।

बबिता – वेरी नाइस मुझे लगा एसी हालत में कुछ कर भी पाते होगे या नही ।

विश्वास – जी मै सेल्फ डिपेंडेंट हूं ।

बबिता – गुड । अच्छा बताओ अब यहां कैसे । तुम्हे पता है ना ये लेडीज जिम है ।

विश्वास – देखिए मैम वेट्स और मशीन कोई औरत और मर्द का फर्क नही देखते ।

बबिता – वो तो ठीक है पर यहां की औरते तो अनकंफर्टेबल हो सकती है ना ।

विश्वास – अप उसकी चिंता ना करे मै खुद लड़कियों से दूर रहता हूं मै बस अपना काम करूंगा और चला जाऊंगा लोगों को पता भी नही लगेगा मै यहां हूं ।

बबिता – चलो ट्राई करके देखते है लेकिन कोई भी शिकायत आई तो तुमको जाना होगा ।

विश्वास – जी मंजूर है । अच्छा ये लीजिए मेरी फाइल मेरे हेल्थ इश्यूज से रिलेटेड ।

बबिता मेरी फाइल देख रही थी ।

बबिता – आपकी क्या क्या रिक्वायरमेंट है जिम से रिलेटेड ।

विश्वास – मै जो भी मशीन यूज करना चाहूं कर सकता हूं । मुझे एक पर्सनल ट्रेनर चाहिए । जो मेरे रूटीन का और मेरी डाइट का पूरा ध्यान रखे ।

बबिता – ठीक है मै देखती हूं क्या कर सकती हूं ।

फिर बबिता किसी को कॉल करती है तो रिसेप्शनिस्ट अंदर अति है ।

लड़की – हांजी मैम अपने बुलाया ।

बबिता – चेक करो कोई पर्सनल ट्रेनर खाली है ।

लड़की – नही मैम सभी फुल है ।

बबिता – अच्छा तुम जाओ मै करती हूं कुछ ।

वो चली जाति है ।

बबिता – विश्वास अप कल से इसी टाइम रेनुका के साथ अजाओ ।

विश्वास – मैम पर्सनल ट्रेनर ।

बबिता – अप चिंता ना करो आपको मै खुद अटेंड करूंगी शादी से पहले मै सेलिब्रिटी पर्सनल ट्रेनर थी । शादी के बाद यहां दिल्ली में जिम खोल लिया ट्रेनिंग देनी बंद करदी ।

विश्वास – थैंक्यू मिस बबिता जी ।

बबिता – नो मैम नो जी ओनली बबिता । वैसे भी तुम रेनुका के फ्रेंड हो और Mr. कौशिक जी के खास हो उनके बोहोत एहसान है मुझ पर ।

विश्वास – ओके बबिता ।

थोड़ी देर में रेनुका भी केबिन में आ गई ।

रेनुका – कैसा लगा मेरा नया दोस्त ।

बबिता – कल से ज्वाइन कर रहा है तो पता लग ही जाएगा । तुम ट्रेनिंग से सीधा यहां ही आ गई पसीनो में हो जाओ शावर और सपा लेलो कपड़े चेंज कार्लो तब तक ये भी जिम देख लेगा लोगों से भी मिल लेगा ।

रेनुका – ये भी ठीक है । बोहोत दिन हो गए है सपा लिए । तुम इनको जिम दिखाओ । मै अति हूं ।

फिर मै बबिता के साथ जिम के अंदर चला गया वहां सिर्फ औरते ही थी । लाऊड म्यूजिक बज रहा था पंजाबी गाने । जैसे ही मै जिम में एंटर हुआ सब लोग अपना वर्कआउट छोड़ कर मुझे देखने लगे ।

बबिता – म्यूजिक बंद करो ।

म्यूजिक बंद हो जाता है ।

बबिता – लेडीज एंड लेडीज रुकावट के लिए माफी इनसे मिलिए ये है विश्वास । स्पेशल केस है मै इनकी पर्सनल ट्रेनर हूं तो कल से ये मेरे ही जिम में आएंगे । अगर किसी को भी कोई भी प्रोब्लम हो तो वो मेरे ऑफिस में आए और अपनी फीस के पूरे पैसे मुझसे लेके यहां से चला जाए । अब अप सब अपना वर्कआउट कंटिन्यू करे मै चलती हूं ।

म्यूजिक फिर से ऑन हो जाता है । सभी ट्रेनर मुझसे मिलने आए । बोहोत सी लेडीज मुझसे हाथ मिलाने आई । मै भी सबसे अच्छे से मिला । फिर थोड़ी देर में रेनुका भी आ गई ।

रेनुका – चले घर अब या यहीं रहना है ।

विश्वास – नही नही चलो चलते है ।

फिर हम अपनी कार से घर आ गए मैने रेनुका को घर के बाहर थोड़ी दूरी पर ही छोड़ा वो पैदल निकल गई 10 मिनट बाद मै भी घर आ गया । घर आते ही 8:30 बज रहे थे ।

मोहिनी – खाना लगा दूं भाई या थोड़ी देर में ।

कामिनी – हां हां दे इस मनहूस को खाना मेरे बेटे और मेरी खुशियां खा कर भी कोनसा इसका पेट भरा है ।

विश्वास – 9 बजे तक आता हूं दीदी खाना खाने । फिर सब साथ में ही खाएंगे ।

मोहिनी – किसके साथ खाएगा सब अपने रूम में ही खाना खाते है अच्छा होगा तू भी यही आदत डाल ले अकेले रूम में खाने की । मै 9 बजे खाना भिजवाती हूं ।

फिर मै अपने रूम में चला जाता हूं वहां पहले से ही मेरा कोई इंतजार कर रहा था ।

विश्वास – अप यहां कल इतना कुछ सुना के मन नही भरा क्या जो आज मुझसे भी पहले मेरे रूम में बैठी हो ।

वैशाली – चुप हो जा कुत्ते सुबह से मैसेज कर के तुजसे माफी मांग रही हूं और तू है की कोई रिप्लाई भी नही दे रहा है । तेरे ही कहने पर तो ये सब कर रही हूं । हमारे बारे में तो पिताजी भी नही जानते थे कि हम एक दूसरे के संपर्क में है क्लोज है । अगर मै तेरे आने से खुश दिखती तो तेरे आने का कोई फायदा नही होता अभी ये नाटक लम्बा चलेगा ।

विश्वास – जानता हूं दीदी मै भी मजाक कर रहा हूं ।

वैशाली – मजाक वो भी मुझसे तेरी वजह से मै अभी तक कुंवारी बैठी हूं ।

विश्वास – मेरी वजह से कैसे ।

वैशाली – तूने ही तो मना किया था उस कामिनी के बताए हुए लड़के से शादी मत करना ।

विश्वास – हा तो शादी के लिए ही तो मना किया था । शादी का कुवारेपन से क्या लेना देना ।

वैशाली – तुम्हारे अमेरिका में होते होंगे ये सब काम मेरे संस्कार अच्छे है । कुछ किया भी तो उसी के साथ जाता है ना जिससे प्यार हो या ऐसे ही किसी के साथ भी कुछ भी करलूं तू कहे तो कल सिग्नल पर नंगी खड़ी हो जाऊं ।

विश्वास – अरे दी दी बस बस कुछ भी बोलती हो थोड़ी तो शर्म करो छोटे भाई से बात कर रही हो ।

वैशाली – तूने की शर्म जब मुझे शादी और कुवारेपन के बीच का अंतर समझा रहा था ।

विश्वास – अच्छा अच्छा सॉरी । और बताओ आपकी लाइफ केडी चल रही है ।

वैशाली – वैसे ही जैसी रेनुका की कट रही है ।

मै हैरानी से

वैशाली – ऐसे ना देख मेरी नजर हर और है । अच्छी लड़की है वो बस यहां इस घर और उस जानवर के साथ फस गई है ।

विश्वास – जानता हूं ।

विश्वास – वैसे अप बिजनेस क्यों ज्वाइन नही करती हो ।

वैशाली – देख छोटे मुझे इस बिजनेस में कोई इंटरेस्ट नहीं है ।

विश्वास – तो किस चीज में इंटरेस्ट है आपका ।

वैशाली – वैसे तो टीचिंग में है । पर ये औरत मुझे कहीं काम करने नही देती है । शादी ना करने के बदले में मुझे इसे अपनी आजादी देनी पड़ी ।

विश्वास – अप चिंता ना करो मै सब ठीक कर दूंगा ।

ऐसे ही इधर उधर की बाते करते हमे 9 बज गए की तभी डोर किसी ने खटखटाया । वैशाली जल्दी से जाके बाथरूम में घुस गई ।

विश्वास – आजाओ

मोहिनी दीदी रूम में खाना लेकर अति है ।

मोहिनी – रूम में कोई था क्या बाते करने की आवाजें आ रही थी ।

विश्वास – यहां कोन होगा वैसे भी मुझसे यहां बात करता कोन है । सब नफरत जो करते है ।

मोहिनी – इसी लिए बोल रही थी वापिस लौट जा ये जगह तेरे लिए ठीक नही है । सब लोग नफरत नही करते है । पर तुझे कहां समझ अति है । कभी कभी लोग चिंता में भी बोलते है । चल छोड़ तू खाना खा कुछ चाहिए हो तो आवाज लगा लियो ।

फिर मोहिनी चली गई । वैशाली बाथरूम से बाहर आ गई ।

विश्वास – आओ दीदी खाना खाते है ।

वैशाली – नही तू खा आराम से मै चलती हूं ।

विश्वास – आओ ना साथ मिल कर खाते है । वैसे भी ये पल रोज रोज नही आएंगे । आज रात यहीं रुक जाओ कल सुबह चली जाना ।


दीदी मेरे साथ बैठ जाती है मै दीदी को और दीदी मुझे खाना खिलाने लगते है । 1 घंटे बाद मोहिनी दीनी प्लेट ले जाती है । फिर वैशाली दीदी और मै दोनो एक साथ बाते करते हुए सो जाते है ।
 

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