Romance Ajnabi hamsafar rishton ka gatbandhan

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Fabulous update. ravan ki soch ko leke thodi confused hu. kabhi lagta hai apashyu ki tarah sudhar raha hai , kabhi lagta hai nahi wo pehle jaisa hi hai . apashyu me badlav dekh sukanya badi khush hai. ek ma isse badhkar aur kya chahiye ke uska beta sudhar raha hai.
Kamla ke hatho ki swadish khana khake sabhi tarif kar rahe the , ravan ne bhi usko gift deke tarif ki wese usme uska ek swarth chupa tha. kuldevi ke mandir ki yatra me apashyu ka dusman sankat kuch garbar na kar de.
Bahut bahut shukriya 🙏 ji

Rawan ko lekar sirf readers hi nehi apitu khud rawan bhi confused hai.
 
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रघु कि चाची ने रघु के चाचा को चांदी के चम्चे से चट्नी चताई
रघु के चाचा ने मारा चनस,
चाची को बोले डांस विद मी, :dance4: च च चा
चाची बेब-बैब, चल हत चल फुट दूं क्या, चाचा से
चाची बोलि,
दो'न्त टच माय चान्या चोली
ओर चाची ने चाचा को दिया चमाट
1 , 2 , 3, 4 , चाचा गेत अन दा फ्लोर 🤭

Bahut hi shandar bas aapke liye itna kahunga.

Chanda chamke cham cham
Chikhekhe chaukana chor
Chiti chate chini
Chatore cheeni khor
 
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ek minute ke liye laga ke kahi mirchi to jada nahi ho gai. par baad me ye jaan ke acha laga ke apshyu sukanya aur surbhi gift lene gaye the. ajj ravan bhi khul kar tarif kar raha tha khane ki . lekin ravan bharosa nahi kar sakte.
Kuldevi ke mandir me puja karke ane ke baad raghu aur kamla ki wedding reception dene wale hai. udhar apshyu ko agyakari bacha banta dekh sabhi chakit hai.

Bahut bahut shukriya 🙏 Rapchik Rishi ji

Rawan ne tarif to maan se kiya tha ha gift sirf suknya ko mana ke liye diya tha aab dekhte hai suknya rawan ke is gift dene wale drame se kitna khush hoti hai
 
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Wonderful update dear . .Kamla ke hatho me jadu hai. sabhi uske hatho ka bana khake khush the. sabhi ne gift bhi di sibhaye pushpa ke ke. par maharania jab khush hoti hai tab inam baatte hai. pushpa kanjus maharani nikli. ek baat se me kafi hairan hu. ye pehli baar hua hoga jab ravan kisiko man hi man prashansa kar rahe ho . sukanya ki prathna karne se pehle hi upar wale ne uski sun li thi. apashyu tou usi kshan badal gaya tha jab use ahsas hua ke uske karan ek din uski puri family ki nak kat sakti hai. society me ijjat ja sakti hai.
Bahut bahut shukriya 🙏 ji

Ha ye sach hai ki rawan ne pahli baar pariwaar me kisi ki maan se tarif kiya hai. Pushpa maharani hai par thoda kanjus hai ye aapne sahi kaha.
 
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Ye bilkul thik nahi ho raha hai Destiny sahab...... sham daam dand bhed laga ke ju us apsyu ko achha banane ki koshish kar rahe hai...:bat: taaki kal ko sankat uski dhunayi kare to readers ko bura lage.....
pata nahi kyun ab in kirdaaron ki khushi mujhe dekhi nahi jaa rahi hai.... To aaj se balki abhi se main raghu ke chacha ravan ke paksh mein khadi rahungi :D
aur yahin kaamna karungi ki ravan ka plan sau phisidi kaamyaab ho :devil:
Aur ye pushpa :D..... Ye ab se meri main target mein rahne wali hai :stopdevil:
( aur apsyu ko achha banane ki koshish kijiye :laugh1: ....)

Well ....Shaandaar kahani, shaandaar lekhni, shaandaar shabdon ka chayan sath dilchasp kirdaaron ki bhumika bhi dekhne ko mili hai...
.
Brilliant storyline with awesome writing skills :clapping: :clapping:

Bahut bahut shukriya 🙏 Naina ji

Sham daam dand bhed ye neeti to angrejo ne apnaya tha. Ab angrejo ki neeti mai kaise aplay kar sakta hoon 🤔

Sabhi kirdaar aapke samne haath jode khade hai. Jiska paksh aap lena chahe aap le sakte hai.

Rawan ke chal paar kundali marke Destiny baitha hai. Rawan ki destiny sahi raha to jarur uska banaya sajish success hoga.
 
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mast update tha bhai.
gift ke bahane mast topi pehnane ki kosis ki ravan ne sukanya ko. par sukanya bhi maf nahi kargi asani se. uske rag rag se wakif hai wo. khana sach me tasty tha to ek adh plate me meko bhi pados deti. aapshyu sachi muchi me sudhar gaya re baba. sukanya ke to balle balle hai. :D
Bahut bahut shukriya 🙏 Aakesh. Ji

Aap thali lekar gaye hi nehi aap jaate to shayad kamla aap par bhi thodi daya dristi daal deta.
 
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Update - 37


रावण ऑफिस के काम में इतना उलझ गया की उसे ध्यान ही न रहा कब शाम हुआ फिर रात हों गई। इधर राजेंद्र के साथ अपश्यु परेशान हों रहा था। डिंपल का दिया मिलने का समय नजदीक आता जा रहा था और काम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। धीरे धीरे पल बीतता गया। डिंपल से मिलने का समय भी हों गया। अपश्यु छटपटा रहा था। सोच रहा था हों गया बेड़ा गर्ग अब तो डिंपल फुल दाना पानी लिए मुझ पर चढ़ जाएगी न जानें अब उसे मनाने के लिए कितना कुछ करना पड़ेगा। क्यों आया था? माना कर देता तो अच्छा होता फिर सोचा अरे नहीं आता तो बड़े पापा नाराज़ हों जाते पहले भी तो कहीं बार नाराज़ हों चुके हैं। मैंने भी तो फैसला लिया था अब दादा भाई जैसा बनना है सभी का कहा मानना हैं। साला जब गलत रास्ते पर चल रहा था तब सब सही चल रहा था और अब सही रास्ते पर चलने लगा तो परेशानी नज़र आने लगा। कोई नहीं जब फैसला ले ही लिया तो परेशानी कैसा भी हों सामना तो करना ही होगा।

अपश्यु को सोच में मग्न देख राजेंद्र बोला...क्या हुआ अपश्यु परेशान लग रहे हों।

अपश्यु हड़बड़कर...कु कु कुछ कहा अपने बड़े पापा।

अपश्यु को हड़बड़ाते देख राजेंद्र मुस्कुराते हुए बोला...बेटा बस थोडी देर ओर परेशान हों लो फिर घर चलते हैं।

अपश्यु...बड़े पापा मैं कहा परेशान हों रहा हूं। मुझे तो अच्छा लग रहा हैं आप आराम से सभी काम निपटा लीजिए।

मुस्कुराकर अपश्यु के सिर पर हाथ फेरा फिर काम निपटाने लग गया। इधर डिंपल मस्त तैयार होंकर पार्क पहुंच चुका था। अपश्यु का वेट करते हुए घड़ी देख रहा था फिर खुद को समझा रहा था। अभी आ जायेगा किसी काम में फांस गया होगा।

जैसे जैसे पल बीतता गया डिंपल को गुस्सा आने लग गया क्योंकि अपश्यु का वेट करते करते एक घंटे से ऊपर हों चुका था। लेकिन अपश्यु अभी तक आया नहीं था। तो गुस्से में बड़बड़ाते हुए डिंपल बोली...मैं यहां वेट कर रहीं हूं और ये अपश्यु अभी तक नहीं आया आने दो उसे अच्छे से सबक सिखाऊंगी डिंपल से वेट करवाया मैं सभी काम छोड़ कर आ गईं। तुम थोड़े देर के लिए नहीं आ पाए मैं ज्यादा देर थोडी न रोकती कितने दिन हों गया नहीं मिली आज मिलने का कितना मन कर रहा था पर अपश्यु आया ही नहीं अब करना फ़ोन बात ही नहीं करुंगी।

अपश्यु पर आया गुस्सा डिंपल पार्क में मौजूद घासों को नोचकर निकलने लग गई। लेकिन कोई फायदा न हुआ डिंपल का गुस्सा ओर बढ़ता जा रहा था और बडबडा रही थीं

"वैसे तो कहता हैं जब मिलने बुलाओगे तब आ जाऊंगा आज बुलाया तो आया ही नहीं अब कहना मिलने आने को, आऊंगी ही नहीं जीतना मुझे तरसाया उसे कही ज्यादा तुम्हें न तरसा दिया तो कहना अब करना फ़ोन बात भी नहीं करुंगी। तब तुम्हें पाता चलेगा किसी को वेट करवाना कितना भरी पड़ता हैं।"

डिंपल से कुछ ही दूर एक प्रेमी जोड़ा बैठे थे। शायद लडकी किसी कारण से रूठ गईं थीं। इसलिए लडकी को मानने के लिए लडका कभी हाथ जोड़ रहा था तो कभी कान पकड़ रहा था। लडके का मिन्नते करना कोई काम न आ रहा था लडकी जीयूं की तियूं मुंह फुलाए बैठी थीं। डिंपल की नज़रे उन पर पड़ गईं। दोनों की हरकते देख डिंपल के चेहरे पर खिला सा मुस्कान तैर गया फिर मन ही मन बोली...अपश्यु तैयार हों जाओ मिन्नते करने के लिए जब तक उस लडके की तरह तुम मिन्नते नहीं करोगे तब तक मैं भी नहीं मानने वाली।

कुछ वक्त तक ओर डिंपल सामने चल रहीं ड्रामे को देखती रहीं फिर मुसकुराते हुए चल दिया।

विभान, संजय, मनीष और अनुराग चारो एक साथ पार्क के अंदर आ रहे थें। मनीष मुस्कुराते हुए आ रही डिंपल को देखकर बोला...अरे देख अपश्यु की आइटम आ रही हैं।

विभान और संजय साथ में बोला...की की किधर हैं किधर हैं।

इतना बोल सभी इधर उधर देखने लगे तब मनीष ने एक ओर उंगली दिखाकर डिंपल को दिखा दिया। डिम्पल को आता देखकर विभान बोला...किया लग रहीं हैं बिल्कुल हॉट बॉम।

संजय...साला ये अपश्यु भी न लगता हैं ताम्र पत्ती पर किस्मत लिखवा कर लाया है बिल्कुल अटल एक से एक हॉट आइटम पटाएगा फिर मजे लेकर छोड़ देगा।

अनुराग...साले जलकूक्डिओ अपश्यु के किस्मत से इतना क्यों जलते हों अपश्यु की तरह मुंह फट बनो तुम भी एक से एक हॉट आईटम से मजे ले पाओगे।

मनीष...चुप वे अपश्यु के चमचे जब देखो अपश्यु की तरफदारी करता रहेगा। तू हमारे साथ क्यों रहता हैं? अपश्यु साथ घुमा कर।

अनुराग...तुम सभी रहोगे कुत्ते के कुत्ते ही जैसे कुत्ते को घी हजम नहीं होता वैसे ही तुम्हें दोस्ती नहीं पचता अपश्यु चाहें कितना भी बुरा हों लेकिन हमारी कितनी मदद करता हैं फिर भी तुम सभी अपश्यु की बुराई करते रहते हों। आगे एक लावज भी गलत अपश्यु या डिंपल भाभी को लेकर बोला तो मैं अपश्यु को बता दुंगा तुम सभी डिम्पल भाभी के लेकर कितनी गंदी गंदी बातें करते हो।

इतना बोलकर अनुराग आगे बड़ गया और डिम्पल के पास जाकर बोला...भाभी जी आप यहां। कैसे आना हुआ।

डिंपल…मैं तो यहां अपश्यु से मिलने आया था। तुम यहां क्या करने आए हों? किसी से मिलने आए हों।

अनुराग...अरे भाभी मेरी इतनी अच्छी किस्मत कहा जो कोई मिलने बुलाए चलिए आप'को घर तक छोड़ देता हैं।

तीनों पास आ चुके थे अनुराग का कहा सुनकर मनीष बोला…इतना चमचा गिरी करेगा तो किस्मत पाताल में ही रहेंगा। बेटा किस्मत अपने हाथ में हैं और खुद ही चमकाना पड़ता हैं।

डिंपल...कौन चमचा और किसका चमचा? तुम कहना क्या चाहते हों?

अनुराग...अरे भाभी आप इसकी बातों पर ध्यान न दो ये बड़बोला हैं कुछ भी बोलता हैं आप जाओ बाद में मिलते हैं।

डिंपल...बाय मेरे प्यारे प्यारे मनचले देवरों।

डिंपल बाय बोलकर चहरे पर खिला सा मुस्कान लिए चल दिया। डिम्पल के जाते ही संजय बोला...हाए कितनी मस्त अदा से बाय बोल गई साली जब भी सामने आती हैं जान निकल देती हैं।

अनुराग...सुधार जा संजय कही ऐसा न हों तुम्हारे इन्हीं आदतों के कारण हमारे दोस्ती में दरार न पड़ जाएं।

संजय...ओय ज्यादा ज्ञान न पेल सुनना हैं तो सुन नहीं तो यहां से निकल।

अनुराग समझ गया तीनों बाज़ नहीं आने वाले इसलिए वहां से जाना ही बेहतर समझा फिर चल दिया। अनुराग के जाते ही तीनों एक जगह बैठ गए ओर पार्क में घूमने आए लड़कियों पर फफ्तिया कसने लग गए। कुछ वक्त बैठे बैठे फफ्तिया कसते कसते बोर हों गए तो पार्क में बैठे जोड़ो के पास जा जाकर उन्हें तंग करने लग गए। जोड़ो को तंग करते करते पार्क के कोने में बैठे एक जोड़े के पास पहुंचा।

लडका दिखने में पहलवान जैसा डील डौल वाला था। लडके के साथ बैठी लडकी का जिस्म भी भरा हुआ और बहुत ज्यादा खुबसूरत था। तीनों पास पहुंचा फिर मनीष बोला...क्यों रे पहलवान मस्त हॉट आइटम लेकर आया कहा से लाया।

लडके को मनीष की बात सुनकर गुस्सा आया फिर बोला...ओय छछुंदर भाग जा दिमाग खराब न कर।

संजय...ओय बॉडी बिल्डर ज्यादा भाव न खा इतनी हट माल के साथ बैठा हैं और मजे कर रहा हैं। हमने थोड़ा छेड़ दिया तो क्या बुरा किया।

लड़का लडकी दोनों का पारा फुल चढ़ गया लडकी चप्पल उठाकर खड़ी हों गईं फिर chatakkkk चप्पल संजय के गाल पर छाप दिया। चप्पल पड़ते ही "ओ मां गो थोबडा पिचका दिया।" बोला फिर संजय का सिर भिन्न गया। जब तक संजय कुछ समझ पाता तब तक एक और चप्पल chatakkkk से एक बार फिर संजय का सिर भिन्न गया। संजय को लगा जैसे जमीन हिल गया हों खुद को संभाल न पाया और गिर गया। संजय के गिरते ही लडकी रुकी नहीं दे चप्पल दे चप्पल मरने लग गई। संजय बस ओ मां उई मां मर गया छोड़ दे बोल रहा था और चीख रहा था।

लडकी के पेलाई कार्यक्रम शुरू करते ही लड़का मनीष के पास गया एक झन्नते दर कान के नीचे रख दिया। "ओ मां गो कितना भरी हाथ हैं" बोलकर निचे गिर गया। लड़का कोलार पकड़के मनीष को उठाया फिर एक और रख दिया "ओ री मां दांत टूट गया क्या खाता हैं वे" बोला मनीष का सिर चकरा गया। मनीष से खडा न होया गया धाम से नीचे गिर गया।

मनीष और संजय की पिटाई होते देख विभान "भाग ले बेटा रुका तो आज एक भी हड्डी सलामत नहीं रहेगा" बोलकर दौड़ लगा दिया। विभान को भागते देख लड़का...कहा भाग रहा हैं। तुम तीनों की बाड़ी पक्की यारी लगता हैं दो पीट रहा हैं तू भी तो पीट ले।

लड़का भी विभान के पीछे भागा विभान को पकड़ा फ़िर दो उसके भी कान के नीचे रख दिया "ओ रे मां गो छोड़ दे छूट्टा सांड" बोलकर सिर चकराने से नीचे गिर गया फिर टांग पकड़कर खींचते हुए लाकर मनीष के ऊपर डाल दिया फिर जो धुनायी शूरू किया मानो अखाड़े में कोई पहलवान विरोधी पहलवान को परास्त करने की ठान लिया हों बस विरोधी पहलाव को धोबी पछाड़ पे धोबी पछाड़ दिए जा रहा हों। उधर लडकी ने चप्पल मार मार कर संजय का तोबड़ा बंदर के भेल जैसा लाल कर दिया। कुछ वक्त तक ओर तीनों की धुलाई लीला चलता रहा। पार्क में मौजूद बाकी लोग सिर्फ देख कर मजे लेते रहें। तीनों की पिटाई कुछ ज्यादा ही हों गया था इसलिए दोनों रूक गए फिर लड़का बोला…साले कामिने छिछौरी हरकत करने से बाज आ जा नहीं तो फिर हत्थे चढ़ा तो जान से मर दुंगा।

लडकी...चलो जी यहां से मूड ही खराब कर दिया कहीं ओर चलते हैं।

दोनों एक दूसरे का हाथ पकडे चल दिया। इधर तीनों की हालत डामाडौल हों गया था। किसी तरह एक दूसरे का सहारा लेकर खडा हुआ फिर विभान बोला...ओ मां सब तोड़ दिया कुछ भी साबुत न बचा कितना मरा सांड कहीं का।

संजय…अब्बे तुमे तो सांड ने मरा मेरे को तो उस छप्पन छुरी ने चप्पल मार मार के, हीरो जैसे दिखने वाले छोरे को जीरो बना दिया। बाप री क्या चप्पल बजती हैं? न जाने आज किसकी सूरत देखकर आया था जो एक लडकी से पीट गया।

मनीष...किसी और का नहीं ये नामुराद अनुराग के करण ही पीटे हैं जब जब अनुराग को साथ लेकर आए हैं तब तब पीटे हैं। साला हरमी दोस्त नहीं कलंक हैं अब उसे साथ लेकर नहीं आएंगे।

तीनों एक साथ हां बोलकर लड़खड़ाते हुए चल दिया। तीनों जहां जहां से गुजरकर जा रहे थें वहा मौजूद लोग तीनों को देखकर खिली उड़ा रहे थें तरह तरह की बाते कह रहे थें। किसी तरह एक दूसरे का सहारा बन अपने ठिकाने तक पहुंच ही गए।

आज के लिए इतना ही आगे की कहानी अगले अपडेट से जानेंगे। यहां तक साथ बाने रहने के लिय सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद

🙏🙏🙏🙏🙏
 

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