Romance Ajnabi hamsafar rishton ka gatbandhan

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:online: dear tabiyat kharab ho raha hai. Isliye thoda let ho gaya. Oopar se work lod pucho hi mat haal bura hua pada hai.
8pm tak next update de dunga
 
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Amazing update dear. Sukanya ki kahi gayi bato me ek sachai thi. jab galat tarike se kamae gae paiso me biwi bache hi matlab na rakhe to un paiso ka kya mol. ravan ko gaur se dhyan de to wo samjh jayega ki wo ab tak jis sapne piche bhag raha hai, jisko sakar karne ka matlab yahi hoga ke sabki nafrat ka patra ban jayega. aur by chance ghar me kisiko pata chal gaya to kya anjam hoga. sayad us par bharosa karna hi chhod de sabhi. Use samay rehte apasyu ki tarah khud ko sambhal lena chahiye .
raghu office jana nahi chahta tha par ek achi patni hone ke nate use yad dilya ke rajendra jii ki kya ummide hai raghu ko leke.

Bahut bahut shukriya
 
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Is update mein bhi yahin dekha gaya hai .....ki Bigul sahab puri siddat se isi koshish mein jute hai ki us haramjade Apsyu ko kuch bhi karke kahani ka hero bana diya ..... chaahe iske liye kuch bhi kyun karna pade :roflol: lekin main aisa hone nahi dungi....... :D

Ravan ka to pata nahi..... Lekin aaj kal sukanya ne ravan zaroor doori bana li hai.... Phir chaahe ravan laakh koshish kar le lekin sukanya ab banegi to bas surbhi ki dulhan..... Waise writer sahab ne ek chaal Chali hai.... jiske chalte aaj kal surbhi aur sukanya thodi doori banaye huye hai..... Koi baat nahi.... Main revos se hi undono ko mila dungi :hot:
Well ....Shaandaar kahani, shaandaar lekhni, shaandaar shabdon ka chayan sath dilchasp kirdaaron ki bhumika bhi dekhne ko mili hai...

Let's see what happens next..
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:

Bahut bahut shukriya Naina ji

Mai aur kar bhi kiya sakta hoon apashyu aapke pasandida kirdaro me se ek hai. To use villain to nehi bana sakta.
 
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Update - 39


रघु को ऑफिस भेजकर कमला घर की महिला मंडली की जमाई सभा में जाकर सामिल हों गई। तरह तरह की बाते उन सभी के बीच होने लगा बातों बातों में सुकन्या पूछ बैठी...बहु तुम खाना तो बहुत टेस्टी बना लेती हों इसके आलावा ओर कोई खास टैलेंट हैं तो बात दो, दीदी ने जानें का मौक ही नहीं दिया कि मैं खुद हमारे घर की बड़ी बहु की थोडी जांच पड़ताल कर संकू।

सुरभि…छोटी कैसी बात करती हैं। तू तो जानती हैं। क्या हुआ था? ऐसा न हों इसलिए मैं और तेरे जेठ जी मिलकर फैसला लिया था जब तक शादी का डेट तय न हों जाएं तब तक किसी को न बताया जाए पर होनी को कौन टाल सकता हैं। लेकिन शुक्र हैं बहु का जो बहु ने अपने पापा को समझाया नहीं तो हम तो उम्मीद ही छोड़ चुके थे। अब बहु तेरे सामने हैं जितना जांच पड़ताल करना हैं कर ले।

सुरभि की बात सुनकर सुकन्या मन ही मन बोली…दीदी मैं जानती हूं इन सब के पीछे कौन हैं लेकिन चाहकर भी मैं बता नहीं सकती कहीं न कहीं उनके किए गुनाह में मैं भी सामिल हूं मैं लालची होने का ढोंग न करके पहले से ही उन्हें समझती तो ऐसा कुछ भी न होता दीदी मुझे माफ़ करना न जानें ओर कब तक मुझे इस पाप कर्म का बोझ ढोना पड़ेगा। सिर्फ ओर सिर्फ एक बनावटी रिश्तों को दुनिया के सामने लाने के लिए ही मुझे इन पापो का बोझ ढोना पड़ रहा हैं। कहीं हमारे इन पापों का छाया मेरे बेटे पर न पड़ जाएं। हे प्रभु ऐसा होने से पहले कुछ चमत्कार कर देना।

सुकन्या खुद में ही खोई खुद से ही बाते कर रहीं थीं। सुकन्या को खोया हुआ देखकर सुरभि बोली...छोटी कहा खो गई

पुष्पा...मां आप न रहोगे बुद्धू के बुद्धू ही। इतना भी नहीं समझे छोटी मां भाभी की जांच पड़ताल कैसे ओर कहा से करना हैं इसके बारे में सोच रही थीं। क्यों छोटी मां मैंने ठीक कहा न?

पुष्पा की बात सुनकर सुकन्या मुस्कुरा दिया फिर आगे कुछ बोलती उससे पहले ही कमला बोली...ननद रानी वो मेरी सासू मां हैं। उनको मेरी जांच पड़ताल करने का पूरा हक हैं। बोलों सासु मां आप मेरे बारे में किया जानना चाहते हों।

सुकन्या...खबरदार बहु आज तुमने सासु मां बोला सो बोला आगे से नहीं बोलना, तुम मुझे रघु और पुष्पा की तरह छोटी मां ही बोलना।

कमला...ठीक हैं छोटी मां जैसा आपने कहा वैसा ही होगा।

सुकन्या...चलो फिर खुद ही अपने गुणों का बखान एक एक करके सूना डालो जो भी बताना सच सच बताना कुछ गलत बताया ओर मुझे पाता चला तुमने झूठ बोला हैं फ़िर मैं सास क्या होता हैं वो रूप दिखाऊंगी।

इतना कहाकर सुकन्या मुस्कुरा दिया ओर कमला सोचने में मग्न हों गई कौन कौन सी बाते बताई जाएं। छांट छांट के सभी अच्छी बातों की लिस्ट कमला मन ही मन बनाने लग गईं पर सुकन्या को मुस्कुराते देख कमला समझ गई उसकी छोटी सास उसकी खिंचाई कर रहीं थीं। तो कमला बोली...छोटी मां कोई खुद की मुंह से खुद की बढ़ाई कैसे कर सकता हैं। आप को मेरे बारे में जानना हैं तो खुद ही पाता लगाना होगा।

सुकन्या...बहु रानी इतनी बाते बोलने में इतना सोचने की क्या जरूरत थीं?

कमला...छोटी मां अपने पूछा ही इस तरीके से था कि मुझे सोचना पड़ा।

सुकन्या…किसी भी बात का ज़बाब देने से पहले सोच समझ कर जवाब देना मेरी तरह बिना सोचे समझे कोई भी काम न करना।

बातों की दिशा बदलते देख सुरभि बोली...छोटी तुझे जानना है न बहु किन किन गुणों में धनी हैं तो सुन बहु स्वादिष्ट खाना बनाने के अलावा पेंटिंग बनाने में माहिर हैं।

पुष्पा...kyaaaa लेकिन भाभी तो यहां आ'कर अभी तक कोई पेंटिंग ही नहीं बनाया फिर आप' को कैसे पाता चला।

सुरभि...मैं और तेरे पापा बहु की कलाकारी पहले ही देख चुके हैं। जब हम कलकत्ता कॉलेज के वार्षिक उत्सव में गए थे वहां पर ही देखा था।

सुकन्या…बहु तो तुम चित्रकार हों मुझे कब अपनी चित्रकारी दिखा रहे हों।

पुष्पा...भाभी भाभी आज ही बनाकर दिखाओ न मुझे देखना हैं आप कितना अच्छा पेंटिंग बनाते हों।

कमला...बाद में बनाकर दिखा दूंगी मेरे पास अभी पेंटिंग बनाने के कोई भी सामान नहीं हैं।

पुष्पा...आप को क्या क्या चाहिए चलो लेकर आते हैं।

कमला...मम्मी जी आप कहो तो जा'कर ले आऊं।

सुरभि...बहु आज नहीं काल ले'कर आना।

पुष्पा... आज क्यों नहीं आज ही जानें दो न!

सुरभि...हमारे घर की रिवाज हैं नई बहु पहली बार घर से निकलकर कुलदेवी मंदिर जाती हैं उसके बाद ही कहीं ओर जा सकती हैं।

पुष्पा...ये कैसा रिवाज हैं रिवाज हैं तो मानना ही पड़ेगा अब कर ही क्या सकते हैं।

पुष्पा की बात सुनकर सभी मुस्कुरा दिए फ़िर कुछ वक्त ओर सभी बाते करते रहें फिर कमला और पुष्पा साथ में उठकर चली गई दोनों के जाते ही सुरभि बोली...छोटी बीते दिनों जो भी तेरे ओर मेरे बीच हुआ उस बारे में भुल कर भी दुबारा याद न करना ओर न ही बहु के सामने उस बारे में बात करना समझी न मैंने किया कहा।

सुकन्या...हां दीदी लेकिन क्या करूं मैंने आप के साथ जो भी बुरा बरताव किया वो भूले से भी भुला नहीं पा रही हूं बार बार एक टीस सा उठता हैं ओर बीती बातें याद आ जाती हैं।

सुरभि...मैंने कहा न उन बातों को बिल्कुल भी याद नहीं करेंगी अब याद किया तो एक लगाऊंगी समझी क्या बोला।

सुकन्या...आप न एक लगा ही दो क्या पाता आप'के मार के डर से वो बाते कहीं छुप जाएं ओर कभी याद न आए।

दोनों ऐसे ही मस्करी करने में लग गए। अपश्यु बिल्कुल बनठन के रूम से निकला ओर चल दिया बैठक की ओर अपश्यु को बनठनकर बैठक में आया देख सुरभि बोली…अपश्यु बेटा कहा चले यूं बनठन के!

अपश्यु...बड़ी मां कुछ काम से बाहर जा रहा हूं।

सुरभि... काम से जा रहे हों लेकिन बनठन के तो ऐसे जा रहे हों जैसे किसी लड़की से मिलने जा रहे हों।

अपश्यु मन में...अरे बड़ी मां कैसे जान गईं मैं डिंपल से मिलने उसके घर जा रहा हूं। अब क्या बोलूं झूठ नहीं बोला तो जा नहीं पाऊंगा, सच बोल नहीं सकता ओर झूठ न बोलने की कसम खाई हैं अब क्या करूं चुप ही रहता हूं जो समझना हैं समझ ले।

अपश्यु को चुप देखकर सुरभि ओर सुकन्या मुस्करा दिया फ़िर सुरभि बोली...जा तू मानेगा तो नहीं लेकिन ध्यान रखना बाहर का ज्यादा कुछ न खाना नहीं तो तेरा पेट फ़िर से खराब हों जायेगा।

अपश्यु हां बोलकर चल दिया बाहर आकर ख़ुद से बोला...मां और बड़ी मां मुस्कुरा क्यों रहें थें कहीं उन्हें शक तो नहीं हों गया ।

इतना बोलकर अपश्यु चल दिया कुछ वक्त में डिम्पल के घर के सामने पहुंच गया पर अंदर जानें में उसे डर लग रहा था पहली बार डिम्पल के घर आया था। इसलिए घर के बाहर रोड पार इधर से उधर चक्कर काट रहा था। डिम्पल के पापा शहर के जानें माने बिजनस मैन हैं ओर ठाट वाट वाला बंदा हैं तो घर के बाहर मेन गेट पर चौकीदार रख रखे हैं। बहुत टाइम से अपश्यु को इधर उधर चक्कर काटते देखकर एक चौकीदार अपश्यु के पास गया फिर बोला...ओय लौंडा यहां क्या कर रहा हैं।

पुराने वाला अपश्यु होता तो अभी तक चौकीदार धूल चाट रहा होता पर अपश्यु ने सुधरने का शपथ ले रखा था इसलिए अदब से बोला... बस ऐसे ही खडा हूं।

"ऐसे ही क्यों खड़ा हैं? बता काम किया हैं"

अपश्यु...कहा तो बस ऐसे ही खडा हूं कुछ काम नहीं हैं।

"काम नहीं हैं तो यहां क्यों खडा हैं भाग यहां से नहीं तो अभी के अभी सुताई कर दुंगा।"

चौकीदार की बाते सूनकर अपश्यु को गुस्सा आ गया ओर मन ही मन बोला...साला मैं सुधरना चहता हूं पर लगाता है दुनिया वाले मुझे सुधरने नहीं देखेंगे। शांत अपश्यु शांत नहीं तो सभी किए कराए पर पानी फिर जायेगा। चुप चाप निकल ले नहीं तो आज ये चौकीदार पीट जायेगा।

इतना बोलकर अपश्यु वह से खिसक लिया फिर चौकीदार अपश्यु को घूरते हुए चला गया। अपश्यु थोड़े दुर आकार खडा हों गया। अपश्यु जहां खडा था वहा से डिम्पल के घर का गेट दिख रहा था। अपश्यु वहा से खडे खडे गेट पर नज़र बनाया हुआ था। कुछ वक्त बाद डिम्पल कहीं जानें के लिए घर से बाहर निकला गेट पर आया। डिम्पल के आते ही चौकीदार बोला... बहुत देर से एक लड़का यहां से चाक्कर काट रहा था डांट कर भगा दिया तो यहां से दूर जा'कर खडा हों गया मुझे उसके चाल चलन ठीक नहीं लग रहा हैं आप कहो तो पुलिस को सूचना दे दूं।

डिम्पल...होगा कोई कर रहा होगा किसी का वेट ऐसा था तो पहले क्यों नहीं बताया चलो दिखाओ किधर खडा हैं।

चौकीदार ने जिधर अपश्यु खडा था। उस ओर डिम्पल को दिखाया डिम्पल देखते ही पहचान गया ओर मंद मंद मुस्कुरा दिया फिर बोला... सुनो वो लड़का मेरा जान पहचान वाला है वो दुबारा इधर आए तो उसे यह से भागना नहीं बस नज़र रखना क्या करता हैं। ठीक हैं?

"जी मैडम आप कहें तो उसे भुलाकर लाऊं"

डिम्पल...नहीं बुलाने की ज़रूरत नहीं हैं।

इतना बोलकर डिम्पल बहार न जाकर अन्दर की ओर चल दिया फिर छत पर जा'कर छुप छुप कर अपश्यु को देखने लग गया। कुछ देर तक अपश्यु को छुप कर देखने के बाद खुद से बोला...यकीन नहीं होता अपश्यु मुझसे इतना प्यार भी करता होगा देखो कैसे सड़क छाप रोमियो की तरह मेरे घर तक आ गया करों करों वेट करों लेकिन तुम न मुझे देख पाओगे न ही मिल पाओगे मुझसे वेट करवाया था न, अब देखना mr रोमियो तुम्हारे चप्पल न घिसवा दिया तो मेरा नाम भी डिम्पल नहीं।

अपश्यु कभी इधर जाए तो कभी उधर जाए फिर एक जगह खडा होंकर डिम्पल के घर की ओर देखा जब कोई न दिखा तो बोला…अरे ये डिम्पल कहा रह गई बहार क्यों नहीं आ रही हैं। आज डिम्पल के कारण सड़क छाप रोमियो बन गया किसी को पता चला तो क्या कहेंगे किसी को छोड़ों घर पर पाता चला तो मां, बड़ी मां, भाभी, दादा भाई सभी मूझपर चढ़ बैठेंगे ओर महारानी पुष्पा तो न जानें कितने दिन तक मुझसे उठक बैठक करवाएंगे हे प्रभु बचा लेना।

अपश्यु मन ही मन बुदबुदा रहा था ओर इधर उधर घूम घूम कर परेशान हों रहा था ये देखकर डिम्पल मजे लेते हुए बोला...Oooo hooo मेरा रोमियो परेशान हों रहा हैं मैं भी हुआ था खुद ही देख लो जब किसी का वेट करना पड़े तो कितना मजा आता हैं।

अपश्यु बहुत देर तक खडा रहा ओर वेट करता रहा पर डिम्पल घर से निकली ही नहीं वो छत से छुप छुप के तमाशा देखती रहीं। थक हारकर अपश्यु घर को चल दिया अपश्यु के जाते ही डिम्पल भी अन्दर चली गई फिर किसी काम से बहार चली गई।

अभी अभी विंकट महल के पास पहुंच था अपश्यु को कहीं से आते देख विंकट बोला...अरी अपश्यु कहा गया था कहा से आ रहा है मैं उसके पीछे नहीं था ये बात उस्ताद को पता चला तो मेरी खाल खीच लेंगे लेकिन ये बात मेरे आलावा उस्ताद को बतायेगा कौन बोल दुंगा अपश्यु कहीं गया ही नहीं था। साला उस्ताद के कारण मेरे लाइफ के L लग गया हैं। लगता हैं उस्ताद को माना करना पड़ेगा एक दो दिन और देखता हू काम नहीं बना तो माना कर दूंगा।

अपश्यु अन्दर कहीं पर नहीं रूका सीधा रूम में गया ओर रिसीवर उठाकर कॉल लगा दिया पर कॉल किसी ने रिसीव नहीं किया फिर नंबर बदल बदल कर कई फोन किया पर कोई भी कॉल रिसीव नहीं हुआ। फिर एक ओर नंबर लगाया एक दो बार ट्राई करने के बाद काल रिसीव किया ओर बोला...कौन हो भाई दोपहर में तो चैन ले लेने दो।

अपश्यु...bc तुझे चैन की पड़ी यहां मेरा चैन छीन गया हैं। उठ जा कुत्ते कामिनें अनुराग।

गाली सुनकर अनुराग बोला…इतना कम कुछ ओर गलियां दे यार बहुत दिन हों गया तेरे मुंह से गाली नहीं सूना! बता कैसे याद किया

अपश्यु...यार डिम्पल बहुत ही ज्यादा रूठ गई हैं बता न कैसे मनाऊं

अनुराग...मेरा कहना तू क्यों मानेगा तूने कब मेरा कहना माना हैं जब भी मैंने तेरे भाले के लिए कुछ कहा तभी तूने मुझे भला बुरा कहा सिर्फ कहा ही नहीं बल्कि धोबी जैसे कपड़े धोता हैं वैसे ही मुझे धोया।

अपश्यु...सॉरी यार उस वक्त मेरे आंखो पर पट्टी बंधी हुई थी अब पट्टी उतर चुका हैं तू जैसा कहेगा मैं वैसा ही करूंगा बस तू मुझे मेरे पिछली गलती के लिए माफ़ कर दे।

इतना सुनते ही अनुराग के आंखो से आंसू और हाथ से रिसीवर गिर गया उसे यकीन नहीं हों रहा था अपश्यु उससे माफी मांग रहा हैं सिर्फ माफी ही नहीं बल्कि जैसा अनुराग कहेगा वैसा ही करेगा। इधर अपश्यु हैलो हैलो करता रहा गया पर कोई जवाब ही नहीं आया। कुछ देर बाद अनुराग खुद को संभाला ओर रिसीवर उठाकर बोला...तू क्या कह रहा है सोच समझ कर कह रहा हैं न, या फिर हवे में ही बाते कर रहा हैं।

अपश्यु...पहले तू ये बता इतनी देर चुप क्यों था? कुछ बोला क्यों नहीं?

अनुराग...क्या बोलता? आज तूने वो बोला जिसकी कभी उम्मीद ही नहीं था इसलिए मुझे यकीन ही नहीं हों रहा था कि तूने सॉरी बोला….।

अनुराग की बातों को बीच में काटकर अपश्यु बोला...अच्छा तुझे यकीन नही हों रहा तो सुन सॉरी सॉरी सॉरी मुझे माफ़ कर दे यार।

अनुराग...चल माफ किया पर ये तो बता ये उल्टी गंगा कब से बह'ने लग गया।

अपश्यु...अरे उल्टी गांग नहीं सीधी गंगा बह रहा हैं कैसे बह रहा है ये फिर कभी बताऊंग तू ये बता डिम्पल को कैसे मनाऊं।

अनुराग…अरे फोन कर बात कर मान जाएगी।

अपश्यु…फ़ोन उठा ही कहा रही है कल से फोन कर रहा हू उठा ही नहीं रहीं। दरसाल कल मिलने बुलाया था। बड़े पापा के साथ ऑफिस गया था तो जा ही नहीं पाया इसलिए रूठ गई हैं।

अनुराग…अच्छा ये बात हैं तो ठीक हैं मैं बात करके देखता हूं तू टेंशन न ले।

अपश्यु...जल्दी बात कर ओर मुझे बता।

अनुराग... ठीक है अब रखता हू

इतना कहकर अनुराग फोन रख दिया ओर मन ही मन खुश हों रहा था फिर बोला...हे प्रभु क्या मेरा दोस्त सही रास्ते पर आ गया या अब भी वैसा ही हैं लेकिन जैसा कह रहा था उससे तो लग रहा है अब वो गलत काम नहीं करेगा आगर ऐसा हों गया तो बहुत अच्छा होगा।

अनुराग खुद से बातें करते करते तैयार हुआ ओर कहीं चल दिया। उधर रघु जिस काम के लिए ऑफिस गया था या ये कहना सही होगा बीबी ने लाथेड कर ऑफिस भेज था। ऑफिस जाते ही पहले एग्रीमेट की फाइल मंगवाकर चेक किया फिर एग्रीमेंट पर साइन कर दिया। उसके बाद अपने काम में लग गया।

आज के लिए इतना ही आगे की कहानी अगले अपडेट से जानेंगे यह तक साथ बने रहने के लिय बहुत बहुत धन्यवाद।

🙏🙏🙏🙏🙏
 
expectations
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Update - 39


रघु को ऑफिस भेजकर कमला घर की महिला मंडली की जमाई सभा में जाकर सामिल हों गई। तरह तरह की बाते उन सभी के बीच होने लगा बातों बातों में सुकन्या पूछ बैठी...बहु तुम खाना तो बहुत टेस्टी बना लेती हों इसके आलावा ओर कोई खास टैलेंट हैं तो बात दो, दीदी ने जानें का मौक ही नहीं दिया कि मैं खुद हमारे घर की बड़ी बहु की थोडी जांच पड़ताल कर संकू।

सुरभि…छोटी कैसी बात करती हैं। तू तो जानती हैं। क्या हुआ था? ऐसा न हों इसलिए मैं और तेरे जेठ जी मिलकर फैसला लिया था जब तक शादी का डेट तय न हों जाएं तब तक किसी को न बताया जाए पर होनी को कौन टाल सकता हैं। लेकिन शुक्र हैं बहु का जो बहु ने अपने पापा को समझाया नहीं तो हम तो उम्मीद ही छोड़ चुके थे। अब बहु तेरे सामने हैं जितना जांच पड़ताल करना हैं कर ले।

सुरभि की बात सुनकर सुकन्या मन ही मन बोली…दीदी मैं जानती हूं इन सब के पीछे कौन हैं लेकिन चाहकर भी मैं बता नहीं सकती कहीं न कहीं उनके किए गुनाह में मैं भी सामिल हूं मैं लालची होने का ढोंग न करके पहले से ही उन्हें समझती तो ऐसा कुछ भी न होता दीदी मुझे माफ़ करना न जानें ओर कब तक मुझे इस पाप कर्म का बोझ ढोना पड़ेगा। सिर्फ ओर सिर्फ एक बनावटी रिश्तों को दुनिया के सामने लाने के लिए ही मुझे इन पापो का बोझ ढोना पड़ रहा हैं। कहीं हमारे इन पापों का छाया मेरे बेटे पर न पड़ जाएं। हे प्रभु ऐसा होने से पहले कुछ चमत्कार कर देना।

सुकन्या खुद में ही खोई खुद से ही बाते कर रहीं थीं। सुकन्या को खोया हुआ देखकर सुरभि बोली...छोटी कहा खो गई

पुष्पा...मां आप न रहोगे बुद्धू के बुद्धू ही। इतना भी नहीं समझे छोटी मां भाभी की जांच पड़ताल कैसे ओर कहा से करना हैं इसके बारे में सोच रही थीं। क्यों छोटी मां मैंने ठीक कहा न?

पुष्पा की बात सुनकर सुकन्या मुस्कुरा दिया फिर आगे कुछ बोलती उससे पहले ही कमला बोली...ननद रानी वो मेरी सासू मां हैं। उनको मेरी जांच पड़ताल करने का पूरा हक हैं। बोलों सासु मां आप मेरे बारे में किया जानना चाहते हों।

सुकन्या...खबरदार बहु आज तुमने सासु मां बोला सो बोला आगे से नहीं बोलना, तुम मुझे रघु और पुष्पा की तरह छोटी मां ही बोलना।

कमला...ठीक हैं छोटी मां जैसा आपने कहा वैसा ही होगा।

सुकन्या...चलो फिर खुद ही अपने गुणों का बखान एक एक करके सूना डालो जो भी बताना सच सच बताना कुछ गलत बताया ओर मुझे पाता चला तुमने झूठ बोला हैं फ़िर मैं सास क्या होता हैं वो रूप दिखाऊंगी।

इतना कहाकर सुकन्या मुस्कुरा दिया ओर कमला सोचने में मग्न हों गई कौन कौन सी बाते बताई जाएं। छांट छांट के सभी अच्छी बातों की लिस्ट कमला मन ही मन बनाने लग गईं पर सुकन्या को मुस्कुराते देख कमला समझ गई उसकी छोटी सास उसकी खिंचाई कर रहीं थीं। तो कमला बोली...छोटी मां कोई खुद की मुंह से खुद की बढ़ाई कैसे कर सकता हैं। आप को मेरे बारे में जानना हैं तो खुद ही पाता लगाना होगा।

सुकन्या...बहु रानी इतनी बाते बोलने में इतना सोचने की क्या जरूरत थीं?

कमला...छोटी मां अपने पूछा ही इस तरीके से था कि मुझे सोचना पड़ा।

सुकन्या…किसी भी बात का ज़बाब देने से पहले सोच समझ कर जवाब देना मेरी तरह बिना सोचे समझे कोई भी काम न करना।

बातों की दिशा बदलते देख सुरभि बोली...छोटी तुझे जानना है न बहु किन किन गुणों में धनी हैं तो सुन बहु स्वादिष्ट खाना बनाने के अलावा पेंटिंग बनाने में माहिर हैं।

पुष्पा...kyaaaa लेकिन भाभी तो यहां आ'कर अभी तक कोई पेंटिंग ही नहीं बनाया फिर आप' को कैसे पाता चला।

सुरभि...मैं और तेरे पापा बहु की कलाकारी पहले ही देख चुके हैं। जब हम कलकत्ता कॉलेज के वार्षिक उत्सव में गए थे वहां पर ही देखा था।

सुकन्या…बहु तो तुम चित्रकार हों मुझे कब अपनी चित्रकारी दिखा रहे हों।

पुष्पा...भाभी भाभी आज ही बनाकर दिखाओ न मुझे देखना हैं आप कितना अच्छा पेंटिंग बनाते हों।

कमला...बाद में बनाकर दिखा दूंगी मेरे पास अभी पेंटिंग बनाने के कोई भी सामान नहीं हैं।

पुष्पा...आप को क्या क्या चाहिए चलो लेकर आते हैं।

कमला...मम्मी जी आप कहो तो जा'कर ले आऊं।

सुरभि...बहु आज नहीं काल ले'कर आना।

पुष्पा... आज क्यों नहीं आज ही जानें दो न!

सुरभि...हमारे घर की रिवाज हैं नई बहु पहली बार घर से निकलकर कुलदेवी मंदिर जाती हैं उसके बाद ही कहीं ओर जा सकती हैं।

पुष्पा...ये कैसा रिवाज हैं रिवाज हैं तो मानना ही पड़ेगा अब कर ही क्या सकते हैं।

पुष्पा की बात सुनकर सभी मुस्कुरा दिए फ़िर कुछ वक्त ओर सभी बाते करते रहें फिर कमला और पुष्पा साथ में उठकर चली गई दोनों के जाते ही सुरभि बोली...छोटी बीते दिनों जो भी तेरे ओर मेरे बीच हुआ उस बारे में भुल कर भी दुबारा याद न करना ओर न ही बहु के सामने उस बारे में बात करना समझी न मैंने किया कहा।

सुकन्या...हां दीदी लेकिन क्या करूं मैंने आप के साथ जो भी बुरा बरताव किया वो भूले से भी भुला नहीं पा रही हूं बार बार एक टीस सा उठता हैं ओर बीती बातें याद आ जाती हैं।

सुरभि...मैंने कहा न उन बातों को बिल्कुल भी याद नहीं करेंगी अब याद किया तो एक लगाऊंगी समझी क्या बोला।

सुकन्या...आप न एक लगा ही दो क्या पाता आप'के मार के डर से वो बाते कहीं छुप जाएं ओर कभी याद न आए।

दोनों ऐसे ही मस्करी करने में लग गए। अपश्यु बिल्कुल बनठन के रूम से निकला ओर चल दिया बैठक की ओर अपश्यु को बनठनकर बैठक में आया देख सुरभि बोली…अपश्यु बेटा कहा चले यूं बनठन के!

अपश्यु...बड़ी मां कुछ काम से बाहर जा रहा हूं।

सुरभि... काम से जा रहे हों लेकिन बनठन के तो ऐसे जा रहे हों जैसे किसी लड़की से मिलने जा रहे हों।

अपश्यु मन में...अरे बड़ी मां कैसे जान गईं मैं डिंपल से मिलने उसके घर जा रहा हूं। अब क्या बोलूं झूठ नहीं बोला तो जा नहीं पाऊंगा, सच बोल नहीं सकता ओर झूठ न बोलने की कसम खाई हैं अब क्या करूं चुप ही रहता हूं जो समझना हैं समझ ले।

अपश्यु को चुप देखकर सुरभि ओर सुकन्या मुस्करा दिया फ़िर सुरभि बोली...जा तू मानेगा तो नहीं लेकिन ध्यान रखना बाहर का ज्यादा कुछ न खाना नहीं तो तेरा पेट फ़िर से खराब हों जायेगा।

अपश्यु हां बोलकर चल दिया बाहर आकर ख़ुद से बोला...मां और बड़ी मां मुस्कुरा क्यों रहें थें कहीं उन्हें शक तो नहीं हों गया ।

इतना बोलकर अपश्यु चल दिया कुछ वक्त में डिम्पल के घर के सामने पहुंच गया पर अंदर जानें में उसे डर लग रहा था पहली बार डिम्पल के घर आया था। इसलिए घर के बाहर रोड पार इधर से उधर चक्कर काट रहा था। डिम्पल के पापा शहर के जानें माने बिजनस मैन हैं ओर ठाट वाट वाला बंदा हैं तो घर के बाहर मेन गेट पर चौकीदार रख रखे हैं। बहुत टाइम से अपश्यु को इधर उधर चक्कर काटते देखकर एक चौकीदार अपश्यु के पास गया फिर बोला...ओय लौंडा यहां क्या कर रहा हैं।

पुराने वाला अपश्यु होता तो अभी तक चौकीदार धूल चाट रहा होता पर अपश्यु ने सुधरने का शपथ ले रखा था इसलिए अदब से बोला... बस ऐसे ही खडा हूं।

"ऐसे ही क्यों खड़ा हैं? बता काम किया हैं"

अपश्यु...कहा तो बस ऐसे ही खडा हूं कुछ काम नहीं हैं।

"काम नहीं हैं तो यहां क्यों खडा हैं भाग यहां से नहीं तो अभी के अभी सुताई कर दुंगा।"

चौकीदार की बाते सूनकर अपश्यु को गुस्सा आ गया ओर मन ही मन बोला...साला मैं सुधरना चहता हूं पर लगाता है दुनिया वाले मुझे सुधरने नहीं देखेंगे। शांत अपश्यु शांत नहीं तो सभी किए कराए पर पानी फिर जायेगा। चुप चाप निकल ले नहीं तो आज ये चौकीदार पीट जायेगा।

इतना बोलकर अपश्यु वह से खिसक लिया फिर चौकीदार अपश्यु को घूरते हुए चला गया। अपश्यु थोड़े दुर आकार खडा हों गया। अपश्यु जहां खडा था वहा से डिम्पल के घर का गेट दिख रहा था। अपश्यु वहा से खडे खडे गेट पर नज़र बनाया हुआ था। कुछ वक्त बाद डिम्पल कहीं जानें के लिए घर से बाहर निकला गेट पर आया। डिम्पल के आते ही चौकीदार बोला... बहुत देर से एक लड़का यहां से चाक्कर काट रहा था डांट कर भगा दिया तो यहां से दूर जा'कर खडा हों गया मुझे उसके चाल चलन ठीक नहीं लग रहा हैं आप कहो तो पुलिस को सूचना दे दूं।

डिम्पल...होगा कोई कर रहा होगा किसी का वेट ऐसा था तो पहले क्यों नहीं बताया चलो दिखाओ किधर खडा हैं।

चौकीदार ने जिधर अपश्यु खडा था। उस ओर डिम्पल को दिखाया डिम्पल देखते ही पहचान गया ओर मंद मंद मुस्कुरा दिया फिर बोला... सुनो वो लड़का मेरा जान पहचान वाला है वो दुबारा इधर आए तो उसे यह से भागना नहीं बस नज़र रखना क्या करता हैं। ठीक हैं?

"जी मैडम आप कहें तो उसे भुलाकर लाऊं"

डिम्पल...नहीं बुलाने की ज़रूरत नहीं हैं।

इतना बोलकर डिम्पल बहार न जाकर अन्दर की ओर चल दिया फिर छत पर जा'कर छुप छुप कर अपश्यु को देखने लग गया। कुछ देर तक अपश्यु को छुप कर देखने के बाद खुद से बोला...यकीन नहीं होता अपश्यु मुझसे इतना प्यार भी करता होगा देखो कैसे सड़क छाप रोमियो की तरह मेरे घर तक आ गया करों करों वेट करों लेकिन तुम न मुझे देख पाओगे न ही मिल पाओगे मुझसे वेट करवाया था न, अब देखना mr रोमियो तुम्हारे चप्पल न घिसवा दिया तो मेरा नाम भी डिम्पल नहीं।

अपश्यु कभी इधर जाए तो कभी उधर जाए फिर एक जगह खडा होंकर डिम्पल के घर की ओर देखा जब कोई न दिखा तो बोला…अरे ये डिम्पल कहा रह गई बहार क्यों नहीं आ रही हैं। आज डिम्पल के कारण सड़क छाप रोमियो बन गया किसी को पता चला तो क्या कहेंगे किसी को छोड़ों घर पर पाता चला तो मां, बड़ी मां, भाभी, दादा भाई सभी मूझपर चढ़ बैठेंगे ओर महारानी पुष्पा तो न जानें कितने दिन तक मुझसे उठक बैठक करवाएंगे हे प्रभु बचा लेना।

अपश्यु मन ही मन बुदबुदा रहा था ओर इधर उधर घूम घूम कर परेशान हों रहा था ये देखकर डिम्पल मजे लेते हुए बोला...Oooo hooo मेरा रोमियो परेशान हों रहा हैं मैं भी हुआ था खुद ही देख लो जब किसी का वेट करना पड़े तो कितना मजा आता हैं।

अपश्यु बहुत देर तक खडा रहा ओर वेट करता रहा पर डिम्पल घर से निकली ही नहीं वो छत से छुप छुप के तमाशा देखती रहीं। थक हारकर अपश्यु घर को चल दिया अपश्यु के जाते ही डिम्पल भी अन्दर चली गई फिर किसी काम से बहार चली गई।

अभी अभी विंकट महल के पास पहुंच था अपश्यु को कहीं से आते देख विंकट बोला...अरी अपश्यु कहा गया था कहा से आ रहा है मैं उसके पीछे नहीं था ये बात उस्ताद को पता चला तो मेरी खाल खीच लेंगे लेकिन ये बात मेरे आलावा उस्ताद को बतायेगा कौन बोल दुंगा अपश्यु कहीं गया ही नहीं था। साला उस्ताद के कारण मेरे लाइफ के L लग गया हैं। लगता हैं उस्ताद को माना करना पड़ेगा एक दो दिन और देखता हू काम नहीं बना तो माना कर दूंगा।

अपश्यु अन्दर कहीं पर नहीं रूका सीधा रूम में गया ओर रिसीवर उठाकर कॉल लगा दिया पर कॉल किसी ने रिसीव नहीं किया फिर नंबर बदल बदल कर कई फोन किया पर कोई भी कॉल रिसीव नहीं हुआ। फिर एक ओर नंबर लगाया एक दो बार ट्राई करने के बाद काल रिसीव किया ओर बोला...कौन हो भाई दोपहर में तो चैन ले लेने दो।

अपश्यु...bc तुझे चैन की पड़ी यहां मेरा चैन छीन गया हैं। उठ जा कुत्ते कामिनें अनुराग।

गाली सुनकर अनुराग बोला…इतना कम कुछ ओर गलियां दे यार बहुत दिन हों गया तेरे मुंह से गाली नहीं सूना! बता कैसे याद किया

अपश्यु...यार डिम्पल बहुत ही ज्यादा रूठ गई हैं बता न कैसे मनाऊं

अनुराग...मेरा कहना तू क्यों मानेगा तूने कब मेरा कहना माना हैं जब भी मैंने तेरे भाले के लिए कुछ कहा तभी तूने मुझे भला बुरा कहा सिर्फ कहा ही नहीं बल्कि धोबी जैसे कपड़े धोता हैं वैसे ही मुझे धोया।

अपश्यु...सॉरी यार उस वक्त मेरे आंखो पर पट्टी बंधी हुई थी अब पट्टी उतर चुका हैं तू जैसा कहेगा मैं वैसा ही करूंगा बस तू मुझे मेरे पिछली गलती के लिए माफ़ कर दे।

इतना सुनते ही अनुराग के आंखो से आंसू और हाथ से रिसीवर गिर गया उसे यकीन नहीं हों रहा था अपश्यु उससे माफी मांग रहा हैं सिर्फ माफी ही नहीं बल्कि जैसा अनुराग कहेगा वैसा ही करेगा। इधर अपश्यु हैलो हैलो करता रहा गया पर कोई जवाब ही नहीं आया। कुछ देर बाद अनुराग खुद को संभाला ओर रिसीवर उठाकर बोला...तू क्या कह रहा है सोच समझ कर कह रहा हैं न, या फिर हवे में ही बाते कर रहा हैं।

अपश्यु...पहले तू ये बता इतनी देर चुप क्यों था? कुछ बोला क्यों नहीं?

अनुराग...क्या बोलता? आज तूने वो बोला जिसकी कभी उम्मीद ही नहीं था इसलिए मुझे यकीन ही नहीं हों रहा था कि तूने सॉरी बोला….।

अनुराग की बातों को बीच में काटकर अपश्यु बोला...अच्छा तुझे यकीन नही हों रहा तो सुन सॉरी सॉरी सॉरी मुझे माफ़ कर दे यार।

अनुराग...चल माफ किया पर ये तो बता ये उल्टी गंगा कब से बह'ने लग गया।

अपश्यु...अरे उल्टी गांग नहीं सीधी गंगा बह रहा हैं कैसे बह रहा है ये फिर कभी बताऊंग तू ये बता डिम्पल को कैसे मनाऊं।

अनुराग…अरे फोन कर बात कर मान जाएगी।

अपश्यु…फ़ोन उठा ही कहा रही है कल से फोन कर रहा हू उठा ही नहीं रहीं। दरसाल कल मिलने बुलाया था। बड़े पापा के साथ ऑफिस गया था तो जा ही नहीं पाया इसलिए रूठ गई हैं।

अनुराग…अच्छा ये बात हैं तो ठीक हैं मैं बात करके देखता हूं तू टेंशन न ले।

अपश्यु...जल्दी बात कर ओर मुझे बता।

अनुराग... ठीक है अब रखता हू

इतना कहकर अनुराग फोन रख दिया ओर मन ही मन खुश हों रहा था फिर बोला...हे प्रभु क्या मेरा दोस्त सही रास्ते पर आ गया या अब भी वैसा ही हैं लेकिन जैसा कह रहा था उससे तो लग रहा है अब वो गलत काम नहीं करेगा आगर ऐसा हों गया तो बहुत अच्छा होगा।

अनुराग खुद से बातें करते करते तैयार हुआ ओर कहीं चल दिया। उधर रघु जिस काम के लिए ऑफिस गया था या ये कहना सही होगा बीबी ने लाथेड कर ऑफिस भेज था। ऑफिस जाते ही पहले एग्रीमेट की फाइल मंगवाकर चेक किया फिर एग्रीमेंट पर साइन कर दिया। उसके बाद अपने काम में लग गया।

आज के लिए इतना ही आगे की कहानी अगले अपडेट से जानेंगे यह तक साथ बने रहने के लिय बहुत बहुत धन्यवाद।

🙏🙏🙏🙏🙏
very nice apsyu sudhar raha hai :vhappy:
 

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