राजू अपनी बहन की जबरदस्त चुदाई करते हुए उसके ऊपर ढह चुका था उसके लंबे का लावा,,, अपनी बहन की गरम जवानी की आंच में पिघल चुका था लेकिन पिघलने से पहले अपनी बहन की जवानी को दो-तीन बार पिघला चुका था,,,राजू कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी बहन की चुदाई करेगा और वह भी अपनी बड़ी बहन की,,, 2 साल पहले ही वह शादी करके ससुराल जा चुकी थी और 2 साल पहले राजू में औरतों को समझने का हुनर बिल्कुल भी नहीं था औरतों के अंगों के प्रति आकर्षण बिल्कुल भी नहीं था लेकिन इन 2 वर्षों में सब कुछ बदल चुका था,,,2 साल बाद पहली बार रात के अंधेरे में अपनी बहन से मिल रहा था इसलिए अपनी बहन के अंगों और बदन की बनावट को वकील से देख नहीं पाया था लेकिन कमरे के अंदर लालटेन की रोशनी में वह अपनी बहन की दहकती जवानी को देखकर अपने ऊपर काबू नहीं रख पाया था,,,,,, ना ही उसकी बहन अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को देखकर सब्र कर पाई थी और उसे अपनी बुर में लेकर 2 साल की प्यास को तृप्त कर चुकी थी अपने भाई के लंड को अपनी बुर में लेने का एक अलग ही लालच था मां बनने का और दूसरा चुदाई का संपूर्ण आनंद लेने का,,, जिस तरह से राजू ने जमकर चुदाई किया था उसे देखते हुए महुआ को लग रहा था कि वह जरूर अपने भाई के द्वारा,,, पेट से हो जाएगी,,,, उन दोनों के साथ में ही गुलाबी भी अपनी गुलाबी बुर का स्वाद महुआ को चखाते हुए झड़ चुकी थी,,,,,।
गुलाबी अपनी गुलाबी बुर को महुआ के मुंह पर से हटा कर एक तरफ होकर गहरी गहरी सांस ले रही थी,,, और महुआ की तरफ देखते हूए बोली,,,।
देखी महुआ रानी तेरे भाई की करामत आखिर अपनी बहन को चोद ही दिया,,,,,
(महुआ के पास अपने बुआ के इस बात का कोई जवाब नहीं था क्योंकि जो कुछ भी हो कह रही थी वह सच था,,, राजू अपनी बहन के ऊपर लेटा हुआ था उसका लंड अभी भी उसकी बुर की गहराई में घुसा हुआ था,,,, राजू की तरफ देखते हुए गुलाबी बोली,,,) अरे बस कर तेरा भी निकल चुका है और तेरी बहन का भी फिर भी अपनी बहन की बुर में लंड डाला हुआ है,,, लगता है अपनी दीदी की बुर में से लंड निकालने का मन नहीं कर रहा है,,,।
हां सच कह रही हो बुआ दीदी की बुर में से लंड निकालने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा है,,,
तो इतना ही अच्छा लग रहा है तो खुद क्यों नहीं घुस जाता और जाकर बैठ जा अपनी बहन की बुर में,,,
मेरा बस चलता तो दीदी की बुर में जाकर बैठ ही जाता,,,
चल अभी तू रहने दे तू कभी बाद में जाकर बैठ जाना लेकिन पहले तू अपनी दीदी की बुर में एक छोटा सा लल्ला बैठा दे ताकि ससुराल में खुशी से रह सकें,,,
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो बुआ दीदी जितने दिन यहां रहेगी उतने दिन में रोज दीदी की चुदाई करूंगा देखना फिर दीदी के जीवन में खुशहाली आ जाएगी,,,, क्यों दीदी,,,(अपनी बहन के चेहरे की तरफ देखते हुए) तुमको चाहिए ना छोटा सा लल्ला,,,।
(अपने भाई के मुंह से यह सुनकर महुआ एकदम शर्म से लाल हो गई वह कभी सपने में नहीं सोचा थी कि उसका भाई इतना बड़ा हरामि होगा कि उससे इस तरह की बातें एकदम खुलकर करेगा महुआ शर्मा कर अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमा ली तो गुलाबी यह देख कर बोली,,,)
देख रही है महुआ 2 साल में तेरा भाई कितना बदल गया है यह वही राजू नहीं रहा जो लड़कियों से औरतों से शर्मीता था उनसे बात करने से भी घबराता था,,,,, अब देख तो औरतों की बुर में लंड डालने में कितना मजा आता है यहां तक कि अब तो अपनी बहन को भी चोदने लगा है अब देखना वह दिन दूर नहीं जब क्या खुद अपनी मां की टांग चौड़ी करके उसकी बुर में लंड डालेगा,,,।
(अपनी बुआ के मुंह से इस तरह की बातें और वो भी खास करके अपनी मां के लिए इतनी गंदी बातें सुनकर महुआ शर्म और उत्तेजना से लाल हुए जा रही थी और मुस्कुराते हुए अपनी बुआ की तरफ देखे बिना ही बोली)
इसकी बेशर्मी में तुम्हारा ही हाथ है बुआ,,, तुम ही ने इसे इतना बेशर्म और हरामि बना दी हो,,,
तो क्या हो गया ,,, अच्छा ही हुआ कि मैंने इसे इतना बेशर्म बना दी हूं इसलिए तो आज यह इतना काम आ रहा है,,, और तुम्हारे भी काम आ रहा है,,, देखी नहीं कितना मजा देता है,,, साले का लंड नहीं मुसल है,,, जो तेरी चुदाई कर करके तुझे मां बनाएगा,,,, देख नहीं रही है अभी भी उसका लंड तेरी बुर में घुसा हुआ है पानी निकाल दिया है लेकिन लंड है कि ढीला पड़ने का नाम ही नहीं लेता,,,।
(अपनी बुआ की बातें सुनकर महुआ अपनी बुर की गहराई में अपने भाई के लंड को महसूस करते हुए बोली,,)
सच में बुआ इसका लंड तू अभी भी पूरा खड़ा हुआ है,,।
(अपनी बहन की बात सुनकर उसकी दोनों सूची को अपने हाथ में लेकर दबाते हुए बोला)
तो क्या दीदी इसी को तो कहते हैं मर्दाना ताकत इतनी ताकत मुझ में ना होती मेरे लंड में ना होती तो क्या तुम मेरे नीचे आती क्या बुआ मुझसे चुदवाती,,, यह सब मेरे लंड के बदौलत ही मुमकिन है,,,,(इतना कहते हुए जोश में राजू अपनी बहन की चूची को कसकस कर दबा रहा था उसके इस तरह से दबाने से महुआ को दर्द महसूस हो रहा था तो वह बोली)
अरे इतनी जोर से क्यों दबा रहा है,,, अब उतर तो मेरे ऊपर से मेरा बदन दर्द करने लगा,,,,।
(अपनी बहन की बात सुनकर राजू अपनी बहन के बदन के ऊपर से उठने को हुआ लेकिन उठते हुए वह अपने लंड को अपनी बहन की बुर से निकलता हुआ देखना चाहता था इसलिए हल्के से अपने सर को उठा कर अपनी नजरों को नीचे करके अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच देखने लगा जहां पर उसका मोटा तगड़ा लंड अभी भी उसकी बुर की गहराई में घुसा हुआ था,,, महुआ की भी नजर अपनी दोनों टांगों के बीच चली गई थी और राजू धीरे-धीरे अपने लंड को बाहर खींचने लगा बुर में से मोटा तगड़ा लंड निकलता हुआ बहुत ही अच्छा लग रहा था जिसे देखकर महुआ के बदन में फिर से उत्तेजना की लहर उठ रही थी और देखते ही देखते राजू ने अपने लंड को अपनी बहन की बुर से बाहर निकाल लिया महुआ हैरान थी कि उसके भाई का लंड अभी भी अपनी पूरी औकात में था बस हल्का सा लचक आ गया था,,,,,अपने लंड को अपनी बहन की बुर में से निकालकर राजू वही बगल में ही पीठ के बल लेट गया महुआ की नजर अपने भाई के लंड पर पड़ी तो वहां अभी भी छत की तरफ मुंह उठाए खड़ा था,,, यह देख कर हैरानी से वह अपनी बुआ की तरफ देखी तो उसकी बुआ समझ गई कि महुआ के मन में क्या चल रहा है इसलिए वह बोली,,,)
देख कर हैरान हो रही है ना,,, तुझे यकीन नहीं हो रहा होगा,, लेकिन अपनी आंखों से देख रही है ना मुझे पूरा यकीन है कि जब तेरा पति तुझे चोदता होगा जो कि तूने खुद ही बताई है कि एक दो झटके में ही ढेर हो जाता है लेकिन पानी निकलने के बाद उसका तुरंत सिकुड़ जाता होगा लेकिन देख तेरे भाई का झड़ने के बाद भी वह दो-तीन बार तेरा पानी निकाल सकता है,,,,(अपनी बुआ की बातें सुनकर राजू गर्व से फूला नहीं समा रहा था इसलिए अपने हाथ में अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए अपनी बहन की तरफ देख कर मुस्कुराने लगा और उसकी बहन शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, चुदवाने के बाद उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी इसलिए वह उठ कर बैठ गई और अपनी बुआ की तरफ देखते हुए बोली,,,।
मैं अभी आती हूं,,,
तू कहां जा रही है,,,,
बाहर जा रही हूं,,,,
क्या करने,,,
अरे समझा करो बुआ अभी आती हूं,,,
(गुलाबी समझ गई थी कि महुआ पेशाब करने के लिए जा रही है इसलिए वह बोली)
अरे अब तो शर्म मत कर इतना तो खुलकर अपने भाई से चुदवा ली है ठीक से क्यों नहीं कहती कि मुतने जा रही है,,,
क्या बुआ तुम भी,,,,(इतना कहते हुए महुआ पास में पड़ी अपनी साड़ी को उठाने लगी तो गुलाबी बोली)
रुक मैं भी चलती हूं मुझे भी जोरों की लगी हुई है,,,
(इतना कहते हुए गुलाबी भी उठने लगी और एक चादर लेकर अपने बदन पर डालने लगी,,, यह देख कर राजू भी खड़ा हो गया लेकिन तुरंत इन दोनों के हाथ में से कपड़े छीन कर एक तरफ फेंक दिया,,, यह देखकर दोनों एक साथ बोली,,,)
यह क्या कर रहा है,,,,
मुझे भी चोरों की पेशाब लगी हुई है,,,
तो,,,
तो क्या मुझे भी चलना है,,,
हम दोनों के साथ,,,
तो क्या हुआ,,,,
अच्छा चल लेकिन कपड़े तो पहनने दे,,,(गुलाबी कपड़ों की तरफ आगे बढ़ते हुए बोली तो राजू फिर से उसे रोकते हुए बोला)
ऐसे नहीं बिना कपड़ों के,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ते हुए बोला)
क्या पागल हो गया क्या तू बिना कपड़ों के बाहर जाना अगर किसी ने देख लिया तो तुझे कुछ पता भी है,,,(गुलाबी थोड़ा गुस्सा दिखाते हैं बोली,,,)
अरे बुआ तुम भी खामखा डरती हो,,, देख रही हो समय कितना हो रहा है और ऊपर से अंधेरी रात है कुछ भी नजर आने वाला नहीं है और वैसे भी हमें घर के आगे थोड़ी जाना है घर के पीछे जाना है जोकि चारों तरफ गिरा हुआ है अपनी जगह पर कौन आने वाला है,,,,
नहीं नहीं बिना कपड़ों के एकदम नंगी और वह भी बाहर,,,, नहीं राजू,,,,(महुआ घबराते हुए बोली,,,)
क्या दीदी तुम भी बच्चों की तरह घबरा रही हो इतनी रात को सब गहरी नींद में सो रहे होंगे कि तुम्हें नंगी देखने के लिए बाहर घूम रहे होंगे,,,, क्यों बुआ सच कहा ना,,,(अपनी बुआ की तरफ देखते हुए बोला,,,, गुलाबी भी सोच में पड़ गई थी राजू की बात मानने में किसी के देखे जाने का खतरा बहुत ज्यादा था लेकिन इसमें रोमांचित कर देने वाला एहसास भी था इसलिए अंदर ही अंदर गुलाबी भी यही चाहती थी आधी रात को बिना कपड़ों की घर के पीछे नंगी होकर घूमना और के साथ करना एक अद्भुत एहसास था और इस एहसास को गुलाबी भी महसूस करना चाहती थी वह सोच में पड़ गई थी इसलिए राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) क्या बुआ ज्यादा मत सोचो,, बल्कि यह सोचो की नंगी होकर घूमने में कितना मजा आएगा जब
तुम मैं और दीदी तीनों नंगे ही घर के पीछे पेशाब करेंगे बहुत ही मजा आएगा दीदी,,,(अपनी दीदी की तरफ देखते हुए) सोचो मत चलो,,,,,
(इतना कहने के साथ ही राजू दोनों के साथ जबरदस्ती करने के दोनों हाथ पकड़ लिया और कमरे से बाहर ले कर जाने लगा,,,, उन दोनों के मन में भी इस नए एहसास का अनुभव करने की जिज्ञासा जाग रही थी इसलिए वह भी राजू के साथ चलने लगी राजू ने इस बार लालटेन साथ में नहीं दिया ताकि अंधेरा ही रहे देखते ही देखते राजू दोनों का हाथ पकड़े हुए घर से बाहर निकल आया,,,, घर से बाहर निकलते ही उन तीनों ने चारों तरफ नजर घुमा कर देखने लगे चारों तरफ अंधेरे के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा था इसलिए थोड़ा तीनों को इत्मीनान होने लगा,,,,दूर दूर तक कुछ भी नजर नहीं आ रहा था दूर क्या 2 मीटर की दूरी पर ही कुछ नजर नहीं आ रहा था इतना अंधेरा था बस कुत्तों के भौंकने की आवाज आ रही थी और वैसे भी तीनों को घर के पीछे की तरफ जाना था जो कि वहां पर कोई आता जाता नहीं था क्योंकि वह जगह हरिया की ही थी,,,,
देख रही है दीदी और बुआ डरने जैसा कुछ है चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है कोई देखना चाहेगा तो भी नहीं देख पाएगा,,, क्या कहती हो बुआ,,,?
हारे कह तो तू सच ही रहा है,,,, चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा है और यह हवा कितनी ठंडी लग रही है,,,,
हां क्योंकि कुछ भी पहनी नहीं हो ना इसके लिए,,,(महुआ भी चारों तरफ नजर घुमाते हुए बोली,,,)
कसम से आधी रात को इस तरह से बिना कपड़ों के में पहली बार घर से बाहर निकली हु और कितना अच्छा लग रहा है,,, काश सब लोग बिना कपड़ों के ही घूमते रहते तो कितना मजा आता जिसका मन चाहे तब किसी के भी लंड को बुर को चूची को या गांड को देखकर हीलाकर शांत हो जाता,,,
सच बुआ अगर तुम्हारी यह बात सच हो जाती तब तो हम लड़कों की तो जिंदगी बदल जाती सोचो किसी के बीच में किसी भी प्रकार का पर्दा नहीं रहता किसी की भी खूबसूरती किसी से छुपी नहीं रहती,,,, घर में भी सब नंगे घूमते ,,, दीदी बुआ मां,,,,,
हाय तब तो कितना मजा आ जाता है ना,,, तेरी मां की बड़ी बड़ी गांड बड़ी बड़ी चूची उसकी रसीली बुर कसम से राजू तू अपनी मां बुर देखकर ही पानी छोड़ देता,,, जो हम लोगों की बुर में डालकर आधा आधा घंटा पेलता है ना तब अपनी मां की बुर देखकर ही पानी फेंक देता,,,,
हाय बुआ यह क्या कह रही हो,,, मेरे लंड की हालत खराब होने लगी,,,, देखो तो,,,(इतना कहने के साथ ही राजू गुलाबी और महुआ दोनों का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया वाकई में अपनी मां का जिक्र सुनते ही उसके लंड में कुछ ज्यादा ही कड़कपन आ गया था,,, जिसे अपनी मुट्ठी में महसूस करके महुआ भी आश्चर्यचकित हो गई थी क्योंकि उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राजू अपनी मां के बारे में इस तरह की गंदी बात सुनकर उत्तेजित हुआ जा रहा है उसे समझते देर नहीं लगी कि अगर उसके भाई को मौका मिलेगा तो वह अपनी मां को भी चोदने से पीछे नहीं हटे गा जिस तरह से आज की रात वह उसकी पिटाई कर चुका है,,,, गुलाबी के साथ-साथ महुआ भी उत्तेजना के मारे अपने भाई के लंड को कस के पकड़ ली और यही मौका देख करराजू अपना हाथ पीछे की तरफ लाकर एक हाथ अपनी बुआ की गांड पर और दूसरा हाथ अपनी दीदी की गांड पर रखकर उसे अपनी हथेली में द पहुंचते हुए बोला,,,)
अब चलो मेरी रंडीयो घर के पीछे चलते हैं,,,, कहीं ऐसा ना हो कि दीदी यहीं पर मुत दे,,,
धत् राजु कैसी बातें करता है,,, तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती,,,
क्या दीदी तुम भी और वह भी मुझे बोल रही हो जो कुछ देर पहले तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर धकाधक धक्का मार कर पानी निकाल दिया,, है,, जब मुझे अपनी दीदी की बुर में लंड डालने में शर्म नहीं आई तो उसे इस तरह की बात करने में कैसी शर्म आएगी और सच कहूं तो दीदी इस तरह की बातें करने में और भी ज्यादा मजा आता है,,, हाय मेरी रानी क्या मस्त बड़ी-बड़ी गांड है (अपनी दीदी की बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ रखे हुए ही उत्तेजित होते हुए अपनी दीदी की गांड को हथेली में जोर से दबाते हुए,,,)साला जीजा ही गांडू है जो इतनी खूबसूरत औरत को छोड़कर दुनियादारी में खप रहा है,,,,सच कहूं तो मेरी अगर इतनी खूबसूरत औरत होती तो मैं तो दिन रात उसकी बुर में लंड डालकर सोए रहता,,,
(अपने भाई की बात सुनकर महुआ मुस्कुरा दी और गुलाबी बोली)
चिंता मत करें मेरे राजा जब तक तेरी दीदी यहां पर है समझ ले तेरी बीवी है और वैसे भी इसे मां बनाने का जिम्मा तेरे सर पर है इसलिए तो इसका पति ही है जिस पर तेरा पूरा हक है,,,,,,,
क्या बात कही हो बुआ तब तो तुम भी मेरी बीवी की तरह ही हो,,, क्योंकि रोज रात को तुम्हारी भी लेती ही हु,,
हां जब तक मेरी शादी नहीं हो जाती तब तक तू ही मेरा पति है,,, चलअब जल्दी पीछे चलते हैं,,, नहीं तो यहीं पेशाब छूट जाएगी,,,,
,,,
तो चलो मेरी रानियों रोका किसने है मैं भी तो तुम दोनों को पेशाब करते हुए देखने के लिए तड़प रहा हूं,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी बुआ और अपनी बहन की गांड को हथेली में दबोच ते हुए दोनों को पीछे की तरफ ले जाने लगा,,,