बैलगाड़ी

Member
437
723
93
महुआ शादी के बाद से एकदम प्यासी थी,,, और रात को अनजाने में ही अपनी आंखों से जो नजारा उसने देखी थी,,, उसे देखकर वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी,,, उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था अपनी बुआ के कहने पर उसने अपनी आंखों से अपने छोटे भाई के लंड क
को देखकर पूरी तरह से मस्त हो गई उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि किसी का लंड ईतना मोटा लंबा और तगड़ा होता है इसलिए उसे छूने की अपनी लालच को वह दबा नहीं पाई अपनी बुआ के कहने पर वह अपना हाथ बढ़ा कर अपने भाई के लंड को अपनी मुट्ठी में दबा ली,,, लंड की मोटाई और गरम महसूस करते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौडने लगी और साथ ही लंड की गर्मी पाकर उसकी बुर से मदन रस पिघलने लगा,,,,,।
यह बेहद अद्भुत नजारा था जिसके बारे में तीनों में से किसी ने भी कल्पना नहीं किया था वैसे तो सब कुछ कल्पना से परे यह होता जा रहा था लेकिन इस समय कमरे का नजारा जो बना हुआ था वह बेहद कामोत्तेजना से भरा हुआ था,,, गुलाबी जो की पूरी नंगी थी वह बैठी हुई थी और राजू अपने पजामे को घुटनो तक नीचे करके अपने खाने लंड को अपनी बहन को दिखा रहा था और उसकी बहन बिल्कुल भी सोच विचार किया दिलाई अपना हाथ बढ़ा कर उसके लंड को पकड़े हुए थे,,,, उत्तेजना के मारे महुआ के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ी थी वह पल भर में ही शादी के पहले के सारे दृश्य को याद करने लगी उसने गांव के लगभग लगभग सभी लड़कों से चुदाई का आनंद लूटी थी लेकिन जिस तरह का लंड उसके भाई का था उस तरह की लंड से वह कभी भी मुखातिब नहीं हो पाई थी इसलिए तो अपने भाई के लंड को पकड़ कर वह पूरी तरह से मचल उठी थी उसकी गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर हमको गुलाबी बोली,,,।

क्यों रे महुआ क्या हुआ,,, निकल गई ना तेरी सिसकारी,,,, जब तेरा यह हाल है तो सोच मेरा क्या हुआ होगा,,,,मुझे पूरा यकीन है कि तेरा भी मन इसे अपनी बुर में लेकर चुदवाने को कर रहा होगा,,,,।
(गुलाबी की बातों को सुनकर एक तरफ राजू पूरी तरह से मस्ती से सराबोर हुआ जा रहा था क्योंकि एक तरह से उसकी बुआ उसका ही काम कर रही थी,,, और दूसरी तरफ गुलाबी की बात को सुनकर महुवा हक्की बककी हो गई थी,,, क्योंकि सीधे-सीधे उसकी बुआ उसे अपने भाई से ही चुदवाने के लिए बोल रही थी,, उत्तेजना के मारे महुआ का गला सूखता चला जा रहा था उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था जो कुछ भी उसकी बुआ कह रही थी उसमें उसकी ही भलाई थी,, लेकिन उसे शर्म भी आ रही थी क्योंकि आज तक उसने किसी रिश्ते के बीच अवैध संबंध को ना तो देखी थी और ना ही उसके बारे में कभी सुनी थी इसीलिए अपने भाई के साथ शारीरिक संबंध बनाने में उसे अजीब लग रहा था,,, राजू अपनी बुआ की बात सुनकर अपनी बड़ी दीदी के जवाब का इंतजार कर रहा था और उसे पक्के तौर पर मालूम था कि जिस तरह से उसकी बहन ने उसके लंड को पकड़ कर अपने आप पर काबू न कर पाने कि सूरत में उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी थी उसे देखते हुए उसे समझ में आ गया था कि उसकी बहन की दोनों टांगें उसके लिए जरूर खुलेगी,,,,,, वह कुछ बोल नहीं रहा था बस स भरी नजर से अपनी बुआ और अपनी दीदी को देख रहा था महुआ को समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोलेवह कभी गुलाबी को तो कभी अपने भाई राजू को देख रही थी लेकिन हाथ में अभी भी राजू का लंड पकड़े हुए थे जिससे वह धीरे-धीरे करके हिला रही थी,,, उसे इस तरह से विचार मग्न देखकर गुलाबी फिर बोली,,,।)


क्या सोच रही है रे किसी को कानों कान खबर तक नहीं पड़ेगी तेरा काम भी बन जाएगा और तेरी प्यास भी बुझ जाएगी जानती हो ना ससुराल में बच्चे ना होने से कितने ताने सुनना पड़ता है और तो और ससुराल वाले कहीं तुझे घर से निकाल दिया तब तू क्या करेगी,,,।
(महुआ के लिए उसकी बुआ की बातें सोचने पर मजबूर कर दी थी उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि वह ऐसा दिन भी देखेगी अपने भाई के बारे में तो इस तरह कि उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी भले ही वह बेहद कामुक लड़की होने के साथ-साथ गांव के लड़कों से चुदाई का सुख प्राप्त कर चुकी थी लेकिन अपने भाई के बारे में कभी भी वह गलत नहीं सोची थी लेकिन आज कमरे में अपने भाई के लंड को पकड़कर और पूरी तरह से मचल उठी थी उसे अपनी बुर में लेने के लिए,,,। लंड की गर्मी उसे मदहोश कर रही थी वह अपनी बुआ की तरफ देख कर बोली,,,)

लेकिन बुआ यह मेरा छोटा भाई है,,,


मेरा भी तो भतीजा है,,, लेकिन मैंने तो रिश्ते नाते नहीं देखी अरे पगली जब बुर में आग लगी होती है ना तो बुर भाई बाप नहीं देखती बस देखती है तो उनका लंड क्योंकि उनकी बुर में जाकर उनकी प्यास बुझा सके और मैं दावे के साथ कह सकते हो कि तेरी प्यास को तृप्त करने वाला इस समय से तेरा भाई नहीं है जो तुझे चोद कर तुझे तृप्त भी करेगा और तुझे पेट से भी करेगा ताकि तू अपने ससुराल में सर उठाकर जी सकें,,,,,,,।

(गुलाबी की बातें महुआ को 100 फ़ीसदी सच लग रही थी जो कुछ भी महुआ अपने कानों से सुन रही थी उसमें उसका ही फायदा था आखिरकार वा उसकी बुआ थी कोई गैर तो थी नहीं और वैसे भी अपनी बुआ की बात ना मानती तो भी महुआ का मन अपने भाई से चुदवाने के लिए मचल उठाना,,, फिर भी वह थोड़ी देर खामोश रहने के बाद बोली,,,)

राजू को तो एतराज होगा ना,,,,


अरे तू कैसी बातें कर रही पगली भला राजू को इसमें कौन सा एतराज होगा उसके तो मजे ही मजे हैं एक और वह उसे चोदने को मिल जाएगी,,, और अपने मजे के साथ साथ वह तेरा दुख भी दूर कर देगा,,, क्यों राजू तुझे कोई ऐतराज है,,,(राजू की तरफ देखते हुए गुलाबी बोली,,, राजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही क्योंकि अब वह अपनी बहन की चुदाई करने वाला था इसलिए बिना जवाब दिए ही वह,,, अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की छाती पर से उसके साड़ी का पल्लू पकड़ कर नीचे गिरा दिया और उसकी आंखों के सामने उसकी बड़ी बहन की भारी-भरकम चूचियां जोकि ब्लाउज में कह दी थी वह पूरी तरह से अपना आकर्षण जमाने लगे ब्लाउज का ऊपर का एक बटन खुला हुआ था जिसकी वजह से उसकी भारी-भरकम खरबूजे जैसी चूचियां बाहर को निकलने को तैयार थी,,,, इस हरकत से महुआ एकदम शर्म से लाल हो गई क्योंकि उसके भाई ने बिना कुछ बोले ही उसकी जवानी पर से पर्दा हटा दिया था शर्मा कर महुआ ने अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, लेकिन अभी भी उसके हाथ में राजू का लंड था,,, राजू की हरकत देखते हुए गुलाबी बोली,,,)


देखी मेरी महुआ रानी तेरे भाई को कोई एतराज नहीं है उसे तो बस बुर से मतलब है और बुर बुआ की हो या बड़ी दीदी की,,, इसे अगर मौका मिले तो यह तो तेरी मां की भी जुदाई कर दे,,,,(अपनी बुआ की यह बात सुनकर राजू अपनी बुआ की तरफ देख कर मुस्कुराने लगी और अपनी बुआ की बात और राजू का मुस्कुराता हुआ देखकर महुआ शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी उसे समझ में आ रहा था कि उसका छोटा भाई कितना बदल चुका है और उसे बदलने में उसकी बुआ का पूरा हाथ है,,,, इन सब बातों का इस समय कोई मायने नहीं था इस बात को वह भी अच्छी तरह से जानती थी वह भी 2 साल से प्यासी थी इसलिए आज अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को अपनी बुर में लेकर अपनी प्यास बुझाना चाहती थी जिसके लिए वह पूरी तरह से लालायित भी थी,,,वह अपने मन में यही सब सोच रही थी कि राजू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया था,,,,,,अपनी बहन की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही अपने हाथ में लेते ही राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी अपनी बहन के बारे में उसने आज तक कभी इस तरह की भावना नहीं रखा था और वह भी शायद इसलिए कि उसकी बहन 2 साल पहले ही शादी करके अपने ससुराल जा चुकी थी और उस समय का राजू मैं और इस समय के राजु में जमीन आसमान का फर्क था ,,,, अगर इस समय महुआ का विवाह ना हुआ होता तो शायद राजू अब तक अपनी बड़ी दीदी को कब से चोद चुका होता,, जब वह अपनी मां को चोदने की लालसा में पूरी तरह से जल रहा था तब तो उसकी बहन खुद ही पूरी तरह से जवानी से भरी हुई थी ऐसे में वह अपनी बहन को जरूर चोदता,,,,,,, क्योंकि राजू अधिकतर औरतों की बड़ी-बड़ी कौन-कौन गांड से आकर्षित होता था और महुआ की गांड तो बवाल थी,,, उसकी गोल-गोल साड़ी में कसी हुई बड़ी बड़ी गांड देखकर,,, राजू का मन जरूर उसके ऊपर मोहित हो गया होता,,,, वैसे भी राजू की मुलाकात उसकी बहन से शाम ढलने के बाद हुई थी अंधेरे में वह अपनी बहन को ठीक से देख नहीं पा रहा था लेकिन इस समय लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था पहली बार वह अपनी बहन की बड़ी बड़ी चूचीयो पर नजर गड़ाया हुआ था जिसे वो खुद अपने हाथों में लेकर जोर जोर से दबा रहा था,,,, महुवाअपने भाई के हथेलियों की ताकत को देखकर रोमांचित हुए जा रही थी क्योंकि उसे इतनी सही समझ में आ गया था कि उसका भाई रात भर उसको रगड़ कर चोदेगा,,, और यही तो वह चाहती थी,,,,,,।

लालटेन की पीली रोशनी में राजू अपनी बहन की मदमस्त कर देने वाली जवानी को अपनी आंखों से देख कर पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था और इसी मदहोशी का कसर वह अपनी बहन की चूची पर उतार रहा था,,,जिसे वो ब्लाउज के ऊपर से ही जोर जोर से दबाता हुआ अपनी बहन की गरमा गरम संस्कारी निकाल रहा था,,, उत्तेजित होते हुए महुआ अपनी बुर से पानी छोड़ रही थी,,,,,, और राजू अपनी बहन की चूची दबाता हुआ मस्त होकर बोला,,,।

सहहहह आहहहहह,,, क्या मस्त चूचियां है दीदी,,,,

(राजू की बात सुनकर गुलाबी बोली,,,)

देखी महुआ रानी तेरे भाई की बेशर्मी और तुझे लगता था कि तेरा भाई तुझे चोदने के लिए तैयार नहीं होगा अरे तूने अभी इसकी बेशर्मी देखी कहां है देखना एक बार जब तेरी बुर में लंड जाएगा ना तो तेरी ऐसी चुदाई करेगा कि तू पानी मांगने लगेगी,,,,,,

(अपनी बुआ की बात सुनकर गुलाबी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उससे कुछ बोला नहीं जा रहा था हम अपने बाल की हरकत से पूरी तरह से हैरान थी कि उसके भाई में जरा भी शर्म लिहाज नहीं रह गया था पहली बार में ही वह अपनी बहन के साथ बिना शर्मा इस तरह की हरकत कर रहा था इस बात से महुआ पूरी तरह से हैरान भी थी और आनंदित भी हो रही थी,,,,)

हाय दीदी तेरी चूचियां ब्लाउज में जब इतनी कसी हुई है तो नंगी कितनी मस्त लगती होगी,,,, रुक दीदी मैं तेरा ब्लाउज उतारता हूं,,,।
(महुआ की तो सांसे ऊपर नीचे हो रही थी इतनी भाई की बातों को सुनकर और वह भी बेहद गंदी,,,, शर्म से और उत्तेजना से महुआ की टांगें थरथरा रही थी क्योंकि बिना उसका जवाब सुने ही राजू अपनी ऊंगलीयो को हरकत मे लाते हुए उसके ब्लाउज के बटन खोलना शुरू कर दिया था जैसे-जैसे बटन खुलता जा रहा था वैसे वैसे महुआ की सांसे ऊपर नीचे होती जा रही थी और देखते-देखते राजू अपनी बहन के ब्लाउज का आखिरी बटन खोल दिया उत्तेजना के मारे और इस बात के एहसास से की अब उसकी चूचियां उसके भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी हो जाएंगी और वह इस अहसास से पूरी तरह से उत्तेजित हो गई और अपने भाई के लंड को कस कर अपनी मुट्ठी में दबोच ली,,, वह इतनी कसकर लंड को मुट्ठी में दबाई थी कि राजू की चीख निकलने वाली थी लेकिन वह अपने बहन के सामने पहली बार में ही कमजोर नहीं देखना चाहता था इसलिए अपने लंड के दर्द को वह अपनी बहन की चूची को देखने की खुशी में पी गया था,,, और ब्लाउज केखुलते ही जो नजारा उसकी आंखों के सामने दिखाई दिया उसे देखकर उसका मुंह खुला का खुला रह गया,,,,।

महुआ की बड़ी-बड़ी और गोल-गोल चुचियां एकदम आकर्षक लग रही थी और वह भी तनी हुई,,, बड़ी होने के बावजूद भी चुचियों में जरा सा भी लचक पन नहीं था,,, अपनी बड़ी बहन की चूची को देखते ही राजू के मुंह में पानी आ गया राजू अपनी बहन की चूची को देखता ही रह गया और यह देखकर कि उसका छोटा भाई उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को प्यासी नजरों से देख रहा है महुआ की आंखें शर्म से झुक गई उसके तन बदन में खलबली सी मचने लगी,,, महुआ गांव के बहुत से लड़कों के साथ चुदाई का खेल खेल चुकी थी,,। लेकिन इस तरह से किसी भी लड़की के सामने शर्म से पानी पानी नहीं हुई थी लेकिन अपने भाई के सामने उसे बहुत शर्म आ रही थीक्योंकि चाहे कुछ भी हो रिश्ते से तो वह उसका छोटा भाई ही था इसलिए महुआ के गाल शर्म से लाल हुए जा रहे थे और दूसरी तरफ राजू एकदम बेशर्म बनता हुआ अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ाया और अपनी बहन की छाती को दबाना शुरू कर दिया,,,, पल भर में ही महुआ के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ी,,, राजू की हरकतों से महुआ बहुत ही जल्द गर्म होने लगी थी दूसरी तरफ गुलाबी मुस्कुराते हुए दोनों की हरकत को देख रही थी,,, दोनों खड़े थे और गुलाबी घुटनों के बल बैठ गई थी वह अपने ऊपर से चादर को पूरी तरह से हटा चुकी थी कमरे में इस समय गुलाबी ही पूरी तरह से नंगी थी बाकी महुआ अर्धनग्न अवस्था में थी,,, और राजू के बदन पर अभी भी उसके सारे वस्त्र थे,,,, महुआ की गरम सिसकारी की आवाज सुनकर गुलाबी बोली,,,।

देखी ना मेरी रानी तेरी हालत खराब होने लगी ना,,,, अरे तेरा भाई है ही ऐसा किसी भी औरत का पानी निकाल दे,,,,
(इतना कहते हुए गुलाबी खुद ही अपनी नारंगी यों को जोर जोर से दबा रही थी,,,,अपनी बहन की बड़ी बड़ी चूची को दबाते हुए राजू अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी बुआ उसकी बड़ी दीदी से बड़ी होने के बावजूद भी उसकी चूची नारंगी की तरह छोटी थी लेकिन उसकी दीदी की चूची बड़ी-बड़ी थी,,,, जो कि यह बात राजू बिल्कुल भी नहीं जानता था कि उसकी बहन गांव के लड़कों से अपनी चूची दबवा दबवा कर बड़ी कर दी है,,,, अपनी बुआ की बातें सुनकर महुआ कुछ भी बोल नहीं रही थी क्योंकि गुलाबी के कहे अनुसार ही उसकी भी हालत खराब हो रही थी उसकी आंखों में मदहोशी छाने लगी थी होठ हल्के खुले हुए थे,,,, और वह गहरी गहरी सांस ले रही थी और राजू,,, अपनी बड़ी दीदी की चुचियों को दशहरी आम की तरह जोर जोर से दबा रहा था,,,, और अपनी बहन की खूबसूरत चेहरे की तरफ देख रहा था जिसके बदलते हाव-भाव को देखकर समझ गया था कि उसकी हरकत से उसकी बहन को बहुत मजा आ रहा है और उसके मजा को और ज्यादा बढ़ाने के लिए राजू अपने दोनों हाथों को अपनी बहन की चूची पर से हटा कर उसकी कमर पर रखती है और कमर को जोर से पकड़ कर अपनी तरफ एक झटके से खींच लिया,,,, उसकी बहन आह की आवाज के साथ एकदम से उसकी बाहों में आ गई और वह कुछ समझ पाती इससे पहले ही राजू अपनी प्यासी होठों को अपनी बहन की चूची के कड़क खजूर पर रखकर उस का रस चूसना शुरू कर दिया इस हरकत से महुआ पूरी तरह से तिलमिला उठी उसके बदन में उत्तेजना का तूफान उठने लगा और वह अपने भाई के सर पर हाथ रख कर उसे अपनी चूची पर दबाना शुरू कर दिया महुआ की हालत को देखकर गुलाबी बहुत खुश हो रही थी,,, क्योकी वह अब समझ चुकी थी,की उसका

राज‌ अब राज ही रहने वाला है,,,,, ।

राजू पागलों की तरह अपनी बहन की चूची को पकड़े बिना ही बारी-बारी से अपने होठों को अपनी बहन की दोनों चुचियों पर रखकर उसे चूस रहा था और दोनों हाथ को जो कि कमर पर थे उन्हें थोड़ा सा नीचे ले जाकर अपनी बहन की बड़ी बड़ी गांड को पकड़कर दबा रहा था,,,,अपनी बहन की गांड पर हाथ रखते ही उसे अब जाकर इस बात का एहसास हुआ कि उसकी बहन की गांड भी बड़ी-बड़ी है क्योंकि वह अपनी बहन को रात के अंधेरे में ठीक से देख नहीं पाया था लेकिन यहां कमरे में लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,, अपनी बहन की बड़ी-बड़ी कांड दबाने में राजू को बहुत मजा आ रहा था,,,, दूसरी तरफ महुआ अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उसे यकीन ही नहीं हो रहा था,,,की उसका छोटा भाई उसे इस तरह से मजा दे रहा है क्योंकि उसे अपने भाई से इस तरह की उम्मीद ही नहीं थी लेकिन आज उस एहसास हो रहा था कि उसका भाई पूरी तरह से मर्द हो चुका है,,,,महुआ के मुंह से लगातार गरमा गरम सिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,, गुलाबी के तन बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी,,,, गुलाबी घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए राजू के करीब पहुंच गई और घुटनों पर अटका हुआ पजामे को पकड़कर उसे उतारना शुरू कर दी और देखते ही देखते राजू कि अपने पैरों का सहारा देकर अपने पजामे को निकाल कर एक तरफ कर दिया,,, अब वह कमर के नीचे पूरी तरह से नंगा था उसका लंड पूरी तरह से टनटनाकर अपनी औकात में आ चुका था,,,, यह शायद राजू के लिए अपनी बहन की जवानी का नशा ही था जो उसके लंड का कड़क पन कुछ ज्यादा ही बढ़ चुका था,,,,

,,महुआ की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनकर गुलाबी से भी रहा नहीं जा रहा था और वह राजू के लंड को पकड़ कर उसे सीधा अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दी,,,, यह देखकर महुआ के तन बदन में आग लग गई महुआ की सांसे ऊपर नीचे होने लगी इतने मोटे तगड़े लंड को गुलाबी बड़े आराम से अपने मुंह में लेकर चूस रही थी,,, यह देखकर महुआ को समझते देर नहीं लगी कि शादीशुदा ना होने के बावजूद भी उसकी बुआ जवानी का पूरा मजा लूट रही थी और वह शादीशुदा होने के बावजूद भी बिस्तर में सिर्फ करवट बदलकर तड़प रही थी,,,,,,, महुआ अपने भाई को तो कभी गुलाबी को देख रही थी,,,, जितना मजा लेकर उसका भाई उसकी चूची को पी रहा था इतना मजा लेकर किसी ने भी उसकी चूची से इतना प्यार नहीं किया था बस उसे जोर-जोर से बेरहमो की तरह दबाया ही था,,,, इसलिए तो महुआ को भी बहुत मजा आ रहा है राजू बारी-बारी से स्तन मर्दन और स्तनपान का मजा ले भी रहा था और उसे दे भी रहा था,,,।

पैरों में घुटनों के बल बैठी हुई गुलाबी को देखकर और उसकी हरकत को देखकर महुआ से रहा नहीं गया और अपना हाथ अपनी बुआ के सर पर रखकर होले होले उसे सह लाते हुए बोली, ्,,।

बुआ तुम तो एकदम छिनार हो गई हो,,,,


आज तुमहे भी तुम्हारा भाई रंडी बना देगा,,,(बाबा की बात का जवाब देने के लिए राजू के लंड को अपने मुंह में से निकाल कर बोली और वापस फिर से बोलने के बाद भी लंड को फिर से मुंह में ले ली मानो कि जैसे लंड के लिए वह अपने मुंह को उसका घर बना दि हो,,,।,, अपनी बुआ के मुंह से अपने लिए रंडी शब्द सुनकर ना जाने क्यों महुआ के तन बदन में उत्तेजना की लहर कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी,,,,,,क्योंकि उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि वह इस समय जो भी कर रही है एक रंडी का ही काम कर रही है क्योंकि वह रिश्ते नातों को एक तरफ रख कर अपने भाई के साथ रंगरलिया मना रही थी,,,अपनी बुआ को अपने भाई का मोटा तगड़ा लंबा लंड मुंह में लेकर चुसता हुआ देखकर उसकी भी इच्छा कर रही थी कि वह भी अपने भाई के लंड को मुंह में लेकर उसे चूसे,,,हालांकि गांव के कई लड़कों ने उसके मुंह में जबरदस्ती अपना लंड डालकर उसे चुसवाया था लेकिन जितने भी लंड महुआ ने अपने मुंह में ली थी वह सब राजू के लंड से आधा भी नहीं था,,,,।

कुछ देर तक कमरे में पूरी तरह से खामोशी छाई रही तीनों अपने अपने तरीके से आनंद ले रहे थे कमरे का माहौल पूरी तरह से करवा चुका था लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बगल वाले कमरे में हरिया और मधु दोनों चुदाई का सुख भोग कर गहरी नींद में सो रहे थे,,, उन दोनों को यह कहां मालूम था कि बगल वाले कमरे में ही उनके बच्चे जवानी का मजा लूट रहे हैं,,,,, गुलाबी कुछ देर तक राजू के लंबे-लंबे को अपने गले तक उतार कर रुकी है जाती थी और फिर वापस उसे अपने मुंह से बाहर निकाल दे रही थी ऐसा करने से उसकी सांस ऊपर नीचे हो जा रही थी लेकिन आनंद की कोई पराकाष्ठा नहीं थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,, कुछ देर तक गुलाबी उसी तरह से मजा लेती रही और फिर उसके बाद वह खड़ी हो गई उसके मुंह से लार होंठों से नीचे टपक रही थी,,,।

राजू का जोश बढ़ता जा रहा था वह जल्द से जल्द अपनी बहन के सारे कपड़े उतार कर उसे नंगी करना चाहता था और उसकी नंगी जवानी को अपनी आंखों से देखना चाहता था कि लालटेन की पीली रोशनी में उसे साफ लगने लगा था कि उसकी बहन बला की खूबसूरत थीऔर उसे अपनी किस्मत पर गर्व होने लगा था कि आज परिवार में ही अपनी बुआ के साथ-साथ अपनी बहन की भी चुदाई करने वाला है,,,,उत्तेजना से भरी हुई महुआ राजू की तरफ ठीक से नजर नहीं मिला पा रही थी वह गहरी गहरी सांस ले रही थी और राजू था कि पूरी तरह से जोश से भरा हुआ था वह तुरंत महुआ की कमर में एक बार फिर से हाथ डालकर से अपनी तरफ खींचा और अपनी बाहों में ले लिया लेकिन इस बार हुआ है उसे घुमाकर पीठ की तरफ से उसे अपनी बाहों में कस लिया ऐसा करने से उसकी बड़ी बड़ी गांड एकदम सीधे राजू के लंड से रगड़ खाने लगी,,, लंड की ठोकर और रगड़ महुआ साड़ी के ऊपर से अपनी गांड पर महसूस करते हुए पूरी तरह से मस्त हो गई,,,,,, राजू बेहतरीन अदा से अपनी बहन की दोनों बाहों को पकड़कर,,, गर्दन पर चुंबनो की बौछार कर दिया वैसे भी औरत का सबसे संवेदनशील अंग उसकी गर्दन ही होती है उस पर चुंबन करते ही औरतों के तन बदन में चुदवाश की लहर दौड़ने लगती है,,,, और यही असर महुवा को भी हो रहा था और मैं उत्तेजना के मारे अपनी बड़ी बड़ी गांड को अपनी भाई की तरफ ठेलने लगी जो कि उसका भाई अपनी बहन की गांड की ठोकर को अपने लंड का सहारा देकर रोक दे रहा था,,,,राजू पूरी तरह से मस्त हो जा रहा था उससे एक पल भी रुकना बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वहां अपनी बहन का ब्लाउज पकड़ कर उसकी दोनों बाहों में से ब्लाउज को निकालकर नीचे जमीन पर फेंक दिया कमर के ऊपर महुवा पूरी तरह से नंगी हो गई एक बार फिर से राजू अपनी बहन के कंधे को पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उसके खरबूजे जैसी चुचियों को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया और हल्के हल्के साड़ी के ऊपर से अपने लंड को अपनी बहन की गांड पर रगड़ना शुरु कर दिया,,,, उत्तेजना के मारे महुआ का गला सूखता चला जा रहा था,,, राजू की हरकत को देखकर गुलाबी से भी रहा नहीं जा रहा था और वह आगे बढ़कर महुआ की चुची को थामने लगी,,,,,,,,, औरत के अंगों से गुलाबी पहले भी मजे ले चुकी थी और वह भी अपनी सहेली के साथ,,, और उस पल का वह खूब मजा भी ली थी इसलिए वो जानती थी कि महुआ की चूची दबाने ने उसे भी मजा आएगा,,,गुलाबी के द्वारा अपनी चूची पकड़े जाने पर बबुआ फिर से सिहर उठे क्योंकि उसके लिए यह पहला अवसर था जब उसकी चूची को कोई औरत हाथ लगा रही थी राजू अपनी बुआ का हाथ चुची पर लगते ही अपने हाथ को उस पर से हटाते हुए बोला,,,।

दीदी तुम्हारी चूची बहुत बड़ी-बड़ी है बहुत खूबसूरत है तभी तो देखो बुआ भी दबा रही है,,,(इतना कहते हुए साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) लेकिन समझ में नहीं आता कि तुम्हारी चुची बुआ से बड़ी बड़ी क्यों हो गई,,,,।(इतना कहते हुए राजू अपनी बहन की साड़ी को एकदम कमर तक उठा दिया कमर के नीचे से उसकी नंगी गांड राजू के नंगे लंड से रगड़ खाने लगी,,, और नंगी गांड और लंड की रगड़ से महुआ के तन बदन में गर्मी पैदा होने लगी जिसकी वजह से उसका काम रस पीघलने लगा,,,लेकिन राजू के सवाल का क्या जवाब देना है इस बारे में महुआ को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी चूची बड़ी-बड़ी कैसे हो गई,,,, महुआ कुछ बोल पाती इससे पहले ही गुलाबी चुटकी लेते हैं बोली,,,)


अरे बुद्धू तेरी मां की चूची बड़ी बड़ी है ना इसके लिए तेरी बहन की भी चूची बड़ी-बड़ी है,,,,तेरी बहन की चूची तेरी मां पर गई है देखता नहीं तेरी मां की चूची कितनी बड़ी बड़ी है,,, ऐसा लगता है कि तेरी मां की चूची ब्लाउज फाड़ कर बाहर आ जाएगी,,,,(गुलाबी जानबूझकर ऐसे माहौल में राजू की मां का जिक्र छेड़ देती थी और ऐसा करने पर राजू का जोश और ज्यादा बढ़ जाता था,,,, राजू और ज्यादा उत्तेजित होते हुए अपने लंड को पकड़ कर अपनी बहन की गांड की बीच की गहरी दरार में रगड़ते हुए बोला,,)

बक बुआ ऐसा थोड़ी ना है मां की चूची पिताजी रोज दबाते होंगे इसीलिए तो बड़ी बड़ी हो गई है,,,(महुआ राजू के मुंह से अपनी मां के लिए इतनी गंदी बात सुनकर एकदम से दंग रह गई लेकिन ना जाने क्यों इस समय जो हरकत राजू के लंड से उसकी गांड पर हो रहा था उसे देखते हुए राजू की बात उसे और भी ज्यादा उन्मादीत कर रही थी,,, राजू अपनी बात को और आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

दीदी की भी चूची जीजा दबाते होंगे इसलिए बड़ी बड़ी हो गई है,,,,

अरे बुद्धू तेरे जीजा कर इसे मजा देते तो तेरे साथ यह सब करने की जरूरत ही कहां होती,,,,

,,(इतना सुनते ही राजू अपनी बहन के चेहरे को पकड़कर अपनी तरफ घुमा लिया और उसकी आंखों में देखने लगा कुछ देर तक महुआ भी अपनी भाई की आंखों में देखने लगी लेकिन वह ज्यादा देर तक अपने भाई से नजर नहीं मिला पाई और अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, मानो कि जैसे अपने नजरों को नीचे झुका कर ही वह अपनी बुआ की बातों के साथ होने का प्रमाण दे रही हो अपनी बहन की झुकी हुई नजरों को देखकर राजू समझ गया था और वह अपने पैसे होठों को अपनी बहन को लाल-लाल होठों पर रखकर चुंबन करने लगा,,,, राजू की इस हरकत से महुआ एकदम से सिहर उठी,,, उसके बदन में इस चुंबन से कंपन होने लगा,,, राजू को अपनी बहन के होठों का रस शहद से भी ज्यादा मीठा लग रहा था,,,, राजू पागलों की तरह अपनी बहन के होंठों को चूस रहा था और गुलाबी थी कि महुआ की चूची को पकड़कर मुंह में डालकर चूसना शुरु कर दी,,, महुआ पर दोनों तरफ से कामुकता भरा हमला हो रहा था जिससे वह पूरी तरह से धराशाई होते चली जा रही थी,,, महुआ के लिए हालत एकदम खराब होती चली जा रही थी,,, राजू का लंड लगातार महुआ की नंगी गोरी गोरी गांड पर रगड़ खा रहा था जिससे महुआ के तन बदन में हलचल सी मची हुई थी,,,,, महुवा अपने बदन में अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रही थी वह जल्द से जल्द अपने भाई के लंड को अपनी बुर की गहराई में देखना चाहती थी लेकिन ऐसा इतनी जल्दी हो पाना संभव बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि राजू जब तक अपनी बहन की जवानी का रस अपने होठों से चखना ले तब तक उसमें अपने लंड की हिस्सेदारी बिल्कुल भी नहीं रखता था,,,,,,।

कमरे में वातावरण की नहीं बल्कि तीनों की जवानी की गर्मी छाई हुई थी ,,,, एक तरफ जवानी की गर्मी पिघल कर मांगा और गुलाबी की पूर्व से टपक रही थी और दूसरी तरफ वातावरण की गर्मी से तीनों के माथे से पसीना छूट रहा था,,,, अपनी गांड पर अपने भाई का लंड चुभता हुआ महसूस करकेमहुआ समझ गई थी कि उसके भाई के पास दमदार हथियार हैं क्योंकि उसकी पुर का भोसड़ा बना देगा,,,, अपनी बहन के फोटो का रसपान करते हुए राजू पूरी तरह से कामोतेजीत हो चुका था और दोनों हाथों को नीचे की तरफ लाकर अपनी बहन की बड़ी बड़ी गांड को दोनों हथेलियों में दबोचते हुए बोला,,,।


हाय मेरी रानी आज देखना मैं कैसे निकालता हूं तेरा पानी,,,।
(अपने छोटे भाई के मुंह से अपने लिए इस तरह के असली शब्दों को सुनकर महुआ उत्तेजना से गदगद हो गई,,,, राजू अपनी बहन की गांड को दोनों हाथों से मसलते हुए एक हाथ को आगे की तरफ लेकर उसके चिकने पेट पर रख दिया और उसे अपनी हथेली में उत्तेजना के मारे दबोच लिया,,, जिससे महुआ के मुंह से दर्द के कराह के साथ-साथ मदहोशी भरी सिसकारी भी फुट पड़ी,,,,।)


सससहहहह आहहहहहहह ,,,, दीदी तू कितनी अच्छी है तेरा बदन कितना खूबसूरत है एकदम मक्खन से बना हुआ है तेरी गदराई जवानी की खुशबू मेरे लंड को बहुत तड़पा रही है,,,,,(ऐसा कहते हुए राजू,, अपनी हथेली को अपनी बहन की बुर पर रखते हुए एकदम से गर्म होते हुए बोला,,,)
सहहहहह हाय दीदी तेरी बुर कितनी गरम है और कितना पानी छोड़ रही है,,,, लगता है तेरा चुदवाने का बहुत मन कर रहा है,,,,।(इतना कहते हुए राजू अपनी बहन की बुर पर अपनी पूरी हथेली रखकर उसे अपनी हथेली में दबा लिया उत्तेजना के मारे महुआ की बुर कचोरी की तरह पूरी हुई थी और उसमें से उसकी चटनी बाहर निकल रही थी,,,अपने भाई के मुंह से इतने अश्लील शब्दों को सुनकर महुआ से रहा नहीं जा रहा था वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसका भाई उसके साथ ऐसी बातें कर रहा है जैसे कि वह किसी रंडी के साथ कर रहा हो लेकिन ना जाने क्यों महुआ को अपनी भाई की बातें इस समय बिल्कुल भी गलत नहीं लग रही थी बल्कि उसे तो अपने भाई की बात सुन कर बहुत मजा आ रहा था,,,लेकिन अपने भाई के बात का बिल्कुल भी जवाब नहीं दे पा रही थी इस तरह की गंदी बातें तो प्यार करते समय उसका पति ने भी नहीं किया था इसलिए इस तरह की बातें महुआ को और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी,,,,,,।
दूसरी तरफ गुलाबी पूरी तरह से महुआ की चूचियों पर छाई हुई थी वह बारी-बारी से लगातार महुआ की चूची को मुंह में लेकर पी पीकर टमाटर की तरह लाल कर दी थी,,, वह भी अपना एक हाथ नीचे की तरफ लाकर महुआ की बुर से निकल रहा है पानी को देखना चाहती थी लेकिन उस पर राजू की हथेली चिपकी हुई थी इसलिए राजू की हथेली को हटाते हुए बोली,,,


हटा तो राजू मैं भी तो देखूं तेरी दीदी कितना पानी छोड़ रही है,,,


उतना ही पानी छोड़ रही है बुआ जैसा कि तुम पहली बार छोड़ रही थी,,,(ऐसा कहते हुए राज्य अपनी बहन की बुर पर से अपनी हथेली को हटा दिया लेकिन अपने भाई की बात सुनकर महुवा समझ गई थी कि यह दोनों एकदम बेशर्म हो चुके हैं,,,, राजू की हथेली हटते ही गुलाबी अपनी हथेली महुआ की बुर पर रख दी और वाकई में उसने से बहुत पानी छोड़ रहा था,,, महुआ की बुर पर हाथ रखते ही गुलाबी आसरे जताते में बोली,,,,,।

हाय रे दैया तेरी बुर में तो बाढ आया हुआ है,,,, राजू इसका कुछ कर नहीं तो यह इस बाढ में बह जाएगी,,,,


मुझे भी ऐसा ही लग रहा है बुआ लगता है दीदी काफी दिनों से चुदी नहीं है इसलिए इतना पानी छोड़ रही है,,,(राजू एकदम से बेशर्मी की सारी हदें पार करता हुआ बोला,,,अपने भाई की बातें सुनकर महुआ शर्म से लाल हुई जा रही थी वह एक शब्द भी नहीं बोल पा रही थी और गुलाबी और राजू थे कि गंदी से गंदी बातें किए जा रहे थे ऐसे माहौल में इस तरह की गंदी बातें माहौल को और ज्यादा गर्म कर देती है,,,, इसका एहसास महुआ को अच्छी तरह से हो रहा था,,,,,राजू अपनी बात पूरी करने के साथ ही अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर अपनी बहन की शादी की गिठान खोलने लगा और अपनी बहन की साड़ी को खोलकर उसे नंगी करना चाहता था और देखते-देखते राजू अपने हाथों से अपनी बहन की साड़ी को खोलने लगा यह एहसास महुआ के लिए बेहद अद्भुत था क्योंकि वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसके जीवन में ऐसा फल आएगा कि मैं उसका भाई भी उसकी साड़ी उतारकर उसे नंगी करेगा,,,,उसकी सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी जिसके साथ उसकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी और यही ऊपर नीचे होती हुई चूचियां गुलाबी का मनमोह ले रही थी,,, देखते ही देखते राजू अपनी बहन की शाडी को खोल दिया और पेटीकोट कीडोरी को एक झटके में ही खींच दिया डोरी के खुलते ही पेटीकोट का कसाव महुआ की कमर से एकदम ढीला हो गया और वह झरझरा कर उसके कदमों में गिर गया लालटेन की पीली रोशनी में एक ही झटके में महुआ पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी शर्म के मारे को अपने नंगे पन को छुपाने के लिए अपनी हथेली को अपनी बुर पर रखकर उसे ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी,,, यह देखकर गुलाबी और राजू दोनों हंसने लगे और राजू हंसते हुए बोला,,,।


इसे छुपाने का अब कोई फायदा नहीं है दीदी इसे छुपाओगी तो मेरा लंड अंदर कैसे लोगी,,,,(राजू ठीक अपनी बहन के सामने आकर अपने लंड को हिलाते हुए बोला अपने भाई के हाथ में उसके हिलते हुए लंड को देखकर महुआ पूरी तरह से मचल उठी,,,,और गहरी सांस लेते हुए शर्मा कर अपने भाई के लंड पर से अपनी नजरों को दूसरी तरफ घुमा ली,,,, राजू अपनी बहन की जवानी का स्वाद चखना चाहता था इसलिए ठीक उसके सामने घुटनों के बल बैठ गया,,, महुवा के दिल जोरों से धड़क रहा था उसे कुछ कुछ समझ में आ रहा था कि उसके भाई उसके साथ क्या करने वाला है,,,, लेकीन हैरान थी महुआ यह देखकर की उसके भाई का लंड अभी तक उसी तरह से खड़ा का खड़ा है और उसे बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं है बुर में डालकर शांत होने की क्योंकि 2 घंटे से ज्यादा गुजर चुके थे अभी तक वहां सिर्फ और बदन से ही खेल रहा था,,,,,महुआ से अपना धड़कता दिन काबू में नहीं हो रहा था वह गहरी सांस लेते हुए राजू की तरफ देखने लगी राजू भी अपनी बहन की तरफ देख रहा था दोनों की नजरें आपस में टकराई और महुआ शर्मा कर अपनी नजरों को दूसरी तरफ घुमा ली गुलाबी यह सब देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,।राजू भी अपनी बहन की नंगी बुर को देखना चाहता था उसकी बनावट को देखना चाहता था,,,इसलिए अपना हाथ बढ़ाकर अपनी बहन का हाथ पकड़कर उसे बुर से हटाने लगा,,, तो शर्मा कर महुआ बोली,,,।

नहीं,,,,,,,

(इतना कहकर वह गहरी गहरी सांस लेने की तकरीबन 2 घंटे बाद उसके मुंह से यह शब्द निकले थे,,,, जिसमें उसकी लगभग लगभग हामी ही थी वह तो सिर्फ शर्मा कर ना बोल रही थी,,,,राजू अब अपनी बहन की कहां सुनने वाला था वह अपनी बहन की कलाई कस के पकड़ कर उसे हटा दिया और उसकी नंगी बुर को लालटेन की पीली रोशनी में जी भर कर देखने लगा अपनी बहन की बुर को देखकर उसके तन बदन में हलचल सी होने लगी अपनी बुआ के बाद यह दूसरी बार था कि वह अपने परिवार में अपनी बहन की बुर को इतने नजदीक से देख रहा था,,,,दूर से तो वह अपनी मां की बुर को भी देख चुका था और उस पर हाथ भी लगा चुका था लेकिन इतने करीब से अभी तक अपनी मां की बुर के दर्शन नहीं कर पाया था,,,,,, इसलिए अपनी बहन की मदमस्त कर देने वाली कसी हुई बुर को देखकर राजू बोला,,,।)


वाह रे दीदी क्या मस्त बुर है तेरी लगता ही नहीं है कि तू शादीशुदा है ऐसा लगता है कि तेरी बुर में अभी तक लंड गया ही नहीं है,,,,।(राजू को देखने पर अपनी बहन की बुर कुंवारी लड़की की तरह ही लग रही थी एकदम कसी हुई है पत्नी दरार की तरह उसमें से अभी भी गुलाबी पत्ती बाहर नहीं निकली थी,,,,, इसलिए राजू को ऐसा ही लग रहा था कि उसकी बहन की बुर कुंवारी लड़की कि तरह है राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

लगता है जीजा जी तुझे चोदते नहीं और मुझे नहीं लगता कि उनका लंड मोटा तगड़ा लंबा होगा वरना तेरी बुर अब तक तो भोसड़ा बन गई होती,,,,,(महुआ अपने भाई के कामुक शब्दों के बाण को झेल नहीं पा रही थी वह पल पल उत्तेजना के सागर में डूबती चली जा रही थी अपने भाई की अश्लील बातें उसे बेहद आनंदित कर रही थी और देखते ही देखते राजू अपने प्यासे होठों को अपनी

बहन की तपती हुई बुर पर रख दिया जिसमें से लावा बह रहा था,,,, अपने भाई के होठों को अपनी बुर पर महसूस करते ही महुआ के तन बदन में हलचल सी मच ने लगी उसके पैरों में कंपन होने लगा वह किसने ही वाली थी कि तुरंत गुलाबी उसके पीछे जाकर उसे बाहों में भर लिया और उसकी चूची पर अपने दोनों हाथ रख दी,,,इस तरह से वह महुआ को गिरने से तो बचा ली लेकिन उत्तेजना के सागर में ऐसा लग रहा था कि वह खुद उसका सिर पकड़ कर डुबो रही हो वह तुरंत चूची को दबाना शुरू कर दी और अपनी नंगी बुर को उसकी बड़ी बड़ी गांड पर रगड़ना शुरु कर दी महुआ दोनों तरफ से पीस रही थी जिसमें से पीसने के बाद आनंद का फुवारा फूट रहा था,,, राजू अपनी बहन की नमकीन बुर को चाटने शुरू कर दिया था हल्के हल्के बालों से सुसज्जित महुआ की बुर मादक खुशबू बिखेर रही थी जिस के नशे में राजू मदहोश हुआ जा रहा था वह अपनी दोनों हथेली को अपनी बहन की गांड पर रखकर जोर से दबाते हुए जितना हो सकता था उतना अपनी जीभ को उसकी बुर के अंदर डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,,।

यह अनुभव महुआ के लिए बिल्कुल नया था वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी सांसो की गति एकदम तेज चल रही थी जिस पर अब महुआ का बिल्कुल भी काबू नहीं था वह उत्तेजना के मारे अपने दोनों हाथों को अपने भाई के सिर पर रखकर उसके बाल को अपनी मुट्ठी में कस के भींच ली थी और उसके होठों को कस के अपनी बुर पर दबा‌ ली थी,,,,,,, महुआ के मुंह से लगातार सिसकारी की आवाज फुट रही थी और दूसरी तरफ गुलाबी हल्के हल्के अपनी कमर हिला रही थी मानो कि जैसे महुआ की चुदाई कर रही हो,,,,राजू पूरी तरह से अपनी बहन की जवानी का रस पीने में लगा हुआ था जिस बात का एतराज गुलाबी को बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि वह जानती थी कि इस समय महुआ को अग्रिमता देना बेहद जरूरी है,,,,।

सहहहह आहहहहह राजू तू तो मुझे पागल कर दिया है रे आहहहहह राजू,,,,,ऊमममममम ऊममममममम,,,( ऐसा कहते हुए महुआ अपनी गांड को गोल गोल घुमा‌ रही थी,,,,
राजू भी अपनी बहन की बुर को चाट कर मस्त हुआ जा रहा था कुछ देर तक यह क्रीडा चलती रही अब समय आ गया था महुवा को असली चुदाई का सुख देने का इसलिए राजू अपनी बहन की बुर पर से अपना मुंह हटा कर उसकी कमर पकड़ कर खड़ा हुआ और एक बार अपनी बहन की आंखों में जाते हुए फिर से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिया,,, होंठों पर अभी भी महुआ के बुरका रस लगा हुआ था जो कि इस तरह के चुंबन से वह काम रस महुआ के भी होंठों से लग कर उसके गले लग जा रहा था,,, पहली बार महुआ के होठों पर बुर का रसलग रहा था और पहली बार उसे ही इस बात का एहसास हुआ कि बुरके रस का स्वाद कितना कसैला और नमकीन होता है लेकिन फिर भी मर्द लोग कितना जी जान लगाकर उसे चाटते रहते हैं,,, थोड़ी ही देर में महुआ को भी अपनी बुर का स्वाद अच्छा लगने लगा,,,
देखते ही देखते राजू महुआ के कंधों पर दोनों हाथ रखकर उसे नीचे की तरफ बैठाने लगा महुवा को समझ में नहीं आ रहा था कि उसका भाई ऐसा क्यों कर रहा हैथोड़ी ही देर में अपने घुटनों के बल आने पर ही उसे समझ में आ गया कि उसका भाई उससे क्या करना चाहता है,,,, राजू अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपनी बहन के होठों पर रख देना शुरू कर दिया इससे महुआ एकदम से मदहोश होने लगी और अगले ही पल अपने होठों को खोल कर अपनी बहन के लंड को अपने मुंह में आने का निमंत्रण दे दी देखते ही देखते महुआ को इस खेल में मजा आने लगा,,,,,,, वह अपने भाई के मोटे तगड़े लंबे लंड को अपने गले तक उतार कर मजा ले रही थी अपने मुंह में लेने पर ही उसे पता चला कि उसके भाई का लंड कितना दमदार है,,,,, धीरे-धीरे राजू अपनी कमर ही रहना शुरू कर दिया और गुलाबी पूरी तरह से मस्त होकर राजू के कंधे में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच कर उसके मुंह को अपनी चूची पर रख दी जिसे राजू बड़े चाव से मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया तीनों आनंद के सागर में गोते लगा रहे थे कुछ देर तक यह क्रीडा इसी तरह से चलती रही,,,, महुआ की बुर में आग लगी हुई थी,,,, राजू अब समझ गया था कि उसकी बहन को लंड चाहिए इसलिए अपने लंड को अपनी बहन के मुंह में से बाहर निकाल कर उसे चटाई पर लेटने के लिए बोला,,,,।

अपने भाई के द्वारा दिए जा रहे इस तरह के निर्देश महुवा को शर्मसार कर रहे थे लेकिन क्या करें उसे भी तो मजा आ रहा था और उसे भी तो मां बनना था ताकि वह अपने ससुराल वालों का मुंह बंद कर सके वह जानती थी कि उसके पति से कुछ होने वाला नहीं है जो एक ही झटके में झड़ जाता हो वह क्या मां बनाने की क्षमता रखता है,,, महुआ अपने मन में सोचने लगी कि उसका भाई उसे उसके ससुराल में इज्जत दिलाएगा उसे मां बना कर,,,,इसलिए अपने भाई की बात मानते हुए अपने सर के नीचे तकिया रखकर वह पीठ के बल लेट गई राजू अपनी बुआ की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोला,,,।

बुआ अब देखना मैं दीदी की कैसे चुदाई करता हूं दीदी देखना पानी मांगने लगेगी,,,
(राजू की बातें सुनकर महुवा शर्म आ रही थी,,, और दूसरी तरफ गुलाबी महुआ का हौसला बढ़ाते हुए बोली,,,)

अरे तभी तो वह तेरे नीचे आने को तैयार हो गई है अब देखना अपनी बहन का ख्याल रखना ससुराल में उसकी इज्जत खराब ना होने पाए,,,,जितने दिन यहां रहेगी उतने दिन तुझे इसे चोदना होगा,,,

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो बुआ अब यह जिम्मेदारी मेरी है,,,(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी बहन के दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया और अपने लिए जगह बनाने लगा महुआ का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि कुछ ही देर में उसके भाई का मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर की सैर करने वाला था,,,महुआ के मन में एक शंका थी कि ईतना मोटा तगड़ा लंड उसकी बुर में घुस पाएगा कि नहीं इसलिए अपनी शंका को दूर करने के लिए वह बोली,,,।)


अरे दीदी तो बिल्कुल भी चिंता मत करो देखना एकदम सरपट दौड़ेगा,,,,

अरे पगली तो बिल्कुल भी चिंता मत कर मुझे भी पहले इसी तरह का डर लगता था लेकिन अब देख बड़े आराम से ले लेती हूं,,,, तुझे तेरा भाई देखना जन्नत की सैर कराएगा ऐसा पेलेगा की तु जिंदगी भर याद रखेगी,,,,।
(इतना कहकर वह हंसने लगी और राजू अपने लंड के सुपाड़े को अपनी बहन की गुलाबी बुर पर रख दूया जोकी पूरी तरह से पानीयाई हुई थी,,,, महुआ की सबसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसका दिल जोरों से धड़क रहा था राजू अपने लंड के मोटे से पानी को जो कि आलू बुखारा की तरह एकदम गोल था,,, वो धीरे धीरे पनियाई बुर के अंदर सरकना शुरू कर दिया,,,देखते ही देखते राजू के लंड का सुपाड़ा बाबा की गोरकी अंदर प्रवेश कर गया यह देखकर महुआ के चेहरे पर सुकून नजर आ रहा था लेकिन दर्द की भी रेखाएं खींची हुई थी,,, क्योंकि पहली बार उसकी बुर के अंदर इतना मोटा लंड जो जा रहा था,,,। उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी राजू बड़ी समझदारी से काम ले रहा था,,, वह एक झटके में ही पूरा का पूरा लंड अपनी बहन की बुर में डाल सकता था लेकिन ऐसा करने से उसकी बहन को बहुत दर्द होता,,, इसलिए राजु ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था ,,,, लेकिन धीरे-धीरे राजू अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी बहन की बुर की गहराई में पहुंचा ही दिया,,,, महुआ धीरे से अपना सर उठा कर अपनी दोनों टांगों के बीच देखी तो हैरान रह गई,,, क्योंकि वह सोची भी नहीं थी कि उसके भाई का मोटा तगड़ा लंबा लंड इतने आराम से उसकी दूर की गहराई में प्रवेश कर जाएगा लेकिन जो कुछ भी हो अपनी आंखों से देख रही थी वह बिल्कुल सच था दर्द तो थोड़ा हुआ ही था लेकिनअंदर घुसते हुए बुर की अंदरूनी दीवारों पर रखकर खाकर जिस तरह का आनंद दिया था उस तरह की आनंद की कल्पना भी उसने कभी नहीं की थी,,,,अपना पूरा लंड अपनी बहन की बुर की गहराई में उतार कर रहा है जो लंबी सांस लेते हुए बोला,,,।

देख दीदी बोला था ना आराम से चला जाएगा,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की चुची पर रख दिया और उसे ज़ोर से दबाते हुए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया,,,, या देखकर गुलाबी भी उत्तेजित हो गई और वह आगे की तरफ मुंह करके अपनी बड़ी बड़ी गांड को महुआ के चेहरे पर रखने लगी महुआ को तो पहले समझ में नहीं आया कि उसकी बुआ क्या कर रही है लेकिन जैसे ही गुलाबी की बुर उसके होठों से स्पर्श हुई उसे समझते देर नहीं लगी कि उसे क्या करना है वह भी राजू की तरह अपनी जी बाहर निकाल कर अपनी बुआ की बुर को चाटना शुरू कर दी अद्भुत दृश्य कमरे के अंदर अपनी गर्मी फैला रहा था इसके बारे में उन तीनों ने कभी कल्पना भी नहीं किए थे,,, गुलाबी की गरमा गरम सिसकारी गूंजने लगी और अपनी बुआ की गांड को अपनी आंखों के सामने देखकर राजु की उत्तेजनाऔर ज्यादा बढ़ने लगी वहां अपनी बुआ की चूची को पकड़कर अपनी बुआ की गांड दबोच लिया और उस पर जोर जोर से चपत लगाता हुआ धक्के लगाने लगा,,,,, महुआ की हालत खराब हो रही थी,,, महुआ के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी लगातार फूट रही थी आज जाकर उसे अपने भाई से चुदाई का असली सुख मिल रहा था,,,, वह सही मायने में अपने भाई को असली मर्द मानने लगी क्योंकि वाकई में वहां उसकी बुर को रगड़ रगड़ कर चोद रहा था,,, अपने भाई की दमदार चुदाई को देखकर वह समझ गई थी कि उसका मां बनना एकदम तय है इस बात की खुशी उसके चेहरे पर साफ नजर आई थी इसलिए वह अपने भाई के दमदार धकको को खुशी-खुशी झेल रही थी,,,,

राजू को भी अपनी बहन चोदने का बहुत मजा आ रहा था वह लगातार अपनी कमर हिला रहा था और अपने लंड की तरफ भी देख रहा था जो कि महुआ की बुर में गोल छल्ला बनाए हुए था,,,,पहली चुदाई में हीं राजू ने अपनी बहन की बुर को चौड़ा कर दिया था,,,,, राजू के माथे से पसीना छूट रहा था और यही हाल गुलाबी और महुवा का भी था,,, राजू का जोश बढ़ता जा रहा था दूसरी तरफ महुआ की सिसकारी की आवाज भी बढतू जा रही थी,, अपनी बुआ की बड़ी बड़ी गांड अपनी आंखों के

सामने देखकर उससे रहा नहीं जा रहा था,,,इसलिए उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था और अपना दोनों हाथ अपनी बुआ की कमर पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया देखते ही देखते उसकी बुआ अपने घुटनों के बल बैठकर घोड़ी बन गई और राजू अपनी बहन की बुर में से अपना लंड बाहर निकाल कर अपनी बुआ की बुर में डाल दिया और उसे घसा घसा चोदना शुरु कर दिया,,,, महुआ देखकर हैरान थी 10 15 धक्कों के बाद वह अपना लंड वापस निकाल करअपनी बहन की बुर में डाल दिया और उसे चोदना शुरु कर दिया यही क्रिया पर बार-बार कर रहा था कभी अपनी बुआ को तो कभी अपनी बहन को चोद रहा था एक ही लंड से वह एक साथ दो दो औरतों को संतुष्ट करने में लगा था,,, महुआ की सबसे बड़ी तेजी से चल रही थी या देखकर गुलाबी समझ गई थी कि महुआ का पानी निकलने वाला है इसलिए वह राजू से बोली,,,,


राजू तू हम दोनों को एक साथ भले चोदलेकिन अपना पानी अपनी बहन की बुर में ही निकालना देखना यह जिम्मेदारी तेरी है उसे मां बनाना है उसे पेट से करना है,,,

ठीक है बुआ,,,(और इतना कहने के साथ ही एक बार अपनी बुआ की बुर में 10 15 धक्के एक साथ मारने के बाद वह अपना लंड अपनी बुआ की बुर में से बाहर निकाल कर अपनी बहन की बुर में डाल दिया और जबरदस्त धक्के पर धक्का पेलने लगा,,, महुआ का बदन अकड़ने लगा था उसका पानी किसी भी पर निकलने वाला था इसीलिए गुलाबी भी एक बार फिर से अपनी बुर को उसके होठों पर रखकर दबाना शुरू कर दी,,,और राजू अपनी बहन की कमर पकड़कर जोर-जोर धक्के लगाने लगा और अगले ही पल दोनों एक साथ गरमागरम आह के साथ झड़ना शुरू कर दिए राजू अपने लंड को तब तक अपनी बहन की बुर से बाहर नहीं निकाला जब तक उसका पानी पूरा का पूरा पानी में नहीं गिर गया,,, और वह भी अपनी बहन के ऊपर गिर कर हांफने लगा,,,,
 
Well-known member
2,506
7,330
143
बात ही बात में मुन्ना,,, अपनी खड़े लंड को अपने पजामे से बाहर निकालकर राजू को दिखा दिया था,,, राजू के लिए भी यह पहला मौका था जब वह अपनी हम उम्र के लड़के का लंड इतने पास से देख रहा था,,,, मुन्ना की बातों को सुनकर और उसके खड़े लंड को देख कर राजू के पजामे में भी हलचल होने लगी थी उसका लंड पजामें के अंदर पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,,,

मुन्ना था तो उसका दोस्त लेकिन वह इस समय जानबूझ कर उसे उकसा रहा था वह भी राजू की लंड को देखना चाहता था,, क्योंकि औरों की बातों को सुनकर उसे भी लगने लगा था कि शायद राजू के पास दमदार लंड नहीं है तभी तो कमला चाची के लिए उकसाने के बाद भी वह उसकी तरफ आकर्षित नहीं होता था और बुद्धू बना रहता था नहीं तो उसकी जगह कोई और लड़का होता तो कम से कम ना चाची की चुदाई कर दिया होता और इसी पार्क में गांव के लड़के लगे भी रहते थे लेकिन किसी की दाल नहीं गल रही थी और राजू तो सामने से मालपुआ पाने के बावजूद भी उसका स्वाद नहीं ले पा रहा था इसलिए मुन्ना को भी शक हो रहा था और इसीलिए वह राजू के लंड को देखना चाहता था,,,,। अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलाते हुए मुन्ना बोला,,,।


क्या हुआ देखता ही रहेगा या अपना भी दिखाएगा,,, देख नहीं रहा है मेरे लंड में कितना दम है अगर कमला चाची की बुर में चला जाए तो कमला चाची पानी पानी हो जाए,,,,


क्या मुन्ना तू भी कमला चाची के बारे में गंदी गंदी बातें कर रहा है,,,


अरे बुद्धू अगर तू कमला चाची के बारे में जान जाएगा तो तू भी मेरी तरह ही गंदी गंदी बातें करेगा उसे चोदने के लिए दिन रात उसके पीछे पीछे घूमता रहेगा,,,, वह तो तुझे भाव देती है अगर मुझे भाव दे तो मैं भी उसकी बुर में लंड डालकर चुदाई कर दुं,,,
(एक औरत के साथ चुदाई की खुली बातें सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ ने लगती है उसके तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी और उसके टांगों के बीच कुछ कुछ होने लगा था,,, आखिरकार वह भी एक जवान लड़का था जो कि इस उम्र में जवान लड़कों के अरमान कुछ ज्यादा ही मचलते रहते हैं ऐसे में राजू दूसरे लड़कों से बिल्कुल अलग था लेकिन मुन्ना की गंदी बातें उसके तन बदन में आग लगा रही थी,,,,, मुन्ना की गंदी बातें सुनकर,,, राजू बोला,,,)

तू भी श्याम की तरह है,,,

हां मैं भी श्याम की तरह हूं और मेरी तरह हर लड़के श्याम की तरह ही होते हैं लेकिन तू ही सबसे अलग है,,,, क्योंकि हम सब का खड़ा होता है औरत को देखने की बड़ी चूचियां देखकर की बड़ी-बड़ी गांड देख कर,,, और हम लोगों का मन उन्हें चोदने को करता हैं,,,,और लगता है कि श्याम सच ही कहता है कि तेरे पास है ही नहीं और तेरा खड़ा भी नहीं होता,,,,।


मन्ना तु भी शुरु हो गया,,, तू भी श्याम की तरह बातें कर रहा है,,,


श्याम की तरह बातें करु ना तो और क्या करूं मुझे अच्छा नहीं लगता जब वह तेरे बारे में खराब खराब बोलते हैं,,,,तेरी पीठ पीछे तेरी मां के बारे में तेरी बुआ के बारे में कितनी गंदी गंदी बातें बोलते हैं वह लोग,,,,



कौन बोलता है,,,?(राजू ताव में आकर बोला,,,)


श्याम बोलता है उसके साथी बोलते हैं सब तो कहते हैं,,,(


क्या कहते हैं,,,?



अब जाने भी नहीं बहुत गंदी गंदी बातें बोलते हैं,,,,



वही तो पूछ रहा हूं क्या बोलते है,,,,?


नहीं नहीं मैं नहीं बताऊंगा नहीं तो तुम दोनों के बीच झगड़ा हो जाएगा और यह अच्छी बात नहीं है,,,,,,,,,



चल अब बोल भी दे,,,,,



नहीं तु झगड़ा करेगा,,,,फिर कौन बताया यह बात निकलेगी तो मेरा नाम आएगा और फिर तू तो जानता है कि मेरे पिताजी कितना मारते हैं,,, नहीं नहीं मैं नहीं बताऊंगा जाने दे वह तो मैं तेरी भलाई के लिए कह रहा था कि,,,, एक बार सबको दिखा दे तो वह लोगों का मुंह बंद हो जाए लेकिन तो शायद नहीं चाहता,,,,, क्यों लोग तेरे बारे में गलत सलाह बोलना बंद कर दे तेरी मां और बुआ के बारे में गंदी बातें करना बंद कर दें,,,,



देख मुन्ना मुझे अच्छा नहीं लगता कि कोई मेरी मां और बुआ के बारे में गंदी गंदी बातें करें,,,, इसलिए तुम मुझे बता ताकि मैं उन लोगों को खामोश कर सकूं,,,,



देख मैं तुझे बता दूंगा लेकिन मुझसे वादा करके तो झगड़ा नहीं करेगा अगर तू झगड़ा करेगा तो मैं तुझे नहीं बताऊंगा फिर हम दोनों की दोस्ती समझ लो टूट जाएगी,,,,।



चल कोई बात नहीं मैं नहीं झगड़ा करूंगा लेकिन तू बता तो सही कौन कहता है और क्या कहता है,,,।

(राजू की बातें सुनकर मन्ना को यकीन हो गया कि राजू उसकी बातों को सुनकर झगड़ा नहीं करेगा क्योंकि वह अपनी बातों को नमक मिर्च लगाकर बताना चाहता था एक जवान लड़का होने के नाते जिस तरह से दूसरी लड़की औरतों को गंदी नजरों से देखते हैं उसी तरह से मुन्नाद ही दूसरी औरतों के साथ-साथ खुद राजू की मां और बुआ को भी गंदी नजरों से देखता था राजू की मां की बड़ी-बड़ी गांड उसे बहुत पसंद थी और उसकी बुआ की खूबसूरती भी उसे उत्तेजित कर जाती थी,,, जिस तरह से दूसरे लड़के राजू की मां को देखते ही उसके बारे में गंदी कल्पनाएं करने लगते थे उसी तरह से मुन्ना भी राजू की मां को देखकर गंदी-गंदी कल्पना करता था इसीलिए अपनी बात को नमक मिर्ची लगाते हुए बोला,,,)



श्याम और उसके साथी तेरी मां के बारे में और बुआ के बारे में गंदी गंदी बातें कहते हैं,,,, श्याम कहता है कि राजू की मां की गांड कितनी मस्त है बड़ी-बड़ी अगर कपड़े उतार कर नंगी हो जाती होगी तो देखने वाले का लंड अपने आप पानी छोड़ देता होगा,,,(मुन्ना के मुंह से अपनी मां के बारे में गंदी गंदी बातें सुनकर राजू को श्याम और उसके साथी पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन ना जाने क्यों अपनी मां के बारे में गंदी बातें सुनकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होना शुरु हो गया था,,,) श्याम के साथी भी सुर में सुर मिलाते हुए कहते रहते हैं कि राजू की बुआ कितनी मस्त है उसके अमरुद दबाने में बहुत मजा आएगा,,,,।


अमरुद ,,,,अमरुद मतलब,,,,,( राजू भोलेपन से बोला)


अरे बुद्धू अमरूद का मतलब तेरी बुआ की चुची,,,, तेरी बुआ की चूची दबाने में बहुत मजा आता ऐसा वह लोग कह रहे थे,,,(लगे हाथ गांव के लड़कों की बदमाशी के बारे में बात बताते हुए मुन्ना अपने मुंह से अपने ही दोस्त की मां और बुआ के बारे में गंदी गंदी बातें बोलकर अपनी खड़े लंड को भी ना रहा था जो कि राजू की नजर बार-बार उसके खड़े लैंड पर पहुंच जा रही थी जो कि उत्तेजना के मारे मुन्ना अपने लंड को मुठिया रहा था,,,,वह दोनों एक पेड़ के नीचे खड़े थे और यह पेड़ गांव से थोड़ा अलग जगह पर यहां पर शाम के वक्त कोई आता जाता नहीं था और अंधेरा भी होने लगा था इसलिए यहां पर किसी के भी आने का डर बिल्कुल भी नहीं था,,,, मुन्ना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,,)


और तो और बोलो कितनी गंदी बात बोल रही थी कि मुझे बताने में भी शर्म आ रही है,,,


कैसी गंदी बात,,,


तू सुन पाएगा,,,,,



तू बोल तो सही आखिरकार में भी तो सुनो कि गांव वाले मेरी मां और बुआ के बारे में कैसी कैसी बातें करते हैं,,,


वह लोग कह रहे थे कि,,,अगर तेरी मां एक रात के लिए उन्हें मिल जाए तो सारी रात अपनी खड़े लंड को तेरी मां की बुर में डाल डाल कर उसकी चुदाई करके उसकी बुर का भोसड़ा बना दे,,,,,,, सच कहूं तो वह लोग तेरी मां को चोदना चाहते हैं,,, तेरी मां की बुर में अपना लंड डालना चाहते हैं क्योंकि वह लोग कहते हैं कि गांव में सबसे खूबसूरत बुर तेरी मां की ही होगी,,,,,,

(यह सब सुनकर राजू का चेहरा गुस्से से नहीं बल्कि उत्तेजना से तमतमा गया था अपनी मां के बारे में इस तरह की गंदी बात और पहली बार सुन रहा था और उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसे अपनेआप पर विश्वास नहीं हो रहा था कि अपनी मां और बुआ के बारे में इतनी गंदी बातें सुनकर वह ईतने आराम से खड़ा है,,,, अपने दोस्त मुन्ना की बातों को सुनकर,,,,,,ना चाहते हुए भी उसके कल्पनाओं का घोड़ा बड़ी तेजी से दौड़ने लगा था और वह जिस तरह से उसकी मां की गंदी बातें कर रहा था उसे सुनकर वह अपने मन में कल्पना करने लगा था अपनी मन की बड़ी-बड़ी कांड के बारे में उसकी चुचियों के बारे में और उसकी पुर के बारे में जिसे वह आज तक अपनी आंखों से देख नहीं पाया था उसकी भूगोल की संरचना के बारे में उसे बिल्कुल भी समझ नहीं थी फिर भी वह कल्पना कर रहा था आज उनसे पहली बार इस बात का पता चला था कि औरतों की चूचियों को अमरुद भी कहा जाता है वरना हुआ तो अमरूद पेड़ पर लगे फल को ही समझता था आज पहली बार ज्ञात हुआ था कि औरतों के छातियों पर लगे हुए फल को भी अमरुद कहां जाता है,,,। राजू को उसके ख्यालों में खोया हुआ देखकर मिलना उसे ऊपर से नीचे की तरफ देखने लगा और उसके पजामे में अपने तंबू को देखकर उसके होश उड़ गए,,, उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था क्योंकि वह पूरी तरह से अपनी औकात में था खड़ा होने के बाद मुन्ना का खुद का पजामा भी इस तरह से तंबू नहीं बन जाता थाइसलिए तो राजू के पजा6 में बने तंबू को देख कर उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था,,,,पर इस बात से भी वह पूरी तरह से हैरान और उत्तेजित हो गया था कि अपनी मां के बारे में गंदी गंदी बातें सुनकर उसके चेहरे पर गुस्सा नहीं बल्कि उसके पजामे की हालत खराब हो रही थी इसका मतलब साफ था कि वह भी अपनी मां के बारे में गंदी बातें सुनकर उत्तेजित हो रहा था,,,,मुन्ना अभी भी अपने लंड को हिला रहा था और किसी और के बारे में ही बल्कि राज्यों की मां और दुआ के बारे में सोच कर ही,,,, अपने लंड को हिलाते हुए वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


देख राजुमैं गांव के बाकी लड़कों की तरह नहीं हूं जो तेरी मां और बुआ के बारे में गंदी गंदी बातें करु मैं तेरा पक्का दोस्त हु और मैं यह चाहता हूं कि तू उन लोगों का मुंह बंद कर दे इस तरह से खामोश रहेगा तो वह लोग इसी तरह से तेरी मां और बुआ के बारे में गंदी गंदी बातें करते रहेंगे और वह लोग यही सोचेंगे कि तेरे पास है ही नहीं इसलिए भी कमला चाची के साथ कुछ कर नहीं पाता सच कहूं तो जिस तरह से वह लोग बातें करते हैं उसी तरह से तुझे भी हिम्मत करके उन लोगों की मां बहन के बारे में गंदी बातें करना चाहिए ताकि वह लोग तेरी मां और बुआ के बारे में इस तरह की गंदी बातें ना कर सके,,,,,,,
(मुन्ना की बातों को सुनकर राजू कुछ देर खामोश रहा फिर बोला)


तू सच कह रहा है मुन्ना मुझे भी उन जैसा बनना पड़ेगा तभी यह हरकतें बंद होगी वरना यह लोग इसी तरह से मेरा मजाक उड़ाते रहेंगे,,,,


इसीलिए तो कह रहा हूं दिखा अपना,,,, देख मेरा कैसा खडा है,,,(मुन्ना जोर-जोर से अपने लंड को हिलाते हुए बोला,,, राजू की नजर बार-बार उसके
लंड पर चली जा रही थी ,,, जो की पूरी तरह से खड़ा था राजू की हालत खराब होती जा रही थी कि की पहली बार कोई उसका हमउम्र इस तरह से उसकी आंखों के सामने अपने लंड को हिला रहा था,,,,,, राजू के लिए यह बर्दाश्त के बाहर था,,,, उसे अपने खड़े लंड में दर्द महसूस होने लगा था,,,,,,,,,)दिखाएगा नहीं तो पता कैसे चलेगा कि तेरे पास भी है वरना रोज यही बातें होती रहेंगी कि राजू के पास है ही नहीं वह औरतों को खुश नहीं कर सकता,,,,


देख ऐसी बात नहीं मेरे पास भी है लेकिन मुझे शर्म आती है,,,



अरे शर्म कैसी,,,, मुझे देख में शर्मा रहा हूं क्या,,,( मुन्ना उसी तरह से अपने लंड़ को हिलाते हुए बोला,,,)



तुझे नहीं आ रही है लेकिन मुझे तो आ रही है ना,,,(राजू शर्माते हुए बोला)


जा मुझे क्या गांव वाले तब तो यही कहते रहेंगे कि सच में तेरे पास लंड नहीं है,,,,इसी तरह से तू रहा तो एक न एक दिन जरूर श्याम और उसके दोस्त तेरी मां को चोद देंगे,,,, तब मत कहना कि यह कैसे हो गया,,,,

(मुन्ना की यह बात सुनकर राजू को गुस्सा आ गया और वह गुस्से में बोला)


मेरे पास भी है रुक अभी दिखाता हूं,,,,(पर इतना कहने के साथ ही राज्यों में अपनी पहचान को एक झटके से नीचे की तरफ खींच लिया और अगले ही पल उसका खड़ा मोटा तगड़ा लंबा लंड हवा में एकदम से आसमान की तरफ मुंह उठाए टनटनाने लगा,,,,, यह देखकर तो मुन्ना की आंखें फटी की फटी रह गई उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि राजू जो निगम शर्मिला सबसे शर्माता रहता है उसके पास इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड होगा,,,, आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रह गया था,,,, मुन्ना को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था,,,,,,, क्योंकि वह राजू का हमउम्र था पर इस उम्र को देखते हुए वह बार-बार अपने लंड की तरफ देख लेगा था जो कि राजू के फ्रेंड से आधा ही था और वह अपने आप पर शर्मिंदा होने लगा कि अपना आधा लंड दिखा कर कीतना गर्व कर रहा था,,,,,राजू के लंड में जरा भी लचकपन नहीं था ,,,,अपनी मां की गंदी बातों को सुनकर वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था जिसका असर उसे अपनी दोनों टांगों के बीच अपने लटकते हुए लंड पर महसूस हुआ था और वह उत्तेजित होकर पूरी तरह से एकदम लोहे के रोड की तरह खड़ा का खड़ा हो गया था,,,,
राजू एक नजर अपने लंड की तरफ डालकर मुन्ना की तरफ देखते हुए बोला,,,।


मुन्ना अब बोल मेरे पास है कि नहीं,,,,,


बाप रे इतना बड़ा और मोटा यार तेरा तो एकदम जबरदस्त है कमला चाची की बुर में अगर एक बार चला गया तो कमला चाची माई बाप करके चिल्ला उठेगी और वह तो तेरी दीवानी हो जाएगी कमला चाची ही क्यों गांव की किसी भी औरत की बुर में अगर तेरा लंड चला गया तो वह तो तेरी दीवानी हो जाएगी,,,,(मुन्ना राजू के लंड की बढ़ाई किए जा रहा था और अपने लंड को जोर-जोर से हिलाए जा रहा था,,, राजू तो अपने लंड की बड़ाई सुनकर गदगद हुए जा रहा था,,,, मुन्ना की बातों को सुनकर उसे यह एहसास होने लगा था कि,, उसके पास जो है वह अद्भुत और जानदार है,,,, अभी तक राजू बड़ी उत्सुकता से मुन्ना को मुठिया मारते हुए देख रहा था लेकिन यह क्रिया उसके समझ के बिल्कुल भी परे थी वह हस्तमैथुन की क्रिया को जानता ही नहीं था जोकि अभी तक सिर्फ खामोशी से देख रहा था लेकिन अब बोल पड़ा,,,,)


सब तो ठीक है लेकिन तु यह क्या कर रहा है,,,,?


मुठिया मार रहा हूं मेरे दोस्त,,,, इसे अपने आप ही सुख प्राप्त करना कहते हैं,,,, इससे बहुत मजा आता है,,,,(मुन्ना पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था उत्तेजना के इस खेल में उसकी उत्तेजना को और अधिक बढ़ावा दे रहा था राजू की मां की कल्पना जिसके चलते मुन्ना तुरंत चरण सुख के करीब पहुंच गया था और देखते ही देखते राजू कुछ और पूछ पाता इससे पहले ही उसके लंड से एक जोरदार पिचकारी फूट पड़ी,,,,, यह पिचकारी राजू के लिए अद्भुत और बेहद अनजान सी थी,,,,,, इस बारे में राजू को बिल्कुल भी पता नहीं था,,, हां कभी-कभी उसे उठने के बाद अपना पैजामा किला महसूस जरूर होता था लेकिन कभी वह समझ नहीं पाया था,,, इसलिए पिचकारी को देखते ही आश्चर्य से राजू बोला,,,)

अरे यह कैसा पेशाब है,,,,?


यह पेशाब नहीं है राजू यह मस्ती की धारा है,,,,, तू भी अगर जोर जोर से हिलाएगा तो तेरे भी निकलेगी,,,,( मुन्ना पजामे को ऊपर करके गहरी सांस लेते हुए बोला,,,, मुन्ना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)देख राजू तू मेरा दोस्त है इसलिए तुझे कहता हूं कि जब भी श्याम या उसके दोस्त तुझे चिढ़ाए तो,,उन्हें भी अपना खोल कर दिखा देना देखना हम की आंखें फटी की फटी रह जाएगी और बालों शर्मिंदा हो जाएंगे और तुझसे दोबारा कुछ भी नहीं कहेंगे पता नहीं क्यों क्योंकि उन लोगों के पास तेरे से आधा ही है,,,,



क्या मेरे पास ज्यादा बड़ा है क्या,,,,( राजू आश्चर्य से बोला)


हां तेरे पास सच में ज्यादा बडा है देखना तो औरतों का अपना दीवाना बना देगा,,,,

चल हट पागल हो गया है तू,,,, चल अब घर चलते हैं अंधेरा हो गया है,,,,(और इतना कहकर दोनों घर की तरफ चलने लगे,,, राजू अपने मन में सोचने लगा क्या वाकई में उसके पास जबरदस्त लंड है,,,,, यह सोचकर वह अपने आप पर गर्व महसूस भी कर रहा था,,,)
Ab to raju bhi madhosh ho raha he. Shuperb.... Bahot maza aa raha he.
 
Well-known member
2,506
7,330
143
गुलाबी का मन अब काम में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था,,, उसकी जवानी चुदास की मदहोशी छाती चली जा रही थी,,,
अब तक जो भी वह अपने कानों से सुनती आ रही थी और देखते आ रही थी,,, और अब रात को अपने हाथों से अपने भतीजे के मदमस्त मोटे तगड़े लंबे,,लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी गर्माहट को अपनी हथेली में महसूस कर के चित्र की उत्तेजना का अनुभव उसने की थी इस तरह का अनुभव से अब तक नहीं ले पाई थी उसके लिए पहला मौका था जब वह इतने पास से अपने ही भतीजे के लंड के दर्शन कर रहे थे उस पल का अनुभव उसके लिए बेहद अनमोल और मदहोशी भरा था और पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी प्यासी बुर में उंगली का सहारा लेकर अपना पानी निकाल दी थी,,,,,

राजू ने कभी अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठीआया नहीं था,,, जो कि उसके उम्र के लड़के हमेशा ही करते हैं लेकिन वह इस ज्ञान से पूरी तरह से अज्ञान था लेकिन,,, उसकी बुआ ने यह शुभ काम अपने हाथों से की थी लेकिन इस बात का एहसास और भान राजू को बिल्कुल भी नहीं था उसके लिए यह सब ना होने के बराबर था जो कि उसके साथ हो चुका था,,,,,, राजू गहरी नींद में सोता है यह बात तो गुलाबी अच्छी तरह से जानती थीलेकिन इतनी गहरी नींद में सोता है यह उसे रात को ही पता चला था कि उसके साथ कुछ भी कर लो तो उसे पता नहीं चलता,,,,,
गुलाबी को पहली बार इस बात का आभास हुआ कि बरसों के लंड से इतनी तेज पिचकारी निकलती है,,, जिसे देखकर गुलाबी का पूरा वजूद हिल गया था उसकी बुर में जिस तरह की सुरसुराहट अपने भतीजे के लंड से निकलती पिचकारी को देखकर हुई थी उस तरह की सुरसुराहट अपने भैया और भाभी की चुदाई देख कर भी नहीं हुई थी,,,,,,,लंड से निकले लावा को वह अपने हाथों से साफ की थी उसकी गर्माहट उसे अभी तक महसूस हो रही थी,,,,उसकी चिकनाहट को महसूस करके उसे इस बात का आभास हो चुका था कि जब कभी भी वहां अपने भतीजे के पजामे को साफ करती थी तो उसमें कभी-कभी इस तरह की चिकनाहट महसूस होती थी,,,,,,

गुलाबी का मन अब चुदवाने के लिए पूरी तरह से बहकने लगा था,,, उससे बिल्कुल भी रहा नहीं जाता था,,, जिस तरह से वह रात को गरमा गरम दृश्य देखी थी जिसमेंउसकी भाभी गहरी नींद में होने के बावजूद भी उसके भैया उसे चोदने के लिए लालायित नजर आ रहे थे यह देखकर गुलाबी अपने मन में यही सोच रही थी कि उसके भैया एक नंबर के चुडक्कड़ इंसान है,,,, दिन भर एकदम एकदम सीधे साधे इंसान बने रहते हैं और रात होते ही उन्हें सिर्फ भाभी की बुर नजर आती है,,,, गुलाबी अपने मन में ही यह बातें सोच कर एकदम गरम हो रही थी,,,,,,,,

रात वाली बात को सोचकर वह खाना बना रही थी तवे पर रोटी रखी हुई थी जो कि ख्यालों में खोने की वजह से उसकी रोटी जल रही थी जिस पर उसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं था तभी बाहर से पानी की बाल्टी भर कर लाती हुई मधु की नजर से तौर पर पड़ी तो वह जोर से चिल्लाई,,,।


अरे महारानी कहां खोई हुई हो,,,, देख नहीं रही हो रोटी जल रही है,,,,(इतना कहते हुए मधु बाल्टी नीचे जमीन पर रख दी और कमर पर मुट्ठी बांधकर हाथ रखकर खड़ी हो गई इस रुप में मधु एकदम काम देवी लग रही थी,,, जिस तरह से गाना कमर पर मुट्ठी बांध कर खड़ी हुई थी,, उसकी भरावदार उठी हुई गांड और ज्यादा बड़ी लग रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां पपाया की तरह तनी हुई थी,,।अपनी भाभी की बात सुनते ही जैसे वह नींद से जागी हो इस तरह से चोंकते हुए तवे पर देखने लगी तो वाकई में रोटि जलकर काली हो गई थी,,,।)

बाप रे,,,(और ईतना कहने के साथ ही वह जली हुई रोटी उतार कर नीचे रख दी,,)


ध्यान कहां है तुम्हारा,,,,(मधु अपनी साड़ी को कमर में खोंसते हुए बोली,,,)

अरे भाभी आंख लग गई थी,,,,



आंखें ही लगी है ना कहीं किसी से दिल तो नहीं लगा ली,,,


धत्,,, भाभी कैसी बातें करती हो,,,,



चलो अच्छा उठो,, तुम रहने दो तुम दूसरा काम कर लो मैं रोटियां बना देती हुं,,,,


ठीक है भाभी,,,,( इतना कहकर गुलाबी वहां से खड़ी हो गई और मधु उसकी जगह बैठकर रोटियां बनाने लगी और गुलाबी दूसरे काम करने लगी,,,,,,,, हर पल मधु की खूबसूरती में चार चांद लगा रहता था,,, बनाने वाले ने मधु को बड़ी फुर्सत से बनाया था,,,, थोड़ी ही देर में दोनों का काम पूरा हो गया था,,,,।
दोपहर का समय हो रहा था और राजू अपने दोस्तों के साथ तालाब पर खेल रहा था,,,,,, श्याम भी वहां मौजूद था,,, राजू को देखते ही वह उस पर फब्तियां कसने लगता था,,, ऐसे ही वह राजु का मजाक उड़ाते हुए बोला,,,)


क्यों राजू गया कि नहीं कमला चाची के पास,,,, तुझे बहुत याद करती है,,,। (कपड़े के बने गेंद से खेलने के बाद थक कर सभी लोग घने पेड़ के नीचे बैठे हुए थे,,, श्याम की बात सुनकर राजू बोला)


मैं क्यों जाऊं कमला चाची के पास,,,, मुझे भला उनसे क्या काम है,,,,


अरे कमला चाची तू से चुदवाना चाहती है तुझे इतना भी समझ नहीं आता,,,,(श्याम के मुंह से चुदवाना शब्द सुनते ही राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी,,,, वह कुछ बोला नहीं फिर भी शयाम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)

तेरा पसंद आ गया है कमला चाची को,,,,, तेरे लंड को अपनी बुर में लेना चाहती है,,,,लेकिन मुझे तो लगता है तो से कुछ होने वाला नहीं है इसीलिए तो कमला चाची के पास जा नहीं रहा है कसम से मुझे अगर ऐसा मौका मिला होता ना तो तुमने चाची की बड़ी बड़ी गांड को अपने लंड डालकर फाड दिया होता,,,, लेकिन साली को तेरा पसंद आ गया है जिसके पास कुछ है ही नहीं,,,,(श्याम की बातों को सुनकर सभी हंसने लगे राजू को बुरा बहुत लग रहा था लेकिन आज आने की उसकी बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी जिससे धीरे-धीरे उसका लंड खड़ा होना था और पास में ही खड़ा राजू का दोस्त मिलना उसे इशारा करके उस आ रहा था कि वह अपना पजामा उतार कर अपना लंड उसे दिखा दे लेकिन उसे शर्म आ रही थी,,,, श्याम अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)


यार राजू तुझे तो मौका मिल रहा है औरत चोदने का हम लोगों को तो मौका ही नहीं मिलता ,,,, वरना अपने लंड की ताकत कब का दिखा दिए होते,,, और एक तू है पकवान से भरी हुई थाली को ठुकरा दे रहा है,,,,


देख श्याम मुझे यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं है उस दिन की तारा तू आज फिर शुरू हो गया,,,,


शुरू क्यों ना होऊं,,,,आखिरकार तो मेरा दोस्त जो है और दोस्त की इतनी बड़ी बेइज्जती में बर्दाश्त कैसे कर पाऊंगा कल को अगर तेरे पिताजी को पता चला कि उनका बेटा मार दे ही नहीं है तो वह गांव वालों को क्या मुंह दिखाएंगे अपने पोते पोते को कैसे खिला पाएंगे,,, और अब तो मुझे लगने लगा है कि तेरी शादी भी नहीं होगी और अगर हो भी कहीं तो तेरी औरत मेरे पास जरूर आएगी,,,,।


श्याम जबान संभाल कर बात कर,,,,( राजु एकदम से क्रोधित स्वर में बोला,,,,)


बीवी के बारे में बोलते ही कैसा गुस्सा हो गया,,,,,,, लेकिन उस समय क्या करेगा जब सुहागरात को तेरी बीवी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाएगी और इसे बाजार में अपनी दोनों टांगे फैला देगी की मेरा पति अपना खड़ा लंड मेरी बुर में डालकर मेरे साथ सुहागरात मनाएगा,,,,, और सोच जब तेरा खड़ा ही नहीं होगा तब तेरी औरत सुहागरात कैसे मनाएगी तु उसे संतुष्ट कैसे कर पाएगा,,,, और तू शायद नहीं जानता की बुर की प्यास कैसी होती है जब तेरी बीवी को बड़े बड़े लंड की आवश्यकता पड़ेगी तब तेरा ना पाकर वह कहां जाएगी हम जैसे नौजवान लड़कों के पास ही आएगी,,,,,,,,(श्याम को इस तरह की गद्दीपति करने में बहुत मजा आता था और उसका मजा दूसरे लड़के भी उठा रहे थे वह भी जोर जोर से हंस रहे थे,,,, मुन्ना बार-बार उसे उकसा रहा था कि कुछ बोले लेकिन वह कुछ भी बोल नहीं रहा था वह बस गुस्सा किया जा रहा था,,,, गंदे शब्दों में जवाब ना देने का कारण यह भी था कि उसने आज तक इन शब्दों का कभी प्रयोग नहीं किया था और ना ही इस तरह की गंदी बातों ने कभी रुचि दिया था लेकिन वक्त के साथ धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था जो कि इस तरह की बातों को सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना कि नहीं पाती थी और उसके बाद कभी भी इस तरह की बातें करने की मंजूरी नहीं दी क्योंकि बचपन में ही किसी को गाली दे दिया उसकी गाली सुनकर उसकी मां और उसके बाबुजी उसे बहुत मारे थे,,,,तब से लेकर आज तक वह कभी गद्दे शब्दों का प्रयोग नहीं किया था लेकिन श्याम उसे बार-बार उकसा रहा था उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रहा था जो कि यह बात मुन्ना भीअच्छी तरह से जानता था कि राजू वरदान की से भरा हुआ था और उसके जैसी मर्दाना ताकत शायद ही गांव में किसी के पास हो,,,। लेकिन फिर भी मुन्ना हैरान था कि इतना कुछ सुनने के बाद भी राजू अपना दिखाता क्यों नहीं,,, श्याम की बातों को सुनकर राजू गुस्से में बोला,,,)

कोई अगर तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोले तो तुझे कैसा लगेगा,,,,


यहां किसी की हिम्मत ही नहीं है कि मुझे कोई भला बुरा बोलें,,,,,


अगर मैं तेरी मां के बारे में गंदी गंदी बातें बोलु तो,,,,(राजू गुस्से में बोला और उसकी बातें सुनकर श्याम कुछ देर तक शांत रहने के बाद और कुछ सोचने के बाद वह हंसते हुए बोला,,,)


तू बोल कर भी क्या कर पाएगा,,,,, तेरे से कुछ होने वाला भी नहीं है अगर होने वाला होता तो अब तक कमला चाची की बुर में लंड डाल दिया होता,,,,



देख श्याम मैं कहता हूं शांत हो जा अगर मैं बोलना शुरू किया तो सुनकर तु शर्म से मर जाएगा,,,,,,,,



देख रहा हूं जैसा मैं बोलता हूं वैसा तू भी बोलेगा जैसे कि मैं तेरी मां को चोदना चाहता हूं,,,, और अगर मौका मिला तो मैं तेरी खूबसूरत मां को चोद भी लुंगा और मेरी चुदाई से तेरी मां खुश भी हो जाएगी लेकिन सोच तू अगर मेरी मां को चोदना चाहेंगा तो भी नहीं चोद पाएगा,,, पता है क्यों क्योंकि तेरे पास है ही नहीं,,,,, और मेरे पास देख,,,,(इतना कहने के साथ ही श्याम अपना पजामा नीचे करके अपने लंड को पिलाना शुरू कर दिया,,,,,श्याम की बेशर्मी भरी हरकत पर बाकी के लड़के जोर जोर से हंस रहे थे उन्हें मजा आ रहा था लेकिन राजू को गुस्सा आ रहा था,,,, गांव के लड़कों की आवारागर्दी और गंदी बातों को दूर झाड़ियों के पीछे छुप कर सोनी और उसकी सहेलियां देख रही थी,,,, लाला की बहन दोपहर के समय सौच करने आई थी और सोच करने के बाद वह अपनी सहेली के साथ घर जाने को हुई थी कि लड़कों की बातें सुनते ही बाहर खड़ी हो गई थी और झाड़ियों के पीछे सोनी और उसकी सहेलियां छुपकर उन लड़कों की बातें सुन रही थी और उनकी गंदी गंदी बातें सुनकर मुस्कुरा रही थी और उन्हें मजा भी आ रहा था,,,, लेकिन इस समय सोनी और उसकी सहेलियों की नजर श्याम के लंड पर थी जो कि ज्यादा बड़ा तो नहीं था लेकिन पूरी तरह से सख्त हो चुका था,,,जिसे देखकर सोनी और उसकी सहेलियों के तन बदन में भी उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,, सोनी जोकी पति के देहांत के बाद से बेहद प्यासी थी और अपनी प्यास अपने बड़े भाई के लंड से बुझाती आ रही थी लेकिन उसे भी एक जवान लंड की जरूरत थी,,,, इसीलिए तो उसकी नजर श्याम के लंड पर एकदम से चिपक गई थी,,,, जिसे श्याम जोर जोर से हिला रहा था,,,,,)

देखा राजू तेरी मां की प्यास में अपने लंड से बुझा सकता हूं,,, और मुझे बहुत मजा आएगा जब तेरी मां अपनी दोनों टांगें फैलाकर मेरे लंड को अपनी बुर में लेगी,,,, लेकिन तुझ से कुछ नहीं हो पाएगा,,,,,,,

(राजू का गुस्सा बढ़ता जा रहा था आज पहली बार एक लड़के के मुंह से अपनी ही मां के बारे में गंदी बातें सुन रहा था और उसकी गंदी बातें सुनकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ती जा रही थी और लंड का आकार बढ़ता जा रहा था,,,,,, अभी तक राजू एक दूसरे की मां के बारे में गाली गलौज सुनता आ रहा था लेकिन आज शाम के मुंह से उसकी मां के बारे में गंदी बात को सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी और उसका लंड कुछ ज्यादा उछाल मारने लगा था,,,इस बार उससे रहा नहीं गया क्योंकि वह सारी हदों को पार कर चुका था उसकी मां के बारे में बेहद गंदी बातें बोल चुका था इसलिए अब उसके सब्र का बांध टूट चुका था और उसे अपनी मर्दानगी दिखाना बेहद जरूरी हो चुका था ताकि वह हमेशा के लिए उसका मुंह बंद कर सके,,,राजू को अपनी मर्दानगी दिखाना ही नहीं था बल्कि उसकी मां के बारे में गंदी गंदी बातों को बोल कर अपनी सारी भड़ास निकाल लेना चाहता था इसलिए वह बोला,,,)


मादरचोद श्याम,,,, तेरी मां की चुदाई मैं ही अच्छे से करूंगा देखना चाहिए अपना लंड डालूंगा तेरी मां की बुर में पर जोर जोर से चिल्ला उठेगी और मुझे अपना लंड बाहर निकालने के लिए मिन्नतें करेगी फिर भी मैं अपना लगा नहीं निकालुंगा और तेरी मां की बुर में धकाधक पेलता रहूंगा,,,,
(सोनी राजू की बातों को सुनकर पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी लड़कों के मुंह से एक दूसरे की मां के बारे में गंदी से गंदी बातों को सुनकर उसकी बुर कुल बुलाने लगी थी,,,, वह देखना चाहती थी कि वह क्या करता है,,,इसलिए झाड़ियों के पीछे छुप कर अपनी सहेलियों के साथ होना अपने कान खड़े करके उन लोगों की बातों को सुन रही थी लेकिन राजू की बातों को सुनकर श्याम जोर जोर से हंस रहा था उसे ऐसा ही लग रहा था कि वास्तव में राजु के पास मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड है ही नहीं,,,)

तेरी बातों का मुझे बुरा नहीं लग रहा है राजू बल्कि मुझे तो तुझ पर तरस आ रहा है,,,।





तरस तो तुझे अपनी मां पर आएगा,,, जब मैं अपना मोटा और लंबा लंड तेरी मां की बुर में धीरे-धीरे डालूंगा,,, तेरी मां जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देगी,,,, मेरा मोटा लंड पाकर तेरी मां एकदम मस्त हो जाएगी देखना,,,
(श्याम राजू की कही बातों को हल्के में ले रहा था जोर जोर से हंस रहा था लेकिन मुन्ना को पूरा यकीन था क्योंकि इसलिए कह रहा था अगर ऐसा हो सकता तो एक-एक कही हुई बात सच निकलती जोर जोर से हंसते हुए श्याम बोला)


पर डालेगा क्या मेरी मां की बुर में,,, लंड तो तेरे पास है नहीं,,,, बैगन डालेगा,,,,,
(राजू और श्याम की बातों को सुनकर सोनीकी बुर गीली हो रही थी गांव के लड़कों को इस तरह से गंदी बातें करते हुए देखकर उनकी बातों को सुनकर उसके होश उड़ गए थे,,,श्याम का इस तरह से जोर जोर से हंसना उसकी बातों को सुनकर राजू एकदम से तैश में आ गया और बोला,,,)


तेरी मां की बुर में पैदा नहीं डालूंगा डालूंगा तुम्हें इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड ही,,, पर देखना चाहेगा रुक दिखाता हुं तुझे मादरचोद,,,(इतना कहने के साथ ही राजू एकदम से जोश से भर गया था और तुरंत अपने दोनों हाथ सपने पजामे को पकड़ करएक झटके से नीचे कर दिया और जैसे ही पहचाना उसके कुछ बताया वैसे ही होगा उसका लंबा मोटा लंबा लंड लहरा उठा जिस पर नजर पड़ते ही सबके होश उड़ गए श्याम तो देखता ही रह गया यकीन नहीं हो रहा था कि पजामे के अन्दर राजू इतना दमदार लंड छुपाया हुआ था,,,। सोनी की तो आंखें फटी की फटी रह गई सोनी ने अभी तक इस तरह का दमदार मोटा लंबा लंड कभी नहीं देखी थी,,,, पल भर में ही राजू के लंड के दीदार से ही उसकी बुर कुलबुलाने लगी थी,,,, उसकी सहेली अभी आश्चर्य से देखे जा रही थी और राजू एक आंख से अपने लंड को पकड़ कर ऊपर नीचे करके ही जाना शुरू कर दिया था यह पहला मौका था उसके लिए जब वह अपने ही हाथ में लंड पकड़ कर हीला रहा था,,,। श्याम के पास बोलने लायक कुछ नहीं था,,, वह बस आंकड़े राजू के लंड को देखे जा रहा था,,,,)


क्यों क्या हुआ हरामी मादरचोद देख ले यही डालूंगा और तेरी मां की बुर फट जाएगी,,,,

(श्याम क्या बोलता है श्याम के पास बोलने के लिए शब्द नहीं थे उसका खड़ा लंड राजू कितने के सामने नुनु साबित हो रहा था,,,,, बहुत शर्मिंदा हो गया था वह तुरंत अपने पजामे को ऊपर करके वहां से चलता बना,,,, लेकिन सोनी के दोनों टांगों के बीच हलचल मच गई थी,,,, अजीब सी हालत हो गई थी उसकी अपनी सहेली से उस लड़के के बारे में पूछा तो पता चला कि बेल गाड़ी चलाने वाले हरिया का लड़का था उसे तुरंत याद आ गया कि यह उसी हरिया का लड़का है जो उस दिन ब्याज के पैसे देने घर पर आया था और उसे चुदवाते हुए पकड़ लिया था लेकिन वह पहचान नहीं पाया था,,,,,,,क्योंकि उस समय सोने के घने बाल उसके चेहरे को ढके हुए थे और कोई नंगे बदन को देख कर चेहरा पहचान ले ऐसा हो नहीं सकता था और वैसे भी हरिया ने उसे पहले कभी देखा भी नहीं था,,, अपने मन में ठान ली थी कि राजू से मुलाकात करनी ही पड़ेगी,,,।
Bahot bahot shandar update. Raju or gulabi ka kawarapan unhe jyada tadpa raha he. Superb.
 
Well-known member
2,506
7,330
143
गुलाबी को ऐसा ही लगता था कि अंधेरे की वजह से उसका भतीजा राजु,,, कमर के नीचे उसके नंगे पन को नहीं देख पाया है इसलिए थोड़ा इत्मीनान था लेकिन इस बात से सकते में आ गई थी कि वह ऐसे कैसे अपनी सलवार पहनना भुल गई थी,,,,, बार-बार उसके मन में यही ख्याल आ रहा था किरात को अपने गुलजार भाई की गरमा गरम चुदाई देखकर खुद अपनी पूर्व में उंगली डालकर अपनी गर्मी को शांत की थी जहां से खड़ी होकर अपने भैया और भाभी की चुदाई देख रही थी वहीं पर अपनी सलवार उतार कर फेंक दी थी और शायद,,,अपने बदन की गर्मी शांत करके संतुष्टि भरे एहसास के साथ वह खटीया पर पड़ी और गहरी नींद में सो गई और शायद इसीलिए बार-बार पहनना भूल गई थी लेकिन इस बात के लिए वह बार-बारभगवान को धन्यवाद दे रही थी कि अंधेरे की वजह से उसका भतीजा उसका कुछ देख नहीं पाया था,,,,। लेकिन फिर अपने मन में यह सोचने लगे कि अगर उसका भतीजा कमर के नीचे उसके नंगे पन को देख भी लेता तो क्या होता क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी कि रांची दूसरे लड़कों की तरह आवारा नहीं था तो शायद उसकी नजर अगर उसकी नंगी बुर पर भी पड़ जाती तो राजू कुछ नहीं करता,,,,,,,।

यह ख्याल मन में आते ही वह अपने ही मन से सवाल कर रही थी कि ऐसा खयाल उसे क्यों आ रहा है,,,, अच्छा ही तो हुआ राजू ने कुछ देखा नहीं,,,, लेकिन देख लेता तो शायद मर्द होने के नाते एक खूबसूरत नौजवान लड़की की वर देखने की वजह से उसका लंड खड़ा हो जाता तो क्या उसका चोदने का मन नहीं करता,,,, जरूर करता,,,, अगर ऐसा हो जाता तो कितना मजा आता बाहर कहीं भी मुंह मारने की जरूरत ही नहीं पड़ती और राजू उसके वश में रहता पूरी तरह से,,, इस बात की किसी को कानों कान खबर भी नहीं पड़ती और जवान लड़का होने के नाते डाई करने में उसे परम आनंद की अनुभूति होती और यह आनंद वह खोना नहीं चाहता,,,,,


गुलाबी के मन में ऐसे ख्याल आते ही उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी,,, उसे ऐसा महसूस होने लगा था कि जो कुछ भी हो सोच नहीं है वह सच हो जाएगा,,,, और इस बात का भी इसे तसल्ली थी कि उसके भतीजे का लंड उसके भाई हरिया से भी तगड़ा था,,,।जिस की गर्मी को वह अपने हथेली में लेकर महसूस कर चुकी थी और जिस तरह सेउसके लंड में पिचकारी छोड़ी थी उसे देखकर उसकी दोनों टांगों के बीच में हलचल सी मच गई थी,,,,,,, यह सब ख्याल आते ही गुलाबी का मन बहकने लगा था,,, वह कुछ कर गुजरने की सोच रही थी वह अच्छी तरह से चाहती थी कि राजू जवान होता हुआ लड़का है और वह खुद एक जवान खूबसूरत लड़की,,,, और उसका भतीजा जरूर उसकी तरफ आकर्षित होगा,,,,, गुलाबी अपनी जवानी की प्यास बुझाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार थी लेकिन उसे डर भी था कि कहीं उस्ताद आओ उल्टा ना पड़ जाए वरना वह किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाएगी,,,,, यही सब सोचते हुए गुलाबी घर का काम कर रही थी,,,,,,,,


हरिया नहा धोकर बेल गाड़ी ले जाने के लिए तैयार था,,, बस जाते समय रोटी ले जाने का इंतजार कर रहा था,,, उसकी बीवी मधु उसके लिए भोजन तैयार करके उसे एक बर्तन में रखकर कपड़ा बांधकर उसे थमा देती थी जिसे हरिया अपने साथ ले जाता था और दोपहर के समय जब उसे भूख लगती थी तो खा लेता था,,,, अपने बेल को चारा पानी से तैयार करते हैं अपने बेल पर हाथ रख कर उसे सहलाते हुए वह बोला,,,।



अरे सुनती हो भोजन तैयार होगा कि नहीं बहुत देर हो रही है स्टेशन पहुंचना है वरना ट्रेन आ गई तो,,,, मेरे पहुंचने से पहले ही सवारी निकल जाएगी तब कोई फायदा नहीं रहेगा,,,,



थोड़ा रुकिए तैयार हो गया है बस बांध रही हूं,,,,,(रोटी को साफ कपड़े में बांधते हुए)

अरे खुला भी सुन तो जैसे जल्दी से अपने भैया को दे कर आ जा उन्हें बहुत देर हो रही है,,,,(गुलाबी ख्यालों में खोई हुई वहीं पास में कपड़े धो रही थी लेकिन उसे मधु की आवाज सुनाई नहीं दी तो मधु फिर जोर से बोली,,)
अरे सुन रही है या बहरी हो गई है,,,, ना जाने कौन से ख्याल में खोई हुई है,,,,,(मधु कीबातों का असर गुलाबी पर बिल्कुल भी नहीं हो रहा था वह अपनी ही धुन में थी इसलिए मधु को खड़ा होना पड़ा और वह कपड़े धो रही गुलाबी के कंधे को पकड़कर उसे जोर से झगझोरते हुए बोली,,,।)

अरे गुलाबी कौन से ख्यालों में खोई हुई है तुझे कुछ समझ में आ रहा है मैं कब से आवाज लगा रही हूं,,,,।
(मधु के द्वारा इस तरह से झकझोरे जाने पर गुलाबी एकदम से हड़बड़ा कर खड़ी हो गई मानो की किसी ने नींद में से उसे पानी डालकर जगाया हो,,,)


ककककक,,,, क्या हुआ भाभी,,,?(गुलाबी एकदम से हडबडाए हुए स्वर में बोली,,,,)


अरे हुआ कुछ नहीं तू सो गई थी इसलिए तुझे इस तरह से जगाना पड़ा,,,, रात भर जाग रही थी क्या,,,,?


नननन,,,नहीं,,,,नहीं,,,, नहीं तो,,,,, बस थोड़ा सा आंख लग गई थी,,,।(गुलाबी घबराहट के मारे हक लाते हुए बोली,,)

रात भर तेरे भैया मुझे सोने नहीं देते और सुबह तुझे नींद आती है,,,,



भला भैया क्यों तुम्हें सोने नहीं देते,,,,



इतनी ही जानने की उत्सुक है तो जाकर अपने भैया से क्यों नहीं पूछ लेती,,, मुझे सोने क्यों नहीं देते,,,,(रोटी और सब्जी रुमाल में बांदीकुई गुलाबी को थमाते हुए बोली,,,)

जा जाकर अपने भैया को दे कर आ कब से इंतजार कर रहे हैं और पूछ भी लेना कि मुझे रात भर सोने क्यों नहीं देते,,।

(अपनी भाभी की ऐसी बात सुनकर गुलाबी मुस्कुराने लगी क्योंकि अपनी भाभी के कहने का मतलब अच्छी तरह से समझती थी और अपनी आंखों से देख भी चुकी थी भले ही उसके भैया रात भर उसकी भाभी को जगाते हैं लेकिन साथ में उसके भैया की वजह से वो खुद जागती रहती है,,, अब इस बात को वह अपनी भाभी को तो बता नहीं सकती थी,,,,)


भाभी तुम्हारी समस्या है तुम ही पूछो,,,(इतना कहते हो वह खाना लेकर के पास आ गई ,,, उसके भैया बैलगाड़ी पर सवार हो चुके थे,,,,, और गुलाबी को खाना लेकर आते देखकर वह बोले)

ला जल्दी कर गुलाबी बहुत देर हो रही है,,,,


लो भैया समय पर खा लेना,,,,,(इतना कहते हुए गुलाबी कपड़ों में बंधा हुआ खाना अपने भाई हरिया को समाने लगी और हरी अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसे थामने लगा कि तभी उसकी नजर गुलाबी की कुर्ती पर गई जो कि कपड़े धोने की वजह से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और भीगे हुए कुर्ती में से गुलाबी कि दोनों चूचियां एकदम साफ झलक रही थी,,,। और जिस तरह के गंदे कपड़े धोते समय गुलाबी के मन में आ रहे थे उन उत्तेजक ख्यालों की वजह से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ ने लगी थी जिसकी उत्तेजना उसकी दोनों टांगों के बीच की दरार और उसकी चुचीयों में साफ महसूस हो रही थी जिसकी वजह से उसकी चूची की निप्पल तन कर खड़ी हो गई थी,,,, अपनी बहन की झलकती हुई चुची और उसकी कड़ी निप्पल को देखते ही,,, हरिया की धोती में खलबली मचने लगी,,, उसका लंड मुंह उठाकर देखने लगा,,,, हरिया भोजन को थाम ते हुए अपनी आंखों को अपनी बहन की छातियों पर गड़ाए हुए था पहले तो गुलाबी को कुछ समझ में नहीं आया लेकिन जैसे ही अपने बड़े भाई की नजर के सिधान को वह अपनी छातीयो पर महसूस की,,,उस बात को महसूस क्योंकि उसकी कुर्ती पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और गीली कुर्ती में से उसकी चूचियां साफ़ झलक रही थी उसकी निप्पल साफ झलक रही थी ,,, अपने भैया के नजर को भांपते ही वह एकदम शर्म से पानी पानी हो गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,, और वह अपनी भाई की प्यासी नजरों को अच्छी तरह से समझ रही थी,,,,,, क्योंकि वह इसी तरह से अपने भैया को अपनी चुचूयों को देखते हुए देखी थी,,,,,,


पल भर में ही गुलाबी की सांसे भारी हो गई,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,, उसके लिए यह पल बेहद कशमकश भरा हुआ था,,,,उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है लेकिन इतना तो जानती थी कि उसका भाई उसकी चुचियों को देखकर स्तब्ध रह गया है,,,, ऐसा उसके साथ कभी भी नहीं हुआ था कभी भी उसने अपने भाई को इस तरह से गंदी नजरों से देखते नहीं पाई थी,,,, लेकिन आज जो कुछ भी हो रहा था वह कोई स्वप्न या कल्पना नहीं था ,,,, हकीकत था,,,,, अभी भी गुलाबी उसी तरह से रोटी की पोटली को आगे बढ़ाई हुई थी और उसका भाई हरिया उसे था में हुए था वह पूरी तरह से जडवंत मूर्ति बन चुका था,,,,,,,

हरिया के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ उठी थी,,, यापन उसके लिए भी बेहद अतुल्य और लुभावना लग रहा था क्योंकि आज तक उसने इतने नजदीक से कभी भी अपनी बहन के खूबसूरत अंगो को देखा नहीं था,,,, उसकी आंखों के सामने उसकी खूबसूरत बहन गुलाबी के संतरे नजर आ रहे थे हालांकि वह कुर्ती के अंदर थे लेकिन कुर्ती के किले होने की वजह से उसका आकार और उसका हल्का का रंग साफ नजर आ रहा था,,,,,,, हरिया के लिए तो यह मौका मानो कि अनजाने में भी पुस के ढेर में रसीले आम नजर आ जाने के बराबर था,,,,इसलिए तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी और उसकी आंखों में वासना की चमक साफ नजर आ रही थी,,,, हरिया के लिए यह दूसरा मौका था जब अपनी बहन की खूबसूरत अंगों को देख कर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था,,,रात को ही उसने अनजाने में ही अपनी बहन को पेशाब करते हुए देखा था उसकी नंगी में गोल गोल गांड को देखकर जिस तरह से उसका लंड ऊबाल मार रहा था उसे अपनी जवानी का दिन याद आ गया था,,,,,, उस समय हरिया अपने आप को किसी तरह से संभाल ले गया था वरना उसका मन तो कर रहा था कि आगे बढ़े और अपनी बहन की गोरी गोरी गांड को अपने दोनों हाथों से थाम कर उसे जी भर कर प्यार करें,,,,,,,,


इस हालात में गुलाबी के तन बदन में अजीब सी कसमसाहट हो रही थी वह समझ नहीं पा रही थी कैसे हालत में वह क्या करें वह अपने भैया की हालत को अच्छी तरह से समझ रही थी उसका भाई पूरी तरह से उसकी चूचियों की तरफ आकर्षित हो चुका था,,,,,,, गुलाबी को इस बात का डर था कि जिस लालच भरी निगाहों से उसका उसकी चूची को देख रहा था कहीं वहां अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसकी चूचीयो को थाम न ले,,,, इसलिए गुलाबी खुद ही इस आकर्षण के भंवर को तोड़ते हुए बोली,,,।


भैया समय मिले तो जल्दी खाना खा लेना,,,,
(गुलाबी की आवाज सुनते ही जैसे हरिया की तंद्रा भंग हुई होगा इस तरह से हर बढ़ाते हुए अपना हाथ पीछे खींच लिया और बिना कुछ बोले और बिना नजर मिला ही बस हां ठीक है बोलकर बैलगाड़ी को आगे की तरफ हांक दिया,,, गुलाबी कुछ देर तक वहीं खड़े अपने भाई को जाकर भी देखती रही और फिर जब एक नजर अपनी छातियों पर घुमाई तो वो खुद शर्मिंदा हो गई क्योंकि उसकी गोल-गोल चूचियां एकदम साफ झलक रही थी,,,, गुलाबी का दील अभी भी जोरों से धड़क रहा था वह वापस घर में आ गई और इस बार मधु की नजर उसकी छातियों पर पड़ी तो वह जोर जोर से हंसने लगी,,,, अपनी भाभी को इस तरह से हंसता हुआ देखकर गुलाबी बोली)


तुम क्यों हंस रही हो तुम्हें क्या हो गया,,,,


अरे मुझे कुछ नहीं हुआ है लेकिन अपनी हालत तो देख तेरी कुर्ती देख पूरी तरह से गीली हो चुकी है और तेरी चूची दिख रही है,,,
(अपनी भाभी के मुंह से चुची सबसे सुनकर गुलाबी गनगना गई,,,,,,)

अरे यह तो कपड़े धोते समय गीला हो गया,,,,(अपनी कुर्ती को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसे झाड़ते हुए बोली)


तेरे भैया ने तो देख ही लिया होगा तेरी चूची,,,,


नहीं तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ,,,,


अरे पगली तू नहीं जानती तेरे भैया को चूचियां बड़ी अच्छी लगती है,,,,, देख नहीं रही है मेरी चूची को क्या हाल किए है दबा दबा कर,,,,,(मधु अपनी चूचियों की तरफ नजर डालते हुए बोली,,,,)


अरे भाभी भैया को तो बड़ी-बड़ी चूचियां पसंद होगी ना मेरी तो अभी संतरे जैसी है,,,,


अरे बुद्धू मेरी भी पहले संतरे जैसी ही थी तेरे भैया ने दबा दबा कर मेहनत की है तभी तो खरबूजे जैसी हो गई है,,,,(मधु हंसते हुए बोली)


क्या भाभी तुम भी,,,,(इतना कहकर गुलाबी फिर से कपड़े धोने बैठ गई)


लगता है तेरे भैया ठीक से तेरी चुची को देखे नहीं वरना,,,,,(इतना कहकर मधु चुप हो गई,,,)


वरना क्या भाभी,,,,(गुलाबी कपड़े धोते हुए बोली गुलाबी और जानना चाहती थी इसलिए हो सकता हूं बस अपनी भाभी को बोली थी,, ताकि उसकी भाभी उसे आगे की बात बता सके गुलाबी का दिल जोरो से,,, धड़क रहा था,,,, खास करके उसके भैया से जुड़ी बातें ना जाने क्यों अच्छी लग रही थी,,,, गुलाबी की बात सुनकर मधु बोली,,,,)


वरना क्या ,,,अरे तेरे भैया बैलगाड़ी छोड़कर तुरंत तेरी कुर्ती उतार कर फेंक देते और तेरी चुची दबा दबा कर मुंह में भर कर पीना शुरू कर देते,,,,


धत् भाभी कैसी बातें करती हो,,,,(गुलाबी एकदम से शरमा गई और शर्माते हुए बोली,,,,)


अरे सच कह रही हूं तेरे भैया को तु जानती नहीं है,,,, एक बार मौका देकर देख अपना मोटा तगड़ा लंड तेरी बुर में डालकर तेरी चुदाई करने से भी नहीं चूकेंगे,,,,,
(अपनी भाभी की इस तरह की गंदी बातें सुनकर गुलाबी पूरी तरह से उत्तेजना से गनगना गई,,,, उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी बातें उसके भैया को लेकर इतनी गंदी बात बोलेगी लेकिन गुलाबी को इसमें मजा आ रहा था उसकी बुर पनिया रही थी,,, अपनी भाभी की बातें सुनकर गुलाबी भी अपनी भाभी को चिढ़ाने के उद्देश्य से बोली,,,)


भाभी अगर भैया मेरे पीछे पड़ जाएंगे तो तुम्हारा क्या होगा तूमे तो भूल ही जाएंगे,,,,


अरे भगवान का लाख-लाख शुक्र होगा जो तेरे भैया मुझे छोड़ कर तेरे पीछे पड़ जाएंगे तो मेरी जान तो बचेगी नही तो रात भर सोने नहीं देते फिर तु झेलना अपने भैया को,,,,
(इतना कहकर गुलाबी काम करने लगी और गुलाबी अपनी भाभी की बातों को कल्पना का रूप देने लगी,,,,, कि कैसे उसके भैया अपने हाथों से उसकी कुर्ती निकाल कर उसके संतरे जैसी चूची को अपनी हथेली में भर भर कर दबा रहे हैं और उसे मुंह में भरकर पी रहे हैं इसके बाद अपनी गोद में उठाकर खटिया पर लेटाते हुएसलवार की डोरी को अपने हाथों से खोल कर उसकी सलवार उतार कर खटिया से नीचे फेंक दिया और अपने मोटे तगड़े लंड को हिलाते हुए खटिया पर चढ़कर उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाते हुए अपने लंड को उसकी बुर में डाल दिया और जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिए इस कल्पना को करते हुए गुलाबी कपड़े धोना भुल गई और इस कल्पना में इस कदर खोई की उसकी बुर से पानी निकल गया
Kabhi raju to kabhi hariya. Gulabi ki soch me bahot kuchh he. Srory me bahot kuchh hone vala he. Madhu ka bhi vesa koi seen hota to maza aa jata.
 

Top